Saturday, May 30, 2020

अमेरिका के 25 शहरों में कर्फ्यू; ट्रम्प की प्रदर्शनकारियों को चेतावनी- हमारे पास खतरनाक कुत्ते और घातक हथियार हैं May 30, 2020 at 07:28PM

अमेरिका के मिनेसोटा राज्य के मिनेपोलिस शहर में पुलिस हिरासत में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद 30 शहरों में प्रदर्शन हो रहे हैं। कई शहरों में शनिवार रात पुलिस और प्रदर्शनकारियों में झड़प हुई। लॉस एंजिल्स, फिलाडेल्फिया और अटलांटा समेत 16 राज्यों के 25 शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। ट्रम्प ने प्रदर्शनकारियों के चेतावनी देते हुए कहा है कि हमारे पास खतरनाक कुत्ते और घातक हथियार हैं।

यह तस्वीर व्हाइट हाउस के बाहर की है। यहां प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे।

प्रदर्शन के दो दिनों के दौरान हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों में 80%मिनेपोलिस से हैं। गुरुवार दोपहर से शनिवार दोपहर तक दंगा, चोरी, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में 51 लोगों को हिरासत में लिया गया। इनमें से 43 लोग मिनेसोटा राज्य के थे।

यह तस्वीर लॉस एंजिल्स शहर की है। यहां प्रदर्शनकारियों ने दुकानों में तोड़फोड़ कर लूट भी की।

ट्रम्प ने कहा- मैं सब देख रहा था
प्रदर्शनकारियों ने व्हाइट हाउस के बाहर भी शुक्रवार को सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन किया था, जिसके बाद इसे बंद कर दिया गया था। शनिवार को भी प्रदर्शनकारी व्हाइट हाउस के बाहर इकट्‌ठा हुए। इसके बाद सुरक्षा अधिकारियों से उनकी झड़प भी हुई। ट्रम्प ने व्हाइट हाउस की सुरक्षा करने वाले अमेरिकी सीक्रेट सर्विस के अधिकारियों की प्रशंसा की है।

ट्रम्प ने कहा, ‘‘वेरी कूल, मैं अंदर था और हर एक घटना देख रहा था। मैं बहुत सुरक्षित महसूस कर रहा था। पेशेवर तरीके से संगठित बड़ी भीड़, लेकिन कोई भी फेंस को तोड़ने के लिए नजदीक नहीं आया। अगर वे आते तो उनका स्वागत खतरनाक कुत्तों और घातक हथियारों से होता। ’’इसके साथ ही ट्रम्प ने वॉशिंगटन डीसी के मेयर मुरेल बाउजर पर अमेरिकी सीक्रेट सर्विस की मदद के लिए पुलिस नहीं मुहैया कराने का आरोप लगाया है।

इन राज्योंमें हो रहा प्रदर्शन
कैलिफोर्निया, कोलोराडो, फ्लोरिडा, जॉर्जिया, इलिनॉय, केंटकी, मिनेसोटा, न्यूयॉर्क, ओहायो, ओरेगन, पेंसिल्वेनिया, साउथ कैरोलिना, टेनेसी, उटाह, वॉशिंगटन, विस्कॉन्सिन।

बिडेन ने कहा- हम दर्द में हैं
डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बिडेन ने भी जॉर्ज फ्लायड की मौत पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि हम एक देश के तौर पर दर्द में हैं।

##

26 मई को फ्लॉयड को गिरफ्तार किया गया था

मिनेपोलिस में 26 मई कोफ्लॉयड को पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया था। इससे पहले एक पुलिस अफसर ने फ्लॉयड को सड़क पर दबोचा था और अपने घुटने से उसकी गर्दन को करीब आठ मिनट तक दबाए रखा था। फ्लॉयड के हाथों में हथकड़ी थी। इसका वीडियो भी वायरल हुआ था। इसमें 40 साल का जॉर्ज लगातार पुलिस अफसर से घुटना हटाने की गुहार लगाता रहा। उसने कहा, 'आपका घुटना मेरे गर्दन पर है। मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं... ।’’ धीरे-धीरे उसकी हरकत बंद हो जाती है। इसके बाद अफसर कहते हैं, ‘उठो और कार में बैठो’ तब भी उसकी कोई प्रतिक्रिया नहीं आती। इस दौरान आस-पास काफी भीड़ जमा होती है। उसे अस्पताल ले जाया जाता है, जहां उसकी मौत हो जाती है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
यह तस्वीर वॉशिंगटन में व्हाइट हाउस के पास की है। यहां प्रदर्शनकारियों ने एक कार में आग लगा दी।

ट्रम्प ने जून में होने वाली जी-7 समिट सितंबर तक टाली, अपने विमान में ही मीडिया को यह जानकारी दी; बैठक में भारत समेत 4 देशों को भी बुलाएंगे May 30, 2020 at 05:19PM

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने जून में होने वाली जी-7समिटटालने का फैसला किया है। उन्होंने शनिवार को अपने आधिकारिक प्लेनएयरफोर्स वन पर इस सम्मेलन से जुड़े सवालों के जवाब देते हुए इस बात की जानकारी दी। ट्रम्प ने कहा, ‘‘मैंने इस शिखर सम्मेलन के टालने का फैसला किया है। मुझे नहीं लगता है कि जी-7 दुनिया की मौजूदा स्थिति का सही ढंग से प्रतिनिधित्व करता है। यह देशों का बहुत पुराना समूह है।’’

