Monday, December 30, 2019

दक्षिण-पूर्व ऑस्ट्रेलिया भयंकर आग की चपेट में, 4000 से ज्यादा लोग फंसे; हजारों ने घर छोड़ा December 30, 2019 at 09:39PM

मेलबॉर्न. दक्षिण-पूर्व ऑस्ट्रेलिया के जंगल भयंकर आग की चपेट में है। अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को समुद्र किनारे स्थित विक्टोरिया स्टेट के मल्लकूटा शहर में करीब 4000 से अधिक निवासी और पर्यटक फंसे हुए हैं। हजारों लोगों ने अपनाघरछोड़करसुरक्षित जगहों पर शरण लिया है। लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए बचावकर्मियों को तैनात किया गया है। अधिकारी कई दिनों से ऑस्ट्रेलिया में गर्मियों की छुट्टियां मना रहे पर्यटकों से इलाके को खाली करने की चेतावनी दे रहे थे।

मल्लकूटा के एक निवासी जेसन सेल्मेस ने मंगलवार सुबह घर छोड़ने के बाद कहा, “बाहर जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं है।” आग की लपटों के कारण आसमान चमकीले नारंगी रंग जैसा हो गया है और यह पूरे शहर में फैल रहा है। विक्टोरिया आपातकालीन सेवा ने बताया कि मल्लकूटा में तीन टीम मौजूद हैं। यह समुद्र तट पर 4,000 लोगों की देखभाल करेंगे। आपातकालीन सेवाएं वहां पर मेडिकल सेंटर स्थापित कर रहे हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं।

कई लोग अपने से निकलने से नहीं निकलने का फैसला किया
देश के फायर अथॉरिटी के प्रमुख स्टीव वारिंगटन ने कहा, “मल्लकूटा फिलहाल आग की लपटों से घिरा है। मुझे लगता है कि यहां पर कई घर जल गए। पूरा इलाका काला पड़ गया है। यह वहां रह रहे समुदाय के लिए काफी मुश्किल भरा समय है। वे डर के साए में रहने को मजबूर हैं और हम जल्द ही उनको बचाने की कोशिश करेंगे और जिंदगी को पटरी पर लाने का प्रयास करेंगे। हालांकि कई लोग अपने घरों से नहीं निकलने और वहीं रहने का फैसला किया है।”

न्यू साउथ वेल्स में 900 से अधिक घर जलकर खाक
आग की चपेट में आने से न्यू साउथ वेल्स के कोरबैगो शहर में दो लोगों की मौत हो चुकी है। सोमवार को 28 साल के एक वॉलेंटियर की मौत हो गई। इससे पहले दिसंबर महीने की शुरुआतमें दो अन्य वॉलेंटियर की मौत हो गई थी। आग बुझाने के क्रम में उनका वाहन एक पेड़ से टकरा गया था। न्यू साउथ वेल्स में आग लगने के बाद से अब तक 900 से अधिक घर जलकर खाक हो चुके हैं। आग पर नियंत्रण के लिए ज्यादा से ज्यादादमकलकर्मियों को तैनात किया जाएगा।

40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर का तापमान
इससे पहले बिगड़े हालात को देखते हुए सोमवार को देश के चार राज्यों में आपात स्थिति की चेतावनी जारी कर दी गई थी। इन क्षेत्रों से पर्यटकों के अलावा आग बुझाने में जुटे दमकलकर्मियों को भी वापस लौटने को कहा गया है। 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर का तापमान और 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवा के कारण विक्टोरिया प्रांत के पूर्वी गिप्सलैंड से तीस हजार लोगों को इलाका छोड़ देने के लिए कहा गया है। ऑस्ट्रेलिया में कई महीनों से जंगलों में आग लगी हुई है लेकिन लू और तेज हवाओं ने आग को और भड़का दिया है।



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ऑस्ट्रेलिया में कई महीनों से जंगलों में आग लगी हुई है और यह लगातार तेज हो रही है।

कश्मीर पर पाकिस्तान को सपोर्ट देने वाले तुर्की ने उसके 110 नागरिकों को स्वदेश भेजा, दो गंभीर December 30, 2019 at 07:07PM

