Tuesday, December 17, 2019

चीन ने सुरक्षा परिषद में विरोध के बाद वापस लिया कश्मीर पर चर्चा वाला प्रस्ताव December 17, 2019 at 08:30PM

न्यूयॉर्क. चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में कश्मीर की मौजूदा स्थिति पर चर्चा का प्रस्ताव वापस ले लिया है। मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र संघ की बैठक से पहले, एक गैर-स्थायी यूरोपीय देश के राजनयिक ने चीन के इस फैसले की पुष्टि की। उन्होंने कहा, इस मसले पर सुरक्षा परिषद में अमेरिका की स्थायी प्रतिनिधि कैली क्राफ्ट और चीनी समकक्ष जैंग जून के बीच चर्चा हुई थी। इसके बाद ही चीन ने अपने कदम पीछे खींचे। हालांकि, उसके फैसले को केवल अपना चेहरा बचाने की कवायद से जोड़कर देखा जा रहा है।

भारत ने चीन के इस फैसले पर चुप्पी साधी

भारत ने इस मामले पर पूरी तरह से चुप्पी साधे रखी है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा, भारत सुरक्षा परिषद का स्थायीसदस्य नहीं है, इसलिए वह इस विषय पर कुछ नहीं कह सकता।फ्रांस के एक राजनयिक सूत्र ने बताया,‘‘हमारी स्थिति बिल्कुल साफ है। कश्मीर मुद्दे को द्विपक्षीय रूप से ही देखना होगा। हमने पहले भी यह बात कही है।’’

चीन विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता से पहले भारत पर दबाव बनाना चाहता है

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, भारत की अमेरिका से 2+2 वार्ता बुधवार से शुरू होने वाली है। वहीं, विशेष प्रतिनिधि स्तर की बातचीत के लिए 21 दिसंबर को चीन के विदेश मंत्री वांग यी भी भारत आने वाले हैं। ऐसे में वह(चीन) संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मसले परचर्चा के जरिए सीमा विवाद को लेकर भारत पर दबाव बनाना चाहता है।

केंद्र में दूसरी बार मोदी सरकार बनने के बाद देशों के बीच 21 दिसंबर को विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता हो रही है।मामल्लपुरम में चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग और पीएम मोदी के बीचअनौपचारिक शिखर सम्मेलन में विशेष प्रतिनिधि स्तर की बातचीत बढ़ाने का निर्णय किया गया था, ताकि लाइन ऑफ कंट्रोल पर स्थिति साफ की जा सके।



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विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता से पहले चीन सीमा विवाद को लेकर भारत पर दबाव बनाना चाहता है। (फाइल)

भारत-अमेरिका दूसरे 2+2 डायलॉग के लिए तैयार, क्षेत्रिय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा संभव December 17, 2019 at 07:56PM

वॉशिंगटन. भारत-अमेरिका के बीच 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता बुधवार (स्थानीय समय) को वॉशिंगटन में होने वाली है। इस दौरान दोनों देश संभावित क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार साझा करेंगे। अमेरिकी विदेश विभाग दूसरे वार्षिक यूएस-भारत 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता की मेजबानी कर रहा है। इसमें विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर अपने समकक्ष विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ शामिल होंगे।

भारत और अमेरिका के बीच पहली बार 6 सितंबर 2018 को नई दिल्ली में 2+2 वार्ता हुई थी। इसमें तत्कालिन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो शामिल हुए थे। विदेश मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि इस बैठक का उद्देश्य अमेरिका और भारत के मजबूत संबंधों को प्राथमिकता देना है। ट्रम्प प्रशासन इसके लिए हमेशा अग्रसर है।

भारत-अमेरिका के बीच सहयोग में लगातार वृद्धि देखी गई

अधिकारी ने कहा कि जून में अपनी भारत यात्रा के दौरान पोम्पिओ ने भारत और अमेरिका के संबंधों को बेहद महत्वपूर्ण बताया था। उन्होंने कहा था कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र को मुक्त रखने के लिए हमने भारत के साथ अपने रिश्तों को मजबूत किया है। पिछले 15 महीनों में हम इसका गवाह रहे हैं कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग में लगातार वृद्धि देखी गई है। हम आसियान के समर्थन के महत्व पर भारत के साथ सहमत हैं।

