Thursday, May 28, 2020

क्रैश हुए प्लेन के मलबे से 2 बैग में 3 करोड़ की करंसी मिली, जांच अधिकारी का सवाल- इतनी बड़ी रकम एयरपोर्ट पर क्यों नहीं पकड़ी गई? May 28, 2020 at 07:49PM

पाकिस्तान में 22 मई को क्रैश हुए प्लेन के मलबे से अलग-अलग देशों की 3 करोड़ रुपए की वैल्यू की करंसी मिली है। जांच अधिकारी के मुताबिकअब इसबात का पता लगाया जाएगा किइतनी बड़ी रकम एयरपोर्ट सिक्योरिटी और लगेज स्कैनर में क्यों नहीं पकड़ी गई। रकम दो बैगों में मिली है। जांच में जुटे अफसरों का कहना है कि हादसे में मरने वाले लोगों और उनके लगेज की पहचान का काम चल रहा है।

हादसे में 9 बच्चों समेत 97 लोगों की मौत हुई थी
22 मई को लाहौर से कराची जा रहा प्लेन लैंडिंग से कुछ मिनट पहले क्रैश हो गया था। प्लेन में क्रू मेंबर समेत 99 लोग थे, उनमें से सिर्फ 2 की जान बच पाई। मारे गए 97 लोगों में 9 बच्चे थे। हादसा कराची इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास रिहायशी इलाके में हुआ था।

पायलट ने एटीसी की वॉर्निंग नहीं मानी: रिपोर्ट
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक पायलट की गलतियां सामने आई हैं। एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) ने पायलट को तीन वॉर्निंग दी थीं, लेकिनउसने ध्यान नहीं दिया। दूसरी ओर, पाकिस्तान के पायलट्स एसोसिएशन ने हादसे की जांच के लिए बनाई गई कमेटी पर सवाल उठाए हैं। एसोसिएशन के मुताबिक, जांच टीम में एक भी कमर्शियल पायलट नहीं रखा गया,जबकिक्रैश होने वाला एयरक्राफ्ट पैसेंजर प्लेन था।



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ये तस्वीर क्रैश हुए प्लेन के मलबे की है, जिसे ट्रकों में भरकर शिफ्ट किया जा रहा है। हादसा कराची के रिहायशी इलाके में हुआ था।

राष्ट्रपति ट्रम्प ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जुड़े आदेश पर साइन किया, अब इन पर थर्ड पार्टी कंटेट के आधार पर कार्रवाई हो सकेगी May 28, 2020 at 07:34PM

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म को दी गई कुछ कानूनी सुरक्षा हटाने वाले कार्यकारी आदेश पर गुरुवार को साइन कर दिया। इसके जरिए सरकारी एजेंसियां फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सख्ती से नजर रख सकेंगी। इन पर थर्ड पार्टी की ओर से पोस्ट किए गए कंटेट के आधार पर कार्रवाई की जा सकेगी। इस आदेश पर साइन करने से एक दिन पहले ही ट्रम्प ने अपने दो ट्विट्स का फैक्ट चेक किए जाने पर नाराजगी जाहिर की थी।
ट्रम्प ने ऑर्डर साइन करने के बाद कहा कि मैंने अमेरिकियों की अभिव्यक्ति की आजादी और उनके अधिकारों की रक्षा करने वाले एग्जीक्यूटिव आर्डर पर दस्तखत किए हैं। अभी ट्विटर जैसे सोशल मीडिया दिग्गजों को न्यूट्रल प्लेटफॉर्म होने के आधार पर गजब का सुरक्षा कवच मिला हुआ है। देखा जाए तो ये कंपनियां संपादक की तरह हैं।

कंटेंट सेसर करने वाली कंपनियों पर कार्रवाई होगी

उन्होंने कहा कि नए आर्डर में कम्युनिकेशन डिसेंसी एक्ट की धारा 230 के तहत नए नियमों को शामिल किया गया है। यह सुनिश्चित करेगा कि जो सोशल मीडिया कंपनियां अपने कंटेट को सेंसर करेंगी या राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होंगी उन्हें कानूनी बचाव नहीं मिलेगा। यह एक बड़ी बात है कि अब तक उनके पास एक सुरक्षा कवच था, जिससे वे जो चाहें कर सकती थी। हालांकि, अब ऐसा नहीं होगा। फेडरल ट्रेड कमिशन इन कंपनियों को ऐसा कोई भी काम करने से रोक सकेगा जिससे वाणिज्य प्रभावित हो।

‘चंद सोशल मीडिया कंपनियां लोगों के संवाद नियंत्रित कर रहीं’

ट्रम्प ने कहा कि चंद शक्तिशाली सोशल मीडिया कंपनियां अमेरिका में सार्वजनिक और निजी संवाद को बड़े पैमाने पर नियंत्रित कर रही है। इनके पास नागरिकों और देश की जनता के बीच होने वाले संवाद के किसी भी रूप को बदलने, बैन करने, एडिट करने और छिपाने की ताकत है। अमेरिका के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। मेरा प्रशासन ऐसा कभी नहीं होने देगा। खासकर तब जब ये कंपनियां गलत ढंग से ऐसा कर रही हैं।



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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प गुरुवार को व्हाइट हाउस में गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जुड़े आदेश के बारे बताते हुए।

NSA: Russian agents have been hacking major email program May 28, 2020 at 06:07PM

Exim is so widely used - though far less known than such commercial alternatives as Microsoft's proprietary Exchange - that some companies and government agencies that run it may still not have patched the vulnerability, said Jake Williams, president of Rendition Infosec and a former US government hacker. It took Williams about a minute of online probing on Thursday to find a potentially vulnerable government server in the UK

Chinese graduate students may be next hit by US-China tensions May 28, 2020 at 05:59PM

The Trump administration may soon expel thousands of Chinese graduate students enrolled at US universities and impose other sanctions against Chinese officials in the latest signs of tensions between Washington and Beijing that are raging over trade, the coronavirus pandemic, human rights and the status of Hong Kong. Trump said he would make an announcement about China on Friday.

