Thursday, October 8, 2020

ढाई साल की बच्ची को अगवा करने के बाद रेप और टॉचर्र किया, फिर हत्या कर दी; साल के शुरुआती 6 महीनों में बाल यौन हिंसा के 1,489 मामले October 08, 2020 at 08:08PM

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा इलाके में ढाई साल की बच्ची को अगवा करने के बाद उससे रेप किया गया। इसके बाद उसका कत्ल कर दिया गया। बच्ची के शरीर पर मिले जख्म बताते हैं कि उसे काफी टॉर्चर भी किया गया। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। हालांकि, पुलिस कमिश्नर ने आरोपी की पहचान उजागर करने से इनकार कर दिया। कहा- इससे जांच पर असर पड़ सकता है। इस साल जनवरी से जून के बीच पाकिस्तान में औसतन हर दिन 8 बच्चों के साथ यौन हिंसा के मामले सामने आए।

मैदान में मिला शव
पुलिस के मुताबिक, बच्ची को तीन दिन पहले यानी मंगलवार को अगवा किया गया था। शुरुआती जांच के मुताबिक, बच्ची घर के आंगन में खेल रही थी। उसे आरोपी ने वहीं से अगवा किया। अगले दिन उसका शव गांव से कुछ दूर एक मैदान में मिला। पोस्टमॉर्टम में रेप और टॉर्चर की पुष्टि हुई। खैबर पख्तूनख्वा के आईजीपी सनाउल्लाह अब्बासी ने कहा- हमने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। अभी इससे ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता, क्योंकि इससे जांच प्रभावित हो सकती है।

पुलिस ने सिर्फ किडनैपिंग का केस दर्ज किया
मीडिया के मुताबिक, पुलिस इस केस को दबाना चाहती थी। शुरुआत में जो एफआईआर दर्ज की गई, उसमें सिर्फ किडनैपिंग की धारा थी। बाद में कत्ल की धारा भी जोड़ दी गई। हालांकि, गुरुवार तक रेप की धारा नहीं जोड़ी गई थी। बच्ची के पिता की शिकायत पर केस दर्ज किया गया था। पुलिस ने माना है कि कत्ल से पहले बच्ची को काफी टॉर्चर किया गया। उसके शरीर पर काफी जख्म मिले हैं।

पुलिस इसे आपसी रंजिश से जुड़ा मामला मान रही है। हालांकि, बच्ची के पिता ने कहा है कि उनकी किसी से दुश्मनी नहीं है। बच्ची के पिता ने कहा- आज मेरी बेटी के साथ हैवानियत हुई। उसको कत्ल किया गया। कल किसी और बच्ची के साथ भी ऐसा हो सकता है। आरोपी को सजा-ए-मौत दी जानी चाहिए।

दूसरी जैनब
2018 में पाकिस्तान में 8 साल की जैनब को अगवाकर उसके साथ गैंगरेप किया गया था। इसके बाद उसका कत्ल किया गया था। उस घटना ने पाकिस्तान में बवाल मचा दिया था। लोग सड़कों पर उतर आए थे। पुलिस करीब एक महीने बाद आरोपी को गिरफ्तार कर सकी थी। खास बात यह है कि ताजा घटना की शिकार हुई बच्ची का नाम भी जैनब ही है।

द डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल के शुरुआती 6 महीनों यानी जनवरी से जून के बीच पाकिस्तान में हर दिन 8 बच्चे यौन शोषण का शिकार हुए। कुल 1489 केस दर्ज हुए। 25 बच्चों का कत्ल किया गया। इनमें 13 लड़के और 12 लड़कियां हैं।



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पाकिस्तान के खैबर पख्तूख्वा में ढाई साल की बच्ची को अगवा करने बाद उससे रेप किया गया। बाद में कत्ल कर दिया गया। गुरुवार को घटना स्थल पर मौजूद पुलिस और स्थानीय लोग।

Sri Lanka orders closures to contain virus October 08, 2020 at 07:21PM

शनिवार से पब्लिक इवेंट्स में हिस्सा ले सकेंगे ट्रम्प, उनके पर्सनल डॉक्टर ने इसके लिए हरी झंडी दी October 08, 2020 at 05:20PM

