Monday, May 18, 2020

नेपाल मंत्रिमंडल ने नए राजनीतिक नक्शे को मंजूरी दी, कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधूरा को अपने देश का हिस्सा बताया May 18, 2020 at 08:20PM

नेपाल मंत्रिमंडल ने अपने नए राजनीतिक नक्शे को मंजूरी दे दी है। इस नए नक्शे में तिब्बत, चीन और नेपाल से सटी सीमा पर स्थितकालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधूरा को नेपाल का हिस्सा बताया गया है। हालांकि, भारत लंबे समय से यह दावा करता आया है कि ये सभी इलाके भारत का हिस्सा हैं। नए नक्शे में नेपाल के उत्तरी, दक्षिणी, पूर्वी और पश्चिमी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को दिखाया गया है। इन सीमाओं से सटे इलाकों की राजनीति और प्रशासनिक व्यवस्थाओं के बारे में भी बताया गया है।
नेपाल के वित्त मंत्री युबराज खाटीवाडा ने नया नक्शा जारी करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अपडेटेड नक्शे को मंत्रिपरिषद की बैठक में रखा गया, जहां इसे मंजूरी दे दी गई। इस नक्शे को सरकार की ओर से जारी किए जाने वाले सभी दस्तावेजों पर इस्तेमाल किया जाएगा। देश के प्रतीक चिन्हों और लोगों पर भी अब से यही नक्श होगा। किताबों में यही नक्शा पढ़ाया जाएगा और आम लोग भी इसका ही इस्तेमाल करेंगे।
लिपुलेख मार्ग के उद्घाटन के बाद नेपाल ने आपत्ति जताई थी
भारत ने 8 मई को को लिपुलेख-धाराचूला मार्ग का उद्घाटन किया था। नेपाल ने इसे एकतरफा गतिविधि बताते हुए शनिवार कोआपत्ति जताई थी। वहां के विदेश मंत्रालय ने दावा किया है कि महाकाली नदी के पूर्व का पूरा इलाका नेपाल की सीमा में आता है। भारत को दूसरे देश की सीमा में किसी भी तरह की गतिविधि से बचना चाहिए। जवाब में भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि लिपुलेख हमारे सीमा क्षेत्र में आता है और लिपुलेख मार्ग से पहले भी मानसरोवर यात्रा होती रही है। हमने अब सिर्फ इसी रास्ते पर निर्माण कर तीर्थ यात्रियों, स्थानीय लोगों और कारोबारियों के लिए आवागमन को सुगम बनाया है।
भारत ने नवम्बर 2019 में जारी किया था अपना नक्शा
भारत ने अपना नया राजनीतिक नक्शा 2 नवम्बर 2019 को जारी किया था। इसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने सर्वेक्षण विभाग के साथ मिलकर तैयार किया है। इसमेंमें कालापानी, लिंपियधुरा और लिपुलेख इलाके को भारतीय क्षेत्र बताया गया है। नेपाल ने उस समय भी इस परएतराज जताया था। इसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने सीमा से किसी प्रकार की छेड़छाड़ से इनकार किया था। विदेश मंत्रालया ने कहा था कि नए नक्शे में नेपाल से सटी सीमा में बदलाव नहीं है। हमारा नक्शा भारत के संप्रभु क्षेत्र को दर्शाता है।
कब से और क्यों है विवाद?
नेपाल और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच 1816 में एंग्लो-नेपाल युद्ध के बाद सुगौली समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। इसमें काली नदी को भारत और नेपाल की पश्चिमी सीमा के तौर पर दर्शाया गया है। इसी के आधार पर नेपाल लिपुलेख और अन्य तीन क्षेत्र अपने अधिकार क्षेत्र में होने का दावा करता है। हालांकि,दोनों देशों के बीच सीमा को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। दोनों देशों के पास अपने-अपने नक्शे हैं जिसमें विवादित क्षेत्र उनके अधिकार क्षेत्र में दिखाया गया है।



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भारत ने 8 मई को लिपुलेख मार्ग का उद्घाटन किया था। इसके बाद नेपाल ने लिपुलेख को अपना इलाका बताते हुए इसपर आपत्ति जताई थी। अब नेपाल ने नया राजनीतिक नक्शा जारी किया है जिसमें लिपुलेख और दो अन्य क्षेत्रों को अपने देश का हिस्सा बताया है।

WHO bows to calls from countries for independent virus probe May 18, 2020 at 07:17PM

The World Health Organisation bowed to calls Monday from most of its member states to launch an independent probe into how it managed the international response to the coronavirus, which has been clouded by finger-pointing between the US and China over a pandemic that has killed over 300,000 people and leveled the global economy.​

Scientists in China believe new drug can stop pandemic 'without vaccine' May 18, 2020 at 06:40PM

A Chinese laboratory has been developing a drug it believes has the power to bring the coronavirus pandemic to a halt. The outbreak first emerged in China late last year before spreading across the world, prompting an international race to find treatments and vaccines. A drug being tested by scientists at China's prestigious Peking University could not only shorten the recovery time for those infected, but even offer short-term immunity from the virus, researchers say.

