Saturday, July 25, 2020

Pakistanis head terror groups ISIL-K, AQIS, TTP; not yet blacklisted: UN report July 25, 2020 at 07:26PM

The 26th report of the Analytical Support and Sanctions Monitoring Team concerning ISIL, al-Qaida and associated individuals and entities said that in April and May, the Afghan special forces conducted a series of countrywide operations and arrested the head of the ISIL-K Aslam Farooqi (also known as Abdullah Orokzai) and his predecessor Zia ul-Haq (also known as Abu Omar Khorasani) and others.

चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग की मांग, सड़कों पर उतरे लोग; उन पर हत्या के दोषी डीआईजी की सजा माफ करने का आरोप July 25, 2020 at 07:16PM

नेपाल में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले से बवाल हो गया है। 2012 में पत्नी के हत्या के दोषी डीआईजी को लोअर कोर्ट ने उम्रकैद सुनाई थी। ऊपरी अदालत ने सजा बरकरार रखी। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस चोलेंद्र शमशेर राणा ने दोषी की बाकी सजा माफ करते हुए उन्हें रिहा करने के आदेश दिए। डीआईजी रंजन कोइराला चीफ जस्टिस के दोस्त बताए जाते हैं। अब लोग चीफ जस्टिस पर महाभियोग की मांग कर रहे हैं।

पहले मामला जानिए
मामला जनवरी 2012 का है। डीआईजी कोइराला पर पत्नी गीता की हत्या और शव जलाने का आरोप लगा। पारिवारिक कलह के चलते कोइराला ने काठमांडू के सरकारी बंगले में गीता की गला घोंटकर हत्या की। शव के टुकड़े किए। फिर कुछ किलोमीटर दूर मकवानापुर के जंगल में जाकर इन्हें जला दिया। गड्ढे में जले हुए टुकड़े डालकर उन्हें मिट्टी से दबा दिया।

फोटो गुरुवार की है। तब पत्नी के कत्ल के दोषी रंजन कोइराला को जेल से रिहा किया गया था। उन्हें कम से कम 20 साल जेल में काटने थे। 8 साल में ही रिहाई हो गई।

कैसे पकड़े गए डीआईजी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गीता के परिवार ने रंजन पर गीता की हत्या का आरोप लगाया। इस बीच वो दो बार उस जगह गए, जहां उन्होंने लाश के टुकड़े जलाए थे। वे यह चेक करने गए थे कि कहीं कोई सबूत तो नहीं छूट गया है। स्थानीय लोगों को शक हुआ। उन्होंने रंजन को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया।

कोर्ट में क्या हुआ
काठमांडू जिला अदालत ने कोइराला को पत्नी गीता के कत्ल का दोषी पाया। उम्रकैद की सजा सुनाई। तब इसका मतलब 20 साल होता था। 2018 में कानून बदला। उम्रकैद की मियाद 25 साल तय हो गई। हाईकोर्ट ने यह सजा बरकरार रखी।

सुप्रीम कोर्ट और चीफ जस्टिस राणा का विरोध हो रहा है। विरोध प्रदर्शन करने वालों में ज्यादातर स्टूडेंट्स हैं। उनका आरोप है कि चीफ जस्टिस ने कत्ल के दोषी को रिहाई कराई है।

अब बवाल क्यों
रंजन ने सजा कम करने की अपील दायर की। चीफ जस्टिस राणा की अगुआई वाली बेंच ने 29 जून को चौंकाने वाला फैसला दिया। रंजन की सजा 8 साल 6 महीने कर दी। विरोध तभी से शुरू हो गया। लेकिन, सरकार और न्यायपालिका ने इसकी परवाह किए बिना गुरुवार को रंजन को जेल से रिहा कर दिया। अब लोग सड़कों पर उतर आए हैं। आरोप है कि रंजन कोइराला और चीफ जस्टिस राणा करीबी दोस्त हैं। इसी वजह से कत्ल के दोषी को रिहा किया गया है।



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काठमांडू की सड़कों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध हो रहा है। लोगों का आरोप है कि इस फैसले से लोगों का न्यायपालिका पर भरोसा खत्म हो जाएगा।

रेगिस फिलबिन का 88 साल की उम्र में निधन; अमिताभ का कौन बनेगा करोड़पति इन्हीं के शो से प्रेरित है July 25, 2020 at 07:09PM

मशहूर टीवी प्रेजेंटर रेगिस फिबिन का शनिवार को 88 साल के उम्र में निधन हो गया। उन्होंने अपने क्विज शो ‘हू वांट्स टू बी ए मिलेनियर’से दुनिया भर में नाम कमाया। उनके इसी शो पर भारत में अमिताभ बच्चन के साथ कौन बनेगा करोड़पति बनाया गया। फिबिन के परिजनों ने उनकी मौत की पुष्टि की। उनके परिवार ने कहा- हम फिलबिन के जाने से काफी दुखी हैं। हमारे प्यारे फिबिन अपने 89 वें जन्मदिन से महज कुछ दिन पहले चल बसे। उनकी मौत प्राकृतिक कारणों से हुई।

फिबिन न्यूयॉर्क के रहने वाले थे। क्विज शो होस्ट करने से पहले वे अमेरिकी आर्मी में अपनी सेवाएं दे चुके थे। वे एक जर्नलिस्ट भी रहे। उन्होंने अमेरिका के प्रमुख न्यूज चैनलों पर कई स्पोर्ट्स न्यूज शो के लिए एंकरिंग की थी।

ट्रम्प ने कहा- वे शानदार व्यक्ति थे

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्वीट किया, ‘‘ टेलीविजन के इतिहास की महान शख्सियतों में से एक रेगिस फिबिन नहीं रहे। एक शानदार इंसान और मेरे दोस्त थे। वह हमेशा मुझसे राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए कहा करते थे। उनके पास सबसे ज्यादा लाइव टेलीविजन शो करने का रिकार्ड था। उन्होंने काफी अच्छा काम किया। हम आपसे प्यार करते हैं रेगिस।

28 साल लगातार होस्ट किया मॉर्निंग शो

फिबिन ने एक अमेरिकी चैनल पर 28 साल तक न्यूज शो होस्ट किया था। उनके इस शो का नाम ‘लादव विद रेगिस एंड केली’ था। अपने इस शो में वह बड़ी खबरों को मजेदार ढंग से बताया करते थे। इस शाे के आखिरी एपिसोड में उन्होंने कहा था- मैं आप लोगों के साथ बिताई गई सुबह हमेशा याद रखूंगा। उन्होंने 1960 में अपने टेलीविजन कैरियर की शुरुआत की थी।

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टीवी प्रेजेंटर रेगिस फिबिन के नाम सबसे ज्यादा टीवी शो होस्ट करने का रिकार्ड था। उन्होंने अमेरिका के एक मार्निंग शो को 28 साल तक होस्ट किया था।-फाइल फोटो

महामारी शुरू होने के करीब 7 महीने बाद संदिग्ध मरीज मिला, तानाशाह किम ने साउथ कोरिया से सटे शहर में इमरजेंसी लगाई July 25, 2020 at 06:33PM

