Wednesday, April 22, 2020

नासा ने कहा- लॉकडाउन के बाद उत्तर भारत में वायु प्रदूषण 20 साल में सबसे निचले स्तर पर पहुंचा April 22, 2020 at 08:26PM

कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए शुरू हुए लॉकडाउन से पर्यावरण में काफी सुधार देखने को मिल रहा है। अमेरिका स्पेस एजेंसी नासा के लेटेस्ट सेटेलाइट डाटा से पता चला है कि इन दिनों उत्तर भारत में वायु प्रदूषण 20 साल में सबसे निचले स्तर पर है। नासा ने इसके लिए वायुमंडल में मौजूद एयरोसोल की जानकारी हासिल की। फिर ताजा आंकड़े की तुलना 2016 से 2019 के बीच खीचीं गई तस्वीरों से की। कोरोना संकट से निपटने के लिए देश में 25 मार्च से लॉकडाउन है, इसका दूसरा चरण 3 मई तक है।

नासा में यूनिवर्सिटीज स्पेस रिसर्च एसोसिएशन (यूएसआरए) के साइंटिस्ट पवन गुप्ता के मुताबिक, लॉकडाउन के कारण वायुमंडल में बड़े पैमाने पर बदलाव देखने को मिला है। इससे पहले कभी उत्तर भारत के ऊपरी क्षेत्र में वायु प्रदूषण का इतना कम स्तर देखने को नहीं मिला। लॉकडाउन के बाद 27 मार्च से कुछ इलाकों में बारिश हुई। इससे हवा में मौजूद एयरोसोल नीचे आ गए। यह लिक्विड और सॉलिड से बने ऐसे सूक्ष्म कण हैं, जिनके कारण फेफड़ों और हार्ट को नुकसान होता है। एयरोसोल की वजह से ही विजिबिलिटी घटती है।

स्टेट ऑफ साउथ एंड सेंट्रल एशिया के एक्टिंग असिस्टेंट सेक्रेटरी एलिस जी वेल्स ने ट्वीट किया, ''नासा के द्वारा ली गई यह तस्वीरें भारत में 20 साल के सबसे कम प्रदूषण को दिखाती हैं। जब भारत और दुनिया के देशों में यातायात फिर शुरू होगा तो हमें साफ हवा के लिए प्रयासों को ध्यान रखना चाहिए।''

नासा ने कैसे प्रदूषण का पता लगाया?
नासा के टेरा सेटेलाइट के द्वारा जारी की गई तस्वीरों में एयरोसोल ऑपटिकल डेप्थ (एओडी) की तुलना 2016-2019 के बीच ली गईं तस्वीरों से की गई। एओडी के आंकड़े जुटाने के लिए देखा जाता है कि प्रकाश एयरबोन पार्टिकल्स से कितना रिफ्लेक्ट हो रहा है। अगर एयरोसोल सतह के आसपास होते हैं तो एओडी 1 होती है, यह स्थिति प्रदूषण के लिहाज से गंभीर मानी जाती है। अगर एओडी 0.1 पर है तो वायुमंडल को स्वच्छ माना जाता है।



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देश में 25 मार्च से शुरु हुए लॉकडाउन के बाद पर्यावरण में काफी सुधार देखने को मिल रहा है।

UN chief warns against repressive measures amid coronavirus crisis April 22, 2020 at 06:23PM

2 cats in New York become first US pets to test positive for coronavirus April 22, 2020 at 05:08PM

Two pet cats in New York state have tested positive for the coronavirus, marking the first confirmed cases in companion animals in the United States, federal officials said. ​​The cats, which had mild respiratory illnesses and are expected to recover, are thought to have contracted the virus from people in their households or neighbourhoods.

WHO warns 'long way to go' in virus crisis, deaths top 180,000 April 22, 2020 at 04:54PM

The pandemic has sparked not only a health emergency, but a global economic rout, with businesses struggling to survive, millions left jobless, and millions more facing starvation.

1 लाख 84 हजार मौतें: नोबेल से सम्मानित अर्थशास्त्री ने कहा- अमेरिका ने महामारी का सामना किसी तीसरी दुनिया के देश की तरह किया April 22, 2020 at 04:49PM

दुनिया में कोरोनावायरस से अब तक एक लाख 84 हजार 217 लोगों की मौत हो चुकी है। 26 लाख 37 हजार 673 संक्रमित हैं, जबकि सात लाख 17 हजार 625 ठीक हो चुके हैं। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री जोसेफ स्टिग्लेट्ज ने कहा है कि अमेरिका ने महामारी का सामना किसी तीसरी दुनिया के देशकी तरह किया। यहां लोगों को मदद पहुंचाने वाली सेवाएं नाकाफी साबित हो रही हैं। अमेरिका के 14% लोग सरकार के फूड वाउचर से मिलने वाले भोजन पर निर्भर हैं।

