Monday, August 24, 2020

जायर बोल्सोनारो ने कहा- डरपोक जर्नलिस्ट्स को कोरोना हुआ तो बचने की उम्मीद कम, ये एथलीट नहीं हैं जो इससे उबर पाएं August 24, 2020 at 08:32PM

ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो ने सोमवार को एक कार्यक्रम में कोरोना को हराने की अपनी कहानी साझा की। हालांकि, इस दौरान उन्होंने एक विवादास्पद बयान दे दिया। उन्होंने पत्रकारों को डरपोक बताया और कहा- इन्हें कोरोना हुआ तो बचने की संभावना कम है।

बोल्सोनारो ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि पहले एथलीट रहने की वजह से मेरा इम्यून सिस्टम मजबूत है और मैं बीमारी को मात दे पाया। इस बात पर प्रेस ने मेरी खिल्ली उड़ाई। अगर इन डरपोक जर्नलिस्ट्स में से किसी को कोरोना महामारी हुई तो इनके जिंदा बचने की संभावना कम है। ये लोग एथलीट नहीं जो इस संक्रमण से उबर पाएं।’’

उन्होंने सामने बैठे जर्नलिस्ट्स से कहा, ‘‘आप लोग अपनी कलम का इस्तेमाल सिर्फ दूसरों का बुरा करने के लिए करते हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमण होने पर आप लोगों का जिंदा बचना थोड़ा कम मुमकिन होगा।’’

बोल्सोनारो ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन लेने की सलाह दी

बोल्सोनारो ने एक बार फिर से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन लेने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली इस दवा को लेने के कारण वे जल्द स्वस्थ हुए। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद डॉक्टर्स को भी मरीजों को यही दवा देने की सलाह दी। हालांकि, देश में बढ़ते संक्रमण के मामले और हर दिन होने वाली करीब 1000 लोगों की मौत पर कुछ भी नहीं बोला। ब्राजील में फिलहाल संक्रमितों का आंकड़ा 35 लाख से ज्यादा हो गया है।

एक दिन पहले जर्नलिस्ट को मुक्का मारने की धमकी दी थी

बोल्सोनारो रविवार को अपनी पत्नी के भष्ट्राचार से जुड़े सवाल पर भड़क गए थे। एक अखबार के न्यूज रिपोर्टर ने जब उनसे उनकी पत्नी मिशेल बोल्सोनारो के भ्रष्टाचार में शामिल होने के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं तुम्‍हारा मुंह मुक्कों से तोड़ना चाहता हूं।’’ इसके बाद वहां मौजूदा मीडियाकर्मियों ने विरोध करना शुरू कर दिया। हालांकि, बोल्सोनारो प्रदर्शन कर रहे पत्रकारों को नजरअंदाज कर वहां से निकल गए। उन्होंने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

ब्राजील से जुड़ी ये खबरें भी आप पढ़ सकते हैं...

1. पत्नी पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर भड़के जायर बोल्सोनारो, जर्नलिस्ट से कहा- मुक्कों से मुंह तोड़ दूंगा

2 . संक्रमण से हुई मौतों पर ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो बोले- सॉरी, कुछ लोग मरेंगे; यही जीवन है

3. ब्राजील के ट्रम्प कहे जाते हैं बोल्सोनारो, 1999 में कहा था- देश के हालात तभी बदलेंगे, जब गृहयुद्ध में 30 हजार लोग मर जाएं



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
ब्रजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो ने सोमवार को एक कार्यक्रम में खुद के कोरोना संक्रमण से उबरने की कहानी साझा की।

जायर बोल्सोनारो ने कहा- डरपोक जर्नलिस्ट्स को कोरोना संक्रमण हुआ तो जिंदा बचने की संभावना कम, ये एथलीट नहीं जो इससे उबर पाएं August 24, 2020 at 08:24PM

ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो ने सोमवार को एक कार्यक्रम में कोरोना को हराने की अपनी कहानी साझा की। हालांकि, वे पत्रकारों से नाराज नजर आए। उन्होंने कहा- मुझे लगता है कि पहले एथलीट रहने की वजह से मेरी इम्युन सिस्टम मजबूत है और मैं बीमारी को मात दे पाया। इस बात पर प्रेस ने मेरी खिल्ली उड़ाई। अगर इन डरपोक जर्नलिस्ट्स में से किसी को कोरोना महामारी हुई तो इनके जिंदा बचने की संभावना कम हैं। ये लोग एथलीट नहीं जो इस संक्रमण से उबर पाएं।

उन्होंने सामने बैठे जर्नलिस्ट्स से कहा- आप लोग अपनी कलम का इस्तेमाल सिर्फ दूसरों का बुरा करने के लिए करते हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमण होने पर आप लोगों का जिंदा बचना थोड़ा कम मुमकिन होगा।

बोल्सोनारो ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन लेने की सलाह दी

बोल्सोनारो ने एक बार फिर से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन लेने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली इस दवा को लेने के कारण वे जल्द स्वस्थ हुए। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद डॉक्टर्स को भी मरीजों को यही दवा देने की नसीहत दी। हालांकि देश में बढ़ते संक्रमण के मामले और हर दिन होने वाली करीब 1000 लोगों की मौत पर कुछ भी नहीं बोला। ब्राजील में फिलहाल संक्रमितों का आंकड़ा 35 लाख से ज्यादा हो गया है।

एक दिन पहले जर्नलिस्ट को मुक्का मारने की धमकी दी थी

बोल्सोनारो रविवार को अपनी पत्नी के भष्ट्राचार से जुड़े सवाल पर भड़क गए थे। एक अखबार के न्यूज रिपोर्टर ने जब उनसे उनकी पत्नी मिशेल बोल्सोनारो के भ्रष्टाचार में शामिल होने के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा- मैँ तुम्‍हारा मुंह मुक्कों से तोड़ना चाहता हूं। इसके बाद वहां मौजूदा मीडियाकर्मियों ने विरोध करना शुरू कर दिया। हालांकि, बोल्सोनारो प्रदर्शन कर रहे पत्रकारों को नजरअंदाज कर वहां से निकल गए। उन्होंने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

ब्राजील से जुड़ी आप ये खबरें भी पढ़ सकते हैं...

