Monday, November 23, 2020

Pak to form new national intel body November 23, 2020 at 08:43PM

34 killed in terror attack on bus in Ethiopia November 23, 2020 at 06:58PM

भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन 26 नवंबर को नेपाल जाएंगे, दो दिन के दौरे में पीएम ओली से भी मुलाकात होगी November 23, 2020 at 05:29PM

रॉ और आर्मी चीफ के बाद अब विदेश सचिव भी नेपाल जाएंगे। नेपाल की तरफ से इस विजिट की पुष्टि कर दी गई है। भारतीय विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रंगला 26 और 27 नवंबर को नेपाल की राजधानी काठमांडू में रहेंगे। इस दौरान वे नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से भी मुलाकात कर सकते हैं। इसके अलावा श्रंगला नेपाल के विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री से भी मिलेंगे। दोनों देशों के बीच डेलिगेशन लेवल बातचीत होने की भी संभावना है।

कुछ दिन पहले भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग यानी रॉ के चीफ सामंत कुमार गोयल ने नेपाल की यात्रा की थी। इसके बाद आर्मी चीफ जनरल नरवणे नेपाल गए थे। गोयल की गुप्त काठमांडू यात्रा पर नेपाल के कुछ नेताओं ने सवाल उठाए थे।

नेपाल ने दिया न्योता
नेपाल के की तरफ से जारी बयान में कहा गया- हमारे विदेश सचिव भरत राज पौडेल ने भारतीय विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रंगला को देश आने का न्योता दिया है। वे दो दिन की यात्रा पर यहां आ रहे हैं। यह दोनों देशों के बीच हाई-लेवल बातचीत की कड़ी में अगला कदम है। इससे दोनों देशों के रिश्ते मजबूत करने में मदद मिलेगी। श्रंगला विदेश सचिव बनने के बाद पहली बार नेपाल की यात्रा करेंगे। वे 26 और 27 नवंबर को यहां रहेंगे।

कम हो रहा है तनाव
भारत और नेपाल के बीच इस साल कई बार तनाव और तीखी बयानबाजी देखने मिली। भारत ने कालापानी क्षेत्र में नई और हाईटेक रोड बनाई। नेपाल ने इसे अपना क्षेत्र बताते हुए दावा किया कि भारत ने गैरकानूनी तौर पर सड़क बनाई है। नेपाल ने नया नक्शा भी जारी कर दिया। इसके बाद भारत के आर्मी चीफ ने कहा- नेपाल किसी और के इशारे पर ऐसा कर रहा है। जनरल नरवणे का इशारा साफ तौर पर चीन की तरफ था। नेपाल में उनके इस बयान का विरोध हुआ। तनाव बढ़ता गया।

ओली ने ही की पहल
प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर नेपाली पीएम ने उन्हें फोन पर बधाई दी। दोनों नेताओं के बीच करीब 20 मिनट बातचीत हुई। इसके बाद भी फोन पर संपर्क हुआ। इसके बाद अक्टूबर के तीसरे हफ्ते में रॉ चीफ सामंत कुमार गोयल अचानक काठमांडू गए। उनकी इस यात्रा पर नेपाल में कई सवाल उठे। कहा गया कि भारत ने किसी डिप्लोमैट की जगह इंटेलिजेंस चीफ को नेपाल क्यों भेजा। इसके बाद जनरल नरवणे इसी महीने नेपाल गए। अब श्रंगला जा रहे हैं।



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भारतीय विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रंगला 26 और 27 नवंबर को नेपाल में रहेंगे। रॉ और आर्मी चीफ के बाद विदेश सचिव की नेपाल यात्रा अहम मानी जा रही है। (फाइल)

अमेरिकी राष्ट्रपति ने सत्ता हस्तांतरण को हरी झंडी दी, बाइडेन को अब खुफिया जानकारी भी मिल सकेगी November 23, 2020 at 04:53PM