हिंद-प्रशांत क्षेत्र के संरक्षण के लिए अमेरिका-भारत ने ‘क्वाड’ संगठन बनाया

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ रही सैन्य गतिविधियों पर चिंता जताते हुए अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने मिलकर ‘क्वाड’ (चार देशों का संगठन) बनाया। पोम्पियो ने सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में पहली बार ‘क्वाड’ की मेजबानी की थी। इसमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र के सहयोगियों के साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता दिखाई गई थी। अधिकारियों ने कहा कि बुधवार को बैठक के दौरान 2+2 सहयोग को और बढ़ाने पर विचार किया जाएगा। साथ क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा की जाएगी।



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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिका की अपनी यात्रा के दौरान मंगलवार को नौसेना एयर स्टेशन (एनएएस) ओशियाना और नौसेना स्टेशन नॉरफॉक का दौरा किया।

Hundreds of thousands protest in France over pension reform plans December 17, 2019 at 08:13PM

The French government has insisted it will push through a single points-based pension system and end the current patchwork of 42 separate schemes that offer early retirement to many in the public sector. It says the new system will be fairer and more transparent, improving pensions for women and low earners in particular.

Nevada accuses US govt of 'secret plutonium smuggling' December 17, 2019 at 07:49PM

Nevada wants a federal judge to declare illegal what it calls the US government's "secret plutonium smuggling operation" and order the removal of weapons-grade material already shipped to a security site north of Las Vegas over the state's objections.

Trump on brink of impeachment as House readies historic vote December 17, 2019 at 08:10PM

Trump, who would be just the third US president to be impeached, on Tuesday fired off a furious letter to Speaker Nancy Pelosi denouncing the "vicious crusade" against him, but he also acknowledged he was powerless to stop the expected outcome.

‘ये वहीं महत्वपूर्ण इमारतें हैं जो हमें परमाणु बम की भयावहता बता रही हैं’ December 16, 2019 at 01:23AM

टोक्यो. जापान के शहर हिरोशिमा में द्वितीय विश्व युद्ध (1945) के समय परमाणु बम से बची दो इमारतों को ध्वस्त किए जाने की योजना है। लेकिन, कुछ स्थानीय लोग चाहते हैं कि इन स्थलों को संरक्षित किया जाए। लोगों का कहना है कि ये वहीं महत्वपूर्ण इमारतें हैं जो हमें परमाणु बम की भयावहता बता रही हैं। इन दोनों ब्लॉकों का निर्माण 1913 में हुआ था। सबसे पहले इसका इस्तामल सेना के कपड़ों के कारखाने के रूप में किया जाता था। बाद में इसे बच्चों का छात्रावास बना दिया गया। बम गिराए जाने के बाद इसका इस्तेमाल एक अस्थायी अस्पताल के रूप में भी किया जाता था।

सीधे बम की चपेट में आने से लगभग 80 हजार लोग मारे गए थे। जबकि 35 हजार जख्मी हुए थे। हमले ने शहर के अधिकांश हिस्सों को चपेट में ले लिया था। दोनों ब्लॉक हमले में बच गए, क्योंकि वे प्रबलित (रीनफोर्स्ड) कंक्रीट से बने थे। मेटल की बनी खिड़कियों और दरवाजों को थोड़ी-बहुत क्षति हुई थी, जो अभी भी नजर आती है।

2017 में अधिकारियों ने जांच में पाया कि इमारत के भूकंप में गिरने की संभावना बढ़ गई थी। इसलिए स्थानीय सरकार ने यह फैसला किया है कि 2022 तक इसे ध्वस्त कर दिया जाएगा। साइट पर एक तीसरी इमारत को संरक्षित किया जाएगा। इसकी दीवारों और छत की मरम्मत की जाएगी और इसे भूकंप से बचाने के लिए प्रबलित किया जाएगा।

भावी पीढ़ी के लिए इमारत का ऐतिहासिक महत्व

89 साल की इवाओ नकासिनी उस समय शहर की उन इमारतों में मौजूद थीं, जब हर ओर बमबारी हो रही थी। वह अब इमारतों के संरक्षण की मांग करने वाले एक स्थानीय समूह की प्रमुख हैं। उनका कहना है कि भावी पीढ़ी को इसके ऐतिहासिक महत्व को बताया जाना चाहिए। इसलिए हम किसी भी तरह से धवस्त किए जाने को स्वीकार नहीं कर सकते। हम इसका विरोध करते हैं।