कोरोनावायरस : सबसे ज्यादा प्रभावित 10 देश

देश कितने संक्रमित कितनी मौतें कितने ठीक हुए
अमेरिका 8 लाख 48 हजार 994 47 हजार 676 84 हजार 050
स्पेन 2 लाख 8 हजार 389 21 हजार 717 85 हजार 915
इटली 1 लाख 87 हजार 327 25 हजार 085 54 हजार 543
फ्रांस 1 लाख 59 हजार 877 21 हजार 340 40 हजार 657
जर्मनी 1 लाख 50 हजार 648 5 हजार 315 99 हजार 400
ब्रिटेन 1 लाख 33 हजार 495 18 हजार 100 उपलब्ध नहीं
तुर्की 98 हजार 674 2 हजार 376 16 हजार 477
ईरान 85 हजार 996 5 हजार 391 63 हजार 113
चीन

82 हजार 798

4 हजार 632 77 हजार 151
रूस 57 हजार 999 513 4 हजार 420

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अमेरिका: 47 हजार से ज्यादा मौतें
अमेरिका में एक दिन में 2341 जान गई है। यहां अब तक 47 हजार 676 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, संक्रमण का मामला आठ लाख 48 हजार 994 हो गया है। बीबीसी के मुताबिक, अर्थशास्त्री जोसेफ ने कहा कि करोड़ों लोग बेरोजगारी भत्ता के लिए आवेदन कर रहे हैं। स्वास्थ्य सेवाओं में असमानता की वजह से लोगों की जान जा रही है। सरकारी मदद बेरोजगारी की भरपाई करने में असमर्थ साबित हो रही। अगले कुछ महीनों में बोरजगारी दर बढ़कर 30% हो जाएगी।

दूसरी लहर पर सीडीसी की सफाई
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि सेंटर ऑर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अध्यक्ष डॉ. रॉबर्ट रेडफिल्ड के बयान को गलत ढंग से पेश किया गया। रॉबर्ट ने कहा था कि महामारी की दूसरी लहर ज्यादा खतरनाक होगी। सफाई देते हुए उन्होंने कहा- मेरे बयान का गलत मतलब निकाला गया। मैंने कहा था कि एन्फ्लुएंजा और कोरोना दोनों एक साथ फैले को मुश्किलें बढ़ जांएगी।

जर्मनी: मास्क पहनना अनिवार्य
जर्मनी के सभी 16 राज्यों ने अगले हफ्ते से सार्वजनिक जगहों पर मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है। हालांकि, बर्लिन में शॉपिंग के दौरान मास्क पहनना जरूरी नहीं होगा। साथ ही यहां वैक्सीन का इंसानों पर ट्रायल के लिए मंजूरी दे दी गई है। 18 से 55 साल के बीच के लगभग 200 लोगों पर इसका ट्रायल किया जाएगा। देश में संक्रमण के अब तक एक लाख 50 हजार से ज्यादा मामले हो चुके हैं। वहीं 5,315 की मौत हो चुकी है।

इटली: 24 घंटे में 437 की जान गई
देश में मौतों का आंकड़ा 25 हजार के पार हो गया है। यहां 24 घंटे में 437 लोगों की मौत हुई है। इटली में धीरे-धीरे मौतों में कमी हो रही है। एक दिन पहले यहां 534 की जान गई थी।

यूक्रेन: संक्रमितों की संख्या 6,592 हुई
यूक्रेन में 467 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या 6,592 हो गई है। वहीं मृतकों का आंकड़ा 174 तक पहुंच गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि पिछले 24 घंटे के दौरान देश में 467 नए मामले सामने आए। अब तक 424 संक्रमित मरीज ठीक हुए हैं, जिन्हें अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है। स्वास्थ्य मंत्री मैक्सीम स्टीपानोव ने सरकार से राष्ट्रव्यापी क्वारैंटाइन को 12 मई तक बढ़ाने का अनुरोध किया है, क्योंकि देश में नए मामलों की रफ्तार कम नहीं हो रही है।



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अमेरिका के फिलाडेल्फिया में एक मरीज का स्वैब टेस्ट करती स्वास्थ्यकर्मी। देश में अब तक 47 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा- कोई गलती न करें, संक्रमण लंबे वक्त तक हमारे साथ रहेगा April 22, 2020 at 04:29PM

जिनेवा. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना संक्रमण को लेकर दुनिया को चेताया है। इसका कहना है कि यह वायरस हमारे बीच लंबे वक्त तक बना रहेगा। इसलिए कोई गलती न करें और अलर्ट रहें। कई देश इससे लड़ने के शुरुआती दौर में हैं। संगठन के प्रमुख डॉ. टेडरोस अधानोम गेब्रियेसस ने बताया कि जिन देशों को लग रहा है कि उन्होंने कोरोनावायरस पर काबू पा लिया है, वहां मामले दोबारा बढ़ रहे हैं। अफ्रीका और अमेरिका में संक्रमण के बढ़ते मामले हमारे लिए चेतावनी है।

