Monday, June 1, 2020

ह्यूस्टन पुलिस चीफ ने ट्रम्प से कहा- अगर कोई अच्छा सुझाव नहीं दे सकते तो अपना मुंह बंद रखो, प्रदर्शन बढ़ने पर ट्रम्प ने गवर्नरों को कमजोर बताया था June 01, 2020 at 08:51PM

अमेरिका में पुलिस की बर्बरता से अश्वेत की मौत के बाद होने वाला प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। ट्रम्प ने प्रदर्शन कारियों को रोकने के लिए सेना तैनात करने की चेतावनी दी है। इससे पहले भी ट्रम्प ने प्रदर्शनकारियों को गोली मारने और उन पर भयानक कुत्ते छोड़ने की चेतावनी दी थी। हालांकि, इसका कोई असर नहीं हुआ, बल्कि प्रदर्शन और तेजी से भड़क गया है। अब अमेरिका में ह्यूस्टन के पुलिस चीफ ने ट्रम्प से मुंह बंद रखने को कहा है। उन्होंने कहा कि अगर आपके पास इस मुद्दे से निपटने का कोई अच्छा सुझाव नहीं है तो प्लीज अपना मुंह बंद रखें।

ट्रम्प ने सभी राज्यों के गवर्नरों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस की थी। उन्होंने गवर्नरों को कमजोर बताते हुए कहा था कि आप कमजोरी नहीं दिखाएं दबाव बनाएं। ह्यूस्टन पुलिस चीफ ने इस पर एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कहा, ‘‘आप 2020 में लोगों को खतरे में डाल रहे हैं। यह समय लोगों का दिल जीतने का है ना कि उन्हें धमकी देने का। पूरे देश में पुलिस अधिकारी घायल हुए हैं, लोग घायल हुए हैं। ऐसे में हमें नेतृत्व की जरूरत है, लेकिन नेतृत्व हमें दुखी कर रहा है। अगर कुछ अच्छा बोलने के लिए नहीं है तो प्लीज कुछ मत बोलें।आप एक राष्ट्रपति हैं और उसके लिहाज से फैसले लीजिए। यह हॉलीवुड नहीं है। यह वास्तविक जीवन है और यह खतरे में है।’’

ट्रम्प ने कहा- एंटीफा को आतंकवादी संगठन घोषित करेंगे
बढ़ते प्रदर्शनों के बीच ट्रम्प ने एंटीफा को जिम्मेदार ठहराते हुए उसे आतंकवादी संगठन घोषित करने की मांग की है। एंटीफा का मतलब एंटी फासिस्ट होता है। फासिस्ट या फासीवाद शब्द इटली में बेनितो मुसोलिनी के संगठन ‘फासिओ डि कंबैटिमेंटो’ से आया है। फासीवादी उन्हें कहा जाता है तो दक्षिण पंथी होते हैं। इनका विरोध करने वालों को एंटी फासिस्ट या एंटिफा कहते है। अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में इनका संगठन है। अमेरिका में साल 2000 तक संगठन का कोई बड़ा आंदोलन नहीं हुआ था, लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार बनने के बाद इनके विरोध-प्रदर्शन बढ़ गए हैं।

प्रदर्शन के दौरान पुलिस को खाना खिलाने वाले रेस्टोरेंट मालिक की मौत
केंटकी राज्य के लुइसविले शहर में पुलिस की गोलीबारी में एक रेस्टोरेंट मालिक डेविक मैकएटी की मौत हो गई। डेविड विरोध-प्रदर्शन के दौरान लगातार पुलिस कर्मियों और नेशनल गार्ड के जवानों को खाना मुहैया करा रहे थे। सोमवार रात प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर पुलिस ने पहले आंसू गैस के गोले दागे, इसके बाद फायरिंग कर दी। इस दौरान डेविड की गोली लगने से मौत हो गई। पुलिस का कहना है कि पहले भीड़ी की तरफ से गोलीबारी हुई थी। जवाब में उन्होंने भी फायर किए। लुइसविले के मेयर ग्रेग फिशर ने कहा कि इस प्रकार की गलती को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मामले की जांच शुरू हो गई है।

लुइसविले शहर में पुलिस की गोली का शिकार हुए रेस्टोरेंट मालिकडेविक मैकएटी। -फाइल फोटो

25 मई को फ्लॉयड को गिरफ्तार किया गया था
मिनेपोलिस में 25 मई को फ्लॉयड को पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया था। इससे पहले एक पुलिस अफसर ने फ्लॉयड को सड़क पर दबोचा था और अपने घुटने से उसकी गर्दन को करीब आठ मिनट तक दबाए रखा था। फ्लॉयड के हाथों में हथकड़ी थी। इसका वीडियो भी वायरल हुआ था। इसमें 46 साल का जॉर्ज लगातार पुलिस अफसर से घुटना हटाने की गुहार लगाता रहा।
वीडियो में उसने कहा, 'आपका घुटना मेरे गर्दन पर है। मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं... ।’’ धीरे-धीरे उसकी हरकत बंद हो जाती है। इसके बाद अफसर कहते हैं, ‘उठो और कार में बैठो’, तब भी उसकी कोई प्रतिक्रिया नहीं आती। इस दौरान आस-पास काफी भीड़ जमा हुई। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।



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अमेरिका के सिएटल में प्रदर्शनकारी आंसू गैस और पेपर स्प्रे से बचने ले लिए छतरी का इस्तेमाल करते हुए।

विदेश मंत्री पोम्पियो बोले- चीन भारत की सीमा पर सैनिक बढ़ा रहा, दबदबा कायम करने वाली सरकारें ही ऐसा करती हैं June 01, 2020 at 08:35PM

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भारत-चीन सीमा पर बढ़ते तनाव पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने सोमवार को एक इंटरव्यू में कहा कि आज भी हम देख रहे हैं कि चीन भारत के उत्तरी हिस्से में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल(एलएसी) पर सैनिकों की संख्या बढ़ा रहा है। वह विस्तार करना चाहता है। दबदबा कायम करने वाली सरकारें ही ऐसा करती है। चीन ने कई ऐसे काम किए हैं जो बतातेहैं कि वह अपनी ताकत बढ़ाना चाहता है।

पोम्पियो ने यह भी कहा कि हाल के दिनों में उत्तर सिक्किम और लद्दाख में भारत और और चीन की सेना ने कई चीजें जुटाईहैं। दो हफ्ते से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ रहा है। अब तक इसका कोई हल नहीं निकाला जा सका है। आखिर ये हो क्या रहा है?