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के डॉक्टर सीन कोनले ने गुरुवार रात कहा कि ट्रम्प शनिवार से सार्वजनिक कार्यक्रमों में हिस्सा ले सकेंगे। दूसरे शब्दों में कहें तो इसके मायने ये हुए ट्रम्प फिर चुनाव प्रचार से जुड़े कार्यक्रमों और दूसरी प्रेसिडेंशियल डिबेट में शिरकत कर सकेंगे। डॉक्टर कोनले के इस बयान से कुछ लोगों को हैरानी भी हुई। क्योंकि, उन्होंने ये भी कहा कि ट्रम्प ने इलाज पूरा कर लिया है। ट्रम्प ने 2 अक्टूबर को दोपहर 1 बजे बताया था कि वे और फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रम्प कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।

निगेटिव कब हुए
इस मामले में सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह है कि ट्रम्प और उनके डॉक्टर ने यह तो बताया कि वे पॉजिटिव कब हुए। लेकिन, वे अब तक यह साफ करने से बच रहे हैं कि ट्रम्प की रिपोर्ट निगेटिव कब आई। व्हाइट हाउस के प्रेस डिपार्टमेंट ने भी इस बारे में कुछ नहीं कहा। शुक्रवार को ही राष्ट्रपति को मेरीलैंड के वॉल्टर रीड मेडिकल सेंटर में एडमिट कराया गया था। यह अमेरिकी आर्मी का सबसे बड़ा हॉस्पिटल है। सोमवार को उन्हें हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया गया था। इसके बाद से ही ट्रम्प काफी एक्टिव नजर आ रहे हैं।

सेहत पर सवाल
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में साफ तौर पर यह बताया जाता रहा है कि इलाज के दौरान ट्रम्प को ऑक्सीजन देनी पड़ी थी। उनका ब्लड ऑक्सीजन लेवल भी कम हो गया था। उनके लंग्स यानी फेफड़ों में भी संक्रमण की जानकारी सामने आई थी। हालांकि, डॉक्टर कोनले से जब गुरुवार रात इस बारे में सवाल किए गए तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। सिर्फ इतना कहा कि राष्ट्रपति की हालत स्थिर है।

पब्लिक इवेंट्स में जाने की मंजूरी
शनिवार से राष्ट्रपति पब्लिक इवेंट्स में हिस्सा ले सकेंगे। खबरें ये हैं कि ट्रम्प गुरुवार को संक्रमित हुए थे। कोनले कहते हैं- मैं उम्मीद करता हूं कि शनिवार से राष्ट्रपति लोगों से मिल सकेंगे और पब्लिक इवेंट्स में हिस्सा ले सकेंगे। सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन यानी सीडीसी का कहना है कि कोई भी व्यक्ति जिसे पॉजिटिव पाया गया हो, वो 10 दिन तक खुद को आइसोलेशन में रखे। जिन लोगों में संक्रमण का लक्षण ज्यादा हैं, उन्हें 20 दिन आइसोलेट होने को कहा जाता है।

डिबेट पर नजर
व्हाइट हाउस के एक सूत्र के मुताबिक, राष्ट्रपति ने शनिवार से होने वाले कार्यक्रमों में हिस्सा लेने की तैयारी भी शुरू कर दी है। इस बारे में गुरुवार को एक मीटिंग भी हुई। ट्रम्प के कैम्पेन मैनेजर ने भी साफ कर दिया है कि राष्ट्रपति दूसरी प्रेसिडेंशियल डिबेट में हिस्सा लेने के लिए तैयार हैं। कमिशन ऑफ प्रेसिडेंशियल डिबेट यानी सीपीडी कह रहा है कि डिबेट वर्चुअल भी हो सकती है। लेकिन, ट्रम्प इसके लिए तैयार नहीं हैं। इस बारे में अंतिम फैसला होना बाकी है।



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कोरोना पॉजिटिव मेरे मरीज सांस नहीं ले पाते, वे डर से कांप रहे हैं; और ट्रम्प कहते हैं- इससे डरने की कोई जरूरत नहीं October 08, 2020 at 03:37PM

कल्पना कीजिए, कि आप सांस लेना चाहते हैं और कोशिश करने के बाद भी हवा आपके फेफड़ों में नहीं पहुंच पा रही है। सोमवार को एक ऐसा ही मरीज मेरे इमरजेंसी रूम में आया। उसने कहा- डॉक्टर मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं। मैंने उसका कोरोना टेस्ट कराया। कुछ देर बाद रिपोर्ट पॉजिटिव आई। उसकी आंखों में मायूसी साफ तौर पर देखी जा सकती थी। उसने मेरी तरफ देखा। फिर सहमी हुई आवाज में पूछा- क्या मैं ठीक हो पाउंगा?

