Wednesday, May 6, 2020

The magic word for Detroit automakers is trucks May 06, 2020 at 07:51PM

The coronavirus pandemic brought the US auto industry to its knees, but Americans' love affair with beefy pickup trucks is helping the Detroit automakers get on the road to recovery.

First time since 1904: New York's 'lifeline' subway halts 24-hour service May 06, 2020 at 06:50PM

The closures from 1:00 am to 5:00 am are aimed at eliminating traces of the potentially fatal virus from the subway's 6,500 wagons -- using every cleaning technique from basic sanitizer to ultra-violet lamps.

ट्रम्प ने ईरान पर हमला करने से रोकने वाले प्रस्ताव को वीटो किया, बोले- यह अपमानजनक था; इसे डेमोक्रैट्स ने राष्ट्रपति चुनाव को देखते हुए पेश किया था May 06, 2020 at 07:13PM

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कांग्रेस (संसद) में पास हो चुके एक प्रस्ताव के खिलाफ अपने वीटो पावर का इस्तेमाल किया है। ट्रम्प ने बुधवार को खुद अपने वीटो पावर के इस्तेमाल की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मैंने ईरान के खिलाफयुद्ध शक्तियों के इस्तेमालसे संबंधित प्रस्ताव को वीटो किया है। इसमें मुझे दुश्मनी के बावजूद ईरान के खिलाफ अमेरिका के सशस्त्र बलों का इस्तेमाल नहीं करने का निर्देश दिया गया था। उन्होंने कहा, यह एक अपमानजनक प्रस्ताव था। इसे डेमोक्रैट्स ने 3 नवम्बर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को देखते हुए पेश किया था। यह रिपब्लिकन पार्टी को बांटकर चुनाव में जीत हासिल करने की उनकी (डेमोक्रैट्स) रणनीति का हिस्सा था।

अमेरिका ने इस साज जनवरी में एक हवाई हमले में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी को मार गिराया था। इसके बाद दोनों देश के बीच तनाव बढ़ गए थे। जवाब में ईरान ने अमेरिकी सैन्य बेस पर रॉकेट दागे थे। इसके बाद ट्रम्प ने ईरान पर हमले की चेतावनी दी थी। ट्रम्प को हमले से रोकने के लिए यह प्रस्ताव अमेरिकी संसद ने पारित किया था।

13 मार्च को पारित हुआ था प्रस्ताव
अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा में इस साल 13 मार्च में मंजूरी मिली थी। प्रस्ताव के पक्ष में 227 और विरोध में 186 वोट पडे़। प्रस्ताव के मुताबिक, संसद की मंजूरी के बिना ईरान पर सैन्य कार्रवाई नहीं की जा सकती थी। उच्च सदन सीनेट में यह प्रस्ताव पहले ही पारित हो चुका थास। प्रतिनिधि सभा में डेमोक्रेट नेता स्टेनी हॉयर ने कहा था कि कई देश हैं, जहां एक व्यक्ति फैसले लेता है। उन्हें तानाशाह कहा जाता है। हमारे देश के निर्माता नहीं चाहते थे कि अमेरिका को तानाशाह चलाएं।
सातवीं बार किया वीटो पावर का इस्तेमाल
यह सातवीं बार है जब ट्रम्प ने अपना वीटो पावर लगाया है। ट्रम्प ने मेक्सिको सीमा पर बनी दिवार के लिए धन नहीं देने के कांग्रेस के फैसले के खिलाफ पहली बार वीटो जारी किया था। उन्होंने उस समय दिवार न देने के कांग्रेस के फैसले को लापरवाह और खतरनाक बताया था। वे सऊदी अरब को अमेरिकी सेना की मदद देने के प्रस्ताव को भी वीटो कर चुके हैं। अमेरिका ने यमन नागरिक युद्ध में सऊदी अरब की मदद के लिए अमेरिका के सैनिकों को भेजने की बात कही थी। इसके बाद यह प्रस्ताव अमेरिकी संसद में पारित हुआ था। इन दो मौकों के अलावा भी ट्रम्प पांच पर अपने वीटो पावर का इस्तेमाल कर चुके हैं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प बुधवार को नर्सों के सम्मान में जारी घोषणापत्र दिखाते हुए। उन्होंने अमेरिकी संसद में पारित एक प्रस्ताव के खिलाफ अपने वीटो पावर का इस्तेमाल किया।

ट्रम्प ने कहा- कोरोना पर्ल हार्बर पर हुए हमले से भी बुरा संकट, यह चीन से ज्यादा हमारा दुश्मन May 06, 2020 at 06:21PM

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कोरोनावायरस को लेकर फिर चीन पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि यह महामारी पर्ल हार्बर पर हुए हमले से भी बुरा संकट है। महामारीचीन से ज्यादा अमेरिका का बड़ा दुश्मन है। जापानियों ने दो दशक पहले जितना नुकसान नहीं पहुंचाया, महामारी ने अमेरिका को उससेकहीं ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। जापान ने द्वितीय विश्वयुद्ध के समय 7 दिसंबर 1941 को पर्ल हार्बर पर हमला किया था, जिसमें करीब ढाई हजार अमेरिकियों की जान गई थी।

अमेरिका महामारी को लेकर चीन के खिलाफ कठोर कार्रवाई की बात कर रहा है। वहीं, चीन का कहना है कि अमेरिका महामारी से निपटने में अपनी असफलताओं से लोगों का ध्यान भटकाना चाहता है। वायरस की शुरुआत चीन के वुहान शहर से हुई थी। इससे अमेरिका में अब तक 12 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं, जबकि 75 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं।

