Tuesday, March 31, 2020

US virus deaths pass 4,000: Johns Hopkins University March 31, 2020 at 06:36PM

The total US death toll from the coronavirus pandemic topped 4,000 early Wednesday, more than double the number from three days earlier, according to a tally by Johns Hopkins University. ​The number of deaths was 4,076 -- more than twice the 2,010 recorded late Saturday.

महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा- दूसरे विश्व युद्ध के बाद यह सबसे बड़ा संकट, राजनीतिक खेल भूलकर सभी देश साथ आएं  March 31, 2020 at 05:53PM

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि कोरोना दूसरे युद्ध के बाद सबसे बड़ा चुनौतिपूर्ण संकट है। उन्होंने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि कोरोना से दुनिया में हर किसी को खतरा है। इसका अर्थव्यवस्था परअसर पड़ रहा है, जिससे मंदी आएगी। शायद हाल के बीते समय में ऐसी कोई समस्या पैदा नहीं हुई है। इससे अस्थिरता, अशांति और संघर्ष बढ़ा रहा है। इन तथ्यों पर गौर करें तो हमें यकीन हो जाएगा कि यह महामारी वाकई दूसरे विश्वयुद्ध के बाद दूसरी सबसे बड़ी चुनौती है।

गुटेरेस ने कहा कि कोरोना से मजबूती और असरकारी ढ़ंग से निपटने की जरूरत है। ऐसा तब संभव होगा जब सभी देश राजनीति खेल भूलकर एक साथ आएं और यह समझें कि इससे मानवता को खतरा है।

महामारी को लेकर दुनिया के नेताओं के संपर्क में हूं: गुटेरेस

यूएन प्रमुख ने कहा कि वह महामारी को लेकर दुनिया के नेताओं के संपर्क में हैं। इस बात को लेकर एकमत बन रहा है कि हम सभी एक साथ इस बीमारी की चपेट में हैं और हमें इससे साथ मिलकर ही बाहर निकलना होगा। हालांकि समस्या यह है कि इसका प्रैक्टिकल तरीका क्या होगा। इससे निपटने के लिए तेजी से कार्रवाई करने की जरूरत है। हम धीरे-धीरे सही दिशा में बढ़ रहे हैं। लेकिन, अगर वायरस को हराना और लोगों की मदद करनी है तो हमें तेजी से और भी बहुत कुछ करना होगा।

‘विकसित देशों ने कम विकसित राष्ट्रों की मदद नहीं की तो लाखों मौतें होंगी’

गुटेरेस ने कहा कि विकसित देशों को कम विकसित राष्ट्रों की निश्चित तौर पर मदद करनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो दुनिया के दक्षिणी हिस्से में यह जंगल की आग की तरह फैलेगा। लाखों लोगों की मौत होगी। जिन स्थानों पर इसे रोक दिया गया है वहां संक्रमण दोबारा उभरने की संभावना पैदा होगी। उन्होंने कहा कि वायरस के ट्रांसमिसन को रोकने के लिए जांच, मामलों की ट्रेसिंग, क्वारैंटाइन और इलाज की क्षमताएं बढ़ानी होंगी। इस बात का ध्यान रखना होगा कि इलाज में लगे लोग भी सुरक्षित रहें।



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यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा- कोरोना अस्थिरता, अशांति और संघर्ष बढ़ा रहा है।

Harry and Meghan embark on new life in Los Angeles March 31, 2020 at 06:18PM

Prince Harry and his wife Meghan are currently rumored to be hunkering down at a compound in Malibu, the exclusive beach community outside Los Angeles long favored by A-listers and movie moguls.

42 हजार से ज्यादा मौतें: अमेरिका में 24 घंटे में 770 लोगों की जान गई; ट्रम्प ने कहा- आने वाले 2 हफ्ते बेहद परेशानी से भरे होंगे March 31, 2020 at 05:22PM

दुनियाभर में कोरोनावायरस से आठ लाख 58 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। अब तक 42 हजार 140 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, एक लाख 77 हजार 141 व्यक्ति स्वस्थ भी हुए हैं। उधर, अमेरिका में एक दिन में 770 लोगों की जान गई है। यहां अब तक तीन हजार 889 लोगों की मौत हो चुकी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को कहा कि अमेरिकियों के लिए अगलेदो हफ्तेबेहद दर्दभरेरहने वालेहैं। इसके बाद यहां स्थिति बेहतर होगी।

