Sunday, December 6, 2020

स्पेसएक्स का कार्गो ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट आज पहुंचेगा ISS, चार एस्ट्रोनॉट्स तक पहुंचाएगा न्यू ईयर गिफ्ट December 06, 2020 at 09:20PM

अमेरिकी स्पेस कंपनी स्पेसएक्स ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर गए अपने चार एस्ट्रोनॉट को धरती से न्यू ईयर गिफ्ट भेजा है। यह कंपनी के कार्गो ड्रैगन कैप्सूल स्पेसक्राफ्ट से भेजा गया है। आज यह स्पेसक्राफ्ट ISS पहुंच जाएगा और एस्ट्रोनॉट्स को उनका गिफ्ट डिलिवर कर देगा। रविवार देर रात अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के केनेडी स्पेस सेंटर से फाल्कॉन 9 रॉकेट के जरिए इसे लॉन्च किया गया था।

इसका लिफ्ट ऑफ कामयाब रहा। फिलहाल यह तेजी से स्पेस स्टेशन की ओर बढ़ रहा है। सोमवार रात 12 बजे तक वहां पहुंच जाएगा। यह पहला मौका है जब स्पेसएक्स ने किसी स्पेसक्राफ्ट के साथ दो ड्रैगन कैप्सूल भेजे हैं। कंपनी के इस कार्गो स्पेसक्राफ्ट का आकार भी पहले की तुलना में बड़ा है। इसके जरिए कुछ दूसरे जरूरी सामान भी भेजे गए हैं।

13 नवंबर को ISS पहुंचे थे स्पेसएक्स के 4 एस्ट्रोनॉट

स्पेसएक्स के 4 एस्ट्रोनॉट 13 नवंबर को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचे थे। यह मिशन स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के जरिए पूरा किया गया था।क्रू ड्रैगन की यह पहली ऑपरेशनल उड़ान थी। स्पेस स्टेशन जाने वाले अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों में माइकल हॉपकिंस, विक्टर ग्लोवर और शैनन वॉकर शामिल थे।

उनके साथ जापान के सोइची नोगुची भी फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से रवाना हुए थे। ये सभी स्पेस स्टेशन में दो रूसी और एक अमेरिकी एस्ट्रोनॉट के साथ हैं। अगले पांच महीनों तक सभी एस्ट्रोनॉट वहीं रहेंगे।

नासा से सटिफाइड हो चुका है है क्रू ड्रैगन

स्पेसएक्स का क्रू ड्रैगन नासा से नवंबर में ही सर्टिफाइड हो चुका है। यह लगभग 40 साल बाद नासा से सर्टिफाइड होने वाला पहला अंतरिक्ष यान है। इसकी बनावट एक कैप्सूल जैसी है। इसे बार बार इस्तेमाल में लाए जा सकने वाले स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट से लॉन्च किया जा सकता है। स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने 2002 में यह कंपनी बनाई थी।



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अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के केनेडी स्पेस सेंटर से रविवार रात इंटरनेशनल स्पेस सेंटर के लिए लिफ्ट ऑफ होता स्पेसएक्स का अनमैन्ड स्पेसक्राफ्ट।

नवाज की बेटी बोलीं- विपक्षी नेता एक साथ असेम्बली से इस्तीफा दे सकते हैं, इस पर जल्द फैसला लेंगे December 06, 2020 at 08:08PM

पाकिस्तान में सरकार से विपक्ष की नाराजगी बढ़ती जा रही है। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरियम ने कहा है कि विपक्षी नेता एक साथ असेम्बली से इस्तीफा दे सकते हैं। 11 विपक्षी पार्टियों का गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) इसकी योजना बना रहा है। इस बारे में 8 दिसंबर को कुछ अहम फैसला लिया जा सकता है। उन्होंने रविवार को लाहौर में पार्टी के सोशल मीडिया वर्कर्स को संबोधित करते हुए यह बात कही।

