Monday, December 21, 2020

Pak grants permission for construction of Hindu temple December 21, 2020 at 08:21PM

The plot for the first Hindu temple in Islamabad was allotted to the Hindu Panchayat by the Capital Development Authority in 2017. However, the construction work was delayed due to some formalities, including the approval of the site map and documents from the CDA and other relevant authorities.

US Congress approves $900 bn stimulus package December 21, 2020 at 08:17PM

As the Covid-19 death count rises amid a massive resurgence of the virus that further threatens the economy, Republican and Democratic legislators finally hammered out a bill after months of wrangling and partisan finger-pointing.

Cyberattack hit key US Treasury systems: senator December 21, 2020 at 06:20PM

The US government admitted last week that computer systems in multiple departments were penetrated by attackers who hacked in through widely used security software made by the US company SolarWinds. Members of Congress briefed by US intelligence, as well as Secretary of State Mike Pompeo and Attorney General Bill Barr, have all said Russians were behind the hack.

#MeToo rocks Turkey's literary world December 21, 2020 at 06:16PM

Sexual assault and harassment allegations have shaken Turkey's literary world, creating a rare #MeToo moment as women break taboos and speak out in the largely patriarchical country. Adding a dark undertone, it has also led to the suicide of one author who was singled out after allegedly sending a series of lewd text messages to younger women.

Malaysia buys AstraZeneca vaccines, seeks more from China, Russia December 21, 2020 at 06:16PM

The Southeast Asian country has already secured 12.8 million doses from its deal with Pfizer-BioNTech signed last month, as well as from its participation in the global Covax facility, backed by the World Health Organization (WHO). Under the Pfizer deal, it will receive 1 million doses in the first quarter of 2021 and 1.7 million, 5.8 million and 4.3 million doses in the subsequent quarters.

पाकिस्तान ने UAE से कहा- इजराइल को मान्यता नहीं देंगे; सऊदी एम्बेसडर से मिले इमरान खान December 21, 2020 at 06:33PM

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि उनकी सरकार इजराइल को मान्यता नहीं देगी। कुरैशी के मुताबिक, पाकिस्तान के लिए फिलिस्तीन का मसला सबसे अहम है। पहले इसे सुलझाना होगा। दूसरी तरफ, सऊदी अरब के कर्ज की दो किस्तें चुकाने के बाद इमरान खान ने यहां के राजदूत से मुलाकात की। मुलाकात के बारे में ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई।

UAE से खाली हाथ लौटे थे कुरैशी
पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी पिछले हफ्ते UAE दौरे पर गए थे। UAE ने दो महीने पहले पाकिस्तानी नागरिकों को किसी भी तरह के वीजा जारी करने पर रोक लगा दी थी। वो इजराइल को भी मान्यता दे चुका है। माना जा रहा है कि कुरैशी यूएई से यह अपील करने गए थे कि वो पाकिस्तानी नागरिकों पर लगे वीजा बैन को रद्द कर दे। लेकिन, यूएई सरकार ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि UAE और सऊदी अरब पाकिस्तान पर इजराइल को मान्यता देने का दबाव डाल रहे हैं।

इजराइल पर अड़ा पाकिस्तान
मुल्तान में मीडिया से बातचीत के दौरान सोमवार शाम कुरैशी ने कहा- मैंने यूएई सरकार को साफ कर दिया है कि जब तक फिलिस्तीन का मुद्दा हल नहीं हो जाता, तब तक हम इजराइल को मान्यता नहीं देंगे। इजराइल और फिलिस्तीन को लेकर हमारी जो पॉलिसी है, हम उसमें किसी तरह का बदलाव नहीं करेंगे।

प्रधानमंत्री की बात ही काट दी
इमरान ने पिछले दिनों साफ तौर पर कहा था कि इजराइल को मान्यता देने के लिए उन पर अमेरिका के अलावा एक और देश का दबाव है। लेकिन, कुरैशी ने अपने प्रधानमंत्री के बयान को ही खारिज कर दिया। कहा- इजराइल मामले में हम पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं है।

