Monday, March 23, 2020

China's Hubei province to remove travel bans starting March 25 March 23, 2020 at 07:13PM

The Health Commission for China's Hubei province said on Tuesday it will remove all travel restrictions in and out of the province on March 25, with the exception of the city of Wuhan, the provincial capital and the epicentre of the country's coronavirus outbreak.

Hand-washing: A luxury millions of Yemenis can't afford March 23, 2020 at 06:06PM

Turks fight coronavirus with secret weapon eau de cologne March 23, 2020 at 05:32PM

In Turkey, sprinkling hands with cologne has long been a ritual for a visit to the barber, a meal at a restaurant or even a trip on the bus. It is seen as a symbol of hospitality, as well as an aid to hygiene, in a country that sets great store by both.

Covid-19: China's imported virus cases spike as fears grow of second wave March 23, 2020 at 05:14PM

China reported 78 new cases of the deadly coronavirus on Tuesday, with the vast majority brought in from overseas as fears rise of a second wave of infections. Beijing is growing increasingly anxious about an influx just as it appeared to be bringing the country's outbreak under control.

Coronavirus: Britain orders lockdown March 23, 2020 at 04:31PM

British PM Boris Johnson ordered a 3-week shutdown of "non-essential" shops and services and banned gatherings of more than two people. WHO warned that the global pandemic was clearly "accelerating." The number of coronavirus deaths surged past 16,100 on Monday, with over 361,500 infections in over 174 countries and territories.

195 देश और 16,510 मौतें: वुहान शहर में 6 दिनों में 1 नया मामला सामने आया, इटली में सोमवार को 602 लोगों की जान गई March 23, 2020 at 04:00PM

बीजिंग. दुनिया के 195 देश कोरोनावायरस की चपेट में आ चुके हैं। 16,510 लोगों की मौत हो चुकी है। 3 लाख 78 हजार 842 संक्रमित हैं। वहीं, करीब एक लाख दो हजार मरीज स्वस्थ भी हुए हैं। चीन के सबसे ज्यादा प्रभावित वुहान शहर में छह दिनों में एक नया मामला सामने आया है। पांच दिनों तक यहां कोई केस सामने नहीं आया था। हालांकि, यहां सोमवार को सात लोगों की मौत हुई थी। वहीं, इटली में सोमवार को 602 लोगों की जान गई है। इटली यूरोप का सबसे ज्यादा प्रभावित देश है।



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इटली में लॉकडाउन के बाद बोल्गना शहर में सूनसान सड़क।

Coronavirus pandemic 'accelerating': WHO chief March 23, 2020 at 07:38AM

The new coronavirus pandemic is clearly "accelerating", the World Health Organization warned Monday, but said it was still possible to "change the trajectory" of the outbreak. He said it took 67 days from the beginning of the outbreak in China in late Dec for the virus to infect the first 100,000 people worldwide. Over 15K have died worldwide and over 341,000 infected.

Italy bans travel in bid to slow virus deaths March 23, 2020 at 03:42AM

Italy banned travel and shut down a range of industries on Monday in a last-ditch push to contain the spread of a coronavirus that has killed nearly 5,500 people in a month. Italy's health officials sounded notes of guarded hope after reporting another 651 fatalities on Sunday. The figure was the second-highest recorded during the crisis.

लोगों ने पहले चेतावनी को नजरअंदाज किया, फिर आवाजाही ने कोरोना को बढ़ाया; भारत में ऐसा हुआ तो स्थिति भयानक होगी March 23, 2020 at 03:22AM

मिलान. इटली में जो कुछ हो रहा है, वह भारत के लिए सबक है। इटली वह देश है, जहां कोरोनावायरस के अब तक 59 हजार मामले सामने आ चुके हैं और 5,400 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। इटली में मौतों का आंकड़ा चीन (3,270) से भी ज्यादा है। इटली में भी लोगों ने पहले चेतावनी को नजरअंदाज किया। कर्फ्यू लगा तो उसका धड़ल्ले से उल्लंघन किया। लोग अपने-अपने शहरों की तरफ जाने लगे तो कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते गए। भारत में अगर ऐसा हुआ तो स्थिति कहीं ज्यादा भयानक होगी। पढ़ें, इटली में रह रहे अंकित तिवारी की आपबीती...