1. पत्नी पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर भड़के जायर बोल्सोनारो, जर्नलिस्ट से कहा- मुक्कों से मुंह तोड़ दूंगा

2 . संक्रमण से हुई मौतों पर ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो बोले- सॉरी, कुछ लोग मरेंगे; यही जीवन है

3. ब्राजील के ट्रम्प कहे जाते हैं बोल्सोनारो, 1999 में कहा था- देश के हालात तभी बदलेंगे, जब गृहयुद्ध में 30 हजार लोग मर जाएं



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
ब्रजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो ने सोमवार को एक कार्यक्रम में खुद के कोरोना संक्रमण से उबरने की कहानी साझा की।

Seoul schools go back online over virus fears August 24, 2020 at 08:14PM

US health official apologizes for touting false plasma data August 24, 2020 at 06:58PM

डब्ल्यूएचओ ने कहा- प्लाज्मा से कारगर इलाज होने के कम सबूत, अमेरिकी साइंटिस्ट की जल्दबाजी में वैक्सीन को मंजूरी न देने की सलाह; दुनिया में 2.38 करोड़ केस August 24, 2020 at 06:40PM

दुनिया में कोरोनावायरस के अब तक 2 करोड़ 38 लाख 6 हजार 794 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 1 करोड़ 63 लाख 56 हजार 848 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 8 लाख 16 हजार 950 की मौत हो चुकी है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि ब्लड प्लाज्मा से संक्रमितों के सुरक्षित और कारगर इलाज होने के काफी कम सबूत हैं।

डब्ल्यूएचओ की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने सोमवार को ट्रम्प की ओर से अमेरिका में प्लाज्मा की मदद से मरीजों के इलाज को मंजूरी देने पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में प्लाज्मा थैरेपी से इलाज को लेकर बहुत सारे शोध हो रहे हैं। हालांकि, इनमें से कुछ में ही इसके असरकारी होने की बात सामने आई है।

अमेरिकी साइंटिस्ट और व्हाइट हाउस कोरोना टास्क फोर्स के मेम्बर डॉ. एंथनी फॉसी ने जल्दबाजी में कोरोना वैक्सीन को मंजूरी नहीं दी जानी चाहिए। बिना समुचित ट्रायल के किसी वैक्सीन को मंजूरी देने से दूसरे वैक्सीन के लिए दिक्कते बढ़ेंगी। उनके लिए ह्यूमन ट्रायल के लिए लोगों को जुटाना कठिन होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में खुद को फायदा पहुंचाने के लिए किसी वैक्सीन को मंजूरी दे सकते हैं।

इन 10 देशों में कोरोना का असर सबसे ज्यादा

देश

संक्रमित मौतें ठीक हुए
अमेरिका 59,15,630 1,81,114 32,17,981
ब्राजील 36,27,217 1,15,451 27,78,709
भारत 31,64,881 58,546 24,03,101
रूस 9,61,493 16,448 7,73,095
साउथ अफ्रीका 6,11,450 13,159 5,16,494
पेरू 6,00,438 27,813 4,07,301
मैक्सिको 5,63,705 60,800 3,89,124
कोलंबिया 5,51,696 17,612 3,84,171
स्पेन 4,20,809 28,872 उपलब्ध नहीं
चिली 3,99,568 10,916 3,72,464

कोलंबिया: संक्रमितों का आंकड़ा 5.50 लाख के पार
कोलंबिया में 24 घंटे में 10 हजार 549 मामले सामने आए और 296 मौतें हुईं। इसी के साथ देश में संक्रमितों का आंकड़ा 5 लाख 51 हजार 696 हो गया है। अब तक यहां 17 हजार 612 लोगों की जान जा चुकी है। हालांकि इसके बावजूद देश की राजधानी बोगोटा की मेयर क्लाउडिया लोपेज ने सोमवार से लॉकडाउन हटाने का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि सितंबर महीने भर बोगोटा में लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। हालांकि, ज्यादातर दुकानें खोलने की इजाजत दे दी गई है।

कोलंबिया के मेडलिन शहर के अस्पताल में एक मरीज को आईसीयू वार्ड में शिफ्ट करने ले जाते मेडिकल स्टाफ।

मैक्सिको: एक दिन में 3 हजार से ज्यादा मामले
मैक्सिको के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, बीते 24 घंटे में देश में 3541 मामले समने आए हैं और 320 लोगों की जान गई है। देश में संक्रमितों का आंकड़ा 5 लाख 63 हजार 705 हो गया है। अब तक यहां 60 हजार 800 मौतें हुई हैं। सोमवार को मैक्सिको में अमेरिका के राजदूत किस्ट्रोफर लैंड ने देश में रह रहे लोगों को बिना जरूरी काम के अमेरिका-मैक्सिको बॉर्डर पार नहीं करने की अपील की। बढ़ते मामलों को देखते हुए बीते महीने अमेरिका और मैक्सिको के बीच गैर जरूरी सफर करने पर पाबंदी लगाई गई थी।

मैक्सिको की राजधानी मैक्सिको सिटी में एक स्टेचर पर एक ताबूत ले जाते कब्रिस्तान के कर्मचारी।

ब्राजील: देश में अब तक 1.15 लाख से ज्यादा मौतें
ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, बीते 24 घंटे में 17 हजार 78 मामले सामने आए हैं और 565 मौतें हुई हैं। देश में अब संक्रमितों का आंकड़ा 36 लाख 22 हजार 861 हो गया है। अब तक 1 लाख 15 हजार 309 लोगों की जान गई है। इस बीच सोमवार को ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो ने देश के डॉक्टरों के साथ मीटिंग की। इसमें उन्होंने डॉक्टर्स को बीमार लोगों पर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल से जुड़े सबूत दिखाने को कहा। इस दौरान उन्होंने देश में बढ़ते संक्रमण और हर दिन होने वाली करीब 1000 लोगों की मौत पर कुछ भी नहीं बोला।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित एक टेस्टिंग सेंटर पर लोगों की जांच करने में जुटी मेडिकल टीम। देश में संक्रमितों का आंकड़ा 60 लाख के करीब पहुंच गया है।

भारत ने कहा- पाकिस्तान के इस बयान पर हंसी आती है कि हमने उसके खिलाफ भाड़े के आतंकी रखे हैं August 24, 2020 at 06:25PM

