Monday, June 8, 2020

उत्तर कोरिया ने कहा- दक्षिण कोरिया से सभी तरह के संपर्क खत्म करेंगे, वो अब हमारा दुश्मन देश June 08, 2020 at 08:22PM

उत्तर कोरिया ने मंगलवार को दक्षिण कोरिया सेसभी तरह का संपर्क बंद करने का फैसला किया। उत्तर कोरिया ने कहा-हम दक्षिण कोरिया से जुड़ीहॉटलाइन समेत सभीकम्युनिकेशन लाइनें बंद कर रहे हैं। वो अब हमारा दुश्मन देश है। दक्षिण कोरिया हमारे खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाने वालों को नहीं रोक पाया।

खास बात ये है किदक्षिण कोरिया ने इस मामले पर बातचीत के लिए उत्तर कोरियाई अफसरों को फोन भी किया लेकिन,वहां किसी नेफोन ही रिसीव नहीं किया। दक्षिण कोरियाने कहा, ‘‘मंगलवार को उत्तर कोरिया से फोन पर संपर्क की कोशिश की गई।लेकिन, कोई जवाब नहीं मिला।’’ रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, उत्तर कोरिया ने मिलिट्री हॉटलाइंस पर की गईं कॉल्स का भी जवाब नहीं दिया।

दुश्मन देश का टैग दिया
उत्तर कोरिया ने कहा- हम दक्षिण कोरिया को अब दुश्मन देशही मानेंगे, उसी हिसाब से बर्ताव किया जाएगा। प्योंगयांग की न्यूज एजेंसी ने कहा- दक्षिण कोरिया के अफसरों का रवैया गैरजिम्मेदाराना है। उनकी मिलीभगत का फायदा उठाकर हमारे विरोधी सक्रिय हैं। इन्होंने हमारी टॉप लीडरशिप का अपमान किया। इन्हें माफ नहीं किया जा सकता। इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी। अब दक्षिण कोरिया से कोई बातचीत नहीं की जाएगी।

किम जोंग और उनकी बहन की मौजूदगी में फैसला लिया गया
रिपोर्टके मुताबिक, कम्युनिकेश लाइन खत्म करने का फैसला नॉर्थ कोरिया के तानाशाहकिम जोंग-उन और उनकी बहन किम यो-जोंग की मौजूदगी में लिया गया। रिपोर्ट में कहा गया- यह कदम दक्षिण कोरिया के साथ सभी रिश्ते पूरी तरह से खत्म करने की दिशा मेंपहला कदम है।

2018 में बनाई गई थी कम्युनिकेशन लाइन
उत्तर और दक्षिण कोरिया ने दो साल पहले कम्युनिकेशन लाइन बनाईं थीं। तब दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन और किम जोंग-उन के बीच तीन मीटिंग हुईं थीं। इसी दौरान उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया को दुश्मन से दोस्तदेश का दर्जा दिया था। पिछले साल फरवरी तक दोनों देशों के संबंध ठीक रहे। अमेरिका और नॉर्थ कोरिया की बातचीत विफल हुई तो दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया के रिश्ते भी खराब हो गए।



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उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन और उनकी बहन किम यो-जोंग की बैठक के बाद दक्षिण कोरिया से कम्युनिकेशन लाइन खत्म करने का फैसला लिया गया। -फाइल फोटो

Inside the revolts erupting in America's big newsrooms June 08, 2020 at 07:28PM

डब्ल्यूएचओ ने कहा- बीते 9 दिन में रोज 1 लाख से ज्यादा मामले आए, यह किसी भी देश के लिए कोशिशों से पीछे हटने का समय नहीं June 08, 2020 at 06:30PM

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सोमवार को दुनिया भर के देशों को कोरोनावायरस से औरसतर्क रहने की सलाह दी। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस गेब्रेयेसस ने कहा कि दुनिया भर में पिछले 10 में से 9 दिन 1 लाख से ज्यादा मामले सामने आए। वायरस से लड़ते हुए 6 महीने हो चुके, लेकिन खतरा टला नहीं है। यह समय किसी भी देश के लिए कोशिशों से पीछे हटने का नहीं है।

ट्रेडोस ने कहा कि जिन देशों में स्थिति सुधर रही है वहां पर अब सबसे बड़ीचुनौती इससे बचाव के परहेजों का पालन करवाना है। इससे बचने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना जरूरी है। एक नए अध्ययन मेंसामने आया है कि मास्क संक्रमण रोकने में मददगार है।

7 जून को सबसे ज्यादा मामले सामने आए
उन्होंने कहा कि दुनियाभर में 7 जून को1 लाख 36 हजार मामले सामने आए। यह एक दिन में संक्रमण केसबसे ज्यादा मामले हैं। इनमें से 75%अमेरिका और दक्षिण एशियाई देशों में मिले। डब्ल्यूएचओ संक्रमण प्रभावित देशों की मदद कर रहा है। इसने 110 देशों में 50 लाख सुरक्षा उपरकण भेजे हैं।आने वाले समय में इसकी 126 देशों में 1 करोड़ 29 लाख पीपीई किट भेजने की योजना है।

यूरोपीय देशोंमें स्थिति में सुधार
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि यूरोप में स्थिति सुधर रही है। उन्होंने कहा कि पहले संक्रमण का एपिसेंटर पूर्व एशिया था। इसके बाद यूरोप में यह तेजी से फैला। अब इसकी जगह अमेरिका ने ले ली है। हालांकि, यूरोपीय देशों में अब स्थिति सुधर रही है, लेकिन दुनिया के दूसरे हिस्सों में हालात बदतर हो रहे हैं। खास कर अफ्रीकी देशों में यह बीमारी तेजी से बढ़ रही है।



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दक्षिण अफ्रीका के जोहानेसबर्ग में सोमवार को एक छात्रा को हैंड सैनिटाइजेर देता स्कूल का कर्मचारी। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि कोरोना संक्रमण फिलहाल अफ्रीकी देशों में तेजी से बढ़ रहा है।

Defacement of Mahatma Gandhi's statue was a 'disgrace': Donald Trump June 08, 2020 at 06:06PM

The defacement of Mahatma Gandhi's statue by unknown miscreants was a "disgrace", US President Donald Trump has said, days after it was vandalised with graffiti and spray painting during the nationwide protests against the custodial killing of African-American George Floyd. The statue, outside Indian Embassy, was vandalised on the intervening night of June 2 and 3.

