Thursday, June 11, 2020

इमरान ने कहा- कोरोना को लेकर कुछ लोगों की मानसिकता खतरनाक, जहां नियमों का पालन नहीं होगा वहां सख्त कार्रवाई होगी June 11, 2020 at 08:11PM

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार रात राष्ट्र को संबोधित किया। कहा- देश में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। लेकिन, कुछ लोग कह रहे हैं कि कि कोरोनावायरस उन्होंने नहीं देखा और ऐसी कोई चीज है भी नहीं। इमरान ने कहा कि यह मानसिकता बेहद खतरनाक है। खान ने कहा कि वो खुद महामारी पर नजर रख रहे हैं। सरकार ने कुछ नियम बनाए हैं। अगर मॉल्स या दूसरी जगहों पर इनका पालन नहीं हुआ तो इन्हें फौरन बंद कर दिया जाएगा।
शुक्रवार सुबह तक पाकिस्तान में संक्रमण के 1 लाख 25 हजार 933 मामलों की पुष्टि हो चुकी थी। अब तक 2463 लोगों की मौत हो चुकी है।

प्रधानमंत्री खुद रख रहे हैं हालात पर नजर
देश के लोगों के नाम संदेश में इमरान ने कहा, “कोरोना को लेकर मैं खुद देश के हालात पर नजर रख रहा हूं। यह भी देख रहा हूं कि नियमों का पालन हो रहा है या नहीं। मुझे मालूम है कि मस्जिद, अदालत, ऑफिस, पार्क, इंडस्ट्रीज, शॉपिंग मॉल्स और ट्रांसपोर्ट में क्या चल रहा है। मैं हर रोज इनकी रिपोर्ट मंगा रहा हूं। जहां सरकारी नियमों का पालन नहीं होगा, वहां एक्शन लिया जाएगा। जरूरत हुई तो इन जगहों को फौरन बंद किया जाएगा।”

पहले सख्ती नहीं की
खान ने आगे कहा, “पहले हमने सख्ती नहीं की। क्योंकि, हम डाटा कलेक्शन कर रहे थे। लेकिन, अब मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि हम पूरी ताकत से संक्रमण को रोकेंगे। मेरी सरकार इस मामले में एजेंसियों की पूरी मदद करेगी।” इमरान ने इस बात पर दुख जताया कि कुछ लोग महामारी पर बेहद गैरजिम्मेदाराना रवैया अपना रहे हैं। उन्होंने कहा, “कुछ लोग कह रहे हैं कि हमने कोई कोरोना नहीं देखा। हमने कोरोना की वजह से किसी को मरते नहीं देखा। यह बहुत खतरनाक मानसिकता है।”

अगला महीना ज्यादा भारी
इमरान के मुताबिक, पाकिस्तान में जिस रफ्तार से संक्रमण बढ़ रहा है, उससे लगता है कि अगला महीना यानी जुलाई भारी पड़ सकता है। खान ने कहा- हमें आशंका है कि अगले महीने सबसे ज्यादा मामले सामने आ सकते हैं यानी संक्रमण चरम पर होगा। लिहाजा, लोगों को उन नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए जो सरकार ने जारी किए हैं। यह उनका मुल्क के लिए फर्ज है।



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पाकिस्तान में संक्रमण के 1 लाख 25 हजार 933 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। अब प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि पहले सख्ती इसलिए नहीं की गई क्योंकि सरकार डाटा कलेक्ट कर रही थी। (फाइल)

ट्विटर ने चीन सरकार और उसकी नीतियों का समर्थन करने वाले 1.7 लाख अकाउंट बंद किए, कहा- इनका बर्ताव प्रवक्ता जैसा June 11, 2020 at 07:23PM

ट्विटर ने चीन और चीन सरकार के समर्थन वाले करीब एक लाख 70 हजार अकाउंट बंद कर दिए हैं। इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने गुरुवार रात एक बयान में यह जानकारी दी। वहीं,सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ये अकाउंट्स साफ तौर पर चीन की नीतियों और कदमों को जायज ठहराने वाले थे।
हॉन्गकॉन्ग में चीन विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं। इसके अलावा कोविड-19 पर चीन के रवैये की दुनिया के कई देशों में आलोचना हो रही है। लेकिन, ट्विटर पर लाखों अकाउंट्स चीन को सही ठहरा रहे थे।

दो मुद्दों की चर्चा ज्यादा
हॉन्गकॉन्ग में कई महीनों से लोकतंत्र के समर्थन में आंदोलन चल रहा है। कई बार यहकाफी हिंसक भी हुआ। पिछले दिनों चीन ने यहां के लिए नया कानून पारित किया। दुनियाभर में इसकी आलोचना हुई। लेकिन, ट्विटर पर हजारों अकाउंट्स ऐसे थे जो चीन के कदम को सही ठहरा रहे थे। दूसरा मुद्दा कोविड-19 से जुड़ा है। अमेरिका समेत कई देश चीन पर इसकी सच्चाई छिपाने का आरोप लगा रहे हैं। लेकिन, ट्विटर पर ऐसे कई अकाउंट्स थे जिनके जरिए यह दावा किया जा रहा था कि चीन ने सही वक्त पर सही कदम उठाए।

ट्विटर ने क्या कहा?
कंपनी ने एक बयान में चीन की शह पर चलाए जा रहे इन अकाउंट्स पर सख्त रुख दिखाया। कहा- हमने जो अकाउंट्स बंद किए हैं वो दुनिया में चीन और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की नीतियों को सही ठहरा रहे थे। इनके जरिए यह साबित करने की कोशिश की जा रही थी कि चीन हर मामले में सही है।