अदृश्य दुश्मन को युद्ध की तरह ही देखता हूं:ट्रम्प
ट्रम्प ने बुधवार को व्हाइट हाउस में कहा कि यह हमारे देश पर हुआ अब तक का सबसे बुरा हमला है। यह पर्ल हार्बर और वर्ल्ड ट्र्रेड सेंटर पर हुए हमले से भी बुरा है। ऐसा हमला पहले कभी नहीं हुआ और ऐसा होना भी नहीं चाहिए था। इसे वहीं रोका जा सकता था, जहां से इसकी शुरुआत हुई। लेकिन चीन ने ऐसा नहीं किया। मैं नहीं जानता यह यहां कैसे पहुंचा। मैं किसी अदृश्य दुश्मन को युद्ध की तरह ही देखता हूं।

माइक पोम्पियो ने भी चीन पर आरोप लगाए

ट्रम्प के साथ-साथ विदेश मंत्री माइक पोम्पियो भी चीन पर जानकारी छुपाने का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने बुधवार को कहा कि कोरोना वुहान के लैब से ही निकला है। उन्होंने बीबीसी से कहा कि हम इसे लेकर निश्चित नहीं हैं, लेकिन हमारे पर इसके पर्याप्त सुबूत हैं कि वायरस लैब से निकला है। उन्होंने कहा कि दोनों बातें सही है।

अमेरिकी विशेषज्ञ ने कहा- वायरस नेचर से विकसित हुआ

वहीं, चीन की सरकारी मीडिया ने माइक पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। अमेरिका के प्रमुख हेल्थ एक्सपर्ट एंथनी फॉसी ने भी सोमवार को कहा था कि कोरोनावायरस किसी लैब से नहीं बल्कि नेचर (प्रकृति) से विकसित हुआ है।

अमेरिका चीन पर आरोप क्यों लगा रहा?
अमेरिका में नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव होने वाला है। इस बार ट्रम्प को अमेरिका की गिरती अर्थव्यवस्था के चलते कड़ी टक्कर मिल सकती है। लेकिन कोरोना का मुद्दा गरमाने के बाद अर्थव्यवस्था का मुद्दा दब गया है। पिछले महीने के एक ओपिनियन पोल में यह बात सामने आई थी कि इस समय अमेरिका की दो-तिहाई आबादी चीन को लेकर नाराज है। साथ ही इतने ही लोग यह भी मानते हैं कि ट्रम्प ने महामारी से निपटने में देरी की है। इस बीच डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बिडेन इस मुद्दे को चुनाव में भुनाने में लगे हैं। वहीं, ट्रम्प उन्हें ‘बीजिंग बिडेन’ बोलकर चीन समर्थक बताने में लगे हैं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
व्हाइट हाउस में नेशनल नर्स डे पर एक कार्यक्रम में बोलते राष्ट्रपति ट्रम्प।

Know enough to be confident Covid-19 emerged out of Wuhan lab: Pompeo May 06, 2020 at 04:53PM

Bill introduced in US Congress to stop predatory acquisitions by China during Covid-19 pandemic May 06, 2020 at 04:37PM

अब तक 2.65 लाख जान गई: अमेरिका में मौतों का आंकड़ा 75 हजार के करीब; ट्रम्प ने कहा- टास्क फोर्स खत्म नहीं किया जाएगा May 06, 2020 at 04:55PM

दुनिया में कोरोनावायरस से अब तक दो लाख 65 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। 38 लाख 21 हजार 687 लोग संक्रमित हैं, जबकि 12 लाख 99 हजार 417 ठीक हो चुके हैं। यूरोप में सबसे ज्यादा 30 हजार लोगों की जान ब्रिटेन में गई है। इससे पहले यहां इटली पहले स्थान पर था। उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति ने बुधवार को कहा कि व्हाइट हाउस कोरोना टास्क फोर्स खत्म नहीं किया जाएगा। एक दिन पहले उन्होंने और उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने कहा था कि इसे खत्म कर अर्थव्यवस्था खोलने वाला ग्रुप बनाने की बात कही थी। लेकिन अब यह पैनल वक्सीन बनाने पर ध्यान केंद्रीत करेगा।

कोरोनावायरस : सबसे ज्यादा प्रभावित 10 देश

देश कितने संक्रमित कितनी मौतें कितने ठीक हुए
अमेरिका 12,63,092 74,799 2,12,981
स्पेन 2,53,682 25,857 1,59,359
इटली 2,14,457 29,684 93,245
ब्रिटेन 2,01,101 30,076 उपलब्ध नहीं
फ्रांस 1,74,191 25,809 53,972
जर्मनी 1,68,162 7,275 1,37,696
रूस 1,65,929 1,537 21,327
तुर्की 1,31,744 3,584 78,202
ब्राजील 1,26,611 8,588 51,370
ईरान 1,01,650 6,418 81,587

ये आंकड़ेhttps://ift.tt/37Fny4L से लिए गए हैं।


अमेरिका: एक दिन में 2073 मौतें
अमेरिका में 24 घंटे में 2073 लोगों की जान गई और 25 हजार 459 केस मिले। देश में अब मरने वालों की संख्या 74 हजार 799 हो गया है। वहीं, 12 लाख 63 हजार 92 संक्रमित हैं। न्यूयॉर्क के गवर्नर एंड्रयू क्यूमो ने बुधवार को बताया कि राज्य में एक दिन में 232 लोगों ने जान गंवाई है। इनमें 207 की मौत हॉस्पिटल में और 24 की नर्सिंग होम में हुई है। अब यहां संक्रमण और मौतों में कमी आ रही है।

