Saturday, March 28, 2020

New York delays presidential primary; Trump nixes quarantine idea March 28, 2020 at 06:14PM

कोरोनावायरस से नवजात कम ही प्रभावित हुए हैं, लेकिन यह गर्भाशय में पहुंच सकता है; विशेषज्ञ इसे लेकर एकमत नहीं March 28, 2020 at 05:48PM

न्यूयॉर्क टाइम्स से विशेष अनुबंध के तहत. अब तक यह देखा गया है कि कोरोनावायरस से नवजात ज्यादा प्रभावित नहीं हुए हैं,लेकिन, तीन नई रिसर्च के मुताबिक, यह वायरस गर्भाशय में भ्रूण तक पहुंच सकता है। हालांकि, विशेषज्ञ कहते हैं कि इनस्टडी कोपूरी तरह सही नहीं माना जा सकता, क्योंकि ये अभी बहुत छोटे स्तर पर हुई हैं। इनके आधार पर अभी यह नहीं कह सकते कि कोरोनावायरस सच में गर्भाशय की दीवारों को पार कर सकता है।

गर्भाशय की दीवारें किसी भी वायरस और बैक्टीरिया के लिए सबसे बड़ा अवरोध होती है। इस पर स्टडी कर चुकींपीट्सबर्ग यूनिवर्सिटी की डॉ. कैरोलिन कोयने कहती हैं, ‘‘मुझे नहीं लगता कि कोरोनावायरस गर्भाशय की दीवारों को पार कर सकता है। फिर भी, नई स्टडी में यह बात सामने आई है तो यह चिंता का विषय है, क्योंकि अगर वाकई वायरस गर्भाशय में पहुंच सकता है तो यह भ्रूण के लिए एक खतरा ही होगा।’’

गर्भवती को सांस से जुड़ी बीमारियों की आशंकाज्यादा रहती है
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में प्रसव के दौरान होने वाली महामारियों की विशेषज्ञ डॉ. क्रिस्टीना चेंबर्स बताती हैं, ‘‘गर्भवती महिलाओं को सांस से जुड़ी बीमारियों के संक्रमण की आशंकाज्यादा रहती है और यह उनके और उनके बच्चे के लिए हमेशा से एक खतरा रहाहै। हम इस बारे में अब तक कुछ नहीं जानते हैं। यह भी साफ नहीं है कि इस वायरस के गर्भ में पहुंचने के बाद भ्रूण पर क्या असर होगा।’’

गर्भाशय की दीवारें वायरस को रोक लेती हैं,एंटीबॉडीज को जाने देती हैं
आमतौर पर गर्भाशय की दीवारें नुकसान पहुंचाने वाले वायरस और बैक्टीरिया को भ्रूण तक पहुंचने से रोक लेती हैं। ये सिर्फ एंटीबॉडीज को जाने देती हैं, ताकि जन्म से पहले और जन्म के ठीक बाद किसी भी तरह के विषाणु से नवजात को सुरक्षित रखा जा सके। हालांकि, कुछ वायरस इन दीवारों को पार भी कर जाते हैं जैसे हाल ही में जीका वायरस को ऐसा करते पाया गया था। अगर जीका एक से तीन महीने के गर्भ के दौरान भ्रूण के संपर्क में आ जाता है तो इससे बच्चे का मस्तिष्क विकास प्रभावित होता है। उसे गहरा न्यूरॉलाजिकल नुकसान भी होने की आशंकारहती है।

डॉ. कोयने कहती हैं, ‘‘जीका की तरह कोरानावायरस भ्रूण को इतना नुकसान पहुंचाता नजर नहीं आता,लेकिन अगर ऐसा होता है तो गर्भ के गिरनेया समय से पहले प्रसव के ज्यादा मामले सामने आ सकते हैं।’’

तीन स्टडी में नवजातों में कोरोनावायरस को पहचानने वाली एंटीबॉडीज देखीं गई
मार्च में मेडिकल जर्नल ‘द लांसेट’ में छपे के एक आर्टिकल में वुहान में नौ नवजातों पर हुए अध्ययन के मुताबिक, मां से भ्रूण तक कोरोनावायरस पहुंचने का कोई मामला सामने नहीं आया। लेकिन गुरुवार को अमेरिका के जामा पेपर्स में छपी दो स्टडी के मुताबिक, डॉक्टर्स ने नवजातों में कुछ एंटीबॉडीज पायीं, जो वायरस को पहचान सकती थीं। यह इस ओर इशारा करती है कि एंटीबॉडीज की तरह ही कोरोनावायरस भीमां से भ्रूण में पहुंच सकता है।दोनों ही स्टडी में नवजातों में इम्यूनोग्लोब्यूलिन-जी नाम की एंटीबॉडीज को अच्छी संख्या में पाया गया। ये मां से ही भ्रूण तक पहुंचती है।तीन नवजातों में अलग तरह की एंटीबॉडीज भी देखी गईं। इन्हें इम्यूनोग्लोब्यूलिन-एम (आईजी-एम) नाम से जाना जाता है, ये भी कोरोनावायरस को पहचान सकती हैं।