इस्लामाबाद. तुर्की ने पाकिस्तान के 110 नागरिकों को जबरन स्वदेश भेज दिया। ये सभी अवैध रूप से सड़क या समुद्र के रास्ते तुर्की में दाखिल हुए थे। बाद में इन्हें हिरासत में लिया गया। जिन पाकिस्तानियों को स्वदेश भेजा गया है, उनमें से दो की पसलियां और पैर में फ्रेंक्चर हैं। गुरुवार को अवैध तौर पर तुर्की जा रही एक बोट भी डूब गई थी। इसमें 25 पाकिस्तानी थे। इनमें से दो की मौत हो गई थी। तुर्की और मलेशिया ने यूएन में कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन किया था।

इस्लामाबाद एयरपोर्ट पर उतरा विमान
तुर्की सरकार ने रविवार को एक विशेष विमान इस्लामाबाद भेजा। इसमें 110 पाकिस्तानी थे। दो की हालत बेहद गंभीर बताई गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ज्यादातर लोगों को लंबे वक्त तक जेल में यातनाएं दी गईं। पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी के मुताबिक, तुर्की ने यह जानकारी नहीं दी कि उनकी जेलों में इस वक्त और कितने पाकिस्तानी नागरिक हैं। हालांकि, एजेंसी ने यह माना कि यह संख्या काफी ज्यादा हो सकती है। स्वदेश पहुंचे सभी लोगों को फिलहाल, अवैध अप्रवासन के आरोप में जेल भेज दिया गया है।


पाकिस्तानियों की गिरफ्तारी आम बात
जांच एजेंसी के मुताबिक, समुद्र और सड़क के रास्ते हर साल हजारों पाकिस्तानी तुर्की में घुसने की कोशिश करते हैं। मुश्किल रास्तों की वजह से कई लोगों की तो रास्ते में ही मौत हो जाती है। कुछ यहां से यूरोपीय देशों में भी घुसने की कोशिश करते हैं। कई लोगों को गिरफ्तार कर उन्हें जेलों में डाल दिया जाता है। इन्हें काफी यातनाएं भी दी जाती हैं। हालांकि, पाकिस्तान सरकार अब तक तुर्की से अपने ही नागरिकों के बारे में कोई जानकारी हासिल नहीं कर सकी है। गुरुवार को अवैध रूप से तुर्की में घुसने की कोशिश करने वाले पाकिस्तानियों की एक नाव डूब गई थी। इसमें दो की मौत हो गई थी। ये लोग रोजगार की तलाश में तुर्की जाने की कोशिश कर रहे थे।



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प्रतीकात्मक

एयरपोर्ट पर 10 साल के लड़के की टी-शर्ट बदलवाई, इस पर सांप बना था December 30, 2019 at 08:19PM

जोहांसबर्ग. दक्षिण अफ्रीका के ओआर टांबो एयरपोर्ट पर एक 10 साल के लड़के की टी-शर्ट अधिकारियों ने बदलवा दी। वह परिवार के साथ 17 दिसंबर को न्यूजीलैंड से अफ्रीका की यात्रा पर गया था। चेक इन प्रक्रिया के दौरान दादा-दादी के साथ पहुंचे स्टीव लुकस की टी-शर्ट पर सांप बना हुआ था। अधिकारियों ने बच्चे को प्लेन में बोर्डिंग से पहले अपनी टी-शर्ट बदलने के लिए कहा। उनका तर्क था, सांप की तस्वीर से प्लेन के यात्री और क्रू मेंबर असहज हो सकते हैं। लिहाजा या तो बच्चा टी शर्ट उतारकर दूसरी पहने या फिर सांप के प्रिंट को दूसरे कपड़े से छिपा दें।

लुकस की मां मार्गा और पिता स्टीव ने बताया, उनका बेटा काले रंग की टी-शर्ट पहने था। इस पर हरे रंग के सांप का प्रिंट था। देखने पर यह लुकस के कांधे से उतरता हुआ नजर आता था। इसे देखते ही जोहांसबर्ग के ओआर टांबो एयरपोर्ट के सुरक्षा अधिकारियों ने कहा, प्लेन में स्नेक टॉय या फिर इसके प्रिंट वाले कपड़े पहनकर बोर्ड होने की इजाजत नहीं है। हम कोई विवाद नहीं चाहते थे, लिहाजा लुकस की टी-शर्ट को उल्टाकर पहना दिया। इससे सांप की तस्वीर अंदर छिप गई।

