Tuesday, August 11, 2020

बिडेन ने कमला देवी हैरिस को ही उप राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार क्यों बनाया; इसके दो मुख्य कारण ये हैं August 11, 2020 at 08:23PM

कई दिनों से जिस बात की चर्चा हो रही थी, या कहें कयास लगाए जा रहे थे। वही हुआ। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले डेमोक्रेट पार्टी भारतीय-अफ्रीकी मूल की कमला देवी हैरिस को उप राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया। करीब 15 दिन पहले डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बिडेन के हाथ में एक कागज नजर आया था। इसके फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। इस कागज पर पांच नाम लिखे थे। उसमें कमला का नाम सबसे ऊपर था। तभी से ये माना जाने लगा था कि कमला ही डेमोक्रेट्स के लिए उप राष्ट्रपति पद की पहली पसंद हैं। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने तो सार्वजनिक तौर पर कमला का नाम प्रस्तावित किया था।
बहरहाल, कमला को इस पद का उम्मीदवार बनाकर डेमोक्रेट पार्टी दो संदेश देना चाहती है। आइए इन्हें जानते हैं।

1. एक तीर से दो निशाने
कमला को डेमोक्रेट पार्टी नस्लीय समानता का प्रतीक बताती रही है। इसके लिए भूमिका बनाने का काम पिछले साल विस्कोन्सिन में शुरू हुआ था। तब डेमोक्रेटिक पार्टी कन्वेशन्श में बिडेन ने कहा था- कमला जितनी भारतीय मूल की हैं, उतनी ही अफ्रीकी मूल की भी हैं। यह साबित करता है कि अमेरिका में नस्लीय भेदभाव नहीं होता। वो काबिल हैं और उन्हें अमेरिकी संस्कृति की जड़ों की जानकारी है।

मायने क्या?
आमतौर पर भारतीय मूल के लोग डेमोक्रेट्स के समर्थक माने जाते हैं। यही वजह है कि बराक ओबामा हों या जो बिडेन या फिर हिलेरी क्लिंटन। सभी ने भारतीयों को घरेलू राजनीति में तवज्जो दी। हाल ही में जब ट्रम्प ने एच-1बी वीजा पर सख्त प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया तो डेमोक्रेट्स ने आदेश में बदलाव की मांग की। ट्रम्प को झुकना पड़ा और आदेश लगभग वापस ले लिया गया। अब कमला को उप राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाकर डेमोक्रेट्स भारतीयों के साथ ही अफ्रीकी मूल के नागरिकों को भी यह संदेश देना चाहती है कि वो रिपब्लिकन पार्टी से बिल्कुल अलग सोच रखते हैं।
हाल ही में जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के बाद अश्वेतों में रिपब्लिकन पार्टी का विरोध बढ़ा। डेमोक्रेट इसका फायदा उठाना चाहते हैं।

2. असहमति या जुदा राय को भी जगह
डेमोक्रेटिक पार्टी की ऑन रिकॉर्ड मीटिंग्स में कमला कई बार जो बिडेन की आलोचना कर चुकी हैं। कमला ने पिछले साल कहा था- जब आप खुद के बारे में सोचते हैं तो उसके पहले राष्ट्र के बारे में सोचना चाहिए। हमें ये तय करना होगा कि ट्रम्प का विरोध करते हुए हम विदेश नीति को लेकर बहुत नर्म रवैया अख्तियार न करें। अमेरिका को अव्वल बनाए रखने के लिए सख्त और नर्म नीतियों में तालमेल रखना जरूरी है। रोचक बात ये है कि कमला जो बिडेन के बेटे की अच्छी मित्र हैं, लेकिन जो से उनके रिश्ते नीतियों को लेकर बहुत अच्छे नहीं हैं।

मायने क्या?
जो बिडेन और डेमोक्रेट पार्टी यह मैसेज देना चाहती है कि वो पार्टी में अलग राय और विरोध को भी तवज्जो देती है। यानी अगर कमला जो बिडेन की कुछ नीतियों से इत्तफाक नहीं रखती हैं तो भी उनका सम्मान है। जो बिडेन और कमला के बीच हाल के दिनों में तल्खी कम हुई है। लेकिन, रिपब्लिकन पार्टी इसे मुद्दा बनाएगी। ट्रम्प कैम्पेन और प्रेसीडेंशियल डिबेट में यह बात जरूर कहेंगे कि डेमोक्रेटिक पार्टी में राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों में मतभेद हैं। और अगर डेमोक्रेट्स जीते तो इन मतभेदों का खामियाजा अमेरिका को उठाना पड़ेगा।

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2. शीर्ष अधिकारी का दावा- रूस बिडेन को, जबकि चीन और ईरान ट्रम्प को चुनाव जीतते नहीं देखना चाहते



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31 जुलाई की यह फोटो मिशिगन में डेमोक्रेटिक के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बिडेन और कमला हैरिस के बीच डिबेट के दौरान की है। हालांकि, इसके बाद हैरिस ने अपनी दावेदारी छोड़ दी थी।- फाइल फोटो

ट्रम्प ने कहा- अगर बिडेन जीते तो अमेरिकियों को चीन की भाषा सीखनी पड़ेगी, चीन की हमारे देश पर हुकूमत होगी August 11, 2020 at 07:56PM

अमेरिका में 3 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले बयानबाजी तेज हो गई है। अब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि अगर बिडेन चुनाव जीते तो अमेरिकियों को चीनी की भाषा सीखनी पड़ेगी, क्योंकि तब चीन का अमेरिका पर राज होगा। ट्रम्प पहले भी कई बार बिडेन पर चीन के लिए नरम रुख अपनाने का आरोप लगा चुके हैं। हाल ही में उन्होंने कहा था कि चीन तो चाहता है कि नींद में रहने वाले बिडेन ही राष्ट्रपति बनें। क्योंकि, इसके बाद वो हमारे देश पर हुकूमत चला सकेगा।

