Monday, June 22, 2020

सऊदी अरब में रहने वाले ही हज यात्रा कर सकेंगे, कोरोना के चलते सीमित जायरीनों को ही अनुमति June 22, 2020 at 07:35PM

कोरोनावायरस महामारी के बीच सऊदी अरब में इस साल हज यात्रा होगी, लेकिन नियम में बदलाव किया गया है।इस बार केवल सऊदी में रहने वाले लोग हीयात्रा कर सकेंगे। विदेशियोंको इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी। मीडिया रिपोर्ट्सके मुताबिक, इस बार सीमित संख्या में ही लोगों को हज करने की अनुमति दी जाएगी।पिछले साल करीब 25 लाख लोगों ने हज यात्रा की थी।

सऊदी अधिकारियों ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के चलते यह फैसला किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, अनुमान लगाया जा रहा था किइस साल 20 लाख से ज्यादा लोग हज के लिए मक्का और मदीना आएंगे। हालांकि, महामारी को देखते हुए कहा जा रहा था कि इस साल हज पूरी तरह रद्द किया जा सकता है।

मुस्लिम समुदाय में हज यात्रा को बहुत अहम माना जाता है। हज मामलों के मंत्री मोहम्मद सालेह बंतेन ने अप्रैल में ही कहा था कि हज यात्री टिकट बुकिंग को लेकर जल्दबाजी न करें। फरवरी में उमरा(हज जैसा ही एक आयोजन) को भी बंद कर दिया गया था।

लोगों की सुरक्षा का ध्यान रखा जाएगा

सऊदी के हजमंत्रालय ने कहा कि यह फैसला बढ़ती महामारी औरहोने वाली भीड़ को देखते हुए किया गया है, ताकिमहामारी को फैलने से रोका जा सके। जो लोग यात्रा करेंगे, उनकी पूरी सुरक्षा का ध्यान रखा जाएगा। सोशल डिस्टेंसिंग और साफ-सफाई को लेकर भी निर्देश जारी किए गए हैं।

सऊदी में 1.61 लाख मामले

सऊदी अरब में अब तक संक्रमण के 1.61 लाख मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 1.05 लाख से ज्यादा ठीक हो चुके हैं।वहीं, 1307 लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले हफ्ते ही यहां लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील दी गई है।



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पिछले साल 25 लाख से ज्यादा लोग हज यात्रा पर मक्का और मदीना पहुंचे थे। (फाइल फोटो)

गलवान झड़प के बाद पहली बार जयशंकर और वांग यी आमने-सामने होंगे, लेकिन सीमा विवाद पर चर्चा नहीं होगी June 22, 2020 at 07:26PM

रूस,भारत और चीन (आरआईसी) के विदेश मंत्री आज दोपहर 1.30 बजे वर्चुअल बैठक करेंगे। गलवान झड़प के बाद यह पहला मौका है जब भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी आमने सामने बात करेंगे। बैठक जर्मनी के नाजियों पर रूस की जीत के 75 साल पूरे होने पर की जाएगी। इसकी अध्यक्षता रूस के विदेश मंत्री सर्गी लैवरॉव करेंगे।

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, इस बैठक में महामारी की मौजूदा स्थिति पर चर्चा होगी। इसके साथ ही तीनों विदेश मंत्री सुरक्षा, आर्थिक स्थिरता और सुरक्षा से जुड़ी दुनिया कीमौजूदा चुनौतियों पर चर्चा की जाएगी। इसमें भारत-चीन सीमा विवाद पर बात नहीं होगी।

17 जून को जयशंकर और वांग यी ने फोन पर बात की थी
15 जून को लद्दाख में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। इसके दो दिन बाद 17 जून को जयशंकर और वांग यी ने फोन पर बात की थी। दोनों विदेश मंत्रियों ने सीमा विवाद पर चर्चा की थी। चीन और भारत के बीच विवाद को देखते हुए आरआईसी बैठक होगी या नहीं इसको लेकर संदेह था। हालांकि, रूस और भारत के विदेश मंत्रालय ने सोमवार शाम बैठक तय समय से होने की पुष्टि की। जयशंकर ने कहा कि वे इसमें हिस्सा लेंगे।

2017 में तीनों देशों के विदेश मंत्री की आखिरी बैठक हुई थी
भारत, रूस और चीन के विदेश मंत्रियों की आखिरी बैठक फरवरी 2017 में चीन के वुझेन शहर में हुई थी। उस समय भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इसमें शामिल हुईं थीं। यह बैठक भारत की ओर से पाकिस्तान के बालाकोट में किए गए एयरस्ट्राइक कुछ घंटो बाद हुई थी। इसमें सुषमा स्वराज ने चीन और रूस के विदेश मंत्री को भारत की ओर से पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर लिए गए एक्शन के बारे में बताया था।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तीन दिन के दौरे पर मॉस्को पहुंचे

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार देर रात रूस के तीन दिन केदौरे पर मास्को पहुंचे। राजनाथ रूस के रक्षा मंत्री के साथ बैठक करेंगे। इस दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा साझेदारी बढ़ाने पर बात होगी। वे रूस से अगले कुछ महीनों में भारत पहुंचने वाले हथियारों के बारे में भी चर्चा करेंगे। वे 24 जून को रूस के 75 वें विक्ट्री डे परेड में हिस्सा लेंगे। इस परेड में चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगे भी मौजूद रहेंगे।



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भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की महामारी पर चीन और रूस के विदेश मंत्री के साथ आज वर्चुअल मिटिंग होगी। इससे पहले ऐसी आखिरी बैठक फरवरी 2017 में हुई थी। (फाइल फोटो)

US passes 120,000 virus deaths: Johns Hopkins June 22, 2020 at 06:35PM

The world's largest economy is the hardest-hit country by the pandemic, with more than 2.31 million official cases -- out of which about 640,000 people have fully recovered, according to the Johns Hopkins University tally. President Donald Trump said Monday that the virus death toll in the US could surpass 150,000.

Justin Trudeau slams 'political' detentions, after China spy charges June 22, 2020 at 06:39PM

Controversial dog meat festival kicks off in China June 22, 2020 at 05:57PM

The 10-day annual festival in the southwestern city of Yulin usually attracts thousands of visitors, many of whom buy dogs for the pot that are on display in cramped cages, New York Post reported. But campaigners said numbers this year had dwindled, with hopes that this year's event could be the last.

