Tuesday, May 5, 2020

Kim Jong Un: No signs of heart surgery, South Korean spy agency says May 05, 2020 at 08:17PM

There are no signs North Korean leader Kim Jong Un received heart surgery when he disappeared from state media for three weeks, but he reduced public activity due to coronavirus concerns, Yonhap news agency reported on Wednesday.

ट्रम्प ने कहा-अर्थव्यवस्था दोबारा खोलना जरूरी पर इससे मौतें बढ़ सकती है, मास्क लगाने से इनकार किया May 05, 2020 at 07:29PM

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को कहा कि वे देश की अर्थव्यवस्था दोबारा खोलने पर सोच रहे हैं। उन्होंने एबीसी न्यूज से कहा कि देश में लोग अपनी नौकरी खो रहे हैं। हमें इसे वापस लाना होगा और हम यही कर रहे हैं। अर्थव्यवस्था को दोबारा बहाल करने और सोशल डिस्टेंसिंग में राहत देने पर मौतों की संख्या बढ़ने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ऐसा हो सकता है, लेकिन अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना जरूरी है।अब हम कोरोना से लड़ाई के दूसरे चरण में हैं। संक्रमण का स्तर कम हुआ है। यह चरणबद्ध तरीके से अर्थव्यवस्था खोलने के लिए सुरक्षित समय है।
इस बीच मंगलवार को वे देश में लगे प्रतिबंधों के बाद पहली बार मास्क बनाने वाली फैक्ट्री हनिवेल का दौरा करने पहुंचे। यहां पहुंचने पर उन्होंने मास्कलगाने से इनकार कर दिया। इस बारे में पूछने पर ट्रम्प नेकहा कि जरूरत पड़ने पर वे इसे पहनेंगे। हालांकि,उन्होंने इस फैक्ट्रीके कर्मचारियोंके काम की सराहना की। हनिवेल फैक्ट्री कोरोना का इलाज करने वाले डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए एन-95 मास्क बनाती है।
व्हाइट हाउस कोरोना टास्क फोर्स को खत्म करेंगे
ट्रम्प ने कहा कि वे व्हाइट हाउस कोरोना टास्क फोर्स को खत्म कर देंगे। इसकी जगह अर्थव्यवस्था खोलने वाला ग्रुप बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जहां तक ​​टास्क फोर्स का सवाल है उपराष्ट्रपति माइक पेंस और टास्क फोर्स ने बहुत अच्छा काम किया है। अब हम थोड़ा अलग तरह से देख रहे हैं। अर्थव्यवस्था के सुरक्षित ओपनिंग के लिए हमें अलग से एक समूह का गठन करना होगा।हालांकि, उन्होंने कहा कि टास्क फोर्स में शामिल डॉ. डेबोराह बिर्क्स और डॉ. फॉसी कोरोना से जुड़े मामले में काम करती रहेंगी। अन्य विशेषज्ञ डॉक्टर भी अपनी सेवाएं देते रहेंगे।

पहले भी खुद मास्क पहनने पर एतराज जता चुके हैं ट्रम्प

ट्रम्प पहले भी मास्क पहनाने पर ऐतराज जता चुके हैं। पांच अप्रलै को देश के डीजीज कंट्रोल सेंटर ने लोगों से मास्क पहनने की अपील की थी। इसके बाद ट्रम्प ने कहा था, कि मास्क को लेकर सीडीसी ने सिर्फ सुझाव दिया है। यह हर किसी के लिए स्वैच्छिक होगा। आप ऐसा कर भी सकते हैं और नहीं भी। मैं ऐसा नहीं करूंगा। यह अच्छा रहेगा। मैं राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों, तानाशाहों, राजाओं और रानियों से मिलता हूं। ऐसे में मास्क पहनना, मुझे नहीं लगता कि यह ठीक होगा।मैं इसे पहनने के सुझाव को अपने लिए नहीं मानता।'



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यह तस्वीर अमेरिकी राष्ट्रपति के मंगलवार को हनिवेल फैक्ट्री के दौरे की है। फैक्ट्री पहुंचने पर उन्हें मास्क लगाने को कहा गया, लेकिन उन्होंने इसे पहनने से इनकार कर दिया।

अमेरिका में वर्क फ्रॉम होम के दौरान 47% कर्मचारी बिना पैंट पहने काम कर रहे, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में 48% पुरुष और 30% महिलाएं बाल कंघी नहीं करतीं May 05, 2020 at 07:20PM

रिसर्च डेस्क. कोरोना महामारी के चलते पूरी दुनिया में ‘वर्क फ्राॅम होम’ (घर से काम) का कल्चर तेजी से बढ़ा है। हाल में ‘गुड मॉर्निंग अमेरिका’ में एबीसी चैनल की महिला रिपोर्टर विल रीव को बिना पैंट में एंकरिंग करते हुए देखा गया था। फिर इस पर बहस छिड़ गई कि क्या घर से काम करते हुए कर्मचारी कैजुअल हो गए हैं? या फिर उनका एप्रोच नॉन फॉर्मल हो गया है?


इसे लेकर लंदन स्थित इंटरनेशनल रिसर्च डाटा एंड एनालिटिक्स संस्था यूजीवीओ (YOUGOV) ने एक ऑनलाइन सर्वे किया, जिसमें 1327 वयस्क (18 की उम्र से अधिक) अमेरिकी शामिल हुए। सर्वे के अनुसार अमेरिका में घर से काम करने के दौरान 47% कर्मचारी बिना पैंट यानी शॉर्ट्स में ही काम करना पसंद करते हैं। इसी तरह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान 48% पुरुष अपने बाल भी सही नहीं करते हैं। महिला कर्मचारी की तुलना में 3 गुना पुरुष बिना पैंट, मोजे अथवा जूते के बिना ही घर से काम कर रहे हैं। पढ़िए, सर्वे की मुख्य बातें...

