Tuesday, March 24, 2020

गुरुद्वारे पर आतंकी हमला, प्रार्थना के लिए बड़ी संख्या में जुटे थे सिख श्रद्धालु, चार की मौत March 24, 2020 at 08:11PM

काबुल. अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में सिखों के धार्मिक स्थल गुरुद्वारे पर बुधवार को आतंकी हमला हुआ है। इसमें अभी चार लोगों की मौत की खबर है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक यह हमला उस वक्त हुआ जब सिख समुदाय के लोग प्रार्थना करने के लिए गुरुद्वारे में जुटे थे। अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्रालय ने हमले की पुष्टि की। बताया कि आत्मघाती हमलावरों ने हमला किया है। इसमें सुसाइड बॉमर भी हैं। फिलहाल सुरक्षाबलों ने घटनास्थल को चारों तरफ से घेर लिया है। गुरुद्वारे के पहले फ्लोर को सुरक्षाबल ने पूरी तरह से साफ कर दिया है। कुछ श्रद्धालुओं को रेस्यू किया जा चुका है। हालांकि अभी भी काफी श्रद्धालु फंसे हुए हैं। आंतरिक मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक आरियन ने पत्रकारों को बताया कि हमले के तुरंत बाद सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर लिया और जवाबी कार्रवाई की। हमले के पीछे कौन लोग थे इसकी जानकारी सामने नहीं आई है। अफगानिस्तान में करीब 300 सिख परिवार रहता है। इनकी संख्या काबुल और जलालाबाद में अधिक हैं। इन्हीं दो शहरों में गुरुद्वारे भी हैं।

पिछले साल आईएसआईएस ने किया था हमला
अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक सिखों और हिंदुओं के धार्मिक स्थलों पर आए दिन हमले होते रहते हैं। इसके पहले 2018 में राष्ट्रपति अशरफ घानी से मुलाकात करने जा रहे हिंदुओं और सिखों के काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ था। इसमें 19 सिख और हिंदु मारे गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) ने ली थी। इन हमलों से सिख और हिंदु समुदाय डरा हुआ है। बड़ी संख्या में सिखों और हिंदुओं ने देश छोड़ने का फैसला कर लिया है। तीन सालों में काफीपीड़ितों ने भारत से शरण मांगी है।

गुरुद्वारे को चारों तरफ से सुरक्षाबलों ने घेर लिया है। सड़कों पर पूरी तरह से आवाजाही रोक दी गई है।

150 से ज्यादा सिख श्रद्धालु हैं मौजूद
कानूनविद नरिंद्र सिंह खालसा ने बताया कि उनके पास गुरुद्वारे से फोन आया था। फोन करने वाले शख्स ने जानकारी दी है कि गुरुद्वारे में करीब 150 से ज्यादा लोग मौजूद हैं। इसमें अभी तक चार लोगों की मौत हो चुकी है।

तालिबान ने हमले से खुद को अलग किया
अभी तक इस हमले की जिम्मेदारी किसी आतंकी संगठन ने नहीं ली है। तालिबान के प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने ट्विट कर इस हमले से तालिबान का कोई नाता न होने की बात कही। कहा, तालिबान ने इस तरह का कोई हमला नहीं किया है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
काबुल के गुरुद्वारे पर हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षाबलों ने मोर्चा संभाल लिया है।

'Act like you have Covid-19': PM Ardern says as New Zealand heads into lockdown March 24, 2020 at 05:58PM

Prime Minister Jacinda Ardern told New Zealanders on Wednesday to behave as if they had the coronavirus and cut all physical contact outside their household when the country heads into a one-month lockdown at midnight. Ardern declared a national state of emergency as the number of cases of Covid-19 surged by a record 50 cases to take the national tally to 205.

Quake in north Pacific prompts tsunami watch for Hawaii March 24, 2020 at 06:29PM

The US Geological Survey said the quake struck 219 kilometres south-southeast of Severo on the Kuril chain far north of Japan. It was 56 kilometres (37 miles) deep. The Pacific tsunami warning center said hazardous tsunami waves were possible within 1,000 kilometres (600 miles) of the quake's epicenter.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जी-20 देशों के राष्ट्र प्रमुख कल करेंगे आपात बैठक, पीएम मोदी ने दिया था प्रस्ताव March 24, 2020 at 06:06PM

नई दिल्ली. कोरोना के खिलाफ रणनीति बनाने के लिए जी-20 देशों के राष्ट्र प्रमुख वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक करेंगे। गुरुवार 26 मार्च को यह कॉन्फ्रेंसिंग आयोजित होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका प्रस्ताव दिया था। जिसे समूह-20 के मौजूदा मुखिया सऊदी अरब के किंग मोहम्मद बिन सलमान ने स्वीकार कर लिया। बैठक में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सहित सभी 20 देशों के राष्ट्र प्रमुख शामिल होंगे। इसमें कोरोना महामारी से उत्पन्न हो रहे हालात और आर्थिक संकट पर चर्चा होगी। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) और वर्ल्ड बैंक के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। चीन के वुहान से ही कोरोना संक्रमण की शुरूआत हुई थी। ऐसे में माना जा रहा है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस बैठक में कई अहम जानकारी साझा कर सकते हैं। कोरोना से लड़ने के लिए आवश्यक उपाय भी बता सकते हैं जिसका पालन कर बाकी देश इस महामारी से खुद को सुरक्षित कर सकें।

यह तस्वीर अर्जेटीना में 1 दिसंबर 2018 को हुए जी-20 सम्मेलन की है।इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंपकनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो सहित जी-20 देशों के सभी राष्ट्रप्रमुख मौजूद रहे।

मोदी ने फोन पर की थी साउदी किंग से बात
मोदी ने मंगलवार को सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से बात की थी। इस दौरान उन्होंने समूह-20 देशों की बैठक बुलाने का सुझाव दिया था। मोदी ने सऊदी प्रिंस को सार्क देशों के बीच हुई बातचीत के बारे में भी बताया था। इसके पहले मोदी ने इस विषय पर आस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मोरीसन से भी बात की थी। जिसके बाद मंगलवार को देर शाम सउदी अरब की राजधानी रियाद स्थित समूह-20 कार्यालय की तरफ से जी-20 देशों की बैठक की सूचना जारी कर दी गई।

साउदी के किंग मोहम्मद बिन सलमान, भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।

