Wednesday, January 8, 2020

Finally, British MPs prepare to seal Brexit deal January 08, 2020 at 08:58PM

Fence-scaling Venezuela opposition leader rekindles his mojo January 08, 2020 at 08:25PM

"You don't get to decide who gets in!'' he yelled, inching his face up close to the young man impeding his access to the legislature's ornate halls. In recent days, the opposition leader who drew thousands of Venezuelans to the streets last year only to see his momentum steadily fizzle as President Nicolas Maduro remains firmly in power appears to have gotten his mojo back.

Japan urges Ghosn to return as fugitive tycoon defends escape January 08, 2020 at 08:19PM

Japan's justice minister on Thursday urged Carlos Ghosn to return and make his case in court, after the fugitive former auto tycoon gave an impassioned defence of his decision to jump bail and flee to Lebanon.

Guilty verdict overturned in S. Korea #MeToo case January 08, 2020 at 08:06PM

Ahn Tae-geun, 53, was jailed for two years for abuse of power in January last year after being accused of repeatedly groping a female junior colleague at a funeral in 2015. After Seo Ji-hyun filed a formal complaint, Ahn allegedly had her transferred to a provincial post, significantly impacting her career.

Australia bushfire crisis: 24 killed, over 6 mn hectares of land burned January 08, 2020 at 07:50PM

Authorities on Thursday issued fresh warnings and evacuation orders in the country's southeast as hot and windy conditions threatened to regenerate huge bushfires.

प्रिंस हैरी और मेगन ने शाही परिवार का वरिष्ठ दर्जा छोड़ा, आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर रहने का फैसला किया January 08, 2020 at 06:35PM

लंदन. ब्रिटेन के राजकुमार हैरी और उनकी पत्नी मेगन मर्केलने शाही विरासत छोड़ने का फैसला किया है। दोनों ने बुधवार को इसका ऐलान किया। उन्होंने कहा कि वे शाही परिवार के 'वरिष्ठ' सदस्य के पद से अलग हो रहे हैं और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने के लिए योजना बना रहे हैं। प्रिंस हैरी महारानी एलिजाबेथ-IIके पोते हैं। ब्रिटिश राज सिंहासन के लिए वे छठे नंबर के दावेदार हैं। मई 2018 में उन्होंनेमेगन सेशादी कीथी।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रिंस हैरी और मेगन ने इस बारे में शाही परिवार के किसी सदस्य से चर्चा नहीं की। उनके इस फैसले पर महारानी की तरफ से नाराजगी जाहिर करने की भी खबरें हैं। वहीं, प्रिस हैरी के भाई प्रिंस विलियम भी इस फैसले से नाराज बताए गए हैं।

बेटे आर्ची के साथ प्रिंस हैरी और मेगन।

आपसी सहमतिके बाद लिया फैसला

हैरी और मेगन ने इंस्टाग्राम पर लिखा कि कई महीनों तक विचार करने और आपसी बातचीत के बाद हमने यह फैसला किया है।उन्होंने लिखा कि यह फैसला शाही परिवार में नई परंपराकी शुरुआत होगी। उन्होंने बताया कि वे अपना आगे का महारानी की सेवा में रहते हुएयूकेऔर उत्तरी अमेरिका में बिताएंगे। उन्होंने कहा, “यह भौगोलिक संतुलन हमें अपने बेटे को शाही परिवार की परंपराओं की कद्र करते हुए बड़ा करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा हमें अपने परिवार के अगले अध्याय और नए चैरिटी शुरू करने के बारे में सोचने का मौका मिलेगा।

मई में दिया था बेटे को जन्म

मई 2018 में प्रिंस हैरी और मेगन मर्केल की शादी हुई थी। ब्रिटेन की महारानी क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय ने ब्रिटेन के शाही शादी की परंपरा के हिस्से के तौर पर अपने पोते प्रिंस हैरी और उनकी दुल्हन मेगन मर्केल को ससेक्स के ड्यूक और डचेस का खिताब दिया। प्रिंस हैरी की पत्नी मेगन मार्केल ने 5 मई में बेटे को जन्म दिया था। इस बच्चे का नाम आर्ची रखा था।



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प्रिंस हैरी और मेगन मर्केल की मई 2018 में शादी हुई थी। (फाइल)

Grief and mourning after Iran plane crash kills 176 January 08, 2020 at 06:38PM

Both Canada and the United States called for a full investigation to determine the cause of Wednesday's crash, which came shortly after Tehran launched missiles at American troops in Iraq in response to the killing of a top Iranian general.