इमरान से मिले सऊदी राजदूत
सऊदी अरब पाकिस्तान पर कर्ज वापसी के लिए लगातार दबाव बना रहा है। हालात यह हैं कि इमरान सरकार ने दो बार में दो अरब डॉलर चीन से उधार लिए और सऊदी के कर्ज की दो किस्तें चुकाईं। तीसरी किस्त जनवरी में दी जानी है। इस बीच, सऊदी एम्बेसेडर सोमवार को इमरान से मिलने पहुंचे। बाद में प्रधानमंत्री ने एक औपचारिक बयान जारी किया। कहा- दोनों देश आपसी मुद्दे सुलझाना चाहते हैं। ‘द डॉन’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी अरब सरकार पाकिस्तान पर दबाव डाल रही है कि वो ईरान और तुर्की से करीब रिश्ते बनाना बंद करे। इसके अलावा वो इजराइल को मान्यता देने का दबाव भी डाल रही है।



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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को सऊदी अरब के राजदूत नवाफ बिन सईद अल मालिकी से मुलाकात की। सऊदी अरब पाकिस्तान पर लगातार 3.2 अरब डॉलर की कर्ज वापसी के लिए दबाव डाल रहा है। इमरान सरकार चीन से उधार लेकर दो किस्तें दे चुकी है। तीसरी किस्त जनवरी के पहले हफ्ते में चुकानी है।

New Zealand backpacker killer revealed as serial predator December 21, 2020 at 06:10PM

The Supreme Court overturned orders banning Jesse Shane Kempson being identified as the predator who strangled Millane in December 2018 after the pair met through the online dating app Tinder.

PM मोदी को लीजन ऑफ मेरिट दिया गया, भारत को ग्लोबल पावर बनाने के लिए चुने गए December 21, 2020 at 05:36PM

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत के राष्ट्रपति नरेंद्र मोदी को देश के सर्वोच्च मिलिट्री सम्मान लीजन ऑफ मेरिट (Legion of Merit) से सम्मानित किया गया। मोदी को यह अवॉर्ड भारत-अमेरिका के रणनीतिक रिश्ते बढ़ाने के लिए दिया गया। मोदी की तरफ से यह सम्मान अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने स्वीकार किया।

ट्रम्प की तरफ से यह मेडल अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ’ब्रायन ने दिया। अमेरिका का यह अवॉर्ड किसी देश या सरकार के प्रमुख को ही दिया जाता है। मोदी के साथ यह अवॉर्ड जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीसन को भी दिया गया।

अवॉर्ड देने की ये वजहें
भारत के लिए अमेरिका की तरफ से कहा गया कि मोदी की अगुआई में उनका देश ग्लोबल पावर बन रहा है। साथ ही भारत के प्रधानमंत्री ने अमेरिका के साथ स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप बढ़ाने और वैश्विक चुनौतियों को सामना करने में अहम भूमिका निभाई। आबे को यह सम्मान प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा बनाए रखने के साथ उसे मुक्त रखने और मॉरीसन को ग्लोबल चैलेंजेस से कामयाबी से निपटने के लिए दिया गया।



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राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की ओर से मेडल अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ‘ब्रायन ने दिया। अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से ये मेडल स्वीकार किया।

बाइडेन ने वैक्सीन का पहला डोज लगवाया, वेटिकन सिटी ने कहा- सभी कैथोलिक वैक्सीनेशन कराएं December 21, 2020 at 04:31PM

दुनिया में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 7.76 करोड़ के ज्यादा हो गया। 5 करोड़ 45 लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। अब तक 17 लाख 08 हजार से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। अमेरिका में बढ़ते मामलों और वैक्सीनेशन को लेकर आशंकाओं के बीच प्रेसिडेंट इलेक्ट जो बाइडेन ने पब्लिकली फाइजर वैक्सीन का पहला डोज लगवाया। वहीं, वेटिकन सिटी ने एक बयान जारी कर कहा- वैक्सीनेशन कराना नैतिक तौर पर स्वीकार्य है।