वुहान मेटरनल एंड चाइल्ड हेल्थ हॉस्पिटल में वॉलेंटियर एक गर्भवती महिला कोकोरोनावायरस टेस्ट के लिए ले जाते हुए। - फाइल

डॉक्टर्स के मुताबिकतीनों स्टडी में कुछ कमियां भी थीं
इन स्टडी में कमी बताते हुए डॉ. कोयने कहती हैं, ‘‘हो सकता है कि वायरस गर्भाशय की दीवार को पार कर गया हो, लेकिन इन स्टडी में गर्भाशय की दीवारों, गर्भनाल के रक्त और भ्रूम के आसपास के द्रव में वायरस को नहीं खोजा गया।’’ द लांसेट जर्नल में छपी स्टडी पर काम करने वाले नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. वी झांग बताते हैं, ‘‘जामा पेपर्स में छपी स्टडी में मां से भ्रूण में वायरस जाने के सबूत अप्रत्यक्ष थे, इनके आधार पर ये नहीं कहा जा सकता कि नवजात में वे एंटीबॉडीज मां से ही आई होंगी।’’



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अमेरिका में गर्भवती और नवजातों पर कोरोनावायरस के असर का अध्ययन शुरू हो चुका है। - प्रतीकात्मक चित्र

पहली बार संक्रमण से नवजात की मौत; शिकागो में एक साल से कम उम्र के बच्चे की जान गई थी March 28, 2020 at 05:13PM

वॉशिंगटन. दुनिया में फैले कोराेनावायरस ने महामारी का रूप ले लिया है। अमेरिका में इसका खतरा लगातार बढ़ रहा है। शनिवार को इलिनॉय में नवजात की मौत हो गई। राज्य के स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि दुनिया में इस तरह का पहला मामला है। इससे पहले शिकागो में एक साल से कम उम्र के बच्चे की जान गई थी।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में गवर्नर जेबी प्रित्जकर ने कहा, ‘‘नवजात को 24 घंटे पहले कोरोनावायरस का संक्रमण हुआ था। उसकी मौत की खबर ने मुझे हिलाकर रख दिया। जांच जारी है। मौत कोरोनावायरस से ही हुई है। इसे कन्फर्म कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा- मैं जानता हूं, एक नवजात की मौत की खबर कितनी दुखदायी हो सकती है। यह पूरे परिवार के बेहद दुखभरा समय है, जो पूरे साल भर से बच्चे के आने की खुशियां संजो रहा था।

वायरसयुवाओं मेंदुर्लभ ही गंभीर रूप लेता है

स्वास्थ्य के निदेशक नेगोजी एजिक ने एक बयान में कहा, ‘‘वैश्विक महामारी का रूप ले रहे कोरोनावायरस से अब तक किसी नवजात की मौत का मामला सामने नहीं आया था।’’पिछले हफ्तेफ्रांस के स्वास्थ्य अधिकारी जेरोम सॉलोमन ने पिछले हफ्ते बताया था कि पेरिस के इले-द-फ्रांस क्षेत्र में एक 16 साल की लड़की की मृत्यु कोरोनावायरस से हुई है। उन्होंने कहा था, ‘‘युवाओं के साथ कोरोनावायरस के मामले दुर्लभ ही गंभीर रूप लेते हैं।’’

बूढ़े लोगों को ज्यादा प्रभावित करता वायरस
पिछले हफ्ते ही कैलिफोर्निया में लॉस एंजिल्स काउंटी के स्वास्थ्य विभाग ने एक किशोर के कोरोनावायरस से पॉजिटिव होने की जानकारी दी थी। बाद में उसकी मृत्यु हो गई। कई अध्ययनों में पाया गया है कि कोरोनावायरस बूढ़े, कमजोर और दूसरी बीमारियों से ग्र्रसित रोगियों को ज्यादा प्रभावित करता है, क्योंकि ऐसे लोगों की रोग प्रतिरोधी क्षमता भी घट जाती है।



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मौत कोरोनावायरस से ही हुई है, इस दावे की जांच की जा रही है। फाइल फोटो

Canadian PM's wife has recovered from coronavirus illness March 28, 2020 at 04:36PM

Trudeau's office announced on March 12 that she had tested positive for the coronavirus after she fell ill upon returning from a trip to London. The prime minister and his family have been in self isolation at home since then. He and their three children didn't show symptoms.

