Wednesday, August 26, 2020

January 7-9, 2015: Three days of terror that stunned France August 26, 2020 at 06:40PM

The clock has yet to strike midday on Wednesday January 7, 2015 at the headquarters of French satirical magazine Charlie Hebdo on the second floor of a 1980s Parisian building.

पाकिस्तान में पोलियो वैक्सीन चोरी करने वाले दो कर्मचारी गिरफ्तार; दुनिया में अब सिर्फ दो देशों में पोलियो बचा- पाकिस्तान और अफगानिस्तान August 26, 2020 at 07:24PM

पाकिस्तान में जानलेवा पोलियो के वैक्सीन भी चोरी किए जा रहे हैं। लाहौर में इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से एक हेल्थ ऑफिसर है। दूसरा उसका हेल्पर है। दोनों के पास पांच लाख रुपए के वैक्सीन बरामद किए गए हैं। दोनों आरोपियों को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के अलावा दुनिया के किसी देश में अब पोलियो नहीं बचा है। अफ्रीकी महाद्वीप के 42 देश भी अब इससे पूरी तरह मुक्त हो चुके हैं।

लाहौर में पकड़ी गई चोरी
‘समा टीवी’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार को कई दिनों से पोलियो वैक्सीन चोरी किए जाने की सूचनाएं मिल रहीं थीं। एक टास्क फोर्स को इसका पता लगाने को कहा गया। जांच के दौरान दो लोगों को बुधवार को गिरफ्तार किया गया। इनमें एक लाहौर का हेल्थ ऑफिसर शामिल है। उसके मददगार हेल्पर को भी गिरफ्तार किया गया। दोनों के पास से 5 लाख रुपए के वैक्सीन बरामद किए गए। जांच जारी है। आरोपियों को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा।

दो हफ्ते पहले एक बच्चे की मौत हुई थी
लाहौर के शालीमार पुलिस स्टेशन के एक अफसर ने कहा- हमने हेल्थ अफसर मोहसिन अली को गिरफ्तार किया है। उसका एक साथी भी गिरफ्तार किया गया है। दो हफ्ते पहले ही लाहौर में एक बच्चे की पोलियो के चलते मौत हुई थी। इस मौत की वजह से पाकिस्तान को दुनिया में काफी शर्मसार होना पड़ा था। यूएन, यूनिसेफ और रेडक्रॉस की तमाम मदद के बावजूद पाकिस्तान में पोलियो के मामले रुक नहीं रहे हैं। जबकि, नाइजीरिया और बाकी अफ्रीकी देश इससे मुक्त हो चुके हैं।

11 हजार पोलियो वर्कर्स को हटाया
पाकिस्तान सरकार ने 2 महीने में 11 हजार पोलियो वर्कर्स को नौकरी से हटाया है। सरकार के इस फैसले से देश में पोलियो रोकथाम के अभियान को झटका लगा है। 8 महीने में 64 पोलियो केस सामने आए। देश को पोलिया मुक्त बनाने के प्रोग्राम के प्रमुख राना मुहम्मद सफदर के मुताबिक- पोलियो वर्कर्स कोरोना महामारी की रोकथाम से जुड़े काम भी कर रहे थे। इसके बावजूद उन्हें हटा दिया गया।

मार्च से नहीं पिलाई गई पोलियो की खुराक
इस साल अप्रैल में इमरान सरकार ने एक आदेश जारी किया था। इसमें पोलियो वैक्सीनेशन कम करने को कहा गया था। यह कदम आर्थिक किल्लत की वजह से उठाया गया था। पाकिस्तान में कोराना का पहला मामला 2 फरवरी को सामने आया था। इसके एक महीने बाद मामले बढ़े तो पोलियो ड्रॉप पर भी पाबंदी लगा दी गई।



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पाकिस्तान में 8 महीने में पोलियो के 64 मामले सामने आ चुके हैं। दो बच्चों की मौत भी हुई। इसके बावजूद मार्च से अब तक 11 हजार पोलियो वर्कर्स को नौकरी से हटाया जा चुका है। (फाइल)

What’s going on with North Korean leader Kim Jong Un? August 26, 2020 at 06:39PM

North Korea state media released what appeared to be fresh images of Kim Wednesday, publishing photos of him leading a Politburo meeting, dressed in summer white. Still, the rumors about his health have persisted, due in part to North Korea’s long history of manipulating state media reports for political purposes.

Typhoon damages buildings, floods roads on Korean Peninsula August 26, 2020 at 06:18PM

Typhoon Bavi had maximum winds of 115 kilometers per hour and was passing near Pyongyang after making landfall in a western coastal region of North Korea that is a major source of farming and fishing, South Korea's weather agency said. It was forecast to weaken to a tropical storm in the next 12 hours.

नेपाल में अब विदेशी डिप्लोमैट्स सीधे राष्ट्रपति या नेताओं से नहीं मिल सकेंगे; चीन की एम्बेसेडर की हरकत से देश में नाराजगी थी August 26, 2020 at 06:39PM

नेपाल का विदेश मंत्रालय ने विदेशी राजनयिकों के लिए नियमों में बदलाव का फैसला किया। यानी प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार ‘डिप्लोमैटिक कोड ऑफ कंडक्ट’ बदलने जा रही है। इसके तहत अब कोई भी फॉरेन डिप्लोमैट किसी भी नेता से सीधे मुलाकात नहीं कर सकेगा। इसके लिए दूसरे देशों की तरह एक तय प्रक्रिया या प्रॉपर डिप्लोमैटिक प्रोटोकॉल और चैनल होगा।

कुछ महीने से नेपाल में सियासी संकट चल रहा है। इस दौरान चीन की राजदूत ने सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के कई नेताओं के अलावा राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी से तक सीधे मुलाकात की थी। इसको लेकर नेपाली मीडिया और यहां तक कि आम लोगों ने सवाल उठाए थे।

