Thursday, September 10, 2020

चीनी मीडिया ने कहा- लद्दाख के पैंगॉन्ग त्सो से जल्द सेना हटाए भारत; अगर जंग हुई तो उनकी आर्मी ज्यादा समय टिक नहीं पाएगी September 10, 2020 at 07:27PM

भारत-चीन की बातचीत के बीच चीन की तरफ से धमकियां दी जा रही हैं। सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि अगर भारतीय सेना पैंगॉन्ग त्सो झील (लद्दाख) के दक्षिणी हिस्से से नहीं हटती तो पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए यानी चीनी सेना) पूरे ठंड के मौसम में वहीं जमी रहेगी।

सरकारी मीडिया की टिप्पणी केवल यहीं नहीं रुकी। ये भी कहा कि भारत का सैन्य तंत्र कमजोर है। उसके कई सैनिक कड़ाके की ठंड या कोरोना में मर जाएंगे। अगर दोनों देशों के बीच युद्ध हुआ तो भारतीय सेना जल्दी ही हथियार डाल देगी। अगर भारत शांति चाहता है तो दोनों देशों को लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) की 7 नवंबर 1959 की स्थिति ही माननी होगी। अगर भारत जंग चाहता है तो हम उसकी ये इच्छा पूरी करेंगे। देखते हैं कि कौन सा देश दूसरे को मात दे सकता है।

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‘भारत भूल गया कि वो क्या था’
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, ‘‘चीन ने हमेशा से भारत के सम्मान की फिक्र की है। अब भारत की राष्ट्रवादी ताकतें इस सम्मान का फायदा उठाना चाहती हैं। वे भूल गए हैं कि वो (भारत) क्या हैं? आज के माहौल में हर चीज सामने रखने की जरूरत है।’’

‘‘हमारी तिब्बत मिलिट्री कमांड भारत से तनाव को देखते हुए पीएलए के सपोर्ट के लिए ड्रोन की मदद ले रही है। इससे साबित होता है कि पीएलए किसी भी चुनौती के लिए तैयार है।’’

राहुल का मोदी सरकार पर निशाना
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘चीन ने हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया है। भारत सरकार इसे वापस लेने की कोई योजना बना रही है या फिर इसे ‘भगवान की मर्जी’ मानकर छोड़ देंगे?’’

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इधर रूस में, दोनों देशों के बीच 5 पॉइंट पर सहमति

भारत-चीन विवाद सुलझाने के लिए 5 पॉइंट के प्लान पर सहमति बनी है। विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी की गुरुवार शाम मॉस्को में बातचीत हुई। इसमें कहा गया है कि बॉर्डर के इलाकों में मौजूदा स्थिति किसी के हित में नहीं है। दोनों देशों के जवानों को बातचीत जारी रखते हुए तेजी से डिसएंगेजमेंट (विवादित इलाकों से सैनिक हटाने का काम) करना चाहिए। (पूरी खबर यहां पढ़ें)



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India-China Border Standoff Latest News Updates; Chinese Global Times Indian Army Presence In Eastern Ladakh Pangong Lake TSO

WHO बोला- एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का ट्रायल रुकना चेतावनी, शोधकर्ता निराश न हों, चीन में पहले नेजल वैक्सीन के ट्रायल को अनुमति; अब तक 2.83 करोड़ केस September 10, 2020 at 05:14PM

कोरोनावायरस को महामारी घोषित हुए 6 महीने बीत चुके हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 11 मार्च को इसका ऐलान किया था। हालांकि स्थितियां अभी भी गंभीर बनी हुई हैं। वैक्सीन आने में अभी भी काफी वक्त है। हाल ही में ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका कंपनी के वैक्सीन का ट्रायल रोक दिया गया। इस पर डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि वैक्सीन का ट्रायल रोके जाने को एक चेतावनी के तौर पर देखा जाना चाहिए। हालांकि, वैज्ञानिकों को इसे ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। किसी भी क्लीनिकल रिसर्च में उतार-चढ़ाव तो आते रहते हैं।

कोरोना के चलते दुनिया में 2 करोड़ 83 लाख 22 हजार 716 लोग संक्रमित हो चुके हैं। 9 लाख 13 हजार 900 लोगों की इससे जान जा चुकी है। अच्छी बात यह है कि 2 करोड़ 3 लाख 38 हजार 259 लोग ठीक भी हो चुके हैं। ये आंकड़े https://ift.tt/39bx8wZ से लिए गए हैं।

जहां से कोरोना निकला, वहां से एक बड़ी खबर
चीन ने अपने पहले नेजल (नाक से लिए जाने वाले) कोरोना वैक्सीन के ट्रायल को अनुमति दे दी है। इसके पहले फेज का क्लीनिकल ट्रायल नवंबर में शुरू होगा, जिसके लिए 100 वॉलंटियर्स तैनात किए जा रहे हैं। वैक्सीन को यूनिवर्सिटी ऑफ हॉन्गकॉन्ग, शियामेन यूनिवर्सिटी और बीजिंग की वान्ताई बायोलॉजिकल फॉर्मेसी मिलकर तैयार कर रही हैं।