मैं अंकित तिवारी। मूल रूप से उत्तराखंड का रहना वाला हूं। कुछ साल पहले मेरी शादी बेनेदेत्ता बियोनि से हुई, जिन्हें मैं अम्बा बुलाता हूं। अम्बा बीते कई सालों से भारत में रहती हैं, लेकिन वे मूलतः इटली से हैं। उनकी नागरिकता भी इटली की है। बीते साल 12 नवंबर को हमें एक प्यारी-सी बेटी हुई, जिसका नाम हमने अधिरा रखा है।

अधिरा के जन्म से कुछ महीने पहले ही हम लोग इटली आ चुके थे। अम्बा चाहती थीं कि हम इटली में ही अपने बच्चे को जन्म दें, क्योंकि यहां की स्वास्थ्य सुविधाएं भारत की तुलना में कहीं बेहतर हैं। भारत के सुपर स्पेशीऐलिटी अस्पताल मोटी रकम लेकर भी वैसी सुविधाएं नहीं दे पाते, जैसी यहां सरकारी अस्पतालों में मुफ्त उपलब्ध है। हमें अधिरा के जन्म के लिए दवाइयों या अस्पताल में एक रुपया भी खर्च नहीं करना पड़ा। यह पूरा खर्च इटली की सरकार ही उठाती है। इसके साथ ही सरकार की ओर से हमें अधिरा के जन्म से पहले और जन्म के बाद दो बार आठ-आठ सौ यूरो मिले और अब भी उसकी देखभाल के लिए करीब 500 यूरो हर महीने मिलते हैं।

इटली में हम लोग अलान्या वलसेसिया में रहते हैं। यह उत्तरी इटली का एक छोटा-सा इलाका है जिसकी कुल आबादी मात्र पांच सौ लोगों के करीब है। यह जगह मिलान से 106 किमी दूर है और स्कीइंग के लिए मशहूर है। यहां स्थित मोंते-रोसो की ढलानों पर बर्फबारी का आनंद लेने दुनियाभर के पर्यटक पहुंचते हैं। करीब एक महीना पहले तक भी ये जगह पर्यटकों से भरी हुई थी, लेकिन कोरोनावायरस के चलते अब यह एकदम सुनसान और वीरान हो चुकी है। पूरा इलाका बीते कई दिनों से बंद है। गलियां एकदम सुनसान हैं। सारी दुकानें बंद करवा दी गई हैं और लोगों को भी घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है।

इटली की यह तस्वीर 25 फरवरी की है। तब तक कोरोनावायरस को गंभीरता से नहीं ले रहे थे। स्कीइंग के लिए लाइन लगाए पर्यटक खड़े नजर आते थे।

इटली अपनी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए दुनियाभर में जाना जाता है, लेकिन उसके बावजूद भी यहां जो स्थिति है, वह भयावह है। लोगों में भारी डर पनपने लगा है। इस स्थिति का मुख्य कारण यही है कि यहां लोगों ने शुरुआत में कोरोना से जुड़ी चेतावनियों पर ध्यान नहीं दिया और जब तक लोगों को इसकी गंभीरता का अंदाजा हुआ, बहुत देर हो चुकी थी।

इटली में जब लोग शहर छोड़कर भागने लगे
सरकार काफी पहले ही लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूर रहने और बेवजह घर से न निकलने के लिए लगातार बोल रही थी, लेकिन शुरुआत में किसी ने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया। फिर जब लोगों के मरने का आंकड़ा बहुत तेजी से बढ़ने लगा तो लोग घबराकर शहर छोड़ कर दूसरी जगह भागने लगे। इससे भी संक्रमण बेहद तेजी से फैलता चला गया। आखिरकार सरकार को निर्देश जारी करने पड़े कि कर्फ्यू (क्वॉरंटीन) का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना और कुछ महीनों की कैद भी हो सकती है। तब जाकर लोगों की आवाजाही में कमी आई।

