Saturday, May 2, 2020

3 साल बाद नॉर्थ और साउथ कोरिया बॉर्डर पर फायरिंग; तानाशाह किम के 20 दिन बाद नजर आने के 24 घंटे के अंदर ही गोलीबारी हुई May 02, 2020 at 08:04PM

नॉर्थ और साउथ कोरिया की सीमा पर रविवार सुबह फायरिंग हुई। इससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया। दक्षिण कोरिया की न्यूज एजेंसी योनहेप के मुताबिक, नॉर्थ कोरिया ने गोलीबारी की शुरुआत की। साउथ कोरिया ने भी कुछ जवाबी फायर किए।
तीन साल पहले भी नॉर्थ कोरिया ने इसी तरह गोलीबारी की थी। तब भी दोनों देशों के बीच कई दिनों तक तनाव रहा था।

नुकसान की खबर नहीं
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गोलीबारी में दोनों ही तरफ किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ। नॉर्थ कोरिया ने दक्षिण कोरिया के चियोरवॉन शहर को निशाना बनाने की कोशिश की। यह शहर सीमा से काफी नजदीक है। इसके चंद मिनट बाद ही दक्षिण कोरिया ने जवाबी कार्रवाई की।

दोनों देशों के बीच बातचीत
घटना के बाद साउथ कोरिया के ज्वॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने बयान जारी किया। कहा, “हम इंटर कोरियन कम्यनिकेशन के जरिए बातचीत कर रहे हैं। इससे तनाव कम करने में मदद मिलेगी। हमारी सेना किसी भी हमले का जवाब देने के लिए तैयार है।”

किम कनेक्शन
नॉर्थ कोरिया का तानाशाह किम जोंग उन करीब 20 दिन गायब रहा। शुक्रवार को उसको देखे जाने की खबर आई। इसके करीब एक दिन बाद ही यह दोनों देशों के बीच फायरिंग हुई। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने किम के सामने आने पर खुशी जाहिर की। दरअसल, इसके पहले कयास लगाए जा रहे थे कि तानाशाह गंभीर रूप से बीमार है। कुछ रिपोर्ट्स में तो उसकी मौत की खबर भी दी गई थी।

असैन्य क्षेत्र
नॉर्थ और साउथ कोरिया की 115 किलोमीटर लंबी सीमा पर 1953 में एक असैन्य क्षेत्र बनाया गया। यहां एक कॉरिडोर है। तनाव के हालात में दोनों देशों के आर्मी अफसर यहां बातचीत करते हैं। 2017 में नॉर्थ कोरिया के एक सैनिक ने जीप से कूदकर साउथ कोरियाई सीमा में जाने की कोशिश की थी। भागने के दौरान साथियों ने इस सैनिक पर गोलियां चलाईं। बाद में दक्षिण कोरियाई सैनिकों ने उसे बचाया। अस्पताल में भर्ती कराया। वो स्वस्थ है और अब भी दक्षिण कोरिया में ही है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
तस्वीर 23 अप्रैल की है। नॉर्थ कोरिया से लगने वाली सीमा पर गन्गहवा क्षेत्र के नजदीक गश्त करते दक्षिण कोरियाई सैनिक। रविवार को दोनों देशों की बीच फायरिंग हुई।

China reports 14 new coronavirus cases, toll reaches 82,877 May 02, 2020 at 08:10PM

China has reported 14 new COVID-19 cases, including 12 asymptomatic ones, taking the number infections in the country to 82,877 while over 4,630 people have succumbed to the deadly virus, health officials said on Sunday.

North and South Korea exchange gunfire at border: Seoul May 02, 2020 at 06:15PM

The rare exchange of gunfire comes following the reappearance a day earlier of North Korean leader Kim Jong Un after a near three-week absence from the public eye that triggered intense speculation about his health.

पीएम जॉनसन और उनकी मंगेतर कैरी ने बेटे का नाम जान बचाने वाले डॉक्टर के नाम पर रखा May 02, 2020 at 05:38PM

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और उनकी मंगेतर कैरी साइमंड्स ने अपने बेटे का नाम विल्फ्रेड लॉरी निकोलस जॉनसन रखा है। इंस्टाग्राम पर इसकी घोषणा करते हुए साइमंड्स ने कहा कि निकोलस उन्होंने उन दो डॉक्टरों के नाम पर रखा है, जिन्होंने पिछले महीने कोरोना से संक्रमित पीएम जॉनसन की जान बचाई थी।

कैरी ने कहा कि पहला नाम विल्फ्रेड जॉनसन के दादा और लॉरी अपने दादा के नाम पर रखा है। विल्फ्रेड का जन्म सुबह 9 बजे हुआ था। उन्होंने एनएचएस के मेडिकल स्टाफ को उनका और उनके बेटे का ध्यान रखने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने लिखा- मैं इससे ज्यादा खुश नहीं हो सकती थी। मेरा दिल भर गया है।

जॉनसन 3 दिन तक आईसीयू में रहे

जॉनसन को पांच अप्रैल को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वे करीब एक हफ्ते तक अस्पताल में थे। तीन दिन तक वे आईसीयू में भी रहे। रविवार को उन्होंने सन अखबार को दिए इंटरव्यू में बताया कि अस्पताल में उन्हें जिंदा रखने के लिए डॉक्टर्स ने कई लीटर ऑक्सीजन दिया था। वे वहां यहीं सोचते रहते थे कि कब इन सबसे बाहर निकलेंगे।

डॉक्टरों ने मेरा बहुत खयाल रखा: जॉनसन

जॉनसन ने कहा किउन्हें विश्वास नहीं हो रहा था कि कुछ ही दिनों में उनकी हालत इतनी खराब हो गई। डॉक्टरों ने उनका बहुत खयाल रखा। वे इससे इनकार नहीं करेंगे कि वह बेहद मुश्किल समय था। जब उन्हें आईसीयू में ले जाया गया, उस समय उनकी नाजुक स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने इसकी भी तैयारी कर ली थी कि हालात और खराब होते हैं तो क्या करना है।

