Tuesday, October 6, 2020

इमरान खान ने कहा- मैं तो बर्थडे केट काट रहा था, मुझे नहीं मालूम केस किसने दर्ज कराया; कैबिनेट में भी इस पर राय बंटी October 06, 2020 at 08:15PM

पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और कुछ विपक्षी नेताओं पर देशद्रोह का मामला पाकिस्तान में तूल पकड़ता जा रहा है। नवाज की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (पीएमएल-एन) का आरोप है कि नवाज पर केस इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने दर्ज कराया है। वहीं, खुद प्रधानमंत्री इमरान खान इससे इनकार कर रहे हैं। इमरान के मुताबिक, उन्हें नवाज पर केस दर्ज होने की जानकारी उस वक्त मिली जब वे अपना बर्थडे केक काट रहे थे।

पीटीआई ने पल्ला झाड़ा
नवाज पर देशद्रोह के मामला दर्ज होने के बाद पाकिस्तान की सियासत में उबाल आ गया है। सरकार के कुछ मंत्री भी इससे खफा हैं। लगभग हर तबके में इस हरकत का विरोध होने के बाद अब इमरान सरकार मामले से पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रही है। पीटीआई का कहना है- नवाज के खिलाफ केस एक व्यक्ति ने दर्ज कराया है। हमारा उससे कोई लेनादेना नहीं है। लाहौर जहां यह केस रजिस्टर हुआ वहां की पुलिस भी कह रही है कि केस एक व्यक्ति की तरफ से दर्ज कराया गया है।

इमरान ने क्या कहा
मंगलवार को प्रधानमंत्री इमरान खान की अगुआई में पाकिस्तान सरकार की कैबिनेट मीटिंग हुई। ‘द ट्रिब्यून’ के मुताबिक, इस मीटिंग में इमरान ने कहा- लोग कह रहे हैं कि नवाज के खिलाफ एफआईआर मेरे कहने पर दर्ज हुई। लेकिन, मुझे तो एफआईआर की जानकारी तब मिली, जब मैं अपना बर्थडे केक काट रहा था। इमरान ने यह बात मंत्रियों से कही।

सरकार की मुश्किलें बढ़ीं
पाकिस्तान में पूरा विपक्ष सरकार के खिलाफ एकजुट हो चुका है। इसके लिए पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) नाम का नया संगठन बनाया गया है। मौलाना फजल-उर-रहमान को इसका नेता बनाया गया है। इस संगठन के बनने के बाद से ही विपक्षी नेताओं के खिलाफ अलग-अलग मामलों में कई केस दर्ज कराए गए हैं। इसी कड़ी में नवाज शरीफ के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज हुआ और अब यह सरकार के गले की हड्डी बन गया है। इमरान के कुछ मंत्री भी इस हरकत का सख्त विरोध बता रहे हैं। इमरान खुद कह रहे हैं कि वे सियासी तौर पर बदले की भावना नहीं रखते।

इन नेताओं के खिलाफ एफआईआर
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के प्रधानमंत्री राजा, मरियम नवाज शरीफ, अयाज सादिक, पूर्व पीएम शाहिद खकान अब्बासी, परवेज राशिद, ख्वाजा आसिफ, राणा सनाउल्लाह और इकबाल जफर। बताया जाता है कि नवाज के खिलाफ देशद्रोह का मामला बदर राशिद नाम के व्यक्ति ने दर्ज कराई। वो इमरान की पार्टी से जुड़ा बताया गया है। इमरान के मंत्री शिबली फराज ने कहा- एफआईआर कोई भी दर्ज करा सकता है। आप मेरे खिलाफ यही कर सकते हैं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
मंगलवार को इस्लामाबाद में कैबिनेट मीटिंग के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान। इमरान ने इस बात से इनकार किया है कि उनके इशारे पर नवाज शरीफ के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज किया गया है।

Sri Lanka bans public gatherings amid sharp rise October 06, 2020 at 06:04PM

Health authorities said early Wednesday the outbreak centered at a garment factory has risen to 830 confirmed infections while more than 1,000 people have been asked to quarantine at their homes.

New York to impose new shutdowns in coronavirus hot spots October 06, 2020 at 05:21PM

Set to take effect no later than Friday, the new rules will affect parts of Brooklyn and Queens in New York City, sections of Orange and Rockland counties in the Hudson Valley, and an area within Binghamton in the Southern Tier.

Experts call Trump's rosy coronavirus message misguided October 06, 2020 at 06:12PM

Public health experts say 1 million worldwide deaths are among reasons to be concerned, if not fearful, and to take everyday precautions despite rosy advice from the still-recovering president.