कोरोना परसंयुक्त राष्ट्र (यूएन) के प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि कोरोनावायरस दुनिया के सामने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ी चुनौती है। महामारी को रोकने के लिए दुनियाभर के देशों को ज्यादा मजबूत और प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है। इसकी वजह से सामाजिक और आर्थिक तबाही हुई है। हम यूएन के 75 साल के इतिहास में पहली बार सबसे बड़े वैश्विक स्वास्थ्य संकट का सामना कर रहे हैं।

अमेरिका: ट्रम्प बोले- मुश्किल दौर के लिए तैयार रहें
ट्रम्प ने व्हाइट हाउस में डेली ब्रीफिंग के दौरान कहा, ‘‘मैं चाहता हूं हर अमेरिकी आने वाले मुश्किल दिनों के लिए तैयार रहे। यह देश के लिए परीक्षा की घड़ी है। पहले हमने कभी ऐसे संकट का सामना नहीं किया।संक्रमितों की संख्या कम करने के लिए उनके प्रति एकजुटता और प्रेम दिखाने की जरूरत है। यह जीवन और मौत का मामला है।’’बाद में ट्रम्प ने दो हफ्ते को तीन हफ्ते तक बढ़ा दिया।देश में और एक महीने सोशल डिस्टेंसिंग की जा सकती है।

सिएटल के सेंचुरी लिंक इवेंट सेंटर में अस्पताल बनाते सैन्यकर्मी।

इटली: मौतों का आंकड़ा 12 हजार के पार
worldometers.info के मुताबिक, इटली में एक दिन में 837 लोगों की मौत हुई है और चार हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैं। अब तक 12 हजार 428 लोगों की जान जा चुकी है। यहां एक लाख पांच हजार से ज्यादा संक्रमित हैं।मंगलवार रात हेल्थ एजेंसी ने बताया कि 66 डॉक्टरों की कोरोना से मौत हो चुकी है। कुछ दिन पहले यह आंकड़ा 43 बताया गया था। कुल मिलाकर 8,956 हेल्थ केयर वर्कर संक्रमित हैं।

संक्रमण से हुई मौतों के कारण इटली के क्वीरीनेल प्रेसिडेंशियल पैलेस परलगा फ्लैग फ्लैग आधा झुकाया गया।

स्पेन: एक दिन में 748 लोगों की मौत
स्पेन में मंगलवार को 748 लोगों की मौत हुई। यहां एक दिन पहले 913 लोग मारे गए थे। देश में अब तक आठ हजार 464 लोग जान गंवा चुके हैं। यहां 95 हजार 913 लोग संक्रमित हैं। यहां लॉकडाउन का तीसरा हफ्ता चल रहा है। नेशनल हेल्थ इमरजेंसी के चीफ फर्नांडो सिमॉन भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।

पेरु के एयरपोर्ट पर फंसी स्पेन की इसाबेल और उनका 11 महीने का बेटा। उन्हें और अन्य लोगों को स्पेन भेजा जा रहा।

चीन: कोई केस नहीं, केवल 5 मौतें
चीन में मंगलवार को संक्रमण का एक भी मामला दर्ज नहीं किया गया। यहां केवल पांच लोगों की मौत हुई। चीन में स्थिति धीरे-धीरे बेहतर हो रही है। कोरोनावायरस के एपिसेंटर रहे वुहान में अभी भी आंशिक रूप से लॉकडाउन है। हालांकि, ट्रेन और उड़ान सेवा शुरू कर दी गई है। 8 अप्रैल को लॉकडाउन यहां से पूरी तरह खत्म हो जाएगा।

चीन का वुहान शहर। संक्रमण के मामलों में कमी आने के बाद यहां धीरे-धीरे लॉकडाउन खत्म हो रहा है।
देश

कितने संक्रमित

कितनी मौतें कितने ठीक हुए
अमेरिका 1,88,530 3,889 7,251
इटली 1,05,792 12,428 15,729
स्पेन 95,923 8,464 19,259
चीन 81,518 3,305 76,052
जर्मनी 71,808 775 16,100
फ्रांस 52,128 3,523 9,444
ईरान

44,605

2,898 14,656
ब्रिटेन 25,150 1,789 135
स्विट्जरलैंड 16,605 433 1,823
तुर्की 13,531 214 243


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अमेरिका: न्यूयॉर्क का ब्रुकलिन हॉस्पिटल सेंटर।

Tokyo bans indoor smoking from today March 31, 2020 at 04:49PM

Japan lags behind many countries in its efforts to reduce tobacco usage, and the ban — just in Tokyo — only applies to traditional cigarettes. E-cigarettes too are banned. The ban was part of Tokyo’s preparations for the 2020 Olympics, and covers establishments with hired employees.