चीन नेहॉन्गकॉन्ग की आजादी छीनली
पोम्पियो ने कहा कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी अब भी वुहान से फैले कोरोनावायरस की जानकारी छिपा रही है। इससे दुनियाभर में महामारी को रोकने में देरी हुई। इसने हॉन्गकॉन्ग के लोगों की आजादी बर्बाद कर दी। चीन क्या सोचता है, इसकी बानगी इन दो चीजों से मिल सकती है।चीन की दूसरों की बौद्धिक संपत्ति चुराने की कोशिशें बदस्तूर जारी है। वह दक्षिण चीन सागर में भी अपनी ताकत बढ़ाना चाहता है। चीन के येऐसे काम है, जिसका पूरी दुनिया पर असर पड़ेगा।

20 साल में अमेरिका ने चीन को उचित जवाब नहीं दिया

अमेरिकी विदेश मंत्री के मुताबिक, पिछले कई सालों से चीन अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रहा है। उसका कड़े तेवर दिखाना भी बदस्तूर जारी है। वह दुनिया में सभी जगहों पर सड़क और पोर्ट बना रहा है, ताकि उसकी सेना पहुंच सके। 20 साल में अमेरिका ने चीन की इन गतिविधियों का सही ढंग से जवाब नहीं दिया। हमने 150 करोड़ लोगों के चीनी बाजार को अमेरिका की अर्थव्यवस्था की लिहाज से अहम समझा। हमें लगा कि अगर चीन पर कार्रवाई करते हैं तो वह दूसरे देशों को हमारा साथ देने से मना कर देगा।



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अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भारत की सीमा पर सेना बढ़ाने के लिए चीन की आलोचना की। कहा कि चीन अपना विस्तार करना चाहता है। -फाइल फोटो

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की प्रदर्शनकारियों को चेतावनी- हिंसा नहीं रुकी तो सेना तैनात करेंगे, फ्लॉयड को इंसाफ दिलाने का वादा June 01, 2020 at 07:11PM

25 मई को अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस के हाथों मौत के बाद अमेरिका में विरोध प्रदर्शन और हिंसा जारी हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर प्रदर्शनकारियों को सख्त लहजे में वॉर्निंग दी। ट्रम्प ने सोमवार रात कहा कि अगर हिंसा जारी रही तो वो सेना तैनात करेंगे।
इसके पहले भी राष्ट्रपति प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दे चुके हैं। कुछ दिनों पहले उन्होंने कहा था कि हमारे पास बेहतरीन हथियार और खतरनाक कुत्ते हैं।

अपील और चेतावनी, दोनों काम नहीं आईं
अमेरिका के ज्यादातर राज्यों में जॉर्ज की पुलिस अफसर के हाथों मौत के बाद विरोध प्रदर्शन और हिंसा हो रही है। एक हफ्ता बीत चुका है लेकिन, ज्यादातर राज्य अब तक हिंसा, आगजनी और लूटपाट पर पूरी तरह काबू नहीं पा सके हैं। राष्ट्रपति की अपील और चेतावनी भी काम नहीं आई। सोमवार शाम ट्रम्प ने मीडिया से कहा कि सभी अमेरिकी जॉर्ज के साथ हुई बर्बर घटना से दुखी हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जॉर्ज को इंसाफ जरूर मिलेगा। साथ ही प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दी। कहा- अगर हिंसा और लूटपाट जैसी घटनाएं नहीं रुकीं तो हम सेना तैनात कर देंगे।

पुलिस को नहीं है किसी की जान लेने का अधिकार

जॉर्ज की मौत के कुछ वीडियोज सामने आए हैं। कुछ घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने बनाए तो कुछ सिक्युरिटी सर्विलांस कैमरों में दर्ज हुए। खास बात ये है कि पुलिस ने फ्लॉयड पर जो भी तरीके आजमाए वो विभागीय नियमों का उल्लंघन हैं। पुलिस अफसर दम घोंटता रहा, जॉर्ज ही नहीं बाकी लोग भी उसे छोड़ देने की अपील करते रहे। लेकिन, पुलिस की बर्बरता के आगे किसी की एक न चली। जॉर्ज फ्लॉयड की मौत कत्ल नहीं तो और क्या है।
फ्लॉयड की मौत के अगले दिन घटना में शामिल सभी चार पुलिस अफसरों को बर्खास्त किया जा चुका हैै। हेनेपिन काउंटी के अटॉर्नी माइक फ्रीमैन ने कहा कि जॉर्ज का गला दबाने वाले डेरेक चौवेन के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाएगा।

चारों अफसरों के खिलाफ जांच

चौवेन के खिलाफ दर्ज केस में साफ कहा गया है कि उन्होंने 8 मिनट 46 सेकंड तक जॉर्ज की गर्दन अपने घुटने से दबाए रखी। हैरानी की बात ये है कि चौवेन ने फ्लॉयड की सांस रुकने के बाद भी घुटना नहीं हटाया। वो तब हटे जब मेडिकल टीम वहां पहुंच गई।घटना में तीन और अफसर शामिल थे। इनके नाम हैं- थॉमस लेन, जे. एलेक्जेंडर और टोउ थाओ। इनके खिलाफ भी जांच जारी है।



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वॉशिंगटन में सोमवार को भी जॉर्ज की मौत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी रहे। इस दौरान नेशनल गार्ड्स के साथ और घुसड़सवार पुलिस भी मौजूद रही। प्रर्दशनकारियों को हटाने के लिए आंसू गैस का प्रयोग भी किया गया।

डब्ल्यूएचओ ने कहा- वायरस अभी खत्म नहीं हुआ, यह अब भी जानलेवा; इटली के डॉक्टर ने देश में कोरोना खत्म होने का दावा किया था June 01, 2020 at 07:10PM