कोरोना महामारी शुरू होने के करीब 7 महीने बाद नॉर्थ कोरिया में संक्रमण का पहला संदिग्ध मामला सामने आया। इसे गंभीरता से लेते हुए तानाशाह किम जोंग उन ने साउथ काेरिया से सटे कीसॉन्ग शहर को लॉकडाउन करने का आदेश दिया है। सरकारी मीडिया के मुताबिक, संदिग्ध संक्रमित एक भगोड़ा है। वह तीन साल पहले नॉर्थ कोरिया छोड़कर भाग गया था। वह 19 जुलाई को गैरकानूनी तरीके से सीमा पार कर देश में पहुंचा था।

मामले का पता चलते ही उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने शनिवार को पोलित ब्यूरो की इमरजेंसी बैठक बुलाई। इसमें कीसॉन्ग में इमरजेंसी लगाने के साथ ही टॉप क्लास अलर्ट जारी करने का फैसला किया गया। अब उन लोगों की पहचान की जा रही है, जो इस संदिग्ध के संपर्क में आए हैं। इन सभी को क्वारैंटाइन किया जाएगा।

पुष्टि होने पर देश का पहला आधिकारिक मामला होगा
अगर मामले की पुष्टि होती है तो यह नॉर्थ कोरिया का पहला आधिकारिक मामला होगा। नॉर्थ कोरिया इस साल जनवरी में पड़ोसी देश चीन में संक्रमण फैलने के बाद सतर्क हो गया था। किम ने सभी बॉर्डर सील कर दिए थे। इससे हजारों लोग आइसोलेशन में चले गए थे। राजधानी प्योंगयांग में काम करने वाले सभी अफसरों के लिए भी एक महीने का क्वारैंटाइन जरूरी कर दिया था। हालांकि, इस बीच यहां संक्रमण पहुंचने की अपुष्ट खबरें भी कई बार सामने आई थी।

महामारी से देश पर पड़ सकता है असर

नॉर्थ कोरिया दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल है, जिसने महामारी से बचने के लिए सबसे पहले कदम उठाए। देश की अर्थव्यवस्था चीन से होने वाले बिजनेस पर चलती है। इसके बावजूद इसने खतरे को देखते हुए चीन से होने वाला व्यापार पूरी तरह रोक दिया। इस वजह से इसकी कमाई पहले से कम हो गई। यहां पर स्वास्थ्य सुविधाएं दूसरे देशों की तुलना में बेहतर नहीं है। अब अगर महामारी फैलती है तो नार्थ कोरिया पर इसका बुरा असर होगा।

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यह फोटो 25 जुलाई की है, जो नॉर्थ कोरिया के सरकारी मीडिया ने जारी की है। संदिग्ध मिलने के बाद किम जोंग ने इमरजेंसी बैठक में अफसरों से टॉप क्लास अलर्ट जारी करने को कहा।

हन्ना तूफान टेक्सास की तरफ बढ़ा, 145 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रहीं, भारी बारिश July 25, 2020 at 05:32PM

अटलांटिक महासागर में इस साल के पहले तूफान हन्ना ने अमेरिका के टेक्सास राज्य में परेशानियां बढ़ा दी हैं। यह राज्य कोरोनावायरस से भी काफी प्रभावित रहा है। तूफान की वजह से यहां शनिवार दोपहर के बाद अचानक मौसम बदला। 145 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं और तेज बारिश हुई। कई हिस्सों में बाढ़ का खतरा है।

मौसम विभाग ने क्या कहा

यूएस नेशनल हरिकेन सेंटर और मौसम विभाग ने अलग-अलग बयान जारी किए। मौसम विभाग ने कहा- कैटेगरी 1 का तूफान टेक्सास के दक्षिणी हिस्से से टकरा चुका है। लोगों को बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। पेड्रे आइलैंड्स और मैक्सिको के कुछ हिस्सों तक इसका असर रहेगा। इसकी वजह से भारी बारिश और जानलेवा बाढ़ का खतरा है। लोगों को काफी सावधानी बरतनी होगी।

समुद्र की तरफ बिल्कुल न जाएं

हरिकेन सेंटर ने कहा- हम लोगों को आगाह करते हैं कि वो किसी भी समुद्री तट पर न जाएं। 6 फीट से ज्यादा ऊंची लहरें उठ रही हैं। तेज हवाओं के चलते ये बेहद खतरनाक साबित हो सकती हैं। सोमवार तक 45 सेंटीमीटर तक बारिश होने का खतरा है। इस दौरान लोगों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।

अलर्ट पर टीमें

लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने कहा है कि तूफान के दौरान बिजली की सप्लाई कई जगह बंद की जा सकती है, क्योंकि इससे लाइनें टूटने का खतरा है। लिहाजा, लोग इसके लिए तैयार रहें। रेस्क्यू टीमें कई जगहों पर तैनात की गई हैं। इसके अलावा हेल्थ डिपार्टमेंट को भी अलर्ट पर रखा गया है। प्रशासन ने कहा है कि सोमवार तक ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है।

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फोटो शनिवार की है। टेक्सास के क्रिस्टी सिटी बीच पर कुछ लोग टहलते नजर आए। शाम को यहां मौसम तेजी से बदला। 145 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं और तेज बारिश का दौर शुरू हो गया।

प्रधानमंत्री ओली के विरोधी प्रचंड ने कहा- प्रधानमंत्री जिद पर अड़े हैं, पार्टी में टूट की आशंका अब सबसे ज्यादा July 25, 2020 at 05:17PM

नेपाल की सियासत में कुछ दिन की शांति के बाद फिर घमासान शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की इस्तीफे की मांग पर अड़े मुख्य विरोधी पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड ने माना है कि सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी में टूट का खतरा बढ़ रहा है। प्रचंड के मुताबिक, ओली इस जिद पर अड़े हुए हैं कि वे पार्टी अध्यक्ष और प्रधानमंत्री पद में से किसी पद से इस्तीफा नहीं देंगे। यही विवाद की सबसे बड़ी जड़ है।

दो हिस्से में बंट सकती है पार्टी
नेपाल में सियासी घमासान करीब दो महीने से जारी है। लेकिन, पिछले हफ्ते इस तरह के संकेत मिले थे कि प्रचंड और ओली समझौते के करीब हैं। ये भी साफ है कि दोनों नेताओं पर समझौते का दबाव है। लेकिन, शनिवार को प्रचंड के बयान से साफ हो जाता है कि दोनों नेता अलग राह पर चल रहे हैं। यही वजह है कि पार्टी में फूट का खतरा अब करीब दिखने लगा है।

प्रचंड का बड़ा आरोप
पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड ने ओली पर गंभीर आरोप लगाया। इसके सबूत भी दिखाए। प्रचंड ने कहा- एक तरफ तो प्रधानमंत्री सबको साथ लेकर चलने की बात करते हैं, दूसरी तरफ वो अलग पार्टी बनाने की तैयारी कर रहे हैं। हम इसे कामयाब नहीं होने देंगे। ओली ने कुछ लोगों को साथ लेकर सीपीएन- यूएमएल नाम से नेशनल इलेक्शन कमीशन में एक नई पार्टी रजिस्टर करा ली है।

देश का नुकसान
प्रचंड ने आगे कहा- यह किस तरह की सियासत है। नई पार्टी बनाने की हरकत तब की गई जब ओली से मेरी बातचीत चल रही थी। क्या इससे ये साफ नहीं हो जाता कि एक तरफ तो वे समझौते की बात करते हैं, दूसरी तरफ सत्ता में बने रहने के लिए गलत तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे सिर्फ पार्टी नहीं बल्कि देश का भी काफी नुकसान हो रहा है। देश के विकास के लिए राजनीतिक स्थिरता सबसे जरूरी है। हमें लोगों के भरोसे को कायम रखना होगा।

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फोटो नेपाल में प्रधानमंत्री के मुख्य विरोधी पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री ने अपने समर्थकों के जरिए इलेक्शन कमीशन में एक नई पार्टी का रजिस्ट्रेशन करा लिया है। (फाइल)

China reports 46 new coronavirus cases July 25, 2020 at 04:42PM

China on Sunday reported 46 new coronavirus cases in the last 24 hours, Sputnik reported citing the National Health Commission. China has confirmed a total of 83,830 cases, with a death toll of 4,634.