ऐसी ही कई कहानियां या घटनाएं मेरे मिशिगन स्थित क्लिनिक में रोज होती हैं। मेरा हॉस्पिटल व्हाइट हाउस से 1126 किलोमीटर दूर है। ये तब और दूर महसूस होता है जब मैं देखता हूं कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को हॉस्पिटल में रिसीव करने के लिए सफेद कोट में डॉक्टर कैसे तैयार खड़े थे। वे हेलिकॉप्टर से आए और उससे ही लौट भी गए।

मेरे मरीज इसलिए डरते हैं..
राष्ट्रपति व्हाइट हाउस पहुंचने के बाद ट्वीट में कहते हैं- कोविड या कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है। लेकिन, मैं जानता हूं कि मेरे पास आने वाले पेशेंट्स घबराए हुए होते हैं। उनका सबसे बड़ा डर या कहें हालत यह होती है कि वे सांस नहीं ले पा रहे हैं। मेरे पास आने वाले मरीजों को बहुत बेहतर हेल्थकेयर नहीं मिल पाती। जैसी ट्रम्प को मिली। उनको डर इस बात का भी होता है कि अमेरिका में इस बीमारी की वजह की वजह से अब तक 2 लाख 11 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। इनमें से कुछ युवा थे, एक दिन पहले तक स्वस्थ थे और अगले एक या दो हफ्ते में मौत का शिकार बन गए।

यही तो ट्रम्प को वोट देते हैं
20 साल से मैं प्रैक्टिस कर रहा हूं। इस छोटी सी जगह में कई लोग मेरे इमरजेंसी रूम में आते हैं। मैं जानता हूं कि इनमें से दो तिहाई ऐसे हैं जिन्होंने ट्रम्प को राष्ट्रपति बनाया। कई लोग उनकी पार्टी का फ्लैग लेकर घूमते नजर आएंगे। ये लोग ट्रम्प के हर शब्द पर भरोसा करते हैं। नियमों को मानने के लिए कोई दबाव नहीं है। हमारे क्षेत्र में कई लोग ऐसे मिल जाएंगे जो न मास्क लगाते हैं और न छह फीट की दूरी रखते हैं।

खतरा समझना होगा
छोटी जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग करने अपनेआप हो जाती है। सितंबर की शुरुआत में जब स्कूल खुले तो संक्रमण के मामले बढ़ने लगे। बच्चे और युवा भी संक्रमित हुए। लेकिन, राष्ट्रपति कहते हैं कि कोरोना को अपनी जिंदगी पर हावी न होने दें। कुछ बच्चों के पैरेंट्स मेरे पास सांस लेने में दिक्कत की शिकायत लेकर आए। दुनिया का सबसे ताकतवर शख्स कहता है- मिशिगन को बंद करने की जरूरत नहीं। स्कूल भी खोले जाने चाहिए। अब मिशिगन में इसका नतीजा मैं देख रहा हूं। हमारे पास जरूरत के हिसाब से मास्क नहीं हैं। टेस्टिंग कैपेसिटी का भी यही हाल है।

पूरे अमेरिका में यही हालात
सुविधाओं की कमी पहले जैसी है। आठ महीने पहले अमेरिका में कोविड का पहला मरीज सामने आया था। मेरे अस्पताल में अब भी एन-95 मास्क और टेस्ट किट्स की कमी है। दूसरे राज्यों की तरह मिशिगन भी इसी समस्या से जूझ रहा है। अब मेरे मरीज समझ रहे हैं कि साइंस को न मानने का क्या नतीजा हो सकता है। राष्ट्रपति मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का मजाक उड़ा रहे हैं। बड़ी रैलियां कर रहे हैं।

बीमारी भेदभाव नहीं करती
अगर आप हेल्दी और लकी हैं तो हो सकता है आप स्वस्थ ही रहें। लेकिन, ये भी सही है कि कई बातें अब भी हम नहीं जानते। हम नहीं जानते कि भविष्य में यह वायरस आपके लंग्स, ब्रेन या किडनी को कितना नुकसान पहुंचाएगा। ये भी नहीं जानते कि क्या संक्रमण से उबरने के बाद हमारा इम्यून सिस्टम पहले जैसा हो पाएगा? सच्चाई ये है कि साइंस वक्त लेता है। जो दिख रहा है, फिलहाल उसे सच मानिए। मास्क नहीं पहनेंगे तो संक्रमित होने का खतरा है।