दुनियाभर में 30 हजार लोगों की जान गई, केवल यूरोप में 20 हजार से मौतें; ट्रम्प ने कहा- न्यूयॉर्क को क्वारैंटाइन नहीं किया जाएगा March 28, 2020 at 04:25PM

वॉशिंगटन. दुनिया के सभी 195 देश कोरोनावायरस की चपेट में हैं। रविवार सुबह तक 6 लाख 63 हजार 541 संक्रमितों की पुष्टि हुई। 30,873 लोग जान गंवा चुके हैं। इसी दौरान एक लाख 42 हजार 175 स्वस्थ भी हुए। यूरोप में मौतौं का आंकड़ा 20 हजार से ज्यादा हो गया है। वहीं, अमेरिका में 2200 से ज्यादा जानें गई हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार देर रात कहा कि न्यूयॉर्क और उसके पड़ोसी राज्यों में क्वारैंटाइन नहीं लगाया जाएगा।

राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा कि कोरोनावायरस के प्रसार के बीच न्यूयॉर्क, न्यू जर्सी और कनेक्टिकट के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी किया जाएगा। वे थोड़े समय से इन राज्यों को क्वारैंटाइन करने पर विचार कर रहे थे। व्हाटइट हाउस के कोरोनावायरस टास्क फोर्स की सिफारिश और न्यूयॉर्क, न्यू जर्सी और कनेक्टिकट के गवर्नरों से बातचीत के बाद मैंने कुछ दिनों के लिए इन जगहों पर सख्त ट्रैवल एडवाइजरी जारी करने के लिए कहा है।’’

अमेरिका: 1 लाख 23 हजार से ज्यादा संक्रमित
अमेरिका में संक्रमितों की संख्या एक लाख 23 हजार से ज्यादा हो गई है। केवल एक दिन में संक्रमण के मामले 15 हजार से ज्यादा बढ़े हैं। वहीं, यहां 2221 लोगों की मौत हुई है।

न्यूयॉर्क में एक सुपरमार्केट के बाहर अंदर जाने के लिए इंतजार करते लोग।

इटली: 3 अप्रैल को लॉकडाउन खत्म हो रहा
यूरोप में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित देश इटली है। शनिवार को यहां 889 लोग मारे गए। अब तक दस हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। 92,472 लोग संक्रमित हैं। सरकार ने यहां 9 मार्च से 3 अप्रैल तक लॉकडाउन लगा दिया था। देश के करीब 6 करोड़ लोग अपने घरों में कैद है। इटली के प्रधानमंत्री ग्यूसेप कोंटे लॉकडाउन की समय सीमा और बढ़ा सकते हैं।

स्पेन: अब तक करीब 6 हजार लोगों की मौत
स्पेन यूरोप का दूसरा सबसे प्रभावित देश है। यहां अब तक 5982 लोगों की मौत हुई है, जबकि 73,235 व्यक्ति संक्रमित हैं। यहां भी सरकार ने 11 अप्रैल तक लॉकडाउन लगा दिया है। चीन ने शनिवार को स्पेन को 12 लाख मास्क दिए हैं।



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कोरोनावायरस के कारण न्यूयॉर्क स्थित चाइना टाउन खाली हुआ।

फ्रांस ने हाईस्पीड ट्रेन को एंबुलेंस के रूप में बदला, ट्रेन एक घंटे में 300 किमी का सफर तय करती है March 28, 2020 at 02:53PM

पेरिस.फ्रांस ने अपनी एक हाईस्पीड टीजीवी ट्रेन को देशभर में कोरोना मरीजों को लाने-लेजाने के लिए अस्पताल के रूप में तब्दील कर दिया। देशभर में कहीं भी अगर कोरोना का मरीज है, उसे 5 घंटे में ही यह ट्रेन राजधानी पेरिस तक ले आएगी। ट्रेन के हरेक कैबिन में 4 मरीजों को लाया जा सकता है। इसमें ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और मेडिकल स्टाफ जैसी आपातकालीन सुविधाएं मौजूद हैं। शुक्रवार को गंभीर हालत में करीब 20 कोरोना मरीजों को ट्रेन से अस्पताल तक पहुंचाया गया। यह ट्रेन एक घंटे में 300 किमी का सफर तय करती है।

