Saturday, June 6, 2020

Pandemic, dire economy, unrest upend US presidential race June 06, 2020 at 05:07PM

Three concurrent crises scarring the United States -- a deadly health pandemic, economic despair and widespread social unrest -- have reframed this year's presidential contest and prompted national reflection over racial inequality in America.

ब्रिटेन में मौतों का आंकड़ा 40 हजार के पार: इराक ने कर्फ्यू एक हफ्ते के लिए बढ़ाया; दुनिया में अब तक 69.73 लाख संक्रमित June 06, 2020 at 03:21PM

दुनिया में संक्रमण से मौत का आंकड़ा 4 लाख पार हो चुका है। इसके मुताबिक, दुनिया में कोरोना से मरने वालों की संख्या 4 लाख 2 हजार 47हो चुकी है। वहीं,संक्रमितों का आंकड़ा 69 लाख 73हजार 243हो गया है। कुल 34 लाख 11 हजार 98लोग स्वस्थ हुए। ब्रिटेन में मौतों का आंकड़ा 40 हजार के पार हो गया है। यहां अब तक 40 हजार 465 लोगों की मौतें हुई है। हालांकि, इसके बाद भी सरकार ने 15 जून से लोगों को चर्च में प्रेयर करने की इजाजत दी है। हालांकि, इसके लिए उन्हें अकेले जाना होगा।

इराक ने कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या बढ़ने के बाद 13 जून से एक हफ्ते के लिएकर्फ्यू बढ़ाने का ऐलान किया है। ईराक के प्रधानमंत्री मुस्तफा अल खादिमी ने शनिवार को इसकीघोषणा की। देश में पिछले कुछ दिनों में 33 संक्रमितों की मौत होने के बाद सरकार ने यह फैसला किया गया।

कोरोनावायरस : 10 सबसे ज्यादा प्रभावित देश

देश

कितने संक्रमित कितनी मौतें कितने ठीक हुए
अमेरिका 19,82,201 1,11,961 7,46,544
ब्राजील 6,58,434 35,443 3,02,084
रूस 4,58,689 5,725 2,21,388
स्पेन 2,88,390 27,135 उपलब्ध नहीं
ब्रिटेन 2,84,868 40,465 उपलब्ध नहीं
भारत 2,46,622 6,946 1,18,695
इटली 2,34,801 33,846 1,65,078
पेरू 1,91,758 5,301 82,731
जर्मनी 1,85,671 8,769 1,68,900
ईरान 1,69,425 8,209 1,32,038

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ऑस्ट्रेलिया में सरकार एविएशन सेक्टर को मदद देगी
ऑस्ट्रेलिया सरकार ने अपने देश के एविएशन सेक्टर को मदद करने का फैसला किया है। इसके लिए 9067 हजार करोड़ रुपए का आर्थिक पैकेज दिया जाएगा। उप प्रधानमंत्री मैककॉमार्क ने कहा कि इस फंडिंग से ऑस्ट्रेलिया की एयरलाइन ऑपरेटर जरूरी सेवाएं जारी रख सकेंगी। कोरोना से जुड़ी पाबंदियों को हटाने के बाद लोग घरेलू उड़ानों की सेवाएं ले सकेंगे।

ब्राजील ने कोरोना से जुड़े आंकड़ेको वेबसाइट से हटाए

ब्राजील ने एक वेबसाइट से कोरोना से जुड़े आंकड़े शनिवार कोहटा दिए। इस वेबसाइट पर देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या, मौत और इससे स्वस्थ हुए लोगों की संख्या बताई जा रही थी देश केस्वास्थ्य मंत्रालय ने संक्रमितों की कुल संख्या जारी करना भी बंद कर दिया। अब तक ब्राजील में 6 लाख 72 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। पिछले हफ्ते ही यहां मौतों का आंकड़ा 36 हजार से ज्यादा हो गया था, जोकि अमेरिका से भी ज्यादा था।



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ब्रिटेन के ब्लेश्ले में एक दुकान पर प्रोटेक्टिव स्क्रीन के सामने खड़े होकर दुकानदार से बात करता एक व्यक्ति। सरकार ने 15 जून से यहां पर चर्च में प्रेयर करने की मंजूरी देने का फैसला किया है।

अनलॉक होते ही नौकरियों में अप्रत्याशित उछाल, 3 महीने गिरावट के बाद मई में 30 लाख को मिली नौकरी  June 06, 2020 at 02:22PM

कोरोनावायरस की वजह से दुनिया में सबसे बुरी तरह प्रभावित अमेरिका में पिछले तीन-चार महीनों से नौकरियों में लगातार गिरावट दर्ज की गई। लेबर ब्यूरो के मुताबिक अप्रैल में दो करोड़ से ज्यादा लोग बेरोजगार हुए थे। बेरोजगारी दर भी 14.7% के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी। यह द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद सबसे ज्यादा रही।

अर्थशास्त्रियों ने हालात और खराब होने की बात कहते हुए मई में बेरोजगारी दर 20% होने का अनुमान लगाया था, लेकिन मई में सारे समीकरण पलट गए। लेबर ब्यूरो की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, मई में नौकरियों में अप्रत्याशित रूप से उछाल रहा है। एक महीने में 30 लाख से ज्यादा लोगों को नौकरियां मिली हैं।