दोनोंपहले कपल जो बिना शादी केपीएम आवास में रहते हैं

जॉनसन अपनी तत्कालीन पत्नी मरीना व्हीलर से अलग होने के कुछ महीने बाद 2019 की शुरुआत में उनका और साइमंड्स का संबंध चर्चा में आया था। जॉनसन के प्रधानमंत्री बनने के बाद कैरी साइमंड्स डाउनिंग स्ट्रीट पीएम आवास उनके साथ रहने आ गई थीं। वे पहले ऐसे कपल हैं जो बिना शादी के पीएम आवास में रहते हैं।

डेविड कैमरून और टोनी ब्लेयर भी प्रधानमंत्री रहते हुए पिता बने हैं
जॉनसन से पहले डेविड कैमरून की पत्नी समांथा ने 2010 में बेटी फ्लोरेंस को जन्म दिया था। उस समय कैमरून प्रधानमंत्री थे। इससे पहले साल 2000 में टोनी ब्लेयर के पीएम कार्यकाल के दौरान ही उनकी पत्नी चेरी ब्लेयर ने अपने चौथे बच्चे लियो को जन्म दिया था।

जॉनसन चार बच्चों के पिता हैं
जॉनसन पहले से ही चार बच्चों के पिता है। उनके नाम लारा लैटिस (26), मिलो आर्थर (24), कैसिया पीचेस (22) और थियोडोर अपोलो (20) हैं। शादी के 25 साल बाद बोरिस ने अपनी पत्नी बैरिस्टर मैरिना व्हीलर से फरवरी में तलाक ले लिया था। इसके अलावा भी जॉनसन की एक और संतान है। बताया जाता है कि बोरिस जब लंदन के मेयर थे तब उनकी एक गर्लफ्रेंड ने एक बच्चे को जन्म दिया था। हालांकि, जॉनसन ने बार-बार सार्वजनिक रूप से यह बताने से इनकार कर दिया कि उनके कितने बच्चे हैं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
पीएम जॉनसन और कैरी साइमंड्स ने अपने बेटे का नाम विल्फ्रेड लॉरी निकोलस जॉनसन रखा है।

China has just 2 new cases May 02, 2020 at 05:10PM

Chinese health authorities say two new coronavirus cases were confirmed on Saturday, continuing a downward trend since the government took steps to cut the number of people arriving from overseas. Also, China reported no new deaths on Saturday and has recorded just one in the past two weeks.

अब तक 2.44 लाख मौतें: अमेरिका में 67 हजार से ज्यादा जान गई, टेक्सास ने करीब 3 करोड़ लोगों से स्टे-ऐट-होम ऑर्डर हटाया May 02, 2020 at 03:12PM

दुनिया में कोरोना से 34 लाख 79 हजार 521 लोग संक्रमित हैं। दो लाख 44 हजार 581 जान जा चुकी है, जबकि 11 लाख 8 हजार 23 ठीक हो चुके हैं। अमेरिका में 24 घंटे में करीब 1638 लोगों की जान गई है। देश में अब तक 67 हजार से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। वहीं, टेक्सास में राज्य के 2 लाख 90 हजार लोगों से स्टे-ऐट-होम ऑर्डर हटा लिया गया है।

अमेरिका: 11 लाख से ज्यादा संक्रमित
अमेरिका में एक दिन में 28 हजार से ज्यादा नए केस सामने आए। इसके साथ ही यहां संक्रमितों की संख्या 11 लाख 59 हजार 430 हो गई है। देश के अलबामा और आइडाहो समेत कई राज्यों ने प्रतिबंधों में ढील देने शुरू कर दिए हैं।

  • न्यूयॉर्क के गवर्नर एंड्रयू क्यूमो ने कहा कि राज्य में एक दिन में 299 लोगों की मौत हुई है। यह आंकड़ा पिछले दिन से 10 कम है। इनमें 276 की हॉस्पिटल में, जबकि 10 की नर्सिंग होम में जान गई है।
  • क्यूमो ने कहा कि राज्य ने अब तक 15,000 से ज्यादा एंटीबॉडी टेस्ट हो चुका है। देश में सबसे ज्यादा सैम्पल यहां मिले हैं। न्यूयॉर्क में जितने टेस्ट हुए उनमें 12.3% एंटीबॉडी के लिए पॉजिटिव थे।
  • न्यूयॉर्क में अब तक तीन लाख 19 हजार 213 लोग संक्रमित हैं, जबकि 24 हजर 368 की जान जा चुकी है। यहां न्यूयॉर्क सिटी में सबसे ज्यादा 18 हजार 126 लोगों की मौत हुई है, जबकि यहां एक लाख 77 हजार संक्रमित हैं।
कैलफोर्निया की राजधानीसैक्रामेंटो में राज्य को खोले जाने को लेकर प्रदर्शन करते लोग। यहां 53 हजार से ज्यादा संक्रममित हैं।

ब्रिटिश पीएम ने बेटे का नाम जान बचाने वाले डॉक्टर के नाम पर रखा

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिश जॉनसन औऱ उनकी मंगेतर कैरी साइमंड्स ने अपने बेटे का नाम उन दो डॉक्टरों के नाम पर रखा है, जिन्होंने पिछले महीने उनका इलाज किया था। जॉनसन कोरोना संक्रमित होने के बाद लंदन के सेंट थॉमस अस्पताल में भर्ती थे। उन्होंने अपने बेटे का नाम विल्फ्रेंड लॉरी निकोलस रखा है। बेटे का पहला नाम पीएम के दादा, बीच का पहला नाम कैरी के दादा पर रखा गया है। वहीं, बेटे के बीच का दूसरा नाम निकोलस, डॉ. निक प्राइस और डॉ. निक हार्ट के नाम पर रखा है।