6.5 magnitude quake hits US state of Idaho March 31, 2020 at 04:51PM

यहां ऐप के जरिए लोग डॉक्टर के संपर्क में, कोरोना का शक होने पर मेडिकल टीम घर पहुंच रही March 31, 2020 at 02:38PM

मैड्रिड(मनीषा भल्ला).पंजाब के मशहूर लोकगायक राज ददराल के भाई प्रेम ददराल स्पेन के शहर बार्सिलोना में रहते हैं। उनका अपना रेस्त्रां है। बीते 20 दिन से बार्सिलोना में लॉकडाउन है। फोन पर प्रेम ददराल ने भास्कर को अपनी स्थिति बताई कि स्पेन की राजधानी मैड्रिड में भी लॉकडाउन है। पहले बार्सिलोना में लॉकडाउन नहीं किया गया था। लेकिन जब मैड्रिड के हालात खराब होने लगे तो यहां भी लॉकडाउन कर दिया गया।

डॉक्टरऑनलाइन ऐप से पता लगा रहे कोरोना के लक्षण

स्पेन सरकार ने एक ऐप बनाया है। इसके जरिये किसी को तबियतजरा भी गड़बड़ लगती है, तो वह ऑनलाइन डॉक्टरों से संपर्क करता है। उस व्यक्ति से ऑनलाइन हीलक्षण पूछकरबता दिया जाता है कि उसे कोरोना है या नहीं। अगर मेडिकल स्टाफ कोऐप के जरिये रत्ती भर भी कोरोना के लक्षण मिलते हैं, तो वे फौरन संबंधित व्यक्ति के घर पहुंचकर पूरे टेस्ट करते हैं। पूरे स्पेन में मास्क, सैनिटाइजर, दवाओं और खाने-पीने के सामान की कोई कमी नहीं है।

तेजी से बढ़ रहे संक्रमित

बार्सिलोना में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। मेडिकल सुविधाओं और खाने-पीने की तो कमी नहीं है, लेकिन केस बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। बार्सिलोना एक टूरिस्ट प्लेस है। आजकल सीजन था। हम लोगों के कमाने के यही दिन थे। लेकिन फुल लॉकडाउन चल रहा है। बाहर निकलने पर भारी जुर्माना है। पुलिस सख्ती से पेश आ रही है। टूरिस्ट प्लेस होने के चलते बार्सिलोना को भी मैड्रिड के साथ ही लॉकडाउन करना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। नतीजा सरकार की लापरवाही लोगों को भुगतनी पड़ रही है।



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बार्सिलोना : राजधानी मैड्रिड के हालात खराब होने लगे यहां भी लॉकडाउन कर दिया गया।

अब रूस में सख्त लॉकडाउन, जापान 73 देशों की यात्रा पर बैन लगाएगा March 31, 2020 at 02:35PM

कोरोनावायरस से खुद को ब्रेफ्रिक समझनेवाले जापान और रूस भी सहम गए हैं। रूस में मंगलवार को कोविड-19 के 500 से ज्यादा मरीज मिले। यह रूस में एक दिन में अब तक की सबसे अधिक संख्या है। मॉस्को हाटस्पॉट बना हुआ है। अचानक मामले बढ़ने के बाद रूस ने एक हफ्ते के लिए लॉकडाउन और सख्त कर दिया है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसे एक ‘नॉन-वर्किंग वीक’ कहा है। लोगों को घरों में रहने के निर्देश दिए गए हैं।

