Saturday, August 8, 2020

महिंदा राजपक्षे चौथी बार प्रधानमंत्री बने, छोटे भाई और राष्ट्रपति गोतबाया ने मंदिर में दिलाई शपथ; चीन ने कहा- हम बेहद खुश August 08, 2020 at 08:21PM

महिंदा राजपक्षे चौथी बार श्रीलंका के प्रधानमंत्री बन गए हैं। रविवार को राजधानी कोलम्बो के ऐतिहासिक राजामहा विचार्या बौद्ध मंदिर में 74 साल के महिंदा ने शपथ ग्रहण की। महिंदा को शपथ उनसे तीन साल छोटे भाई और राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने दिलाई। वैसे, महिंदा खुद भी पहले राष्ट्रपति रह चुके हैं। शपथ के बाद राष्ट्रपति गोतबाया ने अपने प्रधानमंत्री भाई के चरण स्पर्श भी किए। फिर दोनों गले मिले।
श्रीलंका में पांच अगस्त को संसदीय चुनाव हुए थे। राजपक्षे भाइयों की एसएलपीपी ने 225 में से 145 सीटें जीतीं। उनकी सहयोगी पार्टियों ने पांच सीटें हासिल कीं।

सत्ता पर बेहद मजबूत पकड़
पिछले साल नवंबर ने राष्ट्रपति चुनाव में गोतबाया ने एकतरफा जीत दर्ज की थी। अब संसदीय चुनाव में भी उन्हें भारी बहुमत मिला है। उनकी पार्टी ने चुनाव से पहले कहा था कि अगर दो तिहाई बहुमत मिला तो संविधान में 20वां संशोधन करके राष्ट्रपति के अधिकार बढ़ाए जाएंगे। महिंदा ने इस चुनाव में अपनी सीट पर 5 लाख से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की। यह श्रीलंका के चुनावी इतिहास में किसी भी कैंडिडेट की सबसे बड़ी जीत है।

मंदिर में शपथ क्यों
महिंदा ने चुनाव प्रचार के दौरान ही साफ कर दिया था कि अगर उनकी पार्टी और वे खुद चुनाव जीतते हैं और प्रधानमंत्री बनते हैं तो राजामहा विचार्या बौद्ध मंदिर में शपथ ग्रहण करेंगे। श्रीलंका 70 फीसदी लोग बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं। माना जाता है कि इन्हीं मतदाताओं को लुभाने के लिए महिंदा ने यह वादा किया था। अब इसे पूरा भी किया है।

चीन ने कहा- हम बेहद खुश
श्रीलंका के चुनाव परिणामों और राजपक्षे ब्रदर्स की पार्टी एसएलपीपी की जीत से चीन बेहद खुश है। चीन के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को खुलकर इसका इजहार भी किया। एक बयान में कहा गया- हम श्रीलंका के चुनावी नतीजों से बहुत खुश हैं। दोनों देशों के संबंधों को नया विस्तार देने की कोशिश करेंगे। राजपक्षे भाइयों का झुकाव हाल के कुछ साल में भारत से ज्यादा चीन की तरफ देखा गया है।



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प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण करने के बाद महिंदा राजपक्षे (बाएं)। उनके सामने राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे हैं। गोतबाया महिंदा के छोटे भाई हैं। शपथ के बाद राष्ट्रपति गोतबाया ने प्रधानमंत्री महिंदा के पैर भी छुए।

ब्राजील में मौतों का आंकड़ा 1 लाख के पार, 25 हजार केस के साथ यहां का साओ पाउलो सबसे प्रभावित राज्य; दुनिया में अब तक 1.93 करोड़ केस August 08, 2020 at 06:21PM

दुनिया में कोरोनावायरस संक्रमण के अब तक 1 करोड़ 98 लाख 3 हजार 3 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 1 करोड़ 27 लाख 20 हजार 568 मरीज ठीक हो चुके हैं। 7 लाख 29 हजार 568 की मौत हो चुकी है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। ब्राजील में शनिवार को 905 लोगों की मौत हुई और 49 हजार 970 नए मामले सामने आए। इसके साथ ही यहां मौतों का आंकड़ा 1 लाख के पार हो गया।

यहां पर अब क 30 लाख 12 हजार 412 संक्रमित मिले हैं। 25 हजार मौतों और 6 लाख से ज्यादा मामलों के साथ यहां का साओ पाउलो राज्य सबसे ज्यादा प्रभावित है। ब्राजील संक्रमण के मामले में अमेरिका के बाद दुनिया में दूसरे नंबर पर है।