Saudi Arabia to hold 'very limited' hajj over pandemic June 22, 2020 at 06:10PM

The decision marks the first time in Saudi Arabia's modern history that Muslims outside the kingdom have been barred from performing the hajj, which last year drew 2.5 million pilgrims. The move to scale back the five-day event, scheduled for the end of July, is fraught with political and economic peril and comes after several Muslim nations pulled out of the ritual that forms one of the main pillars of Islam.

South Korean activist floats leaflets to North amid high tensions June 22, 2020 at 05:40PM

The move is certain to intensify already high tensions between the Koreas. North Korea recently abruptly raised its fiery rhetoric against South Korean civilian leafleting, destroyed a Seoul-built liaison office on its territory and pushed to resume its psychological warfare against the South.

26/11 Mumbai terror attack accused Rana not a flight risk, his attorney tells US court June 22, 2020 at 05:40PM

Pakistani-origin Canadian businessman Tahawwur Rana, who was rearrested in Los Angeles on an extradition request by India for his involvement in the 2008 Mumbai terror attack, is not a flight risk, his attorney has told a US court and proposed a $1.5 million bond for his release. Rana was recently released from jail on compassionate ground after testing positive for Covid-19.

Russia stares down WWII controversies 75 years on June 22, 2020 at 05:53PM

Russia celebrates its victory in World War II every year on May 9 with a massive military parade on Red Square in front of the president and other world leaders.

China successfully launches last satellite for its BeiDou Navigation Satellite System June 22, 2020 at 05:48PM

China on Tuesday successfully launched the last satellite of its BeiDou Navigation Satellite System (BDS), touted to be a competitor to the Global Positioning System (GPS) of the US, taking another step to becoming a major space power. The satellite was launched on Tuesday morning from the Xichang Satellite Launch Centre in southwest China's Sichuan Province.

ट्रम्प ने विदेशियों को साल के अंत तक ग्रीन कार्ड जारी करने पर रोक लगाई; गूगल के सीईओ पिचाई बोले- हम प्रवासियों के साथ June 22, 2020 at 05:29PM

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प नेएच-1बी वीजा समेत विदेशियों को जारी होने वाले कई रोजगार वीजा को निलंबित रखने का समय बढ़ा दिया। व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को बताया कि 31 दिसंबर तक विदेशियों को ग्रीन कार्ड जारी नहीं होगा। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा प्रवासियों ने अमेरिकी को आर्थिक तौर पर मजबूत बनाने में मदद की और देश कोतकनीकके क्षेत्र में अव्वल बनाया।

उन्होंने कहा कि प्रवासीकर्मचारियोंकी वजह से ही गूगल आज इस मुकाम पर है। मैंसरकार के इमिग्रेशन से जुड़े फैसलों से निराश हूं। हम प्रवासियों के साथ खड़े रहेंगे और उन्हें हर तरह के मौके उपलब्ध करवाने के लिए काम करते रहेंगे।

एच-1बी वीजा का दुरुपयोग रोकने का निर्देश

ट्रम्प ने एच-1 बी वीजा का दुरुपयोग रोकने का भी निर्देश दिया है। अगर कोई वीजा से जुड़े नियमों का पालन नहीं करतातो अमेरिका का लेबर डिपार्टमेंट उसके खिलाफ कार्रवाई करेगा। हालांकि फूड इंडस्ट्री, मेडिकल और कुछ अन्य क्षेत्रों के लिए वीजा जारी करने को मंजूरी दी जासकती है। इस साल अप्रैल में एच-1 बी वीजा जारी करने की प्रक्रिया 60 दिन के लिए निलंबित की थी।

बेरोजगारी बढ़ने का कारण किया गया फैसला
अमेरिका में महामारी के कारण बेरोजगारी दर अचानक बढ़ गई है। इसका असर कम करने और अमेरिकी नागरिकों की नौकरियां बचाने के लिए यह फैसला किया गया है। फिलहाल यह प्रतिबंध अस्थाई है। इस पर आगे कोई फैसला अमेरिका वीजा प्रणाली में सुधार करने के बाद लिया जाएगा। दूसरे देशों से ट्रांसफर किए जाने वाले कर्मचारियों को जारी होने वाले एल-1 वीजा पर भी रोक लगाई गई है।

नएनियमों का 5 लाख नौकरियोंपर असर होगा

ट्रम्प प्रशासन मंगलवार को एच-1 बी वीजा के साथ ही एच-4, एच-2बी, जे और एल वीजा जारी करने पर भी प्रतिबंध लगा सकते हैं। ट्रम्प ने कहा कि ऐसे वीजा के लिए लॉटरीसिस्टम को तुरंत बंद किया जाए। अमेरिकी सरकार ने कहा कि वीजा से जुड़ी नई पाबंदियों से इस साल के अंत तक 5 लाख 25 हजार नौकरियों पर असर होगा। अमेरिका में संक्रमण फैलने सेअब तक 30 लाखसे ज्यादा लोगों की नौकरियां गई हैं।

भारत पर असर पड़ेगा
एच-2बी वीजा को छोड़कर अन्य सभी वीजा के सस्पेंड होने का असर भारतीयों पर पड़ेगा। एच-2बी वीजा खासतौर पर मैक्सिको के प्रवासियोंके काम आता है। अमेरिका में हर साल 10 लाख कर्मचारी दूसरे देशों से आते हैं। अमेरिकी सांसदों ने कहा कि बेरोजगारी की दर इतनी ज्यादा है कि इन कर्मचारियों को वीजा देने का कोई कारण नहीं है।



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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को कई तरह के एम्प्लॉयमेंट वीजा जारी करने पर रोेक लगा दी। इससे भारत के प्रवासी कर्मचारियों पर भी असर पड़ेगा। -फाइल फोटो

US tightens rules on four more Chinese state 'propaganda' outlets June 22, 2020 at 05:06PM

The United States on Monday tightened rules on four more Chinese state media organizations, denouncing them as propaganda outlets, renewing a feud with Beijing. ​​The State Department said it was reclassifying four outlets - China Central Television, the China News Service, the People's Daily and the Global Times - as foreign missions rather than media outlets in the United States, adding to five others designated in February.

