Thursday, October 22, 2020

अमेरिकी राष्ट्रपति ने इंटरव्यू बीच में छोड़ा; कहा- इसमें पक्षपात हुआ, बाइडेन से मुश्किल सवाल नहीं पूछे जाते October 22, 2020 at 08:28PM

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सीबीएस न्यूज चैनल को बीच में छोड़ दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि इंटरव्यू लेने वाली पत्रकार लेस्ली स्थाल का रवैया पक्षपातपूर्ण, नफरत वाला और रूखा था। उन्होंने इसका एक हिस्सा रिलीज करने की धमकी दी है। राष्ट्रपति ने कहा- मुश्किल सवाल मुझ से ही क्यों पूछे जाते हैं, डेमोक्रेट कैंडिडेट से तो कोई इस तरह के सवाल नहीं करता।

क्या है मामला
ट्रम्प ने व्हाइट हाउस में सीबीएस के ‘60 मिनट्स’ प्रोग्राम के लिए इंटरव्यू दिया। चूंकि ट्रम्प ने इसे बीच में छोड़ दिया था। लिहाजा, रविवार को टेलिकास्ट होने वाला यह इंटरव्यू अब छोटा होगा। ट्रम्प ने फेसबुक पर इसका एक फुटेज भी शेयर किया है। इसमें जानकारी दी गई है कि चैनल और व्हाइट हाउस के बीच इंटरव्यू के लिए क्या शर्तें तय हुईं थीं।

लेस्ली ने टोकाटाकी नहीं की
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंटरव्यू के दौरान लेस्ली ने न तो ट्रम्प को टोका और न ही ऊंची आवाज में सवाल किए। हालांकि, उन्होंने कोरोनावायरस और सियासी विरोधियों को लेकर तीखे सवाल जरूर किए। ट्रम्प ने कहा कि वे इंटरव्यू का कुछ हिस्सा कैंसल कर रहे हैं। वाइस प्रेसिडेंट माइक पेन्स भी इंटरव्यू में उनके साथ थे।

मुश्किल सवालों से दिक्कत नहीं
ट्रम्प लेस्ली से कहते हैं- आपने कहा था सवाल मुश्किल होंगे। मुझे इससे दिक्कत नहीं। बाद में इसे आपने शानदार बताया। इसके बाद उन्होंने इंटरव्यू का अगला हिस्सा पूरा नहीं किया। ट्रम्प की शिकायत है कि सीबीएस और दूसरे मीडिया नेटवर्क डेमोक्रेट कैंडिडेट जो बाइडेन से कठिन सवाल नहीं करते। उन्हें आसान सवाल दिए जाते हैं। ट्रम्प ने कहा- मैंने बाइडेन के सभी इंटरव्यू देखे हैं। एक भी सवाल मुश्किल नहीं होता। हालांकि, सीबीएस ने बाइडेन के साथ भी इसी तरह का इंटरव्यू किया था।

ट्रम्प ने दावा किया कि उन्होंने सभी सवालों के आराम से जवाब दिए। जबकि लेस्ली उन्हें बार-बार टोक रहीं थीं। चैनल ने आरोपों से इनकार किया है।



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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि इंटरव्यूज के दौरान उनसे काफी मुश्किल सवाल पूछे जाते हैं। ट्रम्प की शिकायत है कि बाइडेन से आसान सवाल किए जाते हैं। (फाइल)

US will probably discuss India-China border situation during 2+2 dialogue: State Dept official October 22, 2020 at 06:50PM

The situation on the Line of Actual Control will probably be discussed at some point during 2+2 dialogue and the United States is watching the situation closely at the India-China border situation, said Principal Deputy Assistant Secretary Dean Thompson on Thursday (local time).

Trump, Biden debate marked by clashes, but less chaos October 22, 2020 at 05:53PM

After the first presidential debate was panned so widely that organizers introduced a mute button, Thursday's final debate between Prez Trump and Democrat Joe Biden was far more civil. Whether because of that button or the terrible reviews - especially for Trump - the candidates interrupted each other far less frequently, even as they clashed on coronavirus to global warming.

फ्रांस में एक दिन में 43 हजार नए केस, अमेरिका में रेम्डेसिविर के इस्तेमाल को मंजूरी October 22, 2020 at 06:33PM

दुनिया में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 4.19 करोड़ से ज्यादा हो गया है। 3 करोड़ 11 लाख 83 हजार 219 मरीज रिकवर हो चुके हैं। अब तक 11.42 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। फ्रांस में संक्रमण खतरनाक तरीके से बढ़ रहा है। इस छोटे से देश में गुरुवार को 43 हजार नए केस सामने आए। अमेरिका में कोरोना के इलाज के लिए रेम्डेसिविर दवा के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी गई है।

फ्रांस में हालात बिगड़े
फ्रांस में कोरोना की वजह से हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं। गुरुवार को यहां करीब 43 हजार नए संक्रमितों की पुष्टि की गई। सरकार ने माना कि यह दूसरी लहर शुरू होने के बाद अब तक संक्रमण का सबसे बड़ा आंकड़ा है। सरकार ने इस बात को भी माना है कि 9 शहरों में लगाए गए नाइट कर्फ्यू की असर ज्यादा नहीं हुआ। अब खबर है कि फ्रांस सरकार शनिवार को होने वाली बैठक में लॉकडाउन पर विचार कर सकती है। हालांकि, ज्यादातर संगठन कह चुके हैं कि वे सरकार के इस फैसले का समर्थन नहीं करेंगे।