कंपनी से कपड़ों से जुड़े नियम मांगें
इस घटना के बाद परिवार के सदस्यों ने ई-मेल कर एयरपोर्ट कंपनी से बोर्डिंग के दौरान कपड़ों से जुड़े नियमों को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है। मेल में लिखा, आपका धन्यवाद हमने यह नियम जाना, लेकिन यह भी बताने का कष्ट करें कि एयरपोर्ट पर और किस तरह के कपड़ों को पहनकर चेक इन नहीं किया जा सकता है। इस बारे में एयरपोर्ट के अधिकारियों ने कहा, ‘सुरक्षा अधिकारियों को यह अधिकार है कि वे किसी भी असहज स्थिति उत्पन्न करने वाले तत्व को एयरपोर्ट और विमान के अंदर जाने से रोक सकते हैं। लड़के की टी-शर्ट पर सांप प्रिंट ऐसी स्थिति ला सकता था।’

परिवार तीसरी बार अफ्रीका गया था
परिवार न्यूजीलैंड की राजधानी वेलिंगटन का रहने वाला है और तीसरी बार अफ्रीका आया हुआ था। क्योंकि लुकस की मां का जन्म अफ्रीका में हुआ था। बच्चे की रुचि सांपों, मकड़ियों और बग्स आदि में थी, क्योंकि पिता लुकस को इनके बारे में जानकारी देते रहते थे।



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बच्चे की रुचि सांपों, मकड़ियों और बग्स आदि में थी, क्योंकि पिता लुकस को इनके बारे में जानकारी देते रहते थे।

Washington says Baghdad failed to 'protect' Americans December 30, 2019 at 07:57PM

Washington has accused Iraqi authorities of failing to "protect" US interests, the day after deadly American air strikes against a pro-Iran group sparked anger. At least 25 fighters were killed in Sunday night's attacks, which were in retaliation for the death last week of a US civilian contractor. The United States has blamed the attacks on pro-Iran factions.

Russia brings in artificial snow to beat its hottest year on record December 30, 2019 at 05:54PM

“This year in Russia was the hottest for the entire period of instrumental observations,” the head of the Gidromedtsentr weather service, Roman Vilfand, said. He said Moscow’s average temperature for 2019 had hit 7.6°-7.7° Celsius, beating the previous record by 0.3°. He said January will continue to be warmer than usual in almost all regions of Russia.

5000 वर्ग किमी में वन उगाने का लक्ष्य, पौधों में हो रहा सीवेज के पानी का इस्तेमाल December 30, 2019 at 05:18PM

काहिरा. मिस्र (इजिप्ट) सरकार अपने यहां 5,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में जंगल उगा रही है। पौधों के लिए बहुत बड़ी मात्रा में सीवेज का पानी रीसाइकिल करके रेगिस्तान में छिड़का जा रहा है। आने वाले कुछ समय बाद यहां लाखों पेड़-पौधे नजर आ सकते हैं। छात्र ड्रिप सिंचाई तकनीक से सहारा के रेगिस्तान में पौधे रोप रहे हैं। इस देश का 96 प्रतिशत भू-भाग रेतीला है और यहां बारिश भी बहुत कम होती है।

मिस्र के वैज्ञानिकों ने कहा कि जंगल बसाने का ये प्रोजेक्ट जर्मनी और मिस्र की साझा योजना का हिस्सा है। इस प्रोजेक्ट के लिए जर्मनी ने बहुत बड़ी राशि की मदद दी है। यह प्रोजेक्ट इस्माइलिया शहर के पास चलाया जा रहा है। इसके लिए बाकायदा एक बड़ी रिसर्च टीम लगी हुई है। दोनों देशों के छात्र इसमें मदद कर रहे हैं। म्यूनिख तकनीकी यूनिवर्सिटी के छात्र सेबास्टियान रासेल भी इसी सिलसिले में यहां पहुंचे हैं।

