Thursday, December 24, 2020

किसान आंदोलन में दखल के लिए 7 US सांसदों की पोम्पियो को चिट्ठी, भारत बोला- ये अंदरूनी मसला December 24, 2020 at 07:32PM

अमेरिका के सात सांसदों ने विदेश मंत्री माइक पोम्पियो को चिट्ठी लिखी है। पत्र में पोम्पियो से अपील की गई है कि वे किसान आंदोलन के मुद्दे पर भारत सरकार से बातचीत करें। खत लिखने वालों में भारतीय मूल की सांसद प्रमिला जयपाल भी शामिल हैं। जयपाल के अलावा इस लेटर पर डोनाल्ड नॉरक्रॉस, ब्रेंडन एफ बॉयल, ब्रायन फिट्जपैट्रिक, मैरी गे स्कैनलन, डेबी डिंगेल और डेविड ट्रोन के साइन हैं।

हालांकि भारत विदेशी नेताओं के किसान आंदोलन पर बयानों को खारिज करते हुए इन्हें घरेलू मामलों में दखलंदाजी करार दे चुका है। इससे पहले कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने किसान आंदोलन को समर्थन दिया था।

23 दिसंबर को लिखा गया था लेटर
पोम्पियो को लिखे पत्र में अमेरिकी सांसदों ने कहा कि इस आंदोलन की वजह से कई भारतीय अमेरिकी प्रभावित हो रहे हैं। इसकी वजह यह है कि उनके रिश्तेदार पंजाब या भारत के दूसरे हिस्सों में रहते हैं। इसलिए आप अपने भारतीय समकक्ष (विदेश मंत्री एस जयशंकर) के सामने यह मुद्दा उठाएं। सांसदों ने यह खत 23 दिसंबर को लिखा था।

किसानों के अधिकारों के साथ
सांसदों ने कहा कि संवैधानिक पद पर होते हुए हम भारत सरकार की नेशनल पॉलिसी निर्धारण के अधिकार का सम्मान करते हैं। हम भारत और विदेशों में उन लोगों के अधिकारों को भी स्वीकार करते हैं जो इन दिनों में कृषि कानूनों के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं, क्योंकि वे इसे अपनी आर्थिक सुरक्षा पर चोट के रूप में देख रहे हैं।

26 नवंबर से आंदोलन कर रहे किसान
नए कृषि कानूनों के खिलाफ देश में किसान संगठन 26 नवंबर के दिल्ली बॉर्डर पर जमे हुए हैं। पंजाब, हरियाणा और देश के अन्य राज्यों के किसानों की मांग है कि सरकार इन कानूनों को वापस ले। किसानों और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है।

कनाडा के PM ने भी दिया था बयान
इससे पहले कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने गुरुनानक जयंती के दिन भारत के प्रदर्शनकारी किसानों का समर्थन करते हुए कहा था कि हालात चिंताजनक हैं। हम हमेशा शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के पक्ष में रहे हैं। इस पर विदेश मंत्रालय ने सख्त ऐतराज जताया था। मंत्रालय ने कहा था कि ऐसे बयान हमारे अंदरूनी मामलों में दखलंदाजी है, ऐसा बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। यह जारी रहा तो दोनों देशों के रिश्तों को गंभीर नुकसान हो सकता है।



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भारतीय मूल की प्रमिला जयपाल (बाएं) समेत अमेरिका के सात सांसदों ने विदेश मंत्री माइक पोम्पियो को लेटर लिखकर भारत में चल रहे किसान आंदोलन के मुद्दे पर भारत सरकार से बात करने की अपील की है।

तुर्की कंपनी ने इमरान सरकार से माफी मांगने को कहा, अगली नीलामी में हिस्सा लेने से भी इनकार December 24, 2020 at 07:25PM