कोरोना अब तक सबसे बुरा हमला: ट्रम्प
ट्रम्प ने बुधवार को कोरोना संक्रमण की तुलना पर्ल हार्बर पर हुए हमले से की। उन्होंने कहा कि यह अब तक देश पर हुआ सबसे बुरा हमला है। अगर चीन समय रहते कदम उठा लेता तो यह महामारी पूरी दुनिया को अपने चपेट में नहीं लेती। 7 दिसंबर 1941 को हुए इस हमले में करीब ढाई हजार अमेरिकियों की जान गई थी।

ब्रिटेन: 2 लाख से ज्यादा संक्रमित
ब्रिटेन में एक दिन में 649 लोगों की मौत हुई है और करीब पाांच हजार नए केस मिले हैं। इसके साथ ही देश में संक्रमितों की संख्या दो लाख से ज्यादा हो गई है। साथ ही 30 हजार 76 लोगों की जान जा चुकी है। देश में सोमवार से प्रतिबंधों में ढील दी जा सकती है।

इटली: मृतकों में लगातार कमी
इटली में 24 घंटे के दौरान 369 लोगों की मौत हुई है। नागरिक सुरक्षा विभाग ने बुधवार को कहा कि छह मई तक देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2 लाख 14 हजार 457 हो गई है। इटली यूरोप में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में से एक है। वहीं, सबसे ज्यादा मौत ब्रिटेन में हुई है।

आरोप लगाने के बजाए महामारी पर ध्यान दे अमेरिका: चीन
अमेरिका में चीनी राजदूत सुई तीआंकी ने अमेरिकी सरकार को आरोप-प्रत्यारोप लगाने का खेल बंद कर महामारी से निपटने की सलाह दी। उन्होंने कहा-चीन पर आरोप लगाना सही नहीं होगा, क्योंकि इससे महामारी के खिलाफ लड़ाई कमजोर होगी। हमेशा चीन को कोसने की प्रवृति राजनितिक लाभ के लिए की जाने वाली गंदी राजनीति है। महामारी से चीन सबसे पहले पीड़ित होने वाला देश था, इसलिएजिम्मेदार ठहराने का सवाल ही नहीं होता। यदि चीन को कोरोना से हुए नुकसान की भरपाई करनी होगी तो अमेरिका को भी 2008 में हुए वित्तीय संकट के लिए भरपाई करनी चाहिए।

सीरिया: प्रतिबंधों को हटाएगा
सीरिया प्रतिबंधों को हटाएगा। 10 मई से राज्यों में सार्वजनिक परिवहन की अनुमति दी जाएगी। स्कूल 31 मई से खोले जाएंगे। सरकार के कोरोना प्रतिक्रिया केंद्र ने बुधवार को बयान जारी कर कहा, "देश के सभी प्रांतों में सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में सभी प्रकार के सार्वजनिक परिवहन के संचालन को फिर से शुरू किया जाएगा। हालांकि, इस दौरानसोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जाएगा। सीरिया पश्चिमी एशिया में सबसे कम प्रभावित देशों में से एक है। यहां अभी तक 45 मामलों की पुष्टि हुई है औऱ तीन की मौत हुई है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
न्यूयॉर्क में लोगों ने स्वास्थ्यकर्मियों के लिए ताली बजाई। राज्य में अब संक्रमण और मौतों में कमी हो रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने नेतन्याहू को सरकार बनाने की अनुमति दी, 13 मई को लेंगे प्रधानमंत्री पद की शपथ May 06, 2020 at 04:52PM

इजराइल के सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री बेंजामीन नेतन्याहू कोबड़ी राहत दी है। कोर्ट ने बुधवार को उन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों के बावजूद सरकार बनाने की अनुमति दे दी। भ्रष्टाचार के आरोपों के आधार पर उन्हें अयोग्य घोषित करने के लिए दायर की गई याचिका भी खारिज कर दी गई। कोर्ट ने नेतन्याहूऔर पूर्व सेना प्रमुख बेनी गांत्ज के साथ सत्ता साझेदारी रोकने से भी इनकार कर दिया। दोनों नेताओं के बीच 18 महीने के अंतराल पर प्रधानमंत्री पद संभालने पर सहमति बनी है। नेतन्याहू 13 मई को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे।
कोर्ट से सरकार बनाने की मंजूरी मिलने के बाद नेतन्याहू लगातार चौथी बार प्रधानमंत्री बनेंगे। यह उनका प्रधानमंत्री के तौर पर पांचवा कार्यकाल होगा। उनके प्रधानमंत्री बनने का विपक्षी पार्टियां लगातार विरोध कर रही थीं।

चुनाव में नहीं मिली थी नेतन्याहू को जीत
मार्च में हुए संसदीय चुनाव हुए में नेतन्याहू महज तीन सीटों से बहुमत हासिल करने से चूक गए थे। देश की दो प्रमुख पार्टियों को गठबंधन सरकार बनाने के लिए पर्याप्त वोट नहीं मिले थे। नेतन्याहू की लिकुड पार्टी को 36 सीटें और उसकी (लिकुड पार्टी) की अगुआई वाले राइट विंग संगठन को 58 सीटें मिली थी। बेनी गांत्ज की ब्लू एंड व्हाइट पार्टी को 33 सीटें और उसकी (ब्लू एंड व्हाइट) अगुआई वाले वामपंथी गुट को 55 सीटें मिली थीं।120 सीट वाली इजराइल की संसद में बहुमत के लिए 61 सीटों की जरूरत होती है। इसके बाद भी दोनों गठबंधन सरकार बनाने के प्रयास में जुटे थे।
भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसे हैं नेतन्याहू
70 साल के नेतन्याहू इजराइल के सबसे लंबे समय तक रहने वाले प्रधानमंत्री हैं। उनके खिलाफ 17 मार्च से भ्रष्टाचार का मुकदमा शुरू हो रहा है। उन पर धोखाधड़ी, रिश्वत लेने और विश्वासघात के आरोप हैं। अगर वह सरकार बनाते हैं तो इजराइल के इतिहास में वे पहले ऐसे प्रधानमंत्री होंगे, जो भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सरकार बनाने में कामयाब हुए। वहीं, 60 साल के गांत्ज ने अपना राजनितिक करियर दिसंबर 2018 में शुरू किया था। इससे पहले वह 2011-15 के बीच इजराइल की मिलिट्री के चीफ रहे थे।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार बनाने की मंजूरी दी। देश की विपक्षी पार्टियां नेतान्याहू के प्रधानमंत्री बनने का विरोध कर रही हैं।

