Saturday, December 19, 2020

नेपाली प्रधानमंत्री ओली का संसद भंग करने का फैसला, सिफारिश लेकर राष्ट्रपति के पास पहुंचे December 19, 2020 at 08:34PM

चीन से करीबी दिखा रहा नेपाल फिर सियासी संकट में फंस गया है। यहां नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार खतरे में नजर आ रही है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली संसद भंग करने की सिफारिश लेकर राष्ट्रपति के पास पहुंचे हैं। इस बीच विपक्षी पार्टी नेपाली कांग्रेस ने भी आज इमरजेंसी मीटिंग बुलाई।

ओली ने रविवार सुबह अचानक कैबिनेट की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई। इसी में संसद भंग करने का फैसला लिया गया। शनिवार को भी उन्होंने पार्टी के बड़े नेताओं के साथ लगातार कई बैठकें कीं।
नेपाल के ऊर्जा मंत्री बर्शमान पुन ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि पार्टी में बढ़ती दरार के बीच कैबिनेट ने राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी से संसद भंग करने की सिफारिश करने का फैसला लिया है।

ऑर्डिनेंस वापस लेने का दबाव

ओली पर संवैधानिक परिषद अधिनियम से जुड़ा एक ऑर्डिनेंस को वापस लेने का दबाव है। इसे उन्होंने मंगलवार को जारी किया था। उसी दिन राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने उसे मंजूरी दे दी थी।
इसके बाद से अपनी पार्टी के विरोधी नेताओं के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल और माधव नेपाल ओली पर दबाव बना रहे थे।

प्रचंड इस मुद्दे पर जानकारी लेने के लिए पीएम आवास पहुंचे थे। हालांकि, ओली ने उस दौरान सिर्फ इतना कहा कि वे आज इस पर कोई कार्रवाई करेंगे। इसके बाद ओली ने सुबह 9:45 बजे कैबिनेट की बैठक बुलाई और एक घंटे से भी कम समय में संसद भंग करने का फैसला ले लिया।

संविधान में संसद भंग करने प्रावधान नहीं

नेपाल के संविधान में सदन भंग करने का प्रावधान नहीं है। इसलिए इस कदम को अदालत में चुनौती दी जा सकती है। इसके बाद, कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को राष्ट्रपति के पास विचार के लिए भेज दिया। आमतौर पर प्रधानमंत्री ऐसे मुद्दों पर पहले राष्ट्रपति से सलाह लेते हैं।

इसके मुताबिक, राष्ट्रपति को संसद भंग करने की मंजूरी देनी चाहिए। ऐसा न होने की वजह से प्रचंड और माधव खेमे से इस फैसले को विरोध झेलना पड़ सकता है। यह तय माना जा रहा है कि वे ओली के फैसले को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे।

इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के प्रवक्ता नारायणजी श्रेष्ठ ने कहा कि यह सरकार का अलोकतांत्रिक कदम है। मुझे अभी सिफारिश के बारे में पता चला है। यह फैसला जल्दबाजी में लिया गया। कैबिनेट की बैठक में सभी मंत्री भी मौजूद नहीं थे। यह फैसला देश को पीछे कर देगा। इसे लागू नहीं किया जाना चाहिए।

ज्यादातर नेता ओली के खिलाफ

पार्टी के ज्यादातर नेता ओली के खिलाफ हो चुके हैं। वे कई दिन से उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। सीनियर लीडर पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड भी दबाव बनाए हुए हैं।

पिछले महीने ही ओली का विरोध कर रहे नौ नेताओं ने बंद कमरे में मीटिंग की थी। इनमें से छह ने प्रधानमंत्री का इस्तीफा मांगा था।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
केपी शर्मा ओली (दाएं) की सरकार पहले भी दो बार खतरे में आ चुकी है। पुष्प कमल दहल प्रचंड (बाएं) लगातार उन पर दबाव बनाए हुए हैं। - फाइल फोटो