कैरी साइमंड्स ने बेटे के जन्म के बाद इंस्टाग्राम पर एनएचएस स्टाफ को धन्यवाद दिया।

इटली: 474 नई मौतें
इटली में शनिवार को 474 लोगों की मौत हो गई। यहां मरने वालों का आंकड़ा 28 हजार 710 हो गया है। इटली के नागरिक सुरक्षा विभाग के मुताबिक, देश में 79 हजार 914 मरीज ठीक हो चुके हैं। यहां संक्रमण के दो लाख से ज्यादा मामले हो चुके हैं।

स्पेन: मास्क पहनना जरूरी
स्पेन में सोमवार से पब्लिक ट्रांसपोर्ट में मास्क लगाना जरूरी हो गया है। पीएम पेड्रो सांचेज ने कहा कि सरकार 60 लाख मास्क ट्रांसपोर्ट लोकेशन पर और 70 लाख स्थानीय अधिकारियों को बांटेगी। यहां लॉकडाउन में ढील दी जाएगी। यहां पिछले हफ्ते 14 साल के बच्चों को भी ढील दी गई थी। यहां अब तक 25 हजार लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि दो लाख 24 हजार से ज्यादा संक्रमित हैं।

फ्रांस: आपातकाल दो महीने बढ़ सकता है
फ्रांस सरकार ने साफ कर दिया है कि वो महामारी से निपटने के लिए आपातकाल दो महीने बढ़ाने जा रहा है। कैबिनेट का प्रस्ताव मंगलवार को संसद के सामने पेश किया जाएगा। यहां अब तक 24 हजार 760 की जान जा चुकी है, जबकि एक लाख 68 हजार संक्रमित हैं।

तुर्की: संक्रमितों की संख्या 1.24 लाख
तुर्की में एक दिन में 1983 नए मामले दर्ज किए गए। इसके साथ ही यहां संक्रमण के माामले एक लाख 24 हजार 375 हो गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री फहरेट्टिन कोजा ने शनिवार को बताया कि अब तक ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 58हजार 259 हो गई है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
कैलिफोर्निया से स्टे-ऐट-होम ऑर्डर हटाने की मांग को लेकर हटिंगट्टन बीच पर प्रदर्शन करते लोग। इस दौरान शनिवार को 30 लोग गिरफ्तार किए गए।

अमेरिका में जांच किट का संकट: ट्रम्प ने राज्यों की मुश्किल और बढ़ाई, टेस्टिंग और जरूरी सामान जुटाने की जिम्मेदारी गवर्नरों पर डाली May 02, 2020 at 02:27PM

(मोली बॉल)कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका में राज्यों के गवर्नर अब भी टेस्ट किट और उपकरणों की कमी से जूझ रहे हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने टेस्टिंग और जरूरी उपकरणों के इंतजाम की जिम्मेदारी राज्यों पर डाल दी है। वैसे, केंद्र सरकार ने राज्यों को कुछ साज-सामान की सप्लाई की है। लेकिन, अधिकतर राज्य अपने स्तर पर इंतजाम करते हैं। वे विदेशों से स्वयं सामान मंगवा रहे हैं।संकट गहराने के बावजूद राष्ट्रपति के रुख ने कठिन स्थितियां पैदा की हैं। गवर्नरों को अब अपने राज्यों में लॉकडाउन खोलने से जुड़ा सबसे मुश्किल फैसला करना है।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प चाहते हैं कि तीन चरणों में कारोबार शुरू किया जाए। जनजीवन सामान्य बनाने की शुरुआत हो। कई राज्यों में प्रतिबंध हटाने के पक्ष में पिछले कुछ दिनों से प्रदर्शन हो रहे हैं। गवर्नरों के सामने सवाल है कि जनता के स्वास्थ्य और आर्थिक गतिविधियों के बीच संतुलन कैसे बनाया जाए?

ट्रम्प के रूख को देखते हुए गवर्नरों ने एक-दूसरे से संपर्क बढ़ाया
मैरीलैंड के गर्वनर लैरी होगन ने एक पहल की है। इसके तहत ट्रम्प के रूख को देखते हुए गवर्नरों ने एक-दूसरे से संपर्क बढ़ाया है। दरअसल, होगननेशनल गवर्नर्स एसोसिएशन (एनजीए) के चेयरमैन हैं। होगन ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी के हैं। वे ट्रम्प का खुलकर विरोध करते हैं। होगन ने टाइम को बताया कि वे पिछले 24 घंटों में न्यूयॉर्क के गर्वनर एंड्रयू कुओमो, इलिनॉय के गवर्नर जे बी प्रिट्जकर और एरिजोना के गर्वनर डग ड्यूसी से संपर्क कर चुके हैं। वर्तमान संकट में गवर्नरों की भूमिका अधिक महत्वपूर्ण हो गई है, क्योंकि ट्रम्प राष्ट्रीय स्तर पर तालमेल बनाने की बजाय हमेशा अपने कामकाज को सही बताते हैं। दूसरों को दोषी ठहराते हैं।

विशेषज्ञों ने वायरस के गंभीर नतीजों की चेतावनी दी थी

होगन ने जुलाई में एनजीए चेयरमैन का पद संभाला था। फरवरी की शुरुआत में जब वाशिंगटन में गर्वनरों का छमाही सम्मेलन हुआ, तब भी ट्रम्प कोरोना वायरस को हल्के तौर पर ले रहे थे। वे कहते थे, यह स्वयं चला जाएगा। होगन ने गवर्नरों को वायरस के संबंध में जानकारी देने के लिए विशेषज्ञों की बैठक बुलाई थी। उनमें राष्ट्रीय एलर्जी संक्रामक बीमारी संस्थान के डायरेक्टर डॉ. एंथोनी फॉसी और बीमारी नियंत्रण, रोकथाम सेंटर के प्रमुख डॉ. रॉबर्ट रेडफील्ड भी शामिल थे। उस समय विशेषज्ञों ने वायरस के गंभीर नतीजों की चेतावनी दी थी।