Germany, UK set to ease curbs as EU faces historic recession May 06, 2020 at 04:16PM

"We can say today that we have the very first phase of the pandemic behind us," Merkel said, but urged Germans to stick to social-distancing rules to stem the risks of a second wave of infections.

लॉकडाउन के दौरान भारतीयों का जोर कम्युनिकेशन स्किल्स बेहतर करने पर, इसके ऑनलाइन कोर्स में 606% की बढ़ोतरी May 06, 2020 at 02:29PM

लॉकडाउन और वर्क फ्रॉम होम के दौरान दुनियाभर के लोग अलग-अलग तरीकों से घर पर अपना समय बिता रहे हैं। कहीं लोग टिक-टॉक वीडियो बना रहे हैं तो कहीं ऑनलाइन कोर्स के जरिए नई-नई स्किल सीख रहे हैं। भारतीयों ने इस दौरान सबसे ज्यादा कम्युनिकेशन स्किल्स से जुड़े ऑनलाइन कोर्स में दाखिला लिया है। लॉकडाउन के दौरान इसमें 606%की बढ़ोतरी हुई है।

आमतौर पर भारतीयों की पहली भाषा अंग्रेजी नहीं होती है। लेकिन, बिजनेस से लेकर प्रोफेशनल दुनिया में अंग्रेजी की डिमांड रहती है। ऑनलाइन कोर्सेज में अंग्रेजी से लेकर अन्य कम्युनिकेशन स्किल्स सीखने पर भारतीयों का जोर ज्यादा है।

दुनियाभर में फाइनेंशियल एनालिसिस कोर्स की डिमांड 311%बढ़ी
स्पेन के लोग सबसे ज्यादा पियानो बजाना ज्यादा सीख रहे हैं। ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म यूडेमी ने ऑनलाइन एडमिशन के आधार पर वॉट द वर्ल्ड इज लर्निंग (फ्रॉम होम) नाम की रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में फाइनेंशियल एनालिसिस कोर्स की डिमांड 311% और बिजनेस फंडामेंटल कोर्स की मांग 280% बढ़ी है।

ऑनलाइन एनरोलमेंट में 200% की बढ़ोतरी हुई

ग्रोथ माइंडसेट, क्रिएटिविटी, इनोवेशन और इस तरह की सॉफ्ट स्किल्स की डिमांड भी बहुत बढ़ी है। कुल ऑनलाइन एनरोलमेंट में 200% की बढ़ोतरी हुई है। नौकरी जाने के डर और अनिश्चित प्रोफेशनल फ्यूचर को देखते हुए लोग अपनी क्षमताओं को बढ़ाने और नई चीजें सीखने पर ज्यादा जोर दे रहे हैं।

बिजनेस और सरकारों से उसके यूज में 80 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि हुई
लिंक्डइन वर्कफोर्स कॉन्फिडेंस इंडेक्स रिपोर्ट के मुताबिक, नौकरी खोजने वाले, कर्मचारियों और सेल्फ एम्प्लॉयड प्रोफेशनल में 65% से ज्यादा अगले दो हफ्तों में ऑनलाइन लर्निंग पर और ज्यादा समय देंगे। यूडेमी की रिपोर्ट के मुताबिक, पूरी दुनिया में बिजनेस और सरकारों से उसके यूज में 80% से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है।

यूडेमी ने कहा कि लॉकडाउन के दौर में नए एडमिशन और बदलते ट्रेंड के आधार हमने पाया है कि लोग पुरानी और परंपरागत चीजों के बजाय स्पेशलिस्ट, क्रिएटिव, मल्टी-डायमेंशनल और नई स्किल्स सीखने पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं।

भारतीय वीडियो कंटेंट और फिल्में देखने पर ज्यादा समय खर्च कर रहे

कंसल्टिंग फर्म मैकिंंजी की रिपोर्ट के मुताबिक, लॉकडाउन के दौरान बीते दो हफ्तों में भारतीयों द्वारा लाइव न्यूज पर समय बिताना बढ़ा है। लाइव न्यूज देखने में 60%, वीडियो कंटेंट देखने में 59%, फिल्में-टीवी शो देखने में 57% और सोशल मीडिया देखने के समय में 48% की बढ़ोतरी हुई है। इसके बाद ऑनलाइन खबरें पढ़ने, चैटिंग आते हैं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
लॉकडाउन के दौरान स्पेन के लोग सबसे ज्यादा पियानो बजाना ज्यादा सीख रहे हैं। -फाइल फोटो

शंघाई में 11 मई को 3 माह बाद खुलेगा डिज्नीलैंड पार्क; एम्सटर्डम के रेस्त्रां में ग्रीन हाउस क्वारैंटाइन डिनर कैबिन बनाए गए May 06, 2020 at 02:28PM