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इटली के डॉ. एल्बर्टो जैंग्रिलो के कोरोना केदेश में न होने के दावे का खंडन किया है। डब्ल्यूएचओ के इमरजेंसी प्रोग्राम के प्रमुख डॉ. माइक रेयान ने सोमवार को कहा, ‘‘हमें अब भी काफी सावधान रहने की जरूरत है। हमारे अंदर यह समझ पैदा न हो कि अचानक वायरस ने अपनी इच्छा से कम संक्रामक होने का फैसला ले लिया है। यह ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। यह अब भी जानलेवा है।’’

डब्ल्यूएचओ के साथ ही दुनिया के कई जाने माने वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य वैज्ञानिकों ने भी वायरस पर डॉ एल्बर्टो जैंग्रिलो के दावे को मानने से इनकार किया है। ज्यादातर विशेषज्ञों ने कहा है कि अब भी संक्रमण का खतरा बना हुआ है। वायरस को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए।

डब्ल्यूएचओ के माइक रेयान ने कोरोना को लेकर अब भी सावधानी बरतने को कहा है।

डॉ जैंग्रिलो ने क्या दावा क्या था?
डॉ एल्बर्टोजैंग्रिलो मिलान के सैन रैफेल हॉस्पिटल के प्रमुख है। उन्होंने रविवार को एक टेलीविजन इंटरव्यू में कहा था, ‘‘वास्तविकता यह है कि इटली में अब वायरस नहीं है। पिछले 10 दिन में इटली में लिए गए स्वैब के नमूनों की जांच में वायरल लोड एक या दो महीने पहले की तुलना में काफी कम पाए गए हैं। किसी न किसी को वायरस कीदहशत से पूरे देश को डराने की जिम्मेदारी लेनी होगी।’’

इटली के स्वास्थ्य परिषद के प्रमुख ने दावे पर हैरानीजताई
इटली कीराष्ट्रीय स्वास्थ्य परिषद के प्रमुख फ्रैंको लोकाटेली ने भी वायरस का खतरा कम होने के दावे पर हैरानी जताई। उन्होंने कहा कि हर दिन इटली में नए मामले सामने आ रहे हैं। इससे पता चलता है कि इटली में अब भी कोरोना संक्रमण कीचेन जारी है। रोम के इंफेक्शियस डिजीज इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर गिसेप इप्पोलिटो ने कहा कि इस बात के कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं है कि वायरस का म्यूटेशनकम हो गयाया इसके असर में बदलाव आया है।



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तस्वीर इटली के कास्टिगलियोन डेला पेस्काया बीच की है। कोरोना महामारी के चलते इसे पिछले हफ्ते ही खोला गया है। यहां लोग पूरी सावधानी बरतते दिख रहे हैं।

Canada's Trudeau rejects inviting Russia to G7 summit June 01, 2020 at 05:39PM

Canadian Prime Minister Justin Trudeau on Monday rejected Russia's participation in a coming summit of the G7 nations, despite host US President Donald Trump wanting to invite Moscow. ​​​​"Russia was excluded from the G7 after it invaded Crimea a number of years ago," Trudeau told reporters. "Its continued disrespect and flaunting of international rules and norms is why it remains outside of the G7 and will continue to remain out," he added.

Trump vowed to disrupt Washington, now he faces disruption in the streets June 01, 2020 at 06:10PM

US records 743 coronavirus deaths in 24 hours June 01, 2020 at 04:35PM

The United States on Monday recorded 743 new coronavirus deaths in 24 hours, according to the Johns Hopkins University tracker, bringing its total to 105,099 since the global pandemic began.

Trump walks from White House to riot-damaged church June 01, 2020 at 04:21PM

Known as "the Church of the Presidents," it was hit with graffiti and partially damaged by fire during unrest on Sunday."We have a great country," Trump declared just outside the church, where he held up a Bible

On the spot where George Floyd died, his brother urges calm June 01, 2020 at 04:31PM

George Floyd’s brother pleaded for peace in the streets Monday, saying destruction is "not going to bring my brother back at all." George Floyd, 46, died last week after he was arrested in Minneapolis, accused of using a forged $20 bill to pay for goods at a grocery store. The white officer, Derek Chauvin, has been charged with murder.

In China, US protests a hot topic on state, social media June 01, 2020 at 04:51PM

Chinese state media is giving extensive coverage to violent protests roiling cities across the United States, while the unrest has also featured widely in Chinese social media. On China's social media platform Weibo, at least five news items on the protests were among the top 20 trending topics.

'Hate just hides': Joe Biden vows to take on systematic racism June 01, 2020 at 04:22PM

The presumptive Democratic presidential nominee offered emotional support and promised bold action during an in-person discussion with black leaders in Delaware and a subsequent virtual meeting with big-city mayors who are grappling with racial tensions and frustrated by a lack of federal support.

डब्लूएचओ ने कहा- अमेरिका हमसे संबंध खत्म न करे, ब्राजील में 12 हजार नए मामले; दुनिया में अब 63.65 लाख मरीज June 01, 2020 at 04:37PM

दुनिया में अब तक कुल 63 लाख 65 हजार 473 लोग संक्रमित हैं। 3 लाख 77 हजार 404 की मौत हो चुकी है। राहत की बात ये कि इसी दौरान 29 लाख 3 हजार 418 स्वस्थ भी हुए। अमेरिका और डब्लूएचओ के बीच रिश्ते बेहद खराब दौर में पहुंच चुके हैं। अमेरिका ने इस संगठन की फंडिंग रोक दी है। अब संगठन के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस घेब्रियस ने अमेरिका से संबंध खत्म न करने की अपील की है। ब्राजील में संक्रमण के 12 हजार नए मामले सामने आए हैं।

कोरोनावायरस : 10 सबसे ज्यादा प्रभावित देश

देश

कितने संक्रमित कितनी मौतें कितने ठीक हुए
अमेरिका 18,59,323 1,06,925 6,15,416
ब्राजील 5,29,405 30,046 2,11,080
रूस 4,14,878 4,855 1,75,877
स्पेन 2,86,718 27,127 1,96,958
ब्रिटेन 2,76,332 39,045 उपलब्ध नहीं
इटली 2,33,197 33,475 1,58,355
भारत 1,98,370 5,608 95,754
फ्रांस 1,89,220 28,833 68,440
जर्मनी 1,83,765 8,618 1,65,900
तुर्की 1,70,039 4,634 68,507