हॉन्गकॉन्ग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता यूएन क्वोक-युंग के मुताबिक, 3 ट्रायल्स करीब एक साल में खत्म होंगे। ये वैक्सीन दोहरी सुरक्षा यानी इन्फ्लुएंजा और नॉवेल कोरोनावायरस से सुरक्षा देगी।

इन 10 देशों में कोरोना का असर सबसे ज्यादा

देश

संक्रमित मौतें ठीक हुए
अमेरिका 65,88,163 1,96,328 38,79,960
भारत 45,59,725 79,304 35,39,983
ब्राजील 42,39,763 1,29,725 34,9,337
रूस 10,46,370 18,263 8,62,373
पेरू 7,10,067 30,344 5,44,745
कोलंबिया 6,94,664 22,275 5,59,479
मैक्सिको 6,52,364 69,649 4,58,850
साउथ अफ्रीका 6,44,438 15,265 5,73,003
स्पेन 5,54,143 29,699 उपलब्ध नहीं
अर्जेंटीना 5,24,198 10,907 3,90,098


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भारत के सीरम इंस्टीट्यूट ने भी ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का ट्रायल फिलहाल रोक दिया है। -फाइल फोटो

10 now dead in massive Northern California wildfire September 10, 2020 at 04:38PM

Authorities said Thursday that at least 10 people have died in a massive Northern California wildfire and 16 people remain missing.​​​Butte County sheriff's deputies and detectives found seven bodies on Thursday, a day after three other victims were discovered. Among those unaccounted for are grandparents who told their son they were going to try to escape the flames by finding shelter in a pond.

भारत-चीन के विदेश मंत्रियों की बैठक में 5 पॉइंट पर सहमति; बातचीत जारी रखते हुए डिसएंगेजमेंट होगा, माहौल बिगाड़ने वाली कार्रवाई नहीं करेंगे September 10, 2020 at 04:33PM

लद्दाख में ताजा तनाव के बीच भारत-चीन विवाद सुलझाने के लिए 5 पॉइंट के प्लान पर सहमति बनी है। विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी की गुरुवार शाम मॉस्को में बातचीत हुई। दोनों शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की मीटिंग में हिस्सा लेने मॉस्को गए हैं। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार सुबह बयान जारी कर विदेश मंत्रियों की बातचीत की डिटेल दी।

इन 5 पॉइंट पर सहमति बनी
1.
बॉर्डर के इलाकों में मौजूदा स्थिति किसी के हित में नहीं है। दोनों देशों के जवानों को बातचीत जारी रखते हुए तेजी से डिसएंगेजमेंट करना चाहिए। एक-दूसरे से तय दूरी रखते हुए तनाव कम करना चाहिए।
2. रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए दोनों देशों के नेताओं के बीच पहले जो एकराय (कन्सेन्सस) बनी थी, उससे गाइडेंस लेना चाहिए। मतभेदों की वजह से तनाव नहीं होना चाहिए।
3. दोनों देशों को सीमा से जुड़े मामलों में सभी मौजूदा समझौतों और प्रोटोकॉल को मानना चाहिए। बॉर्डर के इलाकों में शांति रखते हुए ऐसी कार्रवाई से बचना चाहिए, जिससे माहौल बिगड़ने की आशंका हो।
4. बॉर्डर पर स्थिति सुधरते ही दोनों देशों को तेजी से काम करना चाहिए, ताकि शांति बनाए रखने और आपसी भरोसा बढ़ाने के लिए नए उपाय पूरे किए जा सकें।
5. स्पेशल रिप्रेंटेटिव (SR) मैकेनिज्म के जरिए बातचीत होती रहेगी। वर्किंग मैकेनिज्म फॉर कंसल्टेशन एंड को-ऑर्डिनेशन (WMCC) की बैठकें भी जारी रहेंगी।

चीन ने 4 दिन में 2 बार घुसपैठ की कोशिश की थी
भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वैसे तो मई से ही तनाव बना हुआ है, लेकिन 29-30 अगस्त की रात चीन की घुसपैठ की कोशिश से माहौल और बिगड़ गया। चीन के सैनिकों ने पैंगॉन्ग झील के दक्षिणी छोर की पहाड़ी पर कब्जा करने की कोशिश की थी, जिसे भारतीय जवानों ने नाकाम कर दिया। इसके बाद दोनों देशों के आर्मी अफसरों के बीच बातचीत का दौर चला, लेकिन इसी बीच चीन ने 4 दिन में दूसरी बार घुसपैठ की कोशिश की, लेकिन हर बार नाकाम रहा।

