Wednesday, December 18, 2019

सांसद ने कहा- ट्रम्प के साथ ऐसा बर्ताव हो रहा, जैसा ईसा मसीह के साथ सूली पर चढ़ाने से पहले किया गया December 18, 2019 at 08:36PM

वॉशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ लाए गए महाभियोग प्रस्ताव पर बुधवार को संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में वोटिंग हुई। इस प्रस्ताव के समर्थन में 230 वोट पड़े, जबकि विरोध में 197 वोट डाले गए। सदन में प्रस्ताव पर बहस के दौरान ही कई ऐसे मौके आए जब सांसदों ने ट्रम्प के पक्ष-विपक्ष में विवादास्पद बयान दिए। हालांकि, इनमें सबसे ज्यादा चर्चित बयान जॉर्जिया के सांसद बैरी लूडरमिल्क का रहा। लूडरमिल्क ने ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग कार्रवाई की तुलना ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाए जाने से कर दी।

लूडरमिल्क ने हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में कहा, “मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं, जब ईसा मसीह को राजद्रोह के झूठे आरोप में फंसाया गया, तब रोम के गवर्नर ने उन्हें अपने आरोपियों के साथ आमने-सामने आने का मौका दिया। ट्रम्प को इस सुनवाई में जितने अवसर और अधिकार दिए गए, उससे कई ज्यादा अधिकार ईसा मसीह को सजा सुनाने वाले अधिकारी ने उन्हें दिए।”

ट्विटर पर ट्रेंड हुआ ‘ट्रम्प टू जीसस’ हैशटैग

उनके इस बयान के बाद ट्विटर पर ‘ट्रम्प टू जीसस’ हैशटैग ट्रेंड होने लगा। ट्रम्प पर कार्रवाई के विरोध में ईसा मसीह की बात करने वाले लूडरमिल्क अकेले सांसद नहीं रहे। उनके अलावा पेन्सिलवेनिया से रिपब्लिकन पार्टी से सांसद फ्रेड केलर ने भी वोटिंग से पहले ईसा मसीह के शब्द पढ़े। उन्होंने कहा, “भगवान, उन सभी को माफ कीजिएगा, जिन्हें नहीं पता कि वे क्या कर रहे हैं।”

ट्रम्प और ईसा मसीह में सिर्फ एक ही बेगुनाह है: लेखक जेम्स मार्टिन

लूडरमिल्क के इस बयान पर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। अमेरिकी लेखक और पादरी जेम्स मार्टिन ने राष्ट्रपति का मजाक उड़ाते हुए कहा, “ट्रम्प और ईसा मसीह के साथ बर्ताव में कुछ फर्क थे। रोम के अधिकारी ने उन्हें पिटवाया था, रातोंरात जेल भिजवा दिया था और क्रॉस के साथ उन्हें सड़कों पर घुमाया था। बाद में उस अधिकारी ने ईसा को उसी क्रॉस में टांग दिया था, जहां उनकी मृत्यु हो गई। इसलिए राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ हुए व्यवहार की ईसा मसीह के साथ तुलना बकवास है। दोनों में से सिर्फ एक ही बेगुनाह है।

जो कैनेडी: बेटे-बेटी को संबोधित कर युवाओं को फैसले की वजह बताई

सुनवाई के दौरान अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी के पोते जो कैनेडी भी सदन में मौजूद थे। उन्होंने भाषण के दौरान अपने बेटे और बेटी को संबोधित करते हुए ट्रम्प के खिलाफ वोट करने के अपने फैसले की वजह बताई। उन्होंने कहा, “प्यारे एली और जेम्स। यह समय है जिसे आप अपनी इतिहास की किताबों में पढ़ेंगे। राष्ट्रपति ट्रम्प ने अपनी ताकतों का दुरुपयोग किया है। उन्होंने इन ताकतों को अपने ही लोगों के खिलाफ इस्तेमाल किया है, जो बिल्कुलगलत है।”

ट्रम्प पर अनुमानों के आधार पर आरोप: सांसद डग कॉलिन्स

रिपब्लिकन सांसद डग कॉलिन्स ने सदन पर ट्रम्प के खिलाफ अनुचित और अवैध जांच चलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पूरी महाभियोग की प्रक्रिया सिर्फ अनुमानों पर चली है। यह महाभियोग साजिश के तौर पर चुनाव से पहले ही लाया गया, ताकि देखा जा सके कि अमेरिकियों को कुछ मुद्दा दिया जा सके।