After White House, Covid-19 breaches Pentagon October 06, 2020 at 04:53PM

As Covid-19 breached the walls of the Pentagon, the Defense Department was quick to stress on Tuesday that there had been "no change to the operational readiness or mission capability of the US Armed Forces."

Powerful hurricane nears Mexico's Caribbean coast October 06, 2020 at 05:06PM

Hurricane Delta rapidly intensified in the Caribbean to reach Category 4 status, the second-highest, and was on course to hit the Yucatan Peninsula by early Wednesday, US forecasters said.

2016 presidential polls: Trump orders declassification of documents October 06, 2020 at 04:52PM

WHO, Greta or press watchdogs for Nobel Peace Prize October 06, 2020 at 04:45PM

The peace prize -- the highlight of the Nobel season and the only one of the six Nobels awarded in Oslo -- always sparks wild guessing games, rendered especially tricky by the fact that the list of nominees is kept secret for at least 50 years.

Greece braces for landmark neo-Nazi trial verdict October 06, 2020 at 04:40PM

After hearings over the last five years, a criminal court in Athens will determine whether Golden Dawn is a criminal organisation that carried out violent attacks on opponents on the orders of founder Nikos Michaloliakos and his inner circle.

What is QAnon and how are social media sites taking action on it? October 06, 2020 at 04:51PM

QAnon followers espouse an intertwined series of beliefs, based on anonymous web postings from "Q," who claims to have insider knowledge of the Trump administration. A core tenet of the conspiracy theory is that US President Donald Trump is secretly fighting a cabal of child-sex predators that includes prominent Democrats, Hollywood elites and "deep state" allies.

The rise and fall of Greece's far-right Golden Dawn party October 06, 2020 at 05:02PM

Greek neo-Nazi party Golden Dawn on Wednesday faces a verdict in a landmark five-year murder trial involving its top leaders and other members.

Kyrgyzstan annuls parliamentary election results amid unrest October 06, 2020 at 04:36PM

Officials in Kyrgyzstan on Tuesday nullified the results of a weekend parliamentary election after mass protests erupted in the capital of Bishkek and other cities, with opposition supporters seizing government buildings overnight and demanding a new vote.

White House adviser Stephen Miller tests positive for Covid-19 October 06, 2020 at 04:10PM

White House senior adviser Stephen Miller said he had tested positive for Covid-19 on Tuesday, the latest case of coronavirus reported among Donald Trump's inner circle since the Republican president announced he had the virus last week.

बाइडेन ने कहा- अगर ट्रम्प को अब भी कोरोना है तो मैं डिबेट में हिस्सा नहीं लूंगा; राष्ट्रपति के एक और एडवाइजर पॉजिटिव October 06, 2020 at 04:47PM

डोनाल्ड ट्रम्प भले ही कोविड-19 संक्रमित होने के बाद तीन दिन हॉस्पिटल में रहे हों और फिर व्हाइट हाउस लौट आए हों, लेकिन उनकी मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। 15 अक्टूबर को होने वाली दूसरी प्रेसिडेंशियल डिबेट से पहले डेमोक्रेट कैंडिडेट जो बाइडेन ने इसके लिए नई शर्त रख दी है। बाइडेन ने कहा है कि वे बहस में तभी हिस्सा लेंगे, जब यह तय हो जाएगा कि ट्रम्प संक्रमण से उबर चुके हैं। दूसरी तरफ, ट्रम्प के एक और एडवाइजर स्टीफन मिलर भी कोविड-19 पॉजिटिव हो गए हैं।

बाइडेन ने क्या कहा
15 अक्टूबर को मियामी में होने वाली दूसरी प्रेसिंडेशियल डिबेट के पहले बाइडेन ने अहम बयान दिया। मंगलवार रात इस डेमोक्रेट कैंडिडेट ने कहा- मुझे लगता है कि अगर उन्हें (ट्रम्प को) अब भी संक्रमण है तो फिर हमें डिबेट नहीं करनी चाहिए। खास बात ये है कि सोमवार रात मेरीलैंड के वॉल्टर रीड मिलिट्री हॉस्पिटल से लौटने के बाद ट्रम्प के कैम्पेन मैनेजर ने साफ कर दिया था कि राष्ट्रपति दूसरी बहस में शिरकत के लिए पूरी तरह तैयार हैं। लेकिन, अब बाइडेन के शर्त के बाद यह मामला फंसता नजर आ रहा है। ट्रम्प को सबूत देना पड़ सकता है कि वे कोविड-19 संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं।