चुनाव नतीजे साफ होने के करीब 20 दिन बार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प सत्ता हस्तांतरण यानी पावर ट्रांजिशन के लिए तैयार हो गए हैं। हालांकि, उन्होंने अब तक न तो औपचारिक तौर पर हार स्वीकार की है और न ही प्रेसिडेंट इलेक्ट जो बाइडेन को जीत की बधाई दी है। बहरहाल, सत्ता हस्तांतरण के लिए तैयार होने का मतलब ही यही है कि ट्रम्प को अब व्हाइट हाउस छोड़ना होगा। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे 3 नवंबर को आए थे। इसके बाद कानूनी पैतरों के जरिए ट्रम्प व्हाइट हाउस में बने रहने की कोशिश कर रहे हैं।

जनरल एडमिनिस्ट्रेशन एक्टिव हुआ
अमेरिका में सत्ता हस्तांतरण की जिम्मेदारी फेडरल एजेंसी जनरल सर्विएस एडमिनिस्ट्रेशन यानी GSA की होती है। CNN की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार रात ट्रम्प ने जीएसए की हेड ऑफ द डिपार्टमेंट एमिली मर्फी को यह आदेश दिए कि वे ट्रांजिशन की शुरुआत करें। हालांकि, ट्रम्प ने ये भी साफ कर दिया कि वे चुनाव और मतगणना में हुई धांधली के खिलाफ अपनी जंग जारी रखेंगे।

मर्फी की सराहना
ट्रम्प ने कहा- मैं एमिली मर्फी और उनकी टीम को देश के लिए की गई उनकी कामयाब कोशिशों और लगन के लिए बधाई देता हूं। उनके साथ गलत बर्ताव हुआ। मैं नहीं चाहता कि ये अब जारी रहे। हम अपनी जंग से पीछे नहीं हटने वाले। इसे पूरी मजबूती से जारी रखेंगे। उम्मीद है एक दिन सच जरूर सामने आएगा और इसकी जीत होगी।

जो जरूरी हो, वो कीजिए
व्हाइट हाउस छोड़ने का संकेत देते हुए ट्रम्प ने कहा- देश हित में जो जरूरी हो, वो जरूर कीजिए। मैंने मर्फी और उनकी टीम से यही कहा है कि वे आगे बढ़ें और जो नियम तय हैं उनका पालन करें। मैंने अपनी टीम से भी यही कहा है कि वे जीएसए की मदद करें।

इसके बाद मर्फी ने कहा- हम जानते हैं कि क्या नियम हैं और हमें कैसे इनका पालन करते हुए आगे बढ़ना है। मेरे ऊपर किसी तरह का कोई दबाव नहीं आया। जो परंपरा है, हम उसके हिसाब से ही आगे काम करेंगे।

इसके मायने क्या हुए
जीएसए ने बाइडेन टीम को बता दिया है कि ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन पावर ट्रांजिशन के लिए तैयार हो गया है। अब बाइ़डेन और उनकी टीम को हर जरूरी जानकारी मिल सकेगी। ट्रम्प की टीम इसमें पहले की तरह बाधा नहीं बनेगी। इसके ये मायने भी हुए कि इंटेलिजेंस एजेंसीज के चीफ बाइडेन को संवेदनशील मामलों पर सीधी जानकारी दे सकेंगे। पहले इसे रोका जा रहा था। व्हाइट हाउस के अफसर बाइडेन टीम से मिल सकेंगे।



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चुनाव जीतने के बाद अब औपचारिक तौर पर बाइडेन को व्हाइट हाउस से तमाम जानकारी मिल सकेगी। डोनाल्ड ट्रम्प ने सत्ता हस्तांतरण करने वाली एजेंसी को पावर ट्रांजिशन शुरू करने की मंजूरी देने का ऐलान किया है।

China launches Moon probe to bring back lunar rocks November 23, 2020 at 04:24PM

A Long March 5 rocket carrying the Chang'e-5 probe, named after the mythical Chinese moon goddess, blasted off from the Wenchang Space Center on the southern island province of Hainan at 4:30 am (2030 GMT Monday), the official Xinhua news agency reported. Beijing is pouring billions into its military-run space programme, with hopes of having a crewed space station by 2022 and of eventually sending humans to the Moon.

