Friday, December 4, 2020

सीरिया से अपने आतंकियों को कश्मीर भेजने के फिराक में तुर्की, हर आतंकी को देगा करीब 1.5 लाख की फंडिंग December 04, 2020 at 09:24PM

पाकिस्तान का साथी देश तुर्की कश्मीर में आतंक फैलाने की साजिश रच रहा है। तुर्की सीरिया में लड़ रहे अपने कुछ आतंकियों को कश्मीर भेजने की फिराक में है। तुर्की की सरकारी मीडिया एजेंसी ने भी पाकिस्तान और कश्मीर के मामले को लेकर टिप्पणी की है। इसे अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच नागर्नो-कराबाख विवाद की तरह बताया है। तुर्की की मदद से दो हफ्ते पहले ही अजरबैजान ने इस इलाके पर कब्जा कर लिया है।

तुर्की की न्यूज एजेंसी एएनएफ न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है। इसके मुताबिक, सीरिया में तुर्की समर्थित सुलेमान शाह ब्रिगेड नामक आतंकी संगठन काम कर रहा है। यह तथाकथित सीरिया नेशनल आर्मी का हिस्सा भी है। इसकी अगुवाई करने वाले अबु एमशा ने पांच दिन पहले अपने लड़ाकों को जानकारी दी कि तुर्की कश्मीर मामले में पाकिस्तान की मदद करने का मन बना रहा है।

आतंकियों की भर्ती के लिए अभियान चला रहा तुर्की

अबु एमशा के मुताबिक तुर्की के अफसर जल्द ही ऐसे आतंकियों की लिस्ट मांगेंगे जो कश्मीर जाना चाहते हैं। इन सभी को आतंकी संगठन की ओर से 2 हजार अमेरिकी डॉलर (करीब 1.5 लाख रुपए) दिए जाएंगे। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक तुर्की कश्मीर में आतंकियों को चुनने के लिए एजाज, जाराब्लस, अल-बाब, अफरीन और इडलिब इलाके में अभियान चला रहा है। इन्हें एक ग्रुप में गुपचुप तरीके से कश्मीर भेजा जाएगा।

तुर्की कश्मीर मामले पर देता रहा है पाकिस्तान का साथ

तुर्की कश्मीर मामले पर लंबे समय से पाकिस्तान का साथ देता रहा है। यूएन ( संयुक्त राष्ट्र) समेत कई दूसरे ग्लोबल प्लेटफॉर्म्स पर कश्मीर का मु्द्दा उठाने में पाकिस्तान की मदद की है। पिछले साल यूएन के जनरल असेम्बली में तुर्की ने कश्मीर का मुद्दा उठाया था। भारत ने इसे अपने अंदरुनी मामले में दखल बताया था। पाकिस्तान भी तुर्की की ओर से उत्तरपूर्व सीरिया पर कब्जा करने की कोशिशों का समर्थन करता है।



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फोटो सीरिया में लड़ रहे तुर्की समर्थित सुलेमान शाह ब्रिगेड नामक आतंकी संगठन के आतंकियों की है। -फाइल फोटो

तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन बोले- मैक्रों फ्रांस के लिए मुसीबत, उम्मीद है वो जल्द हट जाएंगे December 04, 2020 at 08:26PM

तुर्की और फ्रांस के बीच रिश्तों में कड़वाहट बढ़ रही है। तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तैयब एर्दोगन के मुताबिक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों अपने देश के लिए मुसीबत हैं। एर्दोगन ने कहा- मुझे उम्मीद है कि फ्रांस को जल्द ही मैक्रों से छुटकारा मिल जाएगा। एर्दोगन फ्रांस सरकार के मुसलमानों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई से नाराज हैं। शुक्रवार को ही फ्रांस सरकार ने देश की मस्जिदों में सघन तलाशी और जांच अभियान शुरू किया है।

