Friday, September 25, 2020

इमरान बोले- सेना और सरकार के रिश्तों दरार डाल रहा विपक्ष; रेल मंत्री ने कहा- मैं फौज का प्रवक्ता ही ठीक, भारत का एजेंट तो नहीं हूं September 25, 2020 at 07:48PM

पाकिस्तान की सियासत में फौज को लेकर लेकर बयानबाजी जारी है। जबकि, आर्मी चीफ जनरल बाजवा ने पिछले दिनों साफ कर दिया था कि सेना को राजनीतिक मामलों से दूर रखा जाए। प्रधानमंत्री इमरान खान ने विपक्ष पर आरोप लगाया है कि वो सरकार और सेना के बीच दरार डालने की साजिश रच रहा है। वहीं, उनके रेल मंत्री शेख राशिद ने खुद को फौज का प्रवक्ता कहे जाने वाले खुशी जताई। कहा- सेना का प्रवक्ता कहे जाने पर गर्व महसूस होता है। भारत का एजेंट तो नहीं हूं।

एक दिन पहले पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने अपने पार्टी नेताओं से कहा था कि वे फौज के अफसरों से मुलाकात न करें। अगर करते भी हैं तो इसकी जानकारी मीडिया को होनी चाहिए।

इमरान ने क्या कहा
इमरान ने शुक्रवार को विपक्षी नेताओं के रवैये पर सवाल उठाए। कहा- विपक्ष सरकार और सेना के रिश्तों में दरार डालने की कोशिश कर रहा है। मैं बहुत अच्छे से जानता हूं कि कुछ नेता आर्मी अफसरों से मिलते रहे हैं। प्राइवेट न्यूज चैनलों के डायरेक्टर्स से मुलाकात के दौरान इमरान ने कहा कि उन्हें इस विपक्ष से खतरा महसूस नहीं होता। इमरान ने माना कि पिछले दिनों आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा और आईएसआई डायरेक्टर लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद विपक्ष के नेताओं से मिले थे, और उन्हें इस मीटिंग के बारे में जानकारी मिल गई थी।

रेल मंत्री बोले- भारत का एजेंट नहीं हूं
इमरान सरकार में रेल मंत्री शेख राशिद को पाकिस्तान में फौज के प्रवक्ता का ताना दिया जाता है। शुक्रवार को राशिद ने विपक्ष और मीडिया के इस तंज का तल्ख अंदाज में जवाब दिया। राशिद ने कहा- अगर कोई मुझे फौज का प्रवक्ता कहता है तो मैं इसका बुरा क्यों मानूं। ये तो मेरे लिए गर्व की बात है। मुझे भारत का एजेंट तो नहीं कहा जाता। फौज और विपक्षी नेताओं की मीटिंग पर राशिद ने कहा- अगर मोबाइल डेटा शेयर कर दूं तो हंगामा हो जाएगा।

राशिद ने नवाज शरीफ के भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कारोबारी सज्जन जिंदल से रिश्तों पर तंज कसते हुए कहा- मैं भारत का एजेंट नहीं हूं।



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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और आर्मी चीफ जनरल बाजवा की यह फोटो पिछले साल की है। इमरान ने कहा है कि विपक्ष सेना और सरकार के रिश्तों में दरार डालने की कोशिश कर रहा है। (फाइल)

संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में आज मोदी बोलेंगे, आतंकवाद और कोरोना महामारी से निपटने के उपायों पर हो सकता है फोकस September 25, 2020 at 06:59PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) की 75वीं बैठक को ऑनलाइन संबोधित करेंगे। कार्यक्रम में आज जिन्हें बोलना है, उनमें मोदी का नंबर पहला है। यह भाषण पहले से रिकॉर्ड किया होगा। कोरोना महामारी की वजह से इस बैठक में दुनियाभर के नेता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हो रहे हैं। मोदी कोरोना महामारी से निपटने के उपायों, आतंकवाद, परमाणु ऊर्जा और संयुक्त राष्ट्र में सुधारों पर फोकस कर सकते हैं।

इमरान ने भारत पर कई आरोप लगाए
यूएनजीए में शुक्रवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की स्पीच हुई थी। इस दौरान उन्होंने भारत की जमकर आलोचना ही। आरएसएस पर आरोप लगाया कि वह भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने में जुटा है। यह भी आरोप लगाया कि बाबरी मस्जिद को ढहाया गया, 2002 के गुजरात दंगों में मुस्लिमों को मारा गया। कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने को भी उन्होंने गलत बताया। जिस वक्त इमरान बोल रहे थे उस समय यूएन के असेंबली हॉल में मौजूद भारतीय विदेश सेवा के 2010 बैच के अफसर मिजितो विनितो उठकर बाहर चले गए। (पूरी खबर यहां पढ़ें)

चार दिन पहले मोदी ने संयुक्त राष्ट्र को नसीहत दी थी
प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा की 75वीं सालगिरह पर हो रहे कार्यक्रम में यूएन को नसीहत दी थी। उन्होंने कहा था, “हम पुरानी व्यवस्था के साथ आज की चुनौतियों से मुकाबला नहीं कर सकते। बड़े सुधार नहीं हुए तो यूएन पर भरोसा खत्‍म होने का खतरा है। उन्‍होंने कहा कि आज की दुनिया आपस में जुड़ी हुई है, इसलिए हमें ऐसा बहुपक्षीय व्यवस्था चाहिए, जिसमें आज की वास्तविकता झलकती हो, सभी की आवाज सुनी जाती हो, जो वर्तमान चुनौतियों से निपटता हो और मानव कल्याण पर फोकस करता हो।’’