North Korea says it'll cut off communication channels with South Korea June 08, 2020 at 05:32PM

It said the decision was made by Kim Yo Jong, the powerful sister of leader Kim Jong Un, and Kim Yong Chol, a former hard-line military intelligence chief who Seoul believes was behind two 2010 attacks that killed 50 South Koreans. ``The South Korean authorities connived at the hostile acts against (North Korea) by the riff-raff, while trying to dodge heavy responsibility with nasty excuses,'' KCNA said. ``They should be forced to pay dearly for this.''

Concealing virus is latest Jair Bolsonaro effort shore up base June 08, 2020 at 05:27PM

सुंदर पिचाई को अमेरिका पहुंचाने के लिए विमान किराए में पिता ने खर्च कर दी थी एक साल की कमाई June 08, 2020 at 05:27PM

गूगल सीईओ सुंदर पिचाई ने एक ग्रेजुएशन सेरेमनी में इस साल ग्रेजुएट हो रहे स्टूडेंट्स के लिए हौसले और उम्मीद से भरी बातें कहीं। बीते रविवार को हुई इस सेरेमनी के दौरान पिचाई ने अपने संघर्ष के दिनों को भी याद किया। इस ग्रेजुएशन सेरेमनी को यूट्यूब पर "Dear Class of 2020" के टाइटल के साथ लाइव स्ट्रीम किया गया था। उन्होंने अपनी स्पीच में स्टूडेंट्स को आशावादी बनने और उत्सुक रहने की सलाह दी।


मुसीबतों का सामना करना जरूरी
अपने संबोधन में सुंदर पिचाई ने अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए कहा कि जब मैं 27 साल का था तो भारत छोड़कर अमेरिका के स्टैनफोर्ड यूनिव​र्सिटी में पढ़ने आया था। उन्होंने कहा, 'मेरे पिता ने अपनी एक साल की कमाई के बराबर पैसे मेरे टिकट पर खर्च किए थे, ताकि मैं स्टैनफोर्ड में पढ़ सकूं। उन्होंने बताया कि वो मेरा पहला हवाई सफर था।


महंगी जगह पर सर्वाइव करना होता था मुश्किल
पिचाई ने बताया कि जब हो पहली बार कैलिफोनिर्या में लैंड किये तो वहां वैसी स्थिति नहीं थी, जिसकी उन्होंने कल्पना की थी। अमेरिका महंगी जगह थी। उस समय घर फोन करने पर प्रति मिनट 2 डॉलर खर्च करना पड़ता था जो काफी ज्यादा था।” उन्होंने कहा, “मेरे पास तकनीक की सुविधा नहीं थी। 10 साल की उम्र तक तो हमारे पास टेलीफोन नहीं था। वहीं आज के बच्चों पर सभी तकनीकी साधन उपलब्ध हैं जिनका उपयोग करके वे आगे बढ़ सकते हैं।


सुन्दर पिचाई की स्पीच की मुख्य बातें

  • अधीरता को कभी खत्म नहीं होने देना चाहिए इसी से दुनिया में अगली क्रांति आएगी।इससेआप वो कर सकेंगे जिसे मेरी जेनरेशन के लोगसोच भी नहीं सकते हैं।
  • पिचाई ने कहा, 'क्लाइमेट चेंज को लेकर आप हमारी जेनरेशन द्वारा उठाए कदम से हताश हो सकते हैं। लेकिन इसे लेकर बेचैन न हो काम करते रहें। इससे आप उस स्थति में पहुंच पाएंगे, जिसकी पूरी दुनिया को जरूरत है।'
  • हमारा इतिहास भी हमे आशावादी रहने और किसी भी हालत में उम्मीद न छोड़ने की सीख देता है। इसलिए उम्मीद बनाए रखें।


चेन्नई में पले-बढ़े हैं पिचाई
सुंदर पिचाई तमिलनाडु के चेन्नई में पले-बढ़े हैं और आईआईटी से पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनवर्सिटी से मास्टर्स किया और फिर व्हॉर्टन स्कूल से एमबीए किया है। 2004 में उन्होंने गूगल में नौकरी शुरू की थी।


सेरेमनी में कई अन्य लोग भी हुए शामिल
इस सेरेमनी में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बाराक ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल ओबामा ने भी संबोधित किया। इसके अलावा इसमें सिंगर लेडी गागा और नॉबेल पुरस्कार विजेता मलाला युसुफजई भी शामिल रहीं।



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पिचाई ने अपनी स्पीच में स्टूडेंट्स को आशावादी बनने और उत्सुक रहने की सलाह दी

Death toll in latest Mexico alcohol poisoning rises to 18 June 08, 2020 at 04:45PM

The government of the southern state of Guerrero said Monday the latest 18 deaths occurred in and around the mountain township of Tlapa de Comonfort, after inhabitants drank a tequila-type drink from little-known brands. called "Rancho Escondido." Another 16 people were hospitalized for poisoning symptoms; four remain in serious condition. The area is known for its impoverished farming hamlets.