South Korea reports 58 new virus cases May 28, 2020 at 05:12PM

Prime Minister Chung Sye-kyun called for officials to examine working conditions at warehouses of online shopping companies, which have seen orders surge during the pandemic, and other congested workplaces where infection risks may be high.

China says will ban pork imports from India to 'prevent swine fever': Report May 28, 2020 at 05:03PM

The ban comes amid border tensions between Beijing and Delhi. Global Times reported that "the ban comes after tensions between the two countries flared up in Galwan Valley region," which it blamed on "India's recent, illegal construction of defence facilities on the border to Chinese territory".

Top Chinese general says need to keep military option for Taiwan May 28, 2020 at 05:09PM

National Guard called to respond to Minneapolis violence May 28, 2020 at 04:52PM

Minnesota governor Tim Walz called in the National Guard on Thursday as looting broke out in St. Paul and a wounded Minneapolis braced for more violence after rioting over the death of George Floyd, a handcuffed black man in police custody, reduced parts of one neighborhood to a smoking shambles.

अब तक 59.04 लाख संक्रमित: रूस में 24 घंटे में 8 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए: महामारी को देखते हुए ब्रिक्स सम्मेलन स्थगित किया गया May 28, 2020 at 04:30PM

दुनिया में अब तक 59लाख 4हजार 658लोग संक्रमित हैं। 25लाख 79हजार 629लोग ठीक हुए हैं। मौतों का आंकड़ा 3 लाख 62हजार 10हो गया है। रूस में पिछले 24 घंटे में 8 हजार 371 नए मामले सामने आए हैं। महामारी को देखते हुए रूस ने ब्रिक्स( ब्राजील, रूस, इंडिया, चीन और दक्षिण अफ्रीका) समूह और शंघाई कोऑपरेशन आर्गेनाइजेशन (एसओ) का सम्मेलन स्थगित कर दिया। इन दोनों समूहों का सम्मेलन इस साल रूस की अध्यक्षता में होने वाला था।

महामारी की स्थिति को देखते हुए एससीओ और ब्रिक्स समिट कीअगली तारीख सदस्य देशों को बताईजाएगी।रूस में अब तक कुल 3 लाख 79 हजार 051 मामले सामने आए हैं। 4 हजार 142 मौतें हुई हैं और 1 लाख 50 हजार 993 लोग स्वस्थ हुए हैं।

कोरोनावायरस : 10 सबसे ज्यादा प्रभावित देश

देश

कितने संक्रमित कितनी मौतें कितने ठीक हुए
अमेरिका 17,68,461 1,03,330 4,98,725
ब्राजील 4,38,812 26,764 1,93,181
रूस 3,79,051 4,142 1,50,993
स्पेन 2,84,986 27,119 1,96,958
ब्रिटेन 2,69,127 37,837 उपलब्ध नहीं
इटली 2,31,732 33,142 1,50,604
फ्रांस 1,82,913 28,596 66,584
जर्मनी 1,82,313 8,555 1,63,200
तुर्की 1,60,979 4,461 1,24,369
भारत 1,65,348 4,710 70,786

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ब्राजील से लौट सकेंगे अमेरिकी लोग: ट्रम्प

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि ब्राजील पर लगाया गया ट्रैवेल बैन सख्त है। हालांकि, उन्होंने कहा कि ब्राजील से लौटने के इच्छुक अमेरिकी नागरिकों को अपने देश आने की इजाजत दी जाएगी। यह ठीक चीन से आने पर लगाए गए बैन की तरह है। हम इतने सख्त नहीं हो सकते कि अमेरिकी लोगों को उनके देश में आने की इजाजत न दी जा सके। अमेरिका ने पिछले हफ्ते ब्राजील से आने वालों के अमेरिका में प्रवेश पर रोक लगाई थी।

अमेरिका के मिनेपोलिस में अफ्रीकन-अमेरिकी व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉड की मौत के विरोध में प्रदर्शन करता एक व्यक्ति।

ब्रिटेन सोमवार से पाबंदिया हटाना शुरू करेगा

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जाॅनसन ने गुरुवार को कहा कि देश में सोमवार से पाबंदिया हटानी शुरू की जाएगी। इसे कई चरणों में धीरेे-धीरे हटाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पाबंदियों में यह छूट इस बात पर निर्भर है कि वायरस नियंत्रित रहे। हमने साथ मिलकरसंक्रमण रोकने में हासिल किया है, उसे बेकार नहीं कर सकते। लॉकडाउन के मौजूदा नियमों में दी जा रही छूट सिमित है। लोगों को अब भी सावधान रहने की जरूरत है। इसके तहत सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने पर 6 लोगों को घर के बाहर एक साथ जुटने की इजाजत दी जाएगी।

लंदन में एक सरकारी अस्पताल के बाहर राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा के समर्थन में प्रदर्शन करते डॉक्टर।



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रूस की राजधानी मॉस्को के एक अस्पताल में बुधवार को स्ट्रेचर पर मरीज को ले जाते स्वास्थ्यकर्मी। पिछले 24 घंटे में यहां 8 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं।

बाहर जाकर खाने के मुकाबले टेकआउट और हाेम डिलीवरी में जाेखिम कम; वायरस भाेजन से नहीं फैलता, जाे इच्छा हो, वह मंगवा सकते हैं May 28, 2020 at 02:33PM

लाॅकडाउन से धीरे-धीरे मिल रही छूट के साथ ही देश-दुनिया के कई शहराें में रेस्तरां और मिठाई की दुकानाें से टेकआउट या हाेम डिलीवरी की सुविधा शुरू हाे गई है। काेराेना काल में अकेले रह रहे या भाेजन न बना पानेवाले लाेगाें के लिए यह विकल्प अधिक सुविधाजनक है। हालांकि, इन तरीकाें में कोरोनावायरस के संक्रमण के जाेखिम काे लेकर भी कई सवाल हैं। फूड सेफ्टी स्पेशलिस्ट्स और पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट बता रहे हैं तमाम जवाब...