मरियम ने पार्टी नेताओं से कहा- अगर हम एक साथ इस्तीफा देने का फैसला लेते हैं, तो आप सभी साथ रहें। किसी भी तरह के दबाव में आने की जरूरत नहीं हैं। आप इमरान सरकार की ओर से दर्ज कराए जाने वाले झूठे मामलों का सामना करने के लिए भी तैयार रहें। वे (इमरान खान) ज्यादा से ज्यादा हमारे नेताओं पर मामले दर्ज करवा सकते है। लोगों को पता चलना चाहिए कि सरकार विपक्ष से कितना डरी हुई है।

विपक्षी पार्टियां सरकार विरोधी रैली निकालने की तैयारी में
पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियां इमरान सरकार के खिलाफ रैली निकालने की तैयारी में जुटी है। यह रैली 13 दिसंबर को लाहौर स्थित मीनार-ए-पाकिस्तान से शुरू हो सकती है। हालांकि, इमरान ने विपक्षी नेताओं से रैली नहीं निकालने की हिदायत दी है। उन्होंने कहा है कि इस रैली में शामिल होने पर केस किया जाएगा।

सरकार कर रही लोगों की अनदेखी: नवाज
नवाज शरीफ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पार्टी कार्यकर्ताओं से बात की। उन्होंने कहा कि इमरान सरकार लोगों की मुश्किलों की अनदेखी कर रही है। इसके बदले वे टेलीविजन और प्रिंट मीडिया के जरिए झूठा प्रचार करने में लगे हैं। मैं उनकी करतूतों को सामने ला रहा हूं, तो क्या मैं भगोड़ा हो गया? सरकार आमने-सामने आकर विपक्ष के सवालों का जवाब नहीं दे सकती। इससे बचने के लिए वह नेताओं पर झूठे मामले दर्ज करवा रही है। उन्हें जेल भेज रही है।



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पाकिस्तान के लाहौर में रविवार को अपनी पार्टी के नेताओं को संबोधित करती पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज। (फाइल फोटो)

रूलिंग पार्टी की बैठक में नहीं पहुंचे ओली, भारत से बिगड़ते रिश्ते के बीच इस्तीफे से बचने की कोशिश December 06, 2020 at 07:01PM

नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। वे भारत से बिगड़ते रिश्ते के बीच इस्तीफे से बचने की कोशिश कर रहे हैं। ओली रविवार को रूलिंग पार्टी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (NCP) की स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में नहीं पहुंचे। इस बैठक में उनके ऊपर लगे आरोपों पर चर्चा होनी थी। हालांकि, उन्होंने चिट्‌ठी भेजकर इस बैठक में शामिल होने और आरोपों पर सफाई देने से इनकार कर दिया। उन्होंने चिट्‌ठी में कोरोना महामारी की वजह से बैठक में नहीं शामिल होने की बात कही।

भारत से तल्खी बढ़ने के बाद से ही पार्टी के के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ओली पर इस्तीफे का दबाव बना रहे हैं। पार्टी के सीनियर नेता राम माधव कुमार नेपाल समेत कई लीडर भी ओली के काम से खुश नहीं है। पार्टी के कुछ नेताओं ने उनसे अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की भी मांग की है।

प्रचंड ने ओली पर लगाए हैं भ्रष्टाचार के आरोप

प्रचंड ने पीएम ओली पर भ्रष्टाचार में शामिल होने और मनमाने ढंग से सरकार चलाने के आरोप लगाए हैं। प्रचंड ने ओली के खिलाफ एक राजनीतिक प्रस्ताव भी पेश किया है। प्रचंड और ओली शनिवार को प्रधानमंत्री आवास में हुई पार्टी की सचिव मंडल की बैठक में शामिल हुए थे। हालांकि, इसके बाद भी कई मुद्दों पर दोनों नेताओं में सहमति नहीं बनी थी। ऐसी उम्मीद थी कि स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में कुछ हल निकलेगा। ओली और प्रचंड के बीच पहले भी कई चरणों में बातचीत हुई, लेकिन वे भी बेनतीजा रहीं थीं।