बेफिक्र थे पुतिन,लोगों से खुले आम मिला रहे थे हाथ

इससे पहले राष्ट्रपति पुतिन कोरोनावायरस को लेकर बेफिक्र थे और खुलेआम लोगों से हाथ मिला रहे थे। उधर, अभी तक लॉकडाउन नहीं लगाने वाला जापान 73 देशों की यात्राओं पर रोक लगाने जा रहा है। इनमें अमेरिका, कनाडा, साउथ कोरिया भी हैं। यहां रविवार से अब तक कोरोनावायरस के केस 162% बढ़ गएहैं। दूसरी तरफ दुनियाभर में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या आठलाख को पार कर गई है। स्पेन में 553 मौत हुई हैं। यहां 94 हजार 417 लोग पॉजिटिव मिले हैं। वहीं, इटली में एक दिन में 812 मौतें होने के बाद चार अप्रैल को खत्म होने वाला लॉकडाउन ईस्टर तक बढ़ा दिया गया है।

जर्मनीः हाइजेनबर्ग को प्रयोगशाला बनाया, एकहजार लोगों पर टेस्टिंग शुरू

बर्लिन में जर्मनी ने सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके हाइजेनबर्ग को प्रयोगशाला में तब्दील कर दिया है। नीदरलैंड्स की सीमा से लगे इस इलाके में 1 हजार 281 पॉजिटिव केस मिले हैं। इसे ‘जर्मनी का वुहान’ कहा जा रहा है। यहां वैज्ञानिक और 40 मेडिकल स्टूडेंट एकहजार लोगों पर परीक्षण कर कोरोनावायरस के फैलने की वजह और उसे रोकने का तरीका खोजेंगे। दूसरी तरफ जर्मनी एकलाख लोगों पर कोरोना का एंटीबॉडी टेस्ट करेगा,ताकि कर्मचारी लॉकडाउन से बाहर आ सके और काम पर लौट सकें। इससे यह पता लग सकेगा कि किन लोगों पर कोरोना का खतरा कम है। साथ ही कोरोना के आसान शिकार वाले लोगों का भी पता लग सकेगा।

अमेरिकाः हवाई सेवा बंद हो सकती हैं, नागरिकों को लौटने को कहा गया

  • अमेरिका: विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने विदेशों में रह रहे अमेरिकियों को तुरंत देश लौटने को कहा है। चार्टर्ड और अन्य व्यवसायिक सेवाएं कभी भी रोकी जा सकती हैं।
  • नीदरलैंड्स: यहां मृतकों की संख्या 1000 पार हो गई। मंगलवार को 175 मौतें दर्ज हुईं। यहां सोशल डिस्टेंसिंग के नियम अप्रैल तक बढ़ाने की सिफारिश की गई है।
  • फ्रांस: फ्रांस में एक दिन 499 मौतें हुई। यह एक दिन में यहां सर्वाधिक मौतें हैं। फ्रांस में अब तक 3523 लोगों की जान जा चुकी है। 200 से ज्यादा संक्रमित लोग इलाज के लिए जर्मनी भेजे गए हैं।
  • ईरान: 3,111 नए केस मिले। यहां संक्रमित लोगों की संख्या 44 हजार606 पहुंच गई है। नई 141 मौत के साथ कुल मृतक संख्या 2898 हो गईहै। यहां हॉस्पिटल में जगह नहीं बची है। 3,703 लोग ही हॉस्पिटल में हैं।

न्यूयॉर्कः एकहजार बेड वाला शिप हॉस्पिटल पहुंच रहा

कोरोना वायरस से अमेरिका में मरने वालों की तादाद 3,573 पहुंच गई है। सबसे ज्यादा 914 मौतें न्यूयॉर्क सिटी में हुई हैं। यहां कोरोना के खतरे को देखते हुए अमेरिकी नौ सेना का एक हॉस्पिटल शिप ‘द कंफर्ट’ नॉरफॉल्क नेवी बेस से न्यूयॉर्क भेजा गया है। ये 8 दिन में पहुंचेगा। इस शिप में 12 कमरे ऐसे हैं जो आधुनिक स्वास्थ्य उपकरणों सेलैस हैं।



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मॉस्को : रूस ने एक हफ्ते के लिए लॉकडाउन और सख्त कर दिया।

Wuhan's favorite noodles are back as virus-hit city recovers March 31, 2020 at 05:49AM

संक्रमण रोकने में नाकाम रहने पर हुई आलोचना तो इमरान खान बोले- भारत ने लॉकडाउन कर जल्दबाजी की March 30, 2020 at 07:19AM