मई में यह 40 लाख से बढ़कर 79 लाख हो गई

बेरोजगारी दर भी गिरकर 13.3% पर आ गई है। हालांकि, स्वरोजगार वालों की संख्या बढ़ी है। मई में यह 40 लाख से बढ़कर 79 लाख हो गई है, यानी करीब दोगुनी। हालांकि, अब भी 1.53 करोड़ से ज्यादा लोगों को नौकरी पर लौटने का इंतजार है। अगर मई जैसी रफ्तार आगे भी जारी रही, तब भी इन सभी लोगों को नौकरी मिलने या काम पर लौटने में कम से कम 6 महीने लगेंगे।

मिलेनियल्स इतिहास के सबसे मुश्किल दौर में
नौकरियों में भारी उछाल के बीच मिलेनियल्स यानी 1980 से 1996 के बीच जन्मे युवा इतिहास के सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। फेडरल रिजर्व बैंक के मुताबिक, उनकी आय करीब 41% घटी है। वे माता-पिता की तुलना में ज्यादा गरीब हो गए हैं। इसकी वजह उनकी आय, बचत और निवेश कम होना है। वे भारी एजुकेशन लोन, बेरोजगारी और अनिश्चित भविष्य से भी जूझ रहे हैं।



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नौकरियों में भारी उछाल के बीच मिलेनियल्स यानी 1980 से 1996 के बीच जन्मे युवा इतिहास के सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं।

संपत्ति के लिए 2 साल केस लड़े, 6 कराेड़ रुपए फीस दी; तलाक मिला पर घर बिक गया, डेढ़ करोड़ कर्ज भी चढ़ा June 06, 2020 at 02:15PM

यह एक खुशहाल शादी थी। तीन बच्चे हुए। सब ठीक चल रहा था, लेकिन 22 साल बाद दाेनाें में मनमुटाव हाे गया। बात तलाक तक पहुंची। पति-पत्नी अदालत पहुंचे। संपत्ति का अधिक हिस्सा पाने के लिए दाेनाें तर्क देते रहे। मुकदमा 2 साल खिंच गया। घर तक बिक गया। संपत्ति वकीलाें की फीस में खर्च हाे गई। डेबिट कार्ड का कर्ज चुकना बाकी है। शुक्रवार काे जब मुकदमा खत्म हुआ, तब दाेनाें के हाथ में महज 5-5 लाख रुपए नकद रह गए थे।

यह वाकया लंदन का है। पति-पत्नी की पहचान उजागर नहीं की गई है। 53 वर्षीय पति और 50 वर्षीय पत्नी केयर होम के मालिक थे। पांच बेडरूम का मकान था। बच्चों के साथ छुट्टियां मनाने जाते थे। उनकी बेहतर पढ़ाई के लिए खर्च भी कर रहे थे। दोनों के पास पर्सनल नंबर प्लेट वाली 14 लाख रुपए की मर्सिडीज कार थी। पति-पत्नी अलग हुए ताे केयर होम बंद हो गया। पति बेरोजगार हो गया। उसने पाइप कंपनी में नौकरी की। उस पर डेबिट कार्ड का 1.17 कराेड़ रुपए कर्ज हाे गया। करीब 6 कराेड़ रुपए वकीलाें की फीस और कानूनी प्रक्रिया में ही खर्च हाे गए।

जज ने न्यायिक खर्च पर भी सवाल उठाए

अदालत में कुल 13 सुनवाई हुई। पांच दिन ट्रायल भी चली। पति ने चार बार अपील काेर्ट और हाई काेर्ट में याचिका लगाई, लेकिन खारिज हो गई। हाई काेर्ट के जस्टिस राॅबर्ट पील ने कहा कि घर बेचने से 6.04 कराेड़ रुपए मिले, लेकिन फीस के खर्च के बाद किराए के घर में रह रहे पति काे कर्ज भी चुकाना है। जज ने यह भी कहा कि यह व्यक्त करना मुश्किल है कि यह संसाधनाें की कितनी दुखद बर्बादी है। उन्हाेंने महंगे न्यायिक खर्च पर भी सवाल उठाए।

जज बाेले- आत्मघाती मुकदमा आज खत्म हुआ

जस्टिस पील ने कहा कि इतने खर्च पर विश्वास करना मुश्किल है, लेकिन यही सच्चाई है। ऐसे फैसलाें के और भी मामले हाे सकते हैं, लेकिन इतना बुरा नहीं हाेगा। यह केस उन दंपती के लिए चेतावनी है, जो कानूनी दांवपेंच में संपत्ति खर्च कर देते हैं और उनके पास कुछ नहीं बचता है। आज यह आत्मघाती मुकदमा खत्म हुआ है। जज ने कहा, उन्हाेंने कमाई से अधिक खर्च किया और कर्जदार हाे गए।



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Fought 2 years for property, paid 6 crores of rupees; Found a divorce but the house was sold, one and a half crores of loans also went up

अमेरिका में अश्वेतों के हत्यारे 99% पुलिस अफसरों के खिलाफ केस ही नहीं चलते, आय में ये गोरों से 40% पीछे June 06, 2020 at 02:15PM