सीनेट में पेश होगा महाभियोग प्रस्ताव

प्रस्ताव पास होने के साथ ही निचले सदन में ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग कार्रवाई पूरी हो गई। ट्रम्प देश के इतिहास में तीसरे ऐसे राष्ट्रपति बन गए हैं, जिन पर संसद में महाभियोग की कार्रवाई की गई। अब उनके खिलाफ संसद के उच्च सदन सीनेट में महाभियोग प्रस्ताव पेश किया जाएगा।



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जॉर्जिया सांसद बैरी लूडरमिल्क (बाएं) के ट्रम्प पर बयान का सोशल मीडिया पर मजाक उड़ा।

राष्ट्रपति पर महाभियोग: ट्रम्प को लोगों का भावनात्मक समर्थन, मीडिया की बनाई छवि पर भरोसा नहीं December 18, 2019 at 08:29PM

शिकागो/फिलाडेल्फिया. अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव ने बुधवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर महाभियोग चलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसको लेकर अमेरिका में लोगों की क्या राय है, दैनिक भास्कर ने अमेरिका में रह रहे भारतीयों से बात की। अमेरिका में काम कर रही हिंदी समन्वय समिति के सदस्य प्रवीण राय ने बताया कि लोग ट्रम्प का भावनात्मक रूप से समर्थन कर रहे हैं। लोग उनकी नीतियों से खुश हैं। वहीं, नामी मल्टीनेशनल कंपनी में काम कर रहे विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि ज्यादातर लोगों को ट्रम्प की मीडिया द्वारा बनाई गई छवि पर भरोसा नहीं है।


बदलाव ट्रम्प के फेवर में: प्रवीण राय
‘‘नवंबर में सीएनएन का जो सर्वे था, उसमें 52 फीसदी लोगों ने ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग का समर्थन किया था, जबकि 48 फीसदी ट्रम्प के साथ खड़े थे। इसमें ज्यादा से ज्यादा 5% के अंतर की आशंका जताई गई थी। वोटिंग से पहले हुए सर्वे में महाभियोग के पक्ष में घटकर लोग 46% हो गए। यानी कहीं न कहीं भावनाएं जुड़ने से लोग ट्रम्प की तरफ आए हैं। 6% का यह बदलाव छोटा लग सकता है, लेकिन कुछ महीनों के अंतराल में देखा जाए, तो आरोपी बने रहने के बावजूद बदलाव ट्रम्प के पक्ष में है।’’

‘‘ट्रम्प बिजनेस बढ़ा रहे हैं, नौकरियां पैदा कर रहे हैं, इसलिए लोगों की भावनाएं उसके साथ ज्यादा जुड़ी हैं। सीएनएन का सर्वे भी कहता है कि 45% लोग मानते हैं कि ट्रम्प नौकरियां ला रहे हैं। पहले 39% ऐसा मानते थे। लोग यह भी कहते हैं कि इकोनॉमी बेहतर होना ओवरऑल अमेरिका के लिए बेहतर है। ट्रम्प की ‘अमेरिका फर्स्ट पॉलिसी’ को भी लोगों का समर्थन है।’’

‘भारतीय समुदाय भी ट्रम्प का विरोधी नहीं’
‘‘यहां रह रहे भारतीयों का कोई राजनीतिक झुकाव नहीं है। उन्हें फर्क नहीं पड़ता कि ट्रम्प के खिलाफ लाए महाभियोग प्रस्ताव का क्या हुआ। हालांकि, समुदाय के कुछ लोग मानते हैं कि ट्रम्प ने वीजा को लेकर बवाल किया है। वे इस पर भी उनके विरोध में नहीं हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि वीजा और अप्रवासी जैसे मुद्दे हर देश की डिमांड और सप्लाई पर निर्भर हैं। अमेरिका को जितने वर्कफोर्स की जरूरत होगी, ट्रम्प उसी हिसाब से अपनी पॉलिसी बनाएंगे। लिहाजा भारतीयों के लिए वीजा पर ट्रम्प के फैसले का बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ता।’’