डॉ. टेडरोस ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सही वक्त पर 30 जनवरी को वैश्विक आपातकाल (ग्लोबल इमरजेंसी) की घोषणा की थी। ताकि दुनिया के सभी कोरोना महामारी के खिलाफ योजना बना सकें और तैयारी करें। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि पश्चिमी यूरोप में यह महामारी अब स्थिर हुई है। कहीं घटती नजर आती है, लेकिन यहां भी मामले बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि मेरी सलाह है कि कोई गलती न करें। हमारी लड़ाई लंबी है, क्योंकि यह वायरस हमारे साथ लंबे वक्त रहेगा।

ट्रम्प ने डब्लूएचओ पर सवाल उठाए, फंडिंग रोकी
अमेरिका कोरोना को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन की भूमिका पर सवाल उठाता रहा है। ट्रम्प प्रशासन का कहना है कि संगठन ने चीन में फैले कोविड-19 (कोरोनावायरस) की गंभीरता को छिपाया। अगर संगठन ने बुनियादी स्तर पर काम किया होता तो यह महामारी पूरी दुनिया नहीं फैलती और मरने वालों की संख्या काफी कम होती।इसके बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कुछ दिन पहले संगठन को दी जाने वाली फंडिंग रोक दी थी। अमेरिका हर साल डब्लूएचओ को 400-500 मिलियन डॉलर (करीब 3 हजार करोड़ रुपए) फंड देता है, जबकि चीन का योगदान 40 मिलियन डॉलर (करीब 300 करोड़ रुपए) है।

दुनिया में वायरस से 84 हजार से ज्यादा मौतें
दुनिया में कोरोनावायरस से अब तक एक लाख 84 हजार 217 लोगों की मौत हो चुकी है। 26 लाख 37 हजार 673 संक्रमित हैं, जबकि सात लाख 17 हजार 625 ठीक हो चुके हैं। अमेरिका में बुधवार को2341 जान गई है। यहां अब तक 47 हजार 676 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, संक्रमण का मामला आठ लाख 48 हजार 994 हो गया है।



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अमेरिका में बुधवार को 2341 जान गई है। यहां अब तक 47 हजार 676 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, संक्रमण के आठ लाख 48 हजार 994 मामले सामने आए हैं।

US was attacked: Trump on coronavirus April 22, 2020 at 04:26PM

"We were attacked. This was an attack. This wasn't just the flu by the way. Nobody has ever seen anything like this, 1917 was the last time," Trump told reporters at his daily White House news conference.

Trump signs immigration order featuring numerous exemptions April 22, 2020 at 03:36PM

President Donald Trump claimed Wednesday that he had signed an executive order "temporarily suspending immigration into the United States." But experts say the order will merely delay the issuance of green cards for a minority of immigrants.

​Three negatives and a positive: problems with coronavirus tests in China April 22, 2020 at 04:30PM

Trader He Ximing in the Chinese city of Wuhan says he has no idea how or where he caught the coronavirus or why repeated nucleic acid tests showed he didn't have it. He was not a coronavirus patient, doctors told him, even though he had been having difficulty breathing with what he described as smothering chest congestion from early February.

37 साल के डॉ. एडम और नीना अपने 18 महीने के बेटे नोलन की वसीयत बना रहे हैं, ताकि उनके बाद बेटे की देखभाल हो सके April 22, 2020 at 02:51PM

(जेसी ड्रकर)न्यूयॉर्क सिटी के दो युवा माता-पिता डॉ. एडम और डॉ. नीना बुद्धिराजा शहर के सबसे मुश्किल इमरजेंसी रूम में काम कर रहे हैं। 37 साल के डॉ. एडम और डॉ. नीना यह वसीयत बना रहे हैं कि दोनों की मौत हो जाती है, तो 18 महीने के बेटे नोलन की देखभाल कौन करेगा? डॉ. नीना बताती हैं कि पिछले एक महीने से हमारे दिन-रात मरीजों, उनके परिजन और लगातार मौतों के बीच बीत रहे हैं। इस महामारी ने मेडिकल प्रोफेशनल्स को एक ऐसे तनाव में डाल दिया है, जिसकी किसी ने भी उम्मीद नहीं की होगी।

डॉ. नीना के मुताबिक,पति एडम इमरजेंसी डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ के फेसबुक पेज को रोज देखते हैं तो पाते हैं कि हर कोई संघर्ष कर रहा है। एक परिवार नेबच्चों को रिश्तेदारों के पास भेज दिया है। एक डॉक्टर घर के तहखाने में रहने लगे हैं। एक साथी डॉ. तो एयरपोर्ट के पास होटल में शिफ्ट हो गए हैं और एक महीने से परिवार से नहीं मिले।

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यह सबकुछ भावुक और चिंतित करने वाला है- डॉ. नीना