इसलिए इस्माइलिया के पास पहले वन उगाने का लक्ष्य
इस्माइलिया शहर काहिरा से दो घंटे की दूरी पर बसा है, यहां तपता रेगिस्तान रहवासियों के लिए किसी भट्‌ठी से कम नहीं है, इसलिए अब रेत के सीने को हराभरा करने की तैयारी हो रही है। रिसर्चर टीम चीड़ तथा अन्य प्रजातियों के ऐसे पेड़ बड़ी संख्या में लगा रही है, जो कम पानी में भी खड़े हो जाते हैं। मिस्र के वन विशेषज्ञ हानी अल कातेब ने इस ड्रीम प्रोजेक्ट को खड़ा किया है। कातेब ने म्यूनिख टेक्निकल यूनिवर्सिटी से वन विज्ञान की पढ़ाई की। उन्होंने सिंचाई के लिए एक खास तरह का सिंचाई यंत्र भी बनाया है।

सीवेज का पानी सिर्फ जंगलों के लिए ही ठीक
कातेब ने बताया कि मिस्र में प्रति वर्ष 6.3 अरब घन मीटर पानी सीवेज का हिस्सा बन जाता है। वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में इसे पीने लायक बनाना मुमकिन नहीं। फल-सब्जियों की खेती के लिए भी ये पानी ठीक नहीं है, लेकिन निर्माण कार्य या जंगल उगाने में इसका उपयोग बेहतर है। पानी रीसाइकिल करते समय हम उसमें नाइट्रोजन तत्वों को रहने देते हैं, क्योंकि नाइट्रेट आदर्श खाद का काम करता है।



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मिस्र में हर साल 6.3 अरब घन मीटर पानी सीवेज का हिस्सा बन जाता है।

Thousands trapped on Australia beach encircled by fire December 30, 2019 at 04:32PM

As many as four thousand people are trapped on the foreshore of the encircled seaside town of Mallacoota, as smoke turned day to night and the authorities said nearby fires were causing extreme thunderstorms and "ember attacks". Preparations were reportedly under way for a sea or airborne evacuation if needed.

दुनिया का सबसे ऊंचा कंक्रीट ब्रिज टावर आज खुलेगा, ऊंचाई 110 मंजिल इमारत के बराबर है December 30, 2019 at 04:41PM

बीजिंग. नए सांस्कृतिक पर्यटन पर काम कर रहे चीन ने पिंगटांग और लुओडियान नामक दो काउंटी को जोड़ने के लिए दुनिया का सबसे ऊंचा पिगटांग ग्रांड कंक्रीट टावर ब्रिज तैयार किया है। दक्षिण-पश्चिम चीन के गियाझोऊ प्रांत में स्थित इन दोनों पहाड़ी क्षेत्रों तक अब सुगमता से पहुंचा जा सकेगा।

2135 मीटर लंबे इस ब्रिज पर मंगलवार से यातायात शुरू होगा। इस ब्रिज से जुड़े 93 किमी लंबे पिंगटांग-लुओडिआन एक्सप्रेसवे का भी उद्घाटन होगा। एक्सप्रेसवे और ब्रिज बनने से दोनों क्षेत्रों के बीच की दूरी तय करने का समय ढाई घंटे से घटकर एक घंटा रह जाएगा।

यह ब्रिज तीन टावर पर खड़ा है
काओडु नदी घाटी में 332 मीटर ऊपर बना यह ब्रिज तीन टावर पर खड़ा है। इसकी ऊंचाई 110 मंजिला इमारत के बराबर है। दरअसल, चीन पहाड़ी प्रांतों की गरीबी दूर करने के लिए वहां पर्यटन सुविधाएं बढ़ा रहा है। यह ब्रिज इसी कवायद का हिस्सा है। इस पर 2016 में काम शुरू हुआ था। इस ब्रिज पर वाहन 80 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ सकेंगे।

  • इस पर वाहन 80 किमी की रफ्तार से दौड़ सकेंगे
  • 1500 करोड़ रुपए लागत आई
  • ब्रिज 2135 मीटर लंबा है
  • ब्रिज काओडु नदी घाटी में 332 मीटर ऊपर बना है


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The world's tallest concrete bridge tower will open today, its height is equal to 110-storey building

Pompeo to visit Ukraine as Senate weighs impeachment trial December 30, 2019 at 06:53AM

Muslim women spread Christmas cheer in Gaza December 30, 2019 at 04:42AM

Bangladesh closes breast milk bank after Islamist protests December 30, 2019 at 04:20AM

Bangladesh's top Islamic leadership has not yet made a ruling on the milk bank, but it was halted after critics said the plan could lead to breaches of Sharia law if two babies drank milk from the same mother and later married.