भारत यूएन सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है
भारत को इसी साल जून में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य चुना गया। महासभा में शामिल 193 देशों में से 184 देशों ने भारत का समर्थन किया था। भारत दो साल के लिए अस्थाई सदस्य चुना गया है। भारत के साथ आयरलैंड, मैक्सिको और नॉर्वे भी अस्थाई सदस्य चुने गए। भारत इससे पहले 1950-51, 1967-68, 1972-73, 1977-78, 1984-85, 1991-92 और 2011-12 में संयुक्त राष्ट्र महासभा का अस्थायी सदस्य चुना गया था।

सुरक्षा परिषद में कुल 15 देश
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कुल 15 देश हैं। इनमें पांच स्थायी सदस्य हैं। ये हैं- अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन। 10 देशों को अस्थाई सदस्यता दी गई है। हर साल पांच अस्थायी सदस्य चुने जाते हैं। अस्थाई सदस्यों का कार्यकाल दो साल होता है।



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मंगलवार को मोदी ने यूएन को नसीहत दी थी। उन्होंने कहा था- हम पुरानी व्यवस्था के साथ आज की चुनौतियों से मुकाबला नहीं कर सकते। -फाइल फोटो

Paris stabbing suspect wasn't on police radar, minister says September 25, 2020 at 07:03PM

The suspected assailant had been arrested a month ago for carrying a screwdriver but was not on police radar for Islamic radicalization, France's interior minister Gerald Darmanin said. He said the screwdriver was considered a weapon, but did not explain why.

Crisscrossing US, Trump mocks Biden for 'staying in again' September 25, 2020 at 06:52PM

During his whirlwind day the president mocked his rival for a lower-energy campaign, saying Biden was "staying in again today." "This guy never goes out. It's terrible huh?" he told a black economic empowerment event in Atlanta, where few people wore masks and social distancing was non-existent.

तालिबान ने जिस कोचिंग सेंटर को तबाह किया था, वहां धमाके से बची 18 साल की शमसीया ने यूनिवर्सिटी प्रवेश में टॉप किया September 25, 2020 at 06:10PM

(फातिमा फैजी और मुजीब मशाल) काबुल की 18 साल की शमसीया अलीजादा ने अफगानिस्तान में एक नया इतिहास रच दिया। उसने दो लाख स्टूडेंट्स के बीच गुरुवार को घोषित हुए नेशनल यूनिवर्सिटी प्रवेश परीक्षा में सबसे ज्यादा अंकों के साथ टॉप किया। साथ ही सबसे कम उम्र में यह उपलब्धि हासिल करने वाली स्टूडेंट बनने का गौरव हासिल किया। शमसीया को यह जानकारी उसकी मां ने दी, जो उस वक्त टीवी पर खबरें देख रही थीं।

शमसीया कहती हैं, ‘‘मैंने मां को पिछले कई सालों से मुस्कुराते हुए नहीं देखा था। यह मुस्कान मेरे लिए काफी मायने रखती है, क्योंकि मैं ही जिद पर अड़ी थी कि मुझे हर हाल में यूनिवर्सिटी में पढ़ना है। मां नहीं चाहती थी कि मैं आगे पढ़ने बाहर निकलूं और खतरा मोल लूं। मैं जिस कोचिंग सेंटर में पढ़ने जाती थी, वहां 2018 में तालिबानी आत्मघाती दस्ते ने हमला किया था। तब सेंटर के हॉल में करीब 200 लोग पढ़ रहे थे।’’

‘‘हमले में करीब आधे से ज्यादा स्टूडेंट्स ने अपनी जान गंवाई। मैंने कई दोस्तों को इस हमले में खो दिया। यह वहीं सेंटर था, जहां हमने मिलकर एक सपना देखा था कि अच्छी शिक्षा लेकर हम सब गरीबी और जुल्म के खिलाफ लड़ेंगे। पलभर में सबकुछ खाक हो गया। अलजेब्रा और गणित के समीकरण के साथ व्हाइट बोर्ड पर छितराए खून के धब्बों के सिवाय उस समय हमें कुछ नहीं दिखाई-सुनाई नहीं दे रहा था। मैंने फिर भी हिम्मत नहीं छोड़ी। आगे पढ़ाई जारी रखी और नतीजा सामने है।’’

अफगानिस्तान में शमसीया भावनात्मक रूप से भले ही रातों-रात सेलिब्रिटी बन गई हो, लेकिन उसकी यह उपलब्धि सरकार को लड़कियों को शिक्षा दिलाने के अधिकार को याद दिलाता है। यहां सरकार तालिबान के साथ शांतिवार्ता में जुटी है। तालिबानियों के साथ संघर्ष में हर रोज कई युवा मारे जा रहे हैं।

1990 में तालिबानी हुकूमत के दौरान यहां लड़कियों की शिक्षा पर पाबंदी लगा दी गई थी। अफगानिस्तान में हालांकि शिक्षा की स्थिति में कुछ सुधार हुआ है। यहां महिलाओं की साक्षरता दर सिर्फ 24.2% है। 90 लाख स्टूडेंट्स में करीब 40% लड़कियां हैं।

उम्मीद है कि तालिबान महिलाओं को सपने पूरे करने का मौका देगा

अफगानिस्तान के गजनी प्रांत की रहने वाली शमसीया हाजरा समुदाय की हैं। पिता कोयले की खदान में काम करते हैं। पांच सदस्यों का उसका परिवार बेहतर शिक्षा के लिए काबुल आकर बस गया। पढ़ाई के साथ मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग ले रही शमसीया का कहना है कि मुझे उम्मीद है कि दोनों पक्ष अपना वादा पूरा करेंगे। अब यहां कोई मारा नहीं जाएगा। मुझे भरोसा है कि तालिबान अफगान महिलाओं को अपने सपने पूरे करने का मौका देगा।