रेम्डेसिविर को FDA की मंजूरी
अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) डिपार्टमेंट ने कोरोना के इलाज में रेम्डेसिविर दवा के इस्तेमाल को औपचारिक मंजूरी दे दी। इस एंटीवायरल ड्रग का इस्तेमाल अब अमेरिका में किया जा सकेगा। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के एक रिसर्च के मुताबिक, इस दवा के इस्तेमाल से मरीज की रिकवरी 15 की बजाए 10 दिन में हो सकती है। अमेरिका में इसका इस्तेमाल मई से ही किया जा रहा था, लेकिन तब यह गंभीर मरीजों या इमरजेंसी यूज के लिए थी। अब हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों के इलाज में इसके इस्तेमाल को मंजूरी दी गई है।

हालांकि, डब्ल्यूएचओ ने कुछ दिन पहले कहा था कि रेम्डेसिविर के इस्तेमाल से हॉस्पिटल में भर्ती बहुत ज्यादा गंभीर मरीजों की मौत रोकने में मदद मिलने के सबूत नहीं हैं। हालांकि, इस स्टडी पर कुछ डॉक्टर ही सवाल उठा रहे हैं।

अमेरिका के नॉर्थ डकोटा में बारिश के बावजूद कोरोना टेस्टिंग सेंटर के बाहर कतार में लगे लोग। अमेरिका में कोरोना की पहली दवाई के तौर पर रेम्डेसिविर को मंजूरी दी गई है। (फाइल)

स्पेन में संक्रमितों की संख्या 10 लाख से ज्यादा
पश्चिमी यूरोप में स्पेन ऐसा पहला देश है, जहां संक्रमितों की संख्या अब 10 लाख से ज्यादा हो गई है। सरकार ने भी साफ कर दिया है कि दूसरी लहर के ज्यादा घातक साबित होने की आशंका है, लिहाजा सख्त प्रतिबंध लगाए जाएंगे। दूसरी तरफ, फ्रांस में भी यही हालात हैं। यहां भी 10 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। 34 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। 9 शहरों में कर्फ्यू लगाए जाने के बाद हालात कुछ सुधरे हैं। पहले एक दिन में करीब 40 हजार तक मामले सामने आए थे। बुधवार को यहां 25 हजार नए केस सामने आए।

फ्रांस सरकार ने साफ कर दिया है कि वो उन इलाकों की पहचान कर रही है, जो नए क्लस्टर साबित हो सकते हैं। इन क्षेत्रों में नए सिरे से कर्फ्यू लगाया जाएगा। देश के कई अस्पतालों में इमरजेंसी और रेड अलर्ट जारी किया गया है।

न्यूजीलैंड में फिर 2 केस
न्यूजीलैंड की हेल्थ मिनिस्ट्री ने बुधवार को 25 नए केस मिलने की पुष्टि की। गुरुवार को फिर 2 मामले सामने आए। मिनिस्ट्री द्वारा जारी बयान के मुताबिक, कई हफ्तों बाद एक दिन में इतने मामले एक साथ सामने आए हैं। इनमें से दो मामले कम्युनिटी ट्रांसमिशन के हैं। इसके अलावा सभी मामले आईसोलेशन से जुड़े थे। संक्रमित पाए गए लोगों में 18 रूस और यूक्रेन के हैं। ये हाल ही में मछली पालन के सिलसिले में न्यूजीलैंड पहुंचे थे। इन्हें एक होटल में क्वारैंटाइन किया गया था। न्यूजीलैंड के डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ एश्ले ब्लूमफील्ड भी पॉजिटिव पाए गए हैं। वे रूस जाने वाले थे, लेकिन अब उन्होंने यात्रा रद्द कर दी है।



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फ्रांस में पेरिस समेत 9 शहरों में नाइट कर्फ्यू लगाया गया है। इसका सख्ती से पालन कराने के लिए पुलिस और सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।

Biden slams Trump friendship with 'thug' Kim October 22, 2020 at 04:55PM

In a sharp clash in their final presidential debate, Biden attacked Trump's insistence that he has avoided war through his summits with Kim Jong Un. "He's talked about his good buddy, who's a thug," Biden said of the young North Korean leader. "That's like saying we had a good relationship with Hitler before he invaded Europe -- the rest of Europe. Come on."

Covid-19 vaccine ready & coming within weeks: Trump at final presidential debate with Biden October 22, 2020 at 05:10PM

US President Donald Trump on Thursday said that a Covid-19 vaccine is "ready" and going to be announced "within weeks" to combat the deadly disease that has killed over 223,000 Americans, as he debated with his Democratic challenger Joe Biden for the final time before the presidential election.