ट्रम्प ने यह भी कहा,‘‘जी-7 के बदले एक विस्तारित सम्मेलन बुलाया जाएगा। इसमें भारत, रूस, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों को भी आमंत्रित करना चाहेंगे। अब यह सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के पहले या उसके बाद हो सकता है।’’

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होना था सम्मेलन

जी-7 में अमेरिका, फ्रांस, कनाडा, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान और इटली शामिल हैं। सभी सदस्य देश बारी-बारी से सालाना बैठक का आयोजन करते हैं। इस बार अमेरिका केकैंप डेविड में जी-7 सम्मेलन होना था। हालांकि, कोरोना की वजह से सदस्य देशों के नेताओं का व्यक्तिगत तौर पर आना मुमकिन नहीं था। ऐसे में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जून में यह बैठक बुलाने का फैसला किया गया था।

इससे पहले अमेरिका में 2012 में जी-7 समिट हुई थी

आखिरी बार अमेरिका मेंयह समिट 2012 में हुई थी। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा नेमैरीलैंड के कैंप डेविड में सरकारीइमारत में समिट कराई थी। 2004 मेंपूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश नेजॉर्जिया केसी आइलैंडरिजॉर्ट में इसे आयोजित किया था। अगस्त 2019 मेंजी-7 समिट फ्रांस के बियारिट्ज शहर में हुईथी।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प एयरफोर्स वन से कैनेडी स्पेस सेंटर पर उतरते हुए। इसी प्लेन में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने जी-7 सम्मेलन सितंबर तक टालने की जानकारी दी।

ब्राजील में 24 घंटे में 30 हजार से ज्यादा मरीज मिले, यहां कुल मामले करीब 5 लाख हुए: अब तक 61.54 लाख संक्रमित May 30, 2020 at 04:20PM

दुनिया में अब तक 61 लाख 54 हजार 35 लोग संक्रमित हैं। 27 लाख 34 हजार 637 लोग ठीक हुए हैं। मौतों का आंकड़ा 3 लाख 70 हजार 893 हो गया है। ब्राजील में 24 घंटे में संक्रमण के 30 हजार से ज्यादा मामले मिले हैं। देश में मरीजों की संख्या करीब 5 लाख हो चुकी है।

कोरोनावायरस : 10 सबसे ज्यादा प्रभावित देश

देश

कितने संक्रमित कितनी मौतें कितने ठीक हुए
अमेरिका 18,16,820 1,05,557 5,35,238
ब्राजील 4,98,440 28,834 2,05,371
रूस 3,96,575 4,555 1,67,469
स्पेन 2,86,308 27,125 1,96,958
ब्रिटेन 2,72,826 38,376 उपलब्ध नहीं
इटली 2,32,664 33,340 1,55,633
फ्रांस 1,86,625 28,771 68,268
जर्मनी 1,83,294 8,600 1,64,900
भारत 1,81,827 5,185 86,936
तुर्की 1,63,103 4,515 1,26,984

ये आंकड़ेhttps://ift.tt/37Fny4L से लिए गए हैं।

ब्राजील: मौतों का आंकड़ा फ्रांस से ज्यादा
ब्राजील में एक दिन में 890 लोगों ने दम तोड़ा है। यहां मौतों का कुल आंकड़ा 28 हजार 834 हो गया है। यह संख्या यूरोप के चौथे सबसे संक्रमित देश फ्रांस से ज्यादा हो गई है। फ्रांस में अब तक 28 हजार 771 लोगों की मौत हो चुकी है।

अमेरिका: एक दिन में 960 की मौत
अमेरिका में एक दिन में 960 की जान गई है और 23 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। यहां 1 लाख 5 हजार 557 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 18 लाख 16 हजार से ज्यादा संक्रमित मिल चुके हैं।

स्पेन: 24 घंटे में 271 नए मामले
स्पेन में 24 घंटे में 271 नए मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि देश में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2 लाख 39 हजार 228 हो गई है। मैड्रिड में 95 नए मामले मिले, जबकि कैटालोनिया में 88 मामले सामने आए हैं। स्पेन में पिछले सात दिनों में 43 मौतें हुई हैं। कुल मौतों की संख्या बढ़कर 27,125 हो गई है। स्पेन में लॉकडाउन में ढील देने के लिए 28 अप्रैल से चार चरणों का प्लान शुरू किया गया है। इसमें पहली चरण की शुरुआत 11 मई से हुई है।

सऊदी अरब: 1618 नए केस मिले
सऊदी अरब में 1618 नए मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने ट्वीट कर ये जानकारी दी। देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 83 हजार 384 हो गई है। इस दौरान 22 मौतें सामने आने के बाद कुल मौतों की संख्या बढ़कर 480 हो गई है। देश में 1870 मरीज स्वस्थ हुए हैं। स्वस्थ मरीजों की संख्या बढ़कर 58 हजार 883 हो गयी है। स्वास्थ्य मंत्री तौफीक अल-रबिया ने जनता से एहतियात बरतने की अपील की है।

कतर: 2,355 नए मामले
कतर में 24 घंटे में 2,355 नए मामले सामने आए हैं। संक्रमितों की संख्या बढ़कर 55 हजार 262 हो गई है। यहां मौतों की संख्या 36 पर स्थिर है। एक दिन में 5,235 मरीजों की हालत में सुधार आया है। कुल स्वस्थ मरीजों की संख्या बढ़कर 25 हजार 839 हो गई है। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, विदेशी श्रमिकों और कतर के नागरिकों के बीच नए मामले सामने आए हैं। कतर में संक्रमण का खतरा बढ़ने के बावजूद रविवार से ज्यादातर बिजनेसेज खुल रहे हैं।

