Sunday, November 22, 2020

French ex-President Sarkozy stands trial for corruption November 22, 2020 at 08:14PM

Former French President Nicolas Sarkozy goes on trial Monday on charges of corruption and influence peddling in a phone-tapping scandal, a first for the 65-year-old politician who has faced several other judicial investigations since leaving office in 2012. Sarkozy is being accused of having tried to illegally obtain information from a magistrate about an investigation involving him in 2014.

अमेरिका में 11 दिसंबर से वैक्सीनेशन शुरू होगा, भारत में अगले साल मार्च तक वैक्सीन की उम्मीद November 22, 2020 at 08:30PM

कोरोना वैक्सीन को लेकर बड़ी और अच्छी खबर है। अमेरिका में 11 दिसंबर से वैक्सीनेशन शुरू हो जाएगा। उधर, ब्रिटेन, जर्मनी में भी दिसंबर से औपचारिक तौर टीकाकरण पर शुरू कर दिया जाएगा। जर्मनी के हेल्थ मिनिस्टर ने पुष्टि की है कि उनके देश में दिसंबर से वैक्सीनेशन शुरू हो जाएगा।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने इंडिया टुडे को बताया कि भारत में वैक्सीन अगले साल के शुरुआती तीन महीनों में मिलने की उम्मीद है। सितंबर 2021 तक 25-30 करोड़ भारतीयों को टीका लगाया जा सकता है। हेल्थ वर्कर्स का सबसे पहले वैक्सीनेशन होगा।

अमेरिका: तैयारियां पूरी, 11 दिसंबर से वैक्सीनेशन
संक्रमण और मौतों के मामले में अमेरिका पहले स्थान पर बना हुआ है। यहां के लोगों और जो बाइडेन की आने वाली नई सरकार के लिए एक बेहद राहत भरी खबर है। यूएस कोविड-19 वैक्सीन टास्क के हेड मोन्सेफ सलोई ने CNN को दिए इंटरव्यू में कहा- अमेरिका में पहले व्यक्ति को वैक्सीन 11 दिसंबर को दी जाएगी। हमारी कोशिश है कि जैसे ही FDA वैक्सीन को मंजूरी देती है, वैसे ही हम इसको लगाने का काम शुरू कर देंगे। इसके लिए तमाम तैयारियां पहले ही पूरी की जा चुकी हैं। मुझे पूरी उम्मीद है कि 11 या 12 दिसंबर तक हमें मंजूरी मिल जाएगी।

राज्यों ने भी इसके लिए सभी जरूरी तैयारियां पूरी कर ली हैं। 10 दिसंबर को FDA की अहम मीटिंग होने जा रही है। माना जा रहा है कि इसी दिन यह एजेंसी वैक्सीन को मंजूरी दे देगी।

स्पेन: जनवरी से शुरू करेगा वैक्सीनेशन
स्पेन के पीएम पेड्रो सांचेज ने रविवार को बताया कि देश में वैक्सीनेशन का काम जनवरी में शुरू कर दिया जाएगा। सांचेझ ने कहा- हमने अपनी तरफ से तमाम जरूरी व्यवस्थाएं कर ली हैं। हम ये मानकर चल रहे हैं कि देश में जनवरी में वैक्सीनेशन शुरू होगा और तीन महीने में पूरे देश को इसके डोज मुहैया करा दिए जाएंगे। स्पेन और जर्मनी यूरोप के पहले ऐसे देश होंगे जहां कम्पलीट वैक्सीनेशन होगा। देश में कुल 13 हजार वैक्सीनेशन पॉइंट्स बनाए गए हैं।

अमेरिका से पहले ब्रिटेन में आ सकती है वैक्सीन
‘द गार्डियन’की एक रिपोर्ट के मुताबिकि, फाइजर और बायोएनटेक की वैक्सीन को इस सप्ताह ही मंजूरी मिल सकती है। अगर ऐसा होता है तो दिसंबर के पहले हफ्ते में यहां वैक्सीनेशन शुरू हो सकता है। फाइजर और बायोएनटेक ने अमेरिका और यूरोपीय देशों की संबंधित संस्थाओं से वैक्सीनेशन के लिए मंजूरी मांगी है। दोनों कंपनियों ने दावा किया था कि उनका वैक्सीन ट्रायल्स के दौरान 95% इफेक्टिव रहा और इसके कोई साइड इफेक्ट नहीं देखे गए। इसके पहले मॉडर्ना ने दावा किया था कि उसकी वैक्सीन 94.5% इफेक्टिव है।