होगन ने अपने राज्य में सबसे पहले इमरजेंसी घोषित की
होगन अपने राज्य में सबसे पहले इमरजेंसी घोषित करने वाले गवर्नरों में एक हैं। उन्होंने सबसे पहले स्कूल बंद करने के आदेश दिए थे। केंद्र सरकार से टेस्ट किट का इंतजाम ना होने पर होगन ने दक्षिण कोरिया की कंपनी से सीधे पांच लाख जांच किट मंगवाए थे। होगन की पत्नी दक्षिण कोरियाई हैं। इससे ट्रम्प गुस्सा हो गए थे। होगन हर दिन गवर्नरों से टेलीकांफ्रेंसिंग के माध्यम से बात करते हैं। महामारी फैलने के बाद 44 गवर्नर उनसे चर्चा कर चुके हैं।

कई गवर्नर बोले: ट्रम्प की रुचि मदद में नहीं बल्कि उन्हें दोषी ठहराने में ज्यादा
राष्ट्रपति ने 29 मार्च को एबॉट लैबोरेटरी के रेपिड टेस्टिंग डिवाइस की प्रशंसा की थी। उससे पांच मिनट में जांच का नतीजा आने का दावा किया था। लेकिन, असलियत कुछ अलग है। कई राज्यों के गवर्नरों को इनसे शिकायत है। एक गवर्नर का कहना है कि उन्हें नहीं मालूम कि वाशिंगटन में किससे टेस्ट के लिए संपर्क किया जाए। कुछ गवर्नरों का कहना है कि ट्रम्प प्रशासन की दिलचस्पी उनकी मदद में नहीं बल्कि राज्यों को दोषी ठहराने में अधिक है।


(टाइम और टाइम लोगो रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क हैं। इनका इस्तेमालअनुबंध के तहत किया गया है)



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
अमेरिका में कोरोना संकट गहराने के बावजूद राष्ट्रपति ट्रम्प के रुख ने कठिन स्थितियां पैदा की हैं। गवर्नरों को अब अपने राज्यों में लॉकडाउन खोलने से जुड़ा सबसे मुश्किल फैसला करना है।

अमेरिका में लोग हेल्थ स्टाफ को मुफ्त इस्तेमाल के लिए दे रहे 50 लाख से एक करोड़ रु. तक की लग्जरी वैन May 02, 2020 at 02:27PM

अमेरिका में कोरोनावायरस के 11 लाख से ज्यादा मामले और 65 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। इनमें डॉक्टरों से लेकर स्वास्थ्यकर्मी भी हैं। ऐसे में लोग कोरोना वॉरियर्स की हरसंभव मदद कर रहे हैं। ऐसा ही कैलिफोर्निया और मिशिगन के लोग भी कर रहे हैं। ये डॉक्टर, नर्स और मेडिकल स्टाफ अपनी लग्जरी आरवी यानी रिक्रिएशन वैन मुफ्त में इस्तेमाल के लिए दे रहे हैं, ताकि उन्हें घर जैसी सुविधाएं और आराम मिले और उनके परिवार को संक्रमण से बचाया जा सके।

इस मुहिम में 15 हजार से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैं और अब तक 2,500 से ज्यादा डॉक्टर, नर्सों और हेल्थ स्टाफ को ये वैन दी जा चुकी हैं। इनमें से एक मिशिगन की नर्स पेटीज कात्जे हैं। ‌वे ब्रॉनसन हॉस्पिटल के आईसीयू में काम करती हैं। इन दिनों वे करेन और स्टीव लैंबर्ट की दी गई आरवी का इस्तेमाल कर रही हैं। वे करीब 200 किमी दूर से पेटीज के लिए वैन लेकर आए हैं।

तय किया कि इसे कोरोना फाइटर्स के लिए देंगे: स्टीव

स्टीव बताते हैं,‘हमने महसूस किया कि यह एक बहुत बड़ा संसाधन है, जिसका इस्तेमाल नहीं हो रहा है। इसलिए तय किया कि इसे कोरोना फाइटर्स के लिए देंगे। जब हमें पता चला कि केटीज को इसकी जरूरत है, तो हम वैन लेकर पहुंच गए।’

पेटीज ने कहा- मेरे कंधों से बोझ उतार दिया

पेटीज कहती हैं- ‘इन्होंने मेरे कंधों से बहुत बड़ा बोझ उतार दिया है। मुझे 5 और 6 साल के बच्चों और मां की चिंता होती थी। किडनी ट्रांसप्लांट होने से मां को कोरोना का गंभीर खतरा हो सकता है। अब घर के पास ही हैं, तो दूर से ही सही, एक-दूसरे को देख तो लेते हैं।’ पेटीज को वैन देने के बाद स्टीव ने उनके साथ सेल्फी भी ली। स्टीव अपने एक दोस्त को किडनी भी दे चुके हैं।

इन वाहनों में किचन, फ्रिज, टॉयलेट, टीवी, बेडरूम, सोफा भी

करीब 50 लाख से एक करोड़ रुपए कीमत वाले इन वाहनों में किचन, फ्रिज, टॉयलेट, टीवी, बेडरूम, सोफा जैसी सुविधाएं भी हैं। इनकी छत उठाकर ऊंची भी की जा सकती है। इन्हें मोटरहोम, कैम्पर या कारवां भी कहा जाता है। अमेरिका में औसतन 46 साल की उम्र वाले हर व्यक्ति के पास ऐसी वैन है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
अमेरिका में औसतन 46 साल की उम्र वाले हर व्यक्ति के पास ऐसी वैन है। कोरोना संकट के दौर में लोग स्वास्थ्यकर्मियों की मदद के लिए आगे आए।