  • 53% ने ही स्वीकारा कि वे घर से काम करते समय पायजामा पहनते हैं

सर्वे में 7 फीसदी लोगों ने कहा कि वे घर से काम करते समय कभी भी जूता नहीं पहनते हैं। महिलाओं (3%) की तुलना में तीन गुना पुरुषों (9%) ने माना कि वे घर से काम करते समय पैंट, मौजे, जूते, नहीं पहनते हैं। इसी तरह 5 फीसदी कहते हैं कि वे घर से काम करते समय शायद ही कभी पैंट पहनते हैं, 12 फीसदी कहते हैं कि वे कभी-कभी पैंट पहन लेते हैं। 53 फीसदी ने ही स्वीकारा कि वे घर से काम करते समय पायजामा पहनते हैं।

  • 54% ने कहा- वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पहले बालों में कंघी करते हैं

सर्वे में पाया गया कि ऐसे कर्मचारी जो अपने सहयोगियों के साथ घर से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा करते हैं, उनमें 54% का कहना है कि वे वीडियो कॉन्फ्रेंस से पहले अपने बालों को कंघी करते हैं। 51% का मानना हैं कि वे आमतौर पर वीडियो कॉल से पहले अपना चेहरा धोते हैं। इसी तरह 49% कर्मचारियों ने माना कि वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग शुरू करने से पहले दांतों को ब्रश करते हैं।

  • 39% ने कहा- वे घर से काम करते वक्त भी फॉर्मल ड्रेस पहनते हैं

सर्वे में 39 फीसदी कर्मचारियों ने स्वीकार किया कि वे घर से काम करते वक्त भी अच्छे कपड़े (फॉर्मल ड्रेस) पहनते हैं। इसी तरह 29% स्वीकार किया कि वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान अपने लैपटॉप को इस तरह सेट करते हैं, ताकि कमर के नीचे का हिस्सा न दिखे। इसी तरह 37% ने माना कि वे रेगुलर शेव कर रहे हैं। महिलाओं से जब पूछा गया कि क्या वे वीडियो कॉन्फ्रेंस से पहले अपने बालों को बनाती हैं तो 70% ने कहा कि हां वे बालों को कंघी करके ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग शुरू करती हैं।



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In the US, 47% of employees work without pants, 48% of men and 30% of women do not comb hair during work from home

Students in China's virus centre Wuhan return to school May 05, 2020 at 06:54PM

Senior school students in 121 institutions were back in front of chalk boards and digital displays for the first time since their city -- the ground zero of the coronavirus pandemic -- shut down in January.

Taliban not living up to commitments, US Defense Secretary says May 05, 2020 at 07:18PM

U.S. Defense Secretary Mark Esper said on Tuesday that the Taliban were not living up to their commitments under an agreement signed this year, amid signs the fragile deal is under strain by a political deadlock and increasing Taliban violence.

सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करने पर देश के प्रमुख वैज्ञानिक का इस्तीफा, इनकी सलाह पर ही पीएम जॉनसन ने लॉकडाउन लगाया था May 05, 2020 at 06:53PM

कोरोनोवायरस को लेकर लॉकडाउन की सलाह देने वाले ब्रिटेन के प्रमुख वैज्ञानिक नील फर्ग्यूसन ने सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करने पर अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। महामारी के मामले में वे सरकार के प्रमुख सलाहकार थे। इनकी सलाह के बाद ही प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने देश में 23 मार्च से लॉकडाउन की घोषणा की थी।

उन्हें‘प्रोफेसर लॉकडाउन’ के नाम से भी जाना जाता है

डेली टेलिग्राफ की रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रोफेसर नील फर्ग्यूसन ने लॉकडाउन के दौरान एक महिला को दो अवसरों पर अपने घर आने दिया था। उन्होंने अपनी गलती स्वीकार की और कहा कि मुझे इसका बेहद अफसोस है। संक्रमण को रोकने के लिए सरकार सोशल डिस्टेंसिंग का संदेश दे रही हैऔर मैंने इसका उल्लंघन किया है। उन्हें ‘प्रोफेसर लॉकडाउन’ के नाम से भी जाना जाता है।

उनकी संस्थासरकारों और डब्ल्यूएचओ को सलाह देती है

उन्होंने कहा कि वे साइंटिफिक एडवाइजरी ग्रुप फॉर इमरजेंसी के पद से पीछे हट रहे हैं। वे सेंटर फॉर ग्लोबल इंफेक्शस डिजीज एनालीसिस के निदेशक हैं। बीबीसी के मुताबिक, इसी संस्था ने जनवरी में दुनिया को कोरोना के खतरे से आगाह किया था। यह संस्था सरकारों और डब्ल्यूएचओ को अफ्रीका में इबोला से लेकर कोरोना महामारी तक के मामलों में सलाह देती है।

