Saturday, July 4, 2020

कान्ये वेस्ट ने कहा- इस बार राष्ट्रपति चुनाव लड़ूंगा, टेस्ला के सीईओ मस्क बोले- मेरा आपको पूरा समर्थन July 04, 2020 at 07:49PM

अमेरिकी रैपर और एक्ट्रेस किम कर्दाशियां के पति कान्ये वेस्ट ने कहा है कि वे इस साल राष्ट्रपति चुनाव लड़ेंगे। शनिवार को उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हमें अब भगवान पर भरोसा कर अमेरिका के वादे को पूराकरना चाहिए। अपने विजन को एक साथ लाना और भविष्य के लिए काम करनाचाहिए। मैं अमेरिका के राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने जा रहा हूं।’’ कान्ये के इस ट्वीट को एक घंटे में ही 1 लाख बार री-ट्वीट किया गया।

टेस्ला कंपनी के सीईओ एलन मस्क ने ट्वीट किया- ‘‘आपको मेरा पूरा समर्थन है।’’ मस्क इससे पहले डेमोक्रेटिक के पूर्व राष्ट्रपति उम्मीदवार एंड्रयूयांग का भी समर्थन कर चुके हैं।

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कान्ये कई सालों से चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं

कान्ये ने पिछले साल उन्होंने कहा था कि वे 2024 में यह चुनाव लड़ेंगे। कान्ये और उनकी पत्नी किम कैदियों की रिहाई के मामले समेत कई मौकों पर सरकार के अभियानों का हिस्सा रह चुके हैं। कान्ये 2018 में ट्रम्प के ओवल ऑफिस में भी नजर आए थे। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए फेडरल इलेक्शन कमीशन की औपचारिकताओं को पूरा किया है या नहीं।

चुनाव लड़ने में है कई कठिनाइयां

मौजूदा वक्त में अगर कान्ये चुनाव लड़ने का फैसला लेते हैं तो उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। चुनावी साल में जुलाई महीने से प्रचार शुरू करना एक बड़ी चुनौती होगी। उन्हें अमेरिका के 50 राज्यों और डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलम्बिया में बैलेट के लिए क्वालिफाई करना होगा। उनके लिए बिना किसी राजनीतिक पार्टी की मदद के प्रेसिडेंशियल इलेक्शन में हिस्सा लेना मुश्किलभरा होगा।



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अमेरिकी रैपर कान्ये वेस्ट और पत्नी किम कर्दाशियां। कान्ये ने शनिवार रात ट्वीट कर राष्ट्रपति चुनाव लड़ने की बात कही। उनके इस ट्वीट को एक घंटे के अंदर ही 1 लाख से ज्यादा बार रीट्वीट किया गया। -फाइल फोटो

Touch The Sky: Kanye West announces 2020 presidential run July 04, 2020 at 05:55PM

"We must now realize the promise of America by trusting God, unifying our vision and building our future. I am running for president of the United States! #2020VISION," the born-again billionaire rapper tweeted as Americans marked Independence Day.

US records 43,742 new virus cases in 24 hours July 04, 2020 at 05:08PM

The Baltimore-based university's tracker showed 43,742 more cases as of 8:30 pm (0030 GMT Sunday), bringing the country's total number of cases since the pandemic began to 2,836,764.

मोदी ने आजादी के जश्न की बधाई दी; राष्ट्रपति ट्रम्प का जवाब- अमेरिका भारत को प्यार करता है July 04, 2020 at 05:28PM

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार को देश के 244 वें स्वतंत्रता दिवस पर देश के नाम संदेश दिया।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘244वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और अमेरिकी लोगों को बधाई देता हूं। दुनिया केसबसे बड़े लोकतंत्र के तौर पर हम स्वतंत्रता और मानवीय मूल्यों की तरजीह देते हैं।’’ ट्रम्प ने इसके जवाब में ट्वीट किया, ‘‘शुक्रिया मेरे दोस्त, अमेरिका भारत को प्यार करता है।’’

ट्रम्प ने इस मौके पर एक बार फिरकोरोना फैलाने के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, ‘‘चीनी वायरस (कोरोना) के पहुंचने से पहले देश का प्रदर्शन अच्छा था। दशकों से अमेरिका का फायदा उठा रहे देशों परटैरिफ लगाया गया। इससे हमें कुछ अच्छे ट्रेड डील्स करने में मदद मिली। हमारे खजानों में अरबों रुपए आने शुरू हुए। लेकिन, इसी बीच हम चीन से पहुंचे वायरस की चपेट में आ गए।’’

हम महामारी से जीतने के करीब: ट्रम्प

ट्रम्प ने साउथ डकोटा में हुए स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में कहा, ‘‘हम अपने तरीके से लड़कर महामारी से जीतने के करीब हैं। अब देश में गाउन, मास्क और सर्जिकल इक्विपमेंट तैयार हो रहे हैं। पहले ये विदेश में खास तौर पर चीन में तैयार होते थे। उसी देश में, जहां से वायरस हमारे देश में पहुंचा। चीन ने वायरस को छिपाया, दुनिया को धोखे में रखा और इससे होने वाले नुकसान पर पर्दा डालने कीकोशिश की, जिससे यह पूरी दुनिया में फैला। चीन कोसंक्रमण फैलाने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।’’

