Sunday, October 11, 2020

डॉ. द्वारकानाथ कोटनिस को 110वें जन्मदिन पर याद किया गया, उन्होंने दूसरे वर्ल्ड वार में चीन की मदद की थी, कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल भी हुए थे October 11, 2020 at 08:16PM

चीन ने रविवार को भारतीय डॉक्टर द्वारकानाथ कोटनिस को उनके 110 वें जन्मदिन पर याद किया। चीन सरकार के चाइनीज पीपुल्स एसोसिएशन फॉर फ्रेंडशिप विद फॉरेन कंट्रीज (सीपीएएफएफसी) ने इस मौके पर एक ऑनलाइन कार्यक्रम किया। इसमें पेकिंग यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर साउथ एशियन स्टडीज के डायरेक्टर भी शामिल हुए।

डॉ कोटनिस महाराष्ट्र के सोलापुर के रहने वाले थे। उन्होंने दूसरे वर्ल्ड वार के समय चीन की मदद की थी। वे 1942 में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल भी हुए थे, लेकिन इसी साल महज 32 साल की उम्र में उनकी मौत हो गई थी। उन्हें चीन में के डिहुआ के नाम से जाना जाता है।

1938 में चीन गए थे डॉ. कोटनिस

1938 में इंडियन नेशनल कांग्रेस ने चीन की मदद के लिए पांच डॉक्टरों की टीम चीन भेजी थी। इनमें डॉ कोटनिस भी शामिल थे। चीन ने उनकी याद में एक ऑनलाइन कार्यक्रम किया। इसमें भारत स्थित चीनी दूतावास के सीनियर ऑफिसर मा जिया और दोनों देशों की कई यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स और टीचर शामिल हुए। इस मौके पर सीपीएफएफसी के चेयरमैन लिन सोंगटियान ने कहा, ‘मौजूदा समय में डॉ कोटनिस के विचारों को समझने की जरूरत है।’

‘डॉ. कोटनिस चीन के अच्छे दोस्त थे’

लिन ने कहा, ‘डॉ. कोटनिस ने क्रांति के मुश्किल समय में चीन की मदद की। उनके कामों की चीन के नेता माओ जेडोंग ने भी तारीफ की थी। हम आज चीन के इस अच्छे दोस्त और एक इंटरनेशनल फाइटर को याद कर रहे हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानवता से जुड़े काम किए थे। हम चीन और भारत की युवा पीढ़ी से अपील करते हैं कि डॉ कोटनिस के विचारों को आगे ले जाएं।’

चीन में डॉ. कोटनिस के कई मेमोरियल हैं

चीन के शिजियाझुआंग और हुबेई राज्य में डॉ कोटनिस के मेमोरियल बनाए गए हैं। शिजियाझुआंग के डिहुआ मेडिकल साइंस सेकंड्री स्पेशलाइज्ड स्कूल का नाम उनके नाम पर ही रखा गया है। उन्होंने चीन की गुओ किंगलाम से शादी की थी। 2012 में किंगलाम का निधन हो गया। इस साल सितंबर में शिजियाझुआंग में डॉ कोटनिस की कांसे की मूर्ति लगाई गई है।



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चीन के शिजियाझुआंग में डॉ कोटनिस की यह मूर्ति इस साल सितंबर में लगाई गई थी। यहां पर दो जगहों पर उनके मेमोरियल बनाए गए हैं। -फाइल फोटो

28 दिन पहले अगवा किए गए मजदूरों को छुड़ाया गया, किडनैपर्स ने यकीन दिलाने के लिए कंपनी को इनकी फोटो दिखाई थी October 11, 2020 at 06:16PM

लीबिया में 28 दिन पहले अगवा किए गए तीन राज्यों के सात मजदूरों को छुड़ा लिया गया है। ट्यूनीशिया में भारत के राजदूत पुनीत रॉय कुंदल ने रविवार को इसकी जानकारी दी। छुड़ाए गए सभी सातों लोग मजदूर हैं और आंध्रप्रदेश, बिहार और गुजरात के रहने वाले हैं। कुछ किडनैपर्स ने 14 सितंबर को इन्हें लीबिया के अस्वेरिफ इलाके से अगवा कर लिया था। इसके बाद से ही इन्हें छुड़ाने की कोशिश की जा रही थी।