North Korea reports first 'suspected' Covid-19 case, imposes maximum emergency system July 25, 2020 at 04:17PM

उत्तर कोरिया में संक्रमण का पहला संदिग्ध मामला सामने आया, किम जोंग ने कीसॉन्ग शहर को लॉकडाउन करने का आदेश दिया, दुनिया में 1.60 करोड़ केस July 25, 2020 at 04:37PM

दुनिया में कोरोनावायरस के अब तक 1 करोड़ 61 लाख 99 हजार 447 संक्रमित मिल चुके हैं। इनमें 99 लाख 12 हजार 966 ठीक हो चुके हैं, जबकि 6 लाख 48 हजार 603 की मौत हो चुकी है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। उत्तर कोरिया में शनिवार को संक्रमण का पहला संदिग्ध मामला सामने आया। इसे गंभीरता से लेते हुए तानाशाह किम जोंग उन ने कीसॉन्ग शहर को लॉकडाउन करने का आदेश दिया। सरकारी मीडिया के मुताबिक, संदिग्ध संक्रमित एक भगोड़ा है। वह तीन साल पहले उत्तर कोरिया छोड़कर भाग गया था। वह 19 जुलाई को गैरकानूनी ढंग से बॉर्डर क्रॉस कर देश में पहुंचा था।

अगर मामले की पुष्टि होती है तो यह उत्तर कोरिया का पहला आधिकारिक मामला होगा। उत्तर कोरिया इस साल जनवरी में पड़ोसी देश चीन में संक्रमण फैलने के बाद सतर्क हो गया था। इसने अपने सभी बॉर्डर सील कर दिए थे। इससे हजारों लोग आइसोलेशन में चले गए थे। हालांकि, इस बीच यहां संक्रमण पहुंचने की अपुष्ट खबरें भी कई बार सामने आई थी।

10 देश जहां कोरोना का असर सबसे ज्यादा

देश

कितने संक्रमित कितनी मौतें कितने ठीक हुए
अमेरिका 43,15,709 1,49,398 20,61,692
ब्राजील 23,96,434 86,496 16,17,480
भारत 13,85,494 32,096 8,86,235
रूस 8,06,720 13,192 5,97,140
द.अफ्रीका 4,34,200 6,655 2,63,054
पेरू 3,75,961 18,030 2,63,130
मैक्सिको 3,85,036 43,374 2,47,178
चिली 3,43,592 9,020 3,16,169
स्पेन 3,19,501 28,432 उपलब्ध नहीं
ब्रिटेन 2,98,681 45,738 उपलब्ध नहीं

दुनिया में हर हफ्ते 10 लाख मामले बढ़े: डब्ल्यूएचओ
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) ने शनिवार को कहा कि बीते पांच हफ्तों में हर हफ्ते दुनिया में 10 लाख से ज्यादा मामले सामने आए। 24 जुलाई को सिर्फ एक दिन में ही 2 लाख 80 हजार मामले सामने आए। अब दुनिया के ज्यादातर देश इससे प्रभावित हैं। हालांकि, ज्यादा आबादी वाले देशों में इससे ज्यादा नुकसान हुआ है। बीते दिनों ब्राजील और भारत ने एक दिन में मामलों में रिकार्ड बढ़ोत्तरी होने की पुष्टि की है। वहीं, अमेरिका में भी सामने आ रहे मामले चिंता की बात है।
नेपाल: संक्रमितों की संख्या 18 हजार हुई

नेपाल में 24 घंटों में 109 नए मामले सामने आए हैं। अब देश में संक्रमितों की संख्या 18 हजार 483 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि देश में सामने आए कुल मामलों में से 13 हजार 53 लोगों को ठीक होने के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। यहां के छह जिले भोजपुर, पँचचर, संखुवासभा, रसुवा, मनांग और मस्टैंग जिले में कोई सक्रिय मामला नहीं है। रौतहत, कैलाई और बजुरा जिले में 500 से ज्यादा मामले हैं। यहां अब तक 45 लोगों की मौत हुई है।

मिस्र: संक्रमण के मामलों में कमी आई

मिस्र में संक्रमण के नए मामलों में कमी आई है। पिछले 24 घंटों में यहां 511 नए मामले सामने आए हैं। देश के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता खालिद मगहद ने बताया कि देश में लगातार 17वें दिन कोरोना वायरस के मामले एक हजार से कम रहे। यहां 19 जून को 1774 मामलों की पुष्टि हुई थी। इस बीच 933 और मरीज स्वस्थ्य हुए हैं, जिसके बाद इनकी संख्या 32,903 हो गई है। देश में अब तक 4558 मौतें हुई हैं और 91 हजार 583 संक्रमित मिले हैं।



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यह फोटो 25 जुलाई की है जो उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया ने जारी की है। कोरोना संदिग्ध मिलने के बाद तानाशाह किम जोंग ने देश के पोलित ब्यूरो के सदस्यों के साथ इमरजेंसी बैठक बुलाई।

शुरुआती 50 लाख मरीज ठीक हाेने में 219 दिन लग गए थे, अगले 50 लाख सिर्फ 33 दिन में ठीक हाेकर घर लौटे July 25, 2020 at 02:43PM

काेराेनावायरस का संक्रमण भले लगातार तेज हाे रहा है, लेकिन यह अजेय नहीं है। इसे हराना मुमकिन है। दुनियाभर में कोरोना संक्रमण से मुक्त हो चुके 98 लाख 27 हजार 775 मरीजों ने यह साबित भी किया है। दुनियाभर में राेज करीब दाे लाख मरीज ठीक हाे रहे हैं। ऐसे में दुनिया में काेराेना संक्रमण से मुक्त हाे चुके मरीजों का आंकड़ा रविवार काे एक कराेड़ के पार चला जाएगा।

राहत की बात यह है कि मरीजों के ठीक होने की दर संक्रमण बढ़ने और मौतों की दर से ज्यादा है। संक्रमण 10.5% की दर से बढ़ रहा है और मौतों का आंकड़ा बढ़ने की दर 5.6% है। लेकिन, ठीक होकर घर पहुंचने वाले मरीजों की संख्या 13% की दर से बढ़ रही है।

8 महीने में 1.60 लोग संक्रमित

आठ महीने में काेराेनावायरस दुनिया में 1.60 कराेड़ लाेगाें काे संक्रमित कर चुका है। लेकिन अभी एक्टिव मरीजों की संख्या सिर्फ 62 लाख है।