यहां अब तक 28 हजार से ज्यादा मौत हुई

उन्होंने कहा कि सरकार का आदेश हम सभी की सुरक्षा के लिए है। उनकी टीन ने रिसर्च के आधार पर कहा था कि देश में अगर तुरंत कार्रवाई नहीं हुई तो कोरोना से पांच लाख से ज्यादा मौतें हो सकती हैं।ब्रिटेन में अब तक 28 हजार से ज्यादा जान जा चुकी है। अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा मौतें यहां हुई हैं। देश में केवल जरूरी चीजों की दुकानें खोलने की अनुमति है। नियमों का उल्लंघन करने वालों से जुर्माना भी लिया जाएगा।



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प्रोफेसर नील फर्ग्यूसन की टीम ने ही जनवरी में कोरोना को लेकर चेतावनी दी थी।

अमेरिकी वैज्ञानिक का दावा- भारत से मिल रही कम गुणवत्ता वाली मलेरिया की दवा, ट्रम्प प्रशासन के अधिकारियों ने इसे नजरअंदाज किया May 05, 2020 at 06:05PM

अमेरिका के एक वैज्ञानिक ने दावा किया है कि ट्रम्प प्रशासन ने कोरोना से जुड़ी चेतावनियों को नजरअंदाज किया। वैज्ञानिक डॉ. रिक ब्राइट ने मंगलवार को अमेरिका के विशेष काउंसल ऑफिस इसे लेकर शिकायत दर्ज कराई। इसमें कहा गया है कि ट्रम्प प्रशासन के स्वास्थ्य अधिकारियों को पाकिस्तान और भारत से मिल रही कम गुणवत्ता वाली मलेरिया की दवाओं को लेकर आगाह किया गया। खास कर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीनको लेकर चिंता जाहिर की गई। पीपीई किट की गुणवत्ता अच्छी नहीं होने के बारे में भी बताया गया। हालांकि, अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया गया।
डॉ ब्राइट फिलहाल सेवा से हटा दिए जा चुके हैं। इससे पहले वे बायोमेडिकल एडवांस्ड रिसर्च डेवलपमेंट अथॉरिटी के प्रमुख थे। यह अमेरिका के हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विसेज (एचएचएस) विभाग की देखरेख में काम करने वाली शोध एजेंसी है।

‘दवा भेजने वाली कंपनियों का नहीं हुआ निरीक्षण’
ब्राइट ने अपनी शिकायत में कहा है कि फेडरल ड्रग एसोसिएशन (एफडीए) ने भारत और पाकिस्तान की दवा बनाने वाली कंपनियों का निरीक्षण नहीं किया है। ऐसे में वहां से आ रही दवाओं को लेकर चिंता है। ऐसी कंपनियों की दवा संक्रमित हो सकती है। इनमें समुचित डोज का अभाव हो सकता है। अगर गुणवत्ताहीन दवा किसी को दी जाती है तो उसे नुकसान हो सकता है। इन सभी खतरों को जानते हुए भी ट्रम्प प्रशासन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने अमेरिका के बाजार में बड़े पैमान पर यह दवाएं उतार दी।

भारत ने अमेरिका को दी है हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा

भारत ने कोरोना संक्रमण के बाद अमेरिका को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवाएं उपलब्ध करवाई है। भारत ने देश में इस दवा की उपलब्धता बनाए रखने के लिए इसके निर्यात पर रोक लगा रखी थी। हालांकि, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ट ट्रम्प ने भारत से दवा उपलब्ध करवाने की मांग की। इसके बाद बाद भारत ने निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाया। दो जहाजों से दवा अमेरिका भेजी गई थी। इसके बाद ट्रम्प ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मदद के लिए धन्यवाद दिया था। भारत अमेरिका के साथ ही दुनिया के कई और देशों को यह दवा भेज चुका है।




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यह तस्वीर वॉशिंगटन के एक चैरिटी सेंटर में मंगलवार को जांच करवाने आए लोगों और स्वास्थ्यकर्मियों की है। अमेरिका में कोरोना संक्रमितों के इलाज में भारत से भेजी गई मलेरिया की दवा का भी इस्तेमाल हो रहा है।

Hong Kong will never be calm unless violent protesters removed: China May 05, 2020 at 05:36PM

China's Hong Kong affairs office on Wednesday condemned Hong Kong protesters as a "political virus" who seek independence, warning that the city will never be calm unless what it said were violent black-clad protesters were all removed.

US Supreme Court justice Ginsburg hospitalized for gallbladder infection May 05, 2020 at 05:18PM

US Supreme Court Justice Ruth Bader Ginsburg, one of the four liberal justices on the top US court, was hospitalized for a benign gallbladder infection, the court said Tuesday.

Pfizer starts human trial of vaccine in US May 05, 2020 at 04:44PM

Trump visits masks factory but declines to wear one May 05, 2020 at 04:30PM

US President Donald Trump visited a mask-making factory Tuesday in his first major trip since the coronavirus lockdown began -- but again refused to wear a face covering himself. Trump flew all the way to Phoenix, Arizona, to celebrate the workers at a Honeywell plant churning out masks for healthcare workers during the pandemic.

France’s early Covid case may hold clues to pandemic’s start May 05, 2020 at 04:16PM

Israel and Netherlands develop antibodies that may defeat virus May 05, 2020 at 04:28PM

Covid-19: US now in next stage of battle, has flattened curve, says Trump May 05, 2020 at 04:20PM

Asserting that the United States has flattened the curve on coronavirus, President Donald Trump said on Tuesday the country is now in the next stage of the battle, which is a "very safe phased and gradual reopening".