बाइडेन बोले- वैक्सीन सेफ है
अमेरिका के प्रेसिडेंट इलेक्ट जो बाइडेन ने सोमवार को फाइजर कंपनी का वैक्सीन लगवाया। डेमोक्रेट पार्टी के इस सबसे बड़े नेता को कैमरों के सामने वैक्सीनेट किया गया। बाइडेन को अभी पहला डोज दिया गया है। इसके कुछ दिन बाद उन्हें दूसरा डोज दिया जाएगा। दूसरे डोज की तारीख प्रेसिडेंट इलेक्ट की मेडिकल टीम तय करेगी। वैक्सीन लगवाने पहुंचे बाइडेन ने मेडिकल टीम से कहा- मैं बिल्कुल तैयार हूं। वैक्सीन का पहला डोज लेने के बाद उन्होंने वैज्ञानिकों और वहां मौजूद टीम को शुक्रिया कहा। यह हमारे लिए बहुत बड़ी उम्मीद है।

कुछ देर बाद मीडिया से बातचीत में बातचीत में बाइडेन ने कहा- मैं सबको भरोसा दिलाना चाहता हूं कि वैक्सीनेशन से डरने की कोई जरूरत नहीं है। मेरी पत्नी जिल पहले ही यह वैक्सीन लगवा चुकी हैं।

वेटिकन ने कहा- वैक्सीन जरूर लगवाएं
कैथोलिक ईसाइयों की आस्था के सबसे बड़े केंद्र वेटिकन सिटी ने सोमवार को वैक्सीन को लेकर चल रही आशंकाओं को दूर करने की कोशिश की। वेटिकन ने कहा- कोरोना वैक्सीन नैतिक तौर पर स्वीकार्य है। कैथोलिक ईसाइयों को इसे जरूर लगवाना चाहिए। वेटिकन का यह बयान इस लिहाज से बहुत अहम है क्योंकि कुछ अमेरिकी और यूरोपीय नेताओं ने पोप की इस संस्था और शहर से अपील में कहा था कि वे लोगों को वैक्सीनेशन के लिए प्रोत्साहित करें। अमेरिका में खासतौर पर कुछ लोग वैक्सीन को लेकर आशंकित हैं।

स्वीडन ने भी ब्रिटेन के ट्रैवलर्स पर बैन लगाया
मंगलवार सुबह स्वीडन ने एक बयान जारी कर बताया कि ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों पर उसने प्रतिबंध लगा दिया है। बयान में कहा गया है कि फ्रांस, इजराइल और जर्मनी के ब्रिटेन को लेकर उठाए गए कदमों का स्वीडिश सरकार समर्थन करती है। देश के नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर जरूरी फैसला लिया जाएगा।

ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों पर बैन लगाने वाला स्वीडन 40वां देश है। भारत समेत कई देश इस बारे में पहले ही फैसला ले चुके हैं। ब्रिटेन में कोरोना का नया स्ट्रैन सामने आया है। खास बात यह है कि स्वीडन ने डेनमार्क के यात्रियों पर भी बैन लगाया है।

ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों पर बैन लगाने वाला स्वीडन 40वां देश है। इसके पहले भारत, इजराइल, फ्रांस और जर्मनी भी ब्रिटेन से आने वाली फ्लाइट्स पर बैन लगा चुके हैं। (फाइल)

कैलिफोर्निया में दिक्कत बढ़ी
अमेरिका के कैलिफोर्निया में एडमिनिस्ट्रेशन के सामने बड़ी दिक्कत खड़ी हो गई है। राज्य के दक्षिणी हिस्से में आईसीयू ही नहीं जनरल बेड भी कम पड़ गए हैं। अब इस परेशानी को दूर करने के लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां की जा रही हैं। प्रशासन का कहना है कि क्रिसमस बिल्कुल करीब होने से हालात और बिगड़ सकते हैं। फिलहाल, मेकशिफ्ट हॉस्पिटल पर फोकस किया जा रहा है। अमेरिका के सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्यों में से कैलिफोर्निया एक है। यहां गवर्नर गेविन न्यूसन ने कहा- हम हालात पर नजर रख रहे हैं। उम्मीद है, सब कुछ जल्द काबू कर लिया जाएगा।