भारत में रिकवरी रेट और मृत्यु दर दुनिया के औसत से बेहतर

दुनिया में काेराेना से मरीजाें के ठीक हाेने की दर 61.1% है, जबकि मृत्यु दर 4% है। भारत में रिकवरी की दर 63.5 प्रतिशत है। यहां कुल 13.82 लाख मरीजाें में से 8.81 लाख ठीक हाे चुके हैं। भारत की मृत्यु दर दुनिया के मुकाबले काफी कम 2.3% प्रतिशत ही है।

  • दुनिया में संक्रमण 10.5% और माैतें 5.6% की दर से बढ़ रहीं, लेकिन मरीज ठीक हाेने की रफ्तार 13% है।
  • 20 दिन से रोज 1 लाख से ज्यादा मरीज ठीक हो रहे; भारत में रिकवरी 30 हजार से ऊपर
  • भारत में सबसे अच्छा रिकवरी रेट दिल्ली में है। यहां 86.4% मरीज ठीक हो चुके हैं। हरियाणा में 77.1%, तेलंगाना में 76.9%, गुजरात में 72.6%, तमिलनाडु में 71.7% और राजस्थान में 71.0% मरीज ठीक हो चुके हैं।
  • बेहतर रिकवरी वाले देश - कतर में सबसे ज्यादा 97% और तुर्की में 92% मरीज ठीक
  • इनकी रिकवरी सबसे खराब - अमेरिका में सबसे कम 47.7% मरीज ही ठीक हो पाए


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दुनिया में संक्रमण 10.5% और माैतें 5.6% की दर से बढ़ रहीं, लेकिन मरीज ठीक हाेने की रफ्तार 13% है। (फाइल फोटो)

ट्रम्प ने कहा- स्कूल पूरी तरह खोले जाएं; लेकिन जिस स्कूल में ट्रम्प का बेटा पढ़ता है उसी ने स्कूल खोलने से मना कर दिया July 25, 2020 at 02:43PM

वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण दुनिया भर में स्कूल-कॉलेज बंद हैं। ऐसे में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने देश के सभी स्कूलों को फिर से खोलने को कहा है। लेकिन, जिस स्कूल में ट्रम्प का छोटा बेटा पढ़ता है, उसी स्कूल मैनेजमेंट ने खोलने से मना कर दिया है। मैनेजमेंट ने कहा- अभी माहौल अनुकूल नहीं है। सितंबर से पहले स्कूल नहीं खोल सकते।

राष्ट्रपति ट्रम्प बार-बार जोर दे रहे हैं कि सभी स्कूल खोले जाएं और बच्चों को स्कूल बुलाया जाए। ट्रम्प ने कहा- 5 करोड़ स्टूडेंट्स अनिश्चितकाल तक स्कूल जाने से नहीं रोक सकते। यदि उन्हें रोका गया तो उनके मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक विकास को नुकसान पहुंचेगा। यदि स्कूल खोले जाते हैं तो पैरेंट्स वापस काम पर जाना शुरू सकते हैं।

ट्रम्प ने स्कूलों को चेतावनी जारी की

ट्रम्प ने स्कूलों को चेतावनी देते हुए कहा, ‘यदि स्कूल नहीं खोले जाते हैं तो स्कूलों से धन वापस लिया जाएगा।’ इस संबंध में अमेरिका के सेंट एंड्रूय स्कूल के प्रमुख रॉबर्ट कोसस्की और सहायक प्रमुख डेविड ब्राइन ने साइन किया हुआ लेटर जारी किया है। इसमें कहा गया है, ‘स्कूल किस तरह खोले जाएंगे। बच्चों को ऑनलाइन के माध्यम से कैसे पढ़ाना है। इसके बारे में 10 अगस्त को एक मीटिंग करके तय किया जाएगा।’

स्कूल मैनेजमेंट का कहना है कि वो स्कूल को खोलने के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों की ओर से बनाई गई गाइडलाइन का पालन करेंगे। साथ ही उनसे ये भी पूछेंगे कि वो किस तरह के और नियमों का पालन करें, जिससे वायरस का संक्रमण न फैले और बच्चों को किसी तरह से उसका नुकसान न हो।

वहीं, गुरुवार को जारी एक फैमिली फाउंडेशन के पोल में प्राथमिक स्कूल के 60 फीसदी पैरेंट्स ने कहा कि स्कूल धीरे-धीरे ही खोले जाने चाहिए। लेकिन हम बच्चों को तभी स्कूल भेजेंगे, जब उनकी सुरक्षा निश्चित हो।

ट्रम्प जिस तरह जोर दे रहे, पहले उन्हें ही स्कूल बुलाना चाहिए

शिक्षक संघ के नेताओं ने कहा- ‘जिस तरह से ट्रम्प स्कूलों को खोलने के लिए जोर दे रहे हैं, उसे देखते हुए पहले उनको स्कूल बुलाना चाहिए। यहां पर उनको स्थिति के हालात से अवगत कराना चाहिए। तभी ट्रम्प को इसका पता चल पाएगा कि यदि इस स्थिति में स्कूलों को खोला गया तो किस तरह की समस्याएं सामने आ सकती हैं। साथ ही स्कूल आने वाले बच्चों को कोरोना संक्रमण का कितना खतरा बना रहेगा।

-न्यूयॉर्क टाइम्स से विशेष अनुबंध के तहत



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ट्रम्प ने स्कूलों को चेतावनी देते हुए कहा- यदि स्कूल नहीं खोले जाते हैं तो स्कूलों से धन वापस लिया जाएगा। (फाइल फोटो)

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव को बाधित करने की फिराक में रूस, चीन और ईरान, साेशल मीडिया से झूठ फैलाने की काेशिश में जुटे July 25, 2020 at 02:43PM

​​​अमेरिकी खुफिया एजेंसी नेशनल काउंटर इंटेलीजेंस एंड सिक्याेरिटी सेंटर के निदेशक विलियम इवानिया ने चेतावनी दी है कि रूस, चीन और ईरान नवंबर में हाेने वाले राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया काे प्रभावित करने की फिराक में हैं। वे उम्मीदवाराें और उनके राजनीतिक अभियानाें की उन गाेपनीय सूचनाओं काे लीक कर सकते हैं जाे उनकाे फायदा पहुंचाए।

एजेंसी के अफसर चुनाव प्रबंधन से जुड़े केंद्र और राज्याें के सभी नेटवर्क में पहुंच हासिल करने की काेशिश में लगे हैकराें की निगरानी कर रहे हैं।

कोरोना के कारण इन देशों को मसाला मिला, जिससे वे अमेरिका में दुष्प्रचार कर सकें

इवानिया के मुताबिक रूस, चीन और ईरान जैसे देशाें की एजेंसियां अमेरिकी मतदाताओं की पसंद और नजरिये काे प्रभावित करने के लिए परंपरगत समाचार माध्यमाें के साथ ही साेशल मीडिया साइट्स का इस्तेमाल कर रही हैं। काेराेना महामारी और हाल ही में अश्वेताें के विद्राेह ने इन देशाें काे उनके मकसद के लिए बहुत मसाला दे दिया जिससे कि वे अमेरिका में दुष्प्रचार कर सकें।

अमेरिकी नीतियों को अपने पक्ष में करने की कोशिश में जुटा चीन

इंटेलीजेंस अधिकारी ने कहा कि चीन की काेशिश है कि अमेरिकी नीतियाें काे अपने पक्ष में प्रभावित कर सके। वह ऐसे नेताओं जिन्हें अपने हिताें के खिलाफ मानता है, उन पर दबाव डालने के प्रयास भी बढ़ा रहा है। वहीं रूस का मकसद अमेरिका और दुनिया में उसके दबदबे काे कमजाेर करना है। रूस इंटरनेट ट्राेल और पीछे के दरवाजाें से अमेरिका में झूठ काे फैलाने में जुटा है जिससे कि लाेकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास कमजाेर पड़े।

