Friday, November 13, 2020

यहां राम-शिव रचे-बसे हैं, दीपावली पर अहम दूर करने 30 दिन का व्रत रखा जाता है November 13, 2020 at 09:11PM

भले ही मुस्लिम बहुल इंडोनेशिया में हिंदुओं की आबादी 2% से कम है। लेकिन, राम और शिव यहां की संस्कृति में रचे-बसे हुए हैं। यहां सारे तीज-त्योहार वैसे ही मनते हैं, जैसे भारत में मनाए जाते हैं। यहां बाली, सुमात्रा और सुलावेसी, पश्चिमी पापुआ में दीपावली प्रमुख पर्व है।

दीपावली के लिए अनुष्ठान 30 दिन पहले शुरू हो जाते हैं। लोग 30 दिनों तक व्रत रखते हैं। हालांकि, अब इस परंपरा को कुछ ही लोग निभाते हैं। सुमात्रा के मेदान में रहने वाले डी. सुरेश कुमार बताते हैं कि 30 दिनों का यह व्रत आत्म नियंत्रण, खुद की खोज, अपनी कमियों को सुधारने और दीपावली से नई शुरुआत के रास्ते खोलता है।

इन 30 दिनों में हम घरों को सजाते हैं। रंग-रोगन करते हैं, दीये जलाते हैं। दीपावली की सुबह स्नान करके सपरिवार मंदिर जाते हैं। परिचितों और दोस्तों के घर जाते हैं। रात्रि पूजन के बाद माता-पिता और बुजुर्गों के पैर छूते हैं। अहम् को दूर करने के लिए क्षमा मांगते हैं। आतिशबाजी का भी चलन है। इटली के घुमक्कड़ लेखक वार्थेमा ने 1502 से 1508 के बीच दक्षिण एशिया का दौरा किया था। उन्होंने यात्रा वृत्तांत में भारत के विजयनगर की तरह सुमात्रा द्वीप में भी आतिशबाजी का उल्लेख किया है।

गलुंगन मनाते हैं स्थानीय लोग
यहां कुछ जगहों पर दीपावली अधर्म पर धर्म की जीत के तौर पर मनाया जाता है। स्थानीय भाषा में इसे गलुंगन कहते हैं। यह पर्व हर 210 दिन पर पड़ता है। यहां हिंदुओं का सबसे बड़ा सांस्कृतिक केंद्र जावा के योगाकार्ता शहर में स्थित प्रम्बनन मंदिर है।

850 ईसवी में बना यह मंदिर यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में है। यहां ब्रह्मा, विष्णु और महेश के मंदिर है। इसे संजय वंश के शासक रकाई पिकातन ने बनवाया था। इसी मंदिर का पुराविष्ट एंफीथियेटर रोजाना होने वाले रामायण मंचन के लिए मशहूर है। 1976 से यहां हर रोज रामायण का मंचन होता है। यह दुनिया का सबसे लंबे समय से चलने वाला स्टेज शो भी है। प्रतिभागी से लेकर दर्शक तक में बड़ी तादाद में मुस्लिम समुदाय भी शामिल होता है। सीता के पिता जनक का किरदार करने वाले अली नूर बताते हैं, ‘हम लोग सिर्फ मुस्लिम नहीं, जावानीज भी हैं। यहां हम हिंदू-बौद्ध कहानियां सुनकर बड़े हुए हैं।’

20 हजार से ज्यादा मंदिर वाले बाली में 80% हिंदू आबादी है। इंडोनेशिया के ज्यादातर लोग रामायण पर विश्वास करते हैं। हिंदुओं की धार्मिक शिक्षा में रामायण को अनिवार्य रूप से शामिल किया गया है। यह प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा का हिस्सा है।



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रामलीला में कुंभकरण का वध करते हुए भगवान राम।

ससुराल जनकपुर में दूल्हे के रूप में पूजे जाते हैं श्रीराम, जमाई जैसा सत्कार होता है November 13, 2020 at 09:09PM

पूरी दुनिया में श्रीराम को राजा राम की तरह पूजा जाता है, लेकिन उनके ससुराल जनकपुर धाम में उनकी पूजा दूल्हा राम के रूप में होती है। मिथिला के राजा जनक की पुत्री सीता से जब श्रीराम का विवाह हुआ था, तब वे अयोध्या के युवराज थे। इसलिए, यहां मंदिर में विराजमान श्रीराम 18 वर्ष के और सीता 16 वर्ष की हैं। चूंकि राम मिथिला के जमाई (स्थानीय भाषा में पाहुन) हैं, इसलिए मिथिला की प्रसिद्ध आतिथ्य सत्कार की परंपरा का पालन करते हुए आज भी यहां श्रीराम को दिन में 5 बार भोग लगता है।