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Vaccination will start in the US from December 11, India hopes to have vaccine by March next year

चीन सरकार के एडवाइजर बोले- बाइडेन के दौर में अमेरिका से रिश्ते सुधरने का मुगालता न पालें November 22, 2020 at 06:54PM

विदेश मामलों पर सरकार को सलाह देने वाले एक चीनी थिंक टैंक ने कहा है कि अमेरिका में आने वाली नई सरकार के दौर में भी दोनों देशों के रिश्ते सुधरने की बहुत उम्मीद नहीं है। इस थिंक टैंक के मुताबिक- चीन सरकार को इस भ्रम में बिल्कुल नहीं रहना चाहिए कि जो बाइडेन के आने वाले शासनकाल में अमेरिका और चीन के रिश्तों में कोई सुधार होगा।

कुछ दिन पहले सिंगापुर के एक अखबार ने भी एक रिपोर्ट में एक्सपर्ट्स के हवाले से यही बात कही थी। डोनाल्ड ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन में अमेरिका और चीन के रिश्ते सबसे निचले स्तर पर चले गए थे। दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर तनाव बना हुआ है।

चीन पर सख्त रहेंगे बाइडेन
एडवांस्ड इंस्टीट्यूट ऑफ ग्लोबल चाइना स्टडीज के डीन झेंग योन्गनियान ने अपनी सरकार को अमेरिका की नई सरकार के बारे में यह सलाह दी है। झेंग के मुताबिक- अमेरिका में अब कोई भी सरकार आए, उसका रवैया चीन को लेकर सख्त ही रहेगा। इसलिए, ये जरूरी है कि चीन हर उस मौके का इस्तेमाल सही तरीके से करे, जिससे दोनों देशों के रिश्ते बेहतर हो सकते हैं।

अच्छा वक्त गुजर चुका है...
न्यूज एजेंसी से बातचीत में झेंग ने कहा- हमें ये मान लेना चाहिए कि दोनों देशों के अच्छे रिश्तों का दौर गुजर चुका है। फिलहाल, जो तनाव है उसके बारे में हमें ये उम्मीद बिल्कुल नहीं करना चाहिए कि रातों-रात सब कुछ पहले जैसा हो जाएगा। झेंग ने अगस्त में राष्ट्रपति शी जिनपिंग को चीन की लॉन्ग टर्म फॉरेन पॉलिसी पर सुझावों का एक दस्तावेज सौंपा था।

अमेरिकी जनता अब चीन के खिलाफ
झेंग ने जिनपिंग को सौंपे फॉरेन पॉलिसी विजन डॉक्यूमेंट में भी कहा था कि अमेरिकी जनता भी अब ये मानने लगी है कि चीन को रोना जाना बहुत जरूरी है। झेंग ने कहा- जो बाइडेन की अगली सरकार जल्द ही आने वाली है। बाइडेन भी अमेरिकी जनता की चीन विरोधी सोच के खिलाफ फैसले लेने का जोखिम उठाने की गलती नहीं करेंगे। वो जब व्हाइट हाउस पहुंचेंगे तो इसी सोच को ध्यान में रखेंगे। इसलिए, मुझे नहीं लगता कि हमें बाइडेन के दौर में दोनों देशों के रिश्तों में बेहतरी की उम्मीद करनी चाहिए।

कमजोर राष्ट्रपति साबित हो सकते हैं बाइडेन
झेंग ने आगे कहा- मेरे हिसाब से बाइडेन कमजोर राष्ट्रपति साबित होंगे। अगर वे घरेलू मुद्दे नहीं सुलझा पाए तो डिप्लोमैटिक चैनल्स के जरिए चीन को टारगेट करेंगे। ट्रम्प कभी जंग शुरू करने के लिए बेकरार नहीं दिखे, जबकि बाइडेन के दौर में इसे नकारा नहीं जा सकता। ट्रम्प के दौर में अमेरिका और चीन के रिश्ते हमेशा तनावपूर्ण रहे। खासतौर पर कोविड-19 और मानवाधिकार के अलावा साउथ चाइना सी के मुद्दे पर दोनों देशों में टकराव बढ़ता गया। बाइडेन ने तो दो चुनावी रैलियों में जिनपिंग को ठग तक कह दिया था।



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फोटो 2011 की है। तब जो बाइडेन बतौर उप राष्ट्रपति चीन दौरे पर गए थे। शी जिनपिंग उन्हें दुजिएन्गयान पर्यटन स्थल दिखाने ले गए थे। बाइडेन ने इलेक्शन कैम्पेन की दो रैलियों में जिनपिंग को ठग बताया था।

