Friday, November 6, 2020

US removes shadowy group condemned by China from terror list November 06, 2020 at 08:37PM

अमेरिका में चुनाव के दिन बाइडेन समर्थकों ने 75% और ट्रम्प सपोर्टर्स ने 33% ज्यादा शराब खरीदी November 06, 2020 at 08:23PM

अमेरिका में तीन नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग हुई। नतीजों की घोषणा नहीं हुई है। हालांकि, डेमोक्रेट कैंडिडेट जो बाइडेन की जीत तय नजर आ रही है। रिपब्लिकन उम्मीदवार और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पिछड़ते दिख रहे हैं। बहरहाल, वोटिंग के अंतिम दिन यानी तीन नवंबर को अमेरिका में शराब की बेतहाशा खपत हुई।

डेमोक्रेटिक पार्टी की सरकार वाले राज्यों (ब्लू स्टेट) में शराब और दूसरे एल्कोहलिक ड्रिंक्स की बिक्री 75% बढ़ी। वहीं, रिपब्लिकन पार्टी की सरकार वाले राज्यों में यह आंकड़ा 33% रहा। खास बात यह कि स्विंग स्टेट्स में भी शराब की खपत में 55% इजाफा हुआ।

डेमोक्रेट्स को जीत का भरोसा था
एक अमेरिकी कंपनी ने इलेक्शन डे पर शराब की खपत पर आंकड़े जारी किए। इसके मुताबिक, डेमोक्रेट्स को जीत का भरोसा था। शायद इसीलिए ब्लू स्टेट में शराब की बिक्री में सबसे ज्यादा इजाफा हुआ। ब्लू स्टेट यानी वे राज्य जहां डेमोक्रेटिक पार्टी (जो बाइडेन) का दबदबा है। यहां तीन नवंबर को शराब की बिक्री 75% बढ़ी। अब जबकि नतीजे आ रहे हैं तब भी जो बाइडेन राष्ट्रपति ट्रम्प से आगे नजर आ रहे हैं। हालांकि, परिणाम अभी आधिकारिक तौर पर जारी नहीं किए गए हैं।

प्रमुख ब्लू स्टेट
कैलिफोर्निया
कनेक्टिकट
ओरेगन
मैसाच्युसेट्स
न्यूयॉर्क
रोड्स आईलैंड
वॉशिंगटन
न्यूजर्सी
इलिनॉय

रिपब्लिकन पीछे रहे
जिन राज्यों में रिपब्लिकन पार्टी (डोनाल्ड ट्रम्प) की सरकार हैं, वहां इलेक्शन डे पर शराब या दूसरे मादक पदार्थों की बिक्री 33% ज्यादा हुई। नतीजों में ट्रम्प डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार बाइडेन से पीछे चल रहे हैं। हालांकि, इसी दौरान वे काउंटिंग में धांधली और जीत का दावा भी करते नजर आए।

रेड स्टेट्स
व्योमिंग
इदाहो
लुसियाना
टेनेसी
मिसौरी
ओक्लाहोमा

स्विंग स्टेट्स भी खुश
रोचक आंकड़ा स्विंग स्टेट्स का है। स्विंग स्टेट्स यानी वे राज्य जिन्हें किसी पार्टी का स्ट्रॉन्ग होल्ड नहीं कहा जा सकता। यहां के मतदाता अपनी पसंद बदलते रहते हैं। इस बार 9 राज्यों को स्विंग स्टेट्स माना गया था। यहां मादक पदार्थों की बिक्री में 55% बढ़त दर्ज की गई।

स्विंग स्टेट्स

कोलोराडो
फ्लोरिडा
मिनेसोटा
नॉर्थ कैरोलिना
ओहियो
एरिजोना
जॉर्जिया
पेन्सिलवेनिया
टेक्सास

कौन से मादक पदार्थ शामिल
शराब, बियर, वाइन, मैरियुआना को सर्वे कंपनी ने शामिल किया।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Donald Trump Joe Biden US Election Results Update; Democratic Party and President Supporters Bought Liquor

'Trespassers' can be escorted from White House, says Biden campaign November 06, 2020 at 06:16PM

"As we said on July 19th, the American people will decide this election. And the United States government is perfectly capable of escorting trespassers out of the White House," said Biden campaign spokesman Andrew Bates.