बदलाव की जरूरत क्यों
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नेपाल की फॉरेन मिनिस्ट्री चाहती है कि डिप्लोमैटिक प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। लिहाजा, नेपाल में भी वही नियम होने चाहिए जो दूसरे देशों में हैं। विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली ने माना है कि कोड ऑफ कंडक्ट में बदलाव किए जा रहे हैं। 2016 में कोड ऑफ कंडक्ट में बदलाव का प्रस्ताव तैयार हुआ था। बाद में इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

तैयारी भी शुरू
फॉरेन मिनिस्ट्री ने सात प्रांतों में अपने सात सेक्शन ऑफिसर भेजे हैं। इनकी तैनाती अब यही रहेगी। इन सेक्शन ऑफिसर की यह जिम्मेदारी होगी कि कोई भी फॉरेन डिप्लोमैट राज्य के किसी भी मंत्री या मुख्यमंत्री से प्रोटोकॉल तोड़कर मुलाकात न कर पाए। इस नियम के दायरे में सभी राजनीतिक दल और नेता आएंगे। कवायद का मकसद है कि फॉरेन डिप्लोमैट्स और मिशन नियमों का सख्ती से पालन करें।

चीनी राजदूत की हरकत
अप्रैल और जुलाई की शुरुआत में चीन की एम्बेसेडर हो यांगकी ने राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी से सीधे मुलाकात की। एनपीसीपी के कई नेताओं और प्रधानमंत्री ओली से भी उन्होंने प्रोटोकॉल के उलट मुलाकात की। इससे नेपाल में नाराजगी दिखी। भारत के एम्बेसेडर के बारे में भी यही कहा गया कि वे सीधे नेताओं से मुलाकात करते हैं। इस दौरान लद्दाख में चीन और भारत का तनाव चरम पर था। चीन की शह पर नेपाल ने भी भारत को आंखें दिखाने की कोशिश की थी।

नेपाल से जुड़ी ये खबरें भी आप पढ़ सकते हैं...
1. चीन की एम्बेसेडर यांगकी ने ही मई में ओली की कुर्सी बचाई थी, इस बार वे राष्ट्रपति और ओली के कट्‌टर विरोधी माधव कुमार से मिलीं
2. नेपाल के पीएमओ से लेकर आर्मी हेडक्वार्टर तक होउ यांगकी की पहुंच, भारत-नेपाल सीमा विवाद के पीछे भी इनका ही अहम रोल



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नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के साथ चीन की एम्बेसेडर हो यांगकी। आरोप है कि यांग्की नेपाल के अंदरूनी मामलों और सियासत में दखल देती हैं। (फाइल)

Mike Pence formally accepts Republican vice-presidential nomination August 26, 2020 at 05:14PM

Mike Pence accepted the nomination on the third night of the National Republican Convention, as a crowd in Baltimore, Maryland, cheered, "Four more years." Pence and Trump will challenge Democratic Patry's presidential candidate Joe Biden and his running mate Kamala Harris in the November election.

South Korea reports most daily cases since March August 26, 2020 at 05:49PM

South Korea urged businesses on Thursday to have employees work from home after reporting the highest daily number of coronavirus cases since March, as it also flagged the risks of new clusters at call centres and logistics warehouses.

न्यूजीलैंड की 2 मस्जिदों में पिछले साल 51 लोगों की हत्या करने वाले ऑस्ट्रेलियाई को उम्रकैद, जज ने कहा- दोषी हमारे देश में कत्लेआम मचाने आया था August 26, 2020 at 05:27PM

न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च शहर में पिछले साल 15 मार्च को दो मस्जिदों पर फायरिंग करने वाले ऑस्ट्रेलियाई को उम्रकैद सुनाई गई। उसे पैरोल भी नहीं मिलेगा। मस्जिदों में घुसकर की गई फायरिंग में 51 लोग मारे गए थे। 40 घायल हुए थे। हमलावर ने इस कत्लेआम की फेसबुक पर लाइव स्ट्रीमिंग की थी।

सजा सुनाते वक्त जज ने दोषी से कहा- तुम हमारे देश में सिर्फ कत्लेआम के मदसद से आए थे। इस देश को इंसानियत के लिए जाना जाता है।

पैरोल भी नहीं मिलेगा
ब्रेंटन को कुल 82 मामलों में सुनाई गई। हर कत्ल और हर इसके प्रयास के लिए सजा सुनाई गई। न्यूजीलैंड के इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी आरोपी को बिना पैरोल के उम्रकैद सुनाई गई। भारतीय समय के अनुसार, गुरुवार सुबह सजा का ऐलान किया गया। इस दौरान पीड़ित परिवार मौजूद रहे। इस मामले की सुनवाई एक साल में पूरी हुई थी। मार्च में ब्रेंटन को दोषी पाया गया था। 27 अगस्त को सजा सुनाई गई।

जज ने क्या कहा
ब्रेंटन की सजा का ऐलान क्राइस्टचर्च हाईकोर्ट के जज कैमरून मेंडर ने किया। कहा- यह जघन्य अपराध है। यह हैरान करने वाली बात है कि किसी व्यक्ति के अंदर इतनी नफरत भी हो सकती है। उसे अपने किए पर कोई पछतावा भी नहीं है। 29 साल का ब्रेंटन हत्यारा ही कहा जाएगा। जज ने ब्रेंटन से कहा- तुम हमारे देश में सिर्फ कत्लेआम मचाने आए थे।

क्या हुआ था पिछले साल 15 मार्च को
ब्रेंटन ऑटोमैटिक रायफल और मैग्जीन के साथ क्राइस्टचर्च की एक मस्जिद पहुंचा। अंदर घुसा और फायरिंग शुरू कर दी। 40 लोगों की मौत हुई। इसके बाद कुछ दूरी पर दूसरी मस्जिद में फायरिंग की। यहां 11 लोग मारे गए। ब्रेंटन 2017 में ऑस्ट्रेलिया से न्यूजीलैंड शिफ्ट हुआ था। यहां आकर किराए का मकान लिया। हथियार जुटाए। घटना की फेसबुक पर लाइव स्ट्रीमिंग भी की। न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने इस घटना को न्यूजीलैंड के इतिहास का सबसे काला दिन करार दिया था।



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क्राइस्टचर्च की दो मस्जिदों पर हमला करके 51 लोगों की जान लेने वाले ऑस्ट्रेलियाई ब्रेंटन को उम्रकैद सुनाई गई। सजा के ऐलान के बाद पुलिसकर्मियों से घिरा ब्रेंटन।

Laura gains strength, could bring 'unsurvivable' storm surge August 26, 2020 at 04:22PM

Laura strengthened Wednesday into a menacing Category 4 hurricane, raising fears of a 20-foot storm surge that forecasters said would be unsurvivable'' and capable of sinking entire communities. Ocean water topped by white-capped waves began rising ominously as the monster neared land.