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ब्राजील : खराब होते हालात
यहां 24 घंटे में 12 हजार 247 नए मामले सामने आए। इसी दौरान 623 मौतें भी हुईं। परेशान करने वाली बात यह है कि पिछले महीने यानी मई में यहां नए मामले पांच गुना बढ़े। यह आंकड़े हेल्थ मिनिस्ट्री ने ही जारी किए है। एक मई को यहां कुल 91 हजार 589 मामले थे। सोमवार 1 जून को यह आंकड़ा 5 लाख 26 हजार 447 हो गया। अब तक कुल 29 हजार 937 लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिका के बाद ब्राजील ही सबसे ज्यादा प्रभावित देश है।

डब्लूएचओ: अमेरिका से अपील
डब्लूएचओ डायरेक्टर जनरल टेड्रोस घेब्रियस ने अमेरिका से संबंध खत्म न करने की अपील की है। टेड्रोस ने सोमवार रात जेनेवा में कहा, “अगर अमेरिका हमारे साथ रहता है और मिलकर काम करता है तो इससे वहां के लोगों को फायदा होगा। वह कई दशकों से इस संगठन का हिस्सा रहा है। उसने ही सबसे ज्यादा मदद की है। पूरी दुनिया को इसका लाभ भी मिला। हम चाहते हैं कि अमेरिका रिश्ते खत्म न करे। बल्कि इन्हें ज्यादा बेहतर बनाए।”

डब्लूएचओ डायरेक्टर जनरल टेड्रोस घेब्रियस ने अमेरिका से संबंध खत्म न करने की अपील की है।

इटली : नया ऐप
यहां एक नया कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग ऐप लॉन्च किया गया है। इसे सरकार ने मंजूरी दी है। ऐप का नाम इम्यूनि है। हेल्थ मिनिस्ट्री के मुताबिक, जल्द ही इस ऐप का इस्तेमाल कानूनी तौर पर अनिवार्य किया जाएगा। इसे एप्पल या फिर गूगल स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। सरकार का दावा है कि इम्यूनि में इटली और यूरोप के सभी प्राईवेसी नॉर्म्स का ध्यान रखा गया है।

सोमवार शाम इटली के रोम में वेटिकन म्यूजियम के बाहर खड़े लोग। यहां अब धीरे-धीरे म्यूजियम और बाकी टूरिस्ट प्लेस खोले जा रहे हैं। सरकार का कहना है कि वो जल्द ही एक गाइडलाइन जारी करेगी। इसमें लोगों को नए हेल्थ प्रोटोकॉल की भी जानकारी दी जाएगी।

ब्राजील : रियो में कल से कारोबार शुरू होगा
ब्राजील को लेकर बेहद चिंताजनक खबरें आ रही हैं। संक्रमण के मामलों में यह दुनिया में दूसरे स्थान पर है। खतरा बढ़ता जा रहा है। लेकिन, राष्ट्रपति बोल्सोनारो की सरकार सबसे बड़े शहर रियो डि जेनेरियो को बुधवार से खोलने जा रही है। हालांकि, यह औपचारिक घोषणा ही कही जाएगी। क्योंकि, यहां जिंदगी पहले की तरह ही है। देर रात तक नाइट क्लब और बार खुले रहते हैं। कई लोग तो मास्क भी नहीं लगाते।

अमेरिका : फौसी और ट्रम्प में मतभेद?
अमेरिकी नेशनल हेल्थ इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इन्फेक्शियस डिसीज के डायरेक्टर और कोरोनावायरस टास्क फोर्स से सदस्य डॉक्टर एंथोनी फौसी इन दिनों ज्यादा नजर नहीं आते। सीएनएन ने सूत्रों के हवाले से बताया कि राष्ट्रपति ट्रम्प और फौसी के बीच मतभेद गहरा गए हैं। दोनों के बीच दो हफ्ते से कोई मुलाकात या बात नहीं हुई। दोनों की बीच आखिरी मुलाकात 18 मई को हुई थी। जबकि टास्क फोर्स की अंतिम बैठक 28 मई को हुई थी। इसमें ट्रम्प शामिल नहीं हुए थे।

स्पेन : राहत की खबर
सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में शामिल रहे स्पेन में रविवार को किसी संक्रमित की मौत नहीं हुई। यह जानकारी सरकारी बयान में सोमवार रात दी गई। यहां 27 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हेल्थ इमरजेंसी के डायरेक्टर जनरल फर्नांडो सिमॉन ने कहा- इससे ज्यादा पॉजिटिव साइन और क्या हो सकता है। हमारी टीम ने दिन-रात मेहनत की है। अब इसके नतीजे दिखने शुरू हो गए हैं। हम लोगों से सहयोग की ज्यादा उम्मीद कर रहे हैं। रविवार को देश के 17 में से 15 रीजन में कोई मामला सामने नहीं आया।

स्पेन के मैड्रिड शहर में सोमवार को सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करता मेडिकल स्टाफ। देश में संक्रमण लगभग काबू में है। लेकिन, सरकार इस सेक्टर को निजी कंपनी को सौंपना चाहती है। कर्मचारी विरोध कर रहे हैं।

इजरायल : प्रतिबंध हटे तो नए मामले
इजरायल में लॉकडाउन हटाए जाने के बाद 24 घंटों में 100 से अधिक मामले सामने आए। कुल संक्रमितों की संख्या 17 हजार 619 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी। फिलहाल, 2006 एक्टिव केस हैं। 32 आईसीयू में हैं। मौत का आंकड़ा 285 ही है। प्रधानमंत्री नेतन्याहू के ऑफिस के एक कर्मचारी के पॉजिटिव होने की खबर जरूर आई है।

तस्वीर इजराइल के एक स्कूल की है। यहां स्कूल के बाहर टीचर्स स्टूडेंट्स से बात करके उनकी सेहत के बारे में जानते हैं। थर्मल स्क्रीनिंग भी की जाती है। इजराइल में लॉकडाउन हटने के बाद सोमवार को 100 नए मामले सामने आए।


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ब्राजील में संक्रमण खतरनाक तरीके से बढ़ रहा है। लेकिन, सरकार शहरों का खोलने की रस्म अदायगी में जुटी है। रस्म अदायगी इसलिए क्योंकि यहां लॉकडाउन था ही नहीं। बहरहाल, कुछ कलाकारों ने सोमवार को हाथ में गुब्बारे लेकर उन लोगों को याद किया जिन्होंने महामारी में जान गंवाई है।