लीबिया में भारत का दूतावास नहीं है। ऐसे में इन भारतीयों को छुड़ाने की जिम्मेदारी ट्यूनीशिया स्थित भारतीय मिशन को दी गई थी। ट्यूनीशिया के भारतीय दूतावास ने लीबिया सरकार और वहां की अंतरराष्ट्रीय संगठनों की मदद से इन्हें छुड़ाया है।

किडनैपर्स ने दिखाए थे अगवा भारतीयों के फोटो

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने बीते गुरुवार को बताया था कि सभी भारतीय नागरिक सुरक्षित हैं। इन्हें काम पर रखने वाली कंपनी से किडनैपर्स ने संपर्क किया था। कंपनी को मजदूरों को फोटो दिखाकर यह यकीन दिलाया था कि उनके कर्मचारी अगवा हो गए हैं और सुरक्षित ढंग से उनके कब्जे में हैं। उन्होंने इन लोगों को छोड़ने के बदले फिरौती की मांग की थी। इसके बाद इन लोगों के परिवार ने केंद्र सरकार से उन्हें वापस भारत लाने के लिए मदद मांगी थी।

छुड़ाए गए लोग लीबिया में आयरन वेल्डर का काम करते थे

अगवा किए गए लोगों में मुन्ना चौहान, साह अजय, महेन्द्र सिंह, उमेदीब्राहिम भाई मुल्तानी, जोगाराव बतचाला और दनय्या बोद्धू शामिल हैं। सभी लीबिया की एनडी इंटरप्राइजेज कंपनी में आयरन वेल्डर का काम करते थे। 14 सितंबर को इन्हें भारत लौटने के लिए लीबिया के त्रिपोली एयरपोर्ट से फ्लाइट पकड़नी थी। कंपनी से एयरपोर्ट जाने के बीच हथियारों के साथ आए किडनैपर्स ने इन्हें अगवा कर लिया था।

फिलहाल भारतीयों के लीबिया जाने पर रोक है

सितंबर 2015 में भारत सरकार ने भारतीयों के लीबिया जाने के बारे में एडवाइजरी जारी की थी। सुरक्षा की स्थिति को देखते हुए लोगों से लीबिया न जाने की सलाह दी गई थी। मई 2016 में भारत सरकार ने लीबिया की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए भारतीयों के वहां जाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी। यह रोक अभी भी जारी है।



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लीबिया में किडनैपर्स से छुड़ाए गए भारतीयों के साथ ट्यूनिशिया मिशन के अफसर। सभी भारतीय के परिवार ने केंद्र से बीत महीने मदद की गुहार लगाई थी।

नए शोध में दावा- नोट, कांच और स्टील पर 28 दिनों तक जिंदा रह सकता है वायरस, मैक्सिको ने वैक्सीन के लिए 1166 करोड़ रु. एडवांस में जमा किए; अब तक 3.77 करोड़ केस October 11, 2020 at 04:45PM

दुनिया में संक्रमितों का आंकड़ा 3.77 करोड़ से ज्यादा हो गया है। ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 2 करोड़ 83 लाख से ज्यादा हो चुकी है। मरने वालों का आंकड़ा 10.81 लाख के पार हो चुका है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं।

ऑस्ट्रेलिया की नेशनल साइंस एजेंसी सीएसआईआरओ ने कोरोनावायरस को लेकर नए दावे किए हैं। एजेंसी ने अपनी रिसर्च में पाया है कि कोरोनावायरस नोट, कांच और स्टील की सतह पर 28 दिनों तक जिंदा रह सकता है। इसी तरह के दूसरे मुलायम सतह वाली चीजों जैसे कि प्लास्टिक और मोबाइल फोन स्क्रीन पर भी यह लंबे समय तक टिका रह सकता है। यह स्टडी वायरोलॉजी जर्नल में पब्लिश की गई है।

इस बीच, मैक्सिको ने वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) की मदद से चलाई जा रही कोवैक्स स्कीम के तहत कोरोना वैक्सीन खरीदने का ऐलान किया है। इसके लिए इसने 159.8 मिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 1166 करोड़) रु. की एडवांस रकम जमा की है। मैक्सिको के विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी। बीते 24 घंटे में देश में संक्रमण के 3175 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही देश में संक्रमितों का आंकड़ा 8 लाख 17 हजार 503 हो गया है। अब तक यहां 83 हजार 781 मौतें हुई हैं।