Assad's 20-year rule, from Damascus Spring to pariah June 08, 2020 at 04:50PM

Bashar al-Assad's rise to power after three decades of his father's iron-fisted rule raised hope of democratic opening. But 20 years later, Syria is isolated and war-ravaged. Crumbling under a stinging economic downturn, Western sanctions and nine years of war, Syria today is a far cry from the vision Assad projected when he was propelled to the presidency in 2000.

Why the US is experiencing a coronavirus plateau June 08, 2020 at 04:16PM

Experts say the prolonged nature of the US epidemic is the result of the cumulative impact of regional outbreaks, as the virus that started out primarily on the coasts and in major cities moves inward.

Assad's 20-year rule, from Damascus Spring to pariah June 08, 2020 at 04:47PM

Coronavirus: Ramon Magsaysay awards cancelled June 08, 2020 at 04:45PM

The Ramon Magsaysay awards, regarded as Asia’s version of the Nobel Prize, have been cancelled this year due to the coronavirus pandemic, the only third time the annual awards were disrupted in six decades. The Manila-based foundation that hands out the awards said Tuesday it has no choice this year “with the Covid-19 pandemic practically immobilizing the world."

Saudi Arabia considers limiting haj pilgrims amid Covid-19 fears June 08, 2020 at 04:21PM

Saudi Arabia could drastically limit numbers at the annual haj pilgrimage to prevent a further outbreak of coronavirus after cases in the country topped 100,000, said sources. Some 2.5 million pilgrims visit the holiest sites of Islam in Mecca and Medina for the week-long haj. Official data show haj and the umrah pilgrimage earn the kingdom about $12 billion a year.

दबाव के बाद ब्राजील सरकार ने नए आंकड़े जारी किए, 15 हजार से ज्यादा मामले बढ़े; दुनिया में अब तक 71.93 लाख संक्रमित June 08, 2020 at 04:41PM

दुनिया में कोरोनावायरस से अब तक 4 लाख 8 हजार 614 लोगों की मौत हो चुकी है। संक्रमितों का आंकड़ा 71 लाख 93 हजार 476 हो गया है। अब तक 35 लाख 35 हजार 554 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। ब्राजील में सरकार पर 4 जून के बाद सही आंकड़े न बताने का आरोप लग रहा था। सोमवार रात उसने नया डाटा जारी किया। इसमें 15 हजार से ज्यादा नए संक्रमित जुड़ गए। मरने वालों की तादाद भी 679 बढ़ गई।

कोरोनावायरस : 10 सबसे ज्यादा प्रभावित देश

देश

कितने संक्रमित कितनी मौतें कितने ठीक हुए
अमेरिका 20, 26,493 1,13,055 7,73,480
ब्राजील 7,10,887 37,312 3,25,602
रूस 4,76,658 5,971 2,30,688
स्पेन 2,88,797 27,136 उपलब्ध नहीं
ब्रिटेन 2,87,399 40,597 उपलब्ध नहीं
भारत 2,65,928 7,473 1,29,095
इटली 2,35,278 33,964 1,66,584
पेरू 1,99,696 5,571 89,556
जर्मनी 1,86,205 8,783 1,69,600
ईरान 1,73,832 8,351 1,36,360

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ब्राजील : नए आंकड़े जारी किए
देश और दुनिया में हो रही आलोचना के बाद ब्राजील की हेल्थ मिनिस्ट्री ने आखिरकार पांच दिन बाद संक्रमण के नए आंकड़े जारी किए। बताया गया कि 15 हजार 654 मामले सोमवार को दर्ज किए गए। कुल 7 लाख 7 हजार 412 मामलों की जानकारी दी गई है। 24 घंटे में 679 मौतों की जानकारी भी दी गई। अब यह आंकड़ा 37 हजार 134 हो गया है। बता दें कि अमेरिकी और स्थानीय मीडिया की खबरों में रविवार को ये कहा गया था कि 4 जून के बाद ब्राजील ने सही आंकड़ों की जानकारी नहीं दी। यहां एक सामाजिक संगठन ने इसके विरोध में प्रदर्शन भी किए थे।

निकारागुआ : डॉक्टरों का आरोप
यहां डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि सरकार ने जो आंकड़े जारी किए हैं, संक्रमितों का वास्तविक आंकड़ा उससे पांच गुना ज्यादा है। यहां सिटिजंस इंडिपेंडेंट नेटवर्क नाम का एक संगठन देश में संक्रमण के मामलों पर नजर रख रहा है। सरकार ने अब तक कुल 1118 मामलों और 46 मौतों की जानकारी दी है। वहीं इस संगठन ने कहा है कि देश में 5 हजार 27 मामले हैं और अब तक 1015 की मौत हुई है।

तस्वीर निकारागुआ की राजधानी मानागुआ के एक कोविड सेंटर की है। सरकार ने 1118 मामलों की जानकारी दी है। लेकिन, डॉक्टरों के एक संगठन का कहना है कि मामले पांच गुना ज्यादा हैं।

क्यूबा : 9 दिन से कोई मौत नहीं
हेल्थ मिनिस्ट्री ने सोमवार रात कहा कि देश में 9 दिन से किसी संक्रमित की मौत नहीं हुई। 24 घंटे में 9 नए मामले सामने आए। रविवार को राष्ट्रपति मिगुल डियाज ने कहा था- देश में संक्रमण काबू में है। सरकार ने जो सख्त उपाय किए थे उनके नतीजे सामने आने लगे हैं। लेकिन, हम किसी तरह की लापरवाही नहीं कर सकते। लोगों को सतर्क रहना होगा। यहां सभी फ्लाइट्स बंद हैं। संदिग्ध सिर्फ सरकारी अस्पताल में इलाज करा सकते हैं और मास्क लगाना जरूरी है। क्यूबा में कुल 2200 मामले और 83 मौतें हुई हैं।

