Friday, June 19, 2020

ब्राजील में मरीजों की संख्या 10 लाख के पार पहुंची, यहां एक ही दिन में 54 हजार से ज्यादा मामले सामने आए; दुनिया में अब तक 87.57 संक्रमित June 19, 2020 at 04:45PM

दुनिया में कोरोनावायरस से अब तक 4 लाख 62हजार 519लोगों की मौत हो चुकी है। संक्रमितों का आंकड़ा 87लाख 57हजार 734हो गया है। अब तक 45 लाख 70 हजार 751 लोग स्वस्थ हो चुके हैं।ब्राजील में संक्रमितों की संख्या 10 लाख के पार पहुंच गई है। यहां के स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार देर रात बताया कि पिछले 24 घंटे में 54 हजार 771 नए मामले सामने आए। यह अब तक दुनिया के किसी भी देश में एक दिन में सामने आए सबसे ज्यादा मामले हैं।

ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक गुरुवार से शुक्रवार देर रात 1 हजार 206 संक्रमितों की मौत हुई। देश में अब तक 48 हजार 954 लोगों की जान गई है। यहां के लोग संक्रमण से निपटने में सरकार की नाकामी से नाराज है। देश में कई जगहों पर इसको लेकर प्रदर्शन किए गए।

10 देश जहां कोरोना का असर सबसे ज्यादा

देश

कितने संक्रमित कितनी मौतें कितने ठीक हुए
अमेरिका 22,97,190 1,21,407 9,56,061
ब्राजील 10,38,568 49,090 5,20,360
रूस 5,69,063 7,841 3,24,406
भारत 3,87,835 12,746 2,09,301
ब्रिटेन 3,01,815 42,461 उपलब्ध नहीं
स्पेन 2,92,348 27,136 उपलब्ध नहीं
पेरू 2,44,388 7,461 1,31,190
इटली 2,38,159 34,514 1,80,544
चिली 2,31,393 4,093 1,86,441
ईरान 1,97,647 9,272 1,56,991

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ईरान : मौतों का आंकड़ा बढ़ा
संक्रमण और मौतों के मामले में ईरान बढ़ता जा रहा है। यहां शुक्रवार रात तक मरने वालों का आंकड़ा 9 हजार 392 हो गया। यह जानकारी वहां की हेल्थ मिनिस्ट्री ने एक बयान जारी कर दी। दो लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं।ईरान सरकार के मुताबिकहालात से निपटने के लिए एक नई टास्क फोर्स बनाई जा रही है। यह टीम खास तौर पर उन क्लस्टर पर नजर रखेगीजहां मामले तेजी से बढ़े हैं।

मैक्सिको: मौतों का आंकड़ा 20 हजार के पार

मैक्सिको में मौतों का आंकड़ा 20 हजार के पार हो गया है। देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को 5 हजार 30 नए मामले सामने आने की पुष्टि की। मंत्रालय ने बताया कि पिछले 24 घंटे में 647 लोगों की जान गई है। इसके साथ ही मरने वालों की कुल संख्या 20 हजार 394 हो गई। देश में अब तक 1 लाख 70 हजार 485 संक्रमित मिले हैं।



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ब्राजील में लोग कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर सरकार से नाराज हैं। शुक्रवार को साओ पाउलो स्थित कोपाकाबाना बीच पर प्रदर्शनकारियों ने कब्र बनाकर विरोध किया।

विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा- चीन की कम्युनिस्ट पार्टी दुष्ट, यहां की फौज भारत के साथ सीमा पर तनाव बढ़ा रही June 19, 2020 at 04:42PM

अमेरिका ने चीन की कम्युनिस्टपार्टी को दुष्ट बताया है। विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के साथ चीनी फौज सीमा पर तनाव बढ़ाने में जुटी है। दक्षिण चीन सागर में भी वह गलत तरीके से अपना क्षेत्र बढ़ा रही है।