ऑस्ट्रेलियाः हर गरीब को 7.5 लाख रुपए दे रही सरकार, लेकिन इनकी फर्जी पहचान बताकर पैसा चुरा रहे ऑनलाइन धोखेबाज June 01, 2020 at 02:14PM

ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में रहने वाली एंगेली बैसेट पति के साथ बैंक पहुंचीं, तो पता चला कि उनके खाते से 15 लाख रुपए निकालने की कोशिश की गई है। बैंक ने बताया कि उनकी पहचान और दस्तावेज वेरिफाई किए गए थे। इससे वे और उनके पति हैरान रह गए और बताया कि उन्होंने ये नहीं किया है।

इस पर पेमेंट तुरंत रोक दिया गया और वे धोखाधड़ी का शिकार होने से बच गए। लेकिन, ऑस्ट्रेलिया में एंगेली जैसे हजारों लोग हैं, जो इस फ्रॉड का शिकार हो रहे हैं। एंगेली के मुताबिक, उन्हें लगता है कि सरकार को और ज्यादा सावधान और सख्त होने की जरूरत है, क्योंकि यह पैसा हमारे बजाय सरकार का ही है।

सरकार ने गरीबों की मदद के लिए लॉन्च की योजना

दरअसल, सरकार ने कोरोना संकट के दौरान कमजोर हुई लोगों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए उन्हें मदद देने की योजना लॉन्च की है। पैसा जल्द पहुंचे इसके लिए इसे फास्ट रिलीज सुपर एन्युएशन स्कीम शुरू की है। इसके तहत हर गरीब या जरूरतमंद को करीब 7.5 लाख रुपए दिए जा रहे हैं।

अपराधियों नेसरकारी वेबसाइट से मिलती-जुलती साइट्स बना ली

अपराधियों की नजर इन्हीं पैसों पर है, जिसके लिए वे नए-नए तरीके आजमा रहे हैं। इसकी खामियों का फायदा उठाकर वे करोड़ों रुपए उड़ा चुके हैं। उन्होंने सरकारी वेबसाइट से मिलती-जुलती साइट्स बना ली है, जिन पर लोग अपनी डिटेल्स शेयर करते हैं।

वे इन डिटेल्स का दुरुपयोग कर फर्जी पहचान पत्र, दस्तावेज बना लेेते हैं और पैसों के लिए आवेदन कर देते हैं। अकेले पर्थ में ये धोखेबाज करीब 150 लोगों को धोखा दे चुके हैं और हफ्ते भर में करीब 11.50 करोड़ रुपए चुरा चुके हैं।

सरकार का दावाःशिकायतों के बाद सुरक्षा कड़ी कर दी गई

हालांकि, सरकार का दावा है कि शिकायतों के बाद सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। वेबसाइट पर दर्ज हो रहे खातों की संख्या सीमित कर दी गई है। लोगों के दस्तावेज कैसे चोरी हो रहे हैं इस पर गृह मंत्री पीटर डटन का कहना है कि हो सकता है कि टैक्स रिटर्न भरने के दौरान टैक्स एजेंसियों से ये जानकारी लीक या चोरी हुई हो।

पता चलने पर दो दिन स्कीम बंद की, पर चोरी जारी

एक टैक्स अधिकारी को शक होने के बाद धोखेबाजी पकड़ में आई। दरअसल, अपराधी सरकारी वेबसाइट से मिलती-जुलती वेबसाइट बनाकर लोगों की जानकारी चुरा रहे हैं। बाद में उसका इस्तेमाल कर खाते से पैसे निकाल लेते हैं। सरकार ने दो दिन वेबसाइट बंद की फिर सुरक्षा बढ़ाने और सख्त कदम उठाने का दावा किया, लेकिन धोखाधड़ी रुक नहीं रही।



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अपराधी सरकारी वेबसाइट से मिलती-जुलती वेबसाइट बनाकर लोगों की जानकारी चुरा रहे हैं। -प्रतीकात्मक फोटो

Convulsing in protest, US cities brace for more unrest June 01, 2020 at 05:32AM

A country convulsed by violent protests picked up the pieces Monday morning and braced for the possibility of more trouble amid a coast-to-coast outpouring of rage over police killings of black people. After six straight days of unrest, a new routine was developing: neighbourhoods in shambles, ransacked stores, and political leaders weighing how to address the boiling anger.

Covid-19: Nepal reports highest single-day surge with 239 fresh cases June 01, 2020 at 04:23AM

Out of the total 226 new Covid-19 cases, 13 are women, the Ministry of Health and Population said. The highest number of 41 cases were reported in Dailekh district followed by 10 in Kapilvastu and 38 in Sarlahi, it said. Jumla, Rautahat and Kailali reported 19, 18 and 14 cases respectively. Ten cases came up in Salyan, nine in Dang and seven each in Banke and Dhanusha, the ministry said.

यह 6 साल में सबसे बड़ा प्रदर्शन, 2013-19 के बीच में पुलिस की हिंसा में 7666 लोगों की जान गई, इनमें 24% अश्वेत June 01, 2020 at 02:48AM

अमेरिका में लगातार आठवें दिन 40 से ज्यादा राज्यों और 140 शहरो में दंगा पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच संघर्ष हुआ। इसके चलते 21 शहरों में नेशनल गार्ड के जवान तैनात किए गए हैं। हालात ऐसे हैं कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की शांति और धमकी भरी अपीलें भी काम नहीं आ रही हैं।
एक तरफ कोरोनावायरस के कारण अमेरिकी अर्थव्यवस्था पहले से ही मुश्किल में है। और अब जॉर्ज फ्लायड की मौत से अमेरिका में नस्लीय अशांति फैल गई है। लोग बेहद डरे हुए हैं, वे अनिश्चितता के माहौल में और गुस्से में भी हैं।

राष्ट्रपति ट्रम्प मुश्किलों में उलझ गए हैं। उनके लिए मौजूदा संकट से निकलने का रास्ता आसान भी नहीं दिखता। खुद व्हाइट हाउस के बंकर में छिपना पड़ा है। इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा भी ऐसी ही मुश्किल हालात से गुजर चुके हैं। ओबामा किसी भी मामले को शांतिपूर्ण तरीके से निपटने के लिए जाने जाते थे, लेकिन 2014 में अश्वेत युवक माइकल ब्राउन की हत्या के मामले को लेकर भड़की आग ने उन्हें काफी परेशान किया था। इसके बाद अब देश में नस्लीय हिंसा के खिलाफ सबसे बड़ा आंदोलन चल रहा है।