डॉ. नीना ने बताया किनौकरी छोड़ने के बारे में भी सोचा, लेकिन इन हालातों में पीछे नहीं हट सकती। पिछले हफ्ते एडम के सहयोगी की कोरोना से मौत हो गई, मेरी सहयोगी भी चली गईं। उनकी दो बेटियां हैं। वे हमेशा पूछती थी कि मेरे बाद बच्चों का क्या होगा?यह बेहद भावुक और चिंतित कर देने वाला है।

डॉ. नीना के मुताबिक- यह सब युद्ध के मैदान जैसा है

डॉ. नीना ने बताया कि हम भी सोच रहे हैं कि हमारे बाद बेटे नोलन का क्या होगा? उसकी देखभाल कौन करेगा? हमें यह तय करना है। उसका जन्म समय से तीन महीने पहले हुआ था। उसके फेफड़े काफी नाजुक हैं और उसे संक्रमण का खतरा भी है। हम समय निकालकर उसे घुमाने ले जाते थे, पर अब सब बंद है। लोगों की मदद की जरूरत है, लेकिन परिवार को भी देखना है। हालात अब बेहद मुश्किल हो गए हैं। मुझे लगता है यह युद्ध के मैदान जैसा है।



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डॉ. नीना बताती हैं कि इस महामारी ने मेडिकल प्रोफेशनल्स को एक ऐसे तनाव में डाल दिया है, जिसकी किसी ने भी उम्मीद नहीं की होगी।

सोशल डिस्टेंसिंग के लिए लोग घरों में रहें, इसलिए जापान के एक पार्क में लगे ट्यूलिप के लाखों फूल उखाड़ दिए April 22, 2020 at 02:44PM

जापान के एक बगीचे में ट्यूलिप की100 किस्मों के लाखों फूल खिले मगर इन सभी को काट दिया गया। कारण किलॉकडाउन के बीच लोग इन्हें देखने के लिए इकट्‌ठा ना हों। दरअसल, सकुरा शहर के फुरुसुका स्क्वायर पार्क में हर साल ट्यूलिप फेस्टिवल मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1989 में हुई थी। इस फेस्टिवल कीरौनक सफेद, लाल, पीले और गुलाबी ट्यूलिप के फूलहोते हैं।

लेकिन, इस बार लोगों को एक-दूसरे के करीब आने से रोकने के लिए फूलों को नष्ट करना पड़ा। अधिकारियों ने बताया कि यह पार्क 7000 वर्ग मीटर में फैला है। यहां 100 से ज्यादा किस्मों के8 लाख से ज्यादा फूल खिले थे। लेकिन, लॉकडाउन के बीच लोग इन्हें देखने के लिए इकट्ठा होने लगे थे। इससे सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं हो रहा था।

जापान में 11 हजार से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव

रिपोर्ट के मुताबिक, जापान में 11 हजार से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं। 281 मरीजों की मौत हो चुकी है, जबकि 1356 मरीज ठीक हो चुके हैं। जापान के नागासाकी तट पर मरम्मत के लिए रुके इटली के क्रूज पर 33 लोग संक्रमित मिले हैं।

फुरुसुका स्क्वायर पार्क में खिले ट्यूलिप के फूलों को काटताकर्मचारी। फूलों को काटने में तीन दिन का समय लगा।

फूलों को नष्ट करना आसान नहीं था, लेकिन करना पड़ा

बगीचे कीनिगरानी में तैनात अधिकारी ताकाहीरो कोगो नेकहा,‘हम चाहते थे कि ज्यादा से ज्यादा लोग इन फूलों को देखें। लेकिन, इस वक्त मानव जीवन को खतरा है। फूलों को नष्ट करने का फैसला आसान नहीं था, लेकिन हालात ने मजबूर किया।’

देखते ही देखते खेत जैसा दिखने लगा बगीचा

फूलों को काटने के बाद पार्क में ट्रैक्टर चला दिया गया। पार्क अब खेत जैसा दिखने लगा।


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सकुरा शहर के फुरुसुका स्क्वायर पार्क में हर साल ट्यूलिप फेस्टिवल मनाया जाता है। इसकी रौनक सफेद, लाल, पीले और गुलाबी ट्यूलिप होते हैं।

वुहान में मरीजों के परिजन डॉक्टरों से मारपीट करते थे, कपड़े तक फाड़ देते थे; वे कहते थे- बीमार होंगे तो साथ, मरेंगे तो साथ April 22, 2020 at 02:39PM

चीन ने कोरोनावायरस पर जीत हासिल करने की घोषणा कर दी है।वुहान में कामकाज भी शुरू हो गया है, लेकिन उसे बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है। यह खुलासा टेक्सास में रहने वाली पत्रकार ट्रेसी वेन लीयू ने वुहान में संक्रमण के शुरूआती दौर में काम कर चुके डॉक्टरों से बातचीत के बाद किया है।