फ्रांस सरकार ने यह कार्रवाई अक्टूबर और नवंबर में हुए दो आतंकी हमलों में 6 लोगों के मारे जाने के बाद की है। पहली घटना पेरिस और दूसरी नीस शहर में हुई थी।

फ्रांस में खतरनाक हालात
एर्दोगन ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत की। इस दौरान कहा- मेरे हिसाब से मैक्रों फ्रांस के लिए परेशानी और बोझ बन गए हैं। उनकी लीडरशिप की वजह से फ्रांस में हालात खतरनाक हो गए हैं। मैं यही उम्मीद करता हूं कि फ्रांस को जल्द ही उनसे छुटकारा मिलेगा। फ्रांस की जनता को भी यही कोशिश करनी चाहिए कि वो जल्द से जल्द इस राष्ट्रपति से निजात पाए।
हाल ही में आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच जंग हुई थी। इस जंग में फ्रांस ने आर्मेनिया का साथ दिया था। तुर्की इसे बड़ी गलती बताता है। तुर्की ने युद्ध में खुलकर अजरबैजान का साथ दिया था।

मैक्रों ने नहीं दिया जवाब
एर्दोगन के कमेंट्स पर जब मैक्रों से रिएक्शन मांगा तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। मैक्रों ने कहा- हमें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए। मैं टकराव को बढ़ावा देने के हक में नहीं हूं। हालांकि, एक दिन पहले ही मैक्रों ने कहा था- एर्दोगन अपने ही देश के लोगों की आजादी छीन रहे हैं।

दोनों देशों की बीच तनाव
तुर्की सरकार का आरोप है कि फ्रांस इस्लामोफोबिया को बढ़ावा दे रहा है और वहां मुस्लिमों पर सख्ती की जा रही है। तुर्की सरकार ने इसके कई सबूत भी दिए। फ्रांस ने इन आरोपों को खारिज कर दिया। फ्रांस सरकार ने कहा कि वो आजादी की सीमा होती है और वो कट्टरता और अलगाववाद के खिलाफ कार्रवाई जारी रखेगा। फ्रांस सरकार ने कहा था- तुर्की सरकार फ्रांस के खिलाफ प्रोपेगंडा बंद करे। इसके बाद फ्रांस ने तुर्की से अपना एम्बेसेडर भी वापस बुला लिया था। फ्रांस ने कहा था- एर्दोगन बहुत खतरनाक रास्ता चुन रहे हैं। तुर्की को इसके गंभीर नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं।



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तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तैयब एर्दोगन ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को फ्रांस के लिए परेशानी बताया है। दोनों देशों के बीच कई महीनों से तनाव चल रहा है। (फाइल)

18 miners killed at a coal mine in China December 04, 2020 at 07:08PM

चीन में कोयला खदान में 18 मजदूरों की मौत, पांच लापता December 04, 2020 at 07:24PM

चीन में शनिवार सुबह एक कोयला खदान में जहरीली गैस के रिसाव से 18 मजदूरों की मौत हो गई। पांच मजदूर लापता बताए गए हैं, जबकि एक को सुरक्षित बचा लिया गया।

कुछ नाबालिग
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना दक्षिण-पश्चिम चीन के चोंगकियांग इलाके की एक खदान में शनिवार तड़के हुई। जानकारी के मुताबिक, खदान में कार्बन मोनोऑक्साइड का रिसाव हुआ। कुछ देर में ही दम घुटने से 18 मजदूरों दम तोड़ दिया। पांच अब भी लापता हैं। इनकी तलाश की जा रही है। एक मजदूर को बचा लिया गया है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, खदान में कुछ कम उम्र के लड़के भी थे।