10 देश, जहां कोरोना का असर सबसे ज्यादा

देश

कितने संक्रमित कितनी मौतें कितने ठीक हुए
अमेरिका 51,49,723 1,65,070 26,38,470
ब्राजील 30,13,369 1,00,543 20,94,293
भारत 21,52,020 43,453 14,79,804
रूस 8,82,347 14,854 6,90,207
साउथ अफ्रीका 5,53,188 10,210 4,04,568
मैक्सिको 4,75,902 52,006 3,18,638
पेरू 4,71,012 20,844 3,19,171
चिली 3,71,023 10,011 3,44,133
स्पेन 3,61,442 28,503 उपलब्ध नहीं
कोलंबिया 3,76,870 12,540 2,04,591

मैक्सिको: संक्रमितों का आंकड़ा 5 लाख के करीब

मैक्सिको में बीते 24 घंटे में 6495 नए मामले सामने आए और 695 मौतें हुईं। इसी के साथ देश में संक्रमितों की कुल संख्या 4 लाख 75 हजार 902 हो गई है। अब तक यहां 52 हजार 06 संक्रमित मिले हैं। जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के मुताबिक, मैक्सिको संक्रमण के मामले दुनिया में छठे नंबर और मौतों के मामले में तीसरे नंबर पर है। इसके बावजूद यहां के राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज ओब्राडोर ने कहा है देश में रोजगार बढ़ रहे हैं। अगस्त में 15 हजार नई नौकरियां पैदा हुई हैं।

मैक्सिको की राजधानी न्यू मैक्सिको सिटी के एक कब्रिस्तान में एक दूसरे को संभालने की कोशिश करता एक मृतक का परिवार।

अमेरिका: हर 6 में से एक व्यक्ति संक्रमित
रॉयटर्स के मुताबिक, अमेरिका में हर 6 लोगों में से एक संक्रमित है। यहां पर 1 लाख 60 हजार से ज्यादा मौतें हुई हैं जोकि दुनिया में संक्रमण से हुई मौतों का एक चौथाई हिस्सा है। 5 लाख 45 हजार से ज्यादा मामलों के साथ यहां का कैलिफोर्निया राज्य सबसे प्रभावित है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार को महामारी की वजह से नुकसान उठा रहे अमेरिकी लोगों को राहत देने के लिए एक विशेष राहत पैकेज पर साइन किए।

अमेरिका के जॉर्जिया की एक सड़क से गुजरते लोग। अब भी यहां कई लोग मास्क लगाने में लापरवाही करते नजर आ रहे हैं।

ऑस्ट्रेलिया: न्यू साउथ वेल्स में नई पाबंदियां
ऑस्ट्रेलिया ने अपने न्यू साउथ वेल्स राज्य में यात्रा से जुड़ी नई पाबंदियां लगाई हैं। यहां पर बीते महीने नए मामले आने के साथ पहले ही सख्त नियम लागू थे। अब न्यू साउथ वेल्स में पड़ोसी राज्य विक्टोरिया से लौटे जाने वाले सभी लोगों को दो हफ्ते तक होटल में क्वारैंटाइन किया जाएगा। सिर्फ घरेलू उड़ानों के जरिए ही विक्टोरिया के लोग न्यू साउथ वेल्स आएंगे। सरकार ने इन दोनों राज्यों के बीच बॉर्डर सील करने का फैसला किया है।



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ब्राजील के साओ पाउलो राज्य स्थित एक कब्रिस्तान में शनिवार को कब्र तैयार करने में जुटे कर्मचारी। यह अमेरिका के बाद दुनिया का सबसे प्रभावित देश है।

सनकी ने 13 मंजिला अपार्टमेंट में आग लगाई, 3 बच्चों समेत 11 लोगों की मौत; 5 लोग 12वीं मंजिल से कूदने के दौरान जान गंवा बैठे August 08, 2020 at 05:19PM

चेक रिपब्लिक के शहर बोहुमिन में शनिवार तड़के एक दर्दनाक घटना में 11 लोगों की मौत हो गई। एक सनकी व्यक्ति ने 13 मंजिला अपार्टमेंट में आग लगा दी। इसमें 11 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में तीन बच्चे भी शामिल हैं। घटना के बाद आरोपी ने भागने की कोशिश की। लेकिन, कुछ देर बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। 3 बच्चों समेत 6 लोगों की मौत एक ही अपार्टमेंट ब्लॉक में हुई। बाकी पांच जान बचाने की कोशिश में 12वीं मंजिल से कूदे और मारे गए।