चिली: 94,858 मामले
चिली में शनिवार को संक्रमितों की संख्या 94 हजार 858 हो गई है। वहीं, 997 लोगों की इस बीमारी से मौतें हो चुकी हैं। 24 घंटें में 4,220 नए मामले सामने आए हैं और 53 मौतें हुई हैं। इस बीमारी से अब तक 40 हजार 431 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
रियो डी जेनेरियो में स्थित एक कब्रिस्तान में कोरोना से जान गंवाने वाले युवक का शव दफन करते लोग।

विशेषज्ञों की राय: बारिश में बढ़ सकता है कोरोना संक्रमण, नमी में तीव्र होते हैं वायरस May 30, 2020 at 02:23PM

अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी एपलाइड फिजिक्स लेबोरेटरी के वरिष्ठ वैज्ञानिक जेर्ड इवांस कहते हैं कि अभी यह पता नहीं कि सीमित बारिश का असर वायरस पर क्या होगा। हालांकि, अधिकांश विशेषज्ञ यह मानते हैं कि बारिश में नमी के कारण वायरस तीव्र हो जाता है, जिससे बारिश में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

हालांकि, वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के ग्लोबल हेल्थ, मेडिसिन और एपिडिमियोलॉजी के प्रोफेसर जेर्ड बेटेन कहते हैं कि बारिश कोरोनावायरस को डायल्यूट (घोलकर कमजोर कर देना) कर सकती है। जिस तरह धूल बारिश के पानी में घुलकर बह जाती है, ठीक वैसे ही यह कोरोनावायरस भी बह सकता है। वहीं कई विशेषज्ञों का मानना है कि बारिश साबुन के पानी की तरह सतह को डिसइंफेक्ट करने में सक्षम नहीं है।

बारिश और कोरोना से जुड़े दो अहम सवाल

क्या बारिश से वायरस साफ नहीं हो सकते हैं?

यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड के मुताबिक, ऐसे मामले भी आए हैं जिनमें 17 दिनों के बाद भी सतह पर कोरोना वायरस पाया गया है। ऐसे में फिलहाल यह नहीं कहा जा सकता है कि बारिश से किसी सतह, मैदान या कुर्सी पर लगा वायरस साफ हो जाएगा। इसलिए बारिश में अतिरिक्त सावधानी जरूरी है।

क्या बारिश से कोरोनावायरस धीमा भी नहीं पड़ेगा?
यूनिवर्सिटी ऑफ डेलावेयर की एपिडिमियोलॉजी डिपार्टमेंट की संस्थापक और वैज्ञानिक जेनिफर होर्ने के मुताबिक, बारिश का पानी वायरस की सफाई नहीं कर सकता है। इससे वायरस फैलने-पनपने की रफ्तार भी धीमी नहीं होगी। यह उसी तरह है कि हाथ पानी से धोएंगे तो वायरस नहीं मरेगा, साबुन लगाना पड़ेगा।

भारतीय विशेषज्ञ भी बोले- वायरस की सक्रियता बढ़ेगी

ये तीन तथ्य जो बताते हैं कि बारिश में सावधानी बढ़ानी पड़ेगी

  • वायरस देर तक रहता है: एम्स के कम्यूनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. संजय राय का कहना है कि बारिश और कोरोना पर अध्ययन नहीं हुआ है। लेकिन, वायरस की सक्रियता में कमी नहीं बल्कि तीव्रता और बढ़ेगी। बारिश में तापमान और आद्रता किसी भी वायरस के फैलने और अधिक देर तक रहने में मददगार होती है।
  • जहां बारिश वहां भी मामले आए: आईसीएमआर की ओर से कोविड-19 के लिए बनाई गई रिसर्च और ऑपरेशन टीम के सदस्य को-एपिडेमोलॉजिस्ट प्रो.डॉ.नरेंद्र अरोड़ा कहते हैं कि बारिश में कोरोना कम होगा इसकी संभावना नहीं है। इंडोनेशिया और सिंगापुर में पूरे वर्ष बारिश होती है, लेकिन वहां लगातार मामले आ रहे हैं।
  • अस्पताल पर बोझ बढ़ेगा: राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के डॉ.एसी धारीवाल कहते हैं कि बारिश के मौसम में डेंगू, चिकनगुनिया, सामान्य फ्लू वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ेगी, यह एक अलग परेशानी है। ज्यादा लोग अस्पताल में भर्ती होंगे तो संक्रमण का खतरा भी ज्यादा होगा।

(इनपुट: पवन कुमार)



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
यूनिवर्सिटी ऑफ डेलावेयर की एपिडिमियोलॉजी डिपार्टमेंट की संस्थापक और वैज्ञानिक जेनिफर होर्ने के मुताबिक, बारिश का पानी वायरस की सफाई नहीं कर सकता है। -प्रतीकात्मक फोटो

हॉटस्पॉट न्यूयॉर्क में 83 दिन के बाद काम पर लौटेंगे 4 लाख लोग, चर्च भी खुला मगर 10 से ज्यादा लोगों को इकट्ठा होने की अनुमति नहीं May 30, 2020 at 02:22PM