फ्रांस में फिर तेजी से बढ़ा संक्रमण, एक दिन में पांच हजार से ज्यादा मामले सामने आए; दुनिया में 2.43 करोड़ केस August 26, 2020 at 04:22PM

दुनिया में कोरोनावायरस के अब तक 2 करोड़ 43 लाख 23 हजार 081 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 1 करोड़ 68 लाख 66 हजार 511 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 8 लाख 28 हजार 227 की मौत हो चुकी है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। फ्रांस में संक्रमण के मामले फिर तेजी से बढ़ने लगे हैं। यहां एक दिन में पांच हजार से ज्यादा मामले सामने आए। सरकार ने कहा कि वो हालात की जल्द समीक्षा करेगी।

फ्रांस: फिर पांच हजार मामले
फ्रांस में बुधवार को 5429 नए मामले सामने आए। खास बात यह है कि ये सभी मामले उन इलाकों में सामने आए हैं, जहां दूसरी बार लॉकडाउन हटाया गया है। इसके अलावा कुछ ऐसे क्लस्टर भी सामने आए हैं, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि यहां हाई रिस्क जोन अब भी बने हुए हैं। हेल्थ मिनिस्ट्री ने कहा है कि अप्रैल के बाद कुछ इलाकों में मामले तेजी से बढ़े हैं। अगर जरूरत हुई तो इन इलाकों में फिर लॉकडाउन किया जाएगा। फ्रांस में कुल मामले ढाई लाख से ज्यादा हो चुके हैं।

स्पेन : यहां भी हालात ठीक नहीं
यूरोपीय देश संक्रमण की दूसरी लहर का सामना कर रहे हैं। हेल्थ मिनिस्ट्री के मुताबिक, 3594 अकेले बुधवार को सामने आए। आज यहां हेल्थ मिनिस्ट्री के अफसरों की मीटिंग भी होने जा रही है। इसमें वैक्सीन के काम की समीक्षा के अलावा हालिया तौर पर उपलब्ध दवाओं के बारे में विचार किया जाएगा। देश में छह महीने पहले पहला मामला सामने आया था। लॉकडाउन हटाने के बाद एक बार फिर मामले तेजी से बढ़े हैं।

स्पेन के लेग्नी शहर के एक अस्पताल में बुधवार को कोरोना के गंभीर मरीज को वॉर्ड में ले जाते हेल्थ वर्कर। स्पेन में संक्रमण की दूसरी लहर सामने आई है। यहां बुधवार को 3 हजार से ज्यादा मामले सामने आए।

जॉर्डन : अम्मान ने लॉकडाउन
जॉर्डन में एक बार फिर लॉकडाइन की तैयारी है। पहले चरण में राजधानी अम्मान में लॉकडाउन किया जाएगा। यहां की हेल्थ मिनिस्ट्री ने एक बयान में कहा- अब सख्त कदम उठाने के अलावा कोई रास्ता नहीं है। अगर लोग सावधानी रखते तो शायद इस तरह के कदम नहीं उठाने पड़ते। शुक्रवार को अम्मान में लॉकडाउन लगाया जा रहा है। लॉकडाइन इतना सख्त रहेगा कि मेडिकल स्टोर्स के अलावा किसी बिजनेस को खोलने की मंजूरी नहीं दी गई है।

फोटो जॉर्डन की राजधानी अम्मान की है। जून में यहां लॉकडाउन लगाया गया। सरकार ने लोगों से मास्क लगाने और सोशल डिस्टैंसिंग की अपील की। इसके बावजूद गंभीरता नहीं दिखाई गई। अब फिर हालात बिगड़े तो सरकार राजधानी में लॉकडाइन लगाने जा रही है। (फाइल)

साउथ कोरिया : डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द
दक्षिण कोरिया में मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। यही वजह है कि यहां सभी डॉक्टरों की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई हैं और उन्हें काम पर लौटने को कहा गया है। खास बात यह है कि इन सबके बावजूद देश के डॉक्टर तीन दिन की हड़ताल पर जाने पर अड़े हैं। दूसरी तरफ सरकार ने कहा है कि वो समय रहते हालात पर काबू पाना चाहती है, इसके लिए सख्त कदम उठाने पर भी विचार किया जा सकता है।



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फ्रांस के सेंट कैथरीन में मास्क लगाए लोग। हालांकि, सोशल डिस्टैंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा। यहां टूरिस्ट भी आने लगे हैं। संक्रमण की दूसरी लहर यहां भी है। बुधवार को पांच हजार से ज्यादा केस सामने आए। (फाइल)

New Zealand court sentences mosque shooter to life imprisonment without parole August 26, 2020 at 04:10PM

Brenton Tarrant, a 29-year-old Australian, admitted to 51 charges of murder, 40 counts of attempted murder and one charge of committing a terrorist act during the 2019 shooting rampage at two Christchurch mosques which he livestreamed on Facebook.