कुछ सामान्य निर्देशाें पर अमल करते रहें, तो आप बाहर के भाेजन का आनंद ले सकते हैं

क्या बेहतर है: टेकआउट या डिलीवरी?

रटगर्स यूनिवर्सिटी के फूड साइंस विशेषज्ञ डाेनाल्ड शेफनर कहते हैं, ‘सतह से संक्रमण फैलने के बहुत कम प्रमाण हैं। भाेजन से संक्रमण फैलने के प्रमाण नहीं हैं।’ नाॅर्थ कैराेलिना स्टेट यूनिवर्सिटी के फूड सेफ्टी स्पेशलिस्ट बेन चैपमैन के मुताबिक, ‘बाहर खाने के मुकाबले टेकआउट और डिलीवरी दाेनाें में जाेखिम कम है।

हालांकि, काॅन्टैक्टलेस डिलीवरी थाेड़ी सुरक्षित है। इसमें व्यक्ति भाेजन दरवाजे पर रख जाता है। ऑर्डर औरपेमेंट ऑनलाइन हाे जाता है। काेई रेस्तरां हाेम डिलीवरी नहीं करता ताे टेकआउट भी अपनाया जा सकता है। काेलाेराडाे स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की असि. प्राे. एलिजाबेथ कार्लटन कहती हैं, ‘ऐसी जगह न जाएं, जहां 20 लाेग इंतजार कर रहे हाें। रेस्तरांकर्मी काे बाेलें कि वह पैकेट रखे और आपके उठाने से पहले चला जाए।

पैकेजिंग में कितना जाेखिम है?
पैकेजिंग से खतरा कम है। यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग के पेडियाट्रिशियन डाॅ. जाॅन विलियम कहते हैं, ‘संक्रमित व्यक्ति पैकेट काे छू ले ताे भी ट्रांसमिशन का खतरा कम है। यह तभी हाे सकता है जब वह अपने हाथ संक्रमित करे, पैकेट काे छुए और आप उसे उसी स्थान से छुएं।’ फिर भी संदेह है ताे पैकेट काे डिसइंफेक्ट करें। हाथ धाेएं और भाेजन काे प्लेट में ट्रांसफर कर लें।

बर्तन के बारे में क्या?
भाेजन डिस्पाेजेबल बर्तनाें में आता है। आप घर पर भाेजन कर रहे हैं ताे आपको इनकी जरूरत नहीं पड़ेगी।

मुझे क्या ऑर्डर करना चाहिए?
चूंकि माना जा रहा है कि वायरस भाेजन से नहीं फैलता, इसलिए आप जाे चाहे मंगवा सकते हैं- पिज्जा, सलाद आदि। काेर्नेल यूनिवर्सिटी के काेर्नेल फूड वेंचर सेंटर की डायरेक्टर ओल्गा पैडिला-जैकाैर कहती हैं, ‘जाेखिम लाेगाें से परस्पर मिलने पर है, भाेजन के प्रकार में नहीं। कच्चे और आपके भाेजन में अंतर नहीं है।’ यदि आप अब भी चिंतित हैं ताे भाेजन काे गर्म कर लें।

...ताे किस बात की चिंता करनी चाहिए?
कर्मचारियाें की सुरक्षा की चिंता करें। जब ऑर्डर करें ताे रेस्तरां से यह जरूर पूछें कि कर्मचारियाें की सुरक्षा कैसी है। उन्हाेंने मास्क, ग्लव्ज आदि पहने हैं या नहीं।



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रटगर्स यूनिवर्सिटी के फूड साइंस विशेषज्ञ डाेनाल्ड शेफनर कहते हैं, ‘सतह से संक्रमण फैलने के बहुत कम प्रमाण हैं। भाेजन से संक्रमण फैलने के प्रमाण नहीं हैं।’ -प्रतीकात्मक फोटो

दुनिया में लोगों ने रोचक अंदाज में किया प्रदर्शन, सभी की एक ही मांग- होटल, रेस्तरां और पर्यटन खोल दें May 28, 2020 at 02:08PM

दुनियाभर के देशों में कोरोना के कारण लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुआ है। इसलिए प्रदर्शनों में अब कारोबार, पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों को खोलने की मांग होने लगी है। जिन देशों में प्रतिबंध जारी हैं, वहां पर हटाने की मांग की जा रही है। कुछ देशों में प्रतिबंध हटा लिए गए हैं, इसके बाद सरकार से मदद की गुहार लगाई जा रही है।

ऐसा ही एक प्रदर्शन जर्मनी की संसद के बाहर हुआ। देश की ट्रेवल एजेंसियों और पर्यटन उद्योगों से जुड़े कारोबारी यहां पर जमा हुए और सरकार से राहत की मांग की। ब्रैंडनबर्ग गेट के सामने भी बड़ी संख्या में टूर संचालक खाली बसें लेकर पहुंचे थे। दरअसल जर्मनी में कोरोना के कारण सीमाएं सील कर दी गई हैं। इसलिए पर्यटकों का आना भी बंद है।

