Thursday, November 19, 2020

Radical Pakistani religious cleric dies after leading sit-in November 19, 2020 at 08:53PM

H-1B lawsuit relating to market analysts can now move forward as class action suit November 19, 2020 at 08:44PM

A US federal judge has granted class certification to a lawsuit challenging US Citizenship and Immigration Services’ (USCIS) pattern and practice of arbitrarily denying H-1B applications filed for market research analyst positions by US based sponsoring employers.

'Trump gains ground among Indian-Americans, Asian Pacific Americans' November 19, 2020 at 07:09PM

अफगानिस्तान में एक महिला ने एक महीने में 125 आतंकियों को सरेंडर कराया, कहा- मुल्क को महफूज बनाना चाहती हूं November 19, 2020 at 07:05PM

अफगानिस्तान में सलीमा मजारी तालिबान आतंकियों को अमन की राह पर लाने के लिए कोशिशें कर रही हैं। सलीमा की इन कोशिशों का ही नतीजा है कि अक्टूबर में कुल 125 तालिबानी आतंकियों ने हथियार डालकर शांति की राह पर चलने का फैसला किया। सलीमा के इस काम को मुल्क की पुलिस और दूसरे सुरक्षा बलों का भी समर्थन मिल रहा है। सलीमा ने एक इंटरव्यू में कहा- मैं अपने मुल्क में अमन लाना चाहती हूं और इसके लिए हर मुमकिन कोशिश करूंगी।

रिफ्यूजी बनकर नहीं रहना चाहती
39 साल की सलीमा पर एक यूएई के अखबार ‘द नेशनल’ ने स्पेशल रिपोर्ट पब्लिश की है। सलीमा का जन्म बतौर शरणार्थी ईरान में हुआ। वे वहीं पली-बढ़ीं। लेकिन, सलीमा ने ठान लिया कि वे बतौर रिफ्यूजी पूरी जिंदगी नहीं काटेंगी। लिहाजा, 9 साल पहले मुल्क लौटने का फैसला किया। वे कहती हैं- मैं यूनिवर्सिटी कोर्स पूरा किया। ईरान में अच्छी नौकरी भी मिल गई। फिर 9 साल पहले पति और बच्चों के साथ अफगानिस्तान लौटने का फैसला किया ताकि अपने मुल्क को बचा सकूं। वहां अमन कायम कर सकूं।

अब अफसर और समाजसेवी
सलीमा कहती हैं- मुझे मैनेजमेंट का अच्छा अनुभव था। सिविस सर्विस के जरिए नौकरी में आई और अब अपने जिले चारकिन्त में तैनात हूं। लेकिन, बंदूकों को इतने करीब से पहले कभी नहीं देखा था। डिस्ट्रिक्ट गवर्नर (कलेक्टर) के तौर पर उन्हें दो बॉडीगार्ड्स भी मिले हैं। अब गोलियों की आवाज सुनने की आदत हो चुकी है। मैं लोगों और सिक्योरिटी फोर्सेज के बीच कोऑर्डिनेशन बनाना चाहती थी। अफगानिस्तान में करप्शन बहुत है। इसलिए काम करना बेहद मुश्किल होता है।

आतंकियों की दादागिरी
मजारी बताती हैं कि उनके जिले में कई पोस्ट्स पर आतंकी कब्जा कर लेते थे और वे आम लोगों से टैक्स वसूली करते थे। सुरक्षाबलों के हथियार लूटकर ले जाते थे। मजारी ने लोगों को हथियार मुहैया कराए और उन्हें आतंकियों से निपटने की ट्रेनिंग दिलाई। कई लोगों ने तो अपने जानवर बेचकर हथियार खरीदे। मजारी कहती हैं- हमारे यहां करप्शन बहुत ज्यादा है। पुलिस भी काम करना ही नहीं चाहती। इसलिए मैंने खुद लोगों को महफूज रखने के लिए तैयार करना शुरू किया।