Why is US vote count taking so long? November 06, 2020 at 06:03PM

The delay was widely expected, often for reasons specific to individual states, which under the US system each conduct their own polls: States also have diverse deadlines on receiving absentee ballots, especially those coming from the military or other citizens living overseas.

डेमोक्रेट्स 4 और रिपब्लिकंस 2 राज्यों में आगे; ट्रम्प बोले- बाइडेन गलत तरीके से प्रेसिडेंट ऑफिस पर दावा न करें November 06, 2020 at 05:30PM

अमेरिका में डेमोक्रेट जो बाइडेन का राष्ट्रपति बनना काफी हद तक तय हो चुका है। बाइडेन 4 बड़े राज्यों पेन्सिलवेनिया, एरिजोना, जार्जिया और नेवादा में लीड लिए हुए हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प नॉर्थ कैरोलिना और अलास्का में बढ़त बनाए हुए हैं। बाइडेन को अब तक 253 और ट्रम्प को 214 इलेक्टोरल वोट मिले हैं। राष्ट्रपति बनने के लिए 270 का आंकड़ा चाहिए। इस बीच, ट्रम्प ने कहा है कि बाइडेन गलत तरीके से प्रेसिंडेट ऑफिस पर अपना दावा पेश न करें।

6 राज्यों की स्थिति: बाइडेन की जीत पक्की नजर आ रही

ट्रम्प बाइडेन
मौजूदा स्थिति 214 253
राज्य जहां के नतीजे बाकी हैं, लेकिन रुझान आ चुके हैं
पेन्सिलवेनिया - 20 वोट (बाइडेन आगे)
नॉर्थ कैरोलिना 15 वोट (ट्रम्प आगे) -
जॉर्जिया - 16 वोट (बाइडेन आगे)
एरिजोना - 11 वोट (बाइडेन आगे)
नेवादा - 6 वोट (बाइडेन आगे)
अलास्का 3 वोट (ट्रम्प)
अगर नतीजे ऐसे ही रहे तो +18 +53
फाइनल आंकड़ा क्या हो सकता है 232 306

कुछ देर में बाइडेन का संबोधन
जीत के नजदीक पहुंचे बाइडेन कुछ देर में समर्थकों को संबोधित करेंगे। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, बाइडेन इस बारे में अपने सलाहकारों से बातचीत कर रहे हैं। माना जा रहा है कि वे चुनाव नतीजों को लेकर अपनी बात रखेंगे। हालांकि, अब भी चार राज्यों के नतीजों की तस्वीर साफ नहीं हो पाई है।

बाइडेन की सुरक्षा बढ़ी
फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (FBI) के अफसरों ने देर रात बाइडेन से बातचीत की। इस दौरान उनके सलाहकार भी मौजूद थे। अब बाइडेन और उनके परिवार की सुरक्षा की समीक्षा की जा रही है। व्हाइट हाउस और डेलावेयर में बाइडेन के घर के बाहर अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के एजेंट्स मौजूद हैं। नेशनल गार्ड्स की एक टीम भी बाइडेन की सुरक्षा के लिए तैनात कर दिए गए हैं। माना जा रहा है कि बाइडेन के बाद कमला हैरिस और उनके दो सलाहकारों जैक सुलिवान और स्टीव रिचेटी की सुरक्षा भी बढ़ाई जाएगी।

बाइडेन का ट्रांजिशन प्लान पर काम शुरू
NYT के मुताबिक, जो बाइडेन और उनकी टीम ने सरकार संभालने की तैयारी शुरू कर दी है। इसे ट्रांजिशन प्लान कहा जाता है। बाइडेन के सभी एडवाइजर्स उनके साथ डेलावेयर में उनके कैम्प ऑफिस में मौजूद हैं। इस बीच, फेडरल एजेंसीज के कुछ अफसर भी बाइडेन से मिलने पहुंचे। हालांकि, बाइडेन खेमा बहुत अनुशासन और शांति से चुनाव नतीजों के औपचारिक ऐलान का इंतजार कर रहा है। लेकिन, वे ये भी चाहते हैं कि सत्ता संभालने की तैयारी कर ली जाए। महामारी पर काबू करने के प्लान पर खास तौर पर फोकस किया जा रहा है, क्योंकि इसी मुद्दे पर डेमोक्रेट्स सत्ता में वापसी कर रहे हैं।