प्रदर्शनकारियों ने सरकार से पर्यटन स्थल और वर्कप्लेस खोलने की मांग की। ऐसे ही प्रदर्शन अमेरिका के न्यूजर्सी-कैलिफोर्निया, ग्रीस के एथेंस और फ्रांस के पेरिस में भी हुए। इन सभी प्रदर्शनों में खास बात यह रही कि कहीं भी हिंसा और तोड़-फोड़ नहीं की गई, शांति के साथ अपना संदेश दिया।

न्यूयॉर्क: टाइम्स स्क्वेयर पर बिलबोर्ड की लाइटें बंद

न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वेयर पर हैशटेगडोंटगो डार्क अभियान के तहत बिलबोर्ड की लाइटें बंद रखी गईं। रेस्तरां, होटल और शोरूम संचालकों ने छूट देने की मांग की।

एथेंस: संसद के बाहर संगीत बजाकर प्रदर्शन
ग्रीस में संसद के सामने संगीत बजाकर सरकार को कारोबार और कला जगत को हुए नुकसान पर ध्यान देने की गुहार लगाई। पूरे देश में इस तरह के प्रदर्शन किए जा रहे हैं।

पेरिस:शेफ की टोपी, एप्रन, और ट्रे रखकर मांगी छूट
पेरिस में सीन नदी के किनारे शेफ की टोपी, एप्रन और रेस्तरां में इस्तेमाल होने वाली ट्रे रखकर नाराजगी जताई गई। होटल कारोबारियों ने कारोबार शुरू करने की मंजूरी मांगी।



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ग्रीस में संसद के सामने संगीत बजाकर सरकार को कारोबार और कला जगत को हुए नुकसान पर ध्यान देने की गुहार लगाई।

कोरोना से 54 बड़े बदलाव: हेल्थ स्टाफ का सम्मान बढ़ा तो बेरोजगारी और पलायन भी; प्रदूषण और अपराध घटे तो ऑनलाइन धोखाधड़ी बढ़ी May 28, 2020 at 02:08PM

कोरोनावायरस की वजह से दुनिया में 58 लाख से ज्यादा लोग बीमार हुए और साढ़े तीन लाख से ज्यादा लोगों को जान गंवानी पड़ी है। ये इंसानों की जिंदगी पर पिछले कुछ दशकों का सबसे बड़ा खतरा बनकर उभराहै। इस महामारी ने दुनिया की हर चीज बदलकर रख दी है।

खास तौर पर हमारी रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ी ऐसी चीजों को बड़े पैमाने पर बदल दिया, जिनका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता, फिर भी आंकड़ों को खंगालने वाले और हमारे बीच का सांख्यिकीय दिमाग इसे मापने की कोशिश कर रहा है। हमने जिंदगी से जुड़े ऐसे ही पहलूओं को समझने की कोशिश की है जिनमें या तो बढ़ोतरी हुई है, या फिर गिरावट रही है।

इनमें पर्यावरण से लेकर बेरोजगारी और अपराध से लेकर उपयोगी चीजों की खपत तक शामिल है। जो सबसे अच्छी बात हुई है वह यह कि दुनिया भर में स्वास्थ्यकर्मियों का सम्मान बढ़ा है और उनकी सराहना हो रही है। हालांकि, उन्हें मिलने वाला मेहनताना काफी कम रहा है। हमने ऐसे ही 54 बड़े बदलावों को समझने की कोशिश की है। इनमें से चुनिंदा को जानते हैं।