फायर ब्रिगेड ने कई लोगों की जान बचाई
घटना बोहुमिन के बाहरी इलाके टाउन हॉल सेक्टर की है। यह करीब 300 किलोमीटर दूर पोलैंड का बॉर्डर लगता है। अल जजीरा चैनल ने पुलिस के हवाले से बताया कि शनिवार तड़के यहां 13 मंजिला इमारत में आग लगी। सबसे पहले 11वें फ्लोर पर आग दिखी। फायर ब्रिगेड ने आग बुझाने की कोशिश की। 11 लोग मारे गए। लेकिन, 100 से ज्यादा लोगों की जान आग बुझाने में मिली कामयाबी की वजह से बच गई।

इसी 13 मंजिला इमारत में शनिवार तड़के आग लगी थी।

5 लोग 12वीं मंजिल से कूदे
डॉयचे वैले की रिपोर्ट के मुताबिक, आग 11वीं मंजिल के ब्लॉक में लगी थी। इसकी लपटें 12वीं मंजिल तक पहुंचीं। वहां मौजूद पांच लोगों ने आग से बचने के लिए खिड़की से छलांग लगा दी। नीचे गिरने पर इन्हें गंभीर चोटें आईं। इन्होंने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। दो लोगों की मौत घटनास्थल पर ही हो गई थी।

पुलिस ने क्या कहा
एरिया के पुलिस चीफ थॉमस कुजेल ने कहा- हम शुरुआत से ही शक था कि यह आग जानबूझकर लगाई गई। फायर ब्रिगेड जब आग बुझा रही थी तब हम संदिग्ध की तलाश कर रहे थे। इसी दौरान एक व्यक्ति पर शक हुआ। उसने भागने की कोशिश की। लेकिन, हमने उसे गिरफ्तार कर लिया। यह आपसी रंजिश का मामला लग रहा है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में आरोपी को मानसिक तौर पर बीमार और सनकी बताया गया है।



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फायर ब्रिगेड जब आग बुझा रही थी तब आसपास के कई लोग मौके पर जुट गए। इस अपार्टमेंट में करीब 250 लोग रहते हैं।

सरकार से नाराज लोग प्रदर्शन के दौरान तीन मंत्रालयों में घुसे, कहा- नेताओं को चौराहे पर लाकर फांसी पर लटकाओ August 08, 2020 at 04:43PM

लेबनान की राजधानी बेरूत में मंगलवार को हुए ब्लास्ट में मरने वालों का आंकड़ा रविवार को 163 हो गया। चार हजार से ज्यादा लोग घायल हैं। कुछ की हालत अब भी गंभीर है। इस बीच, सरकार की नाकामी के विरोध में हिंसा तेज हो गई। शनिवार को प्रदर्शनकारी तीन मंत्रालयों में घुस गए। इनमें तोड़फोड़ की। आग लगाने की भी कोशिश की गई। संसद की दीवार तोड़कर अंदर घुसने का प्रयास किया। हालांकि, सुरक्षा बलों ने इसे नाकाम कर दिया।
मंगलवार को बेरूत पोर्ट पर अमोनियम नाइट्रेट के सात साल से रखे कंटेनर्स में धमाके हुए थे। इसकी धमक 240 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी थी। अब पता लगा है कि यह कंटेनर्स मोजाम्बिक से लाए गए थे।

शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन में भी घुसने की कोशिश की। वहां मौजूद सुरक्षा बलों ने इसे नाकाम कर दिया। इस दौरान एक पुलिसकर्मी मारा गया। 200 लोग घायल हुए। इनमें ज्यादातर पुलिसकर्मी हैं। क्योंकि, प्रदर्शनकारियों की संख्या 3 हजार से ज्यादा थी। पुलिस बल काफी कम था।

बच गई संसद
शनिवार को प्रदर्शनकारी विदेश, वित्त और पर्यावरण मंत्रालय में सुरक्षा घेरा तोड़कर घुसे। यहां के ऑफिसों में तोड़फोड़ की। आग लगाने की भी कोशिश की गई। प्रधानमंत्री हसन दियाब ने शांति की अपील की। ये बेअसर साबित हुई। इसके बाद प्रदर्शनकारी संसद भवन पहुंचे। यहां बाहरी दीवार तोड़कर अंदर जाने की कोशिश की। लेकिन, सुरक्षा बलों ने उन्हें रोक दिया। यहां भी हिंसा हुई। सीएनएन के मुताबिक, 1 पुलिसकर्मी की मौत हो गई। 200 लोग घायल हैं।