डोनाल्ड ट्रम्प अब भी चुनाव जीत सकते हैं, हालांकि रास्ता बहुत संकरा और मुश्किल हो चुका है October 22, 2020 at 03:53PM

2016 में डोनाल्ड ट्रम्प जब चुनाव जीते थे, तब उन्होंने तमाम पोल्स को गलत साबित कर दिया था। डेमोक्रेट्स भी हैरान थे। लेकिन, कई मायनों में वह कोई सरप्राइज विक्ट्री नहीं थी। बेरोजगारी, इमीग्रेशन, चीन और ट्रेड। कई मुद्दे थे, जिन पर उन्होंने ट्विटर का इस्तेमाल करते हुए आखिरी हफ्तों में बढ़त बना ली थी। उन राज्यों में उन्हें फायदा मिला था, जहां श्वेत मतदाता यानी व्हाइट वोटर्स ज्यादा थे। इन लोगों ने डेमोक्रेट्स को ज्यादा तवज्जो देना मुनासिब नहीं समझा।

इस बार हालात अलग
लेकिन, ट्रम्प के लिए हालात इस बार काफी मुश्किल हैं। दो चीजें तो साफ दिखती हैं। पहली- कोविड-19 की वजह से उनकी लोकप्रियता काफी निचले स्तर पर जा चुकी है। दूसरी- अर्थव्यवस्था कमजोर स्थिति में है। इसके अलावा इस बार उनके सामने जो बाइडेन हैं। जिन्होंने 2016 में ट्रम्प के कैम्पेन को बारीकी से समझा और फिर स्ट्रैटेजी तैयार की।

मुश्किल है रास्ता
इलेक्शन सामने है। ट्रम्प की जीत के चांसेज भी काफी कम हैं। लेकिन, एनालिस्ट्स मानते हैं कि पिछले चुनाव की तर्ज पर ट्रम्प कैम्पेन में कुछ बुनियादी बदलाव करके सियासी आधार मजबूत कर सकते हैं। लेकिन, इसके लिए ये भी जरूरी है कि वे बाइडेन को गलतियां करने पर मजबूर करें। पिछले चुनाव में उन्होंने पेन्सिलवेनिया, मिशिगन और विस्कॉन्सिन में डेमोक्रेट्स को चौंकाया था। एरिजोना और फ्लोरिडा में बाइडेन इस बार चुनौती देते नजर आते हैं। पोल्स के मुताबिक, हालात बदलना मुश्किल हैं। अगर वे ग्रामीण और अश्वेत वोटर्स में पकड़ बना पाए तो जीत मिल सकती है। जैसा पिछली बार हुआ था।

अनुशासित भी रहना होगा
इलेक्शन स्ट्रैटेजिस्ट मानते हैं कि ट्रम्प को कैम्पेन के आखिरी दौर में ज्यादा अनुशासित रहना होगा। वोटर्स को भरोसा दिलाना होगा कि वे इकोनॉमी को रास्ते पर लाने में बाइडेन से कहीं बेहतर विकल्प हैं। स्विंग स्टेट्स या स्विंग वोटर्स यानी वे वोटर्स जो पाला बदल सकते हैं, ट्रम्प को वहां फोकस करना होगा। कोई ऐसा तरीका इस्तेमाल करना होगा जिसके बाइडेन कोई बड़ी गलती कर जाएं और जिससे चुनाव का रुख ही बदल जाए।

नए वोटर्स पर नजर
फ्लोरिडा और पेन्सिलवेनिया में काफी नए वोटर्स हैं। 2016 में भी उन्होंने इन्हीं पर फोकस किया था। जॉर्ज बुश जूनियर के दौर में व्हाइट हाउस में पॉलिटिकल डायरेक्टर रहीं सारा फेगन कहती हैं- अब चुनावी माहौल को बदले के लिए कुछ ही दिन बचे हैं। ट्रम्प के पास अब भी मौका है जब वे नाटकीय तरीके से मिडवेस्ट के नॉन कॉलेज एजुकेटेड व्हाइट वोटर्स को पाले में कर सकते हैं। खास बात ये है कि डेमोक्रेट्स भी यह मानते हैं कि ट्रम्प ऐसा कर सकते हैं। साल 2000 में अल गोर का चुनाव मैनेजमेंट देखने वाली डोना कहती हैं- इस बार रिपब्लिकन्स इलेक्टोरेट पर ज्यादा फोकस नहीं कर रहे। उन्होंने मैदानी तैयारी अच्छी की है।

अश्वेतों के बीच भी ज्यादा कमजोर नहीं
बात सिर्फ व्हाइट वर्किंग क्लास वोटर्स की नहीं है। पोल्स बताते हैं कि ट्रम्प 2016 की तुलना में अश्वेत और लैटिनो वोटर्स के बीच भी ट्रम्प ने स्थिति सुधारी है। पिछले चुनाव में एरिजोना, नॉर्थ कैरोलिना, जॉर्जिया, विस्कॉन्सिन, पेन्सिलवेनिया और मिशिगन में ट्रम्प जीते थे। कुछ पोल बताते हैं कि फ्लोरिडा में बाइडेन आगे हैं। लेकिन, यह तय है कि दोबारा जीतने के लिए पेन्सिलवेनिया और मिशिगन के अलावा विस्कॉन्सिन ट्रम्प के लिए अहम राज्य होंगे।