ट्रम्प ने मंगलवार को कई इंटरव्यू दिए। रेडियो होस्ट ह्यू हेविट से बातचीत में उन्होंने कहा, "अगर मैं नहीं चुनाव जीता तो चीन की अमेरिका में हुकूमत होगी। आप सच्चाई जानना चाहते हैं। आपको चीन की भाषा सीखनी पड़ेगी।"

हॉन्गकॉन्ग और उइगरों पर कुछ नहीं बोले
हालांकि, इस दौरान हॉन्गकॉन्ग और उइगरों के सवाल पर वह शांत रहे हैं। उनसे जब पूछा गया कि पूर्व एनएसए जॉन बोल्टन ने कहा है कि आपने चीन में उइगरों के लिए कैंप बनाने पर सहमति जताई थी। इस पर ट्रम्प ने चीन की आलोचना करने के बजाय बोल्टन को ही घेरा। उन्होंने कहा कि बोल्टन एक बीमार आदमी हैं।

जॉन बोल्टन ने अपनी किताब में लिखा है कि पिछले साल जी-20 समिट में ट्रम्प ने जिनपिंग से उइगरों के कैंप पर बात की थी। ट्रम्प ने इस पर अपनी सहमति भी जताई थी।

चीन से खतरा
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में चीन और रूस की तरफ से दखलंदाजी के आरोप लग रहे हैं। इससे पहले ट्रम्प ने कहा था- अगर आप से ये सोच रहे हैं कि चुनाव में चीन ही खतरा है तो इसमें कुछ गलत नहीं है। लेकिन, मैं उनसे सिर्फ एक ही बात कहना चाहता हूं कि हम उनकी हर हरकत पर नजर रख रहे हैं। मेल-इन बैलेट वोटिंग से खतरा ज्यादा है। इनके जरिए रूस, चीन, ईरान और यहां तक कि नॉर्थ कोरिया भी साजिश कर सकता है।

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2017 में एक कार्यक्रम के दौरान डोनाल्ड ट्रम्प औेर जो बिडेन। ट्रम्प लगातार बिडेन पर चीन का समर्थक होने के आरोप लगाते रहे हैं।- फाइल फोटो

अमेरिका का मॉडर्ना कंपनी से 10 करोड़ वैक्सीन खरीदने का करार, अर्जेंटीना में मौतों का आंकड़ा 5 हजार के पार; दुनिया में अब तक 2.05 करोड़ केस August 11, 2020 at 06:52PM

दुनिया में कोरोनावायरस संक्रमण के अब तक 2 करोड़ 5 लाख 14 हजार 404 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 1 करोड़ 32 लाख 83 हजार 665 मरीज ठीक हो चुके हैं। 7 लाख 45 हजार 693 की मौत हो चुकी है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। अमेरिकी सरकार ने वैक्सीन तैयार करने वाली कंपनी मॉडर्ना से 10 करोड़ वैक्सीन खरीदने का करार किया है।

यह सौदा 1.5 बिलियन डॉलर (करीब 11 हजार करोड़ रु.) में तय हुआ है। मॉडर्ना के दो डोज वाली एक वैक्सीन की कीमत 30.50 डॉलर (करीब 2300 रुपए होगी)।

अर्जेंटीना के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, मंगलवार को वहां कोरोना से 240 लोगों की जान गई। इनमें सबसे ज्यादा 207 मौतें राजधानी ब्यूनस आयर्स में हुई हैं। इसके साथ ही देश में मौतों का आंकड़ा 5 हजार के पार हो गया है। बीते 24 घंटे में यहां 7 हजार से ज्यादा संक्रमित भी मिले हैं। अब देश में संक्रमितों की संख्या 2 लाख 60 हजार 911 हो गई है।

10 देश, जहां कोरोना का असर सबसे ज्यादा

देश

कितने संक्रमित कितनी मौतें कितने ठीक हुए
अमेरिका 53,05,957 1,67,749 27,55,348
ब्राजील 31,12,393 1,03,099 22,43,124
भारत 23,28,405 46,188 16,36,614
रूस 8,97,599 15,131 7,03,175
साउथ अफ्रीका 5,66,109 10,751 4,26,125
मैक्सिको 4,92,522 53,929 3,32,800
पेरू 4,83,133 21,276 3,29,404
कोलंबिया 4,10,453 13,475 2,30,427
चिली 3,76,616 10,178 3,49,541
स्पेन 3,73,692 28,581 उपलब्ध नहीं

रूस: संक्रमितों का आंकड़ा 9 लाख के करीब
रूस में संक्रमितों की संख्या 9 लाख के करीब पहुंच चुकी है। यहां पर अब तक 15 हजार से ज्यादा मौतें हुईं हैं। राजधानी मॉस्को सबसे ज्यादा प्रभावित है। मॉस्को में मंगलवार को 12 लोगों की जान गई। इसके साथ ही इस शहर में अब तक मरने वालों का आंकड़ा 4611 हो गया है। रूस ने मंगलवार को कोरोना वैक्सीन तैयार करने और इसे रजिस्टर कराने का ऐलान किया। इस वैक्सीन का नाम स्पूतनिक-5 रखा गया है।

न्यूजीलैंड: संसद भंग करने का समय बढ़ाया

न्यूजीलैंड ने महामारी को देखते हुए संसद भंग करने का समय कुछ दिन आगे बढ़ाने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने बुधवार को इसका ऐलान किया। देश में 19 सितंबर को संसदीय चुनाव होना है। यहां पर चुनाव से पहले संसद भंग की जाती है, जिसके लिए 12 अगस्त का समय तय किया गया था। हालांकि, प्रधानमंत्री ने कहा कि चुनाव की तारीख आगे बढ़ाने के बारे में फिलहाल कोई फैसला नहीं किया गया है।