इस्लामाबाद. पाकिस्तान में कोरोनावायरस का संक्रमण रोकने में नाकाम रहने पर आलोचना झेल रहे पीएम इमरान खान ने अब कहा कि भारत ने लॉकडाउन कर जल्दबाजी की है। उन्‍होंने तंज कसतेहुए कहा क‍ि भारत में लॉकडाउन के लिए पीएम मोदी को माफी मांगनी पड़ी है। अब भारत की समस्‍या यह है कि अगर वे लॉकडाउन को खत्‍म करते हैं तो वायरस फैलेगा और अगर वे इसे जारी रखेंगे तो लोग खाने के लिए मर जाएंगे। हालांकि, इस दौरान इमरान नेवुहान में लॉकडाउन का समर्थन भी किया।
पाकिस्‍तान में कोरोना वायरस का संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा है। यहां 1870 से ज्यादा संक्रमित हैं, जबकि 25 की मौत हो चुकी है। जहां, दुनियाभर के देश यह मान रहे हैं कि इस वायरस का उपाय लॉकडाउन ही है तो वहीं, पाकिस्तान केपीएम इमरान खान इससे बच रहे हैं। उन्हें बिगड़ी अर्थव्‍यवस्‍था के चौपट होने का डर सता रहा है। इसके अलावा उन्हेंमुस्लिम कट्‌टर पंथियों के नाराज हो जाने का भी डर है।

27 फरवरी को पेशावर में संक्रमण की दहशत के बीच लोग जुमा की नमाज के लिए सड़कों पर इकट्‌ठा हो गए।

वुहान में लॉकडाउन की तारीफ की- इमरान
पाकिस्तान के पीएम इमरान ने लॉकडाउन न लगाने पर उठ रहे सवालों पर सफाई देते हुए कहा कि भारत ने जल्दी में लॉकडाउन किया। वहीं, चीन द्वारा यह कदम उठाए जाने पर कहा कि चीन ने ऐसा करके वुहान में संक्रमण को रोक दिया।



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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान। (फाइल)

Indonesia declares state of emergency as virus toll jumps March 31, 2020 at 01:56AM

भारत समेत जिन देशों में लंबे समय से बीसीजी का टीका लग रहा, वहां लोगों में कोरोनावायरस का खतरा कम March 31, 2020 at 12:40AM

नई दिल्ली. कोरोनावायरस को रोकने की कोशिशों में वैज्ञानिकों को नई उम्मीद दिखाई दी है। भारत में 72 साल से बीसीजी के जिस टीके का इस्तेमाल हो रहा है, उसे दुनिया अब कोरोना से लड़ने में मददगार मान रही है। न्यूयॉर्क इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के डिपार्टमेंट ऑफ बायोमेडिकल साइंसेस की स्टडी के मुताबिक, अमेरिका औरा इटली जैसे जिन देशों में बीसीजी वैक्सीनेशन की पॉलिसी नहीं है, वहां कोरोना के मामले भी ज्यादा सामने आ रहे हैं और मौतें भी ज्यादा हो रही हैं। वहीं, जापान और ब्राजील जैसे देशों में इटली और अमेरिका के मुकाबले मौतें फिलहाल कम हैं।

सबसे पहले समझते हैं कि बीसीजी क्या है?
इसका पूरा नाम है बेसिलस कॉमेटी गुइरेन। यह टीबी और सांस से जुड़ी बीमारियों को राेकने में मददगार है। बीसीजी को जन्म के तुरंत बाद लगाया जाता है। दुनिया में सबसे पहले इसका 1920 में इस्तेमाल हुआ। ब्राजील जैसे देश में तभी से इस टीके का इस्तेमाल हो रहा है।

कोरोना से जुड़ी स्टडी में बीसीजी का नाम कैसे सामने आया?
न्यूयॉर्क इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के डिपार्टमेंट ऑफ बायोमेडिकल साइंसेस ने एक स्टडी की। बीसीजी वैक्सीनेशन और इसके कोरोना पर असर का पता लगाना इसका मकसद था। इसमें बिना बीसीजी वैक्सीनेशन पॉलिसी वाले इटली, अमेरिका, लेबनान, नीदरलैंड और बेल्जियम जैसे देशों की तुलना जापान, ब्राजील, चीन जैसे देशों से की गई, जहां बीसीजी वैक्सीनेशन की पॉलिसी है। इसमें चीन को अपवाद माना गया, क्योंकि कोरोना की शुरुआत इसी देश से हुई थी।