2022 में जी-20 देशों की अगुवाई करेगा भारत
वर्ष 2022 में जी-20 देशों की अगुवाई करने की जिम्मेदारी भारत के पास आ जाएगी। ऐसे में अभी कोरोनावायरस की चुनौतियों को लेकर जो फैसला किया जाएगा उन्हें आगे लागू करने में भारत को भी अहम जिम्मेदारी निभानी होगी। बता दें कि जी-20 में दुनिया के सबसे प्रभावशाली 20 देश शामिल हैं। इसका गठन वर्ष 2007-08 के वैश्विक मंदी के बाद किया था। उसके पहले तक दुनिया के सर्वशक्तिशाली सात देशों का एक संगठन समूह-7 काम करता था।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
जी-20 देशों के राष्ट्र प्रमुख कोरोना के खिलाफ रणनीति तैयार करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करेंगे। साउदी के किंग मोहम्मद बिन सलमान इसकी अध्यक्षता करेंगे।

First known US child coronavirus death was teen 'in good health' March 24, 2020 at 04:39PM

he first known death of a child due to the novel coronavirus in the United States was a teenager in previously good health, Los Angeles Mayor Eric Garcetti said Tuesday. ​

स्पेन में 24 घंटे में 514 लोगों की मौत, संक्रमण के 6600 नए मामले सामने आए; इटली में 743 लोगों ने जान गंवाई March 24, 2020 at 03:54PM

रोम/नई दिल्ली. दुनिया के 197 देश कोरोनावायरस की चपेट में आ चुके हैं। इससे 18,887 लोगों की मौत हो चुकी है। 4 लाख 22 हजार 566 संक्रमित हैं। 1 लाख 8 हजार 388 मरीज स्वस्थ भी हुए हैं। वहीं, स्पेन में एक दिन में 514 लोग मारे गए हैं, जबकि 6600 लोग संक्रमित हुए हैं। उधर, इटली में 24 घंटे में 743 लोगों की मौत हुई है। देश की सिविल प्रोटेक्शन एजेंसी ने मंगलवार को ये जानकारी दी। दो दिनों के बाद देश में मौतों का आंकड़ा फिर से बढ़ गया है। इससे पहले सोमवार को 601 और रविवार को 650 लोगों की जान गई थी।

भारत में मंगलवार आधी रात से लॉकडाउन लगा दिया गया है। देश के 1.3 अरब लोग अपने घरों में 21 दिन तक नजरबंद रहेंगे। इस दौरान जरूरी चीजों जैसे सब्जी, दूध और मेडिकल स्टोर खुले रहेंगे। यहां अब तक संक्रमण के 529 मामले हो चुके हैं, जबकि 11 लोगों की मौत हो गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश को संबोधित किया।


Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
यह फोटो स्पेन की राजधानी मैड्रिड की है। यूरोप में इटली के बाद स्पेन सबसे ज्यादा प्रभावित देश है।

वैज्ञानिकों ने बताया- क्यों नहीं खोज पा रहे कोरोनावायरस का इलाज? March 24, 2020 at 03:11PM

वाशिंगटन.दुनियाभर में फैले कोरोनावायरस के बारे में वैज्ञानिकों ने कई अहमखुलासे किए हैं। वैज्ञानिक इसे बमुश्किल जीव मानते हैं।अमेरिका की कार्नेल यूनिवर्सिटी में वायरोलॉजी के प्रोफेसर गैरी व्हिटेकर के मुताबिक यह केमिस्ट्री और बायोलॉजी के बीच की कड़ी है। कभी इसकी वजह से रसायनिक क्रियाएं होती हैं, तो कभी यह माइक्रोब्स की तरह इसका व्यवहार होता है।यह वायरस सजीव और निर्जीव के बीच की कड़ी है। यही कारण है कि अभी तक इसका इलाज नहीं खोजा जा सका।


वायरस को नियंत्रित करना क्यों कठिन?

लक्षण देर में सामने आते हैं
वैज्ञानिकों का कहना है कि शरीर के बाहर वायरस निष्क्रिय रहता है। इसमें प्रजननऔर मेटाबॉलिज्म जैसे लक्षण नहीं होते।लेकिन, जैसे ही यह हमारे शरीर में आता है। अपने जैसे लाखों वायरस बनाने के लिएहमारी कोशिकाएं हाईजैक कर लेता है। इसकी विशेषता यह है कि इसके लक्षण सार्स और मर्स की तुलना में बहुत देर से दिखते हैं। लोगों को जब तक संक्रमित होने का पता चलता है, तब तकवे दूसरों तक संक्रमण फैला चुके होते हैं।

डेंगू, जीका वायरस से तीन गुना बड़ा है कोरोना
कोरोनावायरस आकार में डेंगू, वेस्ट नाइल और जीका फैलाने वाले वायरसों से तीन गुना बड़ा है। टेक्ससमेडिकल ब्रांच के वायरोलॉजिस्ट विनीत मैनचेरी ने एक उदाहरण से इसे समझाया। उनके मुताबिक, अगर डेंगू के पास शरीर पर हमला करने के लिए एक हथौड़ा है तो कोरोनाके पास अलग-अलग आकार के तीन हथौड़े हैं। यह हालात बदलने पर अपनी प्रकृति बदलकर हमला करता है।

कोरोनावायरस सामान्य रेस्पिरेटरी वायरस से बिल्कुल अलग

यह वायरस सामान्य रेस्पिरेटरी (श्वसन) वायरस से बिल्कुल अलग है। आमतौर पर ये वायरस शरीर में एक समय पर एक जगह हमला करते हैं। अगर येगले और नाक पर हमला करते हैं तो वहीं तक रहते हैं और खांसी और छींक के माध्यम से दूसरों तक संक्रमण फैलाते हैं। कुछ वायरस फेफड़ों परहमला करते हैं।जहां वे संक्रमण तो नहीं फैलाते,लेकिन जानलेवा बन जाते हैं। कोरोनावायरस दोनों जगह एक साथ हमला करता है। यह गले और नाक के माध्यम से संक्रमण भी फैलाता है और फेफड़े में कोशिकाओं को मारकर जान भी ले लेता है।

कोरोनावायरस का आकार हमारी पलक की चौड़ाई के एक हजारवें भाग के बराबर है।

धीरे-धीरे सामान्य वायरस में बदल जाएगा कोरोना
कुछ वायरोलॉजिस्ट का मानना है कि कोरोनावायरस वास्तव में हमें मारना नहीं चाहता। अगर शरीर स्वस्थ रहता है तो यह उनके लिए फायदेमंद होता है। वैज्ञानिकों ने बताया कि कि हजारों लोगों की जान लेने वाला कोरोनावायरस अपने जीवन के शुरुआती चरण में है। जब यह किसी शरीर में आता है तो अपनी आबादी को बेतहाशा बढ़ाता है। जिसकी वजह से व्यक्ति की मौत हो जाती है। ये वायरस के लिए भी नुकसानदायक होता है। लेकिन, समय के साथ इसका आरएनए बदल जाएगा। भविष्य में यह सामान्य वायरस में बदल जाएगा जो सिर्फ खांसने, छींकने तक ही सीमित रहेगा।