लोगों को 8-8 घंटे इंतजार करना पड़ रहा था- डॉ. ली

वुहान के नंबर-4 हॉस्पिटल के डॉक्टर ली (बदला हुआ नाम) ने बताया, "सुबह हॉस्पिटल में देखा कि एक व्यक्ति फर्श पर पड़ा है। थोड़ी दूर एक और व्यक्ति पड़ा था और मुश्किल से सांस ले पा रहा था। एक युवा फोन पर लगभग चिल्लाते हुए मदद मांग रहा था। हर तरफ मरीज और उनके परिजन थे। पूरा फ्लोर कचरे, खून, उल्टी और थूक से भरा था। लोगों को 8-8 घंटे इंतजार करना पड़ रहा था। इस दौरान कई लोग बेहोश होकर गिर पड़े। कईमौत के करीब पहुंचे और कई लोगों की मौत भी हो गई।"

कर्मचारी शवों को बैग में भरकर ट्रक में फेंकते थे- डॉ. ली

डॉ. ली ने बताया, " लोगों की मौत सेगुस्साए लोग डॉक्टर, नर्स, मेडिकल स्टाफ के साथ मारपीट करने लगे। कपड़े, मास्क फाड़ने लगे। वे कहते थे- अगर बीमार होंगे, तो साथ में और मरेंगे तो भी साथ में। हमारे पास न तो पर्याप्त मैन पावर था और न ही उपकरण। हम लोगों की मदद के लिए संघर्ष कर रहे थे। शुरू में ही कई लोगों की मौत हो गई। अस्पताल से वैन में भरकर लाशें जाने लगीं। बाद में तो कार्गो ट्रक का इंतजाम करना पड़ा। कर्मचारी शवों को बैग में भरकर ट्रक में फेंकते थे।"

डॉ. ली के मुताबिक,"कोरोना ने हमें मानसिक रूप से भयानक झटका दिया है। न खा सकते हैं और न सो सकते हैं। अक्सर रो पड़ता हूं। लोग हमें हीरो कहते हैं, लेकिन हम हीरो नहीं हैं क्योंकि हम कई लोगों की जान नहीं बचा सके।"



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डॉ. ली के मुताबिक, "कोरोना ने हमें मानसिक रूप से भयानक झटका दिया है। न खा सकते हैं और न सो सकते हैं। अक्सर रो पड़ता हूं।

कैलिफोर्निया चौथा प्रभावित राज्य: यहां मास्क की कमी, डिलीवरी पर टिप भी वसूल रहे; इराक में बच्चों को डर न लगे इसलिए डॉक्टर कठपुतली बने April 22, 2020 at 02:39PM

(क्यूपर्टिनो से सुचिता सिंघल)कैलिफोर्निया में 15 साल से रह रही हूं। इतना भयानक माहौल अमेरिका ने पहले कभी नहीं देखा। हम क्यूपर्टिनो में रहते हैं। करीब ही एपल का हेडक्वार्टर है। कैलिफोर्निया में भारतीय मूल के 10 लाख से ज्यादा लोग हैं। कोरोना के बारे में खुलासा 20 जनवरी को वाट्सएप ग्रुप पर आई सूचना से हुआ। मैसेज यहां के चाइना टाउन में 25 जनवरी को होने वाले चीनी न्यू ईयर कार्निवाल के संबंध में था। हमें इस कार्यक्रम से दूर रहने को कहा गया। 2 मार्च को चिंता और बढ़ गई, जब हमारे चीनी पड़ोसियों ने बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर दिया।

दरअसल, देश में लॉकडाउन का फैसला कोरोना फैलने के बाद लिया गया, जबकि पहले लागू कर देते तो स्थिति नहीं बिगड़ती। लॉकडाउन के बाद बच्चों का स्कूल, मेरा ट्रैवल बिजनेस करीब-करीब ठप हो गया। अब पति नरेंद्र सिंघल जो गूगल में डायरेक्टर हैं, वे भी घर से काम कर रहे हैं। दो महीने का राशन पहले ही खरीद लिया था, इसलिए खाने की चिंता नहीं है।

अभी यहां सिर्फ किराना स्टोर, अस्पताल, दवा की दुकानें, प्लम्बर सर्विस और ऑटो रिपेयरिंग की दुकानें खुली हैं। करीब 3800 रुपए की ऑनलाइन शॉपिंग करने पर होम डिलीवरी होती है। इस पर शिपमेंट चार्ज और टिप भी वसूली जा रही है। टिप 760-800 रु. है। ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म पर मास्क नहीं मिल रहे। स्टोर्स पर वाइप्स, हैंड सैनिटाइजर, टॉयलेट पेपर मुश्किल से मिल रहे हैं। एयरलाइन कंपनियां ऑफर देने लगी हैं कि लोग टिकट बुक करवाकर 760 दिन के अंदर डेस्टिनेशन बदल सकते हैंपर लोगों ने रुचि नहीं दिखाई। बच्चे ऑनलाइन पढ़ रहे हैं। 10 जून के बाद स्कूल की छुटि्टयां होती हैं। 15 अगस्त से नया सेशन शुरू होता है, पर इस बार मुश्किल है। सब चाहते हैं कि जल्द इस दौर से बाहर निकलें।-(जैसा धर्मेन्द्र सिंह भदौरिया को बताया)