55 साल से ज्यादा उम्र के लोग जिन्हें हाई ब्लड प्रेशर, मोटापे या डायबिटीज जैसी कोई बीमारी है तो उन्हें खतरा बहुत ज्यादा है। वो गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं, मौत भी हो सकती है।

मुश्किल हैं हालात
मेरे कई मरीज नहीं जानते होंगे कि अमेरिका में जिन 2 लाख 11 हजार लोगों की मौत हुई, उनमें से बमुश्किल 40 हजार ऐसे होंगे जिनकी उम्र 65 से 74 साल के बीच थी। किसी ने नहीं देखा कि ट्रम्प जब हॉस्पिटल से बाहर आए तो उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी या नहीं। उन्हें नहीं मालूम कि एंटी वायरल कॉकटेल या प्लाजमा क्या होता है। हमारी गवर्नर को घर में रहने, मास्क लगाने और भीड़ से बचने की सलाह देनी चाहिए। राष्ट्रपति को भी गंभीरता दिखानी होगी।



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Us Coronavirus Patients On Donald Trump | Today Latest United States Presidential Election 2020 Opinion From NYT

जर्मनी में अप्रैल के बाद संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले, फ्रांस में भी हालात बिगड़े; दुनिया में 3.67 करोड़ केस October 08, 2020 at 03:35PM

दुनिया में संक्रमितों का आंकड़ा 3.67 करोड़ से ज्यादा हो गया है। ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 2 करोड़ 76 लाख 33 हजार 035 से ज्यादा हो चुकी है। मरने वालों का आंकड़ा 10.66 लाख के पार हो चुका है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। यूरोप के ज्यादातर देशों में संक्रमण की दूसरी लहर खतरनाक साबित होने लगी है। जर्मनी में एक दिन में चार हजार मामले सामने आए। वहीं, स्पेन सरकार ने साफ कर दिया है कि अब पहले से ज्यादा सख्त प्रतिबंध लगाए जाएंगे।

जर्मनी : एक दिन में 4 हजार मामले
जर्मनी की हेल्थ बॉडी रॉबर्ट कोच इंस्टीट्यूट ने गुरुवार रात जारी एक बयान में माना कि देश में संक्रमण खतरनाक स्तर पर पहुंचने लगा है। यहां एक दिन में 4 हजार से ज्यादा मामले सामने आए। इससे भी ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि इस हेल्थ बॉडी ने इनके 10 हजार प्रतिदिन तक पहुंचने की आशंका जताई है। हेल्थ मिनिस्टर जेन्स स्पाहन ने कहा- हमने मुश्किल हालात में भी बहुत बेहतर काम कर दिखाया है। संक्रमण को जल्द ही काबू में करने के लिए प्लान तैयार है। इसके लिए सभी समुदायों से भी बातचीत की जा रही है। बर्लिन और फ्रेंकफर्ट में कर्फ्यू लगाया जा चुका है।

फ्रांस : तेजी से बढ़ता संक्रमण
यूरोपीय देशों की बात करें तो सबसे ज्यादा संक्रमण फ्रांस में देखने मिल रहा है। यहां 24 घंटे में कुल 18 हजार 746 नए मामले सामने आए। पॉजिटिव टेस्ट रिजल्ट की दर में 9.1 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया है। खास बात यह है कि यह पिछले महीने से 5 फीसदी ज्यादा है। पिछले महीने यह दर 4.5 प्रतिशत ही थी। हेल्थ मिनिस्टर ओलिवन वेरन ने कहा- हम इस वक्त हाई अलर्ट पर हैं। उम्मीद है कि जल्द ही इन्फेक्शन लेवल को काबू में ले आएंगे।

पेरिस के एक हॉस्पिटल में मरीज का कोरोना सैम्पल लेती नर्स। फ्रांस में गुरुवार को 18 हजार से ज्यादा नए संक्रमित मिले। दो हफ्ते में संक्रमितों का आंकड़ा ढाई लाख से ज्यादा हो गया है।सरकार ने साफ कर दिया है कि जल्द ही नए प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। (फाइल)