जंग से आजादी चाहिए
मजारी ने आगे कहा- हम जिंदगीभर जंग नहीं कर सकते। मैं तालिबान से भी यही कहती हूं। एक महीने पहले तालिबान ने यहां के एक गांव पर हमला किया। टैक्स से इनकार करने वाली महिलाओं और बच्चों को भी मार डाला। मैं दहल गई। फिर गांव के कुछ बुजुर्गों के जरिए तालिबान से संपर्क किया। उन्हें अमन के लिए मनाया। मैंने उनसे कहा- हम और आप एक ही इस्लाम को मानते हैं। आप चाहते हैं महिलाएं हिजाब पहनें तो इसमें मुझे कोई दिक्कत नहीं। इस्लाम कत्ल करना नहीं सिखाता। इसका नतीजा ये हुआ कि एक महीने में ही 125 आतंकियों ने सरेंडर कर दिया। उन्हें माफी दिलवाउंगी।

पाकिस्तान पर आरोप
मजारी का सीधा आरोप है - स्थानीय युवाओं को पाकिस्तान भड़काता है। उन्हें वहां ट्रेनिंग देकर आतंकी बनाता है। बाद में ये लोग अपने ही लोगों की जान लेने में शान समझने लगते हैं। करप्शन से तो हम सबको मिलकर ही लड़ना है। मुझे उम्मीद है कि जल्द ही हजारों आतंकी हथियार छोड़ेंगे और देश की मुख्यधारा में शामिल होंगे। अब सरकार की जिम्मेदारी है कि वो लोगों का भरोसा जीते और उनकी मदद करे।



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अफगानिस्तान की सलीमा मजारी आतंकियों को अमन की राह पर लाने के लिए कोशिशें कर रही हैं। वे 39 साल की है और इसके शुरुआती 30 साल उन्होंने ईरान में बतौर रिफ्यूजी गुजारे। (फाइल)

Scottish author Douglas Stuart wins Booker Prize 2020 November 19, 2020 at 04:50PM

'Trump sending damaging message to world by not conceding' November 19, 2020 at 04:34PM

Italy to start Covid vaccinations in January November 19, 2020 at 04:59PM

Superspreader events key driver in Covid-19 pandemic November 19, 2020 at 05:29PM

सजा के बावजूद हाफिज सईद को VIP ट्रीटमेंट, सरकारी SUV में घूम रहा आतंकी सरगना November 19, 2020 at 05:46PM

टेरर फंडिंग के दो मामलों में सजा होने के बावजूद जमात-उद-दावा और लश्कर-ए-तैयबा का सरगना हाफिज सईद पाकिस्तान में वीआईपी ट्रीटमेंट का लुत्फ ले रहा है। मुंबई हमले के इस मास्टरमाइंड को सजा के बावजूद किसी तरह की पाबंदियों का सामना नहीं करना पड़ रहा है। सजा सुनाए जाने के बाद इस आतंकी को सीखचों में होना चाहिए था, लेकिन वो एसयूवी में घूम रहा है। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स के जरिए सामने आई है।

बुधवार को पाकिस्तान की एक एंटी टेररिज्म कोर्ट ने आतंकी संगठन जमात-उद-दावा के मुखिया हाफिज सईद को अवैध फंडिंग मामले में 10 साल कैद की सजा सुनाई थी। आदेश के मुताबिक, हाफिज और उसके आतंकी साथियों को जेल में होना चाहिए था।

सरकारी मेहमान है सईद
हाफिज पर वैसे तो पूरी पाकिस्तान सरकार मेहरबान है, लेकिन काउंटर टेरेरिज्म डिपार्टमेंट के अफसर तो बेशर्मी पर उतारू हैं। उसे जिस जगह रखा है, वहां हर वो सुविधा मौजूद है जो एक वीआईपी के लिए जरूरी होती है। इतना ही नहीं, सूत्र बताते हैं कि हाफिज अपनी मर्जी के मुताबिक, एसयूवी में हथियारबंद अपने आतंकी साथियों के साथ घूम रहा है। हाफिज को 17 जुलाई 2019 में लाहौर से 50 किलोमीटर दूर कमोक टोल प्लाजा से पास से गिरफ्तार किया गया था। उसकी संपत्ति भी जब्त करने के आदेश दिए गए थे।