ट्रेन में मरीजों की देखभाल करने वाले डॉक्टर लियोनेल लामहुत ने बताया कि फ्रांस के पूर्वी और पश्चिम क्षेत्र में कोरोना के ज्यादातर मरीज सामने आ रहे हैं। ट्रेन के हर कैबिन में ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और अन्य सभी जरूरी उपकरण के कारण हेलिकॉप्टर की तुलना में ज्यादा सुविधाजनक है।



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मेडिकल स्टाफ की मौजूदगी में ट्रेन में मरीजों को इस तरह लाया जा रहा है।
ट्रेन में मौजूद मेडिकल स्टाफ।

चीन में कोरोना का इलाज कर रहे 50% डॉक्टर डिप्रेशन में, अमेरिका में डॉक्टरों का तनाव कम कर रहे थैरेपी डॉग March 28, 2020 at 02:46PM

न्यूयॉर्क.लॉकडाउन के इस दाैर में अगर आपको बीमारी का डर सता रहा है तो दुनियाभर के उन डॉक्टर्स और हेल्थकेयर वर्कर्स के बारे में कल्पना कीजिए जो लगातार 20-20 घंटे अस्पतालों में काम कर रहे हैं। चीन में कोरोना का इलाज कर रहे 39 अस्पतालाें के 1257 डॉक्टर्स और स्वास्थ्यकर्मियों के एक सर्वे में पता चला है कि 50% में डिप्रेशन, 45% में चिड़चिड़ापन, 34% में अनिद्रा और 71% मनोवैज्ञानिक दुख का शिकार हो गए हैं। महिलाओं और नर्सों पर इसका ज्यादा बुरा असर हुआ है। 2003 में सार्स के दौरान भी डॉक्टर्स को इस बात का डर था कि कहीं उनकी वजह से उनके परिवार भी इस महामारी की चपेट में न आ जाएं।

तनाव से बचने के लिए डॉग्स मददगार

इन दिनों भी डॉक्टर्स इसी तरह के तनाव से गुजर रहे हैं। ऐसे में डॉक्टर्स का तनाव दूर करने में डॉग्स मददगार साबित हो रहे हैं। कोलोराडो के डेनवर शहर के मेडिकल सेेंटर का ऐसा ही एक थैरेपी डॉग व्यान इन दिनों खबरों में है। एक साल के इस लेब्राडोर की मेडिकल स्टाफ के साथ तस्वीरेें सामने आई हैं। इमरजेंसी फिजिशियन डॉ. रेयान व्यान के ट्रेनर हैं, वे कहते हैं कि जो आप देखते हैैं और रोज दिखने वाली जो चीजें आप नहीं देख पाते, वो आपके दिमाग में घूमती रहती हैं। ऐसे तनाव के बीच एक डॉग पास आकर खड़ा हो जाता है तो आप उसे थपथपाते हैं। इस तरह परेशानियों से बाहर निकलकर आप वर्तमान पल में आ जाते हैं और तनाव भूल जाते हैं। अमेरिका में 50 हजार से ज्यादा थैरेपी डॉग्स हैं। नॉर्वे और ब्राजील जैसे देशों में भी अब थैरेपी डाॅग्स का इस्तेमाल मरीजों का तनाव दूर करने में हो रहा है। कई संस्थान डॉग्स को इस काम के लिए ट्रेंड करते हैं और इन्हें सर्टिफिकेट भी दिया जाता है। अप्लाइड एनिमल बिहेवियर साइंस की एक स्टडी में कहा गया है कि डॉग्स को भी अपना यह काम पसंद आ रहा है।

अमेरिका में 50 हजार से ज्यादा थैरेपी डॉग्स हैं

डॉग व्यान इन दिनों असिस्टेंस डॉग बनने की ट्रेनिंग पर है। ट्रेनिंग पूरी होने पर वह विकलांग बच्चों, बुजुर्गों या युवाओं का मददगार बन जाएगा। वह दिनभर डॉक्टर रेयान के केबिन में रहता है। कमरे में लाइट कम होती है और हल्का संगीत चलता है। वैसे व्यान मरीजों का तनाव दूर करता है, लेकिन इन दिनों वाे डॉक्टर्स और नर्सों की भी मदद कर रहा है।