जनकधाम में सिर्फ राम के चारों पहर के भोजन के लिए 6 पुजारियों और 8 रसोइयों की टीम लगी हुई है। यह भोग प्रसाद के रूप में श्रद्धालुओं को दिया जाता है। साधु-संतों और गरीबों के लिए भंडारा भी लगाया जाता है, जिसमें हर रोज 200 लोग भोजन करते हैं।

सुबह उठते ही श्रीराम को खीर का भोग लगाया जाता है
मुख्य महंत राम तपेश्वर दास बताते हैं कि प्रात: दामाद के उठते ही खीर का भोग लगता है। इसके बाद सुबह के नाश्ते को बाल भोग कहा जाता है। इसमें दही, चूड़ा, मिठाई परोसी जाती है। इसके बाद दोपहर में पाहुन को मुख्यतः 56 या 106 प्रकार के व्यंजन तैयार कर परोसे जाते हैं। इसे राज भोग कहते हैं। संध्या के समय फल भोग परोसा जाता है। फिर रात्रि में राज भोग परोसा जाता है। मंदिर के मुख्य रसोइया राम नगेंद्र मिश्रा ने बताया कि विभिन्न भोग में हर महीने 3 लाख रुपए खर्च होते है।

अकाल दूर करने के लिए 59 वर्ष पहले शुरू हुआ अखंड महायज्ञ आज भी जारी
1961 में जनकपुर में अकाल की स्थिति बन गई थी। उस समय जनकधाम में अखंड श्री सीताराम महायज्ञ की शुरुआत की गई थी। यह महायज्ञ आज भी जारी है। कोरोना जैसी महामारी में भी यह महायज्ञ नहीं रुका। कुल 16 व्यक्तियों की मंडली अलग-अलग शिफ्ट में सीताराम महायज्ञ जारी रखती है। इन्हें मंदिर प्रबंधन भोजन, घर, वस्त्र और मानदेय देता है।

दीपावली पर केले के पेड़ों से सजाते हैं घर-दुकान, 8 करोड़ के पेड़ बिकते हैं
जनकपुर में दीप उत्सव के दिन सभी व्यापारी अपने प्रतिष्ठानों के आगे केले के पेड़ की सजावट करते हैं। स्थानीय इम्पोरियम संचालक निरंजन केडिया बताते हैं कि छोटी-बड़ी दुकान मिलाकर 12 हजार से अधिक दुकानें हैं। लोग दुकानों पर 6 से 8 पेड़ से सजावट करते हैं। दीपावली पर एक पेड़ 500 से 1000 रुपए तक का बिकता है। हर साल इस मौके पर 5 से 8 करोड़ रुपए के केले के पेड़ बिक जाते हैं।



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फोटो काठमांडू स्थित श्रीराम जानकी मंदिर की है। यहां श्रीराम को दिन में दो बार राजभोग समेत 5 बार भोग लगाया जाता है।

व्हाइट हाउस में ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल के लिए तैयारियां, राष्ट्रपति ने कहा- वक्त का इंतजार कीजिए November 13, 2020 at 07:43PM

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। जो बाइडेन चुनाव जीत चुके हैं। दूसरी तरफ, डोनाल्ड ट्रम्प ने अब तक हार नहीं मानी। अब फॉक्स न्यूज की एक खबर ने सस्पेंस और बढ़ा दिया है। इसकी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि व्हाइट हाउस में बाइडेन के वेलकम की जगह ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल की तैयारियां की जा रही हैं। बाइडेन को 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेनी है।

इस बीच, राष्ट्रपति ट्रम्प ने शुक्रवार को यह कहकर मामला ज्यादा उलझा दिया कि एडमिनिस्ट्रेशन कौन सी रहेगी, इसका इंतजार कीजिए। हालांकि, उन्होंने इस बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया।

एडवाइजर ने क्या कहा
फॉक्स बिजनेस नेटवर्क से बातचीत में राष्ट्रपति ट्रम्प के ट्रेड एडवाइजर पीटर नेवारो ने कहा- व्हाइट हाउस में यह माना जा रहा है कि और हम भी यही मान रहे हैं कि राष्ट्रपति ट्रम्प ही रहेंगे और वे अपना दूसरा टेन्योर शुरू करेंगे। लिहाजा, इसी के मद्देनजर तैयारियां की जा रही हैं।
नेवारो की बात से फिर यह सवाल सामने आ रहा है कि ट्रम्प ने अब तक बाइडेन को परंपरा के मुताबिक बधाई क्यों नहीं दी? वे हार मानने को तैयार क्यों नहीं हैं? साफ है कि व्हाइट हाउस में कुछ तो चल रहा है।