ईरान भी इंटरनेट पर अमेरिका विरोधी कंटेंट फैला रहा है

ईरान भी साेशल मीडिया में दुष्प्रचार कर रहा है और अमेरिका विराेधी कंटेंट फैला रहा है। इवानिया ने अमेरिका के नागरिकाें काे सूचनाओं काे आलाेचनात्मक नजरिये से देखने, कहीं से मिले किसी कंटेट काे साेशल मीडिया पर दाेबारा पाेस्ट करने से पहले उसके स्राेत की जांच करने और साइबर स्वच्छता बनाने की अपील की है।

साथ ही इंटेलीजेंस अफसराें ने राष्ट्रपति उम्मीदवाराें के चुनाव अभियान संचालित करने वाले अधिकारियाें, नेताओं, राजनीतिक समितियाें और संसद काे चुनाव सुरक्षा के बारे में विस्तार से जानकारी दे दी है।

पिछले चुनाव में रूसी हस्तक्षेप के आराेप

2016 के अमेरिकी चुनाव में रूस पर दखलंदाजी के आराेप लगे थे। ऐसा कहा गया था कि उसने ऐसे ई-मेल लीक किए जिनसे डेमाेक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन काे नुकसान हाे। रूस की इंटरनेट रिसर्च एजेंसी ने उन चुनावाें के पहले राजनीतिक माहाैल में मतभेद पैदा करने की कोशिश की थी।

-ब्लूमबर्ग से विशेष अनुबंध के तहत



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इंटेलीजेंस अफसर इवानिया के मुताबिक रूस, चीन और ईरान जैसे देशाें की एजेंसियां अमेरिकी मतदाताओं की पसंद और नजरिये काे प्रभावित करने के लिए परंपरगत समाचार माध्यमाें के साथ ही साेशल मीडिया साइट्स का इस्तेमाल कर रही हैं। -फाइल फोटो

स्वस्थ दिखने वाले लोग हो सकते हैं वायरस फैलाने के जिम्मेदार, एक्सपर्ट्स युवाओं को मान रहे हैं ट्रांसमिशन का मुख्य जरिया July 25, 2020 at 02:12PM

मुरली कृष्णन. दुनियाभर में कोरोनावायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। कई देश की सरकारें लॉकडाउन हटाने के बाद फिर से पाबंदियां लगाने की तैयारी कर रही हैं। बीती 18 जुलाई को एक दिन में सबसे ज्यादा (करीब 2 लाख 60 हजार) मरीज मिले। रिसर्च बताती हैं कि जो लोग स्वस्थ नजर आते हैं वो वायरस फैलाने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।

संक्रमण के बारे में जानकारी नहीं होना भी हो सकता है बड़ा कारण
लगातार बढ़ रहे मामलों के पीछे का कारण संक्रमण की जानकारी न होना हो सकता है। कई लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती कि वो वायरस की चपेट में आ गए हैं। चीन में अमेरिका से लौटने वाली एक महिला में कोई लक्षण नजर नहीं आए थे, लेकिन वो सेल्फ क्वारैंटाइन कर रही थी। बाद में यह महिला ही उसकी बिल्डिंग में संक्रमण के 71 मामलों का कारण बनी।

जापान में तोहोकु यूनिवर्सिटी ग्रेजुएट स्कूल ऑफ मेडिसिन में वायरोलॉजी के प्रोफेसर हितोशी ओशीतानी कहते हैं "काफी सारा डाटा यह बताता है कि प्रिस्म्प्टोमैटिक ट्रांसमिशन आम बात है, यह वायरस पर नियंत्रण पाने में मुश्किलें पैदा करता है।"

हाल ही में एक स्टडी हुई थी, जिसमें शोधकर्ताओं ने कोरोनावायरस समूहों का पता लगाया, जिसमें ऐसे युवा शामिल थे जो बीमार महसूस नहीं कर रहे थे। ओशीतानी इस स्टडी के को-ऑथर थे। सीडीसी के इमर्जिंग इन्फेक्शियस डिसीज जर्नल में प्रकाशित हुई स्टडी में जापान में 3 हजार से ज्यादा मामलों की जांच की गई थी।

शोधकर्ताओं ने हॉस्पिटल के बाहर कोरोनावायरस क्लस्टर का संभावित कारण बने 22 लोगों को चुना। इनमें से आधे लोगों की उम्र 20 से 39 साल के बीच थी। स्टडी के मुख्य लेखक और क्योटो यूनिवर्सिटी में वायरोलॉजी के असिस्टेंट प्रोफेसर यूकी फुरुसे ने कहा कि यह खासतौर पर चौंकाने वाला था, क्योंकि उस वक्त जापान में मिलने वाले मरीज 50-60 साल की उम्र के थे।

युवाओं का ज्यादा घूमना भी हो सकता है कारण
लेखकों ने कहा कि अभी तक यह साफ नहीं है कि युवाओं और बुजुर्गों के बीच संक्रमण फैलने का कारण सोशल या जैनेटिक और बायोलॉजिकल फैक्टर्स हैं। ओशीतानी ने कहा कि चूंकि युवा खुद को कम जोखिम में मानते हैं और इसलिए वे ज्यादा घूमते फिरते हैं। इसका मतलब है कि जोखिम भरे माहौल में युवाओं के होने की संभावना ज्यादा है। फुरुसे ने कहा कि या फिर वे बीमारी के हल्के लक्षण ही महसूस कर रहे हैं और उन्हें यह एहसास नहीं है कि वो वायरस फैला रहे हैं।

तेजी से और बड़े स्तर पर हो रही टेस्टिंग में नजर आया है कि युवाओं में कोरोनावायरस के मामले बढ़े हैं। अमेरिका के सिएटल में हुए स्टेट डाटा के एनालिसिस में पता चला है कि नए मामलों में करीब आधे लोगों की उम्र 20 से 30 साल के बीच की है। सीडीसी के डाटा के मुताबिक, अमेरिका में 30 मई के बाद पॉजिटिव पाए गए करीब 70 प्रतिशत लोग 60 साल से कम उम्र के थे।

बिना लक्षणों का मामले बढ़ने का जोखिम
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में मेडिसिन की प्रोफेसर मोनिका गांधी समेत कुछ हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोविड 19 के दुनिया में तेजी से फैलने को तभी समझाया जा सकता है, जब यहां ऐसे लोग हों जो संक्रमित नहीं लगते हैं, लेकिन वायरस फैला रहे हैं।

गांधी के मुताबिक, बिना लक्षण वालों से वायरस फैलने के सबूत साफ हैं। उन्होंने कहा "आपको लगता है कि आपने उन्हें पहचान लिया जो सिम्प्टोमैटिक हैं, आपने आइसोलेट किया, आपने क्वारैंटाइन किया, लेकिन स्वस्थ लोगों में इस वायरस का भंडार है।"