पाकिस्तान की मंत्री ने फ्रांस के राष्ट्रपति को नाजी बताने पर माफी मांगी, ट्वीट भी डिलीट किए November 22, 2020 at 05:45PM

पाकिस्तान सरकार में कैबिनेट मंत्री शिरीज मजारी को फ्रांस के राष्ट्रपति और सरकार पर गलत टिप्पणी करना भारी पड़ गया। फ्रांस सरकार के कड़े विरोध के बाद इमरान की ह्यूमन राइट्स मिनिस्टर ने न सिर्फ माफी मांगी, बल्कि अपने सभी ट्वीट भी डिलीट किए। मजारी ने आरोप लगाया था कि एमैनुएल मैक्रों की सरकार मुस्लिमों पर उसी तरह के अत्याचार कर रही है, जैसे नाजी शासनकाल में यहूदियों पर किए गए थे। मैक्रों सरकार इससे सख्त नाराज हो गई थी।

अपमानजनक टिप्पणी
दो दिन पहले शिरीन मजारी ने फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों की तुलना नाजियों से की थी। मजारी ने एक आर्टिकल का हवाला देते हुए कुछ ट्वीट किए थे। इनमें कहा गया था कि मैक्रों सरकार वहां के मुसलमानों पर अत्याचार कर रही है और ये ठीक वैसे ही हैं, जो नाजी शासनकाल में यहूदियों पर किए गए थे। मजारी ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए थे।

फ्रांस सरकार नाराज
फ्रांस के राष्ट्रपति पर इस तरह की टिप्पणियां वहां की सरकार को नागवार गुजरीं। फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने इस्लामाबाद में अपने दूतावास को आदेश दिया कि वो इस बारे में पाकिस्तान सरकार से संपर्क करे और बताए कि हम अपने राष्ट्रपति के खिलाफ इस तरह की टिप्पणियां बर्दाश्त नहीं कर सकते। फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने कहा- हमारे देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। हम हर तरह के विचारों को सुनते हैं। एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए यह जरूरी है। लेकिन, पाकिस्तान की कैबिनेट मिनिस्टर ने जो कहा है उनको स्वीकार नहीं किया जा सकता।

माफी मांगनी पड़ी
‘जियो न्यूज’ के मुताबिक, फ्रांस सरकार के सख्त रुख के आगे पाकिस्तान को झुकना पड़ा। शिरीन मजारी ने माफी मांगी और फ्रांस सरकार ने इसे स्वीकार कर लिया। इसके पहले फ्रांस के विदेश विभाग ने पाकिस्तान सरकार से कहा था कि उनकी कैबिनेट मंत्री ने जो दावे किए हैं, उसके सबूत पेश किए जाएं। या फिर इस मामले में माफी मांगी जाए। मजारी ने अपने ट्वीट में एक आर्टिकल के जरिए आरोप लगाए थे कि मैक्रों सरकार मुस्लिम बच्चों पर भी अत्याचार कर रही है।

मजारी ने माफी मांगने वाले अपने ट्वीट में कहा- जिस आर्टिकल के आधार पर मैंने आरोप लगाए थे, उसे भी पब्लिशर ने सुधार दिया है। मैं अपनी गलती सुधारते हुए ट्वीट डिलीट कर रही हूं और इस गलती के लिए माफी मांगती हूं।



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इमरान खान के साथ मानवाधिकार मामलों की मंत्री शिरीन मजारी। शिरीन ने फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों की तुलना नाजियों से की थी। फ्रांस सरकार के विरोध के बाद उन्हें अब माफी मांगनी पड़ी है। (फाइल)

'Biden is a very weak President, could start wars': Chinese govt advisor November 22, 2020 at 05:29PM

China must drop its illusion that its relations with the United States will automatically improve under President-elect Joe Biden's administration, a Chinese government advisor has said, adding that Beijing should be prepared for a tough stance from Washington.​

Syria's Assad: Lone survivor of Arab Spring November 22, 2020 at 05:32PM

An heiress, a judge and a job: France's Sarkozy goes on trial for corruption November 22, 2020 at 05:00PM

Former French president Nicolas Sarkozy goes on trial on Monday accused of trying to bribe a judge and of influence-peddling. ​​​​​​Prosecutors allege Sarkozy offered to secure a plum job in Monaco for judge Gilbert Azibert in return for confidential information about an inquiry into claims that Sarkozy had accepted illegal payments from L'Oreal heiress Liliane Bettencourt for his 2007 presidential campaign.

