Friday, September 4, 2020

अमेरिकी मैगजीन का दावा- ट्रम्प ने जान गंवाने वाले सैनिकों को लूजर्स कहा; बाइडेन बोले- मेरा बेटा इराक में तैनात रहा, वो हारा नहीं था September 04, 2020 at 08:41PM

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के लिए नई मुश्किल खड़ी हो गई है। अटलांटिक मैगजीन के मुताबिक- ट्रम्प ने युद्ध में मारे गए अमेरिकी सैनिकों को लूजर्स (हारने वाला) कहा है। ट्रम्प खुद को लंबे अरसे से आर्म्ड फोर्सेस का चैंपियन बताते रहे हैं। उन्होंने सेना को फिर मजबूत करने का दावा भी किया है। लेकिन, सैनिकों के लिए कथित तौर पर पराजित शब्द का इस्तेमाल करने के बाद अब उनको डेमोक्रेट्स और दूसरे विरोधियों का सामना करना पड़ रहा है।

बाइडेन ने कहा- करियर में कभी इतना निराश नहीं हुआ
डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडेन ने भी ट्रम्प की आलोचना की है। उन्होंने कहा- मेरा बेटा बीयू बाइडेन इराक में तैनात रहा। वह तो नहीं हारा था। 2015 में उसकी ब्रेन कैंसर से मौत हो गई थी। आप कैसा महसूस करते, अगर आपका बेटा इस वक्त अफगानिस्तान में होता। अगर आप बेटा, बेटी, पति या पत्नी खो दें तो कैसा लगेगा?" बाइडेन ने ट्रम्प के बयान को अपमानजनक, गैर अमेरिकी और घटिया बताया। कहा- मैं करियर में इतना निराश कभी नहीं हुआ।

ट्रम्प बोले- ये बयान कभी नहीं दिया, सैनिक असली हीरो
दूसरी तरफ, ट्रम्प डैमेज कंट्रोल की कोशिश कर रहे हैं। उनके मुताबिक, उन्होंने सैनिकों को लूजर वाला बयान कभी दिया ही नहीं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, " यह फर्जी कहानी है। लोग इस तरह के आरोप कैसे लगा सकते हैं। मेरे लिए सैनिक रियल हीरो हैं।” हालांकि, इस दौरान उन्होंने एक पूर्व मिलिट्री ऑफिसर जॉन एफ कैली पर निशाना साधा। कैली व्हाइट हाउस में चीफ ऑफ स्टाफ रह चुके हैं। कैली पर ट्रम्प ने कहा, "वे काबिल नहीं थे। अच्छा काम भी नहीं किया। इसलिए मैंने उन्हें निकाल दिया।"

अटलांटिक मैगजीन ने क्या लिखा?
अटलांटिक मैगजीन की रिपोर्ट के मुताबिक- ट्रम्प 2018 में फ्रांस गए थे। इस दौरान उन्होंने वर्ल्ड वार-1 में मारे गए अमेरिकी सैनिकों के स्मारक पर जाने से इनकार कर दिया था। तब बारिश भी हो रही थी। मैगजीन का आरोप है कि तब ट्रम्प ने एक अफसर से कहा था- मुझे उस स्मारक पर क्यों जाना चाहिए? वहां तो लूजर्स (हारे हुए ये पराजित) हैं।" इस दौरान केवल चार लोग मौजूद थे। हालांकि, रिपोर्ट में उनके नाम नहीं बताए गए हैं।

सेना का 'स्टार एंड स्ट्राइप्स' अखबार बंद नहीं होगा
मिलिट्री टाइम्स के नए पोल के मुताबिक सैनिकों में बाइडेन (41%) की ट्रम्प (37%) पर बढ़त है। इसको देखते हुए राष्ट्रपति ट्रम्प ने तुरंत सेना के साथ चल रहे मुद्दों को निपटाने की कोशिश की है। उन्होंने घोषणा की है कि वह मिलिट्री के इंडिपेंडेंट न्यूजपेपर 'स्टार एंड स्ट्राइप्स ' की फंडिंग खत्म नहीं करेंगे। ट्रम्प ने कहा- यह अखबार सेना को जानकारी देता रहेगा। टैबलॉयड आकार का यह पेपर 1860 से चल रहा है। ट्रम्प की यह घोषणा इसलिए अहम हो जाती है क्योंकि अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने अखबार को 30 सितंबर तक बंद करने का आदेश दिया था।

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डोनाल्ड ट्रम्प के मुताबिक, उन्होंने कभी सैनिकों को अपमानित करने वाला बयान नहीं दिया। विपक्ष उनके एक पुराने बयान को मुद्दा बना रहा है। यह बयान अटलांटिक मैगजीन ने पब्लिश किया था।

Mexico states run out of death certificates September 04, 2020 at 05:57PM

Gas pipeline blast kills 11 praying at Bangladesh mosque September 04, 2020 at 06:53PM

An underground gas pipeline near a mosque exploded during evening prayers outside the capital of Bangladesh, leaving at least 11 Muslim worshipers dead and dozens injured with critical burns, officials said Saturday.