सालों से इमारतों में आना-जाना बंद

सालों से इनका (इमारतों) इस्तेमाल बंद है। हालांकि स्थानीय अधिकारी की मदद से दौरे किए जा सकते हैं। 69 साल के एक विजिटर ने बताया किजब मैंने उन्हें पहली बार देखा तो इसे दृढ़ता से महसूस किया। इसे देखने पर परमाणु बम की भयावहता महसूस की जा सकती है।इसलिए मैं चाहता हूं कि उन सभी को संरक्षित किया जाए।

हिरोशिमा में क्या हुआ?

  • मई 1945 में जर्मनी के सरेंडर करने के बाद भी एशिया में जापान लगातार युद्ध में बना रहा।
  • अमेरिका चाहता था कि जापान बिना शर्त आत्मसमर्पण करे, शांति की पहल को खारिज किए जाने के बाद अमेरिका ने जापान के शहर हिरोशिमा पर परमाणु बम गिराए।
  • पहला बम हिरोशिमा पर गिराया गया, जिसमें करीब 1 लाख 40 हजार लोग मारे गए थे।
  • जब जापान की ओर से तत्काल आत्मसमर्पण नहीं किया गया तो तीन दिन बाद अमेरिका ने नागाशाकी पर बम गिराए।
  • हमले के 6 दिनों के बाद जापान ने आत्मसमर्पण कर दिया, इसके साथ ही द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति हुई।


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परमाणु हमले में हिरोशिमा में 1,40,000 और नागासाकी में 74,000 लोग मारे गए थे। (पीस मेमोरियल पार्क)

US opposes lifting key sanctions against North Korea December 17, 2019 at 05:20PM

ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर आज वोटिंग, राष्ट्रपति ने डेमोक्रेट पेलोसी को पत्र लिखा December 17, 2019 at 05:13PM

वॉशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के दो आर्टिकल पर हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में बुधवार को वोटिंग होंगी। सदन में डेमोक्रेट सांसदों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी ने पत्र लिखकर सहयोगियो से कहा कि कल (बुधवार) हम प्रतिनिधि सभा में संविधान द्वारा हमें प्रदान की गई सबसे महत्वपूर्ण शक्तियों में से एक का प्रयोग करेंगे। क्योंकि हम अमेरिकी राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग के दो आर्टिकल को मंजूरी देने के लिए मतदान करेंगे।

ट्रम्प ने पत्र लिखकर महाभियोग की कार्रवाई का विरोध किया

अपने खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर वोटिंग से एक दिन पहले ट्रम्प ने हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव नैंसी पेलोसी को तीखे शब्दों में एक पत्र लिखा। इसमें उन्होंने डेमोक्रेट्स द्वारा अपने खिलाफ किए जा रहे पक्षपातपूर्ण महाभियोग की कार्रवाई का विरोध किया।ट्रम्प ने अपने छह पन्नों के पत्र में कहा-हाउस ज्यूडिशियरी कमेटी द्वारा पेश किए गए महाभियोग के लेख संवैधानिक सिद्धांत, स्पष्टीकरण या न्यायशास्त्र के किसी भी मानक पर खरे नहीं उतरते। उन्होंने पेलोसी से कहा कि इसमें कोई अपराध, खराब आचरण या कोई दोष नहीं है। आपने बेहद बदसूरत शब्द महाभियोग के महत्व को कमतर बनाया है।

ट्रम्प का आरोप- पेलोसी संविधान के प्रति अपनी निष्ठा तोड़ रहीं

ट्रम्प का यह पत्र सदन द्वारा महाभियोग पर वोट करने के एक दिन पहले सामने आया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने स्पीकर पेलोसी पर ‘अवैध महाभियोग’ की प्रक्रिया को आगे बढ़ाकर अपने पद का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा- आप (पेलोसी) संविधान के प्रति अपनी निष्ठा तोड़ रही हैं। अमेरिकी लोकतंत्र के खिलाफ खुले तौर पर युद्ध की घोषणा कर रही हैं।