इस हफ्ते नजर नहीं आएंगे ट्रम्प
CNN के मुताबिक, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की कैम्पेन टीम और एडवाइजर्स ने इस हफ्ते ट्रम्प के सभी मीडिया इवेट्स कैंसिल कर दिए हैं। यानी इस हफ्ते वे मीडिया से मुखातिब नहीं होंगे। हालांकि, सोशल मीडिया पर शायद वे अपनी बात रखते रहेंगे। व्हाइट हाउस जल्द ही इस हफ्ते का मीडिया प्लान जारी कर सकता है। इसमें बताया जाएगा कि ट्रम्प की कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस इस हफ्ते नहीं होगी। इसके अलावा वे किसी पब्लिक इवेंट में भी हिस्सा नहीं लेंगे। गुरुवार को ट्रम्प आखिरी बार मीडिया से मुखातिब हुए थे।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Democrats 4 and Republic 2 ahead; Trump said - Biden don't claim the President's office unfairly

अमेरिका में एक दिन में 1.28 लाख केस, फ्रांस में लॉकडाउन से कोई फायदा नहीं हुआ November 06, 2020 at 04:34PM

दुनिया में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 4.96 करोड़ से ज्यादा हो गया है। 3 करोड़ 52 लाख 34 हजार 120 मरीज रिकवर हो चुके हैं। अब तक 1.55 करोड़ से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। अमेरिका में कोरोनावायरस से हालात बेहद खराब होते जा रहे हैं। चुनाव में भी यह प्रमुख मुद्दा था। यहां कुल संक्रमितों की संख्या एक करोड़ से ज्यादा हो गई। शुक्रवार को यहां 1 लाख 28 हजार से ज्यादा केस सामने आए। दूसरी तरफ, फ्रांस में 60 हजार से ज्यादा मामले आए।

अमेरिका में आंकड़े डराने वाले
अमेरिका में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। शुक्रवार को एक और नया रिकॉर्ड बना। एक दिन में 1 लाख 28 हजार मामले सामने आए। मरने वालों का आंकड़ा भी एक हजार बढ़ गया। लगातार चौथे दिन इतनी मौतें हुईं। अब अमेरिका में ही एक करोड़ से ज्यादा मामले हो चुके हैं। अमेरिकी हेल्थ डिपार्टमेंट की फिक्र ये है कि लगातार छठवें दिन एक लाख से ज्यादा मामले सामने आए। मरने वालों के आंकड़ा 2 लाख 35 हजार से ज्यादा हो गया है। मायने, आयोवा, कोलोरोडो और मिनेसोटा में संक्रमण सबसे तेजी से फैल रहा है।

इटली फिर परेशान
इटली में शुक्रवार को 38 हजार मामले सामने आए। इस बीच सरकार ने नाइट कर्फ्यू लगा दिया है। लोगों से कहा गया है कि अगर वे इसका पालन नहीं करेंगे तो जुर्माने के साथ जेल भी जाना पड़ सकता है। खास बात यह है कि इटली में हर दिन मामले बढ़ रहे हैं। हर दिन ये आंकड़ा 2 से 3 हजार तक बढ़ रहा है। मार्च-अप्रैल में संक्रमण का केंद्र रहे लोम्बार्डी में 9934 मामले सामने आए।

इटली के तूरिन शहर में शुक्रवार शाम बाजार खाली नजर आए। सरकार ने यहां बेमियादी नाइट कर्फ्यू का ऐलान किया।

फ्रांस में लॉकडाउन नाकाफी साबित हुआ
फ्रांस में लगातार आठवें दिन 50 हजार से ज्यादा मामले सामने आए। शुक्रवार को तो गुरुवार की तुलना में 10 हजार ज्यादा मामले सामने आए। कुल 60 हजार 486 संक्रमितों की पहचान हुई। इससे भी ज्यादा फिक्र की बात यह है कि देश के अस्पतालों में वही हाल होते नजर आ रहे हैं, जो अप्रैल में थे। मेक शिफ्ट हॉस्पिटल तैयार किए जाने पर विचार शुरू हो गया है। लॉकडाउन से कोई फायदा होता नजर नहीं आ रहा। इसके विरोध में कई जगह प्रदर्शन भी हो रहे हैं।

पेरिस के एक अस्पताल के आईसीयू में मौजूद नर्स। देश में शुक्रवार को 60 हजार से ज्यादा मामले सामने आए।