ओली प्रचंड के आरोपों से कर रहे इनकार

ओली प्रचंड की ओर से अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने प्रचंड की ओर से लाए गए राजनीतिक प्रस्ताव की आलोचना की है। इस प्रस्ताव में ओली के प्रधानमंत्री पद और पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफे की मांग भी शामिल है। ओली ने रविवार को भेजी अपनी चिट्ठी में प्रचंड से राजनीतिक प्रस्ताव बिना किसी शर्त वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि पार्टी में नेतृत्व बदलाव से जुड़े मुद्दे चार महीने बाद होने वाले सत्तारूढ़ दल के महासम्मेलन से पहले सुलझाएं। स्टैंडिंग कमेटी पार्टी को एकजुट करने पर चर्चा करे।



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नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (दाएं) पर उनकी पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष (पुष्प कमल दहल प्रचंड) लगातार इस्तीफे का दबाव बना रहे हैं।- फाइल फोटो

काडिज ने बार्सिलोना को 29 साल बाद शिकस्त दी, 2-1 से हराया; EPL में चेल्सी टॉप पर December 06, 2020 at 05:57PM

स्पेनिश लीग ला लिगा के एक मुकाबले में काडिज ने बार्सिलोना को 2-1 हराया। काडिज इस सीजन में प्रमोट होकर टॉप डिविजन में आई है। उसके लिए अल्वारो जिमिनेज ने 8वें और अल्वारो नेग्रेडो ने 63वें मिनट में गोल किए। 57वें मिनट में काडिज के ही पेड्रो अल्काला ने ओन गोल किया।

बार्सिलोना को 1991 के बाद पहली बार काडिज से हार मिली है। 10 मैचों में 14 पॉइंट के साथ बार्सिलोना टेबल में 7वें नंबर पर है। सीजन में टीम अब तक चार मुकाबले हार चुकी है। वहीं इंग्लिश प्रीमियर लीग में पिछड़ने के बाद चेल्सी ने लीड्स यूनाइटेड को 3-1 से हराया। पैट्रिक बैमफोर्ड ने चौथे मिनट में गोल करके लीड्स को बढ़त दिला दी।

चेल्सी के लिए गिराउड ने 27वें, जाउमा ने 61वें और पुलिसिच ने इंजरी टाइम (90+3) में गोल किए। जीत के साथ ही चेल्सी ईपीएल टेबल में टॉप पर पहुंच गई है। पहली बार चेल्सी के घरेलू मैदान में फैंस को एंट्री मिली। लीग के एक अन्य मुकाबले में मैनचेस्टर यूनाइटेड ने वेस्ट हैम यूनाइटेड को 3-1 से हराया।

अन्य मुकाबलों के नतीजे

  • मैनचेस्ट सिटी ने फुल्हम को 2-0 से हराया
  • युवेंटस ने टोरिनो को 2-1 से हराया
  • बायर्न म्यूनिख और लिपजिग का मैच 3-3 से ड्रॉ
  • रियल मैड्रिड ने सेविला को 1-0 से हराया


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मेसी भी खास प्रदर्शन नहीं कर सके हैं।

ट्रम्प के पर्सनल अटॉर्नी गुलियानी संक्रमित, इटली में मौतों का आंकड़ा 60 हजार के पार December 06, 2020 at 05:26PM

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के पर्सनल अटॉर्नी रूडी गुलियानी संक्रमित मिले हैं। ट्रम्प ने रविवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। 76 साल के गुलयानी न्यूयॉर्क सिटी के पूर्व मेयर हैं। वे ट्रम्प को चुनाव में मिली हार से जुड़े मुकदमे देख रहे थे। अमेरिकी मीडिया के मुताबिक, उन्हें जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है।

इटली में रविवार को 18 हजार 887 नए मामले सामने आए। अब तक यहां 17 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। बीते 24 घंटे में देश में 564 संक्रमितों की मौत हुई है। इसके साथ ही यहां मौतों का आंकड़ा 60 हजार के पार पहुंच गया। इटली मौतों के मामले में फिलहाल दुनिया में छठे नंबर पर है।

दुनिया में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 6.73 करोड़ के पार हो गया। 4 करोड़ 65 लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। अब तक 15 लाख 41 हजार से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं।