इन दिनों दुनियाभर में चर्चित अमेरिका का मिनियापोलिस शहर लंबे समय से अश्वेतों पर पुलिस की नृशंसता के खिलाफ लामबंद है। यहां 25 मई को अश्वेत जार्ज फ्लायड की गोरे पुलिस अफसर ने गला घोटकर हत्या कर दी थी। इसके बाद सैकड़ों शहरों में हिंसक उपद्रव भड़क गए। कई वर्ष से मिनियापोलिस के एक्टिविस्ट और कुछ संगठन पुलिस अत्याचारों के खिलाफ मुहिम चला रहे हैं।

एक्टिविस्ट का तर्क है कि पुलिस कर्मियों को दंड ना मिलने के कारण बार-बार ऐसी घटनाएं हो रही हैं। मैपिंग पुलिस वायोलेंस संगठन के अनुसार अमेरिका में 2013 से 2019 के बीच हत्याओं में शामिल 99% पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अदालत में मामले पेश नहीं किए गए।

एक्टिविस्ट ने सिटी कौंसिल, राज्य विधानसभा में अपनी बात पहुंचाई है। आगाह किया है कि यदि रंगभेद, आर्थिक असमानता और पुलिस के आक्रामक रवैये में सुधार नहीं किया गया तो स्थिति विस्फोटक हो सकती है। एक्टिविस्ट सांद्रा रिचर्डसन बताती हैं, कि मिनियापोलिस के लोग कहते हैं कि हम जैसे बारूद के ढेर पर बैठे हैं।

सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है कि अश्वेतों की हत्या करने वाले पुलिस अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए। मिनियापोलिस आग्सबर्ग यूनिवर्सिटी में इतिहास के प्रोफेसर विलियम ग्रीन का कहना है, जब तक पुलिस विभाग की जवाबदेही तय नहीं होगी, कुछ नहीं होने वाला है।

2014 में पुलिस द्वारा दो अश्वेतों-एरिक गारनर और माइकेल ब्राउन की हत्या के बाद शुरु हुए ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन में मिनियापोलिस के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। मिनेसोटा शहर में 2015 और 2016 में पुलिस की गोली से दो अश्वेतों-जमार क्लार्क, फिलेंडो केसिलो की मौत के बाद जबर्दस्त प्रदर्शन हुए।

दोनों मामलों में किसी पुलिस अधिकारी को सजा नहीं हुई। लेकिन इन घटनाओं ने लोगों को संगठित किया है। रिक्लेम दा ब्लॉक ग्रुप ने सिटी कौंसिल से पुलिस बजट में चार करोड़ 50 लाख डॉलर की कटौती कर इस धन को अश्वेतों पर खर्च करने की मांग की है।

अमेरिका में अश्वेतों से जुड़ा वो सबकुछ जो आपको जानना चाहिए

1. दुनिया भर में अश्वेत प्रदर्शन क्यों हो रहे हैं?

46 वर्षीय अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड को 25 मई को अमेरिका के मिनियापोलिस में एक दुकान के नकली बिल का इस्तेमाल करने के संदेह में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें पुलिस अधिकारी को घुटने से आठ मिनट तक जॉर्ज फ्लॉयड की गर्दन दबाते हुए देखा गया। वीडियो में जॉर्ज कहते हैं- मैं सांस नहीं ले सकता (आई कांट ब्रीद)। बाद में फ्लॉयड की मौत हो गई।

2. प्रदर्शनों का नेतृत्व कौन सा संगठन कर रहा है?

ट्रंप प्रशासन कट्‌टर वामपंथी संगठन एंटिफा को इस पूरे प्रदर्शन और तोड़फोड़ के लिए दोषी मान रहा है। राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में ट्वीट कर एंटिफा को आतंकी संगठन घोषित करने की बात कही है। हालांकि मिनीसोटा के एटॉर्नी जनरल कीथ एलिसन का मानना है कि इस बारे में सही ढंग से कोई नहीं जानता।

3. ऐसे समझिए अमेरिका में अश्वेतों की स्थिति

अमेरिका के अश्वेतों और श्वेतों की बेरोजगारी, प्रति व्यक्ति आय और उनकी संपत्ति के आधार पर तुलना में यह बात सामने आई है कि आज भी अश्वेत, श्वेतों की तुलना में बहुत पिछड़े हैं। उनकी औसत घरेलू आय लगभग 40 प्रतिशत कम है। अश्वेतों की घरेलू औसत आय लगभग 31 लाख प्रतिवर्ष है। वहीं श्वेतों की आय लगभग 53.65 लाख प्रतिवर्ष है। ऐसे ही अमेरिकी श्रम विभाग की 2020 की रिपोर्ट के अनुसार बेरोजगारी दर भी श्वेतों की तुलना में 2.5 प्रतिशत ज्यादा है। श्वेतों के पास औसत संपत्ति लगभग दस गुना अधिक है।

