Thursday, September 17, 2020

अमेरिका में हेल्थ डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर कोरोना टेस्ट संबंधी सलाह वैज्ञानिकों ने नहीं दी थी, व्हाइट हाउस की टास्क फोर्स पर शक September 17, 2020 at 07:58PM

अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव प्रचार जारी है। कोरनावायरस की रोकथाम और संभावित वैक्सीन को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडेन जुबानी जंग में उलझे हैं। ट्रम्प बचाव की मुद्रा में हैं तो बाइडेन का रुख हमलावर है। इस बीच, यूएस सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल (सीडीसी) की वेबसाइट पर जारी कोरोना टेस्ट संबंधी जानकारी और गाइडलाइन्स को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। यह गाइडलाइन्स पिछले महीने पोस्ट की गईं थीं।

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, गाइडलाइन्स जारी और पोस्ट करने का सीडीसी के वैज्ञानिकों ने विरोध किया था। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि अगर सीडीसी के साइंटिस्ट इनके गाइडलाइन्स के पक्ष में नहीं थे तो वेबसाइट पर ये पोस्ट कैसे हो गईं।

गोपनीय दस्तावेज सामने आए
रिपोर्ट के मुताबिक, सीडीसी साइंटिस्ट इन गाइडलाइन्स को जारी करने का विरोध कर रहे थे। गाइडलाइन्स में बताया गया कि किन लोगों को कोरोना टेस्ट कराना चाहिए और किन लोगों को इसकी जरूरत नहीं है। संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं और टेस्टिंग बढ़ाने पर फोकस किया जा रहा है। ऐसे में सवाल उठ रहा है आखिर किसके कहने पर ये गाइडलाइन्स जारी की गईं थीं।

किस बात पर आपत्ति
गाइडलाइन्स में कहा गया था- उन लोगों को टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है, जिनमें संक्रमण के लक्षण नहीं हैं। भले ही वे संक्रमितों के संपर्क में आए हों। सीडीसी डायरेक्टर रॉबर्ट रेडफील्ड ने खुद इन गाइडलाइन्स को देखा था। रिपोर्ट के मुताबिक, डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ और ह्यूमन सर्विस के अफसरों ने ये गाइडलाइन्स सीडीसी की वेबसाइट पर पोस्ट की थीं। एजेंसी ने इनका रिव्यू नहीं किया था।

टास्क फोर्स पर शक
मामले से तीन पक्ष जुड़े हैं। हेल्थ और ह्यूमन सर्विस (एचएचएस), सीडीसी और कोरोनावायरस टास्क फोर्स। टास्क फोर्स व्हाइट हाउस यानी राष्ट्रपति को सीधे रिपोर्ट करती है। चूंकि, चुनावी दौर है। इसलिए, शक की सुई उसी तरफ घूम रही है। मामले ने तूल पकड़ा तो डिपार्टमेंट एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

सीडीसी वास्तव में एचएचएस का ही हिस्सा है। इसके कोऑर्डिनेटर ब्रेट गिरियोर कहते हैं- ओरिजनल ड्राफ्ट तो सीडीसी की तरीफ से ही आया था। हमने टास्क फोर्स से सलाह करने के बाद इसे जारी किया। टास्क फोर्स के चीफ डॉक्टर एंथोनी फौसी ने भी इसे देखा। उप राष्ट्रपति माइक पेन्स के सामने भी यह पेश की गई थी। इनके अलावा भी कई अफसर इस मामले से जुड़े थे।

आपत्तियां अनसुनी कर दी गईं
रिपोर्ट के मुताबिक, जब इन गाइडलाइन्स का ड्राफ्ट सीडीसी के पास पहुंचा तो उसके वैज्ञानिकों ने इन पर गंभीर सवाल उठाए। लेकिन, इन पर कोई सुनवाई नहीं हुई। एक अफसर ने ईमेल में कहा- गाइडलाइन्स में कुछ जरूरी बदलाव किए जाने थे, लेकिन ये हो नहीं सके। सीडीसी पर जुलाई में भी सवाल उठे थे। तब स्कूल खोलने को लेकर एक आर्टिकल वेबसाइट पर पोस्ट किया गया था। आलोचना होने पर इसे हटा दिया गया था।



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फोटो कन्सास के एक मेडिकल केयर सेंटर की है। हेल्थ वर्कर एक संदिग्ध की जांच कर रही है। (फाइल)

China begins military drills as senior US official visits Taiwan September 17, 2020 at 07:40PM

Chinese Defence Ministry spokesman Ren Guoqiang said Friday's drills, about which he gave no details, were taking place near the Taiwan Strait and involved the People's Liberation Army's eastern theatre command. "They are a reasonable, necessary action aimed at the current situation in the Taiwan Strait and protecting national sovereignty and territorial integrity," Ren said.