जंगलों की आग 2009 का रिकॉर्ड तोड़ सकती है, अर्थव्यवस्था को 31 हजार करोड़ रु. से ज्यादा घाटे का अनुमान January 08, 2020 at 05:56PM

सिडनी. ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में तीन महीने से आग भड़क रही है। दुनियाभर के दमकलकर्मी आग बुझाने के लिए ऑस्ट्रेलिया के तीन राज्यों में जुटे हैं। हालांकि, भारी गर्मी के चलते उन्हें इस पर काबू पाने में सफलता नहीं मिली है। इसी बीच रेटिंग एजेंसी मूडीज ने अनुमान लगाया है कि जंगलों की आग से ऑस्ट्रेलिया को 4.4 अरब डॉलर (करीब 31 हजार करोड़ रुपए) के नुकसान का रिकॉर्ड तोड़ सकता है। एजेंसी की इकोनॉमिस्ट कैटरीना एल के मुताबिक, आग से ऑस्ट्रेलिया की इकोनॉमी को काफी नुकसान हो सकता है। यहां पहले ही उपभोक्ताओं का सरकार से भरोसा हिला हुआ है। अब वायु प्रदूषण और टूरिज्म-फार्मिंग सेक्टर को सीधे नुकसान का असर उसकी इकोनॉमी पर और ज्यादा असर डालेगा।

नवंबर में भड़की थी आग, दो महीने सेनियंत्रण से बाहर

कैटरीना ने कहा कि अभी जंगलों की आग गर्मी की वजह से कुछ दिन और रह सकती है। ऐसे में यह 2009 की ‘ब्लैक सैटरडे’ की आग से हुए नुकसान का रिकॉर्ड तोड़ सकती है। तब आग से कुल 4.5 लाख हेक्टेयर जमीन जली थी, कुल 173 लोगों की मौत हुई थी और एक शहर पूरी तरह तबाह हो गया। इससे अर्थव्यवस्था को 31 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। हालांकि, इस बार 2 महीने में 84 लाख हेक्टेयर जमीन जल चुकी है, 25 लोग आग की चपेट में आ कर मारे जा चुके हैं। न्यू साउथ वेल्स राज्य में स्थित कोबार्गो और मोगो शहर में भारी तबाही हुई है। इसके अलावा विक्टोरिया राज्य का एक शहर मलाकूटा को भी आग से भारी नुकसान हुआ है।

उत्पाद निर्माण कम होने की वजह से उपभोक्ताओं को नुकसान

कैटरीना के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया की यह परेशानी अभी और बढ़ सकती है, क्योंकि जंगलों की आग का सीजन अभी शुरू ही हुआ है। इन पर नियंत्रण पाना काफी मुश्किल है। लंबे समय से जारी सूखे के चलते भी ऑस्ट्रेलियाई उद्योगों को घाटा उठाना पड़ रहा है। यानी ताजे उत्पादों को निर्माण कम हो रहा है। इनके नुकसान की वजह से उपभोक्ताओं को भी जरूरी चीजें खरीदने के लिए ज्यादा कीमतें चुकानी पड़ रही हैं।

जंगलों की आग और धुएं के प्रदूषण के चलते पर्यटकों की संख्या में कमी आई
इसके अलावा पर्यटकों की कमी के चलते इस वक्त टूरिज्म इंडस्ट्री भी बुरी तरह प्रभावित है। लाखों जानवरों के मरने की वजह से अब इसे दोबारा खड़ा करने में करोड़ों डॉलर्स का खर्च आएगा। धुएं की वजह से फैले प्रदूषण से अब तक 30% जनसंख्या प्रभावित हुई है। इससे कामगारों की क्षमताओं पर भी असर पड़ा है। सरकार को अब इन समस्याओं से निपटने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं पर ज्यादा खर्च करना पड़ेगा। सड़कों को बंद करने और इंश्योरेंस की कीमतें अदा करने से अर्थव्यवस्था पर बोझ बढ़ेगा। ऑस्ट्रेलिया के इंश्योरेंस काउंसिल के मुताबिक, सोमवार तक बीमे के 8200 क्लेम हो चुके हैं। इनमें प्रशासन को 70 करोड़ डॉलर (करीब 3500 करोड़ रुपए) चुकाने होंगे।