बेरूत के प्रदर्शनों का यह हैरान कर देने वाला नजारा है। पहले सरकारी इमारतों में आग लगाई गई। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने वहां सेल्फी लीं।

जल्द चुनाव कराएंगे
प्रधानमंत्री हसन ने कहा- हम लोगों की नाराजगी समझ सकते हैं। धमाके के लिए जिम्मेदार लोगों बख्शा नहीं जाएगा। हम चाहते हैं कि देश की व्यवस्थाओं और बाकी क्षेत्रों में अब बड़े सुधार हों। हमें दो महीने का वक्त दीजिए। दूसरी पार्टियों से बातचीत कर चुनाव सुधार के लिए कदम उठाएंगे। इसके बाद लोग अपनी पसंद की सरकार चुन सकेंगे। दूसरी तरफ, प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सरकार वक्त मांगकर मामले को ठंडा करना चाहती है।

बेलगाम हो रही है हिंसा
खास बात ये है कि लेबनान के इन प्रदर्शनकारियों का न तो कोई दल है और न नेता। ये गुटों में बंटे हुए हैं। ज्यादातर युवा हैं। ये बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के परेशान हैं। इन्हें मौका मिल गया है। लिहाजा, गुस्सा इस तरह निकाला जा रहा है। अमेरिकी एम्बेसी ने एक बयान में कहा- लोगों का गुस्सा जायज है। लेकिन, हिंसा से फायदा नहीं होता। रेड क्रॉस ने यहां कई विमानों से मेडिकल इक्युपमेंट और दवाएं भेजी हैं।

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1. शहर के 3 लाख लोग बेघर हुए, अब तक 100 मौतें और 4000 घायल; 2750 टन अमोनियम नाइट्रेट में ब्लास्ट हुआ था

2. लेबनान के अधिकारियों का दावा- पोर्ट पर अमोनियम नाइट्रेट से भरे कंटेनर 7 साल से रखे थे, कई चेतावनियों के बाद भी नहीं हटाए गए



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शनिवार को बेरूत के शहीद चौक पर सरकार विरोधी प्रदर्शन के दौरान लोगों ने नेताओं को फांसी देने की मांग की। इसके लिए कई फंदे लटकाए गए। यहां कई लोगों ने सेल्फी भी ली।

Nagasaki urges nuke ban on 75th anniversary of US A-bombing August 08, 2020 at 04:51PM

The August 9, 1945, bombing came three days after the United States dropped its first atomic bomb on Hiroshima, the world's first ever nuclear attack that killed 140,000. On August 15, Japan surrendered, ending World War II. Many survivors developed cancer or other illnesses due to radiation.

शीर्ष अधिकारी का दावा- रूस बिडेन जबकि चीन और ईरान ट्रम्प को चुनाव जीतते नहीं देखना चाहते August 08, 2020 at 03:05PM

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में रूस डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बिडेन को जीतते नहीं देखना चाहता। उधर, चीन-ईरान राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प को जीतते नहीं देखना चाहता है। अमेरिका के नेशनल काउंटर-इंटेलिजेंस एंड सिक्योरिटी सेंटर (एनसीएससी) के प्रमुख विलियम इवानिना ने यह दावा किया है। उन्होंने कहा कि रूस बिडेन को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है।

इसका कारण यह है कि पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल के दौरान उपराष्ट्रपति रहते हुए बिडेन ने रूस के विरोधी यूक्रेन का समर्थन किया था। बिडेन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ बोलते रहे थे। जबकि चीन मानता है कि ट्रम्प मनमानी करते हैं। इससे चीन को नुकसान होता है। ट्रम्प के फैसले बेहद चौंकाने वाले होते हैं। यहीं वजह है कि चीन अमेरिका में वोटों को प्रभावित करने की अपनी क्षमता बढ़ा रहा है।

उधर, ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ट्रम्प को कमजोर देखना चाहते हैं। इसलिए ईरान ट्रम्प के खिलाफ फर्जी खबरें चला रहा है। ईरान मानता है कि ट्रम्प के दोबारा राष्ट्रपति बनने से उस पर अमेरिका का दबाव और बढ़ सकता है।

