Saturday, May 23, 2020

कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 1 लाख के करीब, न्यूयॉर्क टाइम्स ने फ्रंट पेज पर 1000 मृतकों के नाम छापे May 23, 2020 at 08:08PM

अमेरिका में कोरोना से मरने वालों की संख्या 1 लाख के करीब पहुंच गई। न्यूयॉक टाइम्स अखबार ने रविवार को अपने फ्रंट पेज पर 1000 मृतकों केनाम छापे। अखबार ने इन सभी के लिए सिर्फ एक लाइन का शोक संदेश लिखा, ‘‘अमेरिका में 1 लाख मौतों के करीब, एक बेहिसाब नुकसान। वे महज एक लिस्ट में शामिल नहीं थे, वे हम सब थे।’’
अखबार ने लिखा कि यहां जिन एक हजार लोग के नामहैं वे कुल मौतों का सिर्फ 1% हैं। यह लिस्ट इतनी लंबी थी कि अखबार के 12 वें पेज तक मृतकों केनाम लिखेथे। इन लोगोंका नाम, उम्र और पता के बाद उनके बारे में एक लाइन लिख कर उन्हें याद किया गया था।

न्यूयॉर्क टाइम्स के संडे इडिशन में तस्वीरें और खबरों की जगह कोरोना से मरने वाले 1 हजार लोगों के नाम थे।

अखबार का फ्रंट पेज सोशल मीडिया में वायरल

न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपने इस आर्टिकल में लिखा कि सिर्फ संख्या के आधार पर वायरस का अमेरिका पर असर मापा नहीं जा सकता। चाहे मृतकों , मरीजों या इसकी वजह से नौकरियां गंवानें वालों की संख्या क्यों न हो।अखबार ने शनिवार देर रात जैसे ही अपने फ्रंट पेज का स्क्रीन शॉट जारी किया, यह सोशल मीडिया में वायरल हो गया। सोशल मीडिया यूजर्स ने मृतकों को याद करने के इस अनूठे तरीके के लिए अखबार को धन्यवाद दिया

मृतकों को इस अंदाज में याद किया गया:

  • राेमी कॉन, 91, न्यूयॉर्क सिटी, गेस्टापो से 56 यहूदी परिवारों को बचाया था।
  • अल्बर्ट पेट्रोसेली,73, न्यूयॉर्क सिटी के एक चीफ, जिन्हों 9/11 के दुर्भाग्यपूर्ण दिन आए कॉल का जवाब दिया था।
  • सेड्रिक डिक्सन,48, न्यूयॉर्क सिटी, हार्लेम के एक पुलिस डिक्टेटिव जिनके पास पूछताछ का गिफ्ट था।
  • बैसी ऑफिओंग,25, जिसने अपने दोस्त की बदतर हालत देखी और उनका सर्वश्रेष्ठ सामने लेकर आए।
  • चार्ल्स कॉन्स्टैंटिनो,86, मेनलो पार्क, एनजे, न्यूयॉर्क टाइम्स के साथ 40 सालों तक काम किया।

9/11 के बाद भी ऐसे ही मृतकों को याद किया था

न्यूयॉर्क टाइम्स ने दूसरी बार इस अंदाज में इस तरह का काम किया है। इससे पहले 2011 के 9 सितंबर को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले में मारे गए लोगों को ऐसे ही श्रद्धांजलि दी थी। इस हमले में 2 हजार 977 लोगों की मौत हुई थी और 25 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे।



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अमेरिका के वर्जिनिया स्थित एक सिमेट्री में यूएस सर्विस कर्मचारी के हेडस्टोन पर झंडा लगाता एक अमेरिकी सैनिक। सरकार ने यहां पर कोरोना पीड़ितों के सम्मान में सभी सरकारी बिल्डिंगों और राष्ट्रीय धरोहरों पर राष्ट्रीय ध्वज तीन दिन के लिए झुकाने का फैसला किया है।

Soaring infections dampen Eid festivities in Southeast Asia May 23, 2020 at 07:55PM

The world's largest Muslim-majority nation, with more than 240 million people, has reported nearly 22,000 infections and 1,350 fatalities, the most in Southeast Asia. It means no congregational prayers at mosques and open fields, no family reunions, no relatives bearing gifts for children.

North Korea's Kim holds meeting to discuss bolstering nuke forces May 23, 2020 at 07:14PM

North Korea's leader Kim Jong Un convened a key military meeting to discuss bolstering its nuclear arsenal and putting the country's strategic armed forces on a high alert, state media reported on Sunday, in his first known public appearance in about 20 days.

Holiday amid pandemic: Americans divided on how to respond May 23, 2020 at 07:09PM

President Donald Trump played golf at one of his courses Saturday during the Memorial Day weekend as he urged US states to reopen after coronavirus-related lockdowns. Yet many Americans remained cautious as the number of confirmed cases nationwide passed 1.6 million.