पाकिस्तानी मिशन की ओर से यूनाइटेड नेशंस (यूएन) में बोले गए झूठ से भारत ने सोमवार को पर्दा उठाया। यूएन स्थित भारतीय मिशन ने अपने ट्वीट में पाकिस्तान के उस दावे को हास्यास्पद बताया कि जिसमें कहा गया कि भारत ने उसके खिलाफ भाड़े के आतंकी रखे हैं।

भारतीय मिशन ने बयान में कहा, ‘‘हमने पाकिस्तानी मिशन के संयुक्त राष्ट्र में दिए उस बयान को देखा है, जिसमें दावा किया गया है कि ये बातें पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कही थीं। हम यह समझने में नाकाम हैं कि पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि ने अपना बयान कहां दिया, क्योंकि सुरक्षा परिषद सत्र आज गैर-सदस्यों के लिए खुला ही नहीं था।’’ भारतीय मिशन ने आगे कहा कि बयान में पाकिस्तान के पांच बड़े झूठ का खुलासा हुआ।

पहला झूठ
पाकिस्तान ने दावा किया, ‘‘हम दशकों से सीमा पार से फैलाए जा रहे आतंकवाद से पीड़ित है।’’ उसके इस दावे को खारिज करते हुए भारतीय मिशन ने कहा, ‘‘झूठ को सौ बार दोहराने से वह सच नहीं हो जाता। भारत के खिलाफ सीमा पार से आतंकवाद का सबसे बड़ा प्रायोजक अब खुद को भारत की ओर से प्रायोजित आतंकवाद का शिकार बताने का ढोंग कर रहा है।’’

‘‘पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र की ओर से घोषित आतंकियों की सबसे बड़ी पनाहगाह है। इनमें से कई का पाकिस्तान में दबदबा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने 2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में माना था कि उनके देश में 40 से 50 हजार आतंकी मौजूद हैं।’’

दूसरा झूठ
भारत ने कहा, ‘‘दावा है कि पाकिस्तान ने अलकायदा को अपने इलाके से हटा दिया है। शायद, पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि को पता नहीं है कि ओसामा बिन लादेन उनके ही देश में छिपा था और अमेरिकी सेना को वह पाकिस्तान में ही मिला था। क्या उन्होंने यह नहीं सुना है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लादेन को शहीद कहते हैं।’’

तीसरा झूठ
भारतीय मिशन ने कहा कि पाकिस्तान के इस दावे पर हंसी आती है कि हमने उसके खिलाफ भाड़े के आतंकी रखे हैं। बयान में आगे कहा गया, ‘‘यह दावा ऐसा देश कर रहा है, जो सीमा पार आतंकवाद का जाना हुआ प्रायोजक है। जिसने दुनिया को पीड़ित किया है। जिसने अपनी करतूतों से दुनिया को परेशान किया है।’’

चौथा झूठ
भारतीय मिशन ने 1267 प्रतिबंधों की लिस्ट में भारतीयों के शामिल होने के पाकिस्तान के दावे को खारिज किया। भारत ने कहा, ‘‘1267 प्रतिबंधों की सूची सबके सामने है। दुनिया देख सकती है कि इनमें से कोई भी व्यक्ति इसमें नहीं है। 1267 समिति सबूतों के आधार पर काम करती है, न कि ध्यान भटकाने के अटकलबाजी वाले आरोपों पर।’’

पांचवां झूठ

भारतीय मिशन ने कहा, ‘‘पाकिस्तान भारत के अंदरूनी मामलों को लेकर हास्यास्पद बातें करता है। यह ऐसा देश है जिसकी अल्पसंख्यक आबादी 1947 से बहुत कम हो गई है। यह आज लगभग 3% है। पाकिस्तान केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में वहां की जनता के कल्याण के लिए किए जा रहे कामों के बारे में झूठे आरोप लगाता है।’’

पाकिस्तान से संबंधित ये खबरें भी आप पढ़ सकते हैं...

1. पाकिस्तान में 80 साल पुराना हनुमान मंदिर तोड़ा, 20 हिंदुओं के घर भी जमींदोज; लोकल एडमिनिस्ट्रेशन बिल्डर के साथ

2. फ्रांस और थाईलैंड में एजेंडा बढ़ाने के लिए अपराधियों का इस्तेमाल कर रही आईएसआई, इसके लिए एम्बेसी का इस्तेमाल किया



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
भारत ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने 2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में माना था कि उनके देश में 40 से 50 हजार आतंकी मौजूद हैं। -फाइल फोटो

विस्कॉन्सिन में अश्वेत व्यक्ति को बच्चों के सामने पुलिस ने कई गोलियां मारी, घायल व्यक्ति की हालत खतरे से बाहर; दो महीने में यह दूसरी ऐसी घटना August 24, 2020 at 06:22PM

अमेरिका में अश्वेतों के साथ ज्यादती का मामला एक बार फिर सामने आया है। विस्कॉन्सिन शहर के केनेशा इलाके में रविवार को दो पुलिसकर्मियों ने अश्वेत जैकब ब्लेक को उसके बच्चों के सामने पीठ कई गोलियां मार दी। गोलियां लगने के बाद जैकब को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। जैकब के वकील बेन क्रम्प ने इस पूरी घटना का एक वीडियो भी शेयर किया है। इसमें पुलिसकर्मी एक एसयूवी में घुसने की कोशिश करने के बाद जैकब पर गोलियां चलाते नजर आ रहे हैं।

घटना से नाराज लोगों ने केनोशा कोर्टहाउस के सामने प्रदर्शन किया। इसे देखते हुए केनोशा में कर्फ्यू लगा दिया गया है। अमेरिका में बीते 2 महीने में किसी अश्वेत पर पुलिस के गोली चलाने का यह दूसरा मामला है। इससे पहले 12 जून को अटलांटा के जॉर्जिया में गिरफ्तारी के दौरान 27 साल के रेशर्ड ब्रूक्स को अफसर ने गोली मार दी थी।

पुलिस ने मामले की जांच शुरू की
केनोशा पुलिस ने विस्कॉन्सिन क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिविजन को जांच करने के लिए कहा है। जांच केनोश के काउंटी डिप्टी शेरिफ की अगुआई में होगी। इसकी रिपोर्ट डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी मिशेल डी ग्रेवली को सौंपी जाएगी। इसके बाद ग्रेवली ही फैसला लेंगे कि अफसरों पर कौन से आरोप लगाए जाएंगे। अटॉर्नी ग्रेवली ने कहा है कि फलहाल जांच शुरुआती चरण में है। इस बीच ऐसी खबरें आ रही हैं कि गोली चलाने वाले पुलिस अफसर को छुट्‌टी पर भेज दिया गया है।