WHO की जांच टीम जल्द चीन जाएगी, अमेरिका में एक हफ्ते में मरने वालों का आंकड़ा 10 हजार से ज्यादा हुआ November 23, 2020 at 04:01PM

दुनियाभर में अब तक 5.94 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 4.11 करोड़ लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 14.01 लाख लोगों की जान जा चुकी है। अब 1.69 करोड़ मरीज ऐसे हैं जिनका इलाज चल रहा है, यानी एक्टिव केस। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन यानी WHO ने कई महीनों तक टालने के बाद आखिरकार विदेशी एक्सपर्ट्स की एक टीम चीन भेजने का फैसला किया। यह टीम वहां कोरोनावायरस के फैलने की जांच करेगी। अमेरिका में एक हफ्ते में मरने वालों की संख्या 10 हजार से ज्यादा हो गई है।

WHO का फैसला
WHO ने सोमवार रात कहा कि उसने दुनिया के हेल्थ एक्सपर्ट्स और संक्रामक बीमारियों की विशेषज्ञों की एक टीम चीन भेजने का फैसला किया है। न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक, यह टीम इस बात का पता लगाएगी कि चीन में वायरस कैसे फैला और इसका मुख्य सोर्स क्या था। इस सवाल का जवाब भी खोजा जाएगा कि यह बीमारी किसी जानवर से इंसानों तक पहुंचीं या इसकी कोई और वजह है। संगठन के इमरजेंसी डायरेक्टर माइकल रायन ने कहा- हमें पूरी उम्मीद है कि चीन सरकार इस टीम को तमाम सुविधाएं मुहैया कराएगी। इस टीम में चीन के एक्सपर्ट्स भी मौजूद रहेंगे।

संगठन का यह फैसला कुछ हैरान जरूर करता है। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति लंबे वक्त से चीन पर आरोप लगाते आए हैं कि कोरोनावायरस उसके लैब से फैला। डोनाल्ड ट्रम्प ने यहां तक कहा था कि वे वक्त आने पर अपने आरोप साबित कर देंगे। हालांकि, वे अब तक कोई सबूत दे नहीं सके हैं। संगठन ने कहा- दुनिया को यह जानना जरूरी है कि आखिर वायरस इतना खतरनाक कैसे हुआ।

अमेरिका में कोई राहत नहीं
‘द गार्डियन’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में पिछले हफ्ते करीब 10 हजार लोगों की मौत हो गई। संक्रमण से हुई मौतों की रफ्तार पर लगाम पाने में अमेरिकी सरकार अब तक नाकाम साबित हुई है। हर दिन यहां करीब डेढ़ लाख मामले औसतन सामने आ रहे हैं। अमेरिकी सरकार ने लोगों से अपील की थी कि वे थैंक्सगिविंग सप्ताह में ट्रैवलिंग से बचें। लेकिन, सरकार की अपील का कतई असर होता नजर नहीं आता। सीएनएन के मुताबिक, लाखों लोग लॉन्ग ड्राइव पर जाने की तैयारी कर चुके हैं। इससे वायरस काफी तेजी से फैल सकता है। इसके अलावा एक और खतरा अस्पतालओं में बेड कम पड़ने का है। यहां पहले ही हालात काबू से बाहर होते जा रहे हैं।

गरीब देशों को मदद मिलेगी
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक और अहम फैसला किया है। संगठन के मुताबिक, गरीब और मध्यम आय वाले देशों को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनिका की वैक्सीन उसी कीमत पर मिलेगी, जितना पैसा इसको बनाने पर खर्च हुआ है। दूसरे शब्दों में कहें तो इन देशों को वैक्सीन इसके लागत मूल्य पर ही मिलेगी। हालांकि, अब तक यह साफ नहीं है कि ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनिका वैक्सीन का बाजार मूल्य क्या तय करते हैं। वैक्सीन का ट्रायल अंतिम दौर में है और माना जा रहा है कि मंजूरी के बाद यह जल्द ही बाजार में मौजूद होगी।

WHO ने कहा है कि वो ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनिका कंपनी का वैक्सीन गरीब देशों को लागत मूल्य पर उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहा है। इस बारे में विस्तार से जानकारी गुरुवार को सामने आ सकती है।