China reports 23 fresh coronavirus cases including 1 in Wuhan May 18, 2020 at 06:16PM

China has reported 23 new coronavirus cases, including one in Wuhan, the contagion's first epicentre which is now undergoing aggressive testing of its 11.2 million population over fears of a rebound, health officials said on Tuesday. The National Health Commission (NHC) reported six fresh coronavirus cases and 17 asymptomatic infections in the country on Monday.

बगदाद में अमेरिकी दूतावास के पास रॉकेट दागे गए, अक्टूबर के बाद से यह 21वां हमला May 18, 2020 at 05:27PM

इराक की राजधानी बगदाद स्थित अमेरिकी दूतावास के पास मंगलवार तड़के रॉकेट से हमला हुआ। इसमें किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। जानकारी के मुताबिक, रॉकेट उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र ग्रीन जोन में गिराया गया था। यहां सरकारी इमारतें और कई देशों के दूतावास स्थित हैं। इराक में अक्टूबर के बाद से अमेरिकी ठिकानों पर यह 21वां हमला है।

अब तक किसी ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। इसके लिए अमेरिका हमेशा ईरान समर्थित ग्रुप हशद अल-शाबी को दोषी ठहराता रहा है। इससे पहले मार्च में बगदाद के उत्तर में ताजी एयर बेस पर हुए हमले में एक अमेरिका और एक ब्रिटेन के सैनिक समेत एक कॉन्ट्रेक्टर की मौत हो गई। अमेरिका ने दावा किया था कि यह हमला बेस पर मौजूद सैनिकों पर किया गया था।

सुलेमानी की मौत के बाद अमेरिका-ईरान में तनाव बढ़ा
अमेरिका ने 3 जनवरी को बगदाद एयरपोर्ट पर ड्रोन हमला कर ईरानी सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या कर दी थी। इसके बाद से दोनों देशों में तनाव बढ़ गए हैं। सुलेमानी की मौत के बाद बगदाद स्थित अमेरिकी दूतावास पर 7 और 8 जनवरी को हमले किए गए थे। 7 जनवरी को ईरान ने इराक स्थित दो अमेरिकी सैन्य बेसों पर 22 मिसाइलें दागी थीं। ईरान ने दावा किया था कि अनबर प्रांत में ऐन अल-असद एयर बेस और इरबिल के एक ग्रीन जोन पर हमले में अमेरिका के 80 सैनिक मारे गए थे।

हमले में इराकी कमांडर भी मारा गया
3 जनवरी को इराक के एयरपोर्ट पर हुए हमले में इराकी कमांडर अबु हदी अल-मुहांदिस की भी मौत हो गई थी। इराक के पूर्व प्रधानमंत्री आदिल अब्दुल महदी ने कहा था कि हमले के बाद से क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है। इस वजह से अमेरिकी सैनिकों को देश छोड़ने के लिए कहा गया है। वहीं, ट्रम्प ने कहा था कि अगर वे देश छोड़ने के लिए कहते हैं, तो हम इसे दोस्ताना तरीके से नहीं लेंगे। हम उन पर ऐसा प्रतिबंध लगाएंगे जैसा कि उन्होंने पहले कभी नहीं देखा होगा। वहां हमारा बेहद महंगा एयर बेस है।

इराक-अमेरिका के संबंधों में सुधार की संभावनाएं

इराक में नई सरकार बनने के बाद अमेरिका के साथ संबंधों में सुधार की संभावनाएं दिख रही हैं। प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-कधीमी जून में अमेरिका के साथ द्विपक्षीय वार्ता कर सकते हैं। बातचीत में इराक में अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी को लेकर बात हो सकती है। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट से लड़ने के लिए वे 2014 से वहां तैनात हैं। हालांकि, कधीमी ने रविवार को कहा था कि अमेरिकी सैनिकों को इराक या सीरिया में नहीं रहने दिया जाएगा। उन्हें यहां से वापस जाना होगा।



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इससे पहले अमेरिकी दूतावास के पास 2 मार्च को दो रॉकेट दागे गए थे। (फाइल फोटो)

राष्ट्रपति ट्रम्प ने डब्ल्यूएचओ को बताया को चीन की कठपुतली, बोले- कोरोना से बचने के लिए हर दिन हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की एक गोली लेता हूं May 18, 2020 at 05:03PM

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की आलोचना की है। उन्होंने सोमवार को व्हाइट हाउस में कहा,‘‘ वे (डब्ल्यूएचओ) चीन की कठपुतली है। यह कहना बेहतर होगा कि वे चीन केंद्रित हैं। अमेरिका डब्ल्यूएचओ को सालाना 450 मिलियन डॉलर (करीब 3500 करोड़ रु.) देता है। इसे कम करने की योजना बनाई जा रही है क्योंकि हमारे साथ सही बर्ताव नहीं हुआ।

