Tuesday, July 28, 2020

पूर्व प्रधानमंत्री शरीफ ने कहा- मुझे कोरोना संक्रमण का खतरा, पाकिस्तान नहीं लौट सकता July 28, 2020 at 07:49PM

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने लाहौर हाईकोर्ट से कहा है कि वे अभी पाकिस्तान नहीं लौट सकते। कोर्ट ने उन्हें भ्रष्टाचार के एक मामले में तलब किया था। शरीफ ने कहा है कि मेरे डॉक्टरों ने मुझे बाहर निकलने से मना किया है। ऐसा करने पर मेरे कोरोना संक्रमित होने का खतरा है। 70 साल के शरीफ का लंदन में इलाज चल रहा है। लाहौर हाईकोर्ट से इजाजत मिलने के बाद पिछले साल नवंबर में उन्हें वहां ले जाया गया था।

हाईकोर्ट ने शरीफ को सिर्फ 4 हफ्ते के लिए देश से बाहर जाने की इजाजत दी गई थी, लेकिन वे अब तक नहीं लौटे हैं।

शरीफ ने कोर्ट को भिजवाई मेडिकल रिपोर्ट

शरीफ ने अपने वकील अमजद परवेज के जरिए कोर्ट में अपनी नई मेडिकल रिपोर्ट सौंपी है। इसमें कहा गया है कि उनके खून में प्लेटलेट्स कम हैं। उन्हें हार्ट, किडनी और ब्लड प्रेशर से जुड़ी शिकायतें भी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, उनके दिल में खून सही मात्रा में सप्लाई नहीं हो रहा है। अगर वे बाहर निकलते हैं तो कोरोना संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं। यह उनके लिए जानलेवा साबित हो सकता है।

शरीफ को 17 अगस्त तक कोर्ट में पेश होना है

पाकिस्तान के एक एंटी करप्शन कोर्ट ने तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में शरीफ को 17 अगस्त तक पेश होने के लिए कहा था। ऐसा न करने पर उन्हें फरार घोषित किया जा सकता है। कोर्ट ने उनके खिलाफ नॉन बेलेबल वाॅरंट जारी किया है। उन पर सिर्फ 15% कीमत देकर तोशाखाना से गाड़ियां लेने का आरोप है। शरीफ को अल अजीजीयाह मिल भ्रष्टाचार मामले में 7 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। लंदन जाने से पहले वे इसी मामले में लाहौर की कोट लखपत जेल में बंद थे।

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1. मलेशिया के पूर्व पीएम दोषी:नजीब रजाक भ्रष्टाचार के सात मामलों में दोषी पाए गए, 12 साल की जेल और करीब 368 करोड़ रु. जुर्माना लगाया गया

2. इजराइली पीएम के बेटे ने मांगी माफी:बेंजामिन नेतन्याहू के बेटे येर ने हिंदुओं से माफी मांगी, सोशल मीडिया पर मां दुर्गा की फोटो से जुड़ा मीम शेयर किया था



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यह फोटो पिछले महीने की है। इसमें नवाज शरीफ लंदन के एक रेस्त्रां में पोतियों के साथ चाय पीते नजर आ रहे हैं। यह फोटो सामने आने के बाद नवाज को पाकिस्तान बुलाने की मांग तेज हो गई थी। -फाइल फोटो

यूएन में अमेरिका की पूर्व राजदूत निक्की हेली ने कहा- जिनपिंग के आने के बाद चीन ने ज्यादा धौंस दिखाना शुरू किया July 28, 2020 at 06:31PM

संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने कहा है कि जिनपिंग की अगुआई में चीन ज्यादा दबदबा और धौंस दिखाने लगा है। इसने दूसरे देशों पर उंगलियां उठानी शुरू कर दी है। जिनपिंग के आने के बाद यूएन में भी उसका रुख आक्रामक हो गया और वह लीडरशिप रोल हासिल करने की कोशिशों में जुट गया। उसने इसके लिए सब से बात भी शुरू कर दी। हालांकि, उसका यह बर्ताव ज्यादा दिनों तक चलने वाला नहीं है। हेली ने मंगलवार को फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में यह बातें कही।