Biden chooses Antony Blinken as US secretary of state November 22, 2020 at 04:57PM

Blinken, 58, a former deputy secretary of state under President Barack Obama and a guitar aficionado, began his career at the State Department during the Clinton administration.

अमेरिका , जर्मनी और ब्रिटेन में दिसंबर में शुरू होगा वैक्सीनेशन; ईरान में एक दिन में 13 हजार केस और 475 मौतें November 22, 2020 at 04:05PM

दुनियाभर में अब तक 5.89 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 4.07 करोड़ लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 13.93 लाख लोगों की जान जा चुकी है। अब 1.68 करोड़ मरीज ऐसे हैं जिनका इलाज चल रहा है, यानी एक्टिव केस। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। वैक्सीन का इंतजार कर रहे दुनिया के देशों के लिए खुशखबरी है। अमेरिका, जर्मनी और ब्रिटेन में वैक्सीन बहुत जल्दी आने वाली है। इन देशों के मुताबिक, वैक्सीनेशन दिसंबर में औपचारिक तौर पर शुरू कर दिया जाएगा।

जर्मनी के हेल्थ मिनिस्टर ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है कि उनके देश में दिसंबर से वैक्सीनेशन शुरू हो जाएगा।

अमेरिका में 11 दिसंबर से वैक्सीनेशन
संक्रमण और मौतों के मामले में अमेरिका पहले स्थान पर बना हुआ है। यहां के लोगों और जो बाइडेन की आने वाली नई सरकार के लिए एक बेहद राहत भरी खबर है। यूएस कोविड-19 वैक्सीन टास्क के हेड मोन्सेफ सलोई ने सीएनएन को दिए इंटरव्यू में कहा- अमेरिका में पहले व्यक्ति को वैक्सीन 11 दिसंबर को दी जाएगी। हमारी कोशिश है कि जैसे ही एफडीए वैक्सीन को मंजूरी देती है, वैसे ही हम इसको लगाने का काम शुरू कर देंगे। इसके लिए तमाम तैयारियां पहले ही पूरी की जा चुकी हैं। मुझे पूरी उम्मीद है कि 11 या 12 दिसंबर तक हमें मंजूरी मिल जाएगी। राज्यों ने भी इसके लिए सभी जरूरी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
अमेरिका में 10 दिसंबर को एफडीए की अहम मीटिंग होने जा रही है। माना जा रहा है कि इसी दिन यह एजेंसी वैक्सीन को मंजूरी दे देगी।

स्पेन जनवरी से शुरू करेगा वैक्सीनेशन
स्पेन के पीएम पेड्रो सांचेझ ने रविवार को बताया कि देश में वैक्सीनेशन का काम जनवरी में शुरू कर दिया जाएगा। सांचेझ ने कहा- हमने अपनी तरफ से तमाम जरूरी व्यवस्थाएं कर ली हैं। हम ये मानकर चल रहे हैं कि देश में जनवरी में वैक्सीनेशन शुरू होगा और तीन महीने में पूरे देश को इसके डोज मुहैया करा दिए जाएंगे। स्पेन और जर्मनी यूरोप के पहले ऐसे देश होंगे जहां कम्पलीट वैक्सीनेशन होगा। देश में कुल 13 हजार वैक्सीनेशन पॉइंट्स बनाए गए हैं।

सलाह मानने तैयार नहीं अमेरिकी
अमेरिकी सरकार ने लोगों से अपील की थी कि वे थैंक्सगिविंग सप्ताह में ट्रैवलिंग से बचें। लेकिन, सरकार की अपील का कतई असर होता नजर नहीं आता। सीएनएन के मुताबिक, लाखों लोग लॉन्ग ड्राइव पर जाने की तैयारी कर चुके हैं। इससे वायरस काफी तेजी से फैल सकता है। इसके अलावा एक और खतरा अस्पतालओं में बेड कम पड़ने का है। यहां पहले ही हालात काबू से बाहर होते जा रहे हैं।