चीन के साथ ट्रेड वॉर का ट्रम्प को फायदा
‘‘अमेरिकियों के लिए व्यापार में फायदा ही असली है। चीन काफी समय से अपने उत्पाद तो अमेरिका में सप्लाई कर रहा था, लेकिन उनके प्रोडक्ट को अपने बाजार में जगह नहीं दे रहा था। ट्रम्प ने चीन पर नकेल कसते हुए उसे नई ट्रेड डील के लिए मजबूर किया। उम्मीद की जा रही है कि इससे अमेरिकी उत्पादों को चीन में ज्यादा बाजार मिलेगा। अमेरिकी जनता कूटनीतिक और व्यापार मामलों में चीन को चुनौती मानते हैं और इस मामले में ट्रम्प के कदमों को लोगों का समर्थन हासिल है।’’

ज्यादातर श्वेत अमेरिकी ट्रम्प के समर्थन में: विवेक श्रीवास्तव
भारतीय मूल के विवेक श्रीवास्तव अमेरिका के रिचमंड में रहते हैं। वे नामी मल्टीनेशनल कंपनी में काम करते हैं। कंपनी का नाम उजागर न करने की शर्त पर उन्होंने बताया, ‘‘ट्रम्प के महाभियोग के मसले पर लोगों की राय बंटी हुई दिखती है। हालांकि, ज्यादातर श्वेत अमेरिकी ट्रम्प का समर्थन करते हैं। उनके लिए यह मायने नहीं रखता कि अमेरिकी मीडिया ट्रम्प को किस तरह दिखाता है। हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में भले ही प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई हो, लेकिन सीनेट में रिपब्लिकंस का बहुमत होने के चलते वहां प्रस्ताव गिर जाएगा।’’

‘‘सीनेट में महाभियोग प्रस्ताव पास नहीं होने के बाद ट्रम्प बाइज्जत बरी हो जाएंगे। वे इतिहास की किताबों में जगह पा लेंगे। उन्हें लोग इस रूप में याद करेंगे कि राष्ट्रपति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई। अगले साल राष्ट्रपति चुनाव में उन्हें फायदा मिल सकता है, लेकिन इसके लिए हमें नवंबर 2020 तक इंतजार करना पड़ेगा।’’



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Impeachment on President: People's emotional support to Trump, not trusting media's image

दोनों देशों के बीच रक्षा तकनीक हस्तांतरण पर समझौता, राजनाथ बोले- संबंधों को मजबूती मिलेगी December 18, 2019 at 06:07PM

वॉशिंगटन. भारत और अमेरिका के बीच बुधवार को दूसरी 2+2 वार्ता हुई। इसमें भारत की तरफ से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर, अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर शामिल हुए। दोनों देशों के बीच रक्षा तकनीक के हस्तांतरण को लेकर समझौता हुआ। इस पर राजनाथ ने कहा कि बैठक कामयाब रही। इससे भारत और अमेरिका के संबंधों को और मजबूती मिलेगी।

राजनाथ ने यह भी कहा, ‘‘दोनों देशों के बीच कई अंतरराष्ट्रीय-द्विपक्षीय मुद्दों, आतंकवाद के खिलाफ अभियान और पाकिस्तान की तरफ से लगातार मिल रही धमकियों पर चर्चा हुई। दोनों देश एकमत हैं कि सुरक्षा और वैश्विक हितों पर सहयोग करेंगे।’’ रक्षा तकनीक हस्तांतरण को इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी एनेक्स नाम दिया गया है। राजनाथ ने बताया कि इससे भारत और अमेरिका के बीच गोपनीय तकनीक और सूचना का आदान-प्रदान किया जा सकेगा।

‘भारत का सहयोग करेंगे’
पोम्पियो ने कहा, ‘‘दोनों देशों के बीच रक्षा तकनीक और व्यापार से जुड़े 3 समझौते हुए। भारत, पाकिस्तान की तरफ से चलाई जा रही आतंकी गतिविधियों का मुद्दा उठाता रहा है। हम भारत का साथ देने का भरोसा जताते हैं।’’ वहीं, जयशंकर ने कहा कि भारतीय उपमहाद्वीप क्षेत्र में सीमापार आतंकवाद और आतंकियों के पनाहगाह बढ़ रहे हैं। इससे आतंकवाद निरोधक अभियान में आपसी सहयोग से निपटा जा सकता है।