मुझे जिताने में रूस की दिलचस्पी नहीं: ट्रम्प

ट्रम्प ने एनसीएससी प्रमुख के बयान पर कहा, ‘मुझे लगता है रूस जिस आखिरी व्यक्ति को राष्ट्रपति के पद पर देखना चाहेगा, वह डोनाल्ड ट्रम्प होगा। क्योंकि, मैंने उस पर जितनी सख्ती बरती, उतनी किसी ने नहीं। चीन जरूर चाहेगा कि मैं चुनाव हार जाऊं। अगर बिडेन चुनाव जीते तो चीनी इस देश के मालिक बन जाएंगे। चीन ही अमेरिका को चलाने लगेगा।’

- न्यूयॉर्क टाइम्स से विशेष अनुबंध के तहत



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Top official claims - Russia Biden; China and Iran do not want to see Trump win the election

Trump signs orders extending economic relief for Americans August 08, 2020 at 01:44PM

President Donald Trump on Saturday signed executive actions extending financial relief to Americans hit by the coronavirus pandemic as polls showed a large majority of voters unhappy with his handling of the crisis. ​​​​​The four measures marked a presidential show of strength after Trump's Republican party and White House team failed to agree with opposition Democrats in Congress on a new stimulus package aimed at stopping vulnerable Americans from falling through the cracks.

Fury over Beirut blast fuels protests, clashes with police August 08, 2020 at 09:54AM

शीर्ष अधिकारी का दावा- रूस बाइडेन; चीन व ईरान ट्रम्प को चुनाव जीतते नहीं देखना चाहते August 08, 2020 at 09:23AM

रूस अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन को नहीं जीतते देखना चाहता। जबकि चीन- ईरान की मंशा मौजूदा राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प को नहीं जीतते देखने की है। अमेरिका के नेशनल काउंटर-इंटेलिजेंस एंड सिक्योरिटी सेंटर (एनसीएससी) के प्रमुख विलियम इवानिना ने यह दावा किया है। इवानिना ने कहा कि रूस बाइडेन को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है।

इसका कारण यह है कि बराक ओबामा के कार्यकाल के दौरान उपराष्ट्रपति रहते हुए बाइडेन ने रूस के विरोधी यूक्रेन का समर्थन किया था। बाइडेन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ बोलते रहे थे। जबकि चीन मानता है कि ट्रम्प मनमानी करते हैं। इससे चीन को नुकसान होता है। ट्रम्प के फैसले बेहद चौंकाने वाले होते हैं। यही वजह है कि चीन अमेरिका में वोटों को प्रभावित करने की अपनी क्षमता बढ़ा रहा है। उधर, ईरान राष्ट्रपति ट्रम्प को कमजोर देखना चाहता है। इसलिए वह ट्रम्प के खिलाफ फर्जी खबरें चला रहा है। ईरान मानता है कि ट्रम्प के दोबारा राष्ट्रपति बनने से उस पर अमेरिका का दबाव और बढ़ सकता है।

मुझे जिताने में रूस की दिलचस्पी नहीं: ट्रम्प

राष्ट्रपति ट्रम्प ने एनसीएससी प्रमुख के बयान पर कहा, ‘मुझे चुनाव जिताने में रूस की कोई दिलचस्पी नहीं होगी क्योंकि मैंने उस पर जितनी सख्ती बरती, उतनी किसी ने नहीं। रूस मुझे दोबारा राष्ट्रपति कार्यालय में नहीं देखना चाहेगा। चीन जरूर चाहेगा कि मैं चुनाव हार जाऊं। अगर बाइडन चुनाव जीते तो चीनी इस देश के मालिक बन जाएंगे। चीन ही अमेरिका को चलाने लगेगा।’



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Brazil near 100,000 deaths from Covid-19 August 08, 2020 at 07:18AM

Brazil was leaping toward a grim milestone — 100,000 deaths from COVID-19 — on Saturday, and five months after the first reported case, the country had not shown signs of crushing the disease.

Group of protesters take over Lebanon foreign ministry August 08, 2020 at 06:46AM

A group of protesters led by retired Lebanese army officers stormed the foreign ministry in Beirut Saturday and declared it the headquarters of the revolution.

इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने जाधव मामले की सुनवाई के लिए बड़ी बेंच बनाई, पांच दिन पहले तीन वकील भी अपॉइंट किए थे August 08, 2020 at 05:13AM

कुलभूषण जाधव मामले में भारत के बढ़ते कूटनीतिक दबाव के आगे पाकिस्तान झुकने लगा है। शनिवार को इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए बड़ी बेंच बनाई। इससे पहले सोमवार को हाईकोर्ट ने जाधव का पक्ष रखने के लिए तीन वकीलों को अपॉइंट किया था।

जियो न्यूज के मुताबिक नई बेंच में इस्लामाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अतहर मिन्लाह, जस्टिस आमिर फारुक और जस्टिस मियां गुल हसन औरंगजेब शामिल हैं। नई बेंच तीन सितंबर को मामले की सुनवाई करेगी। भारत लगातार पाकिस्तान पर दबाव बना रहा था कि जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस दिया जाए।

इमरान सरकार ने भारत से संपर्क करने का दावा किया

इमरान सरकार ने जाधव के लिए लीगल रिप्रेंजेटेटिव नियुक्त करने के लिए भारत से संपर्क करने का दावा किया है। पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक इस्लामाबाद कोर्ट ने कहा है कि भारतीय अधिकारियों को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाना चाहिए। हालांकि, भारत के विदेश मंत्रालय को ऐसा कोई संदेश नहीं मिला है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था कि इस बारे में पाकिस्तान ने कुछ नहीं बताया है।

कुलभूषण को 2017 में फांसी की सजा सुनाई गई थी

कुलभूषण को मार्च 2016 में पाकिस्तान ने जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया था। 2017 में उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई। इस बीच सुनवाई में कुलभूषण को अपना पक्ष रखने के लिए कोई कॉन्सुलर एक्सेस भी नहीं दिया गया। इसके खिलाफ भारत ने 2017 में ही अंतरराष्ट्रीय कोर्ट (आईसीजे) का दरवाजा खटखटाया। आईसीजे ने जुलाई 2019 में पाकिस्तान को जाधव की फांसी रोकने और सजा पर फिर से विचार करने का आदेश दिया। तब से अब तक पाकिस्तान ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया है।

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1. जाधव पर नया पैंतरा:इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने कुलभूषण के लिए तीन वकील अपॉइंट किए; अटॉर्नी जनरल को आदेश- जाधव के मामले में भारत से संपर्क करें

2. जाधव की रिहाई के लिए अजीत डोभाल ने बैक डोर से की थी कोशिश

3. कुलभूषण के लिए सैन्य एक्ट में बदलाव को पाकिस्तान ने गलत बताया



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भारत लगातार पाकिस्तान पर जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस देने का दबाव बना रहा था। (फाइल फोटो)

Face coverings now compulsory in most indoor settings in UK August 08, 2020 at 03:07AM

Under the new rules, face masks or some form of face covering must now be worn in cinemas, museums, places of worship and aquariums besides public transport and shops and supermarkets, where it was already mandatory. In Scotland, the rule also covers banks and beauty salons and in the devolved administration of Northern Ireland face coverings in all enclosed public spaces will become compulsory from Monday.

95 साल के पूर्व प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने नई पार्टी बनाई; कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ देकर देश में आर्थिक संकट पैदा किया था August 08, 2020 at 01:19AM

मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने शुक्रवार को नई पार्टी का ऐलान किया। 95 साल के महातिर ने कहा- पार्टी का प्रेसीडेंट मेरा बेटा मुखरिज महातिर होगा। अभी पार्टी का नाम नहीं रखा गया है। रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी कागजात अभी जमा करने हैं। यह सब जल्द किया जाएगा।

इससे पहले, महातिर कुआलालम्पुर हाईकोर्ट में मलेशियाई यूनाइटेड इंडिजीनस पार्टी से खुद को निकाले जाने का मुकदमा हार गए। इस पार्टी की स्थापना महातिर ने ही मुहिउद्दीन यासिन के साथ 2016 में की थी। 2018 में चुनाव जीतने के बाद महातिर पीएम बने थे। इस साल की शुरुआत में यासिन ने तख्तापलट कर महातिर को पीएम पद से हटा दिया था और खुद पीएम बन गए थे। हालांकि, यासिन की पार्टी का संसद में बहुत ज्यादा बहुमत नहीं है।

95 साल की उम्र में फिर से चुनाव लड़ने के सवाल पर महातिर ने कहा कि वह अभी भी सुन सकते हैं और जवाब दे सकते हैं।

कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ दिया था
महातिर का रुख भारत विरोधी रहा है। वह कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ देते रहे हैं। सितंबर 2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान महातिर ने कहा था कि भारत ने कश्मीर पर कब्जा किया है। भारत ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। भारत ने मलेशिया से पॉम ऑयल आयात पर सख्त कदम उठाए थे, इससे मलेशिया की आर्थिक दिक्कतें बढ़ गई थीं।
महातिर ने एक इंटरव्यू में कहा था- कश्मीर पर बयानबाजी की वजह से मलेशिया के भारत से संबंध खराब हुए। उन्होंने यह भी कहा कि रिश्ते बिगड़ने के बाद हमने तेजी से अपने संबंधों में सुधार भी किया।

महातिर ने कहा था- जाकिर नाइक को मलेशिया से हटाना चाह रहे
एक दिन पहले ही महातिर मोहम्मद ने कहा था कि वे जाकिर नाइक को भारत के अलावा किसी और देश भेजना चाहते हैं। लेकिन, ज्यादातर देश उसे लेना नहीं चाहते। जाकिर की नफरत फैलाने और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की लंबे समय से तलाश है। महातिर के मुताबिक- नाइक को मलेशिया में भी खतरा है।



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महातिर मोहम्मद ने 2020 की शुरुआत में प्रधानमंत्री पद से स्तीफा दे दिया था। अब नई पार्टी बनाई और उसका अध्यक्ष बेटे को बनाया है।- फाइल फोटो महातिर मोहम्मद

प्रधानमंत्री ओली के मुख्य विरोधी प्रचंड ने कहा- बुरे वक्त के लिए तैयार रहें कार्यकर्ता; दोनों नेताओं के बीच 10वीं बातचीत भी बेनतीजा August 08, 2020 at 01:13AM

करीब 3 महीने से चला आ रहा नेपाल का सियासी संकट अब तक हल नहीं हुआ। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और उनके मुख्य विरोधी पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड के बीच 10 बार हुई बातचीत बेनतीजा रही। अब प्रचंड का रुख बेहद सख्त नजर आ रहा है। प्रचंड ने अपने समर्थकों से साफ कह दिया है कि उन्हें बुरे वक्त के लिए तैयार रहना चाहिए। हालांकि, यह साफ नहीं है कि प्रचंड के बयान के मायने क्या हैं।

दोनों जिद पर अड़े हैं
प्रचंड की मांग है कि ओली या तो प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दें या फिर पार्टी अध्यक्ष छोड़ें। प्रचंड के साथ एनसीपी के कई नेता भी यही मांग कर रहे हैं। हालात ये हैं कि ओली पार्टी की स्टैंडिग कमेटी की मीटिंग बुलाने से भी बच रहे हैं। क्योंकि, उन्हें वहां उनके विरोधियों की तादाद काफी ज्यादा है। अब तक सात बार इस मीटिंग को किसी न किसी बहाने से टाला जा चुका है। ओली दोनों में से कोई पद नहीं छोड़ना चाहते। अगर वे प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देते हैं तो पावर चला जाएगा और पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ते हैं तो प्रचंड उस पर काबिज हो जाएंगे।

प्रचंड के बयान के मायने क्या?
पिछले कुछ हफ्तों में दोनों नेताओं के बीच कुल मिलाकर 10 बार अकेले में बातचीत हुई। जून में एक बार स्टैंडिंग कमेटी की मीटिंग भी हुई थी। माना जा रहा है कि प्रचंड का बयान ओली पर दबाव बढ़ाना है। प्रचंड ने कहा- हमारा मकसद कुर्सी हासिल करना या सत्ता पाना नहीं है। हम चाहते हैं कि सरकार और पार्टी सही तरह काम करे। जो गलत हुआ है या जो गलत हो रहा है, हम दोनों का विरोध करेंगे। माना जा रहा है कि प्रचंड अब सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ आवाज उठाएंगे। वे पहले भी ऐसा कर चुके हैं।

क्या इस्तीफा देंगे ओली?
स्टैंडिंग कमेटी की पिछले महीने आखिरी बैठक हुई थी। तब इसके 44 में से 33 सदस्यों ने साफ तौर पर प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग की थी। इसके बाद से मीटिंग टलती आ रही है। लेकिन, अगर ये मीटिंग होती तो ओली को किसी एक पद से इस्तीफा देना पड़ेगा। पहले इस तरह की खबरें भी आईं थीं कि ओली और प्रचंड के बीच समझौता हो गया है। लेकिन, प्रचंड के नए बयान से साफ हो गया है कि दोनों नेताओं का टकराव जारी है।