नेपाली प्रधानमंत्री ओली का संसद भंग करने का फैसला, सिफारिश लेकर राष्ट्रपति के पास पहुंचे December 19, 2020 at 08:34PM

चीन से करीबी दिखा रहा नेपाल फिर सियासी संकट में फंस गया है। यहां नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार खतरे में नजर आ रही है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली संसद भंग करने की सिफारिश लेकर राष्ट्रपति के पास पहुंचे हैं। कुछ देर में स्थिति साफ होगी।

पार्टी के ज्यादातर नेता ओली के खिलाफ हो चुके हैं। वे कई दिन से उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। सीनियर लीडर पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड भी दबाव बनाए हुए हैं। पिछले महीने ही ओली का विरोध कर रहे नौ नेताओं ने बंद कमरे में मीटिंग की थी। इनमें से छह ने प्रधानमंत्री का इस्तीफा मांगा था। मीटिंग के बाद पार्टी प्रवक्ता नारायण काजी श्रेष्ठ ने कहा था- तमाम बातों पर गंभीरता से विचार किया गया है। कुछ चीजें सामने आई हैं और इन पर बातचीत की जरूरत है।

विरोधियों की मांग
दहल की अगुआई वाले विरोधी खेमे ने ओली को 19 पेज का प्रस्ताव सौंपा था। इसमें सरकार के कामकाज और पार्टी विरोधी नीतियों पर सवाल उठाए गए थे। ओली प्रधानमंत्री के साथ पार्टी अध्यक्ष भी हैं। हालांकि वे पार्टी पर पकड़ खो चुके हैं।

स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में नहीं गए थे ओली
ओली कुछ दिन पहले हुई नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की स्टेंडिंग कमेटी की बैठक में नहीं पहुंचे थे। इस बैठक में उनके ऊपर लगे आरोपों पर चर्चा होनी थी। हालांकि, उन्होंने चिट्‌ठी भेजकर इस बैठक में शामिल होने और आरोपों पर सफाई देने से इनकार कर दिया। उन्होंने चिट्‌ठी में कोरोना महामारी की वजह से बैठक में नहीं शामिल होने की बात कही।

भारत से तल्खी बढ़ने के बाद से ही पुष्प कमल दहल प्रचंड ओली पर इस्तीफे का दबाव बना रहे हैं। पार्टी के सीनियर नेता राम माधव कुमार नेपाल समेत कई लीडर भी ओली के काम से खुश नहीं है। पार्टी के कुछ नेताओं ने उनसे अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की भी मांग की है।

प्रचंड ने ओली पर लगाए थे भ्रष्टाचार के आरोप
प्रचंड ने पीएम ओली पर भ्रष्टाचार में शामिल होने और मनमाने ढंग से सरकार चलाने के आरोप लगाए थे। प्रचंड ने ओली के खिलाफ एक राजनीतिक प्रस्ताव भी पेश किया। स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में कुछ हल निकलने की उम्मीद थी। ओली और प्रचंड के बीच पहले भी कई चरणों में बातचीत हुई, लेकिन वे भी बेनतीजा रही थी।

चीन के दखल ने बिगाड़े हालात
नेपाल की राजनीति में चीन का दखल सरकार को खतरे में डाल रहा है। कई नेताओं को लगता है कि चीन नेपाल की घरेलू राजनीति में शामिल हो रहा है। इससे पहले भी दो बार ओली सरकार पर संकट आ चुका है। हर बार चीनी दूतावास एक्टिव रहा।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
केपी शर्मा ओली (दाएं) की सरकार पहले भी दो बार खतरे में आ चुकी है। पुष्प कमल दहल प्रचंड (बाएं) लगातार उन पर दबाव बनाए हुए हैं। - फाइल फोटो

Trump downplays Russia in first comments on hacking campaign December 19, 2020 at 08:12PM

CDC panel recommends Covid vaccine for adults: Moderna December 19, 2020 at 06:51PM

Moderna Inc said on Saturday the US Centers for Disease Control and Prevention's (CDC) Advisory Committee on Immunization Practices voted to recommend the use of the company's Covid-19 vaccine on people 18 years of age and older. Moderna's is the second Covid-19 vaccine to receive approval in the US. US distribution of Moderna's vaccine began on Saturday, with more than 3,700 sites due to start receiving and administering shots as soon as Monday.