‘हम कट्‌टरवादी लेफ्टिस्ट्स को हराएंगे’

ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका के नायकों ने नाजियों को हराया, फासिस्ट‌ ताकतोंको गद्दी से हटाया और कम्युनिस्टों की सत्ता पलटी। उन्होंने अमेरिका के मूल्यों और सिद्धांतों को बचाया। हमने दुनिया के सभी हिस्से से आतंकियों को खदेड़ा है।अब हम कट्‌टर वामपंथियों और तोड़फोड़ करने वालों को हराने में जुटे हैं। अमेरिका में अश्वेतों के समर्थन में हो रहे प्रदर्शन के दौरान लूटपाट करने वालों को इस बात का अंदाजा तक नहीं कि वे क्या कर रहे हैं।



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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार को देश के 244 वें स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उन्होंने एक बार फिर कोरोना फैलाने के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया।

प्रधानमंत्री ओली ने कैबिनेट की बैठक में मंत्रियों से पूछा- साफ बताओ, किसकी तरफ हो, देश और पार्टी मुश्किल में है July 04, 2020 at 04:27PM

नेपाल की सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) टूट की कगार पर है। उसके अध्यक्ष और प्रधानमंत्री केपी ओली ने अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों को किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा है। ओली ने शनिवार शाम हुई कैबिनेट की आपात बैठक में अपने मंत्रियों से कहा कि वे साफ बताएं कि किसकी तरफ हैं? किसका समर्थन करेंगे? या उनकी सरकार के खिलाफ हैं, क्योंकि पार्टी और देश मुश्किल में हैं। यह जानकारी बैठक में मौजूद एक मंत्री ने दी। बैठक में हुई औपचारिक बातचीत का ब्योरा जारी नहीं किया गया।

ओली ने कहा कि पार्टी के कुछ नेता उन्हें हटाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके साथ ही ये लोग राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी के खिलाफ महाभियोग चलाने की साजिश रच रहे हैं, क्योंकि उन्होंने मेरा समर्थन किया था। भंडारी और ओली के बीच बहुत अच्छे राजनीतिक संबंध हैं। ओली के समर्थन से, भंडारी 2015 के बाद से दो बार राष्ट्रपति बन चुकी हैं।

ओली ने जल्द ही बड़ा फैसला करने के संकेत दिए
ओली ने यह संकेत भी दिया कि वे जल्द ही कोई बड़ा फैसला कर रहे हैं और उनकी पार्टी टूट की कगार पर है। ओली पर प्रधानमंत्री पद और पार्टी का अध्यक्ष पद छोड़ने का दबाव है। उनके सामने इन दोनों पदों को बचाने की चुनौती है।

प्रचंड का गुट इस्तीफे का दबाव बना रहा
एनसीपी को टूट से बचाने के लिए तमाम कोशिशें हो रही हैं। इसके लिए कुछ मझोले नेता दोनों पक्षों को चेतावनी भी दे रहे हैं। अब आम सहमति बनाने के लिए पार्टी की बैठक सोमवार तक के लिए टाल दी गई है, लेकिन हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। पुष्प कमल दहल प्रचंड की अगुआई वाला बागियों का गुट ओली पर इस्तीफे का दबाव बना रहा है।

प्रचंड को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का समर्थन
प्रचंड ओली को प्रधानमंत्री पद से हटाने और पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की मांग कर रहे हैं। दहल को माधव नेपाल और झालानाथ खनल समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का समर्थन है। हालांकि, ओली इन खबरों को खारिज कर रहे हैं। ओली और प्रचंड की पिछली बैठक शुक्रवार को हुई थी। यह करीब तीन घंटे चली थी। इसमें प्रचंड ने ओली के इस्तीफे की मांग दोहराई। हालांकि, बाद में उन्होंने इस दावे को खारिज किया और कहा कि उनके बीच इस्तीफे से इतर कुछ अन्य मुद्दों पर बात हुई।



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पुष्प कमल दहल प्रचंड (बाएं) केपी शर्मा ओली (दाएं) को प्रधानमंत्री पद से हटाने और पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की मांग कर रहे हैं। -फाइल फोटो

ब्राजील में 24 घंटे में 38 हजार नए मामले, मैक्सिको में 30 हजार से ज्यादा लोगों की मौत; दुनिया में अब तक 1.13 करोड़ संक्रमित July 04, 2020 at 04:26PM

दुनियाभर में कोरोनावावायरस से 1 करोड़ 13 लाख 79 हजार 083 लोग संक्रमित हैं। इनमें 64 लाख 34 हजार 012 मरीज ठीक हो चुके हैं। 5 लाख 33 हजार 388 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, ब्राजील में 24 घंटे में 38 हजार नए मामले सामने आए हैं। देश में संक्रमितों की संख्या 15.78 लाख हो चुकी है। वहीं, मैक्सिको में मरने वालों की संख्या 30 हजार से ज्यादा हो गई है। मौतों के मामले में यह पांचवां सबसे प्रभावित देश है।