ट्रम्प समर्थकों की जानलेवा धमकी से पत्रकार जिम को बाॅडीगार्ड रखना पड़ा, चुभते सवाल पूछने वाले दाते को अनसुना करते हैं ट्रम्प August 26, 2020 at 02:41PM

(न्यूयॉर्क से भास्कर के लिए मोहम्मद अली) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का कार्यकाल मीडिया से बिगड़े संबंधों के लिए यादगार बनता जा रहा है। पत्रकारों के तीखे सवालों से ट्रम्प कई बार प्रेस-ब्रीफिंग भी छोड़कर जा चुके हैं। कैमरे के सामने उनके सवाल अनसुना करने का दिखावा कर चुके हैं और तंग आकर मीडिया और पत्रकारों को ‘लोगों का दुश्मन’ बता चुके हैं।

सीएनएन के जिम अकोस्टा, हफिंग्टन पोस्ट के एसवी दाते और क्रिस वॉलेस ऐसे ही पत्रकार हैं जिन्हें देखते ही ट्रम्प के हाव-भाव बदल जाते हैं। इनसे भास्कर ने बात की और जाना कि आखिर क्यों ट्रम्प उनके निशाने पर रहते हैं। पढ़ें संपादित अंश...

गुस्सा आया ताे ट्रम्प ने सीएनएन को ‘लोगों का दुश्मन’ बताया

सीएनएन के पत्रकार जिम अकोस्टा को ट्रम्प समर्थकों से धमकियां मिलती हैं। उन्हें बॉडीगार्ड तक रखने पड़े। 2018 में उनके सवाल से झल्लाए ट्रम्प ने जिम व सीएनएन काे ‘लोगों का दुश्मन’ तक कह डाला। जिम कहते हैं कि अमेरिका में इस वक्त ऐसा माहौल है कि पत्रकारों को भी बॉडीगार्ड्स रखने पड़ रहे हैं। आप समझ सकते हैं कि इन हालात में हम कैसे काम कर रहे हैं।

सीएनएन के पत्रकार जिम अकोस्टा।

ट्रम्प को लगता है कि मेरी वजह से उनकी छवि को नुकसान पहुंचा है

हफिंग्टन पोस्ट के शिरीष दाते ने ट्रम्प से पूछा था- आपने जितने झूठ बोले हैं, उन पर पछतावा है? ट्रम्प बिना उत्तर दिए ही परे देखने लगे। दाते कहते हैं- ट्रम्प को लगता है मेरी किताब ‘द यूजफुल इडियट: हाउ डोनाल्ड ट्रम्प किल्ड द रिपब्लिकन पार्टी विथ रेसिज्म एंड कोरोनावायरस’ से उनकी छवि खराब हुई है। मैं काफी समय से यह सवाल पूछना चाहता था। लेकिन मौका अब मिला।

हफिंग्टन पोस्ट के शिरीष दाते।

सच से कतराते हैं ट्रम्प, काेराेना से निपटने का उनका तरीका गलत

फॉक्स न्यूज के क्रिस वॉलेस ने जुलाई में ट्रम्प का इंटरव्यू लिया था। वे लगातार सवाल पूछ रहे थे और ट्रम्प जवाब नहीं दे पा रहे थे। कोरोना से निपटने के तरीके से जुड़े सवाल पर उनकी हालत देखने लायक थी। क्रिस कहते हैं, ट्रम्प सच से कतराते हैं, उनका सामना नहीं कर पाते। यही वजह है कि महामारी आने के बाद अमेरिकी लोगों का विश्वास ट्रम्प की जगह बिडेन पर बढ़ता जा रहा है।

फॉक्स न्यूज के क्रिस वॉलेस।


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व्हाइट हाउस के इन संवाददाताओं से राष्ट्रपति ट्रम्प असहज हो जाते हैं, कई बार प्रेस ब्रीफिंग भी अधूरी छोड़ चुके। -फाइल फोटो

दुनिया में सैन्य शासन के समर्थक बढ़ रहे, सबसे बुरा असर कमजोर लोकतंत्र वाले देशों में देखा गया August 26, 2020 at 02:40PM

पिछले 25 सालों में दुनिया भर में लोकतंत्र की स्थिति कमजोर हुई है और निरंकुश शासन या तानाशाही का समर्थन करने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है। सबसे बुरा असर कमजोर लोकतंत्र वाले देशों में देखा गया है। पश्चिमी देशों में बाकी दुनिया की तुलना में लोकतंत्र को ज्यादा समर्थन मिला है। यह जानकारी वर्ल्ड वैल्यूज सर्वे और यूरोपियन वैल्यू सर्वे के विश्लेषण में सामने आई है। इनमें दुनिया भर में शासन व्यवस्था को लेकर लोगों की राय ली जाती है।

45% लोकतंत्र, 25% सैन्य शासन के समर्थन में

सर्वे के मुताबिक दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में तानाशाही या निरंकुश शासन का समर्थन बढ़ा है। 10% लोगों ने तो लोकतंत्र को बुरा तक बताया है। हालांकि, लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था के समर्थक लोगों की संख्या इनसे करीब साढ़े चार गुना ज्यादा है। एक चौथाई लोगों ने सैनिक शासन का समर्थन किया है।

अमेरिका में सैन्य शासन के समर्थक 3 गुना बढ़े

चौंकाने वाली बात यह है कि अमेरिका, बांग्लादेश और फिलीपींस में सैन्य शासन के समर्थक बढ़े है। 1998 से अब तक इन देशों में सैन्य शासन का समर्थन करने वालों की संख्या तीन से पांच गुना तक बढ़ी है।

इराक और रूस में लोकतंत्र के समर्थक बढ़ रहे

  • सद्दाम हुसैन की तानाशाही झेल चुके इराक में लोकतंत्र की मांग तेज हुई है। इराक में 10 में 4 लोगों ने लोकतांत्रिक सत्ता का समर्थन किया है। वहीं, रूस में लोकतंत्र को खराब बताने वालों की संख्या करीब दोगुना घट गई है।
  • तानाशाही को सबसे ज्यादा समर्थन मेक्सिको में: तानाशाह या चुनावों की परवाह न करने वाले नेता को सबसे ज्यादा समर्थन मेक्सिको में मिला है। ऐसे लोगों की संख्या 39% से बढ़कर 70% हो गई है। वहीं न्यूजीलैंड में यह संख्या 2% घटकर 15% हो गई है।

