Thursday, March 26, 2020

ताबूत में मां को देखकर बिलखती बेटी ने कहा- मां! तुम बोलती क्यों नहीं; अंत्येष्टि स्थल पर भी धमाका March 26, 2020 at 06:47PM

काबुल.अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में गुरुद्वारे पर अटैक के 24 घंटे के भीतर फिर हमला हुआ। हमला क्रीमेशन ग्राउंड से 50 मीटर की दूरी पर हुआ जहां बुधवार को आतंकी हमले में मारे गए सिखों का अंतिम संस्कार किया जा रहा था। गुरुवार को हुए दूसरे हमले में एक बच्चा जख्मी हाे गया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, ‘क्रीमेशन साइट के पास धमाके की खबर से चिंतित हूं। हमारा दूतावास काबुल के सुरक्षा अधिकारियों के साथ संपर्क में है। उन्हें उपयुक्त सुरक्षा उपलब्ध कराने को कहा है।

उधर, भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने आशंका जताई थी कि गुरुद्वारा अटैक अफगानिस्तान में अल्पसंख्यकों पर पाकिस्तान प्रायोजित हमले की शुरुआत हो सकती है। अपुष्ट रिपोर्ट्स के मुताबिक हमले के तार पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़ रहे हैं।

ताबूत में मां का शव देख बिलख पड़ीबच्ची

काबुल में बुधवार को गुरुद्वारे पर हुए आतंकी हमले में 8 महिलाओं समेत 27 सिखों की मौत हुई थी। अंतिम संस्कार के दौरान ताबूत में अपनी मां का शव देख एक बच्ची बिलख पड़ी। हमले में मां को खोने वाले एक युवक ने पूछा- मेरी मां ने क्या पाप किया था? एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि हमलावरों ने किसी पर रहम नहीं किया। वे बच्चों को भी नहीं छोड़ रहे थे। ऐसे ही हमले में मैंने अपने 7 परिजन को खो दिया था।



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Kabul Gurdwara Attack: Afghanistan Kabul Gurdwara Attack Today Latest News Updates On Taliban, ISIS

वेनेजुएला के राष्ट्रपति मादुरो पर तस्करी का आरोप; गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले को 112 करोड़ रुपए इनाम मिलेगा March 26, 2020 at 05:21PM

वॉशिंगटन. अमेरिकी अटॉर्नी जनरल विलियम बार ने गुरुवार को घोषणा कि वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलास मादुरो पर अमेरिका में मादक पदार्थों की तस्करी का आरोप हैं। उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है। मादुरो की गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले को 112 करोड़ (150 लाख डॉलर) रुपए इनाम दिया जाएगा।

अटॉर्नी जनरल बार ने वॉयस ऑफ अमेरिका से बातचीत में कहा, ‘आज की गई घोषणा वेनेजुएल सरकार के अंदर फैले भ्रष्टाचार पर केंद्रित है। सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोगों ने इसके लिए तंत्र बना लिया है, जो अमीर होने के लिए उसे नियंत्रित करते हैं।’ उन्होंने कहा- निकोलस मादुरो मोरोस के नेतृत्व में वेनेजुएला सरकार, आपराधिकता और भ्रष्टाचार से ग्रसित है।

आरोपों के तहत 50 साल या उम्रकैद हो सकती है
न्याय विभाग ने भी अपनी प्रेस रिलीज में मादुरो के नाम का उल्लेख एक राष्ट्रपति के बजाय सामान्य अपराधी के रूप में किया है। विज्ञप्ति में कहा कि 4 मुलजिमों पर नार्को-टेरेरिज्म और ड्रग ट्रेफकिंग का आरोप हैं। इसके तहत कम से कम 50 साल की जेल या अधिकतम उम्रकैद की सजा का प्रावधान है।

इन पर नार्को-टेरेरिज्म और ड्रग ट्रेफकिंग का आरोप
राष्ट्रपति मादूरो के अलावा अन्य आरोपी अधिकारियों में नेशनल कॉस्टीट्यूएंट असेंबली के प्रेसिडेंट डिओसैडो कैबेलो रोंडन, वेनेजुएला मिलिट्री इंटेलिजेंस के पूर्व डायरेक्टर जनरल ह्यूगो कार्वाजल बैरियस, वेनेजुएला आर्मी के पूर्व जनरल क्लीवर अल्काला कॉर्डोनस के साथ-साथ रिवोल्यूशनरी आर्म्ड फोर्सेज ऑफ कोलंबिया (आरएएफसी) के कई सदस्य शामिल हैं।