किस बात का इंतजार
नेवारो ने आगे कहा- हम चाहते हैं के वेरिफाइड और सर्टिफाइड बैलट्स की ही काउंटिंग हो। चुनावी धांधलियों की जांच की जाए और इसके अलावा जो आरोप लग रहे हैं उन पर तस्वीर साफ हो। चीन पर बाइडेन ने अब तक कोई बयान ऐसा नहीं दिया जिससे ये साफ हो कि वे उससे किस तरह के रिश्ते रखेंगे या ट्रेड पॉलिसी क्या होगी।

रास्ता आसान नहीं
ट्रम्प के समर्थक चाहे जो कह रहे हों, लेकिन इतना तो साफ है कि बाइडेन की जीत तय हो चुकी है। दुनिया के कई नेता उन्हें बधाई भी दे चुके हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि ट्रम्प कैम्प क्यों अब भी चुप है। ट्रम्प की ओर से बाइडेन को मुबारकबाद क्यों नहीं दी गई। इस सवाल का जवाब आने वाले दिनों में मिलने की उम्मीद है।



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राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प व्हाइट हाउस में रहेंगे या नहीं, इस सवाल का जवाब मिलने में कुछ और वक्त लग सकता है। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल की तैयारियां हो रही हैं।

नतीजे साफ होने के बाद पहली बार ट्रम्प बोले- वक्त ही बताएगा, मैं राष्ट्रपति रहूंगा या नहीं November 13, 2020 at 05:44PM

चुनाव नतीजे साफ होने के करीब एक हफ्ते बाद डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को पहली बार मीडिया से बातचीत की। मसला कोरोनावायरस था। लेकिन, इस दौरान चुनाव नतीजों पर भी बात हुई। ट्रम्प ने कहा- ये वक्त ही बताएगा कि मैं राष्ट्रपति रहूंगा या नहीं। उनका बयान इसलिए अहम है कि खुद ट्रम्प और उनकी कैम्पेन टीम वोटिंग और काउंटिंग में धांधली का आरोप लगाते हुए कई केस दर्ज करा चुके हैं।
विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भी सोमवार को एक सवाल के जवाब में कहा था कि ट्रम्प राष्ट्रपति बने रहेंगे। हालांकि, पहली बार ट्रम्प ने इस मुद्दे पर नर्म रुख अपनाया।

अब तक हार नहीं मानी
नतीजे साफ हुए एक हफ्ता हो चुका है, लेकिन अब तक ट्रम्प ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है जिससे लगता है कि वो लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत हार स्वीकार कर लेंगे और परंपरा का पालन करते हुए जो बाइडेन को जीत की बधाई देंगे। शुक्रवार को व्हाइट हाउस में मीडिया से बातचीत में मुख्य तौर पर कोरोनावायरस वैक्सीन का जिक्र किया।

लॉकडाउन नहीं होगा
यूरोपीय देशों और ब्रिटेन में संक्रमण बढ़ा तो वहां सख्त लॉकडाउन लगाया गया। लेकिन, ट्रम्प ने साफ तौर कहा कि अमेरिका में लॉक डाउन नहीं लगाया जाएगा। उन्होंने कहा- इसकी कोई जरूरत नहीं है। कुछ हफ्ते में वैक्सीन हमारे पास होगा। इसके लिए सारी तैयारियां की जा चुकी हैं। फिर कहा, “उम्मीद करता हूं कि आगे सब अच्छा होगा। हालांकि, ये कोई नहीं जानता कि आगे क्या होगा। कौन सी एडमिनिस्ट्रेशन रहेगी। मुझे लगता है कि इस सवाल का जवाब वक्त ही देगा।”

आगे क्या होगा
ट्रम्प के पास ज्यादा वक्त नहीं है। अगले महीने इलेक्टोरल कॉलेज की मीटिंग होनी है। इसके पहले उन्हें हार स्वीकार करनी होगी। क्योंकि बाइडेन अब एरिजोना और जॉर्जिया जीतकर 290 वोट के आंकड़े तक पहुंच चुके हैं। 8 दिसंबर को इलेक्टरल मीट और 14 को वोटिंग होनी है। इसके पहले कानूनी मामले भी निपटने हैं। माना जा रहा है कि ट्रम्प जल्द ही बाइडेन को जीत की बधाई देकर व्हाइट हाउस से विदा होने की तैयारी करेंगे।