Taliban say have 'no ceasefire plans' in Afghanistan December 30, 2019 at 02:27AM

The Taliban on Monday denied agreeing to any ceasefire in Afghanistan after rumours swirled of a potential deal that would see a reduction in fighting after more than 18 years of war. The US and the Afghan govt in Kabul have long called for a ceasefire with the Taliban, including during the year of negotiations between Washington and the militants that were abruptly called off by Trump in September.

यूनिवर्सिटी पेपर में जाकिर नाइक पर सवाल का विरोध, धर्मगुरू बोले- वो छात्रों की सोच को जहरीला बना देगा December 30, 2019 at 02:07AM

कुआलालम्पुर. भारत के भगोड़े जाकिर नाइक पर यूनिवर्सिटी क्वेश्चन पेपर में पूछे गए सवाल पर बवाल बढ़ता जा रहा है। मलेशिया सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने कहा- यह यूनिवर्सिटी का आंतरिक मामला है। उन्हें स्वायत्ता प्राप्त है और वो अपने यहां शिक्षा का स्तर निर्धारित करने के लिए स्वतंत्र हैं। दूसरी तरफ, स्थानीय धार्मिक गुरू यूनिवर्सिटी की आलोचना कर रहे हैं। पेनांग के प्रभावशाली मुफ्ती ने कहा- नाइक छात्रों की सोच को जहरीला बना सकता है। वहीं, यूनिवर्सिटी ने कहा- हम मामले की बारीकी से जांच करा रहे हैं। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

सवाल पर बवाल
कुछ दिनों पहले ‘यूनिवर्सिटी मलेशिया पर्लिश’ (यूएनआईएमएपी) में परीक्षाएं आयोजित की गईं। एक प्रश्नपत्र में जाकिर को इस्लामिक आदर्श बताते हुए सवाल पूछा गया। चार विकल्पों में से उत्तर देना था। विवाद यहीं से शुरू हुआ। सत्तारूढ़ पार्टी समेत कई सियासी दलों ने इसका विरोध किया। विश्वविद्यालय प्रशासन पर दबाव बढ़ा तो उसने बयान जारी किया। कहा, “हमारे यहां विभिन्न संस्कृतियों के छात्र हैं। हम मानते हैं कि यह बेहद संवेदनशील विषय है। मामले की गहन जांच की जा रही है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। जांच के बाद विस्तार से जानकारी देंगे।”

धर्मगुरू भी नाइक के खिलाफ
पेनांग द्वीप के मुफ्ती सेरी वान सलीम वान मोहम्मद नूर ने यूनिवर्सिटी की हरकत पर सख्त ऐतराज जताया। उन्होंने कहा कि जाकिर जैसे लोगों को किसी भी सिलेबस में कोई जगह नहीं मिलनी चाहिए। मुफ्ती ने सोमवार को जारी बयान में कहा, “उच्च शिक्षण संस्थाओं की जिम्मेदारी है कि वो समाज को जोड़ें। उनमें विघटन न कराएं। भारत के भगोड़े जाकिर नाइक को सिलेबस में शामिल नहीं किया जा सकता। वो छात्रों की सोच को जहरीला बना देगा और इससे समुदायों के बीच नफरत बढ़ेगी। उच्च शिक्षा मंत्रालय की यह जिम्मेदारी कि वो तमाम सिलेबस को ध्यान से देखे और फिर उन्हें मंजूरी दे।”

तीन साल से मलेशिया में है नाइक
जाकिर भारत में मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने का आरोपी है। 2016 में वह भारत से भागकर मलेशिया चला गया। जाकिर के प्रत्यर्पण के लिए भारत लगातार मलेशिया के संपर्क में है और उसे वापस लाने के लिए कई बार मलेशिया से मांग कर चुका है। हालांकि, मलेशियाई सरकार ने अब तक सकारात्मक उत्तर नहीं दिया। यहां के मानव संसाधन विकास मंत्री एम. कुलसेगरन ने कुछ महीने पहले प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद से अपील में कहा था कि जाकिर को भारत के हवाले कर देना चाहिए।