फ्रांस में राहत
फ्रांस में संक्रमण की रफ्तार दो महीने में सबसे कम हुई है। यह दो हफ्ते पहले तक हर दिन करीब 25 हजार मामले सामने आ रहे थे। लेकिन, अब यह रफ्तार काफी हद तक काबू में आ गई है। सोमवार को यहां 4 हजार 452 मामले सामने आए। यह 28 सितंबर के बाद एक दिन में मिलने वाले मामलों की सबसे कम संख्या है। सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया- हमने सख्त उपाय किए और अब इसके बहुत अच्छे नतीजे सामने आ रहे हैं। यह बाकी देशों के लिए भी मैसेज है कि संक्रमण की रफ्तार कम की जा सकती है और अपने लोगों की जान बचाई जा सकती है।

कोरोना प्रभावित टॉप-10 देशों में हालात

देश

संक्रमित मौतें ठीक हुए
अमेरिका 12,770,848 263,639 7,541,874
भारत 9,177,641 134,251 8,603,463
ब्राजील 6,088,004 169,541 5,445,095
फ्रांस 2,144,660 49,232 152,592
रूस 2,114,502 36,540 1,611,445
स्पेन 1,606,905 43,131 उपलब्ध नहीं
यूके 1,527,495 55,230 उपलब्ध नहीं
इटली 1,431,795 50,4531 584,493
अर्जेंटीना 1,374,631 37,122 1,203,800
कोलंबिया 1,254,979 35,479 1,158,897

आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं।



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चीन के वुहान में सी-फूड मार्केट बंद है। माना जा रहा है कि कोरोनावायरस सबसे पहले यहीं से फैला। अब WHO ने फैसला किया है कि उसके एक्सपर्ट्स की एक टीम जल्द यहां का दौरा करेगी और यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि वायरस कैसे फैला। इस टीम में चीन के विशेषज्ञ भी शामिल होंगे। (फाइल)

‘वर्ड ऑफ द ईयर’ नहीं चुन पाई ऑक्सफाेर्ड डिक्शनरी, प्रकाशक ने कहा: काेराेना काल में शब्द भी खौफ में रहे November 23, 2020 at 02:42PM

काेराेना महामारी ने ऑक्सफाेर्ड डिक्शनरी काे भी गफलत में डाल दिया है। डिक्शनरी अस्थिरता भरे काेराेना साल का ‘वर्ड ऑफ द ईयर’ नहीं चुन पाई है। उसने बेमिसाल 12 महीने बताते हुए वर्ड ऑफ द ईयर के बजाय इस साल शब्दों की सूची जारी की है।

ऑक्सफाेर्ड डिक्शनरी प्रकाशित करने वाली कंपनी ऑक्सफाेर्ड लैंग्वेजेस ने माना है कि महामारी ने अंग्रेजी भाषा पर बहुत ताबड़ताेड़ और व्यापक प्रभाव डाला है। प्रेसिडेंट कास्पर ग्रैथव्हाेल कहते हैं, ‘हमने भाषा की दृष्टि से ऐसा साल कभी नहीं देखा। हर साल हमारी टीम सैकड़ाें नए शब्दों और उनके प्रयाेगाें की पहचान करती है, लेकिन 2020 ने हमें नि:शब्द कर दिया है। इसमें इतने शब्द आ गए हैं कि चुनना मुश्किल हो रहा है।

दरअसल, ऑक्सफाेर्ड लैंग्वेजेस हर साल अंग्रेजी भाषा का शब्द चुनती आई है, जिसका दुनियाभर में व्यापक उपयाेग बढ़ा हाे। यह ऑक्सफाेर्ड के 1100 करोड़ शब्द संग्रह में से चुना जाता है। अब तक सेल्फी, वैप, अनफ्रेंड और टाॅक्सिक शब्द चुने गए। पिछले साल यह क्लाइमेट इमरजेंसी था, लेकिन 2020 आया और कंपनी ने एक शब्द चुनने से परहेज किया।

कंपनी की हेड ऑफ प्राेडक्ट कैथरीन काॅन्नाॅर मार्टिन कहती हैं, ‘इस साल कोरोनावायरस शब्द का प्रयोग 57,000% बढ़ गया। काेराेनावायरस शब्द सबसे पहले 1968 में इस्तेमाल हुआ था और चिकित्सीय संदर्भ से बाहर बहुत कम प्रयोग हुआ, लेकिन इस साल इसका प्रयाेग बढ़ गया। अप्रैल में यह सबसे अधिक इस्तेमाल हाेने वाले शब्द टाइम से भी आगे निकल गया।

जनवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प पर महाभियाेग की खबराें के चलते इम्पीचमेंट शब्द प्रचलित था, लेकिन अप्रैल आते-आते काेराेनावायरस आगे निकल गया। वहीं मई के आखिर में ब्लैक लाइव्ज मैटर, जूनटेंथ जैसे शब्दाें का प्रयाेग बढ़ गया। उस समय पैनडेमिक शब्द इस्तेमाल नहीं हाे रहा था। पिछले साल के वर्ड ऑफ ईयर क्लाइमेट इमरजेंसी का इस्तेमाल महामारी के रफ्तार पकड़ते ही 50% तक गिर गया।

कैथरीन के मुताबिक, महामारी में साेशल डिस्टेंसिंग या फ्लैटन द कर्व जैसे शब्द भी घर-घर बाेले जाने लगे। लाॅकडाउन और स्टे-एट-हाेम जैसे वाक्य बहुत इस्तेमाल हुए। पहले रिमाेट, विलेज, आइलैंड और कंट्राेल जैसे शब्द साथ-साथ नजर आते थे, लेकिन अब लर्निंग, वर्किंग और वर्क फाेर्स साथ नजर आने लगे। इस साल शब्द भी खौफ में रहे। हालांकि 2021 अधिक आनंदपूर्ण, सकारात्मक शब्द लाएगा।

कोरोना का साया: वर्केशन, ट्विंडेमिक, अनम्यूट, जूमबॉम्बिंग जैसे शब्द भी

ऑक्सफोर्ड की सूची पर कोरोना का प्रभाव है। इसमें एंटी-वैक्सर (वैक्सीन का विरोधी), एंटी-मास्कर (मास्क विरोधी), एंथ्रोपॉज (घूमने पर वैश्विक पाबंदी), बीसी (बिफोर कोविड), ब्लैक लाइव्ज मैटर, बबल, कोविडिएट (कोेरोना गाइडलाइन न मानने वाला), फ्लैटन द कर्व, ट्विंडेमिक (दो महामारी एक साथ आना), अनम्यूट (माइक्रोफोन ऑन करना), वर्केशन (छुटि्टयों में काम करना) जूमबॉम्बिंग (वीसी कॉल में घुसपैठ करना) जैसे शब्द हैं।



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The Oxford Dictionary could not choose the 'Word of the Year', the publisher said: Words were in awe in the Kareena era

खत्म होगी पति-पत्नी के एक ही सरनेम की बाध्यता, यूएन भी इस कानून के विरोध में था November 23, 2020 at 02:42PM

जापान में मौजूदा कानून के तहत पति और पत्नी का एक ही सरनेम होना जरूरी है। अगर शादी से पहले दोनों के अलग-अलग सरनेम हैं तो शादी बाद एक ही सरनेम चुनना होता है। लेकिन, अब स्थिति बदलने वाली है। जापान के प्रधानमंत्री योशिंदे सुगा ने देश को आश्वासन दिया है कि वे इस नियम में बदलाव के प्रति समर्पित हैं।

पति और पत्नी द्वारा एक ही सरनेम रखने की बाध्यता के कारण अक्सर महिलाओं को बदलाव के बाध्य होना पड़ता है। लिहाजा, इस कानून को महिला विरोधी भी कहा जा रहा है। महिलाओं के खिलाफ हिंसा के खात्मे के लिए बनी संयुक्त राष्ट्र की समिति ने बी जापान ने इस कानून में बदलाव की सिफारिश की थी। इसके अलावा जापान का समान भी अब नियमों में बदलाव के पक्ष में है।

हाल, ही में जापान में हुए एक सर्वे में यह बात सामने आई कि ज्यादातर लोग शादी के बाद भी सरनेम बरकरार रखने के पक्षधर हैं। इस सर्वे में 60 साल की उम्र से कम के जापानियों से सरनेम के बारे में पूछा गया था। 70.6 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें इस बात से कोई दिक्कत नहीं होगी कि उसके पार्टनर का सरनेम अलग है। वहीं, 14.4 फीसदी लोग अब भी यह मानते हैं कि पति और पत्नी का सरनेम एक होना चाहिए।