अमेरिकी एनएसए ने कहा- चुनाव प्रभावित करने के लिए चीन ने बड़ा प्रोग्राम बनाया, उसे इसके गंभीर नतीजे भुगतने होंगे September 04, 2020 at 06:21PM

अमेरिका के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर रॉबर्ट ओब्रायन के मुताबिक, चीन अमेरिका की राजनीति और खासतौर पर राष्ट्रपति चुनाव को बड़े पैमाने पर प्रभावित करने की तैयारी कर रहा है। ओब्रायन ने साजिश शब्द का इस्तेमाल तो नहीं किया, लेकिन ये जरूर साफ कर दिया कि चीन के इस खेल में रूस और ईरान भी शामिल हैं।

2016 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प को जीत मिली थी। तब रूस पर आरोप लगे थे कि उसने चुनाव को न सिर्फ प्रभावित किया बल्कि ट्रम्प की मदद की।

अमेरिकी एनएसए ने क्या कहा
मीडिया से बातचीत के दौरान रॉबर्ट ने कहा- इंटेलिजेंस कमेटी ने चुनाव के बारे में कई बातें साफ कर दी हैं। सबसे पहले चीन का नाम आता है। उसने हमारे चुनाव को प्रभावित करने के लिए सबसे बड़ा प्रोग्राम बनाया है। वो अमेरिका की राजनीति पर असर डालना चाहता है। इसके बाद ईरान और रूस का नाम आता है। ये तीन देश हैं जो हमारे चुनाव में रुकावट डालना चाहते हैं।

नतीजे भी भुगतने होंगे
ब्रायन ने कहा- हमारी राजनीति और चुनाव को प्रभावित करने के लिए बड़े पैमाने पर सायबर एक्टीविटीज कर रहा है। लेकिन, मैं बात और साफ कर दूं। अमेरिका इस बारे में सब जानता है और हमने इससे निपटने की पुख्ता तैयारियां की हैं। हम इस तरह की साजिशों को नाकाम करने में सक्षम हैं।
एनएसए ने कहा- हम पहले भी साफ तौर पर चीन, रूस और ईरान को चेतावनी दे चुके हैं। आज फिर दे रहे हैं कि अगर उन्होंने अमेरिकी सियासत या चुनाव में दखलंदाजी तो उन्हें इसके गंभीर नतीजे भुगतने होंगे।

चीन को लेकर विदेश नीति फेल
एक सवाल के जवाब में रॉबर्ट ने कहा- 40 साल से हम चीन को लेकर सही विदेश नीति नहीं बना सके। इसका खामियाजा उठा रहे हैं। हमने उसकी मिलिट्री की हरकतों को लेकर आंखें बंद रखीं। वो हमारे आईपी एड्रेस और बिजनेस सीक्रेट चुराता रहा। आज हमारे दोस्तों और अपने पड़ोसियों को धमका रहा है। ट्रम्प ने चीन को लेकर बेहद सख्त रवैया अपनाया। चीन हमारी तरह बनना चाहता है। इसमें कोई दिक्कत नहीं। लेकिन, वहां मानवाधिकारों की हालत देखिए, कितनी खराब है। एफबीआई के डायरेक्टर भी कह चुके हैं चीन ने इतिहास की सबसे बड़ी बौद्धिक चोरी की है।

इतना सख्त बयान क्यों
दरअसल, अगस्त में यूएस नेशनल काउंटर इंटेलिजेंस एंड सिक्योरिटी कमेटी की मीटिंग हुई थी। इसके डायरेक्टर विलियम ईवानिना ने तब कहा था- चीन चाहता है कि डोनाल्ड ट्रम्प यह चुनाव हार जाएं। जबकि, रूस बिडेन की जीत नहीं चाहता। हालांकि, सार्वजनिक तौर पर विलियम ने दोनों ही देशों के खिलाफ कोई सबूत नहीं दिए थे। उन्होंने ईरान पर भी साजिश में शामिल होने के आरोप लगाए थे। हालांकि, रूस ने बयान जारी कर सभी आरोप खारिज कर दिए थे।



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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर रॉबर्ट ओब्रायन। ओब्रायन के मुताबिक- चीन ने अमेरिकी चुनाव को प्रभावित करने के लिए एक बड़ा प्रोग्राम बनाया है। (फाइल)

China, Iran, Russia seeking to undermine US elections: NSA September 04, 2020 at 05:59PM

China, Iran and Russia are the three countries that are seeking to undermine US elections, US National Security Adviser (NSA) Robert O'Brien has alleged noting that some of them prefer Democratic presidential candidate Joe Biden as the next White House occupant.