Online disruption of Trump rally highlights K-pop's political hustle June 22, 2020 at 04:41PM

Prior to Donald Trump's weekend rally in Tulsa, Oklahoma -- hyped as a major relaunch ahead of the November election -- Trump's campaign chairman tweeted that more than a million tickets had been requested. But just 6,200 people attended. Viral posts by K-pop fans and TikTok users revealed that plans to reserve tickets and not attending en masse had been circulating for days.

द. अफ्रीका में संक्रमण के मामले 1 लाख के पार, यहां 53 हजार से ज्यादा लोग ठीक हुए; दुनिया में अब तक 91.86 लाख संक्रमित June 22, 2020 at 04:51PM

दुनिया में कोरोनावायरस से अब तक 91 लाख 86 हजार 151 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 49 लाख 21 हजार 899 लोग स्वस्थ हुए हैं। वहीं, 4 लाख 74 हजार 260 लोगों की मौत हो चुकी है। अफ्रीका महाद्वीप में सबसे ज्यादा संक्रमण के मामले दक्षिण अफ्रीका में हो गए हैं। यहां 1.01 लाख केस की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 1991 लोगों की मौत हो चुकी है।

देश

कितने संक्रमित कितनी मौतें कितने ठीक हुए
अमेरिका 23,88,153 1,22,610 10,02,929
ब्राजील 11,11,348 51,407 5,79,226
रूस 5,92,280 8,206 3,44,416
भारत 4,40,450 14,015 2,48,137
ब्रिटेन 3,05,289 42,647 उपलब्ध नहीं
स्पेन 2,93,584 28,324 उपलब्ध नहीं
पेरू 2,57,447 8,223 1,45,320
चिली 246,963 4,502 2,05,397
इटली 2,38,720 34,657 1,83,426
ईरान 2,07,525 9,742 1,66,427

10 देश जहां कोरोना का असर सबसे ज्यादा

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चीन: 22 नए मरीज
चीन में कोरोनावायरस के 22 नए मामले दर्ज किए गए हैं। नेशनल हेल्थ कमीशन ने मंगलवार को बताया कि संक्रमित मिले मरीजों में 13 मामले घरेलू संक्रमण के हैं। नौ विदेशी लोगों से जुड़े हैं। आयोग के अनुसार सभी घरेलू संक्रमण के मामले बीजिंग में दर्ज किए गए हैं। सोमवार को देश में एक भी मरीज की मौत नहीं हुई है।

तुर्की: मास्क नहीं पहनने पर जुर्माना
तुर्की में पब्लिक प्लेस पर मास्क नहीं पहनने पर 900 लीरा (9985 रु.) तक का जुर्माना लगेगा। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने सोमवार को बताया कि नए मामलों में इजाफा के बाद यह नियम लाया गया है। तुर्की के स्वास्थ्य मंत्री फरहान कोजा ने सोमवार को बताया कि देश में 24 घंटे में 1212 मामले सामने आए हैं। वहीं. 24 से ज्यादा मौतें हुई हैं। यहां संक्रमितों की संख्या 1.88 लाख से ज्यादा है।

तुर्की में बीच को दोबारा खोल दिया गया है। यहां संक्रमण के मामलों में थोड़ा इजाफा देखा जा रहा है। इसके बाद सरकार ने मास्क न पहनने पर जुर्माने लगा दिया है।

मिस्र: संक्रमितों की संख्या 56,809
मिस्र में 24 घंटे में कोरोना के 1576 नए मामले दर्ज किए गए हैं। संक्रमितों की संख्या बढ़कर 56,809 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता खालेद मेगाहेद ने बताया कि देश में 24 घंटे में 85 और लोगों की मौत हो गई है। यहां मरने वालों की संख्या की 2278 हो गई है। वहीं, 397 मरीज पूरी तरह से ठीक हुए हैं। अब देश में कोरोना से ठीक होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 15,133 हो गई है।



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दक्षिण अफ्रीका के शहर स्वेटो में बस का इंतजार करते लोग। देश में सरकार ने ट्रांसपोर्टेशन सर्विस को फिर से शुरू कर दिया है।

Coronavirus: Saudi Arabia bars international pilgrims for haj June 22, 2020 at 04:13PM

The announcement means this will be the first year in modern times that Muslims from around the world have not been allowed to make the annual pilgrimage to Mecca, which all Muslims aim to perform at least once in a lifetime.

Trump holds China responsible for coronavirus deaths: White House June 22, 2020 at 04:08PM

"The president never regrets putting the onus back on China — pointing out that China is responsible for this and, in the process, standing up for US troops who are being blamed by China in a campaign of misinformation," White House press secretary Kayleigh McEnany told reporters at a news conference on Monday.

वैज्ञानिकों ने तीन साल में 19% समुद्र की सतह को मापा, बचा हिस्सा इतना बड़ा कि उसमें दो मंगल ग्रह आसानी से समा सकते हैं June 22, 2020 at 02:50PM

भविष्य में जलवायु में कैसा परिवर्तन आएगा, इसका अनुमान लगाने के लिए वैज्ञानिक समुद्र का अध्ययन कर रहे है। 2017 में निप्पॉन फाउंडेशन ने जेबको सीबेड 2030 प्रोजेक्ट की शुरुआत की। इसके तहत दुनियाभर के समुद्र की गहराई को मापने का लक्ष्य तयकिया गया।

अब तीन साल बाद वैज्ञानिकों ने दुनिया के 19% समुद्र को मापने का काम पूरा कर लिया है। लेकिन, उनके हिस्से में जो काम बचा है वह क्षेत्र इतना बड़ा है कि इसमें दो मंगल ग्रह आसानी से समा सकते हैं। पृथ्वी का व्यास 12,750 किमी है जबकि मंगल का 6,790 किमी। वैज्ञानिकों ने पिछले तीन साल में समुद्र की सतह का पांचवां हिस्सा यानी 1.45 करोड़ वर्ग किमी मापने का काम पूरा कर लिया है।