अमेरिका में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित न्यूयॉर्क सिटी में 8 जून से लॉकडाउन खुल जाएगा। करीब 4 लाख कर्मचारी 83 दिन के बाद काम पर लौट सकेंगे। न्यूयॉर्क के गवर्नर एंड्रयू क्यूमो ने इसकी घोषणा की है। न्यूयॉर्क सिटी 15 मार्च से बंद है। इस महीने की शुरुआत में न्यूयॉर्क राज्य के ज्यादातर क्षेत्रों में लॉकडाउन में ढील दी गई थी, लेकिन न्यूयॉर्क सिटी में नहीं दी गई थी।

गवर्नर क्यूमो ने कहा है कि न्यूयॉर्क सिटी में अलग-अलग चरणों में लॉकडाउन में ढील दी जाएगी। पहले चरण में निर्माण कार्य, उत्पादन और माल की थोक आपूर्ति की अनुमति दी जा रही है। लोग कृषि, वानिकी और मछली पालन के कार्य दोबारा शुरू कर सकेंगे। न्यूयॉर्क के अन्य 5 क्षेत्र लॉकडाउन में छूट के दूसरे चरण में खोले जाएंगे।

इसके तहत रियल एस्टेट सर्विस, खुदरा दुकानें और कुछ हेयर सैलून खोलने की अनुमति होगी। अमेरिका में 17.99 लाख से ज्यादा मरीज और एक लाख से ज्यादा मौतें हुई हैं। न्यूयॉर्क सिटी में 1.99 लाख केस और 20,000 मौतें हुई हैं।

टकराव: अमेरिका ने चीनी छात्रों को आने से रोका; चीन बोला- यह नस्लवाद है

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से संबंध रखने वाले चीनी छात्रों और शोधकर्ताओं के देश में प्रवेश पर रोक लगाने की घोषणा की है। ट्रम्प ने कहा कि चीन अपनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के आधुनिकीकरण के लिए संवदेनशील अमेरिकी टेक्नोलॉजी और बौद्धिक संपदा को हासिल करने का अभियान चला रहा है।

यह स्थिति अमेरिका के लिए जोखिम भरी है। इस मामले पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि अमेरिका शीत युद्ध की योजना बना रहा है। अमेरिका चीनी छात्रों के कानूनी अधिकारों का उल्लंघन न करे। वह नस्लवादी रुख न अपनाए।

यूरोप: पर्यटन उद्योग बचाने के लिए बॉर्डर खोलने की तैयारी
यूरोपीय देशों में ऑफिस, रेस्तरां और कुछ उद्योग खुल चुके हैं। अब इन देशों की सरकारें पर्यटन उद्योगों को बचाने की योजना बना रही है। इसके लिए ये देश बॉर्डर खोलने की तैयारी कर रहे हैं, खासकर शेंगेन क्षेत्र के देश। इस क्षेत्र में 26 देश हैं। इस क्षेत्र में शामिल देशों के लोगों को यहां घरेलू यात्रा की तरह आवागमन की अनुमति है।

यह लक्जमबर्ग के शेंगेन शहर में 1985 में हुए समझौते का हिस्सा है। बॉर्डर खोलने के लिए यूरोपीय अधिकारी नई गाइडलाइंस तैयार कर रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि सब ठीक रहा तो बुल्गारिया, सर्बिया की सीमाएं 1 जून से खुल जाएंगी। वहीं ग्रीस ने यूरोपीय देशों समेत 29 देशों की सूची तैयार की है।

इन देशों के लिए ग्रीस 15 जून से खुल सकता है। चेक रिपब्लिक, हंगरी, स्लोवाकिया भी इसी तरह की तैयारियां कर रहे हैं। फ्रांस, जर्मनी और पश्चिमी यूरोप के अन्य देश आपस में इस मसले पर बात कर रहे हैं। ये भी 15 जून से बॉर्डर खोल सकते हैं।

चर्च खुल रहे, अब कारोबार खुलने को तैयार...

न्यूयॉर्क सिटी का सेंट मेल चर्च खुल गया है, लेकिन यहां 10 से ज्यादा लोग एक साथ जमा नहीं हो सकते। अब शहर में जल्द ही कारोबार भी खुलने वाला है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
न्यूयॉर्क सिटी का सेंट मेल चर्च खुल गया है, लेकिन यहां भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए कहा गया है।

रेल मंत्री राशिद का दावा- तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ 1998 में भारत के परमाणु परीक्षण के जवाब में टेस्ट करने के खिलाफ थे May 30, 2020 at 06:22AM

पाकिस्तान के रेल मंत्री शेख राशिद ने शनिवार को दावा किया कि तत्कालानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ 1998 में भारत के परमाणु परीक्षण के जवाब में टेस्ट करने के खिलाफ थे।

उन्होंने कहा- शरीफ और उनकी पूरी कैबिनेट भारत के जवाब में न्यूक्लियर टेस्ट करने के खिलाफ थी। सिर्फ राजा जफरुल हक, गौहर आयूब और मैं परमाणु परीक्षण करने के फैसले के पक्ष में थे। राशिद 1998 में शरीफ की कैबिनेट में शामिल थे।

मैं न्यूक्लियर टेस्ट के समय स्पेशल ड्यूटी पर विदेश में था: राशिद

राशिद से जब यह सवाल पूछा गया है कि 28 मई 1998 में अगर शरीफ के आदेश पर न्यूक्लियर टेस्ट नहीं हुआ तो फिर किसके आदेश पर ऐसा हुआ?इस पर उन्होंने इशारों-इशारों में इसके पीछे सेना का हाथ बताया। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा और गोपनीयता से जुड़ा मामला है, इसे ऐसे ही रहने देना चाहिए।परमाणु परीक्षण के समय विदेश जाने से जुड़े सवाल के जवाब में उन्होंने कहा- मैं स्पेशल ड्यूटी पर विदेश गया था।