डॉक्टरों से सलाह लेंगे बाइडेन
बाइडेन ने भी पिछले दिनों टेस्ट कराया था। उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी। मंगलवार रात को मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा- मुझे उम्मीद है कि राष्ट्रपति बहुत जल्द ठीक हो जाएंगे। लेकिन, मुझे लगता है कि अगर अब भी उन्हें संक्रमण है तो फिर हमें डिबेट नहीं करनी चाहिए। मैं इस बारे में क्लीवलैंड क्लीनिक और डॉक्टरों से बातचीत करने वाला हूं। इस बारे में जो गाइडलाइंस तय की गई हैं, उन्हें सख्ती से लागू करना चाहिए। कई लोग संक्रमित हो रहे हैं और यह बहुत बड़ी परेशानी बन चुकी है। इसलिए मैं इस बारे में सलाह लूंगा और जो सही होगा, वही करूंगा।

यानी कुछ तय नहीं
बाइडेन की डिबेट पर टिप्पणी का मतलब यह भी हुआ कि 15 और 22 अक्टूबर को होने वाली दूसरी और तीसरी डिबेट खतरे में पड़ सकती है। बाइडेन इस बारे में कमिशन ऑफ प्रेसिडेंशियल डिबेट यानी सीपीडी से बातचीत कर सकते हैं। कानूनी तौर पर भी वे ऐसा कर सकते हैं। ट्रम्प तीन दिन हॉस्पिटल में रहे थे और सोमवार को ही डिस्चार्ज हुए थे। अमेरिका में सीडीसी (सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल) की गाइडलाइंस के मुताबिक, हल्के लक्षण वाले मरीजों को भी 10 तक तक निगरानी में रहना होता है। अगर संक्रमित गंभीर स्थिति में था तो उसे 20 दिन तक निगरानी में रखा जाता है।

आज वाइस प्रेसिडेंशियल डिबेट
पहली और एकमात्र वाइस प्रेसिडेंशियल डिबेट आज साल्ट लेक सिटी में होगी। उपराष्ट्रपति माइक पेन्स और डेमोक्रेट कैंडिडेट कमला हैरिस इसमें शामिल होंगे। दोनों के सामने प्रोटेक्शन ग्लासेस यानी शीशे लगाए जा सकते हैं। दोनों कैंडिडेट्स के बीच 12 फीट की दूरी होगी। पहले यह 7 फीट ही तय की गई थी। पेन्स ने पहले ग्लासेस लगाने का विरोध किया था। बाद में इसके लिए तैयार हो गए।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Donald Trump Coronavirus Infected Vs Joe Biden US Presidential Debate | Here's Latest US Election 2020 News From The New York Times

जब मरीज ही डॉक्टरों का कमांडर इन चीफ और बॉस होता है, तो उन्हें भी यस सर कहना पड़ता है October 06, 2020 at 04:03PM

कोरोना संक्रमित होने के बाद डोनाल्ड ट्रम्प तीन दिन मेरीलैंड के वॉल्टर रीड नेशनल मिलिट्री मेडिकल सेंटर में रहे। सोमवार को वे डिस्चार्ज हुए। इस दौरान वे डॉक्टरों से उन्हें जल्द डिस्चार्ज करने की गुजारिश करते रहे। कोरोनावायरस की गंभीरता को उन्होंने हमेशा नकारा। इससे डॉक्टरों के सामने भी परेशानी खड़ी हो गई। क्योंकि, यह पेशेंट उनका बॉस भी था।

कोरोना को लेकर ट्रम्प क्या सोचते हैं, यह हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने के बाद उनके एक ट्वीट से पता चलता है। ट्रम्प ने इस ट्वीट में कोरोना की तुलना मौसमी फ्लू से कर दी। उन्होंने कहा कि फ्लू का मौसम आ रहा है। हर साल फ्लू से एक लाख मौतें होती हैं। वैक्सीन के बावजूद लोग मरते हैं।

कमांडर इन चीफ की बात कैसे नकारें
सीन कोनले व्हाइट हाउस के फिजिशियन और नेवी के डॉक्टर हैं। प्रेसिडेंट ही सेनाओं का कमांडर इन चीफ होता है। जाहिर सी बात है कि डॉक्टर कोनले के लिए ट्रम्प का ऑर्डर मानना मजबूरी थी। क्योंकि, आर्मी में बॉस के ऑर्डर की अनदेखी नहीं की जा सकती। इसे सबसे बड़ा अपराध माना जाता है। देश के कुछ पूर्व प्रेसिडेंट्स की तरह ट्रम्प ने भी अपने लिए मिलिट्री डॉक्टर ही चुना। कोनले यूएस नेवी में लेफ्टिनेंट कमांडर की रैंक मेंटेन करते हैं। सोमवार को उन्होंने कहा- राष्ट्रपति की सेहत पर ध्यान देना होगा। खतरा खत्म नहीं हआ है। हालांकि, उन्होंने ट्रम्प के व्हाइट हाउस लौट जाने को गलत मानने से इनकार कर दिया।