ट्रम्प पर शक्तियों के दुरुपयोग का आरोप

ट्रम्प ने निजी और सियासी फायदे के लिए अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए 2020 राष्‍ट्रपति चुनाव के लिए अपने पक्ष में यूक्रेन से विदेशी मदद मांगी थी। जांच कमेटी के सदस्यों ने कहा था कि ट्रम्प ने राष्ट्रपति चुनाव की अखंडता को कमजोर किया। उन्होंने अपने पद की शपथ का भी उल्लंघन किया। अमेरिका की संवैधानिक प्रणालियों जैसे जांच और संतुलन, शक्तियों का पृथक्ककरण और कानून के नियमों को चुनौती दी।



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Democrat Pelosi sets Trump impeachment vote for Wednesday

दुनिया में 27 करोड़ से ज्यादा प्रवासी, एक साथ बस जाएं तो बना लेंगे दुनिया का चौथा सबसे ज्यादा आबादी वाला देश December 17, 2019 at 05:12PM

भोपाल. दुनियाभर में 18 दिसंबर को वर्ल्ड माइग्रेंट्स डे यानी अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस के तौर पर मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र ने प्रवासियों के आंदोलन और दुनिया के विकास में उनके योगदान को सम्मान देने के लिए इस दिन को चुना। 4 दिसंबर 2000 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 18 दिसंबर को इंटरनेशनल माइग्रेंट्स डे के तौर पर घोषित किया था।दुनियाभर में प्रवासियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। हालात येहैं कि अगर सारे प्रवासी मिलकर कोई देश बना लें, तो वह आबादी के मामले में दुनिया का चौथा सबसे बड़ा देश होगा। दुनिया में 27 करोड़ से ज्यादा प्रवासी रहते हैं, यानी इनकी कुल संख्या पाकिस्तान और इंडोनेशिया की आबादी से भी ज्यादा है।

20 साल में दोगुने हो गए प्रवासी
संयुक्त राष्ट्र की 2020 के लिए जारी वर्ल्ड माइग्रेशन रिपोर्ट के मुताबिक,20 साल में दुनिया में प्रवासियों की संख्या में करीब दोगुनीबढ़ोतरी हुई। राहत की बात यह है कि तब से लेकर अब तक प्रवासी बच्चों की संख्या में कमी दर्ज की गई है। हालांकि, प्रवासी महिलाओं की हिस्सेदारी मामूली बढ़ी है।

2000 2020
कुल प्रवासी 15 करोड़ 27 करोड़
दुनिया की आबादी में हिस्सेदारी 2.8% 3.5%
महिलाओं की हिस्सेदारी 47.5% 47.9%
प्रवासी बच्चों का हिस्सा 16% 13.9%


दुनिया की 56% आबादी सिर्फ 5 देशों में
दुनिया में 233 देशों की कुल आबादी 771 करोड़ से भी ज्यादा है, लेकिन इसकी करीब 56% आबादी सिर्फ 5 देशों में रहती है। दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी चीन की है। यहां करीब 143 करोड़ लोग रहते हैं। बाकी तीन देश अमेरिका, इंडोनेशिया और पाकिस्तान हैं। इंडोनेशिया की आबादी करीब 27 करोड़ है और इस मामले में वह चौथे नंबर पर है। अगर दुनिया भर के प्रवासी अपना देश बना लें, तो इंडोनेशिया पांचवें नंबर पर खिसक जाएगा।

देश आबादी
चीन 143 करोड़
भारत 131 करोड़
अमेरिका 33 करोड़
इंडोनेशिया 27 करोड़
पाकिस्तान 22 करोड़


20 साल से लगातार बढ़ रही है प्रवासियों की संख्या
रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर की जनसंख्या में माइग्रेंट्स यानी प्रवासी लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। आंकड़ों को देखें, तो 2019 तक दुनियाभर में प्रवासियों की संख्या विश्व की कुल जनसंख्या का करीब 3.5% है।

वर्ष माइग्रेंट्स हिस्सेदारी
2000 17.35 करोड़ 2.8%
2005 19.16 करोड़ 2.9%
2010 22 करोड़ 3.2%
2015 24.88 करोड़ 3.4%
2019 27.16 करोड़ 3.5%