ट्रम्प ने कहा- भारत और चीन के बीच सीमा पर हालात बेहद खतरनाक, अमेरिका मदद को तैयार; प्रधानमंत्री मोदी को अच्छा दोस्त बताया September 04, 2020 at 05:38PM

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत और चीन के सीमा विवाद को खतरनाक बताया है। उन्होंने कहा- दोनों देशों के बीच सीमा पर हालात बेहद खतरनाक है और चीन इसे बढ़ा रहा है। मैं इस मामले में दोनों देशों की मदद करना चाहता हूं। इस बारे में भारत और चीन से बातचीत भी की जा रही है।

प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए ट्रम्प ने कहा- नरेंद्र मोदी मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं। वो शानदार तरीके से काम कर रहे हैं। राष्ट्रपति चुनाव में मुझे भारतीय मूल के लोगों का पूरा समर्थन मिलेगा।

मदद को तैयार
व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा- भारत और चीन के बीच सीमा विवाद बेहद खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। चीन इसे तनाव को बढ़ा रहा है। लेकिन, हम चाहते हैं कि यह मामला हल हो। मैं इसमें मदद करने को तैयार हूं। हम दोनों देशों के संपर्क में हैं। अगर मामले को सुलझाने में हम कुछ भी कर सकते हैं तो इसके लिए हमेशा तैयार हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या चीन भारत को धमका रहा है? ट्रम्प ने कहा- ऐसा निश्चित तौर पर हो सकता है।

मोदी की तारीफ
ट्रम्प ने प्रधानमंत्री के बारे में पूछे गए एक सवाल पर कहा- नरेंद्र मोदी मेरे दोस्त हैं और शानदार नेता है। वो बेहतरीन काम कर रहे हैं जबकि हालात मुश्किल हैं। मोदी बड़े नेता ही नहीं बल्कि बेहतरीन व्यक्ति भी हैं। फरवरी के भारत दौरे का जिक्र करते हुए ट्रम्प ने कहा- वो बहुत अच्छा दौरा था। भारत के लोग बहुत अच्छे हैं।

ह्यूस्टन के हाउडी मोदी कार्यक्रम को भी ट्रम्प ने बेहतरीन बताया। कहा- भारत और प्रधानमंत्री मोदी से हमें काफी सपोर्ट मिला है। मुझे पूरा भरोसा है कि चुनाव में भारतीय मूल के लोग ट्रम्प को ही वोट देंगे।

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फोटो अगस्त 2019 की है। तब फ्रांस के बियारिट्स में जी-7 समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मुलाकात की थी। ट्रम्प ने कहा था कि मोदी की अंग्रेजी बहुत अच्छी है, पर वे अभी नहीं बोल रहे। इस पर मोदी ने उनके हाथ पर थपकी दी थी।

डब्ल्यूएचओ ने कहा- 2021 के बीच तक सभी देशों में पहुंच सकेगी वैक्सीन, इस साल के अंत तक फेज-3 का ट्रायल पूरा होना मुश्किल; दुनिया में 2.67 करोड़ केस September 04, 2020 at 04:15PM

दुनिया में कोरोनावायरस के अब तक 2 करोड़ 67 लाख 75 हजार 48 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 1 करोड़ 88 लाख 84 हजार 512 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 8 लाख 78 हजार 150 लोगों की मौत हो चुकी है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि 2021 के मध्य तक ही कोरोना वैक्सीन को दुनियाभर में पहुंचाया जा सकता है। डब्ल्यूएचओ की चीफ साइंटिस्ट डॉ. सौम्या स्वामिनाथन ने शुक्रवार को एक प्रेस ब्रीफिंग में इसकी जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि 2021 की दूसरी या तीसरी तिमाही तक दुनियाभर के देशों में वैक्सीन पहुंच सकती है। यह टाइमलाइन इस आधार पर तय की गई है कि दुनियाभर में जिन वैक्सीन का फेज-3 का ट्रायल चल रहा है वह इस साल के अंत तक पूरा नहीं होता दिख रहा। ट्रायल पूरा होने के बाद ही वैक्सीन का बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जा सकेगा।

इन 10 देशों में कोरोना का असर सबसे ज्यादा

देश

संक्रमित मौतें ठीक हुए
अमेरिका 63,89,055 1,92,111 36,34,850
ब्राजील 40,91,801 1,25,584 32,78,243
भारत 40,20,239 69,635 31,04,512
रूस 10,15,105 17,649 8,32,747
पेरू 6,70,145 29,405 4,89,886
कोलंबिया 6,50,062 20,888 4,98,221
साउथ अफ्रीका 6,35,078 14,678 5,57,818
मैक्सिको 6,16,894 66,329 4,30,287
स्पेन 5,17,133 29,418 उपलब्ध नहीं
अर्जेंटीना 4,61,882 9,623 3,31,621