अमेरिका में कोरोना संकट के दौरान पेट्स की मांग 90 फीसदी बढ़ी, अकेलापन दूर करने के लिए लोग जानवरों को गोद ले रहे May 02, 2020 at 02:23PM

(महिता गजानन)कोरोना महामारी ने मानव जीवन के कई पहलुओं को प्रभावित किया है। अमेरिका में लोग अकेलापन दूर करने के लिए अपने घरों में जानवरों का स्वागत कर रहे हैं। जिन लोगों ने पहले कभी कोई पशु नहीं पाला था, वे अब उनमें दिलचस्पी दिखा रहे हैं। ह्यूमेन सोसायटी अमेरिका के सीईओ किटी ब्लॉक ने बताया कि देशभर में पेट्स पालने के आग्रह 90% बढ़े हैं। वे कहते हैं, ‘लोग घर पर अधिक समय बिताते हैं। वहां से काम करते हैं। सामाजिक रूप से अलग-थलग हैं। इसलिए डॉग, बिल्ली, चूहे जैसे जानवर हैमस्टर के साथ रहने से फर्क तो पड़ता है’।

लोग अस्थायी तौर पर जानवर बुला रहे हैं। पिछले साल की तुलना में मार्च, अप्रैल में आश्रय स्थलों से दोगुने कुत्ते और बिल्ली गोद लिए गए हैं। नए पशु प्रेम ने पशु आश्रय और बचाव केंद्रों की सहायता की है। उन्हें महामारी के दौरान दान कम मिलने लगा है। इनके कर्मचारी और स्वयंसेवक भी घरों में बंद हैं। कम जानवर होने के कारण आश्रय स्थलों को दूसरे पशुओं और नए आने वालों पर ध्यान देने का अवसर मिला है।

हमारे पास जितने पेट्स हैं, उससे अधिक मांग आने लगी है- रोबिलोटा

पशु बचाव केंद्र, न्यू ओरलिएंस के वाइस प्रेसीडेंट जिनी बाउमान रोबिलोटा बताते हैं, ‘हमारे पास जितने पेट्स हैं, उससे अधिक मांग आने लगी है। भविष्य के प्रति अनिश्चितता के बावजूद जानवरों के लिए प्रेम से लोगों की जिंदगी बदल जाएगी’। आश्रय स्थल भी सुनिश्चित करते हैं कि इस मौके पर पशु पालने या गोद लेने वाले लोग समझें कि वे लंबे समय के लिए एक नई जिम्मेदारी संभालने जा रहे हैं। उन्होंने बताया,‘ऐसे लोगों को समझाया जाता है कि वे किस तरह की जिम्मेदारी उठाने वाले हैं’। कई उदाहरण हैं जिनमें लोग किसी डॉग या बिल्ली की देखभाल कर राहत का अनुभव करते हैं।

मुझे पहली बार महसूस हुआ कि मैं किसी की मदद कर रही हूं- अदिति

30 साल की अदिति श्रीवास्तव अपने पति को लेकर चिंतित रहती हैं। उनके पति नर्स हैं। वायरस पीड़ित मरीजों की देखभाल करते समय उनके संक्रमित होने का खतरा बना रहता है। मार्च के अंत में दक्षिण केरोलिना के ग्रामीण इलाके में उन्हें एक घायल कुत्ता मिला था। वे उसे घर ले आए। अदिति ने पहले एक घायल पशु को बोझ समझा। लेकिन, जल्द ही उनका हृदय परिवर्तन हो गया। वे बताती हैं, ‘क्वारंटाइन के दौरान मुझे पहली बार महूसस हुआ कि मैं किसी की मदद कर रही हूं’। एकांत में अलग रहने वाले लोगों को किसी जानवर का साथ राहत देता है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
अमेरिका में नए पशु प्रेम ने पशु आश्रय और बचाव केंद्रों की सहायता की है। (प्रतीकात्मक)

लॉकडाउन से दुनियाभर में घरेलू हिंसा 20% बढ़ी, 114 देशों में 4.4 करोड़ महिलाएं पाबंदियों के चलते गर्भनिरोधक उपायों का इस्तेमाल नहीं कर सकी हैं May 02, 2020 at 02:22PM

रिसर्च डेस्क.एक तरफ जहां कोरोनावायरस के चलते दुनिया की बड़ी आबादी घरों में कैद है। वहीं, दूसरी ओर लॉकडाउन के चलते परिवारों में कलह बढ़ गई है। यूएन पॉपुलेशन फंड(यूएनपीएफ) के मुताबिक दुनियाभर में लॉकडाउन की वजह से घरेलू हिंसा में 20% फीसदी का इजाफा हुआ है। अनुमान है कि सिर्फ पाबंदियों के चलते इस साल दुनियाभर में घरेलू हिंसा के 1.5 करोड़ मामले आ सकते हैं। इन नए आंकड़ों ने अगले दशक में महिलाओं की बेहतर जिंदगी की उम्मीदों भरी तस्वीर काे धुंधला कर दिया है।

  • 1.3 करोड़ लोगों का बाल विवाह हो सकता है

यूएनपीएएफ के मुताबिक पिछले तीन महीने में दुनियाभर में 4.4 करोड़ महिलाएं पाबंदियों के चलते गर्भ निरोधक उपायों का इस्तेमाल नहीं कर सकी हैं। यह महिलाएं 114 निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रहती हैं। इसके चलते करीब 10 लाख अनचाही प्रेग्नेंसी होंगी। इसके अलावा शोधकर्ताओं का कहना है कि पाबंदियों के चलते अगले 10 साल में 53 लाख लड़कियों की समय से पहले शादी हो सकती है। 1.3 करोड़ लोगों का बाल विवाह हो सकता है। इससे बाल विवाह के खिलाफ चल रहे तमाम कार्यक्रम भी बाधित होंगे।