चीन में ब्लॉक है ट्विटर
बता दें कि चीन में आधिकारिक तौर पर ट्विटर ब्लॉक है। लेकिन, वीपीएन नेटवर्क के लिए कुछ लोग इसका इस्तेमाल करते हैं। ट्विटर ने इन एक लाख 70 हजार अकाउंट्स को बंद करने के पहले ऑस्ट्रेलिया समेत कुछ देशों में हुए रिसर्च को भी देखा। कंपनी ने बयान में कहा- इन अकाउंट्स पर सिर्फ चीन की भाषा बोली जा रही थी यानी चीन का ही पक्ष रखा जा रहा था। 23 हजार 750 अकाउंट्स के यूजर्स का बर्ताव तो चीन के प्रवक्ता जैसा था। इसके अलावा करीब 1.5 लाख अकाउंट ऐसे थे, जिन पर चीन को ही सही ठहराया जा रहा था।

रूस और तुर्की भी शामिल
ट्विटर ने रूस और तुर्की से जुड़े कुछ अकाउंट को भी बंद किया है। इन पर भी वही आरोप हैं जो चीन के मामले में लगाए गए हैं। रूस के करीब एक हजार अकाउंट्स को बंद किया गया है। ये सत्तारूढ़ पार्टी का समर्थन कर रहे थे। तुर्की में 7340 अकाउंट्स को बंद किया गया है। ये राष्ट्रपति रिसेप तैय्यप एर्डोगन की नीतियों का प्रचार और समर्थन कर रहे थे।



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चीन के अलावा रूस के एक हजार और तुर्की से जुड़े 7340 अकाउंट्स को भी ट्विटर ने बंद कर दिया है। (प्रतीकात्मक)

Alarming rise in coronavirus cases as US states roll back lockdowns June 11, 2020 at 06:45PM

Coroanvirus cases are rising in nearly half the US states, according to an AP Press analysis, a worrying trend that could intensify as people return to work and venture out during the summer. There is no single reason for the surges. In some cases, more testing has revealed more cases. In others, local outbreaks are big enough to push statewide tallies higher

Trump asks supporters not to sue if they catch Covid-19 at his rally June 11, 2020 at 05:05PM

Donald Trump supporters who attend the US president's upcoming election rally must sign a waiver promising not to sue if they catch Covid-19 at the event, according to his campaign website. ​​The Republican billionaire announced on Wednesday that he would resume his campaign rallies in four states - Oklahoma, Florida, Arizona and North Carolina - despite the coronavirus pandemic that continues to rage in the US.

Twitter takes down Beijing-backed accounts pushing favorable coronavirus messages June 11, 2020 at 04:56PM

Twitter on Thursday said it removed more than 170,000 accounts tied to a Beijing-backed influence operation that deceptively spread messages favorable to the Chinese government, including about the coronavirus.

More than 900 die in US of Covid-19 in 24 hours: Johns Hopkins June 11, 2020 at 04:45PM

The US continues to register around 20,000 new cases of coronavirus each day, and is struggling to come down from that plateau as infection rates wax and wane around the country.

ब्राजील में संक्रमितों का आंकड़ा 8 लाख के पार, लगातार पांचवे दिन 30 हजार से ज्यादा मामलों की पुष्टि; दुनिया में अब तक 75 लाख से ज्यादा मरीज June 11, 2020 at 04:45PM

दुनिया में कोरोनावायरस से अब तक 4 लाख 23 हजार 086 लोगों की मौत हो चुकी है। संक्रमितों का आंकड़ा 75 लाख 83 हजार 915 हो गया है। इसी दौरान 38 लाख 35 हजार 187 लोग स्वस्थ भी हुए। ब्राजील से एक अहम खबर है। यहां संक्रमितों का आंकड़ा 8 लाख से ज्यादा हो गया है। यहां महामारी के हालात यह हैं कि लगातार पांच दिन से 30 हजार से ज्यादा संक्रमित रोज मिल रहे हैं। राष्ट्रपति जायर बोल्सोनोरो की देश ही नहीं बल्कि दुनिया में आलोचना हो रही है। शुरुआत में उन्होंने कोरोनावायरस को मामूली फ्लू बताया था।

कोरोनावायरस : 10 सबसे ज्यादा प्रभावित देश

देश

कितने संक्रमित कितनी मौतें कितने ठीक हुए
अमेरिका 20,89,701 1,16,034 8,16,086
ब्राजील 8,05,649 41,058 3,96,692
रूस 5,02,436 6,532 2,61,150
भारत 2,98,283 8,501 1,46,972
ब्रिटेन 2,91,409 41,279 उपलब्ध नहीं
स्पेन 2,89,787 27,136 उपलब्ध नहीं
इटली 2,36,142 34,167 1,71,338
पेरू 2,14,788 6,109 1,02,429
जर्मनी 1,86,795 8,851 1,71,200
ईरान 1,80,156 8,584 1,42,663

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ब्राजील : हर दिन बढ़ती मुश्किलें
राष्ट्रपति बोल्सोनोरो की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। देश में संक्रमण के 8 लाख से ज्यादा मामलों की पुष्टि हो चुकी है। 24 घंटे में यहां 30 हजार 412 मरीज सामने आए। दिक्कत की बात यह है कि लगातार पांच दिन से यहां हर रोज 30 हजार से ज्यादा संक्रमितों की पुष्टि हो रही है। मरने वालों का आंकड़ा भी 40 हजार से ज्यादा हो गया है। गुरुवार को 1239 लोगों की मौत हुई। अमेरिका के बाद ब्राजील में सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं।