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ऑस्ट्रेलिया में आग भड़कने की वजह से पर्यटकों की संख्या बेहद कम हुई है।

बगदाद में 24 घंटे के अंदर दूसरा हमला, विदेशी दूतावासों के पास दो रॉकेट गिरे; शिया विद्रोहियों पर शक January 08, 2020 at 04:58PM

बगदाद. इराक के बगदाद में 24 घंटे के अंदर एक बार फिर रॉकेट हमला हुआ है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बार दो मिसाइलों हाई सिक्योरिटी वाले ग्रीन जोन (अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र) में गिरीं। इस जगह पर कई विदेशी दूतावास मौजूद हैं। बताया गया है कि दो बड़े धमाकों के बाद पूरे ग्रीन जोन में सुरक्षा अलार्म बजने लगे। किसी भी संगठन ने अभी तक हमलों की जिम्मेदारी नहीं ली है। हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों ने इसके पीछे इराक में स्थित ईरान समर्थित शिया विद्रोहियों पर शक जताया है।

एक दिन पहले ही ईरान ने इराक में स्थित दो अमेरिकी सैन्य बेसों पर 22 मिसाइलें दागी थीं। ईरान ने दावा किया था कि अनबर प्रांत में ऐन अल-असद एयर बेस और इरबिल के एक ग्रीन जोन पर हमले में अमेरिकी के 80 सैनिक मारे गए। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस दावे को झूठा करार दिया। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने इससे जुड़ी कुछ सैटेलाइट फोटोज जारी की हैं। इनमें दिखाया गया है कि ईरान ने मिसाइलें समझदारी से अमेरिकी ठिकानों पर दागीं और इससे करीब 7 इमारतों और अन्य ढांचों को नुकसान पहुंचा। तबाह हुए तीन ढांचे एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस में लगे हैंगर के हैं।

ईरान जानबूझकर अमेरिकी सेना को निशाना बनाने का मौका चूका

ट्रम्प प्रशासन के अफसर मानते हैं कि ईरान ने जानबूझकर बेसों पर जानबूझकर सैनिकों को निशाना नहीं बनाया और मिसाइलें आसपास गिरा दीं। हालांकि, ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ मार्क माइली ने कहा कि ईरान शायद अमेरिका के वाहन और एयरक्राफ्ट को नुकसान पहुंचाना चाह रहा था। इसलिए उसने इस तरह निशाने साधे।



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बगदाद स्थित ग्रीन जोन कड़ी सुरक्षा वाला क्षेत्र है, यहां कई देशों के दूतावास मौजूद हैं।

ट्रंप को खाड़ी में अपने 70 हजार सैनिकों, 100 बेसों की फिक्र, इसलिए शांति का पाठ पढ़ाया January 08, 2020 at 04:21PM

बगदाद/वॉशिंगटन/तेहरान.अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मीडिया ब्रीफिंग में ईरान पर किसी तरह की सैन्य कार्रवाई नहीं करने का संदेश दिया। अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों का मानना है कि ऐसा ट्रंप ने इसलिए किया ताकि खाड़ी के 20 देशों में अमेरिका के मौजूद करीब 70 हजार सैनिकों और 100 सैन्य बेसों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। वहीं, ईरान ने बुधवार सुबह इराक स्थित 2 मिलिट्री बेसों पर 22 मिसाइलें दागीं। इनमें अइन अल-असद और इरबिल बेस शामिल हैं। हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि ईरान ने जानबूझकर इन अमेरिकी ठिकानों पर मिसाइलें नहीं गिराईं। ताकि अमेरिकी हमलों से बचा जा सके। सैटेलाइट इमेज में भी यह साफ नजर आ रहा है।


ईरान की फारस न्यूज एजेंसी के मुताबिक अइन अल-असद एयर बेस पर फतेह-313 मिसाइल से हमला किया गया। यह एयर बेस बगदाद से 233 किमी दूर स्थित है। फतेह मिसाइल का ईरान ने 2015 में परीक्षण किया था। इसकी मारक क्षमता 500 किमी है। 40 साल में ईरान द्वारा यह अमेरिका पर पहला सीधा हमला है। इससे पहले 1979 में ईरान ने तेहरान स्थित दूतावास में अमेरिका के 52 राजनयिकों को एक साल तक कैद कर रखा था।