  • स्वास्थ्यकर्मियों का सम्मान, सराहना बढ़ीः संकट के दौर में हेल्थ स्टाफ मसीहा बनकर उभरा। वे खुद और परिवार की परवाह किए बिना मोर्चे पर डटे रहे। लोग तालियां, संगीत बजाकर उनका सम्मान करने लगे।
  • मास्क, डिस्टेंसिंगः सार्वजनिक परिवहन, दुकानों और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर लोग मास्क पहनने लगे। सोशल डिस्टेंसिंग भी अपना रहे। संक्रमण के दौर में ये जिंदगी का हिस्सा बन चुके हैं। स्वास्थ्य को लेकर भी जागरूकता बढ़ी है।
  • बेरोजगारी बढ़ीः कोरोना संकट का असर रोजगार पर भी पड़ा। अमेरिका में बेरोजगारी दर रिकॉर्ड 14% हो गई। विशेषज्ञों के मुताबिक 1998 के बाद पहली बार गरीबी बढ़ेगी। करीब 50 करोड़ लोग गरीबी का शिकार हो सकते हैं।
  • अनुमान से ज्यादा मौतेंः कोरोना संकट में दुनिया भर में हुई मौतों की संख्या अनुमान से कहीं ज्यादा है। आधिकारिक आंकड़े स्पष्ट तस्वीर नहीं दिखाते, लेकिन 24 देशों का अध्ययन कर न्यूयॉर्क टाइम्स ने पाया कि कई देशों में 74 हजार मौतें ज्यादा हुईं। इनमें वे भी हैं जो अस्पताल में इलाज के लिए नहीं पहुंच। अमेरिका में करीब 57 हजार लोगों की मौत ऐसे ही हुई।
  • वसीयत बनाने लगे लोगः असमय मौत के डर से वसीयत में तेजी आई। इसकी वजह यह है कि कोरोना से इलाज या मौत के दौरान परिवार, दोस्त या करीबी को आने की इजाजत नहीं थी।
  • पलायन और संक्रमण बढ़ाः महामारी को रोकने के लिए मानव इतिहास के सबसे बड़े प्रतिबंध लगाए गए, लेकिन वे पर्याप्त साबित नहीं हुए। लाखों लोगों का काम-धंधा बंद हो गया, तो वे घर लौटने लगे। अकेले वुहान से 70 लाख लोग शहर छोड़कर गए। कोरोना का प्रकोप फैलने का इससे बदतर समय नहीं हो सकता था।
  • टीकाकरण, अंगदान प्रभावितः स्वास्थ्य को लेकर पूरी दुनिया का ध्यान कोरोना पर रहा। इससे दुनिया भर में टीकाकरण कार्यक्रम पर असर पड़ा। इसी कारण विशेषज्ञों ने मीजल और पोलियो के दोबारा लौटने की चेतावनी दी है। मौतें तो काफी हुईं, लेकिन संक्रमण के डर से अंगदान और प्रत्यारोपण भी रुक गया।
  • ट्रैफिक, एक्सीडेंट घटे, स्पीड बढ़ गईः लॉकडाउन के दौरान ट्रैफिक बंद होने की वजह से सड़कों पर एक्सीडेंट घटे, लेकिन जो वाहन चल रहे थे, उनकी स्पीड़ बढ़ गई। खाली सड़कों पर लोग तेज रफ्तार से वाहन दौड़ाने लगे।
  • पर्यावरण में सुधारः दुनियाभर में ट्रैफिक थमने का असर ग्रीन हाउस गैस और कार्बन डाइ ऑक्साइड उत्सर्जन पर पड़ा। फॉसिल फ्यूल और वाहनों का इस्तेमाल घटने से इनमें रिकॉर्ड गिरावट रही। नई रिसर्च के मुताबिक इन गैसों का उत्सर्जन करीब 8% तक घटा।
  • अपराध घटे, पर चोरी-धोखाधड़ी बढ़ीः बड़े अपराध कम हुए, लेकिन चोरी-धोखाधड़ी बढ़ी। सुनसान शहरों का फायदा उठाकर चोरों ने दुकानों, रेस्तरां को निशाना बनाया। कोरोना के नाम पर ऑनलाइन धोखाधड़ी बढ़ गई है।
  • ऑनलाइन हुई दुनियाः वर्क फ्रॉम होम, ऑनलाइन पढ़ाई, ट्रेनिंग का चलन बढ़ा। ज्यादातर बच्चे घरों में ही रहे। जरूरत की चीजों की होम डिलीवरी बढ़ी। चीजों को छूने से बचने के लिए ऑनलाइन ऑर्डर भी बढ़े। ई-लर्निंग, ई-गेमिंग, ई-बुक्स और ई-अटेंडेंस का चलन बढ़ा।
  • स्क्रीन टाइम बढ़ाः कोरोना महामारी से पहले हमने डिजिटल डिवाइस या उपकरणों पर बितने वाला वक्त कम करने और इन्हें ज्यादा देखने से रोकने की हरसंभव कोशिश की। लेकिन लॉकडाउन में इसे बढ़ा लिया। लोगों ने स्क्रीन पर ज्यादा वक्त बिताया।
  • आटे की खपत बढ़ी, पर साथ खाने की आदत छूट गईः लॉकडाउन के दौरान दुनिया की बड़ी आबादी घरों में सिमट गई। इस वक्त का इस्तेमाल लोगों ने नए-नए प्रयोग करने पर किया। सबसे ज्यादा एक्सपरिमेंट खाने-पीने को लेकर हुए। सीमित संसाधनों के बीच सबसे ज्यादा खपत आटे की रही। हालांकि, सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से लोगों का मिल-जुलकर खाना पकाने और खाने की आदतें कम हो गईं।


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कोरोनावायरस इंसानों की जिंदगी पर पिछले कुछ दशकों का सबसे बड़ा खतरा बनकर उभरा है। इस महामारी ने दुनिया की हर चीज बदलकर रख दी है।

स्टडी में दावा- हर्ड इम्युनिटी की बात अभी दूर, क्योंकि कोरोना प्रभावित देशों में संक्रमितों का प्रतिशत अभी सिंगल डिजिट में May 28, 2020 at 02:04PM

कोरोना से लड़ने के लिए हर्ड इम्युनिटी को कारगर हथियार माना जा रहा था, पर ताजा स्टडीज की मानें तो हर्ड इम्युनिटी कोरोना से जूझ रहे देशों के लिए अभी भी बहुत दूर की बात है। क्योंकि, जिन देशों में भी कोरोना फैला है, वहां पर संक्रमितों का प्रतिशत एकल अंक में ही है। हर्ड इम्युनिटी वह स्तर होता है, जिसके बाद वायरस व्यापक रूप से नहीं फैल पाता।

इसका कोई तय मानक नहीं हैं, पर विशेषज्ञों की मानें तो इसके लिए 60% से ज्यादा लोगों का संक्रमित होना जरूरी है। न्यूयॉर्क स्टेट, पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड, कार्लोस हेल्थ इंस्टीट्यूट और स्वीडन की पब्लिक हेल्थ एजेंसी ने इस पर गहन शोध किया है। इसके मुताबिक सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों की बात करें तो, बचे हुए लोगों में भी संक्रमण का खतरा अभी भी बना हुआ है।

स्वीडन और ब्रिटेन जैसेदेशों ने सीमित लॉकडाउन रखकर नागरिकों में इम्युनिटी का स्तर बढ़ाने की कोशिश की थी, पर यहां पर भी 7 से 17% लोग चपेट में आ गए। अमेरिका में न्यूयॉर्क सबसे ज्यादा प्रभावित है, यहां पर भी मई की शुरुआत में 20% नागरिक संक्रमित थे।

एक स्टडी में कहा गया कि काम पर लौटने के इच्छुक 10% लोग संक्रमित हो गए

चीन में भी हर्ड इम्युनिटी को लेकर स्टडी की गई, पर नतीजे नहीं मिले हैं। वुहान के अस्पतालों की एक स्टडी में कहा गया कि काम पर लौटने के इच्छुक 10% लोग संक्रमित हो गए। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के टीएच चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के एपिडेमियोलॉजिस्ट माइकेल मिना के मुताबिक, सभी स्टडी से यह बात तो स्पष्ट है कि हाल में किसी भी देश के हर्ड इम्युनिटी तक पहुंचने की संभावना नहीं है।