यूरोप में हालात खतरनाक
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन यानी डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, यूरोप में हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं और ये खतरनाक स्तर पर पहुंचने लगे हैं। फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, बेल्जियम और इटली में कोरोना की दूसरी लहर घातक साबित हो रही है। फ्रांस में हर दिन 50 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। इसके अलावा जर्मनी और बेल्जियम में 30 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। सरकारों की दिक्कत ये है कि वे जब भी सख्ती करती हैं, तभी विरोध शुरू हो जाता है। संगठन के यूरोप प्रभारी हेन्स क्लूज ने कहा- हम यहां कोरोना विस्फोट देख रहे हैं। 10 लाख से ज्यादा मामले 2 दिन में सामने आए हैं। हमें बहुत ईमानदारी से इन हालात का मुकाबला करना होगा।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
टेक्सास के एक टेस्टिंग सेंटर में स्वैब सैम्पल लेकर निकलता हेल्थ वर्कर। अमेरिका में संक्रमितों की आंकड़ा एक करोड़ से ज्यादा हो गया है। शुक्रवार को ही एक लाख 28 हजार से ज्यादा मामले सामने आए।

राेज स्प्रे करना वैक्सीन की तरह कारगर रहेगा, आप संक्रमित के साथ भी रह सकेंगे November 06, 2020 at 02:17PM

(डाेनाल्ड जी. मेकनील जूनियर) काेलंबिया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकाें ने एक ऐसा नेजल स्प्रे विकसित किया है, जाे काेराेनावायरस काे नाक और फेफड़ों में ही रोक लेगा। यह महंगा नहीं है और इसके लिए फ्रिजर की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। आपको बस इसे नाक में स्प्रे करना होगा। यह शरीर में कोरोना को आगे नहीं बढ़ने देगा।

वैज्ञानिकाें ने स्प्रे का फेरेट्स (नेवले की प्रजाति का जानवर) पर परीक्षण किया। वे काेराेनावायरस से सुरक्षित रहे। इसका इंसानाें पर परीक्षण बाकी है। क्लिनिकल ट्रायल के बाद महामारी से लड़ने का नया तरीका मिल सकेगा। राेज स्प्रे करना वैक्सीन की तरह काम करेेगा। आप किसी संक्रमित के साथ रहते हुए भी वायरस से सुरक्षित रहेंगे।

स्टडी की सह-लेखक माइक्राेबायाेलाॅजिस्ट डाॅ. एन माॅस्काेना के मुताबिक, स्प्रे वायरस पर सीधा हमला करता है। इसमें एक लिपाेपेप्टाइड हाेता है। यह काेलेस्टेराॅल का हिस्सा हाेता है, जाे प्राेटीन के मूलभूत अंग एमिनाे एसिड्स की शृंखला से जुड़ा हाेता है। यह लिपाेपेप्टाइड वायरस के स्पाइक प्राेटीन में माैजूद एमिनाे एसिड्स के समान हाेता है।

काेराेनावायरस इसी के जरिये फेफड़ाें की काेशिकाओं या श्वास नली पर हमला करता है। वहां स्पाइक खुलते हैं और आरएनए काेशिका में घुसने की कोशिश करते हैं। उसका सामना एमिनाे एसिड्स की दाे शृंखलाओं से हाेता है। जैसे ही स्पाइक बंद होते हैं, स्प्रे में माैजूद लिपाेपेप्टाइड भी इसमें प्रवेश कर जाते हैं और वायरस काे आगे बढ़ने से राेकते हैं।

शाेध के लेखक और काेलंबिया यूनिवर्सिटी में माइक्राेबाॅयाेलाॅजिस्ट मैटियाे पेराेट्टाे के मुताबिक, यह उसी तरह हाेता है जैसे आप जिप लगाते समय बीच में एक और जिपर डाल दें ताे जिप नहीं लग सकती।

डाॅ. माेस्काेना कहती हैं कि लिपाेप्राेट्रीन काे सफेद पावडर की तरह बनाया जा सकता है, जिसे किसी फ्रिज में रखने की जरूरत नहीं हाेती। काेई भी डाॅक्टर या फार्मासिस्ट पावडर काे शकर और पानी के साथ मिलाकर नेजल स्प्रे बना सकता है। उनके मुताबिक, अन्य लैब ने भी एंटीबाॅडीज या मिनी प्राेटीन्स विकसित किए हैं, जाे वायरस काे राेक देते हैं, लेकिन वे रासायनिक रूप से अधिक जटिल हाेते हैं और इन्हें ठंडे तापमान में रखने की जरूरत हाेती है।