चीन ने गलती मानने की बजाय भारत पर आरोप लगाए, सेना ने खारिज किए
इससे पहले 15 जून को गलवान घाटी में भारत-चीन के बीच झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन के भी 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए, लेकिन उसने कबूला नहीं। अगस्त की ताजा घटना पर चीन ने उल्टा भारत को दोष देते हुए आरोप लगाया कि भारतीय जवानों ने एलएसी पार की और फायरिंग की। भारतीय सेना ने इसका जवाब दिया कि ना तो हमने सीमा पार की और ना ही गोलियां चलाईं।



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विदेश मंत्री एस जयशंकर (बाएं) शंघाई सहयोग संगठन की मीटिंग में हिस्सा लेने मॉस्को गए हैं। गुरुवार को वहीं पर चीन के विदेश मंत्री वांग यी (दाएं) से सीमा विवाद पर चर्चा हुई।

ट्रम्प ने कोरोना को लेकर झूठ बोला, किम जोंग उन से संबंधों पर बात की और सेना को अपशब्द कहे; जानें और भी September 10, 2020 at 04:08PM

अमेरिका में चुनाव नजदीक हैं। ऐसे में खोजी पत्रकार बॉब वुडवर्ड की किताब 'रेज' ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प की चिंता बढ़ा दी है। इस किताब में वुडवर्ड ने ट्रम्प को लेकर कई दावे किए हैं। यह अगले हफ्ते मार्केट में आ जाएगी। वुडवर्ड ने किताब के लिए ट्रम्प के 18 इंटरव्यू किए। आइए पढ़ते हैं उनकी किताब के पांच बड़े दावे...

1. ट्रम्प ने जानते हुए भी कोरोना महामारी पर झूठ बोला
किताब में बताया गया है कि ट्रम्प को कोरोनावायरस की गंभीरता के बारे पता था। वे जानते थे कि वायरस घातक और बहुत संक्रामक है। इसके बावजूद उन्होंने झूठ बोला। ट्रम्प ने यहां तक कहा कि बच्चों का इम्यून सिस्टम कोरोना के खिलाफ पर्याप्त मजबूत है।

वुडवर्ड की किताब के मुताबिक, 19 मार्च को एक इंटरव्यू में ट्रम्प ने उनसे कहा- मैं इसे कम घातक ही बताना चाहता था और अभी भी यही करूंगा। क्योंकि मैं डर का माहौल नहीं बनाना चाहता। उन्होंने कहा था- वायरस को लेकर चौंकाने वाली जानकारी मिली है। यह केवल बूढ़े या वयस्कों को ही नहीं प्रभावित करता बल्कि, युवा भी इससे संक्रमित होते हैं।

अप्रैल में जिस समय ट्रम्प देश को फिर से खोलने की दलीलें दे रहे थे तभी दूसरी ओर वुडवर्ड से कह रहे थे कि यह वायरस इतनी तेजी से फैलता है कि भरोसा नहीं करेंगे।

2. ट्रम्प प्रशासन के अधिकारियों के मुताबिक वह 'खतरनाक'
राष्ट्रपति ट्रम्प को उनके प्रशासन के अधिकारी ही खतरनाक और राष्ट्रपति पद के अयोग्य मानते थे। किताब में ट्रम्प के पूर्व डिफेंस सेक्रेटरी जिम मैटिस और नेशनल इंटेलिजेंस के डायरेक्टर डैन कोट्स की मई 2019 को हुई बातचीत का उल्लेख है। कोट्स ने कहा था कि रूस के पास ट्रम्प के लिए कुछ है। ट्रम्प का रूस के लिए दोस्ताना रवैया डरावना लगता है। दोनों ने कहा था कि उन्हें ट्रम्प के खिलाफ खड़ा होना पड़ सकता है।

3. ट्रम्प ने सेना और जनरलों के बारे में गलत बोला
वुडवर्ड की किताब के मुताबिक, ट्रम्प ने 2017 में एक मीटिंग के दौरान अपने ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो से सेना के अधिकारियों के बारे में गलत बोला था। इसके साथ ही वुडवर्ड से बातचीत में ट्रम्प को साउथ कोरिया की रक्षा में खर्च होने वाले बजट पर आपत्ति थी। इसके लिए उन्होंने अमेरिकी सेना को बहुत आपत्तिजनक शब्द बोले थे।

साउथ कोरिया की रक्षा करने पर महंगी कीमत चुकाने पर अमेरिकी सेना के बारे में बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। वुडवर्ड के मुताबिक, वे तब सन्न रह गए जब ट्रम्प ने कहा कि हम साउथ कोरिया को सुरक्षा दे रहे हैं, इसलिए ही वह दुनिया में बना हुआ है। वुडवर्ड ने यह भी बताया कि ट्रम्प तब भी बहुत भड़के थे जब कोट्स ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि रूस अमेरिका के इलेक्शन सिस्टम में खतरा पैदा कर रहा है।