- द इकोनॉमिस्ट टाइम्स से विशेष अनुबंध के तहत।



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सर्वे के मुताबिक दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में तानाशाही या निरंकुश शासन का समर्थन बढ़ा है। 10% लोगों ने तो लोकतंत्र को बुरा तक बताया है।

भारतीय सॉफ्टवेयर डेवलपर समेत 5 प्रवासियों को समारोह में दी गई अमेरिका की नागरिकता; ट्रम्प बोले- मैंने प्रवासियों के लिए काफी कुछ किया August 26, 2020 at 10:48AM

विवादित वीजा पॉलिसी और अप्रवासी नागरिकों को लेकर लिए गए फैसले पर फजीहत करा चुके अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अब प्रवासी नागरिकों को चुनावी फायदा के लिए साधने में जुट गए हैं। बुधवार को इसकी बानगी देखने को मिली। ट्रम्प ने व्हाइट हाउस में न केवल प्रवासियों के नागरिकता शपथ समारोह की अध्यक्षता की बल्कि खुद को प्रवासियों का सबसे बड़ा हितैषी भी बताया।

न्यूज एजेंसी के मुताबिक, व्हाइट हाउस में रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने लीगल इमिग्रेशन पर अपना समर्थन दिखाया। इस दौरान भारतीय सॉफ्टवेयर डेवलपर सुधा सुंदरी समेत 5 प्रवासियों को अमेरिकी नागरिकता की शपथ दिलाई।

इस दौरान उन्होंने दावा किया कि उनके 4 साल के कार्यकाल में प्रवासियों के लिए काफी कुछ किया गया। 10 मिनट के इस समारोह में ट्रम्प ने कहा कि कुछ लोग जानबूझकर राजनीतिक फायदा उठाने के लिए उन्हें प्रवासियों के खिलाफ बताने की कोशिश में जुटे रहे।

ट्रम्प ने भारतीय सॉफ्टवेयर डेवलपर सुधा सुंदरी को अमेरिकी नागरिकता की शपथ दिलाई।

भारतीय परिवेश में दिखीं सुधा

समारोह में सुधा भारतीय परिवेश में दिखीं। इसे ट्रम्प ने भी नोटिस किया। उन्होंने सुधा सुंदरी नारायणन के बारे में बताया कि वह 13 सालों से अमेरिका में रह रही हैं और उनके परिवार में उनके पति और दो प्यारे बच्चे हैं। ट्रम्प ने उनकी ओर सिर घुमाकर पूछा, 'वे आपके जीवन की बेशकीमती चीज हैं, सही कहा?' इस पर नारायणन ने ‘हां’ में सिर हिलाया।

सुधा के साथ होमलैंड सिक्यॉरिटी सेक्रटरी चाड वुल्फ ने सूडान की एक पशुचिकित्सक, एक बोलिविया, एक लेबनान और एक घाना से आए प्रवासियों को अमेरिका की नागरिकता दिलाई। ट्रम्प इस कार्यक्रम के जरिए खुद को प्रवासियों का सबसे बड़ा हितैषी बताने में जुटे थे। यही कारण है कि उन्होंने अलग-अलग संस्कृति और समुदाय के लोगों को नागरिकता देने के लिए चुना।

रिपब्लिकन ने ट्रम्प को नरम दिल इंसान के रूप में पेश करने की मुहिम शुरू की

अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी मानने लगी है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का उग्र स्वभाव उनकी चुनावी जीत में बड़ी बाधा बन सकता है। प्रतिद्वंद्वी डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बिडेन अपने शांत स्वभाव का फायदा पा सकते हैं। इसलिए अब रिपब्लिकन ने ट्रम्प को नरम दिल इंसान के रूप में पेश करने की मुहिम शुरू कर दी है।

इसका मकसद उन उपनगरीय वोटरों का विश्वास दोबारा हासिल करना है, जो कोरोना संकट में ट्रम्प के रूखे स्वभाव ओर झूठ के चलते उनसे दूर होते जा रहे हैं। ट्रम्प की 2016 की जीत में इन वोटरों की अहम भूमिका थी।

इन उपनगरों में गरीब, अश्वेत, प्रवासी लोग ज्यादा रहते हैं

फॉक्स न्यूज सर्वे के मुताबिक ट्रम्प ने तब उत्तरी कैरोलिना के उपनगरों को 24 अंकों से जीता था। इस बार वे यहां 21 अंकों से हार सकते हैं। फ्लोरिडा में ट्रम्प 10 अंकों से जीते थे। वहां अब 6 अंकों से हार सकते हैं। रिपब्लिकन राष्ट्रपति चुनाव में उपनगरों में 1980 से सिर्फ तीन बार 1992, 1996, 2008 में हारी है। इन उपनगरों में गरीब, अश्वेत, प्रवासी लोग ज्यादा रहते हैं।

उधर, ट्रम्प की चुनाव अभियान टीम ने ‘नो मिस्टर नाइस गाई’ (कोई नरम दिल इंसान नहीं है) विज्ञापन जारी किया है। इसका मकसद डेमोक्रेट के उस अभियान को निशाना बनाना है, जिसमें प्रचारित किया गया था कि बिडेन करुणा के प्रतीक हैं।



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व्हाइट हाउस में प्रवासियों के नागरिकता शपथ समारोह की अध्यक्षता करते राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प।

Pressure mounts on Russia to investigate Navalny's poisoning August 26, 2020 at 04:29AM

Kremlin spokesman Dmitry Peskov reiterated on Wednesday that Moscow "categorically" disagreed with "hasty" conclusions that Navalny was a victim of an intentional poisoning, and said it doesn't want the situation to affect its ties with the West.