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थैरेपी डॉग व्यान के साथ डॉ रेयान।

एन-95 मास्क आसानी से 50 बार री-यूज किए जा सकेंगे; अमेरिकी वैज्ञानिकों ने तरीका खोजा March 28, 2020 at 07:16AM

वॉशिंगटन. दुनिया कोरोनावायरस के कहर से कराह रही है। संक्रमितों के इलाज में कई हेल्थ वर्कर्स और डॉक्टरों की मौत हो चुकी है। अकेले इटली में शुक्रवार तक 51 डॉक्टरों की मौत की खबर है। मरीजों के इलाज में जुटे डॉक्टरों के लिए एन-95 मास्क सबसे कारगर और सुरक्षित माने गए हैं। इनकी मांग सबसे ज्यादा है लेकिन, आपूर्ति कम। अब अमेरिकी वैज्ञानिकों ने इनकी कमी दूर करने का रास्ता खोज लिया। नए मास्क बनाने की जगह पुराने मास्क ही आसानी से 50 बार तक उपयोग किए जा सकेंगे।

साफ करना मुश्किल नहीं
ड्यूक यूनिवर्सिटी की रीजनल बायोकंटेनमेंट लेबोरेट्री टीम अब तक अमेरिकी हेल्थ वर्कर्स के लिए सैकड़ों एन-95 मास्क साफ करके उन्हें फिर इस्तेमाल के लिए दे चुकी है। इससे सरकार को भी बहुत राहत मिली है। इतना ही नहीं लेब्रोरेट्री टीम ने हॉस्पिटल्स को भी मास्क साफ करने की प्रोसेस बता दी है।

कैसे होंगे साफ?
एन-95 जैसे बेहद उपयोगी मास्क को ‘वेपोराइज्ड हायड्रोजन परॉक्साइड’ से साफ किया जा रहा है। इससे मास्क बिल्कुल साफ हो जाते हैं। उन्हें 50 बार तक उतने ही कारगर तरीके से उपयोग किया जा सकता है। हर बार ये उतने ही सुरक्षित होते हैं जितने पहली बार थे। लेब्रोरेट्री के डायरेक्टर वायने थोमैन ने कहा, “यह तरीका कई दशकों से अपनाया जा रहा है। अब इसमें सुधार किया गया है। हां, हमने ये कभी नहीं सोचा था कि किसी वक्त हमें मास्क साफ करने के लिए भी इस तकनीक की जरूरत पड़ेगी।”

चार घंटे लगते हैं प्रोसेस में
वायने के मुताबिक, शुरुआती तौर पर लैब में एक साथ 500 मास्क साफ किए जा रहे हैं। इस प्रोसेस में चार घंटे लगते हैं। इस दौरान इस बात का भी ध्यान रखा जाता है कि मास्क का शेप बिल्कुल न बिगड़े। शेप खराब होने पर हेल्थ टीम को पहनने में दिक्कत हो सकती है। जल्द ही यह तकनीक दूसरे देशों से साझा की जा सकती है।



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कोरोना संक्रमण के इलाज में जुटे डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के लिए एन -95 मास्क काफी कारगर माने गए हैं। (प्रतीकात्मक चित्र)

Coronavirus outbreak: Italy's front-line medical heroes, in portraits March 28, 2020 at 05:13AM

Taliban says will not negotiate with team announced by Afghan government March 28, 2020 at 04:44AM

संक्रमण से हुई मौतों पर ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो बोले- सॉरी, कुछ लोग मरेंगे; यही जीवन है March 28, 2020 at 04:40AM

रियो डि जेनेरो, साओ पोलो.ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो ने शुक्रवार को कोरोनावायरस से होने वाली मौतों पर विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग मरेंगे, यही तो जीवन है। इसके साथ ही उन्होंने संक्रमण के कारण साओ पोलो में हुई मौतों पर संदेह जताया। उन्होंनें यहां के गवर्नर पर राजनीतिक लाभ लेने के लिए आंकड़ों से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। साओ पोलो ब्राजील की अर्थव्यवस्था का केंद्र है। बोल्सोनारो कोरोनावायरस के कारण देश में लॉकडाउन लगाने के पक्ष में नहीं है। इससे पहले ब्राजील के गवर्नर ने राष्ट्रपति पर कोरोनावायरस से निपटने और सोशल डिस्टेसिंग से ज्यादा अर्थव्यवस्था की चिंता करने का आरोप लगाया था। ब्राजील में पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह के बाद देश के 26 गवर्नरों ने गैर जरूरी व्यावसायिक गतिविधियां और सार्वजनिक सेवाओं को रोक दिया है।