पोम्पियो ने कहा कि चीन ने कोरोनावायरस के बारे में झूठ बोला, फिर इसे दुनिया के बाकी हिस्सों में फैलने दिया। उसने इस अभियान में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की भी मदद ली। चीन हमारी सरकारों को कमजोर करने के लिए साइबर कैम्पेन के जरिए गलत सोच और गलत प्रचार कर रहा है। अमेरिका, यूरोप और विकासशील देशों को कर्ज औरनिर्भरता के बोझ तले दबाना चाहता है।

चीन ने हमारी नरमीका फायदा उठाया

पोम्पियो शुक्रवार को कोपेनहेगन डेमोक्रेसी समिट 2020 में ‘यूरोप और चीन की चुनौतियां’ विषय पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों को सालों तक उम्मीद रही कि वे चीन की कम्युनिस्ट सोच में बदलाव लाकर वहां के लोगों के जीवन में सुधार ला सकते हैं,लेकिन चीन की सत्ताधारी पार्टीझांसा देकर हमारी नरमी का फायदा उठाती रही।

भारत सैनिकों के शहीद होने पर शोक जताया था
पोम्पियो ने एक दिन पहले ही ट्वीट करके गलवान घाटी में शहीद हुए 20 भारतीय फौजियों को श्रद्धांजलि दी थी। उन्होंने लिखा था, ‘‘हम चीन के साथ हुए हालिया विवाद में भारतीय सैनिकों के शहीद होने पर संवेदनाएं जतातेहैं। हम सैनिकों को हमेशा याद रखेंगे, जिनके परिवार, करीबी और प्रियजन शोक में डूबे हैं।’’

नेपाल-चीन के बीच हुई वर्चुअल मीटिंग
नेपाल और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने शुक्रवार को वर्चुअल मीटिंग की। इसमें मौजूदा राजनीतिक हालात और कोरोनावायरस महामारी पर चर्चा हुई। नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल और उप-प्रधानमंत्री ईशोर पोखरेल समेत अन्य वरिष्ठ नेता इसमें शामिल हुए।



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माइक पोम्पियो ने एक दिन पहले ही ट्वीट करके गलवान घाटी में शहीद हुए 20 भारतीय फौजियों को श्रद्धांजलि दी थी। -फाइल फोटो

टैक्स पेयर्स को 80% सैलरी मिली पर दूसरे देशों से आए स्टूडेंट्स को किसी ने नहीं पूछा; अवैध रूप से रह रहे 60 हजार पंजाबी गुरुद्वारों के सहारे June 19, 2020 at 02:14PM

कोराेना काल में इंग्लैंड में रहने और कमाने वाले पंजाबियों की स्थिति खराब होती जा रही है। खासकर जो अवैध रूप से पहुंचे हैं। कोरोना के बाद सबकुछ बदल गया है। पीएम बोरिस जॉनसन ने पहले कहा ऑल इज वेल...पर जैसे-जैसे मौतें बढ़ीं, दिक्कतें बढ़ती गईं।

ब्रिटेन ने भारत को बताया कि आपके एक लाख से ज्यादा लोग अवैध तरीके से यहां रह रहे हैं। इनमें 60% पंजाबी हैं। सबसे ज्यादा मुसीबत इन्हीं को है। पहले यहां प्रति घंटा 8.21 पाउंड न्यूनतम सैलरी यानी 1.62 लाख रुपए महीना तक थी। सरकार ने टैक्स पेयर्स को कुल सैलरी का 80% देकर मदद की।

इंग्लैंड में जन्मे कुलबीर सिंह ने भास्कर को बताया कि अवैध पंजाबी गुरुद्वारों के सहारे हैं। स्टूडेंट्स तो न्यूनतम 250 पाउंड (24000 रु.) किराया भी नहीं दे पा रहे। वे न तो घर जा सकते हैं और न ही यहां सही तरीके से रह सकते हैं।

ड्राइवरों को बचाने का नया तरीका
कई ड्राइवरों की मौत के बाद बिना शुल्क बस सर्विस शुरू हुई। मास्क, पिछले दरवाजे से उतरना अनिवार्य किया गया। विशाल सरोया ने बताया कि कोरोना से ट्रांसपोर्ट फॉर लंदन के 26 कर्मचारियों की मौत हो गई।