चीन के शंघाई मेंडिज्नीलैंड पार्क 11 मई को खोला जाएगा। यह करीबतीन माह से बंद पड़ा है। डिज्नी के चेयरमैन बॉब इगर ने बुधवार को इस बात की पुष्टि की। उन्होंने कहा, 'कोरोना के चलते कंपनी ने अपने सभी पार्क बंद कर दिए थे।कंपनी चुनौतियों का सामना कर रही है। लेकिन, हमें रिकवरी की पूरी उम्मीद है। हम 11 मई से अपना शंघाई स्थित डिज्नीलैंड पार्क खोलने की योजना बना रहे हैं।'

दरअसल, डिज्नी पार्क शंघाई और हांगकांग में जनवरी, टोक्यो में फरवरी, अमेरिका और फ्रांस में मार्च से बंद हैं। पार्क में मूवी रिलीजिंग कैंसिल कर दी गई है। कोरोना के कारण कंपनी का हर हिस्सा प्रभावित हुआ है। वॉल्ट डिज्नी कंपनी को पिछले तीन माह में 1.4 बिलियन डॉलर (करीब 10,611 करोड़ रुपए) का नुकसान उठाना पड़ा है।

नीदरलैंड्स: लॉकडाउन में कैंडल लाइट डिनर

दूसरी तरफ, यह नीदरलैंड्स की राजधानी एम्सटर्डम के एक बड़े रेस्तरां ईटेन की तस्वीर है। यहां ऐसे डिनर कैबिन बनाए गए हैं, जहां एक ही परिवार के अधिकतम तीन सदस्य कैंडल लाइट डिनर कर सकते हैं। इन डिनर कैबिन की बुकिंग फुल हो चुकी है। इन कैबिन को ग्रीन हाउस क्वारैंटाइन नाम दिया गया है। इन्हें मीडियामैटिक आर्ट्स सेंटर ने डिजाइन किया है।

इस तरह के डिनर नीदरलैंड्स की संस्कृति का अहम हिस्सा रहे हैं।

कोरोना के अब तक 41087 मामले आए हैंजबकि इससे 5168 मौतें हुईंहैं

नीदरलैंड्स में लॉकडाउन के दौरान कुछ ही रेस्तरां को खोलने की अनुमति है। ऐसे में ज्यादातर लोग रेस्तरां जाकर कैंडल लाइट डिनर नहीं कर पा रहे हैं। दरअसल, नीदरलैंड्स में कहा जाता है कि कैंडल लाइट डिनर में कई रिश्ते बनते और मजबूत होते हैं। यहां कोरोना के अब तक 41087 मामले आए हैंजबकि इससे 5168 मौतें हुई हैं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
तस्वीर शंघाई के डिज्नी पार्क की है। आम दिनों में हर दिन यहां लाखों लोग आते थे। लेकिन, अब सन्नाटा पसरा है।

स्विट्जरलैंडः जिम बंद हुए तो 50 साल पुरानी व्यायामशालाओं में लौटने लगे लोग; यहां पुल-अप, बेंच प्रेस जैसी कई सुविधाएं May 06, 2020 at 02:28PM

दुनियाभर में कोरोना के कहर की वजह से लॉकडाउन है। हालांकि, कई जगह इसमें ढील मिली है। स्विट्जरलैंड में अभी ऐसी छूट नहीं है और जिम से लेकर बाजार तक बंद हैं। ऐसे में लोग फिटनेस के लिए 50 साल पुरानी व्यायामशालाओं की तरफ लौट रहे हैं।

ज्यूरिख में 1968 में ऐसी जगह प्रचलित थी, जहां जाकर कसरत और अन्य शारीरिक गतिविधियां कर सकते थे। लॉकडाउन की वजह से लोग फिर इन जगहों पर पहुंच रहे हैं। इन्हीं में से एक हैं 58 साल के फिटनेस ट्रेनर बीट श्लाटर। वे एक रेस्तरां में एक्जीक्यूटिव हैं। वे बताते हैं,'मैं हफ्ते में 5 दिन फिटनेस ट्रेनिंग करता हूं, लेकिन सब कुछ बंद है। ऐसे में इन पुराने तरीकों को आजमाने का फैसला किया।’

स्विट्जरलैंड में उन जगहों को विटापार्कोर्स या पार्कोर्स कहा जाता है
सिबली हर्लिमान तो कोरोना के पहले से ही यहां हर हफ्ते आती थीं। वे कहती हैं,'ताजी हवा में व्यायाम करने में मजा आता है। लोग यहां मॉर्निंग वॉक के लिए आते हैं, लेकिन 16 मार्च को लॉकडाउन के बाद से यहां भीड़ बढ़ी है।' 1968 में ज्यूरिख के एक स्पोर्ट्स क्लब ने इसे बनाया था। खिलाड़ी यहीं ट्रेनिंग करते थे।स्विट्जरलैंड में उन जगहों को विटापार्कोर्स या पार्कोर्स कहा जाता है।

अब कोविड-19 ने लोगों को एक बार फिर इनकी तरफ मोड़ दिया है
धीरे-धीरे यह कॉन्सेप्ट पड़ोसी देश जर्मनी में भी पहुंचा। वहां इस तरह के आउटडोर सर्किट को ट्रिम-डीच-पफेड नाम दिया गया, जिसका मतलब है- फिटनेस पाने का रास्ता। इसे एक क्लब ने शुरू किया था, जिसे आज जर्मन स्पोर्ट्स फेडरेशन के नाम से जाना जाता है। 1970 के दशक में इन सर्किट्स पर लाखों यूरोपियन एक्सरसाइज करते थे। कमर्शियल जिम शुरू होने से पहले ये काफी व्यस्त रहा करते थे। अब कोविड-19 ने लोगों को एक बार फिर इनकी तरफ मोड़ दिया है।