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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने और उनकी टीम में वोटिंग और काउंटिंग में धांधली के आरोप लगाते हुए कई केस दायर किए हैं। (फाइल फोटो)

Trust in vaccines vital to halting pandemic: WHO November 13, 2020 at 04:58PM

As the world celebrates advances in vaccines against Covid-19, a top WHO expert warned that public distrust risked rendering even the most effective treatments useless against the pandemic. More needed to be done to boost public "confidence in the fact that the vaccines that WHO is involved in evaluating, we will not be compromising on safety or efficacy," she said.

चुनावी धांधली से जुड़े 10 केस दायर कर सकते हैं ट्रम्प, जानिए इनके सहारे वे कब तक कुर्सी बचा पाएंगे November 13, 2020 at 04:01PM

जो बाइडेन अब प्रेसिडेंट इलेक्ट हैं। 20 जनवरी को इनॉगरेशन डे यानी शपथ का दिन है। लेकिन, इसका दूसरा पक्ष भी है। और वह ये कि डोनाल्ड ट्रम्प हार कबूलने तैयार नहीं हैं। कभी वोटिंग तो कभी काउंटिंग को धांधली बताकर केस दायर कर रहे हैं। सोमवार को पेन्सिलवेनिया में और बुधवार को मिशिगन में इसी तरह के मुकदमे दर्ज कराए। सवाल यह है कि आखिर कानूनी पैंतरों को ट्रम्प कब तक ढाल बनाएंगे और कब तक व्हाइट हाउस में डटे रहेंगे। आइए, इस बारे में कुछ अहम बातें जानते हैं।

10 केस दायर करेंगे?
ट्रम्प कैम्प द्वारा दायर किए जा रहे मुकदमों पर ‘न्यूयॉर्क पोस्ट’ ने रिपोर्ट पब्लिश की है। अखबार से बातचीत में ट्रम्प के पर्सनल लॉयर और न्यूयॉर्क के पूर्व मेयर रुडी गुलियानी ने कहा- हम 10 केस दायर कर सकते हैं। ट्रम्प ने अब तक हार स्वीकार नहीं की है। बजाए इसके उन्होंने कई केस दायर कर दिए हैं और करते जा रहे हैं।

क्या है कानूनी रास्ता
1876 में राष्ट्रपति रदरफोर्ड और हायेस के बीच विवाद हुआ था। इसके बाद 1876 में सेफ हार्बर कानून बना। इसके बाद इसमें संशोधन हुआ। 1887 में इलेक्टोरल काउंट एक्ट 1887 सामने आया। इस कानून के मुताबिक, राज्यों को यह तय करना होगा कि चुनावी मुकदमों को इलेक्टोरल कॉलेज मीटिंग के 6 दिन पहले तक खत्म कर लिया जाए। इस बार यह मीटिंग 8 दिसंबर को होनी है। यानी 2 दिसंबर के पहले तमाम केसों पर फैसला आा जाना चाहिए। ज्यादातर राज्यों में इलेक्शन डे के बाद एक महीने तक ही आपत्ति या केस दर्ज कराए जा सकते हैं। लेकन, निपटारा 6 दिन में ही होना चाहिए।

इलेक्टोरल कॉलेज मीटिंग
अमेरिका में 538 इलेक्टोरल कॉलेज वोट हैं। नए राष्ट्रपति का नाम औपचारिक रूप से तय करने के लिए 14 दिसंबर डेडलाइन है। यानी इस दिन इलेक्टोरल कॉलेज की वोटिंग होगी। जीत के लिए 270 सदस्यों का समर्थन जरूरी है। बाइडेन ये पहले ही हासिल कर चुके हैं। 1948 में इलेक्टोरल कॉलेज वोटिंग के लिए नियम बनाया गया था। हालांकि, लॉ प्रोफेसर रेबेका ग्रीन इसे बहुत जटिल मानती हैं। ओहियो स्टेट लॉ कॉलेज के प्रोफेसर एडवर्ड फोले कहते हैं- 8 दिसंबर ऑप्शनल डेट हो सकती है, लेकिन 14 दिसंबर तक तो तस्वीर साफ होनी ही चाहिए।