  • 64 देशों में 5,000 से अधिक क्लीनिक बंद हो गए हैं

इंटरनेशनल प्लान्ड पैरेंटहुड फेडरेशन के मुताबिक कोरोना के चलते 64 देशों में 5,000 से अधिक क्लीनिक बंद हो गए हैं। मैरी स्टॉप्स इंटरनेशल ने अनुमान जताया है कि पाबंदियों के चलते दुनिया में 30 लाख अनचाही प्रेग्नेंसी हो सकती हैं। तकरीबन 27 लाख असुरक्षित गर्भपात हो सकते हैं। 11,000 से ज्यादा गर्भावस्था से संबंधित मौतें हो सकती हैं।


लॉकडाउन बढ़ा तो हर तीन महीने में घरेलू हिंसा के 1.5 करोड़ अतिरिक्त मामले सामने आएंगे

  • यूएनपीएफकी एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर नातालिया कानेम के मुताबिक यह आकलन दुनियाभर से मिले आंकड़ों पर आधरित है। हर देश के प्रशासन ने बताया है कि कोविड-19 और लॉकडाउन के चलते घरेलू हिंसा के मामलों में इजाफा हुआ है।
  • इन आंकड़ों का यूएनपीएफ और उसके पार्टनर एवेनिर हेल्थ, जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी, विक्टोरिया यूनिवर्सिटी ने विश्लेषण किया। इससे निकलकर आया कि पिछले 3 महीने में संयुक्त राष्ट्र संघ के 193 सदस्य देशों में घरेलू हिंसा के मामले पहले से 20% बढ़ गए हैं।
  • शोधकर्ताओं ने अनुमान जताया है कि यदि दुनियाभर में आगे भी लॉकडाउन बढ़ाया जाता है तो हर तीन महीने में घरेलू हिंसा के 1.5 करोड़ अतिरिक्त मामले सामने आ सकते हैं। इससे यूएन के घरेलू हिंसा के रोकथाम कार्यक्रम पर भी असर पड़ना तया है। यूएन ने 2030 तक ऐसे मामलों में दो तिहाई तक कमी लाने का लक्ष्य रखा है।


Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Domestic Violence Lockdown | Coronavirus India Domestic Violence Against Women Stats During Lockdown Latest Updates Vs USA South Africa Malaysia

प्रेस की आजादी के मामले में 180 देशों की सूची में भारत 142वें नंबर पर, चार साल में 9 पायदान खिसका May 02, 2020 at 02:17PM

आज वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे है। हर साल 3 मई को यह दुनियाभर में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद दुनियाभर में प्रेस की स्वतंत्रता और पत्रकारों की सुरक्षा तय कराना है। प्रेस स्वतंत्रता के मामले में भारत का स्थान बहुत नीचे है। वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में 180 देशों की सूची में भारत 142वें नंबर पर आता है। पिछले चार सालों से भारत का स्थान लगातार गिर रहा है।
इस मामले में भारत अपने पड़ोसी देश नेपाल (112), भूटान(67), श्री लंका (127) और म्यांमार (139) से पीछे है। हालांकि, पाकिस्तान (145), बांग्लादेश (151) और चीन (177) में भारत से भी खराब स्थिति है। भारत का स्थान पिछले चार सालों से नीचे खिसक रहा है। 2016 में भारत का स्थान 133 था जो 2017 में तीन अंक खिसककर 136, 2018 में 138, 2019 में 140 और 2020 में 142 हो गया। भारत का स्थान पिछले तीन सालों से लगातार दो-दो अंक लुढ़क रहा है।

भारत में पांच साल में पत्रकारों पर हुए 198 हमले
एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2014 से 2019 तक पत्रकारों पर 198 हमले हुए हैं। इसमें 36 हमले साल 2019 में हुए। 40 हमलों में पत्रकार की हत्या कर दी गई, जिसमें 21 हत्याएं सीधे तौर पर खबर छापने से नाराज होने पर की गईं। कुल हमलों के तिहाई मामलों में एफआईआर तक दर्ज नहीं हुई है।

वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे मनाने का मकसद
दुनियाभर के कई देशों में पत्रकारों और प्रेस पर अत्याचार होता है। मीडिया संगठनों को सरकारें परेशान करती हैं। उन पर जुर्माना लगाया जाता है, छापा डाल जाता है। साथ ही विज्ञापन बंद कर आर्थिक रूप से नुकसान भी पहुंचाया जाता है। पत्रकारों पर हमले होते हैं। इसके चलते यूनेस्को ने 1993 से वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे मनाने की शुरुआत की थी। इस मौके पर नागरिकों और सरकारों को जिम्मेदार बनाने के लिए प्रेरित किया जाता है। यूनेस्को हर साल इसकी थीम और मेजबान देश तय करता है। इस साल की थीम ‘सेफ्टी ऑफ जर्नलिस्ट-प्रेस फ्रीडम एंड मीडिया कैप्चर’रखी गई और मेजबानी नीदरलैंड को मिली है।

इसलिए तीन मई को मनाया जाता है वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे
अफ्रीका में पत्रकारों ने 1991 में प्रेस की आजादी को लेकर एक पहल की थी। यूनेस्को ने इसको लेकर नामीबिया में एक सम्मेलन किया था। यह सम्मेलन 29 अप्रैल से तीन मई तक चला था। इसके बाद प्रेस की आजादी से जुड़ा एक बयान जारी किया गया था। इसको ‘डिक्लेरेशन ऑफ विंडहोक’ कहा जाता है। दरअसल, विंडहोक नामीबिया की राजधानी है। इस सम्मेलन की दूसरी जयंती 1993 में यूनेस्को औरसंयुक्त राष्ट्र महासभा ने हर साल तीन मई को वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे मनाने का निर्णय लिया था। तब से हर साल 3 मई को यह दिन मनाया जाता है।