पाकिस्तान सरकार की हरकत से तुर्की की एक बड़ी कंपनी नाराज हो गई है। लाहौर में मौजूद इस कंपनी के ऑफिस पर मंगलवार को पुलिस ने रेड की थी। कुछ कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया था और इनसे मारपीट भी की गई थी। कंपनी का नाम अल्बायर्क एंड ओज्पैक ग्रुप है। कंपनी पर रेड के बाद इसके प्रोजेक्ट मैनेजर केग्री ओजेल ने पाकिस्तान सरकार को खत लिखकर माफी मांगने को कहा है। कंपनी ने अगली नीलामी में हिस्सा लेने से भी इनकार कर दिया।

पुलिस की रेड क्यों हुई, किसी को नहीं पता
अल्बायर्क एंड ओज्पैक ग्रुप ने लाहौर में कचरा प्रबंधन (क्लीनिंग सर्विस) करने का ठेका लिया था। इसकी 760 गाड़ियां और हजारों कर्मचारी इस काम को अंजाम दे रहे हैं। मंगलवार को अचानक लाहौर की एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉड ने इसके ऑफिस पर छापा मारा। कंपनी का आरोप है कि कई घंटे तक उसके कर्मचारियों को मैदान में खड़ा रहने को कहा गया। कुछ लोगों से मारपीट भी की गई। बाद में पुलिस कुछ कर्मचारियों को लेकर लौट गई।

अब तक लाहौर पुलिस ने इस मामले पर न तो कोई बयान जारी किया है और न ये बताया है कि यह छापे क्यों मारे गए। पाकिस्तान सरकार ने अब तक इस मामले पर चुप्पी साध रखी है।

तुर्की में भी चर्चा
पाकिस्तानी पुलिस की इस हरकत पर तुर्की में भी हलचल है। वहां की सरकारी एजेंसी एनादोलू ने मामले से संबंधित खबरें भी जारी की हैं। कंपनी ने ऑफिशियल स्टेटमेंट जारी कर कहा- हमारी टीम से बदलूकी और मारपीट हुई। कर्मचारियों से कहा गया कि वे गाड़ियां और क्लीनिंग टूल्स पुलिस थाने लेकर आएं। हमारा कॉन्ट्रैक्ट अब भी खत्म नहीं हुआ है। लेकिन, हम इन हालात में काम नहीं करेंगे।
कंपनी का कॉन्ट्रैक्ट 31 दिसंबर तक है। लेकिन, इस मामले के बाद उसने साफ कर दिया है कि वो आगे ठेका लेने के लिए नीलामी में हिस्सा नहीं लेगी। कंपनी ने कहा है कि उसने पाकिस्तान में 15 लाख डॉलर इन्वेस्ट किए हैं।

खराब हो सकते हैं रिश्ते
पाकिस्तान सरकार और लाहौर पुलिस की चुप्पी हैरान करने वाली है। पाकिस्तान और तुर्की के रिश्ते हालिया कुछ साल में मजबूत हुए हैं। कश्मीर मुद्दे पर यूएन और दूसरे प्लेटफॉर्म्स पर तुर्की ने पाकिस्तान का समर्थन किया है। अगर उसकी कंपनियों से इमरान खान सरकार इस तरह का बर्ताव करेगी तो तुर्की भी जवाब देगा और रिश्तों में तनाव आएगा।



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पाकिस्तान के लाहौर में तुर्की कंपनी के ऑफिस पर पुलिस रेड का मामला बढ़ता जा रहा है। कंपनी ने इमरान खान सरकार से माफी मांगने को कहा है। (फाइल)

EU and Britain seal post-Brexit trade deal December 24, 2020 at 06:19PM

Boris Johnson: Britain's great Brexit gambler December 24, 2020 at 06:25PM

Saved from garbage, Russian cat lands on its feet in minister's chair December 24, 2020 at 06:15PM

Surveillance footage at a waste-sorting plant in Ulyanovsk, near Moscow, on Monday, showed worker Mikhail Tukash scooping up a white plastic bag from a conveyor belt and slashing it open to discover a cat inside. The male cat became a local celebrity who now has been adopted by the environment ministry and unofficially given the position of deputy environment minister.

Trump golfs in Florida as Covid relief hangs in the balance December 24, 2020 at 05:27PM

To mark the holiday, the president and first lady Melania Trump tweeted out a pre-recorded video message in which they wished Americans a Merry Christmas and thanked first responders and members of the military.