कोरोना के लिए हो रहे नए टेस्ट में लोगों के रक्त में एंटीबॉडी और संक्रमण से लड़ने के लिए इम्यून सिस्टम द्वारा तैयार प्रोटीन को जांचा जा रहा है। इससे उन लोगों का पता लगाया जा सकता है, जिनमें संक्रमण तो है, पर लक्षण नहीं दिखते। फिलहाल सबसे बड़ी चुनौती कोरोना के ऐसे मरीजों को पहचानना ही है।

कोरोना की आग बुझाने में फायर ब्रिगेड जैसी साबित हो सकती है इम्युनिटी
वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी में बायोलॉजी के प्रोफेसर कार्ल बर्गस्टॉर्म बताते हैं कि इन स्टडी को पूरी तरह आधार नहीं बना सकते। पर इनसे यह जरूर पता लग सकता है कि कोरोनावायरस वास्तव में कितना फैल गया है और इसकी क्षमता कितनी है। हर्ड इम्युनिटी की सीमा हर जगह अलग हो सकती है।

क्योंकि यह जनसंख्या घनत्व और सामाजिक संपर्क जैसे कारकों पर निर्भर करती है। हो सकता है कि कोरोना को लेकर भी लोगों में हर्ड इम्युनिटी पैदा हो जाए, पर यह नहीं कह सकते कि सभी मामलों में यह कितनी कारगर होगी, कितनी मजबूत होगी और कब तक बनी रहेगी। वहीं डॉ मिना का कहना है कि इम्युनिटी इस बीमारी में फायर ब्रिगेड की तरह काम कर सकती है।



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चीन में भी हर्ड इम्युनिटी को लेकर स्टडी की गई, पर नतीजे नहीं मिले हैं। वुहान के अस्पतालों की एक स्टडी में कहा गया कि काम पर लौटने के इच्छुक 10% लोग संक्रमित हो गए। -प्रतीकात्मक फोटो

Do not cut health spending during downturn, WHO warns May 28, 2020 at 01:57AM

European governments should not cut healthcare spending during the current economic crisis sparked by the coronavirus pandemic and associated lockdowns, the World Health Organization warned on Thursday.

Afghan government says ceasefire still in place even as skirmishes with Taliban resume May 28, 2020 at 01:25AM

Skirmishes between Taliban fighters and Afghan security forces recommenced in Afghanistan in the day since a three-day ceasefire expired, but govt officials said on Thursday that the incidents were minor and the truce could still hold. The Taliban have remained silent on govt appeals for an extension of the ceasefire, which was announced for the Eid al-Fitr holidays.

Trump to sign executive order after threatening to shutter social media May 28, 2020 at 01:19AM

14 Afghan forces killed in 'Taliban attacks' after ceasefire ends May 27, 2020 at 10:46PM

Fourteen members of the Afghan security forces were killed in two separate attacks Thursday in the first deadly assaults officials have blamed on the Taliban since the end of a three-day ceasefire.

China approves plan to impose Hong Kong security law May 28, 2020 at 01:58AM

China's parliament approved plans Thursday to impose a security law on Hong Kong that has ratcheted up tensions with the US and sparked new protests over fears the city is losing its special freedoms.

अमेरिका ने वर्ल्ड वॉर-2 के बाद चार बड़े युद्धों में जितने सैनिक गंवाए, महामारी ने उससे ज्यादा जानें ले लीं May 28, 2020 at 12:06AM

अमेरिका में इस समय संक्रमण के 17 लाख से ज्यादा मामले हैं। यहां पर मरने वालों की संख्या एक लाख के आंकड़े को पार कर चुकी है। वर्ल्ड वॉर-2 के बादअमेरिका ने चार बड़े युद्धों का सामना किया है। इस दौरान जितने सैनिक मारे गए, कोरोनावायरस के चलते चार महीने में उससेज्यादा लोगों की जान गई है।देश में संक्रमण का पहला मामला 21 जनवरी को में मिला था। दुनियाभर के कुल संक्रमितों का 30 फीसदी से ज्यादा केस यहां हैं।

अमेरिका में बीबीसी के पत्रकार जॉन सोपेल का कहना है कि कोरिया, वियतनाम, इराक और अफगानिस्तान में जितने अमेरिकीमहिला-पुरुष सैनिकों की जान गई, उससे ज्यादा लोगों की मौतमहामारी से हुई है। सोपेल ने बताया कि अगर कोई कोरोना से हुई मौतों की तुलना अमेरिका में कैंसर व सड़क हादसे में हुई मौतों से करें तो भी चौंकाने वाले परिणाम ही सामने आएंगे।

युद्ध मरने वालों की संख्या
कोरियाई युद्ध (1950-1953) 36,500
वियतनाम युद्ध (1961-1975) 58,000
इराक युद्ध (2003-2011) 4500
अफगानिस्तान (2001 से अबतक) 2000

अमेरिका में सबसे ज्यादा मौतें, लेकिन मृत्यु दर के हिसाब से पीछे
अमेरिका में संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले आए हैं। मौतें भी सबसे ज्यादा हुई हैं।लेकिन, अगर मृत्युदर के हिसाब से देखें तो अमेरिका का नौवां स्थान आता है। आबादी के लिहाज से मौतों की तुलना के आधार पर बेल्जियम, ब्रिटेन और आयरलैंड जैसे देश अमेरिका से आगे हैं। न्यूज एजेंसी रायटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के 20 राज्यों में कोरोना के नए मरीजों में बढ़ोतरी हो रही है। यहां नॉर्थ कैरोलिना और विसकॉन्सिन में संक्रमण के मामले तेजी से सामने आए हैं।