स्टडी में क्या मिला?
वैज्ञानिकों ने पाया कि बीसीजी वैक्सीनेशन से वायरल इन्फेक्शंस और सेप्सिस जैसी बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है। इससे ये उम्मीदें जागी कि कोरोना से जुड़े मामलों में बीसीजी वैक्सीनेशन अहम भूमिका निभा सकता है। अलग-अलग देशों से मिले आंकड़ों और वहां मौजूद हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर पर गौर करने के बाद वैज्ञानिक दोनतीजों पर पहुंचे।


1. जिन देशाें में बीसीजी वैक्सीनेशन हो रहा है, वहां कोरोना की वजह से मौत के मामले में कम हैं। जहां बीसीजी की शुरुआत जल्दी हुई, वहां कोरोना से मौतों के मामले और भी कम सामने आए। जैसे- ब्राजील ने 1920 और जापान ने 1947 में बीसीजी का वैक्सीनेशन शुरू कर लिया था। यहां कोरोना फैलने का खतरा 10 गुना कम है। वहीं, ईरान में 1984 बीसीजी का टीका लगना शुरू हुआ। इससे ये माना जा रहा है कि ईरान में 36 साल तक की उम्र के लोगों को टीका लगा हुआ है, लेकिन बुजुर्गों को यह टीका नहीं लगा है। इस वजह से उनमें कोरोना का खतरा ज्यादा है।
2. जिन देशों में बीसीजी वैक्सीनेशन नहीं है, वहां संक्रमण के मामले और मौतें भी ज्यादा हैं। ऐसे देशों में अमेरिका, इटली, लेबनान, बेल्जियम और नीदरलैंड शामिल है, जहां कोरोना के फैलने का खतरा 4 गुना ज्यादा है।

क्या यह मान लिया जाए कि बीसीजी का टीका कोरोना से बचाएगा?
ऐसा मान लेना जल्दबाजी होगी। स्टडी में वैज्ञानिकों ने कहा कि हो सकता है कि बीसीजी कोरोनावायरस से लंबे समय तक सुरक्षा दे। लेकिन इसके लिए ट्रायल करने होंगे। यह स्टडी सामने आने के बाद ऑस्ट्रेलिया, नीदरलैंड, जर्मनी और यूके ने कहा है कि वे कोरोनावायरस के मरीजों की देखभाल कर रहे हेल्थ वर्कर्स को बीसीजी का टीका लगाकर ह्यूमन ट्रायल शुरू करेंगे। वे यह देखेंगे कि क्या इस टीके से हेल्थ वर्कर्स का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। ऑस्ट्रेलिया ने भी बीते शुक्रवार कहा कि वह देश के करीब 4 हजार डॉक्टरों और नर्सों और बुजुर्गों पर बीसीजी वैक्सीन का ट्रायल शुरू करेगा।

भारत के लिए दो वजह से अच्छी खबर
पहली- देश में 72 साल से बीसीजी का टीका लग रहा

  • न्यूयॉर्क इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की स्टडी में भारत का कोई जिक्र नहीं है। लेकिन इस स्टडी को भारत के संदर्भ में अगर पढ़ें तो माना जा सकता है कि बीसीजी का टीका भारत के लोगों को भी कोरोना से बचाने में मददगार साबित हो सकता है। भारत में बीसीजी का टीका पहली बार 1948 में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू हुआ था। अगले ही साल यानी 1949 में इसे देशभर के स्कूलों में शुरू किया गया। 1951 से यह बड़े पैमाने पर होने लगा। 1962 में जब राष्ट्रीय टीबी प्राेग्राम शुरू हुआ तो देशभर में बच्चों को जन्म के तुरंत बाद यह टीका लगाया जाने लगा। इस हिसाब से ये माना जा सकता है कि भारत में बड़ी आबादी को बीसीजी का टीका लगा हुआ है। अभी देश में जन्म लेने वाले 97% बच्चों को यह टीका लगाया जाता है।
  • पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन के डॉ. के श्रीनाथ रेड्डी, डब्ल्यूएचओ में भारत के सलाहकार रहे डॉ. राजेंद्र प्रसाद टोंगरा और एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. एमसी मिश्रा भी मानते हैं कि भारत बेहतर स्थिति में है। तीनों की राय कहती है कि भारत में ज्यादातर लोगों को बचपन में ही टीबी से बचाव के लिए बीसीजी का टीका लगाया जाता है। यह न सिर्फ टीबी से बचाता है, बल्कि सांस की बीमारी में भी फायदेमंद होता है। कोरोनावायरस भी सांस की नली से फेफड़े तक पहुंचता है।