74% से ज्यादा प्रवासी कामगार
दुनिया में सबसे ज्यादा 74% प्रवासी वर्किंग एज यानी 20 साल से 64 साल की उम्रके हैं। इनमें 20 से 40 साल की उम्र के प्रवासियों की संख्या 62% से ज्यादा है। इनमें महिला-पुरुषों की बात करें तो 19 साल से कम और 59 साल से अधिक उम्र के मामले में महिला प्रवासियों की संख्या पुरुषों की तुलना में अधिक है।



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दुनिया में सबसे ज्यादा 74% प्रवासी वर्किंग एज यानी 20 साल से 64 साल की उम्र के हैं। -फाइल फोटो

प्रधानमंत्री हसीना ने कहा- पाकिस्तान परस्त ताकतों की देश को अस्थिर करने की साजिशें कभी कामयाब नहीं होगी December 17, 2019 at 04:55PM

ढाका. बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मंगलवार को कहा कि, पाकिस्तान परस्त ताकतें उनके देश में जो गड़बड़ी फैलाने की कोशिशें कर रही हैं, उसे कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। वह अपनी पार्टी अवामी लीग द्वारा 49वें विजय दिवस को लेकर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रही थीं।

उन्होंने साफ कर दिया, पाकिस्तानी कब्जे वाली ताकतों के सहयोगी और जो लोग अभी भी पाकिस्तान से प्यार करते हैं, वे बांग्लादेश को कड़ी मेहनत से मिली आजादी को खत्म करने और देश को विफल स्थिति में लाने की बार-बार कोशिशें कर रहे हैं। लेकिन इसे किसी भी सूरत में सफल नहीं होने दिया जाएगा।

शेख हसीना ने कहा- हम आज पाकिस्तान से बेहतर स्थिति में हैं

शेख हसीना ने याद दिलाते हुए कहा, बांग्लादेश की आजादी में सैंकड़ों लोगों ने अपना खून बहाया। बंगबंधु ( शेख मुजीबुर्रहमान) की एक आवाज पर लोग देश की आजादी की लड़ाई में कूद पड़े और आखिरी दम तक इसके लिए संघर्ष करते रहे। ऐसे में उनका बलिदान जाया नहीं होने दिया जाएगा। हमने पाकिस्तान से लड़कर आजादी हासिल की है। हमेशा से हमारा लक्ष्य यही था कि हम आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक तौर पर उनसे आगे रहे। हम आज उनसे बेहतर स्थिति में हैं, हमें इस कामयाबी को बरकरार रखना होगा।

भारत-पाकिस्तान के बीच 1971 युद्ध के बाद बांग्लादेश अलग देश बना

1971 के पहले बांग्लादेश, पाकिस्तान का एक हिस्सा था, जिसको 'पूर्वी पाकिस्तान' कहते थे। सालों के संघर्ष और पाकिस्तान की सेना के अत्याचार के विरोध में 'पूर्वी पाकिस्तान' के लोगों ने मुक्ति वाहिनी का गठन किया।भारत भी बांग्लादेशियों के बचाव में उतर आया। इसी को लेकर भारत-पाकिस्तान के बीच दिसंबर 1971 में युद्ध हुआ। सिर्फ 13 दिन के भीतर भारत ने पड़ोसी मुल्क को धूल चटा दी। इस दौरानपाकिस्तान के 90 हजार सैनिकों को बंदी बनाया और उसके दो टुकड़ेकर दिए। पूर्वीपाकिस्तान ही बांग्लादेश बना। हर साल 16 दिसंबर के दिन भारत के साथ ही बांग्लादेश में भी विजय दिवस मनाया जाता है।



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शेख हसीना ने कहा-हम आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक तौर पर पाकिस्तान से आगे।

Impeachment: Trump writes to Pelosi, accuses Democrats of 'attempted coup' December 17, 2019 at 04:33PM

On the eve of his expected impeachment, President Donald Trump - in a signed letter to House Speaker Nancy Pelosi- accused Democrats of pursuing an "illegal, partisan attempted coup" and declaring "open war" on US democracy as they seek to remove him from office for pressing Ukraine to investigate political rival Joe Biden.

House nears impeachment as Trump decries 'vicious crusade' December 17, 2019 at 04:41PM

On the eve of almost-certain impeachment, President Donald Trump fired off a furious letter Tuesday to House Speaker Nancy Pelosi denouncing the "vicious crusade" against him, while Democrats amassed the votes they needed and Republicans looked ahead, vowing to defend Trump at next month's Senate trial.