सजा का दिखावा क्यों
पाकिस्तान को पिछले महीने लगातार तीसरी बार फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की ग्रे लिस्ट में ही रखा गया था। फरवरी में संगठन ने पाकिस्तान को 29 पॉइंट्स का एक्शन प्लान दिया था। पाकिस्तान इसमें से सिर्फ 21 पर काम कर पाया। खास तौर पर हाफिज सईद जैसे आतंकी सरगनाओं पर उसने कार्रवाई नहीं की। इसका खामियाजा उसे एफएटीएफ में उठना पड़ रहा है। माना जा रहा है कि दिखावे के लिए ही पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने उसे सजा दिलवाई है। और अब इस सजा का सच सामने आ रहा है।

हाफिज सईद लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक है। 11 सितंबर, 2001 में अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले के बाद अमेरिका ने इस संगठन को विदेशी आतंकी संगठन की लिस्ट में शामिल किया था। 2002 में पाकिस्तान की सरकार ने भी लश्कर पर पाबंदी लगा दी थी। उसके बाद हाफिज सईद ने नया संगठन जमात-उद-दावा बनाया था। अब वो इसी संगठन को चैरिटी बताकर आतंकवाद फैला रहा है।

बैंक अकाउंट भी बंद नहीं
कुछ महीने पहले ही पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा के पांच बड़े आतंकियों के बैंक अकाउंट फिर से शुरू कर दिए गए हैं। इनमें हाफिज सईद भी शामिल था। पाकिस्तानी मीडिया ने तब दावा किया था कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की सेक्शन कमेटी की मंजूरी के बाद अकाउंट शुरू किए गए हैं।



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लशकर-ए-तैयबा और जमात उद दावा के फाउंडर आतंकी सरगना को हाल ही में दो मामलों में सजा सुनागई गई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार सजा का दिखावा कर रही है। इमरान सरकार की सरपरस्ती में यह आतंकी पूरे ऐश ओ आराम से घूम रहा है। (फाइल)

बाइडेन बोले- ट्रम्प अमेरिकी इतिहास के सबसे गैर-जिम्मेदार राष्ट्रपति; जॉर्जिया रीकाउंट में भी हारे ट्रम्प November 19, 2020 at 05:39PM

प्रेसिडेंट इलेक्ट जो बाइडेन ने चुनाव जीतने के बाद पहली बार हार न मानने पर अड़े राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को फटकार लगाई। बाइडेन ने ट्रम्प को अमेरिकी इतिहास का सबसे गैर जिम्मेदार राष्ट्रपति करार दिया। उन्होंने कहा- हार के बावजूद जिद पर अड़े ट्रम्प देश के लोकतंत्र को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। इस बीच, जॉर्जिया में हुए रीकाउंट में बाइडेन ने जीत हासिल की है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, बाइडेन को अब तक कुल 8 करोड़ पॉपुलर वोट यानी जनता के मत मिल चुके हैं।

देश के बारे में गलत संकेत दे रहे हैं ट्रम्प
गुरुवार को एक कार्यक्रम के दौरान बाइडेन ने चुनाव जीतने के बाद पहली बार ट्रम्प पर निशाना साधा। हालांकि, इस दौरान भी बाइडेन ने गलत शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया, जो अब तक ट्रम्प उनके खिलाफ करते आए हैं। बाइडेन ने कहा- हाल ही में जो चुनाव हुए, उसमें अमेरिकी नागरिकों ने अपना नजरिया साफ कर दिया। ट्रम्प चुनाव हार चुके हैं, लेकिन जिस तरह का बर्ताव वे कर रहे हैं, उससे साफ जाहिर होता है कि वे अमेरिकी इतिहास के सबसे गैर-जिम्मेदार राष्ट्रपति साबित हो रहे हैं। एक देश के तौर पर अमेरिका का दुनिया में गलत संदेश जा रहा है।