स्विट्जरलैंड की फाइजर वैक्सीन को मंजूरी, क्रिसमस के बाद वैक्सीनेशन; फ्रांस में 60 हजार से ज्यादा मौतें December 19, 2020 at 06:02PM

वैक्सीन की तमाम चर्चाओं के बीच दुनिया में अभी भी कोरोना का खतरा बरकरार है। इस बीच, स्विट्जरलैंड सरकार ने शनिवार को फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। देश में क्रिसमस के बाद वैक्सीनेशन शुरू होगा। वहीं, यूरोप में अभी ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। फ्रांस में महामारी से अब तक 60 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं।

दुनिया में कोरोना के 7 करोड़ 66 लाख 20 हजार 137 केस हो चुके हैं। 16 लाख 91 हजार 772 लोगों की मौत हो चुकी है। अच्छी बात ये है कि 5 करोड़ 37 लाख 47 हजार 151 लोग ठीक हो चुके हैं।

कोरोना प्रभावित टॉप-10 देशों में हालात

देश

संक्रमित मौतें ठीक हुए
अमेरिका 18,077,768 323,401 10,545,445
भारत 10,031,659 145,513 9,579,681
ब्राजील 7,213,155 186,356 6,222,764
रूस 2,819,429 50,347 2,254,742
फ्रांस 2,460,555 60,418 183,571
तुर्की 2,004,285 17,851 1,779,068
यूके 2,004,219 67,075 N/A
इटली 1,938,083 68,447 1,249,470
स्पेन 1,817,448 48,926 N/A
अर्जेंटीना 1,537,169 41,763 1,362,617

(आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं)



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
स्विट्जरलैंड के लेस पोर्ते दु सोलेली स्कीइंग रिजॉर्ट पर लोग पहुंच रहे हैं, हालांकि सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जा रहा है।

In east Jerusalem, a battle over 'every inch' of land December 19, 2020 at 05:23PM

Rajabi lives in Silwan, a poor neighbourhood just outside the Old City in Israeli-annexed east Jerusalem, made up of dusty trash-strewn alleys, with electrical cables dangling low off their poles.

Dutch ban UK flights due to virus spread December 19, 2020 at 05:41PM

The ban, which starts at 6am (0500 GMT) on Sunday and lasts until January 1, came hours after Britain announced a stay at home order for part of the country to slow the more infectious variant. The Netherlands is under a five-week lockdown until mid-January with schools and all non-essential shops closed to slow a surge in the virus.

North Korea to redevelop flagship tourist resort December 19, 2020 at 05:15PM

The resort -- once a prominent symbol of inter-Korean economic cooperation -- was built by South Korea's Hyundai Asan on one of the North's most scenic mountains, drawing hundreds of thousands of Southern visitors.

Netanyahu gets coronavirus jab, starting Israel rollout December 19, 2020 at 05:11PM

"I asked to be vaccinated first, together with Health Minister, to serve as personal examples and encourage you to be vaccinated," Netanyahu told the television audience. Each recipient must receive a booster shot in three weeks for optimal protection from the novel coronavirus.

Mexico's leader speaks with US president-elect by phone December 19, 2020 at 05:10PM

Mexican President Andrés Manuel Lpez Obrador said he spoke with US President-elect Joe Biden by phone on Saturday, five days after he sent a tardy and somewhat chilly letter of congratulations to Biden. Lpez Obrador congratulated Biden only after the Electoral College vote confirmed his victory.