जीत का भरोसा
कुछ नेशनल पोल्स बताते हैं कि बाइडेन जीत की तरफ जा रहे हैं। लेकिन, यकीन मानिए कि कई राज्यों में मुकाबला सख्त होने वाला है। रिपब्लिकन स्पीकर रह चुकीं गिनरिच कहती हैं- अक्टूबर 2016 याद कीजिए। लोग कह रहे थे कि ट्रम्प हार जाएंगे। मैं अब भी कहती हूं कि ट्रम्प जीतने जा रहे हैं।

गिनरिच कहती हैं- ट्रम्प को कोविड-19 के बारे में संभलकर बोलना होगा। अब तो वे खुद संक्रमित हो चुके हैं। यह मुद्दा खतरा साबित हो सकता है। खासकर महिला और बुजुर्ग वोटर्स को साधना होगा। बाइडेन इसे हथियार बना रहे हैं। डेमोक्रेट रह चुके स्टीफन कटर कहते हैं- ट्रम्प को डॉक्टर एंथोनी फौसी के साथ कुछ मौकों पर साथ दिखना होगा। वे अपनी नहीं, देश की बात करें। उन्होंने ट्वीट और ट्रोल से अब बचना होगा। पिछले चुनाव से इस बार हालात महामारी की वजह से बदल चुके हैं।



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Donald Trump US Election Polls | Donald Trump Can Still Win The Presidential Election

Final presidential debate between Trump and Biden begins October 22, 2020 at 03:21PM

US President Donald Trump and his Democratic challenger Joe Biden are face-to-face in their final presidential debate, just less than two weeks ahead of the crucial presidential elections on November 3.

बाइडेन ने कहा- महामारी के जिम्मेदार व्यक्ति को राष्ट्रपति रहने का हक नहीं, ट्रम्प बोले- कुछ हफ्तों में वैक्सीन ला रहे October 22, 2020 at 03:42PM

अमेरिका के नेश्विल में तीसरी और फाइनल प्रेसिडेंशियल डिबेट शुरू हो चुकी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और डेमोक्रेट कैंडिडेट जो बाइडेन इसमें हिस्सा ले रहे हैं। कुल 90 मिनट की बहस को 15-15 मिनट के 6 हिस्सों में बांटा गया है। पहली डिबेट में बाइडेन और ट्रम्प ने कई मौकों पर एक-दूसरे के साथ रोकटोक की थी। लिहाजा, कमिशन ऑफ डिबेट (सीपीडी) ने इस बार म्यूट बटन के इस्तेमाल का फैसला किया। यानी एक कैंडिडेट जब मॉडरेटर के सवाल का जवाब दे रहा होगा तो दूसरे का माइक्रोफोन बंद रहेगा।

दूसरी बहस, 22 अक्टूबर को होनी थी। तब ट्रम्प कथित तौर पर संक्रमण मुक्त हो चुके थे। सीपीडी ने इसे वर्चुअल फॉर्म में कराने को कहा था। राष्ट्रपति इसके लिए तैयार नहीं थे। बाद में इसे रद्द कर दिया गया था। यानी तकनीकी तौर पर यह दूसरी डिबेट ही है। राष्ट्रपति चुनाव 3 नवंबर को है।

इन 6 मुद्दों पर बहस होगी
कोविड-19, अमेरिकी परिवार, अमेरिका में नस्लवाद, क्लाइमेट चेंज, नेशनल सिक्योरिटी और लीडरशिप।

पहला मुद्दा कोरोनावायरस ही रहा। बाइडेन इसी मुद्दे को भुनाना चाहते हैं। उन्होंने ट्रम्प पर शुरुआती हमला बोला।

बाइडेन: एक ऐसा व्यक्ति जिसकी वजह से लाखों अमेरिकी नागरिकों की जान गई हो। जो महामारी का जिम्मेदार हो। उसे राष्ट्रपति पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है। ट्रम्प के पास इस महामारी से निपटने का कोई प्लान ही नहीं था। मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि अगर हम सत्ता में आए तो सभी को मास्क पहनना होगा। इसके अलावा टेस्टिंग बढ़ाई जाएगी।
ट्रम्प: आप गलत और बिना जानकारी के आरोप लगा रहे हैं। हमने हर मुमकिन कोशिश की। अमेरिका ही नहीं बल्कि दुनिया का हर देश इस महामारी की चपेट में है। कुछ ही हफ्तों में हम वैक्सीन लेकर आ रहे हैं।महामारी की वजह से हम अमेरिका को बंद नहीं कर सकते। आपकी तरह बेसमेंट में छिपना हमें मंजूर नहीं।




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नेश्विल की बेलमॉन्ट यूनिवर्सिटी में डोनाल्ड ट्रम्प और जो बाइडेन के बीच फाइनल डिबेट चल रही है।

सभी पोल का 40 हजार समीकरणों से निचोड़, 85% संभावना बाइडेन ही राष्ट्रपति बनेंगे October 22, 2020 at 02:54PM

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उनके प्रतिद्वंद्वी रिपब्लिकन उम्मीदवार जो बाइडेन के बीच आज (भारतीय समयानुसार शुक्रवार सुबह 6:30 बजे) आखिरी प्रेसीडेंशियल डिबेट है। फाइनल वोटिंग 3 नवंबर को होनी है। अब तक आए ज्यादातर पोल में बाइडेन बढ़त बनाए हुए हैं।