ईरानी रक्षा मंत्री अामिर हातामी ने कहा कि यदि अमेरिका इस हमले के जवाब में हम पर कोई और हमला करता है, तो हम उसे पूरा जवाब देंगे। पर विदेश मंत्री जावेद जाफरी ने कहा कि यह हमला हमने आत्मरक्षा के लिए किया। हम युद्ध नहीं चाहते हैं। वहीं, यूरोपीय और नाटो एकजुटता दिखाते हुए हमले की निंदा की है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन और ब्रिटिश पीएम जॉनसन ने दोनों देशों से तनाव कम करने की अपील की है।
इराक बोला- ईरान ने हमले के बारे में बताया थाइराकी पीएम ने कहा कि ईरान ने इस मिसाइल हमले के बारे में उन्हें पहले ही जानकारी दे दी थी। वहीं, अमेरिकी अधिकारियों की मानें तो उनके आधुनिक डिटेक्शन सिस्टम की बदौलत सैनिकों को पहले ही मिसाइल हमले की चेतावनी मिल गई थी, जिससे वे बंकर में छिप गए।

सामरिक महत्व :असद बेस इराक में अमेरिका का दूसरा बड़ा बेस, ट्रंप दो बार पहुंचे

अनबर प्रांत में स्थित अल-असद एयर बेस अमेरिका का इराक में स्थित दूसरा सबसे बड़ा सैन्य बेस है। इसे अमेरिका ने 2003 में बनाया था। राष्ट्रपति ट्रंप 2018 में क्रिसमस पर और 2017 में यहां का दौरा भी कर चुके हैं। उपराष्ट्रपति माइक पेंस भी दो बार आ चुके हैं।

अल असद बेस : असद बेस पर 2016 में आईएस ने हमला किया था। पिछले महीने भी 5 रॉकेट दागे गए थे। पर नुकसान नहीं हुआ था।

सैन्य ताकत :इरबिल बेस से बगदादी पर हमले को डेल्टा कमांडो रवाना हुए थे

इरबिल स्थित बेस को अमेरिका ने कोई नाम नहीं दिया है। पर यह कुर्दिश इलाके में एयरपोर्ट के नजदीक है। इरबिल पर कुर्दों का कब्जा है। अक्टूबर में अमेरिकी डेल्टा कमांडो ने इरबिल से ही सीरिया में बगदादी के ठिकाने पर हमला करने के लिए उड़ान भरी थी। 8 हेलीकॉप्टर्स यहां पर हैं।

मुश्किल चुनौती :2003 से 2011 तक इराक में 1.5 लाख अमेरिकी तैनात रहे थे

इराक में अमेरिका के करीब 6 हजार सैनिक फिलहाल मौजूद हैं। 2003 से लेकर 2011 तक इराक युद्ध के दौरान अमेरिका के 1.5 लाख सैनिक तैनात रह चुके हैं। हालांकि सुलेमानी की हत्या के बाद इराकी संसद और प्रधानमंत्री अमेरिका को देश छोड़ने के लिए कह चुके हैं।


खाड़ी की तस्वीर:खाड़ी के 20 देशों में अमेरिका के 100 सैन्य बेस ; ईरान के 35 बेस

अमेरिका के दुनिया के 130 देशों में 750 बेस, 3.5 लाख सैनिक

अमेरिका के दुनिया के 130 देशों में 750 से ज्यादा मिलिट्री बेस हैं। इन पर करीब 3.5 लाख सैनिक तैनात हैं। मध्य-पूर्व एशिया के 20 देशों में 100 से ज्यादा अमेरिकी बेस हैं। अमेरिका के सेंट्रल कमांड के मुताबिक इन पर 60 से 70 हजार जवान तैनात हैं। अफगानिस्तान में अमेरिका के 14000 जवान तैनात हैं, इसके अलावा 8 हजार नाटो जवान भी तैनात हैं। वहीं, सीएनटीसीओएम के मुताबिक अकेले ईरान के आसपास अमेरिका के करीब 15 से 20 हजार जवान मौजूद हैं। गल्फ में अमेरिकी नौसेना की 5वीं फ्लीट तैनात है। इस फ्लीट में करीब 16 हजार जवान हैं। अरब सागर में सीवीएन 65 और अब्राहम लिंकन एयरक्राफ्ट कैरियर भी मौजूद हैं। वहीं, ईरान के खाड़ी में खुद समेत 35 मिलिट्री बेस हैं।