ईरान में हालात बेकाबू
ईरान में रविवार को 13 हजार से ज्यादा मामले सामने आए। इससे भी ज्यादा परेशानी की बात यह है कि इसी दौरान 475 लोगों की मौत हो गई। हेल्थ मिनिस्ट्री ने एक बयान में इन आंकड़ों की पुष्टि की है। सरकार का कहना है कि उसने अपनी तरफ से सख्त उपाय किए हैं, लेकिन लोगों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। दूसरी तरफ, ईरान सरकार कुछ देशों से वैक्सीन हासिल करने के लिए संपर्क कर रही है। पिछले दिनों खबर आई थी कि ईरान सरकार के अफसरों ने चीन का दौरा किया था और वहां से वैक्सीन खरीदने पर बातचीत की थी। हालांकि, आधिकारिक तौर पर इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है।

तेहरान के एक अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर। ईरान में सरकार ने सख्त उपाय किए हैं, इसके बावजूद यहां मामले बढ़ते जा रहे हैं। कई शहरों में मेकशिफ्ट अस्पताल तैयार किए जा रहे हैं, क्योंकि मरीजों की तादाद बढ़ती जा रही है। (फाइल)

छोटे से देश मैक्सिको में एक दिन में 719 ने दम तोड़ा
लैटिन अमेरिकी देश मैक्सिको में मरने वालों का आंकड़ा एक लाख हो गया है। शनिवार को देश में कुल 719 संक्रमितों ने दम तोड़ा। देश में फिलहाल करीब एक लाख 26 हजार संक्रमित हैं। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, संक्रमितों की वास्तविक संख्या इससे काफी ज्यादा हो सकती है, क्योंकि दूर दराज के कई इलाकों में अब भी टेस्टिंग और दूसरी सुविधाएं नहीं हैं।

कोरोना प्रभावित टॉप-10 देशों में हालात

देश

संक्रमित मौतें ठीक हुए
अमेरिका 12,587,627 262,694 7,452,538
भारत 9,140,312 133,773 8,561,444
ब्राजील 6,071,401 169,197 5,432,505
फ्रांस 2,140,208 48,732 149,521
रूस 2,089,329 36,179 1,595,443
स्पेन 1,589,219 42,619 उपलब्ध नहीं
यूके 1,512,045 55,024 उपलब्ध नहीं
इटली 1,380,531 49,261 539,524
अर्जेंटीना 1,366,182 36,902 1,187,053
कोलंबिया 1,240,493 35,104 1,144,923

आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं।



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रविवार को फ्लोरिडा के जैक्सन मेमोरियल हॉस्पिटल से निकलतीं डॉक्टर्स। इस हॉस्पिटल में वैक्सीनेशन की तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। इसके अलावा हॉलीवुड के मेमोरियल रीजनल हॉस्पिटल में भी वैक्सीनेशन की शुरुआत होगी। दोनों हॉस्पिटल्स में वैक्सीन सबसे पहले हेल्थ वर्कर्स को दी जाएगी।

पेन्सिलवेनिया में मेल इन बैलट्स रद्द नहीं किए जाएंगे, जॉर्जिया में एक और रि-काउंट नहीं होगा November 22, 2020 at 03:54PM

डोनाल्ड ट्रम्प की चुनावी हार पर अब अमेरिकी अदालतें भी मुहर लगाने लगी हैं। पेन्सिलवेनिया और जॉर्जिया की अदालतों के फैसलों ने साफ कर दिया है कि ट्रम्प खेमे की तरफ से लगाए जा रहे चुनावी धांधली के आरोपों में दम नहीं है। पेन्सिलवेनिया की एक अदालत ने साफ कर दिया कि मेल इन बैलट्स रद्द नहीं किए जाएंगे। जॉर्जिया में कोर्ट ने उस अपील को ठुकरा दिया जिसमें दूसरी बार रि-काउंट की अपील की गई थी।

पेन्सिलवेनिया की अदालत ने कहा- ट्रम्प कैम्पेन ने सिर्फ आरोप लगाए हैं। इनके समर्थन में कोई ठोस सबूत नहीं दिए। लिहाजा, उनकी अपील पर विचार करने का कोई आधार नहीं है। चुनाव प्रक्रिया सही है।

पहले फैसलों पर नजर
पेन्सिलवेनिया में मेल इन बैलट्स को रद्द करने की मांग पर फेडरल कोर्ट के जज मैथ्यू ब्रान ने कहा- यह अदालत संविधानिक नियमों को नहीं तोड़ सकती। हम हजारों बैलट्स को कैसे रद्द कर सकते हैं। डेमोक्रेट पार्टी के कैंडिडेट और प्रेसिडेंट इलेक्ट जो बाइडेन को इस राज्य में 81 हजार वोटों से जीत मिली है। ट्रम्प का खेमा आरोप लगा रहा है कि मेल इन बैलट्स में धांधली हुई है।