मंगलवार को यहां 102 दिन बाद संक्रमण का नया मामला सामने आने के बाद ऑकलैंड को लॉकडाउन कर दिया गया था।

कोलंबिया: देश में 4 लाख से ज्यादा संक्रमित

कोलंबिया में मंगलवार को 12 हजार 830 नए मामले सामने आए। यहां एक दिन में यह संक्रमितों का सबसे बड़ा आंकड़ा है। देश में 4 लाख 10 हजार 453 केस आ चुके हैं। बीते 24 घंटे में हुई 321 मौतें के साथ यहां मृतकों का आंकड़ा 13 हजार 475 हो गया है। राजधानी बोगोटा महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित है। बोगोटा में अब तक 1 लाख 41 हजार 994 मामले सामने आए हैं।



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अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित एक टेस्टिंग सेंटर पर मंगलवार को जांच के बाद एक कार सवार को जाने का इशारा करती एक स्वास्थ्यकर्मी।

विपक्षी नेता स्वेतलाना ने बच्चों के लिए खतरा बताकर देश छोड़ा, ईयू ने कहा- यहां कभी भी स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव नहीं हुए August 11, 2020 at 06:50PM

बेलारूस में चुनाव परिणाम आने के बाद से प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। लोगों ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है। इसके साथ ही विपक्षी नेता स्वेतलाना तिखानोव्सना ने देश छोड़ दिया है। एक यूट्यूब वीडियो में उन्होंने बताया कि उनके बच्चों को खतरा था। उन्हें धमकी मिल रही थी। विदेश मंत्री ने कहा है कि वह लिथुआनिया में सुरक्षित हैं।
बेलारूस में 9 अगस्त को छठी बार राष्ट्रपति पद के चुनाव हुए थे। 26 साल से राष्ट्रपति लुकाशेंको को 80.23% ‌‌वोट मिले थे और विपक्षी स्वेतलाना को 9%। चुनाव में धांधली के आरोप लगा लोगों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इसके चलते पूरे देश में इंटरनेट ढप कर दिया गया है। सोमवार को स्वेतलाना को भी हिरासत में लिया गया था। हालांकि, शाम तक उन्हें छोड़ दिया गया था।

ईयू ने सैंक्शन लगाने की चेतावनी दी
यूरोपियन यूनियन (ईयू) ने बेलारूस पर चुनाव में धांधली करने और हिंसक प्रदर्शनों को न रोक पाने के कारण कई तरह के प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है। ईयू के विदेश मंत्री ने कहा है कि बेलारूस में कभी भी स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव नहीं हुए। बेलारूस यूरोपियन देश है। यह 1991 में सोवियत संघ से अलग हुआ था। इससे पहले 2010 के चुनावों में भी लुकाशेंको पर धांधली करने के आरोप लगे थे। तब ईयू ने बेलारूस पर कई तरह के सैंक्शन भी लगाए थे।

स्वेतलाना ने कहा- संघर्ष जारी रहेगा
परिणाम आने के बाद स्वेतलना ने कहा था कि भले ही चुनाव हार गई हूं, पर हिम्मत नहीं। तानाशाही के खिलाफ मेरा संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा था कि लोगों का सड़कों पर उतरकर विरोध जताना, स्पष्ट संदेश है कि चुनाव में धांधली हुई है। मेरी रैलियों में उमड़ी भीड़ से तय था कि लोग बदलाव चाहते हैं।

पति जेल में बंद हैं
स्वेतलाना ने जेल में बंद अपने पति के स्थान पर यह चुनाव लड़ा। उन्होंने विपक्ष की कई बड़ी रैलियों का नेतृत्व किया। इन रैलियों में ऐतिहासिक भीड़ उमड़ी। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। विपक्ष ने पहले ही कहा था कि उसे वोटिंग में धांधली की आशंका है। स्वेतलाना एक शिक्षिका रह चुकी हैं। पति के गिरफ्तार होने और वोट के लिए पंजीकरण पर रोक के बाद, स्वेतलाना ने राजनीति में कदम रखा। वह शुरू से ही कहती रही हैं कि देश में निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं हैं।

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37 साल की स्वेतलाना ने जेल में बंद अपने पति के स्थान पर यह चुनाव लड़ा था। - फाइल फोटो

Women say they will fight sexism, 'ugly' attacks on Harris August 11, 2020 at 07:06PM

In the weeks before Joe Biden named Sen. Kamala Harris his running mate, women's groups were readying a campaign of their own: shutting down sexist coverage and disinformation about a vice presidential nominee they say is headed for months of false smears and ``brutal'' attacks from internet haters.

How it happened: Inside Biden's search for a running mate August 11, 2020 at 05:04PM

कमला हैरिस डेमोक्रेटिक पार्टी से उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनीं, जो बिडेन ने लगाई मुहर; अमेरिकी इतिहास में इस पद के लिए तीसरी महिला कैंडिडेट August 11, 2020 at 05:04PM

अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति उम्मीदवार जो बिडेन ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए भारतीय मूल की कमला हैरिस को उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार चुना है। मंगलवार को बिडेन ने ट्वीट किया- मेरे लिए यह घोषणा करना बहुत सम्मान की बात है कि मैने कमला हैरिस को चुना है। वह एक निडर फाइटर, देश की बेहतरीन जनसेवक हैं।

अगर चुनावों में 78 साल के बिडेन की जीत होती है तो वे सबसे ज्यादा उम्र के राष्ट्रपति होंगे, जबकि हैरिस की उम्र अभी 55 साल है। हैरिस अभी सीनेट की सदस्य हैं। वे कैलिफोर्निया की अटार्नी जनरल रह चुकी हैं।
अमेरिका के इतिहास में अभी तक केवल दो बार कोई महिला उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनी है।