तालिबान हाजरा समुदाय के लोगों को इसलिए निशाना बनाता है, क्योंकि यह शिया हैं जबकि तालिबानी सुन्नी और पश्तून हैं।



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अफगानिस्तान के गजनी प्रांत की रहने वाली शमसीया हाजरा समुदाय की हैं।

Japan's new PM says stable Japan-China ties key to region September 25, 2020 at 05:25PM

ट्रम्प ने गिन्सबर्ग की जगह एमी कोने बैरेट को सुप्रीम कोर्ट का जज चुना; विपक्ष का विरोध दरकिनार September 25, 2020 at 05:12PM

डोनाल्ड ट्रम्प ने एमी कोने बैरेट को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त करने का फैसला कर लिया। इसकी औपचारिक घोषणा आज की जाएगी। एमी दिवंगत जज जस्टिस रूथ बादेर गिन्सबर्ग का स्थान लेंगी। एमी को जज बनाने के लिए ट्रम्प को अब सीनेट की मंजूरी देनी होगी। तकनीकि रूप से यह मुश्किल नहीं होगा क्योंकि वहां रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है।
विपक्षी डेमोक्रेट पार्टी और उसके राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन नए जज की नियुक्ति का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि चुनाव में कुछ ही हफ्ते बाकी हैं। ऐसे में नए जज की नियुक्ति नई सरकार को ही करनी चाहिए।

आज हो सकता है ऐलान
एमी के नाम का आज औपचारिक तौर पर ऐलान किया जा सकता है। सूत्रों ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि एमी का नाम छह लोगों ने मिलकर फाइनल किया है। एमी शुक्रवार रात अपने घर के बाहर नजर आईं। उन्होंने फोटोग्राफर्स को कुछ पोज भी दिए। अब तक ये साफ नहीं हो सका है कि एमी के अलावा क्या किसी और कैंडिडेट का इंटरव्यू हुआ था या नहीं। कहा जाता है कि ट्रम्प के कुछ सीनियर अफसर लगातार दो दिन से एमी के संपर्क में थे और इसी दौरान उनके नाम पर मुहर लगाई गई।

ट्रम्प ने खुलासा नहीं किया
शुक्रवार को जब मीडिया ने ट्रम्प से एमी के बारे में सवाल किया तो उन्होंने सीधा जवाब नहीं दिया। कहा- मैं साफ तौर पर ये नहीं कह सकता कि हम उनको ही जज बनाने जा रहे हैं। लेकिन, इसमें कोई दो राय नहीं कि एमी बेहतरीन काम करती हैं। एक्सपर्ट्स और पॉलिटिकल एनालिस्ट्स मानते हैं कि कुछ महीनों से चुनावी दौड़ में पिछड़ रहे ट्रम्प को एमी के नाम से फायदा मिल सकता है।

अमेरिका के इतिहास में यह पहली घटना
अमेरिका के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ, जब चुनाव के महज 39 दिन पहले सरकार ने किसी नए जज का नाम फाइनल किया हो। आमतौर पर चुनावी साल में जुलाई के बाद सुप्रीम कोर्ट के किसी जज की नियुक्ति नहीं की जाती। लेकिन, ट्रम्प ने तो इस परंपरा को ही खत्म कर दिया है। अब सीनेट में इस पर विचार किया जाएगा। चार साल पहले जब बराक ओबामा राष्ट्रपति थे तब उन्होंने एक जज की नियुक्ति का प्रस्ताव दिया था। लेकिन, तब रिपब्लिकन्स ने इसको संविधान के खिलाफ बताया था। अब वे यही कर रहे हैं।

गिन्सबर्ग का जगह भरना मुश्किल
एमी की नियुक्त गर्भपात संबंधी कानून में बदलाव की मांग वाले आंदोलन को प्रभावित कर सकती है। लेकिन, महिला अधिकारों की बुलंद आवाज रहीं दिवंगत जस्टिस गिन्सबर्ग की जगह भरना उनके लिए आसान नहीं होने वाला। एमी को अच्छा लेखक भी माना जाता है। मानवाधिकारों पर भी उन्होंने दलीलें दी हैं। लेकिन, रिपब्लिकन पार्टी का करीबी होना उनके लिए क्या लेकर आएगा, ये कहना फिलहाल मुश्किल है।

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में 9 जज होते हैं। किसी अहम फैसले के वक्त अगर इनकी राय 4-4 में बंट जाती है तो सरकार द्वारा नियुक्त जज का वोट निर्णायक हो जाता है। और चूंकि जज राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त होता है तो माना ये जाता है कि वो सरकार के पक्ष में ही फैसला देगा। लोग इसीलिए ट्रम्प द्वारा नए जज की नियुक्ति का विरोध कर रहे हैं।



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डोनाल्ड ट्रम्प आज जस्टिस एमी कोने बैरेट को सुप्रीम कोर्ट का नया जज बनाने का ऐलान कर सकते हैं। वे जस्टिस गिन्सबर्ग का स्थान लेंगी। गिन्सबर्ग का पिछले हफ्ते निधन हो गया था।

Trump: US election winner might not be known for months September 25, 2020 at 04:57PM

US President Donald Trump said on Friday that Americans might not know the winner of the November presidential election for months due to disputes over mail ballots, building on his criticism of a method that could be used by half of US voters this year.