जॉर्जिया में एक बार रि-काउंट हो चुका है। इसके नतीजों से साफ हो गया कि इस राज्य में बाइडेन को ही जीत मिली और वोट काउंटिंग बिल्कुल सही तरीके से हुई थी। ट्रम्प कैम्पेन फिर रि-काउंट की मांग कर रहा है। कोर्ट और चुनाव आयोग इसे खारिज कर चुके हैं।

बहुत आगे निकल गए हैं बाइडेन
सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रम्प और उनका खेमा कानूनी पैंतरों के जरिए अब सिर्फ खीज निकाल रहे हैं। क्योंकि, इसमें अब कोई शक नहीं रह गया है कि ट्रम्प चुनाव हार चुके हैं और बाइडेन 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। रिपोर्ट के मुताबिक, बाइडेन को ट्रम्प से 6 लाख पॉपुलर वोट्स ज्यादा मिले हैं।

ट्रम्प को दोस्त भी दुश्मन नजर आने लगे
ट्रम्प अब क्या चाहते हैं? शायद ये बात अब किसी को पता नहीं है। रविवार को पेन्सिलवेनिया से सीनेटर पैट टूमी ने कहा- राष्ट्रपति अपने सभी कानूनी अधिकारों का इस्तेमाल कर चुके हैं। अब बिल्कुल साफ हो चुका है कि वे चुनाव हार चुके हैं। 2020 का चुनाव जो बाइडेन के नाम है और मैं उन्हें दिल से जीत की बधाई देता हूं। ट्रम्प के लिए भी यही सही होगा कि वे मर्यादा का सम्मान करें। हार मानें क्योंकि यह जनता का फैसला है। देश हित में यह जरूरी है।

जवाब में ट्रम्प भड़के नजर आए। बजाए सलाह मानने के, वे टूमी पर ही नाराजगी जताने लगे। कहा- टूमी अब मेरे दोस्त नहीं रहे। उनकी भाषा बहुत कुछ साफ कर रही है। हम इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे।



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शुक्रवार को पेन्सिलवेनिया के ली काउंटी में बैलट्स की जांच करते अधिकारी। इस टीम की जांच रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी गई। जांच रिपोर्ट पर गौर करने के बाद कोर्ट ने सभी मेल इन बैलट्स को वैध करार दिया।

ट्रांसजेंडर को नौकरी से निकालने के 52 साल बाद आईबीएम ने मांगी माफी November 22, 2020 at 02:44PM

लिन कॉन्वे अगस्त 1968 में IBM के कैलिफोर्निया दफ्तर में कम्प्यूटर इंजीनियर थीं। एक दिन उन्हें कंपनी डायरेक्टर जीन मेरन अमदाल के ऑफिस से बुलावा आया। अमदाल को जब कॉन्वे के बारे में पता चला कि वो लिंग परिवर्तन कराने की सोच रही हैं तो वे काफी सहज थे। लेकिन कंपनी के चीफ एक्जीक्यूटिव थॉमस जे वॉटसन जूनियर नहीं।
एक दिन कॉन्वे को पता चला कि उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। इस वाकये के 52 साल बाद कॉन्वे को कंपनी ने दोबारा बुलाया और उनसे बात की। बीते महीने IBM के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट डायने गेरसन ने कॉन्वे से कहा कि कंपनी आप जैसे कर्मचारियों की मदद करना चाहती है और कॉन्वे, जो अब 82 साल की हो चुकी हैं, को उनके काम के लिए लाइफटाइम अवार्ड दिया गया।

समलैंगिक या ट्रांसजेंडर होने के चलते नहीं निकाला जा सकता
कॉन्वे कहती हैं- ये मेरे लिए अप्रत्याशित था। ये माफी सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के चार महीने बाद आई, जिसमें कहा गया था कि किसी को भी समलैंगिक या ट्रांसजेंडर होने के कारण नहीं निकाला जा सकता है। कॉन्वे की दोस्त और कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की साइंटिस्ट रह चुकीं रोचल डायमंड बताती हैं कि उन्हें माफी के बारे में बीते शुक्रवार पता चला, जब ट्रांसजेंडर डे मनाया जा रहा था।

वहीं कॉन्वे की एक और दोस्त क्रिस्टीना बर्न्स कहती हैं कि कॉन्वे ने कभी भी खुद को निकाले जाने के तरीके पर नाखुशी जाहिर नहीं की। लेकिन इस माफी से जरूर उन्हें अच्छा लगेगा। कॉन्वे ने 1964 में आईबीएम ज्वाइन किया था।