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जाकिर नाइक 2016 में भारत से भाग गया था। कई देशों से होते हुए वो मलेशिया पहुंचा था। (फाइल)

एना टेलर दुनिया की पहली महिला, 5 सदस्यों संग 2000 फीट ऊंची पर्वतीय दीवार चढ़कर टॉप पर पहुंचीं December 30, 2019 at 12:15AM

लंदन. ब्रिटेन के उत्तर पश्चिमी शहर विंडरमेरे कम्ब्रिया की रहने वाले 21 साल की एना टेलर ने दुनिया का सबसे कठिन चैलेंज पूरा किया है। एना ने गआना के रोराइमा पर्वत की 2000 फीट की खड़ी चट्‌टानों की दीवार पर चढ़ाई का टास्क दिसंबर की शुरुआत में पूरा किया। ऐसा करने वाली वह संभावित पहली महिला है। दुनिया की सबसे कठिन खड़ी चढ़ाई करने वाले इस अभियान में 6 सदस्यों का दल था। एना इन 6 सदस्यों में अकेली महिला थी और सबसे युवा भी। लैटिन अमेरिका के देश गयाना के रोराइमा पर्वत तक पहुंचने के लिए टीम के सदस्यों ने 52 किलोमीटर का सफर तय किया।

टीम का नेतृत्व ब्रिटेन के 39 साल के लियो हॉल्डिंग ने किया। इस दौरान टीम का सामना जहरीले सांपों, मकड़ियों, बिच्छू और दलदल वाली जमीन से भी हुआ। पर्वत के शून्य से शिखर तक पहुंचने के लिए टीम ने दो हफ्ते तकचढ़ाई की। इस दौरान सोने और खाने के लिए वह हैंगिंग टेंट का इस्तेमाल करते, जो रस्सियों से बंधे होते थे।

चढ़ाई में दो हफ्ते का समय लगा
मिशन पूरा कर ब्रिटेन पहुंची एना ने बताया, ‘यह उसकी जिंदगी का सबसे रोमांचकारी अभियान था। पूरी दीवार सीधी खड़े आकार में हैं। इस पर चढ़ना बहुत कठिन था। हम अपने अभियान के दौरान विशेष प्रकार के टेंट लेकर गए थे, जो कि खड़े ढाल वाली दीवार पर लटकाए जा सकते थे। हम रस्सियों के सहारे चढ़ रहे थे। चढ़ाई के दौरान आराम करने के लिए हमारा आधार 3 चौड़ी और 30 लंबी जगह होती थी। बीच में जब भी मौसम खराब होता था तब लगता था, पता नहीं शिखर पर पहुंचेंगे या नहीं।’

पर्वत का जिक्र नोवेल और फिल्मों में भी है
पहाड़ी का ऊपरी शिखर 9 हजार फीट का समतल एरिया है। इसके बारे में सर आर्थर कैनन डॉयल के नोवेल ‘द लॉस्ट वर्ल्ड’में कहा, यह वह जगह है, जहां डायनासोर घूमते थे। इसका जिक्र 2009 में आई एक एनिमेटेड फिल्म में भी किया गया था। फिल्म का हीरो पत्नी की इच्छा पूरी करने के लिए उसकी मौत के बाद भी हजारों गुब्बारों से अपने घर को उड़ाकर पर्वत के टॉप पर पहुंचता है।

पर्वत का पहला जिक्र 1595 में किया गया था
इस पर्वत के बारे में 1595 में पहली बार सर वाल्टर रेलै ने जानकारी दी थी। यह एक खड़ी चट्‌टानी ढाल वाला पर्वत है। इसका ऊपरी भाग समतल है और यह अमेजन बेसिन के गयाना, ब्राजील और वेनेजुएला की सीमा पर स्थित है। पर्वत का निर्माण करीब 20 लाख साल पहले का माना जाता है। यह पठार पूरी तरह से बादलों से घिरा रहता है। वर्षा वनों के बीच होने पर यहां लगभग रोज ही बारिश होती है। यहां अद्वितीय वन्यजीवों की विविधता पाई जाती है।



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पर्वत के शून्य से शिखर तक पहुंचने में टीम को दो हफ्ते का समय लगा।