अपनी ही पार्टी कर सकती है प्रधानमंत्री का विरोध

इस मामले पर जापानी प्रधानमंत्री का रुख इसलिए भी चौंकाने वाला है, क्योंकि उनकी पार्टी एलडीपी में कई रूढ़ीवादी सदस्य शामिल हैं। वे इस कानून में बदलाव के विरोधी रहे हैं। उनका कहना है कि पति-पत्नी के अलग-अलग सरनेम होने से परिवार की एकता प्रभावित होती है। इसकी इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। हालांकि, विपक्षी दल ने प्रधानमंत्री के इस पहल का स्वागत किया है।



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जापान के प्रधानमंत्री योशिंदे सुगा (फाइल फोटो)

Israeli PM held secret talks in Saudi with Pompeo, crown prince: Report November 23, 2020 at 02:08AM

Seven dead after drinking hand sanitiser in Russian village November 23, 2020 at 01:52AM

British PM to announce mass virus testing programme November 23, 2020 at 01:29AM

इंटेलिजेंस चीफ के साथ 5 घंटे की गुप्त यात्रा पर सऊदी अरब पहुंचे नेतन्याहू, प्रिंस सलमान से मुलाकात November 23, 2020 at 01:30AM

मिडल ईस्ट में अमन बहाली की अमेरिकी कोशिशें रंग लाती दिख रही हैं। इजराइल से मिल रही मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने रविवार को सऊदी अरब का गुप्त दौरा किया। उनके साथ खुफिया एजेंसी मोसाद के चीफ योसी कोहेन भी मौजूद थे। नेतन्याहू और कोहेने सऊदी शहर नियोम पहुंचे। वहां अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पहले से मौजूद थे। इन सभी के बीच गोपनीय बातचीत हुई।

दो महीने पहले इजराइल ने यूएई और बहरीन से कूटनीतिक संबंध बहाल किए थे। इसके बाद से माना जा रहा था देर-सबेर इजराइल और सऊदी अरब के बीच भी कूटनीतिक संबंध बनेंगे। बहरहाल, अब तक इजराइल या सऊदी अरब ने नेतन्याहू की यात्रा पर आधिकारिक तौर पर कोई बयान नहीं दिया है।

एयर ट्रैवल रिकॉर्ड से पुष्टि
इजराइली मीडिया ने उस ट्रैवल रिकॉर्ड को भी शेयर किया है, जो रविवार को तेल अवीव और नियोम वाया रियाद हुआ। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने सोमवार सुबह कहा- मेरी क्राउन प्रिंस सलमान से रविवार की मुलाकात काफी अच्छी रही। इसके पहले पोम्पियो इजराइल गए थे और फिर सऊदी अरब पहुंचे। हालांकि, पोम्पियो ने इस सवाल का कोई जवाब नहीं दिया कि प्रिंस सलमान से मुलाकात के दौरान कोई इजराइली भी मौजूद था या नहीं।

तीनों ही देश चुप
अमेरिका में जब राष्ट्रपति चुनाव के लिए कैम्पेन चल रहा था, उसी दौर में डोनाल्ड ट्रम्प ने इजराइल और यूएई के बीच ऐतिहासिक समझौता कराया था। ट्रम्प ने कहा था- ये मिडिल ईस्ट और इजराइल के लिए रिश्तों की नई सुबह है। उम्मीद है कि कुछ और खाड़ी देश इजराइल से रिश्ते शुरू करेंगे। खास बात यह है कि अब तक इजराइल, सऊदी अरब या अमेरिका ने रविवार की गुप्त बैठक पर कुछ नहीं कहा है।

कैसे खुला गोपनीय यात्रा का राज
‘टाइम्स ऑफ इजराइल’ के मुताबिक, तीनों देश इस मामले को इतना गोपनीय रखना चाहते थे कि नेतन्याहू की इस यात्रा के लिए इजराइल के बड़े बिजनेसमैन एहुद एंगेल का प्राईवेट जेट इस्तेमाल किया गया। नेतन्याहू पहले भी इस जेट का इस्तेमाल कर चुके हैं। लेकिन, कुछ ट्विटर यूजर्स ने पाया कि रविवार को तेल अवीव औऱ् नियोम के बीच एक जेट ने चक्कर लगाया। वो वहां पांच घंटे रुका। आमतौर पर इजराइल और सऊदी के बीच इस तरह की यात्रा के बारे में सोचा भी नहीं जाता।

