Monday, May 18, 2020

बगदाद में अमेरिकी दूतावास के पास रॉकेट दागे गए, अक्टूबर के बाद से यह 21वां हमला May 18, 2020 at 05:27PM

इराक की राजधानी बगदाद स्थित अमेरिकी दूतावास के पास मंगलवार तड़के रॉकेट से हमला हुआ। इसमें किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। जानकारी के मुताबिक, रॉकेट उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र ग्रीन जोन में गिराया गया था। यहां सरकारी इमारतें और कई देशों के दूतावास स्थित हैं। इराक में अक्टूबर के बाद से अमेरिकी ठिकानों पर यह 21वां हमला है।

अब तक किसी ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। इसके लिए अमेरिका हमेशा ईरान समर्थित ग्रुप हशद अल-शाबी को दोषी ठहराता रहा है। इससे पहले मार्च में बगदाद के उत्तर में ताजी एयर बेस पर हुए हमले में एक अमेरिका और एक ब्रिटेन के सैनिक समेत एक कॉन्ट्रेक्टर की मौत हो गई। अमेरिका ने दावा किया था कि यह हमला बेस पर मौजूद सैनिकों पर किया गया था।

सुलेमानी की मौत के बाद अमेरिका-ईरान में तनाव बढ़ा
अमेरिका ने 3 जनवरी को बगदाद एयरपोर्ट पर ड्रोन हमला कर ईरानी सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या कर दी थी। इसके बाद से दोनों देशों में तनाव बढ़ गए हैं। सुलेमानी की मौत के बाद बगदाद स्थित अमेरिकी दूतावास पर 7 और 8 जनवरी को हमले किए गए थे। 7 जनवरी को ईरान ने इराक स्थित दो अमेरिकी सैन्य बेसों पर 22 मिसाइलें दागी थीं। ईरान ने दावा किया था कि अनबर प्रांत में ऐन अल-असद एयर बेस और इरबिल के एक ग्रीन जोन पर हमले में अमेरिका के 80 सैनिक मारे गए थे।

हमले में इराकी कमांडर भी मारा गया
3 जनवरी को इराक के एयरपोर्ट पर हुए हमले में इराकी कमांडर अबु हदी अल-मुहांदिस की भी मौत हो गई थी। इराक के पूर्व प्रधानमंत्री आदिल अब्दुल महदी ने कहा था कि हमले के बाद से क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है। इस वजह से अमेरिकी सैनिकों को देश छोड़ने के लिए कहा गया है। वहीं, ट्रम्प ने कहा था कि अगर वे देश छोड़ने के लिए कहते हैं, तो हम इसे दोस्ताना तरीके से नहीं लेंगे। हम उन पर ऐसा प्रतिबंध लगाएंगे जैसा कि उन्होंने पहले कभी नहीं देखा होगा। वहां हमारा बेहद महंगा एयर बेस है।

इराक-अमेरिका के संबंधों में सुधार की संभावनाएं

इराक में नई सरकार बनने के बाद अमेरिका के साथ संबंधों में सुधार की संभावनाएं दिख रही हैं। प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-कधीमी जून में अमेरिका के साथ द्विपक्षीय वार्ता कर सकते हैं। बातचीत में इराक में अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी को लेकर बात हो सकती है। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट से लड़ने के लिए वे 2014 से वहां तैनात हैं। हालांकि, कधीमी ने रविवार को कहा था कि अमेरिकी सैनिकों को इराक या सीरिया में नहीं रहने दिया जाएगा। उन्हें यहां से वापस जाना होगा।



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इससे पहले अमेरिकी दूतावास के पास 2 मार्च को दो रॉकेट दागे गए थे। (फाइल फोटो)

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