इटली में कर्फ्यू का उल्लंघन करते लोगों पर जुर्माना लगाती वहां की पुलिस।

कार बनाने वाली कंपनियां वेंटिलेटर बना रहीं
यूरोप पूरी दुनिया में वेंटिलेटर सप्लाई करता है। यहां के अस्पतालों में वेंटिलेटर की सुविधा सहज ही उपलब्ध है। लेकिन कोरोना इतनी तेजी से फैला कि यहां वेंटिलेटर की भारी कमी हो गई और यही इस मुश्किल दौर में बहुत भारी पड़ी। यहां की सरकार को पड़ोसी देशों से कई वेंटिलेटर मंगवाने पड़े और फिएट और फेरारी जैसी कार बनाने वाली कंपनियों तक से मदद मांगनी पड़ी कि ज्यादा से ज्यादा वेंटिलेटर बनाए जा सकें। यहां इस वक्त इस महामारी से लड़ रहे डॉक्टरों ने बयान भी दिए कि इस वक्त एक-एक वेंटिलेटर हमारे लिए किसी सोने की खदान जैसा हो गया है।

यही कारण है कि मुझे भारत के बारे में सोचकर ज्यादा चिंता हो रही है। मेरे घर वाले लगातार मेरे लिए परेशान हो रहे हैं कि मैं इटली में सुरक्षित हूं या नहीं। लेकिन सच कहूं तो मुझे उनकी ज्यादा चिंता है। उत्तराखंड में स्थिति ये है कि वहां पूरे राज्य में सिर्फ दो-तीन सरकारी अस्पताल ही हैं, जहां वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। प्राइवेट अस्पतालों में वेंटिलेटर जरूर हैं, लेकिन हर कोई इन महंगे अस्पतालों का खर्चा नहीं उठा सकता। उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि भारत में लगभग सभी प्रदेशों में यही स्थिति है। इसलिए वहां अगर इटली जैसे हालात बनते हैं तो स्थिति यहां से कई गुना भयानक हो सकती है।

60 साल से कम उम्र वालों को ही वेंटिलेटर मिल रहे
इटली में हम लोग अब पूरी तरह से घरों में कैद हैं। हमारे मोहल्ले में कल पहला केस पॉजिटिव पाया गया है। इसके बाद यहां लोगों में पैनिक ज्यादा बढ़ गया। कल से लोग अपनी बालकनियों में भी नहीं निकल रहे हैं। ऊपर से सरकार ने नई एडवाइजरी जारी की, जिसके अनुसार अब 60 साल से कम उम्र वालों को ही वेंटिलेटर दिए जाएंगे। मतलब बीमारों की उम्र देखकर उनकी जान बचाई जाएगी। ये फैसला दिखा रहा है कि सरकार भी हताश होने लगी है। लोग परेशान हैं और इससे बचने एक मात्र तरीका यही कि घर से किसी भी हाल में न निकला जाए, बीमार हो जाने से किसी भी तरह बचा जाए। अच्छी बात ये है कि हमें राशन या अन्य जरूरी सामान के लिए परेशान नहीं होना पड़ रहा। हमें जो भी चाहिए होता है हम लोग एक लिस्ट बनाकर यहां के मेयर को भेज देते हैं और सारा सामान हर गुरुवार हम तक पहुंच जाता है। यहां सरकार ने सबके घरों में मास्क और जरूरी दिशा-निर्देश लिखे हुए दस्तावेज भी पहुंचा दिए हैं। हमें घर से निकलने की कोई मजबूरी नहीं है इसलिए हम यहां सुरक्षित हैं। साथ ही यहां की सरकार वित्तीय मदद भी कर रही है, इसलिए यहां के नागरिकों के लिए घरों में पूरी तरह बंद रहना इतना मुश्किल भी नहीं है। लेकिन भारत में ऐसा संभव हो पाना बेहद मुश्किल है। भारत में आबादी बहुत ज्यादा है, लोगों में जागरूकता काफी कम है और एक बहुत बड़े वर्ग की आर्थिक स्थिति भी इतनी मज़बूत नहीं है कि बिना किसी मदद के वो ज्यादा दिन घरों में बंद रहकर भी दो वक्त का खाना खा सकते हों। इसलिए वहां अगर हालात बिगड़ते हैं तो न जाने कितने लोग भुखमरी से ही मर सकते हैं।