श्रीलंका के विदेश सचिव ने कहा- हमारी विदेश नीति में 'इंडिया फर्स्ट' को ही तवज्जो; श्रीलंका में चीन की बढ़ती मौजूदगी चिंता का सबब August 26, 2020 at 03:06AM

सीमा विवाद को लेकर चीन के साथ जारी तनाव के बीच श्रीलंका से भारत के लिए अच्छी खबर आई। श्रीलंका ने कहा है कि वो अपनी नई विदेश नीति के तौर पर 'इंडिया फर्स्ट' अप्रोच ही अपनाएगा। श्रीलंका के विदेश सचिव जयनाथ कोलंबेज ने कहा- श्रीलंका में चीन की बढ़ती मौजूदगी हमारे लिए चिंता का विषय है।

राष्ट्रपति राजपक्षे भी 'इंडिया फर्स्ट' के पक्ष में
श्रीलंकाई अखबार डेली मिरर को दिए इंटरव्यू में कोलंबेज ने इशारा दिया कि उनकी सरकार चीन के दबाव में नहीं आएगी। कोलंबेज ने कहा- श्रीलंका अपने क्षेत्रीय विदेश संबंधों को लेकर इंडिया फर्स्ट की नीति अपनाएगा। इसका मतलब यह हुआ कि श्रीलंका ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगा, जो भारत के सुरक्षा हितों के खिलाफ हों। राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे का भी यही मानना है। कोलंबेज 2014-16 के बीच श्रीलंका नेवी के चीफ रहे। इसके बाद विदेश नीति समीक्षक बने। कोलंबेज देश के पहले ऐसे विदेश सचिव हैं, जिनका सेना से सीधा संबंध रहा है।

पोर्ट में निवेश के लिए भारत ही पहली पसंद था
उन्होंने कहा- चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। भारत को छठवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था माना जाता है। 2018 में भारत दुनिया की सबसे तेज उभरती हुई अर्थव्यवस्था था। इसका मतलब है कि हम दो इकोनॉमिक जाइंट्स (आर्थिक महाशक्तियां) के बीच हैं।
उन्होंने कहा - श्रीलंका ये कभी भी बर्दाश्त नहीं करेगा कि कोई देश अपने फायदे के लिए भारत जैसे किसी दूसरे देश के खिलाफ हमारा इस्तेमाल करे। हम्बनटोटा के दक्षिणी पोर्ट में चीनी निवेश पर टिप्पणी करते हुए कोलंबेज ने कहा- हमने पहला ऑफर भारत को ही दिया था। हालात के चलते भारत तब इसे नहीं ले पाया था। बाद में यह चीनी कंपनी के पास चला गया।

2017 में 99 साल की लीज पर चीन को सौंपा था पोर्ट
हम्बनटोटा पर आगे क्या होगा? इस पर कोलंबेज ने कहा- हम्बनटोटा की 85% हिस्सेदारी चीनी मर्चेंट होल्डिंग कंपनी के पास है। लेकिन, इसका इस्तेमाल सिर्फ कमर्शियल एक्टिविटीज के लिए ही किया जा सकता है, सैन्य उपयोग नहीं होगा।

2017 में श्रीलंका ने हंबनटोटा पोर्ट को 99 साल की लीज पर चीन को सौंप दिया था। इसको लेकर भारत को चिंताएं थीं। भारत ने कहा था कि चीन यहां मिलिट्री बेस बना सकता है।



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श्रीलंका के विदेश सचिव जयनाथ कोलंबेज के मुताबिक, श्रीलंका ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगा, जो भारत के सुरक्षा हितों के खिलाफ हो। (फाइल फोटो)

मोस्ट वॉन्टेड दाऊद इब्राहिम से छुटकारा पाना चाहती है इमरान सरकार, आर्मी भी उसे खत्म कर देना चाहती है, लेकिन पाक से बाहर August 26, 2020 at 02:17AM

भारत के मोस्ट वॉन्टेड दाऊद इब्राहिम को करीब दो दशक से पाल रहा पाकिस्तान अब उससे छुटकारा पाना चाहता है। लेकिन, इसमें भी वो अपने ही जाल में फंस गया है। सरकार उसे भारत को सौंपने तैयार हो सकती लेकिन, सेना इसके लिए तैयार नहीं है। सेना उसे पाकिस्तान से बाहर कहीं मार देना चाहती है। सबसे बड़ी बात यह है कि फौज और सरकार को जल्द ही कोई फैसला लेना होगा। क्योंकि, अक्टूबर में पाकिस्तान को फाइनेंशियल टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के सामने आतंकियों पर की गई कार्रवाई का ब्योरा सौंपना है। और अनजाने में ही सही पाकिस्तान ने पिछले दिनों यह मान लिया था दाऊद पाकिस्तान में है।

फिलहाल, लंदन में रह रहे पाकिस्तानी लेखक और पत्रकार डॉक्टर अमजद अयूब मिर्जा ने दाऊद को लेकर पाकिस्तानी फौज और सरकार की कश्मकश का खुलासा किया है। मिर्जा का इस मसले पर एनालिसिस पढ़िए...

एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट
पाकिस्तान को अगर दिवालिया होने से बचना है तो एफएटीएफ की हर शर्त पूरी करनी होगी। क्योंकि, इसके बिना वर्ल्ड बैंक, आईएमएफ या एशियन डेपलपमेंट बैंक उसे कर्ज नहीं देंगे। वो जुलाई 2018 से ग्रे लिस्ट में है। आतंकियों पर सबूतों के साथ सख्त और निर्णायक कार्रवाई नहीं तो अक्टूबर में ब्लैक लिस्ट होने का खतरा सिर पर है। अब दाऊद पर भी फैसला करना ही होगा। क्योंकि, इमरान सरकार मान चुकी है कि दाऊद कराची में है। भारत दुनिया को इसके अनगिनत सबूत कई साल से दे रहा था।

फौज के लिए दाऊद इसलिए जरूरी था
1980 की शुरुआत में ही पाकिस्तानी फौज ने ड्रग तस्करी को कमाई का जरिया बनाया। अफगानिस्तान से अफीम और हेरोइन लाए जाते। फौज दाऊद इब्राहिम के नेटवर्क के जरिए इनकी इंटरनेशनल सप्लाई करती। यानी ड्रग सप्लाई दाऊद के गुर्गे करते। करोड़ों डॉलर कमाई होती और फिर बंटवारा। फौज के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल फजल हक को खैबर पख्तून्ख्वा का गवर्नर बनाया ही इसलिए गया ताकि तस्करी में दिक्कत न हो।