भारत ईरान को पीछे छोड़कर दुनिया में 10वां और एशिया का दूसरा सबसे संक्रमित देश बनने के करीब May 23, 2020 at 07:17PM

भारत में कोरोनावायरस के मामले 1 लाख 31 हजार 420 हो गए हैं।दुनियाभर में यह 11वां सबसे संक्रमित देश है। वहीं, संक्रमण के मामले में एशिया में तीसरे नंबर पर है। 10वें सबसे संक्रमित देश ईरान में अभी 1 लाख 33 हजार 521 मामले हैं। रविवार को जब आधिकारिक आंकड़े जारी होंगे तो पूरी संभावना है कि ईरान को पीछे छोड़कर भारत दूसरे नंबर पर पहुंच जाएगा।

एशिया में तीसरे नंबर पर भारत

दुनिया के सबसे प्रभावित महाद्विपों में यूरोप पहले, नॉर्थ अमेरिका दूसरे और एशिया तीसरे नंबर पर है। इसी तरह अगर एशिया की बात करें तो इस महाद्वीप में तुर्की में सबसे ज्यादा मामले हैं। यहां 1 लाख 55 हजार 686 लोग कोरोना से संक्रमित हैं। इनमें से करीब 4308 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, अब भारत अभी तीसरे नंबर पर है। यहां 3868 लोगों की जान जा चुकी है।

एशिया के 10 सबसे ज्यादा संक्रमित देश

देश संक्रमण मौतें
तुर्की 1,55,686 4,308
ईरान 1,33,521 7,359
भारत 1,31,868 3,868
चीन 82,974 4,634
सऊदी अरब 70,161 379
पाकिस्तान 52,437 1,101
कतर 42,213 21
बांग्लादेश 32,078 452
सिंगापुर 31,068 23
यूएई 28,704 244

ईरान में भारत से करीब 2 हजार ज्यादा केस
ईरान में संक्रमण के मामले भारत से 2101 ज्यादा है। यहां 96 दिन में 1 लाख 33 हजार 521 मामले सामने आए हैं। वहीं, भारत में 116 दिन में 1 लाख 31 हजार 420 केस मिले। भारत में मई में सबसे ज्यादा 94 हजार 163 मामले सामने आए हैं। वहीं, ईरान में अप्रैल में सबसे ज्यादा 49 हजार 47 केस मिले।

एशिया: 9.37 लाख संक्रमित

एशिया में 9 लाख 37 हजार 210 लोग संक्रमित हैं, जबकि 27 हजार 068 लोगों की जान जा चुकी है। यहां सबसे ज्यादा 7,359 मौतें ईरान में हुई हैं। इस महाद्वीप में भारत में सबसे तेजी से मामले बढ़ रहे हैं। 19 मई के बाद यहां संक्रमण का आंकड़ा पांच हजार के ऊपर ही रहा है। शनिवार को यहां 6661 केस मिले हैं। अगर यहीं रफ्तार रही तो चार दिनों में यहां तुर्की से भी ज्यादा मामले हो जाएंगे।



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देश में लॉकडाउन के दौरान नई दिल्ली स्थित राजपथ पर शनिवार को सन्नाटा पसरा रहा।

अब तक 54.01 लाख संक्रमित और 3.43 लाख मौतें: न्यूयॉर्क में मार्च के बाद पहली बार एक दिन में मरने वालों की संख्या 100 से कम May 23, 2020 at 04:30PM

दुनिया में अब तक 54 लाख 1 हजार 612 लोग संक्रमित हैं। 22 लाख 47 हजार 151 लोग ठीक हुए हैं। मौतों का आंकड़ा 3 लाख 43 हजार 804 हो गया है। वहीं, अमेरिका में अब तक सबसे ज्यादा 98 हजार 683 लोगों की जान गई है। देश के सबसे ज्यादा प्रभावित न्यूयॉर्क में मार्च के बाद पहली बार एक दिन में मरने वालों की संख्या 100 से कम दर्ज की गई है।
कोरोनावायरस : 10 सबसे ज्यादा प्रभावित देश

देश

कितने संक्रमित कितनी मौतें कितने ठीक हुए
अमेरिका 16,66,828 98,683 4,46,914
ब्राजील 3,49,113 22,165 1,42,587
रूस 3,35,882 3,388 1,07,936
स्पेन 2,82,370 28,678 1,96,958
ब्रिटेन 2,57,154 36,675 उपलब्ध नहीं
इटली 2,29,327 32,735 1,38,840
फ्रांस 1,82,469 28,332 64,547
जर्मनी 1,79,986 8,366 1,59,900
तुर्की 1,55,686 4,308 1,17,602
ईरान 1,33,521 7,359 1,04,072

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24 घंटे में 1.09 लाख केस मिले: डब्ल्यूएचओ
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, 24 घंटे में 1 लाख 9 हजार 536 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 5600 लोगों की मौत हुई है। उत्तरी और दक्षिण अमेरिका में पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा केस मले हैं। वहीं, यूरोप में मरने वालों की संख्या 1 लाख 73 हजार के करीब पहुंच गई है।

अमेरिका: एक दिन में 1127 मौतें
अमेरिका में 24 घंटे में 1127 लोगों की मौत हुई है। यहां संक्रमितों का आंकड़ा 16 लाख 66 हजार 828 हो गया है। न्यूयॉर्क में अब संक्रमण और मौतों की संख्या में कमी आ रही है। यहां अब तक 3 लाख 69 हजार 656 लोग संक्रमित हैं, जबकि 29 हजार 112 की मौत हो चुकी है। राज्य में एक दिन में 84 लोगों ने दम तोड़ा है।

इटली: 32,735 लोगों की मौत हुई
इटली में 24 घंटे में 119 लोगों की जान गई है। यहां मरने वालों की संख्या अब 32 हजार 735 हो गई है। वहीं, संक्रमण का आंकड़ा 2 लाख 29 हजार 327 हो चुका है। देश में अब तक 1 लाख 38 हजार 840 ठीक हो चुके हैं।

स्पेन: मौतों में कमी
स्पेन के स्वास्थ्य और समाज कल्याण मंत्रालय ने शनिवार को पुष्टि की कि नई मौतों और मामलों में कमी आई है। यहां 24 घंटे में 48 लोगों की जान गई है, जबकि 466 नए केस मिले हैं। यहां अब तक 2.82 लाख संक्रमित हैं, जबकि 28 हजार 678 लोगोम की मौत हो चुकी है।