अमेरिका में संक्रमण के मामले बढ़े

अमेरिका में मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यहां अस्पतालों में संक्रमितों की तादाद बढ़ रही है। बीते 24 घंटे में 1 लाख 1 हजार 487 मरीज भर्ती हुए। कैलिफोर्निया के गवर्नर ने रविवार रात से स्टे एट होम ऑर्डर यानी घर में रहने के आदेश जारी कर दिए हैं। देश में अब तक 1.5 करोड़ से ज्यादा संक्रमित मिले हैं और 2.88 लाख से ज्यादा मौतें हुई हैं।

अमेरिका ह्यूस्टन के एक अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीज के इलाज में जुटे डॉक्टर और हेल्थवर्कर्स।

फ्रांस में 24 घंटे में 11 हजार संक्रमित मिले

फ्रांस में बीते 24 घंटे में 11 हजार से ज्यादा संक्रमित मिले और 174 मौतें हुई हैं। एक दिन पहले यहां 12 हजार 923 मामले सामने आए थे। यहां संक्रमण के मामले बीते हफ्ते से कम हो रहे हैं। देश में 5 हफ्ते पहले तक हर दिन 50 हजार मामले सामने आ रहे थे। इसे देखते हुए सरकार ने लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया था।

फ्रांस की राजधानी पेरिस के एक अस्पताल में कोरोना संक्रमित व्यक्ति के मेडिकल इक्विपमेंट की जांच करते डॉक्टर।

ब्रिटेन की महारानी को लगाया जाएगा टीका
ब्रिटेन की महारानी क्वीन एलिजाबेथ को अगले कुछ हफ्तों में टीका लगाया जाएगा। उन्हें फाइजर और बायोएनटेक की वैक्सीन लगाने की मंजूरी दे दी गई है। 94 साल की एलिजाबेथ और 99 साल के किंग फिलिप को उनकी उम्र को देखते पहले वैक्सीन लगाने की इजाजत दी गई है। बीते 24 घंटे में देश में 12 हजार 272 मामले सामने आए हैं और 231 मौतें हुई हैं। देश में अब तक 17 लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं और 61 हजार से ज्यादा की जान गई है।

कोरोना प्रभावित टॉप-10 देशों में हालात

देश

संक्रमित मौतें ठीक हुए
अमेरिका 1,51,59,529 2,88,906 88,55,593
भारत 96,76,801 1,40,590 9,138,171
ब्राजील 66,03,540 1,76,962 57,76,182
रूस 24,60,770 43,141 19,37,738
फ्रांस 22,81,475 54,981 1,69,358
यूके 17,23,242 61,245 उपलब्ध नहीं
इटली 17,09,991 59,514 8,96,308
स्पेन 16,99,145 46,252 उपलब्ध नहीं
अर्जेंटीना 14,59,832 39,632 12,88,785
कोलंबिया 13,62,249 37,633 12,49,702

(आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं)



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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के पर्सनल अटॉर्नी गुलियानी संक्रमित मिलने के बाद अस्पताल में भर्ती कराए गए हैं। 76 साल के गुलियानी न्यूयॉर्क के पूर्व मेयर भी हैं।- फाइल फोटो

वैक्सीनेशन पहले बुजुर्गों को लगे या जरूरी सेवा करने वालों को December 06, 2020 at 02:45PM

फाइजर ने ब्रिटेन की तरह अमेरिका में भी कोरोना वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की अनुमति मांगी है। अमेरिका इस पर अभी विचार कर रहा है। इस बीच देश में इस बात को लेकर बहस तेज हो गई है कि टीका लगाने में प्राथमिकता किसे मिले। अमेरिका ने वैक्सीन के लिए अब तक जितने करार किए हैं, उसके हिसाब से अभियान चले तो पूरे देश का टीकाकरण जुलाई-अगस्त तक हो पाएगा।