2013 और 2019 के बीच पुलिस के द्वारा हुई 99% हत्याओं के मामले में कोई आरोप दर्ज नहीं हुए

  • पुलिस द्वारा की गई हिंसा के मामलों पर नजर रखने वाली वेबसाइट mappingpoliceviolence.org के अनुसार, "साल 2013 से 2019 के बीच पुलिस के हाथों हुई 99 फीसदी हत्याओं के मामले में अधिकारियों पर कोई आरोप नहीं लगाए गए।
  • 2013 और 2019 के बीच अमेरिका में पुलिस की गोलीबारी में 7666 लोगों की जान गई है। इनमें 24% अश्वेत लोग हैं।
  • 2019 में पुलिस हिंसा में 1099 लोगों की जान गई। इस सिर्फ 27 दिन ऐसे रहे, जब पुलिस की हिंसा में लोगों की जान नहीं गई।
  • अमेरिका की कुल आबादी 32.82 करोड़ है, इसमें करीब 13% लोग अश्वेत हैं। लेकिन पुलिस द्वारा उनके मारे जाने की संभावना ढाई गुना ज्यादा है।
  • पिछले 6 सालों में अमेरिका के तीन राज्यों कैलिफोर्निया, टेक्सास और फ्लोरिडा में पुलिस के द्वारा सबसे ज्यादा अश्वेतों की हत्या हुई है।
  • ऊटा में अश्वेत कुल आबादी का सिर्फ 1.06% हैंं, लेकिन पिछले 6 साल में यहां पुलिस की हिंसा में मारे गए लोगों में 10% अश्वेत थे। यहां अश्वेतों के मारे जाने की संभावना लगभग 9.21 गुना ज्यादा है।
  • मिनेसोटा में अश्वेत कुल आबादी का सिर्फ 5% हैं, लेकिन पुलिस हिंसा में मारे जाने वालों में 20% अश्वेत हैं। यहां अश्वेतों को मारे जाने की संभावना चार गुना ज्यादा है।

लॉकडाउन के बाद हुई 3 बड़ी घटनाओं नें गुस्से को भड़काने का काम किया है
पूरे अमेरिका में हो रहे प्रदर्शन के पीछे केवल जॉर्ज फ्लायड की हत्या ही वजह नहीं है। यह गुस्सा वह बारूद का ढेर है, जो धीरे-धीरे सुलग रहा था और अब उसमें विस्फोट हुआ है। अमेरिका में कोरोना संक्रमण को देखते हुए, जब से देश में आंशिक लॉकडाउन लगाया गया। तब से तीन अश्वेतों की हत्या हो चुकी है। दो की हत्या तो पुलिस ने ही की, जबकि एक की हत्या में दो श्वेत नागरिक शामिल रहे।

  • 23 फरवरी- जॉर्जिया में 25 साल के अश्वेत की गोली मारकर हत्या कर दी गई

सबसे पहले 23 फरवरी को जॉर्जिया में 25 साल के अश्वेत अहद अर्बरी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसके बाद कई विरोध-प्रदर्शन हुए। करीब दो महीने बाद दो आरोपी 64 साल के ग्रेगरी मैककिमल और उसके 34 साल के बेटे ट्रैविस मैककिमल को गिरफ्तार किया गया। जांच अभी जारी है।

  • 13 मार्च- लुइस विले में पुलिस ने एक अश्वेत महिला की हत्या कर दी

13 मार्च को लुइस विले में पुलिस ने एक अश्वेत महिला ब्रेओना टेलर की हत्या कर दी। 26 साल की ब्रेओना मेडिकल टेक्नीशियन थीं। मादक पदार्थ की तस्करी के आरोप में पुलिस ने उसके घर छापा मारा। मेन गेट को तोड़ने के दौरान ब्रेओना के ब्वॉयफ्रेंड ने पुलिस पर फायर कर दिया। जवाब में पुलिस ने ब्रेओना को आठ गोलियां मारीं। हालांकि, बाद में ब्रेओना के घर से तलाशी में कोई मादक पदार्थ नहीं मिला।

  • 25 मई- जब जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या हुई, वीडियो सामने आने के बाद शुरू हुई हिंसा
पुलिस की गिरफ्त में जॉर्ज फ्लायड। यह उसकी आखिरी तस्वीर है।

अमेरिका के मिनेसोटा राज्य के मिनेपोलिस शहर की पुलिस ने जॉर्ज फ्लायड नाम के अश्वेत युवक को गिरफ्तार किया। जॉर्ज पर 20 डॉलर के नकली नोट से सिगरेट खरीदने का अरोप था। पुलिस ने जॉर्ज को हथकड़ी लगाने के बाद जमीन पर उल्टा लिटा दिया। इसके बाद एक अफसर ने जॉर्ज की गर्दन को घुटने से दबा दिया। इस दौरान जॉर्ज बार-बार पुलिस से घुटना हटाने को कहता रहा। वह कहता रहा कि उसे सांस नहीं आ रही। इसके बावजूद पुलिस ने अनसुना किया और जॉर्ज की मौत हो गई। इसका वीडियो वायरल होने के बाद हिंसा का दौर शुरू हुआ।



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George Floyd Death | Donald Trump Latest News | Protests over death of George Floyd turn violent In America

WHO: Pandemic disrupted some treatments June 01, 2020 at 02:10AM

In a survey of 155 countries last month, the UN health agency found worrying problems in the provision of health care for people with non-communicable diseases, many of whom are at higher risk of severe complications from Covid-19.

हैवानियत के 8 मिनट 46 सेकंड : जब अमेरिकी पुलिस ने अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड को तड़पाकर मार डाला June 01, 2020 at 02:33AM

अमेरिका में अश्वेत नागरिक की पुलिस के हाथों हत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। हिंसा और लूटपाट हो रही है। कई शहरों में कर्फ्यु है। मारे गए अश्वेत नागरिक का नाम जॉर्ज फ्लॉयड था। उसकी हत्या का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। आखिर, क्या था माजरा? क्यों पुलिस ने जॉर्ज को हिरासत में लिया? और कैसे सरेआम-दिनदहाड़े उसको तड़पा-तड़पाकर मार डाला?