वायरस का इन्क्यूबेशन पीरियड
वायरस के संक्रमण से लक्षण दिखने तक के समय को इन्क्यूबेशन पीरियड कहते हैं। इतने समय में वायरस शरीर में जम जाता है। वायरस शरीर में दो स्थानों पर ज्यादा सक्रिय होते हैं। पहला गला और दूसरा फेफड़े। यहां वह अपनी संख्या बढ़ाता है और एक तरह की ‘कोरोनावायरस फैक्ट्रियां’ बनाता है। नए कोरोनावायरस बाक़ी कोशिकाओं पर हमले में लग जाते हैं। वायरस का इन्क्यूबेशन पीरियड भी लोगों में अलग-अलग हो सकता है। औसतन यहपांच दिन का होता है।


यह वायरस लाखों साल तक निष्क्रिय पड़े रहते हैं
शोधकर्ताओं ने 2014 में पाया था कि एक वायरस पर्माफ्रॉस्ट 30,000 साल से मौजूद था। लैब के टेस्ट में पता चला कि इतने सालों तक निष्क्रिय रहने के बाद भी वायरस किसी को भी संक्रमित करने की स्थिति में था। ऐसा इसलिए क्योंकि यह वायरस बर्फ की वजह से जमी हुई मिट्टी के नीचे लंबे वक्त तक निष्क्रिय रहता है।यहां मौजूद पानी मिट्‌टी से मिलकर इसे इतनी मजबूती से जमा देता है कि यह पत्थर जैसी कठोर हो जाती है। इसके अलावा एक और अध्ययन में पाया गया कि मुंह में दाद करने वाला वायरस मानव वंश के साथ 60 लाख सालों से है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
अमेरिका की पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी के वैक्सीन रिसर्च सेंटर पर कोरोनावायरस पर शोध करते वैज्ञानिक।

भारत में दुनिया का सबसे बड़ा लॉकडाउन, दुनियाभर के 200 करोड़ से ज्यादा लोग घरों में कैद, इसमें करीब 130 करोड़ भारतीय March 24, 2020 at 03:08PM

पेरिस. कोरोनावायरस के कारण दुनियाभर के 50 से ज्यादा देशों ने लॉकडाउन घोषित किया है। इस वजह से करीब 230 करोड़ लोग घरों में कैद हो गए हैं। इसमें से अकेले130 करोड़ लोग केवल भारत में ही लॉकडाउन होंगे। इसकी शुरुआत मंगलवार आधी रात से हो जाएगी।प्रधानमंत्री मोदी नेमंगलवार को देश को संबोधित करते हुए 21 दिन के अनिवार्य लॉकडाउन का ऐलान करते हुए कहा था कि इसे लोग कर्फ्यू ही मानें।लॉकडाउन घोषित करने वाले कई देशों ने इसे अनिवार्य कियाहै, जबकि कुछ ने इसे सख्ती से लागू नहीं किया है। केवल लोगों से घर में रुकने की अपील की गई है।

35 देशों में अनिवार्य लॉकडाउन, इसमें भारत भी शामिल
आबादी- 195.9 करोड़

करीब 195.9 करोड़ की आबादी वाले 35 देशों ने अनिवार्य लॉकडाउन किया है। अनिवार्य लॉकडाउन का मतलब है कि बहुत जरूरत न होने परघर से बाहर निकलना बिल्कुल मना है और ऐसा करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इनदेशों में 130 करोड़ की आबादी वाला भारत सबसे बड़ा देश है। इसके अलावाफ्रांस, इटली, अर्जेंटीना, इराक, ग्रीस, रवांडा और अमेरिका का कैलिफोर्निया राज्य है। मंगलवार को कोलंबिया भी इसी लिस्ट में शामिल हो गया। वहीं, न्यूजीलैंड बुधवार से लॉकडाउन होगा। अधिकतर देशों में जरूरी काम पर जाने, मेडिकल केयर के लिए जरूरी सामान लाने की छूट है।

रोम में एक बिल्डिंग पर प्रोजक्टर के जरिए 1952 में आई मूवी ‘थ्री गर्ल्स फ्रॉम रोम’दिखाई जा रही है। यहां अनिवार्य लॉकडाउन घोषित किया गया है। इसके चलते लोगों का मन बहलाने के लिए बिल्डिंगों में इसी तरह से फिल्म दिखाई जा रही हैं।
गुजरात में सड़कों पर लोगों को रोकती पुलिस। यहां लॉकडाउन घोषित किया गया है। इसके बावजूद लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं।

पांच देशों में केवल लोगों से अपील
आबादी- 22.8 करोड़

करीब पांच देशों (आबादी करीब 22.8 करोड़) ने अपने नागरिकों से अपील की है कि घर पर ही रहें और कम से कम लोगों के संपर्क में आएं। इन देशों मेंईरान, जर्मनी और ब्रिटेन भी शामिल हैं। ब्रिटेन में पिछले हफ्ते समुद्र तटों और पार्कों में भीड़ जमा होने के बाद सख्ती बरतने की चेतावनी दी गई है। वहीं, ईरान में पिछले हफ्ते नववर्ष पर लाखों लोग सड़कों पर निकले थे। इसके बाद लोगों से घरों में ही रहने की अपील की गई है।

लंदन के रिचमंड पार्क में साइकिलिंग करते लोग। ब्रिटेन में तेजी से संक्रमण फैल रहा है। यहां लोगों से घरों में रहने की अपील की गई है।

10 देशों में कर्फ्यू
आबादी- 11.7 करोड़

करीब 10 देश ऐसे हैं, जिन्होंने कर्फ्यू घोषित किया है। इनमें बर्किना फासो, चिली, फिलिपींस, सर्बिया, मौरीटानिया और सऊदी अरब हैं। इन देशों की आबादी 11.7 करोड़ है। इसके इतर कुछ देश ऐसे हैं, जिन्होंने कुछ शहरों को आइसोलेट किया है। ऐसे देशों की आबादी करीब एक करोड़ है।

फिलीपींस के मनीला में खाली सड़क पर गुजरती एक महिला। यहां कर्फ्यू घोषित किया गया है। पालन न करने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है।


Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
दिल्ली में कर्फ्यू के बाद राजपथ का नजारा। भारत में ज्यादातर राज्यों में लॉकडाउन घोषित किया गया है।

15 करोड़ की आबादी वाले रूस में सिर्फ 495 कोरोना संक्रमित, 6 लाख जनसंख्या वाले लग्जमबर्ग में यह आंकड़ा 8 मौतों के साथ 1100; पुतिन की रणनीति कारगर रही March 24, 2020 at 09:19AM