ब्राजील: 51 हजार से ज्यादा नए मामले
ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि यहां 24 घंटे में 51 हजार 194 मामले आए हैं और 907 लोगों की मौत हुई है। देश में अब तक 40 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। वहीं, 1.25 लाख से ज्यादा की जान जा चुकी है। संक्रमण के मामले में ब्राजील दुनिया में दूसरे नंबर पर है।

ब्राजील के ब्रासीलिया में पिछले बुधवार को एक समारोह के दौरान राष्ट्रपति जॉयर बोल्सोनारो कुछ इस तरह से नजर आए।

मैक्सिको: 24 घंटे में 522 की जान गई
मैक्सिको में बीते 24 घंटे में संक्रमण के 6196 नए मामले सामने आए हैं और 522 लोगों की जान गई है। देश में कुल 6 लाख 23 हजार 90 लोग संक्रमित हो चुके हैं और 66 हजार 851 लोगों की मौत हुई है। सरकार का मानना है कि संक्रमित लोगों की वास्तविक संख्या की अभी तक सामने आए मामलों से बहुत ज्यादा है।

मैक्सिको में म्यूजियम फिर से खोल दिए गए हैं। यहां मेक्सिको सिटी के डिएगो रिवेरा म्यूरल म्यूजियम में एक विजिटर को सैनिटाइज करता कर्मचारी।


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स्पेन में एक बार फिर से स्कूल खुलने वाले हैं। यहां रोंडा में एक टीचर का सैंपल लेते हेल्थवर्कर।

चीन में स्कूल-कॉलेज, सिनेमा हॉल खुले; लेकिन बीजिंग में विदेशियों की सीधी एंट्री बैन September 04, 2020 at 04:13PM

कोरोना के संक्रमण को लेकर भले ही चीन दुनिया के आरोपों से घिरा हो, मगर इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता कि आज सिर्फ चीन में ही आर्थिक गतिविधियां और सामान्य जनजीवन पूरी तरह शुरू हो चुके हैं।

बाकी दुनिया में कहीं मजदूरों की कमी तो कहीं वैश्विक मांग घटी है, लेकिन चीन में निर्माण इकाइयों में पूरी क्षमता से उत्पादन हो रहा है। ज्यादातर देशों में जहां वर्क फ्रॉम होम अब न्यू नॉर्मल बन गया है, वहीं चीन में दफ्तर फिर पूरी स्टाफ क्षमता के साथ खुल चुके हैं।

सार्वजनिक परिवहन के साधन पूरी क्षमता के साथ चल रहे हैं। स्कूल-कॉलेज भी खुल चुके हैं। चीन की राजधानी बीजिंग में मौजूदा हालात और इसकी वजहों पर यह ग्राउंड रिपोर्ट...

स्कूल: किंडरगार्टन से कॉलेज तक सब खुले
पूरे चीन में केजी से लेकर कॉलेज तक खुल चुके हैं। ये अच्छे से चल रहे हैं। सिर्फ विदेशी छात्र वाले उच्च शिक्षण संस्थान पूरी तरह नहीं खुले हैं।

दफ्तर: कर्मचारियों के सैनिटाइजेशन के लिए यूवी गेट
दफ्तरों में कर्मचारियों के सैनिटाइजेशन के लिए यूवी किरणों वाले गेट लगाए गए हैं। तबीयत बिगड़ने पर कर्मियों को तुरंत छुट्‌टी दी जा रही है।

बाजार: पहले 35 तो अब 85% लोग पहनते हैं मास्क
बीजिंग के थोक बाजार दो महीने बंद रहने के बाद फिर पूरी तरह खुल चुके हैं। महामारी से पहले यहां 30-35% लोग मास्क पहनते थे। अब 80-85% लोग पहनते हैं। नकद लेन-देन लगभग खत्म है।

परिवहन : एंट्री के लिए कोरोना निगेटिव सर्टिफिकेट
सार्वजनिक परिवहन, अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू हो चुकी हैं। 36 यूरोपीय, 13 एशियाई देशों के यात्री आ सकते हैं, पर पांच दिन पहले तक जारी किया गया कोरोना निगेटिव सर्टिफिकेट अनिवार्य है।

बीजिंग : यहां आने से पहले अन्य शहर में क्वारैंटाइन
चीन के साथ फास्ट ट्रैक संधि करने वाले देशों के यात्रियों को 48 घंटे, अन्य को 14 दिन क्वारैंटाइन रहना होता है। बीजिंग आने से पहले अन्य 16 एयरपोर्ट्स में से किसी पर उतरना होता है। क्वारैंटाइन पूरा होने के बाद बीजिंग में आ सकते हैं।