1984 में डेमोक्रेट गेराल्डिन फेरारो और 2008 में रिपब्लिकन सारा पालिन को उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया गया था। लेकिन किसी को भी जीत हासिल नहीं हुई।

मां भारतीय और पिता अफ्रीकन

कमला हैरिस की पहचान भारतीय-अमेरिकन के तौर पर है। उनकी मां श्यामला गोपालन भारत के तमिलनाडु राज्य की थीं। वे कैंसर रिसर्चर थीं। कमला हैरिस के नाना पीवी गोपालन एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। आजादी के बाद में वे एक सिविल सर्वेंट बने थे।
कमला के पिता डोनाल्ड हैरिस जमैका के हैं। वे इकोनॉमी के प्रोफेसर रहे हैं। कमला उपराष्ट्रपति उम्मीदवारों की लिस्ट में पहली गैर-श्वेत कैंडिडेट हैं।

राष्ट्रपति चुनावों के लिए उम्मीदवारी पेश की थी
कमला हैरिस ने डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति चुनाव के लिए दावेदारी पेश की थी। हालांकि, प्राइमरी चुनावों में उन्हें बिडेन और बर्नी सैंडर्स के आगे करारी हार मिली थी। डेमोक्रेटिक कैंडिडेट की एक डिबेट में उन्होंने बिडेन पर नस्लवाद को बढ़ावा देने के आरोप लगाए थे। इसके बाद उन्हें चुनावों में कुछ बढ़त भी मिली थी, लेकिन फिर भी वे काफी पीछे रही थीं।

बिडेन से पुराने रिश्ते अच्छे नहीं
जो बिडेन और कमला के रिश्तों में एक रोचक बात है। जो के बेटे बियू और कमला अच्छे दोस्त हैं। बियू डेलावेयर के अटॉर्नी जनरल रहे हैं। वहीं, कमला कई मौकों पर जो की आलोचना कर चुकी हैं। पिछले साल जो ने इस पर हैरानी भी जताई थी। सीएनएन के मुताबिक- बियू की वजह से ही जो और कमला के रिश्ते बेहतर हुए हैं।

भारतीय अमेरिकियों और अश्वेतों में अच्छी पकड़
कमला हैरिस की मां भारतीय और पिता अफ्रीकन होने के चलते उनकी दोनों कम्युनिटी में अच्छी पकड़ है। जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद से अश्वेतों में सरकार के खिलाफ गुस्सा है। ऐसे में डेमोक्रेटिक पार्टी उन्हें अपनी ओर खींचना चाहती है।

प्राइमरी चुनावों के दौरान कमला ने एक आर्टिकल लिखा था, जिसमें उन्होंने खुद के अश्वेत होने पर गर्व जताया था। इसके साथ ही भारतीय संस्कृति की भी तारीफ की थी। उन्होंने मसाला डोसा बनाते हुए एक वीडियो भी पोस्ट किया था।

देश के लिए अच्छा दिन: ओबामा
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कमला हैरिस के चुने जाने पर कहा कि यह देश के लिए अच्छा दिन है। वे पूरी तरह से तैयार हैं। उन्होंने अपना पूरा करियर देश के संविधान की रक्षा में बिताया।

इसके साथ ही स्पीकर नैंसी पेलोसी और पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने भी कमला हैरिस को बिडेन का मजबूत पार्टनर बताया है। पूर्व राष्ट्रपति उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन ने भी उन्हें अपना समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि जो बिडेन अमेरिका के लोगों को एक करेंगे।

ट्रम्प बोले- हैरिस के चुने जाने से हैरान हूं
अमेरिका के राष्ट्रपति और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि कमला हैरिस को डेमोक्रेटिक पार्टी का उपराष्ट्रपति उम्मीदवार चुने जाने से हैरान हूं। प्राइमरी चुनावों में उनका प्रदर्शन बहुत खराब था। इसके साथ ही वे बिडेन के लिए बहुत बुरा बोलती रही हैं, उन्होंने कभी उनकी इज्जत नहीं की। ऐसे में बिडेन का हैरिस को चुनना हैरान करने वाला है।

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कमला हैरिस ने डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी भी पेश की थी। हालांकि, प्राइमरी चुनावों में बिडेन की तुलना में वह बहुत पीछे रह गईं थी। -फाइल फोटो

जलालाबाद की जेल में हमले के 9 दिन बाद नंगरहार में पुलिस चौकी पर हमला; 6 पुलिसकर्मियों की मौत, 6 घायल August 11, 2020 at 05:15AM

अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत में आतंकवादियों ने लॉ इन्फोर्समेंट अफसरों (कानून प्रवर्तन अधिकारी) पर हमला कर दिया। इसमें छह अफसरों की मौत हो गई, जबकि छह घायल हो गए। स्थानीय लोगों ने न्यूज एजेंसी स्पुतनिक को मंगलवार को ये जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आतंकवादियों ने सोमवार शाम को प्रांत के पचिर वा अगम जिले के गेरा खेल इलाके में एक स्थानीय पुलिस चौकी पर हमला किया।

घायल अधिकारियों को नंगरहार पब्लिक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। अब तक न तो सरकार और न ही आतंकवादी समूहों ने हमले की पुष्टि की है। तालिबान और अमेरिका के बीच 29 फरवरी को शांति समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। इसके बावजूद अफगानिस्तान में हिंसक घटनाएं जारी हैं।

आईएस आतंकियों को छुड़ाने के लिए जेल में हमला हुआ था

इससे पहले अफगानिस्तान के जलालाबाद शहर की जेल में आतंकियों ने रविवार को हमला किया था। इसमें 29 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 50 घायल हो गए थे। हमला जेल में बंद सैकड़ों आईएस आतंकियों को छुड़ाने के लिए किया गया था। करीब 18 घंटे चली मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने जेल में हमला करने वाले तीन आतंकियों को मार गिराया था।