दक्षिण कोरिया: सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों में राहत

दक्षिण कोरिया में संक्रमण के मामले कम होने के बाद सोमवार से सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों में राहत दी गई है। यहां नाइटक्लब, बार और रेस्टोरेंट दोबारा खोलने की इजाजत दे दी गई है।स्टेडियम की कैपेसिटी से 30% दर्शकों के साथ खेल आयोजनों की इजाजत होगी। प्रधानमंत्री चुंग से-क्यून ने रविवार को इसका ऐलान किया। उन्होंने कहा कि हम देश भर में सोशल डिस्टेंसिंग में राहत देंगे, लेकिन, खतरे को नजरअंदाज नहीं करेंगे। डोर टू डोर बिजनेस, धार्मिक आयोजनों पर पाबंदियां जारी रहेंगी।

साउथ कोरिया के सियोल स्थित एक लैब में एक युवक का स्वैब सैंपल लेती मेडिकल स्टाफ।

फ्रांस: 24 घंटे में रिकॉर्ड 26 हजार 896 मामले
फ्रांस में बीते 24 घंटे में रिकॉर्ड 26 हजार 896 मामले सामने आए हैं। इससे पहले सबसे ज्यादा संक्रमित बीते शुक्रवार को मिले थे। अब देश में संक्रमितों का आंकड़ा 7 लाख 18 हजार 873 हो गया है। फ्रांस में बीते कुछ हफ्तों में नए मामले बढ़े हैं। बीते एक हफ्ते से यहां हर दिन 11 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। अब तक देश में 32 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई। यहां राजधानी पेरिस और उसके आसपास के इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। सरकार ने पेरिस समेत कई इलाकों में मास्क पहनना जरूरी कर दिया है।

फ्रांस की राजधानी पेरिस के एक अस्पताल में संक्रमित मरीज के इलाज में जुटे डॉक्टर।

नेपाल: संक्रमितों का आंकड़ा 1 लाख के पार
नेपाल में बीते 24 घंटे में 5,008 नए मामले सामने आए। इसके साथ ही देश में संक्रमितों का आंकड़ा 1 लाख 5 हजार 684 हो गया है। देश के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, कुछ हफ्तों से देश में संक्रमण बढ़ा है। यहां पर बीते 4 हफ्ते में संक्रमितों की संख्या दोगुनी हो गई है। राजधानी काठमांडू सबसे ज्यादा प्रभावित है। देश के संक्रमण के कुल मामलों में से करीब एक तिहाई काठमांडू में सामने आए हैं। संक्रमण से अब तक यहां 614 लोगों की जान गई है। शनिवार को नेपाल के सिविल एविएशन मंत्री योगेश भट्टराई संक्रमित मिले थे।

नेपाल की राजधानी काठमांडू के एक क्रीमैटोरियम के बाहर सैनिटाइजेशन में जुटे पीपीई किट पहने नेपाली आर्मी के सैनिक।


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मैक्सिको की राजधानी न्यू मैक्सिको सिटी के एक लैब में वैक्सीन से जुड़े रिसर्च में जुटी एक एक्सपर्ट। अब तक मैक्सिको में 8 लाख से ज्यादा संक्रमित मिले हैं।- फाइल फोटो

Twitter flags Trump tweet about being 'immune' to coronavirus October 11, 2020 at 04:26PM

Twitter on Sunday flagged a tweet by Donald Trump in which the US President claimed he was immune to the coronavirus, saying it violated the social media platform's rules about misleading information related to Covid-19. "This Tweet violated the Twitter Rules about spreading misleading and potentially harmful information related to Covid-19," Twitter's disclaimer read.