25 मई को अश्वेत फ्लॉयड की मौत हो गई थी

मिनेपोलिस में 25 मई को जॉर्ज फ्लॉयड (40) को पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया था। एक पुलिस अफसर ने उसे सड़क पर दबोचा और अपने घुटने से उसकी गर्दन को करीब 9 मिनट तक दबाए रखा। थोड़ी देर में उसकी हरकत बंद हो जाती है। उसे अस्पताल में ले जाया जाता है। वहां डॉक्टर कहते हैं कि उसकी मौत हो चुकी है। फ्लॉयड के हाथों में हथकड़ी थी। वह गुहार लगाता रहा, लेकिन पुलिस वाले ने घुटना नहीं हटाया।

फ्लॉयड के समर्थन में दुनियाभर में विरोध

फ्लॉयड की मौत के बाद इस घटना का जोरदार विरोध हुआ। अकेले अमेरिका में ही 140 शहरों में प्रदर्शन हुए। सरकार को 40 शहरों में कर्फ्यू लगाना पड़ा। ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, स्पेन, इटली, ऑस्ट्रेलिया, जापान, डेनमार्क, नीदरलैंड्स, फिनलैंड और दक्षिण अफ्रीका में भी हजारों लोग विरोध जताने सड़कों पर उतरे।

आप ये खबरें भी पढ़ सकते हैं...

1. हैवानियत के 8 मिनट 46 सेकंड : जब अमेरिकी पुलिस ने अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड को तड़पाकर मार डाला

2. पुलिस हिरासत में अश्वेत की मौत पर करीब 20 शहरों में प्रदर्शन; ह्यूस्टन में 200 प्रदर्शनकारी गिरफ्तार, डेट्रॉयट में एक की मौत



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
अश्वेत जैकब ब्लेक के समर्थन में सोमवार की शाम केनोशा के कोर्टहाउस के सामने प्रदर्शन करते लोग। फिलहाल इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

लेबनान में रात को उठकर बैठ जाते हैं लोग, अचानक रोने लगते हैं; मनोचिकित्सक बोले- अभी हम ही सदमे में, मदद कैसे करें August 24, 2020 at 02:42PM

बेरूत की रहने वाली सैंड्रा अबिनाडार जरा सी हलचल होते ही चौंक जाती हैं। एक दिन वह जार खोल रही थीं कि अचानक कोई शोर हुआ, वह डर के मारे जार छोड़कर भाग खड़ी हुईं। 18 साल की सैंड्रा हो या 24 साल की लुर्डेस फाखरी इन दिनों ऐसी ही मानसिक समस्याओं से जूझ रही हैं।

लुर्ड्स तो अचानक रोने लगती हैं। बेरूत में हुए धमाकों को दो हफ्ते बीत चुके हैं, पर लोग उबर नहीं पाए हैं। पर सैंड्रा पेशेवर साइकियाट्रिस्ट की मदद लेने के लिए तैयार नहीं हैं। उनके मुताबिक हम समस्याओं से निबटना सीख चुके हैं। बिना किसी शिकायत के हमें सहना आ गया है।

दरअसल देश के लोग लंबे समय तक गृहयुद्ध और सांप्रदायिक संघर्ष झेल चुके हैं। इसके बाद कोरोना महामारी और फिर धमाकों ने उन्हें तोड़कर रख दिया है। अब डॉक्टर भी मेंटल हेल्थ इमरजेंसी की चेतावनी दे रहे हैं, क्योंकि लोगों में बुरे सपने, अचानक रो देना, चिंता, गुस्सा और थकावट जैसे मानसिक आघात के लक्षण दिखने लगे हैं।

टीवी और सोशल मीडिया पर धमाकों से जुड़ी तस्वीरों से असर पड़ रहा

मनोचिकित्सकों का कहना है कि टीवी और सोशल मीडिया पर धमाकों से जुड़ी तस्वीरों को बार-बार दिखाए जाने का भी बुरा असर दिमाग पर पड़ा है। मेंटल हेल्थ एनजीओ एम्ब्रेस से जुड़े जैद दौ के मुताबिक लोग हताश हो चुके हैं, जैसे ही उन्हें लगता है कि अब कुछ नहीं होगा, तभी कुछ और बुरा घट जाता है।

सायकोलॉजिस्ट वार्डे डाहेर का कहना है कि कभी पेशे से जुड़े लोगों ने किसी मुद्दे पर बात से इनकार नहीं किया, पर इन धमाकों के बाद कहना पड़ा कि अभी तो हम खुद सदमे में हैं, दूसरों की मदद कैसे करें।

मनोचिकित्सक ओला खोदोर कहती हैं कि लोग ऐसी समस्या से रूबरू नहीं हुए हैं, इसलिए वे खुद की और बच्चों की मदद नहीं कर पा रहे हैं। बच्चों को पूरा नहीं, पर सच तो बताना ही होगा ताकि वे भी भावनाएं व्यक्त कर सकें।

बच्चों को समझाने में ज्यादा मुश्किलें पेश आ रही: मनोचिकित्सक

मनोचिकित्सकों का कहना है कि इस घटना के बाद बच्चों को समझाना मुश्किल साबित हो रहा है। माता-पिता बच्चों को बताते हैं कि वह तो बस खेल था। जैसे एक पिता ने बच्चों को धमाके के बारे में बताया कि यह प्रीटेंड बूम गेम था, जिसमें प्लेहाउस में धमाका हुआ और खरगोशों को बचने के लिए भागना पड़ा। उधर, यूनिसेफ के सर्वे के मुताबिक बेरूत के 50% बच्चों में चिंताजनक लक्षण दिखे हैं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
मनोचिकित्सकों का कहना है कि टीवी और सोशल मीडिया पर धमाकों से जुड़ी तस्वीरों को बार-बार दिखाए जाने का भी बुरा असर दिमाग पर पड़ा है।

राष्ट्रपति लुकाशेंको प्रदर्शनकारियों के बीच राइफल लेकर पहुंचे, राजधानी मिंस्क की सड़कों पर दो लाख से ज्यादा लोग सरकार के विरोध में जुटे August 24, 2020 at 05:33AM