ईरान पर भी बात हुई
पोम्पियो ने कहा कि हमने भारत के साथ ईरान के मुद्दे पर भी चर्चा की। अमेरिका ने ईरान पर काफी दबाव बनाया हुआ है। हमारे कुछ कारण हैं, जिनकी वजह से ईरान सरकार के साथ हम सामान्य व्यवहार नहीं कर पा रहे। लेकिन हमने भारत को ईरान में चाबहार पोर्ट प्रोजेक्ट विकसित करने की छूट दी है, ताकि यहां से अफगानिस्तान को मदद भेजी जा सके। इस पर जयशंकर ने पोम्पियो का शुक्रिया जताया।



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2+2 बैठक के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस- बाएं से- राजनाथ सिंह, एस जयशंकर, माइक पोम्पियो और मार्क एस्पर।

भारत का इमरान को जवाब- पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न और खुद को मानवाधिकारों का चैम्पियन घोषित कर रहे हो December 18, 2019 at 06:02PM

जेनेवा.पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र की पहली ग्लोबल रिफ्यूजी फोरम में भारत के नागरिकता कानून में संशोधन का मुद्दा उठाया। इस दौरान उन्होंने शरणार्थी संकट को लेकर भारत के साथ टकराव और परणाणु युद्ध की धमकी भी दी। उन्होंने एक बार फिर यूएन के मंच पर कश्मीर का राग अलापा। इसके बाद भारत ने गुरुवार को रिफ्यूजी फोरम में इमरान के बयान को अनुचित बताते हुए खारिज कर दिया। भारत ने कहा कि अपने देश में अल्पसंख्यकों पर उत्पीड़न करने वाला पाकिस्तान खुद को मानवाधिकारों के मामले में चैम्पियन घोषित कर रहा है।

यूएन में भारत के स्थाई प्रतिनिधि राजीव चंदर ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के द्वारा की गई टिप्पणियां अनुचित हैं। हम साफतौर पर इन्हें खारिज करते हैं। उनके बयान सिर्फ भारत के खिलाफ आंतक और बुरी नीयत के पूर्वाग्रह को दर्शाता है। अपने देश में अल्पसंख्यकों की संख्या कम होने के बावजूद पाकिस्तान खुद को मानवाधिकारों के मामले में चैम्पियन घोषित कर रहा है। 1947 में वहां 23% अल्पसंख्यक थे, लेकिन दोषपूर्ण निंदा कानूनों, उत्पीड़न और धर्मांतरण की वजह से अब घटकर 3% रह गए हैं।

भारतीय नागरिक नहीं चाहते कि कोई उनकी तरफ से कुछ बोले। जिन्होंने आतंकवाद की इंडस्ट्री खड़ी कर ली हो और उनकी विचारधारा घृणा पर टिकी हो। प्रधानमंत्री इमरान खान अपने देश पर ध्यान केंद्रित रखेंगे तो यह उनके देश और नागरिकों के लिए बेहतर होगा।

शरणार्थियों के मुद्दे पर 2 परमाणु संपन्न देशों में टकराव होगा: इमरान
भारत सरकार ने पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए कानून में संशोधन किया है। इसका विरोध कर चुके इमरान ने मंगलवार को रिफ्यूजी फोरम में भी इस पर बयान दिया। उन्होंने कहा- ''मैं सबसे बड़े रिफ्यूजी संकट (दक्षिण एशिया में) की ओर दुनिया का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। पाकिस्तान में हम शरणार्थियों को लेकर चिंतित नहीं हैं। लेकिन चिंता इस बात की है कि इस मुद्दे पर दो परमाणु संपन्न देशों के बीच टकराव पैदा हो सकता है। एक देश जो अपने पड़ोसी से 7 गुना छोटा हो, क्या करेगा। सरेंडर करेगा या आजादी के लिए लड़ेगा। जंग में कुछ भी हो सकता है।''

इमरान ने कहा- दुनिया को कश्मीर के हालात पर ध्यान देना चाहिए
उन्होंने यूएन के मंच पर जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का मुद्दा भी उठाया। इमरान खान ने कहा कि अब वक्त है कि दुनिया को कश्मीर के हालत पर ध्यान देना चाहिए। कश्मीर में कई दिनों से कफ्यू लगा हुआ है। वहां हालात सुधरें और मुस्लिम आजादी से रह सकें, इसके लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत पर दबाव बनाना चाहिए। इससे पहले इमरान संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने पहले भाषण में भी कश्मीर का राग अलाप चुके हैं।