बचाव के लिए मास्क उपयोगी
टेक्सॉस और कैलिफोर्निया में हुई एक स्टडी में कहा गया है कि वायरस हवा के जरिए सबसे तेजी से फैलता है। लिहाजा, मास्क ही संक्रमण से बचने का सबसे बेहतर तरीका है। एटमॉस्फेरिक साइंस के रिसर्चर रेन्यी झांग की टीम ने इटली और न्यूयॉर्क में मास्क को अनिवार्य बनाए जाने के पहले और बाद के नतीजों का अध्यन किया। रिसर्च डाटा में सामने आया कि जैसे ही इन दोनों जगहों पर मास्क जरूरी किया गया तो मामले घटने लगे।

इजराइल की राजधानी तेल अवीव के एक रेस्टोरेंट में मास्क पहनकर बैठीं महिलाएं। गुरुवार को टेक्सॉस और कैलिफोर्निया में हुई एक स्टडी की रिपोर्ट जारी की गई। इसमें कहा गया है कि संक्रमण को रोकने के लिए सबसे अच्छा विकल्प मास्क है।

इटली: बच्चों पर खतरा
इटली पब्लिक सेफ्टी डिपार्टमेंट ने एक बयान में बताया है कि देश में महामारी की शुरुआत से अब तक 4564 बच्चे संक्रमित हो चुके हैं। इतना ही नहीं चार बच्चों की मौत भी हो चुकी है। संक्रमित बच्चों में ज्यादातर की उम्र 7 से 17 साल के बीच है। बीमारी से मारे गए सभी बच्चे सात साल से कम उम्र के थे। सभी संक्रमित बच्चों को इलाज घर पर ही किया गया, केवल 100 बच्चों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया था। यदि स्कूलों को बंद नहीं किया गया होता तो संक्रमित बच्चों की संख्या ज्यादा हो सकती थी।

मैक्सिको : राहत के संकेत नहीं
लैटिन अमेरिका में संक्रमण के मामले कम होते नहीं दिखते। ब्राजील और पेरू के बाद मैक्सिको में भी महामारी तेजी से फैल रही है। सरकार ने कुछ सख्त पाबंदियां लगाई हैं। बाजार बंद हैं लेकिन, इसके बावजूद मामले कम नहीं हो रहे। गुरुवार को यहां 4790 नए केस सामने आए। देश में कुल संक्रमितों की संख्या 1 लाख 33 हजार 974 हो गई। 24 घंटे में 587 लोगों की मौत हुई। मरने वालों का आंकड़ा 15 हजार 944 हो गया। सरकार ने खुद कहा है कि मरने वालों और संक्रमितों की तादाद इससे ज्यादा हो सकती है।

मैक्सिको में भी मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे। इस छोटे से देश में गुरुवार को करीब पांच हजार नए संक्रमितों की पुष्टि हुई। सरकार ने खुद माना है कि संक्रमितों और मरने वालों का आंकड़ा ज्यादा होने की आशंका है। फोटो मैक्सिको सिटी के एक ट्रैफिक सिग्नल के करीब मास्क लगाकर खड़ी महिला की है।

पाकिस्तान : फिर तेजी से बढ़े मामले
इमरान खान सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। देश में गुरुवार को लगातार दूसरे दिन 6 हजार से ज्यादा नए संक्रमितों की पुष्टि हुई। डॉन न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, संक्रमितों की संख्या सरकारी आंकड़ों पर आधारित है और हकीकत में मामले बहुत ज्यादा हो चुके हैं। नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन के सांसद ख्वाजा आसिफ ने गुरुवार को कहा कि इमरान सरकार मुल्क को संभालने में हर मोर्चे पर नाकाम रही है। आसिफ ने कहा- अब ऊपर वाला ही इस मुल्क की हिफाजत कर सकता है।

पाकिस्तान में बुधवार के बाद गुरुवार को भी यानी लगातार दूसरे दिन 6 हजार से ज्यादा संक्रमितों की पुष्टि हुई। विपक्षी सांसद और पूर्व सांसद ख्वाजा आसिफ ने कहा कि अब ऊपर वाला ही मुल्क की हिफाजत कर सकता है। यहां अब भी ज्यादातर लोग न तो मास्क लगा रहे हैं और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। फोटो गुरुवार को कराची के एक बाजार से गुजरती महिला की है।


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ब्राजील में संक्रमण बेकाबू होता नजर आ रहा है। सरकार का विरोध भी तेज हो गया है। गुरुवार को राजधानी रियो डि जेनेरियो के कोपाकाबाना बीच पर एक एनजीओ के लोगों ने करीब 100 कब्र तैयार कीं। इनका कहना है कि महामारी से लोग मर रहे हैं और सरकार नाकाम रही है। इसलिए ये कब्र काम आएंगी।

कैलिफोर्निया-एरिजोना में आग: 14 हजार एकड़ जंगल खाक, टस्कन में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया June 11, 2020 at 02:12PM

अमेरिकी राज्य कैलिफोर्निया और एरिजोना के जंगलों में आग फैल गई है। दक्षिणी कैलिफोर्निया के कैंप पेंडलटन में पिछले 24 घंटे में करीब 8 हजार एकड़ जंगल खाक हो गया। वहीं, लॉस एंजेलिस के अलग-अलग इलाकों में 1200 एकड़ में आग से नुकसान हुआ है।