अब क्या कर रहे हैं ट्रम्प
बाइडेन ने सवाल किया- अब राष्ट्रपति क्या कर रहे हैं? जिस तरह की चीजें सामने आ रही हैं, उससे स्पष्ट है कि वे जिम्मेदारी नहीं दिखा रहे। हर चीज के कुछ सिद्धांत होते हैं, लेकिन क्या वे जिन कामों को कर रहे हैं या करने के बारे में सोच रहे हैं क्या हम उन्हें कानूनी तौर पर सही मान सकते हैं। एक लोकतांत्रिक देश के तौर पर हमारी जिम्मेदारी है कि हम दुनिया को सही संदेश दें। ये बताएं कि आखिर लोकतंत्र क्या होता है और कैसे काम करता है।

बाइडेन का इशारा किस तरफ
राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आए 17 दिन बीत चुके हैं। बाइडेन के पास 309 इलेक्टोरल वोट्स का समर्थन है। जाहिर है चुनाव स्पष्ट तौर पर बाइडेन ने ही जीता है। जीत के लिए उन्हें सिर्फ 270 इलेक्टोरल वोट्स की जरूरत थी। इसके बावजूद ट्रम्प और उनके समर्थक एक के बाद एक राज्य में चुनावी धांधलियों को आरोप लगाते हुए केस दायर कर रहे हैं। उन्होंने अब तक सब कुछ साफ होने के बावजूद हार स्वीकार नहीं की है। बाइडेन ने गुरुवार को इन्हीं कानूनी मामलों की तरफ इशारा किया और ये साफ कर दिया कि इनका नतीजा कभी ट्रम्प के पक्ष में नहीं होगा।



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डेलावेयर के विल्मिंगटन में गुरुवार रात मीडिया से बातचीत करते जो बाइडेन। इस दौरान उन्होंने चुनाव जीतने के बाद पहली बार राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर निशाना साधा।

Imran aims to bolster ties with Afghanistan during maiden visit November 19, 2020 at 03:34PM

WHO ने कहा- रेमडेसिविर का इस्तेमाल बंद करें, इसके कारगर होने के सबूत नहीं; चीन ने 10 लाख लोगों को वैक्सीन लगाया November 19, 2020 at 03:32PM

दुनियाभर में अब तक 5.72 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 3.96 करोड़ लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 13.64 लाख लोगों की जान जा चुकी है। अब 1.61 करोड़ मरीज ऐसे हैं जिनका इलाज चल रहा है, यानी एक्टिव केस। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। विश्व स्वास्थय संगठन यानी WHO ने कहा है कि दुनिया के जिन देशों के अस्पतालों में संक्रमितों के इलाज में रेमडेसिविर इंजेक्शन का इस्तेमाल हो रहा है, उन्हें फौरन इसे रोकना चाहिए। संगठन के मुताबिक, इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि यह दवा कोरोना के इलाज में मददगार है।

ट्रम्प के इलाज में इस्तेमाल हुई थी रेमडेसिविर
‘द गार्डियन’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले महीने इलेक्शन कैम्पेन के दौरान जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प संक्रमित हुए थे तो उनके इलाज में रेमडेसिविर का इस्तेमाल किया गया था। अब WHO इसके इस्तेमाल पर रोक लगाने की सलाह दे रहा है। गुरुवार को जारी बयान में WHO ने कहा- हमारी गाइडलाइन कमेटी यह सलाह देती है कि अगर रेमडेसिविर का अस्पतालओं में इस्तेमाल किया जा रहा है तो इसे बंद कर देना चाहिए। हमें इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं कि कोविड पेशेंट्स के इलाज में यह कारगर है। WHO की सलाह कई लोगों को चौंका सकती है। दरअसल, कई देशों के मेडिकल साइंटिस्ट्स ने साफ तौर पर इसके इस्तेमाल की सलाह दी है।