खतरनाक खदानें
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, चीन की कोयला खदानें दुनिया में सबसे खतरनाक मानी जाती हैं। यहां मजदूरों की हिफाजत के लिए न के बराबर साधन मौजूद हैं। लिहाजा, हर साल हजारों दुर्घटनाएं होती हैं। एक अनुमान के मुताबिक, हर साल इस तरह की दुर्घटनाओं में पांच हजार से ज्यादा लोग मारे जाते हैं। 15 साल पहले खदानों की स्थिति सुधारने पर काम शुरू हुआ था। लेकिन, अब भी हादसे होते रहते हैं। चीन सरकार ने शनिवार की घटना पर अब तक आधिकारिक तौर पर जानकारी नहीं दी है।



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चीन की कोयला खदानों में हर साल पांच हजार मजदूरों की मौत हो जाती है। 15 साल पहले इनके हालात सुधारने के लिए नए नियम बनाए गए थे। लेकिन, हादसे अब भी जारी हैं। (फाइल)

US passes bill to name post office after slain Sikh police officer December 04, 2020 at 04:59PM

The US House of Representatives had passed the bipartisan legislation in September to rename the post office at 315 Addicks Howell Road in Houston as "Deputy Sandeep Singh Dhaliwal Post Office Building." The post office named after Dhaliwal in Houston is only the second American post office named after an Indian American. The first one was named after the first Indian American Congressman Dalip Singh Saund in Southern California in 2006.

US House passes bill to decriminalize marijuana December 04, 2020 at 04:48PM

The House of Representatives, controlled by Democrats, easily passed the bill by 228 votes to 164. It stands little chance however in the Senate, which is controlled by Republicans.

इटली में हालात फिर बेकाबू, अस्पतालों में बेड कम पड़े; अमेरिका में हर हफ्ते औसतन 1800 मौतें December 04, 2020 at 04:06PM

दुनिया में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 6.62 करोड़ के पार हो गया। 4 करोड़ 57 लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। अब तक 15 लाख 23 हजार से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। इटली में संक्रमण से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। यहां शुक्रवार को 993 मौतें हुईं। अस्पतालों में बेड कम पड़ते जा रहे हैं। सरकार ने साफ कर दिया है कि इस बार क्रिसमस, बॉक्सिंग डे और न्यू इयर प्रतिबंधों के साए में गुजरेंगे।

इटली में बेबस होती सरकार
यूरोपीय देशों में जो हालात मार्च और अप्रैल में थे, लगभग वही फिर बनने लगे हैं। फ्रांस और जर्मनी ने सख्त प्रतिबंधों और लॉकडाउन से कुछ हद तक इन पर काबू पाया है, लेकिन इटली में ऐसा नहीं है। शुक्रवार को यहां 993 लोगों की मौत हुई। अब तक कुल 58 हजार लोग संक्रमण से दम तोड़ तोड़ चुके हैं। इटली सरकार का कहना है कि अस्पतालों में बेड कम होते जा रहे हैं। सरकार ने ये भी साफ कर दिया है कि फेस्टिव सीजन में प्रतिबंध पहले से ज्यादा सख्त होंगे और लोगों को मानसिक तौर पर घर में ही रहने के लिए तैयार होना होगा।

अमेरिका में बेकाबू मौतें
अमेरिका में भी संक्रमण से हालात बद से बदतर हो रहे हैं। ‘द गार्डियन’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले हफ्ते औसतन हर दिन 1800 मौतें हुईं और यह अप्रैल के बाद सबसे खतरनाक हालात हैं। प्रेसिडेंट इलेक्ट जो बाइडेन ने ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन पर आरोप लगाया है कि उसने वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन के लिए सही प्लान नहीं बनाया और इसकी वजह से राज्यों को परेशानी हो रही है। बाइडेन ने कहा- मेरी टीम को अब तक डीटेल्ड प्लान नहीं मिला है। हमें वैक्सीन और सिरिंज कंटेनर्स का इंतजाम करना पड़ रहा है। बाइडेन ने ट्रम्प की कोरोना टास्क फोर्स में शामिल रहे डॉक्टर एंथोनी फौसी से अपील की है कि वे उनकी कोरोना टीम का हिस्सा बनें। फौसी ने अब तक इस पर जवाब नहीं दिया।