जलालाबाद में एक अफगान कमांडो ने बताया था कि हमलावरों की संख्या बीस से ज्यादा थी। जेल से भागे 700 कैदियों को फिर से पकड़ लिया गया था। जेल में 1,500 से ज्यादा कैदी हैं। उनमें से ज्यादातर तालिबान और आईएस के आतंकी हैं।

अफगानिस्तान 400 आतंकियों को छोड़ने पर राजी
राष्ट्रपति अशरफ गानी की सरकार सोमवार को तालिबान के साथ शांति वार्ता बढ़ाने के लिए 400 हार्डकोर तालिबानी आतंकियों को छोड़ने पर राजी हो गई। अफगानिस्तान की परिषद 'लोया जिरगा' ने यह फैसला लिया है। ये आतंकी कई जवानों और नागरिकों की हत्या में शामिल रहे हैं। अब अगले हफ्ते कतर में तालिबान और अफगान सरकार के बीच बातचीत हो सकती है। तालिबान ने इसके लिए सहमति भी दे दी है।

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घायल अधिकारियों को नंगरहार पब्लिक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। अब तक न तो सरकार और न ही आतंकवादी समूहों ने हमले की पुष्टि की है। (फाइल फोटो)

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ट्रम्प ने कहा- राष्ट्रपति चुनाव के बाद होगी जी7 समिट; कोरोना की वजह से पहले भी दो बार टली August 11, 2020 at 01:09AM

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सितंबर में होने वाली जी-7 समिट को अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव तक टालने का फैसला किया है। देश में 3 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं। ट्रम्प ने सोमवार को कहा कि पिछली बार कोरोनावायरस को देखते हुए इसे टाला गया था।

इस साल मार्च में अमेरिका के कैंप डेविड में जी7 समिट होना था। हालांकि, कोरोना की वजह से सदस्य देशों के नेताओं का व्यक्तिगत तौर पर आना मुमकिन नहीं था। ऐसे में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जून में यह बैठक बुलाने का फैसला किया गया था। हालांकि, ट्रम्प ने इसे टालते हुए सितंबर में कराने की बात कही थी।

इस साल समिट अमेरिका में होगा

ट्रम्प ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा, ‘‘मैं कुछ समय के बाद जी7 समिट कराना चाहता हूं। हम इसे सितंबर में करने जा रहे थे।’’ जी-7 में अमेरिका, फ्रांस, कनाडा, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान और इटली शामिल हैं। सभी सदस्य देश बारी-बारी से सालाना समिट को होस्ट करते हैं। इस साल यह अमेरिका में होने वाला है।

अब तक किसी नेता को न्योता नहीं भेजा गया: ट्रम्प

ट्रम्प ने कहा कि व्हाइट हाउस ने अभी तक औपचारिक रूप से किसी नेता को न्योता नहीं भेजा गया है। हम उनसे बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बार उन देशों को भी आमंत्रित करने की योजना बनाई है, जो जी7 के औपचारिक सदस्य नहीं हैं।

भारत और रूस को भी बुलाया जाएगा

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को आमंत्रित करने के सवाल पर ट्रम्प ने कहा कि पुतिन एक अहम ‘फैक्टर’ हैं, इसलिए उन्हें बुलाया जाएगा। ट्रम्प ने इसमें भारत, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों को भी बुलाने की बात कही थी।

इससे पहले अमेरिका में 2012 में जी-7 समिट हुई थी
आखिरी बार अमेरिका में यह समिट 2012 में हुई थी। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मैरीलैंड के कैंप डेविड में सरकारी इमारत में समिट कराई थी। 2004 में पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने जॉर्जिया के सी आइलैंड रिजॉर्ट में इसे आयोजित किया था। अगस्त 2019 में जी-7 समिट फ्रांस के बियारिट्ज शहर में हुई थी।

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अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने जी7 समिट में भारत, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों को भी बुलाने की बात कही है। (फाइल फोटो)

सऊदी अरब के राजदूत से मिले पाकिस्तान के आर्मी चीफ; विदेश मंत्री कुरैशी की बयानबाजी से दोनों देशों के रिश्तों में दरार आई August 11, 2020 at 12:49AM

पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच बढ़ी दूरियों को आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने कम करने की पहल की है। बाजवा ने सोमवार को सऊदी अरब के राजदूत नवफ सईद अल- मलकी से मुलाकात की। पाकिस्तानी सेना के मुताबिक, बाजवा ने सऊदी के राजदूत से आपसी हितों, क्षेत्र में सुरक्षा की स्थिति और दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कश्मीर मुद्दे पर साथ नहीं देने के लिए दो बार सऊदी अरब की आलोचना की थी। प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी इसे लेकर सऊदी अरब पर तंज कसा था। इससे सऊदी अरब पाकिस्तान से नाराज है।

कुरैशी के बयान को पाकिस्तान की कई विपक्षी पार्टियों ने देश के हितों के खिलाफ बताया था। विपक्ष ने इमरान सरकार पर सऊदी और यूएई से पाकिस्तान के रिश्ते खराब करने का आरोप लगाया था। विपक्षी पार्टियों ने कहा था कि मुल्क को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

पाकिस्तान को चुकाना पड़ा सऊदी अरब का कर्ज

सऊदी अरब ने पाकिस्तान से 3 अरब डॉलर (करीब 22 हजार करोड़ रुपए) लौटाने को कहा था। सऊदी अरब ने पाकिस्तान को यह रकम डेढ़ साल पहले उस समय दी थी, जब पाकिस्तान दिवालिया होने की कगार पर था। इसके बाद पाकिस्तान को चीन से एक अरब डॉलर उधार लेकर सऊदी के कर्ज की पहली किश्त चुकानी पड़ी।

क्यों बिगड़े सऊदी और पाकिस्तान के रिश्ते?