उन्होंने दावा किया कि वे कोरोना से बचने के लिए हर दिन मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन जिंक के साथलेते हैं। उन्होंने कहामैं पिछले डेढ़ हफ्ते से हर दिन ऐसा कर रहा हूं। जब उनसे पूछा गया कि वे यह दवा क्यों ले रहे हैं तो उन्होंने कहा,‘‘क्योंकि मैं सोचता हूं यह अच्छा है, मैंने इसके बारे में कई अच्छी कहानियां सुनी हैं।
फ्रंटलाइन पर काम करने वाले कई कर्मचारी लेते हैं यह दवा: ट्रम्प
ट्रम्प ने कहा कि आप यह जानकर हैरान होंगे कि कई लोग खास तौर पर फ्रंटलाइन पर काम करने वाले कर्मचारी यह दवा लेते हैं। मैंने भी इसे लेना शुरू किया। मुझे कई अनजान लोगों से भी मलेरिया के इस दवा की अच्छाई के बारे में फोन आए। उन्होंने न्यूयॉर्क के एक डॉक्टर का भी जिक्र किया जिसने फोन कर यह दवा अपने मरीजों को देने की बात कही। ट्रम्प ने कहा कि उस डॉक्टर ने मुझे बताया कि उसने अपने मरीजों को यह दवा दी, इसके बाद उसके एक भी मरीज की मौत नहीं हुई।
‘व्हाइट हाउस के फिजिशियन ने इसके इस्तेमाल की सलाह दी’
ट्रम्प ने कहा कि व्हाइट हाउस के एक डॉक्टर ने भी मुझे कहा कि मैं यह दवा ले सकता हूं। हालांकि, इस बारे में पहल मेरी ओर से की गई। मैँने उनसे पूछा कि आप इस दवा के बारे में क्या सोचते हैं। उन्होंने कहा अगर आप चाहेंतो ले सकते हैं। इसके बाद मैंने कहा हां, मैं यह चाहता हूं।ऐसा लगता है कि इसका असर होता। हो सकता है कुछ असर नहीं भी हो। अगर इससे कोई असर नहीं हुआ तो आप बीमार नहीं पड़ेंगे या आपकी मौत नहीं होगी। मैं हर दिन एक गोली लेता हूं। समय आने पर मैं इसे लेना बंद कर दूंगा।
एफडीए ने इस दवा का इस्तेमाल नहीं करने की चेतावनी दी थी
अमेरिकी सरकार के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन(एफडीए) विभाग ने चेतावनी दी थी कि कोरोना के इलाज या इसे रोकने के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का इस्तेमाल नहीं किया जाए। एफडीए ने इसके साइडइफेक्टस को ध्यान में रखते हुए यह बात कही थी। इस दवा के सेवन से कई साइड इफेक्ट सामने आए थे।कोरोना से जुड़े कई मरीजों में यह दवा लेने पर दिल से जुड़ी समस्याएं सामने आई थी। मौजूदा नियमों के मुताबिक इसका इस्तेमाल सिर्फ इमरजेंसी में किया जा सकता है।



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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को एक बार फिर कहा कि हम डब्ल्यूएचओ की फंडिंग में कटौती की योजना बना रहे। उन्होंने कोरोना से बचने के लिए हाइड्रोक्सीक्लाेरोक्वीन के इस्तेमाल की भी बात कही।

Brazil jumps to third in Covid-19 cases worldwide May 18, 2020 at 05:09PM

With 254,220 confirmed cases, Brazil has now surpassed Britain, Spain and Italy in the past 72 hours on the list of total infections, and is behind only the United States (1.5 million) and Russia (290,000).

अब तक 48.90 लाख संक्रमित और 3.20 लाख मौतें: दक्षिण सुडान के उपराष्ट्रपति और उनकी पत्नी की रिपोर्ट पॉजिटिव May 18, 2020 at 04:46PM

दुनिया में कोरोनावायरस से अब तक 48 लाख 90 हजार 863 लोग संक्रमित हो चुके हैं। 19 लाख 7 हजार 392 ठीक हुए हैं। वहीं, मौतों का आंकड़ा 3 लाख 20 हजार 130 हो गया है। दक्षिण सुडान के उपराष्ट्रपति रीक माशर और उनकी पत्नी एजेलिना टेनी संक्रमित पाए गए हैं। एजेलिना देश की रक्षा मंत्री भी हैं।
कोरोना टास्क फोर्स के एक सदस्य की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उनका टेस्ट 13 मई को किया गया था। उनके बॉडीगार्ड और कुछ स्टाफ भी संक्रमित मिले हैं। अफ्रीका देश में अब तक 236 लोग संक्रमित हो चुके हैं, जबकि चार लोगों की जान जा चुकी है।

कोरोनावायरस : 10 सबसे ज्यादा प्रभावित देश

देश

कितने संक्रमित कितनी मौतें कितने ठीक हुए
अमेरिका 15,50,294 91,981 3,56,383
रूस 2,90,678 2,722 70,209
स्पेन 2,78,188 27,709 1,95,945
ब्राजील 2,55,368 16,853 1,00,459
ब्रिटेन 2,46,406 34,796 उपलब्ध नहीं
इटली 2,25,886 32,007 1,27,326
फ्रांस 1,79,927 28,239 61,728
जर्मनी 1,77,289 8,123 1,54,600
तुर्की 1,50,593 4,171 1,11,577
ईरान 1,22,492 7,057 95,661