तस्वीर क्यूबा के हवाना शहर की है। हेल्थ मिनिस्ट्री के मुताबिक, देश में पिछले 9 दिन से किसी संक्रमित की मौत नहीं हुई।

अमेरिका : प्रचार करेंगे ट्रम्प
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने महामारी के बीच 2020 के चुनाव प्रचार के लिए तैयारी शुरू कर दी है। इस दौरान वो रैलियां करेंगे। एनबीसी न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रम्प इसी महीने चुनावी रैलियां शुरू करने जा रहे हैं। मिनेसोटा में अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद ट्रम्प प्रशासन का विरोध बढ़ा है। हालांकि, उन्हें यह सलाह दी गई है कि रैलियां विरोध प्रदर्शन खत्म होने के बाद ही की जाएं। इस चुनाव में उनका मुकाबला डेमोक्रेट प्रत्याशी जोए बिडेन से है।

सोमवार रात व्हाइट हाउस में एक मीटिंग के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रम्प जल्द ही चुनाव प्रचार शुरू करने जा रहे हैं।

इजराइल : पाबंदियां कम होंगी
यहां संक्रमण की दूसरी लहर सामने आ रही है। मामले बढ़े हैं लेकिन सरकार पाबंदियों में ढील देने पर विचार कर रही है। हालांकि, सोमवार से शुरू होने वाली ट्रेन सर्विस को आखिरी वक्त पर टाल दिया गया। देश में अब कुछ नियमों के साथ यात्रा की जा सकेगी। थिएटर औस सिनेमा 14 जून से खुलेंगे। शादियों में 250 लोग शामिल हो सकेंगे। इनका रिकॉर्ड रखना होगा। देश में अब तक 18 हजार 32 मामले सामने आए हैं। 24 घंटे में 169 नए मामले सामने आए।



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ब्राजील के ब्रासिलिया शहर में सोमवार को महामारी से मारे गए लोगों को स्थानीय कलाकारों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उन्होंने सरकारी इंतजामों के प्रति नाराजगी भी जाहिर की।

अमेरिकी पुलिस अफसरों और श्वेतों ने अश्वेतों के पांव धोकर संदेश दिया- इंसानियत सबसे बड़ी नस्ल June 08, 2020 at 02:10PM

अमेरिका के 140 से ज्यादा शहरों में नस्लभेद के खिलाफ जारी हिंसक प्रदर्शनों के बीच नॉर्थ कैरोलिना से एक तस्वीर आई है। इसमेंपुलिस ने प्रदर्शन करने आए अश्वेत लोगों को बेंच पर बैठाया और उनके पांव धोने शुरू कर दिए। पुलिस ने कहा कि हम सिर्फ यही संदेश देना चाहते हैं कि इंसानियत से बड़ी कोई नस्ल नहीं है। दरअसल,पुलिस सामाजिक संगठनों को साथ लेकर अश्वेतों में भरे गुस्से को शांत करने की कोशिश कर रही है।

25 मई को गिरफ्तारी के दौरान अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लाॅयड की मौत हो गई थी। उसके बाद से अमेरिका के साथ-साथ दुनियाभर मेंविरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।अमेरिका के सभी प्रांतों के अलावा ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, स्पेन, इटली, ऑस्ट्रेलिया, जापान, डेनमार्क, नीदरलैंड्स, फिनलैंड और प्रेटोरिया में हजारों लोग विरोध जताने सड़कों पर उतरे।

पूर्व उप-राष्ट्रपति जो बिडेन ह्यूस्टन में फ्लॉयड के परिवार से मुलाकात करेंगे

उधर, अमेरिका में जॉर्ज फ्लॉयड के परिवार और दोस्तों ने उन्हें श्रद्धांजलि और अलविदा कहने की तैयारी शुरू कर दी है। मंगलवार को उनका अंतिम संस्कार होगा। पूर्व उप-राष्ट्रपति जो बिडेन ने पुष्टि की है कि वह ह्यूस्टन में फ्लॉयड के परिवार से मुलाकात करेंगे। वह व्यक्तिगत रूप से संवेदना व्यक्त करेंगे और फ्लॉयड की अंतिम संस्कार के लिए एक वीडियो संदेश भी देंगे।

मिनेपोलिस में पुलिस विभाग खत्म करने की योजना

मिनेपोलिस नगर परिषद पुलिस विभाग खत्म कर सकता है या फिर सभी अधिकारियों का ट्रांसफर किया जा सकता है। सिटी पार्क में हुई परिषद सदस्यों की बैठक में सुरक्षा का नया मॉडल तैयार करने का प्रस्ताव रखा गया। इस दौरान सदस्यों ने कहा कि दशकों की कोशिशों के बावजूद साबित हो गया है कि मिनेपोलिस पुलिस नहीं सुधर सकती। हम शहर में पुलिसिंग व्यवस्था खत्म करने की योजना बना रहे हैं। उधर न्यूयॉर्क के मेयर बिल डे ब्लासियो ने भी न्यूयॉर्क पुलिस की फंडिंग कम करके बची हुई राशि सामाजिक कामों में लगाने की बात कही है।

जर्मनी: 15 हजार लोगों की रैली, हिंसा भी हुई
बर्लिन में पुलिस ने प्रदर्शन के सिलसिले में 93 लोगों को हिरासत में लिया गया। इनमें से अधिकतर लोगों को 15 हजार लोगों की मुख्य रैली के समापन पर हिरासत में लिया गया। पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को शहर के एलेक्जेंडर चौराहे से हटने के लिए कहा गया था। इसके बावजूद भीड़ में मौजूद लोगों ने वहां अधिकारियों पर बोतलें और पत्थर फेंके, जिसमें कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए।

बर्लिन में 15 हजार लोगों ने रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन दर्ज कराया। पुलिस ने 93 लोगों को हिरासत में भी लिया।