  • तुर्की: 2500 सैनिक मौजूद। यहां अमेरिका के इजमिर और इनरलिक एयरबेस हैं। हालांकि अभी तनातनी है।
  • सीरिया: 800 सैनिक। हाल में ट्रंप ने यहां से सैनिकों के निकलने का ऐलान किया था।
  • जॉर्डन: 3000 सैनिक, जॉर्डन की सीमा सीरिया, इजरायल और फिलिस्तीन से लगी हैं।
  • इजरायल: यहां अमेरिका का माशाबिन एयर बेस और एक डिफेंस स्कूल हैं। दोनों एक-दूसरे के अहम साथी हैं।
  • सऊदी अरब: 3000 सैनिक मौजूद हैं। यहां इस्कान विलेज में अमेरिकी सैनिकों के लिए विला बना है।
  • यमन: अमेरिका का एक बेस है। यमन, लेबनान के विद्रोही गुट ईरान के साथ हैं।
  • कुवैत: 13 हजार सैनिक हंै। यहां कई अमेरिकी बेस हैं, अमेरिका-कुवैत में डिफेंस काेऑपरेशन एग्रीमेंट है।
  • बहरीन: 7 हजार सैनिक हैं। ये जवान फारस की खाड़ी में सुरक्षा के लिए तैनात हैं। यहां शेख ईसा एयर बेस और खलीफा इब्न सलमान पोर्ट सबसे अहम हैं।
  • ओमान: 600 सैनिक मौजूद हैं। ये यहां साल्लाह और दुक्म पोर्ट पर तैनात हैं।
  • यूएई: 5 हजार सैनिक। सभी ईरान के पास होर्मुज खाड़ी में तैनात हैं। यहां अल ढफरा, जेबेल अली और फुजैराह नेवल बेस हैं।
  • कतर: 13 हजार सैनिक हैं। ये जवान यहां अल उदीद एयर बेस और सायलीह कैंप में तैनात हैं।

दुनिया ने कहा- संयम बरतें :

चीन :युद्ध की स्थिति टालने में जिम्मेदार की भूमिका निभाएंगे
चीन ने कहा है कि सभी को संयम बरतना चाहिए। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि यह किसी भी देश के हित में नहीं है कि मध्य पूर्व में स्थिति और बिगड़े। शुआंग ने कहा कि चीन युद्ध की स्थिति को टालने में जिम्मेदार की भूमिका निभाएगा।

रूस : अमेरिका चुप नहीं बैठेगा, वह बड़ा हमला करेगा
रूस की संसद के ऊपरी सदन के उपसभापति व्लादिमीर दजबारोव ने कहा है कि अमेरिका-ईरान में आपसी हमले जारी रहे तो युद्ध छिड़ सकता है। अमेरिका लक्ष्य पूरा नहीं कर पाया तो एटमी युद्ध भी हो सकता है। हमले में अमेरिका को बड़ा नुकसान हुआ है, तो वह चुप नहीं बैठेगा।

इजरायल : ईरान ने हम पर हमला किया, तो कड़ा जवाब देंगे
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ईरान ने हम पर हमला किया तो उसे बड़ा झटका देंगे।

जर्मनी : ईरान को नसीहत- आक्रामकता छोड़ें, संघर्ष खत्म करें
जर्मनी ने कहा है कि ईरान जल्द इस संघर्ष को खत्म करे। जर्मनी की रक्षा मंत्री एनग्रेट क्राम्प ने कहा कि किसी भी पक्ष की आक्रामकता स्वीकार्य नहीं है।

ब्रिटेन : दोबारा हमला न करे ईरान, यह पूरी तरह गलत
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमिनिक राब ने कहा कि गठबंधन सैन्य ठिकानों पर हमला किसी भी स्थिति में सही नहीं है। ईरान दोबारा इस तरह का हमला न करे।