चिली: 65,393 संक्रमित
चिली में संक्रमितों की संख्या 65 हजार 393 पहुंच गई है और 673 लोगों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि 3237 नए मामलों में 299 बिना लक्षण वाले मामले भी शामिल है। मार्च में देश में पहली बार बीमारी का पता चलने के बाद से अब तक कुल 4 लाख 57 हजार 332 टेस्ट किए गए हैं।

तुर्की: 1.55 लाख मामले
तुर्की में शनिवार को 1100 नए मामले मिले। देश में संक्रमितों की संख्या 1 लाख 55 हजार 686 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्री फहार्टिन कोजा ने कहा कि 24 घंटे में 32 लोगों की मौत हुई है। मरने वालों की संख्या 4,308 हो गई है। उन्होंने कहा कि 1,491 मरीज ठीक हुए हैं। अब तक कुल 1 लाख 17 हजार 602 मरीज ठीक हो चुके हैं।

ईरान: 7359 मौतें
ईरान में एक दिन में 59 लोगों की मौत के बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर 7,359 हो गई। देश में अब तक 1 लाख 4 हजार 72 मरीज ठीक हो चुके हैं। एक दिन पहले राष्ट्रपति हसन रूहानी ने देश के पर्यटन स्थल, संग्रहालय और ऐतिहासिक स्थलों को खोलने की घोषणा की है। महामारी के कारण करीब तीन महीने तक बंद रहने के बाद यह रविवार को फिर से खुलेंगे। रूहानी ने कहा कि सोमवार से सुबह तीन घंटे के लिए और दोपहर तीन घंटे के लिए पवित्र उपसना स्थल खुलेंगे।



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प्रतिबंधों में राहत के बाद कैलिफोर्निया के हटिंगटन बीच पर घूमने निकले लोग। राज्य में 92 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं।

स्पेन में एक ही दिन में 688 मौतें, जबकि 7 दिन में 619 जानें गईं; मैड्रिड में कोरोना संकट से मुकाबले में नाकामी पर कारों की रैली निकाली गई May 23, 2020 at 02:22PM

स्पेन में कोरोना से एक ही दिन में 688 लोगों ने दम तोड़ा है, जबकि पिछले सात दिन में यहां कुल 619 मौतें हुई हैं। स्पेन में 1787 नए मामले आए हैं। यह पिछले छह दिनों में एक दिन का सबसे बड़ा आंकड़ा है। चौंकाने वाली बात यह है कि एक दिन पहले यहां 593 मामले आए थे और 52 मौतें हुई थीं।

स्पेन में 11 मई को लॉकडाउन खोला गया था। इसके तहत बार, रेस्तरां खुल गए थे। अधिकतम 10 लोगों को एक समूह में मुलाकात करने की अनुमति दी गई थी। लॉकडाउन खुलने के बाद यहां तीसरी बार एक दिन में 1500 से ज्यादा मामले आए हैं। स्पेन में अब तक 2,81,904 मामले आए हैं। 28,628 मौतें हुई हैं।

दुनिया के टॉप 10 कोरोना प्रभावित देशों में अमेरिका अब भी सबसे ऊपर है। इस सूची में यूरोप के 6 और मध्य-पूर्व के दो देश शामिल हैं। उधर, यूरोपीय संघ की कोविड-49 रिस्पॉन्स टीम की डायरेक्टर एंड्रिया एमॉन ने कहा है कि यूरोप को कोरोना की दूसरी लहर के लिए तैयार रहना चाहिए।

रूस: 24 घंटे में ब्राजील से फिर आगे, एक दिन में सबसे ज्यादा 150 मौतें भी

रूस सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित देशों में दूसरे स्थान पर है। 24 घंटे में रूस, ब्राजील में टक्कर रही। बाद में 3,35,882 मामलों के साथ ब्राजील से रूस आगे हो गया। रूस में 3,388 मौतें हो चुकी हैं। यहां एक दिन में सबसे ज्यादा 150 मौतें भी हुई हैं। रूस में मौतों की दर अन्य सबसे ज्यादा संक्रमित देशों से कम है।

रूस के संक्रामक रोग विभाग की प्रमुख डॉ. एलीना मैलिनिकोवा का कहना है कि ऐसा इसलिए है क्योंकि संक्रमण का सही समय पर पता चल रहा है। लोग लक्षण दिखते ही इलाज करा रहे हैं।

अमेरिका: ट्रम्प बोले-चर्च खुलें; जर्मनी में प्रार्थना सभा के बाद संक्रमण बढ़ा

अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि सभी राज्यों को अब चर्च जैसे प्रार्थनाघर खोल देना चाहिए। ये स्थल जरूरी सेवाओं में आते हैं। अमेरिका में अब तक कोरोना के 16,49,333 मामले आए हैं जबकि 97,776 मौतें हुई हैं। उधर, जर्मनी में फ्रैंकफर्ट की चर्च में प्रार्थना सभा के बाद कई लोग संक्रमित मिले हैं।

धार्मिक संगठन इवेंजलिकल क्रिश्चन बाप्टिस्ट के उपप्रमुख व्लादिमीर प्रिट्जकाऊ ने इसकी पुष्टि की है। हालांकि, उन्होंने मरीजों की संख्या नहीं बताई। उन्होंने कहा कि 6 लोग अस्पताल में हैं, बाकी होम क्वारैंटाइन हैं।