गहराई मापने के लिए स्पेसक्राफ्ट अल्टीमीटर उपकरण इस्तेमाल करते

सीबेड प्रोजेक्ट के डायरेक्टर जेमी मैकमाइकल फिलिप्स का कहना है कि समुद्र की अथाह गहराई को मापने के लिए हम एक विशेष प्रकार का स्पेसक्राफ्ट अल्टीमीटर उपकरण इस्तेमाल करते हैं। इस तकनीक का इस्मेमाल हम पानी के अंदर केबल लाइन बिछाने के लिए, समुद्र में नेवीगेशन और मत्स्य प्रबंधन या फिर मछुआरों की जान बचाने के लिए करते हैं। समुद्र तल के नीचे दुनिया की सबसे बड़ी विविधता मौजूद है, जो जमीन से बहुत बड़ी है।

समुद्री सतह के अध्ययन के साथ हम समुद्री पानी के बहाव और पृथ्वी के तापमान को नियंत्रित करने वाले महासागरों का जलवायु परिवर्तन पर होने वाले प्रभाव की रिसर्च कर रहे हैं। हम यह पता कर रहे हैं कि भविष्य में कहां समुद्री पानी बढ़ेगा ताकि हम इसकी सतह की सही तरीके से मैपिंग कर सकें।

ब्रिटिश-अमेरिकी कंपनी ओशन इंफिनिटी ने समुद्री सतह को मापने के लिए एक रोबोटिक जहाज बनाया है, जो समुद्री किनारे से लेकर दूरस्थ स्थानों को नापने का काम भी करेगा। इससे समुद्र में केबल बिछाने वाली कंपनियों को आसानी होगी। जेबको एक इंटर गवर्नमेंटल संस्थान है, जो दुनिया में मिलजुल कर समुद्र की गहराई मापने का काम कर रही है।

अल्ट्रासोनिक तरंगें पैदा कर मापी जाती है समुद्री सतह की गहराई
वैज्ञानिक समुद्र की गहराई का पता लगाने के लिए अल्ट्रासोनिक तरंगों को समुद्र के अंदर भेजते हैं, जो सतह से टकराकर परावर्तित हो जाती है। इन तरंगों को प्राप्त करके उनके जाने और वापस आने में लगे समय को आधा करके उसे समुद्र के पानी में ध्वनि के वेग के मान से गुणा करके समुद्र की गहराई मापी जाती है।



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वैज्ञानिक यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि भविष्य में कहां समुद्री पानी बढ़ेगा ताकि इसकी सतह की सही तरीके से मैपिंग की जा सके।

दुनिया में सबसे ज्यादा संक्रमित अमेरिका में मास्क का विरोध, जान से मारने की धमकी मिलने के बाद स्वास्थ्य अधिकारी नौकरी छोड़ रहे हैं June 22, 2020 at 02:44PM

कोरोना महामारी से दुनियाभर के 90 लाख संक्रमितों में से सबसे ज्यादा 23 लाख अमेरिका में है। फिर भी यहां कोरोना रोकथाम के उपायों के खिलाफ लाखों लोग उठ खड़े हुए हैं। वे न सिर्फ मास्क का विरोध कर रहे हैं, बल्कि सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को भी नहीं मान रहे। अनिवार्य रूप से मास्क पहनने का आदेश जारी करने वाले स्वास्थ्य अधिकारियों को धमकी भी मिल रही हैं।

दक्षिण कैलिफोर्निया के ऑरेंज काउंटी मेंस्वास्थ्य अधिकारी डॉ. निकोल क्विक ने 10 जून को इसलिए इस्तीफा दे दिया क्योंकि उन्हें जान से मारने की धमकियां मिलीं। डॉ क्विक की गलती ये थी कि उन्होंने सार्वजनिक स्थानों पर लोगों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया था। कुछ घंटों बाद ही इसका विरोध शुरू हो गया। कुछ नाराज स्थानीय लोगों ने पोस्टर्स बनाए जिसमें उनकी तुलना हिटलर से की गई।

ये फोटोओकलाहोमा के टुल्सा की है। यहां ट्रम्प की रैली में शामिल होने आए लोग बिना मास्क के थे। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं किया।

धमकियां मिलने के बादडॉ. निकोल को सुरक्षा दी गई

ऑरेंज काउंटी के एक्जीक्यूटिव ऑफिसर फ्रैंक किम ने बताया कि सार्वजनिक मीटिंग और सोशल मीडिया पर लगातार मिल रही धमकियों के कारण उन्हें (डॉ क्विक को) सुरक्षा दी गई है। जनता में ये आक्रोश चौंकाने वाला है, क्योंकि इस क्षेत्र में 1.17 लाख लोग कोरोना महामारी के कारण मारे जा चुके हैं। जबकि 21 लाख पॉजिटिव पाए गए हैं। कैलिफोर्निया के ही सैंटा एना इलाके में मास्क समर्थकों के साथ धक्का-मुक्की की गई और नारे लगे- ‘हे हे हो हो मास्क को जाना होगा’।

पुलिस भी लगातार चेतावनी जारी कर रही

कैलिफोर्निया के स्वास्थ्य अधिकारियों के संगठन मेंएक्जीक्यूटिव डायरेक्टर कैट डेबुर्क ने भास्कर को बताया कि आम जनता में वैक्सीन को लेकर नाराजगी तो थी लेकिन इस कदर बढ़ जाएगी कि अधिकारियों को पुलिस सुरक्षा में घूमना पड़ेगा, ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया।

सैन डिएगो में अधिकारियों को चेतावनी जारी करनी पड़ी क्योंकि कई जगहों पर लोग भीड़ में बिना मास्क पहने पार्टी कर रहे थे। न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी जैसे राज्यों को छोड़ दें, तो बाकी सभी राज्यों में लोग न तो मास्क पहन रहे हैं, न ही जरूरी दूरी बनाकर रह रहे हैं। वहीं दक्षिण-पश्चिम मध्य राज्यों में बार और रेस्त्रां सुरक्षा नियम मानने को तैयार नहीं हैं। यही स्थिति शॉपिंग मॉल, थियेटर और समुद्र तटों पर भी है।

लोगों का मानना: ट्रम्प जिम्मेदार, जो खुद मास्क नहीं पहनते
लोगों का मानना है कि मास्क न पहनने की लापरवाही के पीछे अमेरिका के गैरजिम्मेदार नेतृत्व का हाथ है। ट्रम्प कई बार महामारी का मजाक उड़ा चुके हैं, वो खुद भी मास्क पहने नहीं दिखे। अब वे संक्रमित इलाकों में रैलियां कर रहे हैं। एक दिन पहले ओकलाहोमा के टुल्सा में रैली हुई, जहांं हफ्तेभर में कोरोना संक्रमितों और भर्ती मरीजों, दोनों की संख्या दोगुनी हो गई है।