हेली ने कहा, यूएन में मेरे काम करने के समय के दौरान चीन काफी शांत रहा। इसने एक रणनीति के तहत काम किया। इसने चुपचाप कई क्षेत्रों में अच्छी जगह बनाने के लिए काम किया और पिछले दरवाजे से अहम क्षेत्रों में जगह बनाने की पूरी कोशिश की।

‘ताइवान और भारत पर भी दबाव बना सकता है चीन ’

उन्होंने कहा कि कोई भी देश जो अपने लोगों को आजादी से नहीं जीने देता, ऐसा ज्यादा दिनों तक नहीं कर सकता। एक ऐसा समय आएगा जब लोग विद्रोह शुरू कर देंगे। जैसा कि अभी हॉन्गकॉन्ग में हो रहा है। चीन उसे दबाने की कोशिश कर रहा है। चीन ऐसा ही दबाव ताइवान, दक्षिण चीन सागर से सटे देशों और भारत पर भी बना सकता है। चीन यह सबकुछ अपने आप को ताकतवर दिखाने के लिए कर रहा है। निक्की ने कहा कि चीन सड़क बनाने की अपनी पहल के तहत छोटे देशों के साथ साझेदारी कर रहा है। वह इन देशों की ढांचागत सुविधाओं को खरीदने की कोशिश में हैं।

चीन को अमेरिकी सेना की तैयारी बताने की जरूरत: हेली

उन्होंने कहा कि अमेरिका को चीन को यह बताने की जरूरत है कि हम अपनी सेना तैयार कर रहे हैं, जिससे वो हमसे उलझने की कोशिश न करे। अमेरिकी कंपनियों को भी यह समझना होगा कि चीन में बिजनेस करने पर उन्हें वहां की मिलिट्री के साथ काम करना होगा। यह अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। हमें अमेरिका पर इसके बारे में ज्यादा चर्चा करनी होगी। उन्होंने ह्यूस्टन में चीन के कॉन्स्युलेट को बंद कराने के अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के फैसले की भी तारीफ की।

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1.जवाबी कार्रवाई:चीन ने चेंगदू में अमेरिकी कॉन्स्युलेट बंद किया, अंदरूनी मामलों में दखल देने का आरोप लगाया; ह्यूस्टन में चीनी कॉन्स्युलेट बंद होने के बाद उठाया कदम

2.चीन को झटका:रूस ने चीन को एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की डिलीवरी रोकी; चीन ने कहा- यह दबाव में लिया गया फैसला



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यूएन में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने कहा है कि चीन छोटे देशों को धमका कर अपनी ताकत दिखाना चाहता है।-फाइल फोटो

Joe Biden’s notes: ‘Do not hold grudges’ against Kamala Harris July 28, 2020 at 05:31PM

Joe Biden was uncharacteristically tight-lipped on Tuesday about the final stretch of his search for a vice president. But the presumptive Democratic presidential nominee seemed prepared to talk about at least one leading contender: California Senator Kamala Harris.

इटली ने लॉकडाउन 15 अक्टूबर तक बढ़ाया, चीन में तीन महीने बाद सबसे ज्यादा मामले; दुनिया में 1.68 करोड़ संक्रमित July 28, 2020 at 05:28PM

दुनिया में कोरोनावायरस के अब तक 1 करोड़ 68 लाख 93 हजार 293 संक्रमित मिल चुके हैं। इनमें 1 करोड़ 45 लाख 6 हजार 371 ठीक भी हो चुके हैं। वहीं, 6 लाख 63 हजार 465 की मौत हो चुकी है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। इटली ने लॉकडाउन का समय 15 अक्टूबर तक बढ़ा दिया है। प्रधानमंत्री ​​​​​​जुसेप कोंटे ने बढ़ते मामलों को देखते हुए संसद में पाबंदियां बढ़ाने का सुझाव रखा था। मंगलवार को संसद के ऊपरी सदन में इस पर चर्चा होने के बाद इसे मंजूरी दे दी गई।