इसलिए सभी को शुरुआत में टीका लगना संभव नहीं है। इसी के मद्देनजर पहले किसे वाली बहस शुरू हुई है। इसमें बुजुर्गों और गंभीर बीमारी झेल रहे लोगों के पक्ष में तर्क है कि संक्रमित होने पर इनकी मृत्यु की आशंका ज्यादा होती है। वहीं, अतिआवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों (एसेंशियल वर्कर्स) के पक्ष में कहा जा रहा है कि वे सबसे ज्यादा खतरा झेल रहे हैं।

इसलिए उन्हें पहले टीका लगना चाहिए। कोरोना के कारण बढ़ी आर्थिक असमानता पर ध्यान देने की मांग भी हो रही है। गरीब और अश्वेत लोगों पर इस महामारी की मार ज्यादा पड़ी है। लिहाजा उन्हें प्राथमिकता मिलनी चाहिए, यह भी कहा जा रहा है। अमेरिका में गरीब तबके की आवाज उठाने के लिए बने राष्ट्रीय गठबंधन के प्रमुख विलियम जे बार्बर ने कहा, ‘यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि गरीब और कम आय वालों का नंबर आखिर में न आए।’
एसेंशियल वर्कर्स को पहले टीका तो पहले चरण में ही आधी आबादी को लगाना पड़ेगा

अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) के पूर्व कमिश्नर डॉ. स्कॉट गोटिलेब ने कहा, ‘अगर आपका लक्ष्य मानव जीवन की कम से कम क्षति है तो सबसे पहले बुजुर्ग लोगों को टीका लगना चाहिए। लेकिन अगर वायरस के प्रसार पर रोक लगानी है तो पहले एसेंशियल वर्कर्स को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।’
हालांकि, गोटिलेब द्वारा सुझाए गए दूसरे विकल्प को अपनाने पर अमेरिकी प्रशासन के सामने एक नई तरह की समस्या पेश आ सकती है। दरअसल अमेरिका में एसेंशियल वर्कर्स की जो परिभाषा है, उसके मुताबिक 70 फीसदी अमेरिकी कामगार इसी श्रेणी में आते हैं। इनमें किराना दुकान पर बही-खाता संभालने वाले से लेकर परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में काम करने वाले पेशेवर तक सभी कामगार शामिल हैं।

इस हिसाब से अगर एसेंशियल वर्कर्स को टीकाकरण में प्राथमिकता दी जाती है तो अमेरिका को पहले ही चरण में देश की करीब आधी आबादी को टीका लगाना पड़ेगा। व्यावहारिक रूप से यह एक मुश्किल काम है। संभवत: यही कारण है कि देश में एक तबके ने अब यह मांग करना शुरू कर दिया है कि टीकाकरण के लिए एसेंशियल वर्कर्स की नई सूची बनाई जाए। या फिर एसेंशियल वर्कर्स की परिभाषा को बदल दिया जाए। सरकार इस पर विचार कर रही है।

शिक्षक एसेंशियल वर्कर हो या नहीं, चर्चा इस पर भी
बहस का एक मसला यह भी है कि शिक्षकों को एसेंशियल वर्कर माना जाए या नहीं। कोरोनाकाल में स्कूल बंद होने से शिक्षक घर से ऑनलाइन क्लास ले रहे हैं। इसीलिए एक तबके का मानना है कि उन्हें एसेंशियल वर्कर क्यों माना जाए।

करीब 500 ने माना: टीका लगने के बाद भी सावधानी बरतते रहेंगे

अमेरिकी महामारी विशेषज्ञों के एक बड़े तबके का मानना है, ‘अभी हमें कोरोना से बचाव की सावधानियां बरतनी होंगी। देश की 70% आबादी को टीका लगने तक मास्क और सामाजिक दूरी जैसी सावधानियां अपनानी होंगी।’ न्यूयॉर्क टाइम्स ने देश के 700 विशेषज्ञों पर एक अनौपचारिक सर्वे कराया। इसमें से सिर्फ 30% ने कहा कि टीका के बाद ही वे अपनी आदतों में कुछ बदलाव करेंगे।