अच्छे पेशेंट साबित हुए ट्रम्प
डॉक्टर कोनले ने कहा- प्रेसिडेंट जितने दिन यहां रहे, हमारे लिए अच्छे मरीज साबित हुए। उन्होंने हमारी मेडिकल टीम को पूरी तरह से सहयोग किया। उन्होंने एक बार भी टीम को परेशान नहीं किया। कोनले ने यह बातें ट्रम्प के व्हाइट हाउस निकल जाने के बाद कहीं। मिलिट्री हॉस्पिटल में भी ट्रम्प ही बॉस थे। वॉल्टर रीड नेशनल मेडिकल कमांड सेंटर है। ट्रम्प ने भी वही डॉक्टर चुना जो हेल्थ के मामले में वही बातें बताए जो वे चाहते थे।

सियासत पर फोकस ज्यादा
‘द प्रेसिडेंट इज ए सिक मैन’ यानी राष्ट्रपति बीमार व्यक्ति हैं, किताब के लेखक मैथ्यू एल्जियो कहते हैं- राष्ट्रपति ने यह फैसला (हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने का) सियासत की वजह से किया। दवाई या इलाज को उन्होंने प्राथमिकता नहीं दी। यहां आप पॉलिटिक्स और मेडिसिन में फर्क साफ देख सकते हैं। मैथ्यू के मुताबिक, ट्रम्प के फैसले से जनता के उस अधिकार का हनन हुआ जिसके तहत उसे प्रेसिडेंट की हेल्थ के बारे में जानने का हक है। इस बारे में एक कमिशन बनाकर सच सामने लाया जाना चाहिए।

टीम भी मजबूर थी
एल्जियो कहते हैं- ट्रम्प ने अपनी सेहत की गंभीरता को छिपाया। उनकी टीम तो मजबूर कही जा सकती है। अब्राहम लिंकन भी गंभीर रूप से बीमार हुए थे। उन्होंने भी इसे हल्के में लिया। वुडरो विल्सन को हार्ट स्ट्रोक आया था, इस पर चार महीने तक पर्दा डालकर रखा गया। ग्रोवर क्लीवलैंड की कैंसर सर्जरी की बात तो करीब 25 साल छिपाई गई। फ्रेंकलिन रूजवेल्ट बीमारी को ताउम्र छिपाते रहे। यही वॉरेन हार्डिंग ने किया।

वजह राजनीतिक ही थी
विलियम कॉलेज की प्रोफेसर और लेखिका सुसैन डन कहती हैं- रूजवेल्ट ने सेहत पर गंभीर खतरे की बात छिपाई। इसकी वजह यह थी कि उसी साल चुनाव होने थे। अब शायद डोनाल्ड ट्रम्प भी इसी रास्ते पर चल रहे हैं। वे भी हेल्थ डेंजर को तवज्जो नहीं दे रहे हैं। उनका बर्ताव भी बेहद गैर जिम्मेदाराना है। वो महामारी की गंभीरता को नहीं समझ रहे हैं। उनके डॉक्टर भी अपने हिसाब से टाइमलाइन बता रहे हैं, उनकी बातों में भी गंभीरता नहीं दिखती।

इससे भ्रम ही फैलेगा
कुल मिलाकर, ट्रम्प के हॉस्पिटल में एडमिट होने से भ्रम ही पैदा हुआ। उनके कई सहयोगी भी पॉजिटिव पाए गए हैं। अब ये माना जा रहा है कि ट्रम्प की केयर वेस्ट विंग ज्यादा कर रही है और डॉक्टर कम। ट्रम्प ने अपना रूटीन भी पुराना ही रखा है। ये जानते हुए भी वे रिस्क ले रहे हैं कि उनकी उम्र और वजन के लिहाज से यह बीमारी खतरनाक साबित हो सकती है। पूर्व हेल्थ कमिश्नर लीना वेन कहती हैं- इन्फेक्शन होना किसी को हॉस्पिटल में रखने की सही वजह नहीं हो सकती। लेकिन, अगर कोई पेशेंट जानबूझकर दूसरों को खतरे में डाल रहा है तो फिर उसकी मर्जी के खिलाफ भी उसे हॉस्पिटल में रखा जा सकता है।