4. अश्वेतों के बारे में राय
वुडवर्ड के मुताबिक, जब उन्होंने ट्रम्प से पूछा कि क्या उन्होंने अश्वेतों के दर्द और गुस्से को समझने की कोशिश की है। ट्रम्प ने उत्तर दिया- नहीं, फिर पलटकर पूछा- क्या तुमने कूल-एड (एक प्रकार की कोल्ड ड्रिंक) पिया है। वुडवर्ड लिखते हैं कि उन्होंने कई बार घुमा-फिराकर नस्ल को लेकर ट्रम्प की समझ जानने की कोशिश की, लेकिन वह बार-बार यही कहते रहे कि कोरोना में अर्थव्यवस्था बिगड़ने से हालात बिगड़े हैं।

5. रूस और नॉर्थ कोरिया के नेताओं से रिश्ते
ट्रम्प ने वुडवर्ड को नॉर्थ कोरिया के लीडर किम जोंग-उन और उनके बीच लिखे गए लेटर्स भी दिखाए। किताब में इसका जिक्र किया गया है। इन लेटर्स में दोनों एक दूसरी की चापलूसी कर रहे हैं। किम ने एक लेटर में लिखा था कि उनका रिश्ता एक काल्पनिक मूवी की तरह है। वहीं, ट्रम्प ने किम से रिश्तों पर कहा था- आप एक महिला से मिलते हैं। फिर आपको एक ही सेकंड में पता चल जाता है कि बात आगे बढ़ने वाली है या नहीं।

ट्रम्प ने अपने कैंपेन के रूस से संबंध को लेकर चल रही कई जांचों की भी शिकायत की। उन्होंने कहा कि इन सब से राष्ट्रपति के रूप में उनकी क्षमता और पुतिन से रिश्ते प्रभावित हो रहे हैं। ट्रम्प ने कहा- पुतिन ने मुझसे एक मीटिंग में कहा- मुझे पता है कि आपके लिए हमारे साथ डील करना बहुत मुश्किल है। इस पर ट्रम्प ने कहा- तुम सही हो।

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किम से साथ अपनी केमिस्ट्री बताते हुए ट्रम्प ने कहा- जब किसी महिला से मिलो तो एक सेकंड में पता चल जाता है कि बात आगे बढ़ेगी या नहीं। इस तरह किम से मिलकर लगा था कि बात बढ़ेगी।

पाकिस्तान ने जाधव को भारतीय वकील देने की मांग ठुकराई; इस्लामाबाद हाईकोर्ट में 3 अक्टूबर को सुनवाई होगी September 10, 2020 at 10:27AM

पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को भारतीय वकील देने की भारत की मांग ठुकरा दी है। पाकिस्तान की मीडिया रिपोर्ट्स में ये खबर आई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत की मांग को पूरा करने के लिए पाकिस्तान को अपना कानून बदलना पड़ेगा। पाकिस्तान इससे पहले भी कहता रहा है कि जाधव को भारतीय वकील मुहैया कराना कानूनी रूप से संभव नही हैं।

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जाहिद हफीज चौधरी ने कहा था- वही वकील कोर्ट में जाधव का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं, जिनके पास पाकिस्तान में कानून का अभ्यास करने का लाइसेंस है।

जाधव की मौत की सजा पर समीक्षा के लिए हो रही सुनवाई

इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने तीन सितंबर को कुलभूषण जाधव मामले में सुनवाई एक महीने के लिए टाल दी थी। कोर्ट जाधव को पाकिस्तान मिलिट्री कोर्ट की ओर से सुनाई गई मौत की सजा पर समीक्षा करने के लिए सुनवाई कर रही है। इस दौरान अटॉर्नी जनरल खालिद जावेद खान ने बताया था कि इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसी) के आदेश के मुताबिक, भारत को कॉन्सुलर एक्सेस दी गई थी। हालांकि, भारत ने इसका कोई जवाब नहीं दिया। इस पर कोर्ट ने पाक सरकार से कहा कि वह भारत को कुलभूषण के लिए वकील रखने का दूसरा मौका दे। अब सुनवाई 3 अक्टूबर को होगी।

भारत ने कहा था कि निष्पक्ष सुनवाई हो
भारत ने पाकिस्तान से मांग की थी कि जाधव की मौत की सजा के खिलाफ रिव्यू पिटीशन दायर करने के लिए एक भारतीय वकील को नियुक्त किया जाए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था कि हम आईसीजे के फैसले के अनुसार स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनवाई की मांग करते हैं।

उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान को मुख्य मुद्दों को देखने की जरूरत है। पाकिस्तान को केस से जुड़े सभी जरूरी दस्तावेज मुहैया करवाने के साथ ही जाधव को बिना रोक-टोक के कॉन्सुलर एक्सेस देना चाहिए।