US जर्नलिस्ट डेनियल पर्ल के चार हत्यारे आतंकी रिहा, अमेरिका ने कहा- यह बहुत गंभीर मामला December 24, 2020 at 05:32PM

पाकिस्तान के सिंध हाईकोर्ट ने अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की 2002 में हुई हत्या के चार दोषियों को रिहा करने के आदेश दिए हैं। पाकिस्तान की इस हरकत पर अमेरिका भड़क गया। अमेरिका ने कहा है कि यह बहुत गंभीर मामला है और इसे सहन नहीं किया जा सकता।

डेनियल पर्ल अमेरिकी पत्रकार थे। 2002 में वो आतंकी संगठनों पर एक इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट करने पाकिस्तान गए थे। इसी दौरान उन्हें अगवा किया गया। बाद में सिर कलम कर दिया गया था। इस मामले में चार आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था।

चारों आतंकी रिहा
पर्ल की हत्या के सिलसिले में चार आतंकियों अहमद उमर शेख, फहद नसीम, शेख आदिल और सलमान साकिब को गिरफ्तार किया गया था। ये सभी कथित तौर पर 18 साल से जेल में थे। लेकिन, सिंध हाईकोर्ट ने इनकी रिहाई के आदेश दिए और ये सभी जेल से बाहर भी आ गए।

देश से बाहर भी जा सकेंगे
पाकिस्तान सरकार के वकीलों ने इस केस में ऐसी पैरवी का हुनर दिखाया कि न सिर्फ इन्हें रिहा करा लिया बल्कि एग्जिट कंट्रोल लिस्ट (ECL) से भी इन चारों का नाम हटवा दिया। इसका मतलब ये हुआ कि अब ये चारों आतंकी बिना किसी रोकटोक के देश से बाहर भी घूम सकेंगे।

अमेरिका सख्त
दक्षिण एशिया के मामले देखने वाले अमेरिकी विदेश विभाग के विशेष मंत्रालय ने कहा- हम इन आतंकियों की रिहाई पर बहुत फिक्रमंद हैं। इन लोगों ने एक अमेरिकी नागरिक और पत्रकार की बेरहमी से हत्या की थी। हम हालात पर पैनी नजर बनाए हुए हैं। पर्ल के परिवार को इंसाफ दिलाना हमारी जिम्मेदारी है। इस तरह की चीजें सहन नहीं की जा सकतीं। 38 साल के पर्ल उस वक्त ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ के लिए काम करते थे।



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फोटो 2002 की है। तब अमेरिकी अखबार ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ के पत्रकार डेनियल पर्ल को पाकिस्तान में अगवा किया गया था। बाद में उनका सिर कलम कर दिया गया था। चारों आतंकियों को गिरफ्तार किया गया। अब इन्हें रिहा कर दिया गया है।

ब्रिटेन के PM जॉनसन ने कहा- लॉकडाउन नहीं लगेगा, देश में एक दिन में 574 संक्रमितों की मौत December 24, 2020 at 04:29PM

दुनिया में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 7.97 करोड़ के ज्यादा हो गया। 5 करोड़ 61 लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। अब तक 17 लाख 48 हजार से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने देश में लॉकडाउन लगाने से इनकार कर दिया है। जॉनसन का यह बयान उस वक्त आया है जब गुरुवार को एक ही दिन में मौतों का आंकड़ा 574 बढ़ गया।

ब्रिटेन से दो अपडेट्स
पहला-
बोरिस जॉनसन ने देश में लॉकडाउन की संभावना से साफ तौर पर इनकार कर दिया है। जॉनसन के मुताबिक, हालात पर जल्द काबू करने की कोशिशें जारी हैं। ब्रिटेन में गुरुवार को एक ही दिन में मरने वालों का आंकड़ा 574 बढ़ गया। इसके पहले यानी बुधवार को 744 संक्रमितों की मौत हुई थी। देश में अब तक कुल मिलाकर 69,625 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके साथ ही कुल मामलों में भी 39 हजार से ज्यादा वृद्धि देखी गई। सरकार की दिक्कत तब और बढ़ गई जब देश में एक हफ्ते में दो नए कोविड-19 वेरिएंट देखने मिले। इन पर वैज्ञानिक रिसर्च कर रहे हैं।