लास एंजिलिस एयरपोर्ट के बाहर एक हेल्थ चेक पॉइंट पर मौजूद हेल्थ वर्कर और पैसेंजर। अमेरिका में हर दिन औसतन 1800 मौतें हो रही हैं।

ऑस्ट्रेलिया में राहत
ऑस्ट्रेलिया में लोगों के संयम और सरकार के उपायों का असर दिखने लगा है। न्यू साउथ वेल्स और साउथ ऑस्ट्रेलिया सबसे ज्यादा प्रभावित थे लेकिन अब यहां हालात बिल्कुल काबू हैं। न्यू साउथ वेल्स में पिछले 24 घंटे में कोई स्थानीय संक्रमण का मामला सामने नहीं आया। हालांकि, सिडनी में विदेशी यात्रियों की वजह से खतरा बरकरार है और इसीलिए यहां प्रशासन ने होटल क्वॉरैंटीन फेसेलिटीज फिर शुरू कर दी हैं।

कोरोना प्रभावित टॉप-10 देशों में हालात

देश

संक्रमित मौतें ठीक हुए
अमेरिका 14,772,535 285,550 8,658,882
भारत 9,608,418 139,736 9,058,003
ब्राजील 6,534,951 175,981 5,744,369
रूस 2,402,949 42,176 1,888,752
फ्रांस 2,268,552 54,767 168,352
स्पेन 1,693,591 46,038 उपलब्ध नहीं
यूके 1,674,134 60,113 उपलब्ध नहीं
इटली 1,664,829 58,038 846,809
अर्जेंटीना 1,440,103 39,156 1,268,358
कोलंबिया 1,334,089 37,117 1,225,635

(आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं)



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शुक्रवार को इटली के बोगलिन शहर के एक हॉस्पिटल में गंभीर मरीज को आईसीयू में शिफ्ट करता स्टाफ। देश में शुक्रवार को कुल 993 मौतें हुईं।

BioNTech’s co-founder now among 500 richest people December 04, 2020 at 03:48PM

China turns on nuclear-powered 'artificial sun' December 04, 2020 at 04:16PM

2 Americans dying every min: Biden to call for 100 days of mask-wearing December 04, 2020 at 03:40PM

Bahrain 2nd nation to allow emergency use of Pfizer shot December 04, 2020 at 03:36PM

Coronavirus claims 1.5m lives globally, infections top 65m December 04, 2020 at 03:28PM

देश में किसान आंदोलन के 9 दिन पूरे, 10 राज्यों में सड़कें जाम; पेरु में भी जारी प्रदर्शन December 04, 2020 at 03:14PM

यह तस्वीर दिल्ली की नहीं, दक्षिण अमेरिकी देश पेरु की राजधानी लीमा की है। यहां के खेतिहर कामगार भी वहां के विवादित कृषि कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरे हैं। इन्होंने करीब 300 किमी लंबा पैनामेरिकाना सुर हाईवे 5 दिनों से जाम कर रखा है। इससे यहां सैकड़ों गाड़ियां फंसी हैं।

लीमा में हिंसक प्रदर्शन में दो लोगों की मौत हो चुकी है। 20 घायल हुए हैं।

अधिकतम सैलरी और लाभ में हिस्से की मांग: खेतिहर कामगारों का कहना है कि देश का कृषि कानून बेहद पुराना है। उन्हें अधिकतम सैलरी और खेती में लाभ का एक निश्चित हिस्सा मिलना चाहिए। पेरु में खेतिहर कामगारों को 39 हजार से 2.39 लाख रु. तक मासिक सैलरी मिलती है।



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300 किमी लंबा पैनामेरिकाना सुर हाईवे 5 दिनों से जाम है।

अमेरिका में एक दिन में सबसे ज्यादा 2.18 लाख नए संक्रमित आए, 2918 लोगों की मौत December 04, 2020 at 02:03PM