उनका कहना था कहा कि यदि अत्यधिक असरदार टीके व्यापक रूप से वितरित किए गए तो अमेरिकी आगामी गर्मी में अधिक आजादी से रह पाएंगे। इन्हीं में से एक मिशीगन स्टेट यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर कैली स्ट्रट्ज हैं। उनके मुताबिक, ‘उम्मीद है कि टीके के उत्साहजनक परिणामों से अगले साल हमारी सामान्य जिंदगी पटरी पर लौट आएगी।’
हालांकि सर्वे में शामिल ज्यादातर विशेषज्ञों ने कहा कि टीका के बाद सामान्य गतिविधियों को सुरक्षित रूप से शुरू करने में एक साल से कहीं ज्यादा समय लग सकता है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में महामारी विज्ञान के प्रोफेसर करिन मिशेल्स ने तो यहां तक कहा कि टीके के बावजूद कई लोगों की जिंदगी में शायद कोरोना के पहले जैसी बहार न लौटे।



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बहस का एक मसला यह भी है कि शिक्षकों को एसेंशियल वर्कर माना जाए या नहीं। कोरोनाकाल में स्कूल बंद होने से शिक्षक घर से ऑनलाइन क्लास ले रहे हैं।

जहां माइनस 67.8 डिग्री ठंड होती थी, वहां अब 38 डिग्री तक गर्मी December 06, 2020 at 02:45PM

साइबेरिया का वर्कहोयांस्क गांव। इस साल की गर्मियां शुरू होने से पहले तक दुनियाभर में इस गांव की ख्याति इस बात के लिए थी कि यह आर्कटिक सर्कल के उत्तर में मानव आबादी वाला सबसे ठंडा क्षेत्र है। यहां -67.8 डिग्री सेल्सियस तक तापमान गिर जाता है।

हालांकि, गत जून में इस गांव ने उल्टा रिकॉर्ड बना दिया। तब यहां पारा 38 डिग्री सेल्सियस तक चढ़ गया और गांव आर्कटिक सर्कल के उत्तर का सबसे गर्म इलाका बन गया। यानी यहां के न्यूनतम और अधिकतम तापमान के बीच करीब 100 डिग्री सेल्सियस का अंतर पाया गया।

प्रदूषण, बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ जाएगा
मेडिकल जर्नल लैंसेट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक गर्म होती दुनिया में बाढ़, प्रदूषण, बीमारियों के फैलाव जैसे कई खतरे काफी बढ़ जाते हैं। लेकिन, हीट वेव (लू) सबसे खतरनाक साबित हो रही है। विशेषकर बुजुर्गों के लिए। रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया का कोई भी हिस्सा हो हीट वेव से अधिक उम्र के लोगों और पहले से गंभीर बीमारी झेल रहे मरीजों की मृत्यु की आशंका बढ़ जाती है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल (2019 में) दुनिया भर के 65 साल के लोगों ने 1986 से 2005 की तुलना में संयुक्त रूप से हीट वेव वाले 290 करोड़ दिन ज्यादा झेले हैं। इसने 2016 के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। भारत और चीन हीट वेव से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले देश हैं। इसके पीछे दो वजहें हैं। पहली यह कि इन दोनों देशों की आबादी काफी ज्यादा है। दूसरी वजह यह है कि इन इलाकों में पहले से गर्मी ज्यादा पड़ती है।
दुनियाभर में गर्मी के कारण होने वाली मौत साल 2000 की तुलना में 2018 में 54 फीसदी ज्यादा हुई है। 2018 में हीट वेव के कारण 65 साल से ऊपर के 2.96 लाख लोगों की मौत हुई। चीन में 62 हजार और भारत में 31 हजार मौतें हुई हैं। अन्य सभी देशों से ज्यादा। गर्म होती दुनिया में और भी खतरे हैं।

पिछले साल 30,200 करोड़ कामकाजी घंटे हीट वेव के कारण बर्बाद हो गए। इस सदी की शुरुआत की तुलना में यह 10,300 घंटे ज्यादा हैं। बड़े कृषि उद्योग के कारण भारत की उत्पादकता सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है। देश की काफी कम कृषि जमीनें सिंचित हैं।