इस यात्रा के लिए नेतन्याहू ने कोरोना पर एक मीटिंग भी रद्द कर दी। इजराइल के डिफेंस मिनिस्टर को भी इसकी जानकारी नहीं दी गई। पिछले साल इसी प्राईवेट जेट से इसी तरह की गुप्त यात्रा पर नेतन्याहू ओमान भी गए थे। सूडान से भी इजराइल के रिश्ते स्थापित हो चुके हैं।

अरब-इजराइल विवाद पर एक नजर
1947 में इजराइल ने खुद को आजाद देश घोषित किया। संयुक्त राष्ट्र ने भी उसे मान्यता देने में देर नहीं लगाई। लेकिन, फिलिस्तीन का मसला अब भी उलझा है। मुस्लिम देशों और खासकर अमीर अरब देशों का फिलिस्तीन से मुस्लिम देश होने के नाते लगाव ज्यादा है। इजराइल ने फिलिस्तीन के बड़े हिस्से पर कब्जा कर रखा है। 1949 में अरब-इजराइल जंग और फिर समझौता हुआ। 1967 की जंग में इजराइल ने यरूशलम के ज्यादातर हिस्से, वेस्ट बैंक, सीरिया के गोलान हाइट्स के साथ ही मिस्र के सिनाई क्षेत्र पर भी कब्जा कर लिया।

1979 में मिस्र और 1994 में जॉर्डन इजराइल से समझौता कर चुके हैं। अब यूएई और बहरीन ने भी यही किया। सऊदी भी इसी राह पर है। मलेशिया, तुर्की और पाकिस्तान जैसे मुस्लिम देश इसे फिलिस्तीन के साथ धोखा बताते हैं।



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इजराइली मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पीएम बेंजामिन नेतन्याहू और खुफिया एजेंसी मोसाद के चीफ योशी कोहेन (दाएं) ने रविवार को सऊदी अरब के नियोम शहर की गुप्त यात्रा की। वे सिर्फ पांच घंटे वहां रुके। (फाइल)

Oxford Covid vaccine efficacy would look higher if trial tested for severe virus November 23, 2020 at 12:12AM

Greenhouse gas levels at new high, despite Covid-19 measures: UN November 23, 2020 at 12:31AM

Pakistan to close educational institutions battling 2nd wave November 23, 2020 at 12:30AM

इंटेलिजेंस चीफ के साथ 5 घंटे की गुप्त यात्रा पर सऊदी अरब पहुंचे नेतन्याहू, प्रिंस सलमान से मुलाकात November 23, 2020 at 12:11AM

मिडल ईस्ट में अमन बहाली की अमेरिकी कोशिशें रंग लाती दिख रही हैं। इजराइल से मिल रही मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने रविवार को सऊदी अरब का गुप्त दौरा किया। उनके साथ खुफिया एजेंसी मोसाद के चीफ योसी कोहेन भी मौजूद थे। नेतन्याहू और कोहेने सऊदी शहर नियोम पहुंचे। वहां अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पहले से मौजूद थे। इन सभी के बीच गोपनीय बातचीत हुई।

दो महीने पहले इजराइल ने यूएई और बहरीन से कूटनीतिक संबंध बहाल किए थे। इसके बाद से माना जा रहा था देर-सबेर इजराइल और सऊदी अरब के बीच भी कूटनीतिक संबंध बनेंगे। बहरहाल, अब तक इजराइल या सऊदी अरब ने नेतन्याहू की यात्रा पर आधिकारिक तौर पर कोई बयान नहीं दिया है।

एयर ट्रैवल रिकॉर्ड से पुष्टि
इजराइली मीडिया ने उस ट्रैवल रिकॉर्ड को भी शेयर किया है, जो रविवार को तेल अवीव और नियोम वाया रियाद हुआ। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने सोमवार सुबह कहा- मेरी क्राउन प्रिंस सलमान से रविवार की मुलाकात काफी अच्छी रही। इसके पहले पोम्पियो इजराइल गए थे और फिर सऊदी अरब पहुंचे। हालांकि, पोम्पियो ने इस सवाल का कोई जवाब नहीं दिया कि प्रिंस सलमान से मुलाकात के दौरान कोई इजराइली भी मौजूद था या नहीं।