गिरफ्तारी के सेना के इस्तेमाल पर नहीं दी प्रतिक्रिया
अटॉर्नी जनरल बार के मुताबिक, मादुरो की गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले को 112 करोड़ रुपए (15 मिलियन डॉलर) जबकि अन्य अधिकारयों की सूचना पर 74 करोड़ रुपए (10 मिलियन डॉलर) का इनाम दिया जाएगा। यह पूछे जाने पर कि क्या यूएस सरकार मादुरो और दूसरे अधिकारियों की गिरफ्तारी के लिए सेना तैनात करेगी? अटॉर्नी जनरल ने इस पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया।



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आरोपों के तहत कम से कम 50 साल की जेल या अधिकतम उम्रकैद की सजा का प्रावधान है। वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलास मादुरो नीले कोट में। फाइल फोटो

195 देशों में संक्रमण और 23,720 मौतें: अमेरिका में चीन से ज्यादा संक्रमित हुए, यहां 30 लाख से ज्यादा लोगों ने बेरोजगार के तौर पर रजिस्ट्रेशन कराया March 26, 2020 at 12:33PM

वॉशिंगटन. दुनियाभर के 195 देश कोरोनावायरस की चपेट में है। पांच लाख 25 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। 23 हजार 720 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, एक लाख 23 हजार से ज्यादा मरीज ठीक भी हुए हैं। कोरोनावायरस की वजह से अमेरिका में बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हुए हैं। यहां के श्रम विभाग के मुताबिक, 33 लाख लोगों ने बेरोजगार के तौर पर खुद का रजिस्ट्रेशन करवाया है। अमेरिकी इतिहास में बेरोजगारी दर का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है। यहां संक्रमितों की संख्या 82,179 हो गई है। यह आंकड़ा चीन से भी ज्यादा है।

अमेरिका में कोरोनावायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं। यहां एक दिन में 150 जानें गई हैं और करीब 14 हजार नए केस सामने आए हैं। अब तक 1,177 लोगों की मौत हुई है। अमेरिका में न्यूयॉर्क कोरोनावायरस का एपिसेंटर है। यहां अब तक 281 लोग मारे गए हैं और 21,873 संक्रमित हैं। अमेरिकी सीनेट में दो ट्रिलियन डॉलर के राहत पैकेज को मंजूरी मिलने पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार कोरिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स का आभार जताया। उन्होंने कहा कि मैं दोनों पार्टियों का शुक्रगुजार हूं। इस राहत फंड से अमेरिकी वर्कर्स और उनके परिवारों को लाभ होगा।

तुर्की में 75 लोगों की मौत
तुर्की में गुरुवार को 16 लोगों की मौत हुई। यहां अब तक कुल 75 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, संक्रमण के मामले 3,629 हो चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्री फाहरेत्तीन कोजा ने कहा कि पिछले 24 घंटे में देश में 7,286 लोगों की जांच की गई है।

चीन ने 28 मार्च से विदेशियों के लिए अपनी सीमा बंद की
चीन की सरकार ने शनिवार (28 मार्च) से दूसरे देशों के लिए अपनी सीमा बंद कर दी है। कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। माना जाता है कि पिछले साल दिसंबर में चीन के वुहान शहर से ही वायरस फैला था। यह स्पष्ट नहीं है कि सीमा कब तक बंद रहेगा। यहां अब तक 3,287 मौतें हो चुकी है। वहीं, 81, 285 लोग संक्रमित है।



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यह तस्वीर न्यूयॉर्क की है। इस शहर में अब तक 280 से ज्यादा लोग मारे गए हैं।

कोराना के कारण सैकड़ों भारतीय छात्र फंसे, भारतवंशी अमेरिकी होटल मालिकों ने मुफ्त ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था की March 26, 2020 at 05:35AM

वॉशिंगटन. कोरोनावायरस के कारण अमेरिका में फंसे भारतीय छात्रों की मदद के लिए भारतवंशी अमेरिकी होटल मालिक आगे आए हैं। होटल मालिकों ने इन छात्रों को वहां मुफ्त में रहने और खाने की पेशकश की है। दरअसल, अमेरिका में लगातार बढ़ रहे कोरोना के संक्रमण के चलते यहां की यूनिवर्सिटी और कॉलेज में पढ़ रहे छात्रों से होस्टल खाली करने के लिए कह दिया गया है। भारत ने भी 22 मार्च से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक लगा दी है। ऐसे में यहां हजारों की संख्या में छात्र फंसे हुए हैं।

अमेरिका में 2.5 लाख से ज्यादा भारतीय छात्र हैं। न्यूयॉर्क में भारतीय दूतावास पिछले हफ्ते से 24 घंटे इन छात्रों के लिए हेल्पलाइन नंबर चला रहा है। भारतीय दूतावास ने अमेरिका में रहने वाले भारतीयों से ऐसे छात्रों की मदद की अपील भी की थी। इसके बाद होटल मालिकों ने करीब 700 होटलों में 6,000 से ज्यादा कमरों में इन छात्रों को रुकने और खाने-पीने की मुफ्त व्यवस्था की पेशकश की है।

अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने ट्वीट किया, "यह देखकर खुशी हो रही है कि भारतीय, भारतीय अमेरिकी और अन्य होटल मालिक संकट के इस समय में लोगों की मदद कर रहे हैं। एक साथ मिलकर हम कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई जीत सकते हैं।"

मददगार बोले-छात्र भारत और अमेरिका दोनों का भविष्य, मदद करनाहमारा फर्ज
भारतीय-अमेरिकी दंपत्ति केकेमेहता और चंद्रा मेहता ने न्यूयॉर्क शहर में टाइम्स स्क्वायर और बार्कलेज सेंटर के नजदीक अपने दो होटलों में भारतीय छात्रों को 100 से ज्यादा कमरों की पेशकश की है। न्यूयॉर्क में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने इस संबंध में उनसे 10 दिन पहले संपर्क किया था। इन दोनों होटलों के सलाहकार प्रेम भंडारी कहते हैं, 'ये छात्र भारत और अमेरिका दोनों का भविष्य हैं। सभी टॉप भारतीय अमेरिकी सीईओ, वैज्ञानिक और डॉक्टर छात्र के तौर पर इस देश में आते हैं। यह हमारा फर्ज है कि अपने संसाधनों से उनकी मदद की जाए।'

कमरों की लिस्ट तैयार है:शिकागो में भारतीय मूल के नीरव पटेल कहते हैं, 'छात्रों की मदद के लिए भारतीय समुदाय एक साथ आया है। कई होटल मालिक इन्हें मुफ्त कमरे दे रहे हैं। इनमें से कई होटल मालिक छात्रों को मुफ्त में भोजन भी दे रहे हैं।'एएएचओए अपर मिडवेस्ट के रीजनल डायरेक्टर कल्पेश जोशी ने बताया कि उन्होंने उपलब्ध होटलों के कमरों की एक लिस्ट तैयार कर ली है। भारतीय दूतावास और उनके राजदूत इन छात्रों को कमरे दिलाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।' कम्प्यूटर सोसायटी ऑफ इंडिया (नॉर्थ अमेरिका) ने कहा कि जो भी छात्र वित्तीय मुश्किल का सामना कर रहा है, उसे या तो होटल में मुफ्त ठहराया जाएगा या किराया 50 डॉलर से अधिक का नहीं होगा।

कोई भी ऐसा नहीं, जिसने कमरे देने से इनकार किया हो:वर्जीनिया एशियन अमेरिकन स्टोर एसोसिएशन के अध्यक्ष मिनेश पटेल ने कहा, 'रिकमंड, नॉरफॉल्क और वर्जीनिया के बीच भारतीय अमेरिकी होटल मालिक 500 से ज्यादा छात्रों के ठहरने की व्यवस्था कर सकते हैं। एशियन अमेरिकन स्टोर एसोसिएशन के अध्यक्ष फ्लोरिडा के विपुल पटेल ने कहा कि भारतीय छात्रों के लिए भारतीय अमेरिकी होटल मालिकों की ओर से भरपूर समर्थन आ रहा है। उन्होंने कहा, 'मुझे एक भी होटल मालिक ऐसा नहीं मिला जिसने हमें न कहा हो।' छात्रों को भारतीय दूतावास और ह्यूस्टन, शिकागो, अटलांटा, सैन फ्रांसिस्को और न्यूयॉर्क में उसके वाणिज्य दूतावासों की सिफारिश पर कमरे आवंटित किए जाएंगे।



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अमेरिका में 2.5 लाख से ज्यादा भारतीय छात्र हैं।- फाइल

US coronavirus death toll tops 1,000 as unemployment widens March 26, 2020 at 04:56AM

The US coronavirus death toll topped the 1,000 milestone as the pandemic's mounting economic burden was illustrated by government data on Thursday showing a record number of Americans seeking unemployment benefits and hospitals struggled to treat a surge of infected patients.

12 साल के बच्चे के लिए भारत-पाकिस्तान ने सारे प्रोटोकॉल तोड़ दिए, बच्चा हार्ट की सर्जरी कराने भारत आया था, पिता बोले- भारत ने दिल जीत लिया March 26, 2020 at 03:11AM