पर्यावरण में बदलाव भी कोरोनावायरस महामारी की तरह खतरनाक
शोधकर्ताओं का कहना है कि क्लाइमेट भी कोरोना महामारी की तरह गंभीर चुनौती पेश कर रहा है। हालांकि, इसकी तीव्रता कोरोना की तुलना में कम है। जैसे-जैसे मौसम में एक्सट्रीम उतार-चढ़ाव वाले दिनों की संख्या बढ़ेगी देशों को पहचान करनी होगी कि इसकी सबसे ज्यादा मार आबादी के किस समूह पर पड़ सकती है। इससे निबटने के लिए देशों को हेल्थकेयर पर ज्यादा निवेश करने की जरूरत होगी।



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2018 में हीट वेव के कारण 65 साल से ऊपर के 2.96 लाख लोगों की मौत हुई।

Iran prepares to raise oil exports if sanctions eased: Report December 06, 2020 at 02:10PM

चुंबक वाले खास मास्क, वाद्य यंत्र से संक्रमण न फैले इसलिए विशेष प्लास्टिक, पाइप से सुरक्षित दूरी December 06, 2020 at 01:13PM

कोराना संक्रमण फैलने के बाद से ही अमेरिका के स्टूडेंट म्यूजिक ग्रुप्स पर इसका बेहद नकारात्मक असर पड़ा। स्कूलों में म्यूजिक सीख रहे बच्चों की क्लास बंद हो गई। छात्रों को प्रैक्टिस के लिए घर पर महंग-महंगे वाद्य यंत्र नहीं मिल पाए। जिन विश्वविद्यालयों में म्यूजिक की पढ़ाई चली भी वहां इसे ऑनलाइन सिखाया गया जिसका कोई खास फायदा नहीं मिल पाया।

लेकिन अब छात्रों और विभिन्न स्टूडेंट बैंड्स ने दोबारा प्रैक्टिस शुरू कर दी है। यहां पर विभिन्न तरह के रिसर्च के बाद कई हल निकाले गए हैं। जैसे- यहां ट्रम्पट, वुड्विंड जैसे मुंह से बजाने वाले वाद्य यंत्रों के बाहरी हिस्से को नायलॉन के कपड़े से ढंककर बजाया जा रहा है।

इन्हें कचरा रखने वाली पतली प्लास्टिक से भी ढंका जा रहा है। यही नहीं इन्हें बजाने वाले भी चुंबक लगे विशेष मास्क पहन रहे हैं, जिसमें आगे की तरफ चीरा है और वो यंत्र हटाते ही स्वयं बंद हो जाता है। ये समूह जब प्रैक्टिस करते हैं तो 6 फीट के ‘हूला हूप्स’ में बैठकर करते हैं, जिन्हें पानी के पाइप से बनाया गया है।



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ये समूह जब प्रैक्टिस करते हैं तो 6 फीट के ‘हूला हूप्स’ में बैठकर करते हैं, जिन्हें पानी के पाइप से बनाया गया है।

China dismisses ‘Wolf Warrior diplomacy' charge as akin to ‘China threat' theory December 06, 2020 at 04:35AM

NATO must devote more time, action to counter security challenges posed by China: Report December 06, 2020 at 02:23AM

North Atlantic Treaty Organisation (NATO) must devote more time, political resources, and action to counter the security challenges posed by China, said NATO in its report 'NATO 2030 - United for a New Era report' while recommending a special unit within the Joint Intelligence and Security Division (JISD) to monitor Russia-China cooperation impacting Euro-Atlantic security.

महिलाओं के हक में आवाज उठाने वालीं मोलवर्दी को ढाई साल की सजा, जासूसी में दोषी करार December 06, 2020 at 02:24AM

ईरान की पूर्व वाइस प्रेसिडेंट शाहीनदोख्त मोलवर्दी को ढाई साल जेल की सजा सुनाई गई है। उन्हें दूसरे देशों को खुफिया जानकारी देने के मामले में शनिवार को दोषी करार दिया गया। कोर्ट ने उनके देश की इस्लामिक सरकार के खिलाफ चलाए गए प्रोपेगैंडा में शामिल होने की बात भी मानी। लोकल मीडिया ने शनिवार को यह जानकारी दी।