कुलभूषण को 2017 में फांसी की सजा सुनाई गई थी
कुलभूषण को मार्च 2016 में पाकिस्तान ने जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया था। 2017 में उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई। इस बीच सुनवाई में कुलभूषण को अपना पक्ष रखने के लिए कोई कॉन्सुलर एक्सेस भी नहीं दिया गया। इसके खिलाफ भारत ने 2017 में ही अंतरराष्ट्रीय कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

आईसीजे ने जुलाई 2019 में पाकिस्तान को जाधव की फांसी रोकने और सजा पर फिर से विचार करने का आदेश दिया। तब से अब तक पाकिस्तान ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया है।



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पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को पहली बार पिछले साल 2 सितंबर को कॉन्सुलर एक्सेस दिया था। - फाइल फोटो

ताइवान के उप राष्ट्रपति ने कहा- चीन हमारी सीमा में घुसने की गलती न करे, हम शांति चाहते हैं लेकिन अपने लोगों को बचाएंगे September 10, 2020 at 09:31AM

ताइवान ने गुरुवार को चीन को अपनी सीमा में नहीं घुसने की चेतावनी दी। ताइवान के उपराष्ट्रपति लाइ चिंग टे ने ट्वीट किया- चीन ने आज (गुरुवार) फिर ताइवान के एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन में अपने फाइटर जेट उड़ाए। वो लाइन क्रॉस न करे। ऐसी कोई भी गलती न करें। ताइवान शांति चाहता है लेकिन हम अपने लोगों को बचाएंगे।

एक महीने पहले भी चीन के फाइटर जेट्स ने ताइवान की खाड़ी में इंटरनेशनल बॉर्डर क्रॉस किया था। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने चीनी सेना के लड़ाकू विमानों को ट्रैक करने की बात कही थी। इन विमानों को खदेड़ने का दावा किया था। ताइवान ने चीन के एयरफोर्स की इस हरकत पर आपत्ति जताई थी।

अमेरिका ताइवान के साथ

अमेरिका ने बीते हफ्ते अपना गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर ताइवान की खाड़ी में तैनात किया था। खास बात यह है कि अमेरिका ने पहले इसका ऐलान नहीं किया था। लेकिन, दो हफ्तों में अमेरिका ने दूसरी बार किसी डेस्ट्रॉयर को साउथ चाइना सी में भेजा था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका के इस कदम से साफ हो जाता है कि वो ताइवान की हर मुमकिन मदद करने के लिए तैयार है। अमेरिकी एनएसए ने पिछले हफ्ते साफ कर दिया था कि अगर ताइवान पर कोई हमला होता है तो अमेरिका चुप नहीं बैठेगा।

चीन ताइवान पर हमले की धमकी देता रहा है

चीन ताइवान को अपना हिस्सा बताता है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ताइवान को हमला करने की धमकी देती रही है। चीन के विरोध के कारण ही ताइवान वर्ल्ड हेल्थ असेंबली का हिस्सा नहीं बन पाया था। चीन की शर्त थी कि असेंबली में जाने के लिए ताइवान को वन चाइना पॉलिसी को मानना होगा, लेकिन ताइवान ने शर्त ठुकरा दी थी। ताइवान में जबसे डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी सत्ता में आई है तबसे चीन के साथ संबंध ज्यादा खराब हुए हैं।



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यह फोटो मई 2019 में ताइवान की खाड़ी में मिलिट्री एक्सरसाइज करते ताइवान के सैनिकों की है। ताइवान ने गुरुवार को चीन को चेताया कि उसकी एयफोर्स बॉर्डर क्रॉस न करे। - फाइल फोटो

अमेरिकन एयरोस्पेस ने स्पेसक्राफ्ट का नाम कल्पना चावला पर रखा, 29 सितंबर को वर्जिनिया से इसे लॉन्च किया जाएगा September 10, 2020 at 08:43AM

अमेरिका के एक कमर्शियल कार्गो स्पेसक्राफ्ट का नाम भारतीय एस्ट्रोनॉट कल्पना चावला के नाम पर रखा गया है। अमेरिकन एयरोस्पेस कंपनी नार्थरोप ग्रुमैन ने बुधवार को इसका ऐलान किया। कंपनी ने कहा, ‘‘हमने नासा की भारतीय मूल की पहली महिला एस्ट्रोनॉट कल्पना चावला को सम्मान देने के लिए अपने अगले सिग्नस कैप्सूल का नाम ‘एस एस कल्पना चावला’ रखने का फैसला किया है। उन्होंने 2001 में कोलंबिया स्पेस मिशन के लिए अपनी जिंदगी कुर्बान कर दी। ह्यूमन स्पेस फ्लाइट के क्षेत्र में उनका काम लंबे समय तक याद रखा जाएगा।’’

कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है- नार्थरोप ग्रुमैन हर बार अपने स्पेसक्राफ्ट का नाम ऐसे लोगों पर रखता है, जिन्होंने अंतरिक्ष के क्षेत्र में शानदार काम किया हो। हमें अपने स्पेसक्राफ्ट का नाम कल्पना चावला के नाम पर रखकर गौरव महसूस हो रहा है।