दूसरा - देश में वैक्सीनेशन ड्राइव भी तेजी से चलाई जा रही है। अब तक 6 लाख लोगों को वैक्सीन का पहला डोज दिया जा चुका है। ब्रिटेन ने यूरोप में फाइजर-बायोएनटेक को सबसे पहले मंजूरी दी थी। यहां इस महीने के शुरू में वैक्सीनेशन शुरू हुआ था। सरकार का कहना है कि बहुत जल्द देश के सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में वैक्सीनेशन प्रॉसेस पूरा किया जाएगा।

कैलिफोर्निया में मामले 20 लाख हुए
अमेरिका में कोरोना से राहत के संकेत नहीं हैं। यहां कुछ राज्यों में हालात बेहद खराब हो चुके हैं। इनमें कैलिफोर्निया का नाम सबसे पहले लिया जा सकता है। अकेले इस राज्य में मामले 20 लाख से ज्यादा हो चुके हैं। देश में अब तक तीन लाख 26 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

क्रिसमस पर खतरा ज्यादा
यूरोपीय देश क्रिसमस पर भी सहमे नजर आ रहे हैं। ज्यादातर देशों ने प्रतिबंधों में किसी तरह की ढील नहीं दी। इटली और जर्मनी में तो लॉकडाउन रहेगा, लेकिन फ्रांस ने काफी हद तक हालात संभाले। लिहाजा, यहां के बड़े शहरों में सख्त नियमों के साथ दुकानें खोलने की मंजूरी दी गई है। अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रम्प पत्नी मेलानिया के साथ छुट्टियां मनाने अपने आलीशान रिजॉर्ट चले गए हैं। इसकी आलोचना हो रही है क्योंकि अमेरिका में संक्रमण पर काबू पाने की कोशिशें कामयाब नहीं हो पाईं हैं।

ज्यादातर देशों की सरकारों ने चेतावनी जारी की है। इनका कहना है कि क्रिसमस पर लोग एक जगह न जुटें। इसकी वजह से संक्रमण ज्यादा तेजी से फैल सकता है और हालात फिर बेकाबू हो सकते हैं।

कोरोना प्रभावित टॉप-10 देशों में हालात

देश

संक्रमित मौतें ठीक हुए
अमेरिका 19,111,326 337,066 11,219,123
भारत 10,147,468 147,128 9,717,198
ब्राजील 7,425,593 190,032 6,448,740
रूस 2,963,688 53,096 2,370,857
फ्रांस 2,527,509 62,268 188,639
यूके 2,188,587 69,625 N/A
तुर्की 2,100,712 19,115 1,935,292
इटली 2,009,317 70,900 1,344,785
स्पेन 1,869,610 49,824 N/A
जर्मनी 1,614,326 29,681 1,184,400

(आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं)



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गुरुवार को लंदन के एक हॉस्पिटल के बाहर मौजूद हेल्थ वर्कर और एम्बुलेंस। ब्रिटेन में गुरुवार को कुल 574 संक्रमितों की मौत हुई।

प्लेट में खाना छोड़ा तो एक लाख रुपए का जुर्माना, रेस्तरां के पास होगी कानूनी ताकत December 24, 2020 at 03:11PM

पिछले कुछ महीनों में दुनिया के कई देशों के साथ चीन के संबंधों में खटास आई है। अमेरिका के खिलाफ ट्रेड वॉर के अलावा चीन भारत के साथ लद्दाख में LAC पर तनातनी जारी है। ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, जापान जैसे देश भी चीन को संदेह भरी नजरों से देख रहे हैं। इससे चीन के आयात-निर्यात पर असर पड़ा है। कोरोना महामारी के दौर में हालात और खराब हो गए है। ऐसे हाल में चीन खाद्य संकट से गुजर रहा है।