यूएई : राजनीतिक बातचीत से तनाव कम कर सकते हैं
संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री अनवर गर्गाश ने कहा कि राजनीतिक बातचीत से तनाव कम किया जा सकता है।

यूरोपीय यूनियन : अमेरिका और ईरान बातचीत शुरू करें
मध्य-पूर्व में हथियारों का इस्तेमाल तत्काल बंद हो। अमेरिका और ईरान बातचीत शुरू करें और टकराव खत्म करें।



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ईरान ने बुधवार सुबह इराक स्थित 2 मिलिट्री बेसों पर 22 मिसाइलें दागीं।

After slapping incident, pope kisses nun who vows not to bite January 08, 2020 at 04:51PM

Pope Francis, who last month angrily slapped the hand of a woman who yanked him toward her, gave a light-hearted reaction more typical of his papacy on Wednesday when a nun asked him for a kiss. He said yes, although only after she promised not to bite him.

Pentagon chief: US has restored 'level of deterrence' on Iran January 08, 2020 at 04:56PM

US Defense Secretary Mark Esper said on Wednesday that the United States has reestablished some deterrence toward Iran in the wake of the January 3 drone strike that killed Iranian general Qassim Suleimani in Baghdad.

US House to vote this week to limit Trump's military actions on Iran: Nancy Pelosi January 08, 2020 at 04:26PM

US House of Representatives Speaker Nancy Pelosi said on Wednesday the House would vote on a resolution intended to limit President Donald Trump's military actions regarding Iran, stating that concerns about the administration's strategy and decisions were not addressed in a briefing with lawmakers.

China urges restraint after Iran missile attacks January 08, 2020 at 01:20AM

China on Wednesday urged restraint from all sides after Iran launched missiles at Iraqi bases housing US and British troops, saying Beijing would play a "responsible role" in helping to defuse tensions Iran fired more than a dozen ballistic missiles overnight at Iraqi bases housing coalition forces, the first act of the Islamic republic's promised revenge for the US killing of top general Qasem Soleimani last week.

Airlines avoiding flying through Iran and Iraq airspace January 08, 2020 at 01:21AM

Netanyahu warns of 'resounding blow' if Iran attacks Israel January 08, 2020 at 12:28AM

Prime Minister Benjamin Netanyahu said on Wednesday, after an Iranian missile strike on US-led forces in Iraq, that Israel would hit back hard against anyone who attacked his country. Netanyahu reiterated his praise for US President Donald Trump for the killing of Iranian military commander Qassem Soleimani last week, calling it a bold move.

नासा के एलियन खोजने वाली दूरबीन ने रहने योग्य नया ग्रह खोजा, यह पृथ्वी के 20% बड़ा है January 07, 2020 at 11:46PM

वॉशिंगटन. अंतरिक्ष में एलियन निशान खोज रहे नासा के विशेष विमान की दूरबीन ने नया ग्रह खोजा है। यह हमारी धरती से 100 प्रकाशवर्ष दूर है। इनका नाम टीओआई700डी रखा गया है। नया ग्रह पृथ्वी के मुकाबले 20% बड़ा है। वैज्ञानिकों ने इसे रहने योग्य बताया है। दावा है, इस पर पानी तरल अवस्था में हैं। ग्रह का अपना सूर्य है जिसके चारों ओर यह चक्कर लगा रहा है।

ग्रह की कक्षा बहुत छोटी है। यह अपने सूर्य की परिक्रमा मात्र 37 दिनों में कर लेता है, इसलिए यहां एक साल मात्र 37 दिनों को होता है। जबकि पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा 365 दिन 6 घंटे में पूरी कर पाती है। ग्रह टीओआई700डी को पृथ्वी के मुकाबले केवल 86 प्रतिशत ऊर्जा प्राप्त होती है। क्योंकि इसका सूर्य हमारे सौर मंडल में मौजूद सूर्य के द्रव्यमान का लगभग 40 प्रतिशत है और इसके प्रकाश की गर्मी भी आधी है।

नए ग्रह का सूर्य हमारे सूर्य के द्रव्यमान का लगभग 40 प्रतिशत है और इसके प्रकाश की गर्मी भी आधी है।

अमेरिकन एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी की सालाना बैठक में घोषणा हुई