कोरोना प्रभावित टॉप-10 देशों में हालात

देश

संक्रमित मौतें ठीक हुए
अमेरिका 18,267,579 324,869 10,622,082
भारत 10,056,248 145,843 9,605,390
ब्राजील 7,238,600 186,773 6,245,801
रूस 2,848,377 50,858 2,275,657
फ्रांस 2,473,354 60,549 183,806
यूके 2,040,147 67,401 N/A
तुर्की 2,024,601 18,097 1,800,286
इटली 1,953,185 68,799 1,261,626
स्पेन 1,817,448 48,926 N/A
अर्जेंटीना 1,541,285 41,813 1,368,346

(आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं)



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ब्रिटेन में कोरोनावायरस के नए स्ट्रेन की वजह से अब तक 40 देशों ने यहां से आने वाली फ्लाइट्स पर रोक लगा दी है। स्वीडन भी इस लिस्ट में शामिल हो गया है। सोमवार को यहां कई यात्रियों को फ्लाइट्स रद्द होने के बाद लौटना पड़ा।

US प्रेसिडेंट इलेक्ट बाइडेन और पत्नी ने टीवी पर कोरोना वैक्सीन का पहला डोज लगवाया December 21, 2020 at 04:28PM

अमेरिका में बढ़ते मामलों और वैक्सीनेशन को लेकर आशंकाओं के बीच प्रेसिडेंट इलेक्ट जो बाइडेन ने पब्लिकली फाइजर वैक्सीन का पहला डोज लगवाया। बाद में कहा- बेफिक्र रहें, यह बिल्कुल सेफ है। बाइडेन के वैक्सीनेशन कराने के कुछ घंटे पहले उनकी पत्नी जिल ने भी वैक्सीनेशन कराया। दोनों को यह वैक्सीन नेवार्क डेलावेयर के क्रिस्टीना हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में लगाया गया। इस दौरान टीवी कैमरों की मौजूदगी रही।

बाइडेन बोले- वैक्सीन सेफ है
अमेरिका के प्रेसिडेंट इलेक्ट जो बाइडेन ने सोमवार को फाइजर कंपनी का वैक्सीन लगवाया। डेमोक्रेट पार्टी के इस सबसे बड़े नेता को कैमरों के सामने वैक्सीनेट किया गया। बाइडेन को अभी पहला डोज दिया गया है। इसके कुछ दिन बाद उन्हें दूसरा डोज दिया जाएगा। दूसरे डोज की तारीख प्रेसिडेंट इलेक्ट की मेडिकल टीम तय करेगी। वैक्सीन लगवाने पहुंचे बाइडेन ने मेडिकल टीम से कहा- मैं बिल्कुल तैयार हूं। वैक्सीन का पहला डोज लेने के बाद उन्होंने वैज्ञानिकों और वहां मौजूद टीम को शुक्रिया कहा। यह हमारे लिए बहुत बड़ी उम्मीद है।

कुछ देर बाद मीडिया से बातचीत में बातचीत में बाइडेन ने कहा- मैं सबको भरोसा दिलाना चाहता हूं कि वैक्सीनेशन से डरने की कोई जरूरत नहीं है। मेरी पत्नी जिल पहले ही यह वैक्सीन लगवा चुकी हैं। आपको अपने वैज्ञानिकों और एक्सपर्ट्स पर भरोसा रखना चाहिए।

ट्रम्प ने नहीं लगवाई वैक्सीन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अब तक कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाई है। उप राष्ट्रपति माइक पेंस शुक्रवार को पत्नी के साथ वैक्सीनेशन करा चुके हैं। ट्रम्प की टीम ने भी इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है कि वैक्सीन की सबसे ज्यादा बातें करने वाले ट्रम्प आखिर यह डोज लेंगे या नहीं। व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैली मैक्केनी ने शुक्रवार को कहा था- हमारे पास इस बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं है।