एलओसी पर कभी भी खराब हो सकते हैं हालात: रावत
पाकिस्तान की तरफ से युद्ध की धमकी, संघर्ष विराम उल्लंघन और एलओसी पर उनकी बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) के सक्रिय होने पर सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने बयान दिया। उन्होंने कहा कि सीमा पर किसी भी वक्त हालात बिगड़ सकते हैं। देश को किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहना होगा। शनिवार को ही जनरल रावत ने रक्षा बजट का सही इस्तेमाल करने के लिए सैन्य संसाधनों को फिर से संगठित करने और सेना को सही तरीके से तैनात करने की आवश्यकता पर जोर दिया था।



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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान। (फाइल फोटो)

Impeached Donald Trump says Democrats 'consumed with hatred' December 18, 2019 at 04:16PM

"While we're creating jobs and fighting for Michigan, the radical Left in Congress is consumed with envy and hatred and rage, you see what's going on," the Republican leader seethed at campaign rally in the state. "These people are crazy."

राष्ट्रपति ट्रम्प के खिलाफ संसद के निचले सदन में महाभियोग प्रस्ताव पास, सत्ता के दुरुपयोग का आरोप December 18, 2019 at 04:20PM

वॉशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प देश के इतिहास में तीसरे ऐसे राष्ट्रपति बन गए हैं, जिन पर संसद के निचले सदन (हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स) में महाभियोग की कार्रवाई की गई। ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग के लिए सदन में दो प्रस्ताव पेश किए गए थे। पहले प्रस्ताव में ट्रम्प पर सत्ता के दुरुपयोग का आरोप था। दूसरे प्रस्ताव में उनके खिलाफ महाभियोग सुनवाई के दौरान संसद के काम में अड़चन डालने का आरोप लगाया गया। दोनों ही प्रस्तावों पर वोटिंग के दौरान डेमोक्रेट्स ने ट्रम्प के खिलाफ और रिपब्लिकन ने ट्रम्प के पक्ष में वोटिंग की।

जब संसद में ट्रम्प के महाभियोग पर वोटिंग चल रही थी, तब वह मिशिगन के बैटल क्रीक में सभा को संबोधित कर रहे थे। यहां उन्होंने कहा, “हम लोगों के लिए नौकरियां पैदा कर रहे हैं और मिशिगन के लोगों के लिए लड़ रहे हैं। वहीं कट्टरपंथी और वामपंथी कांग्रेस (संसद) मेरे खिलाफ ईर्ष्या, नफरत और गुस्से से भरी है। आप देख रहे हैं क्या हो रहा है।



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Impeachment motion passed in the lower house of parliament against President Trump, to face senate vote next

Italy legalises weaker form of cannabis December 18, 2019 at 04:02AM

Italy's parliament legalised the production and sale of a weaker form of cannabis this week, ending months of uncertainty for farmers and sellers. Tobacconists and specialised shops will be allowed to stock cannabis products, which must not contain more than 0.5 percent of the psychoactive compound THC, from January 1.

Pak PM summons emergency meeting to discuss Musharraf verdict December 18, 2019 at 01:44AM

Pakistan Prime Minister Imran Khan on Wednesday summoned an emergency meeting of his party's core committee to discuss the conviction of former military dictator Pervez Musharraf, a day after the powerful army said the verdict caused "pain and anguish" in the armed forces.

EU chief says UK risks more in post-Brexit trade talks December 18, 2019 at 12:48AM

"In case we cannot conclude an agreement by the end of 2020, we will face again a cliff edge. This would clearly harm our interests but it will impact more the UK than us," said European Commission chief Ursula von der Leyen.

नागरिकता कानून पर इमरान ने परमाणु युद्ध की धमकी दी, भारत ने कहा- दुनिया उनकी हकीकत जानती है December 18, 2019 at 12:22AM

जेनेवा. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर परमाणु युद्ध की धमकी दी है। जेनेवा में पहले अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी फोरम की बैठक में बोलते हुए इमरान ने भारत के नागरिकता बिल को दक्षिण एशिया का बड़ी शरणार्थी संकट बताया। इमरान ने कहा कि इससे न सिर्फ क्षेत्रीय तनाव बढ़ा, बल्कि इससे दो परमाणु शक्ति संपन्न देशों में टकराव भी हो सकता था। इमरान के बयान पर विदेश मंत्रालय ने इसे भारत के आंतरिक मुद्दों को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उछालने की पुरानी आदत बताया है।

जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए इमरान ने भारत के नागरिकता कानून का मुद्दा उठाते हुए कहा कि तीन देशों के गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने का फैसला भेदभाव भरा है। इस फैसले से पूरे दक्षिण एशिया में शरणार्थियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। इस मौके पर इमरान ने एक बार फिर कश्मीर राग दोहराया। उन्होंने कहा- दुनिया को अब कश्मीर के हालात पर ध्यान देना चाहिए।

इमरान का संकुचित एजेंडा सामने आया: विदेश मंत्रालय
इमरान के बयान पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा- इमरान खान भारत के आंतरिक मुद्दों पर गैर जरूरी बयानबाजी के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर अपना संकुचित राजनैतिक एजेंडा उजागर किया है। हमेशा की तरह वह पूरी तरह भारत के आंतरिक मामले में गैर जरूरी टिप्पणी कर रहे हैं।”

1971 में पाकिस्तानीसेना की करतूत सबके सामने
रवीश कुमार ने कहा, “सारी दुनिया को यह समझ लेना चाहिए कि पाकिस्तान और उसके प्रधानमंत्री इमरान खान हमेशा अंतरराष्ट्रीय मंचों की गरिमा का मखौल उड़ाते रहे है। पिछले 72 साल में पाकिस्तान ने अल्पसंख्यकों पर अत्याचार किया है, जिससे वे भारत में शरण लेने को मजबूर हुए हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को समझना चाहिए कि दुनिया यह नहीं भूल सकती कि उनकी सेना ने 1971 में क्या किया था। पाकिस्तान को धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए पहल करनी चाहिए, ताकि वे सम्मान से रह सकें।”

कश्मीर मुद्दे पर अकेला पड़ा पाकिस्तान
इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के दौरान भी कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का मुद्दा उठाया था। हालांकि उस समय तुर्की और मलेशिया के अलावा उसे किसी देश का समर्थन नहीं मिल पाया था। इसके बाद पाकिस्तान ने इस्लामी देशों के संगठन के सामने भी इस पर समर्थन जुटाने की कोशिश की थी, लेकिन वहां भी उसे निराशा ही हाथ लगी थी।



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इमरान ने यूएन के मंच की गरिमा का मखौल उड़ाया: विदेश मंत्रालय।

5 साल की लड़की के 123 दोस्त भूखे थे, कॉफी-बिस्किट्स बेंचकर खाने का बिल भरा December 17, 2019 at 10:26PM

कैलिफोर्निया. विस्टा में ब्रीज हिल इलेमेंटरी स्कूल की छात्रा कैथलिन हार्डी ने अपने 123 दोस्तों के लंच का भुगतान खुद किया। इसके लिए कैथलिन ने कॉफी और बिस्किट्स बेंचकर रुपए कमाए। दरअसल कैथलिन स्कूल फंक्शन के बाद दोस्तों के खाने का बिल भरना चाहती थी, लेकिन उसके पास पर्याप्त रुपए नहीं थे। जब उसके माता-पिता को इसकी जानकारी हुई तो मां ने पहले तो उसे समझाने की कोशिश की। जब वह नहीं समझी। इसके बाद कैथलिन ने 8 दिसंबर को अपना स्टैंड लगाया। जिस पर गर्म कॉफी और बिस्किट मिलते थे। कैथलिन और उसकी मां ने कॉफी स्टैंड से 80 (5682 रुपए )डॉलर कमाए। इन रुपयों से अन्य छात्रों के खाने का बिल अदा किया गया।

कैथलिन की मां करीना हार्डी ने बताया, ऐसा कर उन्हें एक उम्मीद जगी कि अन्य छात्र नमकीन और लंच कर सके। यदि वे ऐसा नहीं करते तो बच्चे भूखे पेट रह जाते। उन्होंने कहा, यह सब दया की बात है। दुनिया में कुछ भी चल रहा हो, हमें बस थोड़ी दया दिखानी चाहिए। विशेष रूप से तब जब छुट्टियों का मौसम है।

बच्चे छात्र रहे बच्ची ने करके दिखा दिया
ब्रीज हिल स्कूल की प्रिंसिपल लोरी हिगले ने कहा, हर कोई बच्ची के प्रयास पर गर्व कर रहा था। खुश थी अन्य छात्र पहले से ही इन तरीकों के बारे में बातें कर रहे थे कि वे कुछ नया कर सकते हैं। इस बीच पांच साल की एक लड़की ने करके दिखा दिया। स्कूल न्यूट्रिशियन एसोसिएशन की इस साल की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि, 75% स्कूल के बच्चे अपने लंच का बिल नहीं भर सकते। इसके चलते उन्हें कम मूल्य का भोजन लेना पड़ता है या फिर वे फ्री मील की उम्मीद में रहते हैं।