चीन में 10 लाख लोगों को वैक्सीन
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कोरोना वैक्सीन पर दुनिया के सभी देशों से सहयोग करने की अपील की है। इस बीच, खबर है कि चीन ने अब तक अपने देश के करीब 10 लाख लोगों को ‘सायनोफार्म’ वैक्सीन लगा भी दिया है। चीन के सरकारी अफसर ज्यादातर बातों की जानकारी मीडिया को नहीं देते, लेकिन वैक्सीन दिए जाने की खबर की उन्होंने पुष्टि की है। जिनपिंग ने गुरुवार को एशिया-पेसेफिक इकोनॉमिक कोऑपरेशन की मीटिंग में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा- वायरस से निपटने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि हम सभी देश मिलकर इसके वैक्सीन और दवाओं पर काम करें। इस बारे में एक दूसरे पर इल्जाम लगाने से खतरा कम होने के बजाए बढ़ता जाएगा।

चीन के एक लैब में सफाई करता स्टाफ। एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने अपने 10 लाख नागरिकों को सायनोफार्म वैक्सीन लगाया है।

थैंक्सगिविंग डे पर ट्रैवल न करें
अमेरिका में सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन यानी सीडीसी ने देश के नागरिकों से अपील में कहा है कि वे थैंक्सगिविंग डे पर यात्रा करने से बचें। सीडीसी के डायरेक्टर डॉक्टर हेनरी वेक ने कहा- हम जितना ज्यादा सफर करेंगे, महमारी का खतरा उतनी ही तेजी से फैलता जाएगा और यह सबके लिए खतरनाक है। फिर भी अगर आप यात्रा करना ही चाहते हैं तो हर उस गाइडलाइन का पालन करें जो हमने जारी की हैं। हम जानते हैं कि छुटि्टयों का हर कोई लुत्फ उठाना चाहता है, लेकिन कुछ खतरों को किसी भी हाल में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। माना जा रहा है कि आज देर रात सीडीसी कुछ नई गाइडलाइन्स जारी कर सकता है।

अमेरिका में नाउम्मीद हो रहे डॉक्टर
‘द गार्डियन’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के कुछ राज्यों में हालात अब काबू से बाहर होते जा रहे हैं। संक्रमितों का आंकड़ा तो बढ़ ही रहा है, साथ ही मरने वालों की संख्या भी अब काबू से बाहर होती दिख रही है। टेनेसी के डायरेक्टर ऑफ क्रिटिकल केयर डॉक्टर एलिसन जॉनसन ने कहा- सही कहूं तो अब हम अवसाद में हैं और नाउम्मीद होते जा रहे हैं। हम नहीं कह सकते कि कब हालात सुधरेंगे। इसकी फिलहाल, कोई उम्मीद भी नजर नहीं आती। मैंने अपने कॅरियर में कभी नहीं सोचा कि इस तरह के हालात से सामना होगा। इदाहो में डॉक्टरों ने साफ कर दिया है कि सभी मरीजों को बेड दे पाना मुश्किल हो सकता है।



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विश्व स्वास्थय संगठन यानी WHO ने दुनिया के देशों को रेमडेसिविर दवा का इस्तेमाल रोकने की सलाह दी है। संगठन के मुताबिक, इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं कि यह दवा कोविड मरीजों के इलाज में कारगर है। (फाइल)

अमेरिका में कोरोना से मौतें 2.5 लाख पार, 50 में से 49 राज्यों में बढ़ रहे नए मामले November 19, 2020 at 02:47PM

अमेरिका में कोरोना महामारी के कारण जान गंवाने वालों की संख्या 2.50 लाख के आंकड़े को पार कर गई है। पिछले 14 दिनों में मौतों की संख्या में 52 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, नए संक्रमण के मामलों में 77 फीसदी का इजाफा हुआ है। अमेरिका के 50 में से 49 राज्यों में नए मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। सिर्फ हवाई में पिछले 14 दिनों में पॉजिटिव केस की संख्या में गिरावट आई है। इस वजह से अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में मौत की संख्या भी और तेजी से बढ़ सकती है, क्योंकि आमतौर पर कोरोना संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी के कुछ दिनों बाद मौत की संख्या बढ़ती है।