इससे सेना का भी नुकसान
होमलैंड सिक्योरिटी और डिफेंस डिपार्टमेंट के पूर्व अफसर डेविड लपान कहते हैं- जब राष्ट्रपति ही सेहत के बारे में फैसला लेने लगे तो यहां आकर डॉक्टर और हॉस्पिटल के हाथ बंध जाते हैं। इससे तो मिलिट्री और डॉक्टरों का भी नुकसान है। डॉक्टर कोनले ने सोमवार को यह नहीं कहा कि राष्ट्रपति को गुरुवार को फंड रेजिंग प्रोग्राम के लिए न्यूजर्सी जाना चाहिए। उन्होंने सियासी बातों में पड़ने से इनकार कर दिया था। कोनले ने कहा था- मैं इस बारे में बात नहीं करना चाहता।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Donald Trump Military Doctors Update, US Presidential Campaign 2020 News; Here's Latest News From The New York Times

ब्राजील में एक महीने बाद सबसे ज्यादा नए मामले सामने आए, अमेरिका के 6 राज्यों में हालात बिगड़े; दुनिया में 3.60 करोड़ केस October 06, 2020 at 03:44PM

दुनिया में संक्रमितों का आंकड़ा 3.60 करोड़ से ज्यादा हो गया है। ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 2 करोड़ 71 लाख 36 हजार 709 से ज्यादा हो चुकी है। मरने वालों का आंकड़ा 10.53 लाख के पार हो चुका है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। ब्राजील में एक महीने से संक्रमण के मामले कम हो रहे थे। लेकिन, अब यह फिर तेजी से बढ़ने लगे हैं। अमेरिका के छह राज्यों में अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है।

ब्राजील : फिर बढ़ा संक्रमण
ब्राजील में मंगलवार को कुल 41 हजार 906 नए मामले सामने आए। 11 सितंबर के बाद यह एक दिन में सामने आए नए मरीजों का सबसे बड़ा आंकड़ा है। हेल्थ मिनिस्ट्री ने एक बयान में यह जानकारी दी है। इसी दौरान 819 लोगों की मौत भी हो गई। इसके साथ ही मरने वालों का आंकड़ा 1 लाख 47 हजार 494 हो गया है। ब्राजील सरकार ने कहा है कि देश में संक्रमण की दूसरी लहर मानकर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। सरकार का फोकस मुख्य रूप से स्लम एरिया में है। यहां संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। हालांकि, सख्त लॉकडाउन जैसे उपायों के इस्तेमाल से सरकार ने इनकार कर दिया है।

अमेरिका : 6 राज्यों में मरीज ज्यादा
न्यूज एजेंसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के छह राज्यों में अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इनमें विस्कॉन्सिन राज्य भी शामिल है। मंगलवार को यहां कुछ नए प्रतिबंध लगाए गए हैं। इनमें सार्वजनिक समारोहों में लोगों के जुटने पर कुछ पाबंदियां भी लगाई गई हैं। मिनेसोटा, नेब्रास्का, नॉर्थ डकोटा, साउथ डकोटा और व्योमिंग के अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ी है। विस्कॉन्सिन में मंगलवार को 782 मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया गया। दो हफ्ते पहले यह संख्या 433 थी।

अमेरिका के मिलवाउकी में जगह-जगह कोरोना टेस्टिंग सेंटर बनाए गए हैं। लोग फोन करके मेडिकल टीम को घर भी बुला सकते हैं। देश के 6 राज्यों में अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ी है।

मॉस्को : यहां भी सख्ती
मॉस्को के स्थानीय प्रशासन ने छात्रों और बुजुर्गों के बाहर निकलने पर फिर पाबंदी लगा दी है। यहां 11 मई के बाद सबसे ज्यादा मामले सामने आए। मंगलवार को कुल 11 हजार नए मामले दर्ज किए गए। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि फिलहाल छात्र और सीनियर सिटीजन पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। गुरुवार को यहां हेल्थ मिनिस्ट्री की एक मीटिंग बुलाई गई है। इसमें केंद्र सरकार के अफसर भी हिस्सा लेंगे। हेल्थ मिनिस्ट्री ने साफ कर दिया है कि वैक्सीन के आने तक कई स्तर पर प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।

मॉस्को में मंगलवार को 11 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए। इसके बाद सरकार ने स्टूडेंट्स और सीनियर सिटीजन के पब्लिक ट्रांसपोर्ट इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी। फोटो मॉस्को के एक मेडिकल सेंटर में एक मरीज की टेस्टिंग की है। (फाइल)