नवाज से परमाणु परीक्षण का श्रेय कोई नहीं ले सकता: पीएमएल-एन

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के नेता राणा सनाउल्लाह ने परमाणु परीक्षण से जुड़े रेल मंत्री के दावे को खारिज किया है। राणा ने कहा कि पूरी दुनिया जानती है कि अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद शरीफ ने 1998 में परमाणु परीक्षण किया था। ऐसे में बार-बार पाला बदलने वाले राशिद, शरीफ से न्यूक्लियर टेस्ट करने का श्रेय़ नहीं ले सकते हैं।

रेल मंत्री राशिद के दावे में दम नहीं: शाहबाज

शरीफ के छोटे भाई और पीएमएल-एन के अध्यक्ष शाहबाज शरीफ ने कहा,‘‘1998 में भारत के परमाणु परीक्षण करने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने सेना के आला अफसरों को तैयारी करने के लिए कहा था और भारत को उसी की भाषा में जवाब देने को कहा था।’’

'नवाज शरीफ ने बिना दबाव में आए परमाणु परीक्षण की मंजूरी दी'
उन्होंने कहा, ‘‘तब नवाज शरीफ ने न तो बड़ा आर्थिक पैकेज स्वीकार किया और न ही अंतरराष्ट्रीय दबाव के आगे झुके।’’ शाहबाज ने आगे कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के दिवंगत नेता जुल्फिकार अली भुट्टो ने देश में परमाणु कार्यक्रम की शुरुआत की थी।

शरीफ फिलहाल लंदन में इलाज करा रहे

1998 में जब पाकिस्तान ने परमाणु परीक्षण किया था, तब शरीफ दूसरी बार प्रधानमंत्री बने थे। साल 2018 में भ्रष्टाचार के मामले में उन्हें दोषी करार दिया और जेल की सजा सुनाई गई। जेल में तबियत खराब होने के बाद उन्हें इलाज के लिए लंदन जाने की इजाजत दी गई। इस बीच, पाकिस्तान कीअकाउंटेबिलिटी कोर्ट ने भ्रष्टाचार के मामले में पेश नहीं होने पर पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।

कोर्ट ने शरीफ के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया

इस्लामाबाद की कोर्ट ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री शरीफ, पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के खिलाफ विदेशी मेहमानों से कथित रूप से लग्जरी गाड़ियां और अन्य गिफ्ट हासिल करने के मामले में सुनवाई की। नियमों के तहत ये सभी उपहार राष्ट्रीय संपत्ति होती है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज ने रेल मंत्री शेख राशिद के दावे को खारिज करते हुए कहा- नवाज शरीफ से परमाणु परीक्षण करने का श्रेय कोई नहीं ले सकता। -फाइल

Their Minneapolis restaurant burned, but they back the protest May 30, 2020 at 05:13AM

On Friday morning, as dawn broke through the smoke hanging over Minneapolis, the Gandhi Mahal Restaurant was severely damaged by fire. Hafsa Islam, whose father owns the Bangladeshi Indian restaurant with members of his family, woke at 6 am to hear the news. “At first, I was angry,” said Islam, 18. “This is my family’s main source of income.”

EU urges Trump to rethink cutting funding to WHO May 30, 2020 at 04:15AM

The European Union on Saturday urged US President Donald Trump to rethink his decision to cut American funding for the World Health Organisation amid global criticism of the move, as spiking infection rates in India and elsewhere served as a reminder the global pandemic is far from contained.

सुरक्षा परिषद के नॉन-परमानेंट मेंबर के लिए अगले महीने चुनाव, भारत की एक सीट पक्की May 30, 2020 at 04:20AM

संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने सुरक्षा परिषद के पांच नॉन-परमानेंट मेंबरों के लिए जून में चुनाव कराने का फैसला लिया है। भारत की एक सीट पक्की मानी जा रहीहै, क्योंकि एशिया-प्रशांत सीट से केवल भारत ही एकमात्र दावेदार है।

193 सदस्यों वाली महासभा ने कोरोना महामारी के कारण शुक्रवार को पूरे सदस्यों की बैठक के बिना गुप्त मतदान के जरिए चुनाव कराने का फैसला लिया। फैसले के अनुसार साल2021-22 के कार्यकाल के लिए 17 जून से चुनाव कराए जाएंगे। भारत भी नॉन-परमानेंट मेंबर की एक सीट के लिए उम्मीदवार है और उसकी जीत पक्की मानी जा रही है।

सुरक्षा परिषद में नॉन-परमानेंट मेंबर के लिए 10 सीट खाली हैं। हर साल पांच सीटों पर चुनाव कराया जाता है। नॉन-परमानेंट मेंबर का कार्यकाल दो साल का होता है।

भारत कोपाकिस्तान और चीन का समर्थन
भारत की उम्मीदवारी को चीन और पाकिस्तान सहित एशिया-प्रशांत समूह के 55 सदस्यों ने पिछले साल जून में सर्वसम्मति से समर्थन दिया था। मतदान के तरीके में बदलाव से भारत पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उसकी एक सीट पक्की है।

इस तरह होंगे चुनाव
परंपरागत रूप से, सुरक्षा परिषदका चुनाव महासभा हॉल में आयोजित किया जाता है, जिसमें 193 सदस्यगुप्त मतदान करते हैं। अब कोरोना महामारी के कारण संयुक्त राष्ट्र में बड़ी बैठकें जून के अंत तक रोक दी गई हैं। नई मतदान व्यवस्था के तहत चुनाव 10 दिनों तक चलेंगे।