India, US, Australia interested in building China's dream canal in Thailand: Report September 17, 2020 at 06:53PM

हुबेई ने कहा- 5जी नेटवर्क के जरिए जासूसी या कोई गैरकानूनी काम नहीं करेंगे; विपक्षी नेता कर रहे हैं बैन की मांग September 17, 2020 at 06:24PM

कनाडा में चीन की टेक्नोलॉजी कंपनी हुबेई का कड़ा विरोध हो रहा है। हुबेई यहां 5जी नेटवर्क स्थापित करने के लिए कॉन्ट्रैक्ट हासिल करना चाहती है। इसके लिए उसने पहली बार कानूनी तौर पर वादा किया है कि उसके नेटवर्क या इक्युपमेंट्स का इस्तेमाल जासूसी या किसी गैरकानूनी काम में नहीं किया जाएगा।

कनाडा की विपक्षी पार्टियां हुबेई के इस वादे को बिना कोई तवज्जो दिए इस पर बैन की मांग कर रहे हैं। अपोजिशन लीडर एरिन तुली ने कहा- सरकार हुबेई के बारे में विचार भी न करे। जल्दी ही चुनाव होने वाले हैं। अगर हम सत्ता में आए तो इस चीनी कंपनी को फौरन बैन कर देंगे।

जासूसी नहीं करेंगे
‘ग्लोब एंड मेल’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हुबई कनाडा में 5जी नेटवर्क कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए बेकरार है। दुनियाभर में उस पर जासूसी के आरोप लग रहे हैं। ब्राजील में मात खा चुकी हुबेई कनाडा में यही हश्र नहीं चाहती। यही वजह है कि उसने कानूनी तौर पर यह वादा किया है कि उसके नेटवर्क या इक्युमेंट्स का इस्तेमाल जासूसी के लिए नहीं होगा। कंपनी ने यह भी कहा है कि वो पिछले दरवाजे से यानी चोरी-छिपे कोई काम नहीं करेगी।

सरकार के सामने दस्तावेज करेगी
हुबेई ने फिलहाल, कोई दस्तावेज कनाडा सरकार के सामने पेश नहीं किया है। कंपनी ने कहा है कि वो चीन की किसी सिक्योरिटी एजेंसी को कोई मदद नहीं देगी। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार ने अब तक चीनी कंपनी पर रुख साफ नहीं किया है। सरकार ने दो महीने पहले 5जी नेटवर्क एस्टैबिलिशमेंट की प्रॉसेस शुरू की थी।

फाइव आई अलायंस चीन के लिए मुसीबत
भले ही कनाडा सरकार ने हुबेई को लेकर कोई आखिरी फैसला नहीं किया हो, लेकिन चीनी कंपनी के इतिहास को देखते हुए यह तय माना जा रहा है कि कनाडा में उसे कॉन्ट्रैक्ट नहीं मिलेगा। दरअसल- कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, ब्रिटेन और अमेरिका ने जासूसी करने वाली कंपनियों को किसी तरह के कॉन्ट्रैक्ट न देने का फैसला किया है। इसके लिए ‘फाइव आई’ यानी पांच आंखें- नाम से एक अलायंस भी बनाया।

आगे क्या होगा
दो महीने पहले ब्राजील में हुबेई 5जी नेटवर्क कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के करीब थी। लेकिन, अमेरिका ने ब्राजील सरकार को दो टूक लहजे में बता दिया कि इस चीनी कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट मिला तो ब्राजील को इसके गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। ब्राजील सरकार ने प्रॉसेस ही रोक दी। अब रोजर्स, इरिक्सन और नोकिया इस दौड़ में हैं। कनाडा में यही कहानी दोहराई जा सकती है।



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फोटो कनाडा के वेंकुवर शहर में हुबेई कंपनी के शोरूम की है। हुबेई कनाडा में 5जी नेटवर्क स्थापित करने का कॉन्ट्रैक्ट हासिल करना चाहती है। पहली बार उसने कानूनी दस्तावेज जारी कर यह वादा किया है कि नेटवर्क या इक्युपमेंट्स का इस्तेमाल जासूसी में नहीं किया जाएगा। कंपनी ने ये भी कहा है कि वो चीन की सिक्योरिटी एजेंसीज को कोई जानकारी नहीं देगी। (फाइल)

दो महीने में दूसरी बार आला अमेरिकी अफसर ताइवान पहुंचे; चीन ने कहा- भड़काने वाली हरकतें बंद करे अमेरिका September 17, 2020 at 05:28PM