कहा- ‘‘ट्रैफिक की वजह से मौत होने पर कार बनाना नहीं रोकते’’
बोल्सोनारो ने शुक्रवार रात एक इंटरव्यू में कहा, ‘‘मुझे माफ करें, कुछ लोग मरेंगे, यही जीवन है। ट्रैफिक की वजह से होने वाली मौतों की वजह से आप कार फैक्ट्री तो नहीं बंद कर सकते।’’बोल्सोनारो ने कहा कि साओ पोलो में संक्रमण से होने वाली मौतों का आंकड़ा कुछ ज्यादा ही है। हमें यह देखना होगा कि वहां क्या हो रहा है।राजनीतिक लाभ के लिए इसे नंबर गेम नहीं बनाया जा सकता।’’ ब्राजील में अभी तक संक्रमण के 3,477 मामले सामने आए हैं और 93 लोगों की मौत हुई है, इसमें साओ पोलो में अकेले 1,223 मामले और 68 मौतें हुई हैं। इससे पहले साओ पोलो के गवर्नर जोआाओ डोरिया ने बोल्सोनारो की गलत सूचनाएं देने, प्रतिबंधों की आलोचना करने और ‘ब्राजील कैन नॉट स्टाप’ (ब्राजील रुक नहीं सकता) नारे को बढ़ावा देने पर आलोचना की थी। इस तरह का नारा इटली के मिलान में सामने आया था।ब्राजील के न्याय मंत्रालय ने आने वाले सोमवार से सभी विदेशियों के एयरपोर्ट के माध्यम से देश में प्रवेश करने पर रोक लगा दी है।

पहले भी विवादों में रहें हैं बोल्सोनारो

बोल्सोनारो कई बार अपने आलोचकों के लिए विवादास्पद बयान दे चुके हैं।अपनी नीतियों और सोशल मीडिया पर ट्रम्प को फॉलो करने की वजह से उन्हें 2018 में अमेरिकी महाद्वीप का ट्रम्प कहा गया था।बोल्सोनारो सिर्फ नीतियों में ही नहीं, बल्कि विवादास्पद बयानों के मामले में भी ट्रम्प के काफी करीब माने जाते हैं। दोनों को महिलाओं के प्रति नफरत और विवादित नजरिया रखने वाला नेता माना जाता है। नजर डालते हैं बोल्सोनारो के ऐसे कुछ बयानों पर जिन पर विवाद पैदा हुआ।

1. चुनाव पर

बोल्सोनारो ने कहा था, “चुनाव में वोटिंग से देश में कुछ नहीं बदलेगा। असल बदलाव तभी आ सकता है अगर ब्राजील में गृहयुद्ध छिड़ जाए और उसमें राष्ट्रपति फर्नांडो के साथ 30,000 लोगों की मौत हो जाए।”

2. मानवाधिकार पर

ब्राजील में चली सैन्य तानाशाही की तारीफ करते हुए बोल्सोनारो ने 1999 में कहा था, “1964-85 के बीच पूरे सिस्टम में एक ही कमी रही कि तब लोगों को मारने के बजाय सिर्फ टॉर्चर किया जाता था। लेकिन, मैं टॉर्चर के पक्ष में हूं और लोग भी अपराधियों के टॉर्चर के पक्ष में हैं।”

2004 में एक बार फिर बोल्सोनारो ने टॉर्चर का पक्ष लिया, “ब्राजील की जेलें बेहतरीन जगह हैं। वे इसलिए बनाई गई हैं, ताकि अपराधी अपने पाप का हिसाब दे सकें, न कि एक स्पा की तरह यहां शान से अपनी जिंदगी काटें। जो लोग दुष्कर्म, अपहरण और हत्या जैसे काम करते हैं, उन्हें सजा मिलेगी, वे यहां छुट्टी के कैंप पर नहीं हैं।”

3. महिलाओंपर

2014 में महिला सांसद मारिया डो रोजारियो ने बोल्सोनारो को दुष्कर्म को बढ़ावा देने वाला नेता बताया, इस पर उन्होंने संसद में कहा,“मैं तुम्हारे साथ कभी दुष्कर्म नहीं करूंगा, क्योंकि तुम इसके लायक नहीं हो। मैं दुष्कर्मी नहीं हूं, लेकिन अगर होताभी तो रोजारियो के साथ दुष्कर्म नहीं करता, क्योंकि वह काफी गंदी दिखती है और मेरे टाइप की नहीं है।”