नकली नोट से सिगरेट खरीदने का आरोप था
वाकया 25 मई की दोपहर का है। मिनेसोटा राज्य के मिनेपोलिस शहर की पुलिस के नंबर 911 पर एक कॉल आता है। एक व्यक्ति पुलिस को बताता है कि यहां रहने वाले अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड ने 20 डॉलर के नकली नोट से सिगरेट खरीदी है।

पुलिस ने जो तरीके अपनाए, वो नियमों के खिलाफ थे

घटना के कुछ वीडियोज सामने आए हैं। कुछ घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने बनाए तो कुछ सिक्युरिटी सर्विलांस कैमरों में दर्ज हुए। खास बात ये है कि पुलिस ने फ्लॉयड पर जो भी तरीके आजमाए वो विभागीय नियमों का उल्लंघन हैं। पुलिस अफसर दम घोंटता रहा, जॉर्ज ही नहीं बाकी लोग भी उसे छोड़ देने की अपील करते रहे। लेकिन, पुलिस की बर्बरता के आगे किसी की एक न चली। जॉर्ज फ्लॉयड की मौत कत्ल नहीं तो और क्या है।
फ्लॉयड की मौत के अगले दिन घटना में शामिल सभी चार पुलिस अफसरों को बर्खास्त कर दिया गया। हेनेपिन काउंटी के अटॉर्नी माइक फ्रीमैन ने कहा कि जॉर्ज का गला दबाने वाले डेरेक चौवेन के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाएगा।

करीब 9 मिनट तक फ्लॉयड की गर्दन घुटने से दबाई थी

चौवेन के खिलाफ दर्ज केस में साफ कहा गया है कि उन्होंने 8 मिनट 46 सेकंड तक जॉर्ज की गर्दन अपने घुटने से दबाए रखी। हैरानी की बात ये है कि चौवेन ने फ्लॉयड की सांस रुकने के बाद भी घुटना नहीं हटाया। वो तब हटे जब मेडिकल टीम वहां पहुंच गई।घटना में तीन और अफसर शामिल थे। इनके नाम हैं- थॉमस लेन, जे. एलेक्जेंडर और टोउ थाओ। इनके खिलाफ भी जांच जारी है।



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Pakistan air crash: Forensic experts identify 75 bodies so far June 01, 2020 at 01:15AM

The Airbus A320 aircraft of the national carrier Pakistan International Airlines (PIA) had 91 passengers and a crew of eight when it crashed into the Jinnah Garden area near Model Colony in Malir on May 22, minutes before its landing. Ninety Seven passengers were killed. Eleven people on the ground were injured.

अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में विरोध की आग; न्यूयॉर्क, शिकागो और लॉस एंजिल्स में प्रदर्शनकारियों और पुलिस में टकराव June 01, 2020 at 01:35AM

अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में हुई मौत का मामला गरमाता जा रहा है। छह दिनों से देशभर में प्रदर्शन किए जा रहे हैं। इस दौरान चार हजार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। कई शहरों में कर्फ्यू लगे होने के बाद भी लोग सड़कों पर लूटपाट और आगजनी कर रहे हैं। पुलिस पर हमले कर रहे हैं।दुनियाभर में हजारों लोग फ्लॉयड के समर्थन में विरोध कर रहे लोगों के लिए मार्च निकाल रहे हैं।

फ्लॉयड की गर्दन पर घुटना रखने वाले पुलिस अफसर को 27 मई को गिरफ्तार कर लिया गया। उस पर थर्ड डिग्री हत्या का आरोप लगाया गया है। इस मामले में सुनवाईकरते हुए कोर्ट ने सोमवार को उसे 8 जून को अदालत में पेश होने के लिए कहा है।

अमेरिका में क्यों हो रहा फसाद?
अमेरिका में हो रहे इस प्रदर्शन के पीछे केवल जॉर्ज फ्लायड की हत्या ही वजह नहीं है। देश में अश्वेतों के साथ भेदभाव और बुरा बर्ताव काफी समय से होता रहा है। यह गुस्सा वह बारूद का ढेर है है जो धीरे-धीरे सुलग रहा था और अब उसमें विस्फोट हुआ है। अमेरिका में कोरोना के चलते जब से लॉकडाउन लगा है, तब से तीन अश्वेतों की हत्या हो चुकी है। दो की हत्या तो पुलिस ने ही की, जबकि एक की हत्या में दो श्वेत शामिल हैं। ढीली प्रशासनिक कार्रवाई के चलते इस बार की घटना ने लोगों के गुस्से को भड़का दिया।

  • सबसे पहले 23 फरवरी को जॉर्जिया में एक अश्वेत 25 साल के अहद अर्बरी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मामले को लेकर कई विरोध-प्रदर्शन हुए। करीब दो महीने बाद दो आरोपियों 64 साल के ग्रेगरी मैककिमल और उसके बेटे 34 साल के ट्रैविस मैककिमल को गिरफ्तार किया गया। जांच अभी चल रही है।
  • इसके बाद 13 मार्च को लुइसविले में पुलिस ने एक अश्वेत महिला ब्रेओना टेलर की हत्या कर दी। 26 साल की ब्रेओना मेडिकल टेक्नीशियन थी। मादक पदार्थ की तस्करी के आरोप में पुलिस ने उसके घर छापा मारा। मेन गेट को तोड़ने के दौरान ब्रेओना के ब्वॉयफ्रेंड ने पुलिस पर फायर कर दिया। जवाब में पुलिस ने ब्रेओना को आठ गोलियां मारीं। हालांकि, बाद में ब्रेओना के घर से तलाशी में कोई मादक पदार्थ नहीं मिला।

क्या है प्रदर्शनों की वजह?