न्यूजीलैंड : जेसिंडा को फायदा
ब्लूमबर्ग में पब्लिश एक रिपोर्ट के मुताबिक, संक्रमण पर काबू पाने के मामले में न्यूजीलैंड अब तक सबसे कामयाब देश रहा है। यहां की सरकार ने बेहतरीन काम किया और दुनिया के बड़े बिजनेस लीडर्स भी इस बात को मान रहे हैं। इतना ही नहीं ये लोग यहां इन्वेस्टमेंट प्लान भी कर रहे हैं। यहां इकोनॉमिक रिकवरी रेट भी दूसरे देशों से बहुत बेहतर है। इसके लिए जो इंडेक्स रेटिंग जारी की गई है, उसमें न्यूजीलैंड को 238, जापान को 204 और ताइवान को 198 नंबर दिए गए हैं। अमेरिका 10वें नंबर पर है। रिपोर्ट के मुताबिक, जेसिंड अर्डर्न की सरकार ने इतना बेहतर काम किया है कि वे दूसरा चुनाव जीत सकती हैं।



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गुरुवार शाम जर्मनी के फ्रेंकफर्ट शहर का सूना पड़ा एक पार्क। जर्मनी सरकार ने बर्लिन और फ्रेंकफर्ट में रात का कर्फ्यू लगा दिया है।

जो दवा बाजार में ही नहीं, उसके इस्तेमाल की सलाह दे बैठे ट्रम्प, कहा- मेरी बीमारी भगवान का आशीर्वाद October 08, 2020 at 03:02PM

(मैगी हैबरमैन और केटी थॉमस) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को सोशल मीडिया पर डेढ़ घंटे में 12 मैसेज और 2 वीडियो पोस्ट किए। इसमें कोरोना से जुड़े मुद्दों पर उन्होंने खुद के संक्रमित होने पर अजीब बात कही। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसे भगवान का आशीर्वाद मानता हूं। पिछले हफ्ते संक्रमित होने के बाद मुझे जो दवा दी, उससे मैं जादुई तरीके से ठीक हो गया। आप भी जरूरत पड़ने पर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।’’

ट्रम्प के अनुसार उन्हें एंटीबॉडी कॉकटेल दिया गया। इस दवा को रीजेनेरॉन कंपनी ने बनाया है। दूसरी तरफ, रीजेनेरॉन ने बुधवार को ही कहा कि उसने अपने एंटीबॉडी ड्रग कॉकटेल को फूड एंड ड्रग डिपार्टमेंट (एफडीए) के पास अप्रूवल के लिए भेजा है। फिलहाल यह दवा बाजार में उपलब्ध नहीं है।

इलाज के बाद ट्रम्प की त्वचा गहरे रंग की दिखाई दे रही थी। उन्होंने कहा कि मेरा इम्युन सिस्टम बहुत मजबूत है, इसलिए मेरे शरीर पर इसका कोई खास फर्क नहीं हुआ। सैन फ्रांसिस्को के हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्टर चिन होंग के मुताबिक- रीजेनेरॉन की दवा से 24 घंटे में ठीक होने का दावा पूरी तरह गलत है।

दरअसल, राष्ट्रपति यह भरोसा दिलाने की कोशिश कर रहे हैं कि कोरोना का कारगर इलाज मिल चुका है। क्योंकि, 3 नवंबर को चुनाव है और वे हर सर्वे में बाइडेन से पिछड़े दिख रहे हैं।

ट्रम्प सच्चाई पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं: एक्सपर्ट्स

एक्सपर्ट्स का कहना है कि डोनाल्ड ट्रम्प राजनीतिक नुकसान की भरपाई की कोशिश में हैं। ट्रम्प पहले तो कोरोना को मामूली फ्लू बताते रहे। अब जब खुद संक्रमित हो गए तो इस तरह की दलीलें दे रहे हैं। अमेरिका में यह बात कौन भूल सकता है कि यहां अब तक महामारी के चलते 2 लाख 11 हजार लोगों की मौत हो चुकी है।



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ट्रम्प ने कहा- पिछले हफ्ते संक्रमित होने के बाद मुझे जो दवा दी, उससे मैं जादुई तरीके से ठीक हो गया।

US: Plot to kidnap Michigan governor thwarted, militia members arrested October 08, 2020 at 12:49PM

Thirteen people, including seven men associated with the Wolverine Watchmen militia group, have been arrested in a sweeping takedown of plots to kidnap the Michigan governor, attack the state capitol building and incite violence. The group aimed to kidnap Governor Gretchen Whitmer, a Democrat who has traded barbs with Republican President Donald Trump over her response to the coronavirus pandemic.