न्यूयॉर्क में कम हुई मरने वालों की संख्या
अमेरिका में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित न्यूयॉर्क है। यहां मरने वालों की संख्या 21 हजार के करीब है। कुछ दिनों पहले यहां रोज सैकड़ों लोगों की मौत हो रही थी। हालांकि, अब यहां संक्रमण से मौतों के मामलों में कमी आई है।



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न्यूयॉर्क के एल्महर्स्ट हॉस्पिटल में जाने से पहले एक इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (ईएमटी) पीपीई पहनती हुई। न्यूयॉर्क अमेरिका में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित है।

टि्वटर के सीईओ जैक डोर्सी ने ट्रम्प के आरोपों से इनकार किया, बोले- फैक्ट चेक का काम हमारे कर्मचारियों पर छोड़ दें May 28, 2020 at 12:19AM

ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की ओर से लगाए गए राष्ट्रपति चुनाव में दखल देने के आरोपों को नकारा है। डोर्सी ने बुधवार को ट्वीट किया, ‘‘फैक्ट चेक के लिए एक कंपनी के तौर पर आखिर कोई न कोई जिम्मेदार होगा, वो मैं हूं। कृपया हमारे कर्मचारियों पर यह काम छोड़ दीजिए। हम दुनिया भर के चुनावों के बारे में गलत और विवादित जानकारी के बारे में बताते रहेंगे। अगर हमसे कोई गलती होती है तो इसे भी स्वीकार करेंगे।’’

मंगलवार को ट्रम्प नेमेल-इन बैलेट्स पर दिए गए अपने बयान को गलत बताने पर ट्विटर पर नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि टि्वटर फ्री स्पीच को पूरी तरह से रोकना चाहता है। राष्ट्रपति होने के नाते मैं ऐसा होने नहीं दूंगा।
हमारे लिए यह अहम है कि हम ज्यादा निष्पक्ष रहे: डोर्सी
डोर्सी ने गुरुवार को एक अन्य ट्वीट में कहा कि फैक्ट चेक करना हमें "सच्चाई का मोलभाव करने वाला" नहीं बनाता है। हमारा इरादा विवादास्पद बयानों की कड़ी जोड़ना और ऐसी सूचनाएं दिखाना है। ऐसा करने पर लोग खुद इन बयानों से न्याय कर सकेंगे। हमारे लिए यह अहम है कि हम ज्यादा निष्पक्ष रहे हैं। ऐसे में लोग खुद यह समझ जाएंगे कि हमने क्यों कोई फैक्ट चेकिंग की है।

क्यों ट्रम्प के दो टि्वट्स पर लगे फैक्ट चेक के लेबल?

उन्होंने ट्वीटर की सिविक इंटिग्रिटी पॉलिसी के बारे में बताया। इसमें यह बताया गया था कि क्यों 26 मई को किए गए ट्रम्प के दो टि्वट्स पर फैक्ट चेक का लेबल लगाया था। कंपनी के नियमों के मुताबिक, इसके प्लेटफॉर्म पर वोट देने, इसके लिए इस्तेमाल में लाए जाने वाले दस्तावेजों के बारे भ्रामक जानकारी नहीं दी जा सकती। इसके साथ ही चुनाव और दूसरी नागरिक प्रक्रियाओं के समय और तारीक के बारे में भी भरमाने वाली जानकारी नहीं दी जा सकती।



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ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी ने बुधवार को कहा कि वे अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फैक्ट चेकिंग जारी रखेंगे। 26 मई को राष्ट्रपति ट्रम्प ने टि्वटर पर फ्री स्पीच रोकने का आरोप लगाया था। (फाइल फोटो)

संसद ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लागू करने को मंजूरी दी, हॉन्गकॉन्ग का स्वायत्त क्षेत्र का दर्जा छिन सकता है May 27, 2020 at 10:34PM

चीन के संसद ने हॉन्गकॉन्ग में विवादास्पद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लागू करने की मंजूरी दे दी। इसे मंजूरी मिलने के साथ ही हॉन्गकॉन्ग से सेमी- ऑटोनमस( अर्ध-स्वायत्त) क्षेत्रहोने का दर्जा छिन सकता है। बीते गुरुवार को चीन की संसद में इस कानून का मसौदा पारित हुआ था। हालांकि लोगों के विरोध की वजह से इसे पारित नहीं कराया जा सका था। इस नए कानून को लाने में हॉन्गकॉन्ग के संसद को चीन सरकार ने नजरअंदाज कर दिया।
चीन सरकार ने जब से नया सुरक्षा कानून लाने की घोषणा की थी तब से ही इसका विरोध हो रहा था। बीते रविवार को कोरोना से जुड़ी पाबंदियों के बावजूदविवार हॉन्गकाॅन्ग में इस कानून के खिलाफ प्रदर्शनहुआ था। इसके बाद 360 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया था। पुलिस को लोगों को हटाने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े थे।
क्या है चीन का नया सुरक्षा कानून?
चीन के नया सुरक्षा कानून में हॉन्गकॉन्ग में देशद्रोह, आतंकवाद, विदेशी दखल और विरोध करने जैसी गतिविधियां रोकने का प्रावधान होगा। इसके तहत चीनी सुरक्षा एजेंसियां हॉन्कॉन्ग में काम कर सकेंगे। फिलहाल हॉन्कॉन्ग में चीन की सुरक्षा एजेंसियां काम नहीं कर सकती।कई मानवाधिकार संगठनों और अंतराष्ट्रीयसरकारों ने भी इस कानून का विरोध किया था।