महासभा के अध्यक्ष तिजानी मोहम्मद-बंदे सभी मेंबरों को एक लेटर भेजेंगे। साथ ही यह भी बताएंगे कि किस तारीख को किस सीट के लिए चुनाव होगा। सभी मेंबरों को एक तय समय अलॉट किया जाएगा। जब चुनाव होगा तो मेंबर देश महासभा हॉल में अपने समय में आकर मतदान करेगा।

कौन-कौन से देश मैदान में
कनाडा, आयरलैंड और नॉर्वे पश्चिमी यूरोप और अन्य देशों की श्रेणी की दो सीटों के लिए मैदान में हैं। मैक्सिको लैटिन अमेरिका और कैरेबियन सीट से अकेला उम्मीदवार है। अफ्रीका की सीट के लिए केन्या और जिबूती आमने-सामने हैं।

भारत अब तक सात बार चुना जा चुका है
भारत अभी तक सात बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में नॉन-परमानेंट मेंबर रह चुका है। सबसे पहली बार साल 1950-51 के लिए भारत को चुना गया था। इसके बाद 1967-68, 1972-73, 1977-78, 1984-85, 1991-92 और 2011-12 में भी भारत सुरक्षा परिषद का नॉन-परमानेंट मेंबर रहा है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
सुरक्षा परिषद का चुनाव महासभा हॉल में आयोजित किया जाता है, जिसमें 193 सदस्य गुप्त मतदान करते हैं। कोरोना के कारण इस बार व्यवस्था बदली गई है। -फाइल फोटो

Nawaz Sharif was against Pakistan's nuclear tests: Sheikh Rasheed May 30, 2020 at 02:40AM

Pakistan's Railways Minister Shiekh Rashid on Saturday claimed that the then prime minister Nawaz Sharif was against conducting the nuclear tests in 1998 in response to India's tests.

Drive-in UK care home visits for socially distant times May 30, 2020 at 12:50AM

पहली बार निजी कंपनी दो अंतरिक्ष यात्रियों को आईएसएस ले जाएगी, तीन दिन पहले मौसम खराब होने पर टला था मिशन May 30, 2020 at 01:10AM

यदि मौसम ठीक रहा तो आज अमेरिका अपने दो अंतरिक्ष यात्रियों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन भेजेगा। इन अंतरिक्ष यात्रियों को पहली बार प्राईवेट कंपनी स्पेसएक्स के क्री ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से भेजा जाएगा। इस एतिहासिक मिशन का नाम ‘क्रू डेमो-2’ रखा है। 21 जुलाई 2011 के बाद अब पहली बार अमेरिकी धरती से अमेरिकी रॉकेट पर कोई मानव मिशन अंतरिक्ष में जाएगा। स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट को अमेरिका के सबसे भरोसेमंद रॉकेट फॉल्कन-9 से ऊपर भेजा जाएगा।

स्पेसएक्स अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्क की कंपनी है। यह नासा के साथ मिलकर भविष्य के लिए कई अंतरिक्ष मिशन पर काम कर रही है। इसके स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्षयात्री रॉबर्ट बेनकेन और डगलस हर्ले को आईएसएस पर भेजा जाएगा।

27 मई को 17 मिनट पहले टला था मिशन
पहले इस मिशन को 27 मई की रात को नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लांच होना था, लेकिन मौसम खराब होने की वजह से 17 मिनट पहले ही मिशन रोक दिया गया था। नासा ने कोरोना को देखते हुए लोगों से अपने घरों पर रहने और लॉन्चिंग देखने के लिए न आने की अपील की थी। हालांकि, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उनकी बेटी इवांका ट्रम्प अपने पति जेयर्ड और दोनों बच्चों के साथ केनेडी स्पेस सेंटर पहुंची थीं।

मौसम के 50 प्रतिशत अनुकूल रहने की संभावना
नासा के एडमिनिस्ट्रेटर जिम ब्रिडेनस्टाइन ने कहा कि शनिवार को मौसम के अनुकूल रहने की 50 प्रतिशत संभावना है। अगर मौसम ने साथ नहीं दिया तो लॉन्चिंग रविवार तक या इससे भी आगे के लिए भी टल सकती है। उन्होंने रिपोर्टरों से बताया, ‘‘हम शनिवार और रविवार को लॉन्चिंग के लिए देख रहै हैं। हालांकि, दो या तीन जून को लॉन्चिंग रखी जा सकती है। ’’

20 साल साल से मिशन पर काम चल रहा है

  • नासा 2000 के दशक की शुरुआत से ही अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर क्रू की आवाजाही का काम छोड़ने की योजना बना रहा है। इसी के तहत, उसने एक प्रोग्राम शुरू किया। इसमें निजी फर्मों को शामिल किया जाएगा।
  • अमेरिका ने 2011 में यान भेजने बंद कर दिए थे। इसके बाद अमेरिकी अंतरिक्ष अभियानों को रूस की उड़ानों का सहारा लेना पड़ा। इसका खर्च लगातार बढ़ता जा रहा था। इसके बाद नासा ने स्पेस एक्स को बड़ी आर्थिक मदद देकर अंतरिक्ष मिशन के लिए मंजूरी दी। एलन मस्क की इस कंपनी ने 2012 में पहली बार अंतरिक्ष में अपना कैप्सूल भेजा।
  • इसके बाद अमेरिकी कारोबारी एलन मस्क की स्पेसएक्स एयरोस्पेस सेक्टर की दिग्गज कंपनी बोइंग के साथ आगे आई। एलन मस्क ने स्पेसएक्स कंपनी को 2002 में बनाया था। इसका मकसद अंतरिक्ष में ट्रांसपोर्टेशन की लागत को कम करना है। साथ ही मंगल ग्रह पर इंसानी बस्तियां बनाना भी है।