अब तक 37.26 लाख संक्रमित और 2.58 लाख जान गई: यूरोप का एपिसेंटर बना ब्रिटेन, यहां मौतों का आंकड़ा इटली से भी ज्यादा May 05, 2020 at 04:11PM

दुनिया में कोरोनावायरस से अब तक 37 लाख 26 हजार 668 लोग संक्रमित हैं। दो लाख 58 हजार 295 की मौत हो चुकी है, जबकि 12 लाख 41 हजार 908 लोग ठीक हो चुके हैं। यूरोप में इटली (29,315) के बाद अब ब्रिटेन महामारी का केंद्र बनता जा रहा है। यहां सबसे ज्यादा 29 हजार 427 लोगों की जान जा चुकी है।

ब्रिटेन: 24 घंटे में 693 मौतें
ब्रिटेन में एक दिन में 693 लोगों की मौत हुई है और 4406 नए केस मिले हैं। यहां संक्रमितों का आंकड़ा एक लाख 94 हजार 990 हो गया है। यहां ‘प्रोफेसर लॉकडाउन’ के नाम से मशहूर प्रोफेसर नील फर्ग्युसन ने सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करने पर इस्तीफ दे दिया है। वे ब्रिटेन सरकार के मुख्य सलाहकार थे। उनके सलाह पर ही प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने 23 मार्च को देश में लॉकडाउन की घोषणा की थी।

अमेरिका: न्यूयॉर्क में 25 हजार से ज्यादा मौतें
अमेरिका में सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य न्यूयॉर्क में अब तक 25 हजार 204 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां तीन लाख 30 हजार 139 संक्रमित हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, सोमवार को देर रात जारी किए गए आंकड़ों में नर्सिंग होम में 1,600 से ज्यादा ऐसी मौतों का पता चला, जिसकी जानकारी नहीं थी। 3 मई के आंकड़ों के अनुसार, नर्सिंग होम में 4813 लोगों की जान गई है। नए डेटा में नर्सिंग होम के उन लोगों को शामिल नहीं किया गया है जिनकी मौत अस्पताल में हुई है।

  • अमेरिकी राष्ट्रपति ने मंगलवार को कहा कि व्हाइट हाउस कोरोना टास्क फोर्स अब खत्म कर दिया जाएगा।
  • अमेरिका में हर दिन औसतन 20 हजार कोरोना के केस सामने आ रहे, जबकि एक हजार से ज्यादा मौतें हो रही हैं।
  • अमेरिका में अभी 12 लाख 37 हजार 633 लोग संक्रमित हैं, जबकि 72 हजार से ज्यादा जान जा चुकी है।

व्हाइट हाउस अर्थव्यवस्था खोलने वाले समूह का गठन करेगा- ट्रम्प

ट्रम्प ने कहा कि व्हाइट हाउस कोरोना टास्क फोर्स के स्थान पर अर्थव्यवस्था खोलने वाले समूह का गठन करेगा। जहां तक ​​टास्क फोर्स का सवाल है उपराष्ट्रपति माइक पेंस और टास्क फोर्स ने बहुत अच्छा काम किया है। सुरक्षित ओपनिंग के लिए हमें अलग से एक समूह का गठन करना होगा। पेंस की अध्यक्षता वाली टास्क फोर्स ने स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर कोरोना की शुरुआत से देश का प्रभावी तरह मार्गदर्शन कर रही है। उन्होंने एबीसी न्यूज को बताया कि संभव है कि अर्थव्यवस्था को फिर से खोलने के बाद कुछ मौतें होगी।

चीन: दो नए मामले मिले
चीन की नेशनल हेल्थ कमीशन ने बुधवार को कहा कि देश में महामारी के दो नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही यहां कुल संक्रमण के कुल आंकड़े 82 हजार 883 हो गए हैं। दोनों नए मामले शांक्सी प्रांत के है। बाहर से आए मामलों में से कुल 1400 लोगों को ठीक होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई और 278 लोग अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें से पांच की हालत गंभीर है। बाहर से आये मामलों में कोई मौत नहीं हुई है।



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लंदन के एक कब्रिस्तान में कोरोना से मौत के बाद शव का अंतिम संस्कार किया जा रहा। अमेरिका के बाद ब्रिटेन में सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं।

Covid-19: Trump admits US reopening will cost more lives May 05, 2020 at 04:10PM

President Donald Trump conceded Tuesday that more Americans will die in reopening the US economy but underlined his insistence on a dwindling coronavirus threat by refusing to wear a mask, even as he toured a mask-making factory.

जून तक अमेरिका में कोरोनावायरस के रोजाना 2 लाख नए मरीज, हर दिन 3000 मौतों का अंदेशा May 05, 2020 at 02:31PM

अमेरिका के लिए जून महीने में कोरोना संकट भयावह रूप ले सकता है। ट्रम्प प्रशासन की एक आतंरिक रिपोर्ट की मानेंतो जून में अमेरिका में संक्रमण के रोजाना 2 लाख नए मामले सामने आएंगे और 3000 मौतें होंगी। ट्रम्प प्रशासन ने अबव्हाइट हाउस के अधिकारियों को बिना अनुमति कांग्रेस में बयान देने से भी रोक दिया है।

व्हाइट हाउस की कोरोना वायरस टास्क फोर्स के अधिकारियों को कहा गया है कि वे प्रेस और कांग्रेस को चीफ मार्क मिडो की अनुमति के बिना कोई बयान नहीं देंगे। इस आदेश से जुड़ा ई-मेल न्यूयार्क टाइम्स के पास है। स्टेट, हेल्थ, ह्यूमन सर्विसेज के अलावा होमलैंड सिक्योरिटी विभाग के अफसरों को भी सामने आने से रोक दिया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया- संक्रमण से मौतों में 70% का इजाफा हो सकता है