538-सर्वे एजेंसी ने इन पोल और सर्वे का 40 हजार से ज्यादा समीकरणों से एनालिसिस कर भविष्यवाणी की है कि बाइडेन के राष्ट्रपति बनने की संभावना 86% है। 2016 में यह एक मात्र एजेंसी थी, जिसने इसी तरह की एनालिसिस के आधार पर ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने की भविष्यवाणी की थी।

राष्ट्रपति चुनाव के साथ ही 438 सीटों वाले हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव (निचला सदन) और सीनेट (उच्च सदन) की खाली हुई 35 सीटों के लिए वोटिंग हो रही है। इस महापोल के मुताबिक 76% संभावना इस बात की है कि 100 सीटों वाले सीनेट (उच्च सदन) में भी डेमोक्रेटिक पार्टी के 52 सांसद होंगे। अगर बाइडेन जीतते हैं और डेमोक्रेटिक पार्टी दोनों सदनों में बहुमत हासिल करती है तो ऐसा 11 साल में पहली बार होगा।

जो खुद नहीं बच सका, वो हमें क्या बचाएगाः ओबामा

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ट्रम्प पर महामारी से निपटने के उपायों में कुप्रबंधन का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, जो खुद को बचाने के लिए बुनियादी कदम नहीं उठा सकता है, वह अचानक से हम सब को कैसे बचा लेगा। ओबामा ने कहा, ‘बाइडेन-हैरिस के पास अर्थव्यवस्था और महामारी की चुनौतियों से निपटने की योजना है। बाइडेन और हैरिस सरकार में चरित्र और नेतृत्व को पुन: स्थापित करेंगे।’ ट्रम्प पर हमला करते हुए ओबामा ने कहा, ‘हम और चार साल नहीं सह सकते हैं।

ओबामा की विफलताओं से ही मैं राष्ट्रपति बनाः ट्रम्प

ट्रम्प ने पलटवार करते हुए कहा- ‘ओबामा का बाइडेन के लिए प्रचार करना अच्छी खबर है। उनकी विफलताओं के कारण ही लोगों ने मुझे व्हाइट हाउस भेजा था। ओबामा से अधिक किसी ने कुटिल हिलेरी क्लिंटन के लिए प्रचार नहीं किया। वह हर जगह थे। वे कहते थे- ट्रम्प हमारे राष्ट्रपति नहीं होंगे और मैं चुनाव जीत गया। मुझे लगता है कि कुटिल हिलेरी क्लिंटन से अधिक कोई उस रात अगर दुखी था तो वह बराक हुसैन ओबामा थे। केवल वही। बराक हुसैन ओबामा।’

राष्ट्रपति सीनेट की मंजूरी के बिना कुछ नहीं कर सकता

यदि ट्रम्प किसी तरह वापसी भी करते हैं और दोनों सदनों में उन्हें बहुमत नहीं मिलता है तो सीनेट की मंजूरी के बिना चाहकर भी कुछ खास नहीं कर सकेंगे। क्योंकि सीनेट की मंजूरी के बिना राष्ट्रपति अपनी टीम नहीं चुन सकता है और किसी दूसरे देश से साझेदारी, संधि या युद्ध भी नहीं कर सकता है। बिल को पास कराने में भी पसीने छूट सकते हैं।

अमेरिका में पहली बार राष्ट्रपति मिलने में देरी हो सकती है

एक संभावना यह भी है कि अगर 8 नवंबर तक सारे मतों की गणना और उससे जुड़े विवाद नहीं सुलझते हैं तो संभव है कि 20 जनवरी तक राष्ट्रपति की घोषणा न हो पाए। अगर ट्रम्प-बाइडेन के इलेक्टोरल कॉलेज वोट बराबरी के आसपास रहते हैं तो ऐसी सूरत में मेल इन वोटिंग को करप्शन से जोड़ते हुए ट्रम्प कोर्ट पहुंच सकते हैं। ऐसा हुआ तो संवैधानिक व्यवस्था के तहत सीनेट की स्पीकर नैंसी पैलोसी राष्ट्रपति का पद संभालेंगी।



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With 40 thousand equations squeezed out of all polls, 85% chance Biden will become president

पैगम्बर का कार्टून दिखाने पर मारा गया टीचर शरणार्थियों का समर्थन कर रहा था? जानें पूरा सच October 22, 2020 at 02:37PM

क्या हो रहा है वायरल: सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रही है। फोटो में हाथ में बैनर लिए तीन लोग शरणार्थियों का स्वागत करते दिख रहे हैं।

दावा किया जा रहा है कि फोटो में दो महिलाओं के बीच खड़ा शख्स वही टीचर है, जिसे बीते दिनों पेरिस में हज़रत मोहम्मद का कार्टून दिखाने की वजह से कट्टरपंथियों ने बेरहमी से मार दिया था।

फोटो के साथ मैसेज शेयर करते हुए सोशल मीडिया पर शरणार्थियों का समर्थन करने वालों का ऐसा ही अंजाम होने की नसीहतें दी जा रही हैं। भारतीय सेना के पूर्व अधिकारी और भाजपा प्रवक्ता मेजर सुरेंद्र पुनिया ने फोटो इसी दावे के साथ शेयर किया।

और सच क्या है?