स्प्रे नाक और फेफड़ों की कोशिकाओं से जुड़कर 24 घंटे बचाव करता है

स्टडी के दाैरान छह फेरेट्स काे स्प्रे दिया गया और दाे-दाे फेरेट्स काे तीन पिंजराें में रखा। हर पिंजरे में एक फेरेट कृत्रिम स्प्रे देकर और एक-एक फेरेट काेराेना संक्रमित रखा गया। 24 घंटे बाद पता चला कि जिन फेरेट काे स्प्रे दिया, वे सुरक्षित रहे। जबकि कृत्रिम स्प्रे लेने वाले फेरेट संक्रमित हाे गए। डाॅ. माेस्काेना कहती हैं, स्प्रे नाक और फेफड़ाें की काेशिकाओं से जुड़ जाता है और 24 घंटे तक कारगर रहता है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Spray spray will work like a vaccine, you will be able to live with the infected.

ताइवान ने बीच पर एंटी लैंडिंग स्पाइक लगाए ताकि चीनी सैनिक न आ सकें November 06, 2020 at 02:17PM

चीन और ताइवान के बीच लंबे समय से तनाव जारी है। यह पिछले माह उस वक्त और बढ़ गया जब फिजी में दोनों देशों के राजनयिकों के बीच हाथापाई हो गई। ऐसे में ताइवान को आशंका है कि चीनी सेना कभी भी हमला कर सकती है। इसलिए सुरक्षा को देखते हुए ताइवान ने किनमेन द्वीप के समुद्री तटों पर एंटी लैंडिंग स्पाइक (लोहे की नुकीली छड़ें) लगा दिए हैं ताकि चीनी सेना समुद्री रास्ते से वहां न पहुंच सके। इतना ही नहीं स्पाइक्स से कुछ ही दूरी पर टैंक भी तैनात कर दिए हैं।

ये समुद्र में काफी दूर से साफ दिखाई देते हैं। हालांकि, ताइवान के लोगों में विरोधाभास है कि समुद्री तट पर कोई स्मारक बनाया जा रहा है। दूसरी ओर मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि दोनों देशों के बीच लड़ाई छिड़ने का खतरा लगातार बना रहता है। इसमें ताइवान के सहयोगी के तौर पर अमेरिकी को भी शामिल होना पड़ सकता है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Taiwan put anti-landing spikes on the beach so that Chinese troops could not come

पोषण की कमी से 8 इंच कम हो सकती है लंबाई, किसी देश या क्षेत्र में बच्चों की औसत लंबाई में खानपान और पर्यावरण महत्वपूर्ण November 06, 2020 at 02:17PM

कमजोर खान पान का असर बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास पर पड़ता है। मेडिकल जर्नल लैंसेट में छपी एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पौष्टिक आहार न मिलने से किसी क्षेत्र के बच्चों की औसत लंबाई पर 20 सेंटीमीटर (7.9 इंच) तक का असर पड़ सकता है। रिसर्च के मुताबिक किसी इलाके में खास उम्र के बच्चों की औसत लंबाई के हिसाब से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि एक लंबी समय अवधि में वहां भोजन की गुणवत्ता कैसी रही है।

रिसर्च में यह बात मानी गई है कि बच्चों की लंबाई और वजन में जेनेटिक्स की अहम भूमिका होती है। लेकिन, जब बात पूरी आबादी के बच्चों की लंबाई और वजन की हो तो इसमें पोषण और पर्यावरण की भूमिका काफी अधिक हो जाती है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2019 में 19 साल की उम्र के लड़कों में सबसे अधिक औसत लंबाई नीदरलैंड्स में थी। वहां इस आयुवर्ग के लड़कों की औसत लंबाई 183.8 सेंटीमीटर (करीब 6 फीट) थी। वहीं, सबसे कम औसत लंबाई तिमोर (160.1 सेंटीमीटर या 5 फीट, 3 इंच) में थी। इस रिसर्च के लिए 5 से 19 साल तक के 6.5 करोड़ बच्चों के डेटा का विश्लेषण किया गया है। ये डेटा 1985 से लेकर साल 2019 तक हुई 2000 से ज्यादा स्टडी से लिए गए हैं।