वेंचुरा काउंटी में आग से 200 एकड़ जंगल तबाह हो गया। लेक पिरु इलाके से 2100 लोगों को सुरक्षित जगह भेजा गया है। 125 से ज्यादा दमकलकर्मी आग बुझाने में जुटे हैं। उधर एरिजोना के टस्कन में भी आग फैलती जा रही है। यहां करीब 5 हजार एकड़ जंगल चपेट में है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है।

पिछले साल अक्टूबर में कैलिफोर्निया में आग के कारण 1 लाख लोगों को घर छोड़ना पड़ा था, 25 हजार से ज्यादा घर राख हो गए थे।


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यह फोटो एरिजोना के टस्कन शहर की है। यहां पर जंगल की आग सैंटा कैटेलिना की पहाड़ियों तक फैल गई है। अब इसने रिहायशी इलाकों को भी चपेट में लेना शुरू कर दिया है।

अमेरिका में संक्रमण की दूसरी लहर, विशेषज्ञों का दावा- 4 राज्यों में मिल रहे गहरे संकेत, फिर बिगड़ेंगे हालात June 11, 2020 at 02:12PM

अमेरिका में कोरोना की दूसरी लहर उठ रही है। इसके गहरे संकेत 4 राज्यों एरिजोना, टेक्सास, फ्लोरिडा और कैलिफोर्निया में दिखाई दे रहे हैं। जॉन्स हॉपकिंस सेंटर, पेरेलमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन समेत कम से कम 5 संस्थाओं के रिसर्चर्स ने अपने अध्ययन में यह दावा किया है। टेक्सास, फ्लोरिडा और कैलिफोर्निया टॉप 10 संक्रमित राज्यों में शामिल हैं।

जॉन्स हॉपकिंस सेंटर के रिसर्चर एरिक टोनर ने कहा कि कोरोना की नई लहर अभी छोटी और दूर दिखाई दे रही है, लेकिन यह अमेरिका के कुछ हिस्सों में उभर रही है। हालांकि, यह कहना जल्दबाजी होगी कि संक्रमण के मामले अनलॉक और रंगभेद के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों में उमड़ी भारी भीड़ के कारण बढ़े हैं।

ऐसा इसलिए कह सकते हैं क्योंकि जॉर्जिया में हेयर सैलून, टैटू पार्लर, जिम डेढ़ महीने पहले खुल गए थे, लेकिन वहां मामलों में गिरावट आई है। पेरेलमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन के जैव सांख्यिकी विभाग के निदेशक जेफरी मॉरिस का कहना है कि अब ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है।

एफडीए कमिश्नर स्टीफन हान ने कहा कि वे अनलॉक और बढ़ते मामलों के संबंधों का अध्ययन कर रहे हैं, क्योंकि एक हफ्ते में कहीं मामले अचानक बढ़े हैं तो कहीं मामले मिले ही नहीं। अमेरिका में अब तक 20,66,611 मामले आए हैं। जबकि 1,15,140 मौतें हुई हैं। उधर, हार्वर्ड में ग्लोबल हेल्थ इंस्टीट्यूट के प्रमुख आशीष झा ने कहा है कि अमेरिका में कोरोना से मौतों का आंकड़ा सितंबर तक दो लाख के पार पहुंच सकता है।

वे प्रमुख राज्य जहां से उभर रहा खतरा, इनमें से 3 टॉप 10 प्रभावित में

टेक्सास: एक दिन में सबसे ज्यादा 2504 नए मामले सामने आए
टेक्सास में कोरोना के 2,504 नए मामले आए हैं। यह यहां एक दिन का सबसे बड़ा आंकड़ा है। लोग राज्य में अनलॉक करने के लिए गवर्नर ग्रेग अबॉट की आलोचना कर रहे हैं। राज्य में अब तक 81,434 केस आए हैंजबकि 1,920 मौतें हुई हैं।

फ्लोरिडा: अनलॉक के बाद एक हफ्ते में 8553 केस
अनलॉक के बाद फ्लोरिडा में एक हफ्ते में 8,553 केस आए हैं। यह अभी तक का एक हफ्ते का सबसे बड़ा आंकड़ा है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि ज्यादा टेस्ट के कारण केस बढ़े हैं। राज्य में अब तक 67,371 केस आए हैं। 2,803 मौतें हुई हैं।

कैलिफोर्निया: अकेले लॉस एंजिल्स में राज्य के 50% नए केस
कैलिफोर्निया में मार्च के अंत में स्टे एट होम लगा था। पिछले एक हफ्ते में यहां के लॉस एंजेलिस में ही राज्य के 50% यानी 8562 नए केस मिले हैं। जबकि सैन फ्रांसिस्को में 3 दिन में एक भी केस नहीं आया है।

एरिजोना: 24 घंटे में सबसे ज्यादा 1556 नए केस भी आए
एरिजोना में 2 हफ्ते में मामले अचानक बढ़े हैं। यहां 24 घंटे में सबसे ज्यादा 1,556 नए केस आए हैं। इसलिए अस्पताल इमरजेंसी प्लान बना रहे हैं। राज्य में 29,852 मामले आए हैं। 1,095 मौतें हुई हैं।