हालांकि, मोलवर्दी ने इन आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने कहा- मुझे आज ही सजा की कॉपी मिली है। मैं अगले 20 दिन में इस आदेश के खिलाफ अपील करूंगी।

चार साल तक वाइस प्रेसिडेंट रहीं

मोलवर्दी ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी के कार्यकाल में 2013 से 2017 तक देश की वाइस प्रेसिडेंट रहीं थीं। उन्हें एक साल के लिए नागरिक मामलों पर रूहानी का विशेष सहयोगी भी बनाया गया था।

55 साल की मोलवर्दी पेशे से वकील हैं। वे देश में महिलाओं के हक के लिए आवाज उठाती रही हैं। इसी वजह से वे अक्सर विवादों में भी रहीं।



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शाहीनदोख्त मोलवर्दी 2013 से 2017 तक ईरान की वाइस प्रेसिडेंट रही थीं। - फाइल फोटो

UK prepares for ‘historic moment' of vaccination against Covid-19 December 06, 2020 at 12:53AM

The first 50 National Health Service (NHS) hospitals are gearing up for what the UK government has described as the “biggest immunisation programme in history” as the first doses of the Pfizer/BioNTech vaccine against Covid-19 arrived at “secure locations” in the country from neighbouring Belgium this weekend.

UK minister says Brexit trade talks are in the final few days December 06, 2020 at 12:16AM

मुस्लिम लड़के ने लड़की के घर भेजा शादी का प्रस्ताव, परिवार ने मना किया तो गोली मार दी December 06, 2020 at 12:01AM

पाकिस्तान के रावलपिंडी में रविवार को एक मुस्लिम लड़के ने ईसाई लड़की की गोली मारकर हत्या कर दी। मृत लड़की का नाम सोनिया था। शहजाद नामक लड़के ने लड़की के घर शादी का प्रस्ताव भेजा था। लड़की के माता-पिता ने इसे मानने से मना कर दिया। इससे नाराज होकर उसने वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने इसकी जानकारी दी।

इस मामले में रावलपिंडी के कोराल पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के मुताबिक, लड़की रविवार को फैजान के साथ हाइवे पर जा रही थी। इस बीच, शहजाद ने उसपर गोलियां चला दी। मौके पर ही उसकी मौत हो गई। पुलिस ने एक आरोपी फैजान को गिरफ्तार कर लिया है। मुख्य आरोपी शहजाद को पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है।

पुलिस ने आपसी रंजिश का मामला बताया

पुलिस के मुताबिक, प्राथमिक जांच में यह आपसी रंजिश का मामला लग रहा है। हालांकि, पुलिस के डीआईजी ने मामले के सभी पहलुओं की जांच की बात कही है। पाकिस्तान में पिछले महीने एक ईसाई लड़की आरजू राजा को अगवा करने, धर्म बदलवाने और जबरन एक 44 साल के मुस्लिम व्यक्ति से शादी कराने का मामला सामने आया था।

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों से होता है भेदभाव

पाकिस्तान ने कई मौकों पर अल्पसंख्यक समुदायों की रक्षा का भरोसा दिलाया है। लेकिन, इनके साथ भेदभाव होता रहा है। हिंसा, हत्या, अपहरण, रेप और जबरन धर्म परिवर्तन जैसी घटनाएं होती हैं। हिंदू, ईसाई, सिख, अहमदिया, और शियाओं को बहुत मुश्किलें झेलनी पड़ती हैं। पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) ने हाल ही में कहा था कि अल्पसंख्यक समुदायों पर भयानक हिंसा हुई है।



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इस साल फरवरी में पेशावर में चर्च पर हुए हमले के खिलाफ ईसाई समुदाय ने मार्च निकाला था। (फाइल)

Defiant Trump says US election was 'rigged' December 05, 2020 at 10:22PM

A defiant Donald Trump is showing no signs of surrender and has reiterated yet again his unsubstantiated allegations of widespread voter fraud, claiming at his first post-poll rally in Georgia that he won a "rigged" US presidential election that he lost.