डेनमार्क: अमेरिकी दूतावास के बाहर प्रदर्शन
डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन में अमेरिकी दूतावास के सामने 16 हजार से ज्यादा लोगों ने मार्च निकाला। पीएम मैटे फ्रैडरिकसन ने इस आंदोलन में साथ देने के लिए लोगों की तारीफ की। उधर स्पेन के बार्सिलोना और मैड्रिड में हजारों लोग सड़कों पर ब्लैक लाइव्स मैटर की तख्तियां लेकर उतरे। लोगों का कहना था कि ये प्रदर्शन सिर्फ फ्लॉयड के लिए नहीं हैं, स्पेन में रहने वालों को भी रंगभेद झेलना पड़ता है।

प्रदर्शनकारी बोले-ये प्रदर्शन सिर्फ फ्लॉयड के लिए नहीं हैं, स्पेन में रहने वालों को भी रंगभेद झेलना पड़ता है।

नीदरलैंड्स: सोशल डिस्टेंसिग के साथ विरोध
नीदरलैंड्स के प्रमुख शहर मास्ट्रिच के पार्क में लोगों ने बैठकर विरोध जताया। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान भी रखा गया। इसके अलावा रोम के पीपल्स स्क्वायर पर रैली शांतिपूर्ण रही, वहां मौजूद लोगों ने रंगभेद पर भाषण सुने। इस दौरान उन्होंने तख्तियां ले रखी थीं, जिन पर ब्लैक लाइव्स मैटर और ‘इट्स’ अ व्हाइट प्रॉब्लम लिखा था। रोम के अलावा मिलान में भी लोगों ने मार्च निकाला।

लोगों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया।

कनाडा: लगातार दूसरे हफ्ते प्रदर्शन-रैलियां
कनाडा में फ्लॉयड की मौत की खबर के बाद से ही प्रदर्शन शुरू हो गए थे। रविवार को भी रंगभेद, पुलिस की ज्यादतियों के खिलाफ मार्च निकाले गए। इसके बाद मौन रखकर फ्लॉयड को श्रद्धांजलि भी दी। फ्रांस के मार्शिले में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर झड़प के दौरान आंसूगैस के गोले दागे। प्रदर्शनकारी सुरक्षाकर्मियों पर बोतल और पत्थर फेंक रहे थे। प्रदर्शन के दौरान 23 हजार से ज्यादा लोग जुटे थे।

कनाडा मेंप्रदर्शन के दौरान 23 हजार से ज्यादा लोग जुटे थे।

ब्रिटेन: एडवर्ड कॉल्सटन की मूर्ति तोड़ी, चर्चिल के स्टैच्यू पर नस्लभेदी लिखा

लंदन में प्रदर्शनकारियों ने 17वीं सदी के ब्रिटिश मानव तस्कर एडवर्ड कॉल्स्टन की मूर्ति तोड़कर नदी में फेंक दी। इससे पहले मूर्ति के गले पर ठीक वैसे ही पैर रखा, जैसे फ्लॉयड की गर्दन पर पुलिसवाले ने रखा था। यह मूर्ति ब्रिस्टल में लगाई गई थी। कॉल्स्टन 17वीं शताब्दी में अफ्रीकी लोगों को अमेरिका और दूसरे देशों में बेचता था।

हालांकि, बाद में वह भलाई के काम करने लगा, जिससे उसे सम्मानित दर्जा हासिल हुआ। वहीं सेंट्रल लंदन में लोगों ने समर्थन में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने पार्लियामेंट स्क्वायर पर लगी विंस्टन चर्चिल की मूर्ति को नुकसान पहुंचाया। इस पर लिख दिया कि चर्चिल नस्लभेदी थे। चर्चिल विरोधी नारे भी लगाए गए।

इस दौरान लोगों की पुलिस से झड़प भी हो गई। इसके बाद वेस्टमिंस्टर में कर्फ्यू लागू कर दिया गया। पीएम जॉनसन ने प्रदर्शन के तरीके पर नाराजगी जाहिर की है।



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यह फोटो नॉर्थ कैरोलिना की है। पुलिस ने सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर अश्वेत लोगों के पैर धोए। इसका मकसद इंसानियत सबसे बड़ी है। यह संदेश देना था।

Pakistan hospitals running out of beds as virus cases surge past 100,000 June 08, 2020 at 05:05AM

पहले करोनावायरस और अब नस्लभेद प्रदर्शनों को सामना कर रहे ट्रम्प, राष्ट्रपति के सलाहकार चुनाव में उनकी जीत को लेकर चिंतित June 08, 2020 at 01:32AM

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने में पांच महीने बाकी हैं। वहीं, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प फिलहाल कई राजनीतिक विरोधों का सामना कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि अगर चुनाव आज होते, तो संभव है कि वे हार जाते। राष्ट्रपति के वेस्ट विंग के सलाहकार और कैंपेन के सहयोगी ट्रम्प के दोबारा चुने जाने को लेकर चिंतित हैं।उनके सलाहकारों के मुताबिक,पहले कोरोनोवायरससे निपटने को लेकर ट्रम्प की नीतियों के खिलाफ और अब नस्लीय भेदभाव को लेकर देशभर में प्रदर्शन किए जा रहे हैं।

उनके सहयोगी इस बात को लेकर चिंतित हैं कि जो काम उनके विपक्षी उम्मीदवार जो बिडेन को करना चाहिए था, वह ट्रम्प ने कर दिया था। इससे बिडेन के समर्थकों का उत्साह बढ़ गया है। ट्रम्प को अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की मौत से पहले भी सख्त राजनीतिक गतिरोधों का सामना करना पड़ रहा है। 25 मई को मिनोपोलिस में एक पुलिस अफसर ने जॉर्ज फ्लॉयड के गर्दन को कराब 9 मिनट तक अपने घुटने से दबाए रखा था, जिससे उसकी मौत हो गई थी।