तीन पूर्व राष्ट्रपति भी वैक्सीनेशन कराएंगे
अमेरिका के 3 पूर्व प्रेसिडेंट्स ने पिछले महीने कहा था कि वे टीवी पर लाइव इवेंट में वैक्सीन लगवा सकते हैं। इस कवायद का मकसद लोगों में वैक्सीन को लेकर आशंकाओं और डर को दूर करना है। बिल क्लिंटन, जॉर्ज बुश जूनियर और बराक ओबामा ने कहा था कि वे टीवी पर लाइव इवेंट के दौरान वैक्सिनेशन कराएंगे।

इस कवायद की वजह क्या है
पिछले महीने सर्वे एजेंसी गैलप ने एक पोल किया था। इसमें अमेरिकी लोगों से वैक्सीन को लेकर कई सवाल किए गए थे। सर्वे में हिस्सा लेने वाला करीब 40% अमेरिकी लोगों ने कहा था कि उन्हें वैक्सीन को लेकर कुछ डर और आशंकाएं हैं। इन लोगों को आशंका है कि इसके साइड इफेक्ट और गंभीर रिएक्शन हो सकते हैं।



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अमेरिका के प्रेसिडेंट इलेक्ट जो बाइडेन ने सोमवार को डेलावेयर में फाइजर वैक्सीन का पहला डोज लिया। देश के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति बनने जा रहे बाइडेन ने वैक्सीन को बिल्कुल सेफ बताया।

नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी की आंतरिक कलह से भंग हुई संसद, पार्टी टूटने के करीब December 21, 2020 at 03:56PM

(काठमाण्डू से भास्कर के लिए परशुराम काफ्ले ). प्रधानमंत्री केपी ओली की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा संसद भंग करने के बाद नेपाल में सियासी संकट गहरा गया है। ओली ने इस संबंध में सोमवार को देश को संबोधित करते हुए कहा कि देश और पार्टी हित में उन्होंंने ये कदम उठाया है। प्रचण्ड और माधव कुमार नेपाल पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी के भीतर अंदरुनी संघर्ष ने संसद को शर्मिंदा किया है। वहीं, नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के सहअध्यक्ष प्रचंड ने बयान जारी कर ओली के इस फैसले को असंवैधानिक, अलोकतांत्रिक, निरंकुश और पीछे ले जाने वाला बताया है।

जानकारों के मुताबिक संसद भंग होने और हालिया राजनीतिक घटनाक्रम के पीछे नेपाल की एकीकृत कम्युनिस्ट पार्टी के अंदर की अन्तर्कलह है। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूएमएल) और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओवादी) के साल 2018 में एकीकरण के बाद केपी ओली को प्रधानमंत्री चुना गया था।

सीपीएन (माओवादी) के नेता पुष्प कमल दहल प्रचंड एकीकृत पार्टी के सहअध्यक्ष बने थे। सूत्रों के मुताबिक पार्टी के एकीकरण के दौरान एक गुप्त समझौता हुआ। समझौते में कहा गया था कि ओली ढाई साल तक प्रधानमंत्री रहेंगे और फिर प्रचंड प्रधानमंत्री होंगे। इसके अलावा, प्रचंड चाहते थे कि प्रधानमंत्री ओली हर मुद्दे पर निर्णय लेने से पहले सरकार के साथ समन्वय करें। हालांकि, ओली ने प्रचंड के साथ समन्वय नहीं किया।


बदली परिस्थितियों में ओली और प्रचंड ने पिछले साल नवंबर में सहमति जताई कि ओली पूरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री बने रहेंगे और प्रचंड कार्यकारी शक्तियों के साथ पार्टी अध्यक्ष बने रहेंगे। लेकिन प्रचंड ने हमेशा शिकायत की कि उन्हें कार्यकारी शक्ति नहीं मिली। ओली शिकायत करते रहे कि उन्हें कभी प्रचंड से कोई मदद नहीं मिली।

इस साल अगस्त में, पार्टी के भीतर एक समझौता हुआ था कि पार्टी का आम सम्मेलन अप्रैल में होगा। केंद्र में कैबिनेट के साथ ही प्रांतीय सरकार में सत्ता-साझाकरण के अनुसार फेरबदल किया जाएगा। लेकिन ओली ने कर्णाली प्रांत में सरकार को भंग करने की कोशिश की और प्रचंड के साथ समन्वय के बिना तीन नए मंत्रियों को नियुक्त किया। इसके बाद प्रचंड ने ओली के इस्तीफे की मांग की थी। ओली ने इस्तीफा नहीं दिया बल्कि इस मुद्दे को हल करने के लिए चीन की मदद ली।