टेस्टिंग के दौरान स्पेसएक्स के रॉकेट में विस्फोट
स्पेसएक्स इस समय एक हैवी लिफ्ट रॉकेट स्टारशिप पर भी काम कर रहा है। इस रॉकेट के एक प्रोटोटाइप में टेक्सास में लॉन्चिंग के दौरान विस्फोट हो गया। स्पेसएक्स के बोका चिका टेस्टिंग साइट पर शुक्रवार को टेस्टिंग की लाइव रिकॉर्डिंग चल रही थी। इसी यह इसमें विस्फोट हो गया जो लाइव रिकॉर्ड हुआ। यह रॉकेट अंतरिक्षयात्रियों को ले जाने वाले रॉकेट से बिल्कुल अलग है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
नासा ने इस एतिहासिक मिशन का नाम ‘क्रू डेमो-2’ रखा है। 21 जुलाई 2011 के बाद अब पहली बार अमेरिकी धरती से अमेरिकी रॉकेट पर कोई मानव मिशन अंतरिक्ष में जाएगा।

In unusual move, US embassies in Africa speak up on Floyd May 30, 2020 at 12:19AM

As Minneapolis burns over the police killing of George Floyd and shock and disappointment in Africa grow, some US embassies on the continent have taken the unusual step of issuing critical statements, saying no one is above the law.

Israeli police kill unarmed Palestinian in Jerusalem May 29, 2020 at 11:03PM

अमेरिकी सांसद बोले- संपन्न, ताकतवर और लोकतांत्रिक भारत ही चीन के गलत मंसूबो को नाकाम करेगा May 29, 2020 at 09:42PM

एक अमेरिकी सीनेटर ने कहा है कि संपन्न, ताकतवर और लोकतांत्रिक भारत ही चीन के गलत मंसूबों को नाकाम करेगा। चीन और अमेरिका में मौजूदा दौर में तनाव बहुत बढ़ा हुआ है। दोनों देशों में कोरोनावायरस के सोर्स, हॉन्गकॉन्ग में नया सुरक्षा कानून और साउथ चाइना सी (दक्षिण चीन सागर) जैसे मुद्दों को लेकर टकराव बढ़ गया है।
टेक्सॉस से रिपब्लिक पार्टी के सीनेटर जॉन कॉर्निन ने गुरुवार को ट्वीट किया। इसके साथ ही उन्होंने वॉल स्ट्रीट जर्नल में विदेश मामलों के जानकार वॉल्टर रसेल मीड के एक लेख को शेयर किया, इसमें कहा गया है कि अमेरिका को भारत की लॉन्गटर्म विकास दर को उठाने में मदद करनी चाहिए। यह अमेरिका की विदेश नीति का पहला लक्ष्य होना चाहिए।

भारत हमारा नेचुरल सहयोगी
रसेल मीड लिखा, ‘‘अमेरिका ने शीत युद्ध में जीत लोकतांत्रिक देशों को अमीर बनाने में मदद करके पाई थी। अब उसी रणनीति को दोबारा से शुरू करने का समय है और भारत वह जगह है जहां से इसकी शुरुआत होनी चाहिए। ’’ मीड ने कहा कि चीन के साथ नए शीत युद्ध में भारत, अमेरिका का नेचुरल सहयोगी है।

भारतीय इकोनॉमी को तेज धक्के की जरूरत
मीड ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी बीजेपी जब तक भारत की इकोनॉमी को तेज धक्का नहीं लगातीतब तक विकास दर स्थिर रहेगी। ऐसे में यह हर साल एक नियत दर से बढ़ेगी, जिससे भारत चीन से बहुत पीछे हो जाएगा। रसेल मीड ने कहा कि यह भारत और एशिया दोनों के लिए अच्छा नहीं होगा। भारत में अगर विकास दर तेजी से बढ़ेगी तो कई लोग गरीबी से बाहर निकलेंगे, लेकिन भारतीय समाज शासन के लिहाज से बहुत कठिन है। यहां सुधारों को लागू करने में बहुत कठिनाई होती है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
पीएम मोदी और सीनेटर जॉन कॉर्निन यह फोटो 2019 में सितंबर में अमेरिका दौरे की है। जॉन कॉर्निन अपनी पत्नी का बर्थडे छोड़कर हाऊडी मोदी कार्यक्रम में शामिल हुए थे। मोदी ने इस पर एक वीडियो जारी कर उनकी पत्नी से माफी भी मांगी थी। -फाइल फोटो

Officer charged with George Floyd's death as protests flare May 29, 2020 at 09:34PM

The white Minneapolis police officer who pressed his knee into George Floyd's neck as he begged for air was arrested on Friday and charged with murder, and crowds broke overnight curfews imposed to try to stem violent protests over police killings of African Americans that have spread to cities across the US.

