Wednesday, December 18, 2019

भारत का इमरान को जवाब- पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न और खुद को मानवाधिकारों का चैम्पियन घोषित कर रहे हो December 18, 2019 at 06:02PM

जेनेवा.पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र की पहली ग्लोबल रिफ्यूजी फोरम में भारत के नागरिकता कानून में संशोधन का मुद्दा उठाया। इस दौरान उन्होंने शरणार्थी संकट को लेकर भारत के साथ टकराव और परणाणु युद्ध की धमकी भी दी। उन्होंने एक बार फिर यूएन के मंच पर कश्मीर का राग अलापा। इसके बाद भारत ने गुरुवार को रिफ्यूजी फोरम में इमरान के बयान को अनुचित बताते हुए खारिज कर दिया। भारत ने कहा कि अपने देश में अल्पसंख्यकों पर उत्पीड़न करने वाला पाकिस्तान खुद को मानवाधिकारों के मामले में चैम्पियन घोषित कर रहा है।

यूएन में भारत के स्थाई प्रतिनिधि राजीव चंदर ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के द्वारा की गई टिप्पणियां अनुचित हैं। हम साफतौर पर इन्हें खारिज करते हैं। उनके बयान सिर्फ भारत के खिलाफ आंतक और बुरी नीयत के पूर्वाग्रह को दर्शाता है। अपने देश में अल्पसंख्यकों की संख्या कम होने के बावजूद पाकिस्तान खुद को मानवाधिकारों के मामले में चैम्पियन घोषित कर रहा है। 1947 में वहां 23% अल्पसंख्यक थे, लेकिन दोषपूर्ण निंदा कानूनों, उत्पीड़न और धर्मांतरण की वजह से अब घटकर 3% रह गए हैं।

भारतीय नागरिक नहीं चाहते कि कोई उनकी तरफ से कुछ बोले। जिन्होंने आतंकवाद की इंडस्ट्री खड़ी कर ली हो और उनकी विचारधारा घृणा पर टिकी हो। प्रधानमंत्री इमरान खान अपने देश पर ध्यान केंद्रित रखेंगे तो यह उनके देश और नागरिकों के लिए बेहतर होगा।

शरणार्थियों के मुद्दे पर 2 परमाणु संपन्न देशों में टकराव होगा: इमरान
भारत सरकार ने पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए कानून में संशोधन किया है। इसका विरोध कर चुके इमरान ने मंगलवार को रिफ्यूजी फोरम में भी इस पर बयान दिया। उन्होंने कहा- ''मैं सबसे बड़े रिफ्यूजी संकट (दक्षिण एशिया में) की ओर दुनिया का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। पाकिस्तान में हम शरणार्थियों को लेकर चिंतित नहीं हैं। लेकिन चिंता इस बात की है कि इस मुद्दे पर दो परमाणु संपन्न देशों के बीच टकराव पैदा हो सकता है। एक देश जो अपने पड़ोसी से 7 गुना छोटा हो, क्या करेगा। सरेंडर करेगा या आजादी के लिए लड़ेगा। जंग में कुछ भी हो सकता है।''

इमरान ने कहा- दुनिया को कश्मीर के हालात पर ध्यान देना चाहिए
उन्होंने यूएन के मंच पर जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का मुद्दा भी उठाया। इमरान खान ने कहा कि अब वक्त है कि दुनिया को कश्मीर के हालत पर ध्यान देना चाहिए। कश्मीर में कई दिनों से कफ्यू लगा हुआ है। वहां हालात सुधरें और मुस्लिम आजादी से रह सकें, इसके लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत पर दबाव बनाना चाहिए। इससे पहले इमरान संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने पहले भाषण में भी कश्मीर का राग अलाप चुके हैं।

एलओसी पर कभी भी खराब हो सकते हैं हालात: रावत
पाकिस्तान की तरफ से युद्ध की धमकी, संघर्ष विराम उल्लंघन और एलओसी पर उनकी बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) के सक्रिय होने पर सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने बयान दिया। उन्होंने कहा कि सीमा पर किसी भी वक्त हालात बिगड़ सकते हैं। देश को किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहना होगा। शनिवार को ही जनरल रावत ने रक्षा बजट का सही इस्तेमाल करने के लिए सैन्य संसाधनों को फिर से संगठित करने और सेना को सही तरीके से तैनात करने की आवश्यकता पर जोर दिया था।



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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान। (फाइल फोटो)

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