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तस्वीर स्पेन की राजधानी मैड्रिड की है। लोगों ने यहां सरकार के खिलाफ कार रैली निकाली। कुछ लोगों ने कार के ऊपर बैठकर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना संकट का मुकाबला करने में नाकाम रही।

स्वीडन: सोशल डिस्टेंसिंग की अपील की लेकिन इसे लेकर सख्ती नहीं दिखाई, 30% ज्यादा मौतें हुईं May 23, 2020 at 02:22PM

मार्च के अंत तक, यूरोप के लगभग हर देश ने स्कूलों और व्यवसायों को बंद कर दिया था, यात्रा को प्रतिबंधित कर दिया था और नागरिकों को घर पर रहने का आदेश दिया था। लेकिन, एक देश ऐसा भी था जिसने ऐसा कुछ नहीं किया। वह है स्वीडन।

इसने लॉकडाउन के बजाय लोगों को पार्क, रेस्तरांऔर काम पर जाने की इजाजत दे रखी है।हालांकि, सोशल डिस्टेंसिंग की अपील की थी, लेकिन इसे लेकर सख्त प्रावधान नहीं किए। कोरोनोवायरस प्रकोप के बीच कुछ अमेरिकी राजनेताओं ने स्वीडन के इस फैसले की तारीफ की और वे स्वीडन को अमेरिका के लिए एक संभावित मॉडल के रूप में देखने लगे।

विशेषज्ञ इसे भारी और ऐतिहासिक भूल बता रहे

हालांकि, स्वीडन ने इटली, स्पेन और ब्रिटेन में फैल रहे प्रकोप की विनाशकारी मार से खुद को बचा लिया है, लेकिन इसके मृत्यु दर के आंकड़ों में भी असाधारण वृद्धि देखी गई है। अब विशेषज्ञ इसे भारी और ऐतिहासिक भूल बता रहे हैं।

आम दिनों की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक लोगों की मौत

जब पूरी दुनिया में लॉकडाउन हो रहा था, तो स्वीडन के करीब 2,000 साइंटिस्ट, डॉक्टर और महामारी विशेषज्ञों ने देश में सख्त लॉकडाउन लगाने की अपील की थी, जिसे सरकार ने खारिज कर दिया था। नतीजा यह हुआ कि स्वीडन में कोरोना महामारी के दौरान आम दिनों की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक लोगों की मौत हो गई।

मौतों की दर पड़ोसी देश नॉर्वे, फिनलैंड और डेनमार्क की तुलना में अधिक

मौतों की यह दर पड़ोसी देश नॉर्वे, फिनलैंड और डेनमार्क की तुलना में अधिक है, जबकि अमेरिका में कोरोना मृत्यु दर के लगभग बराबर है। स्वीडन में संक्रमण के 33,188 मामले आ चुके हैं, जबकि 3,992 लोगों की मौत हो चुकी है, जो कोरोना से हुई मृत्यु दर के हिसाब से दुनिया में सबसे ज्यादा है।



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हालांकि, स्वीडन ने इटली, स्पेन और ब्रिटेन में फैल रहे प्रकोप की विनाशकारी मार से खुद को बचा लिया है, लेकिन इसके मृत्यु दर के आंकड़ों में भी असाधारण वृद्धि देखी गई है।

White House press secretary reveals Trump's bank details May 23, 2020 at 01:15AM

Revealing a little too much, White House Press Secretary Kayleigh McEnany committed a gaffe by disclosing President Donald Trump's bank information while displaying a cheque donating his quarterly salary to the Department of Health and Human Services.

The drive-in movie stages a comeback in US in coronavirus era May 23, 2020 at 12:25AM

UK PM under pressure to sack top aide for lockdown breach May 23, 2020 at 12:59AM

British Prime Minister Boris Johnson is under pressure to sack his top aide after reports emerged about him breaching the coronavirus stay-at-home lockdown rules by travelling to his parents' home.

Merkel defends Germany coronavirus restrictions May 23, 2020 at 12:46AM

चीन से बढ़ते तनाव के बीच ट्रम्प प्रशासन फिर से परमाणु परीक्षण करने पर विचार कर रहा, आखिरी परीक्षण 28 साल पहले 1992 में किया था May 22, 2020 at 11:51PM

चीन से बढ़ते तनाव के बीचअमेरिका 28 सालों बाद एक बार फिर से परमाणु परीक्षण कर सकता है। ट्रम्प प्रशासन ने बीते सप्ताह इस पर चर्चा की है। अमेरिका ने आखिरी बार 1992 में परमाणु परीक्षण किया था।
15 मई को हुई थी बैठक
वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक 15 मई को इस मुद्दे पर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े बड़े अधिकारियों ने चर्चा की थी। हालांकि, इस बैठक का कोई ठोस परिणाम नहीं निकला है। इस बैठक में रूस और चीन के हल्के परमाणु बमों का मामला उठाया गया था। अमेरिका ने दोनों देशों पर परीक्षण करने का आरोप लगाया था। हालांकि, दोनों ने इन आरोपों को नकार दिया था। एक सूत्र ने द वाशिंगटन पोस्ट को बताया कि बैठक में मेंबरों ने रूस और चीन के परीक्षण का जवाब दूसरे तरीके से देने का फैसला किया है।

सुरक्षा परिषद ने नहीं दिया कोई बयान
अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने इस मामले में अभी तक कोई बयान नहीं दिया है। वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार परमाणु परीक्षण के विचार पर अभी असहमति सामने आई है। राष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा प्रशासन (एनएनएसए) ने इस मामले पर असहमति जताई है। एनएनएसए ही परमाणु हथियारों की सुरक्षा तय करती है।