स्टडी ने बताया- बिना लक्षण वाले लोग वायरस के आधे फैलने का कारण हो सकते हैं
फरवरी में डायमंड प्रिंसेज क्रूज शिप में मिले 712 पॉजिटिव केस महामारी के दौरान बिना लक्षणों वाले ट्रांसमिशन के पहले शुरुआती उदाहरणों में से एक है। यहां मिले कुल 712 पॉजिटिव मामलों में एक तिहाई लोगों में कोई भी लक्षण नजर नहीं आया था। मई में अमेरिका में सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के डायरेक्टर रॉबर्ट रेडफील्ड ने कहा था कि "संक्रमितों में से 25 प्रतिशत लोगों में लक्षण नजर नहीं सकते हैं।"

हॉन्गकॉन्ग और लंदन में हुई स्टडी में अनुमान लगाया गया है कि जिन लोगों में लक्षण नजर नहीं आते हैं वो SARS-CoV-2 के आधे फैलने के जिम्मेदार हो सकते हैं। सिंगापुर और चीन में शुरुआती वायरस फैलने से मिला डाटा में पाया गया कि जो लोग शुरुआती दौर में बीमार नहीं लग रहे थे, वे सिंगापुर में 48 प्रतिशत और तियानजिन में 62 प्रतिशत ट्रांसमिशन के जिम्मेदार थे।

गांधी ने कहा कि बिना लक्षणों के वायरस फैलना और युवाओं का पॉजिटिव आना संभावित तौर पर एक-दूसरे से जुड़े हो सकते हैं। क्योंकि ऐसा लग रहा है कि असिम्प्टोमैटिक इंफेक्शन का कारण हेल्दी इम्यून सिस्टम है, जिसके युवाओं में होने की ज्यादा संभावना है।

सफाई और मास्क वायरस को रोकने में सक्षम
यह साफ नहीं है कि बिना लक्षण वाले लोग कितने संक्रामक हो सकते हैं या वे वायरस फैलने के कितने जिम्मेदार हैं। इस बात पर जरूर सहमति है कि हाथ धोना, दूरी बनाए रखना और मास्क पहनने जैसे सफाई के उपाय वायरस के फैलने के खिलाफ असरदार हैं। ओशीतानी के अनुसार, इन उपायों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

कुछ जगहों पर सरकार दोबारा लॉकडाउन की पाबंदियां लगाने के लिए मजबूर हो गई हैं। ऑस्ट्रेलिया में स्वास्थ्य अधिकारियों ने हाल ही में लोगों से सार्वजनिक जगहों पर मास्क पहनने की अपील की है। भले ही वे बीमार महसूस करें न करें। यह उन देशों के विपरीत है, जहां मास्क पहनना अप्रैल आखिर से ही जरूरी है। जैसे जर्मनी में एक स्टडी बताती है कि दुकानों, वर्क-प्लेस और पब्लिक ट्रांसपोर्ट में मास्क पहनने से वायरस ट्रांसमिशन रेट में 40 प्रतिशत की कमी आई है।

हालांकि डब्ल्यूएचओ ने शुरुआत में सिम्प्टमलैस ट्रांसमिशन की भूमिका को कम बताया था। इसके एपेडेमियोलॉजिस्ट ने कहा था कि यह दुर्लभ घटना थी। बाद में समूह ने सूट का पालन किया और 5 जून से दुनियाभर में मास्क पहने जाने की अपील की।



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Healthy-looking people may be responsible for spreading the virus, experts are considering the youth as the main means of transmission

प्रधानमंत्री हसीना 4 महीने से भारतीय उच्चायुक्त से मिलना टाल रहीं, अखबार का दावा- उनका पाकिस्तान-चीन की तरफ झुकाव बढ़ा July 25, 2020 at 06:46AM

चीन और पाकिस्तान के बाद अब भारत-बांग्लादेश के बीच मनमुटाव की बात सामने आ रही है। बांग्लादेश के एक अखबार ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री शेख हसीना पिछले 4 महीने से भारतीय उच्चायुक्त से मिलना टाल रही हैं। बार-बार मीटिंग का समय मांगने के बाद भी भारतीय उच्चायुक्त को इजाजत नहीं मिल रही है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश के एक अखबार भोरेर कागोज ने दावा किया है कि 2019 में शेख हसीना के दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद से सभी भारतीय प्रोजेक्ट धीमे पड़ गए हैं। मीडिया रिपोर्ट में इसकी वजह उनका पाकिस्तान और चीन की तरफ बढ़ता झुकाव बताया गया है।

भारत की आपत्ति के बाद भी चीनी कंपनी को दिया ठेका
भारत की चिंता के बावजूद बांग्लादेश ने सिलहट में एयरपोर्ट टर्मिनल का ठेका चीनी कंपनी को दे दिया। भारतीय उच्चायुक्त रीवा गांगुली चार महीने से बांग्लादेश की पीएम से मिलने के लिए अपॉइंटमेंट लेने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन अब तक उन्हें समय नहीं दिया गया। यहीं नहीं कोराेना वायरस की महामारी से निपटने में मदद करने के लिए बांग्लादेश ने भारत को धन्यवाद तक नहीं बोला है।

भारत के उत्तर-पूर्वी सीमा से जुड़ा है सिलहट
सिलहट के एमएजी ओस्मानिया एयरपोर्ट में नए टर्मिनल का कॉन्ट्रैक्ट बीजिंग अर्बन कंस्ट्रक्शन ग्रुप (बीयूसीजी) को दिया गया। सिलहट को भारत के उत्तर-पूर्व सीमा से लगा हुआ और काफी संवेदनशील इलाका माना जाता है।

सूत्रों के हवाले से बताया गया कि बांग्लादेश उच्चायोग ने इसकी पुष्टि की है कि भारतीय राजदूत ने शेख हसीना से मिलने का समय मांगा था। लेकिन अब कुछ तय नहीं हो सका है। मामला ऐसे वक्त में सामने आया है, जब बुधवार को ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से फोन पर बात की थी।

सीएए लागू किए जाने के बाद से ही संबंधों में खटास
भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में खटास तभी आने लगी थी, जब देश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू हुआ था। इस कानून के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में रहने वाले अल्पसंख्यक भारत की नागरिकता ले सकते हैं।

हालांकि, शेख हसीना ने कहा था कि यह भारत का अंदरूनी मामला है, लेकिन सीएए और एनआरसी की जरूरत क्यों पड़ी, उन्हें यह नहीं पता। इस कानून से भारतीय लोगों को परेशानी हो रही है। वहीं, बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने भारत में अवैध रूप से रह रहे अपने नागरिकों की सूची भी मांगी थी।

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प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा- सीएए-एनआरसी भारत का अंदरूनी मामला, पर इसकी जरूरत क्यों पड़ी, पता नहीं?



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मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि 2019 में शेख हसीना के दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद से वहां सभी भारतीय प्रोजेक्ट धीमे पड़ गए हैं। -फाइल फोटो

Hanna becomes hurricane as it heads toward virus-weary Texas July 25, 2020 at 04:45AM

The storm, which is the first hurricane of the 2020 Atlantic hurricane season, was expected to make landfall on Saturday afternoon or evening south of Corpus Christi, the US National Hurricane Center said. It had maximum sustained winds of 75 mph (120 kph).