डोनाल्ड ट्रम्प चाहते हैं कि लोग अब ये सोचें कि वे ट्रम्प से छुटकारा नहीं पा सकेंगे, सत्ता हस्तांतरण पर उनका बयान डराने वाला September 25, 2020 at 03:48PM

(मिशेल गोल्डबर्ग) हर दिन अपने ऑफिस को भ्रष्ट बनाने वाले और लोकतांत्रिक नियमों का उल्लंघन करने वाले राष्ट्रपति के साथ रहना कमजोर बना देता है। ऐसी स्थिति में हैरानी और गुस्से के लेवल को हमेशा के लिए काबू में रखना संभव नहीं है। अंत में थकावट और चिड़चिड़ापन घेर ही लेती है। जब कभी डोनाल्ड ट्रम्प भ्रष्टाचार, देश के प्रति वफादारी न दिखाने और दूसरों को दुख पहुंचाने की सीमाएं लांघते हैं, हमें इसे बर्दाश्त करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। मन में कई बार गुस्सा आता है और राजनीतिक दुनिया उबाऊ लगने लगती है। कई बार तो कुछ रिपब्लिकन ऑफिस होल्डर्स भी राष्ट्रपति की बातों और उनके कामों से दूरी बनाने लगते हैं।

एक ऐसा पल था जब ट्रम्प ने ट्वीट किया था कि कांग्रेस (संसद) की एक रंग विशेष की चार महिलाओं को उसी पूरी तरह से ध्वस्त हो चुके और अपराध से भरे जगह पर चले जाना चाहिए, जहां से वे आईं हैं। अब ट्रम्प ने लोकतंत्र पर नया हमला किया है, उन्हें धन्यवाद की हमें फिर से यह देखने का मौका मिल रहा है।

ट्रम्प ने सत्ता हस्तांतरण पर डर पैदा करने की कोशिश की

बुधवार के प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रम्प ने स्पष्ट तौर पर डर पैदा करने की कोशिश की, जब उनसे पूछा गया कि क्या वह नवम्बर में चुनाव के बाद शांति से सत्ता हस्तांतरण करेंगे। उन्होंने कहा- हमें देखना होगा कि क्या होता है। इसके बाद उन्होंने बैलट को लेकर शिकायत की, खास तौर पर मेल इन बैलट को लेकर। उन्होंने कहा- बैलट से छुटकारा पाइए और आपको शांति से सत्ता हस्तांतरण देखने को मिलेगा। फ्रैंकली कहूं तो यही सरकार सत्ता में बनी रहेगी। ट्रम्प इससे पहले भी कई बार मेल इन बैलट को लेकर संदेह जता चुके हैं।

मीडिया में आई ट्रम्प से जुड़ी डराने वाली खबरें

ट्रम्प की ओर से बैलट को नकारने की मांग, सत्ता हस्तांतरण की संभावनाएं से इनकार करने जैसे शब्द हैं उनकी अपनी मनमर्जी करने की मंशा सामने लाते हैं। इस बीच नजर बीबीसी की हेडलाइन पर जाती है, जिसमें मोटे अक्षरों में लिखा है- ट्रम्प ने शांति से सत्ता हस्तांतरण के लिए तैयार नहीं हुए। आप इसी तरह मीडिया में अमेरिका को एक ऐसे देश के तौर पर कवर होते देख सकते हैं, जिससे ऐसा लगे कि यह पूरी तरह से विफल हो गया है। इस दिन अटलांटिक वेबसाइट में एक बार्टन गेलमैन का आर्टिकल नजर आया जिसमें कहा गया था किस तरी ट्रम्प चुनावी नतीजे पलट सकते हैं।

ट्रम्प कैंपेन की वोट बाइपास करने की योजना

रिपब्लिकन पार्टी के पेनसिल्वेनिया के चेयरमैन ने गेलमैन से ऑन रिकार्ड बताया कि उसने ट्रम्प कैंपेन से वोट को बाइपास करने के बारे में बात की है। उन्होंने इलेक्टोरेल कॉलेज में हेरफेर करने और अपने एलेक्टर्स (स्लेट ऑफ इलेक्टर्स) की मदद से रिपब्लिकन कंट्रोल्ड लेगिसलेटर्स को नियुक्त करवाने की बात कही। ट्रम्प कैंपेन के लीगल एडवाइजर ने कहा- चुनाव वाली रात वोटों की गिनती होगी। जब अंतिम चरण के वोटों के नतीजे घोषित किए जाएंगे इसे चुनौती दिया जाएगा। कहा जाएगा कि यह सटीक नहीं हैं, इसमें धोखाधड़ी हुई है।

ट्रम्प कर रहे चुनाव को कमजोर करने की कोशिश

यह जितनी डराने वाली बात है उतना ही अहम यह समझना है कि ट्रम्प और उनका कैंपेन चुनाव को कमजोर बनाने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें अभी से लग रहा है कि उनकी हार होगी। ट्रम्प कई चुनावी राज्यों के पोल में पीछे दिखाए जा रहे हैं। हालांकि जॉर्जिया में उनकी टक्कर बराबरी में रहने और टेक्सास में उनके आगे रहने का अनुमान है। ट्रम्प की चापलूसी करने वाली लिंडसे ग्राहम साउथ कैरोलिना को भी कड़ी टक्कर मिलने वाली हैं।

राष्ट्रपति सुप्रीम कोर्ट के जज के नए नोमनी का ऐलान कर अपनी कुर्सी बचाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, अगर ट्रम्प जल्दबाजी में इस पर फैसला लेते हैं तो उन्हें ज्यादा मदद मिलने की उम्मीद कम है। पोल्स में ज्यादातर अमेरिकियों का मानना है कि जो अगला चुनाव जीतेगा उसे ही सुप्रीम कोर्ट में नियुक्तियां करनी चाहिए।