रिपोर्ट में पाया गया है कि सबसे अधिक औसत लंबाई उत्तर-पश्चिमी और सेंट्रल यूरोप के देशों में है। वहीं, सबसे कम औसत लंबाई दक्षिण, दक्षिण-पूर्व एशिया, लैटिन अमेरिका, पूर्वी अफ्रीका में है। लाओस में रहने वाले 19 साल के लड़कों की औसत लंबाई नीदरलैंड में रहने वाले 13 साल के बच्चों की औसत लंबाई के आसपास यानी 5 फीट, 4 इंच है। ग्वाटेमाला, बांग्लादेश, नेपाल और तिमोर की 19 साल की लड़कियों की औसत लंबाई नीदरलैंड्स की 11 साल की लड़कियों की औसत लंबाई (5 फीट) के बराबर है।

लंबाई में सबसे ज्यादा सुधार चीन और दक्षिण कोरिया में

रिपोर्ट के मुताबिक 1985 के बाद से यानी पिछले 35 सालों में बच्चों की औसत लंबाई के मामले में सबसे ज्यादा सुधार चीन और दक्षिण कोरिया में आया है। वहीं, कई सब-सहारा अफ्रीका के देशों की औसत लंबाई इन सालों में नहीं बदली है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Nutritional deficiency can reduce the length by 8 inches, the average length of children in a country or region, catering and environment are important

Biden inches ahead of Trump in Georgia, Pennsylvania November 06, 2020 at 04:47AM

In Georgia, after the latest round of counting results, Biden edged past Trump with a slender lead of 1096 votes, a remarkable development for the former vice president who until Wednesday night was trailing his Republican rival by more than 50,000 votes. In Pennsylvania, Biden took over Trump with a narrow lead of 5,587 votes. This is significant given that Trump was leading in the swing state till Wednesday night with more than 700,00 votes.

68 साल के रूसी राष्ट्रपति पद छोड़ेंगे; 37 साल की गर्लफ्रेंड और बेटियों का उन पर दबाव November 06, 2020 at 02:14AM

व्लादिमिर पुतिन अगले साल रूस के राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 68 साल के पुतिन को पार्किन्स रोग हो गया है। उनकी गर्लफ्रेंड एलिना काबाऐवा उन पर इस्तीफे का दबाव डाल रही हैं। पुतिन की बेटियां भी यही चाहती हैं। पुतिन 1999 से पावर में हैं। इस दौरान एक बार वे प्रधानमंत्री भी रहे। संविधान संशोधन के जरिए तीसरी और फिर चौथी बार राष्ट्रपति बने।

परिवार का दबाव
पुतिन और उनकी बीमारी के बारे में खुलासा ब्रिटिश अखबार ‘द सन’ ने अपनी रिपोर्ट में किया है। अखबार से बातचीत में रूस की पॉलिटिकल एनालिस्ट वेलेरी सोलोवेई ने कहा- पुतिन पर उनकी 37 साल की गर्लफ्रेंड और अपनी दो बेटियों का दबाव है कि वे इस्तीफा दे दें। वेलेरी ने कहा- पुतिन पर परिवार का काफी प्रभाव है। परिवार की वजह से ही वो जनवरी में पद छोड़ने का ऐलान करने पर विचार कर रहे हैं।

बीमारी है वजह
वेलेरी ने आगे कहा- आशंका है कि पुतिन को पार्किंसन्स बीमारी हो गई है। कुछ वक्त से उनमें इसके लक्षण नजर आए हैं। मीडिया ने उनके वीडियो फुटेज का एनालिसिस भी किया है। इनमें पाया गया कि पुतिन की उंगलियां और पैर कांप रहे थे। वे बार-बार पैरों की पोजिशन बदलते नजर आए।

कानून की टाइमिंग अहम
पुतिन के पद छोड़ने की खबर की टाइमिंग गौर करने लायक है। दरअसल, रूसी संसद इस वक्त इस एक नए कानून पर विचार कर रही है। अगर यह बन गया तो पुतिन सुकून में रहेंगे। इस कानून के मसौदे के मुताबिक, किसी भी पूर्व राष्ट्रपति पर कभी केस दायर नहीं किया जा सकेगा। पुतिन पर कई तरह के आरोप लगे हैं। कानून बन गया तो वे कभी कानूनी मामलों में नहीं फंसेंगे।

क्या है पार्किंसन्स?
एक आंकड़े के मुताबिक, फिलहाल दुनिया में इस बीमारी से करीब 62 लाख लोग पीड़ित हैं। हर साल इस बीमारी के चलते करीब एक लाख लोगों की मौत हो जाती है। इस बीमारी में रोगी के शरीर में कंपकंपी और कठोरता आ जाती है। इससे उसे चलने और बैलेंस बनाने में दिक्कत होती है। अकसर वो लिख भी नहीं पाता। इसका असर मानसिक तौर पर भी होता है।