25 मई की शाम को पुलिस को सूचना मिली थी कि फ्लॉयड ने एक ग्रॉसरी स्टोर में 20 डॉलर को नकली नोट दिया है। इसी आरोप में पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। इस दौरान पुलिस जब उसे गाड़ी में बैठाने का प्रयास कर रही थी, तभी वह नीचे गिर गया। वायरल वीडियो के मुताबिक, फ्लॉयड जमीन पर पड़ा नजर आ रहा है और पुलिस अफसर अपने घुटने से उसकी गर्दन को करीब आठ मिनट 46 सेकंड तक दबाए रखा था। फ्लॉयड के हाथों में हथकड़ी थी। इसमें 46 साल का जॉर्ज लगातार पुलिस अफसर से घुटना हटाने की गुहार लगाता रहा। वीडियो में फसे यह कहते हुए सुना गया कि आपका घुटना मेरे गर्दन पर है। मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं।’’ इसके बाद धीरे-धीरे उसकी हरकत बंद हो जाती है। अफसर कहते हैं, ‘उठो और कार में बैठो’, तब भी उसकी कोई प्रतिक्रिया नहीं आती। इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया जाता है, जहां एक घंटा बाद उसे मृत घोषित कर दिया जाता है। पुलिस की इस बर्बरता की वजह से ही देशभर में प्रदर्शन शरू हो गए।

कब से हो रहे हैं प्रदर्शन?
अमेरिका में पुलिस हिरासत में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के विरोध में 26 मई से प्रदर्शन हो रहे हैं। इस दौरान कई शहरों में हिंसक प्रदर्शन भी हुए हैं। शिकागो, फिलाडेल्फिया समेत कई शहरों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई है। लोगों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े। दो दिन पहले डेट्रॉयट में एक 19 साल की युवक की मौत भी हो गई।

कितने राज्यों में हालात बिगड़े?
अमेरिका के 15 राज्यों में प्रदर्शन हो रहे है। इसे देखते हुए प्रशासन ने इन राज्यों के 40 शहरों कर्फ्यू लगा दिया है। रविवार आधी रात लूइसविले और केंटकी में अधिकारियों ने भीड़ को हटाने के लिए गोली चलाई, जिसमें एक युवक की मौत हो गई। उधर, ओकलैंड पुलिस के मुताबिक, कैलिफोर्निया में पिछली रात लोकल पुलिस बिल्डिंग में गोलीबारी की गई थी। इस मामले में तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है। वॉशिंगटन के किंग काउंटी में हिंसा और प्रदर्शन के दौरान हुई चोरी के चलते आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है। रविवार को हिंसक प्रदर्शन के दौरान बोस्टन के सात पुलिस अफसर घायल हो गए। वहीं, 21 पुलिस अफसर के वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।

प्रशासन ने क्या कदम उठाए?
न्यूज चैनल सीएनएन के मुताबिक, वॉशिंगटन समेत 15 शहरों में करीब 5 हजार नेशनल गार्ड्स की तैनाती की गई है। जरूरत पड़ने के लिहाज से 2 हजार गार्ड्स को मुस्तैद रहने को कहा गया है। हिंसक प्रर्शन को देखते हुए अटलांटिक सिटी, न्यूजर्सी ने हफ्ते भर के लिए कर्फ्यू बढ़ा दिया है। वहीं, क्लीवलैंड और ओहियो ने मंगलवार कर कर्फ्यू बढ़ाया है। उधर, पोर्टलैंड पुलिस ने रविवार रात मार्क हैटफील्ड यूएस कोर्टहाउस में प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए राइट कंट्रोल एजेंटो को तैनात किया था। मैसाचुसेट्स स्टेट पुलिस के प्रवक्ता डेविड प्रकोपियो ने सीएनएन को बताया कि प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए मैसाचुसेट्स नेशनल गार्ड को बोस्टन भेजा गया है।

क्या राष्ट्रपति को भी सुरक्षित जगह ले जाया गया था?
हां। रविवार रात को भी प्रदर्शनकारियों ने व्हाइट हाउस के सामने काफी प्रदर्शन किया था। लिहाजा सुरक्षाबलों को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, शुक्रवार को व्हाइट हाउस के सामने प्रदर्शन के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को कुछ देर के लिए अंडरग्राउंड बंकर में ले जाना पड़ा था।

प्रदर्शनों को लेकर राष्ट्रपति का रुख है?
ट्रम्प का प्रदर्शनों को लेकर सख्त रवैया दिखाया। कहा- खुद को प्रदर्शनकारी कहने वाले इन लोगों को जॉर्ज फ्लॉयड के बारे में ज्यादा नहीं पता। अगर इन लोगों ने सीमा लांघी तो हमारे पास खतरनाक कुत्ते और हथियार हैं।

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इस मामले पर क्या किसी और देश में भी प्रदर्शन हो रहे हैं?
हां। अमेरिका में हो रहे प्रदर्शन के प्रति एकजूटता दिखाने के लिए लंदन, बर्लिन, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में प्रदरेशन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारी तख्तियों पर ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ के नारे लिखकर अमेरिकी पुलिस की बर्बरता का विरोध कर रहे हैं। लंदन में लॉकडाउन का उल्लंघन करने के आरोप में 23 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। यहां ट्रफलगर स्कॉयर पर लोगों ने प्रदर्शन किया। न्यूजीलैंड में ऑकलैंड, वेलिंगटन और क्राइस्टचर्च समेत कई शहरों में लोगों ने प्रदर्शन किया। बर्लिन में अमेरिकी दूतावास के सामने लोगों ने शनिवार और रविवार को प्रदर्शन किया। ऑस्ट्रेलिया में इस हफ्ते कई जगह प्रदर्शन किए जाएंगे। सिडनी में मंगलवार को प्रदर्शन किया जाएगा। वहीं, ब्रिस्बेन और मेलबोर्न में शनिवार को प्रदर्शन में हजारों लोग शामिल हु



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तस्वीर वॉशिंगटन की है। यहां लोग जॉर्ज फ्लॉयड की मौत को लेकर कुछ ज्यादा ही उग्र हैं। पुलिस और सीक्रेट सर्विस को सख्ती करनी पड़ रही है।

Hydroxychloroquine: a drug dividing the world June 01, 2020 at 12:34AM

Scientists looking to find licenced medicines that could be repurposed as a treatment for COVID-19 had started tests of hydroxychloroquine, normally used to treat arthritis, and chloroquine, an anti-malarial.

Mullah Omar's son takes charge of Taliban May 31, 2020 at 09:09PM

Mullah Yaqoob, the son of Mullah Omar--founder of Afghan Taliban, has taken over as interim commander following disagreements among members of the group over the leadership, after a number of senior Taliban operatives fell ill to coronavirus, according to Afghan sources.