29 सितंबर को लॉन्च होगा कल्पना चावला स्पेसक्राफ्ट

यह स्पेसक्राफ्ट 29 सितंबर को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए लॉन्च किया जाएगा। इस मिशन का नाम एनजी-14 रखा गया है। इसे कंपनी के एंटारेस रॉकेट की मदद से लॉन्च किया जाएगा। लॉन्चिंग वर्जिनिया स्थित नासा के स्पेस सेंटर से होगी। यह दो दिन के बाद इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) पहुंच जाएगा। इसकी मदद से आईएसएस पर 362 किग्रा सामान पहुंचाया जाएगा।

स्पेस मिशन से लौटते वक्त हुई थी कल्पना की मौत

कल्पना का जन्म 17 मार्च 1962 को हरियाणा के करनाल में हुआ था। शुरुआती पढ़ाई में भारत करने के बाद वह अमेरिका चली गईं थीं। वहां से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर्स की डिग्री करने के बाद उन्हें नासा में काम करने का मौका मिला। वह नासा के एक मानव मिशन को पूरा कर चुकीं थीं। 2001 में वह दूसरे मिशन से लौटते वक्त नासा का स्पेसक्राफ्ट क्रैश हो गया था। इसमें कल्पना चावला समेत स्पेसक्राफ्ट में सवार 6 एस्ट्रोनॉट्स की जान चली गई थी।



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कल्पना चावला का जन्म हरियाणा के करनाल में हुआ था। वे भारत में पैदा हुईं ऐसी पहली महिला एस्ट्रोनॉट हैं जो अमेरिकन स्पेस मिशन का हिस्सा रहीं थीं।- फाइल फोटो

Taiwan: China planes entered its airspace twice in 2 days September 10, 2020 at 06:15AM

Taiwan says Chinese warplanes entered its airspace on Wednesday and Thursday during large-scale war games that it called a ``serious provocation to Taiwan and a grave threat to regional peace and stability.''

California fire that killed 3 threatens thousands of homes September 10, 2020 at 05:43AM

UK opens new 'simplified' points-based student visa route September 10, 2020 at 05:16AM

The UK government on Thursday tabled its new points-based Student Route for visas in Parliament, which it says simplifies the previous student visa application requirements for international students applying to study in Britain.

China approves first nasal spray Covid-19 vaccine for trials September 10, 2020 at 04:30AM

China's only nasal spray vaccine against the coronavirus is expected to start phase I clinical trials in November, and it is recruiting 100 volunteers. It is the only vaccine of its type approved by China's National Medical Products Administration, the state-run Global Times reported. The vaccine is a collaborative mission between Hong Kong and the Chinese mainland that involves researchers from the University of Hong Kong, Xiamen University, and Beijing Wantai Biological Pharmacy.

तेल और टायर रखने के लिए बनाए गए वेयरहाउस में आग लगी,एक महीने पहले यहीं पर हुए धमाके में 190 लोगों की जान गई थी September 10, 2020 at 03:38AM

लेबनान की राजधानी बेरूत के पोर्ट पर गुरुवार को फिर आग लग गई। आसपास का इलाका धुएं से भर गया। यहीं पर एक महीने पहले हुए धमाके में 190 लोगों की मौत हुई थी। लेबनान आर्मी के मुताबिक, पोर्ट के ड्यूटी फ्री जोन के एक वेयरहाउस में आग लगी। यहां तेल और टायर रखे थे। आग पर काबू पाया जा रहा है। सेना के हेलिकॉप्टरों की भी मदद ली जा रही है। पोर्ट जाने वाली सड़क पर ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया गया। अभी आग लगने की वजह नहीं पता चली है।
एक महीने पहले हुए धमाके से डरे लोग अचानक लगी इस आग से और ज्यादा डर गए। पोर्ट के आसपास रहने वाले लोगों ने खिड़कियां खोलकर एक दूसरे को आवाज देनी शुरू कर दी। लोकल मीडिया के मुताबिक, इलाके की कुछ कंपनियों ने अपने स्टाफ को तुरंत घर जाने को कह दिया।

लोगों को पोर्ट से दूर रहने की अपील की गई

बेरूत के गवर्नर मारवान अबॉड और स्थानीय अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे पोर्ट से दूर रहें। पोर्ट पर हफ्ते भर में यह दूसरी आग है। इससे पहले मंगलवार को भी यहां आग लगी थी, जिसे जल्द बुझा लिया गया था। इस घटना से जुड़ा वीडियो भी कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। इसमें लोग को इधर-उधर भागते देखा जा सकता है।