चीन के खाद्य संकट को इस बात से समझा जा सकता है कि LAC पर तनाव के बावजूद चीन ने भारत से चावल आयात करने का फैसला किया है। अब इसका मुकाबला करने के लिए चीन ने नई पॉलिसी बनाई है। वहां खाना बर्बाद करने पर लोगों और रेस्टोरेंट्स पर जुर्माना लगाया जाएगा। यह सब राष्ट्रपति शी जिनपिंग के ‘ऑपरेशन एम्प्टी प्लेट’ के तहत किया जा रहा है, ताकि लोगों को उतना ही खाने को प्रेरित किया जाए, जितने की उन्हें जरूरत है।

लोगों की संख्या से ज्यादा डिश ऑर्डर नहीं कर सकेंगे

नई पॉलिसी के मुताबिक, रेस्टोरेंट में खाना खाने वाला कोई समूह अपने सदस्यों की संख्या से ज्यादा डिश ऑर्डर नहीं कर सकता है। नए नियमों में प्लेट में खाना छोड़ने पर 10 हजार युआन (करीब 1.12 लाख रुपए) तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। रेस्टोरेंट्स को भी यह कानूनी ताकत दी जाएगी कि वे खाना छोड़ने वालों पर जुर्माना लगा सके।

खाना बर्बाद करने की आदत बदलना चाहती है चीन सरकार

चीन सरकार ओवर ईटिंग को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों पर रोक लगाने की योजना भी तैयार कर रही है। चाइना एकेडमी ऑफ साइंस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ बीजिंग और शंघाई में लोग हर साल इतना खाना छोड़ या फेंक देते हैं, जिससे तीन से पांच करोड़ लोगों को पूरे साल खाना खिलाया जा सके। खाद्य संकट के बीच चीन की सरकार लोगों की बर्बादी वाली इस आदत को बदलना चाहती है।

स्टडी में दावा: चीन में 50 करोड़ से ज्यादा लोग ओवरवेट

देश में बढ़ते मोटापे को लेकर भी जिनपिंग सरकार चिंतित है। चीन के राष्ट्रीय हेल्थ कमीशन की स्टडी के मुताबिक, 50 करोड़ से ज्यादा लोग ओवरवेट हैं। यानी उनका वजन सामान्य से ज्यादा है। 2002 में वहां मोटापे की दर 7.1% थी। यह 2020 में बढ़कर 16.4% हो गई। रिपोर्ट में शारीरिक गतिविधियां कम होने को मोटापे की वजह बताया गया है।



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चाइना एकेडमी ऑफ साइंस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ बीजिंग और शंघाई में लोग हर साल इतना खाना छोड़ देते हैं, जिससे तीन से पांच करोड़ लोगों को पूरे साल खाना खिलाया जा सके। -फाइल।

6.2-magnitude earthquake rocks Philippines: USGS December 24, 2020 at 02:29PM

ब्रेग्जिट ट्रेड डील पर ब्रिटेन और यूरोपियन यूनियन राजी, EU के सिंगल मार्केट का हिस्सा नहीं रहेगा UK December 24, 2020 at 06:14AM

ब्रिटेन और यूरोपियन यूनियन के बीच गुरुवार को ट्रेड डील पर समझौता हो गया है। इस पर दोनों पक्षों में 10 महीने से सौदेबाजी चल रही थी। ब्रिटेन इन दिनों कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन की मार झेल रहा है। यूरोप के कई देशों ने ब्रिटेन से जुड़ी सीमा बंद कर दी है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि यह समझौता देश को उथल-पुथल से बचाएगा। इस डील पर दोनों पक्षों की संसद में वोटिंग होगी। इसके लिए ब्रिटेन में बुधवार को सत्र बुलाया गया है।