शरीर को लचीला, गठिला बनाने वाले 15 स्टॉप, तरीके भी लिखे हैं
ये व्यायामशालाएं या विटापार्कोर्स करीब 3 किमी तक फैली हैं, जिनमें आधुनिक जिम जैसे कई उपकरण लगे हैं। इनमें शरीर को ताकत, लचीलापन और गठिला बनाने वाले 15 से ज्यादा स्टॉप हैं। हर स्टॉप पर उपकरण के इस्तेमाल का तरीका और कितनी बार करना है, यह जानकारी दी गई है। सीट-अप, पुल-अप और बेंच प्रेस जैसे कामों के लिए लकड़ी से बने उपकरण लगे हुए हैं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
ज्यूरिख में 1968 में ऐसी जगह प्रचलित थी, जहां जाकर कसरत और अन्य शारीरिक गतिविधियां कर सकते थे। लॉकडाउन की वजह से लोग फिर इन जगहों पर पहुंच रहे हैं।

दुनिया के 35 में से 33 देशों में कोरोना से पुरुषों की महिलाओं से ज्यादा जान गई, सिर्फ भारत और पाकिस्तान में ऐसा नहीं May 06, 2020 at 02:16PM

रिसर्च डेस्क. कोरोनावायरस से महिलाओं की तुलना में पुरुषों की ज्यादा जान जा रही है। दुनिया के 35 देशों में कोरोनावायरस संक्रमितों के आंकड़े देखें तो पता चलता है कि 33 देशों में पुरुषों की मृत्युदर महिलाओं से ज्यादा है। इतना ही नहीं, इन 33 देशों में मेल और फीमेल मृत्युदर के अनुपात में भी एक फीसदी से ज्यादा का अंतर है। यानी जो पुरुष कोरोना पॉजिटिव आ रहे हैं, उन्हें महिलाओंसे ज्यादा जान का खतरा है।
हालांकि सिर्फ भारत और पाकिस्तान में कोरोना से महिलाओं की पुरुषों से ज्यादा मौत हो रही है। भारत में कोरोना संक्रमित महिलाओं की मृत्युदर 3.1% है। जबकि पुरुषों की मृत्युदर 2.6% है। इसी तरह पाकिस्तान में कोरोना संक्रमित महिलाओं की मृत्युदर 2.8% है, जबकि पुरुषों की 2.0% है।

  • नीदरलैंड और इटली में पुरुषों की महिलाओं से दोगुना ज्यादा मौत हो रही है

नीदरलैंड में कोरोनावायरस से पुरुषों की महिलाओं से दोगुना ज्यादा मौतें हो रही हैं। यहां कोरोना संक्रमित पुरुषों की मृत्युदर 18.1% है, जबकि महिलाओं की मृत्युदर 8.1% है। इटली में कोरोना संक्रमित पुरुषों की मृत्युदर 17.1% है, जबकि महिलाओं की मृत्युदर 9.3% है। बेल्जियम में कोरोना संक्रमित पुरुषों की मृत्युदर 15.3% है, जबकि महिलाओं की मृत्युदर 8.6% है। इसी तरह स्वीडन में कोरोना संक्रमित पुरुषों की मृत्युदर 15.1% है, जबकि महिलाओं की मृत्युदर 9.1% है।

  • पहली बार चीन में दिखाई दिया था ट्रेंड, पर वैज्ञानिक अभी वजह नहीं ढूंढ सके

महिलाओं से ज्यादा पुरुषों की मौत का यह ट्रेंड पहली बार वैज्ञानिकों ने चीन में देखा था। उसके बाद जर्मनी, इटली, स्पेन, दक्षिण कोरिया समेत दुनिया के तमाम देशों में भी इसी तरह का ट्रेंड दिखाई दे रहा है। लेकिन वैज्ञानिक अभी तक इसके पीछे की वजह नहीं जान सके हैं। कुछ रिसर्च में कहा जा रहा है कि ऐसा बॉयोलॉजिकल वजहों से हो रहा है। कुछ सेल्स और हार्मोन्स को जिम्मेदार बता रहे हैं।

  • एक्सपर्ट्स कहते हैं कि महिलाओं का इम्युन सिस्टम पुरुषों से ज्यादा मजबूत होता है

यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड में डेमोग्राफी और पॉपुलेशन हेल्थ के प्रोफेसर जेनिफर डाउड कहते हैं कि महिलाओं का एडापटिव इम्युन सिस्टम पुरुषों से ज्यादा मजबूत होता है। इसीलिए पूरी जिंदगी महिलाओं में संक्रमण से जुड़ी बीमारियां काफी होती हैं, इनसे उनकी मौत भी कम ही होती है। महिलाएं इसकी शुरुआत बच्चे को जन्म देने के साथ ही करती हैं। सामान्य तौर पर भी महिलाओं का शरीर पुरुषों की तुलना में बैक्टीरिया और वायरल बीमारियों को ज्यादा तेजी से दूर भगाते हैं। वैक्सीन भी महिलाओं में पुरुषों से बेहतर काम करते हैं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
In 33 out of 35 countries of the world, men were killed more than women from Corona, not only in India and Pakistan.