अंकित तिवारी और बेटी अधिरा।

इटली समेत कोरोना से प्रभावित सभी देशों का अनुभव बताता है कि यह कितनी तेजी से फैल रहा है और स्थिति बेकाबू हो रही है। इससे निपटने का इकलौता तरीका फिलहाल यही है कि क्वॉरंटीन का बहुत सख्ती से पालन किया जाए। इटली में पहले जो शटडाउन 2 अप्रैल तक किया गया था, उसे अब बढ़ाकर 15 अप्रैल तक कर दिया गया है। भारत को भी अभी से इस दिशा में काम करना चाहिए और पूरी तरह से शटडाउन करना चाहिए। अगर अभी से गंभीरता नहीं दिखाई तो हालात बिगड़ते ज़्यादा समय नहीं लगेगा।

कोरोना कितना भयावह है इसे बेहद करीब से देखने के बाद मैं अपने देश के लोगों से यही अपील करना चाहता हूं कि आप लोग वो गलती न दोहराएं जो इटली में लोगों ने की। इस स्थिति की गंभीरता को समझें और खुदही घरों से बिलकुल बाहर न निकलें। सरकार जो दिशा-निर्देश जारी कर रही है उसका गंभीरता से पालन करें। हमारे देश में स्वास्थ्य सुविधाएं कैसी हैं ये किसी से छिपा नहीं है। ऐसे में हमें यही कोशिश करनी चाहिए कि उस नौबत से ही बचा जाए, जहां स्वास्थ्य सुविधाओं की जर्जर स्थिति कई मौतों का कारण बन जाए।

(जैसा अंकित तिवारी ने राहुल कोटियाल को बताया)



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अंकित तिवारी बेटी अधिरा और पत्नी बेनेदेत्ता के साथ इटली में।
अंकित तिवारी और बेटी अधिरा।

लॉकडाउन के बाद भी जर्मनी में युवा कोरोना पार्टी कर रहे थे, अमेरिका में बीच पर लोग डांस कर रहे थे, इटली में नाइट क्लब चालू थे, अब इसी रास्ते पर भारतीय March 23, 2020 at 03:00AM

नई दिल्ली/न्यूयॉर्क/मिलान. भारत की जनता अब लॉकडाउन का मजाक उड़ा रही है। पहले रविवार को गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में यह देखने में आया कि कुछ लोग शाम को 5 बजते ही सड़कों पर आ गए। वे जुलूस की शक्ल में बाहर निकलकर थाली, घंटी और शंख बजाने लगे। कुछ जगहों पर तिरंगा भी फहराया गया। जबकि यह वक्त सोशल डिस्टेंशिंग का था। इसके बाद सोमवार को देश के उन 80 जिलों में जहां लॉकडाउन है, वहां बाजार में बड़ी संख्या में लोग बाहर घूमते और बाजार में खरीददारी करते दिखे। इससे कई जिलों में लॉकडाउन बेअसर दिख रहा है। भारत में लोग कोरोनावायरस और लॉकडाउन को बहुत हल्के में लेते हुए दिखाई दे रहे हैं। ऐसे लोग न अपनी परवाह कर रहे हैं, न ही दूसरों की। इससे पहले ऐसा यूरोप के कई देशों में देखने में आया था, जब वहां की जनता ने लॉकडाउन का मजाक बनाया। अब वे इसका खामियाजा भुगते रहे हैं।

भारत में लॉकडाउन कीतस्वीर...

तस्वीर कोलकाता की है। यहां लॉकडाउन के बावजूद लोग बसों में इस तरह बैठकर जा रहे।
तस्वीर हैदराबाद की है। यहां लॉकडाउन के बावजूद इस तरह लोग खरीददारी करने बाजार पहुंचे।
हैदराबाद पुलिस लोगों से हाथ जोड़कर घर में बैठने की अपील कर रही है।

विदेशकी तस्वीर...