दक्षिण चीन सागर पर चल रहे विवाद पर ताइवान को हर मुमकिन मदद का वादा कर चुके अमेरिका ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी। डोनाल्ड ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन में अंडर सेक्रेटरी कीथ क्रेच गुरुवार देर रात ताइवान की राजधानी ताइपेई पहुंचे। खास बात यह है कि उनके इस दौरे की जानकारी पहले नहीं दी गई थी। दो महीने में किसी आला अमेरिकी अफसर की यह दूसरी ताइवान यात्रा है। चीन इससे झुंझला गया है। उसने कहा- अमेरिका भड़काने वाली हरकतें कर रहा है।

कीथ की यात्रा के अहम मायने
1979 के बाद यह पहला मौका है जब अमेरिका के सेक्रेटरी लेवल के अफसर ताइवान पहुंच रहे हैं। सीएनएन के मुताबिक, इसके पहले तक ताइवान और अमेरिका के डिप्लोमैटिक रिलेशन्स तो थे, लेकिन इस स्तर के अधिकारी अमेरिका ताइवान नहीं भेजता था। साउथ चाइना सी में चीन कई छोटे देशों को धमका रहा है। अमेरिका ने अब उसे कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर जवाब देने की तैयारी कर ली है।

कीथ की यात्रा इसलिए भी अहम हो जाती है क्योंकि उन्हें मिलिट्री स्ट्रैटेजिस्ट भी माना जाता है। हालांकि, फिलहाल उनके पास एनर्जी और एनवॉयरमेंट डिपार्टमेंट्स हैं। कीथ के पहले अगस्त के आखिरी हफ्ते में हेल्थ और ह्यूमन सर्विस सेक्रेटरी एलेक्स अजार ताईपेई पहुंचे थे। तब ट्रम्प ने कहा था- हम यह बता देना चाहते हैं कि ताइवान को अमेरिकी मदद हर हाल में मिलेगी। उसको किसी के दबाव में आने की जरूरत नहीं है।

चीन परेशान
सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 1949 में ताइवान चीन से अलग होकर अलग देश बना। गृहयुद्ध के हालात में हजारों लोग मारे गए। 1979 में अमेरिका और चीन के बीच डिप्लोमैटिक रिलेशन शुरू हुए। अमेरिका ने 41 साल में कभी कोई सेक्रेटरी लेवल का अफसर ताइवान नहीं भेजा। लेकिन, बीते दो महीनों में इस स्तर के दो अफसर ताइवान पहुंचे हैं। इसका मतलब ये हुआ कि अमेरिका अब इस क्षेत्र में चीन के दबदबे को ताइवान के जरिए सीधी चुनौती दे रहा है।

ली से चीन को नफरत
कीथ आज ताईपेई में होने वाले देश के पूर्व राष्ट्रपति ली तेंग के स्मारक के उद्धाटन समारोह में हिस्सा लेंगे। ली का जुलाई में 97 साल की उम्र में निधन हो गया था। चीन ली को दुश्मन नंबर 1 मानता है क्योंकि उन्होंने ही ताइवान को चीन से अलग करने में अहम भूमिका निभाई थी। चीन मामलों के एक्सपर्ट यिनान हे कहती हैं- अमेरिका ने चीन को सीधा चैलेंज दिया है। इसके नतीजे क्या होंगे। यह देखना होगा।

चीन ने क्या कहा?
कीथ की ताइवान यात्रा पर चीन ने गुरुवार रात ही प्रतिक्रिया दी। विदेश विभाग के प्रवक्ता वांग वेबिन ने कहा- अमेरिका और ताइवान को फौरन अफसरों की यात्राओं पर रोक लगाना चाहिए। हम इसे भड़काउ कार्रवाई के तौर पर देख रहे हैं।

दक्षिण चीन सागर में चीन ताइवान पर दबाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। कीथ की यात्रा के सिर्फ 24 घंटे पहले चीन के दो फाइटर जेट ताइवान की सीमा में घुसे थे। हालांकि, इसी दौरान ताइवान के दो एयरक्राफ्ट्स ने भी इनको रोकने के लिए उड़ान भरी। कुछ देर में चीन के लड़ाकू विमान लौट गए।



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गुरुवार को अमेरिका के अंडर सेक्रेटरी कीथ क्रेच अचानक ताइवान पहुंचे। आज वे यहां ताइवान के पूर्व राष्ट्रपति ली तेंग के स्मारक उद्घाटन कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। चीन तेंग को अपना दुश्मन नंबर एक मानता है। यही वजह है कि वो अमेरिकी अफसर की ताइवान यात्रा को भड़काउ कार्रवाई बता रहा है।