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पुष्प कमल दहल प्रचंड (बाएं) केपी शर्मा ओली (दाएं) को प्रधानमंत्री पद से हटाने और पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की मांग कर रहे हैं। -फाइल फोटो

South Korea floods, landslides kill 21 as heavy rains continue August 07, 2020 at 10:52PM

इमरान सरकार ने चीन से 1 अरब डॉलर उधार लेकर सऊदी अरब के कर्ज की किश्त चुकाई; अभी दो अरब डॉलर और देने हैं August 07, 2020 at 10:26PM

पाकिस्तान और सऊदी अरब के रिश्तों में बढ़ती तल्खी अब आर्थिक स्तर पर भी नजर आ रही है। चीन इसका फायदा उठा रहा है। पाकिस्तान ने हाल ही में चीन से एक अरब डॉलर उधार लेकर सऊदी अरब के कर्ज की किश्त चुकाई। डेढ़ साल पहले जब पाकिस्तान दिवालिया होने की कगार पर था, तब सऊदी ने उसे 3 अरब डॉलर कर्ज दिया था।
पाकिस्तान और सऊदी के रिश्तों में कड़वाहट कश्मीर मुद्दे पर शुरू हुई। दरअसल, पाकिस्तान चाहता है कि इस मुद्दे पर चर्चा के लिए ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कंट्रीज (ओआईसी) की अर्जेंट मीटिंग बुलाई जाए। लेकिन, सऊदी अरब और यूएई दोनों ओआईसी मीटिंग बुलाने और इस मुद्दे पर विचार के लिए तैयार नहीं हैं।

कर्ज लेकर, कर्ज लौटाती सरकार
करीब डेढ़ साल पहले पाकिस्तान दिवालिया होने की कगार पर था। आईएमएफ और एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) कर्ज के लिए बेहद सख्त शर्तें रख रहे थे। तब सऊदी अरब ने पाकिस्तान ने 3 अरब डॉलर का लोन दिया था। यूएई ने भी मदद की। अब चूंकि सऊदी और पाकिस्तान के रिश्ते बिगड़ रहे हैं, इसलिए इमरान सरकार ने चीन से कर्ज लेकर सऊदी के कर्ज की पहली किश्त चुकाई है।

इमरान ने बिगाड़े पुराने रिश्ते
5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए एक साल पूरा हुआ था। एक कार्यक्रम में इमरान ने सऊदी अरब का नाम लिए बिना कहा- कश्मीर मुद्दे पर हमारे साथ कई आवाज नहीं उठाता। क्योंकि, हम लोगों (मुस्लिम देशों) में एकता नहीं है। बाकी सब तो छोड़िए इस मुद्दे पर हम ओआईसी की एक मीटिंग तक नहीं बुला पाते। इसी दिन शाम को विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा- सऊदी और खाड़ी के अमीर देश इसलिए साथ नहीं आते क्योंकि भारत के साथ उनके गहरे आर्थिक रिश्ते हैं। पाकिस्तान अब ओआईसी का विकल्प तलाश सकता है।

सऊदी अरब तैयार नहीं
पाकिस्तान के अखबार ‘द डॉन’ के मुताबिक, सऊदी सरकार पहले ही पाकिस्तान को बता चुकी है कि वो ओआईसी में कश्मीर मसले को उठाने तैयार नहीं है। अब इमरान और कुरैशी के बयानों से सऊदी नाराज हो सकता है।

चीन ने फायदा उठाया
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, चीन अब पाकिस्तान के मुस्लिम वर्ल्ड में अकेले पड़ जाने का फायदा उठा रहा है। पाकिस्तान की सऊदी पर निर्भरता कम करने और चीन पर बढ़ाने के लिए ही जिनपिंग सरकार ने फौरन एक अरब डॉलर का कर्ज दिया ताकि इमरान सरकार सऊदी अरब की किश्त चुका सके।

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पिछले दिनों माना था कि कश्मीर मुद्दे पर मुस्लिम देश और संगठन पाकिस्तान का साथ नहीं देते। (फाइल)

Will support Beijing's response to US sanctioning China's officials: Hong Kong August 07, 2020 at 09:00PM