  • मेजर सुरेंद्र पूनिया ने फोटो को कुछ साल पहले का बताया है। ट्वीट में लिखा है- कुछ साल पहले वो फ्रांस में आने वाले Refugees का स्वागत कर रहा था । जबकि वायरल हो रही फोटो में तीनों लोग मास्क लगाए हुए हैं, जिससे स्पष्ट हो रहा है कि फोटो कुछ साल पहले की नहीं कोरोना काल की ही है।
  • फोटो को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से हमें 17 अक्टूबर को Good Chance नाम के ग्रुप के ट्विटर हैंडल से किया गया एक ट्वीट मिला। जिसमें लिखा है- आज गुड चांस टीम ने फोकस्टोन में शरणार्थियों का स्वागत किया। इस ट्वीट से हमें एक क्लू मिला कि फोटो फ्रांस की बजाए इंग्लैंड के फोकस्टोन की हो सकती है।
##
  • Google पर Folkestone refugee welcome की वर्ड लिखकर सर्च करने से द गार्जियन वेबसाइट की एक खबर हमारे सामने आई। खबर के अनुसार, 17 अक्टूबर को इंग्लैंड के फोकस्टोन में लगभग 200 लोगों ने शरणार्थियों के लिए स्वागत समारोह आयोजित किया था। फोटो इसी समारोह की है।
  • पैगम्बर का कार्टून दिखाने पर मारे गए शिक्षक सैमुअल पेटी की असली फोटो का वायरल फोटो में खड़े शख्स की शक्ल से हमने मिलान किया। स्पष्ट हो रहा है कि दोनों अलग-अलग हैं।
  • बीबीसी की खबर के अनुसार, सैमुअल पेटी की हत्या शुक्रवार ( 16 अक्टूबर) शाम 5 बजे हुई थी। दूसरी तरफ पड़ताल में हम पहले ही पता लगा चुके हैं कि शरणार्थियों के समर्थन में इंग्लैंड में 17 अक्टूबर को आयोजन हुआ था। यानी फोटो में दो लड़कियों के बीच खड़े शख्स की फोटो हत्या के एक दिन बाद की है।
  • शरणार्थियों के समर्थन में हुए जिस समारोह की फोटो वायरल हो रही है, वो इंग्लैंड में हुआ था। और टीचर का सिर काटे जाने की घटना पेरिस में हुई। गूगल मैप के अनुसार, इन जगहों की दूरी लगभग 405 किलोमीटर है। मेजर सुरेंद्र पुनिया का ये दावा फेक है कि सैमुअल पेटी फ्रांस आने वाले शरणार्थियों का समर्थन कर रहे थे।



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Fact Check: Teacher brutally killed by the cartels for showing a cartoon of Hazrat Muhammad, was he agitating in support of the refugees? BJP spokesperson Major Surendra Punia shared a photo with a false claim.

Iran summons envoy over 'baseless' US election claims October 22, 2020 at 12:16AM

US authorities "have put forward a baseless claim on the verge of the country's election so that they would advance their undemocratic and predefined scenario through shifting the blame," ministry spokesman Saeed Khatibzadeh said in a statement.

जाधव को सजा-ए-मौत की समीक्षा होगी, असेंबली की स्थायी समिति ने बिल को मंजूरी दी October 22, 2020 at 12:14AM

पाकिस्तान नेशनल असेंबली की कानून और न्याय संबंधी स्थायी समिति ने कुलभूषण जाधव को मिली मौत की सजा की समीक्षा करने वाले बिल को मंजूरी दे दी है। पाकिस्तानी जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को वहां के मिलिट्री कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई है।

द इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (रिव्यू एंड रिकंसीडरेशन) शीर्षक वाले इस प्रस्ताव पर विपक्ष के विरोध के बावजूद बुधवार को कमेटी ने चर्चा की और उसे पास कर दिया। बहस में हिस्सा लेते हुए संघीय कानून और न्याय मंत्री फारग नसीम ने कहा कि बिल को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के निर्देशों के मुताबिक पेश किया गया है। उन्होंने चेताया कि अगर संसद ने इसे मंजूरी नहीं दी तो पाकिस्तान को प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।

विपक्षी पार्टियों ने किया बिल का विरोध

स्थानीय मीडिया के मुताबिक, समिति में शामिल विपक्षी पार्टियों मुस्लिम लीग-नवाज, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के सदस्यों ने इस बिल को खारिज करने की गुजारिश की। सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) से जुड़ी सदस्य फातिना ने मतदान के बाद इस मामले को निपटाने का फैसला किया। उन्होंने मतदान से पहले 2 PTI सदस्यों को हॉल से बाहर जाने से रोकने की कोशिश भी की। रिपोर्ट में कहा गया है कि 8 सदस्यों ने विधेयक के पक्ष में मतदान किया, जबकि 5 ने इसका विरोध किया।

मंत्री बोले, प्रतिबंधों के डर से लाए बिल

विपक्ष के विरोध के बीच कानून मंत्री ने कहा कि उनके मंत्रालय ने पाकिस्तान के खिलाफ अवमानना याचिका दायर करने के भारतीय कदम को रोकने के लिए यह प्रस्ताव तैयार किया था। अगर यह मामला संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के पास भेजा जाता है तो पाकिस्तान को प्रतिबंधों का सामना कर सकता है।