अमेरिकी अदालत में 26/11 के आरोपी राणा की जमानत अर्जी खारिज, कोर्ट ने कहा- यह भाग गया तो भारत से हमारे रिश्ते खराब होंगे July 25, 2020 at 02:06AM

लॉस एंजिलिस कोर्ट ने मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा ( 59) की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। वह पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। उसने 15 लाख डॉलर (करीब 11 करोड़ रुपए) भरकर जमानत मांगी थी। जज जैकलिन चूलिजन ने 21 जुलाई को अपने आदेश में कहा- जमानत मिलने के बाद राणा के भागने का डर है। इससे अमेरिका को अपनी विदेशी नीति को लेकर शर्मिंदा होना पड़ेगा। भारत के साथ हमारे रिश्ते खराब होंगे।

राणा मुंबई में हुए 26/11 हमले की साजिश में शामिल रहा है। वह इस हमले के एक अन्य आरोपी डेविड कोलमैन हेडली के बचपन का दोस्त है। राणा को भारत ने फरार घोषित किया है और पिछले महीने अमेरिका से उसे सौंपने की मांग की थी। इसके बाद 10 जून को उसे लॉस एंजिलिस में दोबारा गिरफ्तार किया गया था।

कोर्ट ने नहीं मानी राणा के वकील की दलील

कोर्ट में राणा के वकील ने दलील दी कि मेरे मुवक्किल ने बेल पैकेज के तौर पर एक मोटी रकम भरी है। उसे भारत भेजे जाने का भी डर नहीं है, क्योंकि इस मामले के आरोपी हेडली को अमेरिका ने भारत को नहीं सौंपा था। ऐसे में उसके भागने का डर नहीं है। हालांकि, कोर्ट ने इन दलीलों को दरकिनार कर दिया। कोर्ट ने कहा- राणा के खिलाफ भारत में हत्या और हत्या की साजिश का आरोप है।

पाकिस्तान के आर्मी कॉलेज में पढ़ा है राणा

राणा का जन्म पाकिस्तान में हुआ है। इसने वहां के आर्मी मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई की। वहां एक दशक तक डॉक्टरी भी की। इसके बाद वह अचानक कनाडा चला गया। कोर्ट में पेश किए गए दस्तावेजों के मुताबिक, राणा का अमेरिका के शिकागो में भी बिजनेस है। वह कनाडा, पाकिस्तान, जर्मनी और इंग्लैंड में रह चुका है। उसे 7 भाषाएं आती हैं।

राणा कनाडा गया तो वहां से नहीं लाया जा सकता

राणा को जमानत मिली और अगर वह कनाडा भाग गया तो उसे भारत लाना मुश्किल होगा। क्योंकि, कनाडा के कानून के मुताबिक, वह किसी ऐसे इंसान को भारत को नहीं सौंप सकता जिसे मौत की सजा दी जा सकती हो।

26 नवंबर 2008 को मुंबई में आतंकी हमला हुआ था

26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान से 10 आतंकी समुद्री रास्ते से मुंबई में घुसे थे। इन्होंने मुंबई के अलग-अलग हिस्सों में खुलेआम फायरिंग शुरू कर दी थी। इसमें 166 लोगों की मौत हुई थी। इन आतंकियों से लड़ते हुए 18 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे। 9 आतंकी मारे गए थे, जबकि अजमल कसाब पकड़ा गया था। कसाब को 21 नवंबर 2012 को फांसी दी गई थी।

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मुंबई हमले का आरोपी तहव्वुर राणा ( दाएं) और मुंबई के ताज होटल पर हुए हमले के बाद बाहर भागते लोग (बाएं)। राणा फिलहाल अमेरिकी पुलिस की गिरफ्त में है। -फाइल फोटो

Australia backs US in declaring China claims in South China Sea 'illegal' July 24, 2020 at 11:22PM

Between 6,000-6,500 Pakistani terrorists in Afghanistan: UN report July 24, 2020 at 10:22PM

The 26th report of the Analytical Support and Sanctions Monitoring Team concerning ISIS, al-Qaida and associated individuals and entities said that the terror group al-Qaida in the Indian Subcontinent (AQIS) operates under the Taliban umbrella from Nimruz, Helmand and Kandahar provinces of Afghanistan.

Vietnam detects first coronavirus case in nearly 100 days July 24, 2020 at 09:41PM

म्यांमार के विद्रोहियों को हथियार देकर उन्हें भारत के खिलाफ उकसा रहा चीन, नॉर्थ-ईस्ट को फिर अशांत करने की साजिश: रिपोर्ट July 24, 2020 at 09:29PM

चीन लगातार भारत में तनाव बढ़ाने में जुटा है। अब इसके लिए यह म्यांमार के विद्रोहियों को हथियार देकर उन्हें भारत के खिलाफ उकसा रहा है। ऐसा करके यह पूर्वोत्तर के राज्यों में अशांति फैलाना चाहता है। नीदरलैंड के एमस्टर्डम आधारित थिंक टैंक यूरोपियन फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज (ईएफएसएएस) ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है। इसमें कहा गया है कि बीते दिनों म्यांमार में थाईलैंड की सीमा के पास मेइ ताओ इलाके में चीन के हथियारों का एक बड़ा जखीरा पकड़ा गया। जांच में पाया गया कि ये हथियार भारत के पूर्वोत्तर के उग्रवादी संगठनों के लिए भेजे गए थे।

चीन लंबे समय से म्यांमार के आतंकी संगठन अराकान आर्मी को समर्थन देता रहा है। हालांकि, जो हथियार जब्त हुए उनका इस्तेमाल फिलहाल यह संगठन नहीं करता। इससे शक और भी गहरा जाता है कि इन्हें भारत के उग्रवादियों के लिए ही भेजा गया था। ये सभी हथियार चीन के यूनाइटेड वा स्टेट आर्मी और काचिन इंडिपेंडेंस आर्मी ने तैयार किए हैं। इसकी भी पुष्टि हुई है।

म्यांमार में पूर्वाेत्तर के उग्रवादी संगठनों ने शरण ली है

भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के कई उग्रवादी संगठनों ने म्यांमार में शरण ले रखी है। म्यांमार की अराकान आर्मी भारतीय उग्रवादियों की मदद करते हैं। खास तौर पर म्यांमार के राखिने राज्य में यह आतंकी समूह भारतीय उग्रवादियों को शह देते हैं। भारत ने अपनी ‘एक्ट ईस्ट’ पॉलिसी के तहत पूर्वोत्तर राज्यों में ढांचागत सुविधाएं मजबूत की है। यहां के उग्रवादियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, इन बातों से चीन की भारत के खिलाफ रणनीति पर असर पड़ा है और वह अब भारत के खिलाफ उग्रवादियों को शह दे रहा है।

भारतीय सुरक्षा एजेंसी सक्रिय हुईं

थाइलैंड में भारत की राजदूत सुचित्रा दुरई ने 20 जुलाई को थाइलैंड के तक राज्य के गवर्नर से बातचीत की थी। उनसे मेइ ताओ में पकड़े गए चीनी हथियारों के बारे में चर्चा की। इस बीच भारतीय सुरक्षा एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं और थाइलैंड और म्यांमार के अफसरों के संपर्क में है। भारत चीन से भेजी गई हथियारों की खेप के बारे में और ज्यादा जानकारी हासिल करने में जुट गया है।