संक्रमण के चलते ट्रम्प को फंड नहीं मिल रहा

कोरोना की वजह से लोगों से जुड़ी और आर्थिक समस्या बढ़ रही है। राष्ट्रपति के विपक्षी इस मुद्दे को उठा रहे हैं। इससे ऐसे क्षेत्रों में उनके समर्थन पर असर पड़ सकता है जो उनकी जीत के लिहाज से अहम माने जा रहे हैं। ट्रम्प की चुनावी रैलियां कई महीनों से ठप पड़ी हैं। बिडेन की तुलना में उन्हें चुनाव के लिए उम्मीद के मुताबिक फंड नहीं मिल पा रहा है। इसका मुख्य कारण है कि ज्यादा फंड जुटाने वाले अभियान संक्रमण की वजह से रुक गए हैं।

पिछली बार भी सर्वे में मैं हार रहा था: ट्रम्प

म्प के चुनाव अभियान के वर्तमान और पूर्व छह अधिकारियों के अनुसार, आंतरिक कैंपेन सर्वे और पब्लिक पोलिंग में यह देखा जा रहा है कि वरिष्ठों के बीच ट्रम्प की लोकप्रियता में कमी आई है। माना जाता है कि एक समय इनका ट्रम्प की ओर काफी झुकाव होता था।इससे पहले गुरुवार को पब्लिक सर्वे को झुठलाते हुए ट्रम्प ने फॉक्स न्यूज रेडियो से कहा कि वोटर्स मेरे पक्ष में हैं। बिल्कुल पिछली बार भी मैं सर्वे में हर राज्य में हिलेरी से हार रहा था, लेकिन मैंने हर जगह जीत हासिल की।

हालांकि, राष्ट्रपति बाहर से आश्वस्त नजर आ रहे हैं। ट्रम्प ने व्हाइट हाउस की साप्ताहिक बैठकों में सलाहकारों से ऐसी आशंकाओं को लेकर शिकायत की है कि वे बिडेन से हार रहे हैं। उन्होंने बैठक में अपने सहयोगियों को अपने पक्ष में वोटर्स को करने के लिए रणनीति बनाने का दबाव डाला है।

नस्लीय भेदभाव और कानून व्यवस्था को लेकर देश में बहस शरू

बीते दिनों ट्रम्प के चुनावी कैंपेन के तहत ओहियो राज्य में विज्ञापन ब्लिट्ज जारी किया गया। यहां पर पिछले राष्ट्रपति चुनाव में उन्हें 8% वोट मिले थे। इसके साथ ही एरिजोना में भी उनके लिए चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं। उनके सहयोगियों ने आगाह किया है कि नस्लीय भेदभाव और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए की गई कार्रवाई को लेकर देश में बहस शुरू हो गई है। यह उनके हित में नहीं है। डेमोक्रिटिक के अश्वेत युवा समर्थक इस मुद्दे पर एकजुट हैं। यह वोटर पिछले चुनाव में हिलेरी क्लिनटन के पक्ष में नहीं थे, जिसकी वजह से ट्रम्प की जीत का रास्ता साफ हुआ था।

बेरोजगारी दर में कमी ट्रम्प प्रशासन की उम्मीद

देश में बेरोजगारी दर में कमी आने के बाद ट्रम्प प्रशासन को थोड़ी उम्मीद जरूरी मिली है। शुक्रवार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मई महीने में 25 लाख लोगों को नौकरी मिली है। महामारी की वजह से देश में बेरोजगारी दर काफी बढ़ गई थी। राष्ट्रपति के सलाहकारों का मानना है कि चुनाव में यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा हो सकता है।

बिडेन को कई मोर्चों पर घेरने की रणनीति बनाई जा रही

ट्रम्प ने मार्च के बाद से अपना अभियान शुरू करने की योजना बनाई थी, लेकिन इस बीच देश में संक्रमण फैलने लगा। ऐसे में बिडेन भी प्रचार अभियान में नहीं उतरे और न ही किसी रैली को संबोधित किया। ट्रम्प के समर्थक इस ताक में थे कि रैलियों के दौरान बिडेन कुछ ऐसी बात बोलेंगे, जिसका मुद्दा बनाया जा सके। हालांकि, रिपब्लिकन समर्थक यह भी नहीं कर पाए। अब नए सिरे से बिडेन को कई मोर्चों पर घेरने की रणनीति बनाई जा रही है।



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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प कमर्शियल फिशिंग को लेकर चर्चा करते।

In a clean-chit to itself, China publishes white paper on Covid-19 fight June 08, 2020 at 12:36AM

China has issued a white paper on the country's battle against Covid-19, exonerating itself from the global allegations of delay in reporting the pandemic outbreak, Xinhua reported.

कोरोना से जंग जीतने के लिए 4 स्टेप और 43 प्वॉइंट का प्रोग्राम बनाया, 7 हफ्ते का सख्त लॉकडाउन रहा June 08, 2020 at 12:07AM

न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने सोमवार को कहा कि देश कोरोना मुक्त हो गया है। जेसिंडा के मुताबिक, उन्हें जब यह जानकारी मिली तो वह नन्हीं बेटी के साथ झूम उठीं। जेसिंडा ने कहा- मुझे अपने देश और यहां के लोगों पर गर्व है। हमने एक बेहद मुश्किल जंग को मिलकर जीता। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आखिरी मरीज 50 साल की महिला थी। उसका इलाज ऑकलैंड के एक नर्सिंग होम में हुआ।
न्यूजीलैंड के लिए कोरोना से जंग आसान नहीं रही। कामयाबी का सूत्र एक ही था- सरकार की कोशिश और लोगों का समर्थन। करीब 7 हफ्ते सख्त लॉकडाउन रहा। वैसे पाबंदियां 75 दिन रहीं। इसके बाद धीरे-धीरे ढील दी गई। यात्रा संबंधी ढील दी गई तो सरकार की अपील थी- लोग अपने देश के टूरिस्ट प्लेसेस को ही तवज्जो दें। इससे सरकार की आय बढ़ेगी और लोगों का मनोरंजन भी हो जाएगा।