10 देश जहां कोरोना का असर सबसे ज्यादा

देश

कितने संक्रमित कितनी मौतें कितने ठीक हुए
अमेरिका 29,35,770 1,32,318 12,60,405
ब्राजील 15,78,376 64,365 9,78,615
रूस 6,74,515 10,027 4,46,879
भारत 6,73,904 19,279 4,09,062
पेरू 2,99,080 10,412 1,89,621
स्पेन 2,97,625 28,385 उपलब्ध नहीं
चिली 2,91,847 6,192 2,57,445
ब्रिटेन 2,84,900 44,198 उपलब्ध नहीं
मैक्सिको 2,52,165 30,366 1,47,205
इटली 2,41,419 34,854 1,91,944

*ये आंकड़ेhttps://ift.tt/37Fny4Lसे लिए गए हैं।

ब्राजील: 1 दिन में 1091 मौतें
ब्राजील में 24 घंटे में 1091 मरीजों की मौत हुई है। देश में अब तक 64,265 लोग जान गंवा चुके हैं। यहां एक दिन पहले यानी शुक्रवार को 42,223 नए मामले दर्ज किए गए थे और 1290 लोगों की मौत हुई थी। ब्राजील कोरोना से प्रभावित होने और मौतों के मामले में अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर है।

अमेरिका: टेक्सास में 8258 नए मामले
स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि शनिवार को जब देश स्वतंत्रता दिवस मना रहा था, उस दिन टेक्सास में कोरोना के 8258 नए मामले दर्ज किए गए। वहीं, 33 लोगों की मौत हुई। राज्य में अब तक 1.91 लाख प्रभावित हो चुके हैं और 2608 लोगों ने इसके कारण जान गंवाई है। यहां 97 हजार लोग अब तक ठीक हो चुके हैं। वहीं, फ्लोरिडा में एक दिन में 11,445 नए मामले सामने आए हैं।



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अमेरिका से मौक्सिको आने वाले यात्रियों का तापमान चेक करते स्वास्थ्यकर्मी। सबसे ज्यादा मौतों के मामले में मैक्सिको 5वां देश है।

China reports eight new coronavirus cases in mainland July 04, 2020 at 03:31PM

China reported eight new coronavirus cases in the mainland for July 4, compared with three cases a day earlier, the health authority said on Sunday. Six of the new infections were imported cases, according to a statement by the National Health Commission, while the capital Beijing reported two new cases. There were no new deaths.

चीन की ताकत कम, प्रचार ज्यादा; 20% की दर से बढ़ रहा उधार, यह जीडीपी का 3 गुना से ज्यादा: प्रो. जॉन ली July 04, 2020 at 02:47PM

चीन बेशक ताकतवर है लेकिन इतना भी नहीं कि भारत, अमेरिका, जापान जैसे देशों से एक साथ दुश्मनी कर सके। चीन ताकत से ज्यादा धौंस दिखा रहा है। वह न सुपर पावर है, न कभी बन सकता है।’ यह कहना है प्रो.जॉन ली का।

प्रो. ली सिडनी यूनिवर्सिटी औरअमेरिका के हडसन इंस्टीट्यूट में चीन की पॉलिटिकल इकॉनोमी व इंडो पैसिफिक रीजन के विशेषज्ञ हैं। वे कहते हैं चीन जताना चाहता है कि वह उभरता हुआ सुपर पावर है। पर सच्चाई अलग है। वहांं जल्द ही युवाओं से ज्यादा बूढ़ों की आबादी होगी। यह औसत 1.5 है, जबकि 2.1 होना चाहिए। भारत-चीन के तनाव पर भास्कर के रितेश शुक्ल ने प्रो. ली से बात की। पढ़िए प्रमुख अंश...

अर्थव्यवस्था का खोखलापन: चीन की कंपनियों का उधार भी देश की जीडीपी का दोगुना
चीन के पास 3 लाख कराेड़ डॉलर का फॉरेक्स रिजर्व है। उसने इसका हिस्सा भी सैन्य ताकत बढ़ाने में खर्च किया, तो उसकी अर्थव्यवस्था चरमरा जाएगी। एक और भ्रांति है कि चीन ने अमेरिका को इतना उधार दे रखा है कि वह उसे अपने चंगुल में फंसा सकता है। लेकिन असल में चीन के पास अमेरिका की मात्र 5% फाइनेंशियल सिक्योरिटी है।

चीन अमेरिका से उलझता है तो अमेरिका उसके डॉलर ऐसेट फ्रीज कर सकता है, जिसका खामियाजा चीन बर्दाश्त नहीं कर सकेगा। चीन की घरेलू अर्थव्यवस्था भी स्वस्थ नहीं है। साल 2000 के बाद से चीन सरकार ने बैंकों को कम और निगेटिव दरों पर उधार देने के लिए विवश किया है।

लिहाजा साल 2008 से वहां सरकारी उधार की वृद्धि दर 20% है, जो उसकी जीडीपी की वृद्धि दर से ज्यादा है। चीनी कंपनियों का उधार देश की जीडीपी का दोगुना है। वहीं उसका कुल उधार जीडीपी का तीन गुना से ज्यादा है।