चीनी हस्तक्षेप के बाद, दोनों एक समझौते पर पहुंचे थे कि अब सभी विवादों को पार्टी के सामान्य सम्मेलन के माध्यम से हल किया जाएगा। लेकिन दोनों गुटों में दरार काफी बढ़ गई थी। रविवार को प्रधानमंत्री ओली के खिलाफ संसद में अविश्वास प्रस्ताव पेश करने की तैयारी चल रही थी। साथ ही, राष्ट्रपति बिद्या देवी भंंडारी पर महाभियोग की भी तैयारी थी। पार्टी में प्रचंड गुट की स्थिति मजबूत है। ओली को पद जाने का डर था लिहाजा उन्होंने संसद ही भंग कर दी जबकि यह निर्णय संविधान के अनुसार नहीं है।

यह राजनीतिक घटनाक्रम चीन के लिए भी अप्रत्याशित

सूत्रों के अनुसार, यह घटना चीन के लिए भी अप्रत्याशित है। चीन चाहता था कि नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी किसी भी परिस्थिति में विभाजित न हो। इसलिए, पिछले विवाद में, चीन ने एनसीपी नेताओं प्रचंड और माधव कुमार नेपाल पर ओली में शामिल होने के लिए दबाव डाला था। प्रधानमंत्री ओली और राष्ट्रपति बिद्यादेवी भंडारी ने भी चीनी राजदूत को सक्रिय करने में भूमिका निभाई थी। ओली के दूत के रूप में चीनी राजदूत की भूमिका को लेकर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (सीपीएन) के भीतर नाराजगी भी थी।



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फाइल फोटो

Second Covid wave in France not curbed yet: Health minister December 21, 2020 at 03:43AM

The second coronavirus wave is still present in France, as the continuous trend of drop in Covid-19 cases has halted, French health minister Olivier Veran said on Monday. The peak of the second Covid-19 outbreak in France is believed to have been reached on November 7, when nearly 87,000 fresh cases were detected in a day.

Nepal: Oli defends dissolving Parliament, blames own party leaders for decision December 21, 2020 at 02:16AM

Oli said he was forced to seek a fresh mandate through elections as the rift within the ruling Nepal Communist Party severely affected his government's functioning. In a special address to the nation, Prime Minister Oli said that he was forced to dissolve Parliament and announce mid-term elections after he learnt about a plan to move a vote of no-confidence against him.

वैक्सीन में पोर्क जिलेटिन को लेकर मुस्लिम देशों में बहस, धर्मगुरू बोले- मजहब में इसकी इजाजत नहीं December 21, 2020 at 02:42AM

कोरोना से जहां एक तरफ पूरी दुनिया में हड़कंप मचा हुआ है, वहीं कुछ मुस्लिम देशों ने इसके वैक्सीन पर सवाल खड़े कर दिए गए हैं। इन इस्लामिक देशों में बहस शुरू हो गई है कि क्या इस्लामिक लॉ कोविड-19 वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी देता है?

इस पूरी बहस के पीछे वैक्सीन की मेन्युफैक्चरिंग प्रोसेस है। वैक्सीन को स्टेबलाइज करने के लिए सुअरों (पोर्क) से मिलने वाले जिलेटिन का इस्तेमाल होता है। इसके जरिए स्टोरेज और ट्रांसपोर्टेशन में वैक्सीन की सेफ्टी और इफेक्टिवनेस बनी रहती है। अब यही बात इस्लामिक देशों को खटक रही है। इनका कहना है कि इस्लाम में पोर्क और उससे बनी सभी चीज प्रतिबंधित हैं। ये हराम माना जाता है। इसलिए इसका इस्तेमाल कर बनाई गई वैक्सीन भी इस्लामिक लॉ के मुताबिक हराम है।