जर्मनी: युवा कइ जगहों पर कोरोना पार्टियां कर रहे थे, बुजुर्गों का मजाक बना रहे थे

लापरवाही का नतीजा: कोरोनावायरस के केस- 28,572 मौतें: 1,720

तस्वीर कुछ दिन पहले की है। जब जर्मनी की चांसलर एक सुपर मार्केट में खरीददारी करने पहुंची थीं।

जर्मनी में जब कोरोनावायरस शुरू हुआ तो वहां युवाओं ने कई जगहों पर कोरोना पार्टियां आयोजित की थीं। कईयों ने बुजुर्गों पर जानबूझकर खांसा भी था। कोरोना का मीम बना रहे थे। लोगों पर कमेंट कर रहे थे। जर्मनी के दक्षिणी प्रांत बवेरिया के प्रेसीडेंट मार्कुस जोएडर का कहना है कि यहां अब भी कोरोना पार्टियां हो रही हैं। कई युवा बुजुर्गों का मजाक बना रहे हैं, वे कोरोना-कोरोना भी चिल्ला रहे हैं। यहां ऐसे बहुत सारे ग्रुप हैं। इसके बाद जर्मनी की चांसलर अंगेला मर्केल ने दो से ज्यादा लोगों के एक साथ खड़े होने पर प्रतिबंध लगा दिया, चाहे वे एक ही परिवार के क्यों न हों। चांसलर मर्केल ने भी खुद को आइसोलेट कर लिया है। मर्केल एक कोरोना से संक्रमित डॉक्टर के संपर्क में आ गई थीं। हालांकि कुछ दिन पहले मर्केल भी बर्लिन के एक सुपर मार्केट में खरीददारी करते दिखाई दी थीं। उनकी ट्रॉली में वाइन और टॉयलेट पेपर रखा हुआ था।

तस्वीर जर्मनी के बर्लिन की है। यहां लॉकडाउन के बावजूद लोग पार्कों में पहुंच रहे थे।

फ्रांस: लॉकडाउन तोड़ने वालों पर अब पुलिस जुर्माना लगा रही, बीचों पर कर्फ्यू लगाया गया

लापरवाही का नतीजा: कोरोनावायरस के केस - 16,018 मौतें- 674

पेरिस में लॉकडाउन के बावजूद लोग सब्जी मार्केट में एकजुट हो रहे थे। ऐसे में अब पुलिस लगाई गई है।

फ्रांस में लॉकडाउन है। इसके बावजूद काइट सर्फर, छात्र और अन्य लोग मस्ती करने बीच पर निकल रहे थे। वायरस को फैलने से रोकने के लिए वे न तो लॉकडाउन को मान रहे थे और न ही डॉक्टरों की सलाह को। ऐसे में अधिकारियों को उनके खिलाफ कदम उठाने पड़े। फ्रांस के गृह मंत्री क्रिस्टॉफ कैस्टानेर ने कहा कि कुछ लोग नियमों को तोड़कर खुद को हीरो समझते हैं, जबकि ऐसा नहीं है। ये लोग मूर्ख हैं। ये खुद और अपनों लिए ही खतरा बन रहे। बड़ी संख्या में लोग पार्टी और क्लबों में भी जा रहे थे। सरकार ने कहा कि शहर के लोगों की इन हरकतों से कोरोनावायरस ग्रामीण इलाकों और समुद्री बीचों पर पहुंच सकता है, जहां उसे रोकना मुश्किल होगा। क्योंकि इन इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं ज्यादा बेहतर नहीं हैं।
फ्रांस की राजधानी पेरिस में सीन नदी के किनारे टहलने पर रोक लगा दी गई है। वहीं, बीचों के शहर नीस में रात का कर्फ्यू लगा दिया गया है। फ्रांस में सड़कों पर अब पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं, जो लोगों के घरों से निकलने पर रोक लगा रहे हैं। जो लोग लॉकडाउन को तोड़ रहे हैं, उन पर जुर्माना लगाया जा रहा है। कुल 17 हजार पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने लॉकडाउन को 15 दिन बढ़ाने का ऐलान किया है।

पेरिस में सीन नदी के किनारे पुलिस गश्त तेज कर दी है। यहां आने वालों को गिरफ्तार किया जा रहा है।

अमेरिका: फ्लोरिडा में युवा प्रतिबंधों के बावजूद बीच पर पार्टी कर रहे थे, गवर्नर ने कहा- आप सुपरमैन या सुपरवूमन नहीं हैं

लापरवाही का नतीजा: कोरोनावायरस के केस- 33,018 मौतें- 428

उत्तरी कैरोलिना के इस्ले पाम बीच पर लोग पाबंदियों के बावजूद पार्टी कर रहे थे। इसे अब बंद कर दिया गया है।