पाकिस्तान और सऊदी के रिश्तों में कड़वाहट कश्मीर मुद्दे पर शुरू हुई। दरअसल, पाकिस्तान चाहता है कि इस मुद्दे पर चर्चा के लिए ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कंट्रीज (ओआईसी) की अर्जेंट मीटिंग बुलाई जाए। लेकिन, सऊदी अरब ओआईसी मीटिंग बुलाने और इस मुद्दे पर विचार के लिए तैयार नहीं हैं। इसने साफ तौर पर पाकिस्तान को इसके लिए मना कर दिया है।

कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान को नहीं मिल रहा समर्थन

पिछले साल जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद से पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यह मुद्दा उठा रहा है। हालांकि इसे समर्थन नहीं मिल रहा। इसी हफ्ते पाकिस्तान ने यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में कश्मीर मुद्दा उठाने की कोशिश की थी। पांच स्थायी देशों में से सिर्फ चीन ने उसका साथ दिया। ओआईसी में भी उसको समर्थन हासिल नहीं है। यूएन और ओआईसी में सिर्फ तुर्की उसका साथ देता है। मलेशिया ने भी हाथ पीछे खींच लिए हैं।

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पाकिस्तान के आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा ने सऊदी अरब के राजदूत से सोमवार को मुलाकात की। उन्होंने दोनों देशों के आपसी रिश्ते से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की।-फाइल फोटो

न्यूजीलैंड में 102 दिन बाद पहला पॉजिटिव केस सामने आया; एक परिवार के चार लोग संक्रमित; तीन दिन लॉकडाउन होगा August 11, 2020 at 12:33AM

न्यूजीलैंड में 102 दिन पहली बार कोरोना संक्रमण का मामला सामने आया। एक ही परिवार के चार लोग संक्रमित पाए गए हैं। प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने खुद मीडिया को इसकी जानकारी दी। जेसिंडा ने यह भी कहा कि देश के पास इस तरह के हालात से निपटने के लिए इमरजेंसी प्लान तैयार है। तीन दिन ऑकलैंड में लॉकडाउन रहेगा।

बता दें कि न्यूजीलैंड सरकार ने कोरोना के हालात से निपटने के लिए चार स्टेप वाला प्लान किया था। इतना ही नहीं जब देश में कोविड-19 के हालात सुधर गए तो अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए भी रणनीति तैयार की।

एक परिवार के चार लोग संक्रमित

हेल्थ मिनिस्ट्री और इन्फेक्शन डिसीज के एक्सपर्ट डॉक्टर एश्ले ब्लूमफील्ड ने कहा- एक परिवार के छह लोगों को टेस्ट कराया गया था। इनमें से चार की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इनमें एक व्यक्ति की उम्र 50 साल से कुछ ज्यादा है। हमने जो इमरजेंसी प्लान बनाया है, उसे लागू करने जा रहे हैं। इसके लिए लोकल नेटवर्क को एक्टिव कर दिया गया है। सभी मेंबर्स के दो बार टेस्ट कराए गए। दोनों ही बार रिपोर्ट पॉजिटिव आई।

ट्रेवल हिस्ट्री नहीं, इसलिए फिक्र

मामला ऑकलैंड का है। इसमें खास बात यह है कि पॉजिटिव पाए गए किसी व्यक्ति की कोई हालिया ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है। इनके संपर्क में आने वाले सभी लोगों को आईसोलेट होने के लिए कहा गया है। नियमों के मुताबिक, अब उस पूरे क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित किया जाएगा। यह भी हो सकता है कि पूरे ऑकलैंड को तीन दिन के लिए लॉकडाउन कर दिया जाए। इस दौरान सिर्फ सरकारी कर्मचारी ही कहीं आ या जा सकेंगे। जरूरी सामान की होम डिलीवरी की जाएगी।

4-लेवल अलर्ट सिस्टम बनाया

23 मार्च को न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री आर्डर्न ने देश को संबोधित किया था। उन्होंने कहा था, ‘हमारे देश में अभी कोरोना के 102 मामले हैं। लेकिन, इतने ही मामले कभी इटली में भी थे।' ये कहने का मकसद एक ही था कि अभी नहीं संभले तो बहुत देर हो जाएगी।’ वहां की सरकार ने कोरोना से निपटने के लिए 4-लेवल अलर्ट सिस्टम बनाया। इसमें जितना ज्यादा लेवल, उतनी ज्यादा सख्ती, उतना ज्यादा खतरा। 21 मार्च को जब सरकार ने इस अलर्ट सिस्टम को इंट्रोड्यूस किया, तब वहां लेवल-2 रखा गया था। उसके बाद 23 मार्च की शाम को लेवल-3 और 25 मार्च की दोपहर को लेवल-4 यानी लॉकडाउन लगाया गया। न्यूजीलैंड में जब लॉकडाउन लगा तब वहां कोरोना के 205 मरीज थे और भारत में जब लॉकडाउन लगा, तब यहां 571 मरीज थे।

कोरोना पॉजिटिव मरीजों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की

न्यूजीलैंड में अगर कोई व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव मिलता, तो वहां की सरकार 48 घंटे के अंदर उसकी कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग भी करती है। यानी, किसी व्यक्ति के कोरोना पॉजिटिव मिलने पर उसके सभी करीबी रिश्तेदारों-दोस्तों को कॉल किया जाता था और उन्हें अलर्ट किया जाता था। ऐसा इसलिए ताकि लोग खुद ही टेस्ट करवा लें या सेल्फ-क्वारैंटाइन में चले जाएं।

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न्यूजीलैंड के वेलिंग्टन शहर में एक हाईवे पर कार सवार की जानकारी लेती हेल्थ वर्कर। यहां हर 20 किलोमीटर पर एक चेक प्वाइंट लगाया गया है। (फाइल)