अमेरिका के कैलिफाेर्निया प्रांत में रहने वाली करीब 4 करोड़ आबादी क्रिसमस पर घरों में बंद रह सकती है। क्योंकि यहां सबसे सख्त लॉकडाउन लगाने की तैयारी की जा रही है। वजह है, कोरोना का बढ़ता संक्रमण। आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में 3 दिसंबर को सबसे ज्यादा 2,18,576 कोरोना मरीज मिले हैं। यहां एक दिन में सबसे अधिक 2,918 मौतें भी हुईं। कोरोना संक्रमण के मामले में देश के सर्वाधिक प्रभावित राज्यों में कैलिफाेर्निया शीर्ष 5 में शामिल है।

कैलिफाेर्निया में गुरुवार को एक दिन में कोरोना संक्रमण के 21,825 मामले सामने आए। ये देश के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे अधिक थे। जबकि मरने वालों के लिहाज से कैलिफाेर्निया एक दिन में 145 मौतों के साथ देश में 5वें नंबर पर रहा था। इन आंकड़ों के मद्देनजर राज्य के गवर्नर गैविन न्यूसोम ने कहा, ‘अगर आज हमने कार्रवाई नहीं की तो हमारी अस्पताल व्यवस्था चरमरा जाएगी। मरने वालों का आंकड़ा ऊपर जाता रहेगा।

बाहर जाना, खाना-पीना, खेलना-कूदना, सब बंद

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लॉकडाउन लागू होने पर बाहर जाकर खाना-पीना, घूमना-फिरना, खेलना-कूदना आदि सब पर रोक लगाई जा सकती है। गवर्नर न्यूसोम ने कहा भी, ‘हम लोगों को मशविरा दे रहे हैं कि बेवजह यहां-वहां घूमना कुछ समय के लिए बंद कर देना चाहिए।’ सैलून, ब्यूटी पार्लर आदि भी बंद रह सकते हैं।

बस 100 दिन मास्क, बीमारी पर काबू पा लेंगे : बाइडेन

अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन ने देश के लोगों से सिर्फ 100 दिन मास्क लगाने की अपील की है। उन्होंने कहा, ‘बस 100 दिन। हमेशा के लिए नहीं। सिर्फ 100 दिन मास्क पहन लें तो हम महामारी पर काबू पा लेंगे। मैं राष्ट्रपति बनने के पहले ही दिन लोगों से आधिकारिक तौर पर यह अपील करने वाला हूं।

त्योहारी सीजन में संक्रमण तेजी से फैलने की चिंता

कोरोना संक्रमण के मामले में अमेरिका दुनिया का सबसे अधिक प्रभावित देश है। वहां अब तक 1 करोड़ 45 लाख 35 हजार 196 लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। जबकि 2 लाख 82 हजार 829 लोग जान गंवा चुके हैं। इस मामले में विश्व का दूसरा सबसे प्रभावित देश भारत है, जहां 95 लाख 71 हजार 780 लोग संक्रमित हो चुके हैं।

भारत में संक्रमितों की संख्या त्योहारी सीजन (दशहरा-दीवाली) के बाद तेजी से बढ़ी है। यही अमेरिका की संघीय और राज्य सरकारों की भी चिंता है। क्योंकि पश्चिमी जगत के सबसे बड़े समारोह- क्रिसमस और न्यू ईयर अब आने वाले हैं। इसी के मद्देनजर लॉस एंजिलिस ने तो तीन सप्ताह का लॉकडाउन लागू भी कर दिया है।



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लंदन के समरसेट हाउस परिसर में डोम शेप्ड रेस्तरां फिर खुल गए हैं।

1 killed, 7 hurt in autorickshaw blast in Pakistan December 04, 2020 at 02:17AM

World War II veteran beats Covid, marks 104th birthday December 03, 2020 at 11:44PM

"I'm just thankful that they were able to treat him so quickly and we were able to get him tested," said McDonald, adding: "It's amazing that a 104 year old survived COVID." Madison Hospital shared video of Wooten wearing a face mask and waving while workers sang "Happy birthday dear Pop Pop" as he was discharged in a wheelchair decorated with balloons on Tuesday, two days before his actual birthday.