घरेलू विरोधदबाने के लिए पुलिस का बजट 220 अरब डॉलर, रक्षा का 200 अरब डॉलर
चीन एकमात्र ऐसा देश है जिसका रक्षा बजट उसके आंतरिक सुरक्षा बजट से कम है। उसकी आंतरिक व्यवस्था इतनी कमजोर है कि सरकार को आर्म्ड पुलिस पर सालाना 220 अरब डॉलर से ज्यादा खर्च करना पड़ता है। जबकि उसका रक्षा बजट 200 अरब डॉलर है। इसमें पुलिस का खर्च नहीं जुड़ा है। चीन में सरकार के खिलाफ 1 लाख से ज्यादा हिंसक प्रदर्शन होते हैं और पुलिस इनका दमन करती है। दुनिया को अंदाजा भी नहीं है कि कम्युनिस्ट पार्टी का अस्तित्व कितने खतरे में है।

एलओसी पर कार्रवाई से भारत का संयम तोड़ा
चीन ने लद्दाख में भारत के साथ उलझकर बड़ी गलती कर दी है। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान भारत के साथ मिलकर चीन को घेरने के मंसूबे बना रहे थे, लेकिन भारत इस आशा में संयम बरत रहा था कि वह चीन समेत बड़े देशों के साथ मिलकर विकास के रास्ते पर चल सकता है। लेकिन एलओसी पर कार्रवाई कर चीन ने भारत का संयम तोड़ दिया है।

चीन जताना चाहता है कि वह उभरता हुआ सुपर पावर है। लेकिन सच्चाई अलग है। कोई भी देश तब सुपर पावर होता है, जब वह दुनिया में कहीं भी-कभी भी सैन्य कार्रवाई में सक्षम हो। आर्थिक मजबूत हो। उसकी युवा आबादी अधिक हो। इन मापदंडों पर चीन की असल स्थिति बहुत अच्छी नहीं है।

तेजी से बूढ़ा हो रहा है चीन
युवा और वृद्धों में संतुलन के लिए अनिवार्य है कि औसतन प्रति परिवार 2.1 बच्चे पैदा हाें, ताकि हर साल जितने लोग रिटायर हों, उससे ज्यादा युवा काम करने की उम्र के हों। 2017 पहला ऐसा साल था, जब चीन में जितने लोग रिटायर हुए, उससे कम युवा रोजगार की उम्र तक पहुंच पाए थे।

चीन में औसतन प्रति परिवार करीब 1.5 बच्चे जन्म ले रहे हैं। यह अमेरिका से भी कम है। भारत में यह औसत 2.2 है। 2030 तक चीन की डेमोग्राफी पश्चिमी यूरोप जैसी होगी और 2040 तक जापान जैसी, लेकिन उसकी संपन्नता इन देशों जैसी नहीं होगी। तय है कि चीन अमीर होने से पहले बूढ़ा हो जाएगा।

चीन ने स्वास्थ्य सेवाओं और पेंशन सुविधाओं को नजरअंदाज किया है। इसलिए आने वाले समय में बूढ़ी हो रही आबादी को पालने की जिम्मेदारी चीन सरकार को उठानी पड़ेगी। ऐसी परिस्थिति में चीन की ताकत कम ही होगी।

भारत हिंद महासागर में चीन की मुश्किल बढ़ा सकता है
भारत चाहे तो हिंद महासागर में चीन को बड़ी मुश्किल में डाल सकता है। चीन समुद्री मार्ग से तेल आयात करता है। साथ ही जरूरत का 50% खाद्य पदार्थ भी इसी मार्ग से आता है। यह भारत के लिए एक अप्रत्याशित मौका है।



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प्रो. ली सिडनी यूनिवर्सिटी और अमेरिका के हडसन इंस्टीट्यूट में चीन की पॉलिटिकल इकॉनोमी व इंडो पैसिफिक रीजन के विशेषज्ञ हैं।

US sends 2 aircraft carriers to South China Sea during PLA drills July 04, 2020 at 03:13PM

Much of US scales back on holiday, but Trump plans to go big July 04, 2020 at 06:47AM

अब बिना बिजली के हो सकेगा कोरोना टेस्ट, एक घंटे में मिल जाएगी रिपोर्ट, पिछड़े इलाकों में आसानी से हो सकेगी संक्रमण की जांच July 04, 2020 at 04:08AM

भारतीय वैज्ञानिक के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की टीम को कोरोना टेस्ट के लिए सस्ती और बिना बिजली के चलने वाली डिवाइस को बनाने में सफलता मिली है। इसके जरिए मरीज के सलाइवा के घटकों को अलग कर के कोराना वायरस की जांच की जा सकेगी। इससे दुनिया के पिछड़े इलाकों में कोरोना की जांच करने में मदद मिलेगी।

बिना बिजली के चलेगी 'हैंडीफ्यूज' डिवाइस
अमेरिका में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के मनु प्रकाश समेत कई वैज्ञानिकों के अनुसार, 'हैंडीफ्यूज' डिवाइस ट्यूब में सलाइवा को तेज रफ्तार से घुमाता है, जिससे लार के नमूनों से वायरस के जीनोम अलग हो जाते हैं। इस प्रोसेस के लिए बिजली की जरूरत नहीं पड़ती है।

वैज्ञानिकों के मुताबिक,ये एक तरह का सस्ता सेंट्रीफ्यूज डिवाइस है, जिसे बनाने में पांच यूएस डॉलर से भी कम की लागत आती है। इसके जरिए कम समय और सस्ती क्लीनिकल टेक्नीक से कोरोना वायरस का पता लगा सकते हैं।