नौकरी से निकाले जाने के बाद भी उन्होंने सर्जरी कराई और खुद को फिर से खड़ा करने में लग गईं। 1973 में जेराक्स रिसर्च सेंटर में काम किया, जहां उन्होंने कम्प्यूटर चिप डिजाइन तैयार किया जिसे आज पूरी दुनिया में अपनाया जाता है। सन 2000 में उन्होंने एक वेबसाइट डिजाइन की, जहां वो लिंग पहचान जैसे विषयों पर लिखती रहती हैं।



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लिन कॉन्वे (फाइल फोटो)।

रिपब्लिक पार्टी के वोटर और डोनर डेटा पर कंट्रोल कायम रखने में जुटे डोनाल्ड ट्रम्प November 22, 2020 at 02:44PM

डोनाल्ड ट्रम्प राष्ट्रपति चुनाव मे डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडेन के खिलाफ अपनी हार स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं। इसके साथ ही वे अपनी पार्टी (रिपब्लिकन) पर पकड़ भी ढीली नहीं करना चाहते हैं। इसका संकेत मिला है रिपब्लिकन पार्टी की नेशनल कमेटी की प्रमुख डोना मैक्डेनियल के रुख से।

ट्रम्प की बेहद नजदीकी मानी जा रही डोना फिर से कमेटी की प्रमुख बनना चाहती हैं और इसके लिए वे दावेदारी भी पेश करेंगी। विशेषज्ञों के मुताबिक डोना का फिर से चयन करवाकर ट्रम्प 2024 राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी दावेदारी सुरक्षित करना चाहते हैं।

इस कमेटी के पास वोटरों और पार्टी को चंदा देने वालों के डेटा होते हैं। अगर डोना फिर से चुनी जाती हैं तो ये अहम डेटा ट्रम्प की पहुंच में रहेंगे। कई रिपब्लिकन नेता ट्रम्प के इस रुख के खिलाफ हैं लेकिन खुलकर विरोध नहीं कर रहे।

पेंसिलवेनिया कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करेगी ट्रम्प की टीम
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की वरिष्ठ कानूनी सलाहकार जेना एलिस और एटॉर्नी रुडी गिउलियानी ने कहा है कि ट्रम्प की टीम पेंसिलवेनिया अदालत के फैसले के खिलाफ जल्द अपील करेगी। शनिवार को अमेरिकी जिला अदालत के न्यायाधीश मैथ्यू ब्रान ने पेंसिलवेनिया में मेल इन मतपत्रों को अमान्य करने के ट्रम्प कैंपेन की याचिका खारिज कर दी थी। न्यायाधीश ब्रान ने कहा कि ट्रम्प कैंपेन की याचिका बिना कानूनी दलीलों तथा साक्ष्य के है। वहीं ट्रम्प टीम के अनुसार पेंसिलवेनिया में 6,82,777 मत गैर कानूनी है।



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ट्रम्प और डोना मैक्डेनियल। फाइल फोटो

70 साल पुरानी कंपनी से बर्गर लेने के लिए लगी 4 किलोमीटर लंबी लाइन; 14 घंटे तक करना पड़ा इंतजार November 22, 2020 at 02:43PM

फोटो अमेरिका के कोलोराडो की है। इसमें दिख रही खड़ी कारें किसी जाम में नहीं फंसी। बल्कि इन कारों में बैठे लोग अपना पसंदीदा बर्गर खाने के लिए 4 किमी लंबी कतार में लगे हैं। दरअसल, कोलोराडो में शनिवार को अमेरिका की मशहूर फूड चेन ‘इन एन आउट’ आउटलेट खोला गया। इस बात की जानकारी मिलते ही लोगों ने रात दो बजे से ही स्टोर पहुंचना शुरू कर दिया।

नतीजा यह निकला कि कारों की 4 किमी लंबी कतार लग गई। लोगों को बर्गर के लिए 14-14 घंटे तक इंतजार करना पड़ा। आउटलेट के मुताबिक, पहला बर्गर केन विज्जी नाम के व्यक्ति को दिया गया। केन ने बताया कि वह मूल रूप से कैलिफोर्निया का रहने वाला है। रात में उसे बहुत तेज भूख लगी थी। इसलिए उसने स्टोर की लेन में कार खड़ी की और उसी में सो गया। मालूम हो, यहां ड्राइव इन थ्रू के जरिए बर्गर दिया जा रहा है।