कहां जाता था ड्रग्स का पैसा
कमाई का एक हिस्सा आतंकी तैयार करने और मदरसे बनाने पर खर्च हुआ। नेताओं, जजों, पत्रकारों को मोटी रकम दी जाती ताकि वे किसी भी हालत में मुंह न खोलें। यूरोप, मिडिल-ईस्ट और अमेरिका में लाखों डॉलर से प्रापर्टीज खड़ी की गईं। 2015 में पाकिस्तानी मॉडल अयान अली इसी रैकेट की वजह से गिरफ्तार हुए थे। 2012 में कस्टम ऑफिसर हबीब अहमद ने कहा था- पाकिस्तान से हर साल 2 हजार टन हेरोइन स्मगल की जाती है। अफगानिस्तान में हर साल 6 हजार टन अफीम पैदा होती है।

अलगाववादी नेताओं को भी मिला हिस्सा
ड्रग्स की काली कमाई का एक बड़ा हिस्सा कश्मीर के अलगाववादी नेताओं के पास भी पहुंचता। इनमें यासीन मलिक, अली शाह गिलानी और कुछ दूसरे नाम शामिल थे। कश्मीर में हिंसा की आड़ लेकर तस्करी की जाती। इंडियन इंटेलिजेंस एजेंसीज और मुंबई पुलिस ने दाऊद के नेटवर्क को करीब-करीब खत्म कर दिया। 2003 में उसे ग्लोबल टेरेरिस्ट घोषित किया गया। अब पाकिस्तान ने जिन 88 आतंकियों पर दिखावे का एक्शन लिया है, उनमें दाऊद का नाम भी शामिल है।

बोझ क्यों बन गया लाड़ला
एफएटीएफ की शर्तें पूरी किए बगैर पाकिस्तान को कर्ज नहीं मिलने वाला। ड्रग्स का धंधा अब लगभग खत्म हो चुका। लिहाजा, सरकार और फौज के पास कोई रास्ता नहीं। वो फंस गए हैं। अगर दाऊद पर कार्रवाई होगी तो इसके सबूत देने होंगे। अब तक दाऊद की देश में मौजूदगी से इनकार करता रहा पाकिस्तान किस मुंह से दुनिया का सामना करेगा? फौज उसे जिंदा नहीं रखना चाहती। वो उसे मार तो सकती है लेकिन, यह राज छिपा नहीं पाएगी।

इधर कुआं, उधर खाई
फौज ने दाऊद को बाहर ले जाकर खत्म करने के लिए उसका कॉमनवैल्थ कंट्री डोमेनिका से पासपोर्ट बनवाया। उसे किसी कैरेबियाई देश भेजने का प्लान बनाया। लेकिन, भारतीय खुफिया एजेंसियों की पैनी नजर के चलते यह इरादा कामयाब नहीं हो पाया। दाऊद पाकिस्तान से बाहर नहीं निकल पा रहा। अगर दाऊद मारा गया तो फिर इमरान की कुर्सी भी नहीं बचेगी। फौज की कश्मकश तो अपनी जगह है ही।



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अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के नेटवर्क की बदौलत पाकिस्तानी फौज और आईएसआई ने ड्रग तस्करी की। लाखों डॉलर कमाए। अब यह बंद हो चुका है। फौज और सरकार दाऊद से छुटकारा तो पाना चाहती है लेकिन, रास्ता नहीं सूझ रहा है। (फाइल)

US rejects UN rights panel upholding access to abortions during pandemic August 26, 2020 at 01:04AM

The United States on Wednesday hit back at a UN women's rights panel that said some US states limited access to abortions during the Covid-19 pandemic, rejecting its interference and the notion of "an assumed right to abortion".

UK govt changes its mind on masks in English schools August 25, 2020 at 11:25PM

मां और पत्नी को जान से मारने के बाद बेटे को फोन कर कहा था- मैंने तुम्हारी मां और दादी का कत्ल कर दिया है, पुलिस को बता दो August 25, 2020 at 11:22PM

अमेरिका में पूर्व भारतीय एथलीट इकबाल सिंह को दोहरे कत्ल के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। 62 साल का इकबाल 1983 में कुवैत में हुए एशियन चैंपियनशिप में शॉटपुट चैंपियन रह चुका है। उसने इसमें ब्रॉन्ज मेडल जीता था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इकबाल ने बीते रविवार को पेनिसिल्वेनिया के न्यूटन टाउनशिप स्थित अपने घर पर पत्नी और मां का चाकू से गला रेतकर कत्ल कर दिया। इसके बाद उसने अपने बेटे को फोन कर कहा- मैंने तुम्हारी मां और दादी का कत्ल कर दिया है। पुलिस को फोन कर कहो कि मुझे ले जाए।

इकबाल ने अपनी बेटी को भी फोन कर यही बात दोहराई। इसके बाद दोनों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने इकबाल को गिरफ्तार कर लिया है। उसने ऐसा क्यों किया, इसकी वजह सामने नहीं आ सकी है।

खून से लथपथ मिला इकबाल

इकबाल ने मां और पत्नी का मर्डर करने के बाद अपने शरीर पर भी चाकू से कई वार किए थे। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो वह खून से लथपथ था। उसके घर में उसकी पत्नी जसपाल कौर और उसकी मां नसीब कौर की लाश मिली। पत्नी का शव मकान की पहली मंजिल पर पड़ा था, वहीं मां का शव सीढ़ियों पर था। दोनों को मौके पर ही मृत घोषित कर दिया गया। इकबाल घायल था, इसलिए उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया।

कोर्ट ने जमानत देने से इनकार किया

इकबाल को सोमवार को अस्पताल से छुट्‌टी मिलने के बाद मर्डर के फर्स्ट और थर्ड डिग्री चार्ज के साथ कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उस पर लगे गंभीर आरोपों पर गौर करते हुए उसे जमानत देने से इनकार कर दिया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा लगता है कि उसने अपना केस लड़ने के लिए कोई वकील नहीं रखा है। इकबाल फिलहाल अमेरिका में टैक्सी चलाने का काम कर रहा था। पड़ोस में रहने वाले लोगों ने बताया कि इकबाल अक्सर न्यूटन टाउनशिप में टहलता और मेडिटेशन करते नजर आता था।

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वारदात के बाद इकबाल सिंह के घर के बाहर पुलिस जांच पूरी होने का इंतजार करते उसके परिवार के सदस्य।

China warns of 'shadow' over ties with Australia, tells it to stop whining August 25, 2020 at 11:10PM

A top Chinese diplomat in Australia warned against a “shadow” over the two nations’ ties on Wednesday, saying that Beijing was disappointed by a Chinese firm’s failure to win Australian regulatory approval for a takeover deal.