एक घंटे से भी कम समय में आएगी रिपोर्ट
वैज्ञानिकों के अनुसार, इसके जरिए आसान तरीके और बिना किसी विशेष मशीन के माध्यम से एक घंटे से भी कम समय में सैंपल कलेक्शन से कोरोना वायरस के नतीजों तक पहुंच सकते हैं। उन्होंने बताया कि हर टेस्ट की कीमत एक डॉलर से भी कम आने का अनुमान है। हालांकि, वायरस के जीनोम में भिन्नता के आधार पर रिपोर्ट पर असर पड़ सकता है। इसकी वजह लार में मौजूद अलग-अलग तरह के घटक हो सकते हैं।

अन्य सेंट्रीफ्यूज में आता है सैकड़ों डॉलर्स का खर्च
वैज्ञानिकों के अनुसार, सामान्य सेंट्रीफ्यूज एक मिनट में 2000 बार रोटेट होता है। इसमें सैकड़ों डॉलर का खर्च आता है और इसके लिए बिजली की जरूरत भी पड़ती हैजबकि हैंडीफ्यूज के साथ ऐसा नहीं है।

कोरोना संक्रमित के नमूनों पर प्रयोग करना बाकी
वैज्ञानिकों ने अपनी स्टडी में लिखा कि इस डिवाइस के प्रभाव का मापने के लिएअभी कोरोना संक्रमित के नमूनों की जांच करना बाकी है। इसके बाद ही हम इसकी मान्यता पर विचार करेंगे। उन्होंने कहा कि हम अभी एलएएमपी प्रोटोकॉल और हैंडीफ्यूज को फील्ड सेटिंग में टेस्ट करने की तैयारी कर रहे हैं।



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अमेरिका में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने बनाई है नई टेस्टिंग किट 'हैंडीफ्यूज'।

Officer shot and killed, suspect found dead in Ohio July 04, 2020 at 01:22AM

Witnesses told police the man shot the officer with a handgun and then went into a wooded area. At some point, officers heard a single gunshot coming from the woods, Kral said. The gunman, only described as a 57-year-old white male, was found dead of an apparent gunshot wound to the head around 3.15am.

अमेरिका ने मिलिट्री एक्सरसाइज के लिए दो एयरक्राफ्ट कैरियर उतारे, इसी इलाके में चीन पहले से कर रहा एक्सरसाइज July 04, 2020 at 01:21AM

साउथ चाइना सी में चीन की मिलिट्री एक्सरसाइज के बीचअब अमेरिका ने भी इस क्षेत्र में दो एयरक्राफ्ट कैरियर भेज दिएहैं। चीन ने यहां 1 जुलाई से मिलिट्री एक्सरसाइज शुरू की है जो पांच जुलाई तक चलेगी।अमेरिकी सेना के सातवें बेड़े के प्रवक्ता लेफ्टिनेंटजो जैली ने शुक्रवार को बताया कि यूएसएस निमिट्ज और यूएसएस रोनाल्ड रीगन कैरियर साउथ चाइना सी में फिलीपींस के क्षेत्र में होगा। इन एयरक्राफ्ट कैरियरों के साथ चार वॉरशिप भी शामिल हैं।

अमेरिका चीन की मिलिट्री एक्सरसाइज का विरोध कर रहा
अमेरिका ने यह फैसला ऐसे समय लिया, जब चीन पहले से ही इस क्षेत्र में विवादित पारासेल आईलैंडके पास एक ड्रिल कर रहा है। इसका अमेरिका समेत कई देशों ने विरोध किया था। अमेरिका के रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा था कि इससे चीन की एक्सरसाइज में साउथ चाइना सी में हालातबिगड़ेंगे। इस क्षेत्र में विवादित गतिविधियों को रोकने के लिए हुए अंतरराष्ट्रीय समझौते का उल्लंघन होगा।

अमेरिकी विदेश मंत्री ने साधा चीन पर निशाना
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि अमेरिका अपने दक्षिणी एशियाई साथियों का समर्थन करता है। चीनका विवादितक्षेत्र में मिलिट्री एक्सरसाइजकरना एक उकसाने वाला काम है। हम इस क्षेत्र पर चीन के गैर-कानूनी दावों का विरोध करते हैं। अमेरिका ने हाल ही में चीन के दावों के विरोध में फ्रीडम ऑफ नेविगेशन ऑपरेशन के जरिए चुनौती दी थी।

क्या है दक्षिणी चीन सागर विवाद
दक्षिण चीन सागर के क्षेत्रों को लेकर कई देशों के बीच दशकों से विवाद है। इनमें ब्रुनेई, चीन, जापान, मलेशिया, फिलिपींस, ताइवान और वियतनाम जैसे देश शामिल हैं। यह विवाद समुद्री क्षेत्र पर अधिकार को लेकर है। इसमें क्षेत्र मेंपारासेल और स्प्रैटली दो महत्वपूर्ण आईलैंडहैं। इसको लेकर भी विवाद है। दक्षिण चीन सागर के समुद्र में तेल और गैस के कई विशाल भंडार दबे हुए हैं। यही भंडार इस इलाके के कई देशों के बीच विवाद का कारण बन गए हैं। यहां का समुद्री रास्ता भी व्यापार के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है।