मंजिल मुश्किल : लेकिन, ऐसे हासिल की
न्यूजीलैंड की आबादी 50 लाख से भी कम है। फरवरी के आखिर में यहां कोरोना की आहट सुनाई दी। सरकार ने इस अदृश्य दुश्मन से जंग की तैयारी शुरू कर दी। मेडिकल एक्सपर्ट्स के साथ 4 सू्त्रीय कार्यक्रम बनाया। इसमें 43 बिंदू यानी प्वॉइंट थे। हर चरण में कुछ प्वॉइंट एक जैसे थे। इन पर सख्ती से अमल का फैसला किया गया। 7 हफ्ते का सख्त लॉकडाउन रहा। हर हफ्ते समीक्षा की गई। देश में कुल 1154 मामले सामने आए। 22 लोगों की मौत हुई। करीब तीन लाख लोगों का टेस्ट हुआ।

आगे क्या होगा?
सरकार चैन की नींद नहीं सोएगी। सतर्कता बनी रहेगी। 15 जून तक हर संदिग्ध पर नजर रखी जाएगी। उसका टेस्ट होगा। टेस्ट के पहले ही उसे आईसोलेट किया जाएगा। हेल्थ डिपार्टमेंट के डायरेक्टर जनरल डॉक्टर एश्ले ब्लूमफील्ड के मुताबिक....

  • निजी और सार्वजनिक यानी पब्लिक और प्राईवेट इवेंट्स हो सकेंगे। कोई प्रतिबंध नहीं होगा।
  • पब्लिक ट्रांसपोर्ट शुरू किया जाएगा। ये 28 फरवरी से बंद है।
  • कुछ ऐहतियात के साथ रग्बी और दूसरे खेल शुरू किए जाएंगे। दर्शक आ सकेंगे।

4 अलर्ट लेवल: इनके क्या मायने
न्यूजीलैंड ने चार अलर्ट लेवल बनाए। इनमें करीब 43 प्वॉइंट थे। लेवल 1 पर खतरा सबसे कम और लेवल 4 पर सबसे ज्यादा खतरा था। इनके कुछ जरूरी प्वॉइंट इस तरह थे।

अलर्ट लेवल 4 : लॉकडाउन
- वायरस कम्युनिटी ट्रांसमिशन स्टेज पर
- लोगों को घर में ही रहना होगा, इमरजेंसी सर्विस जारी रहेंगी
- हर तरह की यात्रा पर सख्ती से रोक
- सभी सार्वजनिक स्थान बंद
- बेहद जरूरी चीजों को छोड़कर बाकी सेवाएं बंद
- स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी बंद
- सिर्फ जरूरी सर्जरी हो सकेंगी

अलर्ट लेवल 3 : रोकथाम
- कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा
- लोग घर पर रहें, बेहद जरूरी होने पर ही बाहर निकलें
- फिजिकल डिस्टेंसिंग जरूरी इसके लिए नियम
- आईसोलेट-क्वारैंटाइन लोगों की गहन जांच और देखभाल
- वर्क फ्रॉम होम को प्राथमिकता
- सभी सार्वजनिक स्थान बंद
- ऑनलाइन मेडिकल फेसेलिटीज को तवज्जो
- शहर से बाहर जाने पर रोक
- बीमार लोग घर पर ही रहेंगे

अलर्ट लेवल 2 : खतरे का स्तर घटाना
- परिवार और दोस्तों से मिल सकते हैं, बेहद जरूरी यात्रा को मंजूरी
- स्टोर्स में 2 और ऑफिस में 1 मीटर की दूरी जरूरी
- कारोबार को सशर्त मंजूरी (नियम तय)
- कुछ खेलों को मंजूरी, रिकॉर्ड रखना जरूरी
- म्यूजियम, लाईब्रेरी और पूल खुल सकते हैं, नियमों का पालन जरूरी
- बीमार लोगों के लिए सख्त नियम और हिदायतें
- 100 लोग तक जुट सकेंगे, रिकॉर्ड जरूरी

अलर्ट लेवल 1: खतरा भांपना और उसके हिसाब से जवाबी तैयारी
- स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर रणनीति
- सीमाओं पर आवाजाही सीमित या बंद
- टेस्टिंग पर फोकस
- हर पॉजिटिव केस की फौरन कॉन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग
- आईसोलेशन और क्वारैन्टाइन
- स्कूल और दूसरे वर्क प्लेस खुलेंगे, ऐहतियात जरूरी
- बीमार हैं तो घर में रहें
- खांसी आए तो कोहनी का सहारा लें, चेहरा बिल्कुल न छुएं
- हाथ ठीक से धोएं और सुखाएं।
- कामकाज के स्थान पर कॉन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग का रिकॉर्ड जरूरी



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New Zealand Coronavirus Cases Update | Prime Minister Jesinda Ardern On COVID-19 Active Cases

मिनेपोलिस शहर में पुलिस डिपार्टमेंट खत्म करने की मांग, विरोध प्रदर्शन में सीनेटर भी शामिल हुए June 07, 2020 at 09:31PM

अमेरिकी अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस के हाथों मौत को 13 दिन बीत चुके हैं। लेकिन, उसको इंसाफ दिलाने के लिए प्रदर्शन जारी हैं। जॉर्ज की हत्या मिनेपोलिस शहर में एक पुलिस अफसर ने घुटने से गला दबाकर की थी। अब इस शहर की सिटी काउंसिल ने पुलिस डिपार्टमेंट ही खत्म करने की मांग की है। इनका कहना है कि लोगों की सुरक्षा का जिम्मा किसी नए विभाग को सौंपा जाना चाहिए। हालांकि, कुछ लोग ऐसे भी हैं जो पुलिस विभाग खत्म करने के बजाय इसमें सुधार का सुझाव दे रहे हैं। यहां अमेरिका के अलावा ब्राजील और कनाडा में हुए विरोध प्रदर्शनों की तस्वीरें...