मॉस्को. कोरोनावायरस ने दुनिया के सामने बहुत बड़ा संकट खड़ा कर दिया है। हर देश इससे जूझ रहा है। चीन, अमेरिका और इटली समेत कुछ मुल्क ऐसे हैं, जो साधन संपन्न होते हुए भी संक्रमण नहीं रोक पाए। वहीं, रूस जैसे देश भी हैं, जिन्होंने वक्त रहते उपाय किएऔर महामारी को बहुत हद तक काबू में रखा। इस कामयाबी के पीछे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का पूर्वानुमान और रणनीति हैं। साथ ही देश के लोगों का भरपूर सहयोग भी।

रूस बनाम लग्जमबर्ग
एक छोटी सी तुलना। रूस की आबादी करीब 15 करोड़ है। यहां मंगलवार रात तक संक्रमण के कुल 495 मामले सामने आए। एक मरीज की मौत हुई। लग्जमबर्ग की जनसंख्या 6 लाख 28 हजार है। यहां इसी दौरान 1100 मामले दर्ज हुए। 8 लोगों की मौत हुई। दोनों देशों की जलवायु लगभग एक जैसी है। सवाल ये है कि रूस क्यों संक्रमण को काबू में रख पायाऔर लग्जमबर्ग या इटली जैसे देश क्यों महामारी के दंश से कराह रहे हैं?

आहट और तैयारी
सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पुतिन और उनके अफसरों ने संक्रमण से निपटने की जो रणनीति बनाई, वो कारगर साबित हुई। रूस की 2600 मील लंबी सीमा चीन से लगती है। कोरोनावायरस चीन के वुहान से ही शुरू हुआ। रूस सरकार को जैसे ही इसकी जानकारी मिली, उसने कदम उठाने शुरू कर दिए। चीन बॉर्डर को सख्ती से सील किया गया। दोनों देशों की रिश्ते बेहतर हैं लेकिन रूस ने चीन की नाराजगी की परवाह नहीं की।

टेस्ट, टेस्ट और टेस्ट
डॉक्टर मेल्तिया वुजोविक रूस में डब्लूएचओ की रिप्रेजेंटेटिव हैं। उनके मुताबिक, “सच्चाई ये है कि रूस ने जनवरी में ही खतरा पढ़ लिया था। निपटने की तैयारी भी कर ली। उसने तीन काम किए। पहला- हर संदिग्ध का टेस्ट और पहचान। दूसरा- संदिग्ध के संपर्क में आने वालों की पुख्ता पहचान। तीसरा- आईसोलेशन। इन तीनों चरणों में क्वॉलिटी कंट्रोल मेंटेन किया गया। सोशल डिस्टैंशिंग बेहद जरूरी थी। इसे सख्ती से लागू किया गया।”

अमेरिका देर से जागा
रूस के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 21 मार्च तक 1 लाख 56 हजार संदिग्धों के टेस्ट किए जा चुके थे। इनमें से कुछ के तो दो या तीन बार भी टेस्ट हुए। वहीं, अमेरिका ने मार्च की शुरुआत में तेजी दिखाई। रूस के हर एयरपोर्ट पर फरवरी की शुरुआत से ही चीन, ईरान, दक्षिण कोरिया या यूरोप से आने यात्रियों की सघन जांच की गई। जो संदिग्ध मिले उन्हें फौरन क्वारैन्टाइन किया गया।

रूस पर एक शक भी
एक रिपोर्ट के मुताबिक, रूस भले ही दावा करता हो कि उसके यहां हालात काबू में हैं। लेकिन, इस पर थोड़े शक की गुंजाइश है। दरअसल, चेरनोबिल परमाणु हादसा (1986) और 1980 के दशक में एचआईवी संक्रमण जैसे मामलों को लेकर ये कहा जाता है कि रूस ने सही आंकड़े नहीं बताए थे। फरवरी में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हुई। इसमें दावा किया गया कि रूस में 20 हजार कोरोना संक्रमित हैं। लेकिन, इस पर यकीन करना मुश्किल है। पुतिन सरकार ने जागरूकता प्रसार के लिए सोशल मीडिया का जमकर उपयोग किया। इसका फायदा हुआ।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
रूस ने जनवरी के आखिर में ही कोरोना संक्रमण से निपटने की तैयारी कर ली थी। (प्रतीकात्मक चित्र)

भारत में दुनिया का सबसे बड़ा लॉकडाउन, दुनियाभर के 200 करोड़ से ज्यादा लोग घरों में कैद, इसमें करीब 130 करोड़ भारतीय March 23, 2020 at 09:03PM

पेरिस. कोरोनावायरस के कारण दुनियाभर के 50 से ज्यादा देशों ने लॉकडाउन घोषित किया है। इस वजह से करीब 230 करोड़ लोग घरों में कैद हो गए हैं। इसमें से अकेले130 करोड़ लोग केवल भारत में ही लॉकडाउन होंगे। इसकी शुरुआत मंगलवार आधी रात से हो जाएगी।प्रधानमंत्री मोदी नेमंगलवार को देश को संबोधित करते हुए 21 दिन के अनिवार्य लॉकडाउन का ऐलान करते हुए कहा था कि इसे लोग कर्फ्यू ही मानें।लॉकडाउन घोषित करने वाले कई देशों ने इसे अनिवार्य कियाहै, जबकि कुछ ने इसे सख्ती से लागू नहीं किया है। केवल लोगों से घर में रुकने की अपील की गई है।

35 देशों में अनिवार्य लॉकडाउन, इसमें भारत भी शामिल
आबादी- 195.9 करोड़

करीब 195.9 करोड़ की आबादी वाले 35 देशों ने अनिवार्य लॉकडाउन किया है। अनिवार्य लॉकडाउन का मतलब है कि बहुत जरूरत न होने परघर से बाहर निकलना बिल्कुल मना है और ऐसा करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इनदेशों में 130 करोड़ की आबादी वाला भारत सबसे बड़ा देश है। इसके अलावाफ्रांस, इटली, अर्जेंटीना, इराक, ग्रीस, रवांडा और अमेरिका का कैलिफोर्निया राज्य है। मंगलवार को कोलंबिया भी इसी लिस्ट में शामिल हो गया। वहीं, न्यूजीलैंड बुधवार से लॉकडाउन होगा। अधिकतर देशों में जरूरी काम पर जाने, मेडिकल केयर के लिए जरूरी सामान लाने की छूट है।