कोर्ट जल्द निपटाएंगे मामले
पूर्व इलेक्शन कमिश्नर एडवे नोटि कहते हैं- मुझे नहीं लगता कि 8 दिसंबर तक मामले खत्म होने में कोई दिक्कत होगी। भले ही कुछ राज्यों में रीकाउंट क्यों न चल रहा हो। कोर्ट भी इस तरह के मामलों की तेजी से सुनवाई करते हैं।



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डोनाल्ड ट्रम्प ने नतीजे आने के बाद अब तक हार स्वीकार नहीं की है। उन्होंने प्रेसिडेंट इलेक्ट जो बाइडेन को बधाई भी दी है।

ट्रम्प बोले- कुछ हफ्तों में उपलब्ध होगी वैक्सीन, अमेरिका में लॉकडाउन नहीं होगा November 13, 2020 at 03:59PM

दुनिया में कोरोना मरीजों का आंकड़ा शुक्रवार सुबह 5.37 करोड़ के पार हो गया। 3 करोड़ 75 लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। अब तक 13 लाख 08 हजार से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। चुनाव हारने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड पहली बार मीडिया के सामने आए। एक बार फिर देश को भरोसा दिलाया कि वैक्सीन बहुत जल्द और कुछ ही हफ्तों में उपलब्ध हो जाएगी।

अमेरिका में फिर एक लाख से ज्यादा केस
अमेरिका में शुक्रवार को एक बार फिर संक्रमितों का आंकड़ा एक लाख से ज्यादा रहा। यह लगातार आठवां दिन है जब अमेरिका में एक लाख से ज्यादा केस सामने आए। हालांकि, इसी दौरान बुधवार को एक लाख 42 हजार मामले भी सामने आए। चुनाव हारने के बाद डोनाल्ड ट्रम्प ने पहली बार मीडिया से बातचीत की। कहा- अमेरिका में लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा। वैक्सीन के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। जरूरतमंदों को यह कुछ ही हफ्तों में मिल जाएगी। इस बीच, ओरेगन और न्यू मैक्सिको की राज्य सरकारों ने अपने आंशिक लॉकडाउन का ऐलान कर दिया है।

फ्रांस में हालात अब बेहतर
फ्रांस में सख्त लॉकडाउन का असर दिखने लगा है। यही वजह है कि सरकार ने इसे दो हफ्ते बढ़ाने का फैसला किया है। अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी कम होने लगी है, एक हफ्ते पहले तक यह सरकार के लिए चिंता की सबसे बड़ी वजह थी। हेल्थ एजेंसी ने अपने बयान में कहा- गुरुवार और शुक्रवार के बीच सिर्फ 22 मरीज हॉस्पिटल में भर्ती हुए। इसके एक दिन पहले यानी बुधवार को 726 मरीज अस्पतालों में भर्ती कराए गए थे। फ्रांस में दो हफ्ते पहले एक महीने के लिए लॉकडाउन किया गया था। मियाद खत्म होने के पहले ही इसे दो हफ्ते और बढ़ा दिया गया।

शुक्रवार को फ्रांस के मार्सिले शहर के एक अस्पताल में कोविड पेशेंट का इलाज करते डॉक्टर। यहां हॉस्पिटल में भर्ती होने वाली मरीजों की संख्या काफी कम हो गई है।

स्पेन में हिंसा
स्पेन में कोरोना की दूसरी लहर शुरू हो चुकी है। इस बीच, सरकार ने कोविड-19 के रोकथाम के लिए कई तरह की प्रतिबंध लगाने शुरू कर दिए हैं। इस पर लोग आक्रोशित हो उठे हैं। लोगों का कहना है कि सरकार जानबूझकर लोगों की आजादी छीनना चाहती है। कई जगह अराजकता का माहौल बन गया है। लोगों ने स्टोर्स लूट डाले। यहां मैड्रिड, लोगोना, मलेगा, सांताडर जैसे कई शहरों में लोगों ने जमकर प्रदर्शन किया। बवाल में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। कई जगह से लूटपाट की खबरें भी सामने आई है। सरकार ने यहां अमेरिका, ब्रिटेन समेत 65 देशों से पहुंचने वाले लोगों के लिए 72 घंटे पहले की कोविड-19 रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य कर दिया है। जिसके पास निगेटिव रिपोर्ट होगी उसे ही स्पेन में एंट्री मिलेगी।



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न्यूयॉर्क में एक कोरोना टेस्टिंग सेंटर के बाहर कतार में खड़े लोग। अमेरिका में लगातार आठवें दिन एक लाख से ज्यादा नए केस सामने आए।