आर्म्स रिडक्शन ट्रीटी 2021 में खत्म हो रही
फरवरी 2021 में अमेरिका और रूस के बीच आर्म्स रिडक्शन ट्रीटी खत्म हो रही है। रूस ने कई बार अमेरिका से इस ट्रीटी को पांच साल तक बढ़ाने के लिए कहा है। अमेरिका का कहना है कि वह अब इस ट्रीटी को तभी बढ़ाएगा जब इसमें चीन, ब्रिटेन और फ्रांस भी आएंगे। 1945 के बाद से कम से कम आठ देशों ने लगभग 2,000 परमाणु परीक्षण किए हैं। इनमें से अमेरिका ने अकेले 1,000 से ज्यादा टेस्ट किए थे।



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1945 से लेकर अब तक अमेरिका ने 1000 से ज्यादा परमाणु टेस्ट किए हैं। अमेरिका ने 1992 में अपना आखिरी टेस्ट किया था।

UK opposition calls on PM to sack top adviser over 400 km lockdown drive May 22, 2020 at 11:09PM

British Prime Minister Boris Johnson faced calls on Saturday from opposition parties to sack adviser Dominic Cummings after reports that he broke lockdown rules by travelling 400 km while ill with COVID-19 symptoms.

प्लेन क्रैश में बचे बैंक ऑफ पंजाब के प्रेसिडेंट का भारत से ताल्लुक; यूपी के अमरोहा आकर पुश्तैनी मकान देखना चाहते हैं May 22, 2020 at 11:43PM

पाकिस्तान प्लेन हादसे में बचे सिर्फ दो लोगों में से एक जफर मसूद भारत से रिश्ता रखते हैं। मसूद पाकिस्तान के बैंक ऑफ पंजाब के प्रेसिडेंट हैं। उत्तर प्रदेश के अमरोहा के सद्दो मोहल्ले में उनके पुरखों का घर है। उनका परिवार 1952 में पाकिस्तान चला गया था। मसूद को भारत से बेहद लगाव है। वे एक बार अमरोही आकर पुश्तैनी घर को देखता चाहते हैं। ये बातें मुंबई में रह रहे मसूद के रिश्तेदार आदिल जफर ने बताईं।

जफर मसूद अस्पताल में भर्ती हैं, उन्हें 4 फ्रैक्चर हुए हैं।

मसूद के दादा वकील और पिता टीवी आर्टिस्ट थे

मसूद का ताल्लुक पाकीजा फिल्म के डायरेक्टर कमाल अमरोही के खानदान से है। मसूद के परनाना ताकी अमरोही जो कि पाकिस्तानी पत्रकार थे, वे कमाल अमरोही के कजिन थे। मसूद के दादा मसूद हसन पाकिस्तान में वकील और पिता मुनव्वर सईद टीवी आर्टिस्ट थे।

प्लेन क्रैश में 97 लोगों की मौत

कराची में शुक्रवार को हुए प्लेन क्रैश में मसूद को 4 फ्रैक्चर हुए हैं। उनकी कॉलर बोन और हिप में चोट आई है। आदिल ने बताया कि उन्होंने मसूद के घरवालों से फोन पर बात की थी। हादसे में मसूद का जिंदा बचना उनके लिए किसी अजूबे से कम नहीं। क्योंकि, प्लेन में सवार 99 लोगों में से सिर्फ 2 की ही जान बच पाई।



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प्लेन कराची के रिहायशी इलाके में क्रैश हुआ था। ये तस्वीर हादसे के बाद रेस्क्यू करते लोगों की है।

चीन के साथ तनाव के बीच आर्मी प्रमुख ने लद्दाख का दौरा किया, तीन हफ्ते से यहां टकराव बना हुआ है May 22, 2020 at 11:33PM

भारत और चीनके बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चल रहे विवाद के बीच सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने शनिवार कोलद्दाख का दौरा किया। यहां उन्होंने टॉप फील्ड कमांडर के साथ बैठक की और हालात का जायजा लिया।

सूत्रों के मुताबिक, लद्दाख में चीन के साथ तीन जगह- गालवन नाला, डेमचौक और दौलत बेग और पैंगोंग त्सो झील में तनाव है। गालवन नाला में दोनों देशों के 300-300 सैनिक आमने-सामने हैं। दरअसल इस इलाके पर चीन अपना दावा कर रहा है। भारतीय सेना के फील्ड कमांडर चीन के कमांडर से बात कर रहे हैं और मामले का हल निकालने की कोशिश की जा रही है।

सीमा पर दोनों देशों ने सैनिकों की तादाद बढ़ाई
पिछले दिनों लद्दाख की पैंगोंग त्सो झील और गैलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं ने जवानों की मौजूदगी बढ़ा दी। यहां पिछले दो हफ्ते से टकराव बना हुआ है। इसे लेकर ब्रिगेड कमांडरों की फ्लैग मीटिंग भी हुई, लेकिन यह बेनतीजा रही। चीन की इस हरकत पर भारत के सेना के टॉप अफसर लगातार नजर बनाए हुए हैं। उधर, अमेरिका ने भी कहा था है कि चीनी सैनिकों का आक्रामक व्यवहार खतरे की तरफ इशारा करता है।