रोम में एक बिल्डिंग पर प्रोजक्टर के जरिए 1952 में आई मूवी ‘थ्री गर्ल्स फ्रॉम रोम’दिखाई जा रही है। यहां अनिवार्य लॉकडाउन घोषित किया गया है। इसके चलते लोगों का मन बहलाने के लिए बिल्डिंगों में इसी तरह से फिल्म दिखाई जा रही हैं।
गुजरात में सड़कों पर लोगों को रोकती पुलिस। यहां लॉकडाउन घोषित किया गया है। इसके बावजूद लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं।

पांच देशों में केवल लोगों से अपील
आबादी- 22.8 करोड़

करीब पांच देशों (आबादी करीब 22.8 करोड़) ने अपने नागरिकों से अपील की है कि घर पर ही रहें और कम से कम लोगों के संपर्क में आएं। इन देशों मेंईरान, जर्मनी और ब्रिटेन भी शामिल हैं। ब्रिटेन में पिछले हफ्ते समुद्र तटों और पार्कों में भीड़ जमा होने के बाद सख्ती बरतने की चेतावनी दी गई है। वहीं, ईरान में पिछले हफ्ते नववर्ष पर लाखों लोग सड़कों पर निकले थे। इसके बाद लोगों से घरों में ही रहने की अपील की गई है।

लंदन के रिचमंड पार्क में साइकिलिंग करते लोग। ब्रिटेन में तेजी से संक्रमण फैल रहा है। यहां लोगों से घरों में रहने की अपील की गई है।

10 देशों में कर्फ्यू
आबादी- 11.7 करोड़

करीब 10 देश ऐसे हैं, जिन्होंने कर्फ्यू घोषित किया है। इनमें बर्किना फासो, चिली, फिलिपींस, सर्बिया, मौरीटानिया और सऊदी अरब हैं। इन देशों की आबादी 11.7 करोड़ है। इसके इतर कुछ देश ऐसे हैं, जिन्होंने कुछ शहरों को आइसोलेट किया है। ऐसे देशों की आबादी करीब एक करोड़ है।

फिलीपींस के मनीला में खाली सड़क पर गुजरती एक महिला। यहां कर्फ्यू घोषित किया गया है। पालन न करने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है।


Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
दिल्ली में कर्फ्यू के बाद राजपथ का नजारा। भारत में ज्यादातर राज्यों में लॉकडाउन घोषित किया गया है।

वैज्ञानिकों ने बताया- क्यों नहीं खोज पा रहे कोरोनावायरस का इलाज? March 24, 2020 at 02:54AM

वाशिंगटन.दुनियाभर में फैले कोरोनावायरस के बारे में वैज्ञानिकों ने कई खुलासे किए हैं। वैज्ञानिक इसे बमुश्किल जीवित जीव मानते हैं।अमेरिका की कार्नेल यूनिवर्सिटी में वायरोलॉजी के प्रोफेसर गैरी व्हिटेकर के मुताबिक यह केमिस्ट्री और बायोलॉजी के बीच की कड़ी है। कभी इसकी वजह से रासायनिक क्रियाएं होती हैं, तो कभी यह माइक्रोब्स का आभास कराता है। यह वायरस सजीव और निर्जीव के बीच की कड़ी है। यही कारण है कि अभी तक इसका इलाज नहीं खोजा जा सका।


वायरस को नियंत्रित करना क्यों कठिन?

लक्षण देर में सामने आते हैं
वैज्ञानिकों का कहना है कि किसी शरीर के बाहर वायरस निष्क्रिय है। इसमें प्रजनन, गति और मेटाबॉलिज्म जैसे लक्षण नहीं होते।लेकिन, जैसे ही यह हमारे शरीर में आता है। अपने जैसे लाखों वायरस बनाने के लिएहमारी कोशिकाएं हाईजैक कर लेता है। इसकी विशेषता यह है कि इसके लक्षण सार्स और मर्स की तुलना में बहुत देर से दिखते हैं। लोगों को जब तक संक्रमित होने का पता चलता है, तब तकवे दूसरों तक संक्रमण फैला चुके होते हैं।

डेंगू, जीका वायरस से तीन गुना बड़ा है कोरोना
कोरोनावायरस आकार में डेंगू, वेस्ट नाइल और जीका फैलाने वाले वायरसों से तीन गुना बड़ा है। टेक्सॉस मेडिकल ब्रांच के वायरोलॉजिस्ट विनीत मैनचेरी ने एक उदाहरण से इसे समझाया। उनके मुताबिक, अगर डेंगू के पास शरीर पर हमला करने के लिए एक हथौड़ा है तो कोरोनाके पास अलग-अलग आकार के तीन हथौड़े हैं। यह हालात बदलने पर अपनी प्रकृति बदलकर हमला करता है।

कोरोनावायर सामान्य रेस्पिरेटरी वायरस से बिल्कुल भिन्न है

यह वायरस सामान्य रेस्पिरेटरी (श्वसन) वायरस से बिल्कुल अलग है। आमतौर पर ये वायरस शरीर में एक समय पर एक जगह हमला करते हैं। अगर येगले और नाक पर हमला करते हैं तो वहीं तक रहते हैं और खांसी और छींक के माध्यम से दूसरों तक संक्रमण फैलाते हैं। कुछ वायरस फेफड़ों परहमला करते हैं।जहां वे संक्रमण तो नहीं फैलाते,लेकिन जानलेवा बन जाते हैं। कोरोनावायरस दोनों जगह एक साथ हमला करता है। यह गले और नाक के माध्यम से संक्रमण भी फैलाता है और फेफड़े में कोशिकाओं को मारकर जान भी ले लेता है।

कोरोनावायरस का आकार हमारी पलक की चौड़ाई के एक हजारवें भाग के बराबर है।

धीरे-धीरे सामान्य वायरस में बदल जाएगा कोरोना
कुछ वायरोलॉजिस्ट का मानना है कि कोरोनावायरस वास्तव में हमें मारना नहीं चाहता। अगर शरीर स्वस्थ रहता है तो यह उनके लिए फायदेमंद होता है। वैज्ञानिकों ने बताया कि कि हजारों लोगों की जान लेने वाला कोरोनावायरस अपने जीवन के शुरुआती चरण में है। जब यह किसी शरीर में आता है तो अपनी आबादी को बेतहाशा बढ़ाता है। जिसकी वजह से व्यक्ति की मौत हो जाती है। ये वायरस के लिए भी नुकसानदायक होता है। लेकिन, समय के साथ इसका आरएनए बदल जाएगा। भविष्य में यह सामान्य वायरस में बदल जाएगा जो सिर्फ खांसने, छींकने तक ही सीमित रहेगा।