नार्वे पहले नंबर पर और नार्थ कोरिया आखिरी पर
2020 के वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में नार्वे पहले स्थान पर और नार्थ कोरिया आखिरी नंबर पर है। नार्वे इस लिस्ट में लगातार चार सालों से नंबर एक पर है। वहीं, नार्थ कोरिया इससे पहले 2018 में भी आखिरी स्थान पर था। 2019 में यह एक अंक ऊपर आया था और आखिरी स्थान ईस्ट अफ्रीकी देश इरीट्रिया पहुंच गया था। जब से यह इंडेक्स आया है नार्थ कोरिया और इरीट्रिया ही आखिरी के पायदानों पर बने हुए हैं।

कोरोना महामारी ने मीडिया पर असर डाला
दुनियाभर में पत्रकारों की सुरक्षा पर नजर रखने वाली संस्था (रिपोर्टर विदआउट बॉर्डर ) के महासचिव क्रिस्टोफ डेलोएर ने कहा कि कोरना महामारी ने दुनियाभर की मीडिया पर गलत असर डाला है। चीन, ईरान और इराक समेत कई ऐसे देश हैं, जहां की मीडिया ने सरकार के दबाव मे सही जानकारी नहीं दी। इराक में कोरोना के आधिकारिक आंकड़ों पर सवाल उठाने वाली स्टोरी प्रकाशित करने पर न्यूज एजेंसी रॉयटर्स का लाइसेंस तीन महीने के लिए रद्द कर दिया गया है। चीन का प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में 177, इराक 162 और हंगरी 89 वें स्थान पर है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
India Pakistan | World Press Freedom Day 2020/India Ranking Latest Update Vs Paksitan Vs China Nepal Vs Bhutan | Press Freedom Index Country Full List

Iran coronavirus deaths rise by 65 to 6,156 May 02, 2020 at 12:20AM

Spain's coronavirus death toll tops 25,000 May 01, 2020 at 11:53PM

Iran rejects 'baseless' US comments on aid to Venezuela May 01, 2020 at 11:21PM

Secretary of state Mike Pompeo last week said "multiple aircraft" belonging to Iran's Mahan Air had transferred "unknown support" to Venezuela's government. He called for a halt to the flights and for other countries to bar overflights by Mahan Air. Venezuela has been suffering from widespread gasoline shortages despite having the world's largest oil reserves.

New WH press secretary says she will never 'lie' from podium May 01, 2020 at 11:21PM

Nepal gets 3,000 coronavirus testing kits from Germany May 01, 2020 at 10:51PM

This is part of the bilateral cooperation between Germany and Nepal to fight the Covid-19 pandemic, said a statement by the Embassy of Germany in Kathmandu. The 3,000 PCR-test kits arrived in Nepal on Saturday through a French repatriation flight. These are part of a total of 20,000 Covid-19 testing kits ordered from Germany.

Russia, Pakistan virus cases spike as others ease controls May 01, 2020 at 10:55PM

Singapore confirms 447 new coronavirus cases, smallest rise in 2 weeks May 01, 2020 at 09:43PM

UNSC President Estonia calls Security Council's handling of coronavirus 'a shame' May 01, 2020 at 09:01PM

"I think it is a shame that we have not been able to take the leadership. There are certain reasons for that. But Estonia has been one of the most active in pushing very strongly for more than a month already to be there, and for the Security Council to stand where it should stand," said Ambassador Sven Jurgenson who is also president of the UNSC for May.

भूखे बच्चे को खाना बनाने का यकीन दिलाने के लिए मां ने पत्थर उबाले, कहा- ऐसा इसलिए किया ताकि वे खाने के इंतजार में सो जाएं May 01, 2020 at 09:14PM

केन्या में आठ बच्चों की एक मां ने अपने बच्चों को खाना बनाने का यकीन दिलाने के लिए बर्तन में पत्थर उबालने के लिए डाल दिए। महिला ने बताया कि उसने इसलिए ऐसा किया ताकि बच्चे खाना बनने का इंतजार करते करते सो जाएं।

बीबीसी के मुताबिक, मोम्बासा में रहने वाली महिला पनिहा बहाती किसाव अनपढ़ है। वह लोगों के कपड़े धोने का काम करती है। लेकिन कोरोनावायरस की वजह से लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। इस कारण उसका काम छिन गया है। जब उसकी पड़ोसी प्रिस्का मोमनवी ने यह दुखद दृश्य देखा, तो उन्होंने मीडिया को सूचित किया। साथ ही महिला का एक बैंक अकाउंट भी खोला।

केन्या के लोग मदद को आगे आए

इसके बाद केन्या से कई लोग उसकी मदद को आगे आए। बैंक खाते में और मोबाइल फोन के जरिए महिला को लोगों ने पैसा डोनेट करना शरू किया। किसावो एक विधवा है। उसके पति को पिछले साल डाकुओं ने मार डाला था। वह दो कमरे के घर में रहती है, जहां न पानी की सुविधा है न बिजली की।

‘मेरे लिए यह किसी चमत्कार से कम नहीं’

लोगों से मिले मदद पर महिला ने टूको न्यूज वेबसाइट को बताया, ‘‘मेरे लिए यह किसी चमत्कार से कम नहीं है। मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि केन्याई इतना प्यार कर सकते हैं। मुझे देश भर से फोन आ रहे हैं। सभी पूछ रहे हैं कि वे और कैसे मदद कर सकते हैं।’’

‘मुझे अपने छोटे बच्चे को खाना बनाने का यकीन दिलाना था’