नए ग्रह के खोज की घोषणा हवाई के होनोलुलु हुई अमेरिकन एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी की सालाना बैठक में टीईएसएस स्पेसक्राफ्ट की ओर से की गई। नासा के एस्ट्रोफिजिक्स डिविजन के निदेश पॉल हर्ट्ज की घोषणा के मुताबिक, स्पेसक्राफ्ट की दूरबीन को रहने योग जोन में सौरमंडल में तीन ग्रह दिखे। ये ग्रह टीओआई700बी, टीओआई700सी और टीओआई700डी हैं। हैबिटेबल जोनका तापमान ग्रह की सतह पर पानी की तरलावस्था में होने का संकेत देता है। स्पेसक्राफ्ट टीईएसएस का डिजाइन ही नए ग्रह और वहां के निवासियों की खोज के लिए तैयार किया गया था।



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टीओआई700डी अपने सूर्य की परिक्रमा मात्र 37 दिनों में कर लेता है, इसलिए यहां एक साल 37 दिनों को होता है।

Four killed in car bombing near Somalia Parliament January 07, 2020 at 11:27PM

Islamist group Al-Shabaab claimed the attack, after a spike in activity in recent days by the Al-Qaeda linked group which has seen it inflict mass casualties in Somalia and attack a US military base in Kenya. "Explosives were packed in a vehicle which the security forces think was trying to pass through the checkpoint but because he could not do that, the suicide bomber detonated it," said police officer Adan Abdullahi.

Netanyahu says any country attacking Israel will be dealt 'strongest blow' January 07, 2020 at 11:32PM

Israeli Prime Minister Benjamin Netanyahu on Wednesday warned that his country would strike back hard against anyone who attacked it, as he reiterated his support for the US killing of Iranian military commander Qassim Suleimani last week.

'Urge Iran not to repeat these reckless attacks': UK condemns strikes on US bases in Iraq January 07, 2020 at 11:07PM

"We condemn this attack on Iraqi military bases hosting coalition including British forces. We are concerned by reports of casualties and use of ballistic missiles. We urge Iran not to repeat these reckless and dangerous attacks, and instead to pursue urgent de-escalation," foreign secretary Dominic Raab said in a statement.

वाइस प्रेसिडेंट बोसवर्थ बोले- कंपनी का एडवरटाइजिंग टूल 2016 में ट्रम्प की जीत की वजह, इस बार भी कामयाबी की संभावना January 07, 2020 at 09:55PM

न्यूयॉर्क. फेसबुक ने 2016 के प्रेसिडेंशियल इलेक्शन में डोनाल्ड ट्रम्प की जीत के लिए कंपनी को ही जिम्मेदार बताया है। वाइस प्रेसिडेंट एंड्रयू बोसवर्थ ने कर्मचारियों को पिछले महीने लिखे मेमो में लिखा कि ट्रम्प की जीत के लिए फेसबुक का पॉलिटिकल एडवरटाइजिंग टूल ही जिम्मेदार है। अगर सबकुछ ऐसा ही रहा तो 2020 में होने वाले चुनाव में भी वे कामयाब होंगे।

अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने मंगलवार को पहली बार मेमो को लेकर जानकारी दी। बोसवर्थ ने फेसबुक के अपने ऑफिशियल प्रोफाइल पर मेमो पोस्ट किया था। उन्होंने यह भी साफ किया था कि मेमो को सार्वजनिक रूप से इस्तेमाल न किया जाए।

‘नहीं चाहता कि दोबारा ऐसा हो’
बोसवर्थ के मुताबिक, एक प्रतिबद्ध उदारवादी के रूप में, मैं खुद को इस परिणाम (ट्रम्प की दोबारा जीत) से बचने के लिए किसी भी लीवर को खींचने के लिए तैयार हूं, क्योंकि परिणाम को बदलने के लिए हमारे लिए उपलब्ध साधनों का उपयोग करना प्रलोभन जैसा है। मुझे विश्वास है कि हमें कभी ऐसा नहीं करना चाहिए या हम फिर वैसे बन जाएंगे, जिससे हम डरते हैं।