ट्रम्प के विरोधियों को देना होगा ध्यान

ट्रम्प भले ही किसी मजबूत इन्सान की तरह बर्ताव करें, लेकिन वह कमजोर हैं। वह बस हम लोगों को यकीन दिलाने की कोशिश कर रहे हैं कि वे कमजोर नहीं है। ऐसे ऑटोक्रेट जिनमें वाकई चुनाव के नतीजे बदलने की ताकत होती वे अपनी योजनाओं का ऐलान नहीं करते। वे बस ऐसा दिखाते हैं कि उन्हें 99% वोट मिल चुके हैं। यह जरूरी है कि ट्रम्प के विरोधी इस बात पर ध्यान दें, क्योंकि डर गुस्से की तरह नहीं होता। ज्यादा गुस्सा आने पर लोग विरोध करते हैं, वहीं ज्यादा डर जाने पर लोग टूट जाते हैं। यही वजह है कि टीवी पर आने वाले विलेन बार बार कहते हैं कि विरोध करना बेकार है।
डेमोक्रेट्स ने तीन जगहों पर पैठ बनाई

2016 के चुनाव में ट्रम्प की जीत की एक वजह यह भी थी कि उनके कुछ विरोधियों ने यह सोच लिया कि ऐसा संभव है। हालांकि, अब यह कोई समस्या नहीं है। तब से अब तक जब-जब लोगों को ट्रम्प या उनके सहयोगियों पर फैसला सुनाने का मौका मिला, लोगों ने उन्हें जबरदस्त ढंग से नकारा है। ट्रम्प के राष्ट्रपति रहते हुए डेमोक्रेट्स ने टेक्सास, एरिजोना और ओक्लाहोमा तक अपनी पैठ बना ली। उन्होंने अलबामा में एक सीनेट सीट भी जीत ली( यहां पर एक रिपब्लिकन पर बच्चे के साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगा था)। फिलहाल ज्यादा ध्यान ट्रम्प के कट्टर समर्थकों पर दिया जाता है। हालांकि उन्हें नफरत करने वालों की संख्या चाहने वालों से कहीं ज्यादा है।

2016 में चुनावी पोल्स सही साबित हुए थे

2018 के चुनाव में बहुत सारे लोगों में मन में चुनावी को लेकर यही सब डर थे जो अब है। सर्वे के नतीजों के आंकलन में पता चला है कि 2018 के मिडटर्म इलेक्शन के दौरान कई लोग वोटिंग प्रोसेस लेकर घबराए हुए थे। उन्हें चिंता थी कि अमेरिकी चुनाव प्रणाली हैक कर लिया जाएगा। 2016 के बाद उन पॉल्स पर यकीन करना मुश्किल था जिसमें दिखाया गया था कि डेमोक्रेट्स आठ प्वाइंट से ज्यादा की बढ़त दिखाई गई थी। हालांकि, पोल्स सही थे।

पहले से बदल गई हैं कई चीजें

निश्चित तौर मौजूदा समय में दो साल पहले की तुलना में चीजें अलग हैं। एक महामारी सामान्य कैंपेनिंग में रुकावट डाल रहा है और बहुत सारे लोगों के वोट करने का तरीका बदल रहा है। ट्रम्प का बहुत कुछ दांव पर लगा है। न्यूयॉर्क में चल रही जांच का मतलब यह है कि अगर वे दोबारा नहीं चुने गए तो गिरफ्तार भी किए जा सकते हैं। यह भी सही है बात को मानने से इनकार करने के अपने आइडिया से ट्रम्प स्थिति सामान्य करने की शुरुआत कर चुके हैं।

देश भर में फैमिली सेपरेशन को लेकर शोर थम चुका है। हालांकि, फैमिली सेपरेशन अभी भी जारी है। हाउस ने एक प्रस्ताव लाकर इल्हान ओमर, राशिदा तलैब, अलेक्जेंड्रिया ओकासियो कोर्टेज और एन्ना प्रेसली पर हुए नस्लवाद टिप्पणी की निंदा की। अब ऐसी ही बातें अपनी रैलियों में कहते हैं लेकिन यह खबर नहीं बनती।

सत्ता हस्तांतरण पर बयान देकर ट्रम्प ने नाराजगी मोल ली

ट्रम्प ने एक सत्ता हस्तांतरण पर बयान देकर जल्द ही लोगों की नाराजगी मोल ले ही है। अब कुछ इलेक्टेड रिपब्लिकंस को मजबूर कर दिया है कि सत्ता के संवैधानिक हस्तांतरण के मामले पर ट्रम्प के बारे में बोलें। हालांकि, इतिहास पर गौर करें तो लगता है कि यह रिपब्लिकंस जल्द वापस पुराने रूप में लौट आएंगे। ट्रम्प अगली बार जब कोई गलती करेंगे तो फिर इनसे उम्मीद करेंगे कि इस पर ये रिपब्लिकंस दोबारा बोलें। ट्रम्प यह चाहेंगे कि चुनाव में मिली हार को नहीं मानने पर भी ये लोग बोलें।



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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पोल्स में कई राज्यों में पिछड़ते नजर आ रहे हैं। इस बीच सत्ता हस्तांतरण को लेकर उनके जवाब पर भी विरोध तेज हो रहा है।

100 साल में पहली बार ब्राजील में रियो डि जेनेरियो कार्निवाल टला, पेरू में संक्रमण बढ़ा; दुनिया में 3.27 करोड़ केस September 25, 2020 at 03:46PM