इस्लामबाद से हनीन अब्बास. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद से शायद ही कोई दिन ऐसा बीता हो जब भारत-पाकिस्तान के बीच गोलीबारी की खबरें न मिली हों। लेकिन पिछले हफ्ते अटारी बॉर्डर पर भारत-पाकिस्तान दोनों देशों की सरकार ने एक 12 साल के लड़के के लिए सारे प्रोटोकॉल तोड़ दिए। सारी दुश्मनी भुला दी। दरअसल, पाकिस्तान का 12 साल का साबीह शिराज हार्ट की सर्जरी के लिए पिछले महीने नोएडा स्थित जेपी अस्पताल आया। साहीब कराची में रहता है, 18 फरवरी को वह अपने माता-पिता के साथ नोएडा पहुंचा। 25 फरवरी को उसी सर्जरी हुई। 16 मार्च तक ऑब्जर्वेशन के लिए साबीह को अस्पताल में ही रखा गया। 18 मार्च को जेपी अस्पताल से साबीह को छुट्टी मिल गए। उसके बाद तीनों अस्पताल से अटारी बॉर्डर पहुंचे। लेकिन अटारी से पाकिस्तान पहुंचने में साबीह और उनके परिवार को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

12 साल का साहीब 18 फरवरी को अपने माता-पिता के साथ नोएडा आया था।

साबीह के पिता शिराज अरशद ने सीमा पार (पाकिस्तान) जाने के लिए भारतीय इमिग्रेशन अधिकारियों से काफी गुजारिश की, लेकिन कामयाब नहीं हो सके। शिराज ने भास्कर से बातचीत में बताया, 'बॉर्डर क्रॉस करने के लिए मैंने अधिकारियों से काफी मदद मांगी। मैंने उन्हें अपने बेटे की हार्ट सर्जरी के बारे में भी बताया, लेकिन उन्होंने मेरी एक बात भी नहीं मानी। क्योंकि, पाकिस्तानी अधिकारियों ने 40 कश्मीरियों लड़कियों को भारत भेजने से मना कर दिया था।'


अटारी बॉर्डर पर मौजूद भारतीय सुरक्षा अधिकारी ने शिराज को पाकिस्तान के इमिग्रेशन अधिकारियों से बात करने का सुझाव दिया, लेकिन वहां भी बात नहीं बन सकी। इसी बीच शिराज ने किसी तरह पाकिस्तान के एक पत्रकार से बात की और उसे अपनी आपबीती बताई। उसके बाद पाकिस्तानी पत्रकार ने अमृतसर के एक पत्रकार रविंदर सिंह रॉबिन से बात कर साबीह और उसके परिवार के मदद करने का अनुरोध किया। उसके बाद रविंदर अटारी बॉर्डर भी पहुंचे, लेकिन तब तक इमिग्रेशन अधिकारी वहां से जा चुके थे। फिर रविंदर ने साबीह और उसके परिवार को अमृतसर लेकर गए और वहां अपने घर पर ही उनके ठहरने का इंतजाम किया। अगले दिन रविंदर ने अटारी बॉर्डर पर फंसे साबीह के परिवार की मदद के लिए भारतीय अधिकारियों से बात की। दूसरी ओर पाकिस्तानी पत्रकार ने भी पाकिस्तान के विदेश सचिव सोहेल महमूद से बात कर साबीह के बारे में बताया। उसके बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग को निर्देश दिया कि वे पाकिस्तानी परिवार की वापसी के लिए तुरंत भारतीय अधिकारियों से संपर्क करे। पाकिस्तानी उच्चायोग के अनुरोध पर भारतीय अधिकारियों ने सीमा पार करने के लिए साबीह और उसके परिवार के लिए स्पेशल पास जारी किया।


परिवार बोला- भारत में सभी से हमें प्यार और सहयोग मिला
शिराज अरशद (साबीह के पिता) ने फोन पर भास्कर को बताया, 'गुरुवार रात (19 मार्च) को जब हम रेस्ट हाउस (रविंदर के घर) पहुंचे, तो हमें भारत स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग से फोन आया और कहा कि कल दोपहर आपको अटारी बॉर्डर पहुंचना है। अगले दिन जब हम अटारी बॉर्डर पहुंचे, तो भारतीय अधिकारियों ने हमें प्रोटोकॉल के साथ सीमा पार भेजा।' शिराज ने मुश्किल वक्त में मदद करने के लिए रविंदर और भारतीय अधिकारियों का शुक्रिया अदा भी किया। उन्होंने कहा, 'हम बहुत चिंतित थे। लेकिन भारतीय और पाकिस्तानी अधिकारियों के बीच आपसी सहयोग की वजह से हम अपने घर जा सके। मैं सभी का आभारी हूं। डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ और अस्पताल प्रबंधन ने हमारे साथ बहुत अच्छा व्यवहार किया। हम 20 दिनों तक भारत में रहे और यहां सभी से हमें प्यार और सहयोग मिला। भारत एक महान राष्ट्र है। उन्होंने हमारा दिल जीत लिया।'



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साबीह अपने माता-पिता के साथ।

फ्लाइट में हर दो घंटे में यात्रियों का टेम्परेचर चेक हुआ, सरकार ने लोगों के पासपोर्ट पर स्टिकर लगाए, क्यूआर कोड के जरिए ट्रैक किया March 26, 2020 at 02:02AM