UK drugs regulator defends fast pace of vaccine approval December 04, 2020 at 12:00AM

US intelligence director says China is top threat to America December 03, 2020 at 11:42PM

AstraZeneca and Oxford's stories clash on Covid-19 vaccine December 03, 2020 at 11:15PM

The discrepancy, reported for the first time by Reuters, centres on the regimen administered to a smaller group of volunteers in the late-stage trials, of half a dose followed by a full dose. This diverged from the original plan of two full doses, given to the majority of participants. The half-dose pattern was found to be 90% effective, versus the 62% success rate of the two-full-dose main study, based on interim data.

Uighur Muslims forced to eat pork on Fridays December 03, 2020 at 10:39PM

गीतांजलि राव पहली किड ऑफ द इयर चुनी गईं, ड्रग्स और साइबर बुलींग के खिलाफ काम किया December 03, 2020 at 10:33PM

भारतीय मूल की अमेरिकी गीतांजलि राव को टाइम मैगजीन ने किड ऑफ द इयर चुना है। गीतांजलि महज 15 साल की हैं, लेकिन उन्होंने साइंस से जुड़ी कामयाबियां हासिल की हैं। टाइम मैगजीन ने गीतांजलि को साइंटिस्ट और इनवेंटर बताया है। मैगजीन ने पहली बार इस कैटेगरी में किसी को चुना है।

टाइम के मुताबिक, गीतांजलि ने पीने के पानी में प्रदूषण रोकने, अफीम की लत छुड़ाने और साइबर बुलींग रोकने के लिए शानदार काम किया है। इसलिए मैगजीन ने अपने कवर पेज पर उन्हें जगह दी है। उन्होंने इन समस्याओं को दूर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से ऐप और क्राेम एक्सटेंशन तैयार किए।

5000 नॉमिनेशंस में से चुनी गईं
मैगजीन को पहले किड ऑफ द इयर के लिए 5 हजार से ज्यादा नॉमिनेशन मिले थे। इनमें से सिर्फ गीतांजलि को चुना गया। इससे पहले टाइम स्पेशल के लिए उनका इंटरव्यू एक्टर और एक्टिविस्ट एंजेलिना जोली ने लिया था।

नई जेनरेशन कई समस्याओं का सामना कर रही
गीतांजलि ने इंटरव्यू में कहा- हमारी जेनरेशन कई ऐसी परेशानियों से जूझ रही है, जो पहले कभी नजर नहीं आईं। पुरानी समस्याएं भी कायम हैं। एक ओर हम महामारी का सामना कर रहे हैं तो दूसरी ओर मानवाधिकार से जुड़ी समस्याएं भी हैं। क्लाइमेट चेंज और साइबर बुलींग जैसी समस्याओं को हमने पैदा नहीं किया। हालांकि, हमें तकनीक की मदद से इन्हें सुलझाना होगा।

टाइम के कवर पर जगह पाने वाली सबसे कम उम्र की लड़की
गीतांजलि टाइम मैगजीन के कवर पर जगह पाने वाले सबसे कम उम्र की लड़की हैं। पिछले साल क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग को 16 साल की उम्र में मैगजीन ने पर्सन ऑफ दी इयर चुना था। मैगजीन 1927 से ही हर साल खास उपलब्धि हासिल करने वाले लोगों को मैन ऑफ इयर चुनती है। हर साल यह अपने कैटेगरी को अपडेट करती है।



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टाइम मैगजीन ने पहली बार अपने कवर पर किसी बच्चे को जगह दी है। इसके लिए पांच हजार नॉमिनेशन में से भारतवंशी गीतांजलि राव को चुना गया। उन्हें किड ऑफ द इयर घोषित किया गया है।