अमेरिका हॉन्गकॉन्ग से विशेष व्यापार का दर्जा वापस लेगा

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा है कि हॉन्गकॉन्ग को अब पहले की तरह व्यापार का विशेष दर्जा नही मिलेगा। पहले इसे अमेरिकी कानून के ब्रिटिश रूल (जुलाई 1997 से पहले) के तहत वॉरंट स्पेशल ट्रीटमेंट का फायदा मिलता था,लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब यह मुख्य वित्तीय केंद्र नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका को उम्मीद थी कि हॉन्गकॉन्ग आजादी से काम करके चीन के लिए उदाहरण पेश करेगा। हालांकि अब यह स्पष्ट हो चुका है कि चीन हॉन्कॉन्ग को अपने मॉडल पर ढाल रहा है।
चीन के पास हमेशा से कानून बनाने का अधिकार था
हॉन्गकॉन्ग के लोगों का मानना है किराष्ट्रीय सुरक्षा देश के स्थायित्व का आधार है। इसमें छेड़छाड़ से उनके मौलिक अधिकारों का हनन होगा। चीन के पास हमेशा से हॉन्गकॉन्ग के मूल कानून में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लागू करने का अधिकार था, लेकिन वह अब तक ऐसा करने से परहेज करता रहा। हॉन्गकॉन्ग में सितंबर में चुनाव होने वाले हैं। पिछले साल जैसे लोकतंत्र समर्थकों को कामयाबी मिली, अगर वैसे ही जिला चुनाव में भी कामयाबी मिली तो फिर सरकार को बिल लाने में परेशानी हो सकती है।



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चीन की संसद में नया सुरक्षा कानून गुरुवार को पारित कर दिया गया। इस नए कानून के तहत तब अब चीनी एजेंसियां हॉन्गकॉन्ग में काम कर सकेंगी।

China parliament adopts plan to impose security law on Hong Kong May 27, 2020 at 09:51PM

Over 2,800 members of the National People's Congress (NPC) voted overwhelmingly in favour of the proposal to draft the law, which would punish secession, subversion of state power, terrorism and acts that endanger national security.

उइगर मुस्लमानों से भेदभाव पर कार्रवाई के लिए कानून बनाने के लिए बिल पारित, जिम्मेदार चीनी अधिकारियों का विजा रद्द किया जा सकेगा May 27, 2020 at 08:44PM

अमेरिकी संसद (हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव) में चीन में उइगर मुसलमानों से भेदभाव के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने वाला बिल बुधवार को बहुमत से पारित हो गया। बिल पास कराने के लिए हुई वोटिंग में इसके पक्ष में 413 वोट पड़े, जबकि विरोध में महज एक वोट पड़ा। अब इस बिल को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के पास भेजा जाएगा। ट्रम्प के इसपर साइन करते ही यह एक कानून बन जाएगा।इससे पहले अमेरिकी सिनेट में इस एक्ट को सिनेटर मार्को रुबियो ने पेश किया था। इसी महीने सिनेट में इसे सर्वसम्मति से पास किया जा चुका है।
चीन के शिनजियांग राज्य केसुदूर पश्चिमी क्षेत्र में उइगर मुसलमानों के साथ अत्याचार की रिपोर्ट कई बार सामने आई है। यहां पर उइगर मुसलमानों कोबढ़ीहुई दाढ़ी और ज्यादा बच्चे होने के कारण नजरबंद शिविरों में भेजने का भी खुलासा हुआ था।

जिम्मेदार चीनी अधिकारियों का विजा वापस ले सकेगा अमेरिका

नए कानून में मुसलमानों के उत्पीड़न और मानवाधिकार हनन के जिम्मेदार अधिकारियों का विजा वापस लेने का प्रावधान भी होगा। इसके साथ ही अमेरिकी विदेश विभाग को कहा गया है कि वह चीन के शिनजियांग राज्य में हुए मानवाधिकार हनन पर एक रिपोर्ट तैयार किया। हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव की की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने बिल के पेश किए जाने के बाद इसका समर्थन किया। उन्होंने कहा अगर अमेरिका कुछ व्यापारिक हितों के लिए चीन में मानवाधिकार उल्लंघन पर नहीं बोलेगा तो यह दुनिया में कहीं भी इस मुद्दे पर बोलने का नैतिक अधिकार खो देगा।

अमेरिकी सांसद शेरमैन ने कहा- हम उइगर के साथ

संसद में बिल पेश किए जाने से पहले सांसद ब्रैड शेरमैन ने कहा कि चीन ने आर्थिक ताकत से मानवाधिकार उल्लंघन की घटनाएं दबाने की कोशिश की है। मुसलमानों के मानवाधिकार उल्लंघन पर बोलने वाले देशों पर दबाव बनाया, जिससे वे चुप रहें।शेरमैन ने कहा कि हम लोग वैश्विक महामारी में घिरे हुए हैं। अब चीन चाहता है कि हम उइगर मुसलमानों का मुद्दा भूल जाएं। हमें इसे उठाना होगा। यह संदेश देना होगा कि हम उइगर के साथ हैं। हम दबे-कुचले लोगों के लिए लड़ेंगे और इसे कभी नहीं भूलेंगे।



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चीन के शिनजियांग प्रांत में करीब 20 लाख उइगर मुसलमानों के नजरबंद होने की बात कही जा रही है। अमेरिका ने बुधवार को उइगर मुसलमानों के मानवाधिकार हनन पर कार्रवाई करने का बिल पास किया।(फाइल फोटो)

US to end sanctions waiver for all countries in Iran nuclear deal May 27, 2020 at 09:11PM

European nations and other parties to the nuclear deal, including Russia and China, have continued to work with Iran within the framework of the 2015 pact, which eased economic sanctions on Tehran in exchange for limits on its nuclear programme. The waivers allowed companies from these countries to work with Iran on civil nuclear projects.