दुनिया में संक्रमितों का आंकड़ा 3.27 करोड़ से ज्यादा हो गया है। ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 2 करोड़ 47 लाख 67 हजार 549 से ज्यादा हो चुकी है। अब तक 9 लाख 92 हजार 914 मौतें हो चुकी हैं। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। ब्राजील ही नहीं दुनिया के सबसे बड़े कार्निवाल रियो डि जेनेरियो कार्निवाल को फिलहाल टाल दिया गया है। ब्राजील में मरने वालों का आंकड़ा एक लाख 40 हजार से ज्यादा हो चुका है।

ब्राजील : रियो कार्निवाल टला
ब्राजील और दुनिया में मशहूर रियो डि जेनेरियो को फिलहाल टाल दिया गया है। 100 साल में यह पहला मौका है जब रियो कार्निवाल टला है। हालांकि, इस बात की संभावना बेहद कम है कि इसे इस साल आयोजित किया जा सकेगा। ब्राजील में करीब 46 लाख लोग संक्रमित हैं जबकि मौतों का आंकड़ा एक लाख 40 हजार से ज्यादा हो चुका है। रियो कार्निवाल का आयोजन सांबा स्कूल करता है। उसने एक बयान जारी कर कहा- हम कोविड-19 की वजह से यह आयोजन टाल रहे हैं। इस बात की संभावना काफी कम है कि वैक्सीन आने के पहले इसका आयोजन किया जा सकेगा।

पेरू : इमरजेंसी 31 अक्टूबर तक बढ़ी
संक्रमण की दूसरी लहर को लेकर लैटिन अमेरिकी देश पेरू ने सख्त रवैया अपनाया है। यहां राष्ट्रीय आपातकाल 31 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया गया है। प्रेसिडेंट मार्टिन विजकारा ने कहा- इस बात की संभावना है कि यह इमरजेंसी साल के आखिर तक बनी रहे। फिलहाल, हम इसे 31 अक्टूबर तक बढ़ा रहे हैं। पेरू की हेल्थ मिनिस्ट्री ने एक बयान में कहा- हम जानते हैं कि लोगों को कुछ प्रतिबंधों से काफी परेशान होना पड़ रहा है। लेकिन, कोविड-19 से बचने का फिलहाल यही उपाय है कि हम हर सावधानी बरतें। मास्क और सैनिटाइजेशन का खास ध्यान रखें।

पेरू में राष्ट्रपति ने हेल्थ इमरजेंसी 31 अक्टूबर तक बढ़ा दी है। साथ ही ये भी कहा है कि इसे साल के आखिर तक बढ़ाया जा सकता है। (फाइल)

ऑस्ट्रेलिया : एक और इस्तीफा
विक्टोरिया प्रांत के हेल्थ मिनिस्टर जेनी मिकाकोस ने इस्तीफा दे दिया है। जेनी पर आरोप था कि उन्होंने क्वारैंटीन फेसेलिटीज के लिए होटलों को कॉन्ट्रैक्ट दिए। लेकिन, इसमें कई स्तरों पर धांधली हुई। इसके अलावा इन्फेक्शन कंट्रोल के मामले में उनकी नाकामयाबी को मीडिया ने लगातार उजागर किया। ऑस्ट्रेलिया इस वक्त संक्रमण की दूसरी लहर का सामना कर रहा है। सरकार ने साफ कर दिया है कि फिलहाल प्रतिबंधों में किसी तरह की ढील नहीं दी जाएगी।

ऑस्ट्रेलिया में संक्रमण की दूसरी लहर चल रही है। कुछ हिस्सों में प्रतिबंधों का विरोध हुआ तो सरकार ने सुरक्षाबल तैनात कर दिए। विक्टोरिया के हेल्थ मिनिस्टर ने इस्तीफा दे दिया है। उन पर कुछ कॉन्ट्रैक्टर्स को फायदा पहुंचाने के आरोप हैं। (फाइल)

फिनलैंड में संक्रमितों की पहचान की नई कोशिश
हेलसिंके एयरपोर्ट पर फिनलैंड सरकार ने संक्रमितों की पहचान के लिए स्निफर डॉग्स तैनात कर दिए हैं। इसके लिए इस डॉग यूनिट को स्पेशल मेडिकल ट्रेनिंग दी गई है। जानकारी के मुताबिक, ये स्निफर डॉग यूनिट 10 मिनट में 100 फीसदी सही तरीके से संक्रमितों की पहचान कर सकेगी। फिलहाल, इस यूनिट को यूनिवर्सिटी ऑफ हेलसिंके की देखरेख में ट्रायल के तौर पर तैनात किया गया। कुछ दिनों बाद इसकी समीक्षा की जाएगी। अगर नतीजे सही रहे तो यह प्रॉसेस जारी रहेगा। बता दें कि इसके पहले ये स्निफर डॉग यूनिट मलेरिया और कैंसर जैसी बीमारियों से ग्रस्त लोगों की पहचान कर चुकी है।

एयरपोर्ट पर आने वाले यात्रियों को एक कपड़ा दिया जाएगा। इससे वे अपना गला और चेहरा पोछेंगे। कपड़े को एक बॉक्स में रखा जाएगा। एक अलग बूथ में डॉग हैंडलर इस बॉक्स को कई अन्य बॉक्स के साथ रखेगा। डॉग इसमें से कोरोनावायरस वाले बॉक्स की पहचान करेगा। एक बार में एक डॉग एक बॉक्स की पहचान करेगा।



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ब्राजील की राजधानी रियो में हर साल होने वाला रियो कार्निवाल इस साल नहीं होगा। इसका ऑर्गनाइजर सांबा स्कूल ने कहा- 100 साल में पहली बार रियो कार्निवाल टाला जा रहा है। जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती, तब तक आयोजन संभव नहीं है। (फाइल)