मैक्सिको : एक दिन में 28 हजार मामले
मैक्सिको में सोमवार को नए मामलों ने सबको हैरान कर दिया। यहां एक ही दिन 28 हजार 115 नए मामले सामने आए। इतना ही नहीं, इसी दौरान 2789 लोगों की मौत हो गई। सरकार का कहना है कि नए मामले इतनी तेजी से सामने आने के बाद अब यह जरूरी हो गया है कि कुछ पब्लिक प्लेसेस पर प्रतिबंध लगाया जाए। सरकार ने एक रिपोर्ट तैयार की है। यह रिपोर्ट डब्ल्यूएचओ को भी भेजी जाएगी। संगठन के एक्सपर्ट्स इस पर सरकार को सलाह देंगे। संभव हुआ तो एक टीम भी मैक्सिको भेजी जाएगी। सरकार ने कहा कि कुछ क्लस्टर्स की पहचान कर ली गई है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
ब्राजील के रियो डि जेनेरियो के एक अस्पताल में झपकी लेता डॉक्टर। 11 सितंबर के बाद ब्राजील में एक दिन सबसे ज्यादा मरीज सामने आए। 41 हजार से ज्यादा नए केस सामने आए जबकि 800 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई।

ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया जैसे 14 बड़े देशों में चीन के प्रति नकारात्मक नजरिया बढ़ा; 84% अमेरिकियों ने कोविड की रोकथाम में लापरवाही का आरोप लगाया October 06, 2020 at 06:11AM

दुनिया के कई विकसित देशों में खासतौर से ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन में चीन को लेकर नकारात्मक धारणाएं तेजी से बढ़ी हैं। प्यू रिसर्च सेंटर ने मंगलवार को इसे लेकर एक रिपोर्ट जारी की। यह रिपोर्ट तब आई है, जब चीन अपने पड़ोसी और दुनिया भर के अन्य देशों के साथ ट्रेड और कूटनीतिक विवादों में फंसा है। 14 देशों में किए गए सर्वे से पता चला कि ज्यादातर लोगों का चीन के प्रति नजरिया नकारात्मक है।

यह सर्वे टेलीफोन के जरिए 14 देशों के 14,276 एडल्ट्स के बीच 10 जून से 3 अगस्त तक किया गया था। ऑस्ट्रेलिया में 81% लोगों ने कहा कि चीन के पक्ष में उनका नजरिए निगेटिव है। यह आंकड़ा पिछले साल से 24% ज्यादा है।

ऑस्ट्रेलिया-चीन के संबंधों में भी तनाव बढ़ा

ऑस्ट्रेलिया ने कोरोनावायरस की उत्पत्ति को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जांच की मांग उठाई थी। इसके बाद से ही दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में तनाव बढ़ा है। चीन ने इसके जवाब में ऑस्ट्रेलियाई बीफ के आयात को रोक दिया था। ऑस्ट्रेलियाई जौ पर हाई टैरिफ लगाया था और ऑस्ट्रेलियाई वाइन के आयात को लेकर एंटी-डंपिंग जांच शुरू कर दी थी।

सर्वे के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया ही नहीं, दूसरे देशों में भी यहीं हाल है। ब्रिटेन में चीन के प्रति निगेटिव धारणाएं 74% देखी गई हैं। पिछले साल की तुलना में इसमें 19% का इजाफा हुआ है। 15 पॉइंट्स की बढ़ोतरी के साथ जर्मनी में यह आंकड़ा 71% और 13 पॉइंट्स की वृद्धि के साथ अमेरिका में 73% लोगों का चीन के प्रति नकारात्मक विचार है।

सर्वे में शामिल 14 देश

जिन 14 देशों में सर्वे किया गया वे अमेरिका, कनाडा, बेल्जियम, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, स्पेन, स्वीडन, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, जापान और दक्षिण कोरिया हैं। सर्वे किए जाने वाले ज्यादातर देशों में हाई इनकम और लो इनकम वाले लोगों का नजरिया भी लगभग एक जैसा ही है। इसके अलावा, सर्वे किए गए नौ देशों स्पेन, जर्मनी, कनाडा, नीदरलैंड, अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया, स्वीडन और ऑस्ट्रेलिया में पिछले 12 या उससे ज्यादा सालों में नकारात्मक विचार अपने सबसे उच्च स्तर पर है।

सर्वे में शामिल और दुनिया के कई अन्य लोकतांत्रिक देशों ने इस साल की शुरुआत में चीन की निंदा की थी, जब उसने हॉन्गकॉन्ग में न्यू सिक्योरिटी लॉ लागू किया था। आलोचकों का कहना है कि पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश को विशेष अधिकारों के तहत चीन को सौंपा गया था।