शंघाई. इमैनुअल डीन इंडोनेशिया के सुरबाया शहर से हैं, लेकिन चीन के शंघाई शहर को अपना दूसरा घर मानते हैं। यहां वे पिछले 2 साल से एक स्टार्टअप ‘बूमी’ चला रहे हैं। खुद को इंडोनेशियन चाइनीज भी कहते हैं। कोरोनावायरस का चीन में असर बढ़ने से पहले ही वे अपने शहर सुरबाया चले गए थे और तब लौटे, जब चीन ने इस महामारी को तकरीबन थाम ही दिया। इमैनुअल ने कोरोना का असर बढ़ने से पहले और इसके थमने के बाद का शंघाई देखा है। भारत के नाम अपनी इस चिट्ठी में वे अपने इसी अनुभव को साझा कर रहे हैं…..

जब पिछले साल दिसंबर में वुहान में कोरोना महामारी के शुरुआती मामले सामने आए तो इनसे जुड़े फोटो और वीडियो चाइनीज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे- वी चैट, वाइबो और शिहोंग शू पर फैलते गए। वुहान के ये दृश्य डर पैदा करने वाले थे लेकिन शंघाई में सबकुछ सामान्य था। शायद उस समय वुहान के बाहर कम ही लोग इस महामारी के बारे में ज्यादा सोच रहे थे। चीनी लोगों का नया साल ‘लुनार’ (25 जनवरी) जब करीब आने लगा, तो उस समय वुहान में मरीज तेजी से बढ़ने लगे। हालांकि, तब भी शंघाई में ये आंकड़ा कम ही था। उस समय भी यहां लोगों में भी इतना डर नहीं था।

ठीक इसी समय मैं भी नए साल को मनाने के लिए अपने शहर सुरबाया पहुंच चुका था। मैंने सोचा था कि 10 फरवरी को फिर शंघाई लौट आऊंगा, लेकिन ऐसा हो न सका। नए साल के बाद यहां संक्रमण तेजी से फैला। हर दिन 1500 से 2000 नए मरीज सामने आने लगे। ऐसे में मैंने 10 फरवरी काे चीन जाने का इरादा बदल दिया। संक्रमण जब थमने लगा, तब मैं 20 मार्च काे शंघाई पहुंचा। फ्लाइट सुरबाया से सिंगापुर और सिंगापुर से शंघाई पहुंची। सुरबाया से उड़ते समय विमान लगभग खाली था, लेकिन सिंगापुर से शंघाई के बीच सीटें भरी हुईं थीं।"

शंघाई के लिए फ्लाइट में पैसेंजर मास्क और दस्ताने पहनकर पूरी सतर्कता बरते दिखे।

फ्लाइट में हर दो घंटे में बुखार चेक हुआ, एयरपोर्ट पर उतरते ही सवालों और जांचों का सिलसिला शुरू हो गया
फ्लाइट में कई यात्री विशेष सूट, डबल लेयर मास्क और स्की मास्क पहने हुए थे। मैंने भी दस्ताने और मास्क लगाया हुआ था। शंघाई के लिए उड़ते समय हमें दो बोतल पानी और एक पैकट लंच दिया गया। फ्लाइट अटेंडेंट हर दो घंटे में यात्रियों का टैम्परेचर चेक करती रही। शंघाई के पुडोंग एयरपाेर्ट पर लैंडिंग के बाद एक-एक कर यात्रियों को बाहर बुलाया गया। पहले उन लाेगाें काे बुलाया गया, जाे ज्यादा संक्रमित देशाें से आए थे। चीन ने ऐसे 24 देशों की लिस्ट बना रखी थी। उतरने से पहले हमसे एग्जिट/एंट्री हेल्थ डिक्लेरेशन फॉर्म भरवाया गया। 12:30 बजे विमान से निकलने के बाद हमें कई बूथों से गुजारा गया। हमसे कई सवाल पूछे गए जैसे- पिछले 14 दिनों में किन देशों में गए? किसी काेराेना संक्रमित के संपर्क में ताे नहीं रहे?