अध्ययन में दावा: कोरोना की बहुत जल्दी जांच से आ सकते हैं गलत नतीजे
कोरोना की बहुत जल्दी जांच से गलत नतीजे आ सकते हैं। जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में यह दावा किया है। इसके मुताबिक वायरस की जांच लक्षण दिखने के 3 दिन बाद करना बेहतर होता है। शोधकर्ताओं ने मरीजों की लार के 1,330 सैंपल लेकर विश्लेषण किया। टीम की सदस्य लॉरेन कुसिर्का ने कहा कि लक्षण होना या न होना संक्रमित होने की गारंटी नहीं है।



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यह फोटो फ्लोरिडा के मियामी बीच की है। राज्य में अनलॉक के बाद यहां पर्यटक बढ़ते जा रहे हैं।

जन्म से लेकर मृत्यु तक असमानता से घिरे रहते हैं अश्वेत, न खुद के लिए बचत कर पाते हैं और न बच्चों के लिए: रिपोर्ट June 11, 2020 at 02:12PM

अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस प्रताड़ना से मौत के बाद अमेरिका रंगभेद की आग से जूझ रहा है। फ्लॉयड की हत्या ही केवल नस्लीय भेदभाव का उदाहरण नहीं है, इसे अन्य असमानताओं से भी समझा जा सकता है। अमेरिका में लगभग हर चीज अश्वेतों के पास गोरों की तुलना में कम है। वे सिर्फ सामाजिक भेदभाव से नहीं लड़ रहे, बल्कि आर्थिक असमानता से भी जूझ रहे हैं। पढ़ाई हो या सुविधाएं, उन्हें हर जगह वंचित होना पड़ रहा है। यहां तक कि उन्हें अपना घर खरीदने में भी दिक्कतें होती हैं।

युवा परिवारों की आय श्वेतों से कमः बच्चों की पढ़ाई से लेकर देखभाल तक में अश्वेत पिछड़े हैं। इसकी वजह उनकी आय कम होना है। युवा दंपती की औसत आय करीब 27 लाख रुपए है, जबकि श्वेतों में यह 60 लाख रुपए है। मिश्रित नस्ल वाले परिवार में यह 48 लाख रु. है।

बचत 3 गुना कमः फेडरल रिजर्व के मुताबिक, अश्वेत करीब तीन गुना पीछे हैं। श्वेत परिवारों के खातों में औसत 1.13 करोड़ रुपए की बचत है, जबकि अश्वेतों के खातों में यह करीब 32.25 लाख है।

कॉलेज की पढ़ाईः ग्रेजुएशन पूरा करने वालों में अश्वेत सबसे पीछे हैं। सिर्फ 39% अश्वेत ही इसे पूरा कर पाते हैं, जबकि श्वेतों में यह 65% है।

एजुकेशन लोन और डिफॉल्टः कॉलेज की पढ़ाई वित्तीय सुरक्षा का रास्ता बनाती है, लेकिन कर्ज न चुकाने के कारण 21% अश्वेत डिफॉल्टर हो जाते हैं। जबकि श्वेत महज 4% और एशियाई 1.4% हैं।

श्वेतों की तुलना में दोगुना कर्जः अश्वेत छात्र बैचलर डिग्री के लिए औसत 48 लाख रुपए तक कर्ज लेते हैं, जबकि श्वेत 15 लाख तक। अश्वेतों की तरफ से कर्ज चुकाने में भी देरी होती है।

अपना घर खरीदने में 50 साल पीछेः इस मामले में अश्वेत करीब 50 साल पीछे हैं। 72% श्वेतों के पास अपने घर हैं, जबकि ऐसे अश्वेत सिर्फ 41% हैं। एशियाई 59.5% और हिस्पैनिक 47.5% भी उनसे आगे हैं।

रिटायरमेंट प्लान में भी पिछड़ेः पेंशन, रिटायरमेंट प्लान, होम इक्विटी और सोशल सिक्योरिटी के मामले में भी श्वेत आगे हैं। उनके पास संसाधन भी ज्यादा हैं। 60% श्वेत परिवारों के पासकम से कम एक रिटायरमेंट अकाउंट है, जबकि सिर्फ 34% अश्वेत परिवारों के पास यह अकाउंट है। फेडरल रिजर्व के मुताबिक, श्वेतों की तुलना में अश्वेत अगली पीढ़ी के लिए पर्याप्त बचत या संपत्ति भी नहीं छोड़ पाते।

श्वेतों के बराबर योग्यता के बावजूद सैलरी उनसे 27% तक कम
इकोनॉमिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट के मुताबिक, समान योग्यता रखने के बावजूद 2019 में श्वेत-अश्वेतों की औसत सैलरी में अंतर बढ़ा है, जबकि अन्य समुदायों के लिए कम हुआ है। अगर किसी काम के लिए श्वेत को एक डॉलर मिलता है, तो उसी काम के लिए अश्वेत को सिर्फ 73 सेंट मिलते हैं, यानी 27%कम। एडवांस डिग्री के मामले में यह अंतर थोड़ा कम है। यहां अश्वेतों को 18% कम पैसे मिलते हैं। महिलाओं के मामले में तो यह अंतर 34% है।



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Blacks live in inequality from birth to death, save neither for themselves nor for children: report

Seoul warns of 'thorough crackdown' on anti-North Korea leaflets June 11, 2020 at 01:10AM

बलूचों ने पाकिस्तान की सेना पर पत्थर बरसाए, डर की वजह से जवान अपनी पोस्ट छोड़कर भागे June 11, 2020 at 01:25AM

पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में एक महिला और 4 साल की बच्ची की हत्या के बाद प्रदर्शन हो रहेहैं। बलूचों ने गुरुवार को सीमा के पास स्थितबारबचा इलाके में पाकिस्तान की सेना पर पत्थर बरसाए। सेना की एक चेक पोस्टमें भी आग लगा दी। हिंसक प्रदर्शन से डरकर सेना के जवान अपनी पोस्ट छोड़कर भाग गए।

घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे हैं। ऐसे ही एक वीडियो बलूचिस्तान पोस्ट ने शेयर किया है। इसमेंहजारों प्रदर्शनकारी पाकिस्तानी सैनिकों पर पत्थरबाजी करते दिखाई दे रहे हैं। इस जगह पर सेना के टैंक भी खड़े थे। लेकिन, पत्थरबाजी तेज होते ही सैनिक पोस्ट छोड़कर भाग खड़े हुए। इसके बाद प्रदर्शनकारियोंने सेना कीचेक पोस्ट में आग लगा दी।

तुरबत में महिला और बच्ची की हत्या की गई
बलूचिस्तान में यह प्रदर्शन दो हफ्ते से चल रहे हैं। दो हफ्ते पहले यहां के तुरबत शहर में एक महिला मलिकनाज और उसकी चार साल की बेटी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि बलूचिस्तान की सरकार चला रही बलूचिस्तान आवामी पार्टी (बीएपी) के सदस्यों ने ही हत्या की है।

पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग (क्यू) के कुछ सदस्यों ने मिलकर 2018 में बीएपी बनाई थी। 2018 में बलूचिस्तान में हुए चुनावों में बीएपी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। इमरान खान सरकार में भी बीएपीशामिल है।

बलूच लिबरेशन आर्मी को खत्म करने का अभियान चला रही सेना
अरब न्यूज ने इंटेलिजेंस सूत्रों के हवाले से बताया कि पाकिस्तान की सेना ग्राउंड जीरो क्लियरेंस ऑपरेशन चला रही है। इस ऑपरेशन के तहत बलूचिस्तान की आजादी की मांग करने वाली बलूच लिबरेशन आर्मी और बलूच लिबरेशन फ्रंट को खत्म किया जा रहा है। बीते कुछ दिनों में बलूच और पख्तून नेताओं की हत्या के कई मामले सामने आए हैं।



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बलूचों ने सीमा के पास स्थित बरबचा इलाके में हिंसक प्रदर्शन किया। पाकिस्तानी सेना की चेक पोस्ट में भी आग लगा दी।

भारतवंशी डॉक्टर दंपती ने सरकार के साथ कानूनी लड़ाई शुरू की, पीपीई पर दिए निर्देशों को डब्ल्यूएचओ के खिलाफ बताया June 11, 2020 at 12:45AM

भारतवंशी डॉक्टर दंपती ने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ कानूनी लड़ाई शुरू की है। दंपती का कहना है कि सरकार ने महामारी के बीच डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) से जुड़ी सुरक्षा संबंधी चिंताओं का समाधान करने से इनकार कर दिया था।

डॉ. निशांत जोशी और उनकी गर्भवती पत्नी डॉ. मीनल विज ने ब्रिटेन के जन स्वास्थ्य विभाग से जवाब मांगते हुए अप्रैल में ही कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी थी। इस मामले को लेकर उन्होंने बुधवार को लंदन हाईकोर्ट जाने का फैसला किया। उनका मानना है कि वे अब और इंतजार नहीं कर सकते।

सरकार ने मुद्दों का निपटारा करने से इनकार किया

दंपती ने एक बयान में कहा- हम ऐसा नहीं करना चाहते थे। हमारी ऐसी कोई योजना नहीं थी। हम महामारी में काम करने वाले डॉक्टर्स हैं। हम बस लोगों की जिंदगी बचाने पर अपना ध्यान लगाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने हमारे द्वारा उठाए जा रहे मामलों का निपटारा करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद हमें यह कदम उठाना पड़ा।

लॉ फर्म बाइंडमांस दंपती की ओर से कानूनी लड़ाई में उनका प्रतिनिधित्व कर रही है। फर्म ने कहा कि न्यायिक समीक्षा के लिए दी गई याचिका में पीपीई के संबंध में ब्रिटिश सरकार और डब्ल्यूएचओ द्वारा बताए गए दिशा-निर्देंशों के अंतर को रेखांकित किया गया है।

सरकार के निर्देश डब्ल्यूएचओ के खिलाफ

सरकार के दिशा-निर्देशों में डॉक्टर्स और मरीजों की देख-रेख कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों को पीपीई कीट का इस्तेमाल कम करने और कुछ सुरक्षा कीट का दोबारा इस्तेमाल करने के लिए कहा गया है। इसी दिशा-निर्देशों को दंपती ने चुनौती दी है। उनका कहना है कि ये निर्देश डब्ल्यूएचओके दिशा-निर्देशों के खिलाफ हैं। इससे स्वास्थ्यकर्मियों की जान को खतरा है।



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डॉक्टर दंपती ने ब्रिटेन के स्वास्थ्य विभाग से जवाब मांगते हुए अप्रैल में ही कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी थी। (फाइल फोटो)

Resurgence of virus threatens South Korea's success story June 10, 2020 at 05:05PM

फ्लॉयड के छोटे भाई ने संसद में बात रखी, बोले- वह इस लायक नहीं था कि सिर्फ 20 डॉलर के लिए उसे मार दिया जाए June 10, 2020 at 11:23PM