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अमेरिका: एक दिन में 759 मौतें

अमेरिका में 91 हजार 981 लोगों की मौत हो चुकी है। यह आंकड़ा दुनिया में सबसे ज्यादा है। यहां एक दिन में 759 लोगों ने जान गंवाई हैं। हालांकि, अब यहां हर दिन होने वाली मौतों में कमी आई है। वहीं, यहां संक्रमितों की संख्या 15 लाख से ज्यादा हो गई है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि संक्रमण से बचने के लिए वे पिछले डेढ़ हफ्ते से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और जिंक सप्लीमेंट ले रहे हैं। हालांकि, पिछले महीने अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने लोगों को इस दवा को लेकर चेतावनी जारी की थी। साथ ही कहा था कि यह दावा कोरोना मरीजों में हार्ट की समस्या पैदा कर सकती है।

रूस: 2.90 लाख से ज्यादा मरीज
रूस में अब तक दो लाख 90 हजार से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं। वहीं, यहां 2722 लोगों की जान जा चुकी है। देश में मॉस्को सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां 24 घंटे में 71 लोगों की मौत हुई है। राजधानी में मृतकों की संख्या 1651 हो गई है। देश में 70 हजार से ज्यादा लोग अब तक इससे ठीक हो चुके हैं।

ब्राजील: 2.55 लाख संक्रमित
लैटिन अमेरिकी देश ब्राजील में 24 घंटे में 735 लोगों की मौत हो गई है। यहां संख्या पिछले दिन के मुकाबले ज्यादा है। एक दिन पहले यहां 485 लोगों की जान गई थी। यहां मृतकों की संख्या 16 हजार 853 पहुंच गई है। एक दिन में 14,288 नए मामले सामने आने के साथ ही संक्रमितों की कुल संख्या 2 लाख 55 हजार 368 हो गई है। संक्रमण के मामले में ब्राजील अमेरिका, रूस और स्पेन के बाद पांचवें स्थान पर पहुंच चुका है।

फ्रांस: स्कूल में 70 नए केस मिले
फ्रांस में एक हफ्ते पहले स्कूल खोल दिए गए हैं। सरकार के मुताबिक, यहां के स्कूलों में 70 नए मामले सामने आए हैं। यहां मामलों में कमी को देखते हुए लॉकडाउन प्रतिबंधों में राहत दी गई है। यहां धार्मिक स्थलों से भी बैन हटाने की मांग की जा रही है। यहां 24 घंटे में 131 लोगों की मौत हुई है। देश में अब तक 1 लाख 79 हजार से ज्यादा मामले मिल चुके हैं, जबकि 28 हजार 239 लोगों की मौत हुई है।

इजराइल: 20 नए मामले मिले
इजराइल में कोरोना के 20 नए मामले दर्ज किए गए हैं। इसके साथ ही यहां संक्रमितों की संख्या 16,643 हो गई है। अब तक यहां 276 लोगों की मौत हो चुकी है। एक दिन पहले यहां 11 नए मामले दर्ज किए गए थे। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पिछले गुरुवार को उन क्षेत्रों में स्कूलों को दोबारा खोलने की घोषणा की थी, जहां संक्रमण के मामले कम हैं। इसके बाद कुछ इलाकों में रविवार से स्कूल खोल दिए गए।



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दक्षिण सुडान के उपराष्ट्रपति रीक माशर के बॉडीगार्ड और कई स्टाफ भी संक्रमित पाए गए हैं। (फाइल फोटो)

China reports 7 new virus cases, no deaths May 18, 2020 at 04:41PM

China reported seven new coronavirus cases Tuesday, a day after President Xi Jinping announced his country would provide USD 2 billion to help respond to the outbreak and its economic fallout.

Australia welcomes virus inquiry but condemns China tariff May 18, 2020 at 04:42PM

Australia on Tuesday welcomed international support for an independent coronavirus pandemic investigation as China ratcheted up a bilateral trade rift by placing tariffs on Australian barley.

World Health Organisation a puppet of China: Trump May 18, 2020 at 04:15PM

US President Donald Trump once again on Monday attacked the WHO, saying the UN health body was a ‘puppet' of China.