US House panel clears the way for Trump impeachment vote December 17, 2019 at 04:21PM

All 3 PIO ministers retain post in Boris’ ‘People’s Cabinet’ December 17, 2019 at 03:57PM

Latest case of cybercrime: A strobe that induces seizures December 17, 2019 at 03:45PM

Cyberattacks intended to trigger harmful seizures in those with epilepsy have become more common in recent years, particularly after a Texas author was targeted in 2016.

China's second aircraft carrier enters service: CCTV December 17, 2019 at 02:35AM

China's first domestically built carrier was delivered and commissioned to the People's Liberation Army navy in Sanya, on the southern island of Hainan, at a ceremony attended by President Xi Jinping, state media said. Hainan province is in the South China Sea east of Vietnam, which has competing claims in the waterway along with China, Malaysia, the Philippines, Taiwan and Brunei.

मुशर्रफ को फांसी पाकिस्तानी न्याय व्यवस्था की सेना को चुनौती, सजा में चीफ जस्टिस की भूमिका अहम December 17, 2019 at 02:08AM

इस्लामाबाद. पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ को मंगलवार को पाकिस्तान की विशेष अदालत ने मौत की सजा सुनाई। उन्होंने 2007 में इमरजेंसी लगाकर असंवैधानिक रूप से अपना कार्यकाल बढ़ाने की कोशिश की थी। इसी को लेकर मुशर्रफ पर देशद्रोह का केस चल रहा था। करीब 6 साल तक चले इस मामले में आखिरकार फैसला आया। मुशर्रफ को सजा दिलाने में चीफ जस्टिस (सीजेपी) आसिफ सईद खान खोसा की अहम भूमिका रही। एक वरिष्ठ वकील ने नाम न उजागर करने की शर्त पर कहा कि कानूनी बिरादरी मानती है कि एक सैन्य शासक को सजा दिलाने में चीफ जस्टिस खोसा की भूमिका की वजह से उन्हें इतिहास याद रखेगा।

दो संस्थानों के बीच लड़ाई उजागर
पाकिस्तान के 72 साल के इतिहास में पहली बार है जब एक पूर्व तानाशाह को देशद्रोह के मामले में मौत की सजा सुनाई गई। सूत्रों के मुताबिक, चीफ जस्टिस खोसा की वजह से इसे पाकिस्तानी न्याय व्यवस्था की ओर से सेना को चुनौती के तौर पर देखा जा रहा है। हाल ही में खोसा ने आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा के कार्यकाल पर सवाल खड़ा करते हुए इसे 3 साल से घटाकर 6 महीने कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि सेवा विस्तार का नोटिफिकेशन राष्ट्रपति जारी करता है, तो सरकार ने बाजवा का कार्यकाल बढ़ाने का फैसला कैसे कर लिया? इस फैसले से पाकिस्तानी सेना खासी नाराज थी। रिटायर्ड जनरल अमजद शोएब ने इसे पूरी फौज की बेइज्जती करार दिया था।

2013 से 2016 तक मुशर्रफ के खिलाफ विशेष अदालत में देशद्रोह का मामला लगातार आगे बढ़ रहा था। सूत्रों के मुताबिक, मुशर्रफ के खिलाफ सुनवाई में बार-बार देरी से सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन जस्टिस खोसा काफी नाराज थे। हाईकोर्ट ने मुशर्रफ के खिलाफ कई बार केस रोका। फरवरी 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने विशेष अदालत को आदेश दिया कि वह तय समय में मुशर्रफ के खिलाफ सुनवाई पूरी करे। हालांकि, तब तक मुशर्रफ पाकिस्तान छोड़कर दुबई भाग निकले।

इस साल जनवरी में पाकिस्तान का चीफ जस्टिस बनने के बाद खोसा ने मुशर्रफ के खिलाफ सुनवाई में देरी के मुद्दे को गंभीरता से लिया। 25 मार्च को उन्होंने कहा था कि एक आरोपी जानबूझकर कोर्ट के सामने पेश नहीं हो रहा और दिखा रहा है कि कोर्ट कितनी मजबूर है। अप्रैल में खोसा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच ने आदेश जारी किया था कि अगर आरोपी (मुशर्रफ) पेश नहीं हुआ, तो वह खुद की बात रखने का अधिकार खो देगा। इस फैसले के बाद विशेष अदालत ने कार्यवाही तेज की और 8 महीने बाद फैसला सुना दिया।