ट्रम्प मीडिया का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए कर रहे हैं, मुश्किल सवाल करने वाले चैनलों को इंटरव्यू नहीं देते October 11, 2020 at 02:29PM

कोरोना पॉजिटिव होने और फिर कथित तौर पर रिकवर होने के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पहला ऑन कैमरा इंटरव्यू दिया। इसके लिए उन्होंने खुद की पसंद चुनी। फॉक्स न्यूज के डॉक्टर मार्क सीगल। सीगल वही व्यक्ति हैं जिन्होंने डेमोक्रेट गवर्नर्स की स्कूल बंद करने के लिए आलोचना की थी। साथ ही ये भी कहा था कि राष्ट्रपति की देखरेख देश के सबसे बड़े इन्फेक्शन डिसीज एक्सपर्ट डॉक्टर एंथोनी फौसी कर रहे हैं। और सीगल को जो काम सौंपा गया था, उसमें उन्होंने निराश भी नहीं किया।

मुश्किल सवालों से बचने की कोशिश
दरअसल, राष्ट्रपति कंजर्वेटिव मीडिया का बखूबी इस्तेमाल कर रहे हैं। ताकि उनसे मुश्किल सवाल न पूछे जाएं। इसलिए, अपने पसंद के जर्नलिस्ट्स का चुनाव कर रहे हैं। जो कठिन सवाल पूछ सकते हैं, उन पत्रकारों को दूर रखा जा रहा है। क्योंकि, मुश्किल सवाल उनकी परेशानियां बढ़ा सकते हैं। वे डिफेंसिव नहीं बल्कि अटैकिंग अप्रोच रखना चाहते हैं। ठीक वैसे ही जैसे उन्होंने पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट में किया था। इस कोशिश के जरिए वे उन वोटर्स को कुछ खास मैसेज देना चाहते हैं जो बहकावे में आ सकते हैं। राष्ट्रपति के लिहाज से ये इसलिए भी जरूरी है क्योंकि चुनाव में सिर्फ तीन हफ्ते रह गए हैं।

दूसरी डिबेट से बच गए ट्रम्प
कमिशन फॉर प्रेसिडेंशियल डिबेट ने दूसरी बहस वर्चुअल कराने का सुझाव दिया था। लेकिन, ट्रम्प इसे मानने तैयार नहीं थे। रिपब्लिकन पार्टी के सलाहकार एलेक्स कोनेन्ट कहते हैं- ट्रम्प को 10 बहस में भी हिस्सा लेने को तैयार हैं। वे लोगों से भावनात्मक तौर पर जुड़ना चाहते हैं। बहस को कुछ लोग चुनावी रणनीति से जोड़ना चाहते हैं। जबकि, ट्रम्प के लिए यह भावनात्मक मुद्दा है। हमारे सामने 2016 का उदाहरण है। कुछ लोग चाहते थे कि हिलेरी क्लिंटन को महिला होने का फायदा मिले। हॉलीवुड से भी उनको समर्थन मिल रहा था।

यह ट्रम्प की रणनीति है
ट्रम्प मीडिया का इस्तेमाल करना जानते हैं। उस मीडिया का तो खास तौर पर जो उनका पक्ष लेता रहा है। इसके जरिए वे वोटर्स के एक खास हिस्से तक पहुंचना चाहते हैं। शनिवार को मिस्टर लिम्बॉग को जो ट्रम्प ने रेडियो इंटरव्यू दिया उसके इशारों को साफ समझा जा सकता है। ट्रम्प और लिम्बॉग दोनों साफ कर देना चाहते थे कि व्हाइट हाउस में रहने के लिए ट्रम्प सबसे सही व्यक्ति हैं। ट्रम्प ने बाइडेन, हिलेरी क्लिंटन और एफबीआई के पूर्व डायरेटक्स जेम्स कोमे की बातों को सिरे से खारिज कर दिया।

नोबेल के लिए नहीं चुने जाने का दुख
ट्रम्प को इस बात की शिकायत और दुख है कि इस साल उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए क्यों नहीं चुना गया। इसके लिए उन्होंने मेनस्ट्रीम या कहें उस मीडिया को दोषी ठहराया जो उनसे मुश्किल सवाल करता है। ट्रम्प ने कहा- मैं कितना भी अच्छा काम कर लूं वे (मेनस्ट्रीम मीडिया) उसको कवरेज नहीं देते। दरअसल, ट्रम्प उस मीडिया का इस्तेमाल करना चाहते हैं और कर भी रहे हैं जो उन्हें उनके मनमाफिक कवरेज दे सके।