बेलारूस के राष्ट्रगान के शुरुआती शब्द हैं, 'हम बेलारूसियन शांति पसंद लोग हैं', ये शब्द अब केवल राष्ट्रगान तक ही सीमित रह गए हैं। हफ्तों से जारी प्रदर्शन के बीच सोमवार को यहां के विवादित राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको खुद राइफल लेकर राजधानी मिंस्क स्थित इंडिपेंडेंस पैलेस पहुंचे।

इस राइफल से वह प्रदर्शनकारियों को साफ संदेश देना चाहते थे कि वह इन प्रदर्शनों की वजह से पीछे नहीं हटने वाले। राजधानी मिंस्क की सड़कों पर इस समय दो लाख से ज्यादा लोग सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।

चुनाव में धांधली के आरोप
रूस की पश्चिमी सीमा से सटे बेलारूस में करीब 15 दिन पहले राष्ट्रपति पद के चुनाव हुए थे। चुनाव परिणामों में 26 साल से लगातार राष्ट्रपति रहे लुकाशेंको की एक बार फिर भारी जीत हुई। उम्मीद थी कि विपक्षी नेता स्वेतलाना तिखानोव्सना उनको कड़ी टक्कर देंगी। हालांकि, उनकी करारी हार हुई।

इसके बाद से ही लोगों ने लुकाशेंको पर चुनाव में धांधली करने के आरोप लगाते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया। यह प्रदर्शन अभी तक जारी है। लुकाशेंको पर ये आरोप पहले भी लगे हैं। उन्हें डिक्टेटर माना जाता है।

बेटा भी हथियार लिए दिखा
सोमवार को प्रदर्शनकारी राजधानी मिंस्क के इंडिपेंडेंस पैलेस के पास जुट रहे थे। तभी लुकाशेंको एक हेलिकॉप्टर से वहां पहुंचे। वह हेलिकॉप्टर से उतरे तो उनके हाथ में क्लाश्निकोव-टाइप की ऑटोमैटिक राइफल थी। हालांकि, यह लोड नहीं थी। उन्होंने वहां पर सुरक्षा कर्मियों से मुलाकात की। वीडियो में लुकाशेंको बुलेटप्रूफ जैकेट पहने दिख रहे हैं। यहां पर राष्ट्रपति का आवास भी है। उन्होंने इस दौरान अधिकारियों के साथ बैठक की। राष्ट्रपति आवास में लुकाशेंकों का बेटा भी बुलेट प्रूफ जैकेट और हथियार के साथ नजर आया।

स्वेतलाना ने देश छोड़ा
33 साल की स्वेतलाना पहले टीचर थीं। उनके पति लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ता हैं। उन्हें लुकाशेंको प्रशासन ने जेल में डाल दिया था। इसके बाद से स्वेतलाना खुद मोर्चा संभाला। हालांकि, चुनाव के बाद उन्होंने देश छोड़ दिया। वह अब लिथुआनिया में हैं। सोमवार को दो और विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार किया गया है।

ये खबर भी पढ़ सकते हैं...

1. बेलारूस में चुनाव के बाद बवाल जारी:तीन दिन में 6 हजार से ज्यादा लोग गिरफ्तार; विपक्षी नेता स्वेतलाना ने बच्चों के लिए खतरा बताकर देश छोड़ा



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
हाथ में राइफल लिए बेलारूस के राष्ट्रपति लुकाशेंको। हाल ही में हुए चुनावों में उन्हें 80.23% वोट मिले हैं। उन पर चुनाव में धांधली करने के आरोप हैं।

चीन ने पाकिस्तान नेवी के लिए एडवांस वॉरशिप लॉन्च किया, कीमत का खुलासा नहीं; 2021 तक ऐसे 3 जहाज और देगा August 23, 2020 at 11:51PM

चीन ने पाकिस्तान के लिए अपना सबसे एडवांस वॉरशिप लॉन्च किया है। इसे चीन की सरकारी कंपनी हुडॉन्ग झोंगुआ शिपयार्ड ने बनाया है। इसका नाम 054ए/पी फ्रिगेट है। इसमें हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें और एडवांस सेंसर लगे हैं।

कीमत का खुलासा नहीं
चीन और पाकिस्तान की ओर से अभी इसकी कीमत का खुलासा नहीं किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसकी कीमत 35 करोड़ डॉलर (करीब 25 अरब भारतीय रुपए) हो सकती है। पाकिस्तान की नेवी ने कहा- इस जहाज के शामिल होने से भविष्य की चुनौतियों का जवाब दिया जा सकेगा।

2021 तक मिल जाएंगे चार जहाज
चीन पाकिस्तान को इसी तरह के तीन और जहाज देगा। सभी जहाज 2021 तक पाकिस्तान को सौंप दिए जाएंगे। चीनी मीडिया के मुताबिक, इससे पाकिस्तान की समुद्री ताकत दोगुनी हो जाएगी। पाकिस्तान के अधिकारियों ने कहा- टाइप-054ए/पी फ्रिगेट वॉरशिप चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नैवी (पीएलएएन) की बैकबोन (रीढ़ की हड्‌डी) माना जाता है।

चीन के कर्ज के जाल में फंस रहा पाकिस्तान
पाकिस्तान लगातार चीन के कर्ज के जाल में फंसता जा रहा है। चीन पाकिस्तान में चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपैक) बना रहा है। इसके तहत पाकिस्तान में सड़कें, बंदरगाह और पॉवर प्लांट बनाए जाने हैं। पिछले छह सालों में चीन ने इसमें 30 अरब डॉलर का इंवेस्ट किया है। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि पाकिस्तान धीरे-धीरे चीन के कर्ज के जाल में फंसता रहा है।

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने पिछले हफ्ते पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से मुलाकात की थी। इस दौरान सीपैक के तहत 6.8 अरब डॉलर के एक रेलवे प्रोग्राम को शुरू करने पर सहमति बनी थी। इसके तहत 1900 किलोमीटर की रेलवे लाइन बनाई जानी है। इस प्रोग्राम को मेन लाइन 1 (एमएल1) नाम दिया गया है।

ये खबरें भी पढ़ सकते हैं...
1. पाक का कबूलनामा:पाकिस्तान ने पहली बार माना- दाऊद इब्राहिम के पास 14 पासपोर्ट और कराची में 3 घर; दुनिया में बदनामी से बचने के लिए 88 आतंकियों पर प्रतिबंध लगाए

2. पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार:जबरन धर्म परिवर्तन कर हिंदू लड़की का निकाह करवाया, परिवार वाले एफआईआर कराने पहुंचे तो पुलिस ने भगा दिया

3. चीन की मनमानी पर मौन हैं ओली:चीन ने 7 सीमावर्ती जिलों में नेपाल की जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा है; धीरे-धीरे देश के भीतर भी पांव पसार रहा



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
चीन के मुताबिक, जो वॉरशिप वो पाकिस्तान को देने जा रहा है, उससे पाकिस्तान नेवी की ताकत काफी बढ़ जाएगी। (प्रतीकात्मक)

फिलीपींस में दो आतंकी हमले, 5 सैनिक और 6 नागरिक मारे गए; हमलावरों में एक महिला शामिल थी August 23, 2020 at 11:40PM

फिलीपींस के जोलो प्रांत में सोमवार दोपहर दो आतंकी हमलों में 11 लोगों के मारे जाने की खबर है। मरने वालों का आंकड़ा बढ़ सकता है क्योंकि 35 से ज्यादा लोग घायल बताए गए हैं। इनमें से कुछ की हालत गंभीर है। मारे गए लोगों में पांच सैनिक और 6 नागरिक हैं। घायलों में सैनिकों की तादाद ज्यादा है।

कैसे हुआ हमला
पुलिस के मुताबिक, घटना जोलो प्रांत के मुस्लिम बहुल इलाके सुलू में हुई। यहां दो सड़कों पर ये हमले हुए। पहले हमले में बाइक पर आईईडी लगाई गई थी। इसके धमाके में पांच सैनिक और पांच नागरिक मारे गए। 15 लोग घायल हुए। इनमें ज्यादातर सैनिक हैं। दूसरी हमला महिला फिदायीन ने करीब 200 मीटर दूरी पर किया। उसने खुद को उड़ा लिया। इसमें एक व्यक्ति की मौत हो और 18 लोग घायल हुए।

सैनिक ही थे निशाने पर
फिलीपींस की कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि हमलावरों के निशाने पर सैनिक ही थे। यहां से कुछ किलोमीटर दूर मिलिट्री बेस है। सैनिकों की गाड़ियां आती-जाती रहती हैं। बाजार में सैनिक खरीदारी करने भी आते हैं। आतंकियों ने इसका ही फायदा उठाया। यहां अबु सयाफ नाम का आतंकी गुट सक्रिय है।

सेना की इंटेलिजेंस यूनिट भी एक्टिव
घटना के जांच के लिए लोकल पुलिस के साथ मिलिट्री इंटेलिजेंस यूनिट को भी लगाया गया है। पूरे इलाके को सील कर दिया गया है। पुलिस ने मौके के कुछ सबूत जुटाए हैं। घटना की जिम्मेदारी अब तक किसी संगठन ने नहीं ली है। लेफ्टिनेंट जनरल रोनाल्डो मेतियो ने कहा- हमें कुछ सुराग हाथ लगे हैं। गुनाहगार चाहे जहां हों, हम जल्द उन्हें खोज निकालेंगे।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
फिलीपींस के जोलो प्रांत के सुलू में सोमवार दोपहर दो आतंकी हमले हुए। इनमें 11 लोगों की मौत हुई। घटना के बाद सेना ने इलाके को अपने कब्जे में ले लिया। पुलिस की जांच में मिलिट्री की इंटेलिजेंस यूनिट भी मदद कर रही है।

Taliban team in Islamabad for talks with Pakistan officials August 23, 2020 at 11:56PM

Bali postpones plan to allow back foreign tourists next month August 23, 2020 at 11:15PM

रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन आज से; डोनाल्ड ट्रम्प की राष्ट्रपति चुनावों के लिए उम्मीदवारी पर औपचारिक घोषणा होगी August 23, 2020 at 10:39PM

डेमोक्रेटिक पार्टी ने अपने नेशनल कन्वेंशन में पिछले हफ्ते जो बिडेन को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया। इसके साथ ही अमेरिका में राष्ट्रपति चुनावों की गहमागहमी तेज हो गई है। सोमवार से रिपब्लिकन पार्टी का नेशनल कन्वेंशन शुरू हो रहा है। चार दिन के नेशनल कन्वेंशन में डोनाल्ड ट्रम्प को राष्ट्रपति पद के लिए पार्टी का अधिकृत उम्मीदवार घोषित किया जाएगा। 10 पॉइंट्स में जानिए क्या है रिपब्लिकन पार्टी का नेशनल कन्वेंशन और इसके बाद किस तरह अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों की गहमागहमी बढ़ जाएगी?