किसावो ने बताया, ‘‘मुझे अपने सबसे छोटे बच्चे को यकीन दिलाना था कि खाना बन रहा है। वह भूख से रो रहा था। मेरे बाकी बच्चे थोड़े बड़े हैं। जब मैंने उनसे कहा कि हमारे पास खाने के लिए कुछ नहीं है, तो वे समझ गए।’’

केन्या में अब तक 411 संक्रमित हैं

केन्याई सरकार ने कोरोनोवायरस से प्रभावित लोगों के लिए फिडिंग कार्यक्रम की शुरुआत की है। लेकिन किसाव समेत कई लोगों तक यह नहीं पहुंच पाया है। वहीं, देश में 411 संक्रमित हैं, जबकि 21 लोगों की मौत हो चुकी है। बीबीसी के मुताबिक केन्या में ज्यादातर स्वास्थ्यकर्मी इस्तेमाल किए गए पीपीई को दोबारा इस्तेमाल करने पर मजबूर हैं। यहां मेडिकल इक्विपमेंट की भी भारी कमी है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
मोम्बासा में रहने वाली पनिहा किसाव। मदद मिलने पर महिला ने कहा- यह मेरे लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने फिर दोहराया- कोरोना ग्लोबल इमरजेंसी बनी रहेगी, नई सिफारिशें भी सामने आईं May 01, 2020 at 08:57PM

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की इमरजेंसी कमेटी की जेनेवा में 30 अप्रैल को हुई मीटिंग के बाद कोविड-19 महामारी को लेकर नई सिफारिशें जारी की गई है। संगठन के डायरेक्टर जनरल डॉ. टेड्रोस एडनैम गेब्रेसस ने घोषणा की है कि कोरोना महामारी दुनिया के लिए पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी के रूप में वैश्विक चिंता का कारण बनी रहेगी और इससे अभी जल्दी छुटकारा मिलना संभव नहीं। इस कमेटी ने दुनिया की शीर्ष स्वास्थ्य संस्था को अपनी नई सिफारिशें दी हैं।

इसी दौरान डॉ. टेड्रोस ने संगठन पर लगे आरोपों पर सफाई देते हुए कहा कि हमने 30 जनवरी को सही समय पर अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करके दुनिया को महामारी से निपटने के लिए पर्याप्त समय दिया था। इमरजेंसी कमेटी के सदस्यों और सलाहकारों को टेलीकांफ्रेंस के जरिये बुलाया गया था।

इन सिफारिशों में मुख्य रूप से 6 सबहेड्स मेंसिफारिशें संगठन के स्तर पर दी गई हैं जबकि 10 सिफारिशें दुनियाभर की सरकारों और संबंधित स्टैकहोल्डर्स के लिए हैं। इन सिफारिशों में शीर्ष संस्थान से अपनी भूमिका को और ज्यादा बढ़ाने के लिए कहा गया है जबकि सरकारों से कहा गया है कि वे डब्ल्यूएचओ को उसकी गतिविधियों में मदद और बढ़ाएं।

सिफारिशोंके 10 प्रमुख पाइंट्स:

  • संगठन को चाहिए कि वह विभिन्न देशों, संयुक्त राष्ट्र और अन्य सहयोगियों के सहयोग से COVID-19 महामारी के लिए वैश्विक प्रतिक्रिया का नेतृत्व और समन्वय करना जारी रखें।
  • संकट में फंसे और कमजोर देशों के साथ काम करें जिन्हेंअतिरिक्त तकनीकी, लॉजिस्टिक और कमोडिटी सहायता की जरूरत होती है।
  • देशों, भागीदारों के अनुभवों और डब्ल्यूएचओ मिशनों से सीखे सबकको एक साथ लाने के लिए सिस्टम स्थापित करें और सबसे बढ़ियाप्रैक्टिस और अपडेटेड सिफारिशों को साझा करें।
  • महामारी की विभिन्न वैज्ञानिक स्थितियों को ध्यान में रखते हुए, सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को अमल में लाने के बारे में देशों को और ज्यादा मार्गदर्शन प्रदान करें।
  • चिकित्सा उपायों और वैक्सीन के लिए क्लिनिकल परीक्षणों के लिए निम्न और मध्यम आय वाले देशों सहित सभी इच्छुक देशों को शामिल करने को बढ़ावा दें।
  • आवश्यक व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण, डायग्नोस्टिक्स, और बायोमेडिकल उपकरण तक समान पहुंच के लिए सभी भागीदारों के साथ आगे बढ़ना जारी रखें।
  • महामारी विज्ञान, प्रयोगशाला, वैक्सीन, क्लिनिकल ​​केयर, संक्रमण को काबू करने के लिए ऑपरेशनल रिसर्च,मॉडलिंगऔर अन्य तकनीकी सहायता के लिए विशेषज्ञों के वैश्विक नेटवर्क का समन्वय करना जारी रखें।
  • इस वायरस के नए क्षेत्रों में बढ़ते संक्रमण की निगरानी के लिए स्पष्ट उपयोगी और जरूरी इंडिकेटर्स प्रदान करें।
  • COVID-19 महामारी के फैलने, संक्रमण को कम करने और जीवन को बचाने के बारे में स्पष्ट संदेश, मार्गदर्शन और सलाह देनानियमित रूप सेजारी रखें।
  • महामारी के प्रतिरिस्पांस, मानवीय राहत, लोगों की आवाजाही (प्रत्यावर्तन) और कार्गो ऑपरेशन में जरूरी यात्राओं के लिए देशों और भागीदारों के साथ काम करना जारी रखें।


Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनरल डॉ. टेड्रोस ने संगठन पर लगे आरोपों पर सफाई देते हुए कहा कि हमने 30 जनवरी को सही समय पर अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करके दुनिया को महामारी से निपटने के लिए पर्याप्त समय दिया था।