उद्योग : पूरी क्षमता से हो रहा है उत्पादन
चीन में खुली फैक्ट्रियों में मजदूरों की कमी नहीं है। वैश्विक बाजार में मांग घटने से हर सेक्टर में अनलिस्टेड मजदूर बढ़े हैं। सरकार ने उद्योगों को पूरी क्षमता से उत्पादन करने और नए बाजार ढूंढने को कहा है। 2020-21 की पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था में गिरावट आई थी। अब सुधार है।

जन स्थान : सिर्फ सिनेमा में 33% क्षमता की पाबंदी
पर्यटन स्थल और पार्क खुल चुके हैं। पर्यटकों की आवाजाही भी जारी है। सिर्फ सिनेमाहॉल 33% क्षमता पर खुल रहे हैं।

कैसे काबू : 2003 का सार्स वायरस का अनुभव काम आया

  • चीन के अधिकारियों का 2003 का सार्स वायरस से जुड़ा अनुभव सबसे ज्यादा कारगर रहा। कोविड-19 और सार्स का 75% जीनोम एक समान है।
  • चीन में सरकार का नियंत्रण सख्त है। यहां सरकार की लगाई पाबंदी तोड़ने का प्रश्न ही नहीं उठता। लोग पाबंदी का 100% पालन करते हैं।
  • टेस्टिंग किट्स से लेकर वेंटीलेटर जैसे स्वास्थ्य उपकरणों की सप्लाई पूरी दुनिया को चीन करता है। ऐसे में देश में स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता पूरी है।


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पूरे चीन में केजी से लेकर कॉलेज तक खुल चुके हैं। ये सभी अच्छे से चल रहे हैं।

क्या हो अगर ट्रम्प बैलट वोटिंग से धोखाधड़ी का बहाना बनाकर राष्ट्रपति पद छोड़ने से मना कर दें? कितनी डरावनी होगी इलेक्शन वाली रात और आने वाले दिन September 04, 2020 at 04:04PM

यह 3 नवंबर की शाम है और अमेरिका में सभी लोग घबराए हुए स्क्रीन पर नजरें टिकाए हैं। सभी को चुनाव परिणामों का इंतजार है। शुरुआती रुझानों से लग रहा है कि यह रात डोनाल्ड ट्रम्प के लिए शानदार होने वाली है। पोलिंग स्टेशनों के वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है। ट्रम्प पेंसिलवेनिया, विस्कॉन्सिन और मिशिगन से जीत हासिल करते दिख रहे हैं।

हालांकि, अभी तक इन राज्यों में मेल इन बैलट की गिनती शुरू नहीं हुई है। इसके बावजूद ट्रम्प जल्दबाजी में अपनी जीत का ऐलान कर देते हैं। ऐसा ही कुछ दूसरे रिपब्लिकन कैंडिडेट भी करते हैं। मीडिया शिकायत करता है कि सबकुछ जल्दबाजी में हो रहा है, लेकिन ट्रम्प तो अपनी खुशियों में सराबोर हैं।

ट्रम्प धोखाधड़ी की बात कहेंगे
डेमोक्रेट्स को पता है कि मेल इन बैलट के जरिए डाले गए 40% वोटों की गिनती होनी बाकी है। ये वोट जो बाइडेन के लिए अहम साबित होने वाले हैं। इन सबसे अनजान ट्रम्प समर्थक अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पा रहे हैं। उनका उतावलापन बढ़ गया है। जैसे ही मेल इन बैलट की गिनती शुरू होती है, ट्रम्प पिछड़ने लगते हैं।

हालांकि, अभी भी नतीजों को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं हैं। ट्रम्प ने अब दूसरा रास्ता अपना लिया है। उन्होंने धोखाधड़ी होने की बात कहकर नाराजगी जाहिर करना शुरू कर दिया है।

इसके बाद पूरे देश में बवाल
कुछ हफ्तों में ही मेल इन बैलट को लेकर कई केस दायर किए जा चुके हैं। हर जगह इसे चुनौती दी जा रही है। कुछ ऐसे हालात बन रहे हैं, जैसे 2000 में फ्लोरिडा में बने थे। लेकिन अब बात केवल एक राज्य की नहीं है, यह सबकुछ पूरे देश में हो रहा है। इस बार एक साथ कई राज्यों में आवाज उठ रही है। बैलट पर साइन में गड़बड़ी होने को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। देशभर में इसे लेकर बवाल हो रहे हैं।

तब ट्रम्प खुद की जीत घोषित करेंगे
इस बीच, ट्रम्प कहते हैं कि वे डेमोक्रेट्स को चुनाव के नतीजों में हेराफेरी नहीं करने देंगे। वे खुद की जीत घोषित कर देते हैं। अब सवाल उठता है कि जब वे अपने कैम्पेन के लिए व्हाइट हाउस का इस्तेमाल कर सकते हैं तो अब उन्हें कौन रोकेगा? रिपब्लिकंस का एक वर्ग भी सड़कों पर उतर कर ट्रम्प की बातों को जायज ठहराने में जुट गया है।