5 देश रूस से S-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीद रहे, तुर्की पर सख्त लेकिन भारत पर मजबूर है US December 19, 2020 at 04:27PM

रूस का S-400 एयर डिफेंस सिस्टम अमेरिका के लिए बड़ी परेशानी बन गया है। भारत और चीन समेत पांच देशों ने इसे खरीदा है। तुर्की नाटो में शामिल है। उसने जब S-400 खरीदा तो अमेरिका ने उस पर सख्त प्रतिबंध लगा दिए। भारत ने जब 2018 में रूस से S-400 की चार रेजिमेंट्स की डील की थी, तब अमेरिका ने इस पर नाराजगी जताई थी। लेकिन, इससे ज्यादा वह कुछ नहीं कर पाया, क्योंकि भारत ने साफ कर दिया था कि वह अपनी रक्षा जरूरतों को हर कीमत पर पूरा करेगा।

5.43 अरब डॉलर की इस डील के लिए भारत एडवांस पेमेंट भी कर चुका है। इसकी पहली खेप भारत को अगले साल अगस्त तक मिल सकती है।

इस सिस्टम की जरूरत क्यों
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के सीनियर रिसर्चर सिमॉन वाइजमैन ने ‘अलजजीरा’ से कहा- इस एयर डिफेंस सिस्टम का कोई मुकाबला नहीं। अमेरिका के पास भी इतना एडवांस्ड सिस्टम नहीं है। लेकिन, यह भी सच है कि हर देश इसे नहीं खरीद सकता। क्योंकि, S-400 बेहद महंगा है। इसके राडार 600 किलोमीटर की दूरी तक सर्विलांस (निगरानी) कर सकते हैं। इसकी मिसाइलें 400 किलोमीटर दूर तक टारगेट को मार गिराएंगी। यह ऑल इन वन एयर डिफेंस सिस्टम है।

भारत पर शायद इसलिए चुप है अमेरिका
एक अमेरिकी रिसर्चर के मुताबिक- चीन के लिए यह सिस्टम उतना उपयोगी नहीं है, जितना भारत के लिए। भारत बहुत आसानी से इसका इस्तेमाल अपने मैदानी इलाकों से चीन पर निशाना साधने के लिए कर सकता है। पाकिस्तान सीमा पर तो S-400 बेहद कारगर साबित होगा। यह लड़ाई का रुख ही बदल देगा। भारत और अमेरिका के बीच स्ट्रैटेजिक अलायंस है। चीन से दोनों देशों का टकराव है। अमेरिका आज के हालात में भारत को नाराज करने का जोखिम नहीं ले सकता। दोनों देशों के बीच गुपचुप सहमति है।

हमारे लिए ऑल इन वन पैकेज
मिलिट्री एनालिस्ट केविन ब्रैंड कहते हैं- मिडिल, लॉन्ग या स्मॉल। किसी भी रेंज की मिसाइल इस पर फिट की जा सकती हैं। भारत के पास यह सभी मौजूद हैं। यह मिनटों में कहीं भी तैनात किया जा सकता है। बहुत आसानी से ऑपरेशनल हो जाता है। चीन और पाकिस्तान की तरफ से दोहरे खतरे के मद्देनजर भारत को इसकी जरूरत बहुत ज्यादा है।

अमेरिका को दिक्कत क्यों?
केविन कहते हैं- अमेरिका जानता था कि चीन इसे खरीदेगा। सऊदी अरब और कतर उसके लिए खतरा नहीं हैं। भारत से उसके करीबी और मजबूत रिश्ते हैं। यानी भारत भी खतरा नहीं है। लेकिन, तुर्की नाटो में शामिल है। वो लगातार अमेरिका के करीबी अरब और यूरोप के देशों के खिलाफ आक्रामक रुख अपना रहा है। अमेरिका को इन्हीं देशों की फिक्र है। वैसे भी, तुर्की S-400 सिर्फ अपना सैन्य दबदबा बढ़ाने के लिए खरीद रहा है। उसे वास्तव में इसकी कोई जरूरत नहीं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Russia India S 400 Air Defence Missile Deal Big Tension To US | America Imposes Sanctions on Turkey

जनवरी के बाद दागियों को भड़काने और यात्राओंं में खर्च करेंगे ट्रंप, बहू की कंपनी को करोड़ों रुपए दिए December 19, 2020 at 03:36PM