अमेरिका में फ्लोरिडा राज्य के गवर्नर ने सभी बीचों को बंद कर दिया है। दरअसल, पिछले दिनों यहां बीच पर छात्रों ने पार्टी की थी। डांस भी किया था। जबकि सरकार ने लोगों को बीचों पर जाने से मना किया था। न्यूयॉर्क के गवर्नर एंड्रयू क्युमो ने शनिवार को कहा कि उनके राज्य में जितने भी कोरोना वायरस के मामले सामने आए हैं, उनमें आधे से ज्यादा 18 से 49 साल की उम्र के बीच हैं। युवाओं को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि आप कोई सुपरमैन या फिर सुपरवूमन नहीं हैं, जो कोरोना आपको नहीं हो सकता है। न्यूयॉर्क के सिटी पार्कों में लोग एक-दूसरे से दूरी बनाए रखने के नियम का पालन नहीं कर रहे थे। इसके बाद यहां भी रविवार रात से लोगों के मिलने-जुलने और जमा होने पर रोक लगा दी गई है।

तस्वीर न्यूयॉर्क की है। यहां पार्कों में जाने पर रोक लगा दी गई है।

इटली: लॉकडाउन के बावूजद इटली में लोग शॉपिंग करते रहे, रेस्टोरेंट्स में खाना खाते रहे, इसलिए आर्मी बुलाई गई

लापरवाही का नतीजा: कोरोनावायरस के केस: 59,138 मौतें- 5,476

इटली के मिलान में लॉकडाउन के बावजूद लोग सुपरमार्केट पहुंच रहे थे। अब आर्मी तैनात कर दी गई है।

कोरोनावायरस को हल्के में लेना इटली को भारी पड़ गया है। यहां सरकार ने 10 मार्च को लॉकडाउन घोषित किया था। लेकिन इसका कड़ाई से पालन नहीं कराया गया। लॉकडाउन के बावूजद इटली के कई शहरों में लोग शॉपिंग करते रहे, रेस्टोरेंट्स में खाना खाते रहे, बार और क्लब में लेटनाइट पार्टी करते रहे, मार्केट में घूमते रहे। इसके चलते इटली सरकार ने अब देश भर में आर्मी तैनात कर दी है, ताकि लोग घरों से बाहर न निकल सकें। इटली के लोम्बार्डी में भी लॉकडाउन का कड़ाई से पालन नहीं हुआ। यहां पहले राज्य सरकार ने खुद भी इसमें ढील बरतने को लेकर सहमत थी, लेकिन अब लोम्बार्डी क्षेत्र के प्रेसीडेंट ने कहा है कि आर्मी के इस्तेमाल से लोगों को जबरदस्ती घर में कैद करने में मदद मिलेगी।


स्पेन: पुलिस लॉकडाउन तोड़ने वालेलोगों को हेलीकॉप्टर के जरिए पकड़ रही, जुर्माना भी लगा रही

लापरवाही का नतीजा: कोरोनावायरस के केस: 28,572 मौतें: 1,720

स्पेन में लॉकडाउन को कामयाब बनाने के लिए सड़कों पर आर्मी तैनात की गई है।

स्पेन में पुलिस हेलीकॉप्टर की मदद से ऐसे लोगों को पकड़ रही है, जो बाहर जाकर लोगों से मिल रहे हैं। पुलिसकर्मी लोगों को हिदायत भी दे रहे हैं। कैटेलोनिया में एक महिला को उस वक्त पुलिस ने गिरफ्तार किया, जब वह एक मित्र से मिलने के लिए जा रही थी। उसने पुलिस को बताया कि उसकी दोस्ती डेटिंग एप के जरिए हुई थी। पुलिस चीफ कमिश्नर जोसे एंगेल गोंजालेज कहते हैं कि जो लोग लॉकडाउन को तोड़ रहे हैं। यह गैर जिम्मेदाराना हरकत भाईचारे के खिलाफ है। अब लॉकडाउन तोड़ने वाले लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर रही है और जुर्माना भी वसूल रही है।




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तस्वीर अमेरिका के साउथ कैरोलिना सिटी के इस्ले पाम बीच की है। यहां पाबंदियों के बीच लोग पार्टी कर रहे थे।