कॉलेज, यूनिवर्सिटी बंद, अब सिर्फ घर वापसी ही रास्ता

इंग्लैंड में 10 साल से रह रहे फिरोजपुर के राकेश कुमार ने बताया कि पंजाब के स्टूडेंट्स के सामने बड़ी दिक्कत किराए की है। लोकेशन के हिसाब से 250 से लेकर 350 पाउंड तक के किराये के कमरों में स्टूडेंट्स रह रहे हैं। यूनिवर्सिटी बंद होने पर स्टडी शेड्यूल आगे खिसक गया है। कई स्टूडेंट्स लंगर खाकर गुजारा कर रहे हैं। खालसा एड और निष्काम सेवा संस्थाओं ने मदद पहुंचाई।

कामगारों के लिए असली संकट जुलाई से: नेशनल इंडियन स्टूडेंट्स एंड एलुमनी यूनियन की प्रमुख सनम अरोड़ा के अनुसार कुछ छात्रों ने जल्द वापसी न होने पर जान देने की बात कह दी। इनकी काउंसलिंग की गई। कामगारों के लिए असली संकट जुलाई से होगा। सरकार का कहना है कि इंप्लायर जुलाई से अक्टूबर तक फर्लो स्टाफ को सैलरी में योगदान दें। ऐसे में छंटनी हो सकती है।

एक लाख से ज्यादा अवैध भारतीयों के लिए कोरोना से बड़ा खतरा भूख; रोज 20 पाउंड कमाते थे, अभी काम नहीं

ब्रिटेन में एक लाख से ज्यादा भारतीय अवैध रूप से रह रहे हैं। ब्रिटिश सरकार यह मामला मोदी सरकार के सामने उठा चुकी है। लंदन में रह रहे जालंधर के विशाल सरोया ने बताया कि कोरोना से पहले तक अवैध रूप से रह रहे भारतीयों को एक दिन के 20 पाउंड मिल जाते थे। अब इनके पास काम नहीं।

दस्तावेज नहीं होने से ये लोग सरकार से मदद मांग नहीं सकते, इसलिए धार्मिक, सामाजिक संस्थाओं पर निर्भर हैं। इनमें ज्यादातर पंजाबी हैं। बेरोजगारी और भूख से तंग आकर कुछ लोगों ने यह कहकर शरण मांगी है कि भारत में जान को खतरा है।

अवैध तौर पर रह रहे कामगारों को एक चौथाई पगार भी नहीं: ये लोग रेस्टोरेंट, फैक्ट्रियां, होटल, कंस्ट्रक्शन और बिल्डिंग सेक्टर में कार्यरत हैं। सरकार ने एक घंटे का न्यूनतम वेज 8.21 पाउंड किया है पर इन्हें एक चौथाई भी नहीं मिल रहा।

दूसरे देशों के कामगारों की जगह इंग्लैंड वालों को ही प्राथमिकता: सरकार पर ब्रिटिशर्स को ही रोजगार देने का दबाव है। स्कॉटलैंड में रह रहे कुलबीर सिंह ने कहा कि बाहरी देशों से आए कामगारों की जरूरत खत्म नहीं हो सकती। नेशनल हेल्थ सर्विस में 12% गैर-ब्रिटिश हैं।



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ब्रिटेन ने भारत को बताया कि आपके एक लाख से ज्यादा लोग अवैध तरीके से यहां रह रहे हैं। इनमें 60% पंजाबी हैं। सबसे ज्यादा मुसीबत इन्हीं को है।

China inspects food imports over virus fears June 19, 2020 at 01:40AM

अमेरिकी अफसर ने कहा- दुनिया को महामारी में उलझाकर मौके का फायदा उठा रहा चीन, लद्दाख में भारत से सैन्य झड़प इसी साजिश का हिस्सा June 18, 2020 at 11:47PM