अगले महीने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रम्प व्हाइट हाउस छोड़ देंगे। वे राष्ट्रपति से अमेरिका के आम नागरिक हो जाएंगे। उनका भविष्य क्या होगा, क्या करेंगे, यह इन दिनों चर्चा का विषय है। मूल रूप से बिजनेसमैन ट्रम्प के पास दौलत की कमी पहले से नहीं थी। चुनाव फंड के रूप में आए 1825 करोड़ रुपए भी उनके पास हैं। हालांकि इसमें से 400 करोड़ रुपए नई पॉलिटिकन एक्शन कमेटी को चले जाएंगे, लेकिन फिर भी ट्रंप के पास खर्च करने के लिए भरपूर पैसा है।

ट्रंप के नजदीकियों का कहना है कि जब तक ट्रंप व्हाइट हाउस नहीं छोड़ते, फिलहाल वे ही इस फंड को कंट्रोल करेंगे। इसके बाद वे अपने पैसों का उपयोग पार्टी के विद्रोही गुटों को उकसाने, वफादारों को इनाम देने, अपनी यात्राओं और कर्मचारियों को काम पर रखने के साथ कानूनी बिलों के भुगतान में खर्च कर सकते हैं।

यहां तक कि वे 2024 के चुनावों के लिए जमीनी काम करने में भी खर्च कर सकते हैं। ट्रंप के इन चुनावों में सहयोगी जॉन मैकलॉलिन कहते हैं कि फिलहाल तो ट्रंप ही रिपब्लिकन पार्टी हैं। पार्टी जानती है कि उसने बीते 4 सालों में जो भी फंड जुटाया है, उसके पीछे ट्रंप ही हैं। चुनावों में ज्यादातर भुगतान जैसे टेलीविजन और डिजिटल विज्ञापन, चुपचाप एक मीडिया कसंल्टिंग कंपनी के जरिए ही किया गया। इस कंपनी के जरिए 2019 के बाद से अब तक तकरीबन 5100 करोड़ रुपए भुगतान हुए हैं। इसके पीछे भी वजह पारिवारिक है।

एक दस्तावेज के मुताबिक, ट्रंप की बहू और उनकी कैंपेन एडवाइजर लारा ट्रंप इस कंपनी के बोर्ड मेंबर्स में से एक हैं। इस कंपनी में उपराष्ट्रपति माइक पेंस का भतीजा जॉन भी था। हालांकि ट्रंप के प्रवक्ता ने कहा कि दोनों ने अक्टूबर 2019 में ही बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था। जो भी हो, ट्रंप के पास इतनी दौलत है कि वे भविष्य में कुछ भी कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए उन्हें खुद को कानूनी मामलों से बचाकर रखना होगा।

पहले से अकूत दौलत, चुनावी फंड भी उन्हीं के कंट्रोल में

फोर्ब्स के मुताबिक, बीते सितंबर तक ट्रंप की संपत्ति लगभग 4400 करोड़ रुपए थी। ट्रंप के पास अमेरिका और कई देशों में आलीशान होटल और इमारतें हैं। मियामी में उनका गोल्फ रिजॉर्ट है। मैनहट्‌टन में 350 से ज्यादा पार्किंग स्पेस, फ्लोरिडा में मार-ए-लागो क्लब और पास की तीन संपत्तियां भी उनकी हैं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
चुनाव फंड के रूप में आए 1825 करोड़ रुपए भी उनके पास हैं। (फाइल फोटो)

जापान में बड़े-बुजुर्ग छोटे-मोटे अपराध कर रहे हैं ताकि वे निगाह में आएं और रहने को ठिकाना मिले December 19, 2020 at 03:36PM

अभी कुछ समय पहले जापान के वाकायामा प्रांत के कैनन शहर की पुलिस ने एक 83 साल की महिला को पकड़ा। आरोप था कि उन्होंने एक सुपरमार्केट से खरीदे गए अंडों के डिब्बे पर पहले से लगी कीमत वाली पर्ची (प्राइस लेबल) को बदला। ताकि वे मर्जी और सुविधा से कम भुगतान कर सकें।