वायरस का इन्क्यूबेशन पीरियड
वायरस के संक्रमण से लक्षण दिखने तक के समय को इन्क्यूबेशन पीरियड कहते हैं। इतने समय में वायरस शरीर में जम जाता है। वायरस शरीर में दो स्थानों पर ज्यादा सक्रिय होते हैं। पहला गला और दूसरा फेफड़े। यहां वह अपनी संख्या बढ़ाता है और एक तरह की ‘कोरोनावायरस फैक्ट्रियां’ बनाता है। नए कोरोना वायरस बाक़ी कोशिकाओं पर हमले में लग जाते हैं।वायरस का इन्क्यूबेशन पीरियड भी लोगों में अलग-अलग हो सकता है। औसतन ये पांच दिन होता है।


यह वायरस लाखों साल तक निष्क्रिय पड़े रहते हैं
शोधकर्ताओं ने 2014 में पाया था कि एक वायरस पर्माफ्रॉस्ट में 30,000 साल से मौजूद था। लैब के टेस्ट में पता चला कि इतने सालों तक निष्क्रिय रहने के बाद भी वायरस किसी को भी संक्रमित करने की स्थिति में था। पर्माफ्रॉस्ट ऐसी धरती को बोलते हैं, जिसमें मिट्‌टी 0 डिग्री सेंटीग्रेड से नीचे के तापमान में होती है। यहां मौजूद पानी मिट्‌टी से मिलकर इसे इतनी मजबूती से जमा देता है कि यह पत्थर जैसी कठोर हो जाती है। इसके अलावा एक और अध्ययन में पाया गया कि मुंह में दाद करने वाला वायरस मानव वंश के साथ 60 लाख सालों से है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
अमेरिका की पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी के वैक्सीन रिसर्च सेंटर पर कोरोनावायरस पर शोध करते वैज्ञानिक।

Hantavirus kills a man in China, people frantic on social media March 24, 2020 at 03:56AM

As novel coronavirus wreaks havoc on the world and its economy, China is apparently witnessing resurgence of another virus this time from rodents that reside in the dark underbelly of our world. Global Times tweeted on Tuesday that a person from "Yunnan Province died while on his way back to Shandong Province for work on a chartered bus on Monday. He was tested positive for Hantavirus.

हंता वायरस से युनान प्रांत में एक की मौत, इस संक्रमण में मौत होने का खतरा कोरोना से 24% ज्यादा March 24, 2020 at 02:54AM

बीजिंग. दुनिया में 15 हजार से ज्यादा जानें ले चुके कोरोनावायरस का खतरा अभी टला नहीं है। यह लगातार फैलता जा रहा है और इस बीच एक और खतरनाक वायरस ने चीन में दस्तक दी है। युनान प्रांत में बस से यात्रा कर रहे एक व्यक्ति की मौत हो गई। चीन के मीडिया ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, यह मौत हंता वायरस के चलते हुई है। कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि हंता वायरस में मौतों का खतरा कोरोनावायरस के मुकाबले 24% ज्यादा है।ग्लोबल टाइम्स ने बताया कि युनान से शेंगडॉन्ग जा रहे व्यक्ति की मौत हंता वायरस से हुई। जिस बस में यह संक्रमित सवार था, उसमें 32 अन्य यात्री थे। इन सभी की जांच की जा रही है।

हंता वायरस नई चुनौती: सवालों के जरिए समझें ये कितना खतरनाक?

कैसे फैलता है?
चीन के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक, यह वायरस चूहों के जरिए फैलता है। यह हवा के जरिए नहीं फैलता है। यह उन लोगों को अपनी चपेट में लेता है, जो चूहों के मल-मूत्र, सलाइवा और इन चीजों को चेहरे तक ले जाते हैं।

इसके लक्षण क्या हैं?
इस वायरस की चपेट में आने के शुरुआती लक्षण थकावट, बुखार, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, चक्कर आना, सर्दी लगना और पेट की समस्याएं होना है।

लक्षण दिखने के बाद अगला चरण क्या होता है?
शुरुआती लक्षण दिखने के बाद अगर संक्रमित व्यक्ति का इलाज नहीं किया जाता है तो उसे लो ब्लडप्रेशर, आघात, नाड़ियों से रिसाव, किडनी फेल होने का खतरा हो सकता है।

अभी किन्हें अपनी चपेट में ले रहा है?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन के ग्रामीण इलाकों में इस वायरस के फैलने की ज्यादा आशंका है, क्योंकि वहां चूहों की तादाद ज्यादा है। इसके अलावा कैम्पर्स और हाईकर्स भी इसकी चपेट में आ सकते हैं, क्योंकि वे कैम्पों में रहते हैं।

कोरोना से कितना ज्यादा खतरनाक है हंता?
दुनियाभर में कोरोनावायरस से 15 हजार लोगों की जान गई है। इससे करीब 4 लाख लोग संक्रमित हैं। कोरोना में मौत की दर 14% है और हंता वायरस में 38% है यानी हंता वायरस में मौत का खतरा कोरोना के मुकाबले 24% ज्यादा है।

बचाव के लिए चीन ने क्या कदम उठाए?
सीडीएस ने बताया कि शुरुआती तौर पर हमने केवल चूहों की जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए हैं, क्योंकि इस वायरस के फैलने की जड़ चूहे ही हैं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
चीन के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने बताया कि वायरस को रोकने के लिए चूहों की जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए हैं।

पाकिस्तान में सड़कों पर सेना तैनात, लेकिन अस्पतालों में कोरोनावायरस का इलाज कर रहे डॉक्टर नाराज, सरकार अमेरिका से मदद मिलने के इंतजार में March 24, 2020 at 01:27AM

इस्लामाबाद से हनीन अब्बास. कोरोनावायरस की वजह से पाकिस्तान में भी हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं। सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद लोग लॉकडाउन तोड़ रहे थे। इसलिए अब पूरे देश में सेना तैनात कर दी गई है। आर्मी जनरल कमर जावेद बाजवा ने आदेश दिया कि सेना पूरे पाकिस्तान में लॉकडाउन कराने और लोगों का इलाज करने में स्थानीय प्रशासन की मदद करेगी। हालांकि पाकिस्तान के अस्पताओं में कोरोनावायरस के इलाज के लिए अभी तक पर्याप्त इंतजाम नहीं हो सके हैं। न ही डॉक्टरों के लिए सुरक्षा के सामान मौजूद हैं। इसे लेकर डॉक्टर नाराज हैं। वहीं, इमरान सरकार अमेरिका से आर्थिक मदद मिलने के इंतजार में है।