अमेरिका ने कहा है कि चीन दुनिया को कोरोनावायरस में उलझाकर मौके का फायदा उठा रहा है। उसने कई मोर्चे खोल दिए हैं। भारत के साथ लद्दाख की गलवान घाटी में जो कुछ हुआ, वो चीन की इसी साजिश का हिस्सा है। यह आरोप डेविड स्टिलवेल ने लगाए हैं। डेविड अमेरिका में पूर्वी एशिया और प्रशांत महासागर क्षेत्र के सचिव हैं।
बता दें कि 15 जून की रात चीनी सेना ने लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय जवानों पर हमला किया था। झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन के भी 43 सैनिक या तो मारे गए या घायल हुए। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भी भारतीय सैनिकों की शहादत पर शोक जताया है।

अमेरिका की पैनी नजर
स्टिलवेल ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “भारत और चीन के बीच ताजा विवाद पर अमेरिका पैनी नजर बनाए हुए है। दुनिया महामारी पर काबू पाने में जुटी है। लोगों की जान बचाने की कोशिश हो रही है। लेकिन, चीन इन खराब हालात का भी फायदा उठाने की कोशिश कर रहा है। क्योंकि, लोगों का ध्यान बंटा हुआ है।”

2015 से जारी हैं चीन की हरकतें
भारत और चीन की हालिया झड़प पर स्टिलवेल ने कहा, “2015 में जिनपिंग पहली बार भारत गए थे। इसके बाद डोकलाम हुआ। वहां भी इसी तरह का विवाद था। इसके बाद लद्दाख हुआ। हम हालात पर करीबी नजर रख रहे हैं। हालांकि, चीन से हमारी इस बारे ज्यादा बात नहीं हुई।”

पोम्पियो ने शोक जताया
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने लद्दाख में शहीद भारतीय सैनिकों पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने शुक्रवार को इस बारे में एक ट्वीट किया। कहा, ‘‘हम चीन के साथ हुए हालिया विवाद में भारतीय सैनिकों की शहादत पर संवेदना व्यक्त करते हैं। हम उन सैनिकों को हमेशा याद रखेंगे, जिनके परिवार और करीबी शोक में डूबे हैं।’’



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डेविड स्टिलवेल पूर्वी एशिया और प्रशांत महासागर क्षेत्र के अमेरिकी सेक्रेटरी है। उनके मुताबिक, डोकलाम के बाद चीन ने लद्दाख में भी सीमा विवाद भड़काया। (फाइल)

'It may save your life': Facing virus surge, more US states mandate masks June 18, 2020 at 10:19PM

Putting aside concerns about individual rights and political unpopularity, US governors and mayors said they were turning to compulsory face coverings to stop the virus running out of control as economies reopened.

Trudeau supports opposition head expelled from Parliament over racism row June 18, 2020 at 08:57PM

Canadian Prime Minister Justin Trudeau on Thursday stood behind the leader of an opposition party who had been temporarily thrown out of Parliament for accusing another member of racism. Head of the New Democratic Party (NDP) Jagmeet Singh, who is Sikh, is the first member of a minority to lead a federal political party in Canada.

बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग के लिए रिश्वत नहीं मोटिवेशन दें, एक्सपर्ट्स की सलाह- ज्यादा जानकारी से बच्चे घबरा सकते हैं, इसलिए 5 बातों का ध्यान रखें June 18, 2020 at 08:49PM

एलेक्स विलियम्स. इंसान से इंसान में फैलने वाले कोरोनावायरस से बचने का सबसे बेहतर तरीका सोशल डिस्टेंसिंग माना जा रहा है। इसके बावजूद हमेशा सोशल रहने वाले इंसानों के लिए लोगों से 6 फीट की दूरी बनाकर रखना मुश्किल हो रहा है। बड़ी उम्र के लोग भी इस परेशानी से अछूते नहीं हैं, लेकिन बच्चों के मामले में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना चुनौती बन रहा है।

पांच सलाह जो आपके बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग के प्रति गंभीर बना सकती हैं-

  • ईमानदार रहें और सिर्फ मुद्दे की बात करें

हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट जैक्लीन स्पर्लिंग के मुताबिक, बच्चों के पास अपनी चमकदार कल्पनाएं होती हैं और उन्हें अंधेरे में रखने के कारण वे भयानक हालात के बारे में सोच लेंगे। ज्यादा विस्तार से बताना उनकी घबराहट को बढ़ा सकता है। सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, बच्चों को यह बताएं कि कोविड 19 नया वायरस है जो बहुत सारे लोगों को बीमार कर रहा है, लेकिन डॉक्टर्स मानते हैं कि ज्यादातर लोग ठीक हो जाएंगे। खासकर बच्चे।