इमिग्रेशन अधिकारियों ने यहां कई यात्रियों के पासपाेर्ट पर पीला स्टिकर लगाया। उन्हें अलग कमरे में रखा गया। मेरा बुखार नापने के बाद मुझे हरा स्टिकर दिया गया और जाने दिया गया। दो महीने सुरबाया (कोराना संक्रमण न के बराबर) में रहने के चलते मुझे यहां आसानी हुई। पीले स्टिकर वालाें की कतार में 200-300 लोग थे, इनके लिए टेस्ट और जांच की अलग प्रक्रिया चलती रही। मुझे भी वीचैट से पता चला कि हमें भी अभी एक न्यूक्लिक टेस्ट से गुजरना होगा और खुद को होम क्वारेंटाइन करना होगा।

जो यात्री कोरोना से संक्रमित नहीं पाए गए, उनके पासपोर्ट पर ग्रीन स्टीकर लगाया गया।

2 दिन बाद ही कम्यूनिटी लीडर जांच के लिए आए, उनके दिए क्यूआर कोड से हमारी जानकारी उन तक पहुंचती रहती है
मैं उसी दिन 3 बजे घर पहुंच गया था। अगले कुछ दिन मैं घर पर ही रहा, सिर्फ खाने के लिए बाहर निकलता। 23 मार्च को कई लोग मेरे अपार्टमेंट में आए और यात्रा से जुड़े सवाल पूछे। उन्होंने मेरे इमिग्रेशन के स्टिकर का रंग भी देखा। ये लोग कम्युनिटी लीडर थे, जिन्हें चीन सरकार ने ही नियुक्त किया था। ये लोग एक निश्चित इलाके में बाहर से आने-जाने वालों की जांच के प्रभारी थे। उन्हाेंने मुझे सुशीनेम से रजिस्टर किया और एक क्यूआर काेड दिया। इसे हम वीचैट या अलीपे पर देख सकते हैं। इसके जरिये अधिकारियाें काे पता रहता है कि हम स्वस्थ हैं या नहीं। हरे स्टिकर का अर्थ है स्वस्थ। इन स्थानीय अधिकारियों की जांच के बाद मैंने शंघाई में कामकाज शुरू कर दिया। मैं देख रहा था कि शंघाई अपने पुराने रूप में वापस आ रहा है, लेकिन यह अब भी ढाई कराेड़ की आबादी वाले शहर जैसा नहीं लग रहा था।

हर जगह टैम्परेचर चेक होता है, बिना मास्क के भी एंट्री नहीं
अब जब मैं घर से बाहर निकल सकता हूं तो मुझे ये अंदाजा बिल्कुल नहीं रहता कि मेरा टैम्परेचर कितनी बार मापा जाता है। शॉपिंग मॉल, मेट्रो स्टेशन से लेकर अपार्टमेंट तक हर जगह बुखार नापने के बाद ही एंट्री होती है। पर्यटन क्षेत्र जैसे कि तियानजिफांग, युयुआन गार्डन या जिन्टिआंडी में हमें राेज पास लेना हाेता है। तियानजिफैंग में बुखार के अलावा पास तो देखते ही हैं, इसके साथ ही क्यूआर काेड भी दिखाना हाेता है। तियानजिफांग आमतौर पर बड़ा ही भीड़भाड़ वाला इलाका है लेकिन फिलहाल यह एक भूतिया इलाका बन गया है।

शंघाई में कोरोना के संदिग्ध लोगों को इसी तरह क्यूआर कोड दिया गया है।

ज्यादातर स्टोर्स में गार्ड मास्क पहनने का निर्देश देते हैं। मास्क नहीं पहनने पर अंदर नहीं जाने दिया जाता। यहां दुकानों में एंटीसेप्टिक, साबुन और अन्य चीजें तो आसानी से मिल जाती है लेकिन मास्क मिलना मुश्किल है। शहर के सभी स्टोर पूरी तरह डिजिटल हो गए हैं। अब यहां कुछ खरीदते समय कैशियर से मिलने की जरूरत नहीं होती। क्यूआर कोड स्कैन कर वीचैट या अलीपे से पेमेंट कर सकते हैं।

50% कामकाज होने लगा है, 4 अप्रैल को मुझे भी 14 दिन पूरे हो जाएंगे
कई लाेग दफ्तराें में लाैट चुके हैं। 50% काम शुरू हाे चुका है। हालांकि, कई छोटे व्यवसायियाें काे धंधा बंद भी करना पड़ा है। मैं 25 मार्च को अपने ऑफिस गया था, लेकिन मुझे वापस लाैटा दिया गया। मैं 14 दिन पूरे हाेने के बाद 4 अप्रैल काे ही काम शुरू कर पाऊंगा। मैं यहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बजाय मोबाइक और हैलोबाइक का ही उपयोग करता हूं। मुझे मेरे दोस्त बताते हैं कि जब भी वे मेट्रो स्टेशन पहुंचते हैं तो उन्हें वीचैट और अलीपे के जरिए जिस कार या बाइक से आए हैं, उसे रजिस्टर करना होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर कोई कोरोना संक्रमित पाया जाता है तो अधिकारी आपके संपर्क वाले अन्य लोगों को आसानी से ट्रैक कर पाए।