इराक में कोरोना के साथ डर का भी इलाज

नजफ: यहतस्वीर इराक के नजफ शहर के अस्पताल की है। यहां पर कोरोना से ग्रस्त बच्चों के लिए क्वारैंटाइन वार्ड बनाया गया है। बच्चों को डर ना लगे इसलिए डॉक्टर, नर्स और हेल्थवर्कर कठपुतली या अन्य चर्चित कैरेक्टर्स की ड्रेस पहनकर आते हैं। दरअसल, टेस्ट के लिए कई बार स्वैब और ब्लड के सैंपल लेना पड़ते हैं। सभी प्रोटेक्टिव सूट में होते हैं, इससे बच्चे डरने लगते हैं। इसलिए स्थानीय वॉलेंटियर्स के साथ मिलकर डॉक्टर्स और हेल्थवर्कर्स ने यह पहल की है।

ठीक होकर जाने वाले बच्चों को यहां पर गिफ्ट भी दिए जाते हैं।


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कैलिफोर्निया में लॉकडाउन का फैसला कोरोना फैलने के बाद लिया गया, जबकि पहले लागू कर देते तो स्थिति नहीं बिगड़ती।

कोरोना से हुई मौतों के सरकारी आंकड़ों से असल संख्या कहीं ज्यादा, 11 देशों में 25 हजार ज्यादा जान गईं: रिपोर्ट April 22, 2020 at 02:39PM

(जिन वु और एलिसन मैक्केन)कोरोना से दुनियाभर में मौतों के जो आंकड़े बताए जा रहे हैं, वास्तविक संख्या इससे कहीं ज्यादा हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स के ताजा विश्लेषण से पता चलता है कि पिछले माह कोरोना से बताई गई मौतों से 25 हजार ज्यादा हुई हैं। कोरोना से संक्रमित 11 देशों के डाटा के विश्लेषण से आएनतीजों के अनुसार, पिछले माह इन देशों में पिछले साल की तुलना में ज्यादा लोगों की मौत हुई। इनमें कोरोना के अलावा दूसरी बीमारियों से हुई मौतें भी हैं। कुछ मौतें इसलिए भी हुई हैं कि दूसरी बीमारियों के मरीजों को भर्ती नहीं किया गया। आंकड़ों में भी कमी दिखाई गई, क्योंकि लोगों ने सोचा कि वायरस से जिनकी मौत हुई है, वो वैसे भी मरने वाले थेपर वास्तविकता इससे अलग है।

इन देशों में सामान्य से ज्यादा मौतें...

क्षेत्र

कोरोना से मौतें

कुल मौतें अंतर
स्पेन
9 मार्च -5 अप्रैल
12,401 19,700 7,300
इंग्लैंड & वेल्स
7 मार्च से 10 अप्रैल
10,335 16,700 6,300
फ्रांस
9 मार्च से 5 अप्रैल
8,059 10,500 2,500
न्यूयॉर्क सिटी
11 मार्च से 18 अप्रैल
13,240 17,200 4,000
नीदरलैंड्स
9 मार्च से 5 अप्रैल
2,166 4,000 1,900
इस्तांबुल
9 मार्च से 12 अप्रैल
1,006 2,100 1,100
जकार्ता
मार्च
84 1,000 900
बेल्जियम
9 मार्च से 5 अप्रैल
1,632 2,300 700
स्विट्जरलैंड
9 मार्च से 5 अप्रैल
712 1,000 300
स्वीडन
9 मार्च से 12 अप्रैल
1,160 1,100 -50

कई देशों ने देरी से स्वीकारा, तब तक संक्रमण फैल चुका था

अधिकारिक और असल आंकड़ों में बड़ा अंतर उन देशों में ज्यादा दिखा है, जिन्होंने समस्या स्वीकारने में देरी की। जैसे इस्तांबुल में 9 मार्च से 12 अप्रैल के बीच 2100 मौतें सामान्य से ज्यादा हुई हैं। यह आंकड़ा सरकारी आंकड़ों का दोगुना है। मार्च मध्य में मृत्यु दर में बढ़ोतरी यह बताती है कि यहां संक्रमण फरवरी में ही शुरू हो चुका था। यानी जब तक तुर्की की सरकार पहले मरीज की शिनाख्त करती तब तक संक्रमण काफी बढ़ चुका था।

न्यूयॉर्क में आम दिनों के मुकाबले चौगुनी मौतें हो रही हैं

ऐसे ही मार्च में इंडोनेशिया सरकार ने जकार्ता में कोरोना से मरने वालों की संख्या 84 बताई थी, जबकि जकार्ता के कब्रिस्तानों में सामान्य से 1 हजार ज्यादा शव दफनाए गए। इस बीच,पेरिस में आम दिनों की तुलना में दोगुनी मौतें हो रही हैं। ये फ्लू महामारी के वक्त होने वाली मौतों से भी ज्यादा है। बात अगर न्यूयॉर्क की हो तो वहां भी आम दिनों की तुलना में चौगुनी मौतें हो रही हैं। दरअसल,यूरोपीय देशों में 20-30% मौतें ज्यादा रही है। यानी मौतों की संख्या लाखों में पहुंचती है।