कोरोना वैक्सीन मुद्दे पर घिरे राष्ट्रपति; जो बाइडेन बोले- मुझे और देश को वैज्ञानिकों पर भरोसा है, डोनाल्ड ट्रम्प पर नहीं September 17, 2020 at 03:47PM

अमेरिका में कोरोनावायरस से मरने वालों का आंकड़ा दो लाख के पार हो गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर वायरस की रोकथाम में नाकाम रहने के आरोप लग रहे हैं। राष्ट्रपति पद के डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडेन का आरोप है- संभावित वैक्सीन को लेकर ट्रम्प सियासत कर रहे हैं। बाइडेन ने कहा- मैं एक बात साफ तौर पर बता देना चाहता हूं। मैं वैक्सीन पर भरोसा करूंगा। अपने वैज्ञानिकों पर भरोसा करूंगा। लेकिन, देश के दूसरे लोगों की तरह प्रेसिडेंट ट्रम्प पर बिल्कुल यकीन नहीं कर सकता।

सीडीसी चीफ का बयान अहम
वैक्सीन को लेकर ट्रम्प और बाइडेन बयानबाजी में उलझ गए हैं। ट्रम्प कहते हैं - बाइडेन नहीं चाहते कि वैक्सीन जल्द आए और नागरिकों को मिले। इसके लिए वो नई थ्योरीज बता रहे हैं। लोगों को गुमराह कर रहे हैं। सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल (सीडीसी) के डॉयरेक्टर रॉबर्ट रेडफील्ड पहले ही साफ कर चुके हैं कि अगर इस वक्त वैक्सीन आ भी जाती है तो हर अमेरिकी तक यह अगले साल के मध्य तक ही पहुंच सकेगी। ट्रम्प रेडफील्ड के इस बयान से भी खफा हैं।

अप्रूवल के लिए दबाव डाल रहे हैं ट्रम्प
बाइडेन का आरोप है कि ट्रम्प वैक्सीन का जल्द अप्रूवल चाहते हैं और इसके लिए संबंधित विभागों जैसे सीडीसी और एफडीए पर दबाव डाल रहे हैं। बाइडेन ने कहा- वैज्ञानिक सफलताएं कैलेंडर देखकर तय नहीं की जातीं। न इनका इलेक्शन से कोई ताल्लुक है। वैक्सीन का अप्रूवल और डिस्ट्रीब्यूशन सियासत के आधार पर तय नहीं किया जा सकता। इसे साइंस और सेफ्टी के हिसाब से तय होने दीजिए। बाइडेन ने यह बयान पूर्व सर्जन जनरल विवेक मूर्ति से सलाह के बाद दिया।

ट्रम्प को सिर्फ जीत की फिक्र
राष्ट्रपति दावा कर रहे हैं कि वोटिंग डे यानी 3 नवंबर के पहले वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी। पहले शायद वैक्सीन उतना बड़ा चुनावी मुद्दा नहीं थी, लेकिन अब इस पर फोकस बहुत ज्यादा है। ट्रम्प के बयान से हेल्थ ऑफिशियल्स भी दबाव महसूस कर रहे हैं। जनता भी महसूस कर रही है कि वैक्सीन के अप्रूवल को लेकर सियासत हो रही है। ट्रम्प का आरोप है कि बाइडेन महामारी का इस्तेमाल चुनाव जीतने के लिए कर रहे हैं। यही बात बाइडेन भी कह रहे हैं।

राष्ट्रपति ने कहा- बाइडेन ने वैक्सीन के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया है। डेमोक्रेट पार्टी की तरफ से उप राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस ने कहा- ट्रम्प अगर ये वादा करते हैं कि वैक्सीन सेफ है, तो भी मैं उनकी बात पर भरोसा नहीं कर सकती।

वैज्ञानिकों पर भरोसा
मीडिया से बातचीत में बाइडेन ने कहा- अगर वैज्ञानिक कहते हैं कि वैक्सीन सेफ है तो मैं बिल्कुल मानूंगा और लगवाउंगा भी। मंगलवार को एक प्रोग्राम में ट्रम्प ने कहा- हम वैक्सीन हासिल करने के बहुत करीब हैं। तीन या चार हफ्ते में यह आ सकती है। बुधवार को कहा- वैक्सीन का ऐलान इस महीने या फिर अगले महीने हो सकता है। एफडीए इस पर तेजी से काम कर रही है।