दूसरी- देश में पहुंचा कोरोना का स्ट्रेन कम खतरनाक
वैज्ञानिकों का आकलन है कि चीन, अमेरिका, इटली की तुलना में भारत में फैला कोरोनावायरस ज्यादा घातक साबित नहीं होगा। इन सभी जगह वायरस के स्ट्रेन में फर्क है। स्ट्रेन यानी किसी भी वायरस का जेनेटिक वैरिएंट या माइक्रोऑर्गेनिज्म। भारतीय वैज्ञानिकों ने कोरोना के 12 नमूनों की जांच कर जिनोम सीक्वेंसिंग तैयार की है। शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार, भारत में मिला वायरस सिंगल स्पाइक है, जबकि इटली, चीन और अमेरिका में मिले वायरस में ट्रिपल स्पाइक हैं। यानी भारत में फैला वायरस इंसानी कोशिकाओं को ज्यादा मजबूती से नहीं पकड़ पाता। वहीं, ट्रिपल स्पाइक वाला वायरस कोशिकाओं को मजबूती से जकड़ता है। हालांकि, यह बहुत शुरुआती अध्ययन है और इससे ये पूरी तरह नहीं माना जा सकता कि भारत इस वायरस से बचा रहेगा।

भारत के सामने दो चुनौतियां
पहली-
देश में एक बड़ी आबादी ऐसी है जो कुपोषित है या उसमें बीमारियों से लड़ने की क्षमता कम है। आबादी का एक बड़ा हिस्सा ऐसा है, जिसे डायबिटीज, हाइपरटेंशन, किडनी की दिक्कतें हैं। ऐसी आबादी के सामने कोरोना का खतरा ज्यादा है।
दूसरी- देश के सामने दूसरी चुनौती है बुजुर्गों को कोरोना से बचाए रखना। इनमें संक्रमण का खतरा ज्यादा है और इनके लिए सोशल डिस्टेंसिंग बहुत जरूरी है। देश में 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की आबादी करीब 10 करोड़ है। ये वो लोग हैं, जो 1962 में नेशनल टीबी प्रोग्राम शुरू होने से पहले जन्मे थे।

नोट : हमें इन अध्ययनों से बेफिक्र हो जाने की जरूरत कतई नहीं है। सरकार के बताए सभी एहतियात पर सौ फीसदी अमल करते रहना जरूरी है ताकि आप किसी भी खतरे की चपेट में न आ जाएं।



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Coronavirus, BCG Vaccine India Latest Updates: Those Who Are BCG Vaccinated Are Relatively Safe From Corona Disease (COVID-19)

7 लाख की आबादी वाले शहर पर खतरा, इसे बुझाने में 18 फायरफाइटर्स और एक फॉरेस्ट गार्ड समेत 19 की मौत March 30, 2020 at 11:42PM

बीजिंग. चीन के दक्षिण-पश्चिमी प्रांत सिचुआन के शीचांग के जंगलों में लगी आग में 19 लोगों की मौत हो गई। इनमें 18 फायरफाइटर्स और एक फॉरेस्ट गार्ड शामिल था। चीनी न्यूज एजेंसी ‘शिन्हुआ’ ने स्थानीय अधिकारियों के हवाले से बताया कि आग सोमवार दाेपहर 3 बजे के बाद एक खेत में लगी थी।

तेज हवाओं के कारण पास की लियांगशान पहाड़ी वाले इलाके में फैल गई। इससे शीचांग शहर के ऊपर धुएं के भारी बादल छा गए। इससे 7 लाख की आबादी वाले शहर के लिए खतरा बढ़ गया। इसे बुझाने में ही सभी की जान गई है। मृतकों की खबर मंगलवार को लगी।