आतंरिक रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी अमेरिका में संक्रमण से रोजाना होने वाली मौत की संख्या 1750 है, यह 70% तक बढ़ सकती है। संक्रमण के रोजाना आ रहे नए मामले 25000 से बढ़कर 2 लाख तक हो जाएंगे। यह अनुमान फेडरल इमरजेंसी मैनेजमेंट एजेंसी के बनाए पब्लिक मॉडल के आधार पर जताया गया है।

माना जा रहा है कि संक्रमण के आंकड़ों को जानबूझकर इसलिए कम बताया जा रहा है, क्योंकि बीते 7 हफ्तों से सभी राज्य बंद हैं और इसका असर सीधे तौर पर अमेरिका की इकोनॉमी पर पड़ रहा है। हालांकि, विशेषज्ञ पहले ही कह चुके हैं कि अगर सभी राज्य फिर से खोले जाते हैं, तो नतीजे भयावह होंगे।
4 अगस्त तक मौतों की संख्या बढ़ेगी: इंस्टीट्यूट
वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मैट्रिक्स ने भी कहा है कि अगस्त की शुरुआत तक अमेरिका में संक्रमण से 1.35 लाख मौतें होंगी। इंस्टीट्यूट ने यह भी कहा है कि 11 मई तक अमेरिका के 31 राज्यों में लोगों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग को नकारने के चलते संक्रमण बढ़ेगा।

दुनिया के एक तिहाई मरीज सिर्फ अमेरिका में
दुनिया भर में मंगलवार को 50 हजार से ज्यादा नए कोरोना मरीज मिले। इनमें से 23% अमेरिका में सामने आए। वहीं दुनिया में हुई मौतों की 28% अमेरिका में हुई हैं। मंगलवार को 11489 नए मरीज सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या 12.24 लाख के पार हो गई है। यह दुनिया के कुल मरीजों का एक तिहाई है।



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तस्वीर न्यूजर्सी की है, जहां एक शव दफनाया जा रहा है।

मैदान पर लौटता खेल; लीग में फैंस की एंट्री पर बैन है इसलिए कटआउट और रोबोट के सामने परफॉर्म कर रहीं चीयरलीडर्स May 05, 2020 at 02:25PM

करीब तीन महीने तक कोरोनावायरस से बेहाल रहने वाला द. कोरिया और ताइवान पटरी पर लौटता दिख रहा है। दोनों देशों में बेसबॉल लीग शुरू हो गई है। द. कोरिया में शुक्रवार से फुटबॉल लीग भी शुरू हो जाएगी। हालांकि, स्टेडियम में दर्शकों की एंट्री बैन है। द. कोरिया में कई हफ्ते देरी से शुरू हुई बेसबॉल चैंपियनशिप में फेक भीड़ जुटाई गई यानी फैंस के कटआउट लगाए गए। चीयरलीडर्स कटआउट के सामने परफाॅर्म करती दिखीं।

हनवहा ईगल्स, एनसी डिनोस, किवूम हीरोज, लॉटे जाएंट्स और एलजी ट्विंस ने अपने मैच जीते। अगर किसी भी टीम का सदस्य कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो लीग को तीन हफ्ते के लिए रोक दिया जाएगा। ताइवान में चाइनीज लीग के दौरान भी फैंस के कटआउट और डमी लगाई गईं। दर्शकों की जगह रोबोट को बिठाया गया है। चीयरलीडर्स उनके सामने परफाॅर्म कर रही हैं।

खेल से पहले यह भी हुआ

  • एहतियात ऐसी कि फैंस नहीं फिर भी स्टैंड‌्स को सैनेटाइज किया जा रहा है।
  • अंपायर, ऑफिशियल्स और कोच को मास्क पहनना अनिवार्य है।
  • सभी खिलाड़ियों और कोच का स्टेडियम में प्रवेश से पहले टेंपरेचर नापा गया।
  • खिलाड़ी हाई-फाइव नहीं कर सकेंगे। ऑटोग्राफ देने और थूकने पर बैन है।
  • स्टेडियम में नकली भीड़ दिखाने के लिए कटआउट लगाए गए हैं।
  • खिलाड़ी मास्क लगाए दिखे। लेकिन डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया।


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ताइवान में चाइनीज लीग के दौरान डमी के सामने परफॉर्म करतीं चीयर लीडर्स

चाइनीज टेस्टिंग किट से सैंपल जांचने पर बकरी और फल भी कोरोना पॉजिटिव निकले, राष्ट्रपति ने कहा- किट की जांच करो May 05, 2020 at 11:35AM

यह जानकर थोड़ी हैरत होगी, लेकिन कोरोनावायरस से बेहाल पूर्वी अफ्रीकी देश तंजानिया में बकरी और एक खास फल पॉपॉ भी कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इनके सैंपल चीन में बनी टेस्टिंग किट से जांचेगए थे। रिपोर्ट आने के बाद राष्ट्रपति जॉन मागुफुली ने इन नतीजों को खारिज करते हुए कहा कि टेस्ट किट सही नहीं है और इसकी जांच होनी चाहिए।