चीन ने कहा- अमेरिका के दो जासूसी विमान हमारे देश में घुसे, कुछ भी हो सकता था; अमेरिका बोला- जो किया वो हमारा हक, नियम नहीं तोड़ा August 25, 2020 at 10:43PM

अमेरिका और चीन के बीच एक बार फिर तेजी से तनाव बढ़ गया है। चीन का आरोप है कि अमेरिका के दो एडवांस्ड यू-2 स्पाय प्लेन्स (जासूसी विमान) ने पिछले दिनों उसकी सीमा में घुसकर मिलिट्री ड्रिल को रिकॉर्ड किया। घटना उत्तरी चीन में हुई। हालांकि, सटीक लोकेशन की जानकारी नहीं दी गई। अमेरिका ने चीन के आरोप का खंडन तो नहीं किया किया, लेकिन कहा- हमने किसी नियम को नहीं तोड़ा।

दोनों देशों का यह तनाव इसलिए काफी गंभीर है क्योंकि पिछले ही महीने अमेरिका के दो फाइटर जेट्स शंघाई से महज 75 किलोमीटर की दूरी पर काफी देर तक उड़ान भरते नजर आए थे।

चीन ने कहा- ये नो फ्लाय जोन
चीन की डिफेंस मिनिस्ट्री के प्रवक्ता वु क्विन ने कहा- अमेरिकी नेवी के दो यू-2 एयरक्राफ्ट ने उत्तरी इलाके में हमारी सेना के अभ्यास की कई घंटे तक जासूसी की। इससे हमारी ट्रेनिंग पर असर हुआ। अमेरिका ने दोनों देशों के बीच समझौते का उल्लंघन है।

इससे सैन्य झड़प का खतरा
चीन के सरकारी मीडिया ने कहा- अमेरिका की यह हरकत बेहद खतरनाक है। अगर वो चीन के इलाके में घुसेगा तो इससे सैन्य झड़प हो सकती थी। बाद में यह बढ़ भी सकती थी। चीनी सेना वहां एक नहीं बल्कि दो जगह एक्सरसाइज कर रही थी।

अमेरिका ने क्या कहा
अमेरिका ने चीन के आरोपों का खंडन नहीं किया। सीएनएन से बातचीत में यूएस एयरफोर्स ने कहा- हमने अपनी हद में रहकर ही काम किया है। किसी नियम को नहीं तोड़ा। हम पहले भी हिंद महासागर में ऑपरेशन्स करते आए हैं। आगे भी करते रहेंगे। मिलिट्री एक्सपर्ट कार्ल चेस्टर ने कहा- मुझे चीन के दावे पर शक है। अमेरिका एयरक्राफ्ट को चीन में घुसने की जरूरत ही नहीं है। वो इतने हाईटेक हैं कि मीलों दूर से ही हर चीज की जानकारी हासिल कर सकते हैं।

चीन क्यों डरा
यू-2 स्पाय एयरक्राफ्ट पहली बार 1950 में नजर आए। यानी ये करीब 70 साल पुराने हैं। ये कई बार अपग्रेड किए गए। अमेरिका के पास इनसे कई गुना बेहतर स्पायर एयरक्राफ्ट भी हैं। यू-2 70 हजार फीट उपर से जमीन पर हो रही छोटी से छोटी हरकत पर नजर रखा सकता है। फोटोग्राफ ले सकता है और एचडी वीडियो बना सकता है। खास बात ये भी है कि इसे एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल इसे छू भी नहीं सकते।

लकीर पीटती रह गई चीनी सेना
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि यू-2 एयरक्राफ्ट कई घंटे तक चीन के आसमान में 70 हजार फीट की ऊंचाई पर मंडराते रहे। पूरी मिलिट्री एक्सरसाइट कैप्चर की। इसके बाद आराम से हिंद महासागर में अपने बेस पर लौट गए। चीन की सेना को इसकी भनक तक नहीं लगी। बाद में इमेजरी के जरिए इसका पता चला क्योंकि तब इनकी ऊंचाई काफी कम हो गई थी।

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यह अमेरिका का यू-2 स्पाय एयरक्राफ्ट है। 1950 में पहली बार नजर आया। इसके बाद कई बार अपग्रेड हुआ। चीन में पिछले दिनों ऐसे ही 2 एयरक्राफ्ट घुसे और कई घंटे मंडराते रहे। यू-2 को एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइलें नहीं छू सकतीं। (फाइल)

Navalny ally says only Putin could have authorised suspected poisoning August 25, 2020 at 09:28PM

A senior ally of Russian opposition politician Alexei Navalny said on Wednesday he believed only President Vladimir Putin could have authorised the suspected poisoning of the outspoken Kremlin critic.

Australian coronavirus antibody therapy aims for trial in early 2021 August 25, 2020 at 09:35PM

Australian researchers hope to start human trials of a coronavirus antibody therapy in early 2021, while a large-scale trial of a vaccine could begin by the end of this year, scientists said on Wednesday.

Grieving families reject NZ mosque shooter's 'white supremacist' world view August 25, 2020 at 09:09PM

The father of slain three-year-old Mucaad Ibrahim, the youngest victim in the New Zealand mosque shootings, told the white supremacist who gunned down his son that "true justice" awaited him in the next life and it would be more severe than prison.