रैली में 60 हजार लोग थे, ज्यादातर बिना मास्क के थे। रैली में ट्रम्प ने देश में कोरोना टेस्ट घटाने की बात कही, उन्होंने कहा कि इस संबंध में अधिकारियों को कहा गया है। ट्रम्प के इस बयान पर विशेषज्ञों ने आपत्ति जताई है। विशेषज्ञों का कहना है कि देश में संक्रमित वास्तव में बढ़ रहे हैं, राष्ट्रपति को इसकी चिंता होनी चाहिए।



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ट्रम्प कई बार महामारी का मजाक उड़ा चुके हैं, वो खुद भी मास्क पहने नहीं दिखे। अब वे संक्रमित इलाकों में रैलियां कर रहे हैं।

Steepest 1-day spike of 1.8L cases globally rings alarm June 22, 2020 at 02:41PM

पुलिस से लेकर पॉलिटिक्स तक हर क्षेत्र में अश्वेतों को लगता है कि उनके साथ दोहरा व्यवहार हो रहा, 58% अश्वेत मानते हैं कि सरकार रेसिस्ट है June 22, 2020 at 02:25PM

अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस द्वारा हत्या के बाद पूरे देश में प्रदर्शनों का दौर जारी है। वहीं, इस बीचअमेरिकी समाचार चैनल सीएनएन ने अश्वेतोंको लेकर एक सर्वे किया। इसमें 1535 ब्रिटिश नागरिकों को शामिल किया गया,जिनकी उम्र 18 साल से अधिक है। 12 से 14 जून तक हुए इस सर्वे में लगभग 500 अश्वेत लोगों ने भी हिस्सा लिया। सर्वे में अलग-अलग पैरामीटर्स पर श्वेत, अश्वेत और अन्य अल्पसंख्यकोंकी राय ली गई।

पुलिस के बर्ताव को लेकर राय-

  • पुलिस को लेकर भी श्वेत और अश्वेत दोनों की अलग-अलग राय है। इस सर्वे के मुताबिक, करीब 49 फीसदी अश्वेत मानते हैं कि पुलिस उनके साथ ठीक व्यवहार नहीं करती है। जबकि ऐसा मानने वाले श्वेतों की संख्या 26% है। इसके साथ ही हर दस में से 6 लोगयानी करीब 59 फीसदी अश्वेत मानते हैं कि पुलिस उनके परिवार के लोगों के साथ सही व्यवहार नहीं करती है।
  • वहीं, 10में से तीन श्वेत ही ऐसेहैं, जिन्हें लगता है कि पुलिस उनके परिजनके साथ अच्छे से पेश नहीं आती है।इस सर्वे की मानेंगेतो 54%अश्वेतों को लगता है कि पुलिस इंस्टीट्यूशनली रेसिस्ट है। जबकि श्वेत वर्ग में ऐसा मानने वाले लोगों की संख्या 27% है।
ब्लैक लाइव्स मैटर को लेकर ब्रिटेन में अक्सर प्रदर्शन देखने को मिलते हैं। बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जिन्हें लगता है कि अश्वेतों के साथ सही व्यवहार नहीं होता है।

उपनिवेशवाद को बढ़ावा देने वाले को लेकर राय

  • पोल के मुताबिक, 66 फीसदी अश्वेतों को ऐसे लोगों की मूर्तियों से दिक्कत है, जिन्होंने दास व्यापार या उपनिवेशवाद को बढ़ावा दिया था। वहीं, ऐसा मानने वाले श्वेतों की संख्या इनसे आधे से भी कम लगभग 30% है। इसके साथ ही हर 10 में से 6 यानी 60% अश्वेत इन मूर्तियों को हटवाने के पक्ष में हैं। वहीं, ऐसा मानने वाले श्वतों की संख्या 10 में से तीन यानी करीब 28 फीसदी है।

मीडिया में कम स्पेस पाने का मलाल-

  • मीडिया में भागीदारी को लेकर करीब 67 फीसदी अश्वेत मानते हैं कि उन्हें बहुत कम स्पेस दिया जा रहा है। वहीं, ऐसा मानने वाले श्वेतों का आंकड़ा करीब 27% है। करीब 44 फीसदी श्वेत ऐसा मानते हैं कि मीडिया में अश्वेतों को ठीक-ठाक जगह मिलती है,जबकि इनसे सहमत होने वालों अश्वेतों की संख्या करीब 17% है।
  • करीब 50 फीसदी श्वेत मानते हैं कि अश्वतों के साथ मीडिया न तो बहुुत अच्छा व्यवहार करती है न तो बहुत बुरा व्यवहार करती है। वहीं, इनसे सहमत होने वाले अश्वेतों की संख्या 21 फीसदी है। लगभग 48 फीसदी अश्वेतों का मानना है कि श्वेत वर्ग के सेलिब्रिटी की तुलना में उनके साथ बुरा व्यवहार होता है।
64 फीसदी अश्वेतों का कहना है कि ब्रिटेन ने नस्लीय हिंसा को कम करने के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठाया है।

प्रोफेशनल लाइफ में अश्वेतों को कम अवसर

  • अगर प्रोफेशनल लाइफ में सफलता की बात करें तो करीब 69 %अश्वेतों का मानना है कि उनके रंग की वजह से उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया जाता है,उन्हें श्वेतों की तुलना में कम अवसर मिलता है। वहीं, इनसे सहमत होने वाले श्वेतों की संख्या 29%है।