चीन में पिछले 24 घंटे में 101 नए मामले सामने आए हैं। यह अप्रैल के बाद सबसे ज्यादा है। नेशनल हेल्थ कमीशन ने इसकी जानकारी दी। 24 घंटे में 16 मरीज ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। 391 मरीजों का अभी भी इलाज चल रहा है, इसमें 20 की हालत गंभीर है। चीन में संक्रमण के 83 हजार 959 मामले सामने आए हैं, जबकि 78 हजार 934 लोग ठीक हो चुके हैं। 4634 लोगों की मौत भी हुई।

10 देश जहां कोरोना का असर सबसे ज्यादा

देश

कितने संक्रमित कितनी मौतें कितने ठीक हुए
अमेरिका 44,98,343 1,52,320 21,85,894
ब्राजील 24,84,649 88,634 17,21,560
भारत 15,32,135 34,224 9,88,770
रूस 8,23,515 13,504 6,12,217
द.अफ्रीका 4,59,761 7,257 2,87,313
मैक्सिको 4,02,697 44,876 2,61,457
पेरू 3,95,005 18,612 2,76,452
चिली 3,49,800 9,240 3,22,332
स्पेन 3,27,690 28,436 उपलब्ध नहीं
ब्रिटेन 3,00,692 45,878 उपलब्ध नहीं

हम दूसरे देशों को दे सकते हैं वैक्सीन: ट्रम्प

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का कहना है कि कोरोना का टीका तैयार होने पर अमेरिका दूसरे देशों को इसकी सप्लाई कर सकता है। उन्होंने कहा कि जैसे हमने वेंटिलेटर और अन्य जरूरी चीजें दूसरे देशों को दी थी, वैसे ही हम वैक्सीन भी उन्हें देंगे। एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका इस साल के आखिरी या 2021 की शुरुआत में टीका तैयार होने की उम्मीद है। यहां की मॉडर्ना कंपनी ने वैक्सीन के तीसरे स्टेज का ट्रायल शुरू कर दिया है।

तुर्की: संक्रमण के 963 मामले

तुर्की में 24 घंटे में संक्रमण के 963 नए मामले सामने आए हैं। इसी के संक्रमितों की संख्या 2 लाख 27 हजार 982 हो गई है। स्वास्थ मंत्री फहरेतिन कोका ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में 15 लोगों की मौत हुई है। अब तक यहां 5645 लोगों की जान गई है।अब तक कुल 46 लाख 65 हजार 383 टेस्ट किए जा चुके हैं। तुर्की ने एक अगस्त से चार देशों के साथ फ्लाइट्स शुरू करने का फैसला किया है। ये देश भारत, रूस, कुवैत और साउथ अफ्रीका हैं।

तुर्की के इस्तांबुल में एक बुजुर्ग मरीज के ठीक होने के बाद उन्हें बजाकर विदा करते स्वास्थ्यकर्मी।

इजराइल: अब तक सबसे अधिक मामले

इजराइल में पिछले 24 घंटे में 2308 नए मामले सामने आए हैं। यह देश में एक दिन में आने वाला अब तक का सबसे मामला है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी। इससे पहले 22 जुलाई को यहां एक दिन में 2043 मामले सामने आए थे। यहां संक्रमित मरीजों की संख्या 66 हजार 293 हो गई है।इस बीच 12 और लोगों की मौत के साथ ही मृतकों की संख्या बढ़कर 486 हो गई है।अभी 739 मरीजों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।

इजराइल की राजधानी येरुशलम में ईद-उल-अजहा पर्व से पहले सजी दुकानें और मास्क पहनकर खरीदारी करने निकली महिला।


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इटली के प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री ​​​​​​जुसेप कोंटे ने मंगलवार को संसद में लॉकडाउन बढ़ाने का प्रस्ताव रखा। इसे मंजूरी दे दी गई।