राष्ट्रपति ने कहा- फल कैसे पॉजिटिव हो सकता है

लैब को नहीं बताया था कि यह फल, भेड़ और बकरी के सैंपल हैं। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद यह खुलासा हुआ। तंजानिया में रविवार तक कोरोना वायरस संक्रमण के 480 मामले सामने आ चुके हैं, जबकि अब तक 16 मौतें हुई हैं। राष्ट्रपति जॉन मागुफुली ने कहा- हमारे यहां चीन से कोरोनावायरस की टेस्ट किट आई हैं, जो गड़बड़ हैं। ऐसा कैसे हो सकता है कि पॉपॉफल और बकरी भी कोरोना पॉजिटिव निकले। सेना टेस्ट किट की जांच कराए, क्योंकि जांच करने वाले लोगों ने इंसानों के अलावा भी सैंपल जमा किए थे।

राष्ट्रपति ने कहा- कोरोना की हर्बल दवा मंगवाई

राष्ट्रपतिमागुफुली ने यह भी कहा है कि उन्होंने मेडागास्कर से कोविड-19 की हर्बल दवा कोविड ऑर्गेनिक्समंगवाई है। इसके लिए वे एक प्लेन भी भेज रहे हैं। कोविड ऑर्गेनिक्स को मालागासी इंस्टीट्यूट फॉर एप्लाइड रिसर्च ने आर्तेमिसिया के प्लांट में तैयार किया है। अभी तक इसकी लैब टेस्टिंग नहीं हुई है। मेडागास्कर के राष्ट्रपति एंड्रे राजोलिना ने पिछले दिनों कहा था कि इस दवा से कोविड-19 के कई मरीज ठीक हुए हैं और जो बच्चे स्कूल लौट रहे हैं, उन्हें दवा अनिवार्य रूप से दी जाएगी।

विपक्ष का आरोप- सरकार ने मौत के आंकड़े छिपाए

तंजानिया के विपक्ष ने सरकार पर संक्रमण के नए मामले और मौतों के आंकड़े छिपाने का आरोप लगाया है। विपक्षी दलों का कहना है कि ऐसा सरकार ने कोरोनावायरस के मामलों को दबाने के लिए किया है। यहां बाकी देशों की तरह सख्त पाबंदियां और लॉकडाउन लागू नहीं किया गया है। दरअसल, हाल ही में एक वीडियो सामने आया था जिसमें शवों को चोरी-छिपे दफनाया जा रहा था। जिसके बाद यह चर्चा तेज हो गई कि सरकार कोरोना से जुड़ी सही जानकारी छिपा रही है।



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तंजानिया के राष्ट्रपति मागुफुली ने यह भी कहा है कि उन्होंने मेडागास्कर से कोविड-19 की हर्बल दवा कोविड ऑर्गेनिक्स मंगवाई है

12 देशों से लौटने का किराया: ढाका से दिल्ली का टिकट 12 हजार रुपए का होगा, अमेरिका से लौट रहे हैं तो एक लाख देने होंगे May 05, 2020 at 05:58AM

भारत खाड़ी देशों समेत दुनिया के 12 देशों में फंसे भारतीयों को वतन वापस लाएगा। 7 मई से शुरू होने वाले पहले फेज में 64 विमान के जरिए छात्रों समेत 14 हजार 800 लोग वतन वापसी करेंगे। हर दिन करीब दो हजार लोगों को लाने की योजना है। गृह मंत्रालय ने कहा कि भारत आने के बाद इन लोगों की जरूरी जांच होगी और उन्हें 14 दिन तक क्वारैंटाइन किया जाएगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सबसे ज्यादा किराया अमेरिका से आने वाले भारतीयोें को देना होगा। वहां के किसी भी शहर से भारत तक आने के लिए उन्हें एक लाख रुपए देने होंगे। सबसे कम किराया बांग्लादेश से आने वाले नागरिकों को देना होगा। वे भारत आने के लिए 12 हजार रुपए खर्च करेंगे।इस अभियान को भारत का 30 साल का सबसे बड़ा एयरलिफ्ट ऑपरेशन कहा जा रहा है।

देश लौटने के लिए भारतीयों को12 हजार से 1 लाख रुपए तक किराया देना होगा

कहां से कहां प्रति व्यक्ति कितना किराया
ढाका से दिल्ली 12 हजार रुपए
दुबई से अमृतसर 13 हजार रुपए
दुबई से कोच्चि 13 हजार रुपए
दुबई से दिल्ली 13 हजार रुपए
कुवैत से अहमदाबाद 14 हजार रुपए
अबु धाबी से हैदराबाद 15 हजार रुपए
ढाका से श्रीनगर 15 हजार रुपए
सिंगापुर से बेंगलुरु 18 हजार रुपए
कुवैत से हैदराबाद 20 हजार रुपए
सिंगापुर से दिल्ली 20 हजार रुपए
सिंगापुर से अहमदाबाद 20 हजार रुपए
जेद्दा से दिल्ली 25 हजार रुपए
मनीला से दिल्ली 30 हजार रुपए
लंदन से मुंबई 50 हजार रुपए
लंदन से अहमदाबाद 50 हजार रुपए
लंदन से दिल्ली 50 हजार रुपए
लंदन से बेंगलुरु 50 हजार रुपए
शिकागो से दिल्ली और हैदराबाद 1 लाख रुपए
सैन फ्रांसिस्को से दिल्ली 1 लाख रुपए
नेवार्क से मुंबई और अहमदाबाद 1 लाख रुपए
वॉशिंगटन से दिल्ली और हैदराबाद 1 लाख रुपए

- आंकड़े इकोनॉमी क्लास के

- लंदन और ढाका सेकिराए के आंकड़े नागरिक उड्‌डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी के मुताबिक
- बाकी आंकड़े मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार

10 राज्यों के रहने वाले लोग विदेशों से लौटेंगे, सबसे ज्यादा केरल के

कहां के लोग कितने लोग कितनी उड़ानों से आएंगे कितने देशों से आएंगे
केरल 3150 15 7
तमिलनाडु 2150 11 9
महाराष्ट्र 1900 7 6
दिल्ली 3100 11 9
तेलंगाना 1750 7 6
गुजरात 1100 5 5
पंजाब 200 1 1
जम्मू-कश्मीर 600 3 1

कर्नाटक

650 3 3
उत्तर प्रदेश 200 1 1
कुल 14,800 64

सबसे ज्यादा अमेरिका से 2100 भारतीयों की वापसी होगी

देश कितने भारतीय एयरलिफ्ट होंगे
यूएई 2000
सऊदी अरब 1000
कतर 400
बहरीन 400
कुवैत 1000
ओमान 450
बांग्लादेश 1400
फिलिपीन्स 1250
सिंगापुर 1250
मलेशिया 1750
यूके 1750
अमेरिका 2100


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यह तस्वीर फिलीपींस में फंसे भारतीय छात्रों की है। तीनों राजस्थान के रहने वाले हैं और एक महीने से भारत वापस लाए जाने के लिए गुहार लगा रहे हैं।

Trump says US govt has nothing to do with Venezuela situation May 05, 2020 at 04:42AM

ट्रम्प ने भारतवंशी अमेरिकी वकील सरिता कोमितारेड्‌डी को जज के तौर पर नामित किया, न्यूयॉर्क की जिला अदालत में अपनी सेवाएं देंगी May 05, 2020 at 01:46AM

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारतवंशी वकील सरिता कोमितारेड्‌डी को जज के तौर पर नियुक्त करने के लिए नामित किया। इसके बाद वे न्यूयॉर्क के फेडरल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में अपनी सेवाएं देंगी। वे इसी कोर्ट के पूर्व जज ब्रेट कैवनॉ के क्लर्क के तौर पर सेवाएं दे चुकी हैं। व्हाइट हाउस के मुताबिक, ट्रम्प ने सरिता का नॉमिनेशन सोमवार को सिनेट के पास भेज दिया। सरिता कोलंबिया लॉ स्कूल में कानून पढ़ाती भी हैं।फिलहाल वह न्यूयॉर्क पूर्वी जिले के लिए यूनाइटेट स्टेट्स अटॉर्नी ऑफिस में सामान्य आपराधिक मामलों की उप प्रमुख हैं।
सरिता हार्वर्ड लॉ स्कूल से लॉ ग्रैजुएट हैं। ग्रैजुएशन पूरा होने के बाद उन्होंने कोलंबिया के अपील कोर्ट में तात्कालीन जज ब्रेट कैवनॉ की क्लर्क के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की थी।

सरिता कई अहम पदों पर अपनी सेवाएं दे चुकी हैं

वे जून 2018 से जनवरी 2019 तक अंतरराष्ट्रीय नार्कोटिक्स एवं मनी लॉन्ड्रिंगमामलों की कार्यवाहक उपप्रमुख रही। 2016 से 2019 तक उन्होंने कंप्यूटर हैकिंग और बौद्धिक संपदा समन्वयक के पद पर सेवाएं दी। वे बीपी डीपवॉटर हॉरिजन ऑयल स्पिल एंड ऑफशोर ड्रिलिंग पर राष्ट्रीय आयोग की वकील रही चुकी है। ट्रंप ने इस साल 12 फरवरी को उन्हें जिला जज के तौर पर नामित करने का ऐलान किया था।



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भारतवंशी वकील सरिता कोमितारेड्‌डी अब न्यूयॉर्क के फेडरल कोर्ट के जज के तौर पर सेवाएं देंगी। वे कोलंबिया लॉ स्कूल से ग्रैजुएट हैं। कई अहम पदों पर सेवाएं दे चुकी हैं।

इजराइल के रक्षा मंत्री बेनेट का दावा- हमने कोरोनावायरस का वैक्सीन तैयार किया May 05, 2020 at 01:39AM

इजराइल के रक्षा मंत्री नैफ्टली बेनेट ने सोमवार को कहा कि हमने कोरोना का वैक्सीन तैयार कर लिया है। इसे इजरायल इंस्टीट्यूट फॉर बायोलॉजिकल रिसर्च (आईआईबीआर) ने बनाया है।उन्होंने महामारी के इलाज की दिशा में इसे एक महत्वपूर्ण कदम बताया। रक्षा मंत्री ने सोमवार को आईआईबीआरके दौरे के दौरान इसकी जानकारी दी।

नैफ्टली बेनेट ने कहा कि आईआईबीआर के रिसर्चरिस ने इस एंटीबॉडी को विकसित किया है। यह एंटबॉडी मोनोक्लोनल तरीके से वायरस पर हमला करती है और इसे शरीर के अंदर ही मार देती है। वैक्सीन के विकास का चरण अब पूरा हो गया है। यह एंटबॉडी मोनोक्लोनल तरीके से वायरस पर हमला करती है औरशरीर के अंदर ही इसे मार देती है।’’