4. अंतरराष्ट्रीय रिश्तों पर

2019 में बोल्सोनारो के एक समर्थक ने फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों की 66 साल की पत्नी ब्रिजेट की ब्राजील के राष्ट्रपति की 36 साल की पत्नी मिशेल रेनाल्डो से तुलना की। इस पर बोल्सोनारो ने समर्थक का पक्ष लेते हुए कहा, “उसे (मैक्रों) शर्मिंदा न करें।”



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ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो। (फाइल)

डॉक्टरों के पास मास्क और ग्लव्स तक नहीं, हाथ और सिर पर पॉलिथिन पहनकर कर रहे मरीजों का इलाज March 28, 2020 at 01:11AM

इस्लामाबाद/कराची. पाकिस्तान में शनिवार दोपहर तक कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 1408 हो गया। 11 लोगों की मौत हो चुकी है। जनता का दबाव ऐसा कि इमरान सरकार संक्रमण पर काबू पाने के लिए लॉकडाउन तक नहीं कर पा रही। सेना सड़कों पर उतारी, लेकिन यह कदम भी कारगर साबित नहीं हुआ। दो डॉक्टर पॉजिटिव पाए गए हैं। यहां डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ के पास मास्क, ग्लव्स और सैनेटाइजर जैसी बुनियादी चीजें तक नहीं हैं। एक डॉक्टर ने बताया कि वो सिर और हाथों पर पॉलिथिन पहनकर मरीजों का इलाज कर रहा है। उसने इसकी तस्वीरें भी शेयर कीं।

कैसे होगा कोरोना काबू?
खैबर पख्तूनख्वा में 180 संक्रमित मिल चुके हैं। 2 की मौत हुई है। राज्य में इमरान की पार्टी पीटीआई की सरकार है। लेकिन, सरकारी अस्पताल भगवान भरोसे चल रहे हैं। एक डॉक्टर आमिर अली खान ने ‘जियो न्यूज’ से कहा, “हम कैसे कोरोना को काबू में करेंगे। आम अवाम को छोड़िए। डॉक्टरों और नर्सों के पास तक मास्क, ग्लव्स और सैनेटाइजर्स नहीं हैं। दिन में 40 से ज्यादा मरीजों की जांच करते हैं।”

पाकिस्तान के डॉक्टर आमिर अली की यह तस्वीर वहां स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल बताने के लिए काफी है।

सिर पर सफेद और हाथों में हरी पॉलिथिन

आमिर के दो फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। इनमें वो सिर पर मास्क की जगह ट्रांसपेरेंट पॉलिथिन लगाए हैं। हाथों में ग्लव्स की जगह हरे रंग की पॉलिथिन है। आमिर ने कहा, “ये कैसे बंदोबस्त हैं? दो डॉक्टर ही पॉजिटिव हैं। मैंने सरकार और लोकल एडमिनिस्ट्रेशन को कई खत लिखे। कोई कुछ सुनने ही तैयार नहीं है। सच्चाई ये है कि सरकार ने हमें बहुत बड़े खतरे में डाल दिया है। कोई भी संक्रमित हो सकता है। जरा सोचिए, डॉक्टर ही संक्रमित हो गए तो मरीजों का इलाज कौन करेगा। लेकिन, यहां कोई सुनने-समझने के लिए तैयार ही नहीं।”



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डॉक्टर आमिर की यह तस्वीर जियो न्यूज ने जारी की है। उनका सिर और हाथ पॉलिथिन से ढंके नजर आ रहे हैं।

Wuhan market shrimp seller may be COVID-19 patient zero: Report March 28, 2020 at 12:30AM

A shrimp seller at the wet market in the Chinese city of Wuhan believed to be the centre of the coronavirus pandemic, may be the first person to have tested positive for the disease, a media report said on Saturday.