70 साल पुरानी कंपनी के 6 राज्यों में आउटलेट

इन एन आउट 70 साल पुरानी कंपनी है। अमेरिका के 6 राज्यों में इसके आउटलेट हैं। इनमें कैलिफोर्निया, नेवादा, एरिजोना, यूटा, टेक्सास और ओरेगन शामिल हैं। कोलोराडो में यह सातवां आउटलेट है।



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कोलोराडो में शनिवार को अमेरिका की मशहूर फूड चेन ‘इन एन आउट’ आउटलेट खोला गया।

Pak secures $800 million in debt relief from G20 nations November 22, 2020 at 06:24AM

Cash-strapped Pakistan has secured $800 million worth of debt freeze deals from 14 members of the G20 while it was still awaiting ratification by the remaining six countries of the grouping, including Saudi Arabia and Japan, according to a media report on Sunday.

'Sputnik V priced lower than Pfizer,Moderna vaccines' November 22, 2020 at 04:35AM

PM बोले- क्लाइमेट चेंज के खिलाफ लड़ाई में हमने टारगेट हासिल किए, ये लड़ाई जान बचाने जितनी ही अहम November 22, 2020 at 06:01AM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को G-20 समिट में क्लाइमेट चेंज के मुद्दे पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि इस समय हमारा ध्यान कोरोना से लोगों की जानें और इकॉनॉमी बचाने पर है। हमारी नजर में क्लाइमेट चेंज से लड़ाई भी उतनी ही अहम है। भारत न केवल इस मसले पर किए गए पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा कर रहा है, बल्कि उसके भी पार जा रहा है।

मोदी ने कहा कि हमारा लक्ष्य 2030 तक 26 लाख हेक्टेयर बंजर भूमि को इस्तेमाल लायक बनाने का है। हमने LED लाइट्स को बड़ी आबादी तक पहुंचाया। इससे कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में हर साल 380 टन की कमी आती है। उज्ज्वला योजना की मदद से हमने 8 करोड़ से ज्यादा घरों में रसोई को धुएं से मुक्त किया है। यह पूरी दुनिया में सबसे बड़ी क्लीन एनर्जी ड्राइव में से एक है।

सरकार की कोशिशों के बारे में बताते हुए उन्होंने सिंगल यूज प्लास्टिक को खत्म करने के अभियान की जानकारी दी। कहा कि हमारे वन क्षेत्र बढ़ रहा है। शेर और बाघों की आबादी बढ़ रही है। 175 गीगा वॉट रिन्यूवल एनर्जी का हमारा लक्ष्य तय समय 2022 से पहले हासिल कर लेंगे। अब हम 2030 तक 450 गीगा वॉट का लक्ष्य हासिल करना चाहते हैं।

प्रकृति के साथ तालमेल बिठाने की हमारी परंपरा

पीएम मोदी ने कहा कि प्रकृति के साथ तालमेल बिठाने की हमारी परंपरा और मेरी सरकार के कमिटमेंट के कारण भारत ने लो कार्बन और क्लाइमेट के हिसाब से किए जाने वाले डेवलपमेंट को अपनाया है। विकासशील देशों को तकनीक और आर्थिक मदद के जरिए पूरी दुनिया तेजी से तरक्की कर सकती है। मानवता की समृद्धि के लिए हर इंसान को समृद्ध होना चाहिए। भारत अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचे जैसे मेट्रो नेटवर्क, जल-मार्ग और बहुत कुछ बना रहा है। ये सभी सुविधा के अलावा साफ इनवायरमेंट में भी योगदान देंगे।

चीनी राष्ट्रपति ने भी पेरिस समझौते के अमल पर जोर दिया

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने G-20 समिट में कहा कि संगठन के सदस्य देशों को क्लाइमेट चेंज से निपटने के लिए आगे आना चाहिए। इस मसले पर किए गए पेरिस समझौते का पालन करना चाहिए।

अमेरिका के प्रेसिडेंट इलेक्ट जो बाइडेन ने पेरिस समझौते में फिर शामिल होने का इरादा जताया है। इससे क्लाइमेट चेंज समेत पर्यावरण से जुड़ी दूसरी चुनौतियों से निपटने की कोशिशों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिका को पेरिस समझौते से बाहर कर लिया था।



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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को G-20 समिट में क्लाइमेट चेंज के मुद्दे पर अपनी बात रखी।

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