पुलिस ने जब उन्हें पकड़कर सवाल किए तो उन्होंने माना कि वे पहले दो बार उत्पादों के प्राइस लेबल से छेड़खानी कर चुकी हैं। हालांकि पुलिस ने उन्हें सख्त चेतावनी देकर छोड़ दिया। उनके खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया क्योंकि उन्होंने जो उत्पाद खरीदे थे, तीनों बार में उनकी कुल कीमत महज 500 येन (लगभग 356 रुपए) थी। मामला दर्ज नहीं हुआ, इसलिए उनका नाम भी सामने नहीं आया।

इस कहानी के अगले सिरे तक जाने से पहले दो-तीन छोटी-छोटी जानकारियों पर गौर करना जरूरी है। पहली- जापान सरकार ने 2005 में अपना एक कानून बदला था। इसमें छोटे-मोटे अपराधों को गंभीर श्रेणी से बाहर कर दिया था। ताकि पुलिस और सरकारी वकीलों पर अनावश्यक बोझ कम किया जा सके। अपराधों की दर कम की जा सके। आंकड़ों में यह कमी दिखने भी लगी है।

दूसरी बात- जापान में ऐसे सुपरमार्केट और दुकानें आदि काफी हैं, जहां कैश काउंटर होता है पर पैसे जमा करने वाला कर्मचारी नहीं होता। ग्राहक वहां रखे हैंड स्कैनर से खुद ही उत्पादों के प्राइस लेबल स्कैन कर भुगतान करते हैं। और तीसरी अहम बात- जापान में बुजुर्गों की आबादी तेजी से बढ़ रही है। अब यह कुल आबादी के 25 फीसदी के आसपास है।

साल 2050 तक लगभग 30 फीसद हो जाएगी, ऐसा सरकारी अनुमान है। अब आगे की कहानी। विशेषज्ञ बताते हैं कि जापान सरकार द्वारा कानून में बदलाव किए जाने के बाद अपराध (7,48,559) और गिरफ्तारी (1,92,607) के आंकड़े द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 2019 में सबसे निचले स्तर पर रहे हैं।

अपराध का कारण जितना मानसिक उतना आर्थिक, पारिवारिक भी

विशेषज्ञों के मुताबिक, ‘बुजुर्गों के अपराधों की तरफ मुड़ने के कारण मानसिक, आर्थिक, पारिवारिक सभी हैं। छोटे अपराधों में पकड़े जाने वाले बड़े-बुजुर्गों में अधिकांश अपने जीवन में अकेले पाए गए हैं। अचानक ऐसी स्थिति बनने पर वे अवसाद में जा रहे हैं। लिहाजा कई लोग तो बस खुद को व्यस्त रखने और सबकी निगाह में रहने के लिए ऐसे अपराध कर रहे हैं।’ कई बुजुर्ग ऐसे भी हैं, जो छोटे-मोटे अपराधों को अंजाम देते हैं ताकि उनका खर्चा निकल आए। जबकि कुछ इसलिए कि उनका कुछ समय जेल में रहने-खाने का बंदोबस्त हो जाए।’



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
जापान में बुजुर्गों की आबादी तेजी से बढ़ रही है। अब यह कुल आबादी के 25 फीसदी के आसपास है। (फाइल फोटो)

साउथ इंग्लैंड में फैल रहा कोरोना का नया स्ट्रेन, लंदन आने-जाने पर लग सकता है बैन; लॉकडाउन पर भी विचार December 19, 2020 at 02:52PM

फाइजर की वैक्सीन को इमरजेंसी यूज की इजाजत देने के बाद ब्रिटेन जल्द ही कोरोना महामारी पर काबू पाने की उम्मीद कर रहा था। लेकिन, कोरोनावायरस का नया स्ट्रेन सामने आने से यहां हड़कंप की स्थिति है। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने मंत्रियों की आपातकालीन बैठक बुलाकर स्थिति पर चर्चा की है। वायरस का यह रहस्यमयी नया स्ट्रेन लंदन और इंग्लैंड के दक्षिणी हिस्से में ज्यादा मिल रहा है।