अब लेफ्टिस्ट भी सड़कों पर
इन सबके बीच लेफ्टिस्ट भी सड़कों पर उतर चुके हैं। इनमें ऐसे लोग भी हैं जो नस्लवादियों और विद्रोहियों को जड़ से उखाड़ फेंकना चाहते हैं। इन लोगों को देश में अशांति पैदा करने का मौका मिल गया है। वे हिंसक हो चुके हैं। मॉडरेट्स और लिबरल्स अपने सिर झुका चुके हैं, ताकि वे हिंसक भीड़ का शिकार न हो जाएं। लेकिन, अब देश का गणतंत्र खतरे में हैं। लेकिन, इस हिंसा से कोई हल नहीं निकलेगा।

हॉन्गकॉन्ग और बेलारूस जैसे प्रदर्शन होंगे
अगर ट्रम्प एक ऐसी जीत पर दावा करते हैं जो वाकई उनकी नहीं है तो सड़कों पर उतरकर कुछ रैलियां भर कर लेने से कुछ नहीं होगा। इसके लिए लोगों को कार्रवाई करनी होगी। ठीक उसी तरह से जैसा हॉन्गकॉन्ग और बेलारूस में किया गया। लोकतंत्र को बचाने के इच्छुक लोगों को इसे तबाह करने वालों के खिलाफ एकजुट होना होगा।

इस तरह दो तरीके से विरोध किया जा सकता है। पहला तो यह कि कट्टर देशभक्ति से काम किया जाए। दूसरा यह हो कि पूरे अनुशासन में रहकर संविधान को बचाने की कोशिश हो। 1960 का सिविल राइट मूवमेंट इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। अश्वेतों ने दशकों तक शांतिपूर्ण आंदोलन किया। बिना हिंसा के उस आंदोलन ने पूरे देश के दिलो दिमाग पर जीत हासिल की थी।

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Latest News On America Election; What Will You Do if Trump Doesn’t Leave?

ट्रम्प ने कहा- मैंने अमेरिका को जंग से बचाया; उत्तर कोरिया के मामले में जो हुआ वह इसका सबसे बड़ा उदाहरण September 04, 2020 at 02:37PM

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पेन्सिलवेनिया में एक भव्य रैली का आयोजन किया। यहां उन्होंने कहा- जब मैं डेमोक्रेट्स से रूस के बारे में बातें सुनता हूं, तो न्यूज बंद कर देता हूं। वे हमेशा कहते हैं कि ट्रम्प कट्टरपंथी है। वो हमें जंग की तरफ धकेल रहा है। सच्चाई ये है कि मैंने आपको जंग से बचाया। उत्तर कोरिया के मामले में क्या हुआ? मैंने किम जोंग उन से बातचीत की। यह सबसे बड़ा उदाहरण है।

ट्रम्प ने कहा कि अब मैं रूस के साथ हूं, तो आप ही बताइए ये अच्छी बात है या बुरी? मुझे लगता है कि यह अच्छी बात है। रैली में ट्रम्प ने बाइडेन के मास्क पहनने का मजाक उड़ाया। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है, उन्हें दिमागी दिक्कत है।

पेन्सिलवेनिया में ट्रम्प को सुनने के लिए उनके समर्थक काफी संख्या में मौजूद रहे।

बाइडेन ने जेकब ब्लेक के परिवार से मुलाकात की

डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन शुक्रवार को पुलिस द्वारा मारे गए अश्वेत जैकब ब्लेक के परिजनों से मिलने पहुंचे। विस्कॉन्सिन की बाइडेन की यह पहली यात्रा थी। उन्होंने ग्रेस लुथरान चर्च में अश्वेत समुदाय के नेताओं से भी मुलाकात की।

विस्कॉन्सिन के ग्रेस लुथरान चर्च में अश्वेत समुदाय के लोगों से बात करते डेमोक्रेट कैंडिडेट जो बाइडेन।

हमारे पास देश का सदियों पुराना पाप धोने का मौका: बाइडेन

बाइडेन ने विस्कॉन्सिन रैली में कहा- हम ऐसे मोड़ पर खड़े हैं, जहां हमारे पास इस देश के सदियों पुराने पाप धोने का मौका है। अमेरिका को 400 साल से चली आ रही गुलामी से मुक्त करना होगा। इस दौरान उनके प्रचार का अंदाज ट्रम्प के अंदाज से बिल्कुल उलट नजर आया। जहां बाइडेन एक घंटे तक जैकब के परिवार के साथ रहे। वहीं, ट्रम्प ने जैकब का जिक्र तक नहीं किया।

विस्कॉन्सिन में अश्वेत समुदाय से लोगों से चर्चा करते जो बाइडेन।

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डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को पेन्सिलवेनिया के लेट्राबो शहर में चुनावी रैली की। इस दौरान उन्होंने एक बार फिर से डेमोेक्रेट कैंडिडेड बाइडेन की सेहत का मुद्दा उठाया।

Macron decries 'Islamic separatism,' defends blasphemy September 04, 2020 at 03:05AM

French President Emmanuel Macron criticized Friday what he called “Islamic separatism” in his country and those who seek French citizenship without accepting France's “right to commit blasphemy.”