सिएटल में भी रविवार को विरोध प्रदर्शन हुए। यहां ज्यादातर छात्र नजर आए। इन लोगों ने भी जॉर्ज को इंसाफ दिलाने की आवाज बुलंद की।
मिशिगन के डेट्रॉयट में लोग एक बड़े पार्क में जुटे। इन्होंने फ्लॉयड को इंसाफ दिलाने की मांग की। यहां ज्यादातर प्रदर्शनकारी संक्रमण से बचने के लिए चेहरे पर मास्क लगाए नजर आए। हालांकि, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया गया।
मिनेपोलिस में ही जॉर्ज फ्लॉयड को एक पुलिस अफसर ने तड़पा-तड़पाकर मार डाला था। मिनेसोटा राज्य के इसी शहर में विरोध प्रदर्शन सबसे ज्यादा हो रहे हैं। रविवार को एक प्रदर्शनकारी जब थक गया तो उसने इस तरह राहत पाने की कोशिश की। इस दौरान अपने देश का राष्ट्रीय ध्वज हाथ में थामे रहा।
तस्वीर मैनहटन की है। रविवार को यहां नस्लीय हिंसा और पुलिस सुधारों के साथ ही जॉर्ज को इंसाफ की मांग दोहराई गई। एक प्रदर्शनकारी ने कहा- हम अब भी एकजुट नहीं हुए तो कुछ नहीं बदलेगा। हर दिन कोई न कोई जॉर्ज फ्लॉयड मारा जाएगा।
वॉशिंगटन के सिएटल में रविवार को प्रदर्शनकारियों के बीच एक कार आ गई। इसमें से निकले एक व्यक्ति फायर भी किया। घटना में एक शख्स घायल हुआ। आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। तस्वीर उसी घटना की है।
न्यूयॉर्क संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां के गवर्नर भी कह चुके हैं कि ये विरोध प्रदर्शन संक्रमण को खतरनाक स्तर पर ले जा सकते हैं। लेकिन, इसके बावजूद जॉर्ज को इंसाफ दिलाने की मुहिम जारी है। सोमवार को न्यूयॉर्क के ब्रूकलिन में इसीमुहिम का हिस्सा बनती एक प्रदर्शनकारी।
सीनेटर मिट रोमनी जॉर्ज की मौत के बाद सोशल मीडिया पर पहले ही काफी एक्टिव थे। रविवार को उन्होंने आम लोगों के साथ वॉशिंगटन में एक रैली में भी हिस्सा लिया। रोमनी ने कहा है कि जॉर्ज की मौत के बाद प्रशासन को नए सिरे से अश्वेतों की बेहतरी के बारे में सोचना होगा।
दक्षिण अमेरिकी देश ब्राजील में महामारी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। लेकिन, यहां भी जॉर्ज की हत्या के बाद लोग गुस्से में हैं। रविवार को मेनेअस शहर में एक रैली निकाली गई। इसमें एक महिला प्रदर्शनकारी इस अंदाज में नजर आई। इस रैली में ब्राजील की जनजातियों को सुरक्षा देने की मांग भी की गई।
तस्वीर कनाडा के मॉन्ट्रियल शहर की है। यहां भी जॉर्ज के साथ हुई बर्बरता के खिलाफ गुस्सा है। रविवार को यहां एक बड़ी रैली निकाली गई। इसमें एक व्यक्ति फेस शील्ड और मास्क लगाए नजर आया। मास्क पर लिखा था- मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं।
जॉर्ज की मौत के बाद हो रहे विरोध प्रदर्शनों में श्वेत नागरिकों की भी बड़ी भागीदारी है। अमेरिका के हर हिस्से में अश्वेतों के साथ श्वेत नागरिक भी जॉर्ज को इंसाफ दिलाने की मांग कर रहे हैं। ब्रूकलिन की यह तस्वीर कहानी बयां करने के लिए काफी है। एक बैनर पर लिखा है- श्वेतों की चुप्पी भी हिंसा है।
तस्वीर वॉशिंगटन की है। रविवार को यहां जॉर्ज को इंसाफ दिलाने की मांग को लेकर प्रदर्शन जारी रहे। इस दौरान लोगों ने नई मांग सामने रखी। इनका कहना था कि पुलिस डिपार्टमेंट को मिलने वाले सरकारी बजट पर रोक लगाई जानी चाहिए।


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तस्वीर वॉशिंगटन की है। यहां जॉर्ज फ्लॉयड को इंसाफ दिलाने की मांग की गई। लोगों का गुस्सा उसी पुलिस के खिलाफ है जिस पर नागरिकों की हिफाजत की जिम्मेदारी है। लोग मांग कर रहे हैं कि पुलिस को मिलने वाला सरकारी बजट ही बंद कर दिया जाना चाहिए।

Jakarta partly reopens from coronavirus lockdown June 07, 2020 at 07:54PM

Jakarta governor Anies Baswedan announced that all worship facilities will be allowed to reopen with half their capacity and social distancing measures on Friday, followed by offices, restaurants and grocery stores that begin to resume activities with only 50% of their employees and clients on Monday.