दो प्रतिशत हिंदू आबादी वाले इंडोनेशिया में राम-शिव रचे बसे हैं, यहां दीपावली पर अहम् दूर करने को 30 दिन का व्रत रखा जाता है November 13, 2020 at 02:29PM

भले ही मुस्लिम बहुल इंडोनेशिया में हिंदुओं की आबादी 2% से कम है। लेकिन राम और शिव यहां की संस्कृति में रचे-बसे हुए हैं। यहां हर तीज-त्योहार वैसे ही मनते हैं, जैसे भारत में मनाए जाते हैं। यहां बाली, सुमात्रा और सुलावेसी, पश्चिम पापुआ में दीपावली प्रमुख पर्व है। दीपावली के लिए अनुष्ठान 30 दिन पहले शुरू हो जाते हैं। लोग 30 दिनों तक व्रत रखते हैं। हालांकि अब इस परंपरा को कुछ ही लोग निभाते हैं।

सुमात्रा के मेदान में रहने वाले डी. सुरेश कुमार बताते हैं कि 30 दिनों का यह व्रत आत्म नियंत्रण, खुद की खोज, अपनी कमियों को सुधारने और दीपावली से नई शुरुआत के रास्ते खोलता है। इन 30 दिनों में हम घरों को सजाते हैं। रंग-रोगन करते हैं। दीये जलाते हैं। दीपावली की सुबह स्नान करके सपरिवार मंदिर जाते हैं। परिचितों और दोस्तों के घर जाते हैं। रात्रि पूजन के बाद माता-पिता और बुजुर्गों के पैर छूते हैं। अहम् को दूर करने के लिए क्षमा मांगते हैं। आतिशबाजी का भी चलन है। इटली के घुमक्कड़ लेखक वर्थीमा ने 1502 से 1508 के बीच दक्षिण एशिया का दौरा किया था।

उन्होंने यात्रा वृत्तांत में भारत के विजयनगर की तरह सुमात्रा द्वीप में भी आतिशबाजी का उल्लेख किया है। यहां कुछ जगहों पर दीपावली अधर्म पर धर्म की जीत के तौर पर मनाया जाता है। स्थानीय भाषा में इसे गलुंगन कहते हैं। यह पर्व हर 210 दिन पर पड़ता है। यहां हिंदुओं का सबसे बड़ा सांस्कृतिक केंद्र जावा के योगाकार्ता शहर स्थित प्रम्बनन मंदिर है। 850 ईस्वी में बना यह मंदिर यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में है। यहां ब्रह्मा, विष्णु और महेश के मंदिर है।

इसे संजय वंश के शासक रकाई पिकातन ने बनवाया था। इसी मंदिर का पुराविष्ट एंफीथियेटर रोजाना होने वाले रामायण मंचन के लिए मशहूर है। 1976 से यहां हर रोज रामायण का मंचन होता है। यह दुनिया का सबसे लंबे समय से चलने वाला स्टेज शो भी है। प्रतिभागी से लेकर दर्शक तक में बड़ी तादाद में मुस्लिम समुदाय भी हिस्सा लेता है। सीता के पिता जनक का किरदार करने वाले अली नूर बताते हैं, ‘हम लोग सिर्फ मुस्लिम नहीं, जावानीज भी हैं।

यहां हम हिंदू-बौद्ध कहानियां सुनकर बड़े हुए हैं।’ 20 हजार से ज्यादा मंदिर वाले बाली में 80% हिंदू आबादी है। इंडोनेशिया के ज्यादातर लोग रामायण पर विश्वास करते हैं। हिंदुओं की धार्मिक शिक्षा में रामायण को अनिवार्य रूप से शामिल किया गया है। यह प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा का हिस्सा है।



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रामलीला में कुंभकर्ण वध करते हुए भगवान राम।

ससुराल जनकपुर में दूल्हा राम के रूप में पूजे जाते हैं श्रीराम...जमाई जैसा सत्कार November 13, 2020 at 02:23PM

पूरी दुनिया में श्रीराम को राजा राम की तरह पूजा जाता है...मगर उनके ससुराल जनकपुर धाम में उनकी पूजा दूल्हा राम के रूप में होती है। मिथिला के राजा जनक की पुत्री सीता से जब श्रीराम का विवाह हुआ था तब वह अयोध्या के युवराज थे। अत: यहां मंदिर में विराजमान श्रीराम 18 वर्ष के और सीता 16 वर्ष की हैं। चूंकि राम मिथिला के जमाई (स्थानीय भाषा में पाहुन) हैं अत: मिथिला की प्रसिद्ध आतिथ्य सत्कार की परंपरा का पालन करते हुए आज भी यहां श्रीराम को दिन में 5 बार भोग लगता है।