  • कहानी सुनाएं

कहानियां बच्चों का ध्यान खींचती हैं और मुश्किल चीजों को भी आसानी से समझने में मदद करती हैं। आप संयुक्त राष्ट्र और दूसरी एजेंसियों की बनाई हुई फ्री चिल्ड्रन बुक डाउनलोड कर सकते हैं। इस बुक में सारा नाम की एक लड़की है, जो पंखों वाले जीव एरियो के साथ घूमकर दूसरे बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग और कोविड 19 के बारे में जानकारी देती है।

  • इसे एक खेल बनाएं

अगर बच्चों को यह मजेदार लगने लगेगा तो वे सोशल डिस्टेंसिंग करने लगेंगे। इसी सोच को लेकर एक ब्रिटिश साइकोलॉजी प्रोफेसर ने एक वीडियो गेम “केन यू सेव द वर्ल्ड?” डिजाइन किया है। इस गेम में बच्चे को सड़कों पर लोगों से बचकर और मास्क कलेक्ट करते हुए भागना होता है।

  • मजेदार मास्क तैयार करें

सीडीसी दो साल से ऊपर के बच्चों को पब्लिक प्लेस में मास्क पहनने की सलाह देती है, लेकिन उनके चेहरे पर मास्क बनाए रखना भी चुनौती है। अच्छे दिखने वाले मास्क खरीदें या यूट्यूब से देखकर तैयार कर लें।

  • मोटिवेट करें, लालच न दें

बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए ईनाम देने की बहस अंतहीन है, लेकिन पैरेंट्स हमेशा बात मानने पर बिजनेस करते हैं। यहां तक की सीडीसी भी अच्छे व्यवहार पर ईनाम देने की बात करती है। पैरेंटिंग कॉलमिस्ट और चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट के मुताबिक, छोटे बच्चों को थोड़े पैसे देना मददगार हो सकता है। अगर आप कोशिश से पहले ही ईनाम दे देंगे तो यह रिश्वत होगी, लेकिन बाद में यह मजबूती बढ़ाएगी।

  • आसान अनुशासन

किसी को भी धमकियां नहीं पसंद होती हैं। चाइल्ड एक्सपर्ट्स के मुताबिक, धमकियां मोटिवेशन को नुकसान पहुंचाती हैं और पैरेंट्स और बच्चों को रिश्ते को कमजोर करती हैं। इसके बाद भी आप नियम न माने जाने पर इनकी मदद ले सकते हैं। साइकोलॉजिस्ट के अनुसार, बच्चों को पहले ही परिणामों के बारे में बता दें।

  • उन्हें गहराई से समझाएं

बच्चों के लिए अपनी ही फ्रस्ट्रेशन से घिर जाना आसानहै। अपनी परेशानियों से उनके फोकस को दूसरो की जरूरतों पर शिफ्ट करें। साइकोलॉजिस्ट पैरेंट्स को अपने बच्चों के साथ सहानुभूति और उनकी चिंता का दायरा बढ़ाने की सलाह देते हैं। बच्चों को यह बताएं कि दोस्तों से दूरी रखना एक एहसान है। जिसके जरिए आप उन्हें और उनके परिवार को स्वस्थ्य रख सकोगे। इसका मकसद है बच्चों को उनके बलिदान के बारे में गहराई से बताना।



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Do not give bribe to children to follow social distancing, according to experts - more information can make children nervous

US marks 'Juneteenth' end of slavery amid tensions over racist past June 18, 2020 at 08:43PM

Demonstrations, prayers and cultural celebrations of food and music will enliven communities from New York to Los Angeles to honor the day in 1865 when a Union general proclaimed in Galveston, Texas that all slaves were free. Some 155 years after the demise of the pro-slavery Confederacy, several tragedies have led the country into a reckoning on race.