व्यवसाय: केवल 9 प्रतिशत हिस्सेदारी कुल व्यापार में

सेंसस ब्यूरो ऑफ अमेरिका द्वारा 2019 में जारी रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2012 तक अमेरिका के कुल बिजनेस में से 9 प्रतिशत में हिस्सेदारी अफ्रीकन अमेरिकन की थी। अमेरिकी में वर्ल्ड वाइड टेक्नोलॉजी, विस्टा इक्विटी पार्टनर्स, एसीटी-1 ग्रुप्स, ब्रिजवाटर इंटीनिरयर्स, एलएलसी, कोका-कोला बेवरेज और द बॉटम लाइन जैसी कंपनियों के मालिक भी अफ्रीकी अमेरिकी लोग हैं।

सेहत: श्वेत की तुलना में औसतन 4 वर्ष कम जीते हैं

अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विस ऑफ माइनोरिटी हेल्थ में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2015 में अश्वेत व्यक्ति की जीवन प्रत्याशा लगभग 76.1 वर्ष थी जबकि श्वेतों में यह आंकड़ा 79.8 वर्ष है। यानी अफ्रीकी अमेरिकियों में मृत्यु दर श्वेतों की तुलना में अधिक है। इसमें हार्ट से जुड़ी बीमारियां, स्ट्रोक, कैंसर, अस्थमा, इन्फ्लुएंजा, डाइबिटीज, एचआईवी एड्स और हत्याएं शामिल हैं ।

वो अफ्रीकी अमेरिकी जिन्होंने अमेरिका के नाम को मजबूत किया

राजनीति: बराक ओबामा
अमेरिका के 44वें राष्ट्रपति के रूप में पहले अश्वेत नागरिक। लगातार दो बार राष्ट्रपति रहे। अच्छे कार्यों के लिए इन्हें शांति का नोबेल पुरस्कार मिला।

एक्टिविस्ट : मार्टिन लूथर
अमेरिकी इतिहास में महानतम सिविल राइट एक्टिविस्ट, में से एक। मंत्री भी रहे। अमेरिका में अश्वेतों को अधिकार दिलाने के लिए जाना जाता है।

संगीत: माइकल जैक्सन
इन्हें किंग ऑफ पॉप के नाम से जाना जाता है। इनके एल्बम थ्रिलर की 10 करोड़ से अधिक कॉपियां बिकीं। यह सर्वाधिक बिकने वाला एल्बम रहा।

स्त्रोत: यूएस डिपार्टमेंट ऑफ लेबर 2020, यूएस सेंसस ब्यूरो, स्टैटिस्टिका और फेडरल रिजर्व सर्वे ऑफ कंज्यूमर फाइनेंस 2016



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यह फोटो ‘द सॉइलिंग ऑफ ओल्ड ग्लोरी’ शीर्षक से चर्चित है। फोटो जर्नलिस्ट स्टेनली फोरमैन ने 5 अप्रैल 1976, को बोस्टन में इसे तब खींचा जब श्वेत और अश्वेत बच्चों के लिए अलग बसें चलाने को लेकर प्रदर्शन चल रहा था। 1977 में इस फोटो के लिए स्टेनली को स्पॉट फोटोग्रॉफी के लिए पुलित्जर पुरस्कार प्रदान किया गया था।

चीन के खिलाफ अमेरिका समेत 8 देशों के सांसदों ने गठबंधन बनाया, कहा- यह देश मानवाधिकार और ग्लोबल ट्रेड के लिए खतरा June 06, 2020 at 04:57AM

दुनियाभर में वुहान शहर से कोरोनावायरस फैलने के कारणचीन अमेरिका समेत कई देशों केनिशाने पर है। अब 8 देशों के वरिष्ठ सांसदों नेउसे घेरने के लिए शुक्रवार कोएक गठबंधन बनाया। इन नेताओं काकहना है कि चीन मानवाधिकारों, ग्लोबल ट्रेड और सुरक्षा के लिए खतरा बनता जा रहाहै। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, अलायंस ने कहा है कि हमारा उद्देश्य चीन से जुड़े मुद्दों पर एक होकर सक्रिय और रणनीतिक तैयारी करनाहै।

इस गठबंधन में अमेरिका के रिपब्लिकन सीनेटर मार्को रुबियो और डेमोक्रेट बॉब मेनेन्डेज, जापान के पूर्व विदेश मंत्री जेन नाकातानी, यूरोपीय संसद में विदेशी मामलों की कमेटी के मेंबर मिरयम लेक्समैन और ब्रिटेन मेंकंजरवेटिव पार्टी के सांसद इयान डंकन स्मिथ शामिल हैं। इसके अलावा जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, स्वीडन और नार्वे के नेता भी गठबंधन के साथ हैं।

चीन दादागिरी वाला रवैया अपनाता है
जिन देशों के सांसदों ने गठबंधन बनाया, उनमें से कई देशों को चीन की महत्वाकांक्षाओं के चलते राजनीतिक और आर्थिक परिणाम झेलने पड़े हैं।