इंडोनेशिया ने हलाल सर्टिफिकेट मांगा

मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया में वैक्सीन में पोर्क के इस्तेमाल को लेकर सबसे ज्यादा चिंता है। इंडोनेशिया सरकार ने हलाल सर्टिफिकेशन के बाद ही कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल की इजाजत देने का फैसला लिया है। इसका मतलब यह है कि कंपनियों को स्पष्ट करना होगा कि वैक्सीन तैयार करने में पोर्क जिलेटिन का यूज नहीं किया गया है।

कंपनियों ने पोर्क फ्री वैक्सीन का दावा किया
कई कंपनियों ने पोर्क-फ्री यानी सुअर के जिलेटिन का इस्तेमाल किए बिना वैक्सीन विकसित करने का दावा किया है। फाइजर, मॉडर्ना और एस्ट्राजेनेका ने बाकायदा नोटिस जारी कर बताया है कि उनकी वैक्सीन में पोर्क जिलेटिन का उपयोग नहीं किया गया है। इन कंपनियों ने कहा है कि वैक्सीन का इस्तेमाल हर कोई कर सकता है।

वैक्सीन पर यह चर्चा क्यों हो रही?
दरअसल, इस तरह की चर्चा अक्टूबर में ही शुरू हो गई थी। जब इंडोनेशियन राजनयिक और इस्लामिक धर्मगुरु कोरोना वैक्सीन पर चर्चा करने के लिए चीन पहुंचे थे। यह ग्रुप इंडोनेशिया की जनता के लिए वैक्सीन की डील फाइनल करने के इरादे से पहुंचा था। यहां वैक्सीन तैयार करने के तरीकों की जानकारी मिलने के बाद धर्मगुरुओं ने इस पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए।

जानकारों का क्या कहना है ?

  • ब्रिटिश इस्लामिक मेडिकल एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी डॉ. सलमान वकार का कहना है कि यहूदियों और मुसलमानों के अलावा कई अन्य धार्मिक समुदायों में वैक्सीन के इस्तेमाल को लेकर कंफ्यूजन बना हुआ है। इनमें सुअर के मांस से बने प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल को धार्मिक तौर पर अपवित्र माना जाता है।
  • सिडनी यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. हरनूर राशिद का कहना है कि जिलेटिन के उपयोग से बनी वैक्सीन पर आम सहमति हो चुकी है। यह इस्लामिक कानून के तहत स्वीकार्य है। अगर वैक्सीन का इस्तेमाल नहीं किया गया, तो लोगों को काफी नुकसान होगा।
  • इजरायल के रब्बानी संगठन 'जोहर' के अध्यक्ष रब्बी डेविड स्टेव वैक्सीन लगाने के पक्ष में हैं। उनका कहना है कि यहूदी कानून में सुअर का मांस खाना या इसका इस्तेमाल तभी किया जा सकता है, जब इसके बगैर काम न चल सके। अगर इसे किसी बीमारी में इंजेक्शन के तौर पर दिया जा रहा है और खाया नहीं जा रहा है, तो यह ठीक है। इसमें कोई समस्या नहीं है।


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फाइजर, मॉडर्ना और एस्ट्राजेनेका ने नोटिस जारी कर बताया है कि उनकी वैक्सीन में पोर्क जिलेटिन का उपयोग नहीं किया गया है।

German court convicts man of murder over synagogue attack December 21, 2020 at 01:37AM

Take an objective view on Chinese-Pakistan air force drills, China tells India December 21, 2020 at 01:17AM

China signals shift but no let-up in Xinjiang December 20, 2020 at 11:48PM

"We cannot be complacent at this moment, because the threats are still out there," Xu Guixiang, the deputy director-general of the Xinjiang Communist Party publicity department, said in an interview with The Associated Press in Beijing.

New strain of Covid is driving South Africa's resurgence December 20, 2020 at 11:05PM

The new variant, known as 501.V2, is dominant among new confirmed infections in South Africa, according to health officials and scientists leading the country's virus strategy. South Africa currently has more than 8,500 people hospitalized with Covid-19, surpassing the previous high of 8,300 recorded in August.