4 अगस्त को बेरूत पोर्ट पर हुआ था बड़ा धमाका

बेरूत में 4 अगस्त को तट के पास विस्फोट हुआ था। अमोनियम नाइट्रेट के सात साल से रखे कंटेनर्स में धमाके हुए थे। इसकी धमक 240 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी थी। 10 किलोमीटर के दायरे में मौजूद घरों को नुकसान पहुंचा था। 190 लोगों की जान चली गई थी और 6500 लोग घायल हुए थे। हजारों बिल्डिंगों को नुकसान पहुंचा था।



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लेबनान की राजधानी बेरूत के पोर्ट पर गुरुवार को आग लगने के बाद पूरा इलाका धुआं से भर गया। फिलहाल इस पोर्ट का कंट्रोल लेबनान की सेना के हाथों में हैं।

AstraZeneca CEO says Covid-19 vaccine may be ready by end of year despite pause in trials September 10, 2020 at 01:47AM

AstraZeneca CEO Pascal Soriot on Wednesday expressed hopes that a vaccine against the novel coronavirus developed by the pharmaceutical company would be ready by the end of 2020 or early 2021, despite having to pause clinical trials.

Huge fire breaks out at Beirut port a month after explosion September 10, 2020 at 01:19AM

A huge fire broke out Thursday at the Port of Beirut, triggering panic among residents a month after the massive explosion. It was not immediately clear what caused the fire at the facility, which was decimated by the August 4 explosion when nearly 3,000 tons of ammonium nitrates detonated.

कोर्ट ने नवाज शरीफ को रिश्वत मामले में दोषी करार दिया, पूर्व राष्ट्रपति जरदारी और पूर्व पीएम गिलानी भी दोषी पाए गए September 10, 2020 at 12:40AM

पाकिस्तान के एक एंटी करप्शन कोर्ट ने बुधवार को तोशाखाना रिश्वत मामले में अहम फैसला सुनाया। कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भगोड़ा घोषित कर दिया। वहीं, पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी को दोषी करार दे दिया। केस की सुनवाई कर रहे जज असगर अली ने पाकिस्तान में नवाज की सभी संपत्तियों का ब्यौरा सौंपने को कहा है। वहीं, दोषी करार दिए गए अन्य आरोपियों को 7 दिन के भीतर कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है।

70 साल के शरीफ का लंदन में पिछले साल नवंबर से इलाज चल रहा है। लाहौर हाईकोर्ट से उन्हें सिर्फ 4 हफ्ते के लिए देश से बाहर जाने की इजाजत दी गई थी, लेकिन वे अब तक नहीं लौटे हैं। कोर्ट की ओर से बार-बार सम्मन भेजे जाने के बाद भी नवाज पेश नहीं हुए। इसे देखते हुए उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया गया। अब कोर्ट ने विदेश मंत्रालय को लंदन के पाकिस्तान दूतावास के जरिए नवाज के खिलाफ वारंट जारी करवाने को कहा है।

आरोपियों ने तोहफे में मिली गाड़ियों का इस्तेमाल किया

कोर्ट ने माना कि तोशाखाना मामले में आरोपियों ने भ्रष्टाचार किया। इससे पाकिस्तान के राज्यकोष को नुकसान हुआ। इस मामले में शरीफ पर तोशाखाना से सिर्फ 15% कीमत अदा कर गाड़ियां लेने का आरोप है। पूर्व पीएम गिलानी पर आरोप है कि उन्होंने जरदारी को तोशाखाना से गाड़ियां दिलवाने के लिए नियमों में फेरबदल किया। तोशाखाना में दूसरे देशों से तोहफे में मिली महंगी गाड़ियों को रखा जाता था। सभी आरोपियों ने इन गाड़ियों को कम कीमत पर लेकर निजी इस्तेमाल किया। इसके लिए रिश्वत का लेन-देन भी हुआ।

अगली सुनवाई 24 सितंबर को होगी

तोशाखाना रिश्वत मामले में अब अगली सुनवाई 24 सितंबर को होगी। कोर्ट ने मामले के सभी गवाहों को इस दिन पेश होने के लिए कहा है। इससे पहले कोर्ट ने जरदारी की दो बीएमडब्ल्यू और लेक्सस कार और नवाज की मर्सिडीज कार जब्त करने का भी आदेश दिया था। इस मामले में शिकायत दर्ज कराने वाले नेशनल अकाउंटबिलिटी ब्यूरो के मुताबिक, जरदारी ने राष्ट्रपति रहने के दौरान तोशाखाना से लीबिया और संयुक्त अरब अमीरात से मिली कार ली थी। उन्होंने इनका इस्तेमाल करने के बाद वापस तोशाखाना में जमा नहीं करवाया।