9 महीने बाद 17 अगस्त को भारत-नेपाल बातचीत करेंगे; नेपाली विदेश मंत्री बोले- सीमा विवाद के गुलाम नहीं बन सकते August 11, 2020 at 12:02AM

सीमा विवाद और तल्ख बयानबाजी के बीच भारत और नेपाल 9 महीने बाद पहली बार बातचीत करेंगे। 17 अगस्त को काठमांडू में यह बातचीत होगी। औपचारिक तौर पर इसका एजेंडा भारत द्वारा नेपाल में चलाए जा रहे प्रोजेक्ट्स की समीक्षा है। लेकिन, दोनों देश सीमा विवाद समेत कुछ दूसरों मुद्दों पर भी बातचीत कर सकते हैं। नेपाल की तरफ से विदेश मंत्रालय में सचिव शंकर दास बैरागी शामिल होंगे। भारतीय दल की अगुआई नेपाल में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा करेंगे।

इस बीच, नेपाल के विदेश मंत्री ने कहा- दोनों देश सीमा विवाद के गुलाम बन कर नहीं रह सकते। हमें बातचीत करनी ही होगी।

दोनों देशों के बीच आठवीं बातचीत

2016 में नेपाल के तब के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड भारत आए थे। दोनों देशों ने आपसी विवाद सुलझाने और सहयोग बढ़ाने के लिए मैकेनिज्म तैयार किया था। 17 अगस्त को इसी मैकेनिज्म के तहत 8वीं बातचीत होगी। हाल के दिनों में सीमा विवाद और दूसरे मुद्दों की वजह से भारत और नेपाल के रिश्तों में खटास दिखी थी। अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन पर भी नेपाल के प्रधानमंत्री ओली ने बयानबाजी की थी।

हमारे पास विकल्प भी नहीं

भारत और नेपाल के बीच प्रस्तावित बातचीत पर नेपाल के विदेश मंत्री ने कहा- हमारे पास बातचीत के अलावा कोई और विकल्प नहीं है। सीमा विवाद के गुलाम नहीं बन सकते। दूसरे मुद्दों पर बातचीत करनी होगी। फिलहाल, सीमा विवाद पर बातचीत नहीं होगी। लेकिन, आज नहीं तो कल, उसे भी सुलझाना होगा। दोनों देश सकारात्मक रूप से आगे बढ़ रहे हैं।

बातचीत होना ही बड़ी सफलता

दोनों देशों के बीच मार्च के बाद जिस तरह की बयानबाजी हुई है, उससे रिश्तों में खटास बढ़ी। नेपाल के एक अफसर ने कहा- बातचीत की शुरुआत ही बहुत बड़ी सफलता है। दोनों देश क्रॉस बॉर्डर ट्रेन सर्विस, एग्रीकल्चर, भूकंप के बाद री-कन्स्ट्रक्शन जैसे प्रोजेक्ट साथ कर रहे हैं।

दोनों देशों के बीच कैसे शुरू हुआ विवाद

भारत ने अपना नया राजनीतिक नक्शा 2 नवम्बर 2019 को जारी किया था। इस पर नेपाल ने आपत्ति जताई थी और कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख इलाके को अपना क्षेत्र बताया था। इस साल 18 मई को नेपाल ने इन तीनों इलाकों को शामिल करते हुए अपना नया नक्शा जारी कर दिया। इस नक्शे को अपने संसद के दोनों सदनों में पारित कराया। इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया। मई-जून में नेपाल ने भारत से सटी सीमाओं पर सैनिकों की तादाद बढ़ा दी। बिहार में भारत-नेपाल सीमा पर नेपाली सैनिकों ने भारत के लोगों पर फायरिंग भी की थी।

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यह फोटो फरवरी 2016 की है। उस समय नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली भारत के दौरे पर पहुंचे थे। उन्होंने नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी।

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रूस के राष्ट्रपति पुतिन की घोषणा- हमने वैक्सीन बनाकर रजिस्टर्ड कराई, सबसे पहला डोज खुद अपनी बेटी को लगवाया August 10, 2020 at 11:27PM

दुनिया के तमाम देशों को पीछे छोड़ते हुए रूस ने कोरोनावायरस वैक्सीन बनाने में बाजी मार ली है। मंगलवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने की घोषणा की, ‘हमने कोरोना की सुरक्षित वैक्सीन बना ली है और देश में रजिस्टर्ड भी करा लिया है। मैंने अपनी दो बेटियों में एक बेटी को पहली वैक्सीन लगवाई है और वह अच्छा महसूस कर रही है।’

रूसी अधिकारियों के मुताबिक, Gam-Covid-Vac Lyo नाम की इस वैक्सीन को तय योजना के मुताबिक रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय और रेग्युलेटरी बॉडी का अप्रूवल मिल गया है। बताया जा रहा है कि इस वैक्सीन को सबसे पहले फ्रंटलाइन मेडिकल वर्कर्स, टीचर्स और जोखिम वाले लोगों को दिया जाएगा।

महीने भर पहले ही बता दिया था रूस ने

रूस ने महीने भर पहले ही इस बात के संकेत दे दिए थे कि उनकी वैक्सीन ट्रायल में सबसे आगे है और वे उसे 10 से 12 अगस्त के बीच रजिस्टर्ड करा लेंगे। हालांकि इस वैक्सीन को लेकर अमेरिका और ब्रिटेन रूस पर भरोसा नहीं कर रहे। रूस पर वैक्सीन का फार्मूला चुराने के आरोप भी लग रहे हैं।