अमेरिका में पुलिस हिरासत में मरने वाले अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड के छोटे भाई फिलोनिज फ्लॉयड ने बुधवार को संसद ( हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव) में अपनी बात रखी। उन्होंने संसद की ज्युडिशियरी कमेटी से कहा, ‘‘जॉर्ज उस दिन किसी को नुकसान नहीं पहुंचा रहा था। वो इस लायक नहीं था कि सिर्फ 20 डॉलर ( करीब 1500 रुपए) के लिए उसे मार दिया जाए। यह आप लोगों पर है कि सुनश्चित करें कि उसकी मौत बेकार न जाए।’’

फ्लॉयड को 25 मई को मिनेपोलिस पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में पकड़ा था। इस दौरान पुलिस अफसर डेरेक चॉविन ने उसकी गर्दन को घुटने से करीब 9 मिनट तक दबाए रखा था। बेहोशहोने पर उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया था। उस पर पुलिस के जुल्म का वीडियो सामने आने के बाद अमेरिका समेत दुनिया भर में अश्वेतों के साथ होने वाले भेदभाव के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं।

फ्लॉयड के भाई ने कहा- अश्वेत परिवारों की आवाज सुनें
फ्लॉयड की मौत के बाद पहली बार हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव ने नस्लीय भेदभाव और पुलिस की ओर से किए जाने वाले जुल्म पर सुनवाई की। फ्लॉयड के भाई ने कमेटी से कहा कि मैं यहां आपसे कहने आया हूं कि इन तकलीफों को खत्म करें। जॉर्ज ने मदद के लिए आवाज लगाई थी लेकिन उसे नजरअंदाज कर दिया गया। अब मैं आपसे कहरहा हूं, अश्वेत परिवारों से उठने वाली आवाजें सुनें।दुनिया भर में सड़कों पर उतरकर जो लोग आवाज उठा रहे हैं उनकी बातों को सुनें।

डेरेक ने निजी कारणों से जॉर्ज पर कार्रवाई की: फिलोनिज

फिलोनिज ने कहा कि उन लोगों ने मेरे भाई की लिंचिग कर दी। यह नए समय की लिंचिंग थी जिसे दिनदहाड़े अंजाम दिया गया। फिलोनिज ने आंसू पोंछते हुए कहा मेरे भाई की जिंदगी मायने रखती थी। अश्वेतों की, हम सभी की जिंदगी मायने रखती है। पुलिस अफसर डेरेक चॉविन ऑर जॉर्ज दोनों पहले एक ही जगह काम कर चुके हैं। मुझे यकीन है कि डेरेक चॉविन ने निजी कारणों से और जानबूझकर मेरे भाई के खिलाफ कार्रवाई की।



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जॉर्ज फ्लॉयड के भाई फिलोनिज फ्लॉयड बुधवार को अमेरिकी संसद में अपने भाई के बारे में बताते हुए रो पड़े। उन्होंने कहा- अश्वेतों समेत हम सभी की जिंदगी मायने रखती है।

Pandemic 'accelerating' in Africa, test kits needed: WHO June 10, 2020 at 11:24PM

The coronavirus pandemic is "accelerating" in Africa, spreading from capital cities where it arrived with travellers, but it does not appear that severe cases and deaths are being missed, the World Health Organization (WHO) said on Thursday.

पाकिस्तान में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं, हत्या और जबरन धर्मांतरण के मामले तेजी से बढ़ रहे June 10, 2020 at 09:49PM

अमेरिका की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं। यहां पर उनकी हत्या और जबरन धर्मांतरण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पाकिस्तान में हिंदू और ईसाई के अलावा शिया मुस्लिम भी खतरे में हैं। यहां हजारा और अहमदिया मुस्लिमों की भी हत्याएं बढ़ी हैं।अमेरिका की रिपोर्ट में चीन पर भी उइघर, ईसाई, मुस्लिम, तिब्बती बौद्धों पर अत्याचार करने के आरोप लगाए गए हैं।
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने इंटरनेशनल रिलीजियस रिपोर्ट-2019 जारी की है। इस रिपोर्ट में बताया गया कि पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून की आड़ी मेंकई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं से हिंसा हुई। अल्पसंख्यकों को इस्लाम धर्म अपनाने के लिए मजबूर करने की कोशिश की गई। हिंदू और ईसाई युवतियों का अपहरण कर जबरन मुस्लिमों से शादी कराने की घटनाएं भी बढ़ी हैं। हिंदू और ईसाई के साथ अहमदियाओं के पवित्र स्थानों, कब्रिस्तानों, श्मशानपर हमले की भी घटनाएं बढ़ी हैं।

अहमदी सिविल सोसाइटी ऑर्गनाइजेशन के अनुसार पाकिस्तान अहमदियों के खिलाफ हिंसा भड़काने वाले विज्ञापनों और भाषणों को रोकने में फेल रहा है। हालांकि, पाकिस्तान ने अपने नेशनल एक्शन प्लान में इसे रोकने का वादा किया था, लेकिन आज तक इस दिशा में कुछ नहीं किया।

ईशनिंदा के आरोप में 84 लोगों को जेल, 29 को मौत की सजा
सिविल सोसाइटी रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून के तहत अभी 84 लोग जेल में हैं, इसमें 29 लोगों को मौत की सजा भी सुनाई जा चुकी है। इससे पहले 2018 में 77 लोगों को इसी आरोप में जेल हुई थी और 28 लोगों को मौत की सजा सुनाई गई थी। रिपोर्ट में बताया कि सरकार इतनी उदासीन है कि इन मामलों में सही से कार्रवाई तक नहीं करती है। साथ ही वह कट्‌टरपंथियों की नाराजगी भी नहीं लेना चाहती है।