वियतनाम और फिलीपींस चीन के सबसे बड़े विरोधी
वियतनाम और फिलीपींस इस क्षेत्र में चीन के सबसे बड़े विरोधी रहे हैं। उनका मानना है कि चीन इस क्षेत्र को अपने कब्जे में करना चाहता है। साथ ही वह इंटरनेशनल मैरिटाइम लॉ का उल्लंघन करता है। चीन इस क्षेत्र के लगभग 80% से ज्यादा क्षेत्रों पर अपना दावा करता है।



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साउथ चाइना सी में चीन 1 से 5 जुलाई तक सैन्य अभ्यास कर रहा है। अब अमेरिका ने भी इसी इलाके में सैन्य ड्रिल करने का फैसला किया है। - फाइल फोटो

Pakistan will complete CPEC at all costs, says PM Imran Khan July 04, 2020 at 12:44AM

Pakistan Prime Minister Imran Khan vowed on Friday that his government would complete the ambitious China-Pakistan Economic Corridor (CPEC) at "any cost" as the $60 billion project is a manifestation of the all-weather friendship between the two countries.

China says G4 swine flu virus not new; does not infect humans easily July 04, 2020 at 12:54AM

China's Ministry of Agriculture and Rural Affairs said on Saturday that the so-called "G4" strain of swine flu virus is not new and does not infect or sicken humans and animals easily, rebuffing a study published earlier this week.

मंगलयान ने मंगल के सबसे बड़े चंद्रमा फोबोज की फोटो खींची, यान इस उपग्रह से 4200 किमी दूर से गुजरा July 04, 2020 at 12:22AM

भारत के मंगलयान ने मंगल के सबसे बड़े चंद्रमा फोबोज की तस्वीरें खीची हैं। यह फोटो मंगलयान में लगे मार्स कलर कैमरा (एमसीसी) से 1 जुलाई को खींचीगईं। तस्वीरें लेते समय मंगलयान मंगल गृह से 7200 किलोमीटरऔर फोबोज से 4200 किलोमीटर दूर था। मंगल के दो चंद्रमा हैं। एक का नाम फोबोज और दूसरे काडेमोज है। मंगल की पृथ्वी से दूरी 12 करोड़ किलोमीटर है।


सबसे बड़ा क्रेटर भी देखा गया
इसरो के मुताबिक, इस फोटो में बड़े क्रेटर (गड्‌ढे) देखे जा सकते हैं। इसमें सबसे बड़ा क्रेटर स्टिकनी है। इसके अलावा तीन और क्रेटर स्लोवास्की, रोश और ग्रिलड्रिग हैं। ये क्रेटर आकाशीय पिंडों के टकराने से बने थे। माना जाता है कि फोबोज कार्बोनेसियस कोंड्राइट्स पदार्थसे बना है।

24 सितंबर 2014 को भेजा गया था मंगलयान
इसरो ने 24 सितबंर, 2014 को मार्स ऑर्बिटर मिशन के तहत मंगलयान को पहली कोशिश में ही मंगल की कक्षा में स्थापित किया था। पहले योजना थी कि इसे छह महीने तक ऑपरेट किया जाएगा। हालांकि, बाद में इसरो ने कहा कि इसमें पर्याप्त ईंधन है और यह कई सालों तक चल सकता है। इसरो ने 5 नवंबर 2013 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी रॉकेट से यह प्रक्षेपण किया था। 450 करोड़ रुपए की लागत वाले इस मिशन को मंगल की सतह और वातावरण का अध्ययन करने के लिए भेजा गया था।

मंगलयान में पांच उपकरण लगे हैं
मंगलयान में पांच उपकरण लेमैन अल्फा फोटोमीटर (एलएपी), मीथेन सेंसर फॉर मार्स (एमएसएम), मार्स एक्सोफेरिक न्यूट्रल कंपोजीशन एनालाइजर (एमईएनसीए), मार्स कलर कैमरा (एमसीसी) और थर्मल इंफ्रारेड इमेजिंग स्पेक्ट्रोमीटर (टीआईएस) लगाए गए हैं।



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मंगलयान ने मंगल के चंद्रमा फोबोज की यही फोटो खींची है। इसमें बड़े क्रेटर (गड्‌ढे) भी दिख रहे हैं। इसमें सबसे बड़ा क्रेटर स्टिकनी है।

Pubs and restaurants reopen in England as lockdown eased July 04, 2020 at 12:07AM

In addition to the reopening of much of the hospitality sector, couples can tie the knot once again, people can go and see a movie at their local cinema and many of those who have had enough of their lockdown hair can finally get a trim. In all cases, social distancing rules have to be followed.