सितंबर में उत्पादन, अक्टूबर से लगने लगेगी

दुनिया की पहली इस पहली वैक्सीन को रक्षा मंत्रालय और गामालेया नेशनल सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एपिडिमियोलॉजी एंड माइक्रोबायलॉजी ने मिलकर तैयार किया है। सितम्बर से इसका उत्पादन करने और अक्टूबर से लोगों को लगाने की तैयारी शुरू हो गई है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- सभी जरूरी ट्रायल पूरे किए

रूसी न्यूज एजेंसी तास के मुताबिक, मंगलवार को देश के शीर्ष अधिकारियों के साथ मीटिंग में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा, ‘जहां तक मुझे पता है, आज सुबह दुनिया में पहली बार कोरोनोवायरस संक्रमण से बचाव का एक वैक्सीन रजिस्टर्ड कर ली गई है।’ पुतिन ने स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराशको से इस बारे में विस्तृत जानकारी देने को कहा है। मुराशको ने बताया, ‘मुझे जानकारी दी गई है कि हमारी वैक्सीन प्रभावी तरीके से काम करती है और एक अच्छी इम्यूनिटी पैदा करती है। मैं दोहराता हूं कि इसके लिए सभी जरूरी ट्रायल पूरे कर लिए गए हैं।

बड़े स्तर पर तीन और ट्रायल इसी महीने होंगे

  • रूस के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, वैक्सीन ट्रायल के परिणाम सामने हैं। उनमें बेहतर इम्युनिटी विकसित होने के प्रमाण मिले हैं। दावा किया कि किसी वॉलंटियर्स में निगेटिव साइड-इफेक्ट देखने में नहीं आए।
  • रूस ने दावा किया है कि उसने कोरोना की जो वैक्सीन तैयार की है वह क्लीनिकल ट्रायल में 100% तक सफल रही है। ट्रायल की रिपोर्ट के मुताबिक, जिन वॉलंटियर्स को वैक्सीन दी गई उनमें वायरस के खिलाफ इम्युनिटी विकसित हुई है।


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Vladimir Putin On Russia Coronavirus COVID-19 Vaccine; All you need to know What Russian President Says

चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा- सीमा पर शांति के लिए दोनों देश मिलकर काम कर रहे हैं, भारत से बेहतर रिश्ते प्राथमिकता August 10, 2020 at 08:55PM

चीन ने एक बार फिर से भारत के साथ अपने संबंधों को लेकर नरमी दिखाई है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने सोमवार को कहा कि सीमा पर शांति के लिए दोनों देश मिलकर काम कर रहे हैं। भारत के साथ बेहतर रिश्ते कायम करना हमारी प्राथमिकता है। भारत और चीन के लिए यह जरूरी है कि दोनों देश अपने आपसी रिश्ते बेहतर बनाए रखें। हम अपने पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।

चीन और भारत के बीच इस साल 15 जून को लद्दाख में दोनों देशों की सेना के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद के बाद से ही तनाव है। इस घटना में भारत के दो अफसर समेत 20 सैनिक शहीद हुए थे। इसके बाद से ही दोनों देशों की सेना सीमा विवाद सुलझाने के लिए कई बार बात कर चुकी है।

हमने अमेरिका को सही जवाब दिया: चीन

झाओ ने कहा कि अमेरिका ने चीन पर बिना वजह दबाव बनाया, जिसका हमने सही जवाब दिया है। हालांकि, हमने कई बड़े देशों के साथ अपने रिश्ते सुधारने की कोशिश की है। चीन ने रूस और यूरोपीय यूनियन के साथ अपने रिश्ते मजबूत करने के लिए भी लगातार काम किया है। महामारी से निपटने के लिए किए जा रहे कामों के बारे में पूछने पर झाओ ने कहा कि हम संक्रमण रोकने के लिए अमेरिका, रूस, यूरोपीय यूनियन, जापान और भारत के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। हम जरूरतमंद देशों को दवा और वैक्सीन तैयार करने में भी मदद करने की योजना बना रहे हैं।

भारत-चीन की सेना के बीच 8 अगस्त को हुई थी चर्चा

भारत-चीन सीमा विवाद को सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच 8 अगस्त को मेजर जनरल लेवल की मीटिंग हुई। इस दौरान दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) और देप्सांग समेत लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के तनाव वाले इलाकों से सेना पीछे हटाने को लेकर चर्चा हुई। भारत, चीन पर जल्द से जल्द से सेना पीछे हटाने के लिए जोर दे रहा है। भारत चाहता है कि चीन पूर्वी लद्दाख के सभी इलाकों में 5 मई को पैंगोंग त्सो में हुए विवाद से पहले वाली स्थिति बहाल करे।

सीमा पर सैनिक बढ़ा रहा और शांति की बात कर रहा चीन

चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने गलवान वैली और कुछ अन्य तनाव वाले इलाकों से तो सेना पीछे हटा ली है। लेकिन, पैंगोंग त्सो, गोगरा और देप्सांग से भारत की मांग के मुताबिक चीन सैनिक पीछे नहीं हटा रहा है। लेकिन, समय- समय पर यह भारत के साथ संबंध सुधारने की बात कह रहा है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान और भारत में चीन के राजदूत सुन वेइडोंग कई बार सीमा पर शांति बहाल करने की बात कह चुके हैं।

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1.भारत-चीन सीमा विवाद:दोनों देशों के बीच मेजर जनरल लेवल की 5वें दौर की मीटिंग 8.30 घंटे चली, देप्सांग समेत विवादित इलाकों से चीनी सेना हटाने पर बात हुई

2.भारतीय सेना ताकत बढ़ाएगी:लद्दाख सेक्टर में तैनात इजराइली हेरोन ड्रोन लेजर गाइडेड बम और मिसाइलों से लैस होंगे, सेना ने प्रपोजल भेजा



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यह फोटो जून की है जब लद्दाख में चीन की सेना के साथ हिंसह झड़प में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद लेह में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल(एलएसी) पर सुरक्षा बढ़ा दी थी।- फाइल