लंदन में नर्सों पर थूका, बांग्लादेश ने शराब फैक्ट्री को सैनिटाइजर प्लांट में बदला; झारखंड में 350 खिचड़ी सेंटर खोलने का ऐलान March 23, 2020 at 02:52AM

लंदन / ढाका / नई दिल्ली / रांची. दुनियाभर में कोरोनावायरस के केस लगातार बढ़ने के साथ इससे जुड़े अच्छे-बुरे वाकये भी सामने आ रहे हैं। ब्रिटेन में पीड़ितों की देखभाल करने वाली नर्स के साथ लोगों ने बुरा बर्ताव किया, तो दिल्ली में एक व्यक्ति ने कोरोना कहकर उत्तर-पूर्व की एक लड़की को अपमानित किया। इस बीच, बांग्लादेश सरकार ने संक्रमण से बचाव के लिए वहां की एकमात्र शराब बनाने वाली फैक्ट्री को हैंड सैनिटाइजर बनाने के कारखाने में तब्दील कर दिया है। वहीं, झारखंड की सरकार ने लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों को खाना उपलब्ध कराने के लिए 350 खिचड़ी सेंटर खोलने का ऐलान किया है।

केस - 1

ब्रिटेन में कोरोना संक्रमितों की देखभाल करने वाली नर्सों के साथ बुरा बर्ताव करने की खबर है। इंग्लैंड की चीफ नर्स और रॉयल कॉलेज ऑफ नर्सिंग (आरसीएन) ने बताया कि कुछ लोगों ने उन्हें बीमारी फैलाने वाला कहते हुए उन पर थूक दिया।

आरसीएन को यूनिफॉर्म पहनकर ड्यूटी कर रही नर्सों के साथ भी बुरा बर्ताव किए जाने की जानकारी भी मिली है। वहीं इंग्लैंड की चीफ नर्स रुथ मे ने कहा कि उन्होंने नर्सों पर थूके जाने के बारे में सुना है।नर्सिंग यूनियन ने लोगों से अपील की है कि वे कोरोनावायरस के फैलाव के दौरान लोगों की मदद करने वाले नर्सिंग स्टाफ का सहयोग करें। ब्रिटेन में करीब 65000 रिटायर्ड नर्सों और डॉक्टरों को मदद के लिए बुलाया गया है।

केस - 2

मणिपुर की रहने वाली एक महिला ने आरोप लगाया है कि दिल्ली में एक व्यक्ति ने उसे कोरोना कहते हुए उसके ऊपर थूक दिया। महिला ने पुलिस से इसकी शिकायत की, जिसके बाद इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई। पुलिस ने सोमवार को बताया कि उत्तर-पश्चिम दिल्ली के विजय नगर इलाके में हुई इस घटना के बारे में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

केस - 3

कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए हाथों को अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर से साफ करने की सलाह दी जाती है। बांग्लादेश में सरकार ने लोगों को पर्याप्त मात्रा में सैनिटाइजर उपलब्ध कराने के लिए देश की एकमात्र शराब फैक्ट्री को सैनिटाइजर के कारखाने में तब्दील कर दिया है। देश में शराब बेचने वाली दुकानों के जरिए भी इसे बेचने की तैयारी है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसे खरीद सकें।

केस - 4

कोरोना संक्रमण के नए मामले सामने आने के बाद झारखंड को लॉकडाउन किया गया है। राज्य के सभी जिलों में गरीबों को खाने-पीने की दिक्कत न हो, इसके लिए सरकार ने 350 खिचड़ी सेंटर खोलने का ऐलान किया है। इन सेंटरों से लॉकडाउन चलने तक जरूरतमंदों को हर दिन दोनों समय खिचड़ी बांटी जाएगी।



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संक्रमण रोकने के लिए देशभर में जांच अभियान चलाया जा रहा है।

Nigeria reports first coronavirus death March 23, 2020 at 01:03AM

Nigeria on Monday reported its first death from coronavirus as confirmed cases of infections in Africa's most populous nation climbed further. "The 1st covid-19 death in Nigeria has been recorded," the Nigeria Centre for Disease Control wrote on Twitter. "The case was a 67 year old male who returned home following medical treatment in UK.