बाजार में 4 तरह के मास्क बिक रहे, जानिए इनकी खूबियां और आपके लिए कौन सा मास्क बेहतर रहेगा July 03, 2020 at 10:25PM

तारा पार्कर पोप/रशेल एब्राम्स/ईडन वीन्गार्ट/टोनी सेनिकोला. कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई में मास्क सबसे बड़ा हथियार बनकर सामने आया है। सीडीसी, WHOजैसी कई स्वास्थ्य संस्थाएं लोगों से मास्क पहनने की अपील कर रही हैं। भारत में भी सरकार ने मास्क पहनाना अनिवार्य किया हुआ, इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोग लापरवाही बरत रहे हैं।

लेकिन, मास्क की मदद से आप किसी को सांस से निकली बूंदों के जरिए संक्रमित करने और खुद संक्रमित होने से बच सकते हैं। खांसते, छींकते या बात करते वक्त मास्क वायरस युक्त बूंदों को ट्रैप कर लेता है, जिससे वायरस के दूसरे व्यक्ति तक पहुंचने की संभावना कम हो जाती है। बाजार में चार तरह के मास्क उपलब्ध हैं। इनकी अलग-अलग खूबी हैं।इसलिए सही मास्क चुनें, सुरक्षित रहें।

ये हैं मास्क के अलग-अलग प्रकारऔर जानिए इनमें से आपके लिए कौन बेहतरहै-

  • N95
  • महामारी के दौर में N95 मास्कसबसे ज्यादा चर्चा में रहा। यह मास्क छोटे पार्टिकल्स (0.3 माइक्रॉन्स) को करीब 95 प्रतिशत तक रोक लेता है। आमतौर परइतने छोटे कणों को रोकना बेहद मुश्किल होता है। इंसान के औसत बाल का आकार 70 से 100 माइक्रॉन्स चौड़ा होता है।
  • यह मास्क सिंगल यूज होते हैं और पॉलिएस्टर और दूसरे सिंथेटिक फाइबर्स से बने होते हैं। इसमें फाइबर की एक लेयर होती है जो फिल्टर का काम करती है। यह कणों को रोकते हैं।
  • इस मास्क में यह पक्का कर लें कि आपकी स्किन और मास्क में कोई गैप नहीं होना चाहिए। इसमें एक नोजपीस होता है जो चेहरे के आकार के हिसाब से ढल सकता है। कई हेल्थ केयर वर्कर्स सालाना फिटिंग टेस्ट कराते हैं, जिसमें एयर लीकेज की जांच होती है और मास्क का साइज फिट हो जाए। अगर आपके चेहरे पर दाढ़ी है तो यह ठीक से फिट नहीं होगा। यह मास्क बच्चों के चेहरे पर भी फिट नहीं होते।
  • कुछ N95 मास्क में सामने एक्जेलेशन वॉल्व होते हैं, जिससे सांस लेने में आसानी होती है। यह मास्क आमतौर पर कंस्ट्रक्शन में उपयोग होते हैं। वॉल्व वाले मास्क हॉस्पिटल के ऑपरेशन रूम जैसी जगहों में उपयोग नहीं करने चाहिए। ऐसे में यह आपके सांस लेने पर दूसरों की सुरक्षा नहीं करता है।

मेडिकल मास्क

  • इस तरह के मास्क कई प्रकार के होते हैं और N95 से कम प्रभावी होते हैं। इनमें से कुछ मास्क लैब कंडीशन के अंदर 60 से 80 प्रतिशत छोटे कणों को रोक लेते हैं। अगर आपने मेडिकल मास्क को ठीक तरह से पहना है तो यह कोरोनावायरस को रोकने में मददगार हो सकते हैं।
  • आमतौर पर मेडिकल मास्क सांस लेने लायक और पेपर जैसे सिंथेटिक फाइबर से बने होते हैं। यह रेंक्टेंगल शेप में होते हैं और प्लेट्स बनी होती हैं। इसके आकार के कारण यह चेहरे पर आराम से फैलकर फिट हो जाता है। यह मास्क डिस्पोजेबल होते हैं और एक बार के उपयोग के लिए बने होते हैं।
  • यह मास्क आपको बड़ी बूंदों से बचाते हैं, लेकिन चेहरे पर ढीले होने के कारण यह N95 के मुकाबले कम असरदार होते हैं।

होम मेड मास्क

  • मेडिकल मास्क की कम सप्लाई के कारण कई लोगों ने घर में बने मास्क का उपयोग किया। अगर अच्छे फैब्रिक और बेहतर ढंग से इसका निर्माण किया गया है तो यह मेडिकल मास्क जैसी सुरक्षा देता है।
  • एक अच्छा होम मेड मास्क ऐसे मैटेरियल से तैयार किया जाता है जो वायरस पार्टिकल को रोकने में सक्षम होता है। यह कॉटन फैब्रिक से बने होते हैं।
  • ऐसे मास्क का निर्माण हैवी कॉटन टी-शर्ट से भी किया जा सकता है। ऐसा मैटेरियल जिसमें धागों की मात्रा ज्यादा होती है। यह मास्क बेहतर सुरक्षा प्रदान करते हैं। इंटरनेट पर कॉटन मास्क बनाने के कई तरीके मौजूद हैं। ऐसे मास्क की तलाश करें, जिसमें कम से कम दो लेयर हों और जो आपकी नाक और ठुड्डी को कवर करे।