भारत ने कहा- दुनिया को मानवाधिकार पर ऐसे देश से सीख लेने की जरूरत नहीं, जो आतंक के एपिसेंटर के तौर पर जाना जाता है September 25, 2020 at 05:12AM

भारत ने मानवाधिकार को लेकर एक बार फिर पाकिस्तान पर निशाना साधा है। संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) के 45वें सेशन में भारत के स्थाई मिशन के फर्स्ट सेक्रेटरी सेंथिल कुमार ने पाकिस्तान में जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों की बदतर स्थिति के मुद्दे को उठाया।

उन्होंने कहा- दूसरों को उपदेश देने से पहले पाकिस्तान को याद रखना चाहिए कि आतंकवाद मानवाधिकार उल्लंघन का सबसे बदतर तरीका है। यह मानवता के खिलाफ अपराध है। दुनिया को मानवाधिकार पर ऐसे देश से सीख लेने की जरूरत नहीं है, जो आतंक का एपिसेंटर और नर्सरी के तौर पर जाना जाता है।

पीओके के प्रोफेसर ने भी पाकिस्तान पर आरोप लगाए

इससे पहले पीओके के एक्टिविस्ट प्रोफेसर सज्जाद राजा ने भी पाकिस्तान पर कई आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पीओके में लोगों की स्थिति जानवरों से भी बदतर हो चुकी है। राजा ने सीधे तौर पर पाकिस्तान की सरकार और फौज को निशाने पर लिया। कहा- पाकिस्तान हमारे साथ जानवरों जैसा सलूक फौरन बंद करे।

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भारत के स्थाई मिशन के फर्स्ट सेक्रेटरी सेंथिल कुमार ने कहा- दूसरों को उपदेश देने से पहले पाकिस्तान को याद रखना चाहिए कि आतंकवाद मानवाधिकार उल्लंघन का सबसे बदतर तरीका है।

First man cured of HIV now has terminal cancer September 25, 2020 at 04:22AM

Timothy Ray Brown, the first person known to have been cured of HIV infection, says he is now terminally ill from a recurrence of the cancer that prompted his historic treatment 12 years ago.Brown, dubbed “the Berlin patient” because of where he lived at the time, had a transplant from a donor with a rare, natural resistance to the AIDS virus.

Queen Elizabeth II to trim costs as Covid-19 hits income September 25, 2020 at 01:14AM

Releasing the royal household's annual accounts, Keeper of the Privy Purse Michael Stevens said a lack of income from visitors to royal buildings was likely to bring a general funding shortfall of 15 million pounds ($19 million) over three years. He said the impact of the pandemic is also likely to cause a 20 million-pound ($25.4 million) shortfall in a 10-year, 369-million-pound program to replace antiquated heating, plumbing and wiring at Buckingham Palace, the queen's London home.

China aims to make 1 billion Covid-19 vaccine doses a year September 25, 2020 at 01:28AM

किम जोंग ने अपने समुद्री क्षेत्र में दक्षिण कोरिया के अफसर की हत्या होने पर अफसोस जाहिर किया, कहा- मैं पड़ोसी देश के लोगों के लिए दुखी September 25, 2020 at 01:27AM

उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने दक्षिण कोरिया के एक अफसर की निर्मम हत्या पर अफसोस जाहिर की है। दक्षिण कोरिया के अफसरों के मुताबिक, उत्तर कोरिया की ओर से दक्षिण कोरिया को इस बारे में एक चिट्‌ठी भेजी गई है। इसमें तानाशाह ने लिखा है कि वह अपने समुद्री क्षेत्र में हुई हत्या के लिए दुखी है। वह इसलिए भी दुखी है कि दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून-जे-इन ने अपने देश के लोगों को कोरोना महामारी से बचाने के लिए कुछ नहीं किया।

पिछले कुछ समय से उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच तनाव बढ़ा है। उत्तर कोरिया ने इस साल 16 जून को दक्षिण कोरिया से सभी तरह का संपर्क बंद करने का ऐलान किया था। उत्तर कोरिया की सेना ने जुलाई में केयसोंग शहर स्थित ऑफिस को बम से उड़ा दिया। यह ऑफिस उ.कोरिया और द.कोरिया के बीच अच्छे संबंध कायम करने के लिए 2018 में खोला गया था।

दक्षिण कोरिया के अफसर को 10 से ज्यादा गोलियां मारी गई थी
योनहाप न्यूज एजेंसी के मुताबिक, दक्षिण कोरिया का एक व्यक्ति एक हफ्ते पहले उत्तर कोरिया में समुद्र के रास्ते घुसने की कोशिश कर रहा था। उसके पास देश के सीमा में आने की इजाजत नहीं थी। वह किसी तैरने वाली चीज पर बैठकर उत्तर कोरिया के समुद्री क्षेत्र में आया था। उत्तर कोरिया के सुरक्षाबलों ने उस पर 80 मीटर की दूरी से दो ब्लैंक फायर किया था। इसके बाद 40 से 50 मीटर की दूरी से उस पर 10 से ज्यादा गोलियां चलाईं गई थी। बाद में उसका शव दक्षिण कोरिया में समुद्र किनारे मिला था। इस हत्या पर दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया की आलोचना की थी।

तानाशाह ने चीन से आने वालों को गोली मारने का हुक्म दिया था

किम जोंग ने देश में वायरस की रोकथाम के लिए इसी महीने चीन की तरफ से आने वालों को गोली मारने के आदेश दिया था। चीन और नॉर्थ कोरिया मित्र देश हैं, किम कई बार चीन जा चुके हैं। नॉर्थ कोरिया ने अब तक एक भी कोरोना केस की पुष्टि नहीं की है। इसके बावजूद वहां पर इसकी रोकथाम के लिए कई अस्पताल बनाने की बातें सामने आ चुकी हैं। चीन के किसी भी व्यक्ति के नॉर्थ कोरिया में घुसने पर गोली मारने के आदेश की जानकारी साउथ कोरिया में तैनात अमेरिकी कमांडर ने दी थी।