तीनों ही देश चुप
अमेरिका में जब राष्ट्रपति चुनाव के लिए कैम्पेन चल रहा था, उसी दौर में डोनाल्ड ट्रम्प ने इजराइल और यूएई के बीच ऐतिहासिक समझौता कराया था। ट्रम्प ने कहा था- ये मिडिल ईस्ट और इजराइल के लिए रिश्तों की नई सुबह है। उम्मीद है कि कुछ और खाड़ी देश इजराइल से रिश्ते शुरू करेंगे। खास बात यह है कि अब तक इजराइल, सऊदी अरब या अमेरिका ने रविवार की गुप्त बैठक पर कुछ नहीं कहा है।

कैसे खुला गोपनीय यात्रा का राज
‘टाइम्स ऑफ इजराइल’ के मुताबिक, तीनों देश इस मामले को इतना गोपनीय रखना चाहते थे कि नेतन्याहू की इस यात्रा के लिए इजराइल के बड़े बिजनेसमैन एहुद एंगेल का प्राईवेट जेट इस्तेमाल किया गया। नेतन्याहू पहले भी इस जेट का इस्तेमाल कर चुके हैं। लेकिन, कुछ ट्विटर यूजर्स ने पाया कि रविवार को तेल अवीव औऱ् नियोम के बीच एक जेट ने चक्कर लगाया। वो वहां पांच घंटे रुका। आमतौर पर इजराइल और सऊदी के बीच इस तरह की यात्रा के बारे में सोचा भी नहीं जाता।

इस यात्रा के लिए नेतन्याहू ने कोरोना पर एक मीटिंग भी रद्द कर दी। इजराइल के डिफेंस मिनिस्टर को भी इसकी जानकारी नहीं दी गई। पिछले साल इसी प्राईवेट जेट से इसी तरह की गुप्त यात्रा पर नेतन्याहू ओमान भी गए थे। सूडान से भी इजराइल के रिश्ते स्थापित हो चुके हैं।

अरब-इजराइल विवाद पर एक नजर
1947 में इजराइल ने खुद को आजाद देश घोषित किया। संयुक्त राष्ट्र ने भी उसे मान्यता देने में देर नहीं लगाई। लेकिन, फिलिस्तीन का मसला अब भी उलझा है। मुस्लिम देशों और खासकर अमीर अरब देशों का फिलिस्तीन से मुस्लिम देश होने के नाते लगाव ज्यादा है। इजराइल ने फिलिस्तीन के बड़े हिस्से पर कब्जा कर रखा है। 1949 में अरब-इजराइल जंग और फिर समझौता हुआ। 1967 की जंग में इजराइल ने यरूशलम के ज्यादातर हिस्से, वेस्ट बैंक, सीरिया के गोलान हाइट्स के साथ ही मिस्र के सिनाई क्षेत्र पर भी कब्जा कर लिया।

1979 में मिस्र और 1994 में जॉर्डन इजराइल से समझौता कर चुके हैं। अब यूएई और बहरीन ने भी यही किया। सऊदी भी इसी राह पर है। मलेशिया, तुर्की और पाकिस्तान जैसे मुस्लिम देश इसे फिलिस्तीन के साथ धोखा बताते हैं।



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इजराइली मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पीएम बेंजामिन नेतन्याहू और खुफिया एजेंसी मोसाद के चीफ योशी कोहेन (दाएं) ने रविवार को सऊदी अरब के नियोम शहर की गुप्त यात्रा की। वे सिर्फ पांच घंटे वहां रुके। (फाइल)

UK aims to roll out Covid vaccines next month November 22, 2020 at 10:04PM

"We hope to be able to start vaccinating next month," Hancock told BBC TV after AstraZeneca announced its vaccine could be up to 90% effective. "The bulk of the vaccine rollout programme will be in January, February, March. And we hope that sometime after Easter things we'll be able to start to get back to normal."

UK health minister welcomes Oxford Covid vaccine results November 22, 2020 at 09:47PM

"These figures ... shows that the vaccine in the right dosage can be up to 90% effective," he told Sky News, after an announcement from AstraZeneca. "We've got 100 million doses on order and should all that go well, the bulk of the rollout will be in the new year."