  • कनाडा में चीन की हुवेई टेक्नोलॉजी कंपनी का एक एग्जीक्यूटिव गिरफ्तार हुआ तो चीन ने 2 कनाडाई नागरिकों कोबिना किसी टॉयल के हिरासत में ले लिया था।
  • नॉर्वे और चीन के कारोबारी रिश्ते 6 साल से बेपटरीहैं। नार्वे ने चीनी सरकार के आलोचक को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया तो चीन ने उसके साथ धीरे-धीरे ट्रेडकम कर दिया।
  • ऑस्ट्रेलिया ने जब कोविड-19 महामारी के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया तो चीन ने ऑस्ट्रेलियाई जौ पर नए टैरिफ लगाए। कुछ किस्मके मांस के आयात पर प्रतिबंध भी लगा दिए।


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21 मई 2020 की यह फोटो बीजिंग में वुमेन गेट पर चीनी सेना के मार्च के वक्त की है। -फाइल

Twenty-six massacred in central Mali June 06, 2020 at 03:48AM

Twenty-six people were killed in an attack on a village in central Mali, officials said Saturday, in the latest violence to hit the West African nation.

ट्रम्प ने रोजगार रिपोर्ट पर बात करने के दौरान कहा- फ्लॉयड के लिए यह महान दिन; लोग बोले- यह अश्वेत जॉर्ज का अपमान June 06, 2020 at 02:15AM

अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयडकी मौत के बाद भड़के प्रदर्शनों को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर हवा दे दी। उन्होंने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस मेंरोजगार रिपोर्ट पेश करने के दौरानकहा कि यह जॉर्ज के लिए महान दिन है। उम्मीद है किवे अभी नीचे देख रहे होंगे और कह रहे होंगे कि हमारे देश में जो कुछ भी हो रहा है, वह काफी अच्छा है। यह सभी के लिए महान दिन है। यह समानता के लिहाज से भी देश के लिए महान दिन है। ट्रम्प ने आगे कहा कहा कि हम सबने देखा कि पिछले हफ्ते क्या हुआ। हम आगे ऐसा नहीं होने दे सकते।

ट्रम्प की फ्लॉयड पर बयान परलोगों ने नाराजगी भी जताई। कहा कि राष्ट्रपतिने ऐसा कहकर फ्लॉयड का अपमान किया है। 25 मई को मिनेपोलिस में एक पुलिस ऑफिसर नेफ्लॉयड की गर्दन घुटनेसे 8 मिनट तक दबाई थी। बेहोश होने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था। इसके बाद से वहां पिछले 11 दिनोंसे प्रदर्शन जारी है।

क्यों पैदा हुई भ्रम की स्थिति?
ट्रम्प ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस में देश की रोजगार की स्थिति को लेकर पेश की गई रिपोर्ट के बारे में बातचीत करनी थी। इस रिपोर्ट में मई में देश में रोजगार बढ़ने की बात कही गई थी। ट्रम्प ने अचानक सामाजिक समानता का मुद्दा उठाते हुए फ्लॉयड को लेकर टिप्पणी कर दी। ऐसे में लोग यह समझ नहीं पाएकि ट्रम्प क्या कहना चाहते हैं। वे इस रिपोर्ट से फ्लॉयड के खुश होने की बात कह रहे हैं या प्रदर्शनकारियों पर अमेरिकी सरकार की कार्रवाई से।

व्हाइट हाउस ने सफाईदी

व्हाइट हाउस ने ट्रम्प के बयान पर लोगों की ओर से नाराजगी जाहिर करने पर सफाई दी। व्हाइट हाउस के सीनियर कम्युनिकेशन एडवाइजर बेन विलियम्सन ने ट्वीट किया, ‘‘राष्ट्रपति ट्रम्पके ‘महान दिन’ वाले बयान को गलत विवादित ढंग से फ्लॉयड की मौत और देश की अर्थव्यवस्था से जुड़ी एक खबरसे जोड़कर देखा गया। व्हाइट हाउस इस तरह का अर्थ निकालने को झूठा करार देता है। राष्ट्रपति की बात सेयह स्पष्ट था कि वेकानून के तहत सभी को मिले समान न्याय और हक की बात कर रहे थे।



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अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत को लेकर पिछले 11 दिनो से प्रदर्शन जारी है। शुक्रवार को कैलिफोर्निया में लोगों ने सड़क पर 8 मिनट 46 सेकेंड लेटकर उन्हें याद किया। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के फ्लॉयड से जुड़े एक बयान की भी आलोचना हो रही है।

Indonesian army helicopter crashes, killing 3, report says June 06, 2020 at 02:01AM

An Indonesian army helicopter crashed in Central Java province on Saturday, killing three of the nine passengers on board, a TV report said.

German lawmakers criticize reported US troop withdrawal plan June 06, 2020 at 12:33AM

US envoy Zalmay Khalilzad to travel to Qatar, Pakistan and Afghanistan June 05, 2020 at 11:41PM

"The primary focus of Ambassador Khalilzad's trip is to obtain agreement between the Afghan parties on the practical next steps necessary for a smooth start to intra-Afghan negotiations," an official statement said.

President Jair Bolsonaro threatens to pull Brazil from WHO June 06, 2020 at 12:47AM

President Jair Bolsonaro threatened Friday to withdraw Brazil from the World Health Organization, following in the footsteps of his US counterpart, Donald Trump, accusing it of "ideological bias.".