जनकधाम में सिर्फ राम के चारों पहर के भोजन के लिए 6 पुजारियों और 8 रसोइयों की टीम लगी हुई है। यह भोग प्रसाद के रूप में श्रद्धालुओं को दिया जाता है। साधु-संतों और गरीबों के लिए भंडारा भी लगाया जाता है, जिसमें हर रोज 200 लोग भोजन करते हैं। मुख्य महंत राम तपेश्वर दास बताते हैं कि प्रात: दामाद के उठते ही खीर का भोग लगता है। इसके बाद सुबह के नाश्ते को बाल भोग कहा जाता है। इसमें दही, चूड़ा, मिठाई परोसी जाती है।

इसके बाद दोपहर में पाहुन को मुख्यतः 56 या 106 प्रकार के व्यंजन तैयार कर परोसे जाते हैं। इसे राज भोग कहते हंै। संध्या के समय फल भोग परोसा जाता है। फिर रात्रि में राज भोग परोसा जाता है। मंदिर के मुख्य रसोइया राम नगेंद्र मिश्रा ने बताया कि विभिन्न भोग में 3 लाख रु. प्रति माह खर्च होता है। मंदिर में हर वर्ष दीपावली पर विशेष सजावट की परंपरा रही है। 2019 में यहां 1.25 लाख दीपों से सजावट की गई थी। हालांकि इस बार कोरोना महामारी के चलते नेपाल में कड़ा लॉकडाउन लगा हुआ है।

इसी वजह से दीपावली पर श्रद्धालुओं की संख्या कम है, मगर मंदिर को इस बार भी सजाया गया है।
1961 में जनकपुर में अकाल की स्थिति बन गई थी। उस समय जनकधाम में अखंड श्री सीताराम महायज्ञ की शुरुआत की गई थी। यह महायज्ञ आज भी लगातार जारी है। कोरोना जैसी महामारी में भी यह महायज्ञ जारी है। कुल 16 व्यक्तियों की मंडली अलग-अलग शिफ्ट में सीताराम महायज्ञ जारी रखती है। इन्हें मंदिर प्रबंधन भोजन, घर, वस्त्र और मासिक मानदेय देता है।

दीपावली पर केले के पेड़ों से सजाते हैं घर-दुकान... 8 करोड़ के पेड़ बिकते हैं

जनकपुर में दीप उत्सव के दिन सभी व्यापारी अपने प्रतिष्ठानों के आगे केले के पेड़ की सजावट करते हैं। स्थानीय इम्पोरियम संचालक निरंजन केडिया बताते हैं कि यहां 12 हजार से अधिक दुकानें हैं। लोग दुकानों पर 6 से 8 पेड़ से सजावट करते हैं। दीपावली पर एक पेड़ 500 से 1000 रुपए का बिकता है। हर साल इस मौके पर 5 से 8 करोड़ रुपए के केले के पेड़ बिक जाते हैं।

गर्भगृह में राम-सीता की 3 जोड़ी मूर्तियां, राम विवाह की झांकी अलग

मुख्य पुजारी के मुताबिक गर्भगृह में राम-सीता के तीन जोड़ी विग्रह हैं। एक जोड़ी विग्रह स्वयं प्रकट हुई थी। दूसरी जोड़ी मंदिर बनवाने वाली टीकमगढ़ की महारानी और तीसरी जनकपुर के राजा माणिकसेन ने विराजित करवाई। मंदिर परिसर में राम-सीता विवाह मंडप भी है।



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In-laws, the bridegroom is worshiped as Ram in Janakpur ... hospitality

Russian, North Korean hackers target vaccine work: Microsoft November 13, 2020 at 05:00AM

Microsoft said it has detected attempts by state-backed Russian and North Korean hackers to steal valuable data from leading pharmaceutical companies and vaccine researchers. ​​It said in a blog post Friday that most of the attacks in recent months were unsuccessful, but provided no information on how many succeeded or how serious those breaches were.

Biden has room on health care, though limited by Congress November 13, 2020 at 02:27AM

President-elect Joe Biden is unlikely to get sweeping health care changes through a closely divided Congress, but there's a menu of narrower actions he can choose from to make a tangible difference on affordability and coverage for millions of people.