इमरान खुद देखेंगे मुशर्रफ की सजा की जमीनी हकीकत: सूचना मंत्री
मुशर्रफ की सजा के बाद सरकार की तरफ से खुद सूचना मंत्री डॉ. फिरदौस अवान मीडिया के सामने आईं। उन्होंने कहा कि सरकार मौत की सजा की खुद विस्तार से समीक्षा करेगी। सरकार जनरल बाजवा के कार्यकाल बढ़ाने का मामला भी देखेगी। विशेषज्ञ सभी कानूनी और राजनीतिक पहलुओं को जांचने के साथ इन मामलों के देश पर पड़ने वाले प्रभाव को भी देखेंगे। फिरदौस ने बताया कि प्रधानमंत्री इमरान खान गुरुवार को जेनेवा से लौटेंगे। इसके बाद वे दोनों मामलों में जमीनी हकीकत और कानूनी तंत्र को जानेंगे। इसके बाद दोनों मामलों में फैसला लिया जाएगा।

इमरान को भी हद में रहने की नसीहत दे चुके हैं चीफ जस्टिस
आर्मी चीफ के कार्यकाल विवाद पर इमरान सरकार ने अपने कानून मंत्री को हटा दिया था। खोसा सरकार को आड़े हाथों लेने के लिए भी जाने जाते हैं। चीफ जस्टिसने पिछले महीने नवाज शरीफ से जुड़े मामले में प्रधानमंत्री इमरान खान पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि नवाज सरकार की मर्जी से विदेश गए न कि न्यायालय की। उन्होंने सरकार को एक तरह से हद में रहने की नसीहत दी। खोसा ने प्रधानमंत्री का नाम लिए बिना कहा- आप न्यायपालिका पर तंज न कसें। यह 2009 के पहले वाली ज्युशियरी नहीं है, अब वक्त बदल चुका है। अदालतों के सामने कोई शक्तिशाली नहीं होता।



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Pervez Musharraf: Dainik Bhaskar News Report Updates From Islamabad On Former Pakistan President Pervez Musharraf Death Sentences In Treason Case

Pope abolishes 'pontifical secret' in clergy sex abuse cases December 17, 2019 at 01:54AM

'You ain't seen nothing yet', UK's Johnson tells senior ministers December 17, 2019 at 12:48AM

एपल, माइक्रोसॉफ्ट और अल्फाबेट समेत 5 टेक कंपनियों के खिलाफ मुकदमा, इन पर बाल श्रम से मुनाफा कमाने का आरोप December 16, 2019 at 11:12PM

वॉशिंगटन. अमेरिका की पांच प्रमुख टेक कंपनियों- एपल, माइक्रोसॉफ्ट, टेस्ला, अल्फाबेट और डेल के खिलाफ मानवाधिकार संगठन इंटरनेशनल राइट्स एडवोकेट्स ने बालश्रम (चाइल्ड लेबर) का मुकदमा किया है। टेक कंपनियों के खिलाफ इस तरह का केस पहली बार हुआ है। मानवाधिकार संगठन का दावा है कि इन कंपनियां को अफ्रीकन देश कॉन्गो की खदानों से कोबाल्ट सप्लाई हो रहा है। वहां की कोबाल्ट खदानों में बच्चे 1 डॉलर प्रति दिन से भी कम मेहनताने पर काम करते हैं। जोखिम इतना है कि कभी-कभी जान भी गंवानी पड़ जाती है। इस तरहटेक कंपनियां बच्चों की जान की कीमत पर अरबों डॉलर का मुनाफा कमा रही हैं। अमेरिकी मीडिया फर्म फॉर्च्यून की रिपोर्ट के मुताबिक वॉशिंगटन की अदालत में सोमवार को टेक कंपनियों के खिलाफ केस दायर हुआ।



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Lawsuit filed Against Apple, Microsoft, Alphabet and Including 5 US Tech Companies For Child Labor

Baghdad must 'take actions' after strikes on US interests, says Washington December 16, 2019 at 08:42PM

Tehran wields growing influence in Iraq, particularly through armed factions. Since October 28, ten rocket attacks have targeted areas where US soldiers and diplomats are stationed. They have not been claimed, but the United States has blamed Iranian-backed Shiite paramilitary groups.