लंदन जाने से पहले जेल में बंद थे नवाज

नवाज शरीफ पाकिस्तान में भ्रष्टाचार के दो मामलों में आरोपी हैं। इनमें से एक अल अजीजीयाह भ्रष्टाचार मामला है, जिसमें उनपर रिश्वत लेने का आरोप है। कोर्ट ने उन्हें इस मामले में 7 साल की सजा सुनाई थी। लंदन जाने से पहले वे इसी मामले में लाहौर की कोट लखपत जेल में बंद थे। दूसरा तोशाखाना भ्रष्टाचार मामला है जिसमें बुधवार को उन्हें फरार घोषित किया गया। इसी मामले में शरीफ को 17 अगस्त तक पेश होने के लिए कहा था। ऐसा न करने पर कोर्ट ने उनके खिलाफ नॉन बेलेबल वारंट जारी किया था।

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यह फोटो इस साल जुलाई की है। इसमें नवाज शरीफ लंदन के एक रेस्त्रां में पोतियों के साथ चाय पीते नजर आ रहे हैं। यह फोटो सामने आने के बाद नवाज को पाकिस्तान बुलाने की मांग तेज हो गई थी। -फाइल फोटो

पश्चिमी अमेरिका के जंगलों में आग से अब तक 7 की मौत; 14 हजार फायर फाइटर्स और 60 हेलिकॉप्टर्स से काबू पाने की कोशिश अब तक नाकाम September 09, 2020 at 08:58PM

अमेरिका के पश्चिमी हिस्से में जंगल की आग बेहद खतरनाक हो गई है। एक बच्चे समेत सात लोगों की मौत हो चुकी है। ओरेगन और कैलिफोर्निया में इसका असर ज्यादा है। ओरेगन में कार से सफर कर रहे दो लोग इसकी चपेट में आ गए। तेज हवा के कारण आग उन तक इतनी तेजी से पहुंची कि उन्हें बाहर निकलने का मौका तक नहीं मिल सका।

ओरेगन में कम्युनिकेशन नेटवर्क पूरी तरह ठप हो चुका है। गवर्नर केट ब्राउन ने कहा- इस राज्य के इतिहास में अब तक इतनी भीषण आग नहीं लगी। आसमान का रंग सुर्ख हो चुका है।

कैलिफोर्निया : चार लोग मारे गए
यहां ओकानगन काउंटी में एक बच्चे की मौत हुई। वो पैरेंट्स के साथ कार में था। पैरेंट्स भी गंभीर हालत में हैं। बुटे काउंटी में तीन लोगों की मौत हुई। ये लोग एक घर में सो रहे थे। कैलिफोर्निया के अकेले बुटे काउंटी में ही 4200 घर खाक हो चुके हैं। यहां हेलिकॉप्टर से नदी का पानी लेकर आग बुझाने की कोशिश की जा रही है। प्रशासन को बहुत कम कामयाबी मिल पाई है।

कैलिफोर्निया के ओक ग्लेन एरिया में आग को देखती फायर फाइटर्स टीम। यहां करीब 50 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाओं ने खतरा ज्यादा बढ़ा दिया है। फायर फाइटर्स की टीम कई स्थानों तक तो पहुंच भी नहीं पा रही है।

ओरेगन : संपर्क करना भी मुश्किल
एबीसी न्यूज नेटवर्क के मुताबिक, ओरेगन के अलमेडा एरिया में आग बेहद खतरनाक है। मेडफोर्ड भी प्रभावित है। इसकी काउंटी शेरिफ नाथ सिकलर ने की। उन्होंने कहा- तीन हजार एकड़ में सिर्फ तबाही है। कामयाबी शून्य है। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ओरेगन में हालात को लेकर एक ट्वीट किया। इसमें फोटोज भी थे। राज्य में 4 लाख 76 हजार 994 एकड़ क्षेत्र अब तक लपटों की चपेट में आ चुका है।

कैलिफोर्नियों के ओरिक क्षेत्र से गुजरता व्यक्ति। यहां धुएं की वजह से सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। सिर्फ इसी क्षेत्र से 22 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है

प्रशासन की परेशानी क्या
राज्य और केंद्र सरकार ने आग को रोकने की हर मुमकिन कोशिश की है। लेकिन, तेज हवाओं के सामने वे बेबस हैं। दरअसल, सिर्फ इन राज्यों में ही नहीं, अमेरिका के ज्यादातर हिस्से में खुला इलाका और जंगल काफी हैं। इनकी वजह से छोटी सी आग भी भयानक हो जाती है। प्रशासन लोगों को बचाने में तो काफी हद तक कामयाब हो जाता है लेकिन, लाखों डॉलर की प्रॉपर्टी खाक हो जाती है।

कोशिश भरपूर, कामयाबी नहीं
14 हजार फायर फाइटर्स आग बुझाने में जुटे हैं। उनकी सहायता के लिए 60 से ज्यादा हेलिकॉप्टर लगाए गए हैं। ताकतवर पम्प लगाए गए हैं। लेकिन, 40 से 50 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाएं इंतजामों को नाकाम कर रही हैं।



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फोटो बुधवार रात ओरेगन के बिडवेल बार ब्रिज की है। नदी के दूसरी तरफ जंगल की आग साफ नजर आती है।