मृतकों की खबर मंगलवार को लगी।

1200 लोगों को बचाया

मंगलवार सुबह तक आग बुझाने में 140 से ज्यादा फायरफाइटिंग इंजन, चार हेलीकॉप्टर के साथ 900 दमकल कर्मी और जवान लगे थे। 2 हजार से ज्यादा जवान बचाव ऑपरेशन में जुटे हैं। अब तक 1200 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। पिछले अप्रैल में इसी प्रान्त में मुली काउंटी के एक विशाल जंगल में आग लग गई थी। तब 700 को तैनात किया गया था जिसमें से 27 दमकलकर्मी मारे गए थे।



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तेज हवाओं के कारण पास की लियांगशान पहाड़ी वाले इलाके में फैल गई।

Coronavirus: White House turns to statistical models for virus forecast March 30, 2020 at 10:39PM

Like forecasters tracking a megastorm, White House officials are relying on statistical models to help predict the impact of the coronavirus outbreak and try to protect as many people as possible. The public could get its first close look at the Trump administration's own projections Tuesday at the daily briefing.

Millions of Nigerians enter lockdown as Africa tries to halt virus March 30, 2020 at 09:19PM

Businesses are being closed, non-food shops shut and people required to stay at home as officials look to track down possible carriers of the disease after reporting 131 confirmed cases and two deaths so far. Enforcing the restrictions in sprawling Lagos will be a mammoth challenge as millions live crammed into slums and rely on daily earnings to survive.

54 साल के व्यक्ति ने दुनिया का सबसे बड़ा रूबिक पजल बनाया, इसकी हाईट 6 फीट 7 इंच है March 30, 2020 at 09:52PM

लंदन. पूर्वी इंग्लैंड के सफोक प्रदेश के इप्सविच में रहने वाले टोनी फिशर ने दुनिया का सबसे बड़ा रूबिक पजल बनाया है। इसकी हाईट 6 फीट 7 इंच है। इसे बनाने के लिए उन्होंने प्लास्टिक के पाइप और रेनफोर्स बॉक्स का इस्तेमाल किया। इस उपलब्धि के साथ ही उन्होंने अपना चार साल पुराना रिकॉर्ड भी तोड़ लिया है। 2016 में उन्होंने 5 फीट 1 इंच का रूबिक पजल बनाया था।

उनका नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है। स्थानीय न्यूज पेपर से बातचीत में फिशर ने कहा। मैं अपने पहले प्रयास में दो बार असफल हुआ था। बचपन से ही मैं गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड से प्यार करता था। इसके लिए मैं तेज दौड़ने से लेकर पहाड़ पर चढ़ने के लिए भी तैयार था।यह मेरा सपना था जो पूरा हो गया। हालांकि इसमें मुझे सालों को वक्त लगा। रूबिक क्यूब बनाने के लिए मैं 1980 से तैयार कर रहा था। यह सामान्य रूबिक की तरह 90 डिग्री पर घूमता है।

बचपन से ही मैं गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड से प्यार करता था, इसके लिए कुछ भी करने को तैयार था।

रूबिक पजल में एआई से हारा इंसान
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में पिछले साल एक नया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम तैयार किया था, जिसने रुबिक्स क्यूब को हल करने में इंसान का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। एआई ने इसे सिर्फ एक सेकंड के अंदर इसे हल कर दिया था जबकि इंसान का रिकॉर्ड 3.47 सेकंड का है। नेचर मशीन जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक, एआई सिस्टम में पजल के 1 हजार करोड़ कॉम्बिनेशन शामिल किए गए थे। इसकी मदद से एआई इसे 30 बार मूवमेंट करने के अंदर ही हल कर दिया था।



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टोनी ने बताया कि वह पहले प्रयास में दो बार असफल हुए थे।

Coronavirus: New York hospital doctor prepares for the worst March 30, 2020 at 08:31PM

With the rapid rise of hospitalizations and a health system nearly at capacity, New York doctor Shamit Patel is preparing for the worst over the next few days, all while hoping he won't have to start choosing which coronavirus patients to treat. Just 10 days ago, only half of the 46-year-old internist's patients at Beth Israel -- one of the Mount Sinai hospitals in Manhattan -- were suffering from Covid-19.