US troops in Afghanistan to be home by Christmas: Trump October 08, 2020 at 02:07PM

ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन ने एच-1बी वीजा नियम बदले, पहले के मुकाबले अब ये वीजा एक तिहाई कम मिलेंगे October 07, 2020 at 06:37PM

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले ट्रम्प प्रशासन ने एच-1बी वीजा को लेकर सख्त कदम उठाया है। ट्रम्प प्रशासन ने एच-1बी वीजा में कटौती और वेतन आधारित प्रवेश नियमों को सख्त कर दिया है। इस फैसले का सबसे ज्यादा असर भारत के आईटी प्रोफेशनल्स पर पड़ेगा, क्योंकि हाल के सालों में एच-1बी वीजा की 70% तक की हिस्सेदारी भारतीयों की रही है।

डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्युरिटी (डीएचएस) के कार्यकारी उप सचिव केन कुकसिनेली ने कहा- ‘जिन लोगों ने एच-1बी वीजा के लिए आवेदन किया है, उनमें से एक तिहाई को नए नियमों के तहत वीजा नहीं मिल सकेगा।’ न्यूनतम वेतन आवश्यकताओं के लिए श्रम विभाग के संशोधन गुरुवार से प्रभावी होने के आसार हैं। डीएचएस का एच-1बी संशोधन भी 60 दिनों में लागू हो जाएगा।

अगर नौकरी छूट जाए तो 60 दिनों में नई तलाशनी होगी
अगर किसी एच-1बी वीजा होल्डर की कंपनी ने उसका कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर लिया है, तो नए नियमों के अनुसार वीजा स्टेटस बनाए रखने के लिए उसे 60 दिनों के अंदर नई नौकरी तलाशनी होगा। वरना उसे अपने देश लौटना पड़ेगा।

फैसले के मायने
भारतीय पेशेवरों के लिए मौके घटेंगे
पिछले साल एच1-बी वीजा के लिए 2.5 लाख आवेदन मिले थे, जिनमें से 1.84 लाख भारत से थे। यह संख्या 2016 के मुकाबले 25% कम है। अब अगर यह संख्या एक तिहाई तक घट जाती है तो ज्यादा नुकसान भी भारतीयों को ही होगा। ट्रम्प 2016 में राष्ट्रपति बने थे, तभी से वीजा नियमों के लगातार सख्ती बढ़ रही है।

नागरिकता पाना और कठिन होगा
अमेरिका अभी हर साल 85 हजार एच1-बी वीजा जारी करता है। इनमें से ज्यादतर 5 साल बाद अमेरिकी नागरिकता हासिल करने में कामयाब रहते हैं। अब अगर वीजा ही कम मिलेंगे तो नागरिकता पाने वालों की संख्या भी घटेगी। अभी नागरिकता के लिए 3.5 लाख भारतीयों के एप्लीकेशन पेंडिंग हैं।

भारतीय आईटी कंपनियां प्रभावित होंगी
अमेरिका में हर साल कुल एच-1बी वीजाधारकों में से 15% सिर्फ टीसीएस, इन्फोसिस और विप्रो में नौकरियां पाते हैं। श्रम नियमों में बदलाव से सैलरी बढ़ाना भी प्रस्तावित है। इसलिए इन कंपनियों के लिए एच1-बी वीजा के माध्यम से कस्टमर की साइट पर काम करवाना महंगा पड़ेगा। अमेरिका में काम कर रहीं 50 से ज्यादा भारतीय कंपनियां एच-1बी वीजा के तहत ही कर्मचारी रखती हैं।

लेकिन, ट्रम्प को फायदा मिल सकता है
यह फैसला ट्रम्प की चुनावी रणनीति का हिस्सा है। उनकी पार्टी कहती आई है कि एच-1बी वीजा के कारण 5 लाख अमेरिकियों की नौकरियां बाहरी लोगों को मिल गईं। सर्वे बता रहे हैं कि ट्रम्प अपने कोर वोटर्स पर पकड़ खो रहे हैं, इसलिए वे लगातार अमेरिकियों के हित पहले रखने की बात कह रहे हैं। वे मूल अमेरिकी वोटर्स का ध्रुवीकरण चाहते हैं।



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डोनाल्ड ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन ने चुनाव से ठीक पहले एच-1बी वीजा नियम सख्त कर दिए हैं। भारत के आईटी प्रोफेशनल्स पर इसका असर पड़ना तय माना जा रहा है। (फाइल)