कभी 72 दिन तक बर्फीली पहाड़ियों और 69 दिन तक खदान में फंसे लोगों ने बताया- लॉकडाउन में कैसे रहें? March 28, 2020 at 12:16AM

नई दिल्ली.कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए दुनियाके कई देशों को लॉकडाउन कर दिया गया है। भारत में 21 दिन का लॉकडाउन है, जो 14 अप्रैल तक रहेगा। दुनियाभर में करोड़ों लोग घरों में कैद हो गए हैं। हालांकि, बहुत से लोग लॉकडाउन का पालन नहीं कर रहे हैं। ऐसे में दो ऐसी घटनाओं के सर्वाइवर सामने आए हैं, जो 2 महीने से ज्यादा वक्त तक विपरीत परिस्थितियों में फंसे रहने के बाद भी सुरक्षित बच गए। 1972 में एंडीज विमान दुर्घटना हो या 5 अगस्त 2010 में चिली में खदान ढहना।इन दोनों ही घटनाओं में बचे लोगों ने बताया कि लॉकडाउन में कैसे रहा जाए।

अहंकार खत्म कर बात मानें, लॉकडाउन बहुत आसान

12 अक्टूबर 1972:एंडीज की बर्फीली चोटियों में उरुग्वे की रग्बी टीम को लेकर जा रहा विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हादसे में 29 लोगों ने जान गंवाई थी। इनमें से प्लेन गिरते ही12 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 17 लोगों ने कुछ दिनों बाद दम तोड़ दिया था। इसी दौरान 16 लोगों ने विपरीत परिस्थितियों मेंखुद को किसी तरह बचाए रखा। फिर 72 दिन बाद उन्हें यहां से सुरक्षितनिकाला गया था।

22 दिसंबर 1972 की यह फोटो एंडीज की बर्फीली चोटियों में फंसे लोगों की है। इसी दिन 16 लोग यहां से निकाले गए थे।

हादसे में बचे 66 साल के कार्लोस पॉज ने कहा, ‘‘दोनों क्वारैंटाइन में बहुत फर्क है। पहले वाला क्वारैंटाइन जो 72 दिनों तक एंडीज पर्वतों पर हुआ था तब मैं 18 साल का था। वहां पर शून्य से 25 डिग्री सेल्सियस नीचे तापमान था। खाना या पानी के लिए किसी तरह के कोई साधन नहीं थे। हमने भूख मिटाने के लिए उन लोगों के शव खाए जो इस घटना में मर गए थे। हम टूटे प्लेन के अंदर रातें बिताते थे। अभी वाले क्वारैंटाइन में कुछ नहीं करना, केवल हाथ धोना है और घर पर रहना है। टीवी है, खाना है तो शिकायत किस बात की। हम अहंकार के खिलाफ लड़ें। विनम्र और आज्ञाकारी बनने की कोशिश करें। संदेश साफ है-घर पर रहो और अपने हाथ धोते रहो। यह कितना आसान है। मैं आज्ञाकारी बनने की कोशिश कर रहा हूं, क्योंकि मैं जीना चाहता हूं।’’

कार्लोस पॉज। (फाइल)

हर दिन कुछ हटकर करें, यह आपको बोर नहीं होने देगा

5 अगस्त 2010:चिली के अटाकामा रेगिस्तानमें एक तांबे और सोने की खदान ढह गई थी। यहां काम करने वाले 33 लोग 2 महीने से ज्यादा समय तक करीब एक किलोमीटर कीसुरंग में फंसे रहे थे। यहांशिफ्ट मैनेजर रहे लुइस उर्जुआ ने कोरोना संकट के दौरान लॉकडाउन का पालन करने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘खदान में फंसने के दौरान हम काफी गंभीर स्थिति में थे। हमारे पास उस हालात से बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं था। हम एक-दूसरे से तरह-तरह की बाते करते थे और एक दूसरे से उनके काम सीखते थे। साथ ही प्राथना करते थे कि कि जो लोग हमें खोज रहे हैं, ईश्वरउनकी इच्छाशक्ति और ताकत बनाए रखे।’’ लुइस उर्जुआ को सबसे आखिर में 13 अक्टूबर 2010 को निकाला गया था।

लुइस उर्जुआ। (फाइल)

खदान में फंसेमारियो सेपुलवेडा ने भी लॉकडाउन के पालन की अपील करते हुए कहा, ‘‘हिम्मत न हारें, ऐसे समय में सेंस ऑफ ह्यूमर बहुत जरूरी है। अपने घरों को व्यवस्थित करें, एक ही रुटीन न बनाएं, वरना आप बोर हो जाएंगे। कई ऐसी चीजें हैं, जिन्हें आप कर सकते हैं।’’

मारियो सेपुलवेडा। (फाइल)


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चिली में खदान ढहने से यहां करने वाले 2 महीने से ज्यादा वक्त तक फंसे रहे थे। (फाइल)

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