भारत के सड़क बनाने से टकराव शुरू हुआ

  • दोनों देशों के बीच टकराव की स्थिति पैंगोंग त्सो झील के पास भारत के सड़क निर्माण से शुरू हुई। दरअसल, लद्दाख के पूर्वी इलाके में आवागमन के लिए सड़क नेटवर्क को मजबूत कर रहा है। इस पर चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने आपत्ति जताई। इसके बाद चीन ने इस इलाके में अपने जवानों की संख्या बढ़ाना शुरू कर दिया। भारत ने भी इस इलाके में तैनाती बढ़ा दी।
  • भारत ने साफ किया है कि वह अपने इलाके में सड़क निर्माण कर रहा है। और यह ठीक वैसा ही जैसा चीन ने अपने इलाके में किया है। इसके बाद चीनी सैनिक इस इलाके में बने हुए हैं। चीनी सेना ने पैंगोंग त्सो झील में अपनी स्पीड बोट्स की मौजूदगी भी बढ़ा दी है। डेमचौक और दौलत बेग ओल्डी जैसे इलाकों में भी दोनों देशों के सैनिकों की संख्या में इजाफा हुआ है।

हाल में दोनों सैनिकों के बीच कहां-कहां झड़प हुईं

  • 5 मई, पूर्वी लद्दाख की पैंगोंग झील: शाम के वक्त इस झील के उत्तरी किनारे पर फिंगर-5 इलाके में भारत-चीन के करीब 200 सैनिक आमने-सामने हो गए। भारत ने चीन के सैनिकों की मौजूदगी पर ऐतराज जताया। पूरी रात टकराव के हालात बने रहे। अगले दिन तड़के दोनों तरफ के सैनिकों के बीच झड़प हो गई। बाद में दोनों तरफ के आला अफसरों के बीच बातचीत के बाद मामला शांत हुआ।
  • 9 मई, नाकू ला सेक्टर: यहां भारत-चीन के 150 सैनिक आमने-सामने हो गए थे। आधिकारिक तौर पर इसकी तारीख सामने नहीं आई। हालांकि, द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, यहां झड़प 9 मई को ही हुई। गश्त के दौरान आमने-सामने हुए सैनिकों ने एक-दूसरे पर मुक्कों से वार किए। इस झड़प में 10 सैनिक घायल हुए। यहां भी बाद में अफसरों ने दखल दिया। फिर झड़प रुकी।
  • 9 मई को ही लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के पास चीन की सेना के हेलिकॉप्टर दिखने के बाद भारतीय वायुसेना सतर्क हो गई। भारतीय वायुसेना ने भी सुखोई समेत दूसरे फाइटर जेट (लड़ाकू विमानों) से पेट्रोलिंग शुरू कर दी। एलएसी के पास चीन के हेलिकॉप्टर उसी दौरान देखे गए, जब उत्तरी सिक्किम के नाकू ला सेक्टर में चीनी सैनिकों और भारतीय सैनिकों में झड़प हुई थी। न्यूज एजेंसी एएनआई के सूत्रों के मुताबिक, चीन के हेलिकॉप्टरों ने एलएसी को क्रॉस नहीं किया, लेकिन पहले कई बार ऐसा हो चुका है।


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सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने शनिवार को लद्दाख का दौरा किया। भारत और चीन के बीच टकराव की स्थिति यहां पैंगोंग त्सो झील के पास भारत के सड़क निर्माण से शुरू हुई। चीन इस पर आपत्ति जता रहा है।

नौसेना ने नए लेजर हथियार का परीक्षण किया, उड़ते हुए विमान को भी नष्ट कर सकता है  May 22, 2020 at 09:59PM

अमेरिकी नौसेना ने एक हाई-एनर्जी लेजर हथियार का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। यह परीक्षण प्रशांत महासागर में एक वॉरशिप में किया गया है। नौसेना की पैसिफिक फ्लीट ने कहा कि यह हथियार इतना ताकतवर है कि उड़े रहे एयरक्राफ्ट को हवा में ही नष्ट कर सकता है।
नैवी ने इस परीक्षण के फोटो और विडियो भी जारी किए हैं। फोटो में दिख रहा है कि वॉरशिप के डेक से एक तेज लेजर निकल रही है। जारी किए गए वीडियो में दिखता है कि इस लेजर लाइट के सामने आने वाला ड्रोन जलने लगता है। नौसेना का कहना है कि लेजर हथियार ड्रोन या हथियारों वाली छोटी नावों के खिलाफ भी काम आ सकता है।

16 मई को प्रशांत महासागर में हुआ टेस्ट
नौसेना ने अभी यह नहीं बताया है कि लेजर हथियार का टेस्ट कहां किया गया है। उन्होंने सिर्फ यह बताया है कि यह 16 मई को प्रशांत महासागर में हुआ था।
अभी इस लेजर हथियार की पॉवर के बारे में भी कोई जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज की 2018 की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस हथियार की पॉवर 150 किलोवाट हो सकती है। पोर्टलैंड के कमांडिंग ऑफिसर कैप्टन कैरी सैंडर्स ने कहा, ‘‘समुद्र में यूएवी और छोटे एयरक्राफ्ट पर इस टेस्ट को करके हमें इस लेजर हथियार के ताकत के बारे में बहुत महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। नई पॉवर के साथ, हम नौसेना के लिए समुद्र में युद्ध को नए सिरे से परिभाषित कर रहे हैं। ’’

इस तर काम करता है लेजर हथियार
2017 में सीएनएन से बात करते हुए लेजर वीपन सिस्टम ऑफिसर लेफ्टिनेंट केल ह्यूज ने लेजर हथियारों के बारे में बताया था। उन्होंने बताया कि यह हथियार किसी भी चीज पर भारी मात्रा में फोटॉन डालते हैं। इससे उस चीज में आग लग जाती है। लेजर हथियार में हवा और रेंज का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। केवल टार्गेट सेट करना पड़ता है और काम हो जाता है।