किसी सवाल का साफ जवाब नहीं
ट्रम्प से एक सवाल पूछा गया कि क्या आपकी टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है? इस पर उनका जवाब सुनिए। राष्ट्रपति ने कहा- मैं जानता हूं कि मेरी सेहत कैसी है और कब बेहतर होती है। यह सवाल हैनिटी के प्रोग्राम में पूछा गया था। करीब 50 लाख लोगों ने इसे देखा। ट्रम्प अपने विरोधियों को झूठा करार दे रहे हैं। ट्रम्प ने इस बात से साफ इनकार कर दिया कि उन्होंने कभी अमेरिकी सैनिकों को पराजित योद्धा कहा था।

अपने कार्यकाल में ट्रम्प ने फॉक्स न्यूज को करीब 100 इंटरव्यू दिए। जबकि, दूसरे नेटवर्क्स को बेहद कम। डॉक्टर सीगल को शनिवार को उन्होंने जो इंटरव्यू दिया वो भी लाइव टेलिकास्ट नहीं किया गया। सीगल ने स्टूडियो से सवाल पूछे। जवाब व्हाइट हाउस में लगे रिमोट कंट्रोल्ड कैमरे के जरिए हासिल हुए। डॉक्टर सीगल मेनहट्टन में इंटरनल मेडिसिन के एक्सपर्ट हैं। लेकिन, उनके एसोसिएशन ने इस इंटरव्यू से पल्ला झाड़ लिया।



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Donald Trump Coronavirus (COVID-19) Recovers | Here's Latest US Election 2020 News From The New York Times

मिलिट्री परेड में नई बैलिस्टिक मिसाइल का प्रदर्शन किया, यह 12 हजार किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक निशाना लगा सकती है October 10, 2020 at 11:18PM

उत्तर कोरिया ने शनिवार को रूलिंग पार्टी का 75 वां स्थापना दिवस मनाया। इस मौके पर मिलिट्री परेड में देश की नई इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) प्रदर्शित की गई। इसके साथ ही दूसरे हथियारों को भी प्रदर्शित किया गया। रात के समय हुई इस परेड में आतिशबाजी की गई। हथियार से लदी गाड़ियों का एक लंबा काफिला भी निकाला गया। उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया ने इसकी जानकारी दी।

नई बैलिस्टिक मिसाइल को ट्रांसपोर्टर इरेक्टर लॉन्चर (टीईएल) के जरिए परेड में लाया गया। स्थानीय मीडिया के मुताबिक, यह नई मिसाइल उत्तर कोरिया के पास पहले से मौजूद ह्वासोंग-15 मिसाइल से भी लंबी है। ह्वासोंग मिसाइल 12 हजार 874 किलोमीटर तक वार कर सकती है। यह यूएस कॉन्टीनेंट के किसी भी हिस्से को टारगेट कर सकती है।

सबमरीन लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल भी प्रदर्शित किया

उत्तर कोरिया में शनिवार को 2018 के बाद पहली बार मिलिट्री परेड निकाली गई थी। उत्तर कोरिया ने सबमरीन- लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल भी पेश किया। इसका नाम पुकुगसॉन्ग-4 है। यह देश में पहले तैयार की गई दूसरी मिसाइल्स की तुलना में ज्यादा दूरी तक निशाना साध सकती है। परेड में उत्तर कोरिया ने रूस में तैयार की गई शॉर्ट रेंज मिसाइल इस्कैंडर और कई रॉकेट लांचर भी प्रदर्शित किए।

ताकत बढ़ाना जारी रखेंगे: किम जोंग
तानाशाह किम जोंग ने मिलिट्री परेड को संबोधित करते हुए कहा- हम किसी भी जंग से बचने के लिए अपनी ताकत बढ़ाना जारी रखेंगे। यह हथियार पूरी तरह से हमारी सुरक्षा के लिए हैं। हम इसका कभी भी गलत या बेवजह इस्तेमाल नहीं करेंगे। हालांकि, कोई सेना हमारे ऊपर ताकत दिखाने की कोशिश करेगी तो उसे हम जरूर सजा देंगे। उसके खिलाफ हम अपनी पूरी ताकत से हमला करेंगे।



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उत्तर कोरिया की मिलिट्री परेड में शनिवार को प्रदर्शित की गई बैलिस्टिक मिसाइल। फोटो उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया ने जारी की है।

South Korea eases social distancing curbs amid Covid-19 downtrend October 10, 2020 at 09:27PM

पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार विपक्ष की आर्मी को चुनौती, नवाज और बिलावल ने कहा- इमरान को फौज और जनरल बाजवा सत्ता में लाए October 10, 2020 at 07:45PM

पाकिस्तान में सेना को चुनौती देने हिम्मत किसी ने नहीं की, सत्ता ने भी नहीं। लेकिन बदलते वक्त के साथ फौज ही सबसे ज्यादा निशाने पर है। उसे सियासी पार्टियां सीधे चुनौती भी दे रही हैं। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के युवा अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी काफी वक्त से यह काम कर रहे थे। लेकिन, अब पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भी उनके साथ आ गए हैं। इसके अलावा मौलाना फजल-उर-रहमान भी फौज पर तंज कसने मे पीछे नहीं हैं। खास बात ये है कि इमरान खान को सत्ता से हटाने के लिए ये तीनों ही साथ भी आ चुके हैं।

बिलावल ने की शुरुआत
2018 में इमरान खान प्रधानमंत्री बने। तभी से उन पर आरोप लग रहे हैं कि वे फौज के जरिए कुर्सी तक पहुंचे। बिलावल दो साल से अपने भाषणों इस बात को दोहराते आ रहे हैं। अब नवाज की पार्टी (पीएमएल-एन) भी इसी रास्ते पर चल रही है। विपक्ष एकजुट होकर इमरान सरकार को गिराने के लिए सड़कों पर उतर चुका है। सरकार एक के बाद एक विपक्षी नेताओं को जेल में डाल रही है। नवाज ने पिछले दिनों विपक्ष की संयुक्त रैली को लंदन से संबोधित किया। कहा- फौज ने पिछले चुनाव में धांधली की। इसकी वजह से लोगों का उस पर भरोसा टूटा। इमरान से उतनी दिक्कत नहीं है, जितनी फौज की गलत हरकतों से है। उसे सियासत से दूर होना होगा। फौज के साथ ही नवाज ने आईएसआई पर भी तंज कसे।

तीन बार पीएम रहे नवाज
नवाज 1993 में पहली बार पीएम बने। तब राष्ट्रपति ने फौज के इशारे पर उन्हें हटाया। 1999 में जब वे फिर प्रधानमंत्री बने तो परवेज मुशर्रफ ने सत्ता हथिया ली। देश में फौजी हुकूमत आई। 2017 में कोर्ट और फौज ने इमरान के आंदोलन के नाम पर उन्हें हटाया। नवाज को तीनों बार सत्ता सेना की वजह से खोनी पड़ी। अब वे इस परेशानी को खत्म करने के लिए विपक्ष को एकजुट करने में कामयाब हो रहे हैं।

फौज से टकराने को तैयार बिलावल
बिलावल भुट्टो ने फौज को सीधे चेतावनी दी है कि वो सियासी मामलों से दूर रहे। उन्होंने पिछले दिनों धमकी दी कि अगर फौज सरकार का समर्थन बंद नहीं करती तो विधानसभाओं और संसद से सभी चुने हुए प्रतिनिधि इस्तीफा दे देंगे। बिलावल ने कहा- मुझे समझ नहीं आता कि पोलिंग बूथ के अंदर और बाहर फौजियों की तैनाती क्यों की गई है। गिलगित-बाल्तिस्तान को पांचवां राज्य बनाने पर हमें आपत्ति नहीं, लेकिन ये काम संसद की बजाए फौज क्यों कर रही है।

11 पार्टियां और एक बैनर
20 सितंबर को पाकिस्तान के 11 विपक्षी दलों ने एक गठबंधन बनाया। इसके जरिए वे सरकार गिराने के लिए तीन चरणों में आंदोलन कर रही हैं। इसे पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) नाम दिया गया है। बैठकों का दौर शुरू हो चुका है। विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। जनवरी 2021 में इस्लामाबाद तक मार्च निकाला जाएगा। बिलावल और नवाज इमरान को ‘सिलेक्टेड प्राइम मिनिस्टर’ कह रहे हैं।



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पाकिस्तानी फौज और उसके मुखिया जनरल बाजवा पर आरोप हैं कि उन्होंने 2018 के आम चुनाव में इमरान खान की सीधे तौर पर मदद की। (फाइल फोटो)