तस्वीर रावलपिंडी की है। यहां मगलवार को सेना का काफिला सड़कों पर निकला।

पाकिस्तान में अब तक कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 900 के पार पहुंच गई है। 6 लोगों की भी मौत हो चुकी है। इससे पहले रविवार को देश को संबोधित करते हुए इमरान खान ने कहा था कि चीन और इटली जैसे देशों की तरह वे पूरे देश को लॉकडाउन नहीं कर सकते, लेकिन लोगों को खुद ही घर पर रहना होगा। क्योंकि लॉकडाउन से दिहाड़ी मजदूरों की दिक्कतें भी बढ़ेंगी। देश को आर्थिक चुनौतियों को सामना करना पड़ेगा। हालांकि बाद में कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते आर्मी बुलाने का फैसला करना पड़ा। इंटर सर्विस पब्लिक रीलेशंस के मेजर जनरल बाबर इफ्तिकार ने इस बारे में कहा कि सेना कि यह तैनाती ऐसे वक्त में की जा रही है, जब देश की पश्चिमी सीमा और लाइन ऑफ कंट्रोल पर बड़ी संख्या में आर्मी के जवान पहले से ही तैनात हैं। इस काम देश में मौजूद सेना और मेडिकल संसाधन जरूरत के मुताबिक ही इस्तेमाल होंगे।

जवान लॉकडाउन तोड़ने वालों को हिदायत दे रहे हैं।


पाकिस्तान में 14 लैब में ही कोरोनावायरस का टेस्ट हो रहा है, लेकिन कई लैब में टेस्ट बंद
एक तरफ पाकिस्तान में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, दूसरी तरफ हजारों संदिग्ध अपनी रिपोर्ट आने का इंतजार कर रहे हैं। पाकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि अभी भी 22 हजार से ज्यादा संदिग्ध कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। पाकिस्तान में 14 लैब में ही कोरोना का टेस्ट हो रहा है। लेकिन अब कई लैब में टेस्ट होना भी बंद हो गए हैं। कराची के आगा खान हॉस्पिटल के प्रवक्ता ने टेलीफोन पर भास्कर से इस बात की पुष्टि की है कि उनकी लैब में अब कोरोना टेस्ट होना बंद हो गए हैं, क्योंकि उनके पास अब क्षमता नहीं है।

तस्वीर रावलपिंडी शहर की है। यहां लॉकडाउन के बाद सड़क पर इक्का-दुक्का वाहन ही चल रहे हैं।


अमेरिका ने कोरोना से लड़ने के लिए पाकिस्तान को 1 मिलियन डॉलर की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है
अधिकारियों ने भास्कर को बताया कि कैश की समस्या और आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान को कोरोना के खिलाफ लड़ने में अमेरिकी मदद का इंतजार है। पिछले हफ्ते अमेरिका ने घोषणा की थी कि उनकी सरकार कोरोना से लड़ने के लिए पाकिस्तान को 1 मिलियन डॉलर की आर्थिक मदद देने की तैयारी कर रहे हैं। दक्षिण एशियाई मामलों की अमेरिकी प्रिंसिपल डिप्टी असिस्टेंट सेक्रेटरी एलिस वेल्स ने शुक्रवार को यूएसएड (USAID) प्रोग्राम के तहत पाकिस्तान को 1 मिलियन डॉलर देने की घोषणा की थी। पाकिस्तान की कॉमर्स मिनिस्ट्री के एक अधिकारी ने भास्कर को बताया कि ' हम उत्सुकता से अमेरिकी मदद का इंतजार कर रहे हैं। ईमानदारी से कहूं तो हम इस कोरोना से निपटने में सक्षम नहीं हैं।'

रावलपिंडी में जरूरी सुविधाओं के लिए कतार लग रही है।

कोरोना से पाकिस्तान की हालत और खराब हो सकती है, क्योंकि यहां हेल्थ सिस्टम बहुत खराब
21 करोड़ से ज्यादा की आबादी वाले देश को अपने न्यूक्लियर स्टेट होने पर गर्व है। लेकिन यहां पर कोरोनावायरस से निपटने के लिए पुख्ता संसाधन ही नहीं हैं। पाकिस्तान में सिर्फ 25 हजार टेस्टिंग किट ही हैं। पाकिस्तान सरकार के एक बड़े अधिकारी ने ऑफ द रिकॉर्ड बताया है कि संसाधनों की कमी होने के कारण पाकिस्तान कोरोना के खिलाफ लड़ाई हार सकता है। कोरोनावायरस के मामले बढ़ने के बाद सरकार ने 1 लाख कोरोना टेस्टिंग किट कनाडा से मंगाई हैं, लेकिन अभी तक ये पहुंची नहीं हैं।

गाजा कस्बे में सैनेटाइजर का छिड़काव करते हेल्थ वर्कर।

एक तरफ सरकार का कहना है कि वे कोरोना महामारी से निपटने में सक्षम है, लेकिन दूसरी तरफ एक्सपर्ट का मानना है कि हेल्थ सिस्टम में खामी और संसाधनों की कमी के कारण पाकिस्तान कोरोना से बुरी तरह प्रभावित होने वाला अगला देश बनने जा रहा है। इस्लामाबाद के एक डॉक्टर जीशान कहते हैं कि 'देश में लगातार कोरोना के बढ़ते मामले दिखाते हैं कि हम कोरोना से लड़ाई हार रहे हैं।' पाकिस्तान का हेल्थ सिस्टम पूरी तरह फेल है। डब्ल्यूएचओ के आकंड़े बताते हैं कि हर 5 हजार पाकिस्तानी पर सिर्फ 3 बेड हैं। इस पर जीशान कहते हैं, हमारे देश के हेल्थ सिस्टम से किसी चमत्कार की उम्मीद नहीं कर सकते हैं।'


डॉक्टर जरूरी सुरक्षा संसाधनाें के बिना ही कोरोना संक्रमितों का इलाज कर रहे, डॉक्टरों ने हड़ताल की धमकी दी
कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों का आरोप है कि इस बीमारी से संक्रमित होने का खतरा उन पर भी है, क्योंकि सरकार ने उन्हें 'पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट' मुहैया नहीं कराए हैं। सरकार की तरफ से जरूरी इक्विपमेंट और किट नहीं मिलने के कारण राजधानी इस्लामाबाद स्थित 4 सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों ने 24 मार्च से हड़ताल पर जाने की धमकी दी है। यंग डॉक्टर्स एसोसिएशन ऑफ पाकिस्तान के प्रवक्ता ने बताया कि हमने 24 मार्च से हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है और ये तब तक जारी रहेगी, जब तक सरकार की तरफ से हमें पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट नहीं मिल जाते।'
सरकार ने उन अस्पतालों में भी आइसोलेशन वॉर्ड बना दिए हैं, जहां एक ही एंट्री गेट है। डॉक्टरों ने इसकी भी आलोचना की है। एसोसिएशन के प्रवक्ता ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि 'देखिए! अस्पतालों में आइसोलेशन वॉर्ड इस तरह से बनाए हैं, जहां कोरोना संक्रमित मरीज, सामान्य रोगी, डॉक्टर और अस्पताल के कर्मचारी एक ही गेट से आना-जाना कर रहे हैं। इससे सामान्य रोगियों, डॉक्टरों और अस्पताल के कर्मचारियों के भी संक्रमित होने का खतरा है।'