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अमेरिकी वॉरशिप यूएसएस पोर्टलैंड से 16 मई को लेजर हथियार का परीक्षण किया गया। नौसेना ने इसकी फोटो भी जारी की है।

अमेरिकी संसद के दोनों सदनों में बिल पेश, इसमें यूएस में पढ़े विदेशी कामगारों को तरजीह देने का प्रस्ताव May 22, 2020 at 09:25PM

अमेरिकी संसद (कांग्रेस) में एच-1बी वीजा कानूनों में बदलाव को लेकर बिल पेश किया गया है। इसमें अमेरिका में पढ़े विदेशी टेक प्रोफेशनल्स को तरजीह देने की बात कही गई है। बिल का मकसद अमेरिकी कर्मचारियों की सुरक्षा और बेहतर सैलरी सुनिश्चित करना है। एच-1बी वीजा के तहत अमेरिकी कंपनियों में काम करने वाले भारतीय टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट ही ज्यादा होते हैं।

अगर बिल, कानून का रूप लेता है तो यह पहली बार होगा कि अमेरिकी सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विस एच-1बी वीजा प्राथमिकता का आधार पर देगी। प्रस्ताव के मुताबिक, अमेरिका में एजुकेटेड योग्य छात्रों को एच-1बी वीजा के लिए चुनना है। साथ ही इसके तहत उन छात्रों को भी मौका मिलेगा जिनके पास एडवांस्ड डिग्री है और जो ज्यादा सैलरी पा रहे हैं।

किन सांसदों ने बिल पेश किया
सीनेट में: चक ग्रेसली, डिक डर्बन।
हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में: बिल पास्क्रेल, पॉल गोसर, रो खन्ना, फ्रेंक पालोन और लांस गूडन।

क्या है बिल का मकसद?
इसके तहत एच-1बी या एल-1 वीजाधारकों को अमेरिकी कर्मचारियों की जगह लेने से रोकना है। बिल में साफतौर पर कहा गया है कि एच-1बी धारक को नियुक्ति देने पर अमेरिकी वर्कर्स पर इसका उल्टा प्रभाव नहीं पड़ेगा। विशेष रूप से बिल 50 से ज्यादा कर्मचारियों वाली ऐसी कंपनियों को प्रतिबंधित करेगा, जिनमें से कम से कम आधे एच-1बी या एल-1 वीजाधारक हैं। साथ ही वे कंपनियां जो अतिरिक्त एच -1 बी कर्मचारियों को काम पर रखती हैं।

‘हमारी नीतियां हमारा ही नुकसान कर रहीं’
सीनेटर ग्रेसली ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ कंपनियां हमारी बनाई नीतियों के आधार पर कम तनख्वाह पर कर्मचारियों को भर्ती करती हैं, जिससे अमेरिकियों को नुकसान होता है। हमें ऐसी नीतियां बनाने की जरूरत है, जिसमें अमेरिकन वर्कर्स को तरजीह मिले। हमारा बिल यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाता है कि कार्यक्रम अमेरिकियों और कुशल विदेशी कर्मचारियों के लिए समान रूप से काम करते हैं।’’

क्या है एच-1बी वीजा?

एच-1 बी वीजा गैर-प्रवासी वीजा है। अमेरिकी कंपनियां इसके तहत दूसरे देशों के टेक्निकल एक्सपर्ट्स को नियुक्त करती हैं। नियुक्ति के बाद सरकार से इन लोगों के लिए एच-1बी वीजा मांगा जाता है। अमेरिका की ज्यादातर आईटीकंपनियां हर साल भारत और चीन जैसे देशों से लाखों कर्मचारियों की नियुक्ति इसी वीजा के जरिए करती हैं।नियम के अनुसार, अगर किसी एच-1बी वीजाधारक की कंपनी ने उसके साथ कांट्रैक्ट खत्म कर लिया हैतो वीजा स्टेटस बनाए रखने के लिए उसे 60 दिनों के अंदर नई कंपनी में जॉब तलाशना होगा। यूएससीआईएसके मुताबिक, एच-1बी वीजा के सबसे बड़े लाभार्थी भारतीय ही हैं।



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एच-1 बी वीजा गैर-प्रवासी वीजा है। अमेरिकी कंपनियां इसके तहत दूसरे देशों के टेक्निकल एक्सपर्ट्स को नियुक्त करती हैं। -फाइल फोटो

वक्त आ गया है कि अपनी हेल्थ केयर को लेकर परिवार से बात करें, बीमारी की चपेट में आने से पहले ही फैसले लेने वाले को नियुक्त कर दें May 22, 2020 at 09:10PM

लॉरा शेलेनबर्ग जॉनसन. कोरोनावायरस के कारण लोगों में कई भावनात्मक बदलाव भी आए हैं। इस वक्त परिवार अपने बीमार परिजनों के लिए फैसला लेने में परेशान होते नजर आ रहे हैं। हाल ही में गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति के बेटे ने बताया कि, हमने बीमारी के कारण पिता की देखभाल के कई बड़े फैसलों को फिलहाल रोक दिया है। हमने कभी इसके बारे में बात नहीं की, मैं नहीं जानता को वो क्या चाहते हैं। इसी तरह कई परिवारों के हालात समान हैं।