ट्रम्प बोले- मैंने देश को जंग से बचाया, नॉर्थ कोरिया इसकी मिसाल; बिडेन के मास्क लगाने पर तंज कसा, कहा- उनको दिमागी तौर पर दिक्कत है September 04, 2020 at 12:38AM

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने डेमोक्रेटिक पार्टी के उस आरोप को खारिज कर दिया है जिसमें कहा गया था कि ट्रम्प अमेरिका को जंग की तरफ ले जा रहे हैं। पेन्सिलवेनिया के लेट्राबो शहर में एक चुनावी रैली के दौरान ट्रम्प ने कहा- मैंने अमेरिका को युद्ध से बचाया है। नॉर्थ कोरिया का उदाहरण सामने है। इसी रैली में ट्रम्प ने एक तरह से राष्ट्रपति पद के डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जोए बिडेन के हमेशा मास्क पहनने पर भी तंज कसा। कहा- मुझे तो लगता है कि उनके साथ कुछ दिमागी दिक्कत है।

रूस के साथ ट्रम्प
रूस को लेकर ट्रम्प ने अपने रुख का बचाव किया। कहा- मैं जब लोगों (डेमोक्रेट्स) से रूस के बारे में बातें सुनता हूं तो न्यूज बंद कर देता हूं। ये लोग हमेशा कहते हैं कि ट्रम्प कट्टरपंथी है। वो हमें जंग की तरफ धकेल रहा है। सच्चाई ये है कि मैंने आपको जंग से बचाया। नॉर्थ कोरिया के मामले में क्या हुआ? मैंने किम जोंग उन से बातचीत की। और अब, अगर मैं रूस का साथ के साथ हूं तो आप ही बताइए ये अच्छी बात है या बुरी? मुझे लगता है कि यह अच्छी बात है।

हमेशा रूस ही क्यों, चीन क्यों नहीं?
ट्रम्प ने डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद एडम शिफ का जिक्र किया। कहा- शिफ तो डेमोक्रेट हैं। वे कहते हैं कि रूस को हम हमेशा दुश्मन ही क्यों मानते हैं। चीन के बारे में बात क्यों नहीं करते। यही सिलसिला फिर शुरू हो गया है। जहां देखिए वहीं रूस,रूस और रूस की बात। दूसरे देशों के साथ मिलकर चलने में क्या बुराई है? मेरे हिसाब से यह अच्छी बात है।
ट्रम्प ने रूस का बचाव ऐसे वक्त किया है जबकि दो दिन पहले ही होमलैंड सिक्योरिटी ने कहा था कि रूस अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने की साजिश रच रहा है। 2016 में आरोप लगे थे कि रूस ने ट्रम्प का साथ दिया।

बिडेन का मजाक उड़ाया
रैली में ट्रम्प ने जोए बिडेन का मजाक उड़ाया। इशारों में बताया कि वो कैसे अपना मास्क बार-बार ठीक करते हैं। ट्रम्प ने कहा- क्या आपने ऐसा कोई और व्यक्ति देखा है जो मास्क को उनके (बिडेन) जितना पसंद करता हो। कई बार तो वे सिर्फ इसलिए मास्क को लटकाए रहते हैं ताकि उन्हें सेफ फील हो। अगर मैं मनोचिकित्सक होता तो कहता कि इस आदमी के साथ कुछ तो दिक्कत है।



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गुरुवार को पेन्सिलवेनिया के लेट्राबो शहर में रैली को संबोधित करते हुए डोनाल्ड ट्रम्प। यहां उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट जोए बिडेन पर तंज कसा।

Search resumes for possible Beirut blast survivor after pulse detected September 03, 2020 at 11:11PM

Trump urges Iran to spare life of popular wrestler September 03, 2020 at 10:48PM

President Donald Trump has urged Iran not to execute 27-year-old Navid Afkari, a popular wrestler who authorities say killed a man during 2018 anti-government rallies. The July verdicts that were reported in August prompted an outcry both in Iran and internationally. Earlier this week, Afkari's mother said the confession to the killing was made under torture.