ब्रिटेन के यूरोपियन यूनियन से अलग होने का एक साल पूरा होने वाला है। इससे पहले ही यह डील फाइनल हुई। इससे तय हो गया कि अब ब्रिटेन अगले कुछ दिन में यूरोपीय यूनियन के इकोनॉमिक स्ट्रक्चर से अलग हो जाएगा। हालांकि, 27 देशों के ग्रुप EU और ब्रिटेन के बीच भविष्य में कैसे रिश्ते होंगे, इस मसला अब भी अनसुलझा है। ब्रिटेन के PM बोरिस जॉनसन ने सोशल मीडिया पर डील पूरी होने की जानकारी दी।

ब्रिटेन और EU के बीच 3 मुद्दों पर अटका था मामला

कई महीने तक चले तनाव और टीका-टिप्पणी के बीच धीरे-धीरे दोनों पक्षों ने तीन बड़े मुद्दों पर मतभेद दूर कर लिए। इनमें फेयर कॉम्पिटीशन रूल्स, भविष्य में होने वाले विवादों को सुलझाने का मैकेनिज्म तैयार करना और ब्रिटेन के समुद्र में यूरोपीय यूनियन की नावों को मछली पकड़ने का अधिकार देना शामिल है। मछली पकड़ने का मुद्दा इस डील में सबसे बड़ी रुकावट बना हुआ था।

जॉनसन ने कहा था- डील नहीं हुई तो भी फायदे में ब्रिटेन

इससे पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस डील के लिए 15 अक्टूबर तक की डेडलाइन तय की थी। उन्होंने कहा था कि अगर तब तक डील नहीं हुई, तो ब्रिटेन बिना शर्त यूरोपीय यूनियन से पूरी तरह अलग हो जाएगा। जॉनसन ने कहा था कि समझौता तभी हो सकता है जब EU दोबारा इस पर विचार करे। वहीं EU ने ब्रिटेन पर डील को गंभीरता से नहीं लेने आरोप लगाए थे। जॉनसन ने जोर देकर कहा था कि अगर यह डील नहीं हुई तो भी ब्रिटेन फायदे में रहेगा।

उस वक्त जॉनसन का मानना था कि ब्रेग्जिट के बाद ब्रिटेन को वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (WTO) की शर्तों पर यूरोपीय संघ के साथ कारोबार करना होगा। हालांकि, सरकार का मानना था कि गलत तरीके से ब्रिटेन के अलग होने से बंदरगाहों पर ग्रिड लॉक होने की आशंका बन जाएगी। इससे देश में कुछ चीजों की कमी हो जाएगी और खाने-पीने की चीजों की कीमतें बढ़ जाएंगी। ब्रिटेन 31 जनवरी को यूरोपीय यूनियन से बाहर हो गया था। इस प्रोसेस को ही ब्रेग्जिट कहा गया था। 31 दिसंबर को उसका इकोनॉमिक ट्रांजेक्शन पीरियड खत्म हो रहा है।

यूरोपियन कमीशन ने बताया ब्रिटेन को क्या नुकसान होंगे

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ब्रिटेन में अब भी कई लोग मानते हैं कि EU से अलग होना ठीक नहीं है। इससे उन्हें कई तरह के नुकसान होंगे। डील पर समझौता होने के बाद यूरोपियन कमीशन ने भी एक चार्ट जारी किया। इसमें बताया गया है कि EU से अलग होने से ब्रिटेन के लोगों के लिए क्या बदल जाएगा। इसमें ब्रिटेन को नए स्टेटस तीसरे देश के तौर पर दिखाया गया है।

ब्रिटेन को EU में रहना घाटे का सौदा लगता था

यूरोपियन यूनियन में 28 देशों की आर्थिक और राजनीतिक भागीदारी थी। इसके तहत इन देशों में सामान और लोगों की बेरोकटोक आवाजाही होती है। ब्रिटेन को लगता था कि EU में बने रहने से उसे नुकसान है। उसे सालाना कई अरब पाउंड मेंबरशिप के लिए चुकाने होते हैं। दूसरे देशों के लोग उसके यहां आकर फायदा उठाते हैं। इसके बाद ब्रिटेन में वोटिंग हुई। ज्यादातर लोगों ने EU छोड़ने के लिए वोट दिया। इसके बाद 31 जनवरी 2020 को ब्रिटेन ने EU छोड़ दिया था।

इसकी जरूरत क्यों पड़ी?