Iran reports 127 more virus deaths; death toll now 1,812 March 23, 2020 at 12:34AM

Iran is battling the worst outbreak in the Middle East, and has faced widespread criticism for not imposing stricter quarantine measures early on.

China sees drop in new coronavirus cases; all of them imported March 23, 2020 at 12:29AM

Pakistan's first coronavirus death exposes nation's vulnerability March 23, 2020 at 12:21AM

When Saadat Khan, 50, returned to Pakistan on March 9 from a pilgrimage to Saudi Arabia, he was greeted with a grand feast attended by more than 2,000 people. On March 18, Khan died at an isolation centre the day his test results came back positive for Covid-19. Meanwhile, the number of confirmed cases in Pakistan has soared to more than 750 from 22 last week.

संक्रमण फैलने की अफवाह से कोलंबिया की जेल में भगदड़, 23 कैदियों की मौत और 83 घायल March 22, 2020 at 11:12PM

बोगोटा. कोलंबिया की राजधानी बोगोटा की जेल में कोरोनोवायरस के संक्रमण फैलने की अफवाह से शनिवार रात भगदड़ मच गई।इस दौरान जेल तोड़कर भागने की कोशिश में 23 लोगों की मौत हो गई और 83 लोग घायल हो गए। इससे पहले इसी जेल से कई वीडियो भी सामने आए थे, जिनमें कैदियों ने दावा किया था कि उन्हें कुत्तों की तरह रखा जा रहा है।हालांकि, यहां की न्याय मंत्रीमार्गरिटा कैबेलो ने संक्रमण फैलने की अफवाह को घटना की वजह मानने से इनकार कर दिया है।

मार्गरिटा कैबेलो ने रविवार को कहा, ‘‘देश के लिए आज का दिन बहुत दर्दनाक है। पिछली रात बोगोटो की ला मॉडेलो जेल से कैदियों ने भागने की कोशिश की और इस दौरान हुई भगदड़ में 23 लोग मारे गए। घायलों में सात सुरक्षाकर्मी और जेल संस्थान के एक अधिकारी भी हैं। इनमें से दो की हालत नाजुक है।’’

जेलों को तोड़ने की बड़े पैमाने पर साजिश की गई: कैबेलो

कैबेलो ने कहा कि शनिवार रात को देश की कई जेलों में दंगे हुए। जेलों को तोड़ने की बड़े पैमाने पर साजिश की गई थी।उन्होंने कोरोनावायरस के संक्रमण फैलने की बात मानने से इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि लोग वायरस से बचने की कोशिश नहीं कर रहे थे। यह उनकी भागने की साजिश थी, जिसे नाकाम कर दिया गया। इसके पीछे स्वास्थ्य संबंधी भी कोई भी घटना जिम्मेदार नहीं है। अभी तक जेल में कोरोना संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है। बता दें कि कोलंबिया में अब तक संक्रमण के 231 मामले सामने आए हैं। इसमें दो लोगों की मौत हो चुकी है।



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कोलंबिया की राजधानी बोगोटा में ला मॉडेलो जेल के बाहर रोते मारे गए कैदियों के परिजन।

Hong Kong bans all non-resident arrivals over virus March 22, 2020 at 11:00PM

US secretary of state Pompeo visits Kabul amid multiple crises March 22, 2020 at 10:19PM

Pompeo 's visit comes just a day after the Afghan government and the Taliban held their first discussion on arranging prisoner exchanges -- a key step in a broader push for peace following a withdrawal deal signed between Washington and the militants last month.

UN to create global coronavirus fund: Norway foreign ministry March 22, 2020 at 08:56PM

The United Nations will create a fund to support the treatment of coronavirus patients worldwide, Norway's foreign ministry said on Monday. "A multi-donor fund under UN auspices will provide predictability for our partners and help to make the efforts more effective," Foreign minister Ine Eriksen Soereide said in a statement.

Pompeo rushes to Kabul to jumpstart flagging peace process March 22, 2020 at 09:13PM

US Secretary of State Mike Pompeo has arrived in Kabul on an urgent visit to try to move forward a peace deal signed last month with the Taliban. The trip comes despite the coronavirus pandemic, at a time when world leaders and statesmen are curtailing official travel.