अमेरिका में कोरोना की वजह से शहर छोड़ रहे अमीर, 4.20 लाख लोगों ने न्यूयॉर्क छोड़ा, यहां 1% की सालाना कमाई 16 करोड़ रु. May 18, 2020 at 02:35PM

अमेरिका इस समय कोरोना से दुनिया में सबसे बुरी तरह प्रभावित देश है। यहां 15 लाख से ज्यादा मामले और 90 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। इनमें सबसे ज्यादा असर न्यूयॉर्क पर पड़ा है, जहां साढ़े तीन लाख से ज्यादा मरीज और 28 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई। इस बीच, एक चौंकाने वाली खबर आई है कि कोरोना की वजह से न्यूयॉर्क सिटी में रहने वाले अमीर शहर छोड़कर जा रहे हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, 1 मार्च से 1 मई के बीच करीब 4.20 लाख लोग शहर छोड़कर जा चुके हैं, जो यहां की कुल आबादी का करीब 5% है। इनमें भी एक बड़ा हिस्सा उन लोगों का है, जो आर्थिक रूप से संपन्न है और शहर के अमीरों में गिने जाते हैं। खास बात यह है कि सालाना 16 करोड़ रुपए कमाने वाले शहर के 1% अमीर अन्य जगहों पर शिफ्ट हो गए हैं। इनमें से ज्यादातर किसी आइलैंड या महंगी जगह गए हैं।

'80% आबादी ने शहर नहीं छोड़ा है'
वहीं, सालाना करीब 67 लाख रुपए कमाने वाली 80% आबादी ने शहर नहीं छोड़ा है। न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में इतिहास के प्रोफेसर डॉ. किम फिलिप्स-फेन कहते हैं,‘हर समुदाय अलग व्यवहार कर रहा है। यहां से जाने वाले ज्यादातर श्वेत हैं। इन जगहों पर महंगा किराया है और गरीबी कम है। यह कहना मजबूत बात है कि सब साथ हैं, लेकिन ऐसा है नहीं।’

विश्लेषण से बता चला है कि सबसे ज्यादा लोग अपर-ईस्ट साइड, वेस्ट विलेज, सोहो और ब्रुकलिन हाइट्स छोड़कर गए हैं। संपन्न माने जाने वाले इन चारों इलाकों में करीब 40% आबादी कम हो गई है। इनमें ऐसे लोग भी हैं, जो डेढ़ लाख रुपए से ज्यादा किराया चुका रहे थे, ज्यादातर के पास कॉलेज की डिग्री है और करीब 75 लाख रुपए तक कमा रहे थे। इनके अलावा छात्रों ने भी शहर छोड़ा है।

साउथ फ्लोरिडा, कनेक्टिकट जैसी जगहों पर शिफ्ट हुए ज्यादातर लोग

न्यूयॉर्क सिटी में 1% अमीरों की सालाना कमाई 16 करोड़ रुपए हैं। वे महंगे आइलैंड और शहरों में शिफ्ट हुए हैं। दक्षिणी फ्लोरिडा, कनेक्टिकट, पेन्सिल्वेनिया, न्यूजर्सी, मार्था विनयार्ड, केप कॉड, रोड आइलैंड, हैम्पटन, हडसन वैली और जर्सी शोर इनकी पसंदीदा जगहों में शामिल हैं। रिपोर्ट में इन्हें तथाकथित ‘कोरोनावायरस शरणार्थी’ कहा गया है।



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रिपोर्ट के मुताबिक, 1 मार्च से 1 मई के बीच करीब 4.20 लाख लोग शहर छोड़कर जा चुके हैं, जो यहां की कुल आबादी का करीब 5% है।

महामारी में स्कैम से कैसे बचें; वेबसाइट का डोमेन नेम देखें, एड ब्लॉकर इंस्टॉल कर जानकारी चुराने वाले विज्ञापन रोकें May 18, 2020 at 02:35PM

कोरोनावायरस में बढ़ी अनिश्चितता ऑनलाइन जालसाजी करने वालोंकेलिए बड़ा माैका लेकर आई है। बेरोजगार सरकार से मदद की आस लगाए हैं। काेई बैंक या सरकारी अधिकारी बनकर फाेन करता है या ई-मेल भेजता है ताे उसे नजरअंदाज करना मुश्किल हाे जाता है। आइए जानें खुद काे स्कैम और हैकिंग से किन तरीकाें से सुरक्षित रहा जा सकता है:

फर्जी वेबसाइट्स से महारथी भी धोखा खा जाते हैं

  • यूआरएल चेक करें: फर्जी वेबसाइट सरकारी या बैंक की वेबसाइट की ही तरह नजर आती है। डाेमेन नेम से फर्जीवाड़ा उजागर हाे सकता है। इसके लिए एड्रेस बार पर देखें कि यह .com या .org याgov.inहै या नहीं।
  • एड ब्लाॅकर इंस्टाॅल करें : निजी जानकारी जुटाने वाले विज्ञापनाें से बचने के लिए एड ब्लाॅकर इंस्टाॅल करें।

स्कैम कॉल से ऐसे बचें

  • फाेन रख दें, दाेबारा काॅल करें : काॅलर पर संदेह हाे ताे काॅल काटकर कस्टमर सर्विस पर फाेन करके तस्दीक करें।
  • काॅन्टेक्ट लिस्ट : ठग किसी बैंक के नंबर से स्पूफ काॅल करे ताे आप समझ नहीं पाएंगे। इसलिए काॅन्टेक्ट लिस्ट से ऐसे नंबर हटा दें।

ई-मेल और टेक्स्ट मैसेज

  • चेक भेजने वाले को जांचें: असली और फर्जी ई-मेल एड्रेस में एक-दाे कैरेक्टर का अंतर हाेता है। इसी तरह स्कैम टैक्स्ट के फाेन नंबर 10 से अधिक अंक के हाेते हैं।
  • चेक करें, क्लिक न करें : अंजान लिंक पर क्लिक करने या जवाब देने से बचें। कई लिंक पर माउस का कर्सर ले जाने पर पेज का प्रिव्यू दिख जाता है। संदिग्ध पेज दिखे ताे उसे स्पैम मार्क कर दें या डिलीट कर दें।

वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं...