सरकार को लेकर राय

  • ब्रिटेन की मौजूदा बोरिससरकार (कंजर्वेटिव पार्टी) को लेकर भी लोगों ने अपनी राय रखी। 58 फीसदी अश्वेत ऐसा मानते हैं कि सरकार इंस्टीट्यूशनली रेसिस्ट है, जबकि 39फीसदीश्वेत इनसे सहमत हैं। वहीं अगर विपक्ष की लेबर पार्टी को लेकर इनका मत देखें तो करीब 31 फीसदी अश्वेत मानते हैं कि यह इंस्टीट्यूशनली रेसिस्ट है, जबकि इनसे सहमत होने वाले श्वेतों की संख्या 34 फीसदी है।
  • करीब 64 फीसदी अश्वेतों का मानना है कि यूनाइटे़ड किंगडम (यूके) ने ऐतिहासिक नस्लीय अन्याय को काफी कम एड्रेस किया है,जबकि 35 फीसदी श्वेत इनसे सहमत हैं। वहीं, करीब 27% अश्वेतों को लगता है कि यूके ने नस्लीय अन्याय को कम करने के लिए बहुत कुछ किया है। इनसे सहमत होने वाले श्वेत वर्ग के लोगों की संख्या 54 फीसदी है।


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अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद से विरोध प्रदर्शन जारी है। अब ब्रिटेन में भी इस मुद्दे पर बहस शुरू हो गई है।

Terror threat from 'lone actors' growing, Priti Patel tells UK Parliament June 22, 2020 at 06:45AM

Corona pandemic can jeopardise supply of AIDS drugs in developing countries: UN June 22, 2020 at 05:11AM

Netherlands records no virus deaths, first time since March June 22, 2020 at 04:56AM

Officially the Netherlands has reported 49,658 cases of infection, with 69 people testing positive over the last 24 hours. In all 6,090 people have died. No new deaths were reported overnight from the coronavirus pandemic in Netherlands for the first time.

Coronavirus claims lives of 65 healthcare workers across Pakistan June 22, 2020 at 04:01AM

लॉकडाउन के चलते पाकिस्तान में फंसे 748 भारतीयों की 25 जून से वापसी, वाघा बॉर्डर के जरिए भारत आएंगे June 22, 2020 at 01:37AM

कोरोनोवायरस के चलते पाकिस्तान और अन्य पड़ोसी देशों ने अपनी सीमाएं बंद कर दी थी। साथ ही लॉकडाउनलगा दिया गया था। इसके चलते कई देशों में भारतीय नागरिक फंसे हैं। अब पाकिस्तान में फंसे 748 भारतीय नागरिक गुरुवार से अपने देश लौटेंगे।सरकार ने उनके स्वदेश लौटने की सारी प्रक्रियाओं को अंतिम रूप दे दिया है।

सरकार के सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान से कई फेज में भारतीय नागरिकवाघा बॉर्डर के जरिए भारत आएंगे। 25 जून से इसकी शुरुआत की जाएगी। यह प्रक्रिया तीन फेज में पूरी कर ली जाएगी। पाकिस्तान में मौजूद भारतीय दूतावास वहां फंसे नागरिकों के संपर्क में है।गृह मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, भारतीय नागरिकों को वाघा बॉर्डर से तीन चरणों मेंलाया जाएगा।नागरिकों की एक सूची संबंधित विभागों और पंजाब रेंजर्स को भेज दी गई है।

वाघा बॉर्डर 25 से 27 जून तक खोला जाएगा

गुरुवार कोपहले फेज में 250, शुक्रवार को दूसरे फेज में 250 और शनिवार को तीसरे फेज में 248 भारतीय अपने देश लौटेंगे। आदेश के अनुसार, वाघा बॉर्डर 25 से 27 जून तक खोला जाएगा।पाकिस्तान सरकार ने भारतीय नागरिकों के लौटने को लेकर वाघा बॉर्डर पर अपने इमिग्रेशन अधिकारियों को सूचित कर दिया है। वहां से लौटनेवाले नागरिकों को 14 दिनों तक क्वारैंटाइन किया जाएगा।

भारत से भी 250 नागरिक पाकिस्तान जा चुके हैं

हालांकि, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के नागरिकों को उन्हीं के राज्य में क्वारैंटाइन किया जाएगा। पाकिस्तान ने भी भारत में फंसे अपने नागरिकों की वापसी को लेकर यहां अधिकारियों सेकहा है। भारत से लगभग 250 पाकिस्तानी नागरिक अब तक वापस आ चुके हैं, जबकि बाकि नागरिकों की वापसी को लेकर अभी कोई जानकारी नहीं दी गई है।



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पाकिस्तान में फंसे नागरिकों को वाघा बॉर्डर के जरिए लाया जाएगा। (फाइल फोटो)

भारत के पीएम ने चीन पर आरोप लगाने का आधार ही खत्म किया, राष्ट्रवादियों की संतुष्टि के लिए शब्दों से खेल रहे: ग्लोबल टाइम्स June 22, 2020 at 01:32AM

लद्दाख की गलवान वैली में हुई हिंसक झड़प के बाद चीन का सरकारी मीडिया भारत को ही दोषी बनाने पर आमादाहै। इस बार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा- प्रधानमंत्री के रूप में मोदी के बयान ने चीन पर आरोप लगाने का नैतिक आधार ही खत्म कर दिया। यह बयान तनाव कम करने में बहुत मददगार होगा।

मोदी ने सर्वदलीय बैठक में बयान दिया था कि न तो कोई हमारी सीमा में घुसा और न ही किसी ने हमारी पोस्ट पर कब्जा किया। इसके साथ ही ग्लोबल टाइम्स ने 40 चीनी सैनिकों के मारे जानेके बारे में कहा कि मोदी सरकार अपनी जनता को संतुष्ट के लिए ऐसा बोल रही है। चीन भी नहीं चाहता कि यह संघर्ष और बढ़े, इस वजह से चीन अपनी तरफ से हताहत हुए सैनिकों की संख्या नहीं बता रहा है। चीन के मरने वाले सैनिकों की संख्या 20 से कम है। अगर हम संख्या बताएंगेतो भारत फिर से दबाव में आ जाएगा।