ब्रिटेन की यूरोपियन यूनियन में कभी चली ही नहीं। इसके उलट ब्रिटेन के लोगों की जिंदगियों पर EU का नियंत्रण ज्यादा है। वह कारोबार के लिए ब्रिटेन पर कई शर्तें लगाता है। ब्रिटेन के सियासी दलों को लगता था कि अरबों पाउंड सालाना मेंबरशिप फीस देने के बाद भी ब्रिटेन को इससे बहुत फायदा नहीं होता। इसलिए ब्रेग्जिट की मांग उठी थी।



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ब्रेक्जिट यानी यूरोपियन यूनियन से अलग होने के लिए ब्रिटेन में वोटिंग कराई गई थी। इसके नतीजों ने ब्रेक्जिट पर मुहर लगाई थी। लोगों ने कई जगह प्रदर्शन कर खुशियां मनाई थीं। फोटो में ब्रिटेन के पार्लियामेंट स्क्वायर पर जमा हुए लोग। -फाइल।

मुंबई हमले के मास्टर माइंड को एक और केस में 15 साल जेल; 5 मामलों में अब तक 36 साल की सजा December 24, 2020 at 05:11AM

मुंबई में हुए आतंकी हमले के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा के चीफ हाफिज सईद को पाकिस्तान की एक अदालत ने 15 साल की सजा सुनाई है। टेरर फंडिंग के मामले में गुरुवार को यह फैसला आया। उस पर दो लाख पाकिस्तानी रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।

70 साल के सईद को पहले भी इसी तरह के चार मामलों में 21 साल की सजा हो चुकी है। 5 मामलों में उसे अब तक 36 साल की सजा मिल चुकी है। सईद इस समय लाहौर की कोट लखपत जेल में बंद है।

पिछले साल जुलाई से जेल में

सईद को पिछले साल 17 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। तभी से वह जेल में है। फरवरी में टेरर फंडिंग का दोषी पाए जाने के बाद कोर्ट ने उसे 11 साल जेल की सजा सुनाई थी। इसके बाद दो और मामलों में 5 साल सजा सुनाई। सईद के खिलाफ आतंकी फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध कब्जे के कुल 23 मामले दर्ज हैं।

सईद पर पिछले साल दिसंबर में पाकिस्तान की अदालत ने टेरर फंडिंग के आरोप तय कर दिए थे। इससे पहले, 3 जुलाई को पंजाब प्रांत की पुलिस ने हाफिज और उसके सहयोगियों के खिलाफ 13 मामले दर्ज किए थे। हाफिज पर अपने एनजीओ के जरिए आतंकी गतिविधियों के लिए फंड जुटाने का आरोप है।



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70 साल के सईद को पहले भी इसी तरह के चार मामलों में 21 साल की सजा हो चुकी है। वह इस समय लाहौर की जेल में बंद है। -फाइल फोटो

Another new coronavirus variant found in Nigeria, says Africa CDC December 24, 2020 at 04:17AM

Another new variant of the novel coronavirus seems to have emerged in Nigeria, the head of Africa's disease control body said on Thursday, cautioning more investigation was needed. The news comes after Britain and South Africa both reported new variants of the SARS-CoV-2 virus that appear to be more contagious, leading to new travel restrictions and turmoil in markets.

UK, EU on cusp of striking Brexit trade deal at last December 24, 2020 at 03:58AM

Negotiators from the European Union and Britain worked through the night and into Christmas Eve to put the finishing touches on a trade deal that should avert a chaotic economic break between the two sides next week.

Macron free of Covid symptoms: Presidency December 24, 2020 at 12:41AM

Emmanuel Macron, who was in self-isolation at an official residence near Paris from where he ran meetings remotely, no longer needs to remain in quarantine, the Elysee Palace added. Macron "shows no symptoms a this stage", the statement said, and "the isolation of the President can therefore end after seven days".