लेकिन, राष्ट्रपति के बयान से कई हेल्थ एक्सपर्ट्स कन्फ्यूज हो गए हैं। इनमें सीडीसी डायरेक्टर रेडफील्ड भी शामिल हैं। उनका कहना है कि अगर वैक्सीन अभी आ भी जाती है तो यह सभी लोगों को मिलना मुश्किल है। ट्रम्प उनकी बात को भी खारिज कर देते हैं। राष्ट्रपति कहते हैं- मैंने सीडीसी चीफ को बुलाकर बात की। रेडफील्ड के मुताबिक, उनकी बात का गलत मतलब निकाला गया।

ट्रम्प के पास कोई प्लान नहीं
दुनियाभर में करीब 30 वैक्सीन पर काम जारी है। अमेरिका में तीन वैक्सीन के ट्रायल आखिरी चरण में हैं। बाइडेन कहते हैं- हमारे राष्ट्रपति के पास महामारी की मुसीबत से निकलने का कोई प्लान नहीं है। हालात, बद से बदतर हो सकते हैं। यह वायरस किसी चमत्कार से खत्म नहीं होगा। अगर वैक्सीन आ भी गई तो ज्यादातर अमेरिकी नागरिकों को 2021 के पहले नहीं मिल सकेगी।

मास्क मेंडेटरी होगा?
बाइडेन से बुधवार को एक रिपोर्टर ने पूछा- मास्क को पूरे देश में जरूरी बनाने का आप समर्थन कर चुके हैं। इस पर राष्ट्रीय सहमति कैसे हासिल करेंगे? इस पर बाइडेन ने कहा- मुझे भरोसा है कि राष्ट्रपति बनने के बाद मेरे पास इस तरह के फैसले लेने का कानूनी अधिकार होगा। अगर किसी राज्य में खतरा बढ़ता है और कोई कानून लागू किया जाता है तो इसमें गलत क्या है? मेरी लीगल टीम भी यही मानती है।

बाइडेन से पूछा गया- अगर आपके पास कानूनी अधिकार हुआ तो क्या मास्क को अनिवार्य यानी मेंडटरी बनाएंगे? इस डेमोक्रेट उम्मीदवार ने कहा- हां, बिल्कुल। मैं एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर सिग्नेचर करके इसे लागू करूंगा।



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US Presidential Election 2020 Donald Trump Joe Biden | Us Presidential Election 2020 Donald Trump Vs Joe Biden Corona Virus Vaccine is the New Issue.

पाकिस्तान में 22 स्कूल संक्रमण के खतरे की वजह से बंद, ये 2 दिन पहले खोले गए थे; दुनिया में अब तक 3.03 करोड़ संक्रमित September 17, 2020 at 03:46PM

दुनिया में संक्रमितों का आंकड़ा 3.03 करोड़ से ज्यादा हो गया है। इसी दौर में एक अच्छी खबर ये है कि ठीक होने वालों की संख्या भी अब 2 करोड़ 20 लाख से ज्यादा हो चुकी है। महामारी में मरने वालों की संख्या 9 लाख 50 हजार से ज्यादा हो गई है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। पाकिस्तान की इमरान खान सरकार को स्कूल खोलने का फैसला भारी पड़ रहा है। मंगलवार को स्कूल खोले गए थे। गुरुवार को 22 स्कूल बंद करने पड़े।

पाकिस्तान : स्कूल खोलने का फैसला गलत साबित हुआ
इमरान खान सरकार ने मंगलवार को 9वीं और 10वीं कक्षाओं के अलावा कॉलेज खोले थे। गुरुवार को 22 स्कूलों को बंद करना पड़ा। इसकी वजह नियमों का पालन न करना था। कुछ स्कूलों में तो बुनियादी सुविधाएं भी नहीं थीं। एक कॉलेज में दो स्टूडेंट्स पॉजिटिव पाए गए। विपक्ष पहले ही सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहा था। एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, खैबर पख्तूनख्वा में सबसे ज्यादा 16 स्कूल बंद किए गए। राजधानी इस्लामाबाद में दो स्कूल बंद करने पड़े। सरकार ने कहा है कि वो इंतजामों की समीक्षा के बाद अगली कार्रवाई पर विचार करेगी।

चीन : म्यांमार सीमा से लगने वाला शहर बंद
यूनान प्रांत के रूइली शहर को संक्रमण के खतरे के मद्देनजर पूरी तरह बंद करने का फैसला किया गया। किसी भी तरह के आवागमन पर रोक लगा दी गई है। लोगों से कहा गया है कि वे घर से बाहर न निकलें। यह शहर म्यांमार की सीमा से लगता है। पिछले दिनों यहां दो नए मरीज मिले थे। इसके बाद शहर की सभी सीमाओं पर चेक पोस्ट लगा दिए गए। गुरुवार को यहां 360 टेस्टिंग साइट्स बनाई गईं। इनमें 1200 लोगों का स्टाफ है। अब तक यहां 60 हजार लोगों का टेस्ट किया जा चुका है।