ग्लोबल टाइम्स के 8 प्वॉइंट

  • भारत के अंदर राष्ट्रवाद की भावना तेजी से बढ़ी है और चीन के खिलाफ तेजी से विरोध बढ़ा है। भारत को घर में उठ रहे राष्ट्रवाद को शांत करना चाहिए।
  • भारतसरकार की ओर से सेना को किसी भी तरह की कार्रवाई की छूट मिलने पर कहा कि मोदी अपने देश के राष्ट्रवादियों और कट्टरपंथियों को संतुष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं।
  • मोदी अपने देश की जनता को खुश करने के लिए शब्दों के साथ खेल रहे हैं। वास्तव में वह अपनी सेना को एक और संघर्ष की इजाजत नहीं दे सकते। चीन कीक्षमता भारत से न केवल सैन्य मामलों में बेहतर है, बल्कि अंतरराष्ट्रीयस्तर पर भी चीन का प्रभाव ज्यादा है।
  • ऐसे मौके पर भारत में राष्ट्रवाद भड़कना आम बात है। हमें चिंता करने की जरूरत नहीं है। पाकिस्तान और दूसरे पड़ोसियों का मामला होता तो दबाव में भारत कुछ कदम उठाता, लेकिन जब चीन की बात आती है तो सब बदल जाता है।
  • ग्लोबल टाइम्स ने भारतीय अर्थशास्त्री स्वामिनाथन अय्यर का बयान भी छापा कि चीन सैन्य और आर्थिक क्षेत्र में भारत से पांच गुना ज्यादा है। उसने लिखा- अगर फिर से संघर्ष होता है तो भारत को 1962 की तुलना में पांच गुना ज्यादा अपमानित होना पड़ेगा।
  • भारत के अंदर से कई तर्कसंगत आवाजें भी आई है,जो मोदी को चीन के मोर्चे पर पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की गलतियों को नहीं दोहराने के लिए कह रही हैं।
  • भारत के सुरक्षाबल दूसरे देशों से खरीदे गए हथियारों का इस्तेमाल करते हैं। इस वजह से वे एक-दूसरे के साथ कॉर्डिनेट नहीं कर पाते। उनके सैनिक अनुशासन हीन हैं। वे अपनी ही पनडुब्बी और हेलिकॉप्टरउड़ा देते हैं।
  • संघर्ष हुआ तो चीन अपने क्षेत्र को आसानी से बचा लेगा और जीतने के बाद भी भारतीय इलाके पर दावा नहीं करेगा, लेकिन यह लड़ाई भारत को बहुत प्रभावित करेगी। भारत की वैश्विक स्थितिऔर अर्थव्यवस्थादशकों पीछे चली जाएगी।


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यह फोटो 5 सितंबर 2017 की है। चीन के फूजियान प्रांत में ब्रिक्स समिट में भारत के प्रधानमंत्री मोदी पहुंचे थे। यहां चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ उभरते हुए बाजार पर बातचीत हुई थी। -फाइल फोटो

France to step up monitoring of Covid-19 in Sarcelles near Paris June 22, 2020 at 12:48AM

रूस के राष्ट्रपति ने कहा- संवैधानिक बदलाव हुए तो वे एक और कार्यकाल के लिए विचार कर सकते हैं June 21, 2020 at 10:02PM

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को कहा कि अगर वोटर्स संवैधानिक बदलाव को मंजूरी देते हैं, तो वे एक और कार्यकाल के लिए विचार कर सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, संवैधानिक बदलाव को लेकर 25 जून से 1 जुलाई तक देशभर में वोटिंग होगी। 2024 में पुतिन का कार्यकाल खत्म हो रहा है। अगर संविधान में संसोधन हो जाता है तो राष्ट्रपति के रूप में पुतिन दो बार और यानी छह साल के कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति बनसकते हैं।

संवैधानिक तख्तापलट का आरोप
हालांकि, रूस की विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया है कि नए संशोधन इसलिए किया जा रहा है ताकि पुतिन 2036 तक सत्ता में रह सकें। रिपोर्टों के अनुसार विपक्ष ने इसे ‘संवैधानिक तख्तापलट’ कहा है। दूसरी ओर, रूसी सरकार ने दावा किया कि संसद की भूमिका को मजबूत करने और सोशल पॉलिसी और पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन को बढ़ाने की जरूरत है। अगर संवैधानिक बदलाव को संसद और संवैधानिक कोर्ट की मंजूरी मिल जाती है तो राष्ट्रपति के रूप में पुतिन के कार्यकाल की संख्या जीरो हो जाएगी। इस तरह वे फिर से राष्ट्रपति बन सकेंगे।

पुतिन पहली बार 2000 में राष्ट्रपति बने थे

मेदवेदेव के राष्ट्रपति रहने के दौरान राष्ट्रपति का कार्यकाल 6 साल कर दिया गया था। पुतिन पहली बार 7 मई 2000 को राष्ट्रपति बने थे। उनका पिछला कार्यकाल 2008 में पूरा हुआ था। इसके बाद मेदवेदेव राष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे और पुतिन प्रधानमंत्री बने थे। हालांकि, सरकार की असल कमान पुतिन के हाथों में थी। 2012 में एक बार फिर से पुतिन राष्ट्रपति बने और मेदवेदेव प्रधानमंत्री चुने गए। राष्ट्रपति के रूप में 7 मई 2020 को उन्हें 20 साल हो गए। इस दौरान देश में कई बदलाव देखने को मिले। इसके साथ ही राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने खुद को बेहद मजबूत बनाया।

15 साल तक जासूस के रूप में काम किया

रूस की खुफिया एजेंसी केजीबी के जासूस के रूप में उन्होंने विदेश में 15 साल तक काम किया। जब रूस के पूर्व राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन ने 1999 में अचानक इस्तीफा दिया, तब पुतिन देश के प्रधानमंत्री थे। उस समय लंबित चुनावों के बीच उन्हें कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में नामित किया गया।

जब राष्ट्रपति के छवि को झटका लगा था

26 मार्च 2000 को पुतिन ने अपना पहला राष्ट्रपति चुनाव मामूली अंतर से जीता। लेकिन बैरेंट्स सी में रूसी पनडुब्बी कुर्स्क के डूबने के कारण कुछ महीनों के भीतर ही उनकी छवि को झटका लगा। पनडुब्बी पर सवार 118 सदस्यों की मौत हो गई थी। रूसी राष्ट्रपति ने इस घटना पर चार दिन बाद टिप्पणी की थी। साथ ही बचाव कार्यों में देरी से इनकार किया था।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का कार्यकाल 2024 में खत्म हो रहा है। देश के मौजूदा कानून के मुताबिक, इसके बाद वे चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। रूस की संसद के निचले सदन ‘ड्यूमा’ में पुतिन का टर्म बढ़ाने को लेकर प्रस्ताव लाया गया था। संसद में यह प्रस्ताव सांसद वेलेंटीना तेरेशकोवा ने लाया था। वे 1963 में अंतरिक्ष में जाने वाली पहली महिला हैं। वे पुतिन की समर्थक मानी जाती हैं।