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किम जोंग उन ने इसी महीने चीन की ओर से आने वाले किसी भी व्यक्ति को गोली मारने का आदेश दिया था।- फाइल फोटो

Paris: 4 wounded in knife attack near ex-Charlie Hebdo site September 25, 2020 at 12:53AM

'Ultimate goal of China is to eliminate identity of Uighurs' September 25, 2020 at 12:08AM

पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा- आर्मी अफसरों से दूर रहें पार्टी नेता; फौज को इमरान का स्पॉन्सर बता चुके हैं शरीफ September 24, 2020 at 11:43PM

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अपनी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेताओं को फौज से दूर रहने के लिए कहा है। उन्होंने हाल ही में शुरू किए गए अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया- अगर राष्ट्रीय सुरक्षा या संविधान के मुद्दे पर फौज के साथ मीटिंग करने की जरूरत होती है, तो ऐसा पार्टी लीडरशिप से इजाजत लेकर किया जा सकता है। ऐसी बैठकों को कभी भी सेक्रेट नहीं रखा जाएगा। यह दिशानिर्देश पाकिस्तान के संविधान के मुताबिक है। यह इसलिए जारी किए गए हैं कि पाकिस्तान की फौज को उनकी शपथ याद दिलाई जा सके।

नवाज शरीफ में कई बार राजनीति में दखल देने के लिए पाकिस्तान आर्मी की आलोचना कर चुके हैं। वे फौज को इमराल का स्पॉन्सर भी बता चुके हैं। हाल ही में आर्मी हेडक्वार्टर में आर्मी अफसरों के साथ विपक्षी नेताओं की बैठक पर भी नाराजगी जाहिर की थी। इस बैठक में नवाज की पार्टी के एक नेता भी शामिल हुए थे, इस पर विवाद जारी है।

नवाज के नेता ने फौज के अफसरों से मुलाकात की थी

नवाज की पार्टी के सीनियर नेता और सिंध के पूर्व राज्यपाल मुहम्मद जुबैर के आर्मी अफसरों की बैठक में शामिल होने की बात सामने आई है। रेल मंत्री शेख राशि ने दावा किया है कि जुबैर ने अगस्त से लेकर अब तक सेना के खुफिया अफसरों से दो बार मुलाकात की है। इसमें उन्होंने नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम नवाज के बारे में चर्चा की। इसके साथ ही पीएमएल-एन नेता ख्वाजा आसिफ और अहसान इकबाल भी बैठक में मौजूद रहे।

आर्मी और विपक्ष में टकराव क्यों

विपक्ष ने एक फौज की मदद से सत्ता पाने वाले इमरान खान की सरकार को गिराने के लिए कमर कस ली है। 1 अक्टूबर से तमाम विपक्षी दल आंदोलन शुरू करने वाले हैं। 21 सितंबर को विपक्षी नेताओं की बैठक हुई थी। इसमें आंदोलन की रणनीति तैयार की गई। बुधवार को खुलासा हुआ कि आर्मी और आईएसआई चीफ ने 16 सितंबर को विपक्ष के कुछ नेताओं से मुलाकात की थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों अफसर विपक्ष पर आंदोलन रोकने और फौज का नाम न लेने का दबाव बना रहे थे। हालांकि, जाहिर तौर पर यह गिलगित-बाल्टिस्तान को अलग राज्य का दर्जा देने के लिए बुलाई गई मीटिंग थी।

मरियम ने कहा था- सियासी मसले संसद में तय हो

फौज ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा- नवाज की पार्टी के एक सदस्य मदद के लिए आर्मी चीफ से मिलने आए थे। मरियम ने इस बयान में किए गए दावे को नकार दिया। कहा- मेरे परिवार का कोई सदस्य जनरल बाजवा से मिलने नहीं गया। न ही हमने किसी को उनसे मिलने भेजा। इसके कुछ देर बाद मरियम ने फौज पर सीधा निशाना साधा और देश में लोकतंत्र की हिफाजत करने की नसीहत दी। कहा- सियासी मामले संसद में ही तय होने चाहिए। इसके लिए आर्मी हेडक्वॉर्टर नहीं जाना चाहिए।



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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री ने अपनी पार्टी के नेताओं से कहा है कि अगर फौज के अफसरों के साथ मिलना है तो पहले पार्टी लीडरशिप की इजाजत लेनी होगी।- फाइल फोटो

Greta Thunberg and youth climate protests make a return September 24, 2020 at 11:29PM

The coronavirus outbreak has prevented the Fridays for Future movement that Thunberg inspired from holding its mass rallies in recent months, lowering its public profile. Thunberg started her solo protests outside Sweden's parliament in Stockholm on August 20, 2018.

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Witness arrests in gang rape case jolt Egypt's #MeToo September 24, 2020 at 11:01PM

A climate of fear has gripped Egypt's #MeToo movement as the arrests of witnesses in a high-profile rape case threaten to derail efforts to curb male sexual violence in the Arab country.

Seoul: North Korea's Kim has apologised over shooting death September 24, 2020 at 08:30PM

South Korea's presidential office said Friday that Kim conveyed an apology in a message to South Korea. It cited Kim as calling the incident “unexpected” and “unfortunate.” It's extremely unusual for a North Korean leader to apologize to rival South Korea on any issue.