China accords highest level of protection to pangolins after Covid-19 June 06, 2020 at 12:11AM

China has upgraded the protection of the pangolin, believed to be the intermediate host of the coronavirus, to that of the first-class protected animals on par with the endangered species like giant pandas. ​​Pangolin meat is viewed as a delicacy in China and its scales are commonly used in traditional Chinese medicines to promote lactation and cure impotence resulting in the massive poaching of the mammal.

सुनसान पड़े कराची के वो दो इलाके, जहां अंडरवर्ल्ड डॉन के घर बताए जाते हैं; पाकिस्तान में दाऊद इब्राहिम की मौत के निशान नदारद June 06, 2020 at 12:18AM

एक ओर जहां सरहद पार भारतीय मीडिया में दाऊद इब्राहिम की मौत को लेकर चर्चा जोरों पर है, वहीं यहां पाकिस्तान में इसे लेकर सन्नाटा है।
क्लिफ्टन और डीएचए, कराची के जिन दो इलाकों में अंडरवर्ल्ड डॉन के घर बताए जाते हैं, वहां कोई आम दिनों से इतर हलचल देखने में नहीं आई है। खासकर तब से जब सिंध सरकार ने मैट्रो शहर में स्मार्ट लॉकडाउन लगाने का ऐलान किया है।

स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने भी दावा खारिज किया

भारतीय मीडिया में आई रिपोर्ट की मानें तो दाऊद को कोरोना संक्रमण हुआ है और उसे कराची के किसी अस्पताल में ले जाया गया है। हालांकि, सिंध की इस राजधानी में स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़े आला अफसर इस रिपोर्ट से इत्तेफाक नहीं रखते। सिंध सरकार के एक अधिकारी के मुताबिक, सिंध सरकार कोरोना को लेकर सभी एहतियात रख रही है। उनका यह भी कहना है कि दाऊद को कराची के किसी भी अस्पताल में बतौर कोरोना मरीज भर्ती नहीं करवाया गया है।

मीडिया को सरकार से दाऊद की खबर का निर्देश नहीं मिला

कुछ भारतीय न्यूज चैनल का दावा है कि पाकिस्तान मीडिया ने दाऊद से जुड़ी खबर दिखाई है,जबकि यह समझना होगा कि पाकिस्तान का मीडिया काफी हद तक सेना और सरकार के कब्जे में है।जियो टीवी और दुनिया टीवी में काम कर रहे दो सीनियर जर्नलिस्ट के मुताबिक, भारत-चीन विवाद को लेकर क्या कवर करना है और क्या नहीं इसे लेकर उन्हें बताया गया है,लेकिन दाऊद को लेकर नहीं। उनके मुताबिक भारतीय मीडिया के दावों को लेकर वे सब्र रखते हैं, क्योंकि पाकिस्तान से जुड़े उनके ज्यादातर दावे मनगढ़ंत निकलते हैं।

सोशल मीडिया पर भी दाऊद की खबर ने जोर नहीं पकड़ा

पाकिस्तान की सोशल मीडिया ने भी दाऊद से जुड़ी खबरों को नजरअंदाज ही किया है। कुछ यूजर्स ने तो भारतीय मीडिया की खबरों का मजाक भी उड़ाया और कहा है कि भारतीय मीडिया ने दाऊद को पांचवी बार मार डाला। हालांकि, दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान ट्विटर के टॉप-10 ट्रेंड में भी जगह नहीं बना पाया है।

पाकिस्तानी अफसर कहते हैं- दाऊद दुबई चला गया

दाऊद भारत का मोस्ट वॉन्टेड आतंकी है, जिसकी 1993 के मुंबई दंगो में अहम भूमिका रही है। पिछले कुछ सालों में उसके पाकिस्तान में होने की खबर आई हैं। हालांकि, सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि वह पाकिस्तान में नहीं रहता और कई साल पहले दुबई शिफ्ट हो गया है। पिछले साल ब्रिटिश कोर्ट ने कहा था कि दाऊद पाकिस्तान में रहता है, लेकिन विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस दावे का खंडन किया था।



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Dawood Ibrahim House In Karachi Updates From Pakistan | Pak Senior TV Journalists Discuss Underworld Don Death Over Coronavirus Rumors, and India China Ladakh Border

श्वेत अफसर के दबोचने से अश्वेत फ्लॉयड की मौत का वीडियो दुनियाभर में देखा गया; घटना से ज्यादातर अमेरिकियों में डर, पहले भी ऐसी घटनाएं होती रही हैं June 05, 2020 at 11:44PM

पुलिस अफसर डेरेक चॉविन ने अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की गर्दन को 8 मिनट 46 सैंकेंड तक घुटने से दबाए रखा। आखिरी दो मिनट में फ्लॉयड की मौत हो चुकी थी। इस घटना के वीडियो को दुनियाभर में लाखों लोग देख चुके हैं। कई अमेरिकियों के लिए ये घटना डरावनी भी थी और वे ऐसी घटनाओं से वाकिफ भी थे।