कोरोनावायरस को लेकर सबसे ज्यादा खिंचाई

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन की सबसे ज्यादा खिंचाई कोरोनावायरस को लेकर की गई। पिछले साल 31 दिसंबर को चीनी शहर वुहान में इसका पहला मामला मिला था। उसके बाद यह पुरी दुनिया में फैल गया। शुरुआत में चीन ने इसके रोकथाम को लेकर पर्याप्त तेजी नहीं दिखाई थी। साथ ही इसे लेकर रिपोर्टों को छिपाने की कोशिश की थी।

सर्वे के मुताबिक, चीन के कोरोनावायरस को संभाले जाने को लेकर 14 देशों में 61% के बीच निगेटिव व्यूज है। इसमें 84% अमेरिकियों ने चीन पर महामारी की रोकथाम में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। सर्वे किए गए देशों के नागरिक चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग पर भरोसा नहीं करते हैं। करीब 78% लोगों का कहना है कि उनके पास अंतरराष्ट्रीय मामलों में सही काम करने के लिए आत्मविश्वास की कमी है।

ट्रम्प की छवि भी खराब

सर्वे में केवल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की छवि खराब थी। 83% लोगों ने कहा कि वे उन पर भरोसा नहीं करते हैं। ट्रम्प चीन के सबसे बड़े आलोचकों में से एक रहे हैं। वे हमेशा कोरोनावायरस के लिए चीन को दोषी ठहराते रहे हैं। हालांकि, अमेरिका महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां अब तक 76 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं और 2.15 लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
सर्वे में शामिल करीब 78% लोगों का कहना है कि उनके पास अंतरराष्ट्रीय मामलों में काम करने के लिए आत्मविश्वास की कमी है। -फाइल फोटो

Feeling great, says Donald Trump after returning overnight to White House October 06, 2020 at 05:26AM

भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के विदेश मंत्रियों की बैठक; जयशंकर ने कहा- हम इंटरनेशनल नियमों को मानने में यकीन रखने वाले देश October 06, 2020 at 01:33AM

क्वाड देशों भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के विदेश मंत्रियों की बैठक मंगलवार को जापान की राजधानी टोक्यो में हुई। इस बैठक में शामिल चारों देशों ने एक साथ मिलकर इंडो पैसिफिक क्षेत्र में चीन के बढ़ते दबदबे को कम करने पर चर्चा की। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा- हम एक वाइब्रेंट डेमोक्रेसी हैं, जिसके अपने मूल्य हैं। हम इंटरनेशनल नियमों को मानने में यकीन रखते हैं। अंतरराष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र में जहाजों की बेरोकटोक आवाजाही के पक्ष में हैं। साथ ही हम अपनी सीमा और संप्रभुता का सम्मान भी करते हैं। हम किसी भी विवाद का शांति से समाधान चाहते हैं। जयशंकर ने इस बैठक के बाद जापान के प्रधानमंत्री एस सुगा से भी मुलाकात की।

क्वाड देशों की यह बैठक मौजूदा समय में इंडो पैसिफिक क्षेत्र में बढ़ते तनाव को देखते हुए अहम मानी जा रही है। बीते कुछ समय से इस क्षेत्र में चीन ने अपना दबदबा बढ़ाने की कोशिश है। इस क्षेत्र में चीन कई बार क्वाड के दो सदस्य देशों भारत और जापान के लिए दिक्कतें खड़ी कर चुका है।

हम इंटरनेशनल कानून को मानने में यकीन रखते हैं: भारत

एस जयशंकर ने कहा हम इंडो पैसिफिक क्षेत्र में सामान्य हालात कायम करने के पक्ष में यह। यह इलाका खुला हो और किसी भी तरह के दबाव से मुक्त हो। हम किसी भी विवाद का शांति से समाधान चाहते हैं। हमारे लिए यह तसल्ली की बात है कि इंडो पैसिफिक क्षेत्र के मुद्दे पर दुनिया भर में समझ बढ़ी है। हमारा मानना है कि इस क्षेत्र के सभी देशों की सुरक्षा और उनकी आर्थिक हितों का ध्यान रखा जाए।

बैठक में कौन कौन हुआ शामिल

बैठक में भारत के विदेश मंत्री के अलावा अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो। ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री मैरिसे पेयने और जापान के विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोटेगी भी इस बैठक में शामिल हुए। पोम्पियो ने ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री से बैठक के बाद कहा- हमारे बीच चीन की दूसरे देशों को नुकसान पहुंचाने के लिए चलाई जा रही गतिविधियों पर चर्चा हुई। उन्होंने जापान के विदेश मंत्री के साथ भी चीन के बारे में चर्चा करने की बात कही।

क्वाड क्या है?