कोरोना का इलाज कर रहे डॉक्टर मिल रही सुविधाओं से नाराज हैं, उन्होंने हड़ताल की धमकी दी है।

भास्कर को अलग-अलग सूत्रों ने कन्फर्म किया है कि बड़ी संख्या में डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिक्स और अस्पतालों के बाकी कर्मचारियों को इस वायरस से बचने के लिए प्रोटेक्टिव किट नहीं दी गई है। यंग कंसल्टेंट डॉक्टर के चेयरमैन ने भास्कर को बताया, 'हमने सरकार से कई दफा पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट देने की मांग की है। लेकिन, किसी ने भी हमारी चिंताओं को सुनने की जहमत नहीं उठाई। हमारे पास हड़ताल पर जाने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है।'


पाक में रविवार से लॉकडाउन, अगले हफ्ते तक खाने का सामान सस्ता हो सकता है
रविवार सुबह से पाकिस्तान में लॉकडाउन लागू है। इसके बाद से सड़कें खाली हो गई। मॉल खाली हो गए। फूड स्ट्रीट और पार्क बंद हो गए। लेकिन पाकिस्तान में लॉकडाउन के पहले दिन अस्पतालों में भीड़ देखी गई। कई शहरों में भीड़ भी देखने को मिली, लोग एक दिन बाद ही सड़क पर आ गए। इसके चलते सेना को बुलाना पड़ा है। वहीं, लॉकडाउन के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान ने खाने का सामान और जरूरी चीजों की कीमतें कम करने के लिए अधिकारियों को एक खाका तैयार करने का निर्देश दिया है। पाकिस्तान के फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू से मिले आंकड़ों के मुताबिक, टमाटर के इंपोर्ट पर 5.5% इनकम टैक्स की वसूली कर रहा है। जबकि, सब्जियों पर कोई कस्टम ड्यूटी नहीं है। इसके अलावा सरकार प्याज के इंपोर्ट पर 20% सेल्स टैक्स और 5.5% इनकम टैक्स लगाती है।
इसके साथ ही सरकार आलू के इंपोर्ट पर भी 25% कस्टम ड्यूटी, 17% सेल्स टैक्स और 5.5% इनकम टैक्स वसूलती है। सरकार ने गेहूं पर 60%, गेहूं के आटे पर 25%, चीनी पर 40% और बोनलैस मीट (फ्रोजन) पर 5% टैक्स लगाया है। इन सबके अलावा दालों पर भी 2% इनकम टैक्स लगता है। सरकारी अधिकारियों ने बताया कि सरकार अगले हफ्ते तक 20 सामानों पर ड्यूटी और टैक्स घटाने की तैयारी कर रही है।

कोरोना से मौत के बाद पुलिस और स्वास्थ्य अधिकारियों की मौजूदगी में ही शव दफनाए जा रहे।

पुलिस और स्वास्थ्य अधिकारियों की मौजूदगी में कोरोना से संक्रमित मरीज के शव दफनाए जा रहे
कोरोना से संक्रमित मरीज की मौत के बाद पुलिस और स्वास्थ्य अधिकारियों की मौजूदगी में उसके शव को दफनाया जा रहा है। पाकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने भास्कर को बताया कि 'कोरोना संक्रमित मरीज की मौत के बाद सावधानी बरती जा रही है, ताकि उसके अंतिम संस्कार में आए लोग वायरस की चपेट में न आ सकें।' रविवार तक पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस में भर्ती कोरोना संक्रमित 6 मरीज रिकवर होकर डिस्चार्ज हुए हैं। इंस्टीट्यूट में कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करने वाली टीम में शामिल डॉ. जीशान अवान ने बताया कि अल्लाह की दुआ से यहां 10 मरीज आए थे, उनमें से 6 ठीक होकर चले भी गए हैं।'



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
तस्वीर रावलपिंडी की है। यहां मंगलवार को लॉकडाउन लागू कराने के लिए आर्मी ने सड़क पर मार्च निकाला।

Myanmar confirms first coronavirus cases March 24, 2020 at 12:41AM

The country of 54 million people had been the world's largest country by population not to report a single case of the pandemic that has confined more than 1.7 billion to their homes. With only 214 people tested by Monday evening, medical experts and rights groups have urged Myanmar to stand up and face the pending crisis.

US slashes aid to Afghanistan after Pompeo visit to Kabul March 23, 2020 at 11:22PM

The Trump administration is slashing $1 billion in assistance to Afghanistan and threatening further reductions in all forms of cooperation after the country’s rival leaders failed to agree on forming a new government.

भारत में कोरोनावायरस को हराने की अद्भुत क्षमता, चेचक-पोलियो उदाहरण हैं : डब्ल्यूएचओ March 23, 2020 at 11:30PM

हेल्थ डेस्क. कोरोनावायरस तेजी से फैल रहा और देश धीरे-धीरे लॉकडाउन की तरफ बढ़ रहा है। 28 राज्यों में से 24 और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में से 6 में लॉकडाउन और 3 राज्यों के कुछ जिलों में भी पाबंदी है। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के डायरेक्टर डॉ. माइकल जे रायन, ने कहा है, भारत में कोरोनावायरस से लड़ने की अद्भुत क्षमता है, चेचक और पोलियो इसके उदाहरण हैं। यह देश महामारी से निपटना अच्छी तरह से जानता है और चेचक-पोलियो को हरा चुका है।

घनी आबादी के कारण मामले बढ़ेंगे

डॉ. माइकल जे रायन के मुताबिक, जहां पर भी कोरोनावायरस के मामले बढ़ रहे हैं वहां लैब की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। भारत अधिक जनसंख्या वाला देश है और घनी आबादी होने के कारण कोरोना के मामले बढ़ेंगे। लेकिन इससे पहले यह देश चेचक और पोलियो जैसी दो महामारी में विश्व का नेतृत्व कर चुका है। इस देश में कोरोना को भी हराने की जबदरस्त क्षमता है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
WHO India Coronavirus | WHO Hails India Over World COVID-19 (Novel Coronavirus) Cases Death Toll Rise

Thailand decrees state of emergency to control coronavirus March 23, 2020 at 09:54PM

Prime Minister Prayuth Chan-ocha said his Cabinet agreed Tuesday at its weekly meeting to put a one-month state of emergency into effect on Thursday. It will give the government enforcement powers not normally available to it.