बुकर के लिए 13 उपन्यासकार; इनमें से 9 महिलाएं, भारतीय मूल की अवनि दोशी सहित 8 लेखकों की पहली किताब पुरस्कार की दौड़ में July 28, 2020 at 02:53PM

बुकर की दौड़ में इस साल हिलेरी मैंटल, एनी टेलर और कीले रीड जैसी ख्यात लेखिकाएं शामिल हैं। भारतीय मूल की अवनि दोशी का पहला उपन्यास ‘बर्न्ट शुगर’ भी अंतिम तेरह में है। 15 सितंबर तक पहले छह उपन्यास चुने जाएंगे, फिर नवंबर में विजेता के नाम की घोषणा होगी।

इस बार नॉमिनेशन में 9 महिलाएं हैं। 8 लेखकों की तो साहित्य जगत में पहली पेशकश है। हिलेरी मैंटल की रचना ‘द मिरर एंड द लाइट’ थॉमस क्रोमवेल शृंखला का तीसरा उपन्यास है। किताब क्रोमवेल के जीवन के उत्तरार्ध पर है। 875 पेज की यह किताब ब्रिटेन में चर्चित रही थी। क्रोमवेल 1532-40 तक इंग्लैंड के किंग हेनरी 8वें के चीफ मिनिस्टर थे। लॉयर व राजनेता क्रोमवेल सुधारों व पुनर्गठन के हिमायती थे। बाद में उन्हें फांसी दे दी गई थी।

भारतीय मूल की अवनि दोशी का पहला उपन्यास ‘बर्न्ट शुगर’ भी अंतिम तेरह में है।

हिलेरी तीन बार बुकर जीतने वाली पहली लेखिका होंगी

हिलेरी अगर विजेता बनती हैं तो तीन बार बुकर जीतने वाली वह पहली लेखिका होंगी। वह 2009 में ‘वुल्फ हॉल’ और 2012 में ‘ब्रिंग अप द बॉडीज’ के लिए अवॉर्ड जीत चुकी हैं। एनी टेलर की ‘रेडहेड बाय द साइड ऑफ द रोड’ और कीले रीड की किताब ‘सच ए फन एज’ भी चुनौती पेश कर रही हैं।

बुकर विजेता को इनाम स्वरूप 64000 डॉलर (47.91 लाख रु.) मिलेंगे। इस बार ‘लकी थर्टीन’ में 6 अमेरिकी लेखक हैं, तीन अन्य के पास अमेरिकी नागरिकता है। इस प्रतिष्ठत ब्रिटिश साहित्यिक पुरस्कार में इनकी एंट्री विवाद की वजह बनती रही है। 2014 में अमेरिकी लेखकों की भागीदारी स्वीकार हुई। नहीं तो ब्रिटेन, आयरलैंड व राष्ट्रमंडल देशों के लेखकों की कृतियों पर ही विचार किया जाता था। बाद में दक्षिण अफ्रीका, जिम्बाब्वे भी शामिल कर लिए गए। 2019 में माग्रेट एटवुड (द टेस्टामेंट्स) और बर्नारडाइन इवारिस्टो (गर्ल, वुमन, अदर) को संयुक्त रूप से बुकर प्राइज देने के निर्णायक मंडल के फैसले की काफी जगहंसाई हुई थी।

‘बर्न्ट शुगर’; मेमोरी लॉस की शिकार एक मां और उसकी बेटी के उलझे रिश्ते का भावपूर्ण ताना-बाना