  1. अमेरिका में प्रमुख पार्टियों के नेशनल कन्वेंशन चार साल में एक बार होते हैं। जमीनी स्तर पर प्राइमरी के जरिये पार्टियां अपने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को चुना जाता है। नेशनल कन्वेंशन में डेलिगेट्स प्राइमरी के नतीजों के आधार पर वोटिंग करते हैं और उम्मीदवार चुनते हैं। सोमवार से शुरू हो रहे चार दिवसीय रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन में डोनाल्ड ट्रम्प को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने की औपचारिक घोषणा होगी।
  2. इसके साथ ही राष्ट्रपति चुनावों के लिए अंतिम कैम्पेन को गति मिल जाएगी। कैम्पेन सूत्रों के अनुसार इस कन्वेंशन की थीम "ऑनरिंग द ग्रेट अमेरिकन स्टोरी' रहेगी। हालांकि, किसी ने भी इसकी पुष्टि नहीं की है। ट्रम्प चाहते थे कि फ्लोरिडा में जैक्सनविले से वह उम्मीदवारी स्वीकार करने का भाषण दें। लेकिन वहां कोरोनावायरस संक्रमण फैलने के बाद कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया। अब वे गुरुवार को यानी कन्वेंशन के आखिरी दिन व्हाइट हाउस के दक्षिणी लॉन से अपना भाषण देंगे। चुनावी कैंपेन में सरकारी संपत्ति के इस्तेमाल के निर्णय को लेकर उनकी आलोचना की जा रही है।
  3. रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन के उद्घाटन दिवस पर प्रत्येक राज्य और क्षेत्र के 6-6 प्रतिनिधि भाग लेंगे। कुल मिलाकर ये 336 प्रतिनिधि दूसरे कार्यकाल के लिए ट्रम्प और उपराष्ट्रपति पद के लिए माइक पेंस को नामांकित करेंगे। प्राइमरी के जरिये इन दोनों के नाम पहले ही तय हो चुके हैं। इन चार दिनों में अलग-अलग स्पीकर ट्रम्प के कार्यकाल की उपलब्धियों को गिनाएंगे ही, भावी नीतियां भी सामने रखेंगे।
  4. कोरोना महामारी के बीच इतने लोगों के कार्यक्रम में हिस्सा लेने को लेकर रिपब्लिकन नेशनल कमेटी की चेयरपर्सन रोना मैकडैनियल ने सभी आशंकाओं को खारिज किया। उन्होंने सीबीएस न्यूज को बताया कि हमने शेर्लोट (नॉर्थ केरोलाइना) में आने से पहले हर सदस्य का टेस्ट किया है। हम ऐसी चीजें कर रहे हैं जो लोगों को अपना जीवन जीने की अनुमति देती हैं।
  5. रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन में अमेरिका की फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रम्प मंगलवार रात व्हाइट हाउस के हाल ही में रिनोवेट हुए रोज गार्डन से भाषण देंगी। वहीं, माइक पेंस बुधवार रात को मैरीलैंड के बाल्टीमोर में फोर्ट मैकहेनरी से उप-राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी स्वीकार करने का भाषण देंगे।
  6. रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन के अन्य वक्ताओं में ट्रम्प परिवार के सदस्य, साथ ही सीनेट के मेजॉरिटी लीडर मिच मैककोनेल, संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत निक्की हेली और न्यूयॉर्क सिटी के पूर्व मेयर और ट्रम्प के सलाहकार रुडूल गियुलियानी भी शामिल हैं। विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ येरुशेलम में किसी अघोषित स्थान से कन्वेंशन को संबोधित करेंगे।
  7. रिपब्लिकन पार्टी के एकमात्र जीवित पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश इस साल के सम्मेलन में नहीं बोलेंगे। बुश 2016 के सम्मेलन में भी शामिल नहीं हुए थे और कई मुद्दों पर उन्होंने ट्रम्प प्रशासन की आलोचना भी की थी। जॉर्ज डब्ल्यू बुश 2001 से 2009 तक राष्ट्रपति रहे थे।
  8. रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन देशभर में 7500 से अधिक आयोजनों की योजना बना रहा है। इसका इस्तेमाल पार्टी के कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने में किया जाएगा। पार्टी को उम्मीद है कि उसके दो हजार कर्मचारी और 19 लाख कार्यकर्ता कोरोना वायरस के दौरान लोकप्रियता में आई गिरावट को ठीक करने में ट्रम्प को मदद करेंगे।
  9. पिछले कुछ वर्षों में रिपब्लिकन पार्टी ने कन्वेंशन का इस्तेमाल पार्टी के प्लेटफार्म को अपडेट करने और नियमों को नया रूप देने के लिए किया है। इस साल पार्टी 2016 के प्लेटफार्म को अपडेट नहीं करने वाली। इसे 2024 तक जस का तस रखा जाएगा। कन्वेंशन के बाद तीन नवंबर को होने वाले चुनावों के लिए बिडेन और ट्रम्प के बीच पहली डिबेट 29 सितंबर को होगी। इसके बाद दो डिबेट अक्टूबर में होंगी। फिलहाल इनकी तारीखें तय नहीं हैं।
    2016 के कन्वेंशन में डोनाल्ड ट्रम्प और पेंस ने अपनी उम्मीदवारी घोषित होने के बाद पूरे परिवार के साथ मंच पर आकर आभार जताया था।
  10. रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन का इतिहास 154 साल पुराना है। 1856 में पहली बार कन्वेंशन हुआ था, जिसमें जॉन फ्रेमोंट को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया गया था। तब से इसका आयोजन होता आया है। इसके जरिये राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की औपचारिक घोषणा के साथ-साथ पार्टी की नीतियों को जनता के सामने प्रस्तुत किया जाता है।

संबंधित खबरें

ट्रम्प की भारतीयों को लुभाने की कोशिश:चुनाव प्रचार के वीडियो में मोदी के साथ नजर आए ट्रम्प, अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम के अपने दौरे की क्लिप का इस्तेमाल किया



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Donald Trump Election Campaign | What Is DNC? All You Need To Know About 2020 Democratic National Convention

जापान के पीएम शिंजो आबे 7 दिन में दूसरी बार अस्पताल पहुंचे; साढ़े सात साल लगातार प्रधानमंत्री रहने का रिकॉर्ड अब उनके ही नाम August 23, 2020 at 09:49PM

जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे सोमवार को सातवें दिन दूसरी बार ​​​​​केयो यूनिवर्सिटी अस्पताल पहुंचे। आबे 17 अगस्त को भी अस्पताल पहुंचे थे। इसके बाद से ही उनकी सेहत को लेकर जापान की मीडिया में कुछ बातें चल रही हैं। कैबिनेट सेक्रेटरी योशिहिडे सुगा ने शिंजो की सेहत को लेकर चल रही चर्चाओं को खारिज कर दिया। सुगा ने कहा- वे रूटीन चेकअप के लिए अस्पताल पहुंचे हैं। मैं उन्हें हर दिन देख रहा हूं, मुझे उनमें कोई बदलाव नजर नहीं आ रहा।

शिंजो ने सोमवार को ही प्रधानमंत्री के तौर पर 7 साल 6 महीने का समय पूरा किया है। आबे 2799 दिनों से इस पद पर बने हुए हैं। इससे पहले यह रिकार्ड उनके चाचा और देश के पूर्व प्रधानमंत्री इसाकु सैतो के नाम था।

आंत से जुड़ी बीमारी से जूझ रहे हैं शिंजो
शिंजो को लंबे समय से आंत से जुड़ी बीमारी अल्सरट्रेटिव कोलाइटिस है। इसमें आंत में नासूर और सूजन जैसी समस्याएं होती हैं। इसी बीमारी की वजह से शिंजो को 2012 में दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद इस्तीफा देना पड़ा था। अब वे नियमित इलाज करके अपनी इस बीमारी को कंट्रोल में रखते हैं। पहले इस बीमारी के लिए सही इलाज मौजूद नहीं था। इस तरह की बीमारी में सही ढंग से खाना न खाने और तनाव लेने से स्थिति बिगड़ने की संभावना बनी रहती है।