चीनी राजदूत ने राष्ट्रपति के बाद कई नेताओं से मुलाकात की, प्रधानमंत्री ओली से भी मिलेंगी December 23, 2020 at 11:45PM

नेपाल में संसद भंग होने के बाद चीन की राजदूत होउ यांग्की फिर एक्टिव हो गई हैं। नेपाल में अब केयर टेकर सरकार है। यांग्की ने राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी से मुलाकात की। इसके बाद वे प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के कट्टर विरोधी पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड से मिलीं। माना जा रहा है कि आज या कल वे प्रधानमंत्री ओली से भी मुलाकात करेंगी। यांग्की दो साल से नेपाल में राजदूत हैं। सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (NCP) में दो बार दो फाड़ होने की नौबत आई और माना जाता है कि दोनों बार उनके दखल के चलते सरकार बची। हालांकि, इस बार ऐसा नहीं हो सका।

डिप्लोमैट बचाती रहीं नेपाल सरकार
नेपाल में संसद भंग होने से चीन परेशान है। इसकी वजह यह है कि ओली को चीन सरकार का पूरा समर्थन था और दो बार उसने सरकार बचाई थी। 2018 में यह तय हो गया था कि ओली सरकार गिर जाएगी, लेकिन तब भी चीनी एम्बेसडर ने प्रचंड और ओली को मना लिया था। इसके बाद दोनों नेताओं के अगस्त में रिश्ते खराब हुए। माना जा रहा था कि सरकार किसी भी वक्त गिर सकती है, लेकिन यांग्की पर्दे के पीछे से इस सरकार को बचाती रहीं।

गुपचुप मुलाकात
यांग्की मंगलवार शाम अचानक राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी से मिलने पहुंचीं। दोनों के बीच अकेले में करीब दो घंटे तक बातचीत हुई। इस दौरान क्या मुद्दे उठे, इसकी जानकारी मीडिया को नहीं दी गई। इसके बाद बुधवार को भी चीनी राजदूत ने नेपाल के कई नेताओं से मुलाकात की। मामला तब ज्यादा गरमाया जब यांग्की प्रचंड से मिलने पहुंचीं। दोनों के बीच करीब डेढ़ घंटे बातचीत हुई। इसकी जानकारी भी मीडिया को नहीं दी गई।

अब माना जा रहा है कि वे जल्द ही प्रधानमंत्री ओली से भी मुलाकात करेंगी। हालांकि, संसद भंग होने और पार्टी में टूट के बाद इस बात की संभावना नहीं है कि वे मतभेद दूर करके नई सरकार के गठन पर कुछ कर पाएंगी।

चीन के हितों को खतरा
नेपाल में चीन ने काफी निवेश किया है। सुरक्षा के लिहाज और इस देश पर भारत के प्रभाव को देखते हुए चीन चाहता है कि वहां उसकी कठपुतली सरकार रहे। लेकिन, नेताओं के आपसी विवाद के चलते यहां स्थायी सरकार नहीं मिल पाई। प्रचंड गुट कतई नहीं चाहता कि ओली प्रधानमंत्री रहें। कुछ महीने पहले उन्होंने ओली पर भारत के खिलाफ गलत बयानबाजी का आरोप भी लगाया था। नेपाल की राजनीति में चीनी दखलंदाजी को लेकर कुछ महीने पहले काठमांडू में विरोध प्रदर्शन भी हो चुके हैं।



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फोटो पिछले महीने की है। तब नेपाल में चीन की एम्बेसेडर होउ यांग्की ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से मुलाकात की थी। अब ओली कार्यवाहक प्रधानमंत्री हैं। माना जा रहा है कि वे जल्द ही ओली से फिर मुलाकात कर सकती हैं।

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China suspends UK flights over new virus strain December 23, 2020 at 11:01PM

"Given the exceptional nature of the virus mutation and its potential impact ... China has suspended flights between China and the UK after full assessment," foreign ministry spokesman Wang Wenbin said at a routine briefing.

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Israelis will be barred from travelling more than one kilometre (1,000 yards or so) from their homes and businesses will be closed except for deliveries. Exceptions will be made for those travelling for vaccinations and schools will remain partially open for some age groups.