जाधव को जासूसी के आरोप में सुनाई गई थी सजा

50 साल के रिटायर्ड भारतीय नौसेना अधिकारी जाधव को अप्रैल, 2017 में जासूसी और आतंकवाद फैलाने के आरोप में पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। जाधव तक राजनयिक पहुंच देने से पाकिस्तान के इनकार और मौत की सजा के खिलाफ भारत ने अंतरराष्ट्रीय अदालत​​​​​​ में अपील की थी। हेग स्थित ICJ ने जुलाई, 2019 में फैसला सुनाया कि पाकिस्तान को जाधव की सजा पर पुनर्विचार करना चाहिए। साथ ही बिना देर किए भारत के राजनयिकों को उससे मिलने देना चाहिए।

भारत ने कहा था, इंटरनेशनल कोर्ट दे आदेश

इससे पहले पाकिस्तान ने इस मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनवाई के लिए जाधव को एक भारतीय वकील देने की मांग को खारिज कर दिया था। इस पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने 8 अक्टूबर को कहा था कि जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय कोर्ट की तरफ से आदेश दिए जाने की जरूरत है।

जाधव मामले से जुड़े तथ्य

  • पाकिस्तान का दावा है कि कुलभूषण जाधव भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के कर्मचारी हैं। भारत ने जाधव की भारतीय नागरिकता और पूर्व नौसेना अधिकारी होने की ही पुष्टि की है।
  • 10 अप्रैल 2017 में पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जाधव को जासूसी के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी। 10 मई, 2017 को इंटरनेशनल कोर्ट ने जाधव की फांसी पर रोक लगा दी। भारत ने मौत की सजा के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की थी।
  • 17 जुलाई 2019 को इंटरनेशनल कोर्ट ने जाधव को दी गई फांसी की सजा पर रोक जारी रखते हुए पाकिस्तान से इस पर फिर से विचार करने को कहा था।


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50 साल के रिटायर्ड भारतीय नौसेना अधिकारी जाधव को अप्रैल, 2017 में जासूसी और आतंकवाद फैलाने के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई थी। - फाइल फोटो

US tightens rules on more Chinese media outlets October 21, 2020 at 11:33PM

The fresh move against Chinese media was met with anger in Beijing, which said it would take "necessary" countermeasures, without specifying which US outlets it might target inside its territory.

वजन घटाने के लिए 70 साल के विनोद बजाज ने पैदल चलकर 1500 दिनों में 40,075 किमी की दूरी पूरी की, बोले; वजन घटता गया जोश बढ़ता गया October 21, 2020 at 11:39PM

वजन को घटाने के लिए ऐसा जज्बा बहुत कम लोगों में ही देखने को मिलता है। आयरलैंड में रह रहे भारतीय मूल के 70 वर्षीय विनोद बजाज ने 1500 दिनों में पैदल चलकर 40,075 किलोमीटर की दूरी पूरी की। विनोद ने इसे 'अर्थ वॉक' का नाम दिया है। भारत के पंजाब में जन्मे विनोद ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में आवेदन किया है। उन्होंने 40 हजार किमी से अधिक की दूरी आयरलैंड के शहर लिमरिक में रहकर पूरी की।

वजन घटाने के लिए 4 साल पहले शुरू की थी यात्रा
विनोद ने अपना वजन घटाने के लिए पैदल यात्रा 2016 में शुरू की थी। लगातार पैदल चलने के कारण उनका वजन कम हुआ तो जोश और बढ़ता गया। उन्होंने पैदल चलने को अपने रूटीन में शामिल किया। जब कभी भी मौसम खराब होता था तो वह मॉल में अपनी यात्रा पूरी करते थे।

शुरुआती 3 महीने में 8 किलो वजन घटा
विनोद के मुताबिक, जब पैदल चलना शुरू किया तो शुरुआती 3 महीने में रोजाना 700 कैलोरी बर्न होती थीं। इससे वजन 8 किलो कम हो गया। अगले 6 महीने में वजन 12 किलो और घट गया। रिटायर्ड इंजीनियर विनोद कहते हैं, वजन घटाने के लिए मैंने खानपान में कोई बदलाव नहीं किया है सिर्फ पैदल चला हूं।

चेन्नई में पले-बढ़े और 43 साल पहले आयरलैंड आए थे
विनोद का जन्म पंजाब में हुआ था लेकिन पले-बढ़े चेन्नई में। 1975 में वह मैनेजमेंट की पढ़ाई के लिए ग्लासगो गए थे। वह आयरलैंड 43 साल पहले पहुंचे थे। अभी वह यहां के लिमरिक में रहते हैं। वह कहते हैं, 2016 के अंत तक मैंने 7600 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर ली थी। सबसे चौंकाने वाली बात थी कि मैं भारत से लेकर आयरलैंड तक की दूरी पूरी कर चुका हूं।