न्यू जर्सी में जन्मीं अवनि दोशी दुबई में रह रही हैं। बर्न्ट शुगर भारत में ‘गर्ल इन व्हाइट कॉटन’ के नाम से प्रकाशित हुई। किताब, मेमोरी लॉस की शिकार मां-बेटी के बीच उलझे रिश्ते का भावपूर्ण ताना-बाना है। तारा गैस बंद करना भूल जाती हैं। उन्हें याद नहीं कि उसके दोस्त मर चुके हैं। वह अपनी बीमारी भी स्वीकार करने को तैयार नहीं। तारा और बेटी अंतरा के रिश्ते कठिन दौर से गुजरते हैं। अंतरा पर अपनी बेटी और पति की भी जिम्मेदारियां हैं। खुद का परिवार, मां और उसकी बीमारी। इसी हकीकत से तालमेल की बुनावट है ‘गर्ल इन व्हाइट कॉटन’।



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बुकर की दौड़ में इस साल हिलेरी मैंटल, एनी टेलर और कीले रीड जैसी ख्यात लेखिकाएं शामिल हैं।

नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन बोले- एटमी हथियार सुरक्षा की गारंटी, हम देश के दुश्मनों से संघर्ष कर रहे हैं July 27, 2020 at 11:32PM

नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन ने कहा है कि परमाणु हथियार उनके देश की सुरक्षा की स्थायी गारंटी हैं। उनका देश दुश्मनों से संघर्ष कर रहा है। किम सोमवार को कोरियन युद्ध समाप्ति की 67वीं वर्षगांठ पर भाषण दे रहे थे। तीन साल चला यह युद्ध 27 जुलाई 1953 को समाप्त हुआ था। नॉर्थ कोरिया इस दिन को विजय दिवस के रूप में मनाता है। किम के इस बयान से अमेरिका के साथ टकराव बढ़ सकता है। अमेरिका किम पर परमाणु निरस्त्रीकरण का दबाव बनाता रहा है। इसको लेकर ट्रम्प और किम की तीन बार मीटिंग भी हो चुकी है, लेकिन कोई नतीजा सामने नहीं आया।

दुश्मनों के साथ संघर्ष जारी

नॉर्थ कोरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी केसीएनए के मुताबिक किम ने कहा, "कोरियाई युद्ध के बाद से ही दुश्मनों के साथ भयंकर संघर्ष जारी है। साम्राज्यवादियों का दबाव भी काफी बढ़ गया है। हमारी नई ताकत से अब इस भूमि पर युद्ध नहीं होगा। राष्ट्रीय सुरक्षा और भविष्य की स्थायी रूप से गारंटी होगी।" 2018 के बाद यह पहली बार है जब किम ने कोरियाई युद्ध के समय के सैनिकों के सामने भाषण दिया। इस तरह की पहली कॉन्फ्रेंस 1993 में हुई थी। किम के कार्यकाल में यह कॉन्फ्रेंस 2012, 2013, 2015 और 2018 में हुई थी।

नॉर्थ कोरिया के पास 30 से 40 परमाणु बम

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) की रिपोर्ट के मुताबिक, नॉर्थ कोरिया के पास 30-40 परमाणु बम है। वह लगातार और परमाणु हथियार बना रहा है। इस साल की शुरुआत में किम ने बैलिस्टिक मिसाइलों के टेस्टिंग पर लगी रोक भी हटाने का फैसला लिया था। परमाणु हथियार बनाना जारी रखने की भी बात कही थी।

ट्रम्प और किम जोंग उन के बीच अब तक तीन बार मुलाकात हो चुकी है

  • कोरियाई प्रायद्वीप में परमाणु निरस्त्रीकरण करने को लेकर ट्रम्प और किम के बीच 12 जून 2018 को सिंगापुर में पहली बैठक हुई।
  • दूसरी मुलाकात 28 फरवरी 2019 को वियतनाम में हुई थी, किम जोंग उन ट्रेन से 4 हजार किमी की यात्रा कर यहां पहुंचे थे
  • ट्रम्प ने कोरियाई प्रायद्वीप के असैन्य क्षेत्र (डीमिलिट्राइज्ड जोन, डीएमजेड) में 30 जून 2019 को किम जोंग-उन से मुलाकात की थी।

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नॉर्थ कोरियाई नेता किम जोंग उन कोरियाई युद्ध खत्म होने की 67वीं वर्षगांठ पर युद्ध के सैनिकों को संबोधित करते हुए।

High time for world to question China's genocide of Uyghurs, says activist July 27, 2020 at 09:40PM

The Campaign For Uyghurs compiled a report last week named "China's Genocide in East Turkistan - referred to as the Xinjiang Uyghur Autonomous Region by the Chinese govt. This report lays out how each condition of genocide as defined by the United Nations is being met by the Chinese regime's actions towards the Uyghurs. Uyghurs are also being used as slave labour across China.