अफ्रीकन मूल के लोगों से अमेरिका में ज्यादती होती रही है
ये घटना डरावनी इसलिए थी, क्योंकि फ्लॉयड जिंदगी की गुहार लगा रहा था। वह कह रहा था कि सांस नहीं ले पा रहा है। वह अपनी मां को पुकार रहा था। लेकिन चॉविन इससे बेअसर था, मानो उसे फ्लॉयड के दर्द का अहसास ही नहीं हो। ये घटना जानी-पहचानी इसलिए थी अमेरिका में गोरे पुलिस अफसरों की ज्यादती से अफ्रीकन मूल के लोगों की जान जाने की घटनाएं पहले भी होती रही हैं।

पिछले साल अफ्रीकियों से ज्यादती के 259 केस हुए
मैपिंग पुलिस वायलेंस प्रोजेक्ट के मुताबिक अमेरिका में 2013 से 2019 के बीच पुलिस की ज्यादती से 1,945 अफ्रीकन-अमेरिकन मारे गए। 2019 में ऐसे 259 मामले हुए। मिनियापोलिस शहर की आबादी में अफ्रीकन-अमेरिकन की संख्या सिर्फ 19% है, लेकिन वहां के लोगों के खिलाफ पुलिस की ज्यादती के 58% मामलों में अफ्रीकन-अमेरिकन ही पीड़ित होते हैं। अमेरिका के ज्यादातर शहरों में भी ऐसा ही देखा जाता है।

अफ्रीकियों से नफरत सदियों से चली आ रही
एक्सपर्ट का मानना है कि रंगभेद अमेरिका के संस्थानों और वहां की संस्कृति का हिस्सा रहा है। ये वाकई सही बात है, ऐसा नहीं है कि रंगभेद का वायरस अचानक आ गया हो। अफ्रीकियों से नफरत सदियों से चली आ रही है, यूरोपियन और अफ्रीकन के बीच हुए संघर्ष इसका उदाहरण है। यूरोपियन काले अफ्रीकियों को नीचा दिखाने और अमानवीय वर्ताब करने का कोई मौका नहीं छोड़ते थे ताकि उन्हें गुलामों की तरह रख सकें।

अमेरिका में अफ्रीकियों से हर क्षेत्र में भेदभाव
गुलामी का दौर खत्म होने और अफ्रीकन-अमेरिकन के इससे आजाद होने के बाद भी कई गोरे लोग अफ्रीकियों को कमतर समझते हैं। वे मानते हैं कि अफ्रीकन-अमेरिकन दिमाग और व्यवहार में जन्मजात कमजोर होते हैं। वे ज्यादा आक्रामक, हिंसक और आपराधिक व्यवहार वाले भी होते हैं। इस सोच की वजह से अफ्रीकन-अमेरिकन के साथ हाउसिंग, हेल्थकेयर और एजुकेशन तक में भेदभाव होता है। इन मामलों से ये समझ आता है कि अफ्रीकन-अमेरिकन पुलिस के हाथों क्यों मारे जाते हैं।

(हेमंत शाह यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन-मेडिसन के स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन के डायरेक्टर हैं।)



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जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के विरोध में अमेरिका में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। ये तस्वीर वॉशिंगटन में व्हाइट हाउस के सामने प्रदर्शन कर रहे लोगों की है।

अब आरोपी की गर्दन नहीं पकड़ सकेंगे मिनेपोलिस के अफसर; जॉर्ज की बेटी ने कहा- पिता ने दुनिया बदल दी June 05, 2020 at 09:03PM

अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद अब मिनेसोटा राज्य के मिनेपोलिस शहर की पुलिस किसी आरोपी को गर्दन से नहीं पकड़ सकेगी। इस पर बैन लगा दिया गया है। फ्लॉयड की मौत उनकी गर्दन पर पुलिस अफसर के घुटने से पड़े दबाव की वजह से ही हुई थी। जॉर्ज मिनेपोलिस शहर के ही रहने वाले थे। यहां के मेयर जैकब फ्रे ने कहा- हमें सुधारों की सख्त जरूरत है।

बेटी का वीडियो वायरल
जॉर्ज की 6 साल की बेटी गियाना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें वो पूर्व एनबीए प्लेयर स्टीफन जैक्सन के कंधे पर बैठी नजर आ रही है। जैक्सन जॉर्ज के करीबी दोस्त हैं। वीडियो मिनेपोलिस में हो रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान का है। इसमें गियाना कहती है- मेरे पापा (डैडी) ने दुनिया बदल दी। जैक्सन इसका समर्थन करते हैं। बहरहाल, अमेरिका में जॉर्ज को इंसाफ दिलाने के लिए प्रदर्शन जारी हैं। यहां कुछ तस्वीरें.... । लेकिन, उससे पहले नन्हीं गियाना का यह दिल छू लेने वाला वीडियो। जिसमें वो कहती है- पापा ने दुनिया बदल दी।