  • नेटवर्क सिक्यूरिटीःकंप्यूटर की तरह वाई-फाई राउटर भी सुरक्षित हाेना चाहिए। इसका लेटेस्ट वर्जन हाे। पासवर्ड भी स्ट्राॅन्ग हाे।
  • निजी औरऑफिस के सिस्टम अलग हों: वर्क फ्राॅम हाेम के चलते कर्मचारी निजी कंप्यूटर, ई-मेल एड्रेस या मैसेजिंग एप इस्तेमाल करने लगते हैं। हाे सकता है आपके उपकरण औरएप कंपनी के नेटवर्क सिक्युरिटी जैसे सुरक्षित न हाे। इसलिए कंपनी के सिस्टम, इंटरनेट अकाउंट औरसाॅफ्टवेयर पर ही काम करें।


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ठग किसी बैंक के नंबर से स्पूफ काॅल करे ताे आप समझ नहीं पाएंगे। इसलिए काॅन्टेक्ट लिस्ट से ऐसे नंबर हटा दें।

EU calls for independent probe of WHO's pandemic response May 18, 2020 at 12:15AM

The European Union and other countries on Monday called for an independent evaluation of the World Health Organization's response to the coronavirus pandemic “to review experience gained and lessons learned.”

राष्ट्रपति ट्रम्प ने 10 साल की भारतीय मूल की लड़की को सम्मानित किया, कोरना वॉरियर्स को कुकीज और ग्रीटिंग कार्ड्स बनाकर भेजती है May 17, 2020 at 11:47PM

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 10 साल की भारतीय मूल की श्रव्या अन्नापारेड्डी को कोरोना महामारी में योगदान के लिए सम्मानित किया है। श्रव्या कोरोना महामारी से लड़ रहे फ्रंटलाइनयोद्धाओं की आगे बढ़कर मदद करती रही है। वह लगातार नर्स, मेडिकल वर्कर और फायर फाइटर को कुकीज और ग्रीटिंग कार्ड भेजती है।
राष्ट्रपति ट्रम्प और फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रम्प ने शुक्रवार को कोरोना से लड़ने वाले कई अमेरिकी हीरोज को सम्मानित किया। इस दौरान उन्होंने श्रव्या को कोरोना काल में मेडिकल वर्कर्स की हिम्मत बढ़ाने के लिए सम्मानित किया।वाशिंगटन पोस्ट के मुताबक इस दौरान ट्रम्प ने कहा, ‘‘आज हम जिन लोगों को सम्मानित कर रहे हैं, वे हमें वो रिश्ता याद दिलाते हैं जो मुश्किल समय में हमें जोड़े रखता है। इसके साथ ही हम जब दोबारा से शुरुआत करते हैं तो यही एकता हमें फिर से ऊंचाइयों में ले जाती है।’’

मूल रूप से आंध्र प्रदेश की रहने वाली है श्रव्या
श्रव्या मैरीलैंड के हिल्स एलेमेंटरी स्कूल में कक्षा चार की छात्रा है और स्काउट ट्रूप की मेंबर है। वह मूल रूप से आंध्र प्रदेश की रहने वाली है। श्रव्या के साथ उसके स्काउट की दो और लड़कियों लैला खान और लॉरेन मैटनी को सम्मानित किया गया है। सभी की उम्र 10 साल है। उन्होंने अभी तक लोकल डॉक्टर, नर्स और फायरफाइटर को 100 डिब्बे कुकीज दान की। इसके साथ ही200 ग्रीटिंग कार्ड बनाकर उनको भेंट किए।



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श्रव्या अन्नापारेड्डी को सम्मानित करते अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प। श्रव्या के स्काउट ट्रूप की दो और लड़कियों को सम्मानित किया गया है।

राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो की कॉन्फ्रेंस में बिना कपड़ों के नजर आया शख्स, कुछ देर बाद ही बैठक खत्म की गई May 17, 2020 at 10:50PM

ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो कीजूम कॉन्फ्रेंस में एक व्यक्ति बिना कपड़ों के नजर आया। बोल्सोनारो यह कॉन्फ्रेंस लॉकडाउन के असर पर चर्चा करने के लिए कर रहे थे। कॉन्फ्रेंस में साओ पाउलो के फेडरेशन ऑफ इंडस्ट्रीज के प्रेसिडेंट पाउलो स्काफ ने राष्ट्रपति, उद्योग मंत्री और कुछ अन्य अहम लोगों को कनेक्ट किया था। इस बीच एक व्यक्ति बिना कपड़ों के नजर आने लगा। राष्ट्रपति ने उसे देखते ही पाउलो से कहा, ‘‘वहां उस कोने में एक व्यक्ति नजर आ रहा है, वह कॉन्फ्रेंस छोड़ चुका है, क्या वह ठीक है।’’
चंद सेकंड बाद उद्योग मंत्री पाउलो गिड्स को सारा मामला समझ आया। उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा, ‘‘वहां एक शख्स नहा रहा है, बिना कपड़ों के। क्या बात है, वह घर पर बिना कपड़ों के आइसोलेट है। लगता है वह बातचीत से गर्म हो रहा था इसलिए ठंडे पानी से नहाने चला गया।’’ इसके कुछ देर बाद कॉन्फ्रेंस खत्म कर दी गई।

कैमरा स्वीच ऑफ किए बिना नहाने गया था शख्स

दरअसल कॉन्फ्रेंस में शामिल एक व्यक्ति अपना कैमरास्वीच ऑफ करना भूल गया और नहाने चला गया। ऐसे में उसे पता ही नहीं चला कि कॉन्फ्रेंस से जुड़े दूसरे लोग उसे देख रहे हैं। इस कॉन्फ्रेंस की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गई। मीडिया में इस व्यक्ति का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया लेकिन इंटरनेट यूजर्स ने पहचान लिया कि वह कौन हैं।

जज भी ऑनलाइन सुनवाई में बिना कपड़ों के नजर आए थे
लॉकडाउन के बाद 7 अप्रैल को ब्राजील के एक 52 साल के जज भी ऑनलाइन सुनवाई के दौरान बिना शर्ट पहने नजर आए थे। जज कार्मो एंटोनियो डी सूजा के साथ छह अधिकारी फॉर्मल कपड़ों में ऑनलाइन जुड़े थे। जब सुनवाई शुरु तो जज सिर्फ अपना चश्मा पहने थे। जल्दबाजी में वे अपनी शर्ट पहनना भूल गए थे।



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ब्राजील के राष्ट्रपति के वीडियो कॉन्फ्रेंस में एक शख्स(लाल घेरे में) बिना कपड़ाें के नजर आया। रविवार को हुए इस कॉन्फ्रेंस की यह तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हो रही है।

अफगान सरकार ने कहा- भारत ने हमें सबसे ज्यादा दान दिया, मदद की; तालिबान ने भारत पर 40 साल नकारात्मक भूमिका का आरोप लगाया था May 17, 2020 at 10:50PM

कुछ दिन पहले तालिबान ने कहा था कि भारत 40 साल से अफगानिस्तान में नकारात्मक भूमिका निभाता आया है। अब अफगानिस्तान सरकार ने इसका जवाब दिया है। अफगानिस्तान सरकार ने कहा- भारत वो देश है, जिसने हमें सबसे ज्यादा दान दिया। सबसे ज्यादा मदद की। दोनों देश एक-दूसरे का सम्मान करते हैं और ये संबंध अंतरराष्ट्रीय नियमों के हिसाब से हैं।

भारत शांति प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाएगा

अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ग्रान हेवड ने एक इंटरव्यू में तालिबान के आरोप खारिज कर दिए। हेवड ने कहा- भारत ने हमेशाअफगानिस्तान के विकास में सहयोग किया है। हमें उम्मीद है कि वो शांति प्रक्रिया में भी योगदान देगा। उन्होंने कहा, ‘‘भारत अफगानिस्तान को सबसे ज्यादा दान देने वाले देशों में से एक है। यहां विकास और पुनर्निर्माण में भी योगदान दे रहा है। हम आशा करते हैं भारत और अन्य पड़ोसी देश अफगानिस्तान में शांति लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।’’

तालिबान ने कहा- भारत ने भ्रष्ट लोगों का साथ दिया
कतर में तालिबान का ऑफिस है। यहां राजनीतिक मामलेमौलाना अब्बास स्टेनकजई देखता है। उसने एक इंटररव्यू में कहा था, “भारत ने पिछले 40 सालों से अफगानिस्तान में नकारात्मक भूमिका निभाई। भारत ने केवल उन लोगों की मदद की और उनसे ही संबंध बनाए जो भ्रष्ट हैं, उन्हें अफगानी लोगों ने नहीं चुना है। विदेशियों ने उन्हें गद्दी पर बिठाया। भारत को अफगान की शांति प्रक्रिया में सहयोग करना चाहिए।”
भारत के संपर्क में अफगानिस्तान
अफगानिस्तान में शांति और सुलह के लिए अमेरिका के विशेष दूत जालमे खलीलजादभारतीय अधिकारियों के संपर्क में हैं। वो अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने की कोशिशों के तहत भारत यात्रा कर चुके हैं। उन्होंने भारत से इस मामले में सहयोग मांगा था।