यूनान प्रांत के रूइली शहर को संक्रमण के खतरे के मद्देनजर पूरी तरह बंद करने का फैसला किया है। यहां कुछ दिन पहले दो मरीज मिले थे। बताया जाता है कि दोनों मरीज म्यांमार की सीमा पार कर चीन आए थे। (फाइल)

ऑस्ट्रेलिया : 100 साल का मरीज अब स्वस्थ
मेलबर्न के एक अस्पताल में 100 साल के मरीज को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। गुरुवार को इलाज के बाद वे अब पूरी तरह स्वस्थ हैं। सेंट विन्सेंट हॉस्पिटल के डायरेक्टर ने कहा- मरीज का नाम रॉय है। इस हफ्ते की शुरुआत में उन्हें इस हॉस्पिटल में लाया गया था। उन्हें सांस लेने में दिक्कत थी। हमारे लिए हर मरीज का महत्व है, भले ही वे किसी भी उम्र के हों। ऑस्ट्रेलिया में अब तक कोरोना से 824 लोगों की मौत हुई है। इनमें से 500 से ज्यादा की उम्र 80 साल या उससे ज्यादा थी।

ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न शहर स्थित इसी हॉस्पिटल में 100 साल का संक्रमित मरीज अब स्वस्थ हो चुका है। ऑस्ट्रेलिया में संक्रमण की दूसरी लहर देखी जा रही है।

न्यूजीलैंड : टूरिज्म इंडस्ट्री को नुकसान
‘द गार्डियन’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जून तिमाही तक न्यूजीलैंड की जीडीपी में 12.2% की गिरावट दर्ज की गई है। 1987 के बाद अर्थव्यवस्था में यह सबसे बड़ी गिरावट है। रिपोर्ट में सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि जीडीपी में गिरावट की मुख्य वजह कोरोनावायरस के कारण लगे प्रतिबंध हैं। इसकी वजह से ट्रेड और टूरिज्म इंडस्ट्री सबसे ज्यादा प्रभावित हुई। टूरिज्म सेक्टर से न्यूजीलैंड को सबसे ज्यादा रेवेन्यू मिलता है।



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फोटो गुरुवार को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के एक स्कूल की है। सरकार ने देश में मंगलवार को स्कूल और कॉलेज खोले थे। गुरुवार को संक्रमण के खतरे के मद्देनजर 22 स्कूलों को बंद कर दिया गया।

इमरान सरकार जल्द गिलगित-बाल्टिस्तान को 5वें राज्य का दर्जा देगी, मंत्री ने कहा- नवंबर में यहां चुनाव होंगे September 17, 2020 at 05:42AM

जम्मू-कश्मीर, लद्दाख को नक्शे में अपना हिस्सा बताने के बाद पाकिस्तान भारत को उकसाने के लिए एक और पैंतरा अपना रहा है। इमरान सरकार गैरकानूनी तरीके से गिलगित-बाल्टिस्तान को पाकिस्तान का पांचवां राज्य बनाने जा रही है।

पाकिस्तानी न्यूज पेपर एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान मामलों के मंत्री अली अमीन के हवाले से यह बात कही है। अमीन ने ट्रिब्यून को बताया कि सरकार ने गिलगित-बाल्टिस्तान को सभी संवैधानिक अधिकारों के साथ पूर्णकालिक राज्य का दर्जा देने का फैसला किया है। इसके साथ ही सीनेट और नेशनल असेंबली में भी इसे रिप्रेजेंटशन दिया जाएगा।

इमरान गिलगित-बाल्टिस्तान का दौरा करेंगे
अली अमीन ने बताया कि प्रधानमंत्री इमरान खान जल्द ही इस इलाके का दौरा करेंगे और इस संबंध में आधिकारिक ऐलान भी इसी दौरे पर किया जाएगा। अमीन ने कहा कि हमारी सरकार ने गिलगित-बाल्टिस्तान के लोगों से किए गए वादों को पूरा करने का फैसला किया है। पूर्णकालिक राज्य का दर्जा मिलने के साथ ही इस इलाके के लोगों को टैक्स में मिलने वाली छूट और सब्सिडी आगे भी जारी रहेगी।

उन्होंने बताया कि गिलगित-बाल्टिस्तान में इसी साल नवंबर में चुनाव होंगे और जल्द ही पार्टी कैंडिडेट्स को टिकट बांटेगी। इमरान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी इन चुनाव में किसी भी स्थानीय पार्टी के साथ गठबंधन कर सकती है। लेकिन, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा।