कौन हैं पुतिन
1952 में सेंट पीटर्सबर्ग में जन्म हुआ। लॉ में ग्रेजुएशन किया। खुफिया एजेंसी केजीबी में शामिल हुए। हर तरह के हथियार चलाने के साथ ब्लैक बेल्ट हैं। 1999 में जब बोरिस येल्तसिन ने इस्तीफा दिया तो कार्यवाहक राष्ट्रपति बने। 2000 में चुनाव जीतकर राष्ट्रपति बने। 2004 में दूसरी बार चुनाव जीता। संविधान के मुताबिक, तीसरी बार राष्ट्रपति नहीं बन सकते थे। इसलिए, प्रधानमंत्री बन गए। संविधान संशोधन कराया। 2012 से अब तक राष्ट्रपति हैं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Vladimir Putin Girlfriend Alina Kabaeva | Russia President May Resign Next Year Over His Girlfriend Pressure Alina Kabaeva

यूरोपीय देश डेनमार्क ने मुस्लिम नागरिकों से छीना वोट देने का अधिकार? जानें सच November 05, 2020 at 11:47PM

क्या हो रहा है वायरल : सोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि यूरोपीय देश डेनमार्क ने मुस्लिम नागरिकों से वोट देने का अधिकार छीन लिया है।

और सच क्या है ?

  • अलग-अलग कीवर्ड्स को गूगल सर्च करने से भी इंटरनेट पर हमें हाल की ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिससे पुष्टि होती हो कि डेनमार्क ने मुस्लिम नागरिकों से वोट देने का अधिकार छीना है।
  • पड़ताल के दौरान हमें डेनमार्क की न्यूज वेबसाइट्स पर एक साल पुरानी कुछ मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं। जिनसे पता चलता है कि डेनमार्क की संसद में पिछले साल अक्टूबर में नागरिकता से जुड़ा एक कानून पास किया गया था। हालांकि, ये कानून सभी मुस्लिम नागरिकों के लिए नहीं है।
  • नए कानून के मुताबिक, सरकार के पास उन अतिवादियों की नागरिकता छीनने का अधिकार होगा। जो सीरिया और इराक में चल रहे इस्लामिक स्टेट के संघर्ष में शामिल हैं। बिना कोर्ट ट्रायल के इन अतिवादियों की नागरिकता छीनी जा सकेगी।
  • गूगल पर (Denmark foreign fighters citizenship) की-वर्ड सर्च करने पर हमें The Reuters वेबसाइट पर 14 अक्टूबर, 2019 का आर्टिकल मिला। इस आर्टिकल में डेनमार्क के नागरिकता से जुड़े नए कानून के बारे में विस्तार से बताया गया है।
  • डेनमार्क सरकार के मुताबिक, 2012 के बाद 158 लोग डेनमार्क से सीरिया और इराक में चल रहे इस्लामिक स्टेट के संघर्ष में शामिल हो चुके हैं। 27 लोग अभी भी संघर्ष में पूरी तरह से शामिल हैं। इन 27 लोगों के पास डेनमार्क की नागरिकता है।
  • इन अतिवादियों की नागरिकता खत्म करने के लिए पहले डेनमार्क सरकार को कोर्ट ट्रायल का इंतजार करना होता था। लेकिन, पिछले साल आए कानून के बाद सरकार के पास सीधे नागरिकता छीनने का अधिकार है।
  • डेनमार्क की संसद में ऐसा कोई कानून पास नहीं हुआ है। जिसमें सभी मुस्लिम नागरिकों से वोट देने का अधिकार वापस लिया हो। अतिवादियों के लिए लाए गए 1 साल पुराने कानून का गलत अर्थ निकालकर सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई जा रही है।


Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Fact Check: European country Denmark snatched from Muslim citizens the right to vote? Know the truth

Suu Kyi's party expected to win second term in Myanmar polls November 05, 2020 at 11:27PM

Myanmar's citizens go to the polls Sunday in an effort to sustain the fledgling democracy they helped install just five years ago.