जिनपिंग सरकार का फोकस अब जेनेटिक सर्विलांस पर, विरोध में उठने वाली हर आवाज दबाने की तैयारी July 27, 2020 at 09:15PM

चीन की सरकार देशभर के करोड़ों लोगों के डीएनए सैंपल इकट्‌ठा कर रही है। डीएनए की मदद से एक जेनेटिक डेटाबेस तैयार किया जा रहा है। इसके पीछे जिनपिंग सरकार की मंशा अपने ही लोगों की निगरानी करने की है।

टोरंटो यूनिवर्सिटी में पॉलिटिकल साइंस के पीएचडी स्टूडेंट एमिल डर्क और चीन के जातीय मुद्दों के एक्सपर्ट जेम्स लिबॉल्ट ने न्यूयॉर्क टाइम्स में एक आर्टिकल लिखा है। उन्होंने बताया कि चीन में सरकार से असंतोष जताना सबसे बड़ा अपराध है। पुलिस का सबसे जरूरी काम इसी असंतोष को दबाना है। इस वजह से डीएनए सैंपल इकट्‌ठा कर लोगों की निगरानी करने की साजिश की जा रही है।

उनके मुताबिक अधिकारियों का टारगेट साढ़े तीन करोड़ से लेकर सात करोड़ लोगों का डीएनए सैंपल जुटाना है। ये सैंपल सरकार का एक बड़ा हथियार बनेंगे। इनके जरिए चीनी प्रशासन आसानी से लोगों को ट्रैक कर सकेगा। हालांकि, चीन सरकार ने ऐसे किसी प्रोग्राम से इनकार किया है।

ऑनलाइन मौजूद सबूत दिखाए
लेखकों ने चीन के इस प्रोग्राम का बड़े पैमाने पर खुलासा किया है। उन्होंने इसके सबूत भी दिखाए हैं। चीन के सिचुआन प्रांत की सरकारी वेबसाइट पर 16 जून की एक रिपोर्ट मिली है। इसमें सिचुआन की राजधानी चेंगदू में पब्लिक सिक्युरिटी ब्यूरो की ओर से डीएनए डाटाबेस तैयार करने की जानकारी है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि किस तरह 17 पब्लिक सिक्योरिटी ऑफिसों ने शहर के छह लाख पुरुषों का डीएनए सैंपल जुटाया। इसके साथ ही स्कूली बच्चों का ब्लड सैंपल भी इकट्‌ठा किया जा रहा है। यह यूएन के राइट्स ऑफ द चाइल्ड का सीधा उल्लंघन है।

पूरे देश से जुटाए जा रहे डीएनए सैंपल
आर्टिकल के मुताबिक चीन का यह प्रोग्राम केवल शिनजियांग और तिब्बत तक ही सीमित नहीं है। पूरे देश से लोगों का डीएनए जुटाया जा रहा है। दक्षिण पश्चिम में युन्नान और गुइझोऊ, केंद्र के हुनान, पूर्व के शैनडोंग और जियांग्सु, उत्तर में मंगोलिया के स्वायत्त क्षेत्र में यह प्रोग्राम बड़े पैमाने पर चलाया जा रहा है।

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डीएनए सैंपल सरकार का एक बड़ा हथियार बनेंगे। इनके जरिए चीनी प्रशासन आसानी से लोगों को ट्रैक कर सकेगा। हालांकि, चीन सरकार ने ऐसे किसी प्रोग्राम से इनकार किया है। - फाइल फोटो