ब्रिटिश मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रधानमंत्री जॉनसन लंदन से ट्रैवल बैन लगाने पर विचार कर रहे हैं। इस पर अभी आखिरी फैसला नहीं लिया गया है। कोरोनावायरस के इस स्ट्रेन को VUI-202012/01 पहचान दी गई है। माना जा रहा है कि यह स्ट्रेन पहले की तुलना में ज्यादा तेजी से महामारी फैला रहा है। केंट काउंटी के अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों की संख्या काफी बढ़ गई है। लंदन में भी नए केस तेजी से बढ़े हैं।

दोबारा लग सकता है लॉकडाउन

ब्रिटेन में 23 से 27 दिसंबर तक लोगों को क्रिसमस बबल बनाने की इजाजत मिलने वाली थी। हर बबल में तीन परिवार मिलकर सेलिब्रेट कर सकते थे। लेकिन, नया स्ट्रेन सामने आने के बाद फिर से देशभर में लॉकडाउन की चर्चा बढ़ गई है। इस पर आखिरी फैसला पीएम जॉनसन को लेना है।

क्रिसमस और नए साल पर रेड जोन में रहेगा इटली

कोरोना की दूसरी लहर का मुकाबला कर रहे इटली ने क्रिसमस और नए साल पर पाबंदियां सख्त करने का फैसला किया है। इसके लिए तीन अलग-अलग चरणों में लॉकडाउन लगाया जाएगा। पहले चरण का लॉकडाउन 24 से लेकर 27 दिसंबर तक रहेगा।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
ब्रिटेन में कोरोनावायरस के नए स्ट्रेन के सामने आने के बाद एक बार पाबंदियां लगाई जा सकती हैं। पीएम बोरिस जॉनसन जल्द इस बारे में फैसला ले सकते हैं। -फाइल फोटो।

To fight new Covid strain, UK PM reverses Xmas plans for millions December 19, 2020 at 03:21PM

Prime Minister Boris Johnson imposed an effective lockdown on over 16 million people in England and reversed plans to ease curbs over Christmas, saying Britain was dealing with a new coronavirus strain up to 70% more transmissible than the original.

Covid positive Emmanuel Macron's condition stable December 19, 2020 at 04:14AM

French President Emmanuel Macron, who has tested positive for the coronavirus, is in stable condition, and examinations had given reassuring results, as per an official statement from his office on Saturday. After Macron tested positive for Covid-19, the French Presidency on Thursday said that in accordance with current health regulations applicable to everyone, the president will isolate himself for seven days, continuing to work remotely.

UK medical officer: New virus variant spreading more rapidly December 19, 2020 at 03:01AM

China says tailed US warship in Taiwan Strait December 19, 2020 at 02:34AM

मोदी की मां से ब्रिटेन के सिखों की अपील- अपने बेटे से कहें, किसान आंदोलनकारियों की माताओं को बदनाम न होने दें December 19, 2020 at 01:36AM

ब्रिटेन के ब्रैडफोर्ड शहर की सिख एसोसिएशन ने किसान आंदोलन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीरा बा को खत लिखा है। ब्रिटिश एजुकेशनल एंड कल्चरल एसोसिएशन ऑफ सिख (BECAS) ने 14 दिसंबर को लिखे खत में कहा कि किसान आंदोलन को लेकर कुछ लोग पंजाब की माताओं को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए और आपको अपने बेटे से इस बारे में बात करनी चाहिए।

भास्कर ने BECAS के अध्यक्ष त्रिलोचन सिंह दुग्गल से फोन पर बात की। उन्होंने कहा, 'कुछ महिलाएं भाजपा के समर्थन में पंजाब की मांओं के बारे में गलत प्रचार कर रही हैं। बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनोट भी इनके बारे में गलत शब्दों का इस्तेमाल करती हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए।'

पत्र में क्या लिखा है?