रोजगार और शिक्षा के क्षेत्र में भेदभाव होता है
रिपोर्ट में बताया गया कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के बच्चों को पढ़ने का अवसर बहुत मुश्किल से मिलता है। स्कूलों में उनके साथ भेदभाव किया जाता है। इसके चलके अल्पसंख्यक अच्छे पदों पर नौकरी नहीं पाते हैं और उनका सामाजिक स्तर नहीं उठ पाता।



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अमेरिका में वॉशिंगटन के स्टेट डिपार्टमेंट में इंटरनेशनल रिलीजियस रिपोर्ट-2019 जारी करने के दौरान विदेश मंत्री माइक पोम्पियो। इस रिपोर्ट में विभिन्न देशों में अल्पसंख्यकों की स्थित बताई जाती है।

द.कोरिया मामले पर बोलने पर उ. कोरिया ने कहा- कायदे से चुनाव कराना चाहते हैं तो अपना मुंह बंद रखें June 10, 2020 at 09:46PM

उत्तर कोरिया ने गुरुवार को अमेरिका को कोरियाई देशों के मामलों से दूर रहने के लिए कहा। साथ ही चेतावनी दी कि अगर नवंबर में होने वाला चुनाव कायदे से कराना चाहते हैं, तो अपना मुंह बंद रखें।उ.कोरिया ने मंगलवार को द.कोरिया की सीमा परकिम जोंग उन की सत्ता के खिलाफ पर्चा बांटे जाने को लेकर संबंध तोड़ने की धमकी दी थी। कहा था कि वह द.कोरिया से जुड़ी हॉटलाइन समेत सभी कम्युनिकेशन लाइनें बंद कर रहा है। इसके बाद अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने इसकी आलोचना की थी।

उ.कोरिया की न्यूज एजेंसी केसीएनए के मुताबिक, उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय में अमेरिकी मामलों के महानिदेशक ओन जोंग गन ने कहा कि अमेरिका को अपने आंतरिक मामले पर ध्यान देना चाहिए। वह दूसरे के मामलों में टांग अड़ाता रहता है। इस मामले में उनका रवैया दोहरापन वाला है।

उन्होंने कहा कि अमेरिका को अपने जीभ पर लगाम लगाना चाहिए और अपने घरेलू मामलों पर ध्यान देना चाहिए। यह न केवल अमेरिका के लिए बल्कि वहां होने वाले चुनाव के लिए भी अच्छा होगा। वहीं, सियोल में असान इंस्टीट्यूट फॉर पॉल्सी स्टडिज के रिसर्च फेलो जेम्स किम ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि अमेरिकी चुनाव में उ.कोरिया कैसे बाधा डालेगा।

परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर ट्रम्प-किम की 3 बार मुलाकात हुई
कोरियाई प्रायद्वीप में परमाणु निरस्त्रीकरण करने को लेकर ट्रम्प और किम के बीच पिछले साल जून में सिंगापुर में पहली बैठक हुई थी। इसके बाद इस साल फरवरी में वियतनाम की राजधानी हनोई में दोनों नेताओं के बीच दूसरी बैठक हुई थी जो विफल रही थी। दोनों नेताओं के बीच एक साल के भीतर यह दूसरी शिखर बैठक थी। जी-20 समिट से लौटते वक्त ट्रम्प ने कोरियाई सीमा के असैन्य क्षेत्र में किम से मीटिंग की थी।

द.कोरिया को अब दुश्मन देश

उत्तर कोरिया ने मंगलवार को कहा था कि हम द.कोरिया को अब दुश्मन देश ही मानेंगे, उसी हिसाब से बर्ताव किया जाएगा। प्योंगयांग की न्यूज एजेंसी ने कहा- दक्षिण कोरिया के अफसरों का रवैया गैरजिम्मेदाराना है। उनकी मिलीभगत का फायदा उठाकर हमारे विरोधी सक्रिय हैं। इन्होंने हमारी टॉप लीडरशिप का अपमान किया। इन्हें माफ नहीं किया जा सकता। इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी। अब दक्षिण कोरिया से कोई बातचीत नहीं की जाएगी।

किम जोंग और उनकी बहन की मौजूदगी में फैसला लिया गया
रिपोर्ट के मुताबिक, कम्युनिकेश लाइन खत्म करने का फैसला नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन और उनकी बहन किम यो-जोंग की मौजूदगी में लिया गया। रिपोर्ट में कहा गया- यह कदम दक्षिण कोरिया के साथ सभी रिश्ते पूरी तरह से खत्म करने की दिशा में पहला कदम है।

2018 में बनाई गई थी कम्युनिकेशन लाइन
उत्तर और दक्षिण कोरिया ने दो साल पहले कम्युनिकेशन लाइन बनाईं थीं। तब दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन और किम जोंग-उन के बीच तीन मीटिंग हुईं थीं। इसी दौरान उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया को दुश्मन से दोस्त देश का दर्जा दिया था। पिछले साल फरवरी तक दोनों देशों के संबंध ठीक रहे। अमेरिका और नॉर्थ कोरिया की बातचीत विफल हुई तो दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया के रिश्ते भी खराब हो गए।



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उत्तर कोरिया ने कहा- द.कोरिया के मुद्दे पर अमेरिका का रवैया दोहरापन वाला है। (फाइल फोटो)