'UK cut off over fears about new Covid strain December 20, 2020 at 11:12PM

France, Germany, Italy, the Netherlands, Austria, Switzerland, Ireland, Belgium, Israel and Canada shut off travel ties after Prime Minister Boris Johnson warned that a highly infectious new strain of the virus was a danger to the country.

France to start Covid-19 vaccinations on Sunday December 20, 2020 at 10:41PM

Health Minister Olivier Veran said that the French vaccination programme would start off with the most vulnerable members of the population, such as the elderly.

हीथ्रो एयरपोर्ट पर आयरलैंड जाने वालों की भीड़; 13 यूरोपीय देशों ने ब्रिटेन की फ्लाइट्स पर बैन लगाया December 20, 2020 at 10:26PM

ब्रिटेन में कोरोनावायरस में म्यूटेशन (कोरोनावायरस का नया वैरिएंट) की बात सामने आने के बाद कई देशों ने कड़े प्रतिबंध लागू कर दिए हैं। 13 यूरोपीय देशों फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्विट्जरलैंड, पुर्तगाल, बेल्जियम, ऑस्ट्रिया, बुल्गारिया, डेनमार्क, फिनलैंड, रोमानिया, क्रोएशिया और नीदरलैंड्स ने UK से आने वाली फ्लाइट्स पर प्रतिबंध लगा दिया।

पिछले साल चीन के वुहान में कोरोना आउटब्रेक के बाथ वहां से लोगों को निकलने की जल्दी थी। इस बार ब्रिटेन में ऐसा हो रहा है। इसके बाद रविवार देर रात को लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर डबलिन (आयरलैंड) की फ्लाइट पकड़ने के लिए लोगों की भीड़ लग गई। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन कई देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंध पर आज गवर्नमेंट की कोबरा इमरजेंसी कमेटी के साथ बैठक भी करने वाले हैं।

आधी रात से ट्रैवल बैन लागू करने के कई देशों के ऐलान के बाद हीथ्रो के टर्मिनल-5 पर लोगों की भीड़ लग गई। एयर लिंगुस की ब्रिटिश एयरवेज की फ्लाइट के ओवरबुक्ड होने के कारण कई लोग इस फ्लाइट से नहीं जा पाए।

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डबलिन के लिए फ्लाइट पकड़ने आई एक पैसेंजर रैचेल स्कली ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर बताया कि आइरिश गवर्नमेंट ने रात 10:30 बजे एक और प्लेन की व्यवस्था की है। यह फ्लाइट मिडनाइट बैन से 15 मिनट पहले डबलिन पहुंच जाएगी।

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एक अन्य पैसेंजर सियान ह्यू ने सोशल मीडिया पर ब्रिटिश एयरवेज और हीथ्रो एयरपोर्ट को कोसते दिखे। कहा कि आइरिश लोगों के लिए ना तो किसी तरह की फ्लाइट है और ना ही किसी तरह की सूचना।

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उधर, हीथ्रो ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए सभी पैसेंजर्स से फ्लाइट स्टेटस और ट्रैवल एडवाइस चेक करने की अपील की थी। एयरपोर्ट की एक स्टाफ कैटी क्लेन ने द आइरिश टाइम्स से बताया कि सैकड़ों की संख्या में पैसेंजर्स एयरपोर्ट पहुंचे थे और उन्होंने रात 8:55 बजे वाली फ्लाइट नहीं मिलने पर आल्टरनेटिव फ्लाइट भी बुक करने की कोशिश की।

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हीथ्रो पर उमड़ी भीड़ को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स ने भी लोगों से संयम बरतने की अपील की। एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा, क्रिसमस के इतने नजदीक होने के बाद भी ट्रैवल करने का क्या फायदा, जब आपको 10 दिन के आइसोलेशन पीरियड से गुजरना होगा। इसलिए ट्रैवल पर बैन करना जरूरी है।



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आधी रात से ट्रेवल बैन लागू होने के कई देशों के ऐलान के बाद हीथ्रो के टर्मिनल-5 पर लोगों की भीड़ लग गई।