उन्होंने आईआबीआर के निदेशक श्मुएल शपीरा के हवाले से कहा कि एंटीबॉडी के फार्मूले का पेटेंट कराया जा रहा है। इसके बाद अंतरराष्ट्रीयकंपनियों से व्यवसायिक स्तर पर इसके उत्पादन के लिए संपर्क किया जाएगा। बेनेट ने कहा कि इस सफलता पर मुझे इंस्टीट्यूट के कर्मचारियों पर बेहद गर्व है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि वैक्सीन का ट्रायल इंसानों पर हुआ है या नहीं।

235 लोगों की मौत हुई

इजरायल उन देशों में शामिल हैं, जिन्होंने वायरस से निपटने के लिए शुरू में हीअपनी सीमाओं को बंद कर दी थीं। साथ ही देश में कड़े प्रतिबंध लगाए थे। देश में अब तक 16 हजार 246 केस मिले चुके हैं, जबकि 235 लोगों की मौत हो चुकीहै।



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इजराइल के रक्षा मंत्री नैफ्टली बेनेट ने कहा- एंटीबॉडी का विकसित किया जाना महामारी के इलाज में एक महत्वपूर्ण कदम है। (फाइल फोटो)

Why self-driving vehicles are gaining popularity in US May 05, 2020 at 12:43AM

Self-driving cars, trucks, sidewalk robots and shuttles are rolling out of the labs and parking garages and onto American streets to help deliver groceries, meals, and medical supplies.

Singapore reports 632 new Covid-19 cases May 05, 2020 at 12:25AM

Pak's number of Covid-19 cases surges past 21,000 May 04, 2020 at 10:30PM

According to the Ministry of National Health Services, Punjab reported 8,103 case, Sindh 7,882, Khyber-Pakhtunkhwa 3,288 Balochistan 1,321, Islamabad 464, Gilgit-Baltistan 372 and Pakistan-occupied Kashmir 71 cases.

Job prospects for China's fresh graduates bleak as Red Dragon limps back to normalcy May 04, 2020 at 09:25PM

As China limps back to normalcy after COVID-19 outbreak, job prospects in the country seem to be truly bleak especially for the nine million students or so who are due to graduate in June.

दुनिया के 23 देशों ने कोरोना से निपटने के लिए 48 हजार करोड़ रुपए दिए, अमेरिका इसमें शामिल नहीं हुआ May 04, 2020 at 09:35PM

दुनिया के 23 देशों ने कोरोना से निपटने के लिए कुल मिलाकर 8 बिलियन डॉलर(करीब 60 हजार 434 करोड़ रुपए) देने की घोषणा की है। इस रकम को कोरोना की जांच, इलाज और इसके लिए टीका तैयार करने पर खर्च होगी। सोमवार को एक वर्चुअल प्लेजिंग कॉन्फ्रेंसमें देशों ने अपनी ओर से आर्थिक मदद देने का ऐलान किया। यूरोपियन यूनियन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, सऊदी अरब, नॉर्वे, स्पेन और यूके ने एक साथ मिलकर इस कॉन्फ्रेंस की मेजबानी की थी। इसमें अमेरिका की ओर से कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ।

दान देने का यह आयोजन तीन घंटे से ज्यादा समय तक चला। इसमें शामिल हुए देशों ने अपनी क्षमता के हिसाब से रकम देने की घोषणा की। यूरोपियन यूनियन और नॉर्वे ने सबसे ज्यादा रकम दिया। दोनों ही देशों ने अपनी-अपनी ओर से 1 बिलियन डॉलर (करीब 7 हजार 554करोड़) रुपए दिए। इस बीच, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सह-संस्थापक मेलिंडा गेट्स ने 755 करोड़ रु. देने का वादा किया है।

‘दुनिया ने एक सामान्य अच्छे काम के लिए असाधारणएकता दिखाई’

यूरोपियन कमीशन के प्रेसिडेंट उर्सुला वोन डेर लेयेन ने कहा, ‘‘आज दुनिया ने एक सामान्य अच्छे काम के लिए असाधारण एकता दिखाई है। कोरोना के खिलाफ सरकारें और वैश्विक स्वास्थ्य संगठन एक साथ आए हैं। ऐसी प्रतिबद्धता के साथ हम सभी के लिए वैक्सीन बनाने, उत्पादन करने और इसे लोगों उपलब्ध करवाने की राह पर है। हालांकि, यह महज शुरुआत है। हमें अपनी कोशिश जारी रखनी होगी और ज्यादा मदद के लिए तैयार रहना होगा। प्लेजिंग मैराथन जारी रहेगा।

मदद करने वाले प्रमुख देश:

  • स्विट्जरलैंड- 381 मिलियन डॉलर( करीब 2,877 करोड़ रु.)
  • नीदरलैंड- 209.5 मिलियन डॉलर (करीब 1,582 करोड़ रु.)
  • ऑस्ट्रेलिया- 352 मिलियन डॉलर (करीब1,701 करोड़ रु.)
  • इटली- 152.7 मिलियन डॉलर (करीब1,153 करोड़ रु.)
  • द.कोरिया- 50 मिलियन डॉलर( करीब 377 करोड़ रु.)
  • कुवैत- 40 मिलियन डॉलर(करीब 302 करोड़ रु.)
  • द.अफ्रीका- 1.3 मिलियन डॉलर(करीब 9 करोड़ रु.)


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कोरोना पर हुए वर्चुअल प्लेजिंग कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेते फ्रांस के राष्ट्रपति इम्मैनुअल मैक्रों। सोमवार को हुए इस कार्यक्रम में दुनिया के 23 देशों ने कोरोना पीड़ितों के लिए 8 बीलियन डॉलर(करीब48 हजार करोड़ रुपए) दिए।