भारत ने अराकान आर्मी के खिलाफ किया था ऑपरेशन

भारत-म्यांमार की आर्मी ने अराकान आर्मी के सदस्यों के खिलाफ पिछले साल मार्च में ऑपरेशन किया थ। इन उग्रवादियों से कालादान मल्टी ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट को खतरा था। इस प्रोजेक्ट को भारत के दक्षिण-पूर्व एशिया में गेटवे के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि, भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन के दौरान सीमा पार नहीं की थी। ऑपरेशन का मकसद अराकान आर्मी के सदस्यों को नेस्तनाबूद करना था। अधिकारी ने बताया कि अराकान आर्मी के सदस्य मिजोरम सीमा से सटे इंटरनेशनल बॉर्डर के काफी करीब आ गए थे।

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भारत के पूर्वाेत्तर राज्यों में कई उग्रवादी संगठन सक्रिय हैं। नीदरलैंड के एक थिंक टैंक के मुताबिक, चीन इन्हें म्यांमार के आतंकी संगठनों के जरिए मदद कर रहा है।- प्रतीकात्मक फोटो

फौजी महिला को जासूसी के लिए अमेरिका भेजा, 2 साल लैब असिस्टेंट रही; अब आधी रात को गिरफ्तार, तीन और की तलाश जारी July 24, 2020 at 09:25PM

अमेरिका में जासूसी के मंसूबे पालने वाला चीन अपने ही जाल में फंस गया। ये भी साबित हो गया कि शी जिनपिंग और उनकी फौज डिप्लोमैटिक स्टेटस का नाजायज इस्तेमाल जासूसी में करते हैं। एफबीआई ने शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात करीब 3 बजे सैन फ्रांसिस्को की डिप्लोमैटिक फेसेलिटी से तांग जुआन (37) को गिरफ्तार कर लिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी खुफिया एजेंसियां देश में तीन और चीनी जासूसों की तलाश कर रही हैं। देश की सीमाओं पर मौजूद अफसरों को अलर्ट पर रहने को कहा गया है।

तांग जुआन : पहले इसे जानिए
मूल पेशा चूंकि जासूसी है। लिहाजा, बहुत जानकारी सामने नहीं आई है। बीजिंग में इसने बायोलॉजी से ग्रेजुएशन किया। वहां चीनी सेना के लैब में काम करने लगी। इसके बाद अमेरिकी अंदाज में अंग्रेजी बोलना सीखा। जासूसी की ट्रेनिंग ली। अमेरिकी वीजा बना और न्यूयॉर्क पहुंच गई। अमेरिका के नामी डेविस रिसर्च लैब में बतौर असिस्टेंट नौकरी मिली। यह तो पार्ट टाइम जॉब था। मिशन जासूसी ही था। वो भी दुनिया के सबसे ताकतवर देश में।

दोनों फोटो तांग जुआन की हैं। बाईं तरफ वाली फोटो तब की है जब तांग बीजिंग में चीनी सेना के लैब में काम करती थीं। इसी फोटो की वजह से उसकी असली पहचान उजागर हुई। दूसरी फोटो (दाईं तरफ) अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इसमें वह प्रॉपर पीएलए यूनिफॉर्म में नजर आ रही है।

तांग पर शक कब और कैसे हुआ

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो तांग को कई बार देश के अलग-अलग कॉन्स्युलेट्स या डिप्लोमैटिक फेसेलिटी में जाते देखा गया। तांग खुद सोशल मीडिया पर नहीं थी। लेकिन, उसके एक दोस्त ने उसकी एक फोटोग्राफ फेसबुक पर शेयर कर दी। यह फोटो तब की थी जब तांग बीजिंग के आर्मी लैब में काम करती थी। एफबीआई का शक पुख्ता हो गया। तांग की निगरानी सख्त कर दी गई।

क्या चीन के कॉन्स्युलेट में जाना गुनाह था
नहीं, कोई भी नागरिक वाजिब वजहों से अपने देश की डिप्लोमैटिक फेसेलिटीज में जा सकता है। लेकिन, अगर वो वहां रहना चाहता है तो इसकी मंजूरी संबंधित देश की सरकार से लेना होती है। तांग सैन फ्रांसिस्को, ह्यूस्टन और टेक्सॉस के चीनी कॉन्स्युलेट्स में न सिर्फ जाती रही बल्कि यहां महीनों तक रही। जबकि, न तो वो डिप्लोमैटिक मिशन का हिस्सा था और न ही उसका कोई रिश्तेदार (घोषित तौर पर) वहां था। सवाल यह कि फिर वहां उसका इतना आना-जाना क्यों था?

आगे क्या होगा
दो बातें होंगी। पहली- सोमवार को उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। उस पर फिलहाल वीजा फ्रॉड का केस है। तफ्तीश में जासूसी के आरोप साबित करने के लिए सबूत खोजे जाएंगे। उसे सेक्रॉमेंटो जेल में रखा गया है। लेकिन, पूछताछ किसी और जगह होगी। दूसरी- चीन दुनिया में नाक बचाने के लिए किसी बेगुनाह अमेरिकी को फंसाकर जेल में डाल सकता है। आमतौर पर डिप्लोमैसी में यही होता है। हालांकि, अमेरिका इस हरकत से निपटने की तैयारी पहले ही कर चुका होगा।

तांग के कितने मददगार
ह्यूस्टन की चीनी कॉन्स्युलेट के पिछले हिस्से में डॉक्युमेंट्स जलाए गए थे। शक है कि इनमें कुछ कागजात ऐसे थे जो तांग और बाकी चीनी जासूसों के नेटवर्क की जानकारी दे सकते थे। इसीलिए, शुक्रवार को जब एफबीआई ने इस बिल्डिंग को खंगाला तो स्पेशल फोरेंसिक टीम ने कई सैम्पल लिए। इसके बाद एफबीआई एजेंट्स ने अपना काम किया। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि एफबीआई को अब तांग के तीन और मददगारों की तलाश है। इनमें एक 27 साल की महिला बताई गई है। ये टेक्सॉस में रहती है। किसी का नाम अब तक साफ नहीं किया गया है।

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1. डेडलाइन खत्म होने के बाद चीन के ह्यूस्टन कॉन्स्युलेट में जबरदस्ती पिछले गेट से दाखिल हुए अमेरिकी एजेंट्स, अंदर से दरवाजा लॉक कर दिया गया था

2.रिश्तों में बढ़ती तल्खी:एफबीआई ने कहा- वीजा फ्रॉड का आरोपी चीनी साइंटिस्ट सैनफ्रांसिस्को के चीनी कॉन्स्युलेट में छुपा है, ट्रम्प की धमकी- चीन की और एम्बेसी बंद कर सकते हैं



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तांग की यह फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इसमें वह चीनी सेना की वर्दी में नजर आ रही है। फिलहाल, तांग जुआन एफबीआई की हिरासत में है। सीआईए भी जांच में शामिल हो सकती है।

Pakistan reports 1,487 new Covid-19 cases July 24, 2020 at 09:06PM

A total of 236,596 people have recovered from the disease, the Ministry of National Health Services said. Out of the total infections, 116,800 were in detected in Sindh, 91,691 in Punjab, 33,071 in Khyber-Pakhtunkhwa, 14,821 in Islamabad, 11,550 in Balochistan, 2,012 in Pakistan-occupied Kashmir and 1,942 in Gilgit-Baltistan.

America divided two months after death of George Floyd July 24, 2020 at 08:23PM

Two months after African American George Floyd died when a white policeman kneeled on his neck for more than eight minutes, triggering a nationwide and global outcry for justice, the United States is being shaken by an anti-racism surge that, more and more, is dividing its political class.