बोसवर्थ, फेसबुक सीईओ मार्क जुकरबर्ग के भरोसेमंद माने जाते हैं। उन्होंने लिखा, ‘‘किस तरह से फेसबुक ट्रम्प को जीत दिलाने के लिए जिम्मेदार है? मुझे लगता है कि इसका जवाब हां है, लेकिन कोई इसके कारणों को सोचना नहीं चाहता। ट्रम्प इसलिए नहीं चुने गए कि रूस या कैम्ब्रिज एनालिटिका ने उनकी मदद की या उनके बारे में गलत सूचनाएं प्रसारित की गईं। वे इसलिए चुने गए क्योंकि डिजिटल वर्ल्ड में इकलौते बेस्ट कैंपेनर साबित हुए। खुद को बेहतरीन रूप में पेश करने वाला उनसे बड़ा व्यक्ति मैंने अपने करियर में नहीं देखा। ब्रैड पार्स्केल ने अविश्वसनीय काम किया।’’ पार्स्केल ने 2016 के चुनाव में ट्रम्प के डिजिटल कैंपेन के निदेशक थे। वे 2020 चुनाव में भी कैंपेन मैनेजर हैं।

‘‘वे (ट्रम्प और उनकी टीम) कोई गलत सूचना प्रसारित नहीं करते। वे यह भी नहीं कहते कि हम चंद खास लोगों के लिए कुछ अलग करते हैं। उन्होंने वही टूल इस्तेमाल किए, जिसे हमने हर आदमी के इस्तेमाल के लिए बनाया है।’’



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मलेशिया से पॉम ऑयल का आयात बंद करेगा भारत, कश्मीर पर पाकिस्तान का समर्थन किया था January 07, 2020 at 06:45PM

नई दिल्ली. भारत जल्द ही मलेशिया से पॉम ऑयल का आयात बंद करेगा। रिफाईनरीज को मौखिक आदेश में सरकार के फैसले से सोमवार को अवगत कराया गया। पिछले साल भारत ने मलेशिया से करीब 5 लाख टन पॉम ऑयल आयात किया था। मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 और धारा 35 ए हटाने का विरोध किया था। मोहम्मद ने नागरिकता कानून में संशोधन का भी विरोध किया था। विदेश मंत्रालय ने मलेशियाई राजदूत को बुलाकर साफ कर दिया था कि भारत इसे आंतरिक मामलों में दखल मानता है।

मलेशिया की मुश्किलें बढ़ेंगी
भारत हर साल करीब 9 लाख टन पॉम ऑयल आयात करता है। 2019 में करीब 5 लाख टन पॉम ऑयल मलेशिया से आयात किया गया था। कश्मीर पर पाकिस्तान का समर्थन करने वाले मलेशिया से मोदी सरकार पहले ही खफा थी। इसके बाद जब महातिर ने सीएए का विरोध किया तो सरकार ने मलेशिया को सबक सिखाने की तैयारी कर ली। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, सोमवार को पॉम ऑयल रिफाईनरीज के संचालकों को मौखिक तौर पर मलेशिया से आयात बंद करने को कहा गया। मलेशिया को जीडीपी का 2.8 फीसदी पॉम ऑयल एक्सपोर्ट से ही प्राप्त होता है। यह उसके कुल निर्यात का 4.5 प्रतिशत है।

इंडोनेशिया को फायदा होगा
सोमवार को खाद्य तेल के बड़े कारोबारियों और सरकार की मीटिंग हुई। एक अधिकारी ने नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर बताया, “मीटिंग में शामिल कारोबारियों से कहा गया है कि वो मलेशिया से पॉम ऑयल आयात बंद करें।” खास बात ये है कि सरकार ने कोई लिखित आदेश जारी नहीं किया। सरकार कई वैकल्पिक कदम उठा सकती है। इंडोनेशिया से आयात बढ़ाया जा सकता है। नरेंद्र मोदी सरकार ने पहले ही इशारा दे दिया था कि मलेशिया को सबक जरूर सिखाया जाएगा। महातिर सरकार के विरोधियों ने भी अपने प्रधानमंत्री के बयान की निंदा करते हुए इसे राष्ट्रहित के खिलाफ बताया था। दूसरी तरफ, मलेशिया के उद्योग मंत्री ने इस मामले पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, “भारत ने हमें लिखित तौर पर कोई जानकारी नहीं दी है।”



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मोदी सरकार कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन करने वाले मलेशियाई प्रधानमंत्री से सख्त खफा है। (फाइल)