डब्ल्यूएचओ के बाद अमेरिका के प्रमुख हेल्थ एक्सपर्ट एंथनी फॉसी ने कहा- कोरोना किसी लैब से नहीं बल्कि नेचर से विकसित हुआ May 06, 2020 at 12:34AM

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के बाद अमेरिका के प्रमुख हेल्थ एक्सपर्ट एंथनी फॉसी ने भी कहा है कि कोरोनावायरस किसी लैब से नहीं बल्कि नेचर (प्रकृति) से विकसित हुआ है। उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के उस दावे को खारिज कर दिया है, जिसमें ट्रम्प ने कहा था कि वायरस वुहान की लैब से निकला है।इससे पहले सोमवार कोडब्ल्यूएचओ ने कहा था कि अमेरिका ने ऐसा कोई सुबूत नहीं उपलब्ध कराया है, जिससे वुहान की लैब से वायरस निकलने की बात साबित हो।

फौसी बोले- नहीं बनाया जा सकता यह वायरस
दुनियाभर के अन्य कई वैज्ञानिकों का भी कहना है कि यह वायरस जानवरों से इंसानों में आया है। हालांकि, इसकी आशंका है कि वह चीन की वेट मार्केट से निकला होगा। अमेरिका के महामारी विशेषज्ञ एंथनी फॉसी ने नेशनल जियोग्राफिक जर्नलमें डब्ल्यूएचओ के बयान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप चमगादड़ में वायरस के विकास को देखते हैं तो ‌‌सुबूत यह दिखाते हैं कि यह वायरस बनाया नहीं जा सकता, इसमें हेरफेर नहीं हो सकती है। समय के साथ हो रहे चरणवद्ध विकास से यह पता चलता है कियह वायरस प्रकृति में विकसित हुआ और फिर प्रजातियों में आया।’’

ट्रम्प ने कहा- उनके पास सुबूत हैं
ट्रम्प लगातार चीन पर आरोप लगाते रहे हैं। उन्होंने दावा किया है कि उनके पास सुबूत हैं कि वायरस वुहान की लैब से निकला है। साथ ही अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भी रविवार को मजबूत सुबूत मिलने की बात कही थी। हालांकि, अमेरिकी इंटेलीजेंस डिपार्टमेंट अभी इस बात की जांच कर रहा है कि यह वायरस लैब से निकला है या जानवर से आया है।चीन लगातार इस बात का खंडन करता रहा है कि वायरस वुहान की लैब से निकला है।

चीन ने वुहान में इंटरनेशनल एक्सपर्ट की जांच की मांग ठुकराई
डब्ल्यूएचओ ने पिछले हफ्ते कहा था कि वह चाहता है कि चीन अपने यहां इंटरनेशनल एक्सपर्ट को जांच करने की अनुमति दे। ताकि यह पता चल सके कि यह वायरस जानवरों से इंसानों में कैसे फैला। इस मांग पर मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र में चीन के एंबेसडर ने कहा कि जब तक महामारी से पूरी तरह से निपटारा नहीं मिलेगा तब तक चीन अपने यहां किसी को जांच करने की अनुमति नहीं देगा। उन्होंने कहा- हमारी प्राथमिकता में पहले महामारी को हराना शामिल है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
अमेरिकी के प्रमुख महामारी विशेषज्ञ एंथनी फॉसी। फॉसी ने हाल ही में एंटी वायरल ड्रग रेमडेसिविर को कोरोना के इलाज में कारगर दवा बताया था।

35 साल की वित्त मंत्री मारिया बनीं स्टार, कोरोना के बीच आम लोगों और छोटे कारोबारियों के लिए रिकवरी पैकेज तैयार करने पर तारीफ मिल रही May 05, 2020 at 11:11PM

दक्षिणी अमेरिकामें स्थित देश पेरू की वित्त मंत्री मारिया एंटोनिएटा अल्वा अचानक से स्टार बन गई हैं। कोरोना महामारी के दौर में जनता से अच्छे तालमेल,छोटे व्यवसायों और कमजोर परिवारों की मदद के लिए एक बेहतरीन रिकवरी पैकेज तैयार करने पर उनकी प्रशंसा मिल रही है।
अपनी कोशिशों से 35 साल की अल्वा घर-घर में मशहूर हो गई हैं। लोग उन्हें टोनी के नाम से बुलाते हैं। उनसे साथ सेल्फी खिंचाने के लिए लोगों की लाइनलगी रहतीहै। आर्टिस्ट उनका स्केच बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं और मीडिया में उनका इंटरव्यू लेने की होड़ मची है।

अक्टूबर 2019 में बनी थीं वित्त मंत्री
पिछले साथ अक्टूबर में अल्वा को वित्त मंत्री का पद मिला था। इतने कम समय में ही वे राष्ट्रपति मार्टिन विजकाराके मंत्रिमंडल की सबसे खास बन गईं। वे नए नेताओं की पीढ़ी का हिस्सा हैं और वह सरकार की नीतियों को जनता को समझाने में बहुत समय बिताती हैं। कोरोना महामारी शुरू होने के दौरान कुछ अर्थशास्त्रियों ने अनुमान लगाया था कि इस साल पेरू की जीडीपी में 10 प्रतिशत तक की कमी आएगी। बेतहाशा बेरोजगारी बढ़ेगी और यह स्थिति दशकों में सबसे खराब होगी। पेरू की जीडीपी में साल 2019 में दशक की सबसे कम 2.2 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई थी।