EPA chief pledges more cleanups, less focus on climate September 03, 2020 at 10:13PM

रिपोर्ट्स में दावा- साउथ चाइना सी में ताइवान ने चीन का सुखोई फाइटर जेट मार गिराया, चीन के जंगी विमान उसकी हवाई सीमा में घुसे थे September 03, 2020 at 10:26PM

मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि ताइवान ने अपनी हवाई सीमा में घुसपैठ करने वाले चीन के सुखोई एयरक्राफ्ट को मार गिराया। फाइटर जेट क्रैश हो गया लेकिन इसका पायलट सुरक्षित है। क्रैश हुए एयरक्राफ्ट के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। हालांकि, किसी भी पक्ष ने इसकी पुष्टि नहीं की।

चीन बीते महीनों में कई बार ताइवान की जल और वायु सीमा का उल्लंघन करते हुए उसे धमकाने की कोशिश कर रहा था। गुरुवार को भी चीन का एक फाइटर जेट ताइवान की हवाई सीमा में घुसा था।

अमेरिकी मिसाइल का इस्तेमाल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ताइवान ने चीन के सुखोई विमान को मार गिराने के लिए अमेरिकी मिसाइल का इस्तेमाल किया। हालांकि, यह कौन सी मिसाइल है, इसका खुलासा फिलहाल नहीं हो सका। इस घटना के बाद चीन और ताइवान में तनाव बढ़ने की आशंका है। दक्षिणी चीन सागर में अमेरिका भी पूरी तैयारी के साथ मौजूद है। उसका निमित्ज वॉरशिप यहां मौजूद है। इस पर 120 फाइटर जेट्स मौजूद हैं।

अमेरिका ने साफ कर दिया है कि दक्षिण चीन सागर में चीन की धमकियां काम नहीं आएंगी। अमेरिका क्षेत्र के सभी छोटे देशों के साथ खड़ा है और चीन को जवाब दिया जाएगा।



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मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि ताइवान ने शुक्रवार को रूस का एक सुखोई फाइटर जेट मार गिराया। (फाइल)

China witnessed 'earth-shaking' changes under CPC leadership: Xi Jinping September 03, 2020 at 09:36PM

President Xi Jinping put up a staunch defence of the ruling Communist Party, saying the country has witnessed "earth-shaking changes" under its leadership, amid strident criticism especially from the US that it pursued a totalitarian ideology.

आज मॉस्को में चीन के रक्षा मंत्री से हो सकती है राजनाथ की मुलाकात; शेड्यूल में नहीं है इस बातचीत का कार्यक्रम September 03, 2020 at 09:42PM

लद्दाख में जारी तनाव के बीच आज मॉस्को में भारत और चीन के रक्षा मंत्रियों की मुलाकात की उम्मीद है। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) की मीटिंग के सिलसिले में रूस में हैं। इसमें चीन के डिफेंस मिनिस्टर वेई फेंग्हे भी हिस्सा ले रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन वेई की तरफ से राजनाथ से मुलाकात की इच्छा जताई गई है। आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि फिलहाल नहीं हो पाई है।

शेड्यूल में नहीं है मीटिंग
राजनाथ तीन दिन के दौरे पर रूस में हैं। यहां एससीओ की मीटिंग से इतर भी उनके कुछ कार्यक्रम हैं। रूस और भारत के बीच रक्षा सौदों पर बातचीत का एक दौर हो चुका है। रूसी रक्षा मंत्री से भी राजनाथ मुलाकात कर चुके हैं। लेकिन, राजनाथ के मॉस्को रवाना होने के पहले ही भारतीय विदेश मंत्रालय ने साफ कर दिया था कि चीन के रक्षा मंत्री से मुलाकात का कार्यक्रम राजनाथ के शेड्यूल में नहीं है। गुरुवार को न्यूज एजेंसी ने बताया था कि चीन इस बात की कोशिश कर रहा है दोनों रक्षा मंत्रियों की मुलाकात हो। इसके लिए डिप्लोमैटिक लेवल पर कोशिश भी की जा रही है।

गंभीर प्रयास करे चीन
भारत ने चीन से कहा है कि सीमा विवाद सुलझाने और तनाव कम करने के लिए वो गंभीर प्रयास करे। गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा- तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर बातचीत चल रही है।

भारतीय सेना ने कुछ दिनों पहले पैंगोन्ग सो लेक के दक्षिणी हिस्से पर कब्जे करने की चीन की साजिश नाकाम कर दी थी। चीनी सैनिकों को इस हिस्से से खदेड़ दिया गया था। इसके बाद चीन की तरफ से गुरुवार सुबह एक बयान में कहा गया था कि दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ सकता है।



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रूस यात्रा पर गए राजनाथ सिंह गुरुवार को भारतीय दूतावास भी पहुंचे। यहां उन्होंने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर फूल चढ़ाए। चीन के रक्षा मंत्री भी इस समय मॉस्को में हैं। माना जा रहा है कि उनकी राजनाथ से मुलाकात हो सकती है।

NATO to meet on poisoning of Putin critic Navalny September 03, 2020 at 08:46PM