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तस्वीर स्पेन के मैड्रिड शहर की है। इसमें स्वास्थ्यकर्मी कोरोना पीड़ित मरीज को लेकर जा रहे हैं। स्पेन में अब तक 12 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

WHO chief says 'virus will be with us for a long time' April 22, 2020 at 07:08AM

The WHO said on Wednesday that there were "worrying upward trends" in early epidemics in parts of Africa and central and South America, while also warning that opening up global travel needed to be managed carefully. "Make no mistake we have a long way to go. This virus will be with us for a long time," WHO director-general Tedros Adhanom Ghebreyesus added.

Italy's daily coronavirus death toll falls, but new cases climb April 22, 2020 at 06:18AM

North Korea media silent on Kim Jong Un's whereabouts April 22, 2020 at 04:54AM

Pandemic warms relationship between Trump, Mexican president April 22, 2020 at 04:45AM

The COVID-19 pandemic could have been a fraught moment for US-Mexico relations — two leaders from opposite ends of the political spectrum facing the largest crisis ever confronted by either administration. Instead, presidents Donald Trump and Andres Manuel Lopez Obrador are carrying on like old pals.

Air travel resumption will require social distancing, says EU April 22, 2020 at 04:08AM

The European Commission will next month present a set of rules for the safe reopening of air travel when coronavirus pandemic lockdowns end, including social distancing in airports and planes, the EU's transport chief said on Wednesday.

Pak docs urge govt to review its decision to allow congregational prayers April 22, 2020 at 02:26AM

Trump says will sign 'order prohibiting immigration' on Wednesday April 22, 2020 at 02:16AM

President Donald Trump confirmed he would sign Wednesday an order partially blocking immigration to the United States, in a move he argues would protect workers from the economic fallout of the coronavirus pandemic.Immigration is a key issue for Trump's conservative base, which he is keen to energize ahead of the November election.

Nations ease some virus restrictions yet public still wary April 22, 2020 at 01:22AM

Although some former virus hot spots like Italy, Spain, China and New York have seen a reduction in their daily death tolls and new hospitalizations, other areas are facing a resurgence of the new coronavirus.

वुहान डायरी की लेखिका फेंग को जान से मारने की धमकियां, वे शहर की सच्चाई दुनिया के सामने लाईं April 22, 2020 at 12:38AM

दावा है कि कोरोनावायरस चीन के वुहान शहर से फैला। महामारी चमगादड़ों से फैली या लैब से। इस पर विवाद है। करीब एक करोड़ की आबादी वाले इस शहर को सील किए जाने के दौरान हुए घटनाक्रम को ‘वुहान डायरी’ के जरिए स्थानीय लेखिका फेंग फेंग सामने लाईं। मामला जब तक चीन में था, ठीक था। जैसे ही, वुहान डायरी दूसरे मुल्कों तक पहुंची तो फेंग को जान से मारने की धमकियां मिलने लगीं।चीन के नागरिक फेंग पर आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने देश को शर्मसार किया। 64 साल की फेंग इस आरोप को सिरे खारिज करती हैं।

23 जनवरी से 8 अप्रैल तक बेहद सख्त लॉकडाउन
वुहान में पहला मामला पिछले साल दिसंबर में सामने आया। 23 जनवरी को यहां बेहद सख्त लॉकडाउन किया गया। यह 8 अप्रैल तक चला। अब तथाकथित राहत है। इसी दौरान फेंग ने वुहान डायरी की शुरुआत की। लोगों के डर, गुस्से और छोटी आशाओं की कलम से तस्वीर उकेरी। दिल छू लेने भाषा में फेंग ने बताया कि शहर की झील कितनी शांत और इसका पानी कितना उदास है। उनका कमरा किरणों से कैसे रोशन हो रहा है, पड़ोसी कैसे मदद करते हैं।

दिक्कत कहां हुई?
फेंग जब तक रोजमर्रा की और हल्की बातों का जिक्र कर रहीं थीं, तब तक सब ठीक था। जैसे ही उन्होंने सरकारी बदइंतजामी बताई, बवाल शुरू हो गया। फेंग ने बताया- अस्पतालों में जगह नहीं है, यहां मरीज भगाए जा रहे हैं। मास्क और उपकरणों की कमी है। फेंग के मुताबिक, “एक डॉक्टर दोस्त ने बताया- हमने अपने अफसर से कहा कि यह बीमारी बहुत तेजी से इंसान से इंसान में फैल रही है। लेकिन, कुछ नहीं हुआ।”