सार्वजनिक क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा दिया
अल्वासबसे पहले सरकारी निर्माण कार्यों में आई मंदी को कम करना चाहती थीं। इसके लिए उन्होंने क्षेत्रीय और स्थानीय अथॉरिटी की ओर से खर्च बढ़ाने के लिए मदद की, जिसके चलते पब्लिक इंवेस्टमेंट में रिकॉर्ड वृद्धि हुई। इसके साथ ही उन्होंने अंतरराष्ट्रीय निवेशकों का विश्वास भी जीता। पेरू और दुनियाभर के अर्थशास्त्रियों से विचार करने के बाद उन्होंने कैबिनेट के अपने सहयोगियों के साथ बातचीत की। उन्होंने आम सहमति से गरीब तबकों को सीधे नकदी देने, पे-रोल सब्सिडी और सरकार की ओर से बिजनेस लोन देने जैसे कई निर्णय लिए। इसमें से कोई भी निर्णय पेरू में पहले कभी नहीं लिया गया था।
दो हफ्ते पहले पेरू ने तीन अरब डॉलर के बांड इंटरनेशनल मार्केट में बेचे। पूर्व वित्त मंत्री कार्लोस ओलिवा कहते हैं, ‘‘वह संवाद कायमकरने में भी बेहतरहैं और वर्तमान हालातमें यह सबसे जरूरीहै।’’

भारत में भी बिताए हैं दो महीने
अल्वा ने 2014 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर डिग्री हासिल की थी। पढ़ाई करने के बाद अल्वा ने भारत में लड़कियों के लिए शिक्षा के मौके पर अध्ययन किया था। इस दौरान उन्होंने दो महीने भारत में ही बिताए। इसके बाद वे पेरू में शिक्षा विभाग में काम करने चली गई थीं। कुछ ही दिनों वे प्लांनिंग कमीशन की हेड बन गईं।

बचपन में गरीबी को देखा
अल्वा के पिता जॉर्ज सिविल इंजीनियर थे । अल्वा ने कई बार बतायाकिवह अपने पिता के साथ जब बचपन में दौरे पर जाती थीं तो उन्होंने बहुत गरीबी देखी। तभी से उन्होंने यह तय कर लिया था कि वे इसे दूर करेंगी। अल्वा को जब मंत्री बनाया गया था तो कई तरह के सवाल उठे थे। कुछ ने कहा था कि वह किसी की मेहरबानी से इस पद तक पहुंचीं। उन्हें इस क्षेत्र का कोई अनुभव नहीं हैं। इस पर अल्वा ने कहा था कि यह सवाल इसलिए उठे,क्योंकि वह महिला हैं। अगर वह पुरुष होतीं तो कोई कुछ नहीं कहता।
लैटिन अमेरिका में जितने देश हैं, उसमें अल्वा ही अकेली महिला वित्त मंत्री हैं। अर्जेंटीना के वित्त मंत्री मार्टिन गजमैन (37), डोमिनिकल रिपब्लिक में जुआन एरियल जिमेंज (35) और इक्वाडोर में रिचर्ड मार्टिनेज (39)हैं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
पेरू की 35 साल की वित्त मंत्री मारिया अल्वा ने 2014 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर डिग्री ली थी।

Pakistan is China's colonial vassal, says ex-Pentagon official May 05, 2020 at 10:30PM

With souring relationship with Washington and growing business and strategic ties with Beijing, Pakistan is leading nothing more than a colony of China, said Dr Michael Rubin, a former Pentagon official.

5 साल के बच्चे ने मां से लैम्बोर्गिनी दिलाने की जिद्द की, मना करने पर चुपके से कार लेकर खुद खरीदने निकला May 05, 2020 at 09:27PM

लॉस एंजिल्स की हाईवे पुलिस उस समय हैरान रह गई, जब एक पांच साल का बच्चा कार चलाते नजर आया। हाईवे पेट्रोल पुलिस के अफसर मोर्गन जब कार के ड्राइवर की साइड पहुंचे तो उन्हें पहले अंदर कोई नजर ही नहीं आया। अंदर झांकने पर उन्हें ड्राइविंग सीट पर एक बच्चा बैठा नजर आया।

पुलिस ने बताया कि बच्चा अपनी मां से लग्जरी कार लैम्बोर्गिनी खरीदने की जिद्द कर रहा था। जब उसकी मां ने कार नहीं दिलाई तो वह नाराज होकर इसे खरीदने उटा से कैलिफोर्निया जाने लगा। बच्चे की जेब में केवल 3 डॉलर (करीब 210 रु.) थे। लैम्बोर्गिनी कार की कीमत करीब डेढ़ करोड़ रुपए से शुरू ही होती है।

पुलिस ने बच्चे की पहचान उजागर नहीं की

ट्रैफिक पुलिस ने इस वाकये का वीडियो ट्वीट किया। इसमें मोर्गन बच्चे से पूछ रहे हैं कि तुम्हारी उम्र क्या है? इसके जवाब में बच्चे ने अपनी उम्र पांच साल बताई। उन्होंने उससे पूछा कि तुमने कार चलाना कहां से सीखा? पुलिस ने बच्चे की पहचान उजागर नहीं की। वह अपने घर से लगभग तीन से पांच किलोमीटर तक खुद कार चलाकर पहुंचा था। उसके माता-पिता को सूचित कर दिया गया है।

माता-पिता घर पर नहीं थे

पुलिस के मुताबिक, उसके माता-पिता घर पर नहीं थे। बच्चा अपने भाई-बहनों के साथ था। परिवार ने बताया कि जब उसके भाई-बहन सो गए, तब उसने कार की चाबी ली और घर से निकल गया। पुलिस ने बताया कि इसमें किसी को चोट नहीं आई है। अब स्थानीय प्रोक्सीक्यूटर पर निर्भर करता है कि उसके माता-पिता के खिलाफ केस दर्ज हो या नहीं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
5 साल के बच्चे से पूछताछ करती पुलिस। उसकी पहचान उजागर नहीं की गई है।

PM Ardern touts New Zealand as 'safe haven' for investment May 05, 2020 at 09:04PM

New Zealand's success in curbing the coronavirus has given it a "safe haven" advantage, allowing the country to be open for investment, Prime Minister Jacinda Ardern said on Wednesday.