अमेरिका को उम्मीद है कि जल्द ही उसे फाइजर और मॉर्डना द्वारा विकसित की गई वैक्सीन मिल जाएगी। हालांकि, ऐसी आशंका है कि वैक्सीन आने से पहले अगर सावधानी नहीं बरती गई तो बड़ी तबाही हो सकती है। अमेरिका के राज्य अपने-अपने स्तर पर संक्रमण से मुकाबला करने की कोशिश कर रहे हैं। ओहायो में नाइट कर्फ्यू लगाया गया है। मिसिसिपी और आइओवा में मास्क अनिवार्य कर दिया गया है। मेरीलैंड में सभी बार, रेस्टोरेंट और नाइट क्लब को रात 10 बजे बंद किए जाने का आदेश दिया गया है।

मिनेसोटा के गवर्नर टिम वाल्ट्ज और भी कड़ी पाबंदियों के पक्षधर हैँ। उन्होंने कहा, ‘हमारे पैरों तले जमीन खिसक रही है। हमें कड़े कदम उठाने ही होंगे।’ न्यूयॉर्क ने फिर से स्कूल बंद करने का फैसला लिया है। आठ सप्ताह पहले ही वहां स्कूल खोले गए थे। पेन्सलवेनिया ने कहा कि बाहर से कोई भी व्यक्ति अगर राज्य में आता है तो उसे कोरोना निगेटिव सर्टिफिकेट लाना होगा। कैलिफोर्निया ने कहा है कि राज्य को फिर से खोलने की योजना पर आपातकालीन ब्रेक लगाया जा रहा है।

जर्मनी में लॉकडाउन के खिलाफ गुस्सा- संसद भवन में भी घुसे प्रदर्शनकारी

जर्मनी में हजारों की तादाद में लोग राजधानी बर्लिन में सड़कों पर उतर आए। इन प्रदर्शनकारियों ने जर्मन चांसलर अंगेला मर्केल के लॉकडाउन के कदमों का जोरदार विरोध किया। प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए बड़ी संख्या में दंगा निरोधक पुलिस तैनात की गई। कुछ प्रदर्शनकारी संसद भवन बुंदसटैग में भी घुस गए थे। सरकार ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं कि आखिर वे संसद भवन में कैसे आ गए।

बाइडेन बोले- देश को कमांडर-इन-चीफ चाहिए

अमेरिका के प्रेसिडेंट इलेक्ट जो बाइडेन ने कोरोना से निबटने के लिए खुद को सरकारी मशीनरी का एक्सेस दिए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह युद्ध है और देश को ऐसी स्थिति में कमांडर-इन-चीफ की जरूरत है। वहीं, दूसरी ओर अमेरिकी सरकार में संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एंथनी ए फौसी ने कहा कि पूरे देश को एक एक्शन प्लान पर काम करना चाहिए। हर राज्य में अलग तरीका ठीक नहीं है।

फ्रांस के बाद रूस में भी 20 लाख का आंकड़ा पार

यूरोप में कोरोना महामारी विस्फोटक रूप धारण कर चुकी है। फ्रांस के बाद यूरोप में भी अब 20 लाख संक्रमितों का आंकड़ा पार हो गया। यूरोप के यही दो देश हैं जहां कुल संक्रमितों की संख्या 20 लाख के ऊपर गई है। स्पेन में 15 लाख से ज्यादा और ब्रिटेन में 14 लाख से ज्यादा मामले आ चुके हैं। अभी जैसी रफ्तार है ये दोनों देश भी जल्द ही 20 लाख का आंकड़ा पार कर सकते हैं।



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जर्मनी में प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए बड़ी संख्या में दंगा निरोधक पुलिस तैनात की गई।

एपल कंपनी पर 840 करोड़ रुपए का जुर्माना, पुराने आईफोन को स्लो करने का लगा आरोप November 19, 2020 at 02:47PM

दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी एपल पर 11.3 करोड़ डॉलर (करीब 840 करोड़ रुपए) का जुर्माना लगाया गया है। आरोप है कि साल 2016 में एपल ने आईफोन 6, 7 और एसई के मॉडल का अपडेट जारी किया था। इससे पुराने आईफोन स्लो हो गए थे।