चीन के लोगों ने सरकार का हर आदेश माना
महामारी को थामने के लिए चीनी सरकार की कोशिशें तारीफ की हकदार हैं। कोरोना के चरम के दौरान यहां 80 हजार से ज्यादा कोरोना संक्रमित मामले थे, लेकिन अब यह 5 हजार ही बचे हैं। चीन के लाेगाें की तारीफ करनी होगी क्योंकि इन्होंने सरकार का हर आदेश माना और सहयोग किया। मैंने एक भी शख्स ऐसा नहीं देखा जाे सार्वजनिक स्थल पर बिना मास्क के हाे। हर किसी ने साेशल डिस्टेंसिंग के जरिए कोरोना को रोकने में मदद की।

अभी भी शंघाई में एहतियात के तौर पर जरूरी सतर्कता बरती जा रही है। शहर में आने वाले हर देशी-विदेशी नागरिक को एयरपोर्ट से निकलने से पहले न्यूक्लिक टेस्ट देना ही होता है। कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित 24 देशों से आने वाले यात्री को तयशुदा सरकारी होटल में 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन किया जा रहा है। बार और रेस्टोरेंट में एक समय में 50 लोग एक साथ बैठ सकते हैं। अभी भी यहां किसी भी इवेंट में 50 से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने की अनुमति नहीं है। शंघाई की रहवासी इलाकों में नियमों में कुछ ढील मिली है। यहां रहने वालों को बिल्डिंग्स में आने-जाने के लिए अब जानकारी नहीं देनी होती। मुझे बताया गया कि कुछ दिनों पहले तक अगर कोई बिल्डिंग से बाहर जा रहा था तो उसे एंट्री करनी होती थी, साथ ही उसे 2 घंटे के अंदर वापस भी आना होता था।



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चीन में कोरोनावायरस के कारण गुरुवार दोपहर तक 3,285 लोगों की मौतें हुईं।

हेल्थ केयर के लिए दुनियाभर में मशहूर स्पेन-इटली में हालत बदतर, मास्क-इक्विपमेंट्स की कमी; डॉक्टर और नर्स बोले- हम बर्बाद हो रहे March 25, 2020 at 11:31PM

मैड्रिड. कोरोनावायरस से स्पेन और इटली में स्वास्थ्य सेवाएं बेहद प्रभावित हुईहैं। दुनियाभर में अपने हेल्थ केयर सिस्टम की वजह से मशहूर इन देशों में सुरक्षा उपकरणों, सूट और मास्क तक की किल्लत है। संक्रमण की चपेट में कई डॉक्टर और नर्स भी आ चुकी हैं। मैड्रिड के ला पाज हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में काम करने नर्स पैट्रीशिया ने न्यूज एजेंसी से कहा, ‘‘जब मुझे खांसी शुरू हुई, तब तकमैंहफ्तों से मरीजों की सूखी और भयावह खांसी सुनने की आदी हो चुकी थी। अस्पताल संक्रमित मरीजों से भरा हुआ है।खांसी सुनते-सुनतेहम तंग आ गए हैं।’’


पैट्रिसिया ने यह भी कहा कि मैं ठीक होने के लिए आतुर हैं, ताकि साथियों पर पड़ने वाले ओवरलोड को कुछ कम कर सकूं। स्पेन में संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और डॉक्टरों की संख्या घट रही है। कई डॉक्टर और नर्स वायरस की चपेट में आ रहे हैं।

डॉक्टर और नर्स बोले- हम बर्बाद हो रहे
कोरोनावायरस ने दुनियाभर के डॉक्टरों के खिलाफ एक तरह का युद्ध छेड़ रखा है। इटली और स्पेन में यह जीतता भी दिख रहा है, जहां सुरक्षा उपकरणों की हफ्तों से कमी है। ला पाज हॉस्पिटल में पैट्रीशिया के साथ काम करने डॉक्टरों और नर्सों ने कहा कि हम बर्बाद हो रहे हैं। हमें और डॉक्टर और स्वास्थ्य उपकरण चाहिए। 14 फ्लोर के ला पाज हॉस्पिटल में 1000 बेड हैं। इस हॉस्पिटल के 11 फ्लोर केवल कोविड-19 के मरीजों से भरे हैं। अभी और जगह की जरूरत है। कम संक्रमण वाले मरीजों को हॉस्पिटल के जिम या टेंट हाउस में रखा जा रहा है।


सालों से स्वास्थ्य बजट में कटौती का भी असर
इटली की तरह स्पेन का हेल्थ केयर सिस्टम की भी दुनिया में साख है। कहा जाता है कि यहां के लोगों की लंबी उम्र हेल्थ केयर सिस्टम की वजह से ही है,लेकिनकोरोना महामारी ने इस सिस्टम की कमियों को उजागर कर दिया है।कई सालों से स्वास्थ्य बजट में कटौती की जा रही थी।महामारी के वजन से देशभर के अस्पताल दबे हुए हैं। कई अस्पतालों मेंबेड की कमी होने से मरीजों को जमीन पर लेटे हुए भी देखा जा सकता है। अस्पतालों के कमरे से लेकर गलियारे तक भरे हुए हैं।