अब धमकियां
चीन में बेहद सख्त मीडिया सेंसरशिप है। अमेरिका समेत कई देशों ने चीन की तरफ उंगलियां उठाना शुरू किया। इसके बाद फेंग की दिक्कतें बढ़ गईं। यहां ट्विटर की तरह वीबो प्लेटफॉर्म है। कुछ लोगों ने फेंग को साहसी बताया। कुछ उन्हें देश विरोधी बता रहे हैं। आरोप लग रहा है कि फेंग ने दूसरे देशों के हाथों में चीन के खिलाफ इस्तेमाल होने वाला हथियार थमा दिया। पैसे के लिए देश के सम्मान को बेचने का भी आरोप है। फेंग ने हालिया इंटरव्यू में कहा- मैंने सच्चाई सामने रखी। अब मुझे जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं।

अमेरिकी पब्लिशर के पास अधिकार
चीन के बाहर वुहान डायरी के कुछ अंश ऑनलाइन मौजूद हैं। अमेरिकी पब्लिशर कंपनी हार्पर कॉलिन्स इसको किताब की शक्ल दे रही है। जून में यह बाजार में आएगी। चीन के सरकारी अखबारों में इसका विरोध शुरू हो गया। फेंग कहती हैं, “किताब का विरोध क्यों? लोग इसे ठीक से पढें। मैंने बताया है कि चीन ने इस बीमारी से कितने कारगर तरीके से निपटा। मैं किताब की रॉयल्टी कोरोना से मारे गए लोगों के परिवारों की सहायता में खर्च करूंगी।”



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यह तस्वीर 22 फरवरी की है। यहां वुहान डायरी की लेखिका फेंग फेंग मीडिया से बात करती नजर आ रही हैं। वुहान की सच्चाई को सामने लाने पर उन्हें धमकियां मिल रही हैं।

भारतीय डॉक्टर ने 200 कोरोना मरीजों को ठीक किया, सम्मान में 100 वाहनों ने सायरन और हॉर्न बजाया, मरीजों ने कहा- थैंक्स April 22, 2020 at 12:04AM

अमेरिका के साउथ विंडसर में रहने वाली भारतीय मूल की डॉक्टर उमा रानी मधुसूधन के सम्मान का वीडियो वायरल हो रहा है। उन्होंने 200 अमेरीकियों को कोरोना से बचाकर कर नई जिंदगी दी है। डॉक्टर उमा के सम्मान में करीब 100 वाहन शामिल हुए। इन वाहनों में वे लोग भी शामिल हुए जिनका डॉक्टर ने इलाज किया था। सभी हाथ में तख्ती लेकर डॉक्टर को थैंक्स कहा।

डॉक्टर उमा रानी मधुसूधन।

दरवाजें से गुजरते हुए प्रत्येक वाहन ने सायरन और हॉर्न बजाया। इस पर डॉ. उमा ने दरवाजे के सामने खड़े होकर सम्मान स्वीकारा। इन वाहनों में पुलिस व्हीकल, एम्बुलेंस, फायरफाइटर्स समेत निजी गाड़ियां भी थीं। फिलहाल दुनियाभर में हेल्थ वर्कर अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों को कोरोना महामारी से बचा रहे हैं। इसके चलते कई देशों में उनके सम्मान में सार्वजनिक मुहीम भी चलाई गई। भारत में भी लोगों ने ताली, थाली और शंख आदि बजाकर डॉक्टरों को हौसला बढ़ाया था।

अमेरिका में 8 लाख से ज्यादा संक्रमित
कोरोनावायरस से अमेरिका में 24 घंटे में 2,804 लोगों की जान गई है। 25,985 केस सामने आए हैं। यहां मौतों का आंकड़ा 45 हजार से ज्यादा हो गया है। वहीं संक्रमितों की संख्या आठ लाख 18 हजार 744 हो चुकी है।



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वाहनों में वे लोग भी शामिल हुए जिनका डॉक्टर ने इलाज किया था। सभी हाथ में तख्ती लेकर डॉक्टर को थैंक्स कहा।

China's northeast tightens restrictions as coronavirus resurges April 21, 2020 at 11:49PM

China has largely curbed the spread of the deadly virus, but there are growing fears of a second wave of cases and Heilongjiang province has emerged as a new front in the battle. The region has seen an influx of imported cases, mostly among Chinese citizens returning home, but domestic infections have also been mounting -- prompting the sacking or punishment of several officials.

Chinese writer faces backlash for 'Wuhan Diary' April 21, 2020 at 11:11PM

Critics say writer Fang Fang, who was awarded China's most prestigious literary prize in 2010, is providing fodder to countries that have slammed Beijing's handling of the coronavirus pandemic.

Japan cuts 100,000 tulips to keep the coronavirus distance April 21, 2020 at 09:12PM

Officials in the city of Sakura, 50 km east of Tokyo, mowed the tulip beds at "Sakura Furusato Hiroba" and cancelled an annual tulip festival to discourage people from congregating after a coronavirus emergency was declared last week.