चंद्रमा की परिधि से भी अधिक चले
विनोद कहते हैं, शुरुआती दो साल में 15,200 किलोमीटर की यात्रा पूरी करने के बाद पता चला कि मैं 10,921 किमी. वाली चंद्रमा की परिधि से भी अधिक चल चुका हूं। इसके बाद 21,344 किमी वाली मंगल की परिधि के बराबर चलने का निर्णय लिया। मैं जानता हूं यह आसान नहीं होगा लेकिन लक्ष्य पूरा करने के लिए चलता रहा।



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Who Is Vinod Bajaj; Indian Origin From Ireland Walked 40,075 Km In 1500 Days

France teacher's killer had 'contact' with jihadist in Syria October 21, 2020 at 10:55PM

The man who decapitated a teacher in France for showing cartoons of the Prophet Mohammed in class had been in contact with a Russian-speaking jihadist in Syria, a source close to the case said on Thursday. The identity of the jihadist in Syria has not yet been established.

China and Vatican renew historic deal on bishops October 21, 2020 at 11:04PM

The deal allows both Beijing and the Holy See a say in appointing bishops in an attempt to close a schism in China's 12-million-strong Catholic community.

Covid-19: Virus situation in Germany 'very serious' October 21, 2020 at 10:45PM

Germany is facing a "very serious" rise in coronavirus cases, the head of the Robert Koch Institute disease control centre said Thursday as the country reported a record 11,287 new infections.​

Lebanon launches new quest for PM October 21, 2020 at 10:41PM

The frontrunner is none other than Saad Hariri, who already held the position twice and resigned a year ago under pressure from an unprecedented protest movement demanding a complete overhaul of Lebanon's political system.

अफसरों का दावा, डेमोक्रेटिक पार्टी के समर्थकों को ईरान से मिल रहे धमकी वाले ई-मेल October 21, 2020 at 08:43PM

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले ईरान से वोटर्स को डराने और कई राज्यों में अशांति फैलाने वाले मेल मिल रहे हैं। तेहरान और मॉस्को ने चुनाव में दखलअंदाजी के मकसद से वोटर्स की रजिस्ट्रेशन डिटेल हासिल की है। अमेरिकी अधिकारियों ने मंगलवार रात एक न्यूज कॉन्फ्रेंस में यह दावा किया।

इंटेलिजेंस डायरेक्टर जॉन रेक्टलिफ और एफबीआई डायरेक्टर क्रिस रे ने कहा- चुनाव में दखल देने वाले बाहरी देशों को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि ईरानी और रूसी कोशिशों के बावजूद अमेरिकियों को भरोसा है कि उनके वोट गिने जाएंगे। रेक्टलिफ ने कहा कि यह हताश विरोधियों की कोशिश है।

चार राज्यों में कुछ लोगों को मिले ईमेल
फ्लोरिडा और पेंसिलवेनिया समेत कड़ी टक्कर वाले 4 राज्यों में डेमोक्रेटिक पार्टी के समर्थकों को धमकी भरे ईमेल मिले हैं। ये ईमेल फार-राइट ग्रुप प्राउड बॉयज की ओर से किए गए हैं। इनमें लिखा है- अगर आपने डोनाल्ड ट्रम्प को वोट नहीं दिया तो फिर आपके बाद हम आएंगे। कई लोगों को इस तरह के मेल मिलने के बाद अधिकारियों ने यह न्यूज कॉन्फ्रेंस की।

बताया जाता है कि वोटर्स को डराने के लिए शुरू किए अभियान में राज्य की वोटर रजिस्ट्रेशन लिस्ट से जानकारी ली गई है। इसमें वोटर किस पार्टी से जुड़ाव रखता है और उसके घर का पता शामिल है। साथ ही इसमें फोन नंबर और ईमेल एड्रेस भी हो सकते हैं। इस जानकारी का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर वोटर को प्रभावित करने के लिए किया जाता है। मेल भेजने वालों का दावा है कि उन्हें पता होगा कि 3 नवंबर को होने वाली वोटिंग में आप किसको वोट देंगे।

पिछले चुनाव में रूस पर लगा था आरोप
2016 में हुए चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प ने हिलेरी क्लिंटन पर हैरान करने वाली जीत हासिल की थी। बाद में रूस पर चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने के आरोप लगे। दावा किया गया कि चुनावों के दौरान डेमोक्रेट पार्टी और उसकी उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन की कई ई-मेल लीक हो गई थीं। हिलेरी और उनकी पार्टी ने डोनाल्ड ट्रम्प पर रूस से सहयोग लेने का आरोप लगाया था।

हिलेरी का कहना था कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ट्रम्प को अमेरिका का राष्ट्रपति बनाना चाहते हैं। तब ट्रम्प और पुतिन दोनों ने इसका खंडन किया था। कुछ समय बाद अमेरिकी चुनाव में रूस के दखल की खबर वॉशिंगटन पोस्ट और न्यूयॉर्क टाइम्स ने ब्रेक की थी। अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई तथा सीआईए ने भी इसकी पुष्टि की थी कि चुनाव अभियान को रूस ने प्रभावित किया था।



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2016 में हुए चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन ने डोनाल्ड ट्रम्प पर रूस से मदद लेने का आरोप लगाया था।- फाइल फोटो

Pak parl panel approves govt's bill for review of Jadhav's conviction October 21, 2020 at 08:31PM