अमेरिका और ब्रिटेन ने चीन के नए सुरक्षा कानून पर चिंता जताई, चीन और रूस बोले- अपने काम से मतलब रखें May 29, 2020 at 07:49PM

हॉन्गकॉन्ग में चीन के ओर से लागू किए गए विवादित सुरक्षा कानून का मुद्दा अब संयुक्त राष्ट्र में पहुंच गया है। संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) मेंशुक्रवार को इस मामले पर चर्चाहुई। चर्चा में अमेरिका और ब्रिटेन ने चीन के नए कदम पर चिंता जताई है। जवाब में चीन ने कहा कि अपने काम से मतलब रखें। रूस ने इस मामले पर चीन का साथ दिया है।

बंद कमरे में वर्चुअल मीटिंग हुई
चीन ने हॉन्गकॉन्ग में नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया है, जिसके तहत चीन का विरोध करना देशद्रोह माना जाएगा। इसको लेकर अमेरिका ने सुरक्षा परिषद से औपचारिक और खुली बैठक की मांग की थी। अलजजीरा की खबर के मुताबिक 15 सदस्यीय परिषदने खुले तौर पर चर्चा करने से मना कर दिया, लेकिन बंद कमरे में अनौपचारिक रूप से वर्चुअल मीटिंग हुई। मालूम हो किबंद कमरे पर हुई किसी भी बैठक का रिकॉर्ड नहीं रखा जाता है और इसका आधिकारिक बयान भी नहीं जारी होता।

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के दूत केली क्राप्ट ने पूछा, ‘‘क्या हम हॉन्गकॉन्ग के लाखों नागरिकों के मानवाधिकार और सम्मान से जीने के अधिकारों की रक्षा के लिए एक स्डैंड लेगें?... या क्या हम चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करने और उसकी इच्छा को हॉन्गकॉन्ग के लोगों पर थोपने की अनुमति देंगे।’’ ब्रिटेन के दूत जोनाथन एलेन ने कहा, ‘‘चीन का नया कानून हॉन्गकॉन्ग के लोगों की स्वतंत्रता पर खतरा है। हम इस बात से भी चिंतित हैं कि ... यह हांगकांग में विभाजन को बढ़ा देगा।’’

रूस ने कहा अमेरिका अपने यहां खुद प्रदर्शनकारियों को कुचल रहा
चीन और रूस के दूतों ने परिषद की चर्चा के दौरान अमेरिका में अश्वेत की पुलिस की बर्बरता से हत्या करने का मुद्दा उठाया। रूस के दूत दमित्री पोलंस्की ने परिषद की चर्चा के बाद ट्विटर पर पोस्ट किया, ‘‘हॉन्गकॉन्ग में शांति और व्यवस्था को बहाल करने के चीन के अधिकार पर अमेरिका को क्यों आपत्ति है? जबकि वह अपने यहां खुद प्रदर्शनकारियों को बेरहमी से कुचल रहा है।’’ चीन के दूत झांग जुन ने एक बयान में कहा कि अमेरिका और ब्रिटेन को चीन के आंतरिक मामलों में दखल देने के बजाय अपने काम से मतलब रखना चाहिए।

ट्रम्प ने कहा- अमेरिकी यूनिवर्सिटी में चीनी छात्रों को आने से रोकेंगे
ट्रम्प ने शुक्रवार को कहा कि वह अमेरिका की तरफ से हॉन्गकॉन्ग को मिले कई विशेष अधिकारों को समाप्त करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिकी यूनिवर्सिटी में चीन से आने वाले छात्रों की संख्या में कटौती करेंगें।

अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया पहले भी कर चुके चीन की आलोचना
हॉन्गकॉन्ग के मुद्दे पर सुरक्षा परिषदकी चर्चा से पहले गुरुवार को अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने एक संयुक्त बयान जारी कर चीन के इस कदम की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि चीन का यह कदम ‘एक देश, दो सिस्टम’ ढांचे को कमजोर करेगा। इसके साछ ही यह यूएन में दर्ज चीन-ब्रिटिश के संयुक्त घोषणा के सिद्धांतों का भी हनन है।

साउथ चाइना सी से होकर गुजरा अमेरिकी वॉरशिप

साउथ चाइना सी (दक्षिण चीन सागर) में चीन को चुनौती देते हुए अमेरिका का जंगी जहाज गुजरा है। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरीकी नौ सेना के आर्ले बर्क श्रेणी का डिस्ट्रॉयर यूएसएस मस्टिन पारासेलआईलैंड के पास से गुजरा। अमेरिकी नैवी के सातवें बेड़े के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट एंथनी जुंको ने कहा, ‘‘28 मई को यूएसएस मस्टिन अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप पारासेल आईलैंड के पास से गुजरा और इस क्षेत्र में सबका अधिकार होने का दावा किया।’’ चीन के साथ वियतनाम और ताइवान भी पारासेल आईलैंड में अपना दावा करते हैं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
चीन के नए सुरक्षा कानून के विरोध में हॉन्गकॉन्ग में प्रदर्शन करते लोकतंत्र समर्थक। - फाइल फोटो

China home-built aircraft carrier conducting sea trials May 29, 2020 at 08:40PM

The Shandong's commissioning last year by Chinese President Xi Jinping underscored the country's rise as a regional naval power at a time of tensions with the US and others over trade, Taiwan and the South China Sea. It is the second Chinese aircraft carrier to enter service after the Liaoning, which was originally purchased as a hulk from Ukraine and entirely refurbished.

Trump bans entry of certain groups of Chinese students to US May 29, 2020 at 06:49PM

In his proclamation, announced on Friday, POTUS stated that the People’s Republic of China (PRC) is engaged in a wide‑ranging and heavily resourced campaign to acquire sensitive US technologies and intellectual property, in part to bolster the modernization and capability of its military.