France's Covid 'Ground Zero' turns saviour in 2nd wave November 13, 2020 at 02:23AM

In the first wave of Covid-19 earlier this year, the region around Strasbourg was so badly hit that it had to evacuate patients by helicopter. In the second wave, other regions are suffering and the French city is returning the favour.

Judge who sent Musharraf to gallows dies of coronavirus November 13, 2020 at 01:40AM

Seth tested positive for Covid-19 on October 22 and was subsequently admitted to a hospital in Peshawar. He was later shifted to Kulsum International Hospital in Islamabad, where he succumbed to the deadly viral infection on Thursday, the officials said.

Russian mayor of city targeted in Navalny probe arrested November 13, 2020 at 02:06AM

Navalny, 44, fell ill on a flight from Tomsk to Moscow in August and was flown to Germany for treatment where doctors said he was poisoned with the Novichok nerve agent.

British serial killer the 'Yorkshire Ripper' dies November 13, 2020 at 12:46AM

Sutcliffe was convicted in 1981 of murdering 13 women and attempting to murder seven others in northern England after a reign of terror that is still seared on the public memory.

एरिजोना में जो बाइडेन जीते, राज्य में 24 साल बाद डेमोक्रेट उम्मीदवार की जीत November 13, 2020 at 12:15AM

अमेरिका के प्रेसिडेंट इलेक्ट जो बाइडेन ने एरिजोना में भी जीत हासिल की है। इससे उनके खाते में 11 इलेक्टोरल वोट और जुड़ गए। राज्य में 24 साल बाद कोई डेमोक्रेट उम्मीदवार जीता है। इससे पहले 1996 में बिल क्लिंटन यहां जीते थे।

इस जीत के साथ बाइडेन के पास 290 इलेक्टोरल वोट हो गए हैं। व्हाइट हाउस की दौड़ जीतने के लिए उन्हें 270 वोटों की जरूरत थी। ट्रम्प को 217 वोट ही मिल पाए हैं। जॉर्जिया और नॉर्थ कैरोलिना में काउंटिंग अब भी चल रही है। 16 इलेक्टोरल वोट वाले जॉर्जिया में बाइडेन और 15 इलेक्टोरल वोट वाले नॉर्थ कैरोलिना में ट्रम्प आगे हैं।

जीत का अंतर बहुत मामूली

बाइडेन को एरिजोना में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प से महज 11 हजार यानि 0.3% वोट ही ज्यादा मिले हैं। चार साल पहले ट्रम्प ने 3.5% वोट ज्यादा हासिल कर यह राज्य जीता था। यहां ज्यादातर समय रिपब्लिकन पार्टी का राज रहा है। बिल क्लिंटन से पहले 1948 में यहां के लोगों ने हैरी एस ट्रूमैन को सपोर्ट किया था।

ट्रम्प कैम्पेन ने दायर किया केस

ट्रम्प कैम्पेन ने एरिजोना में भी एक मुकदमा दायर किया है। इसमें आरोप लगाया गया है कि राज्य की सबसे बड़ी काउंटी, मैरिकोपा में पोल वर्कर ने गलत तरीके से लोगों पर अपने वोट देने का दबाव डाला। एरिजोना के अटॉर्नी जनरल मार्क ब्रनोविच ने बुधवार को बताया कि राज्य के अधिकारियों को चुनाव के बारे में एक हजार शिकायतें मिली थीं, लेकिन मतदाता धोखाधड़ी के कोई सबूत नहीं मिले। मार्क ब्रनोविच खुद रिपब्लिकन पार्टी से हैं।

ट्रम्प के पास कानूनी रास्ते भी कम

रिपब्लिकन लगातार चुनाव नतीजों के खिलाफ कानूनी दांवपेंच चल रहे हैं। हालांकि, अब उनके पास ज्यादा रास्ते नहीं रह गए हैं। उदाहरण के लिए, ट्रम्प को बाइडेन की जीत को पलटने के लिए पेनसिल्वेनिया में लगभग 55 हजार वोटों को खारिज कराना होगा।

पेनसिल्वेनिया के अटॉर्नी जनरल, जोश शापिरो के ऑफिस ने कहा है कि ट्रम्प के वकील लगातार फर्जीवाड़े का दावा कर रहे हैं, लेकिन फिलाडेल्फिया या पेनसिल्वेनिया में कहीं चुनावी धोखाधड़ी हुई है, इसका कोई सबूत नहीं है।



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एरिजोना में जीत के साथ ही बाइडेन के पास 290 इलेक्टोरल वोट हो गए हैं।

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