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राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक और कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति बन सकते हैं।

किम जोंग की 33 साल की बहन यो दुनिया की पहली महिला तानाशाह बन सकती हैं, द. कोरिया की सीमा पर बने ऑफिस को इन्होंने ही उड़वाया June 21, 2020 at 09:27PM

किम यो-जोंग दुनिया की पहली महिला तानाशाह बनने की राह पर हैं। वह उत्तर कोरियाई शासक किम जोंग-उन की छोटी बहन हैं। वह अपने भाई-बहनों में अकेली हैं,जिन्हें किम जोंग-उन काकरीबी और ताकतवर सहयोगी माना जाता है। किम यो जोंग पहली बार 2018 में चर्चा में आईं, जब उन्होंने दक्षिण कोरिया का दौरा किया। यहां वो शीतकालीन ओलंपिक में अपनी टीम के साथ आई नजर आईथीं। इस दौरे के बाद किम यो जोंग ने दक्षिण कोरिया को लेकर काफी आक्रामक तेवर दिखाए थे।

1987 में जन्मीं किम यो-जोंग अपने भाई किम जोंग-उन से उम्र में चार साल छोटी हैं।

आक्रमक तेवर के लिए जानी जाती हैं-

  • दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जे-इन को लेकर किम यो जोंग तीखे बयान दे चुकी हैं। कुछ दिन पहले उन्होंनेदक्षिण कोरिया सीमापर सेना भेजने की धमकी दी थी। उत्तर कोरियाऔर दक्षिण कोरिया की सीमा पर बने साझा दफ्तर को ध्वस्त करवादिया है। दोनों देशों के बीच कम्युनिकेशनल चैनल भी काट दियाहै।
  • किम यो-जोंग, किम जोंग-इल की सबसे छोटी बेटी हैं। 1987 में जन्मीं किम यो-जोंग अपने भाई किम जोंग-उन से उम्र में चार साल छोटी हैं। हालांकि इनके जन्म को लेकर भी अलग-अलग राय है। अमेरिका कहता है कि उनका जन्म 1989 में हुआ था। दक्षिणकोरिया 1988 बताता है कि जोंगके पिता काशेफ रहे व्यक्तिअनुसार किम यो-जोंग का जन्म 1987 में हुआ था।

भाई की उतराधिकारीबन सकती हैं यो-

2018 में किम यो जोंग अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से मिली थीं।
  • किम यो जोंग कुछ समय से अपने भाई उन के साथ अक्सर देखी जाती हैं। वो उनके राजनीतिक रणनीति में भी भूमिका निभा रही हैं। लोगों का ऐसा मानना है कि वह उत्तर कोरिया कीअगला शासक बन सकती हैं। इसके पीछे यह तर्क दिया जा रहा है कि दोनों भाई-बहनकिम यो-जोंग और किम जोंग-उन ने बर्न (स्विट्जरलैंड) में साथ रहकर पढ़ाई की है। दोनों भाई-बहन के बीचकाफी अच्छी बॉन्डिंग है। जोंग उन अपनी बहन पर सबसे अधिक भरोसा करते हैं।
  • बीते दो साल से किम जोंग अपनी बहन किम यो को तमाम अंतरराष्ट्रीय बैठकों मेंअपने साथ लेकर जा चुके हैं। 2018 में वो राष्ट्रपति ट्रंप से मिलने के लिए गए थे तो भी बहन उनके साथ मीटिंग में खड़ी थीं।
  • ऐसा कहा जाता है कि उनके पिता ने 2002 में कहा था कि किम यो-जोंग राजनीति में रुचि रखतीं हैं और सरकार में अपना करियर बनाना चाहतीं हैं। आने वाले अगले कुछ सालों में क्या होगा? इसके बारे में तो अभी कुछ ज्यादा नहीं कहा जा सकता है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि किम जोंग-इल की मौत के बाद उन्होंने अपने भाई की सत्ता बढ़ाने में काफी मदद की थी।

किम जोंग के अचानक गायब हो जाने के बाद चर्चा में आईं

इस साल अप्रैल में किम जोंग-उन अचानक ही कुछ हफ्तोंके लिए सार्वजनिक जीवन से दूर हो गए थे। इसके बाद उनकी बहन के उत्तराधिकारी बनने की बातें शुरू हो गईं। इससे पहले 2014 में भी जब किम जोंग-उन अचानक सार्वजनिक जीवन से गायब हो गए थे,तब भीइस तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं।

किम भाई-बहन यो जोंग की इमेज महिला होने के बावजूद एक मजबूत नेता के रुप में बनाने की कोशिश में लगे हैं।

2010 में पहली बार सार्वजनिक तौर पर दिखी थीं

किम यो जोंग को पहली बार 2010 में सार्वजनिक तौर पर देखा गया था। उसके अगले साल यानी 2011 में उन्हें अपने पिता के अंतिम संस्कार में देखा गया था। तीन साल पहले अमेरिका ने मानवाधिकार हनन के आरोप में उनपर बैन लगा दिया। ऐसा कहा जाता है कि किम जोंग उन ने उसके सौतेले भाई किम जोंग नाम को खत्म करने का आदेश दिया था।

किम जोंग उन के तीनों बच्चे काफी कम उम्र के हैं

उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन के तीन बच्चे हैं। तीनों की उम्र काफी कम है। सबसे बड़ा बेटा दस साल का है। इसलिए यह माना जा रहा है कि किम यो जोंग को जिम्मेदारी दी जा सकती है। किम भाई-बहन यो जोंग की इमेज महिला होने के बावजूद एक मजबूत नेता के रूप में बनाने की कोशिश में लगे हैं।

विशेषज्ञों की मानें तो एक चीज तो साफ है कि एक नईकिम तैयार हो रही हैं। वह देखने में संकोची हो सकती हैं, लेकिन दुनिया के सबसे क्रूर तानाशाही शासन को बनाए रखने के लिए अपने भाई की तरह ही समर्पित हैं।



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उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन बहन किम यो-जोंग को लेकर कई अंतरराष्ट्रीय बैठकों में शामिल हो चुके हैं।