मिनेसोटा के मिनेपोलिस शहर में जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या हुई थी। यहीं विरोध प्रदर्शन सबसे ज्यादा हो रहे हैं। शुक्रवार को भी यहां लोगों ने रैली निकाली। इसमें श्वेत और अश्वेत दोनों समुदायों के लोग शामिल हुए।
ब्रोंक्स में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच बहस हुई। इसके बाद पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। यहां नेशनल गार्ड्स के हेलिकॉप्टर्स भी आसमान से नजर रख रहे थे।
मैनहट्टन में पुलिस ने सख्ती दिखाई। यहां कुल लोग बैनर और पोस्टर लेकर मार्च निकाल रहे थे। पुलिस ने इन पर बल प्रयोग किया। यहां कुल 19 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया।
तस्वीर मिनेपोलिस की है। यहां जॉर्ज फ्लॉयड का एक स्केच बनाकर रखा गया है। इस पर लोग फूल रखकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। कुछ मैसेज भी यहां लिखे गए हैं।
यह तस्वीर भी मिनेपोलिस शहर की है, जहां जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या हुई थी। लोगों ने सड़क पर ही पहले बेस पेंट किया और बाद में उस पर जॉर्ज की तस्वीर बना दी।
तस्वीर बोस्टन की है। यहां मेन रोड पर लोग रैली निकाल रहे थे। इसी दौरान करीब के घरों में मौजूद लोग भी प्लेकार्ड्स और बैनर लेकर बाहर निकले। इन लोगों ने भी जॉर्ज के लिए इंसाफ की मांग की।
फ्लॉयड के पहले मेनुएल एलिस की नाम के एक अश्वेत की मौत भी पुलिस के हाथों हुई थी। शुक्रवार को वॉशिंगटन में लोगों ने जॉर्ज के साथ एलिस को भी इंसाफ दिलाने के लिए आवाज बुलंद की।
यह तस्वीर भी वॉशिंगटन की है। शुक्रवार रात यहां अलग-अलग स्थानों पर जॉर्ज और एलिस को इंसाफ दिलाने के लिए लोग शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए से सड़कों पर उतरे।
तस्वीर वॉशिंगटन के टकोमा की है। यहां अश्वेतों की बड़ी आबादी है। जॉर्ज को इंसाफ दिलाने के लिए लोग सड़कों पर उतरे। एक दौरान एक शख्स ने अमेरिकी झंडे को चेहरे पर मास्क के तौर पर लपेट लिया। इस पर लिखा था- आई कान्ट ब्रीद। यानी मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं।
न्यूयॉर्क के सामने दोहरी परेशानी है। यहां महामारी का खतरा बना हुआ है। दूसरी तरफ जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। यहां रात का कर्फ्यु भी लगा हुआ है। शुक्रवार रात जब कर्फ्यु तोड़कर विरोध प्रदर्शन हुए तो पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में ले लिया।
जी हां, रंग भेद गलत है। मिनेपोलिस में जब जॉर्ज को इंसाफ दिलाने के लिए मुख्य सड़क पर प्रदर्शनकारी मार्च निकाल रहे थे. उसी वक्त अपने घर के बाहर यह बच्ची यह प्लेकार्ड लेकर खड़ी थी। इस पर लिखा था- मैं अश्वेत हूं और इस पर मुझे गर्व है।
कैलिफोर्निया के सांता मोनिका बीच पर लोग समंदर कि किनारे ठंडी लहरों का आनंद लेने निकले। लेकिन, दिमाग में जॉर्ज को इंसाफ दिलाने का जुनून है। शुक्रवार शाम की तस्वीर यही कहानी बयां करती है।
तस्वीर कैलिफोर्निया की है। सांता मोनिका में एक विरोध प्रदर्शन और रैली हुई। इसमें सैकड़ों लोग जुटे। इस दौरान यह लड़की इस अंदाज में नजर आई। उसके मास्क पर लिखा था- नस्लभेद खत्म किया जाना चाहिए।
वॉशिंगटन में बारिश और खराब मौसम भी प्रदर्शनकारियों के हौसले नहीं डिगा सका। जॉर्ज को न्याय दिलाने की मांग को लेकर प्रदर्शन चल रहा था। तभी तेज बारिश शुरू हो गई। पुलिस ने हटाने की कोशिश की तो कुछ लोग सड़कों पर ही लेट गए।


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जिंदा रहने के लिए सांस जरूरी है। जॉर्ज इसलिए दुनिया में नहीं है क्योंकि एक हैवान पुलिस अफसर ने उससे ईश्वर और प्रकृति का दिया यह अधिकार छीन लिया था। एक अश्वेत की रखवालों के हाथ मौत ने अमेरिका, दुनिया और इंसानियत को झकझोर दिया। कोई इंसान किसी दूसरे से सांस लेने का हक कैसे छीन सकता है। यही सवाल हुक्मरानों से पूछा जा रहा है। तस्वीर वॉशिंगटन की है। शुक्रवार को यहां जॉर्ज को इंसाफ दिलाने की मुहिम के तहत लगातार 10वें दिन विरोध प्रदर्शन हुए। इस दौरान हाथ में प्लेकार्ड लिए महिला।

Pakistan Army claims to shoot down ‘Indian spying quadcopter' along LoC June 05, 2020 at 08:18PM

The Pakistan Army on Saturday claimed to have shot down an "Indian spying quadcopter" allegedly intruding across the Line of Control (LoC). ​​Military spokesman Major General Babar Iftikhar said that the mini copter violated the country's airspace in Khanjar sector of the LoC. "The quadcopter had intruded 500 metres on Pakistan's side of the LoC,” he said in a statement.