जानकार बोले- पाकिस्तान की मांग पर ऐसे बयान दे रहा तालिबान
अफगानिस्तान के राजनीतिक विश्लेषक खालिद सदत ने तालिबान के बयान पर कहा, “अगर तालिबान ऐसे ही बयान देता रहा तो भविष्य में अफगानिस्तान के राजनयिक संबंधों को नुकसान पहुंचेगा। तालिबान पाकिस्तान की मांग पर इस तरह के बयान दे रहा है। भारत और पाकिस्तान में हमेशा दुश्मनी रही। पाकिस्तान अब तक अफगानिस्तान में तालिबान के जरिए प्रॉक्सी वॉर चला रहा है। तालिबान को सभी देशों के साथ के लिए अच्छे संबंधों को बढ़ावा देना चाहिए।”



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प्रधानमंत्री मोदी के साथ अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी। अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत शांति प्रक्रिया में भी योगदान देगा। (फाइल फोटो)

Taliban suicide bomber kills 7 troops in eastern Afghanistan May 17, 2020 at 10:00PM

A suicide bomber in a stolen military Humvee targeted a base in eastern Afghanistan belonging to the country's intelligence service early on Monday, killing at least seven members of the force, a provincial official said.

तालिबान ने कहा था- 40 साल में भारत ने नकारात्मक भूमिका निभाई; अफगान सरकार का जवाब- उन्होंने हमें सबसे ज्यादा दान दिया May 17, 2020 at 10:18PM

भारत को लेकर तालिबान के हालिया बयान के बाद अफगान सरकार ने कहा है कि भारत से हमारे संबंध बहुत अच्छे हैं। भारत उन देशों में शामिल है जो हमें सबसे ज्यादा दान देते हैं। हमारे संबंध इंटरनेशनल फ्रेमवर्क के दायरेमें और एक-दूसरे के सम्मान पर बने हैं। कतर स्थित तालिबान के पॉलिटिकल ऑफिस ने कहा था कि भारत पिछले 40 सालों से देश में नकारात्मक भूमिका निभाता रहा है।

भारत शांति प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाएगा
अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ग्रान हेवड ने रविवार को रेडियो आजादी को बतायाकि अब तक भारत, अफगानिस्तान के विकास में सहयोग करता रहा है और हमें उम्मीद है कि वह शांति प्रक्रिया में भी योगदान देगा। उन्होंने कहा, ‘‘भारत अफगानिस्तान को सबसे ज्यादा दान देने वाले देशों में से एक है और यहां विकास और पुनर्निर्माण में भी योगदान दे रहा है। हम आशा करते हैं भारत और अन्य पड़ोसी देश अफगान में शांति लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। ’’

तालिबान ने कहा- भारत ने भ्रष्ट लोगों का साथ दिया
कतर में तालिबान के पॉलिटिकल ऑफिस के डिप्टी मौला अब्बास स्टेनकजई ने एक न्यूज चैनल को बताया था कि भारत ने पिछले 40 सालों से अफगानिस्तान में नकारात्मक भूमिका निभाई है। उसने कहा कि पिछले दो दशकों में भारत ने केवल उन लोगों की मदद की और उनसे ही संबंध बनाए जो भ्रष्ट हैं उन्हें अफगानी लोगों ने नहीं चुना है। विदेशियों ने उन्हें गद्दी पर बैठा दिया है। इस दौरान उसने यह भी कहा कि भारत को अफगान की शांति प्रक्रिया में सहयोग करना चाहिए।
मालूम हो कि अफगानिस्तान में शांति और सुलह के लिए अमेरिका के विशेष दूत जालमे खलीलजादभारतीय अधिकारी के साथ अफगान शांति पर चर्चा भी कर चुके हैंऔर इससे पहले उन्होंने अपनी भारत यात्रा के दौरान सहयोग भी मांगा था।

विश्लेषकों ने कहा- पाकिस्तान की मांग पर ऐसे बयान दे रहा तालिबान
अफगानिस्तान के राजनीतिक विश्लेषक खालिद सदत ने रेडियो आजादी से बात करते हुए कहा कि अगर तालिबान इसी तरह से बयान देता रहा तो भविष्य में अफगानिस्तान के राजनयिक संबंधों को नुकसान पहुंचेगा।सदात ने आगे दावा किया कि तालिबान पाकिस्तान की मांग पर इस तरह के बयान दे रहा है। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान में एतिहासिक दुश्मनी है और पाकिस्तान, अफगानिस्तान में तालिबान के जरिए एक प्रॉक्सी वार कर रहा है। तालिबान को पाकिस्तान का समर्थन मिला हुआ है।सदत ने कहा कि शांति प्रक्रिया को देखते हुए तालिबान को मौजूदा समय और भविष्य में सभी देशों के साथ के लिए अच्छे संबंधों को बढ़ावा देना चाहिए।



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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी। अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत शांति प्रक्रिया में भी योगदान देगा। (फाइल फोटो)

Afghanistan says India one of biggest donors in reconstruction efforts; rejects Taliban's allegations May 17, 2020 at 09:26PM