कैसर फैमिली फाउंडेशन स्टडी के अनुसार अमेरिका में केवल 56 प्रतिशत व्यस्कों ने अपनी स्वास्थ्य प्राथमिकताओं के बारे में बात की है। 27 फीसदी लोगों ने लिखा है और 10 में से केवल 1 ने यह सब चर्चा अपने हेल्थ केयर प्रोवाइडर से की है। कई परिवारों को यह जानकर आश्चर्य होता है कि, एक अच्छा जीवन किसी व्यक्ति के गंभीर रूप से बीमार होने पर या लाइफ सपोर्ट की आवश्यकता होने पर क्या किया जाना चाहिए, इस बात का मार्गदर्शन नहीं करता। सबसे ताकतवर चीज जो एक मरीज या परिवार कर सकता है वो है उनके स्वास्थ्य की देखभाल पर नियंत्रण करना।

महामारी के दौर में यह बातचीत काफी अहम हो गई है
अब जब हम महामारी में रह रहे हैं तो इस तरह की बातचीत जरूरी हो गई है। हालात यह हैं कि हल्के बुखार के लक्षण भी कुछ घंटों में जानलेवा साबित हो सकते हैं। कोविड 19 के पहले हमारे पास मरीज की प्राथमिकताओं के बारे में बात करने का समय था। परिवार, पालतू जानवर, घर पर रहना, आजादी और भरोसा यह सब सभी की लिस्ट में टॉप पर थे।

कुछ लोगों ने कहा कि, ज्यादा से ज्यादा जीना जरूरी है। कुछ लोग जीवन की क्वालिटी के बारे में चिंता करते हैं। कोविड 19 के साथ बात करने के मौके पता लगने से पहले ही खत्म हो जाते हैं। अस्पताल में भर्ती मरीजों से लोग नहीं मिल सकते हैं और वे कई बार फोन पर बात करने की हालत में भी नहीं होते। एक बार वेंटिलेटर पर जाने के बाद कई लोग बात नहीं कर पाते हैं।

वेंटिलेटर से उम्मीद लगा लेते हैं परिजन
कई परिवार अपने करीबियों को जिंदा रखने के लिए वेंटिलेटर्स से उम्मीद करते हैं। वेंटिलेटर जीवन बचा सकते हैं, लेकिन इसमें भी कई जोखिम हैं। संयुक्त राष्ट्र के डाटा के मुताबिक वेंटिलेटर पर मौजूद करीब आधे मरीज बीमारी से बच नहीं पाते और उम्र, स्वास्थ्य के कारण उनके बचने की संभावना भी कम होती जाती है। जो लोग बच जाते हैं उन्हें महीनों की स्किल्ड सुविधाओं की जरूरत होती है। लौट कर आए मरीज मेमोरी लॉस, तनाव जैसी कई परेशानियों का सामना करते हैं। कई लोग अपने पुराने स्तर के जीवन पर वापसी नहीं कर पाते हैं।

व्यक्ति का चुनाव करें जो आपकी जगहफैसले ले सके
कोविड बहुत ही अप्रत्याशित है इसलिए एक निर्णय लेने वाले को नियुक्त किया जाना चाहिए। उस व्यक्ति से अभी जरूरी चीजों के बारे में बात करें। उन्हें बताएं कि अगर आप गंभीर रूप से बीमार हो गए तो उन्हें क्या करना है। पहली बार में यह चर्चा अजीब लगेग, लेकिन इससे पता लगेगा कि अगर किसी हालात में कठिन निर्णय लेने पड़े तो यह आपकी इच्छाओं को दर्शाएगा। इसका मुख्य मकसद है इस बारे में जानना कि, सबसे ज्यादा क्या मायने रखता है। क्योंकि हर व्यक्ति के लिए क्वालिटी ऑफ लाइफ का मतलब अलग होता है।

  • फिर से आजाद रह सकूं: फेंफड़ों की बीमरी से जूझ रहे एक 87 साल के बुजुर्ग के अनुसार, वे चाहते हैं कि दोबारा अपने 2 एकड़ के इलाके में आजादी से रह सकें और आग जलाने के लिए खुद लकड़ी काट पाएं।
  • बच्चों के साथ जीना है: कैंसर की मरीज एक 36 साल की मां का कहना है कि, जब तक वो अपने बच्चों को खुद से चिपकाकर रख सकती है, तब तक जीवन जीने लायक है।

बात करने के कुछ उपाय
बात करना कुछ अजीब लग सकता है। इस एहसास को हटाने के लिए कुछ टिप्स हैं, जिसके जरिए आप जान सकते हैं कि परिवार के सदस्य क्या चाहते हैं।

  • आपके पीछे निर्णय लेने वाला कौन है? अगर आपने किसी को अपनी हेल्थ केयर पर निर्णय लेने के लिए नियुक्त नहीं किया है तो कर लें।
  • क्या आपने अपनी वसियत तैयार कर ली है, जो आपकी इच्छाओं को बताएगी। अगर वसियत बन चुकी है तो इसकी कॉपी किसके पास है?
  • आपके नियुक्त किए गए निर्णय लेने वाले से इच्छाओं के बारे में बात करें। उनके साथ इस बात को साझा करें कि, आपके लिए सबसे जरूरी क्या है। उदाहरण के लिए: घर पर रहना, परिवार के साथ रहना, ज्यादा से ज्यादा जीना, गुडबाय कहने के लायक होना।


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हर व्यक्ति का अपने लिए क्वालिटी लाइफ का मतलब अलग-अलग होता है। पहले ही बता दें कि, आप अपने लिए कैसी हेल्थ केयर चाह रहे हैं।

Virus-hit Hertz declares bankruptcy in US and Canada May 22, 2020 at 08:34PM