देश में घट रही है शिंजो की लोकप्रियता: सर्वे
जापान की क्योडो न्यूज एजेंसी के सर्वे के मुताबिक, देश में शिंजो की लोकप्रियता के पहले के मुकाबले कम हुई है। रविवार को सार्वजनिक हुए इस सर्वे में कहा गया है कि देश में 58.4% लोग कोरोना महामारी से निपटने के सरकार के तरीके से नाखुश हैं। मौजूदा कैबिनेट की अप्रूवल रेटिंग 36% है, जोकि शिंजो के 2012 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से सबसे कम है। हालांकि, देश में महामारी दूसरे देशों की तुलना में काफी हद तक काबू में है। यहां अब तक 62 हजार से ज्यादा संक्रमित मिले हैं और 1200 मौतें हुई हैं, लेकिन लोग सरकार की ओर से दोबारा में इस्तेमाल में लाए जाने वाले मास्क बांटने जैसी योजनाओं के पक्ष में नहीं है।

आप ये खबरें भी पढ़ सकते हैं...

1. जापानी एयरफोर्स की मुश्किल:एयरस्पेस में पिछले 18 महीने में 947 बार दूसरे देशों के लड़ाकू विमान घुसे, इनमें ज्यादातर चीन की सेना के थे

2. जापान में कोरोना:एक्सपर्ट बोले- ये पांच गलतियां नहीं हुईं होती तो देश में कोरोना की दूसरी लहर को आने से रोका जा सकता था​​​​​​​



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे सोमवार को केयो यूनिवर्सिटी अस्पताल जाते हुए। इससे पहले वे 17 अगस्त को भी इसी अस्पताल पहुंचे थे और करीब 7 घंटे तक रूके थे।

सऊदी अरब और यूएई समेत पांच खाड़ी देशों ने इजराइल से फोन हैकिंग सॉफ्टवेयर खरीदा, नेतन्याहू सरकार ने कराई प्राइवेट कंपनी से डील August 23, 2020 at 09:25PM

इजराइल और खाड़ी देशों के रिश्ते बेहतर होते जा रहे हैं। हाल ही में यूएई और इजराइल ने एक शांति समझौता किया था। अब खबर है कि खाड़ी के पांच देशों ने इजराइल की टेक कंपनी एनएसओ से फोन हैकिंग और जासूसी में इस्तेमाल किए जाने वाला सॉफ्टवेयर ‘पेगासुस’ और दूसरे उपकरण खरीदे हैं। यूएई और सऊदी अरब में इनका इस्तेमाल विरोधियों पर नजर रखने के लिए किया जा रहा है।

माना जाता है कि सऊदी अरब किसी दूसरे चैनल के जरिए तीन साल पहले ही यह स्पायवेयर हासिल कर लिए थे। आरोप है कि 2018 में इनका इस्तेमाल सऊदी सरकार के विरोधी पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या में किया गया था।

कैसे हुआ डील का खुलासा
इजराइल और पांच गल्फ कंट्रीज के बीच फोन हैकिंग स्पायवेयर की डील का खुलासा इजराइली अखबार हेराट्ज ने किया। रिपोर्ट के मुताबिक- सऊदी अरब, यूएई, ओमान, बहरीन और कतर ने एनएसओ के यह जासूसी उकरण लाखों डॉलर में खरीदे हैं।

इसमें क्या नया और चौंकाने वाला है?
दो बातें जाननी बहुत जरूरी हैं। पहली- एनएसओ प्राइवेट कंपनी है। आमतौर पर इसके एग्जीक्यूटिव्स ही ट्रेड डील करत हैं। पहली बार ऐसा हुआ, जब इजराइल की नेतन्याहू सरकार ने मामले में दखल दिया। खाड़ी देशों और कंपनी के बीच मध्यस्थ की तरह काम किया। दूसरी- डील का खुलासा किसी भी पक्ष ने नहीं किया। इसका मतलब कुछ छिपाए जाने की कोशिश हो रही थी।

सीक्रेट डील का मकसद क्या?
सऊदी अरब हो या यूएई या फिर बहरीन। यहां सरकार के नाम पर शाही परिवार ही हैं। इनके कई विरोधी होते हैं। लिहाजा, इन पर नजर रखने के लिए ये उपकरण खरीदे गए। कहा जाता है कि एनएसओ के सॉफ्टवेयर फोन हैकिंग में सबसे बेहतरीन हैं। ये कैमरा और ऑडियो कंट्रोल तक कर सकते हैं। कंटेंट तो बड़ी आसानी से चुरा लेते हैं। हालांकि, एनएसओ इन बातों से इनकार करती रही है। कंपनी को किसी भी डील से पहले सरकार की मंजूरी लेनी होती है। ताकि, किसी दुश्मन देश के पास यह तकनीक न पहुंचे।

आगे क्या होगा?
यूएई के बाद सऊदी और दूसरे देश इजराइल के करीब आएंगे। हालांकि, इस तरह की खबरें आती रही हैं कि इजराइल बैक डोर डिप्लोमैसी के तहत कई देशों के संपर्क में है। सऊदी ने भले ही इजराइल-यूएई पीस डील का खुले तौर पर विरोध किया हो, लेकिन वो भी इजराइल के संपर्क में रहता है। इजराइल और अमेरिका मिलकर खाड़ी देशों में अपनी पैठ ज्यादा मजबूत कर सकेंगे। तुर्की और ईरान के साथ पाकिस्तान के लिए भी यह बड़ा झटका होगा।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
इजराइल के तेल अवीव में फोन हैकिंग और जासूसी उपकरण (स्पायवेयर) बनाने वाली कंपनी एनएसओ के बाहर मौजूद महिला। खबर है कि कुछ अरब देशों ने इस कंपनी से लाखों डॉलर की डील के तहत स्पायवेयर खरीदे हैं। (फाइल)

Pompeo arrives in Israel to press Trump's Mideast peace push August 23, 2020 at 07:35PM

US Secretary of State Mike Pompeo arrived in Israel on Monday, kicking off a five-day visit to the Middle East focused on Israel's normalising of ties with the UAE and pushing other Arab states to follow suit.