अपडेट जारी करने से पहले कंपनी ने अपने ग्राहकों को इसकी जानकारी नहीं दी थी। कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल जेवियर बसेरा ने बताया कि ये जुर्माना अमेरिका के 33 राज्यों और कोलंबिया डीसी की ओर से दायर याचिका के निपटारे के दौरान लगाया गया। खबरों के मुताबिक एपल यह जुर्माना भरने के लिए राजी हो गई है, लेकिन उसने गलती मानने से इनकार किया है।



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दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी एपल पर 11.3 करोड़ डॉलर (करीब 840 करोड़ रुपए) का जुर्माना लगाया गया है।

China's Covid-19 vaccine administered to a million people: Official November 19, 2020 at 05:55AM

A Covid-19 vaccine developed by a state-owned Chinese pharmaceutical firm has been administered to about a million people under the government's emergency use scheme, the company's chairman said. ​​“In terms of emergency use, the vaccines were applied to nearly a million people and there has not been a single case of a serious adverse event," the chairman Liu Jingzhen said.

China all set to change its development model from 2021: Xi November 19, 2020 at 04:00AM

Sharif made several unscheduled hospital visits this week November 19, 2020 at 01:12AM

हाफिज सईद को 10 साल की जेल, अवैध फंडिंग मामले में पाकिस्तान की कोर्ट ने सजा सुनाई November 19, 2020 at 01:05AM

पाकिस्तान की एक एंटी टेररिज्म कोर्ट ने आतंकी संगठन जमात-उद-दावा के मुखिया हाफिज सईद को अवैध फंडिंग मामले में 10 साल कैद की सजा सुनाई है। पाकिस्तानी मीडिया ने गुरुवार को यह जानकारी दी। हाफिज सईद को पिछले साल 17 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। हाफिज मुंबई में हुए आतंकी हमले का मुख्य आरोपी है। इसमें 166 लोगों की मौत हुई थी।

सईद के साथ दो और आरोपियों प्रो. जफर इकबाल, और याह्या मुजाहिद को दो मामलों में पांच-पांच साल और दूसरे मामले में छह महीने की जेल की सजा सुनाई गई है। उन पर 1,10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। सभी की चल-अचल संपत्ति जब्त कर ली गई है।

हाफिज सईद के खिलाफ 41 केस दर्ज

इससे पहले फरवरी में भी हाफिज को लाहौर की एक अदालत ने टेरर फंडिंग के दो मामलों में दोषी करार दिया था। तब कोर्ट ने उसे 5 साल कैद की सजा सुनाई थी। सईद के खिलाफ आतंकी फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध कब्जे के 41 मामले दर्ज हैं।

हाफिज सईद लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक है। 11 सितंबर, 2001 में अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले के बाद अमेरिका ने इस संगठन को विदेशी आतंकी संगठन की लिस्ट में शामिल किया था। 2002 में पाकिस्तान की सरकार ने भी लश्कर पर पाबंदी लगा दी थी। उसके बाद हाफिज सईद ने नया संगठन जमात-उद-दावा बनाया था।

पाकिस्तान करता रहा है पैंतरेबाजी
कुछ महीने पहले ही पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा के पांच बड़े आतंकियों के बैंक अकाउंट फिर से शुरू कर दिए गए हैं। इनमें हाफिज सईद भी शामिल था। पाकिस्तानी मीडिया ने तब दावा किया था कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की सेक्शन कमेटी की मंजूरी के बाद अकाउंट शुरू किए गए हैं।



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हाफिज सईद को पिछले साल 17 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। -फाइल फोटो

Pompeo in Israel, vows new action against boycott movement November 19, 2020 at 12:59AM

Italy police arrest 19 in mafia vote-swap sting November 19, 2020 at 12:40AM

Investigators say the Grande Aracri clan, based in the southern Italian region but also active in pockets of the north and abroad, was laundering dirty money through a chain of 23 pharmacies.