स्पेन में 6,500 स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित
स्पेन में 6,500 स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित हो चुके हैं, जो कुल संक्रमितों 49,515 का 13% हैं। यहां तीन स्वास्थ्यकर्मियों की मौत भी हो चुकी है।इटली में 74,386 संक्रमितों में करीब 7000 स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं। इसमें 19 की मौतहो चुकी है। यहां स्वास्थयकर्मी सरकार से लगाकर सुरक्षा उपकरणों की मांग कर रहे हैं। डॉक्टरों ने एक खुले खत में लिखा, ‘‘हमें अकेला मत छोड़ें, हमारी मदद कर अपनी मदद करें।’’ वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन के महानिदेशक ने स्वास्थ्यकर्मियों में बड़े पैमाने पर फैल रहे संक्रमण पर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगर डॉक्टर और नर्स संक्रमित हुए तो बडे़ पैमाने पर लोग मारे जाएंगे।स्पेन और इटली में हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि यहां पर स्वास्थ्यकर्मियों के लिए सूट और मास्क भी उपलब्ध नहीं हैं। कई स्वास्थ्यकर्मी घर में प्लास्टिक का सूट बनाकर उसे इस्तेमाल में ला रहे हैं।



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स्पेन के बर्गोस में एक मरीज को अस्पताल पहुंचाने के बाद अपने हाथ सैनिटाइज करती स्वास्थ्यकर्मी।

At least 15 killed in multi-car crash after curfew in Egypt March 25, 2020 at 10:26PM

संक्रमण का उल्टा पैटर्न, 21-30 साल के युवा सबसे ज्यादा संक्रमित March 25, 2020 at 09:49PM

इस्लामाबाद.कोरोनावायरस के संक्रमण के बीच पाकिस्तान से एक गंभीर बात सामने आई है। कोरोनावायरस से दुनियाभर में जहां 60 से ज्यादा की उम्र वाले अधिक संक्रमित हो रहे हैं वहीं,पाकिस्तान में संक्रमण का पैटर्न इससे उल्टा है। यहां 21-30 साल के युवाओं में तेजी से संक्रमण फैल रहा है। पाकिस्तान में अब तक संक्रमण के 1098 मामले सामने आए हैं। यहां आठ लोगों की मौत भी हो चुकी है।सिंध प्रांत सबसे ज्यादा प्रभावित है। अकेले सिंध में 413 मामले सामने आए हैं।
प्रधानमंत्री इमरान खान के स्पेशल असिस्टेंट डॉक्टर जफर मिर्जा ने कहा कि संक्रमण के 25 प्रतिशत मामले 21 से 30 साल के युवाओं के हैं। करीब 250 संक्रमितयुवा हैं। इसके बाद अलग-अलग उम्र समूह के लोग संक्रमितहैं। यह पैटर्न दूसरों देशों से बिल्कुल उल्टा है, जहां 60 से ऊपर की उम्र के लोग ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं।
बुधवार को टीवी पर ब्रीफिंग के दौरान मिर्जा ने कहा कि वायरस से संक्रमित होने वालों में 34 प्रतिशत पुरुष तो 36 प्रतिशत महिलाएं हैं। इसमें 7 प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जिनमें संक्रमण लोकल ट्रांसमिशन सेफैला है। बाकी 93 प्रतिशत लोग विदेश से संक्रमित होकर आए हैं।

चीन में 81, 285 संक्रमित, इनमें 65 साल से ऊपर वाले 81,000
चीन में गुरुवार तक संक्रमण के कुल 81,285 मामले सामने आए हैं और 3287 लोगों की मौत हुई है। एक खास बात यह है कि चीन में 81,000 संक्रमित ऐसे हैं, जिनकी उम्र 65 साल या उससे अधिक है। पाकिस्तान डेली से बात करते हुए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के चीफ एपिडेमियोलॉजिस्ट (महामारी विशेषज्ञ) डॉ. राणा सफदर ने कहा कि पाकिस्तान में युवाओं की आबादी चीन की तुलना में कहीं अधिक है इसीलिए यहां युवाओं में संक्रमण के ज्यादा मामले सामने आए हैं।



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पाकिस्तान के हैदराबाद में लॉकडाउन के दौरान लोगों को मुफ्त खाना बांटते हुए वॉलंटियर।

WHO 'very much' sided with China on coronavirus: Trump March 25, 2020 at 08:35PM

US President Donald Trump has said that the World Health Organization has "very much" sided with China on coronavirus crisis, asserting that many people are unhappy with the global health agency and feel that "it's been very unfair".

China poses 'threat' to Americans' health, way of life: Pompeo March 25, 2020 at 08:41PM