एक्टिविस्ट चुनाव के विरोध में हैं
कुछ एक्टिविस्ट ने इस इलाके में चुनाव का विरोध किया है। उनका कहना है कि इमरान अपने मन की सरकार चाहते हैं और इसीलिए चुनाव करवा रहे हैं। उनका कहना है कि मौजूदा परिस्थितियों में आजाद और निष्पक्ष चुनाव होने मुश्किल हैं, क्योंकि यहां एंटी टेररिज्म एक्ट लगा हुआ है, जिसका इस्तेमाल विरोध करने वाले लोगों की आवाज दबाने में किया जाता है।



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प्रधानमंत्री इमरान खान जल्द ही गिलगित-बाल्टिस्तान का दौरा कर सकते हैं और इस संबंध में आधिकारिक ऐलान कर सकते हैं। -फाइल फोटो

First volume of Barack Obama's memoir coming out on Nov 17 September 17, 2020 at 02:08AM

The first volume of former President Barack Obama's memoir is coming out November 17, two weeks after Election Day. It's called “A Promised Land” and will cover his swift and historic rise to the White House and his first term in office.

पूर्व मॉडल एमी डोरिस ने कहा- 1997 में यूएस ओपन के दौरान ट्रम्प ने वीआईपी रूम में मेरे साथ जबरदस्ती की थी September 17, 2020 at 04:33AM

पूर्व मॉडल एमी डोरिस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि 5 सितंबर 1997 को न्यूयॉर्क में यूएस ओपन के दौरान ट्रम्प ने वीआईपी बॉक्स में बाथरूम के बाहर उनके साथ जबरदस्ती की थी। इस घटना के बाद वह खुद को बीमारी और बेहद अपमानित महसूस करने लगी थीं।

उस समय डोरिस की उम्र 24 साल थी। ट्रम्प 51 साल के थे। ब्रिटिश न्यूजपेपर गार्जियन को दिए इंटरव्यू में पूर्व मॉडल ने बताया कि बाथरूम के बाहर इंतजार कर रहे ट्रम्प ने उन्हें बाहर निकलते ही सख्ती से जकड़ लिया। मैंने उन्हें मना करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने इसकी परवाह नहीं की। ट्रम्प ने मेरी गर्दन पर जीभ फिरानी शुरू कर दी। उनकी पकड़ काफी मजबूत थी। मैं चाहकर भी अलग नहीं हो पाई।

डोरिस ने बताया- मैं उन्हें धक्का देने की कोशिश कर रही थी। लेकिन, धीरे-धीरे उनकी पकड़ और सख्त हो गई। वे हर जगह अपना हाथ फेरने लगे। उन्होंने मुझे किस किया, लेकिन अलग होने के लिए मैंने उनकी जीभ काट ली। वहीं, ट्रम्प ने अपने वकीलों के जरिए डोरिस के आरोपों को खारिज किया है। उनके वकीलों ने कहा है कि ट्रम्प ने कभी भी डोरिस के साथ दुर्व्यवहार या परेशान नहीं किया है। उनका कहना था कि यह सब बस चुनावी कैंपेन को प्रभावित करने के लिए किया जा रहा है।

डोरिस की मां और दोस्त ने भी घटना की पुष्टि की

डोरिस अभी फ्लोरिडा में रहती हैं। उन्होंने गार्जियन को इस घटना से जुड़े कई सबूत भी दिखाए। उन्होंने यूएस ओपन की टिकट और छह फोटो भी दिखाए, जिनमें उनके साथ ट्रम्प नजर आ रहे हैं। उनके साथ हुए यौन शोषण की कई लोगों ने पुष्टि की है। घटना के तुरंत बाद डोरिस ने न्यूयॉर्क में एक दोस्त और अपनी मां को फोन किया था। उन्होंने इसके बारे में एक थेरेपिस्ट को भी बताया था। थेरेपिस्ट ने कहा कि डोरिस सालों तक इस घटना का जिक्र करती रहीं।

कई महिलाओं ने ट्रम्प पर यौन शोषण के आरोप लगाए

डोरिस अब 48 साल की हैं और जुड़वां बेटियों की मां हैं। उन्होंने कहा कि 2016 में घटना के बारे में सार्वजनिक रूप से बोलने का विचार किया था। उस समय कई महिलाओं ने ट्रम्प के खिलाफ यौन शोषण के आरोप लगाए थे। लेकिन, उन्हें लगा कि ऐसा करने से उनके परिवार को नुकसान हो सकता है।