अब जिलेभर के बच्चों को खाना खिलाना लक्ष्य
कैथलिन का अगला लक्ष्य इतना रुपया कमाना है, जिससे वह न सिर्फ स्कूल के बच्चों का बल्कि पूरे जिले के हजारों बच्चों को खाना खिला सके। इस मिशन में सहायता के लिए उसने किकिकाइंडनेस प्रोजेक्ट शुरू किया है। शनिवार को इस मिशन के तहत स्कूल के अन्य छात्र और स्टाफ ने बेक किए ब्रेड और बिस्किट का स्टैंड लगाया ताकि अधिक रुपए जोड़कर जरूरतमंदों के खाने का बिल भरा जा सके।



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123-year-old girl had 123 friends hungry, billed coffee-biscuits

Hong Kong activists refused travel to Macao December 17, 2019 at 11:39PM

2 missing bodies in volcano eruption may be at sea: Police December 17, 2019 at 10:58PM

राष्ट्रपति पुतिन अभी भी Windows XP का इस्तेमाल करते हैं, यह 2014 में बंद हो गया था December 17, 2019 at 10:07PM

मॉस्को. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन अपने ऑफिशियल कंप्यूटर पर बंद हो चुके Windows XP का इस्तेमाल करते हैं। पिछले महीने क्रेमलिन प्रेस ने पुतिन के मॉस्को के आवास की फोटो रिलीज कीं, जिसमें यह खुलासा हुआ।


फोटो में वे एक स्क्रीन के सामने बैठे हैं, जिसमें डेस्कटॉप के ब्रैकग्राउंड में क्रेमलिन की पिक्चर है। स्क्रीन के बॉटम में नीले रंग का टॉक्सबार है, जिससे पता चलता है कि उनके कम्प्यूटर में अभी भी Windows XP है।

माइक्रोसॉफ्ट ने Windows XP को 2010 से अपडेट करना बंद कर दिया था।
माइक्रोसॉफ्ट ने अपने ऑपरेटिंग सिस्टम Windows XP को 2014 से सपोर्ट देना बंद कर दिया था। साथ ही अपने यूजर्स को अलर्ट भी भेजा था कि अगर कोई इसका इस्तेमाल जारी रखता है तो उसे जोखिम है। हालांकि, रूस ने विदेशी सॉफ्टवेयर पर प्रतिबंध लगाए हुए हैं और कुछ को सीमिति प्रतिबंधों के साथ अनुमति दी है।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यही वजह है कि पुतिन के कंप्यूटर को अपग्रेड नहीं किया गया होगा।

रूस ने अपने सॉफ्टवेयर बनाए
लेटेस्ट Windows 10 सिस्टम को सिर्फ उन्हीं कंप्यूटर पर इस्तेमाल किया जा रहा है, जिनमें गोपनीयता बरकरार रखने की जरूरत नहीं होती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यही वजह है कि पुतिन के लिए यह नए वर्जन उपयोगी नहीं हैं, क्योंकि हेड के तौर पर सभी टॉप-सीक्रेट डॉक्यूमेंट्स एक्सेस करते हैं। ऑफिशियल पिक्चर बताती हैं कि पुतिन क्रेमलिन ऑफिस के साथ मॉस्को उपनगर स्थित आवास पर भी वह Windows XP का इस्तेमाल करते हैं।

तकनीक से दूर रहते हैं पुतिन
76 साल के पुतिन की इमेज टेक्नोसेवी नहीं है। ऐसा कहा जाता है कि उनके पास स्मार्टफोननहीं है। 2017 में स्कूली बच्चों से कहा था कि वे इंटरनेट का इस्तेमाल कभी-कभी करते हैं। यह भी कहा था कि वे इंस्टाग्राम पर भी नहीं हैं। इसके उलट प्रधानमंत्री दिमित्री मेदवेदेव आईफोन का इस्तेमाल करते हैं और उनका इंस्टाग्राम पेज भी है।



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पुतिन की यह फोटो क्रेमलिन प्रेस ने जारी की थी।