आदरणीय श्रीमती हीराबेन जी,
बड़े खेद के साथ हम आप से आपके बेटे और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करने की अपील करते हैं। सभी माताओं का उसी तरह से सम्मान किया जाना चाहिए, जिस तरह से आप मोदी जी की सम्मानित मां हैं। भारत के हर राज्य में मां समान रूप से सम्मानित हैं और हर परिवार में उनको एक विशेष दर्जा मिलता है। भाजपा समर्थक कुछ एक्ट्रेस पंजाब की उन मांओं को बदनाम कर रही हैं, जो कृषि कानूनों को खत्म करने की मांग करते हुए किसान आंदोलन में शामिल हुई हैं।

हम मोदी जी और उनकी सरकार से अपील करते है कि पंजाब की मांओं के बारे में गलत भाषा का इस्तेमाल करने वाले समर्थकों को रोकें और उनके खिलाफ उचित कार्रवाई करें। हमें उम्मीद है कि आप देश की मां-बहनों के सम्मान की भारतीय परंपरा को बनाए रखने की पूरी कोशिश करेंगे।

लोगों की बात सुनना नेता का फर्ज
भास्कर से बात करते हुए त्रिलोचन सिंह दुग्गल ने कहा, 'सभी को उनका हक मिलना चाहिए। भारत एक लोकतांत्रिक देश है और लोकतंत्र लोगों के दिल की आवाज है। लोग अपना नेता चुनते हैं। इन हालात में लोगों को सुनना नेता का फर्ज हो जाता है। चाहे मां पंजाब की हो या किसी और राज्य की। हमें मानवता को समझना चाहिए।'

कंगना के बयान के बाद हीरा बा को पत्र लिखने का सोचा
दुग्गल ने बताया, 'हमने देखा कि कंगना रनोट समेत कुछ महिलाएं जो भाजपा का समर्थन करती हैं, मांओं के बारे में गलत भाषा का इस्तेमाल करतीं हैं। इस बारे में हमारी ओर से यह एक इमोशनल अपील है कि कंगना रनोट भी भारतीय हैं और भारत की हर लड़की का सम्मान किया जाना चाहिए। अगर उन्होंने गलती की है, तो एक बुजुर्ग के रूप में प्रधानमंत्री को उन्हें रोकना चाहिए।'

अपनी एक पोस्ट में कंगना ने किसान आंदोलन में शामिल बुजुर्ग महिला को शाहीन बाग की दादी बताते हुए कहा था कि वे 100 रुपए में प्रदर्शन के लिए आ जाती हैं।

हमारे पास हीरा बा का पता नहीं है
दुग्गल ने कहा, 'हमारे पास हीरा बा का पता नहीं है, इसलिए हमने पत्र को अपने इंटरनल सर्कल में सर्कुलेट किया था। हमें उम्मीद है कि यह पत्र उनके पास पहुंच जाएगा। हमनें इस बारे में प्रधानमंत्री या किसी सरकारी एजेंसी से संपर्क नहीं किया है।'

BECAS भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देता है
BECAS विदेशों में रहने वाले भारतीय बच्चों को भारतीय संस्कृति की जानकारी देता है। एसोसिएशन भारत की परंपरा के साथ जुड़े पारिवारिक मूल्यों की समझ देने की एक्टिविटीज कर रहा है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
ब्रिटिश एजुकेशनल एंड कल्चरल एसोसिएशन ऑफ शिख (BECAS) ने 14 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र की मां हीरा बा को खत लिखा था।- फाइल फोटो

Covid: US accuses China of 'obstructing' WHO probe December 19, 2020 at 12:16AM

Urging the international community to demand transparency from China about the spread of the coronavirus pandemic, the US has accused Beijing of "obstructing" a WHO probe into the origin of the deadly virus in the central Chinese city of Wuhan and "peddling" questionable vaccines one year after the disease broke out.

PM Imran Khan says Pakistan army is a state institution which works under him December 18, 2020 at 11:05PM

China's space probe brought 1,731 grams of samples from the moon December 18, 2020 at 10:19PM