अपनी बेटियों के लिए रोल मॉडल बनना चाहती हूं: डोरिस

अब इस घटना का जिक्र करने पर उन्होंने कहा कि मेरी बेटियां 13 साल की होने वाली हैं। मैं चाहती हूं कि उन्हें पता चले कि आप किसी को भी ऐसा कुछ न करने दें, जो आप नहीं चाहतीं। मैं उनके लिए एक रोल मॉडल बनना चाहती हूं। मैं चाहती हूं कि वे देखें कि मैं चुप नहीं रही। मैं उसके खिलाफ खड़ी हुई, जो मुझे स्वीकार नहीं था।



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यह फोटो 1997 यूएस ओपन की है। इसमें पूर्व मॉडल एमी डोरिस (बाएं), ट्रम्प और अन्य लोग नजर आ रहे हैं। (सोर्स- द गार्जियन)

Japan new PM begins 1st full day, vows to push reforms September 17, 2020 at 02:15AM

5 चीनी लोगों ने भारत सरकार का नेटवर्क और 100 अमेरिकी कंपनियों को हैक किया; सॉफ्टवेयर डाटा और कारोबारी सूचनाएं चुराईं September 17, 2020 at 02:33AM

यूएस जस्टिस डिपार्टमेंट ने चीन के 5 नागरिकों पर 100 अमेरिकी कंपनियों और संस्थानों को हैक करने का केस दर्ज किया गया है। डिपार्टमेंट के मुताबिक, इन लोगों ने भारत सरकार का नेटवर्क भी हैक किया था। इन लोगों ने हैकिंग के जरिए सॉफ्टवेयर डाया और खुफिया कारोबारी सूचनाएं चुराईं।

डिप्टी यूएस अटॉर्नी जनरल जेफरी रोजेन ने बुधवार को बताया कि 5 चीनी नागरिकों पर हैकिंग और दो मलेशियाई नागरिकों पर कुछ हैकर्स की मदद करने और डाटा चुराने के लिए लोगों को निशाना बनाने का आरोप लगाया गया है। मलेशियाई नागरिकों को गिरफ्तार कर लिया गया है और चीनी नागरिकों को भगोड़ा करार दिया गया है। एफबीआई इनकी तलाश कर रही है और इनकी तस्वीरें भी जारी की गई हैं।

इसी साल भारत सरकार की वेबसाइट को हैक किया
रोजन ने बताया कि हैकर्स ने 2019 में भारत सरकार की वेबसाइट को निशाना बनाया। इसके अलावा इन्होंने भारत सरकार को सपोर्ट करने वाले वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क और डाटा सर्वर्स को भी निशाना बनाया। भारत सरकार के ओपेन VPN नेटवर्क तक पहुंचने के लिए इन हैकर्स ने VPS प्रोवाइडर का इस्तेमाल किया। हैकर्स ने सरकार के कम्प्यूटरों पर मालवेयर कोबाल्ट स्ट्राइक इन्स्टॉल किया।

चीन खुद को बचाने के लिए दूसरों के कम्प्यूटर से सूचनाएं चुराता है- अमेरिका
रोजेन ने कहा कि हमारा विभाग इन चीनी नागरिकों की ओर से की जा रही अवैध कम्प्यूटर घुसपैठ और साइबर अटैक को रोकने के लिए हर कदम उठाएगा। खेद की बात है कि लंबे समय से चीन ने खुद को साइबर हमलों से बचाने के लिए अलग रास्ता अपना लिया है, जिसके तहत वो दूसरे देशों के कम्प्यूटर पर हमला करते हैं और चीन के लिए फायदेमंद खुफिया सूचनाएं चुराते हैं।

रोजेन ने बताया कि सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, कम्प्यूटर हार्डवेयर, टेलीकम्युनिकेशन, सोशल मीडिया, वीडियो गेम्स कंपनियां हैकर्स का निशाना बनी हैं। इसके अलावा एनजीओ, थिंक टैंक्स, विश्वविद्यालयों, विदेशी सरकारों, लोकतंत्र समर्थक नेताओं और हॉन्गकॉन्ग के एक्टिविस्ट को भी निशाना बनाया गया।



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डिप्टी यूएस अटॉर्नी जनरल जेफरी रोजेन ने बुधवार को बताया कि 5 चीनी नागरिकों पर हैकिंग और दो मलेशियाई नागरिकों पर कुछ हैकर्स की मदद करने और डाटा चुराने के लिए लोगों को निशाना बनाने का आरोप लगाया गया है। -प्रतीकात्मक फोटो

Don't turn Covid-19 into 'political football': WHO September 16, 2020 at 11:57PM

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