इस बार हारे तो 2024 में ट्रम्प फिर लड़ेंगे चुनाव; कानूनी तौर पर ये संभव, तब बाइडेन की उम्र के होंगे November 05, 2020 at 10:43PM

अमेरिका में अभी प्रेसिडेंट इलेक्शन 2020 के नतीजे साफ नहीं हो पाए हैं। लेकिन, कुछ लोग ये जानना चाहते हैं कि अगर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प इस चुनाव में हार गए तो क्या वे अगला यानी 2024 का चुनाव लड़ेंगे। और क्या अमेरिकी संविधान के मुताबिक ये मुमकिन है? चलिए, इस रोचक सवाल का जवाब आसान भाषा में समझते हैं।

क्या तीसरी बार राष्ट्रपति चुनाव लड़ सकते हैं ट्रम्प?
बिल्कुल, लड़ सकते हैं। अमेरिका में लिखित संविधान है। इसका 22वां संशोधन राष्ट्रपति चुनाव सुधार के लिहाज से अहम है। 21 मार्च 1947 को यूएस कांग्रेस ने इसे मंजूरी दी। यानी पास किया। तकरीबन चार साल बाद इसे संविधान में औपचारिक तौर पर जगह (रेटिफाइड) दी गई। इसकी दो बातें समझनी चाहिए। पहली- कोई भी व्यक्ति दो बार से ज्यादा राष्ट्रपति नहीं रह सकता। दूसरी- कोई व्यक्ति कितनी बार राष्ट्रपति चुनाव लड़ सकता है, इस पर संविधान मौन है।

फिलहाल जो हालात हैं, उसके हिसाब से अगर ट्रम्प हारते हैं तो तीसरी बार भी चुनाव लड़ सकते हैं।

US प्रेसिडेंट से जुड़े 9 रोचक तथ्य:4 बार राष्ट्रपति रहे रूजवेल्ट, बिना चुनाव जीते मुकद्दर के सिकंदर बने फोर्ड

उम्र ज्यादा हो जाएगी
अमेरिका में राष्ट्रपति बनने के लिए जो शर्तें हैं, उसमें ये साफ है कि कैंडिडेट की उम्र 35 साल से कम नहीं होनी चाहिए। लेकिन, अधिकतम आयु जैसी कोई शर्त नहीं है। ट्रम्प ने कैम्पेन के दौरान कई बार जो बाइडेन की उम्र पर सवाल उठाए। बाइडेन अभी 77 साल के हैं। 20 नवंबर को 78 के हो जाएंगे। ट्रम्प भी जीवन के 74 बसंत देख चुके हैं। 2024 में 78 के हो चुके होंगे। यानी अभी बाइडेन की जो उम्र है, अगले चुनाव के वक्त ट्रम्प की उतनी हो जाएगी।

अमेरिकी चुनाव के नतीजे तय करेंगे दुनिया में क्लीन और ग्रीन एनर्जी का भविष्य, पढ़ें भास्कर एक्सप्लेनर

तो क्या ट्रम्प ऐसा करेंगे?
‘न्यूयॉर्क पोस्ट’ ने ट्रम्प के एक एडवाइजर के हवाले से कहा- हां, इस बात की काफी संभावना है कि ट्रम्प 2024 में चुनाव लड़ें। पूर्व कम्युनिकेशन डायरेक्टर ब्रायन लैंजा कहते हैं- इस बार मुकाबला बेहद कड़ा है। अगर ट्रम्प हारते हैं तो अगली बार वे फिर मैदान में होंगे। यह इस बात पर निर्भर करता है कि बाइडेन चार साल में कोविड-19 और बाकी चीजों को कैसे हैंडल करते हैं। रिपब्लिकन पार्टी में उनके जैसा दमदार नेता फिलहाल है भी नहीं।

हमारे यूपी-राजस्थान जैसा फ्लोरिडा, बीते 100 साल में यहां जो रिपब्लिकन जीता, वही व्हाइट हाउस पहुंचा



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Donald Trump US Election Results News; Can Trump Run Again In 2024 If He Loses 2020 United States Presidential Election

Greta Thunberg mocks Trump in his own words November 05, 2020 at 09:03PM

Amid ongoing tensions over the results of the US presidential election, Swedish environment activist Greta Thunberg has mocked US President Donald Trump in his own words in the ultimate social media revenge. In response to Trump's "stop the count" tweet, the 17-year-old said on the micro-blogging platform on Thursday: "So ridiculous. Donald must work on his anger management problem, then go to a good old fashioned movie with a friend! Chill, Donald, Chill."