क्वाड को क्वाड्रिलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग के नाम से भी जाना जाता है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ रही सैन्य गतिविधियों पर चिंता जताते हुए अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने मिलकर ‘क्वाड’ (4 देशों का संगठन) बनाया था। 2007 में जापान के पीएम शिंजो आबे ने क्वाड का प्रस्ताव रखा था। इसके सामने आने के बाद रूस और चीन ने विरोध भी जताया था। 2008 में ऑस्ट्रेलिया ग्रुप से बाहर हो गया था। हालांकि, बाद में वह फिर शामिल हो गया था।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
जापान की राजधानी टोक्यो में मंगलवार को क्वाड देशों की बैठक में हिस्सा लेने से पहले फोटो सेशन करवाते भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री।

अमेरिका के 3 वैज्ञानिकों रोजर पेनरोज, रीनहार्ड गेंजेल और आंद्रिया गेज को भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिलेगा, ब्लैक होल और मिल्की वे के रहस्यों को समझाया October 06, 2020 at 12:33AM

2020 के लिए भौतिकी का नोबेल पुरस्कार रोजर पेनरोज, रीनहार्ड गेंजेल और एंड्रिया गेज को दिया जाएगा। रोजर पेनरोज को अल्बर्ट आइंस्टीन के जनरल थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी के बारे में पता करने के लिए मैथेमेटिकल मेथड तैयार करने के लिए यह पुरस्कार दिया जाएगा है। वहीं, गेंजेल और गेज को संयुक्त रूप से ब्लैक होल और मिल्की वे के रहस्यों को समझाने के लिए नोबेल दिया जाएगा।

1901 से लेकर अब तक 113 बार 212 लोगों फिजिक्स में नोबेल पुरस्कार दिया गया है। जॉन बार्डीन को दो बार यह पुरस्कार मिल चुका है। उन्हें एक बार ट्रांजिस्टर और दूसरी बार सुपर कंडक्टिविटी से जुड़े कामों के लिए यह पुरस्कार दिया गया है।

एक नोबेल ज्यादा से ज्यादा तीन लोगों को दिया जा सकता है

एक नोबेल पुरस्कार ज्यादा से ज्यादा तीन विद्वानों को उनके दो अलग-अलग कामों के लिए दिया जा सकता है। पहले वर्ल्ड वार और दूसरे वर्ल्ड वार की वजह से 6 बार फिजिक्स का नोबेल पुरस्कार किसी को भी नहीं दिया गया।

क्या है मिल्की वे

ब्रह्मांड में कई गैलेक्सी (आकाशगंगा) हैं। जिस गैलेक्सी में हम यानी हमारा सौर मंडल आता है, उसे मिल्की वे कहते हैं। आकाश में यह दूधिया पट्टी की तरह दिखाई देती है, इसलिए इसे मिल्की वे नाम दिया गया है। मिल्की वे गोलाकार रूप में है, इसका व्यास 2 लाख प्रकाश वर्ष (लाइट द्वारा एक साल में चली गई दूरी) है। मिल्की वे में 400 अरब तारे हैं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
2020 के नोबेल पुरस्कार विजेता रोजर पेनरोज(दाएं), रीनहार्ड गेंजेल (बीच में) और एंड्रिया गेज (बाएं)।

Kyrgyzstan cancels general election results after unrest October 05, 2020 at 11:26PM

Opposition supporters had seized government buildings overnight and demanded a new election. Hundreds of people were hurt and one person died. The decision to cancel the results of the vote was made in order to “prevent tension” in the country, head of the Commission Nurzhan Shaildabekova told the Interfax news agency.

Was poisoned by authorities as they saw me as a 'threat', says Navalny October 05, 2020 at 11:24PM

Kremlin critic Alexei Navalny said he believed Russia's intelligence services had poisoned him with a Novichok nerve agent because authorities saw him as a threat ahead of next year's parliamentary elections.

Imran's 'Naya Pakistan' rocked by Pashtun, Sindh, Baloch agitations October 05, 2020 at 10:09PM

Pakistan Prime Minister Imran Khan 'Naya Pakistan' is disintegrating both as a concept and country. In just the last few days, three different regions of Pakistan are up in arms against the army-supported Khan government.

Pak govt invokes sedition law against opposition leaders October 05, 2020 at 09:19PM

As opposition parties in Pakistan form a united front for a "political revolution" to "bring law and order" in the country, the Imran Khan-led government has launched multiple crackdowns against opposition leaders using sedition law.