होम मेड फिल्टर मास्क

  • यह एक अन्य तरह के कॉटन मास्क होते हैं जो 100 फीसदीकॉटन टी-शर्ट से बने होते हैं। इन मास्क में पीछे एक जेब होती है जो फिल्टर का काम करती है।
  • हमने इसमें एक कॉफी फिल्टर का इस्तेमाल किया है। पेपर टॉवेल भी टेस्ट किए जा चुके हैं। एक प्रयोग बताता है कि पेपर टॉवेल की दो लेयर 0.3 माइक्रॉन के 23 से 33 प्रतिशत तक ब्लॉक करती हैं।
  • लोग इस दौरान कई फिल्टर मैटेरियलका उपयोग कर रहे हैं। इनमें एयर फिल्टर और वैक्यूम बैग्स शामिल हैं। यह असरदार हो सकते हैं, लेकिन इनमें जोखिम होते हैं। कई बार यह सांस लेने लायक नहीं होते और कई बार हानिकारक फाइबर होते हैं, जिन्हें आप सांस के साथ अंदर ले सकते हैं।
  • इसके साथ ही एक औसत व्यक्ति को इतने फिल्टरेशन की जरूरत नहीं होती है। आप जो भी फिल्टर का उपयोग करें, यह पक्का कर लें कि इसकी साइड में कॉटन या इसके जैसे किसी मैटेरियल की कोई लेयर हो।

मास्क को ठीक से पहनना है जरूरी
एक मास्क तब ही प्रभावी होगा, जब इन्हें ठीक से पहना जाए। बाहर या किसी सार्वजनिक जगहों पर जाते समय मास्क हम वक्त मास्क पहनना चाहिए। याद रखें इन्हें बार-बार ऊपर नीचे न करें। हालांकि कोई भी मास्क 100 फीसदी सुरक्षा नहीं देता है, ऐसे में बार-बार हाथ धोने और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ आप ज्यादा सुरक्षा कर सकते हैं।



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Coronavirus Face Mask Types Comparison Updates; Know Which Mask Is Best For COVID Virus Protection

डब्ल्यूएचओ की टीम अगले हफ्ते तफ्तीश के लिए चीन जाएगी, यह भी दावा कि संक्रमण की पहली जानकारी हमने ही दी थी July 03, 2020 at 09:44PM

दुनिया में कोरोनावायरस के संक्रमण के मामले तेजी से बढ रहे हैं। यह बीमारी पिछले साल चीन के वुहान से दिसंबर में फैलना शुरू हुई थी। चीन पर इसकी जानकारी समय पर न देने का आरोप है, जिसकी वजह से इसके मामले सिर्फ 2 महीने में दुनियाभर में फैल गए। यह बीमारी कैसे फैली, अब यह पता लगाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की टीम अगले हफ्ते चीन जाएगी। संगठन ने यह भी दावा किया है कि इस बीमारी के बारे में पहली जानकारी उसने ही दी थी, न कि चीन ने।

डब्ल्यूएचओ ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आरोपों को भी खारिज किया। ट्रम्प ने डब्ल्यूएचओ पर महामारी रोकने के लिए जरूरी जानकारी देने में नाकाम रहने और चीन के प्रति नरम रुख अपनाने का आरोप लगाया था।

डब्ल्यूएचओ ने 9 अप्रैल को जानकारी दी थी
महामारी को लेकर डब्ल्यूएचओ ने शुरुआती टाइमलाइन 9 अप्रैल को जारी की थी।इसमें उसने सिर्फ इतना कहा था कि हुबेई प्रांत के वुहान शहर के स्वास्थ्य आयोग ने 31 दिसंबर को निमोनिया के मामलों की जानकारी दी थी। हालांकि, इसमें यह स्पष्ट नहीं किया गया था कि जानकारी किसी चीनी अधिकारी ने दी या कहीं और से पता चली।

31 दिसंबर को वायरल निमोनिया की जानकारी दी थी
डब्ल्यूएचओ के निदेशक टेड्रॉस ऐडहॉनम गेब्रिएसस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि चीन से पहली रिपोर्ट 20 अप्रैल को आई थी। उन्होंने कहा कि इसमें इस बात का जिक्र भी नहीं था कि यह रिपोर्ट चीन के अधिकारियों ने भेजी है या किसी अन्य स्रोतों की ओर से, लेकिन डब्ल्यूएचओ ने इस हफ्ते एक नई क्रोनोलॉजी जारी की है, जिसमें इन घटनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया है। इसमें यह संकेत दिया गया है कि चीन में स्थित डब्ल्यूएचओ के कार्यालय ने 31 दिसंबर को ‘वायरल निमोनिया’ के बारे में सूचना दी थी।



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डब्ल्यूएचओ का दावा है कि उसने 31 दिसंबर को चीन के वुहान में फैले वायरल निमोनिया के बारे में सूचना दी थी।

WHO team to visit China next week to investigate origins of coronavirus July 03, 2020 at 08:18PM

Amid global concerns that China delayed giving information regarding the novel coronavirus outbreak, a team of WHO will visit the country next week to investigate the origins of the virus. The visit will take place more than six months after the WHO's Country Office in China picked up a statement from the Wuhan Municipal Health Commission on cases of 'viral pneumonia'.

Donald Trump pushes racial division, flouts virus rules at Rushmore July 03, 2020 at 08:37PM

At the foot of Mount Rushmore on the eve of Independence Day, President Trump zeroed in on the desecration by some protesters of monuments and statues across the country that honour those who have benefited from slavery, including some past presidents. “This movement is openly attacking the legacies of every person on Mount Rushmore," Trump said. He lamented “cancel culture".